Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Chirang: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Chirang who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Chirang that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Chirang massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Chirang who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Chirang massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Chirang massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Chirang who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Chirang employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Chirang helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Chirang

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Chirang at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Hi mera naam alok h

प्यारे भाइयो मैं एक और कहानी शुरू करने जा रहा हूँ इस कहानी को मैं सिर्फ़ हिन्दी में पोस्ट कर कर रहा हूँ क्योंकि ये कहानी मैने नही लिखी है आप सब पाठक-पाठिकाएँ, लेखक-लेखिकाएँ अपनी गर्मागर्म हिंदी सेक्सी स्टोरी, चुदाई की कहानी भेज सकते हैं

मेरा नाम अयान है. एज 25, हॅंडसम ऑर गुड लुकिंग हूँ

ये स्टोरी तब की है जब मैं अम्मी के घर था.
मैं अपनी अम्मी की फॅमिली मे सब से पहला बच्चा हूँ. ऑर पहले बच्चे को बोहत प्यार दिया जाता है तो मुझे भी मामू खाला वग़ैरह सब बोहत प्यार करते थे.

मैं शुरू ही से अपनी नानी की घर रहता था. ऑर सब लोग मुझ से बहुत प्यार करते थे.

नानी के घर मे 2 खाला ऑर ऐक मामू थे.
बड़ी खाला का नाम शमा है ऑर छोटी खाला का नाम अंबर है. मैं घर मे अंबर खाला के साथ बहुत फ्री था ऑर वो भी मुझसे बहुत प्यार करती थी.

शमा खाला की शादी हो गई थी और मामू की भी शादी हो गई थी.
मैं जब भी नानी के घर जाता था तो अंबर खाला के रूम मे सोता था.

अंबर खाला 20 साल की थी. 20 साल की एज मे भी वो बहुत खूबसूरत नज़र आती थी. उनके ब्रेस्ट का साइज़ 36 था.

मैं जब घर जाता था तो अंबर खाला मेरे सामने दुपट्टा नही लेती थी.

मामू की शादी हो गई थी ऑर वो रात को अपने रूम मे मामी के साथ होते थे.
ऐक दिन रात के 10 बज रहे थे कि मैं अंबर खाला के साथ सोया था.
अंबर खाला को वॉशरूम जाना था.

वॉशरूम कमरे से बाहर था अंबर खाला चली गई ऑर तरीबन 10 मिंट लगा कर वापस आई.
जब वो बेड पे लेटी तो मेरी आँख खुल गई मगर मैं फिर भी सोने की आक्टिंग करता रहा.

खाला मेरे साथ आ कर लेट गई ऑर मेरा सिर उठा कर अपने बाज़ू पर रख दिया ऑर मुझे हग कर के लेट गई.

जब खाला ने मुझे हग किया तो मेरा फेस उनकी चेस्ट के क़रीब था.

मुझे उनके जिस्म की स्मेल बहुत अच्छी लग रही थी.

खाला मेरे साथ चिपक कर लेटी हुई थी. मुझे उनके जिस्म की स्मेल बोहत अच्छी लग रही थी.

कुछ देर बाद मैं ने अपना फेस खाला के मम्मो से उपेर नंगे सीने पर रख लिया. ऑर मेरे लिप्स उनके सीने को टच करने लगे..

मैं ने आहिस्ता से खाला के सीने पर किस कर लिया. जिस पर खाला हल्का सा हिली ऑर फिर मेरा सिर पीछे कर के मेरी आँखो मे देखा मगर मैं सोने का नाटक कर रहा था. तो खाला समझी कि शायद नींद मे ये सब हो गया होगा.

पहली बार मुझे अपनी खाला के लिए कुछ अजीब सी फीलिंग हुई थी. मेरे माइंड मे पहली बार अपनी ही सग़ी खाला के साथ सेक्स करने का ख़याल आया. मगर सोचने वाली बात तो ये थी कि मैं उसके साथ सेक्स केसे करूँ गा

मैं ने कुछ देर बाद खाला के नंगे सीने पर मम्मो से थोड़ा उपर ऐक ऑर किस किया. जिस पर खाला हल्की सी मूव हुई फिर मेरी तरफ देखा ऑर अब काए बार उन्हो ने मेरा फेस अपने सीने पर ज़ोर से दबा दिया ऑर मेरे बालों मे अपनी फिंगर्स मूव करने लगी..
Hindi Sex kahaniya -
मेरा लंड हार्ड हो गया था. मैं सोच रहा था कि अपने लंड को केसे खाला से टच ना होने दूं. मगर खाला तो मेरे साथ चिपक कर लेटी हुई थी. खाला को भी मेरा लंड हार्ड होता हुआ फील हुआ था.

खाला ने मुझे टाइट हग किया ऑर मेरी लेग्स के बीच मे अपनी लेग्स ऑर मेरी लेग को अपनी लेग के उपेर रख दिया. जिस से उनकी लेग मेरे लंड से टच हो रही थी क्यू कि मेरी लेग्स के बीच मे उनकी लेग आ गई थी.

खाला को पता लग चुका था कि मैं जाग रहा हूँ. मगर उन्हो ने मुझ पर कुछ ज़ाहिर नही होने दिया.

अब खाला अपनी लेग्स को स्लोली स्लोली मूव कर रही थी मेरी लेग्स के बीच मे. जिस से उनकी लेग मेरे लंड को बार बार टच हो रही थी.. मुझे पसीना आ रहा था. क्यू कि मैं खुद से कुछ नही कर सकता था. मुझ मे हिम्मत नही हो रही थी कुछ करने की क्यू कि अगर खाला ने माइंड किया ऑर सब को बता दिया तो मुझे बहुत मार पड़ेगी .

खाला ऐसे ही कुछ देर तक मेरे लंड से अपनी लेग लगाती रही. फिर ऐक दम से उनका जिस्म अकड़ गया. उन्हो ने मुझे टाइट हग कर लिया. ऑर मेरे लंड पर बार बार अपनी लेग मूव करती रही. खाला का जिस्म अकड़ चुका था. मैं डर गया.

मैं समझा कि पता नही खाला को क्या हो गया है अचानक से. खाला की साँसे तेज थी. ऑर उन्हो ने मुझे हग किया हुआ था.

कुछ देर बाद खाला अपनी जगह से उठी ऑर वॉशरूम चली गई. जेसे ही खाला रूम से निकली मैं ने जल्दी से अपने लंड को हाथ मे लिया ऑर मूठ मारने लगा..

अभी मैं अपने लंड पर मूठ मार रहा था कि अचानक खाला रूम मे एंटर हो गई. मैं ने जल्दी से लंड से हाथ हटा दिया. ऑर आइज़ क्लोज़ कर लीं. खाला ने मुझे देख लिया था मगर अंजान बनी रही ऑर कुछ नही बोली. वो बेड पर आ कर मेरे साथ लेट गई. ऑर अपना फेस दूसरी साइड पर कर लिया ओर मेरी तरफ बॅक कर लिया.

इसी तरह लेटे लेटे उन्हो ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने पेट पर रख दिया जिस की वजह से मैं उनके साथ बॅक से चिपक गया. अब मेरा लंड हार्ड था जो कि खाला के अचानक आने से अपना पानी भी नही निकाल सका.. अब मेरा हार्ड लंड मेरी खाला की गान्ड से टच होना शुरू हो गया.

hindi sex stories

मेरा लंड खाला की गान्ड से टच होना स्टार्ट हो गया. खाला की नरम गान्ड से मेरा लंड टच हुआ तो मेरा लंड ऑर ज़्यादा अकड़ गया.

मुझे खाला की नरम गान्ड बहुत अच्छी लग रही थी. मैं ने अपने आप को थोड़ा सा मूव किया तो मेरा लंड खाला की गान्ड की लकीर पर आ गया.

लंड जेसे ही खाला के गान्ड की लकीर पर आया. खाला के जिस्म को ऐक झटका लगा ऑर उन्हो ने मेरा हाथ अपने पेट पर ऑर टाइट कर लिया ऑर थोड़ा सा पीछे हो गई.

जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी गान्ड की लकीर के बीच मे फँस गया.

मुझे बोहत अच्छा लग रहा था. मैं ने अपने जिस्म को हल्का सा मूव किया तो मेरा लंड खाला की लकीर मे थोड़ा सा आगे हो गया.

खाला ने अपनी गान्ड को टाइट कर लिया. जिसकी वजह से मेरा लंड खाला की गान्ड के बीच मे फँस गया. मुझे बोहत अच्छा लग रहा था.

मैं ने आज तक कभी किसी लड़की के जिस्म को टच नही किया था. पहली लड़की मिली ऑर वो भी मेरी सग़ी खाला. मैं बोहत एग्ज़ाइटेड था.

एग्ज़ाइट्मेंट मे मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ. मैं अपने जिस्म को आगे पीछे मूव करने लगा. ऑर खाला को भी मज़ा आने लगा.

वो भी अपनी गान्ड को कभी टाइट कर लेती ऑर कभी खोल देती. इतनी देर से हम लोग ये सब कर रहे थे मगर आहिस्ता आहिस्ता.
ना खाला कुछ बोल रही थी ऑर ना मैं कोई आवाज़ निकाल रहा था.. मुझे तो मुफ़्त मे मज़े मिल रहे थे. मैं कुछ बोलना भी नही चाहता था कि कहीं ऐसा ना हो कि खाला को बुरा लग जाए ऑर वो किसी को बता दे.

जब मेरा लंड पानी छोड़ने वाला था तो मेरा दिल कर रहा था कि मैं अपना पूरा लंड खाला की गान्ड मे घुसा दूं मगर बीच मे शलवार थी जिस की वजह से मैं ऐसा नही कर सकता.

मैं ने ऐक हाथ से अपना ट्राउज़र नीचे किया ऑर अपना लंड बाहर निकाल कर अपना लंड खाला की गान्ड की लकीर मे घुसा दिया.

अब खाला की गान्ड ऑर मेरे लंड मे सिर्फ़ ऑर सिर्फ़ खाला की शलवार थी. मेरा बस नही चल रहा था कि मैं ऐक दम से खाला की शलवार उतार दूं.

झटके मारते मारते मैं ने ऐक 2 झटका ज़ोर से मारे ऑर खाला की गान्ड की लकीर मे उसकी शलवार के उपेर ही फारिघ् हो गया.

जेसे ही मैं ने अपना पानी निकाला मुझे कुछ सकून मिला. ऑर मैं ने अपना लंड वापस अपने ट्राउज़र मे डाल दिया.

खाला ने मेरा हाथ छोड़ कर अपना हाथ अपनी गान्ड पर शलवार के उपेर रखा जहाँ पर मेरे लंड का पानी लगा हुआ था. जो खाला की गान्ड को शलवार के अंदर से भी गीला कर रहा था. खाला ने मेरे पानी को हाथ लगाया. ऑर बेड से उठ कर वॉशरूम मे चली गई.

खाला जेसे ही रूम से बाहर निकली मैं ने आइज़ खोली. ऑर उठ कर खाला के पास गया. मैं ने देखा की वॉशरूम का डोर खुला हुआ है. ऑर खाला की बॅक साइड दरवाज़ी की तरफ है.

मैं छुप छुप कर खाला को देखने लगा.. खाला ने जल्दी से अपने कपड़े उतारे ऑर अपनी चूत मे फिंगरिंग करने लगी.

मैं पहली बार किसी लड़की का नंगा जिस्म देख रहा था. अपनी खाला को नंगा देख कर मेरा लंड फिर से हार्ड होने लगा.

खाला की बॅक दरवाज़े की तरफ थी. ऑर वो फिंगरिंग कर रही थी. उसको देख कर मैं ने अपना लंड ट्राउज़र से बाहर निकाला ओर मूठ मारने लगा.

मूठ मारते मारते जोश मे मेरा हाथ वॉशरूम के दरवाज़े पर लग गया.

जिसकी वजह से वॉशरूम के दरवाज़े की हल्की सी आवाज़ हुई. खाला ने ऐक दम घबरा कर पीछे मूड़ कर देखा. मगर मैं जल्दी से साइड मे होगया.

मैं डर गया था. ऑर शायद खाला ने भी मेरी ऐक झलक देख ली थी.
मैं जल्दी से बेड पर आ कर लेट गया.

डर के मारे मेरी गान्ड फॅट गई थी. ऑर मेरा लंड जो कुछ देर पहले किसी रोड की तरह टाइट था. खाला के डर की वजह से ऐक मरे हुए साँप की तरह हो गया था.

खाला जल्दी से रूम मे आई ऑर लाइट ऑन कर के मेरी तरफ देखा. मैं ने अपनी आइज़ को बिल्कुल हल्का सा ओपन रखा हुआ था ऑर मुझे नज़र आ रहा था सब कुछ

खाला मेरे क़रीब आई ऑर मेरी आइज़ ने देखने लगी. पता नही उन्हो ने क्या अंदाज़ा लगाया. उसके फेस पर ऐक स्माइल आई.

ऑर उन्होने वापस जा कर लाइट ऑफ की.

लाइट ऑफ करने के बाद वो मेरे साथ बेड पर आ कर लेट गयी. ओर ऐक बार फिर से मुझे हग कर लिया.

मैं भी अपने लंड का पानी ऐक बार निकाल चुका था. मैं ने भी खाला को हग किया ऑर फिर हम दोनो सकून से सो गये थे.

नेक्स्ट डे जब हम दोनो सुबह उठे तो एक दूसरे से कोई ज़िक्र नही किया.

खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर कहा कि “जाओ जा कर नहा लो". मैं तुम्हारे कपड़े निकाल देती हूँ.

मैं नहाने चला गया ऑर नहा कर खाला को आवाज़ दी ऑर कपड़े देने का बोला.

खाला कपड़े ले कर आई. और मैने अपना हाथ बाहर निकाला मगर खाला ने डोर को थोड़ा सा धक्का दिया और अपना फेस अंदर कर के मुझे देखा ओर कहा कि जल्दी से बाहर आ कर नाश्ता कर लो.

मैं बाहर आया तो खाला मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी. मैने शरम के मारे सिर झुका लिया.

फिर खाला ने मुझे कहा: तुम बैठो मैं भी जल्दी से नहा कर आती हूँ. मैं जब आवाज़ दूं तो मुझे मेरे कपड़े दे देना वॉशरूम मे.

मैने कहा की ठीक है.

खाला वॉशरूम मे गई ऑर वॉशरूम का डोर ओपन छोड़ दिया. और नहाने लगी. मैं इस एंगल पे बैठा था कि खाला मुझे नज़र नही आ री थी. नहाने से फारिघ् हो कर खाला ने मुझे आवाज़ दी ऑर कहा: कपड़े दे दो.

मैं खाला के कपड़े ले कर डोर के पास गया तो खाला एक दम से थोड़ी सी बाहर की तरफ हुई जिस की वजह से मुझे उनका एक मम्मा (ब्रेस्ट) नज़र आया. जब खाला ने देखा कि मैं उनका मम्मा देख रहा हूँ तो खाला ने जल्दी से मुझे कहा कि सॉरी. और अंदर हो गई.

जब खाला नहा कर निकली तो उनके कपड़े उनके गीले जिस्म के साथ चिपके हुए थे. जिस की वजह से उनके जिस्म का एक एक हिस्सा क्लियर नज़र आ रहा था.

मैं खाला के जिस्म को देख रहा था तो खाला बोली कि : क्या देख रहे हो मेरी तरफ.

मैने कहा : कुछ नही.

इतने मे मामी भी अपने रूम से निकल आई. और मामी ने कहा कि तुम दोनो बैठो. मैं नाश्ता लगाती हूँ. फिर मुझे पति के साथ जाना है 2 दिन के लिए.

मामी ने नाश्ता ला गया ऑर मामू को आवाज़ दी. मामू भी नाश्ता करने आ गये ऑर हम ने नाश्ता किया.

मैं खाला के साथ वाली चेयर पे बैठा हुआ था. तो खाला अपनी टाँग मेरी टाँग के साथ लगाने लगी.

मैने जल्दी जल्दी नाश्ता ख़तम किया और खाला से कहा कि मैं बाहर जा रहा हूँ क्रिकेट खेलने.

मामू ने मुझे कहा कि तुम बाहर ना जाओ. खाला घर मे अकेली है. अब हम लोग जा रहे हैं दो दिन बाद आएँगे . जब तक तुम ने घर से बाहर नही जाना. और खाला का ख़याल रखना है. मैने खाला की तरफ देखा ऑर कहा कि मैं खाला का बहुत ख़याल रखूँगा .

हम लोग नाश्ते से फ्री हुए तो मामी उठ कर अपने रूम मे चली गई. और तय्यारी करने लगी.
और मैं उठ कर टीवी लाउंज मे आ गया ऑर केबल पर मूवी देखने लगा.

खाला ने बर्तन वग़ैरह समेटे ऑर टीवी लाउंज मे आ कर मेरे साथ सोफे पर बैठ गई ऑर मूवी देखने लगी.

मामू भी वहाँ ही आ गये ऑर खाला से बोले : तुम अकेली बोर हो जाओगी . ऐसा करो कि तुम अपनी फ्रेंड को बुला लो 2 दिन के लिए.

खाला ने कहा कि नही भाई मैं ऐसे ही ठीक हूँ ऑर अयान (मैं) है ना मेरे साथ. मुझे कुछ प्राब्लम नही है.

मामू बोले नही यार. कम आज़ घर मे ज़्यादा बंदे होंगे तो मुझे कोई टेन्षन तो नही होगी ना.

अब खाला भी कुछ नही कर सकती थी क्यू कि बड़ा भाई बोल रहा था ऐसा करने को. तो खाला ने अपनी फ्रेंड जिसका नाम सोबिया है. उसको कॉल कर दी तो सब बात बताई.

सोबिया ने अपनी अम्मी से पार्मिशन ली ऑर कहा की ठीक है मैं कुछ देर मे आ जाउन्गी. जिस पर मामू थोड़ा रिलॅक्स हो गये. और अपने रूम मे चले गये.

खाला उठ कर घर की सफाई करने लगी. सब चीज़ें समेट कर खाला घर मे झाड़ू लगाने लगी.

खाला जब रूम से बाहर झाड़ू लगा रही थी तो मैं उनको देख रहा था. उनकी गोल गोल गान्ड मुझे बहुत अच्छी लग रही थी ऑर मुझे रात वाली हरकत याद आ गई.

रात वाली हरकत को याद कर के मेरा लंड खड़ा होने लगा. ऑर मैं उसको शलवार के उपर से पकड़ कर सहलाने लगा.

खाला ने जब बाहर से झाड़ू लगा ली तो टीवी लाउंज मे आ गई झाड़ू लगाने के लिए.

खाला ने दुपट्टा नही लिया हुआ था. जब वो मेरे सामने आई तो मुझे महसूस हुआ कि शायद खाला ने ब्रा भी नही पहना है. ये सोचते ही मेरा लंड एक दम से डंडे की तरह खड़ा हो गया.

मैने जल्दी से अपने लंड पर हाथ रख दिया ऑर अपनी टाँग के उपर टाँग रख दी.

खाला की नज़रो मे मेरा खड़ा हुआ लंड आ गया था. मैं घबरा गया था कि कहीं खाला को बुरा ना लग जाए.

खाला मुस्कुरा दी ऑर कमरे मे झुक कर झाड़ू लगाने लगी. जिस की वजह से खाला के मम्मे लटक कर कमीज़ से जुड़ गये थे.

मैं अपने लंड को बिठाने की बहुत कोशिश कर रहा था मगर लंड था कि सोने का नाम ही नही ले रहा था. मेरे माथे पर पसीना आ गया था कि अगर खाला ने मेरा खड़ा हुआ लंड देख लिया तो क्या होगा .

खाला मेरी हालत को फील कर रही थी ऑर एंजाय कर रही थी

खाला ने मेरे माथे पर पसीना देखा तो बोली: अयान तुम्हारी तबीयत ठीक है ना?

मैं: हाँ, हाँ हाँ मैं ठीक हूँ. तो खाला मेरे पास आई ऑर कहा कि ये तुम्हे इतना पसीना क्यू आ रहा है.

मैं: पता नही गर्मी है बहुत शायद इस वजह से.

खाला: नही गर्मी तो नही है इतनी

फिर खाला ने मेरे माथे पे हाथ लगाया ऑर बोली.

तुम्हे तो बुखार भी नही है. फिर क्या हुआ.

और इसी तरह खाला मेरे सामने खड़ी हुई थी ऑर मैं खाला के मम्मो की तरफ देख रहा था.

एक दम से खाला ने अपनी कमीज़ का पल्लू उठाया ओर मेरे माथे पर से पसीना सॉफ करने लगी.

कमीज़ का पल्लू उठाने की वजह से उनका पेट मुझे नज़र आने लगा. मैं खाला का पेट देख रहा था ऑर खाला मेरे माथे पर से पसीना सॉफ कर रही थी.

खाला जब मेरे सामने से पसीना साफ कर रही थी तो मैं सोफे पर बैठा हुआ था. और खाला मेरी टाँगों के बीच मे खड़ी हुई आहिस्ता आहिस्ता मेरा पसीना सॉफ कर रही थी.

माथे पर पसीना सॉफ करने के बाद खाला मेरे सिर पर बालों मे अपनी कमीज़ से पसीना साफ करने लगी. जिसकी वजह से खाला की कमीज़ थोड़ा सा ऑर उपर हो गई.

खाला ने मेरा सिर नीचे किया तो मेरा फेस खाला के पेट से टच होने लगा.

जेसे ही मेरा फेस खाला के पेट से टच हुआ “““मेरा लंड रोड की तरह सीधा खड़ा हुआ ऑर खाला की शलवार के उपर से उसकी चूत को टच करने लगा""".

खाला के निचले जिस्म को एक हल्का सा झटका लगा. मगर खाला अपनी जगह से हिली नही.

अब मेरा लंड शलवार के उपर से खाला की चूत को टच क्र रहा था तो खाला ने मेरा फेस अपने पेट पर दबा दिया. और ज़ोर ज़ोर से मेरे बालों पर फिंगर्स मूव करने लगी. अब एक ओर चेंजिंग भी आ गई थी कि खाला मेरे सिर मे फिंगर्स मूव करने के साथ साथ “‘अपनी चूत को भी मेरे लंड पर हल्का हल्का मूव करने लगी““

ऐसे ही चल रहा था कि अचानक घर के मेन डोर पर दस्तक हुई.
और खाला जल्दी से मुझसे अलग हुई.

खाला की आँखे लाल हो रही थी ऑर उनका साँस तेज तेज चल रहा था.

खाला ने मुझसे पूछा: अयान जानू अब कैसा फील कर रहे हो.

मैं: अब ठीक हूँ.

खाला के अचानक हट जाने से मैं एक दम घबरा गया ऑर मुझे अहसास भी नही हुआ कि मेरा लंड अभी तक खड़ा है. और खाला मेरे लंड को ही देख रही थी जो उस टाइम तकरीबन 6 इंच का था.

इसी दौरान दरवाजे पर फिर दस्तक हुई तो खाला ने अपने कपड़े ठीक किए ऑर मुझे कहा:

अयान तुम ठीक से हो कर बैठो. मैं दरवाज़ा खोलती हूँ.

मैने जब देखा तो मेरा लंड बिल्कुल सीधा खड़ा हुआ था.

मैं जल्दी से उठ कर वॉशरूम की तरफ भागा. ऑर खाला दरवाज़ा खोलने चली गई……

कहानी जारी रहेगी.............

प्रेषक :रेनू Hindi Porn Stories

दोस्तो, मेरी यह Hindi Porn Stories पहली और सच्ची कहानी है। मैंने इंटर कर लिया था और मेरा सेलेक्शन एयर फोर्स में हो गया था। मेरा सेलेक्शन १९९३ में हुआ था उसके बाद मैं दिल्ली में अपने मामा के घर रहता था। १९९४ में मुझे किसी कारणवश एयर-फोर्स से निकाल दिया क्योंकि दुबारा मेडिकल हुआ था और मैंने रिश्वत नहीं दी थी। एयर फोर्स वाले ऐडवांस में सेलेक्शन करते हैं और जैसे जैसे जरूरत होती हैं बुलाते रहते हैं।

एयरफोर्स से निकलने के बाद मेरा मूड काफी बिगड़ा हुआ था। मैं सुबह ५:३० पर नहा लेता था। फरवरी का महीना था।

मैं एक रोज सुबह नहा रहा था तो देखा कि एक लड़की जिसका नाम सपना था, वो अपनी छत पर खड़ी थी और मेरी तरफ इशारा कर रही थी। मैंने कोई खास ध्यान नहीं दिया क्योंकि मैं इन चीजों की तरफ खास तवज्जो नहीं देता और मेरे मामा का काफी रुतबा है। मुझे वैसे भी उनसे डर लगता था। इसी वजह से मैंने उसे ठीक तरह से नहीं देखा और सोचा कि शायद मेरे मामा के किसी बच्चे की तरफ देख रही होगी। उस वक्त मेरी उम्र अट्ठारह के आस पास होगी और उसकी उम्र भी मुझसे किसी भी सूरत में ज्यादा नहीं होगी।

अगले दिन वह अपनी छत पर खड़ी थी और मैं नहा रहा था। मैंने देखा तो वह मेरी तरफ इशारा कर रही है। मैंने अपने पीछे देखा कि कोई बच्चा तो नहीं खड़ा है, जिसकी तरफ वह इशारा कर रही है। मेरे पीछे कोई बच्चा नहीं था। अब मुझे पक्का यकीन हो गया कि वो मेरी तरफ ही इशारा कर रही है।

दोपहर बाद सपना मुझे मिली तो मेरी उससे बात करने की हिम्मत नहीं हुई और मेरा दिल धड़कने लगा, मैं उससे नहीं बोला। वह शाम को मुझसे मिली और उस वक्त अँधेरा हो रहा था, कहने लगी- तुम तो बिलकुल बुद्धू हो और कहने लगी मेरे साथ चलो ! मैं भैसों के लिए खल लेने जा रही हूँ।

मैं पहले भी उनके घर जाता आता रहता था क्योंकि मैं उसकी माँ को मौसी बोलता था और सभी को पता था कि मैं एक शरीफ लड़का हूँ, मैं कोई शरारत भी नहीं करता था, मेरा चाल-चलन भी अच्छा था !

मैं सपना के साथ बाज़ार चला गया! रास्ते में काफी प्लाट खाली पड़े थे। सपना मुझसे लिपटने लगी परन्तु मैं बहुत डर रहा था! फिर उसने मेरा लंड पकड़ लिया। वो तो एकदम से तोप की तरह सलामी दे रहा था। मैं सपना की चूचियाँ उसके सूट के ऊपर से ही दबाने लगा तो वह सिसकारी मारने लगी- आ आह ! और जोर से दबाओ ! इन्हें मसल डालो !

मैं और जोर से मसलने लगा क्योंकि मुझे कोई तजुर्बा नहीं था। अतः वह सिसकारी जोर जोर से भरने लगी। जाड़ा पड़ रहा था और जो घर पड़ोस में बने थे कभी उनमें आवाज न चली जाए इसलिए मैं काफी हद तक डर रहा था परन्तु वह नहीं डर रही थी। उसने अपनी सलवार और कमीज़ दोनों उतार दिए जिसके नीचे उसने कुछ भी नहीं पहन रखा था! मैं उसकी चूत पर हाथ फेर रहा था और वो मेरे लंड पर हाथ फेर रही थी क्योंकि मैंने लुंगी बांध रखी थी और उसके नीचे अंडरवीयर पहन रखा था। मैंने अपना अंडरवीयर नहीं उतारा। उसने कहा- मेरी चूत में अपना लंड बाड़ दो !

मैंने उसे नीचे लिटा लिया और उसके ऊपर लेट कर लंड उसकी फ़ुद्दी में घुसाने लगा पर वो तो अन्दर जा ही नहीं रहा था।

मैंने काफी कोशिश की परन्तु मैं इस काम के बारे में बिलकुल अनाड़ी था। मैंने उससे कहा- सपना, तुम खल लेकर आ जाओ, फ़िर दो घंटे बाद घर के बाहर मिलते हैं !

क्योंकि मुझे डर था कि मामा या मामी मुझे खाना खाने के लिए न ढूँढ रहे हो !

और ऐसा ही हुआ। मुझे घर जाकर पता लगा कि मेरे छोटे मामा जो बंगलौर में फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे हैं, वो आने वाले हैं !

छोटा मामा मुझसे केवल दो साल बड़ा है, मुझे बड़ी ख़ुशी हुई! जब मामा आ गया तो मैंने उससे सपना का जिक्र किया क्योंकि मैं और मामा आपस में एक दूसरे से कोई बात नहीं छुपाते और मित्रों जैसा बर्ताव करते हैं।

मामा एक नम्बर का चुदक्कड है, बचपन से ही यह बात मैं अच्छी तरह से जानता हूँ ! मामा सपना की बात सुनकर मुझे कुरेद कुरेद कर पूछ रहा था कि कहीं मैं झूठ तो नहीं बोल रहा हूँ।

मैंने उसे बताया और यकीन दिलाया। परन्तु सपना ने मुझसे कहा था कि यह बात मैं किसी को भी न बताऊँ, परंतु मुझे तो आग लगी थी और कुछ हो भी नहीं पाया था!

मामा ने अपने मकान की बाहर की तरफ किराये के लिए दो दुकानें बना रखी थी जिनमें एक दोतरफ़ा खुलती थी जिसमें कोई दरवाजा अथवा शटर नहीं था। जबकि दूसरी दुकान में दरवाजा बंद रहता था, जिसमे भैंसों के लिए खल पड़ी होती थी, क्योंकि मामा १०-१२ भैंसे रखते थे और दूध भी सप्लाई करते थे और सरकारी नौकरी भी थी। वे दिल्ली में एक स्कूल में टीचर हैं!

मैंने सपना को उस बंद दुकान में आने के लिए कह दिया और घर में मैंने और छोटे मामा ने दुकान में लेटने के लिए कह दिया। मामा योजना के अनुसार पहले दुकान में जाकर छिप गया। हमने दुकान की लाइट भी बंद कर दी थी। मैं सपना का बाहर ही इंतजार करता रहा, तब तक मामा दुकान में सो गया! कुछ देर बाद सपना आई तो मैंने उसे दुकान में अन्दर कर लिया और मामा के बराबर में ही उससे लिपट गया।

उसने पूछा- यह कौन है?

तो मैंने बताया- छोटा मामा है !

तो वह डर गई और जाने का लिए कहने लगी। मैंने कहा- यह तो सफ़र से आया है और थका होने का कारण सो गया है, यह नहीं जागेगा !

मैं सपना और अपने कपड़े उतार कर उसकी टांगो बीच आकर अपना लंड उसकी चूत पर लगा कर झटके मारने लगा। मेरे लंड का सुपाड़ा ही अन्दर जा पाया था। वह धक्का देने लगी और चिल्लाने लगी- मैं मर जाउंगी ! अपना लंड बाहर निकालो !

मैं भी डर गया, परन्तु मैंने चालाकी से मामा के पैर पर अपना घूँसा मार दिया जिससे मामा की नींद खुल गई। मामा जागते ही सारा किस्सा समझ गया और खुद सपना के ऊपर सवार हो गया और मुझसे कहा- इसका मुंह बंद करले नहीं तो रास्ता चल रहा है, हम मारे जायेंगे ! क्योंकि यह चिल्लाएगी, क्योंकि सपना की यह पहली चुदाई होने जा रही थी!

मामा ने जबरजस्ती उसकी चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया। फिर धीरे धीरे सपना शांत हो सकी और मस्ती लेने लगी और अपनी गांड उठा उठा कर नीचे से धक्के देने लगी। हमेशा से मैं और मामा एक साथ सोते थे! अब तो हमारी रोज की दिनचर्या बन गयी सपना रोज रात को १२ बजे के बाद आती और मैं और मामा उसे तबियत से चोदते !

यह सिलसिला हमारा लगभग एक साल तक चलता रहा। परन्तु उसके घर वालो को शक हो गया और हमने उससे मना कर दिया ताकि हमारी वहां बदनामी न हो सके, क्योंकि वो रात रात भर घर से गायब रहने लगी थी और शराब भी पीने लगी थी क्योंकि उसने कहीं और भी सम्बन्ध बना लिए थे।

हमारे बीच वाले मामा और बीच वाली मामी को पता लग गया था। मामा ने कहा कि कोई बात नहीं है, बच्चे हैं, इस उम्र में ऐसा होता है !

परन्तु हमारी बीच वाली मामी बोली कि तुम्हारी मम्मी और बड़ी मामी को बता देगी क्योंकि हमारी बड़ी मामी बड़ी कड़क और गुस्से वाली है। तो बड़े मामा को भी पता चलता और मेरे पापा को भी पता चलता ! परन्तु हम फिर भी मौका देखकर सपना के साथ सेक्स कर लेते थे।

उसके बाद उसकी शादी हो गई।

दोस्तों आपको मेरी कहानी कैसे लगी जरूर लिखियेगा। यह मेरी पहली कहानी है और मैं कोई लेखक नहीं हूँ. जैसे जैसे विचार आते रहे, मैं लिखता गया ! जल्दी ही आपसे रूबरू होता हूँ। आपके जवाब और विचार के इंतजार में !! Hindi Porn Stories

Sex Stories

बात उन दिनों की है Sex Stories जब मैं बैंगलोर में एक अर्धशासकीय कम्पनी में काम करता था। मेरे पास कॉलेज के बहुत सारे छात्र प्रोजेक्ट करने के लिये आते थे और मैं बहुत सिंसियरली उनको प्रोजेक्ट कराता था। मैं सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट ग्रुप में था इसलिये मेरे पास ज्यादातर कम्प्यूटर ब्रान्च के छात्र आते थे, जिसमें ज्यादातर लड़कियाँ होती थीं।

यहाँ मैं आपको बता दूँ कि बैंगलोर की लड़कियाँ बहुत ही आज़ाद ख्यालों वाली होती हैं। उनके कपड़े काफ़ी भड़कीले होते हैं … टाइट जींस … जिसमें उनका सुडौल पिछवाड़ा बहुत ही आकर्षक दिखाई देता है। लो कट टी-शर्ट जिसमें से उनके वक्ष का आधा भाग और उनके बीच का दरार काफ़ी उत्तेजक लगता है। ऊपर से वो कुछ ऐसा पर्फ़्यूम छिड़क के आती थीं जो मदमस्त कर देने वाला होता था।

मैं एक अच्छा ओरेटर हूँ इसलिये मेरे बात करने का अन्दाज़ लड़कियों को बहुत भाता है इसलिये लगभग सारी लड़कियाँ किसी ना किसी तरह से मुझे लाइन मारने की कोशिश करती रहती थीं। मैं उनका लाइन मारना, उनके साथ पिक्चर जाना, अम्यूज़मेंट पार्क्स में घूमना, वाटर पार्क्स में उनके भीगे बदन के साथ घूमना, उन्हें देखना इत्यादि तो इन्जॉय करता था पर उससे आगे बढ़ने की ना तो मेरी हिम्मत थी ना ही इच्छा।

मगर किस्मत को तो कुछ और ही मंज़ूर था।

मैं अपने सहयोगियों के साथ कैन्टीन में लन्च कर रहा था, कि अचानक ज़मील ने कहा “अबे देख … कितने बड़े-बड़े हैं इसके …”

मैंने सर उठाकर देखा … एक बीस-इक्कीस साल की लड़की अपनी दो सहेलियों के साथ लंच लेने आई थी, और जिसके बारे में ज़मील ने कमेंट किया था उसके स्तन वाकई बहुत बड़े थे … आम लड़कियों से काफ़ी बड़े … उसकी दोनों सहिलियाँ भी ठीक ठाक थीं।

मैंने कहा,”देखते हैं किसकी झोली में गिरती हैं … !”

ज़मील ने कहा,”तू ही तो है प्रोजेक्ट गाइड सभी लड़कियों का … तेरे पास ही आयेंगी … और कहाँ जायेंगी..”

मैंने कहा,”काश …!”

दोपहर में जब मैं लंच के बाद आकर अपने केबिन में बैठा तो मेरे एक सीनियर का फ़ोन आया, वो रिक्वेस्ट कर रहे थे कि मैं उनकी रिश्तेदार और उसकी सहेलियों का प्रोजेक्ट गाइड बन जाऊँ। मैंने हाँ कर दिया था..परंतु तब तक भी मैंने यह नहीं सोचा था कि ये वही लड़कियाँ होंगी जिन्हें हमने कैन्टीन में देखा था।

बहरहाल वो तीनों मेरे पास आईं, हैण्ड-शेक किया, अपने लो कट टी-शर्ट्स में से अपना यौवन दिखा-दिखा कर अपना इन्ट्रोडक्शन दिया, कुछ प्रोजेक्ट की बातें की, कुछ मुझे पटाने के लिये अदायें फेकीं (ताकि उनका प्रोजेक्ट ज़ल्दी और आसानी से हो जाये) और “थैन्क् यू सर” बोल के … अपने सुगठित, उन्नत … गोल-गोल … लुभावने … पिछवाड़े मटकाते हुये चली गईं।

पहली बार … जी हाँ पहली बार मुझे किसी लड़की ने इतना हिला कर रख दिया था। वैसे तो मैं शाम को ऑफ़िस से आकर सारी बातें भूल जाता हूँ पर उस दिन ऐसा नहीं हुआ … उसके उन्नत उरोज … उनके बीच की मादक दरार … उसके भरे-भरे नितंब … उसके रसीले और तराशे हुये होंठ … उसकी कमनीय आँखे (जो तकरीबन सभी साउथ इंडियन लड़कियों की होती हैं) … मेरे जेहन में घूम रहे थे।

दूसरे दिन मेरा मन काम में नहीं लग रहा था ..

मैं रह-रह के अपनी घड़ी की तरफ़ देख रहा था। आखिरकार वो आईं और इस बार ज़्यादा सज सँवरकर आईं, और कमनीय बन के आईं, और हाई-हील के सैंडिल पहन के आईं ताकि उनके नितंब और उभरे हुए दिखें … शायद उन्हें यह एहसास हो गया था कि मैं उनके पुष्ट नितंबों को निहारता था.. क्योंकि उनका प्रोजेक्ट गाइड यानि मैं, एक जवान और अविवाहित लड़का था।

तीनों एक से बढ़कर एक लग रही थीं पर मेरी नज़र तो उस बड़े उरोजों वाली … ‘शशि’ पर थी, जो उन तीनों में सबसे खूबसूरत भी थी। बहरहाल मैं यह दिखा था कि मैं बहुत नॉर्मल हूँ और तीनों को बराबर ट्रीट कर रहा हूँ। मैं उनको कम्प्यूटर पर कोड लिखने को कहता और पीछे बैठकर उनके सुडौल अंगों को देखता। उफ़ क्या ग़ज़ब का सम्मोहन था … जो मुझे उन अंगो को छूकर देखने को उत्तेजित करता था।

जब वो मेरे बगल में बैठती थीं और मैं की-बोर्ड में टाइप करता था तो कोहनी से जानबूझकर उनके उभारों को छूकर ’सॉरी’ बोल देता था … वो भी ’इट्स ओके’ कह देती थीं और उन्हें लगता था कि सर कितने शरीफ़ हैं। और आपको बता दूँ कि अच्छी और कुँवारी लड़कियाँ शरीफ़ और लल्लू से दिखने वाले लड़के पसंद करती हैं जिन्हें वो आसानी से अपने काबू में कर सकें।

पर उनको पता नहीं था कि उनसे पहले मैं जाने कितनों का प्रोजेक्ट गाइड था। पर समस्या यह थी कि तीनों अच्छी दोस्त थीं और उनमें से किसी एक को अलग करके कुछ करना मुश्किल काम था।

उस रात मैंने काफ़ी सोचा … आखिर एक आइडिया मेरे खुरापाती दिमाग में आ ही गया। अगले दिन मैंने यह दिखाना शुरू किया कि मुझे स्मिता और नेहा में ज़्यादा रुचि है … उनसे हँस-हँस के बातें करता … कभी कंधे पे हाथ रख देता … कुछ पूछती तो काफ़ी देर तक समझाता … उनके बहुत करीब रहता और ऐसी हरकतें करता कि शशि को जलन हो गई।

दो दिन ये रूटीन दोहराता रहा … और शशि का रुपगौरव और आत्मसम्मान कुचला जाता रहा। आखिर मेरी स्कीम ने काम किया … उस शाम सेशन खत्म होने से पहले शशि ने मुझसे पूछा,”सर ! आप मुझे मेरे कज़िन के घर छोड़ देंगे क्या?”

मैंने कहा,”व्हाइ नॉट !”

मैंने उसको अपनी पल्सर में लिफ़्ट दिया। रास्ते भर वो अपने बड़े-बड़े उरोज़ मेरे पीठ से छुलाती रही। मेरे अंगों में सिहरन सी दौड़ जाती और मेरे शिश्न में इतनी ज़्यादा कठोरता आ जाती जिसको पैंट में सम्हालना मुश्किल हो जाता।

अब रोज़ का यही क्रम बन गया था … धीरे धीरे उसकी हरकतें बढ़ने लगीं … पहले बाइक में मेरे कमर को पकड़कर बैठती थी, फ़िर जांघों को … एक दिन स्पीड ब्रेकर में उसका हाथ जांघ से फ़िसलकर मेरे पूरी तरह खड़े लंड पे पहुंच गया जिसको उसने, धोखे से या जानबूझकर पता नहीं, पर जोर से पकड़ लिया। बाद में उसने सॉरी बोला और मैंने कहा- कोई बात नहीं !

बात आई गई हो गई।

एक दिन उसकी कज़िन घर पे नहीं थी … मोबाइल पे लगाया तो उसने कहा कि आधे घंटे में आयेगी …

फ़ोन बन्द करके शशि बुदबुदाई,”अब मैं कहाँ जाऊँ आधे घंटे के लिये ?”

मैंने कहा,”मेरे घर !”

वो बोली,”ठीक है … मैं आपको चाय बनाके पिलाऊँगी !”

हम दोनों घर पहुंचे, चाय पी। फ़िर उसने कहा मैं थक गई हूँ, थोड़ी देर लेट जाऊँ?

मैंने कहा,”नो प्रॉब्लम !”

उसने बिस्तर पर लेट कर आँखे बंद कर ली और वहीं बगल में बैठकर ऊपर से नीचे तक उसके सारे जिस्म को अपनी आँखों से तोलने लगा। फ़िर मेरी आँखे उसके उरोजों पर अटक गई …

उसने करवट लिया और एक हाथ मेरे जांघ पर रख दिया। फ़िर कुनमुनाते हुये (जैसे नींद में होते हैं) उसने हाथ मेरे तने हुये लंड पे रख दिया। अब मैं बेकाबू होता जा रहा था।

अचानक उसने मेरे लंड को भींच लिया और कहा,”सर कितना बड़ा है आपका ये …”

मैं भौंचक्का रह गया।

उसने कहा,”ऐसे क्यों देख रहे हैं … क्या आपको मेरा इस तरह पकड़ना पसन्द नहीं?”

मैंने थूक गटका,” …ऐसी कोई बात नहीं !”

तो कैसी बात है सर … आप क्यों मुझे इग्नोर करते रहते हैं … स्मिता और नेहा मुझसे ज़्यादा अच्छी हैं क्या?”

मेरा तीर निशाने पर लग चुका था। ये सब कहते हुये उसने मेरा लंड छोड़ा नहीं था … बल्कि और भी जोर से पकड़ लिया था … मेरा लंड लोहे के रॉड की तरह सख्त हो चुका था। अंदर से मैं बहुत उत्तेजित हो चुका था पर बाहर से मुस्कुराते हुये बोला,”यह बात नहीं है शशि … मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो !”

उसने पूछा- आपको मुझमें क्या अच्छा लगता है?

मैंने कहा- तुम्हारे होंठ, तुम्हारे गाल … !

उसने कहा- और..?

वह कुछ और ही सुनना चाहती थी …

मैंने जारी रखा- तुम्हारे बड़े-बड़े बूब्स … तुम्हारे बट्स … मैं इन्हें महसूस करना चाहता हूँ … इनमें डूब जाना चाहता हूँ..!

उसने हस्की आवाज़ में कहा- आपको रोका किसने है सर … मैं तो कितने दिनों से यही चाह रही थी …

उसका इतना कहना था कि मैंने अपने होंठ उसके नर्म मुलायम होंठों पर रख दिये और दोनों हाथों से उसके स्तनों को टी-शर्ट के ऊपर से ही मसलने लगा …

इतने भरे-भरे कठोर और बड़े स्तन थे उसके कि लगता था अभी टी-शर्ट फाड़ के निकल पड़ेंगे। वह भी मेरे लंड को सहलाते हुये मेरा ज़िप खोलने की कोशिश कर रही थी। मेरा लंड इतना तन चुका था कि उसको बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला और उसको देखते ही उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं, किस करना भूल गई थी वो। ८-८.५ इंच का लंड .. उसपे ३ इंच का घेरा …

बाप रे ! उसने कहा।

घुटने के बल आकर उसने मेरा सुपाड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू कर दिया और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।

मैं सिसकारियाँ लेने लगा और खड़े-खड़े अपने हाथ नीचे करके जोर-जोर से उसके स्तन मसलने लगा … थोड़ी देर बाद मेरे लंड के टिप पे लसलसा सा प्रि-कम आ गया था जो उसने मजे से चाट लिया था।

अचानक वो खड़ी हुई … उसने मेरा एक हाथ अपने वक्ष से हटाया और अपने दोनों टाँगों के बीच वहाँ रख दिया जहाँ दहकता लावा था …

पहले तो मैं बाहर से ही सहलाता रहा … नापता रहा दोनों पंखुड़ियाँ … उनके बीच की दरार … जहाँ हल्की-हल्की रिसावट हो रही थी … मैंने और आगे उंगली घुसेड़ने की कोशिश की मगर फिर याद आया कि मैंने उसकी जींस तो उतारी ही नहीं थी। अब मैंने देर नहीं लगाई … फ़टाफ़ट उसकी जींस का बटन खोला … .फ़िर ज़िप … .फ़िर मैंने उसे अपने पैर से धीरे से नीचे सरका दिया …।

मैंने उसकी अंडरवियर के अंदर हाथ डाल के उसके झांटों को टटोलते हुये दरार पे उंगली फ़िराई …उसने सिसकारियाँ भरना शुरु कर दिया और अपने गुदाज नितंबों को आगे-पीछे करने लगी … मैंने अपनी एक उंगली धीरे से अंदर प्रविष्ट कर दी … वो चिहुँक उठी … .और अपना वस्ति-दोलन और तेज़ कर दिया …

उसने अपनी आँखें बन्द कर रखी थीं … ..मैंने उंगली को आगे पीछे करना शुरु कर दिया … उसने मेरे लंड को एक हाथ में लेकर उसके चमड़े को आगे-पीछे करने लगी … मेरा सुपाड़ा और मोटा होता जा रहा था … उसकी अंडरवियर गीली होती जा रही थी … वो और बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी … उसके मुँह से गूँ-गूँ की आवाज़ निकल रही थी।

अचानक मैंने उसकी अंडरवियर धीरे से नीचे सरका दी … और उसके दोनों टांगो के बीच फ़ँसी उस दरार को निहारने लगा जिसके पीछे ऋषि-मुनियों की तपस्या भंग हो गई थी फिर मैं तो क्षणभंगुर मानव था।

शायद उसको अपनी नग्नता का अहसास हुआ या जाने कैसे वो पीछे घूम गई … अब मेरा लंड उसके उन्न्त नितम्बों के बीच की खाई में झटके मार रहा था … ..मैंने उसके दोनों बूब्स पकड़े और पीछे सट गया … वो अपने चूतड़ मेरे मुन्ने पे रगड़ने लगी। आह … स्वर्गीय आनंद था … कामुकता … लस्ट … अपनी चरम सीमा पर थी। मैंने उसके गर्दन पे एक चुम्बन दिया … उसने कराहती सी वासना में लिप्त आवाज़ में कहा,”उँह …”

मैंने अपना एक हाथ उसके उरोज से हटाया और योनिद्वार पे फेरने लगा … एक छोटी सी … मटर के दाने जितनी घुंडी का अहसास हुआ … जाने क्यों मैं उस घुंडी को रगड़ने लगा और वो बेसाख़्ता सिसकारियाँ भरने लगी …

और मेरे लंड को अपने गोल-गोल नितम्बों को बीच फ़ँसाकर ऊपर-नीचे रगड़ने लगी … लग रहा था किसी लावा में रगड़ा जा रहा है … मैं अपने आपको संयत कर पाता कि अचानक वो अपने दोनों हाथ पलंग पे रखकर झुक गई और जन्नत का दरवाजा मेरे सामने था।

साँसें घुटती हुई सी लग रही थीं … धड़कनें थमी सी महसूस हो रही थीं … सीटी बजाने के आकार में सुकड़ा हुआ भूरा सा गुदाद्वार किसी खिले हुए जासबन फूल सा लग रहा था … उसके कुछ आधे इंच नीचे भूरे-भूरे रेशमी झाँटों के झुरमुट में जो दिखाई दे रहा था … वो ऐसा लग रहा था जैसे शशि के सेक्सी होंठों को किसी ने वर्टिकल कर दिया हो … थोड़ा गुलाबी … थोड़ा बादामी … ऐसा कुछ रंग था उन होंठों के बीच …

मेरे हाथ-पाँव भारी से होते जा रहे थे … मैं अपने घुटनों पर आ गया और जाने किस अनजान शक्ति ने मेरा मुँह उस खुशबूदार … तीन इंची दरार में टिका दिया … मेरी जीभ बाहर निकल आई और मैं कुत्ते की तरह उसकी कुँवारी बुर को चाटने लगा … कुछ नमकीन-कसैला सा स्वाद था …

अब वो कन्नड़ में कुछ अंड-बंड बकने लगी और अपने चूतड़ को आगे-पीछे करने लगी … मैंने अपने जीभ के आगे का हिस्सा नुकीला करके उस मुलायम से योनिद्वार में घुसा दिया … उसकी सिसकारियाँ रुकने का नाम नहीं ले रही थीं …

मैंने जीभ को मटर के दाने जितनी घुंडी पर गोल-गोल घुमाना शुरु कर दिया … उसके दरारों से और ज़्यादा नमकीन पानी रिसने लगा … लंड का तनाव काबू से बाहर होता जा रहा था …जो आम तौर पर ८-८.५ इंच का दिखता था … आज ९ इंच का दिख रहा था … सुपाड़ा अंगारा हो गया था … उतना ही गरम … उतना ही लाल … !

अपना दहकता अंगार मैंने शशि के सुलगते लावा में रख दिया … जिसे मैंने चाट-चाट के लाल कर दिया था … उफ़ क्या गरमी थी … क्या नरमी थी … । अपने गरम सुपाड़े को उसकी चूत के दोनों पँखुड़ियों के बीच रगड़ने लगा … … जहाँ लसलसे पदार्थ का झरना सा बह रहा था …

शशि अपना नियंत्रण खोती जा रही थी … उसके तन-मन में मादकता छा गई थी … उसने अपनी कमर को उछालना शुरू कर दिया …

मैंने धीरे से सुपाड़ा अंदर घुसेड़ने की कोशिश की …

कोशिश इसलिये कह रहा हूँ कि सुपाड़ा बार-बार फ़िसल जाता था … अंदर जा ही नहीं रहा था। इतनी चिकनाई होने के बावजूद उस नई चूत के छेद के लिये तीन इंच घेरे वाला लंड काफ़ी बड़ा साबित हो रहा था … ।

मैंने एक हाथ से उसके नितंब को थामा … दूसरे हाथ से अपने लंड को पकड़ा … उसे जन्नत के दरवाजे पर टिकाया और हाथ से पकड़े-पकड़े अपने चूतड़ों को एक जुम्बिश दी … सुपाड़ा अन्दर समा गया … अभी भी ८ इंच का फ़ड़कता हुआ रॉड बुर के बाहर था … बैंगलोर के उस सुहाने मौसम में भी मैं पसीने-पसीने हो रहा था …।

अब मैंने लंड को छोड़ा … अपने आपको सीधा किया … गहरी साँस ली … दोनों हाथों से उसके गोल-गोल सुडौल नितंबों को थामा …नज़रें जासबन फूल पे टिकाई और अपने चूतड़ों को जबरदस्त झटका दिया … अब तकरीबन ४-४.५ इंच अंदर था..। अंदर तो भट्टी दहक रही थी … सब कुछ गरम-गरम महसूस हो रहा था …

शशि कराह रही थी …

थोड़ी देर तक हम दोनो ऐसे ही निश्चल रहे …लंड आधा ही अंदर था … मेरा लंड अंदर के कसाव के बावजूद फड़क रहा था …शशि चुपचाप मेरे लंड का फड़कन महसूस कर रही थी। … मैं भी उसके योनि की मांसपेशियों का संकुचन और विस्तार (फैलना और सुकड़ना) को महसूस कर रहा था।

करीब एक मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद उसने अपने आपको आगे पीछे हिलाना शुरू किया … अभी भी लंड का आधा हिस्सा बाहर ही था … मुझे याद नहीं आ रहा है जाने कब मैं कुत्ते वाली स्टाइल में उसके ऊपर झुक गया था … उसके दोनों स्तन मेरे हाथ में थे और मैं पीछे से उसका बुरमर्दन कर रहा था।

मैं रफ़्तार पकड़ चुका था … और शशि भी अपने कूल्हों को हिला-हिला कर पूरा साथ निभा रही थी। उसकी हस्की और सेक्सी आवाज़ मुझे और उत्तेजित कर रही थी …

वो बड़बड़ा रही थी,” पुश इट् हार्ड … पुश दैट मोर इनसाइड … ऊह … ओ गॉड … आह..ऊँहु … ” और जाने क्या-क्या … ।

अचानक उसका पूरा शरीर बुरी तरह काँपने लगा … ऐसा लग रहा था कि उसके हाथ पैर उसका बोझ नहीं सम्हाल पा रहे हैं … उसके नितंबों में अजीब सी थरथराहट हो रही थी … और मैं था कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।

अचानक शशि भरभराकर कोहनियों के बल ज़मीन पर आ गई … उसका पेट और बूब्स ज़मीन पर टिके थे पर नितम्बों वाला हिस्सा ऊपर उठा हुआ था … मैंने अपना लंड एक इंच पीछे खींचा … उसकी कमर दोनों हाथों से पकड़ा और दोनों कूल्हों के बीच निहारा … उसके फ़ाँकों के बीच फ़ंसे अपने खुद के अंग को देखकर मैं इतना उत्तेजित हो गया कि पूरी ताकत के साथ लंड को वापिस पेल दिया …

शशि बोली,”ओ गॉड … यह तो यूटेरस (बच्चेदानी) में टकरा रहा है … “

इतना कहते ही उसके बुर से तेज धार सी निकली और मेरे झाँटों की भिगोती चली गई … मैं दुगनी रफ़्तार से भिड़ गया …

थोड़ी देर में मेरे लंड में अजीब सी ऐंठन हुई और पता नहीं कितना वीर्य उसके बच्चेदानी के छेद पे न्यौछावर हो गया …

बस इतना पता है कि उसने कहा..”ओह गॉड … .इतना सारा … “

मैं उसके खुशबूदार शरीर से चिपट गया … उसके स्तनों को मसलने लगा … मेरा लंड उसकी योनि में फैलने-सुकड़ने लगा … उसने पता नहीं क्या किया … ऐसा लगा जैसे मेरे लंड का पूरा रस अपने बुर को टाइट करके निचोड़ रही हो।

मैं उसकी सुराहीदार गर्दन को चूमता जा रहा था … हम दोनों तरबतर हो चुके थे … तन से भी … मन से भी …

आज बस इतना ही …

अगली बार मैं आपको बताऊँगा कि कैसे शशि ने रति-पश्चात-क्रीड़ा में चूस-चूसकर मेरे लंड को खड़ा किया … अपने मोबाइल में उसकी फोटो खींची … और कैसे दूसरे दिन लैब में स्मिता और नेहा को दिखाया …

फिर कैसे बारी-बारी दोनों ने मुझसे लिफ़्ट माँगा … और फिर … Sex Stories

दोस्तो, Sex Stories

मेरा नाम राहुल है Sex Stories और मेरी उम्र 24 साल की है।मैं मुम्बई में नौकरी करता हूँ और रहने वाला इन्दौर का हूँ।

मैंने अन्तर्वासना पर काफी कहानियाँ पढ़ीं, और मुझे भी लगा कि मुझे भी अपनी कहानी अन्तर्वासना को भेजनी चाहिए। अब मैं आपको अपनी कहानी सुनाता हूँ।

आज से तीन साल पहले मैं मुम्बई नौकरी करने आया था।
तब मुम्बई मेरे लिए अजनबी शहर था, इसलिए मुझे मेरा अकेलापन खलता था, मुझे भी एक अच्छी दोस्त की ज़रूरत थी ताकि मेरा समय भी कट सके और मेरी काम-इच्छा भी पूरी हो सके।

मैंने बहुत प्रयास किया पर किसी भी अमीर और ख़ूबसूरत लड़की को पटा नहीं सका क्योंकि यहाँ की लड़कियों को पैसे वाले लंड पसन्द आते हैं।

तो मैंने आख़िर में एक मध्यम-वर्गीय लड़की जो दूसरों के घरों में काम करने जाती थी, उसको अपनी नौकरी और पैसे की झलक दिखलाकर पटा लिया।
मेरी उससे फोन पर बातचीत भी शुरु हो गई।

एक दिन शाम को मैंने उसे अपने घर बुलाया यह कह कर कि मेरी तबीयत ख़राब है और मेरे सभी दोस्त घर गए हैं। तुम मेरे लिए खाना बना दो, वरना मुझे भूखा ही सोना पड़ेगा।

मेरी तबीयत ख़राब है, यह सोचकर वो मेरे लिए खाना बनाने मेरे फ्लैट में आ गई।

मैं कई दिनों से इसी ताक में था कि कब मेरे दोस्त लोग फ्लैट पर ना हों और मैं उस कामवाली को चोद दूँ।

उस दिन जब वो मेरे फ्लैट में आई तो मैं खुश हो गया।

मैंने उसे किचन दिखा दिया, जब वो खाना बनाने की तैयारी कर रही थी, तो मैंने धीरे से उसके पीछे जाकर थोड़ा सा चिपक कर खड़ा हो गया।

वह अचानक मुझे पीछे देखकर घबरा सी गई और बोली, “आपकी तबीयत ख़राब है, आप जाकर आराम कीजिए … मैं खाना बना दूँगी.”

मैं उसकी बात सुनकर उससे थोड़ा और चिपक गया।
इससे पहले कि वो कुछ कहती मैं उसकी दोनों चूचियों को एक बार ज़ोर से दबा दिया और फिर सहलाने लगा।

पहले तो उसे बहुत डर लगा, लेकिन बाद में धीरे-धीरे सहलाने से उसे मज़ा आने लगा और वो आँखें बन्द कर मज़े लेने लगी।

मैंने लोहा गरम होते देख उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा। मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी पैन्टी में डाल दिया और उससे पहले कि वह कुछ विरोध करे, मैंने उसकी चूत में उँगली डाल दी, और ज़ोर-ज़ोर से आगे-पीछे करने लगा।

वो अब सब कुछ भूल कर मदहोश होने लगी।

मैं उसे किचन में ही नंगा करने लगा और वो कुछ नहीं बोली।

थोड़ी ही देर में वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। उसके शरीर पर एक भी तिनका कपड़ा का नहीं बचा था।

उसे इस तरह देखकर मेरा लण्ड तुरन्त खड़ा हो गया।

अब वो भी जोश में आकर मेरे कपड़े उतारने लगी और मैं भी उसकी मदद करते हुए जल्दी से पूरा नंगा हो गया।

मैंने अब अपना लंड उसके मुँह में डालना चाहा तो शर्म के मारे उसने मना कर दिया।

फिर मैंने दूसरा तरीका अपनाया।
मैंने अब उसे ज़मीन पर सुला कर उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया और उसकी चूत को ज़ोरों से चाटने लगा।
अब उसने मस्ती और मदहोशी में चूर होकर अपनी आँखें बन्द कर लीं।

मैंने इसी बात का फ़ायदा उठा कर उसकी चूत चाटते-चाटते ही 69 की मुद्रा में आ गया और मेरा लण्ड उसके होंठों पर रख दिया।
पर इस बार भी उसने मना कर दिया।
मैं नाराज़ होने का नाटक करने लगा और कपड़े पहनने लगा।

अब तक तो वह इतनी गरम हो चुकी थी कि मुझसे चुदवाने के लिए कुछ भी करना पड़े तो वो कर सकती थी।
उसने तुरन्त मेरे लण्ड को मुँह में भर लिया और उसे आईसक्रीम की तरह चूसने लगी।

मेरी योजना सफल हो गई, मैं बहुत खुश हुआ। आज तो जैसे लकी ड्रा ही निकल आया था मेरे लिए!

अब हम दोनों 69 की स्थिति में थे। मैं उसकी चूत चाट रहा था, और वह मेरा लंड चूस रही थी।

क़रीब आधे घंटे तक मैंने उसके मुँह की चुदाई की, इसी दौरान वह एक बार झड़ चुकी थी और मेरे लंड ने भी उसके मुँह में एक बार उल्टी कर दी थी।
वो उस सफेद गाढ़े द्रव को पूरा पी गई।

अब तक आग दोनों ओर भड़क चुकी थी।
मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और अब उसकी चूत में डालने लगा लेकिन उसकी चूत काफी तंग थी, अतः मैं असफल हो गया।
उसकी सील शायद अभी तक नहीं तोड़ी गई थी।

मैंने किचन से तेल लेकर अपने लंड पर और थोड़ा तेल उसकी चूत पर भी लगा दिया और फिर से चूत में लंड डालने लगा।

इस बार मैंने उसकी चूत में एक ज़ोर का झटका दिया और लंड दो इंच तक अन्दर घुसा दिया।

इस झटके से वो तड़प उठी और ज़ोर से चिल्लाई। मैंने उसका मुँह तुरन्त बन्द कर दिया और साथ ही एक और झटका दिया तो उसकी आँखों से आँसू निकल आए।

मैं डर गया तो मैंने उसके मुँह से हाथ हटा लिया।
वो बहुत रोई, अब उसकी चूत से खून निकल रहा था।
मैंने उससे धीरे-धीरे चोदने का वादा करके फिर से राजी किया।

अब मैं अपनी कमर धीरे-धीरे चला रहा था और ऐसे ही धीरे-धीरे अपना ८ इंच लम्बा लंड उसकी चूत के अन्दर गाड़ ही दिया।

थोड़ी देर में दर्द कम होने की वज़ह से उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ अपनी चूत हिला-हिला कर देने लगी।
अब उसे मज़ा आने लगा था और वो ख़ुद बोल रही थी- ज़ोर से चोदो मुझे, और ज़ोर से, फाड़ दे आज मेरी चूत, बुझा दे आज इसकी प्यास … फाड़ दे साली चूत को और ज़ोर से!

मैं भी उसकी बात सुनकर जोश में आकर ज़ोरों के झटके मारने लगा।

थोड़ी देर बाद मैंने उसे कुतिया बना कर उसकी चुदाई की। लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई और उसके 2 मिनट बाद मुझे भी लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुँह में चुदाई करनी शुरु कर दी।
और अन्त में मैं भी उसके मुँह में झड़ गया।

उसने फिर मेरे लण्ड का सारा पानी पी लिया और मेरे लण्ड को चाट-चाट कर साफ कर दिया।

उसके बाद हम दोनों किचन से निकल करक साथ में नहाने चले गए।
नहाने के बाद मैंने उसे अपना मोबाईल देकर कहा कि अपने घर फोन करके कह दो कि आज तुम मैडम (जिसके घर वह काम करती थी) के यहाँ रुकोगी, क्योंकि उनके पति घर पर नहीं हैं, तो उन्होंने मुझे आज रात यहीं रुकने को कहा है।

उसने घर पर यही बता दिया।
उसके घर वालों को कोई आपत्ति नहीं थी।

हमने होटल से खाना मँगवा कर खाया।
उसके बाद फिर दोनों नंगे ही बिस्तर पर सो गए।

रात में मैंने उसकी चार बार चुदाई की और एक बार गाँड भी मारी।

पर सबसे ज़्यादा मज़ा मुझे उसकी गाँड मारने में आया था.

उस रात की चुदाई के बाद वो जब भी मुझसे बात करती तो यही कहती- अब आपकी तबीयत कब ख़राब होगी?
और मैं जब भी अपने फ्लैट पर अकेला होता तो उसे किसी ना किसी बहाने बुलाकर चुदाई का खेल खेलता।

दोस्तो, यह थी मेरी कहानी।
बाद में मैंने इन्दौर में भी एक शादीशुदा आन्टी की चुदाई की थी जिसका किस्सा मैं अगली कहानी में सुनाऊंगा।

यह कहानी आपको कैसी लगी।

लेखक की अगली कहानी: मेरी पहली ग्राहक Sex Stories

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆