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Massage Girl in Karnal: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Karnal who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Karnal that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Karnal massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Karnal who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Karnal massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Karnal massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Karnal who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Karnal employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Karnal helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Karnal

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Karnal at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

हाय दोस्तों Antarvasna

मेरा नाम रमेश है। वैसे तो मैं उत्तर Antarvasna प्रदेश का रहने वाला हूँ पर जॉब कोइम्बटोर में करता हूँ। मेरा जॉब मार्केटिंग का है जिसमें घूमना ज्यादा होता है। अब मैं आपको असली बात बताता हूँ।

एक बार मैं काम के सिलसिले में कोइम्बटोर से चेन्नई जा रहा था। मैने एसी स्लीपर बस में टिकट बुक कराई थी। मुझे बस में डबल वाली सीट मिली थी। मैंने सोचा पता नहीं कौन आयेगा मेरे साथ ! मगर जब बस चलने लगी तो एक औरत जो कि कोई ३०-३५ साल की होगी, वो मेरे साथ सीट पर आ गई और पूछा दस नम्बर की बर्थ यही है क्या?

मैंने कहा- हाँ!

वो मेरे साथ बैठ गई और इधर-उधर की बात करने लगी। वैसे वो देखने में सुंदर और गोरी चिट्टी थी। थोड़ी देर के बाद मुझे नींद आने लगी और मैं बोला- मुझे सोना है !

और मैं अपना कम्बल ले कर सो गया। वो भी मेरे साथ लेट गई।

मैं सोच रहा था कि इतना अच्छा मौका हैं, एक तो एसी बस और एक सुंदर औरत जो मेरे साथ ही लेटी हुई है !

मैं बस अपने लण्ड को पकड़ के लेटा था, कुछ कर नहीं पा रहा था, क्योंकि मुझे डर था कि यह कुछ कह न दे ! और मैं ऐसे ही सोया रहा।

मगर कोई एक घंटे के बाद मुझे लगा कि मेरी गांड पर कुछ लग रहा है। मैंने ध्यान किया तो उसका घुटना मेरी गांड से लग रहा था और बस के झटकों की वजह से मेरी गांड में लग रहा था। मैं तो एकदम से पागल हो गया और सोचने लगा कि शायद यह जानबूझ कर कर रही है।

तो मैंने यह जानने के लिए उसकी तरफ मुँह कर लिया और अब उसका पैर मेरे लंड पर लगने लगा जो कि एकदम खड़ा हुआ था। मुझे मजा आने लगा। पर धीरे-धीरे मुझे लगा कि कुछ और भी मेरे लण्ड पर लग रहा है। मैंने हाथ लगाकर देखा तो उस औरत का हाथ था जो मेरा लण्ड सहला रही थी। जैसे ही मैंने उसका हाथ पकड़ा तो उसने मेरा लंड जोर से पकड़ लिया और दबाने लगी। मैं भी अब कुछ नहीं कह रहा था और अपना हाथ हटा लिया और उसकी साड़ी पर हाथ लगाने लगा और धीरे धीरे उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा, उसकी चूत पर ऊपर से ही हाथ फिराने लगा।

फिर वो मेरे और पास सरक आई और मुझे चूमने लगी। मैं तो पहली बार किसी को चूम रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था। हम लोगों कोई २० मिनट किस करने के बाद बस के परदे इस ढंग से लगा दिए ताकि कोई देखे नहीं ! वैसे तो वोल्वो में सुविधा अच्छी होती है पर हम बेफिक्र होना चाहते थे। किस करने के बाद वो मेरा लंड पैन्ट में से निकाल कर चूसने लगी और उसने अपनी साड़ी और पेटीकोट भी उतार दी। अब वो सिर्फ चड़डी और ब्रा में थी। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अब मैं सिर्फ चड्डी में था। उसने एकदम से मेरी चड्डी उतार दी और मेरा लंड चूसने लगी।

फिर मुझे बोली- तुम भी मेरी चूत चाटो !

मैं भी बेताब था चूत चाटने के लिए और फिर मैंने उसकी ब्रा और चड्डी भी उतार दी। वो एक दम नंगी हो गई थी। मैंने तो पहली बार किसी को नंगा देखा था। मैं तो बस पागल हो रहा था और उसको चूमने लगा। फिर हम दोनों ६९ की पोसिशन में आ गये। कोई १५ -२० मिनट तक चाटने के बाद वो बोली- अब मुझे शांत कर दो !

मैंने पूछा- कैसे?

तो बोली- अपना लंड मेरी चूत में डाल दो !

मुझे अपने ऊपर लिटा लिया और मैं अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा तो लंड ढग से नहीं जा पा रहा था। उसने हाथ से लण्ड को पकड़ा और अपनी चूत पर रखकर बोली- अब करो !

मैंने जैसे ही झटका मारा तो थोड़ा सा ही लंड अंदर गया क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट थी। फिर मैं धीरे धीरे डालने लगा और जब लंड पूरा घुस गया तो मैं झटके मारने लगा। मेरे झटके और बस के झटकों से हम दोनों को अलग ही मजा आ रहा था। ४०-४५ झटकों के बाद वो झड़ने लगी तो उसने मुझे बहुत जोर से पकड़ लिया और अपने अंदर समेटने की कोशिश करने लगी।

पर मेरा अभी झड़ा नहीं था तो मैंने उसकी चूत से लंड नही निकाला और तेज-तेज करने लगा। फिर १०-१२ झटकों के बाद मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसको चूमता रहा।

इस तरह हमने पूरी रात ४ बार चुदाई की।

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी?

कृपया मुझे मेल करे !

मेरा आईडी है Antarvasna

Antarvasna

सभी अन्तर्वासना के Antarvasna पाठकों को मेरी तरफ से यानि कि मोनू की तरफ से प्रणाम ! मैं अन्तर्वासना का एक सच्चा पाठक हूँ जो इसकी एक एक कहानी का तुत्फ़ उठाता हूँ।

मैं कई बार अपनी एक मस्त चुदाई सबके सामने लाना चाहता था जोकि मैं लेकर आप सब के सामने आया और गुरू जी ने मेरी मस्त चुदाई की दास्तान सबके सामने रखी जिसके लिए मैं उनका अति धन्यवादी हूँ और आप सब पाठकों ने मेरी कहानी को जो प्यार दिया उसके लिए भी हर एक बन्दे का शुक्रिया !

दोस्तो, पिछली बार जैसे मैंने बताया था कि नेट के गाण्ड मारने वाले पुरुष ने मुझे यह मशवरा दिया था कि रात को कार लेकर निकलूंगा तो कोई ना कोई तो मिलेगा ही !
उसकी बात सच हुई और मुझे एक मस्त मोटा लम्बा चौड़ी छाती पर घने बालों वाला हट्टा-कट्टा मर्द भी मिल ही गया जिसने पूरी रात मेरी गांड का बैंड बजाया।

उसके बाद जैसे मैंने कहा था कि अगली रात भी मैं अकेला ही था लेकिन मेरे नेट वाले दोस्त ने मुझे एक सलाह दी थी कि एक मर्द को जो मजदूर टाइप का हो, उसको दुबारा नहीं बुलाना, और दिन में तो बिल्कुल ही नहीं !

उसकी इसी नसीहत पर मैं कायम रहा और अगली रात फिर कार से निकला और एक मस्त लंड की तलाश में था। आज मैं उस इलाके में नहीं गया हालांकि उसने मुझे आज मिलने के लिए पक्का किया था लेकिन मैंने आज अपने नेट फ्रेंड की बात मानी आज मैं रेलवे स्टेशन गया, वहां एक पेड-पार्किंग में मैंने कार पार्क की और सड़क पर पहुँच गया।

कई रिकशा वाले जाने के लिए बोले लेकिन काफी देर खड़े होने के बाद मुझे मुझे एक साफ़ सा मूंछों वाला हट्टा-कट्टा रिक्शा वाला दिखा।
उसने मुझे बड़े गौर से घूरा और मेरे पास आया। उसने मुझे भांप लिया था क्यूंकि वो दूर खड़ा देखता रहा था कि मैंने इतने रिक्शा वालों को मना क्यूँ किया था।

बोला- साहिब, इतनी महंगी कार पार्किंग में लगा कर इतनी रात को कहाँ जाने के लिए रिक्शा देख रहे हो ?

मेरी नज़र घूम फिर कर उसके पजामे पर अटक जाती कि शायद वहां कोई हरक़त दिखे।

तुम्हें कैसे पता कि मैंने कार पार्क की है? कह मेरी नज़र फिर वहीं चली गई तो आखिर उसने अपना लंड खुजलाया।

तब मैंने अपना चेहरा दूसरी तरफ किया।

अरे ओ चिकने साहिब, अब देख भी लो ! कब से कुछ देखने की कोशिश में थे !

वो मेरी तरफ बढ़ा, आसपास कोई ना था, मैं भी थोड़ा आगे बढ़ा और अपने हाथ से उसके लंड को पकड़ते हुए मसल दिया- इसके लिए खड़ा हूँ इतनी देर से !

हाँ ! मुझे मालूम था साहिब ! रोज़ रात को रिक्शा चलता हूँ, आप जैसे अमीर घर के लोग, चाहे लड़कियाँ, औरतें हां बुड्ढे तक ऐसी गलियों में रात को निकलते हैं अपनी वासना मिटाने या फिर मिटवाने के लिए !

बोला- अब कहाँ चलना है?

मैंने कहा- मेरे घर !

बोला- ज़रा रुकना, मैं स्टैंड पर रिक्शा ज़मा करवा के यहाँ आता हूँ, आप अपनी कार ले आयें।

फिर उसको बिठा मैंने तेजी से कार उल्टे सीधे रास्तों से इतने चक्कर काट कर घर ले गया। पूरे रास्ते मेरा एक हाथ उसके लंड पर था।

बत्ती बन्द कर पहले की तरह उसको अन्दर ले गया। रात के ग्यारह बजे थे। अपने लिए बियर और उसको मोटा पैग विस्की का दिया, उसका पजामा उतार दिया।

जब कच्छा उतारा तो भयंकर सा लंड फनफ़नाता हुआ बाहर निकला। रास्ते में उसका लंड पूरा खड़ा नहीं हुआ था। पूरी तरह से आज़ाद हो शराब के नशे से उसका लण्ड पूरा जोश में आ चुका था। उसने अपना एक पैग और लिया।

मैं उसको अपने बिस्तर में ले गया और खुद को नंगा कर दिया। मेरा जिस्म देख उसकी आंखें फटी रह गईं। इतने गोल-मोल मम्मे, गुलाबी चुचूक, गोरी चिकनी गांड, पूरे बदन पे एक बाल नहीं था। उल्टा उसके बाल ही बाल थे।

बहनचोद, साले, तू तो मस्त माल है रे ! हाय, मुझे गरीब को तो कभी ऐसी लड़की तक नसीब नहीं हुई !

कहते ही वो मुझ पर टूट पड़ा।

हाँ ! ऐसे ही रौंदो मुझे !

मैं ऐसा ही साथी चाहता था। मसल रहा था वो मेरे जिस्म को ! पागल हो चूका था वो ! दारु सर चढ़ कर बोलने लगी थी उसके ! मैं बता नहीं सकता कि कितना आनंद आ रहा था मुझे ! उसने मेरी छातियों को मसल कर लाल कर दिया था, दांत के निशाँ डाल दिए थे, चुचूक चूस कर सुर्ख कर दिए।

बोला- एक और पैग दे !

मैंने उसके लिए एक मोटा पैग डाला और अब उसकी छाती पर बैठ गया। उसकी तरफ कमर कर 69 का आसन सेट किया और उसके मोटे लंड को मुँह में ले लिया। वो मेरी गांड पर बियर डाल-डाल चाट रहा था।

इतनी गोरी गांड है तेरी साले ! मेरी तो आज चांदी हो गई ! मुफ्त की शराब और तेरे जैसा शबाब !
उसने बियर की बोतल खोलकर पास रखी हुई थी, गांड पे डालता और चाटता।

मैंने भी एक बियर का टिन पास रखा हुआ था, उसके लंड पर डालकर चूसता जा रहा था। अब मुँह में लेना मुश्किल सा होने लगा था क्योंकि बहुत बड़ा हो गया था। उसने अपनी जुबान गांड के छेद में डाल घुमा दी। आज तक किसी ने मेरी गांड नहीं चाटी थी, वो भी इस तरह !

मेरे मुँह से अब सिसकारियाँ निकलने लगीं। जब वो जुबान घुमाता मेरी आंखें बन्द होने लगतीं !

मैं उठा और वहां से अपने कंप्यूटर-टेबल के दराज़ से कंडोम निकाला और प्यार से उसके लंड पर डाल दिया। उसने मुझे अपने नीचे लेते हुए दोनों टांगें चौड़ी करवा लंड को छेद पर टिकाया। उसको पूरा नशा था, उसने झटका मारा तो लंड फिसल गया।

मैंने अपने हाथ से पकड़ छेद पर रख दोनों टांगों को उसकी कमर से लिपटा लिया जिससे दबाव बढ़ा तो लंड खुद ही ठिकाना ढूंढने लगा। मेरी आँखों का इशारा पाते ही उसने झटका दिया और उसका आधा लंड मेरी गाण्ड में घुस गया। थोड़ी तकलीफ हुई।

इस आसन में मुझे हमेशा शुरु में दर्द सहन करना पड़ता है। लेकिन उसके बाद जब उसका पूरा घुस गया और वो झटके पर झटका मारने लगा। मुझे बहुत मजा आने लगा।

अब उसकी कमर को मैंने और ताक़त से लपेट लिया ताकि लण्ड बाहर न आये और मुझे मजे मिलते रहें। अहऽऽ उहऽ रजा और झटको लंड को ! हाय साले फाड़ मेरी गाण्ड !

अभी बहन के लौड़े, गांडू ! बस देखता जा ! आज रात तुझे कितना मजा दूंगा !

हाय साले, तेरी रांड तेरे नीचे लेटी है, इसके अंग अंग को चाट लो ! मेरा दूध पी लो रजा ! हा कमीनी तू है ही लड़की जैसा रे !

उसने बाहर निकाल लिया और मुझे कुतिया की तरह झुका लिया और बजाने लगा मेरी गोरी गांड को ! साथ साथ थप्पड़ मारता रहा !

फाड़ मेरी ! और तेज़ !

उसकी रफ़्तार बढ़ती गई !

हाय हाय ! और, और, और ! और हाँ हाँ डालता जा !

उसने एक दम से कंडोम उतार दिया और सारा पानी गोरी गांड पर उगल दिया और रगड़ रगड़ के लाल किये हुए छेद पर महरम की तरह लगाने लगा। बाकी का माल उसने मेरे मुंह में डाल दिया। मैंने उसके लंड को साफ़ कर दिया।

फिर हम नहाने लगे। बाथरूम के टब में एक दूसरे से चिपके हुए थे- मेरा हाथ में उसका मूसल लंड था जिसे मैं बहुत प्यार से सहला रहा था और वो खड़ा होता जा रहा था। उसने पास में विस्की की बोतल रखी हुई थी। उसने दो तीन मोटे पैग वहीं ठोक लिए। मैंने भी बियर का काफी नशा कर लिया था।

उसने मुझे टब से निकाल चमचमाते फर्श पर लिटा लिया। ऊपर से शावर का पानी बरसने लगा। उसका लंड छत की तरफ तना जोश में हिल रहा था। मैं उसकी मर्जी समझ चुका था। थोड़ी देर मुँह में लेकर उसको मजा दिया फिर उसके लंड पर बैठ गया। उसकी जांघों में इतना दम था कि वो मुझे टेनिस की बाल जैसे उछाल उछाल के चोद रहा था।

जब मैं वापस लंड पर गिरता तो उसका लंड मेरी गुठली से रगड़ खाता तो में आंखें बंद कर लेता।

पूरी रात न जाने कितनी बार उसने मुझे चोदा। सुबह साढ़े पांच बजे मैंने उसको कार में बिठाया। उसने मुझे अपना नंबर दिया, बोला- यह घर के पास पी.सी.ओ का है, उन्हें कहना कि राम लुभाया को बुलवा दो !
ठीक है !

वैसे ही उल्टे-सीधे रास्ते मैंने उसको वहीं उतार दिया। उतरने से पहले उसने मुझे कहा- साइड पर लगा ले, थोड़ा सा मजा और मिल जायेगा।

वहीं उसका थोड़ा चूसा और पजामा नीचे करके सीट पर ही उसके लंड पर बैठ गया और धीरे धीरे झटके लगाता। कुछ देर वो चोदता रहा और फिर निकाल के मुँह में डाल मुठ मारने लगा। मैंने उसके हाथ से लंड लिया खुद उसकी मुठ मार उसका माल निकलवा दिया, उसने सारा मेरे जुबान से साफ़ करवाया और उतर गया।

इस बन्दे ने मुझे आज वो चुदाई का मजा दिया था जो किसी से नहीं मिला था। उसके बाद घर आया और सो गया। दोपहर तीन बजे आंख खुली जब पापा का फ़ोन आया कि वो एक-दो दिन और रुकने वाले हैं। तू अपना ख़याल रखना, खाना ठीक से बनवा के खाना !

अगली रात का सरताज कौन बना- अगली बार ही लिखूंगा।
अलविदा न कहना ! Antarvasna

(Padosan Ladki Ki Chut Chudai) Antarvasna stories

मेरा नाम करण है। Antarvasna और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। मेरी उमर १९ साल है। मैं पढ़ता हूं और मुझे लड़कियों को पटाने में बहुत मजा आता है। मैने लड़कियों को पटाना 18 साल की उमर से शुरु किया था और मुझे लड़कियों के साथ सेक्स करने में बहुत मजा आता है। ये मेरी पहली कहानी है।

जब मैं 12वीं में था तो हमारे क्लास में एक लड़की पढ़ती थी उसका नाम कणिका था हाल फ़िलहाल वो कनाडा में है लेकिन जब वो यहां पर थी तब मैं और मेरे क्लास मेट सब उस पर लाइन मारते थे लेकिन वो किसी को भाव नहीं देती थी लेकिन हम फिर भी उसको कन्विंस करने की कोशिश करते थे। लेकिन मुझे एक फायदा था कि वो मेरी पड़ोसी थी जिससे मैं उसके घर जा कर कभी-कभी उससे बात करने की कोशिश करता था किसी ना किसी बहाने से

एक दिन वो कंप्यूटर पर गेम खेल रही थी शायद पूल गेम खेल रही थी अचानक मैं उसके रूम में पहुंचा था और उसे पीछे से डरा दिया। वो घबरा गई और चीख पड़ी उसके बाद उसने मुझे बेड पर धक्का दिया और मैं बेड पर गिर गया अब उसने पूछा कि क्यों डराया मुझे, मैं हंसने लगा उसके बाद उसने पूछा क्या हुआ मैने जवाब नहीं दिया।

अगले दिन मैने उसे हिम्मत करके फोन किया आज मैने मन बना लिया था कि आज उसे परपोज करना है फिर मैने उसे फोन किया २-३ बार फोन करने के बाद में उसे कह नहीं पाया। फिर मैने पूरा दम लगाकर उसे फोन किया और उसे मैने बोल दिया कणिका आई लाइक यु फिर उसके बाद उसने कुछ जवाब नहीं दिया उसके बाद वो मैने उससे पूछा क्या हुआ उसने जवाब नहीं दिया फोन रख दिया.

उसके बाद अगले दिन स्कूल में आई मैं उसके सामने नहीं जा पाया उसके बाद फ्री पीरियड में सब बाहर चले गये थे फिर वो क्लास रूम में आई और उसने अपनी एक दोस्त जिसका नाम सोनल है उसने उससे बोला उसे क्लास रूम में बुलाओ तब मुझे डर लग रहा था फिर भी में गया फिर उसने पूछा क्या हुआ कल शाम को मुझे परपोज किया था तुमने।

मैने कहा किया तो था लेकिन लगता है तुम्हे अच्छा नहीं लगा इसलिये मैने तुमसे पूछा नहीं दुबारा फिर उसने बोला ओके मैं तुम्हारे परपोज को स्वीकार करती हूं

फिर तो मैं खुश हो गया उसके बाद उस शाम को उसके घर पर गया और उसके रूम में गया और उससे पूछा में आई किस यु? उसने कहा नो ! लेकिन उसके बातों से लग रहा था वो यस बोल रही है।

उसके बाद मैने उससे बोला -आई वांट अ किस नाउ उसने कहा ओके तब मैं उसे किस किया और उसके बूब्स प्रेस करने लगा वो बोली अभी नहीं मैं बोला बस एक बार तो वो बोली बस एक बार. तब मैने उसके बूब्स को ज़ोर से दबाया मुझे उसके निप्पल फ़ील हो रहे थे उसके बूब्स प्रेस करने में मुझे मजा आ रहा था उसके बाद उसे बेड पर बैठा दिया लेकिन उसके परेंट्स घर पर थे सो मैने कुछ किया नहीं

उसके बाद अगले दिन संडे था हमने मूवी देखने का प्लान बनाया फिर मूवी देखने हम गये वहां पर मैं उसके बूब्स को छू रहा था।फिर शाम को गार्डन गये रात होने लगी थी गार्डन में बहुत से जोड़े थे हम भी एक जगह पर बैठ गये और उसे किस किया फिर अंधेरा होने के कारण कोई देख नहीं रहा था.

मैने उसका टोप खोल दिया और किस किया और जीन्स का ज़िप खोल कर अंदर उंगली कर रहा था फिर वो सिसकी ले रही थी मैने जींस खोला और उसकी पैंटी को उतार दिया उसके बाद मैने अपना जींस खोला मैने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया शायद उसे दर्द होने लगा था इसलिये बोलने लगी अभी नहीं लेकिन मैं नहीं माना और उसके चूत में उंगली डाली और किस कर रहा था और फिर उसकी चूत में मैने अपना लंड डाल दिया उसके आंसू आ गये।

फिर क्या था बस मैने उसे उसके घर तक छोड़ दिया और मैं अपने घर पर चला गया और नहा धो कर बस मैं उसके सपने देखने लगा और मैने उसे फिर फोन में बात करके उसे फिर से बुलाया इस बार और कहीं नहीं मेरे घर में मैने बुलाया था क्योंकि मेरे घर में कोई भी नहीं था सब लोग बाहर घूमने जाने वाले थे। अब दोस्तो मुझे दीजिये इजाजत। मैं ये कणिका की अधूरी कहानी आप को अगले भाग में सुनाउंगा। ANtarvasna

Hindi Sex Stories

मैं बहुत दिनों से अन्तर्वासना Hindi Sex Stories की कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। इसमें लोग कुछ तो काल्पनिक कहानी लिखते हैं और कुछ कुछ ही सच्ची होती हैं। किसी का आज तक तीन इंच चौड़ा लंड देखा है? गधे का भी दो इंच चौड़ा होता है। वो फिर क्या गधे का बाप है। कोई बात नहीं मैं अपनी कहानी पर आता हूँ। यह सच्ची है, आप लोग इसे सच माने या झूठ !

मैं राजवीर बीस साल का हूँ। मैं यहाँ फरीदाबाद में रहता हूँ। यहाँ हमारा पूरा परिवार है। हमारा घर में दो कमरे खाली रहते थे। हमने वो किराये पर देने का सोच लिया था। बात तीन साल पहले की ही है। हमारे घर एक परिवार आया उस परिवार में एक बुड्ढा आदमी था और उसकी एक 19-20 साल की एक बेटी होगी। उसका बाप दो हफ्ते भर रहा और फिर गाँव चला गया। उसकी बेटी अकेली ही रहती थी। उसकी पढ़ाई पूरी हो गई थी और नौकरी भी नहीं करती थी। सारा दिन घर पर ही रहती थी। उन दिनों मेरी डांस की प्रैक्टिस चल रही थी।

एक दिन उसने कहा- मुझ को भी डांस सिखा दो।

मैंने उससे कहा- अभी नहीं, बाद में !

वो मान गई।

शाम को घर में कोई नहीं था। सिर्फ वो और मैं। मैं टीवी देख रहा था। वो आई और कहने लगी- अब डांस सिखा दो !

तो मैंने पूछा- तुम डांस सीख कर क्या करोगी?

वो कहने लगी- कुछ नहीं ! बस ऐसे ही।

मैंने मना कर दिया तो वो मेरी मिन्नत करने लगी। सो मैं भी मान गया।

मैंने गाना लगा दिया और उसे डांस का एक स्टेप कर के दिखाया। वो मेरे स्टेप्स की कॉपी करने लगी। उसने सूट पहन रखा था तो उसको नाचने में दिक्कत हो रही थी पर उसकी चूची को देख कर, जो हिल रही थी, मेरा लंड भी हिल रहा था। वो डांस करते करते रुक गई।

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?

उसने कहा- परेशानी हो रही है इन कपड़ों में !

मैंने मजाक में कह दिया- कपड़े उतार कर डांस कर लो।

वो शरमा गई और चली गई।

मैं भी उसके पीछे गया। वो मुँह छुपा कर लेट गई।

मैंने कहा- मैं तो मजाक कर रहा था ! तुम बुरा तो नहीं मानी।

उसने कहा- इसमें बुरा मानने वाली कौन सी बात है? मजाक ही तो किया था।

हम वहीं बैठ कर बातें करने लगे।

उसने मुझसे अचानक पूछ लिया- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?

मैंने कहा- हाँ ! हैं तो कई ! पर क्यों।

उसने कहा- किसी के साथ सेक्स सम्बन्ध बनाये हैं या नहीं?

मैंने कहा- तुम्हें क्यों बताऊँ।

उसने कहा- मैं तुम्हारी दोस्त नहीं हूँ क्या? मुझे बता नहीं सकते?

मैंने उससे कहा- हमने दोस्ती कब की?

उसने कहा- अब कर लो।

मैंने कहा- तुम बड़ी वो हो।

उसने कहा- वो मतलब क्या?

मैंने कहा- वो मतलब सेक्सी !

उसने अपना हाथ मुँह पर रख लिया। मैंने उसका चुम्बन ले लिया।

वो गुस्सा हो गई और कहने लगी- अभी तुम्हारी मम्मी को बताउँगी।

मैं डर गया और वहाँ से चला आया।

रात को मैं छत पर ही सोता हूँ। मैं छत पर सोया था, मेरे सामने रीमा की चूची थी। मैं उसके बारे में सोच कर मुठ मार रहा था। तभी वहाँ रीमा आ गई। उस समय रात के बारह बजे थे। मैं उसे देख कर घबरा गया। वो मुझे घूर कर देखने लगी। मैं घबराया हुआ था।

उसने कहा- तुम मेरे बारे में सोच कर ही मुठ मार रहे हो न?

मैंने कहा- नहीं !

तो उसने कहा- सच बताओ, नहीं तो आंटी को बता दूंगी। मैंने हाँ कह दिया।

उसने पूछा- क्या सोच रहे थे?

मैंने कहा- तुम्हारी चूची के बारे में।

मेरा लंड सिकुड़ गया था। उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और हिलाने लगी। मेरा लंड फिर खडा हो गया। उसने मेरी निक्कर उतार दी और जोर जोर से लंड हिलाने लगी। थोड़ी देर बाद उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। थोड़ी देर बाद उसने अपनी सलवार और कुर्ती उतार दी और कहने लगी- अब ठीक है ! अब डांस सिखा दो !

मैंने उससे कहा- सिखा तो दूँ … पर . . . . . . . ?

पर पर क्या ? उसने कहा- अगर कोई परेशानी है तो बाकी भी उतार देती हूँ।

यह बोलते ही उसने अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी। क्या चूची थी उसकी . . . . . . चूत अभी कुंवारी लग रही थी . . . . . . । चूत की खुशबू तो अलग ही आ रही थी। मेरा लंड वो देख कर और भी मोटा हो गया।

मैंने कहा- डांस तो सिखा दूँगा पर क्या तुम फीस दे दोगी।

उसने कहा- फीस अभी ले लो।

उसने मेरा मुँह अपनी चूची पर लगा दिया। मैंने भी अपना काम शुरु किया और उसकी चूची चूसने लगा। पाँच मिनट उसकी चूची चूसने के बाद मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा और रगड़ने लगा। वो मेरा लंड मुँह में लेकर रगड़ने लगी और मुठ मारने लगी। मैंने उसकी चूत में उंगली दे दी। वो चिंहुक उठी। मैंने उसकी चूत चूसनी चालू की और साथ-साथ उंगली भी दे रहा था।

मैंने उससे कहा- यहाँ हमें कोई देख लेगा ! हम नीचे चलते हैं तुम्हारे कमरे में !

वो मान गई। मैंने जाते ही अपना मोबाइल ऑन किया और वीडियो रिकॉर्डर चालू कर दिया और 69 की अवस्था में आ गए। उसको मालूम नहीं था कि मैं उसकी और अपनी वीडियो बना रहा हूँ।

15 मिनट बाद मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और धक्का दिया। मेरा आधा लंड अंदर चला गया। बिना रुके हुए दूसरा धक्का दिया और मेरा पूरा लंड अंदर चला गया। दस मिनट चोदने के बाद उसके चूत में ही झड़ गया और थोड़ी देर बाद वो भी झड़ गई।

हम लेट गए। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया।

इस बार मैंने उसको घोड़ी बना कर चोदना शुरु किया। चोदते-चोदते मैंने अपना लंड निकाला और उसकी गांड में दे दिया। आधा लंड उसकी गांड में चला गया।

वो रोने लगी और कहने लगी- छोड़ दो ! निकाल दो बाहर ! दर्द हो रहा है !

मैंने कहा- बस थोड़ी देर दर्द होगा फिर मजा आएगा।

मैं रुक गया और उसकी चूची दबाने लगा। उसको थोड़ा आराम मिला तो मैंने फिर धक्का दिया और उसकी गांड में अपना पूरा लंड डाल दिया। वो छटपटा रही थी। पर लण्ड निकालने में नाकामयाब रही।

मैंने धक्के लगाने शुरु किये। वो आ आ ई ई की आवाजें निकाल रही थी। मैंने उसे 15 मिनट तक चोदा।

फिर मैंने अपना लंड निकाला तो उसने कहा- निकाल क्यों किया।

तो मैंने कहा- मेरा झरने वाला है !

तो उसने कहा- गांड में ही झार दो।

मैं अभी डालने ही वाला था, तब तक मेरा पानी निकल गया और उसके गांड के ऊपर ही गिर गया। वो जल्दी से पलटी और बाकी का सारा पानी अपने मुँह में ले लिया और मेरा लंड साफ़ कर दिया। हम थोड़ी देर लेटे रहे और फिर उठ कर कपड़े पहनने लगे। बिस्तर पर थोड़ा सा खून गिरा हुआ था।

तभी मुझे ध्यान आया कि मेरा वीडियो रिकॉर्डर चालू था। मैंने रीमा के नजरों से बचा कर अपना मोबाइल उठाया और वीडियो सेव करके मोबाइल ऑफ कर दिया। हम ऊपर ही जाकर सो गए। सुबह नींद खुली तो रीमा मेरे बगल में सो रही थी।

मेरा लंड बाहर था और उसकी चूची बाहर थी। शायद मेरे सोने के बाद उसने मेरा लंड चूसा था। मैंने भी उसकी चूची दबाई और चूसने लगा और सुबह मैंने उसे फिर दुबारा चोदा, सिर्फ उसकी गांड मारी।

तो दोस्तो, बताओ आपको मेरी कहानी कैसी लगी।

एक और कहानी है आपके किये मेरे पास पर पहले इस पर अपने विचार जरूर लिखना कि मैंने रीमा को चोदने में कहाँ कसर छोड़ दी, यह बताना। Hindi Sex Stories

कहानी का पिछला भाग: समधन की गांड मारी-1 Sex Stories

रामजीलाल को गिड़गिड़ाता हुआ देखकर अनुपमा Sex Stories बोली- आपका काम माफ़ करने के लायक नहीं है। ज़रा मैं भी तो देखूँ कि तुम्हारे लंड में कितना दम है।

रामजीलाल यह सुनकर बुरी तरह चौंककर बोले- आप यह क्या कह रही हैं?

अनुपमा- जो सुन रहे हो, वही कह रही हूँ। ज़ल्दी से अपनी अण्डरवियार खोलो और अपना लंड दिखाओ मुझे। मैं भी तो देखूँ कि इतना कितना लम्बा लंड है तुम्हारा कि अमर उसे देखकर डर गया।

रामजीलाल किसी तरह सँभले, पर वह यह समझ गए कि अनुपमा की चूत में खुज़ली मच गई है वरना वह ऐसा नहीं कहती। अच्छा मौक़ा है इसे चोदने का वर्ना आज नहीं तो फिर कभी यह मेरे हाथ नहीं आएगी।

रामजीलाल का लंड अनुपमा को चोदने के ख्याल से ही फिर खड़ा हो गया। अपनी अण्डरवियार खोली तो लंड फिर से उफान पर था। अनुपमा लंबे और मोटे लंड को देखकर खुश हो गई। उसे हाथों में लेकर बोली- वाह समधी जी। आपका लंड तो अच्छा-ख़ासा लम्बा और मोटा है। अब आपकी असली मेज़बानी का समय है।

रामजीलाल फिर से रंग में आ गए और बोले- कसर तो मैं भी कुछ नहीं रखूँगा। आपको वह मज़ा दूँगा कि आप अपने पति को भूल जाएँगीं।

रामजीलाल ने अनुपमा को अपनी बाँहों में भींच लिया। अनुपमा भी रामजीलाल से इस तरह चिपकी जैसे बरसों से उनके चिपकने का इन्तज़ार था। रामजीलाल ने अनुपमा के होंठों को अपने होंठों से लगा लिया और उस लॉलीपॉप की तरह चूसने लगे।

अनुपमा भी पूरी तरह उनका साथ दे रही थी। दोनों एक-दूसरे की जीभ से खेल रहे थे। बहुत देर तक दोनों एक-दूसरे को चूसते रहे। रामजीलाल ने अनुपमा का साड़ी खोल दी और उनके मोटे और बड़े उरोज़ों को मसलकर दबाने लगे।

अनुपमा की आह निकलने लगी। रामजीलाल ने फटाफट ब्लाउज़ खोला, उसके साथ ही लहंगे का नाड़ा भी खोल दिया। अनुपमा अब उनके सामने सिर्फ ब्रा और पैन्टी में खड़ी थी।

रामजीलाल- हाय मेरी जान! तुम्हारा बदन तो क़यामत ढा रहा है। कहाँ थी तुम इतने दिनों तक? तुम्हें पाकर तो मुझे नशा सा छा रहा है।

अनुपमा- अरे मेरे सनम। मुझे क्या मालूम था तुम मेरे लिए इतने बेचैन हो? वर्ना कब की अपनी चूत तुम्हें खिला देती। आज मुझे अपने लौड़े का स्वाद चखा दो जानेमन। तुम्हारे समधी का तो अब ठीक से खड़ा भी नहीं होता।

रामजीलाल- अरी छिनाल तो मुझे तो याद किया होता। तुम्हारी चूत को ऐसा खाऊँगा कि सातों जन्म तक मेरा ही लौड़ा याद आएगा।

अनुपमा नीचे झुकी और रामजीलाल का लौड़ा अपने मुँह में भरकर चूसने लगी। रामजीलाल पर मस्त नशा छाने लगा। कहाँ तो वो चोदने को तरस रहे थे और आज वो मौक़ा ख़ुद ही चलकर आ गया। अनुपमा तब तक लंड चूसती रही जबतक कि सारा वीर्य उनके मुँह में नहीं चला गया। पूरा वीर्य और झाँटों के बाल चाटने के बाद अनुपमा भी एकदम गरम हो गई थी।

अनुपमा- वाह रे मादरचोद! तेरा पानी तो अमृत जैसा है। मैं तो पीकर धन्य हो गई।

रामजीलाल- तेरे जैसी काम की देवी ने इसे अमृत बना दिया है रंडी। चल नीचे लेट जा, अब मैं तेरी चूत को चाट-चाटकर तेरा पानी निकाल दूँगा।

यह कहकर रामजीलाल ने अनुपमा को नीचे लिटाया और पैन्टी खोल दी। अनुपमा की मस्त चूत देखकर उनके मुँह में पानी आ गया। आज भी उसकी चूत गुलाबी थी और हल्के से बाल छाए हुए थे।
रामजीलाल ने देर नहीं की और झट अनुपमा की चूत में मुँह घुसेड़ दिया। अपनी जीभ से चूत के चारों ओर चाट-चाटकर गीला कर दिया फिर चूत के छेद में जीभ डाल-डालकर अनुपमा को ज़न्नत का अहसास देने लगे। अनुपमा भी चूत पर प्यारा सा स्पर्श पाकर सिहरने लगी। दो मिनट में ही रामजीलाल ने चूस-चूसकर चूत का पानी निकाल दिया और सारा पानी चाट गए।

अनुपमा – मेरे सैंया, अब देर न करो। जल्दी से अपना लौ़ड़ा मेरी चूत में डाल दो।

रामजीलाल – हाँ … हाँ क्यों नहीं मेरी रानी। चल जल्दी से मेरे लौड़े को चूस कर गीला कर दे। पर मैं तेरी गाँड की बहन चोदूंगा फिर उसके बाद तेरी चूत की माँ चोदूँगा।

अनुपमा- ओय होय हरामी। तुझे भी चूत की सौतन गाँड ज़्यादा पसन्द आई है। तुम सारे मर्द साले हरामी होते हैं। सौतन को पहले चोदते हैं, बाद में अपनी घरवाली को।

रामजीलाल- चल गंडमरी, अब देर मत कर। मेरा लौड़ा चूसकर गीला कर दे, वर्ना तेरी गाँड की ऐसी बहन चुदेगी कि तू खड़ी भी नहीं हो पाएगी।

अनुपमा ने फिर से रामजीलाल के लौड़े को मुँह में भर लिया और चूस-चूसकर अच्छा-ख़ासा गीला कर दिया। रामजीलाल ने अनुपमा को कुतिया बनाया और लंड का एक भरपूर धक्का गाँड की छेद पर दिया। अनुपमा चीख पड़ी।

अनुपमा- अरे हरामी मादरचोद। गाँड की माँ चोद दी तूने। भोसड़ी के धीरे-धीरे कर।

रामजीलाल धीरे-धीरे लंड को अन्दर-बाहर करने लगे। थोड़ी देर बाद उन्होंने अपनी गति तेज़ कर दी और धकाधक धक्के मारने लगे। अनुपमा को अब मज़ा आने लगा और वह और तेज़ चोदो, और तेज़ चोदो कहने लगी। पाँच मिनट तक रामजीलाल ने अनुपमा की गाँड मारी और फिर कुछ तेज़ धक्के मार-मारकर सारा वीर्य अनुपमा की गाँड में डाल दिया। अनुपमा की गाँड गरम वीर्य से भर गई। दोनों कुछ देर के लिए ज़मीन पर लेट गए।

रामजीलाल- क्यों मेरी जान। मज़ा आया कि नहीं चुदाई में?

अनुपमा- इससे पहले इतना मज़ा कभी नहीं आया मेरे सनम। आज तो तुमने मेरी गाँड फाड़कर रख दी है।

रामजीलाल अनुपमा के ऊपर आ गए। दोनों के गरम बदन एक-दूसरे से टकराने लगे। रामजीलाल ने चुम्बनों की बौछार कर दी। पूरे चेहरे पर अपनी जीभ फिरा-फिराकर अनुपमा के मुँह को गीला कर दिया और अपनी जीभ अनुपमा के मुँह में डाल दी। अनुपमा मज़े ले-लेकर उसे चूसने लगी।

अनुपमा ने लंड को चूसकर फिर खड़ा कर दिया। रामजीलाल ने लंड के सुपाड़े को चूत पर रखा और चोदने लगे। अनुपमा ने दोनों हाथों से रामजीलाल को जकड़ लिया और टाँगों में फाँस लिया। दोनों इस समय एक जिस्म-एक जान नज़र आ रहे थे। आनंदीनाल ने बहुत देर तक अनुपमा को चोदा और सारा माल उसकी चूत में डाल दिया।

रामजीलाल- मेरी गंडमरी रानी। तुझे चोदकर तो वो मज़ा आया है जो मेरी पत्नी को चोदने के बाद भी नहीं आया था। मेरा बस चले तो तुझे यहीं मेरे साथ रख लूँ।

अनुपमा- तूने भी मज़े, बहुत मज़े से मुझे चोदा है। मैं तो बस तेरी होकर रह गई हूँ। जाने की इच्छा तो नहीं हो रही है, पर मुझे जाना होगा। अमर इन्तज़ार कर रहा होगा। पता नहीं वो सोया भी कि नहीं। और रात भी बहुत हो गई है।

रामजीलाल- ठीक है। कल मिलते हैं। पर अमर को समझा देना कि वह इस सम्बन्ध में किसी से कुछ कहे नहीं। बहुत भोला और सीधा लड़का है।

अनुपमा- तुम चिन्ता मत करो। मैं उसे समझा दूँगी। वह किसी से नहीं कहेगा।

अनुपमा ने अपने कपड़े पहने और अपने कमरे में चली गई। रामजीलाल आज ख़ुद को बहुत खुशकिस्मत समझ रहे थे क्योंकि आज वे अपने ख़्वाबों को हक़ीकत में बदल चुके थे। उन्हें बहुत अच्छी नींद लगी थी।

इधर अनुपमा जब अपने कमरे में पहुँची तो अमर जाग रहा था। अमर ने गुस्सा ज़ाहिर करते हुए कहा कि तुम इतनी देर से वहाँ क्या कर रही थी? मैं कब से इन्तज़ार कर रहा हूँ?

अनुपमा ने उसे समझाते हुए कहा कि बेटा उन्हें समझाना बहुत ज़रूरी था। अब वे समझ गए हैं और आइन्दा ऐसी हरक़त नहीं करेंगे। तुम भी यह बात किसी से कहना नहीं और उनसे ज़्यादा बात मत करना। चलो अब सो जाओ।

अनुपमा ख़ूब चुदा-चुदाकर थकी हुई थी इसलिए उसे भी बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ गई, लेकिन अमर को कुछ-न-कुछ गड़बड़ लग रही थी। आख़िरकार वह भी सो गया।

अगले दिन अनुपमा और रामजीलाल डाईनिंग-टेबल पर खाना खाते-खाते बहुत हँसी-मज़ाक कर रहे थे। अमर यह देखकर हैरान था क्योंकि उसे लगा था कि आज मम्मी उनसे बात नहीं करेगी, लेकिन यहाँ तो उल्टा और हँसी-मज़ाक कर रही है।

अमर ने सारा दिन किसी तरह निकाला। रात को वह सोने का नाटक करने लगा। अनुपमा को लगा कि वह सो गया है तो वह उठी और आनंदीनाल के कमरे में पहुँच गई।

अमर भी अनुपमा के जाते ही पीछे-पीछे चलने लगा।

अनुपमा ने जाते ही रामजीलाल को बाँहों में भर लिया और जी भर कर उनके होंठों का रस पिया। अमर दरवाज़े के की-होल से यह देखकर बुरी तरह चौंक गया।

इधर अनुपमा इस बात से बेख़बर रामजीलाल से चिपकी हुई थी। अनुपमा ने पहले रामजीलाल को नंगा किया और फिर ख़ुद नंगी हो गई। आज पहली बार अमर अपनी मम्मी को नंगी देख रहा था। उसकी मम्मी उछल-उछल कर रामजीलाल से चुदवा रही थी।

उसे अपनी मम्मी से नफ़रत होने लगी। वह सोच भी नहीं सकता था कि सबको अपने गुस्से से डराकर रखने वाली इतना नीचे गिर सकती है।

रामजीलाल और अनुपमा की चुदाई का खेल देखकर उसके रोंगटे खड़े हो गए और उसके हाथ-पाँव काँपने लगे। वह कमरे के बाहर खड़ा हुआ काँप रहा था कि सामने से उसकी भाभी रीमा आ खड़ी हुई। रीमा उसे देखकर हैरान हुई कि वह यहाँ क्यों खड़ा है और इतना काँप क्यों रहा है?

अमर ने सारी बात बता दी। रीमा भी अनुपमा और रामजीलाल की चुदाई देखकर दंग रह गई। उन दोनों को चुदाई करते देख पहले तो रीमा को बहुत गुस्सा आया पर उसे भी चुदाई की प्यास सताने लगी।

रीमा की चूत की तड़प बढ़ गई। वह भी चुदवाना चाहती थी। उसे लगा कि अमर छोटा ही सही, पर उसे चोदकर अभी उसकी चूत की तड़प तो दूर कर ही सकता है। उसने कुछ सोचा और अमर को बताया। अमर पहले तो घबराया पर रीमा की वज़ह से हिम्मत आ गई।

रीमा और अमर दोनों दरवाज़ा खोलकर अन्दर आ गए, जहाँ अनुपमा और रामजीलाल चुदाई में मग्न हो रहे थे। रीमा और अमर को देखकर दोनों हक्के-बक्के रह गए। उनके मुँह से आवाज़ भी नहीं निकली।

अनुपमा रामजीलाल से अलग हो गई। अनुपमा अपने बेटे के सामने नंगी थी तो रामजीलाल आज अपनी बेटी के सामने नंगे खड़े थे। दोनों को अपनी इस स्थिति पर बड़ी ग्लानि हो रही थी।

रीमा ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा – तो रात में यह काम होता है। पर आप बिल्कुल डरिए मत। मैं और अमर इसमें कोई रुकावट नहीं बनेंगे।

रामजीलाल बोले- हमें माफ कर दो बेटी। इस उम्र में हमें यह नहीं करना चाहिए था लेकिन हम दोनों इतने अकेले थे कि अपने आपको रोक नहीं सके।

रीमा- कोई बात नहीं पापा। हमें आपसे कोई शिकायत नहीं और ना ही मेरी सास से है। आप दोनों को पूरा हक़ है अपने अरमानों को पूरा करने का।

अनुपमा- क्या तुम सच कह रही हो रीमा? तुम्हें हमसे कोई शिकायत नहीं है?

रीमा- नहीं मम्मी, हमें आपसे कोई शिकायत नहीं है। लेकिन हमारी एक शर्त है, उसके बाद ही हम आपको माफ़ करेंगे।
अनुपमा- हम तुम्हार हर शर्त मानने को तैयार हैं रीमा!

रीमा- आप दोनों फिर एक-दूसरे की चुदाई करो। मैं और अमर आपका साथ देंगे।

रामजीलाल- तुम कहना क्या चाहती हो रीमा? तुम दोनों भला हमारा कैसे साथ दोगी?

रीमा- पापा, आप दोनों चुदाई करोगे तो हम दोनों क्या खाली बैठेंगे। मैं भी अपने देवर अमर के साथ जी भरकर चुदवाऊँगी क्योंकि आप दोनों को देख कर मेरी चूत की तड़प जाग उठी है।

रामजीलाल और अनुपमा को रीमा की बात माननी पड़ी क्योंकि इसके अलावा उनके पास कोई चारा नहीं था।

अनुपमा और रामजीलाल तो पहले ही नंगे थे अब रीमा और अमर भी कपड़े उतारकर नंगे हो गए। चुदाई का खेल फिर चालू हो गया। रामजीलाल के लौड़े को चूसकर अनुपमा ने फिर खड़ा कर दिया।
रामजीलाल नीचे लेट गए और अनुपमा उनके ऊपर बैठकर उनके लौड़े को अपनी चूत पर सेट करके चुदवाने लगी।

इधर रीमा ने भी अमर के लौड़े को मुँह में भर लिया। अमर को बहुत मज़ा आने लगा। उसे लगा कि रामजीलाल ने ठीक ही कहा था। लौड़ा चूसने में भले ही आनंद न आता हो, लेकिन चुसवाने में बहुत मज़ा आता है।

अमर का लंड 5 इंच का था। अभी रीमा ने ठीक से लंड को अन्दर-बाहर करना शुरु ही किया था कि अमर का पानी निकल गया। रीमा ने सारा पानी चाट लिया।

रीमा ने अमर को समझाते हुए कहा कि कोई बात नहीं, पहली बार ऐसा होता है, लेकिन अब तुम मेरी चूत को चाट-चाटकर पानी निकालो और उसे पी जाओ। मेरी चूत में बहुत खुजली मची हुई है। अमर समझ गया और फिर उसने रीमा को लिटाया और चूत में जीभ डालकर चूसने लगा। रीमा तड़प उठी। बहुत दिनों के बाद वह नंगी होकर किसी से चूत चुसवा रही थी।

उधर अनुपमा जब ऊपर-नीचे होते हुए थक गई तो रामजीलाल ने अनुपमा को नीचे लिटाया और चूत में धकाधक लंड पेलने लगे। रीमा और अमर यह दृश्य देखकर और उत्तेजित हो गए। कुछ देर बाद रामजीलाल ने ज़ोर-ज़ोर के धक्के लगाते हुए सारा माल अनुपमा की चूत में डाल दिया।

अमर ने भी चूस-चूसकर रीमा का पानी निकाला और अच्छे बच्चे की तरह उसे चाट-चाटकर पी गया। अमर का लंड फिर से खड़ा होने लगा था। रीमा ने अमर के लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। अमर का लंड फिर तन गया। रीमा को लिटाकर अमर ने चूत में लंड डाला और धक्के देने लगा।

उसने पहली बार किसी चूत में लंड डाला था। उसे आज बहुत कुछ सीखने और करने को मिला। वह अपनी सुन्दर और सेक्सी भाभी को चोद रहा था जिसके लिए उसके मन में बहुत सम्मान और प्यार था। साथ ही उसकी मम्मी एक ओर चुदवाकर लेटी पड़ी हुई थी और उनका खेल देख रही थी।

कुछ देर में ही अमर ने सारा माल रीमा की चूत में डाल दिया। इस तरह रात-भर चुदाई चली। अमर ने रीमा की चूत के साथ ही रीमा की गांड में भी लंड पेला जिसमें उसे बहुत मज़ा आया। उसके सामने ही उसकी मम्मी रामजीलाल से चुदवा रही थी। अनुपमा और रामजीलाल ने जिस तरह चुदाई की, उसी अन्दाज़ में अमर ने रीमा की चुदाई की।

पूरी रात सभी ने चुदाई का भरपूर आनन्द लिया।

दोस्तो, आपको यह कहानी कैसी लगी। कृपया मेल करके ज़रूर बताएँ। Sex Stories

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