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मैं पंजाब से अंश आज मैं आपको Sex Stories एक ऐसी बात बताने जा रहा हूँ जो मेरे साथ हुआ था।
पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूं ! मैं २४ साल का हूँ। मेरा कद ६” फीट है। दिखने में ठीक ठाक हूँ। मेरी एक गर्ल-फ्रेंड हुआ करती थी उसका नाम मीना था। वो बहुत खूबसूरत थी।
अब असली बात पर आता हूँ। जहा हमलोग रहते थे वहां से थोड़ी ही दूरी पर मेरी गर्ल-फ्रेंड मीना का घर था, उसके मम्मी को मैं आंटी कहा कर बुलाता था, असल में वो लोग पंजाबी है और आप लोग तो जानते ही हैं कि पंजाबी महिलाएँ कितनी गर्म और सेक्सी लगती हैं, मीना से ज्यादा अच्छी उसके मम्मी लगती थी, उनका नाम उषा था, आंटी की उम्र ३५ के आस पास थी। लेकिन देखने में बिल्कुल भी इतनी उम्र की नहीं लगती थी, गोरी लम्बी और बहुत खूबसूरत थी, हम लोगों को यह पता था कि उनके पति उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाते हैं।
आज से ६ साल पहले की बात है, नवम्बर का महीना था, मैं आपने घर पर अकेला ही था। मैं जब भी नहाता हूँ तो काफी समय लगाता हूँ। मुझे नहीं मालूम था की आंटी कब मेरे घर में आ गई। मैं अपनी ही धुन में गाना गाते हुए बाथरूम से बाहर निकला। मैं बिल्कुल नग्न था और मेरा लण्ड खड़ा था।
आंटी को मालूम था कि मेरे घर पर कोई नहीं है। बाहर आते ही सबे पहले मैंने अपने लण्ड पर तेल लगाना शुरू कर दिया। मुझे नहीं पता था कि आंटी मुझे दरवाजे से देख रही हैं। मैं तेल लगाने के बाद बेड पर लेट गया बिल्कुल नंगा ही। आंटी ने जब मेरा पूरा खड़ा हुआ लण्ड देखा तो उन्होंने अपनी सलवार में हाथ डाल कर अपनी चूत में ऊँगली करनी चालू कर दी और आंटी के मुँह से आ आअ आआआ आअ …। येस येस येस येस येस येस की आवाजे आ रही थी।
मैं डर गया कि कोई आ गया है। मैंने जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहन लिए और दरवाजे पर देखने के लिए चला तो देखा कि आंटी जा रही हैं।
दोस्तों ! आप तो समझ ही गए होंगे कि जब कोई आपसे बड़ा आपको ऐसी हालत में देख ले तो क्या होगा। मैं बिल्कुल ही डर गया था कि आंटी मेरी मम्मी को बता ना दें।
मैं डर के मारे अपनी गर्ल-फ्रेंड को मिलने भी नहीं गया और ना ही उससे बात की। आंटी को पता था कि मैं उनकी बेटी से प्यार करता हूँ। ३-४ दिन निकल गए। मीना रोती हुई मेरे पास आई और कहने लगी कि तुम आजकल मु्झसे बात क्यों नहीं करते हो?
मैं कुछ नहीं बोला और वहां से चला गया। मीना ने अपनी मम्मी से बात की और उनको बताया कि अंश मुझसे बात नहीं कर रहा और रोती हुई अपने कमरे में चली गई। आंटी ने कहा- मैं अंश से बात करती हूँ !
मेरी मोम घर पर थी तो इसी वजह से ठीक तरह से बात नहीं हुई ! तो आंटी ने कहा कि मैंने तुमसे मीना के बारे में करनी है।
मैंने कहा मैंने भी आपसे बात करनी है।
तो वो मेरा मोबाईल नम्बर ले कर चली गई और जाते जाते कह गई कि मैं रात को कॉल करूंगी ११बजे।
मैंने कह दिया- ओके !
मैं डरा हुआ था कि कहीं उन्होंने मेरी बात मोम से तो नहीं कर दी ! मैं रात की इन्तज़ार करने लगा ! आंटी का कॉल आई ! मैंने डरते डरते फ़ोन उठाया और बात करनी शुरू कर दी। उनसे पहले मैंने कहा- आपसे मैं एक बात पूछ सकता हूँ कि उस दिन जब आपने मुझे नंगा देखा था तो आपने मेरी मोम से कोई बात तो नहीं की?
इस बात पर आंटी हँस पड़ी और कहने लगी कि ये बातें भी कोई किसी से बताता है लल्लू !
आंटी की बात सुन कर मेरी जान में जान आई !
फ़िर मैंने कहा कि किसी को नंगा देखना भी गलत बात है।
वो फ़िर से हँसी !
मैंने कहा- मैंने कोई मज़ाक नहीं किया है !
वो कहने लगी- जब एक अच्छा लण्ड मुझे देखने को मिल रहा है तो मैं क्यों ना देखूँ !
मैं एकदम अचम्भे में आ गया कि आंटी कैसी बातें कर रही हैं।
आंटी ने कहा- अपनी बातें हम दोनों बैठ कर करेंगे ! तुम मीना से कोई भी बात ना करना हम दोनों की !
मैंने कहा- ठीक है और आप भी किसी से मत करना !
ओके ! यार तुम प्लीज़, मीना से बात करना चालू रखो !
मैंने कहा- ठीक है !
आंटी ने पूछा- तुम शनिवार को क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- मैं बिल्कुल फ्री हूँ ! आपको कोई काम है तो मुझे बता दो, मैं कर दूंगा !
आंटी ने कहा- तुम ही कर सकते हो !
मैंने अंदाजा लगाया कि आंटी ने मेरे से घर का कुछ काम करवाना होगा इसी वजह से आंटी ने मुझे बुलाया है !
मैंने कहा- घर का काम ही करना है कर दूंगा !
मैं मीना से मिलने लगा, मीना बहुत खुश थी ! मुझे मीना ने शुक्रवार को ही बताया कि शनिवार को मीना ने आपने मामा के यहाँ जाना है !
मैंने कहा- ठीक है तुम हो आओ पर मुझसे मोबाईल पर बात जरूर करना। और वो चली गई !
शनिवार को मीना का फ़ोन आया कि मैं जा रही हूँ !
मैं उसे सी ओफ़ के लिए मीना के घर पर गया, एक स्मूच किया और उसे जाने दिया !
आंटी ने कहा- कब आओगे तुम !
मैंने कहा- मैं बीस मिनट के बाद आता हूँ !
मैं बीस मिनट के बाद गया तो आंटी ने एक गाउन पहना हुआ था ! मैंने पूछा तो कहने लगी- मैं घर पर यही पहनती हूँ !
मैंने पूछा- बताओ आंटी ! मैं क्या करूं आपके लिए?
तुमको मुझे कुछ करना होगा !
मैंने पूछा- आपको हँसाना है? ये भी कोई बड़ी बात है आंटी ! ये तो अभी लो !
आंटी को गु्स्सा आ गया और कहने लगी- ८” का लण्ड है और २.५” मोटा है और कहता है कि मैं आपको अभी हँसा देता हूँ और गालियाँ देने लगी ! मैं डर गया और चुपचाप सब कुछ सुनता रहा !
आंटी को लगा कि उन्होंने मुझे काफी डरा दिया है ! फ़िर उसने कुछ नहीं देखा और सीधे मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया ! मैं तो बिल्कुल हक्का बक्का रह गया ! और अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया और कहने लगी- अंश ! मैंने जब से तुम्हारा लण्ड देखा है मैं तुमसे चुदवाने के लिए तड़प रही थी। कितने दिनों के बाद आज मौका मिला है। अंश मुझे प्यार करो और मुझे तृप्त कर दो !
मैंने कहा- आप मेरी गर्ल-फ्रेंड की मोम हो !
कहने लगी- अगर तूने मुझसे प्यार नहीं किया तो मैं तुझे बदनाम कर दूंगी !
मैंने कहा- आप जो कहोगी मैं करूंगा ! पर आप मुझसे एक वादा कीजिए कि आप मीना को कुछ नहीं बताएंगी !
आंटी ने कहा- मैं वादा करती हूँ !
आंटी ने मेरी पैंट उतार दी और मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और पूरा लण्ड उनके मुँह में नहीं जा रहा था।
मैंने कहा- आंटी ! आराम से चूसो !
तो कहने लगी- बड़ी मुद्दतों के बाद ऐसा लण्ड मिला है, आज तो इसे नहीं छोड़ूंगी !
आंटी ने सारा ही लण्ड अपने मुँह में ले लिया उनकी आंखें बाहर आ रही थी पर फ़िर भी वो लण्ड को मुँह से बाहर नहीं निकाल रही थी ! अब मुझे मजा आने लगा था ! मैंने आंटी का मुँह पकड़ा और अंदर बाहर करने लगा ! मैं अब झड़ने वाला था।
मैंने कहा- आंटी ! मैं झड़ने वाला हूँ तो आंटी ने कहा कि मेरे मुँह में ही झड़ना !
मैंने एक जोर का धक्का लगाया और उनके मुँह में ही सारा झड़ गया !
आंटी ने कहा- अब तुम्हारी बारी है !
मैंने आंटी की चूत में मुँह दे दिया ! आंटी की चूत में मैं इतना मग्न हो गया कि आंटी कह रही थी मुझे- साले बस कर आ आआआ आआ आआ आ आ बस कर चूत को खा जाएगा क्या ?आंटी झड़ने वाली थी, उन्होंने मेरा मुँह पकड़ लिया और पानी छोड़ दिया !
हम दोनों ऐसे ही घर में घूमते रहे ! आंटी ने मुझे पानी पिलाया और खुद भी पानी पीया ! आंटी रसोई में गई तो मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया ! आंटी कहने लगी- पहले तो आता नहीं था, अब मेरे पीछे ही हो अपना लण्ड हाथ में लिए !
मैंने आंटी को झुकाया और कहा कि मैं आपकी पीछे से चूत मारना चाहता हूँ !
आंटी ने कहा- यह भी कोई पूछने की बात है ! मेरे राजा ये सारा जिस्म ही तुम्हारा है !
मैंने आंटी को झुकाया और अपना लण्ड अंदर डालने लगा तो आंटी कहने लगी कि यह तो बहुत बड़ा है, मैं मर जाऊंगी !
मैंने कुछ नहीं सुना और लण्ड अंदर डालने लगा ! आंटी की चूत का साइज़ काफी छोटा था या फ़िर कहो कि अंकल के लण्ड का साइज़ छोटा था ! आंटी ने चिल्लाना शुरू कर दिया !
मुझे तो एसा लगा कि मैं किसी कुँवारी की चूत में अपना लण्ड डाल रहा हूँ ! ३” ही अंदर गया था और आंटी चिल्ला रही थी-आ आ आआ आ आअ….आ आआ आ…आआआ धीरे धीरे !
अभी आधा ही अंदर गया था कि आंटी ने रुकने को कहा और कहने लगी- मार दिया जालिम तूने आज ! पर मुझे पता है कि बाद में म़जा भी आएगा ! आंटी ने थोड़ी देर बाद कहा- देख ! अब रुकना नहीं जितना चाहे मैं कहूं रुकने को !
मैंने कहा- ठीक है ! मैंने लौड़े को अंदर करना शुरू कर दिया ! आंटी की आँखों से आंसू आ रहे थे पर फ़िर भी आंटी मुझे रोक नहीं रही थी ! जब पूरा लण्ड आंटी की फ़ुद्दी में चला गया तो आंटी ने कहा- बस रुको और मैं रुक गया !
५-७ मिनट के बाद आंटी हिलना शुरु हो गई !
मैंने कहा- आंटी ! बड़े मजे कर रही हो मेरे लण्ड से !
बाते ना करो ! बस अब चोदो ! आ आआ आआआ… आआअ… चोदो… चोदो… फार डाल आज इस चूत को छोड़ना मत !
आआआ… आआआआ आअ… चोदो… चोदो… फाड़ डाल आज ! इस चूत को छोड़ना मत ! जियो मेरे राजा ! मैं बारे मजे से लण्ड चूत में अंदर बाहर कर रहा था ! अब मैंने उसकी एक लात को हाथ में पकड़ लिया ! अब पूरा लण्ड उसकी चूत में जा रहा था और उसके मूमे भी जोर जोर से दबा रहा था !
आंटी अब एक ही बात कह रही थी ….चोदो ….चोदो ….फाड़ डाल आज इस चूत को छोड़ना मत जियो मेरे राजा !
मै बोला- इतनी चिकनी फ़ुद्दी देख कर मेरा लण्ड पागल हो गया है। इसे धीरे का मतलब नहीं मालूम। और मै उसके चूत में फचा-फच करके अपना लण्ड तेजी से अन्दर-बाहर करने लगा। वो भी अपनी गांड पीछे करके धक्को में साथ देने लगी और साथ-साथ बोले जा रही थी। आआआआ… चोदो ओ ओ… अंश. ओ. अपनाए लण्ड से .. फाड़ डालो ओ.. आअज मेरी चो .. चूत को ओ.. बहुत मज़ा आ रहा है…आआह्ह्ह ऐसे ही …
इधर मै भी पूरे जोश में उसकी चूत में अपना लण्ड ठोक रहा था। और फ़िर अपने हाथ को आगे ले जाकर उसके झूलते मुम्मो को थाम के तेज़ी से चोद रहा था..। आ अ अह ह ह !
इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी..
फ़िर जब मै झड़ने के करीब आया तो उसकी कमर को पकड़ के ताबड़तोड़ झटके मारने लगा और २०-२५ धक्को के बाद हम दोनों साथ-साथ झड़ गए। उनकी चूत दोनों के रस से भर गई और उसके जांघो पे नीचे बहने लगा। ५ मिनट बाद हम अलग हुए और अपने कपड़े ठीक करने लगे। फ़िर उसने मुझे गले लगाकर एक लंबा चुम्मा किया। फ़िर उसने कहा- डार्लिन्ग ! आज सच में चुदाई का सही मज़ा आया…
फ़िर हमारे बीच ये चुदाई का खेल चलता रहा। उसने मुझे २ और चूत दिलाई। एक तो सील थी। फ़िर जैसे मेरे लिए तो जन्नत के दरवाजे ही खुल गए। Sex Stories
मैं राकेश, राजस्थान से, एक Sex Stories अच्छे व्यक्तित्व वाला और अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ। मैं आप को एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
मेरा एक दोस्त है राहुल। राहुल और मैं साथ साथ पढ़े लिखे, मगर राहुल की शादी मुझसे पहले हो गई। राहुल एक पायलट है। उसकी शादी शिमला की निधि नाम की लड़की से हुई थी। वो जब भी बाहर जाता मुझे हमेशा कह कर जाता कि निधि का ख्याल रखना। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।
एक दिन मैं भाभी के घर गया, दरवाज़ा बन्द था, मैंने बेल बजाई मगर कुछ देर तक कोई नहीं आया। कुछ देर बाद राहुल की 3 साल की बेटी ने दरवाज़ा खोला।
मैंने उससे पूछा- मम्मी कहाँ है?
तो वो बोली- मम्मी अपने कमरे में काम कर रही हैं, मैं उसके कमरे की तरफ़ गया, मुझे वहाँ कोई नहीं दिखाई दिया। मैं वापिस आ रहा था कि इतने में मुझे बाथरूम से कुछ आवाज़ आई- आ ऽऽऽआआ आआआऽऽऽ ऊऊऊमम्म म्मम्म!
मुझे आवाज़ अजीब सी लगी और मैं बाहर चला आया। कुछ देर बाद भाभी बाथरूम से बाहर निकली बिना कपड़ों के पूरी नंगी। उनको नंगा देख कर मेरा लण्ड जो कि 8 इन्च का है खड़ा हो गया। भाभी जल्दी से बाथरूम की तरफ़ भाग गई और तौलिया लपेट कर बाहर आई। मुझे काफ़ी डर लग रहा था कि भाभी मुझ पर चिल्लाएंगी। मगर भाभी मेरे पास आई और मुझसे कहने लगी- राकेश तुम कब आये?
मैं उनकी बातें समझ नहीं पा रहा था। मैंने भाभी से कहा- मैं चलता हूँ, फ़िर आऊँगा।
मैं घर पहुँचा मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मुझे सारा दिन सारी रात भाभी का वही नंगा बदन याद आ रहा था। बार बार मेरा लौड़ा खड़ा हुए जा रहा था। मैंने उसे एक हसीन सपना समझकर भूलने की काफ़ी कोशिश की मगर भूल नहीं पा रहा था।
लेकिन एक दिन अचानक मेरे सेल पे भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे घर आने को कहा। मुझे लगा कि शायद भाभी को कोई काम होगा इसलिये बुलाया है, मैं घर पहुँचा, मैंने दरवाज़े पर घण्टी बजाई, भाभी ने गेट खोला और मुझे अंदर आने को कहा। मैंने भाभी से पूछा कि श्वेता कहाँ है?
तो वो बोली- अपनी सहेली के घर गई है।
उन्होंने मुझे अपने कमरे में आने को कहा और मैं उनके पीछे चला गया।
मैंने वहाँ एक 18-19 साल की लड़की को देखा। मैंने भाभी से पूछा- यह कौन है?
तो भाभी बोली- ये मेरे मामा की लड़की है, कल ही शिमला से आई है। उसका नाम रानी है।
मैंने भाभी से पूछा- भाभी! कुछ काम था जो आपने मुझे याद किया?
तो भाभी बोली- क्या काम होगा, तभी बुला सकती हूँ क्या?
मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि भाभी क्या चाहती हैं मुझसे। फिर मैं रानी से बातें करने लगा और धीरे धीरे वहो मेरे करीब आने लगी । उसने मेरे लण्ड पे हाथ रखा मेरा, लण्ड खड़ा हो गया। मैं बेकाबू हो गया, मैंने उसे पकड़ लिया और उसके होंठ चूमने लगा। मुझे कुछ ख्याल नहीं था कि मैं कहाँ और किसके घर में हूँ।
मुझमें और जोश आने लगा, मैं उसके स्तन जो कि काफ़ी छोटे और नरम थे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा। वो मुझसे कहने लगी- धीरे करो राकेश!
मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मेरा लण्ड बहुत तड़प रहा था। मैंने उसके कपड़े उतारने शुरु किए और सारे कपड़े उतार दिये। उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिये, बस अण्डरवीयर उतरना बाकी था।
उसमें भी काफ़ी जोश आ चु्का था, उसने मेरा अण्डरवीयर फ़ाड़ दिया और कहने लगी- जल्दी डालो राकेश जल्दी डालो! मुझसे रहा नहीं जा रहा!
मैंने उसकी छोटी सी चूत में अपना लण्ड डाला, वो ज़ोर से चिल्लाई- राकेश! आऽऽऽऽ आआ आअह्ह ह्हह बाहर निकालो!
इतने मैं भाभी आ गई और उन्होंने हम दोनों को नंगा देखा तो उनमें भी जोश आ गया और वो भी अपने कपड़े उतारने लगी। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो रहा है।
फिर उन्होंने मुझे अपने बेड पे धकेल दिया और मेरे ऊपर रानी को बैठाया और कहने लगी- अपना लण्ड इसकी चूत में डालो! मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में डाला। वो फिर ज़ोर से चिल्लाई- आआऽऽऽ ह्हह्ह ह्हह…! राकेश धीरे!
मुझसे अब नहीं रहा जा रहा था, मैंने ज़ोर ज़ोर से चूत मारना शुरु कर दिया।
वो चिल्लाने लगी- आआआअ… ह्हह् ह्ह…ई… ऊउ… हाय रे…!
मैं और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा। 10-12 शॉट के बाद मेरा माल निकल गया और उसकी चूत में से खून निकलने लगा, वो डर गई मगर भाभी ने कहा- कुछ नहीं पहली बार ऐसा ही होता है।
उसके बाद मैं अपने कपड़े पहन ही रहा था कि भाभी मुझसे कहने लगी- नहीं राकेश! रुको! अभी मैं बाकी हूँ!
मैं उस दिन काफ़ी जोश में था। अब भाभी मेरे ऊपर थी और मैं उनके होंठों पे किस कर रहा था। मुझमें काफ़ी जोश आ रहा था। वो मेरे लण्ड को चूसने लगी।
आआआआ… ह्हह्ह ह्हह… ओ… ह… ह्ह्हह्ह हह्हह्ह… प…पप्पप्पु… स्सस स्सस्स… ह्हह्ह ह्हह।
मुझे काफ़ी मजा आ रहा था। उन्होंने मुझमें और जोश ला दिया। फिर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत में डाल दिया।
वो कहने लगी- राकेश तुम में काफ़ी जोश है! मेरी प्यास बुझा दो।
मेरे दिलो-दिमाग पे भाभी छा रही थी, मैं भी बेकाबू हो गया था। मैं शॉट मारने लगा।
भाभी आआआआ आआअ…न… इ…स…ए… जी…तु… कहने लगी।
मैं और ज़ोर ज़ोर से शॉट मारने लगा। उन्हें काफ़ी मजा आ रहा था। वो कम ओन राकेश…कम ओन राकेश…डू इट! कह रहि थी और मैं पूरे जोश से शॉट मार रहा था, लेकिन इस बार मेरा माल बाहर नहीं आ रहा था। मैं और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा।
भाभी आआ…ह… ह्हह्ह… ऊऊऊओ… स…सओ… म…ए… राकेश! कहे जा रही थी।
15 बार शॉट मारने के बाद मेरा माल निकल गया और फिर कुछ देर के लिये मैं उनसे लिपट गया। उसके बाद मैंने कपड़े पहने और भाभी से कहा- मैं अब घर जा रहा हूँ!
भाभी कहने लगी- राकेश आते रहना!
और उसके बाद हमारा सिलसिला ऐसा ही चलता रहा।
लेकिन एक दिन राहुल का तबादला दिल्ली हो गया और हम दोनों जुदा हो गये।
मुझे आज भी भाभी की याद सताती रहती है और साथ साथ रानी कि भी जो शिमला वापिस चली गई।
मुझे आज भी किसी भाभी का या किसी रानी का इन्तज़ार है!
आपको मेरी कहानी कैसी लगी?
आपका यह दोस्त राकेश फिर एक कहानी लेकर आपके सामने जल्द ही हाज़िर होगा! Sex Stories
इस घटना ने शिल्पा को Antarvasna भी हम लोगों के प्रति बोल्ड कर दिया था. शिल्पा शाम को चली गई, मेरा भाई भी तीन दिन बाद चला गया, कोई दस दिन बाद मेरे पति टूअर से लौटे. इस बार भी वे तरह तरह के प्रसाधन लाये थे, शाम के वक्त घर में घुसे तो घुसते ही मुझ पर टूट पड़े, उन्होंने कपडे भी नहीं बदले और मुझसे लिपट गये. मैंने दरवाजे को जब तक लोंक किया तब तक वे मेरे गाउन को हटा चुके थे और देखते ही देखते मेरी ब्रा को हटा स्तनों से सरका कर मेरे स्तनों को चूसने लगे.
“ओफ्फो… तुम सारे भाई बहन एक जैसे हो! घर में आकर पानी वानी पीने के स्थान पर मेरे स्तनों पर टूट पड़ते हो!” मैंने उनके सिर पर हाथ फ़ेर कर कहा.
वह चौंके और स्तन के निप्पल को मुंह से निकाल कर बोले- क्या मतलब है तुम्हारे कहने का? तुमने मेरे साथ मेरी बहन का जिकर क्यों किया?
“इसलिये किया क्योंकि आपके यहाँ से उस दिन जाते ही आपकी बहन शिल्पा आई थी, वो भी दरवाजा खुलते ही मेरे ब्लाउज को खोलने लग पड़ी थी!” मैंने हंसते हुए कहा.
“क्या!? क्या शिल्पा को भी यह सब पसंद है?” उन्हें आश्चर्य हुआ.
“फिर क्या हुआ?” उन्होंने मुझे अपनी बाजूओं में उठा कर बैडरूम की ओर चलते हुए पूछा.
मैं उनकी टाई की नॉट ढीली करती हुई बोली- जब वह यहाँ पहुंची थी तब मैं अपने भाई के साथ बाथरूम में थी, हम दोनों नहा रहे थे.
“साथ साथ नहा रहे थे… तब तो बड़ा मजा आ रहा होगा! चलो, अपन भी साथ साथ नहाते हैं, नहाते नहाते सुनेंगे पूरा किस्सा! उन्होंने बैडरूम में प्रवेश होते होते अपने कदम बाथरूम की और मोड़ कर कहा.
मजा तो आना ही था…! मेरा भाई मुझे साबुन लगा कर मुझे बुरी तरह गर्म चुका था, वह मेरी योनि को चाट ही रहा था कि तुम्हारी बहन ने कॉल बेल बजा दी, हम दोनों का मूड ऑफ़ हो गया. मैं उसे प्यासा छोड़ बाथरूम से निकली और जल्दी जल्दी साड़ी ब्लाउज पहन कर दरवाजे पर पहुंची. दरवाजा खोला तो पाया कि सामने गहरे गले के टॉप और घुटनों तक की चुस्त स्कर्ट में अपनी उफनती जवानी लिये शिल्पा खड़ी थी.
मेरे इतना कहते कहते मेरे पति ने मुझे बाथरूम में ले जाकर मुझे फर्श पर उतार दिया और मुझे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया. फिर मेरे होंठों को चूमने के बाद मेरे स्तनों को चूम कर बोले- फिर… फिर क्या हुआ… कहती रहो और मुझे इन झरनों से अपनी प्यास बुझाने दो!
इतना कह कर उन्होंने फिर मेरे स्तन पर मुंह लगा दिया. मेरे शरीर में आग भरती जा रही थी, मेरे हाथों ने उनकी टाई निकालने के बाद उनके कोट को भी उतार दिया था, अब शर्ट के बटन खुल रहे थे.
शर्ट के बटन खोलते खोलते मैं बोली- उफ… उफ… शिल्पा ने भीतर आते ही रंगीन मजाक आरंभ कर दिये, मेरे महकते रूप की तारीफ़ करने लगी, मैं समझ गई कि लड़की प्यासी है, मेरी बातों को… उफ… उफ… आहिस्ता आहिस्ता चूसिये इन्हें… आप तो पागल हुए जा रहे हैं… उफ… मेरे पति पागलों की भांति ही मेरे स्तनों का दोहन सा कर रहे थे, मेरे होंठों से सिसकारियाँ फूटने लगी थी, ऐसा लग रहा था जैसे नाभि में कोई तूफ़ान अंगडाई लेने लगा है.
मैंने उत्तेजना से उत्पन्न होने वाली सिसकारियों को अपने दांतों तले दबा कर एक लंबी सांस छोड़ी फिर कहना शुरू किया- शिल्पा को मैं चाय बनाने के लिए अपने साथ रसोई में ले गई तो उसने… उफ… ऑफ… ओफ्फो… क्या कर रहे हैं आप…? क्या कोई ट्रेनिंग लेकर आये हैं कहीं से स्तनों के साथ इस तरह पेश आने की… आज तो आप मेरे स्तनों को झिंझोडे डाल रहे हैं आज…
मेरे इस तरह कहने से उन्होंने स्तन से मुँह हटा कर मेरे होंठ चूम कर मनमोहक ढंग से कहा- क्या तुम्हें मजा नहीं आ रहा? अगर मजा नहीं आ रहा है तो मैं इन्हें आहिस्ता आहिस्ता चूसता हूँ.
“मजा तो बहुत आ रहा है, इतना आ रहा है कि ऐसा लगता है जैसे मैं आज कण कण होकर बिखर रही हूँ. ठीक है तुम ऐसे ही चूसो!” मैंने उनकी शर्ट को उनकी बाजुओं से निकाल कर कहा.
“तुम शिल्पा वाली बात तो बताओ…” उन्होंने यह कह कर स्तन के निप्पल को फिर मुंह में ले लिया और अपने हाथों को मेरे नितंबों पर ले जाकर नितंबों की मालिश सी करने लगे.
मैं उनकी बेल्ट खोलते हुए बोली- फिर एक ओह्ह.. उफ… ऊई… फिर हाँ मैं..उफ… मैं कह रही थी कि शिल्पा को मैं रसोई में ले गई तो उसने वहाँ पहुँचते पहुँचते ही मेरे ब्लाउज में हाथ डाल दिया और मेरे स्तनों को चूसने की इच्छा जाहिर की और यह भी बताया कि अपनी सहेली के साथ लेस्बियन लव का आनन्द लेती है. मेरी… उफ… ओह… अपने पति के द्वारा अपनी योनि में मौजूद भंगाकुर को मसले जाने से मेरे कंठ से कराह निकल गई- उफ… ये शावर तो खोल लो… नहाना भी साथ साथ हो जायेगा!
मैं इतना कह कर पुनः विषय पर आई- मेरे शरीर में मेरे भाई ने पहले ही कामाग्नि भड़का डाली थी, शिल्पा द्वारा स्तनों को पकड़ने मसलने और उसकी स्तन पान की इच्छा ने मुझे और उत्तेजित कर डाला था. उसे तब तक पता नहीं था… उफ… ओह… ओफ…
मेरे पति अब मेरे स्तनों को छोड़ कर नीचे पहुँच गए थे, उन्होंने मेरी योनि पर मुख लगा दिया था, अब वो मेरे भंगाकुर को चूसने लगे थे.
मैं उनके बालों में अंगुलियाँ फंसा कर मुट्ठियाँ भींचने लगी, उनकी इस क्रिया ने मेरी नस नस में बहते रक्त को उबाल सा दिया था, मुझे अपनी उत्तेजना ज्वालामुखी का सा रूप लेती महसूस हुई, मुझे रोम रोम में फूटते कामानन्द के कई घूंट भरने पड़े.
“सुनाओ न आगे क्या हुआ…?” मेरे पति ने अपना मुख मेरी योनि से पल भर के लिए हटा कर कहा.
“तुम शावर खोलो, मैं आगे बताती हूँ…” अपनी साँसों को संयत करने का असफल प्रयास करती हुई बोली.
“ओफ़्फ़… फिर शिल्पा के सामने मेरा भाई आ गया, वह रसोई के बाहर खड़ा होकर पहले से हम दोनों को देख भी रहा था और हमारी बातें भी सुन रहा था, मेरा भाई सिर्फ अंडरवीयर में था, वह भी पहले से उत्तेजित था इसलिए उसका बृहद आकार में फैला लिंग अंडरवीयर में से भी उभरा उभरा दिखाई दे रहा था. शिल्पा की दृष्टि उसके अंडरवीयर पर टिक गई, मैं समझ गई कि उसने अभी तक लिंग के दर्शन नहीं किए हैं, ओह… उफ आउच… ओह…
इतनी कहानी सुनते सुनते ही मेरे पति ने अपने लिंग का मुंड मेरी योनि में प्रविष्ट करा दिया, वे शावर वह खोल चुके थे.
मैं उनके द्वारा हुए लिंग प्रवेश से आवेशित होने लगी थी, मेरे हाथ उनके कन्धों से पीठ तक बारी बारी से कस रहे थे, मेरी साँसें तीब्र हो रही थी, मादक सिसकियों की अस्फुट ध्वनियाँ रह रह कर मेरे कंठ से उभर रही थी.
मेरे पति ने लिंग का योनि में घर्षण करते हुए कहा- स्टोरी का क्या बना…! आगे क्या तुमने अपने भाई से शिल्पा की प्यास बुझवा दी?… ओह… कितना मजा आ रहा है!
शावर के नीचे मैथुन करने में… उफ… वह लिंग को आगे तक ठोक कर बोले. उनके हाथों में मेरी पतली कमर थी, उनकी जांघें मेरी जाँघों से टकरा कर विचित्र सी आवाज पैदा कर रही थी.
“हाँ… उफ… ओह… ऊई मां… तुम क्या मोटा कर लाये हो अपने लिंग को… इससे आज ज्यादा ही आनन्द मिल रहा है…” मुझे वाकई पहले से ज्यादा मजा आ रहा था, मैं फिर स्टोरी पर आई- बड़ा मजा आया था… शिल्पा को मेरे भाई ने पूरा मजा दिया था… खूब जोर जोर के धक्के मारे थे… मैंने बताया और लिंग प्रहार से उत्त्पन्न आनन्दित कर देने वाली पीड़ा से मेरे शरीर के रोयें रोयें में पुलकन थी, कंठ खुश्क हो गया था, मेरी जीभ बार बार मेरे होठों पर फिर रही थी.
थोड़ी देर में मेरे पति ने मेरी मुद्रा बदलवाई, अब मेरी पीठ उनकी ओर हो गई, मैंने जरा झुक कर दीवार में लगी नल को पकड़ लिया, वह मेरी योनि से लिंग निकाल चुके थे और अब मेरी गुदा(गांड) में प्रवेश करा रहे थे. गुदा में लिंग पहले ही प्रहार में प्रवेश हो गया, उन्होंने मेरी कमर पकड़ कर खूब शक्ति के साथ धक्के मारे और गुदा में ही स्खलित हो गए, मैं भी स्खलित हो चुकी थी.
फिर हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर देर तक नहाते रहे.
कहानी जारी है. Antarvasna
सभी मेल फ़ीमेल को मेरा प्रणाम। आल रीडर्स आपको मेरी स्टोरी Antarvasna कैसी लगी जरूर मेल करना। मैं कसम खाता हूँ कि जितनी स्टोरी आपको दूंगा रियल दूंगा… स्टोरी पढ़कर आपको रियली मज़ा जरूर आयेगा। सभी आंटी भाभियों गर्ल्स की चूत से पानी जरूर आयेगा।
दोस्तों…….तैयार हो जाइये, मैं राजेश, २६, लखनऊ। “बात उन दिनो की है जब मैं १५ -१६ साल का था। मैं एक लड़की को चाहने लगा कब प्यार हुआ पता ही न चला। इतनी ज्यादा जनकारी भी नहीं थी स्कूल में मुझे सब हीरो जैसे अजय देवगन कहते थे। स्कूल में बहुत लड़कियों से दोस्ती थी लेकिन उनके लाइन देने के बाद भी मुझे उनसे प्यार नहीं था। मुझे प्यार सोना से हुआ जो कि मेरी ही कोलोनी में रहने आयी थी। वो महाराष्ट्र से आयी थी। मैं वहाँ पर क्रिकेट खेलने जाता था। ५’६” हाइट गोरा चिट्टा रंग कोलोनी के सब लड़के उसे लाइन मारते थे। नये साल पे मैने हिम्मत करके उसे लव लेटर दिया तो उसने जवाब दिया। आई एम सीनियर यू आर जूनियर। वो ११वीं में थी और मैं १०वीं में था लेकिन मुझे उससे प्यार हो गया। मैं उसे किसी भी कीमत पर प्यार करना चाहता था। मैने उसकी दोस्त जो देविका थी उससे कहा कि वो मुझसे रिश्ता बनाये चाहे जो भी रिश्ता, मुझसे बात करे। मैं रियली उसे प्यार करता हूँ, मेरी हालत पागलों से भी बदतर थी। मुझे न भूख लगे न प्यास। सिर्फ़ वही दिखती थी।
आखिर वो दिन आ ही गया जब उसने मुझे अपने घर बुलाया बात करने के लिये। एक बात बताऊं वो मेरी सीनियर थी मेरी गांड फ़ट रही थी कि कहीं मेरे घर में बता न दे। मैं टोपर स्टुडेन्ट था इसलिये मेरे सभी इज़्ज़त करते थे। अरे भैया। मैं उसके दरवाजे पर पहुँचा तो मुझे १०४ डिग्री फ़ीवर था। उसके छोटे भाई ने मुझे एक टुकड़ा कागज़ का दिया और बोला दीदी ने आपको देने को कहा है। जिस पर लिखा था” आई लव यू माई अजय देवगन” + इसके आगे हम और क्या कहें जानम समझा करो। शाम ६ बजे घर पर आना। कोई नहीं होगा। मैं आपको चाय पिलाऊंगी। प्लीज़ आ जाना ilu तुम्हारी सोना। अब तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था। शाम ६ बजे मैं उसके घर गया। उसने नीले रंग का सूट पहना हुआ था बहुत खूबसूरत थी मेरी सोना गोरा रंग ५’६” हाइट अच्छी फ़ीगर गोल चूचियां गोरी जांघे वो सबकुछ उसमे था जो किसी को भी पागल कर दे। लंड को टाइट कर दे हाथ मसलने को मजबूर कर दे १८ साल की कमसिन चुदायी वाली उमर। यहाँ तक कि अगर कह दे तो मैं किसी को भी गोली मार देता। उसने मुझसे नमस्ते किया तो मैं बोला सोरी आप मेरी सीनियर हैं वो बोली पहले सीनियर थी पर आप अब मेरे सबकुछ हो मुझे वो फ़ील हुआ जो मैं शब्दों में नहीं कह सकता हूँ
रियली शी इज़ माई फ़र्स्ट लव एवर एंड फ़ोरेवर, इट इज़ माई रियल सेक्स स्टोरी। प्रिय पाठकों, मैं उसे आज भी प्यार करता हूँ। अब आगे सुनिये उसने मेरा हाथ पकड़ा और कहा “डरो नहीं रियली आई लव यू” मैं भी आपको चाहती थी पर डरती थी कि कहीं आप नाराज न हो जायें इसलिये नहीं कहा। डियरराजेश जब तुम्हारे पास लड़कियां होती हैं तो मैं बहुत जलन फ़ील करती हूँ। मुझे दूर मर करना, इतना कहकर वो मेरे सीने से लिपट कर रोने लगी। मैं भी रो रहा था। पहली बार कोई लड़की मेरे सीने से लिपटी थी उसकी चूचियां मेरे सीने से चिपक रही थी मेरा लंड खड़ा होने लगा फ़िर उसने अपने गुलाबी होंठों से मेरे लिप्स को फ़्रेंच किस करने लगी मैं उसकी पीठ पर हाथ फ़ेर रहा था वो रो रही थी।
किस करते समय उसने अपनी जीभ से मेरी जीभ चाटने लगी ये मेरे लिये पहला एक्सपेरिएंस था मेरा लंड खड़ा हो गया और उसकी चूत के पास छूने लगा मुझे लगा वो बुरा मान जायेगी मगर वो धीरे से बोलीराजेश क्या पहले ही दिन ये सब ठीक रहेगा। मैं बोला क्यों क्या मतलब वो बोली अच्छा चलो कोई बात नहीं मैं तो तुम्हारी ही हूँ जो करना चाहो करो। अब मेरे समझ में न आये कि क्या करूं? कैसे करते हैं? वो बोली सामान तो दिखाओ और मैंने अपनी जीन्स की ज़िप खोल दी। उसके मुलायम गोरे हाथों से मेरा ७” इंच लम्बा मोटा लंड बाहर निकाला तो आँख मार कर बोली यार ये तो बहुत बड़ा है मैं अब पूरे जोश में था। मैं उसको बेड पर ले गया और जींस उतार दी सिर्फ़ अंडरवियर में था। मैने उसके होंठों को कसकर चूमने लगा। मेरे हाथ में उसके बूब्स थे गोरे गोरे गोल गोल भूरे रंग की भुंडी, ब्रा नही पहने हुए थी सलवार का नाड़ा पकड़ कर खोला। तो वो शरमाकर आँखें बंद कर ली। मैं बोला डियर अब काहे की शरम मैं आपका पति हूँ वो बोली तो मैं कुछ कह रही हूँ क्या……..अब आप ही मेरे सबकुछ हो…. मेरा सबकुछ आपका ही है जो चाहो करू……… उसे विश्वास था कि हम लोगों की शादी हो जायेगी क्योंकि हम एक ही जाति के थे
उसके मेरे बीच प्यार बहुत था…….. हम दोनो के ही पिता ओफ़िसर हैं इसलिये कोई प्रोब्लम का सवाल ही नहीं था… मैं भी शादी करना ही चाहता था। सलवार खोल कर अलग किया उसकी गोरी गोरी जांघें मेरा स्पर्श पाकर और भी गरम हो गयी उसकी पैंटी में थोड़ा छेद था देखा तो मैने उंगली डाली तो बोली अरे यार पैंटी दोनो गीली थी इसलिये ये पुरानी पहन ली थी। हँस कर बोली यार तुम तो मेरी गरीबी का मज़ाक बना रहे हो मैं बोला डियर आप बहुत ही मालदार हैं। बोली माल तो नीचे है मेरे सजना इस चड्ढी को फ़ेंक दो और अपने माल को ले लो इतना कहकर वो शरमा गयी….पैंटी उतारा तो उसकी बुर बिल्कुल गोरी उस पर भूरे छोटे बाल हल्के हल्के अब तो मैं पागल हो गया
बुर को छुआ तो लगा जैसे भट्टी हो गरम गरम बुर को मैं सहलाने लगा तो वो स्सस्सस्सस्स आह ओह्हह्हह्हह्हकया कर रहे हो प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़……मैने उसकी बुर की स्लिट में उंगली डाली तो बोली क्या उंगली ही डालेंगे आप वूऊऊऊ कहकर चुप हो गयीए……..मैने कहा रोको डार्लिंग अभी सब डालूंगा जी भर कर तुझे चोदूंगा पहले तेरी चूत चाट लूँ………जीभ से मैं उसकी चूत के दोनो हिस्सों को चाटकर चोदने लगा मैं उत्तेजित हो रहा था वो आह ओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह मार डालोगे….. चोद दो प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ फ़िर मैने उसके मुंह में अपना लंड डाला तो बोली चाटो मज़ा आ रहा था ६९ की पोज़िशन में हम दोनो पागल हो रहे थे वो बोलीराजेश……..लंड धीरे से डालना प्लीज़ वरना मेरी खूबसुरत बुर फ़ट जायेगी ……….समझ रहे हो न……….मैने अब उसकी बुर पर सुपाड़ा रखा तो लंड बुर में नहीं गया फ़िसल गया तो………
हँस कर बोलि बुद्धु ऐसा न ही होगा…..और मुँह से थूक निकाल कर मेरे लंड पर डाल दिया और लंड को बुर के मुँह पर खींचा मैने हल्के से शोट दिया तो बुर में २ इंच अन्दर गया। वो बोली दर्द हो रहा है। अब मेरे लंड को चूत की गरमी मिल गयी थी मैं होंठों को चूसे जा रहा था धीरे धीरे ५-६ बार अन्दर बाहर किया अब उसे मजा आ रहा था नीचे से कमर भी हिला रही ….थी …….वो बोली आप इतना ही डालो …अब दर्द में भी मजा आ रहा है लेकिन मैं तो पूरा लंड इसकी बुर में डालना चाह रहा था मैं बोला देखो सोना अब तुम्हें पूरे लंड का मजा देता हूँ…दूसरा शोट लगाया तो मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी बुर में घुस गया … वो इतनी तेज़ चिल्लायी कि मैं डर गया कि कोई पड़ोस से न आ जये………..अब जोर से मैने उसके शरीर पर दबाया कि वो उठ न जाये………बोली हटो मैं मर गयी प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ खून आ गया था………. मुझे छोड़ दो प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है……………. मैं जानता था कि अगर इसे छोड़ा तो फ़िर इस डर की वजह से कभी नही चुदवायेगीईईईए सो……..मैने धीरे धीरे ७-८ शोट लगाये तो उसका विरोध कुछ कम हुआ बोली मार डालोगे क्या हल्की मुस्कुराहट के साथ कमर भी हिलाने लगी…. बस। बाकी अब आप लोग खद ही समझ लो कि आगे क्या क्या हुआ। Antarvasna
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