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आज स्कूल में Antarvasna अचानक जल्दी छुट्टी हो गई तो मैं घर आ गया। जैसे ही दरवाजे के पास पहुँचा कि मैंने सुना:
आई … ई … मान जाओ न … यह दीदी की आवाज थी।
मैं चौंक पड़ा … मैंने दरवाजा खटखटाने का इरादा त्याग दिया और दबे पाँव दरवाजे तक पहुँच गया और सुनने लगा।
अन्दर दीदी और किसी मर्द की आवाज आ रही थी- उचक क्यों रही है … कोई पहली बार दबा रहा हूँ क्या … पुच्च पुच्च पुच्च!
“इतना जोर से क्यों दबाते हो? मुझे दर्द नहीं होता क्या?”
“इतने समय के बाद मिलेगी तो सब्र कैसे होगा!”
“आप ही तो एक साल के बाद आये हो!”
“आह्ह्ह … मेरी जान् … याद है … पिछली बार कैसे छत पर तेरी चूत चोदी थी! पुच्च पुच्च!”
“सब याद है … कुछ बिछाया भी नहीं था … पूरी छिल गई थी पीछे से!”
“सच … पुच्च् पुच्च … पर बहुत मजा आया था! सच पूछे तो तुझे चोदने बाद तेरी बहन को चोदने में बिल्कुल भी मजा नहीं आता! तुझे भी तो मजा आता है न?”
“हाँ … पर थोड़ा धीरे दबाओ … आईइ … लगती है!”
“चुदते समय तो नहीं होता दर्द तुझे?”
“उस समय तो मैं दूसरी दुनिया में होती हूँ!”
फ़िर कुछ देर शान्ति रही.
“चल अब बैडरूम में चलें!”
“अभी नहीं … भाई आने वाला होगा.”
“अभी तो दो ही बजे हैं … वो तो चार बजे आयेगा.”
“जल्दी भी आ सकता है … रात को सबके सोने के बाद आऊंगी.”
“ज्यादा नखरे मत कर!”
“मान जाओ … पूरी रात चोदना फिर!”
“तो एक जल्दी वाला राउंड कर लेते हैं … लंड भरा हुआ है … आह्ह आह्ह!”
“बीच में मत छोड़ देना मुझे!”
“आज तक छोड़ा है क्या … बहन की लौड़ी … हमेशा तेरी चूत खाली करके झड़ा है.”
फ़िर उनके जाने की आवाज आई तो मैं दौड़कर घर के पीछे पहुँच गया जहाँ की खिड़की से बैडरूम के अन्दर सब दिखता था।
दोनों एक दूसरे की कमर में हाथ डाले कमरे में आये।
ओह … ये तो समीर जीजाजी हैं … मामा की बेटी के पति … तो दीदी इनसे भी?
हे भगवान … इस लड़की ने कोई लंड छोड़ा भी है क्या!
और आते ही जीजाजी ने उसे बाँहों में भींच लिया और फ़िर उनके होठ चिपक गये।
वे हाथों से उसकी चूची, कमर व गांड को जोर जोर से भींच रहे थे।
वह बिलबिला रही थी- आह्ह्ह … ऐसे क्यों अकुला रहे हो … मैं कहीं भागी जा रही हूँ क्या?
दीदी हाँफ़ते हुए बोली।
और फ़िर जब जीजाजी ने उसे नंगी करना शुरू किया तो दीदी बोली- पूरे कपड़े नहीं … अभी तो ऐसे ही चोद लो … रात में चाहे जैसे चोदना!
“ज्यादा नखरे मत कर बहनचोद … अभी काफ़ी वक्त है!”
और फ़िर आनन फ़ानन दोनों नंगे हुए और कस कर फ़िर लिपट गये।
लिपटे लिपटे जीजू ने उसे पलंग पर पटक लिया और उसके ऊपर आ गये!
फ़िर रगड़ना शुरू कर दिया।
मेरी बहन भी बराबर सहयोग कर रही थी।
सात इंच का लंड चूत की गहराई नापने के लिये बेताब था तो चूत भी उसका घमंड तोड़ने के लिये आतुर थी।
“कैसे चुदवायेगी मेरी जान?”
“शुरूआत तो सीधे ही करो!”
और दीदी ने टांगें फ़ैला दी.
तो जीजू ने लंड चूत पर टिका दिया और फ़िर होठों पर होंठ जमाकर चूसना शुरू किया तो सीमा ने भी हाथ से लंड को पकड़ कर चूत पर सैट किया और चूतड़ उचकाए.
चूत ने लंड को अपने भीतर समा लिया.
फिर सीमा ने अपनी टांगों में जीजू को लपेट लिया … लंड जड़ तक समा गया।
थोड़ी देर प्यार करने के बाद जीजू ने पोजीशन ली और दनादन ठोकना शुरू कर दिया।
वह आह्ह्ह आह्ह्ह करती रही और चूत ठुकती रही.
बीच बीच में जीजू उसे चूम भी रहे थे।
दीदी भी अब गर्म हो चुकी थी।
फ़िर वे अलग हुए और उन्होंने दीदी को हाथ पकड़ कर खड़ा किया और पलंग की ओर मुँह करके झुका दिया।
दीदी ने हाथ पलंग पर जमा दिये।
उसकी चूत मेरी तरफ़ थी।
जीजाजी उसकी पैंटी से पहले चूत पौंछी और फ़िर अपने सात इंच के लंड को पीछे से चूत पर टिकाया और एक जोरदार धक्का दिया।
दीदी बिस्तर पर गिर गई.
“थोड़ा आराम से डालो ना जीजू राजा!”
उन्होंने उसे फ़िर उठाया और इस बार थोड़ा आराम से लंड चूत में घुसेड़ा और फ़िर चोदने लगे।
वह भी चूतड़ हिला हिला कर धक्के मार रही थी- आह्ह मेरे प्यारे जीजू … और जोर से!
“ले मेरी जान! तेरी मस्त चूत को फ़ाड डालूँगा आज!”
और इस तरह उसने पहले उसकी चूत पीछे से खूब ठोकी और फ़िर उसे सीधे लिटा कर खूब पटक पटक के चोदा।
काफ़ी देर बाद वे झड़े और फ़िर लंड डाले ही उसके ऊपर लेट गये।
मैं वापस लौट गया और फ़िर काफ़ी देर बाद आया। Antarvasna
मैं अन्तर्वासना की Sex Stories नियमित पाठिका हूँ और खाली समय में अक्सर मैं कहानियाँ पढ़ती हूँ।
मेरा नाम ममता है मैं वैसे तो हिमाचल की रहने वाली हूँ पर आज कल हम पंजाब में रहते हैं। मैं चार भाई बहनों में दूसरे नम्बर पर हूँ। मेरा कद 5 फीट 2 इंच है रंग गोरा है। मैं बचपन से ही थोड़ी मोटी हूँ और काफी सेक्सी विचार रखती हूँ। मैं और मेरी छोटी बहन रात को एक साथ सोते है, मैं अक्सर अपनी बहन का चुम्बन आदि कर लेती थी।
पढ़ाई पूरी होने के बाद मैं नौकरी तलाशने लगी। तभी मेरे भईया के एक दोस्त ने बताया कि रेडीमेड के एक शोरूम में मैनेजर की जगह खाली है। मैंने अप्लाई कर दिया, मेरी सेलेक्शन हो गई और मैंने काम पर जाना शुरू कर दिया। वहीं मेरे साथ एक लड़का काम करता था जिसका नाम रमन था, वो हमेशा मुझे गन्दी निगाह से देखता था। मन ही मन वो भी मुझे अच्छा लगता था पर मैं चाहती थी वो ख़ुद कहे।वो हमेशा ही मेरे साथ बात करने के बहाने तलाशता रहता था। काम करते वक्त वो कभी कभी मुझे छू लेता तो मैं कुछ नही बोलती थी। इससे उसका हौंसला बढ़ गया और वो कभी कभी मेरे वक्ष भी दबा देता था या फिर मेरी गांड में ऊँगली दे देता था। मैं ऊपर से नाराज होती पर यह सब मुझे भी अच्छा लगता था।
कुछ दिन बाद मेरी बुआ के लड़के की शादी थी, हम सब गाँव जा रहे थे। मम्मी पापा सुबह चले गए, मैंने और बड़े भैया ने शाम को जाना था। हमें शाम छः बजे जाना था। मैंने दो बजे छुट्टी ले ली और रमन को कहा कि मुझे घर छोड़ आए क्योंकि मेरे पास कोई साधन नहीं था, रमन के पास मोटरसाइकिल थी। मैंने उसके पीछे बैठ गई और हम घर पहुंचे। भईया घर नहीं थे। मैंने फ़ोन करके पूछा तो भईया ने कहा- मैं अभी दो-तीन घंटे बाद आऊंगा।
तो मैंने रमन को कहा- थोड़ी देर रुक जाओ, चाय पी कर चले जाना !
वो बैठ गया। मैंने जाकर पहले अपने कपड़े बदले, मैंने जानबूझ कर टी-शर्ट और पायजामा पहन लिया और नीचे से कुछ भी नहीं पहना। मैं रसोई में जाकर चाय बना लाई और रमन को पकड़ा दी। वो लगातार मुझे देखे जा रहा था।
मैंने पूछा- क्या देख रहे हो?
तो वो फट से बोला- आप बहुत सेक्सी लग रहे हो !
मैंने जानबूझ कर कहा- तुम झूठ बोल रहे हो !
तो वो उठ कर बिल्कुल मेरे करीब आ गया। इससे पहले कि मैं कुछ बोलती उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया।
मैं भी यही चाहती थी सो मैंने उसे रोकने की कोशिश नहीं की।
मैंने कहा- ज़रा रुको, मैं दरवाजा बंद कर दूँ !
मैं बाहर दरवाजा बंद करने गई और गेट अच्छे से बंद करके वापिस आई तो देखा कि रमन अपना 8 इन्च का लंड हाथ में पकड़ कर बैठा था। मुझे देखते वो एकदम आया और मुझे उठा कर सोफे पर ले गया और मेरे स्तन मसलने लग गया। मैंने उसके लंड को पकड़ लिया और उसे ऊपर नीचे करने लगी। फिर उसने मुझे कपड़े उतारने के लिए कहा। मैंने पायजामा और टी-शर्ट उतार दी और एकदम नंगी हो गई।
अब मैंने उसे कहा- तुम कब कपड़े उतारोगे?
उसने भी अपने कपड़े उतार लिए। मैं सोफे पर लेटी हुई थी और उसका लंड मेरे मुँह के सामने था। उसने मुझे अपना लंड चूसने के लिए कहा पर मैंने मना कर दिया।
उसने कहा- कोई बात नहीं !
और मेरी टांगों के बीच बैठ गया और अपनी जबान मेरी फुद्दी में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा।
मैं पागल हुए जा रही थी तो मैंने कहा- मुझे भी तुम्हारा लंड चूसना है !
हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए। मैंने जिंदगी में पहली बार लंड का स्वाद चखा था, नमकीन सा था उसका स्वाद ! पर मुझे एकदम शहद जैसा लग रहा था ! मैं लोलीपॉप के जैसे उसके लंड को चूस रही थी। हम दस मिनट इसी पोजीशन में रहे, तभी रमन हांफने लगा और एक तेज पिचकारी मेरे मुँह में मारी और फिर मेरे मुँह से लंड निकाल कर बाकी पानी मेरे मम्मों पे गिरा दिया।
मैंने कहा- तुम्हारा तो काम हो गया ! अब क्या होगा?
उसने कहा- मैडम जी, आप चिंता क्यों करते हो? अभी खड़ा हो जाएगा।
वह मेरी टांगो के बीच बैठ गया और दो उंगलियों से मुझे चोदने लगा। दो तीन मिनट बाद मेरी फुद्दी से हल्का हल्का पानी आने लगा। मेरी फुद्दी एकदम गीली हो गई थी। अब तक उसका लंड फिर तैयार हो गया था। अब मेरे को भी आग लगी हुई थी कि जल्दी से जल्दी वह मेरी फुद्दी में अपना लंड डाले। वह खड़ा हुआ, मैं सोफे पर थी, उसने मेरी टाँगें अपने कंधे पर रखी और अपना लंड का सुपारा मेरी फुद्दी के मुँह पर रखा।
चूंकि यह मेरी पहली बार थी तो मैं काफी डरी हुई थी, पर रमन ने कहा- घबराने की कोई बात नही है !
उसने आराम से धक्का लगाया और उसका लंड आधे थोड़ा कम मेरी फुद्दी में चला गया।
मेरी जान गले में आ गई, मेरी आंखों के सामने अँधेरा सा आ गया। मैंने सोचा- शायद मैं आज नहीं बचूंगी !
पर वह पागलों की तरह धक्के लगाये जा रहा था। 5 मिनट बाद सब सामान्य हो गया, मुझे भी मज़ा आने लगा। अब मैं भी चूतड हिला हिला कर उसका साथ देने लगी।
तभी मुझे लगा कि मेरी फुद्दी से पानी जैसा कुछ निकल रहा है। मैं झड़ गई थी।
मैंने रमन को कहा- अब बस करो ! मुझे दर्द हो रहा है !
पर वह रुक नहीं रहा था और बोला- मेरा काम कैसे होगा ?
तभी उसने अपना लण्ड मेरी फुद्दी से निकाल लिया और मुझे सीधी होकर लेटने के लिए कहा।
मैं लेट गई। अब वो मेरे स्तन पकड़ कर उनके बीच अपने लंड से चोदने लगा। पूरे पाँच मिनट बाद एक गर्म पानी की पिचकारी मेरे गाल पर पड़ी। उसका झड़ चुका था, वह अपने लंड को खींच-खींच कर मेरे मम्मों पर अपना वीर्य गिरा रहा था। मैं बहुत खुश थी क्योंकि मैंने जिंदगी में पहली बार सेक्स किया था।
रमन थोड़ी देर मेरे पास लेटा रहा। मैं उठ कर बैठ गई। मैंने देखा कि रमन के लंड पर थोड़ा वीर्य लगा हुआ था।
मैं पागलों जैसे उसके लंड को चूसने लगी। फिर हम दोनों बाथरूम गए। हम दोनों ने एक दूसरे को नहलाया।
मैंने घड़ी देखी तो 5 बजने वाले थे। भईया के आने का समय हो गया था। हम दोनों ने कपड़े पहने। मैं रमन को छोड़ने के लिए दरवाजे तक आई, उसने मुझे होंठों पर चूमा और बाय कह कर चला गया। आधे घंटे बाद भईया आ गए। हम तैयार हो कर स्टेशन पहुंचे और ट्रेन में बैठे। ट्रेन में मेरी फुद्दी में बहुत दर्द हो रहा था पर एक सुखद एहसास हो रहा था !
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल जरुर करें ! Sex Stories
यह बात 2008 की है, जब मैंने पहली बार घर से दूर कोटा में एडमिशन लिया था और कॉलेज की दहलीज पर कदम रखा था. मेरे पहले दिन ही कॉलेज में कुछ अच्छे दोस्त बन गए.. मुझे अच्छा भी लगा. दो दिन बाद मेरी क्लास में एक नई लड़की आई, जिसका नाम तान्या था. वो दिखने में एकदम गोरी, खूबसूरत, शांत स्वभाव की लड़की थी. उसके लिए मैं ये कह सकता हूँ कि उसे भगवन ने फुर्सत से बनाया था.
चूंकि उसका कॉलेज में पहला दिन था तो मैंने उससे पूछ लिया- न्यू एडमिशन?
तो उसने हाँ में जवाब दिया. उसके बाद मैंने उसका नाम पूछा, तो उसने अपना नाम तान्या बताया. वो इटारसी की थी. वो एक साधारण देसी लड़की थी. उसके बाद 10 दिन उससे कोई बात नहीं हुई.. न ही वो किसी लड़के से क्लास में बात करती थी. लेकिन पता नहीं उसे देख कर मेरे मन में अजीब सी हलचल होने लगती थी. मन ही मन मैं उसे प्यार करने लगा था, लेकिन उससे बात करने की हिम्मत नहीं कर पाता था.
धीरे धीरे मैंने उसका मोबाइल नम्बर पता किया और उसे कॉल किया. उसने हैलो बोला, तो मैं डर गया और बात नहीं कर सका. फिर जब वो अगले दिन कॉलेज आई तो मैंने हिम्मत करके जाकर उसे बताया कि वो कॉल मैंने किया था.
इस पर उसने कई सवाल किए कि मेरा नम्बर कहां से मिला था, क्यों फोन किया था.. मुझसे क्या चाहते हो?
मैंने उसके सारे सवालों का जबाब दिया.
धीरे धीरे मेरी उससे बात होने लगी. हम लंच शेयर करने लगे. लाइब्रेरी, कैंटीन लैब में साथ जाने लगे. फिर 6 महीने बाद मैंने उससे अपने प्यार का इज़हार कर दिया, तो उसने कोई जवाब नहीं दिया.
लगभग एक महीने तक उसने मुझसे बात नहीं की. मैं पहले से ज्यादा उदास रहने लगा. फिर मेरे कुछ दोस्तों ने उससे बात की और कुछ क्लास की लड़कियों ने भी तब जाकर उसने मुझसे बात की. तीन महीने बाद मैंने फिर से अपने प्यार का इज़हार किया.
तब जाकर उसने कहा कि मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ, लेकिन डरती हूँ कि इसका असर हमारी स्टडी पर ना आये.
मैंने उसे समझाया कि ऐसा कुछ नहीं होता.
अब मैं उससे हर रोज घंटों बात करने लगा. रात में दो बजे तक बात करता, कभी पूरी रात लगा रहता. कभी कॉल से बात करता तो कभी मैसेज से करता रहता. ऐसे ही दिन निकलते रहे.
एक दिन मैंने उससे बोला कि मुझे तुम्हारे साथ वो सब करना है.
उसने साफ़ मना कर दिया.
मैंने उससे कुछ नहीं कहा.
फिर एक दिन वो मेरे रूम पर आई तब हम दोनों ही थे और कोई नहीं था. उसने मेरी तरफ अनुराग भरी निगाह से देखा तो मैंने धीरे से उसे किस किया. वो कुछ नहीं बोली तो मैंने उसे गले से लगाया और धीरे धीरे उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगा. अब उसे लगने लगा कि कुछ गड़बड़ होने वाली है तो वो मुझसे अलग हो गयी.
वो मुझसे कहने लगी कि ये सब शादी से पहले किसी के साथ करना गलत है.
मैंने उसे बहुत समझाया, लेकिन वो नहीं मानी और अपने होस्टल चली गयी. दो दिन हमारा झगड़ा बना रहा, उसके बाद उसका कॉल आया, वो बोली- मुझे तुमसे मिलना है.
तो मैंने उससे बोला कि आ जाओ बाहर किसी पार्क में मिलते हैं.
उसने बाहर मिलने से मना कर दिया और मेरे ही रूम पर मिलने का कहने लगी.
मैंने उसे बोल दिया कि ठीक है आ जाओ.. मैं अपने ही रूम पर हूँ.
जब वो आई तो उसने मुझसे सेक्स के बारे में बात की. मैंने उसे बहुत कुछ बताया और उसने भी, जो उसे पता था मुझसे शेयर किया.
फिर वो बोली कि तुम गुस्सा मत हो जानू… मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ लेकिन वो सब नहीं कर सकती और अगर तब भी तुम करना चाहते हो तो ऊपर ऊपर से जो भी करना है, कर लो.
मैंने भी उसके जज्बातों को समझा और मना कर दिया कि नहीं मुझे कुछ भी ऐसा नहीं करना है.
यह सुन कर वो मुझसे लिपट गयी और मुझे किस करने लगी. उसने मुझे पन्द्रह मिनट तक लगातार किस किया और बोली- हम आज नहीं.. लेकिन सही समय आने पर इस बारे में जरूर सोचेंगे.
इस तरह समय निकलता गया. एक दिन किसी फेस्टिवल का टाइम था, वो अपने घर नहीं गयी थी. उसकी वजह से ही मैं भी घर नहीं गया था. कॉलेज 5 दिन के लिए बंद था और सभी दोस्त अपने अपने घर जा चुके थे. उसका भी हॉस्टल लगभग खाली था, तो उसे भी बुरा लग रहा था.
मैंने उसे अपने रूम पर रुकने का ऑफर किया, तो उसने बोला कि तुम्हारे मकान मालिक क्या कहेंगे?
मैंने उससे बोला- तुम उसका छोड़ो, वो मेरी परेशानी है.
तब मैंने अपनी मकान मालिक से बात की और उन्हें बात बताई कि वो अकेली हॉस्टल में रह गई है, जिस वजह से वो डर रही है और बुरा फील कर रही है.
यह सुनकर उन्होंने उसे मेरे रूम पर रुकने की इजाजत दे दी. तब मैंने उसे बता दिया कि मकान मालिक ने रहने की हां कर दी है. वो अपना बैग लेकर आ गयी.
अब हम दोनों साथ साथ टाइम स्पेंड करने लगे. दिन तो जैसे तैसे निकल गया अब रात आयी. चूंकि मैं अकेला रहता था तो एक ही बिस्तर था.
उसने बोला- कोई बात नहीं, हम सो जाएंगे.
मुझे भी ये सुनकर अच्छा लगा. खाना खाने के बाद जब हम बिस्तर पर आये तो वो मेरे सीने पर हाथ रख कर और मेरे हाथ पर अपना सर रख कर मुझसे बात करने लगी.
बात करते करते वो सो गयी और मैं उसे देखता रहा. मुझे जरा भी नींद नहीं आ रही थी. मैं रात को लगभग दो बजे तक जागता रहा.
तभी अचानक से उसकी नींद खुली और वो मुझे जागता देख कर पूछने लगी- अभी तक क्यों नहीं सोये?
मैंने उससे कहा- तुम सो रही थी तो मैं तुम्हें देख रहा था.
यह सुनकर उसने मुझे किस किया और वो मेरे ऊपर आ कर मुझे किस करती रही. काफी देर तक किस करने के बाद मैंने उससे बोला कि क्या आज मैं तुम्हारे साथ सेक्स कर सकता हूँ?
तो उसने थोड़ा टाइम लेकर जबाब दिया कि हां कर सकते हो अगर मुझे कोई प्रॉब्लम हुई तो वहीं पर रोकना पड़ेगा.
मैं मान गया, तब फिर मैंने धीरे धीरे उसके मम्मों को सहलाना चालू किया. जब काफी देर हो गयी तो मैंने उसके टॉप को अलग किया. अन्दर का जो नज़ारा देखा तो मैं उसे देख कर पागल हो गया.
एक दूध सी सफ़ेद लड़की ब्लैक रंग की ब्रा में मेरे सामने थी. मैंने उसको देख कर उसे चूमना स्टार्ट किया. चूमते चूमते मैंने कब उसकी ब्रा खोल दी.. पता ही नहीं चला.
वो मेरे सामने आधी नंगी होकर शर्माने लगी और खुद को चादर में छिपाते हुए बोली- अपने भी तो कपड़े उतारो.
मैं अपने कपड़े निकालने लगा और केवल फ्रेंची में उसके सामने खड़ा हो गया. तब वो मेरी फ्रेंची की तरफ नज़र टिका कर देख रही थी.
मैंने उसे टोका और पूछा- कहां ध्यान है तुम्हारा?
तो वो मुस्कुराने लगी. मैं भी झट से उसकी चादर में घुस गया और उससे चिपक गया. मैंने उसे सहलाते सहलाते उसके लोअर को नीचे किया तो उसने अपनी टाँगें उठाकर उसे उतारने में मेरी मदद की. फिर मैं उसे किस करने लगा और वो मेरा साथ देने लगी.
तभी मैं सहलाते सहलाते अपना हाथ उसकी पेंटी के ऊपर ले गया, जहां उसकी चूत पहले से ही भट्टी के जैसी गर्म थी. मैंने जरा सा हाथ नीचे किया तो पता चला कि कुछ गीला और चिपचिपा सा द्रव्य उसकी पेंटी से लगा है. मैंने उससे पूछा- ऐसा क्यों?
वो बोली कि मुझे खुद नहीं पता कि कैसे गीली हो गई?
मैं समझ गया कि वो एक बार झड़ चुकी थी और उसे खुद नहीं पता था.
मैंने अब देर न करते हुए उसकी पेंटी में हाथ डाल लिया और उसकी चूत को सहलाने लगा. वो गर्म होने लगी और मुझे कसके पकड़ने लगी. तो मैंने एक झटके में ही उसकी पेंटी उसके बदन से अलग कर दी और उसकी चूत में एक उंगली डालने लगा. जैसे ही मैंने उसकी चूत में उंगली डाली, वो चिहुंक उठी. उसे थोड़ा सा दर्द हुआ तो मैंने उसे समझाया कि दर्द तो होगा और ब्लड भी आएगा.
वो कहने लगी- हां ये सब तो पता है कि पहली बार में ये आएगा.
मैंने उसे चूमा और कहा कि अगर तुम न चाहो तो मैं ये सब यहीं पर रोक सकता हूँ.
तो वो बोली- मैंने तुमसे प्यार किया है तो तुम्हारा ही इस पर हक है. आज जो चाहे हो जाए.. हम एक बार तो जरूर ही ये सब करेंगे, इसके लिए मुझे कितना भी दर्द क्यों न हो.
तब मुझे उस पर और ज्यादा प्यार आने लगा और मैंने मना किया कि नहीं, मैं अब ये सब नहीं करना चाहता.
उसने जिद करते हुए बोला कि आज कर लो.. पता नहीं ऐसा मौका दोबारा कभी मिलेगा भी कि नहीं.
तो मैं उसकी बात मान गया. चूंकि आग दोनों तरफ लगी थी, सो मैंने अपनी फ्रेंची उतार कर साइड में रख दी और उसके ऊपर आ गया.
जब उसने मेरा लंड देखा तो वो थोड़ा डर गयी और कहने लगी- एक उंगली से इतना दर्द हुआ तो इससे तो बहुत ज्यादा होगा.
तो मैंने हाँ में सर हिलाया तो उसने बोला कि जो भी हो, अब यहाँ तक पहुँच गए तो आगे भी जाएंगे.
मैंने ओके कहा तो उसने मुझसे बोला कि जब तुम ये अन्दर डालो, तो मेरा मुँह बंद कर देना.
मैंने उसे फिर से समझाया कि अगर इतना ही डर हो रहा है तो मत करो.
तो उसने मेरी एक न सुनी और बोलने लगी- अब मैं रेडी हूँ, जो चाहे सो आज कर लो.
तब मैंने उसे अपनी एक टी-शर्ट दी और उससे बोला- इसे अपने मुँह में दबा लो, जिससे आंटी के रूम तक आवाज़ न जाये.
उसने मेरी बात मान ली और कपड़े को मुँह में उतना ठूंस लिया, जितना बन सकता था.
तब मैंने उसे इशारा किया कि मैं अपना लंड उसकी चूत में डाल रहा हूँ तो उसने हाँ में सर हिलाया.
फिर जैसे ही मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रखा तो वो ऊपर तरफ खिसकने लगी. मैंने उसे प्यार से किस किया और धीरे धीरे उसकी चूत पर अपना लंड फिराने लगा.
इससे उसे कुछ अच्छा लगा और आँखों से सहमति दे दी कि करो अब.
तब मैंने उसकी गीली चूत पर अपना लंड रखा और उसकी तरफ देख कर हल्का सा झटका दिया. मेरा लंड का टोपा उसकी चूत के अन्दर चला गया. उसको बहुत ज्यादा दर्द हुआ और वो मुझे धकेलने लगी. मैंने उसकी तरफ देखा तो आँख में आंसू थे. उसी समय मैं झट से अलग हो गया और अपना टोपा बाहर निकाल लिया. फिर मैंने उसके मुँह से कपड़ा निकाला और उसके आंसू पौंछे.
उसने कराहते हुए कहा- बहुत ज्यादा दर्द हुआ है.
उसने नीचे हाथ लगाया तो देखा हल्का सा ब्लड लगा था, जो उसकी चूत की साइड की स्किन कटने से निकला था.
तब मैंने उससे बोला कि अब नहीं करते हैं, जब इतना दर्द हो रहा है तो रहने दो.
उसने बोला- एक बार और कोशिश कर लो.. अगर इस बार हुआ तो फिर नहीं करेंगे.
मैंने उसकी बात मानी और उसके मुँह में कपड़ा देकर अपने लंड पर पहले तेल लगाया और कुछ तेल उसकी चूत पर भी लगा दिया. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और इस बार जोर का धक्का लगाया तो मेरा लंड लगभग तीन इंच उसकी चूत में चला गया. वो दर्द से आंसू बहाने लगी और अपने हाथ पैर छटपटाने लगी. तब मैंने उसके आंसुओं को पोंछा और समझाया कि अब अन्दर चला गया है. कुछ देर बाद दर्द नहीं होगा.
उसने मुझे ऐसे ही दो मिनट रुकने को बोला. मैं वैसे ही उसके ऊपर रुका रहा.. अन्दर मेरा लंड जल रहा था. मुझे लग रहा था कि जैसे मैंने किसी गरम भट्टी में अपना लंड डाल दिया हो.
कुछ देर बाद मैंने थोड़ा सा हिलना शुरू किया और अपना लंड अन्दर बाहर किया, तो उसे फिर से दर्द हुआ. मैंने अब उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया और अन्दर बाहर करने लगा. कुछ देर बाद वो नार्मल हुई और अपने मुँह से कपड़ा निकल कर मादक सिस्कारियां निकालने लगी. वो मुझे किस करने लगी.
जब मैंने उससे पूछा कि अब कैसा फील हो रहा है?
तो उसने मुस्कुराकर कहा- बहुत अच्छा.
मैंने उससे बोला- अभी थोड़ा और बाहर बाकी है..
उसने बोला- डाल दो पूरा, पर मेरा मुँह पकड़ कर करना.
मैंने वैसा ही किया, अपने होंठ उसके होंठ से लगा कर एक तेज़ झटका दिया और पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.
उसे फिर से दर्द हुआ और चीखने लगी लेकिन मेरी किस की वजह से उसकी चीख वहीं सिमट गयी.
फिर थोड़ा रुक कर मैंने उसे चोदना चालू किया. वो कुछ देर बाद झड़ने वाली थी. उसे बहुत अच्छा लगने लगा था, वो कहने लगी- और जोर से और जल्दी आह आह आह्ह ऊंह.
ये कहते हुए उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और वो झड़ गयी. उसके एक मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने तुरंत अपना लंड बाहर निकाल कर सारा माल उसकी चूत के ऊपर गिरा दिया.
जब वो उठी और उसने जो देखा तो पागल सी हो गयी. उसकी चूत से बहुत ज्यादा खून निकला था. जिससे चादर का एक फीट का हिस्सा पूरी तरह ख़राब हो गया था, उसमें दाग लग चुका था.
फिर उसने अपनी चूत की तरफ देखा तो वो सूज गयी थी और लाल हो गयी थी. वो लंगड़ाते हुए बाथरूम गयी और खुद को साफ़ करके बाहर आई.
उसने मुझे किस किया और बोली- आज जो हुआ, वो करने की हिम्मत तुमसे मिली है.. और यह रात मेरी जिन्दगी की सुहागरात से कम नहीं है.
उसके बाद उसने वो बेडशीट हटाई और दूसरी बिछाई. हम फिर से बिस्तर पर आ गए.
मेरा नाम मोहित है और मैं प्रतिदिन Hindi Sex Stories अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ता हूँ! आज मैंने सोचा कि मैं आप लोगो के साथ अपना अनुभव बांटू.
पहले मैं आप को अपने बारे में बता दूं। मेरी उम्र 30 साल है। मेरी लम्बाई 6 फीट है और मैं दिखने में भी काफ़ी ठीकठाक हूँ। मैं बरोदा में रहता हूँ।
ये कहानी तब की है जब मैं इन्टरनेट पर बहुत ही चेटिंग करता था। तब मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई जो इंडियन है और अब अमेरिका में रहती है। उसका नाम रेशमा है और वो भी बरोदा से ही है। नेट पर हमारी रोज बातें होने लगी तभी एक दिन मुझे पता चला कि उसकी शादी हो चुकी थी और उसके पति ने उसे छोड़ दिया था.
फ़िर ये सिलसिला आगे बढ़ा और हम दोनों ने अपने अपने फोटोस एक्सचेंज किए। तभी मैं उसे देख कर दंग रह गया कि इतनी खूबसूरत और सेक्सी बीवी को कोई पागल ही छोड़ सकता है। उसकी लम्बाई करीबन 5.5 थी और उसका रंग भी एक दम गोरा था। सबसे अच्छे उसके बूब्स थे जो कि तरबूजों की तरह थे।
एक दिन उसने मुझे बताया कि वो इंडिया आ रही है तो मैं खुशी से पागल हो गया और मन ही मन उसकी चुदाई करने की सोचने लगा। अब जब वो इंडिया आ रही थी तो मैंने बिना राह देखे उस से बोल ही दिया कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा है। वो खाली हंस कर नेट से चली गई।
जब वो इंडिया आई तो मैं उसे रिसीव करने एअरपोर्ट पर गया तब मैंने उसे देखा तो मुझे पता चला कि उसके बूब्स सही में बड़े और मजेदार थे और उसकी गांड की गोलाई भी बहुत मस्त थी। वो मुझसे गले मिली और फ़िर मिलने का कह कर अपने रिश्तेदारों के साथ उनके घर चली गई। उसके बूब्स और गांड देख कर अब मैंने नक्की कर लिया था कि मैं इसकी मस्त चुदाई करूँगा।
दूसरे दिन उसका फ़ोन आया और उसने मुझे कहा कि वो मुझे मिलने मेरे ऑफिस पर आ रही है। तब मैंने मेरे पूरे स्टाफ वालो को जल्दी ही घर भेज दिया। जब वो आई तो थोड़ी इधर उधर की बातें की। वो मेरे सामने कुर्सी पर बैठी थी। मैं उठ कर उसके पास वाली कुर्सी पर बैठ गया और फ़िर उसका हाथ पकड़ लिया। तो वो कुछ नही बोली मैं समझ गया कि लाइन क्लिअर है।
फ़िर मैंने उसे जम कर किस किया। अब हमारे होंठ एक दूसरे से चिपक गए थे और मैं उसकी जीभ चूस रहा था। फ़िर धीरे से मैंने अपना हाथ उस के बूब्स पर रख दिया और उनको मसलने लगा तो वो सिसकारे भरने लगी। उसने जींस और टॉप पहेना हुआ था। मैंने उसके टॉप के अन्दर हाथ डाल कर ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को मसलने लगा और उसकी निप्पल को खींचने लगा।
उसकी सिसकारियां अब और भी बढ़ने लगी और वो मुझे ज़ोर ज़ोर से किस करने लगी। मैंने उसका टॉप उतार दिया और फ़िर उसकी ब्रा भी निकाल दी। तब तक उसका हाथ मेरे तने लण्ड पर था और वो उसे सहला रही थी। मेरा लण्ड अब तन गया था और चुदाई के लिए बेकरार था।
मैं उसे वहां से उठा कर बाहर पड़े सोफे पर ले कर गया और उसे वहां लिटा दिया। फ़िर उसके बूब्स को और उसकी निप्पल को चूसने लगा। फ़िर मैंने अपनी पैन्ट की जिप खोल कर मेरा लण्ड उसके हाथ में दे दिया वो उसे हिलाने लगी और मुठ मारने लगी।
फ़िर मैंने उसका जींस भी उतार दिया और पैंटी भी उतार दी और उसकी चूत में ऊँगली डाल दी। उसकी चूत गीली हो चुकी थी। मैं अपनी ऊँगली निकाल कर देर किए बिना उसे चाटने लगा तो वो तड़पने लगी और बोली कि मुझे भी चूसने का मज़ा लेने दो। फ़िर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए।
करीब 10 मिनट तक ये चला। वो झड़ चुकी थी मैंने उसका पूरा पानी पी लिया और फ़िर मैंने कहा- अब तुम भी जल्दी से मेरा सब पानी पी लो। तो उसने मेरा लण्ड जोर जोर से चूसना चालू कर दिया और थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया और वो मेरा सब रस पी गई।
वो मेरा लण्ड चाट कर साफ़ कर रही थी तो मैंने बोला मेरी जान थोड़ा रस रहने दे तेरी गांड के होल पर लगा दे इस से आगे आसानी रहेगी। उसने ऐसा ही किया।
फ़िर मैंने उसे वहां से उठा कर बाजू वाले मेज़ पर लिटा दिया और उसकी दोनों टाँगे फ़ैला कर अपना लण्ड उसके चूत पर रख दिया। फ़िर धीरे से लण्ड के सुपारे को धक्का दिया तो वो अन्दर चला गया। गीली चूत होने के कारन लण्ड को अन्दर डालने में तकलीफ नहीं हुई। और फ़िर एक ज़ोर के धक्के से मैंने मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया… तो वो ज़ोर से चिल्लाई और बोली ज़रा धीरे से ! साले काफी टाइम से अन्दर कोई लण्ड नहीं गया है।
फ़िर मैंने धीरे से धक्के लगाने चालू कर दिए… और साथ में उसके निप्पल को चूसने लगा। वो उह्ह्ह्छ आःह्ह्छ करने लगी और बोलने लगी- फक्क मी फक्क मी हार्ड माय डार्लिंग फक्क मी वैरी हार्ड…
मुझे पूरा जोश आ गया और मेरे धक्के बढ़ने लगे… करीब 15 मिनट तक मैं उसे चोदता रहा…उसमें वो 2 बार झड़ चुकी थी और अब मैं भी झड़ने वाला था.. तो मैंने उससे पूछा की कहाँ डालू अपना पानी?
तो बोली अन्दर ही डाल दे मेरे राजा और फ़िर मैं झड़ गया…
थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और फ़िर वो मेरे लण्ड को सहलाने लगी… फ़िर खड़ी हो कर उसने मेरे लण्ड को फिर से चूसना चालू कर दिया। इस से मेरा शेर फ़िर से लड़ाई और चढाई के लिए तैयार हो गया और मैंने उसे पकड़ कर उल्टा ही मेज़ पर लेटा दिया अब उसकी गांड का छेद मेरे लण्ड के सामने था।
मैंने कभी किसी की गांड नहीं मारी थी तो मैं भी बेकरार था। फ़िर मैंने अपने हाथो से उसके दोनों चूतड़ अलग किए और मेरे लण्ड को छेद के पास रख दिया। फ़िर ज़ोर से धक्का दिया तो मेरे लण्ड का सुपारा अन्दर चला गया। अब वो जोर से चिल्लाई और बोली- बास्टर्ड इट हर्ट्स।
मैंने बोला- रानी थोड़ा सब्र करो।
फ़िर मैं उसके बूब्स को पीछे से पकड़ कर मसलने लगा और थोडी देर बाद फिर से जोर का धक्का दिया तो पूरा लण्ड उसकी गांड में चला गया।
फ़िर वो मज़े लेने लगी और चिल्लाने लगी- चोदो मुझे जोर से मेरे राजा पूरा डाल दे अन्दर आज या तेरा लण्ड नहीं या मेरी गांड नही..फाड़ दे मेरी गांड को आज..ये पूरी तेरी है.. दो हिस्सों में बाँट दे आज इसे।
अब मुझे भी जोश आ गया और मैं जोर जोर से धक्के देने लगा। 15 मिनट तक मैं उसकी गांड मारता रहा फ़िर मैं उसकी गांड में ही झड़ गया और उसकी गांड का पूरा छेद मेरे पानी से भर दिया। फ़िर थोडी देर के बाद हम दोनों ने खड़े हो कर कपड़े पहन लिए।
और फ़िर वो पूरे 3 महीने तक इंडिया में रही और हम दोनों ने जम कर चुदाई का आनंद लिया.. एक बार तो मैंने उसे वाटर पार्क में भी चोदा था वो किस्सा बाद में बताऊंगा। मगर अभी वो वापस चली गई है और मैं फ़िर से अकेला पड़ गया हूँ।
दोस्तों मेरी कहानी कैसी लगी… अपनी राय दें। Hindi Sex Stories
मेरा नाम अमन है। मैं बचपन से दिल्ली Antarvasna में रह रहा हूँ। जब से मुझे सेक्स की जानकारी हुई, तब से मैं बस सेक्स के बारे में ही सोचता रहता हूँ। विशेषकर मुझे विवाहित स्त्रियाँ अधिक पसन्द हैं, साथ ही मोटी स्त्रियाँ भी। मेरा लंड ८ इंच लम्बा व ३ इंच मोटा है।
मैं इन्टरनेट पर चैट रूम में एक समलैंगिक रूम में हमेशा एक स्त्री के नाम से चैट करता और पूरा मज़ा लेता। एक दिन मेरी बात ग्रेटर कैलाश में रहने वाली गौरी नाम की महिला से हुई। एक दूसरे की जानकारी लेने के बाद हम सीधा सेक्स की बात पर आ गए। उसने बताया कि उसके पति अक्सर बाहर रहते हैं। उसको जब भी अवसर प्राप्त होता है तो वह अपने कामवाली बाई के साथ समलैंगिक सहवास करती है। मैं भी उससे स्त्री बनकर ही बात कर रहा था।
मैंने उससे कहा, “आप किसी लड़के को क्यों नहीं तलाश करतीं?”
“मैं कुछ लड़कों को जानती हूँ, जो सेक्स-जॉब करते हैं।” – मैंने उसे आगे बताया
गौरी ने कहा, “क्या वो मेरी गाँड भी चाटेगा?”
“सब कुछ करेगा, जो कुछ तुम करवाना चाहोगी, और उसकी शुल्क भी अधिक नहीं है।” – मैंने उसे जानकारी दी।
मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे, मेरी बात बनती नज़र आ रही थी। मैंने गौरी को टेलीफोन नम्बर दिया, और कहा कि यह उसका नम्बर है, और उसका नाम अमन है। तुम उससे बात कर लो, मैं भी उससे बात करके तुम्हारे बारे में बता दूँगी। असल में अमन तो मैं ही था।
चैट के लगभग एक घण्टे के बाद उस स्त्री का फ़ोन आ गया। उसने मेरा नाम पूछा, और अपना नाम बताया। उसने कहा कि आपका नम्बर मुझे एक औरत ने दिया है। वो तो मैं ही था, तो मैं समझ गया।
मैंने पूछा, “तो फिर कब आऊँ आपके पास?”
कल दिन में ११ बजे आ जाओ।
मैंने कहा, “ठीक है।”
क्या बताऊँ दोस्तों, वह आधा दिन काटना मेरे लिए पहाड़ जैसा प्रतीत हुआ, बस मैं तो यही सोचता रहा कि ये करूँगा, वो करूँगा, और ये सब सोच-सोचकर मैंने उस औरत के नाम से दो बार मुट्ठ भी मार ली।
अगले दिन ठीक ११ बजे मैं उसके घर पहुँच गया। मैंने घंटी बजाई, दरवाजा खुला, और लगभग ३५ वर्ष की एक गोरी स्त्री ने दरवाजा खोला। मैंने उसे बताया, “मैं अमन…”। उसने अन्दर आने को कहा।
मैं जैसे ही अन्दर घुसा, उसने दरवाजा बन्द कर लिया, और सीधे शयनकक्ष में ले गई और कहा, तुम ५ मिनट यहीं रुको, मैं अभी आई। ५ मिनटों को बाद जब वह वापस आई तो मैं उसे बस देखता ही रह गया। वह गुलाब़ी रंग की ब्रा और पैन्टी पहने हुए मेरे सामने थी। थोड़ी देर के लिए तो मैं बिल्कुल सुन्न हो गया था, फिर मैं होश में आया और सीधे जाकर उसे ज़ोरों से गले लगा लिया और उसके होंठों पर होंठ रखकर चूमने लगा, उसे ख़ुद को सँभालने का मौक़ा भी नहीं मिला।
चूमते-चूमते मैंने अपना एक हाथ उसकी पैन्टी के अन्दर डाल कर उसके गोरे-गोरे और मुलायम चूतड़ों को सहलाने लग गया। फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी। ब्रा उतारते ही उसकी गुलाब़ी घुंडियों वाली चूचियाँ मेरे सामने थीं। मैंने उन्हें दबोच लिया और एक हाथ से उसकी घुंडी को मसलने लगा, तो उसकी सिसकियाँ निकल पड़ीं। फिर मैंने एक झटके से उसकी पैन्टी को उतार कर उसे बेड पर लिटा दिया, उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए।
उसने झट से उठकर मेरे लंड को पकड़ कर चूसना शुरु कर दिया। मैंने जीवन में कभी भी ऐसा अनुभव नहीं किया था, मुझे स्वर्ग की अनुभूति हो रही थी। वह मेरे लंड को चूसती रही। मैं कभी उसकी चूचियों को सहलाने लगता, कभी घुंडियों को काट लेता। उसने मुझे नीचे लिटा दिया और स्वयं मेरे ऊपर इस तरह आ गई, कि उसकी बिना बालों की चूत मेरे मुँह के पास थी। मैंने भी उसकी चूत में उँगली डालकर चूसने लगा।
उसके गाँड की छेद भी गुलाबी रंग की थी। मैं बीच-बीच में उसमें भी उँगली डाल देता, जिससे वह अचानक चिहुँक पड़ती। थोड़ी देर ऐसा करने के बाद मैंने उसे नीचे लिटा दिया, उसकी टाँगों को अपने कंधों पर रखकर मैंने अपना लंड उसके गाँड की छेद पर रखा और हल्का सा धक्का लगाया तो मेरे लंड का सुपाड़ा उसके अन्दर चला गया, जिसके कारण वो चिल्ला उठी। मैं रुक गया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा, उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने फिर उसकी जाँघों को पकड़ कर धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया। वह एकदम से चिल्ला उठी।
मैंने उसके होठों को चूमने शुरू कर दिया, फिर थोड़ा सामान्य होने पर मैं उसकी गाँड में अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा। अब उसे भी मज़ा आने लगा। मैंने साथ में उसकी चूत में उँगली करना भी जारी रखा, जिससे उसे और भी मज़ा आ रहा था। वह सिसकारियाँ लेने लगी और बोली, अमन थोड़ा और तेज़ करो। मैंने चुदाई की गति में और बढ़ावा किया। थोड़ी देर बाद उसकी चूत से पानी आने लगा, और वह अपनी गाँड को दबोचने लगी। उसने कहा, “अमन मैं गई… मैं गई…!” कहते हुए फिर वो आहहह्हहहह…. आह्ह्हहह्हहहह करने लगी।
पर मैं रुका नहीं। ५ मिनट बाद मेरा भी निकलने वाला था। मैंने पूछा – “गौरी कहाँ छोड़ूँ?”
उसने कहा, “अन्दर ही।”
थोड़ी देर धक्के मारने का बाद मैंने अपना सारा वीर्य उसकी गाँड में ही छोड़ दिया। यह पहला अवसर था कि मैं किसी की गाँड में स्खलित हुआ था।
फिर मैं उसके ऊपर लेट गया, थोड़ी देर लेटे रहने के बाद हमने एक-दूसरे को साफ़ किया और वापस आकार दुबारा बिस्तर पर लेट गए और बातें करने लगे। थोड़ी देर बाद मैं फिर से तैयार हो गया। फिर मैंने उसकी चूत की जमकर चुदाई की।
उस दिन मैंने उसकी २ बार चुदाई की। फिर उसने मुझे १००० रुपये दिए और कहा कि अब मैं तुम्हें बुलाती रहूँगी।
उस दिन से अब तक मैंने उसकी कई बार चुदाई की। फिर मैंने उसके द्वारा अन्य स्त्रियों से भी सम्पर्क साधा। Antarvasna
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