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Massage Girl in Dhubri: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Dhubri who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Dhubri that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Dhubri massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Dhubri who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Dhubri massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Dhubri massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Dhubri who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Dhubri employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Dhubri helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Dhubri

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Dhubri at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

गरम चूत में ओल्ड लंड ने खूब मजा दिया. मेरे पहचान के एक अंकल मुझे मुंबई बीच पर मिल गए. मैंने उन्हें अपने घर ले आई. अंकल की नजर मेरे जिस्म पर थी. तो बात बन गयी.

मैं मिसेज रागिनी हूँ दोस्तो.
मैं 30 साल की एक मद मस्त, जवान और पढ़ी लिखी औरत हूँ।

मेरी शादी दो साल पहले आनंद नाम के एक लड़के से हो गई थी।
आनद भी बड़ा स्मार्ट और हैंडसम लड़का है.

वैसे मैं कानपुर की रहने वाली हूँ।
मेरी ससुराल भी कानपुर में ही है मगर मैं आजकल अपने पति के साथ मुंबई के कोलाबा एरिया में रह रही हूँ।

मैं 5′ 5″ के कद वाली हूँ, गोरी चिट्टी हूँ और चंचल स्वभाव की हूँ।
देखने में सेक्सी, खूबसूरत और हॉट हूँ।

ऐसा मैं नहीं कह रही हूँ लोग कहते हैं।

मेरे मम्मे थोड़ा बड़े बड़े साइज के हैं.
मेरी कमर पतली है, मेरी बाहों की गोलाई बड़ी मनमोहक है इसलिए मैं अक्सर स्लीवलेस कपड़े ही पहनती हूँ।
मेरे कूल्हे थोड़ा बड़े बड़े है जिससे मुझे ठुमके लगाने में बड़ी आसानी होती है।

मेरी जांघें केले के तने जैसी हैं और मेरे चूतड़ भी बड़े आकर्षक हैं।
साथ ही मेरी गांड़ भी ससुरी बड़ी मस्त है.
और फिर गरम चूत के तो कहने ही क्या!
उसके बारे में मैं आपको आगे बताऊंगी।

शादी के पहले कॉलेज के दिनों में मैं दो बातों के लिए बहुत मशहूर थी।
एक तो पढ़ाई के लिए और दूसरे चुदाई के लिए!

मतलब यह कि मैं जितनी बातें पढ़ाई के बारे में करती थी उतनी ही बातें चुदाई के बारे में भी करती थी।
चुदाई में सबसे ज्यादा लण्ड की बातें होतीं थीं।

मैं ही नहीं, सभी लड़कियां खुल कर लण्ड की बातें करती थीं।
‘लण्ड का साइज और लण्ड की बनावट’ कभी ख़त्म न होने वाला टॉपिक था।
कोई ऐसा दिन न था जब लण्ड पर कोई बात न होती हो.

लड़कियां वैसे भी लड़कों से ज्यादा गन्दी गन्दी बातें करतीं हैं।
वैसे भी हर लड़की के मुंह से लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा जैसे शब्द निकलते ही रहते थे।

उसके साथ साथ गालियां भी जैसे बहन चोद, मादर चोद, माँ का लौड़ा, बहन का लौड़ा, भोसड़ी वाली, बुर चोदी, गांडू और भी बहुत कुछ सबके मुंह से सुनाई पड़ता था।

वो सच में बड़े अच्छे दिन थे यार!
मैं याद करती हूँ तो सिहर जाती हूँ।

बस कॉलेज के दिनों में ही मैंने लण्ड पकड़ना शुरू किया, लण्ड मुंह में लेना शुरू किया और फिर लण्ड का सड़का मारना भी शुरू किया।

तभी मुझे एक सहेली ने लण्ड का वीर्य पीने की सलाह दी और उसके फायदे बताये।
उसने मुझे लण्ड का वीर्य पीते हुए दिखाया।

बस मैं भी वही करने लगी.
तो एक साल में ही मेरी चूचियाँ दूनी हो गईं।

मुझे लण्ड पीने में मज़ा आने लगा.

फिर एक दिन लण्ड चूत में पेलवाना भी शुरू कर दिया।

जी हां दोस्तो, मैं शादी के पहले खूब चुदी हुई थी।
यह बात किसी को नहीं मालूम सिर्फ आपको बता रही हूँ।
किसी से मत कहना प्लीज!

मैं कॉलेज में पढ़ती थी तो हमारे पड़ोस में एक प्रशांत नाम के अंकल रहते थे।
वे बड़े मस्त, गोरे चिट्टे, स्मार्ट और हैंडसम थे।
हमारे घर आते जाते थे।

मैं कभी कभी उनके घर जाकर इंग्लिश पढ़ती थी।
अंकल बड़े प्यार से पढ़ाते भी थे।
मैं मन ही मन अंकल का बड़ा आदर और सम्मान करती थी।

मेरी जब शादी हो गयी तो हमारा संपर्क टूट गया।
वे कानपुर में ही थे और मैं यहाँ मुंबई आ गई।

मेरी शादी को दो साल हो गये हैं. इन दो सालों में मुझे अपने पति के लण्ड के अलावा कोई और लण्ड नहीं मिला।

मैं धीरे धीरे किसी पराये मरद के लण्ड के लिए तरसने लगी।
मेरी चूत मुझे बहुत परेशान करने लगी।

मेरा मन किसी काम में नहीं लग रहा था।
मुझे कॉलेज के लण्ड बहुत याद आ रहे थे।

एक दिन शाम को मैं अपनी दोस्त अंजलि के साथ चौपाटी पर घूम रही थी।

अचानक किसी के मुंह से निकला- अरे रागिनी तुम यहाँ?
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो बोली- आप प्रशांत अंकल है न?
वे बोले – हां रागिनी, मैं प्रशांत ही हूँ।

मैंने कहा- अरे अंकल, कहाँ खो गए थे आप? मैं आपको बहुत याद करती हूँ … आपसे मिलना चाहती थी। आपसे बातें करना चाहती थी। पर यह बताओ यहाँ मुंबई में कैसे?
वे बोले- यहाँ कोलाबा में मेरी बेटी है। मैं उसी के यहाँ ठहरा हुआ हूँ।
मैंने कहा- अरे वाह, मैं तो कोलाबा में ही रहती हूँ।

वे बोले- फिर तो हमारा मिलना होता रहेगा।
मैंने कहा- होता रहेगा ये तो आगे की बात है, मेरे साथ अभी चलो मेरे घर!

फिर मैंने उन्हें अंजलि से मिलवाया और कहा- यह मेरी दोस्त अंजलि है। यह भी साथ चलेगी।

फिर हम तीनों लोग गाड़ी में बैठ कर घर आ गए।

मेरा पति एक हफ्ते के लिए विदेश गया था।

मैंने दोनों को बड़े प्यार से बैठाया और झुक कर पानी दिया।
झुकने से मेरी साड़ी का पल्लू गिर पड़ा।

मेरी छोटी सी ब्रा के अंदर से मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ अंकल को दिख गईं।
वे अपने होंठ चाटने लगे।

मुझे बहुत अच्छा लगा, मैंने राहत की सांस ली। मुझे पराये मरद के लण्ड का रास्ता दिख गया।
मैंने ठान लिया कि आज नहीं तो कल मैं अंकल का ओल्ड लंड अपनी गरम चूत में ले ही लूंगी।
सुना है कि बड़े बड़े लोगों के लण्ड भी बड़े बड़े होते हैं।

इतने में नकल बोले- रागिनी, तुम पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गई हो। ज्यादा सेक्सी दिखने लगी हो. शादी के बाद तुम्हारा चेहरा ज्यादा खिल गया है।

मैंने कहा- वो तो मैं नहीं जानती अंकल … लेकिन शादी के बाद मैं बहनचोद ज्यादा बोल्ड हो गई हूँ। अब मैं किसी भोसड़ी वाले से शर्माती नहीं हूँ और डरती भी नहीं हूँ। बेशरम हो गई हूँ मैं! मेरे पति के न रहने पर मुझे कोई भी मादरचोद हाथ नहीं लगा सकता!
वे बोले- क्या मैं भी नहीं लगा सकता रागिनी?
मैंने हंस कर कहा- तुम्हारी बात और है अंकल! तुम तो मेरे साथ जबरदस्ती भी कर सकते हो.

वे हंसने लगे।
इतने में अंकल का अचानक फोन आ गया तो वे चाय पीकर चले गये।

उनके जाने के बाद अंजलि बोली- यार रागिनी, मुझे लगता है कि तेरे अंकल लण्ड बड़ा सॉलिड होगा। उनकी नज़रें बता रहीं थीं कि वे तुम्हें अपना लण्ड पकड़ाना चाहते हैं. उन्हें तुमसे प्यार हो गया है।
मैंने कहा- अरे यार अंजलि, मैं खुद उनका लण्ड पकड़ना चाहती हूँ। मैं तो आज ही पकड़ लेती उनका लण्ड … लेकिन एक फोन ने सब काम बिगाड़ दिया बहनचोद!
अंजलि बोली- अच्छा पकड़ना तो फिर मुझे भी दिलवा देना उनका लण्ड! मैं भी लण्ड की प्यासी हूँ।

दूसरे दिन शाम को फिर घंटी बज उठी।
मैंने दरवाजा खोला तो बोली- अरे आप अंकल … अंदर आओ न प्लीज!

मैंने उन्हें बैठाया और फिर एक गिलास पानी का रखा।

आज मेरी चूचियाँ कुछ ज्यादा ही खुली हुईं थीं।

अंकल ने पानी पिया और बोले- थैंक यू रागिनी!
मैं उसके सामने बैठ गई।

इस समय मैं केवल ब्रालेट पहने थी नीचे एक छोटी सी टाइट नेकर।
मैं एकदम एक मॉडर्न गर्ल बनी हुई थी।

फिर मैंने पूछा- अंकल बोलो क्या पियोगे, ठण्डा या गर्म?
वे बोले- आज तो मैं व्हिस्की पियूँगा। तुम मेरा साथ दोगी तो!
मैंने कहा- हां जरूर दूँगी।

उन्होंने अपनी जेब से हाफ निकाला और मुझे दिया.

फिर क्या … हम दोनों व्हिस्की पीने लगे, सिगरेट भी पीने लगे.
हमारा मूड बन गया।

मैंने कहा- आज मुझे अपने कॉलेज के दिन याद आ रहें हैं अंकल!
फिर क्या … थोड़ा नशा हुआ तो दिल की बातें बाहर निकलने लगीं।

मैंने कहा- अंकल कल आपका फोन आया था. कोई खास बात थी क्या?
उन्होंने कहा- नहीं, कोई खास बात नहीं थी। पर हां, कल मुझे तुम्हारी गालियां बड़ी अच्छी लग रहीं थी रागिनी। मन करता था कि बस सुनता जाऊं? तेरी दोस्त न होती तो मैं तुमसे खुल कर बातें करता.

मैंने कहा- तो फिर आज कर लो न खुल कर बातें बहनचोद? आज तो वह बुरचोदी अंजलि नहीं है।

उन्होंने सिगरेट का एक कश लिया और मेरे मम्मों पर धुंआ छोड़ दिया।
मैं कहाँ चूकने वाली थी, मैंने भी कश लिया और उनके लण्ड पर धुआं छोड़ दिया।

वे बोले- तुम बहुत समझदार लड़की हो रागिनी!
मैंने कहा- हां, तभी तो मैंने तुम्हारे सवाल का जबाब देकर अपनी इच्छा ज़ाहिर कर दी।

वे बोले- रागिनी, एक बात है कि हमारे तुम्हारे बीच में उम्र का बड़ा अंतर है।
मैंने कहा- उम्र की माँ का भोसड़ा अंकल! औरत उम्र नहीं देखती, औरत मर्द का हथियार देखती है अंकल। हथियार टना टन हो तो उम्र की माँ चूत!

वे बोले- रागिनी, तुम इतनी हॉट हो कि मैं कल रात भर सो नहीं पाया।
मैंने कहा- अरे यार, मुझे भी तुम्हारी बड़ी याद आती रही रात भर!

उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया तो मैं भी उसकी जांघ पर हाथ रगड़ने लगी।
तब उन्होंने मेरी चुम्मी ले ली और मेरी नंगी टांगों पर अपना हाथ फिराने लगे।

फिर मेरा भी हाथ अपने आप उसके लण्ड तक पहुँच गया।
मैं उनकी पैंट के ऊपर से ही लण्ड टटोलने लगी।

मेरे मुंह से निकला- तेरा हथियार तो मादर चोद बड़ा जबरदस्त लग रहा है अंकल?
मैं मन ही मन अंकल से पूरी तरह फंस चुकी थी।

मुझे बिना उनका लण्ड देखे एक मिनट का भी चैन न था।
मैं जल्दी से जल्दी उन्हें नंगा करना चाहती थी और इसी आवेश में मैंने उनकी शर्ट उतार दी।

उनके चौड़े कंधे बलिष्ठ भुजाएं, चौड़ी छाती और पूरा कसरती बदन देख कर मैं उन पर मोहित हो गयी।
तब तक उन्होंने मेरी ब्रा का हुक खोल डाला तो मेरी दोनों मम्मे उसके सामने छलक पड़े।

वे मम्मे देख कर मस्त हो गये, उन्हें पकड़ कर सहलाने लगे, मसलने और चूमने लगे।
अंकल मेरे निप्पल मुंह में भर कर चूसने लगे।

मैं भी उत्तेजित होने लगी, मज़ा लेने लगी।

फिर बड़ी बेशर्मी से मैंने उनकी पैंट उतार दी उनकी नेकर भी खोल डाला।
नेकर खुलते ही लौड़े मियां ताल ठोकते हुए बाहर आ गए।

मैंने उसे देखा तो सन्न रह गयी।

सांप की तरह फनफनाकर खड़ा हो गया था उनका मोटा तगड़ा लण्ड।
लण्ड का अंडाकार 3″ का चिकना टोपा एकदम झकास लग रहा था।

मैंने उसे पकड़ा चूमा और बोली- वाह क्या मरदाना लण्ड है अंकल? ऐसा लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है। तुम बड़े लकी हो. तुम्हारा लण्ड लाखों में एक है. मैं तो तुम्हारे लण्ड पर मर मिटी। मेरा तो दिल आ गया इस मादरचोद लण्ड पर! क्या मस्ताना लण्ड है भोसड़ी का! मज़ा आ गया यार ऐसा लौड़ा देख कर!

तब तक उन्होंने मेरी छोटी सी नेकर उतार कर फेंक दी।
मैं माँ की लौड़ी उसके आगे एकदम नंगी हो गयी।

मेरा यह पहला मौका था जब मैं शादी के बाद किसी पराये मर्द के आगे नंगी खड़ी थी वह भी उसका नंगा लण्ड पकड़े हुए!
मैं किसी पराये मर्द को पहली बार नंगा देख भी रही थी।

मुझे किंचित मात्र भी न शर्म थी और न झिझक … मैं बिंदास अपनी जवानी का मज़ा लूटने लगी.

मैंने मन में कहा कि मैं झांट किसी की परवाह नहीं करूंगी। अब तो मैं एक नहीं, कई लण्ड का मज़ा लूंगी।

बस मैं अंकल का लण्ड बड़े प्यार से चाटने लगी और अंकल भी उसी प्यार से मेरी फुद्दी चाटने लगे।

मेरी चूत बहुत गर्मा चुकी थी।
अंकल उसमें बार बार अपनी उं गली घुसेड़ रहे थे।

मैंने धीरे से अपनी टाँगें फैलाई तो मेरी चूत पूरी तरह खुल गयी.
अंकल को यही चाहिए था।

उन्होंने फ़ौरन लण्ड पेल दिया अंदर और बिना रुके चोदने लगे मुझे!
मैं भी अपने कॉलेज के दिनों को याद कर कर के चुदवाने लगी … मैं एन्जॉय करने लगी।

मुझे लगा कि आज मैं सच में अपनी सुहागरात मना रही हूँ।
अपनी सुहागरात में भी मुझे इतना मज़ा नहीं आया था।

मैं बोली- अंकल, मुझे अपनी बीवी समझ कर चोदो। मैं ही तुम्हारी असली बीवी हूँ, मुझे चोदो। मेरी बुर चोदो, मेरी चूत चोदो, मेरी गांड चोदो। मैं तुम्हारी ही हूँ, जैसे चाहो वैसे चोदो। तुम्हारा लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है यार!

वे बोले- ले भोसड़ी की रागिनी, आज मैं फाड़ डालूँगा तेरी चूत … भोसड़ा बना दूंगा मैं तेरी चूत का! मैंने जब मुंबई में तुझे पहली बार देखा था तो मेरा लण्ड खड़ा हो गया था. और आज देख वही लण्ड तेरी चूत में घुसा है। तेरी माँ की चूत … तू भोसड़ी वाली एकदम रंडी है और मैं रंडियां खूब चोदता हूँ। मैं मुंबई में रंडियां चोदने ही आता हूँ। मैं हर रोज़ 2/3 लड़कियों की चूत में लण्ड पेलता हूँ।

अंकल को जोश आ गया था, वे बोलते रहे- मैं खुद बहुत बड़ा हरामजादा हूँ। मैं रंडीबाज हूँ, लौडियाबाज़ हूँ। मैं अपने दोस्तों की बीवियां फंसा फंसा कर चोदता हूँ। बीवियां भी बुरचोदी मेरे लण्ड की दीवानी है और बार बार मुझसे चुदवाने आतीं हैं।

सच में अंकल बड़े मूड में थे और मस्ती से अपनी ही पोल खोल रहे थे।
चुदाई का नशा शराब के नशे से ज्यादा ताकतवर होता है।
दूसरे की बीवी चोदने के नशे में वह सब सच उगल देता है।

मुझे अंकल की बातें, उनका जोश, उनकी गालियां सब कुछ बड़ा अच्छा लग रहा था।
मैं अपनी गरम चूत में ओल्ड लंड एन्जॉय कर रही थी।
मेरा मन सातवें आसमान पर था।

इस तरह उन्होंने मुझे हर तरफ से चोदा और मैं भी खूब मन से चुदी।
मैंने उसे रात में रोक लिया और तब उन्होंने मुझे रात में 3 बार चोदा।

सुबह उठ कर वे चले गये।

Hindi Sex Stories

हेल्लो दोस्तो ! फ़िर से आपका Hindi Sex Stories पुराना दोस्त अजय, हरयाणा से हाज़िर है आपके लिए एक सेक्स भरी कहानी लेकर !
कहानी शुरू करने से पहले आज मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं कि मुझे स्कूल टाईम से ही सेक्स का बड़ा शौक था इसीलिए मेरे दोस्त मुझे सेक्स-गुरु कहते थे। किसी को भी कोई परेशानी होती थी, किसी लड़की को लेकर, वो मेरे पास आता था और मैं उसकी समस्या हल कर देता था। एक तरह से कहो तो दोस्तों मैंने सेक्स में और प्यार में पी.ऐच.डी. की हुई है ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका मेरे पास हल नहीं।

चलो बहुत देर हुई आपको बोर करते हुए अब आते हैं आज की कहानी पे !

मेरी पिछली कहनी चूत का प्यासा के मुझे बहुत उत्तर मिले। बहुत सी लड़कियों और औरतों की मेल्स मिली मुझे बहुत ही अच्छा लगा।

यह कहानी है मेरे एक पड़ोस की लड़की की जो देखने में कयामत थी उसका नाम था पिंकी। और वो देखने में भी किसी फूल से कम नहीं थी वो। क्या कहूँ, बिल्कुल कैटरिना लगती थी। मैं जब भी उसे देखता मेरा लंड मेरी पैन्ट को फाड़ने लगता था, जिसको कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल होता था।
मैं हमेशा उसे चोदने की तरकीब सोचता और कई बार तो उसके बारे में सोच कर मुठी भी मारता। मैं हर किसी को समस्या का हल देता लेकिन मेरी हिम्मत ही न होती उससे बात करने की।

एक दिन मैं कुछ सामान लेने बाजार जा रहा था वो मुझे रास्ते में मिली और मुझे देख कर मुस्कुरा के निकल गई। उस दिन मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ। फ़िर एक दिन शाम के समय वो अपने घर के बाहर खड़ी थी और मैं जा रहा था तो उसने मुझे रोका और कहा- अजय ! क्या आपके पास ऍम.बी.ए. के नोट्स हैं?

यह सुन कर मैं हैरान था कि उसे कैसे मालूम कि मेरा नाम अजय है और उसे कैसे मालूम कि मैंने ऍम.बी.ए. किया है। फ़िर मैंने उसे नोट्स देने का वादा करके वहाँ से निकल गया। इसी तरह उसकी और मेरी दोस्ती आगे बढ़ी अब तो हम फ़ोन पे भी बात करने लगे। बस मैं तो मौके की तलाश में था कि कब मुझे उसकी चोदने को मिले।

एक दिन वो मेरे घर पे आई उस समय मैं घर पे अकेला था, घर पे कोई नहीं था, और मैं सुबह से ही बड़े ही रोमांटिक मूड में था। उसको देखते ही मेरे लंड ने फ़िर से सलामी दी और मैं मन ही मन बडा खुश हुआ। उसने मुझसे कुछ प्रोबलेम्स समझनी थी. उस दिन वो लॉन्ग स्कर्ट और शोर्ट टॉप पहने हुई थी। दोस्तों क्या कयामत लग रही थी वो। उसका फिगर एक दम परफेक्ट था 36-24-36 जिसे देख कर मैं पागल हो गया।

हम दोनों मेरे बेडरूम में गए और मैं उसके लिए कोल्ड ड्रिंक लाया। फ़िर हम प्रोब्लेम्स हल करने लगे। जब वो झुकती तो उसके बूब्स देख कर मेरा मन उसे चोदने को करता। थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत करके उसकी कमर पे हाथ रखा और मसलने लगा उसने कोई भी आपत्ति नहीं की। मेरी हिम्मत बढ़ गई। धीरे धीरे मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पे रखा और उन्हें दबाने लगा वो फ़िर भी चुप चाप बैठी रही। फ़िर मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट में हाथ डाला तो वो मेरी तरफ देखने लगी और बोली क्या कर रहे हो?

मैंने उसके दोनों होंठ जो गुलाब की पंखुड़ियों की तरह थे अपने होठों में दबा लिए और उसे किस करने लगा। वो भी थोड़ी देर बाद मेरा साथ देने लगी। यह देख कर मैंने उसके बूब्स जोर जोर से दबाने शुरू कर दिए। उसकी आँखों में मस्ती छाने लगी। उसने अपने दोनों हाथ मेरे बालो में डाल लिए और मुझे पागलो की तरह किस करने लगी।

मैंने उसक टी-शर्ट उतार दी उसने काले रंग की ब्रा डाली हुई थी और उसके बूब्स उसमें से बाहर झांक रहे थे। मैंने उसके दोनों कबूतरों को ब्रा की कैद से आजाद करवाया और उन्हें अपने हाथो से दबाने लगा।फ़िर मैंने उसका एक बूब अपने मुँह में लिया और उसे बच्चों की तरह चूसने लगा।

वो ऊऊऊउ… आआआअ… आ आआ आअह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह की तरह सेक्सी आवाजें निकालने लगी। उसका हाथ मेरे लंड पे चला गया और उसने अन्दर हाथ डाल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसके साथ खेलने लगी। फ़िर मैंने उसकी स्कर्ट भी उतार दी। उसने क्रीम रंग की पैंटी डाली हुई थी। मैंने जैसे ही उसकी पैंटी उतारी उसकी चूत देख कर मैं अपने होश गंवा बैठा। ऐसी चूत मैंने अपनी पूरी लाइफ में नहीं देखी थी।

उसके होठों से भी नाजुक और गुलाबी गुलाबी उसकी चूत जिस पे एक भी बाल नहीं था। मैंने उसकी चूत को जैसे ही छुआ, वो चिहुक पड़ी। मैंने उसकी चूत को अपने होठों की कैद में ले लिया वो पागलों की तरह अपने हाथों से अपने बूब्स दबाने लगी और ऊ ऊऊऊऊ आ आआ आआ ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्छ सेक्सी आवाजे निकलने लगी।

मैंने फ़िर उसे अपना लौड़ा मुँह में लेने को कहा। उसने पहले तो मना किया फ़िर मेरे जोर देने पे उसने मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और फ़िर खूब चूसा जैसे एक छोटा बच्चा लोली-पॉप को चूसता है। थोड़ी देर में मैं जब आने वाला था तो मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुँह में दे दिया और वो भी बड़े प्यार से पी गई।

उसके बाद मैंने उसकी टांगें फ़ैलाई और उसकी चूत पे अपना लंड रखकर एक धक्का दिया और वो पागलो की तरह चिल्लाने लगी। उसकी चूत कुँवारी थी। मैंने देखा तो उसकी चूत में से खून निकल रहा था। वो रोने लगी और मुझे कहा कि बाहर निकाल लो। पर मैं उसके होठों को चूसने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा थोडी देर में जब वो शांत हुई तो मैंने एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो जोर से चिल्लाई जैसे पता नहीं क्या हो गया हो।

मैंने उसके होंठ अपने मुँह में ले लिए। उसकी आँखों से आंसू निकल आए। थोडी देर बाद वो सामान्य हुई तो मैं अपना लण्ड अन्दर बाहर करने लगा और वो भी पूरा सहयोग देने लगी और पूरा कमरा ह्ह्ह्हो क्क्क क्छ्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह ऊऊउ आआआअ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह की सेक्सी आवाजों से गूंजने लगा। 10-15 मिनट बाद वो झड़ गई थोडी देर में मैं भी झड़ गया। फ़िर हम दोनों ने उस दिन 3-4 बार सेक्स किया और वो बहुत ही खुश नज़र आ रही थी…और वो घर चली गई…

कुछ दिन बाद उसने मुझे अपने घर बुलाया और उस दिन उसके साथ उसकी एक फ्रेंड भी थी और वो भी बहुत सेक्सी थी। दोनों के साथ सेक्स की कहानी मैं बताऊंगा आपको अगली कहानी में जल्दी ही !

अब आपसे इजाजत चाहूँगा आपका प्यारा अजय और उसका लण्ड।
प्यासी चूत ! मुझे मेल्स भेजना मत भूलना…
म्मूऊआआह Hindi Sex Stories

मेरा कॉलेज हमें हर साल कॉलेज ट्रिप पर लेकर जाता था.

मैं पहले तीन साल तो कॉलेज ट्रिप पर नहीं गया क्योंकि मैं मेरे पापा के दोस्त की कम्पनी में काम सीख रहा था.

कॉलेज खत्म होते ही एक अच्छी पोस्ट मिलने की लालच में मैं ज्यादा छुट्टियां भी नहीं लेता था.
पर मैंने लास्ट ईयर में कॉलेज ट्रिप जाने की सोची और साथ चलने के लिए सारे कॉलेज फ्रेंड्स को भी मना लिया.

कॉलेज के प्रिंसिपल सर मेरे पड़ोसी हैं और मेरे पापा के अच्छे दोस्त भी हैं.
तो मैंने उन्हें बाली ले जाने का आईडिया दिया और वह मान गए.

अब मैंने प्रिंसिपल सर और कॉलेज मैंनेजर ने बाली जाने का, वहां रहने और घूमने की पूरी तैयारी कर ली.

कॉलेज में अनाउंस भी करवा दिया.

मैं और मेरे सारे दोस्त तो पहले से ही तैयार थे … और भी बहुत से छात्र थे, पर सबके सब फ्रेशर थे.
हमें मिला कर कुछ ही सीनियर थे.

ट्रिप पर जाने से एक दिन पहले मैनेजर सर का एक्सीडेंट हो गया और वे अब हमारे साथ नहीं चल सकते थे.
प्रिंसिपल सर ने ट्रिप कैंसल करने की सोची, पर मेरे बहुत मनाने पर मान गए.

अब इस ट्रिप का नया लीडर और गाइड मैं हो गया था.
मेरे साथ प्रिंसिपल सर ने एक सर और दो मैडम को भी ट्रिप पर भेज दिया, जिनमें से एक का नाम सरोज है.

सरोज मैडम की हाईट 5 फीट है, रंग सांवला और शरीर भी थोड़ा मोटा है उनकी उम्र 50 साल होगी. वे दिखने में भी ठीक ठाक हैं.

हमारी दूसरी मैडम प्रिया कातिल फिगर की मालकिन हैं.
पूरा कॉलेज उन पर मरता है.

मैडम की उम्र 35 साल, रंग गोरा, हाईट 5.5 फीट और फिगर 36-30-38 का.
प्रिया मैडम के फिगर को देख कर ही लगता है कि वे रोज जिम जाती होंगी.

अब हम सब हवाई जहाज में बैठ गए.
मैं विंडो सीट पर बैठा था.
मेरे पास में प्रिया मैडम और उनके पास में सरोज मैडम बैठी थीं.

आज मैंने मौका देख कर प्रिया मैडम के साथ बहुत खुल कर बातचीत की.

वे भी बहुत ही फ्रैंक होकर मुझसे बात कर रही थीं.
हम सभी शाम को अपने रिज़ॉर्ट में पहुंच गए थे.

मैंने लड़कों के रूम्स का अलग और लड़कियों के रूम्स का अलग फ्लोर लिया था.
मेरा रूम लड़कियों के फ्लोर पर था जो मैंने जानबूझ कर प्रिया मैडम के रूम से लगा हुआ लिया था.

अब सब सुबह पूल में पहुंच गए.
पूल भी लेडीज का अलग था.
मैं लेडीज पूल में था.

प्रिया मैडम पूल के किनारे बैठी हुई थीं.
मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके पास स्विमिंग ड्रेस नहीं है.

तो मैंने उनके लिए स्विमिंग कॉस्ट्यूम अरेंज करवा कर दिया.
पर उनकी टी-शर्ट ज्यादा ढीली थी और निक्कर थोड़ी टाइट.

उन्होंने वह ड्रेस ले ली और जैसे ही वह उस ड्रेस को पहन कर आयी तो क्या कातिल लग रही थीं.
वह जैसे ही पूल में उतरीं, उनकी टी-शर्ट उनके बूब्स से चिपक गयी.

आह क्या नजारा था.
चौड़ी गांड, मोटे मोटे बूब्स देख कर तो मेरा लंड ही खड़ा हो गया.

मैडम को स्विमिंग नहीं आती थी तो वे पानी से थोड़ा डर रही थीं.
मैंने उन्हें दिलासा दी कि मैं आपको स्विमिंग सिखा देता हूँ.

थोड़ा समझाने के बाद वह मान गईं.
अब मैं उनको स्विमिंग सिखाने लगा.
मेरा एक हाथ उनके पेट पर और एक हाथ उनके पैरों को पकड़े हुए था.

वे पानी में पैर हिला रही थीं.
बीच बीच में मेरा हाथ उनके बूब्स पर टच हो रहा था पर उन्होंने कुछ नहीं कहा.

अब मैंने धीरे धीरे अपना हाथ पैरों से जांघ पर शिफ्ट कर दिया और बैलेंस बनाने के नाम पर उनकी जांघों को बार बार मसलने लगा.
उन्होंने अब भी कुछ नहीं कहा.

अब मेरा दूसरा हाथ धीरे धीरे उनके बूब्स को टच करने लगा और मेरी उंगलियां उनके बूब्स को मसलने लगीं.

मुझे लगा कि मैडम को भी मजा आ रहा था.

मैं अभी कुछ और कर पाता, पर तभी हमें पूल से निकलना पड़ा क्योंकि हमें घूमने जाना था.
पूरा दिन मैडम मुझे एक हल्की सी शरारत वाली स्माइल दे रही थीं.

शाम को रिज़ॉर्ट में लौट कर सब फिर से पूल में चले गए.
इस बार मैडम ने मुझे खुद से स्विमिंग सिखाने को बोल दिया.

अब मैं वापिस वही हरकतें करने लगा, धीरे धीरे मैं उनके बूब्स दबाने लगा, उनकी जांघों को मसलने लगा और एक दो बार मैंने उनकी गांड भी मसल दी.

कुछ देर बाद मैडम ने मुझे रोक दिया.

सब लोग पूल से निकल कर अपने अपने रूम में चले गए.
मैं बार बार बस मैडम को ही याद कर रहा था.

काफी रात गहरा गई थी.
तभी मेरे रूम की घंटी बजी.
मैंने जैसे ही रूम खोला, सामने प्रिया मैडम थीं.

वे एक टाइट टी-शर्ट और शॉर्ट में थीं.
मैंने उन्हें अन्दर बुलाया.

हम दोनों इधर उधर की बातें कर रहे थे.
तभी मैडम ने कहा- मेरे कंधे बहुत दुख रहे हैं, क्या तुम थोड़े दबा दोगे?

मैं उनके कंधे दबाने लगा.

इससे मैडम बहुत ही रिलेक्स फील कर रही थीं.

तभी मैडम मुझसे पूछने लगीं कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने मैडम को मना कर दिया.

तो मैडम ने कहा- तुम झूठ बोल रहे हो.
मैंने मैडम से कहा- अभी नहीं है, पर पहले थी.

मैडम ने पूछा- तो उसके साथ सेक्स भी किया होगा?
मैं यह सुन कर दंग रह गया.

मैंने कहा- थोड़ा बहुत किया है.
मैडम ने कहा- ऐसा क्यों?

मैंने मैडम को बताया कि उसे ये सब ज्यादा पसंद नहीं था.
मैडम हंस पड़ीं और बोलीं- सेक्स किसको पसंद नहीं होता!

अब मैंने मौका देखते हुए मैडम से कहा- अगर आपका शरीर ज्यादा थक गया हो, तो मैं आपके पैरों की भी मसाज कर दूँ?
कुछ पल सोचने के बाद वह मान गईं और बोलीं- पर आराम से करना.

मैंने उनके कहने के अंदाज से यही समझा कि ये चुदाई आराम से करने की कह रही हैं.
वे बेड पर उल्टा लेट गईं.

अब मैं उनके पैरों की उंगलियां दबाने लगा.
मैडम को मजा आने लगा.

मैं धीरे धीरे पैर दबाते दबाते उनकी जांघ तक पहुंच गया और जांघों को मसलने लगा.
अब मैडम थोड़ी थोड़ी कामुक आवाज निकालने लगीं.

मैं उनकी जांघ के अन्दरूनी हिस्से को भी मसलने लगा और धीरे धीरे मेरा हाथ उनकी चूत के करीब पहुंच गया, पर मैंने चूत को टच नहीं किया.

मैंने मैडम से कहा- अगर आपको मसाज पसंद आयी हो, तो मैं आपकी पीठ की ऑयल मसाज भी कर सकता हूँ.

मैडम ने थोड़ा झिझक कर हां कह दिया पर कहा कि किसी को बताना मत!

मैंने हामी भरी और बाथरूम से मसाज ऑयल लेकर आ गया.

तब तक वे भी टी-शर्ट उतार कर पीठ के बल बेड पर लेट गईं.
उन्होंने लाल कलर की डिजाइनर ब्रा पहन रखी थी.
उनके बूब्स ब्रा के साइड से बाहर आ रहे थे.

यह देख कर मेरा लंड उफान मारने लगा.

मैंने अपने को काबू किया और उनकी लोवर बैक की मसाज करने लगा.
धीरे धीरे मैं उनकी पूरी की पूरी पीठ को मसलने लगा.

मैडम को भी मजा आने लगा.

वे बहुत ज्यादा कामुक होकर मादक आवाजें निकाल रही थीं.
मुझे ब्रा की स्ट्रेप की वजह से मसाज करने में दिक्कत हो रही थी, तो मैंने मैडम को ब्रा स्ट्रिप को खोलने को कहा.
वे वासना में इतनी ज्यादा डूब चुकी थीं कि उन्होंने ब्रा की स्ट्रिप खोल दी.

अब मुझे उनके गोरे बूब्स साइड से साफ दिख रहे थे.
बिल्कुल दूध से सफेद.

मैं उनकी रगड़ कर मालिश करने लगा और मैडम जोर जोर से आह आह की कामुक आवाजें निकालने लगीं.
मैं हल्के हाथों से उनके बूब्स को साइड से सहलाने लगा.

मैडम और भी ज्यादा प्यार भरी आवाजें निकालने लगीं.

यहां मेरा लंड पैंट में दर्द करने लगा.
मैंने मौका पाकर मैडम से पेट की मालिश के लिए पूछ लिया.

पहले तो मैडम ने मना कर दिया, फिर तुरंत ही हां भी बोल दिया.
पर मुझसे आंखें बंद करके मालिश करने को कहा.

मैं मान गया और मैडम के आदेश को फॉलो करते हुए अपनी आंखें बंद करके उनके पेट पर धीरे से बैठ गया और उनकी मालिश करने लगा.
मेरा हाथ जैसे ही बूब्स के करीब पहुंचा, तो मैडम ने टोक दिया और नीचे नीचे मालिश करने को कहा.

मैंने भी डर के मारे आंखों को बंद रखा और मालिश जारी रखी.
थोड़ी देर में ही मैडम की कामुक आवाज फिर से शुरू हो गयी.

मैंने हिम्मत करके थोड़ी सी आंख खोली तो मैडम आंखें बंद करके मादक आवाजें निकाल रही थीं.
मैं अब आंख खोल कर मालिश करने लगा.

उनके बूब्स ब्रा से ढके हुए थे पर बहुत ही मस्त लग रहे थे.

मैं धीरे धीरे हाथ ऊपर की ओर बढ़ाने लगा तो मैडम अपनी ब्रा धीरे धीरे खिसकाने लगीं.
उन्होंने अपनी ब्रा पूरी तरह से साइड में कर दी.

क्या तो बूब्स थे उनके … मैं तो देखते ही पागल हो गया.

मैं धीरे धीरे उनके बूब्स को नीचे से टच करने लगा.
मैडम ने कुछ नहीं कहा.

मैंने हिम्मत करके उनके बूब्स पर हाथ रख दिया और आंखें बंद करके धीरे धीरे मालिश करने लगा.

मैडम ने अब भी कुछ नहीं कहा.
मैं मैडम के बूब्स मसलने लगा.
मैडम कराहने लगीं.

मैंने मालिश करते हुए अपने होंठ मैडम के होंठों पर रख दिए और उन्हें किस करने लगा.
मैडम भी मेरा पूरा साथ देने लगीं.

हॉट मैम पागलों की तरह मेरे होंठों को चूसे जा रही थीं और मैं उनके बूब्स दबा रहा था.

कुछ देर बाद मैं उनकी गर्दन को चूमने लगा तो वे मचल उठीं.
पर उनकी आंखें अब भी बंद थीं.

मैं उन्हें चूमते हुए नीचे आया और उनके बूब्स को चूसने लगा.

बूब्स चूसते चूसते मैंने मेरा एक हाथ उनके शॉर्ट के अन्दर डाल दिया और पैंटी के ऊपर से उनकी चूत मसलने लगा.
उनकी चूत पूरी गीली थी.

मेरी इस हरकत से वह जल बिन मछली की तरह तड़पने लगीं.

अब मैंने उनके शॉर्ट को खोल दिया और पैंटी उतार कर Xxx मैम की चूत को देखने लगा.
बिल्कुल क्लीन शेव, किसी कुंवारी लड़की की चूत की तरह लग रही थी.

मैं उनकी चूत पर टूट पड़ा और उनकी चूत को चाटने लगा.

उन्होंने अपना हाथ मेरे सर पर रख दिया और मेरे सर को चूत की तरफ दबाने लगीं.

साथ ही वे जोर जोर से उह आह आह हो आह की आवाजें निकालने लगीं.
उनकी ये कामुक आवाजें सुन कर मैं और जोर से उनकी चूत चाटने लगा.

कुछ देर बाद उन्होंने छटपटाते हुए सारा पानी निकाल दिया और खुद बेसुध हो कर लेटी रहीं.

मैं उनका सारा पानी पी गया.
क्या स्वाद और क्या खुशबू थी.

अब मैंने फटाफट अपने सारे कपड़े उतारे और उनके बूब्स पर बैठ गया.
मैंने मैडम को आंखें खोलने को कहा. उन्होंने जैसे ही आंखें खोलीं, मेरा बड़ा लंड ठीक उनके मुँह के ऊपर था.

वे मेरा लंड देख कर चौंक गयी और शर्म के मारे आंखें चुराने लगीं.
मैंने एक हाथ से उनकी गर्दन को ऊपर उठाया और लंड उनके मुँह में दे दिया.

वे भी बड़े प्यार से मेरा लंड चूसने लगीं.
लंड चूसने में वे पक्की खिलाड़ी थीं.

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने उन्हें पेट के बल पलंग के किनारे लेटने को कहा और मैं पलंग के किनारे खड़ा हो गया.
मैंने उन्हें फिर से लंड चूसने को कहा, वह मेरा लंड पूरा अन्दर गले तक उतार कर चूसने लगीं.

मेरा लंड उनके मुँह में ठीक से आ भी नहीं रहा था, फिर भी उन्होंने वह पूरा अन्दर तक लेकर चूस लिया.

मैंने उनके बाल पकड़े और उनके मुँह को चोदने लगा.
उनकी सांस फूलने लगी पर वे बराबर अपना मुँह चुदवाने लगीं और मैं अपनी चरम सीमा पर आ गया.

मैंने अपना पूरा सारा वीर्य उनके मुँह में खाली कर दिया और उनके पास में लेट गया.
वे मेरा सारा वीर्य चूस गईं और मेरे पास में लेट कर मेरे पूरे शरीर को चूमने लगीं, मेरे लंड को सहलाने लगीं.

कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से चार्ज हो गया.
उन्होंने मुझसे कहा- आकाश, चोद दे अब मुझे … मुझसे बर्दाश्त नहीं होता, कब से बड़े लंड के लिए तरस रही थी.

मैंने भी देर न करते हुए उनके ऊपर चढ़ कर अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया और एक जोर का धक्का दे दिया.
मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया.
वे जोर से चीख पड़ीं, मैं रुक गया.

मैंने थोड़ा इंतजार किया और एक और जोर का धक्का दिया.
अब मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया.
उनकी आंखों से आंसू आ गए.

चूत लंड के हिसाब से थोड़ी टाइट थी.
मैं थोड़ा रुक कर उनके होंठों को चूसने लगा.

वे जैसे ही नॉर्मल हुईं, मैं धीरे धीरे उन्हें चोदने लगा और उनके होंठ चूसने लगा.

कुछ देर बाद वह भी अपनी गांड हिलाने लगीं तो मैंने अपने हाथों को पलंग पर रख कर पकड़ बनाई और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाते हुए उन्हें जोर जोर से चोदने लगा.

वे जोर जोर से चिल्ला रही थीं- आह और जोर से … और तेज आकाश फाड़ दे मेरी चूत … भोसड़ा बना दे इसका.

मैं उन्हें और जोर जोर से चोदने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उन्हें बिस्तर से उठाया और बालकनी में ले आया.

उधर मैंने मैडम से बालकनी की रेलिंग पकड़ कर झुकने को कहा और पीछे से एक जोर का झटका दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड एक बार में अन्दर चला गया.

वे जोर से चीखने लगीं.

मैंने Xxx मैम को चोदना जारी रखा और पूरी रफ्तार से चोदने लगा.
वे जोर जोर से चिल्लाती हुई ‘उह आह ओह … यस लाइक दैट …’ कहने लगीं.

कुछ देर बाद मैंने अपना सारा वीर्य उनकी पीठ पर निकाल दिया और हम दोनों जकुजी में जाकर आराम से बैठ गए.
बाद में बाहर आकर मैंने हॉट मैम को काउगर्ल और मिशनरी स्टाइल में चोदा.

उस पूरी रात में मैंने मैडम को चार बार चोदा.
अगली सुबह मैडम जल्दी अपने कमरे में जाकर सो गईं.

अगले पूरे दिन मैडम से ठीक से चला नहीं जा रहा था.

उस दिन के बाद मैडम और मुझे जब भी मौका मिलता, हम दोनों चुदाई कर लेते हैं.

वैसे हम दोनों को बालकनी में चुदाई करते हुए स्वाति और राधिका ने देख लिया था.

उसी ट्रिप पर मैंने उन दोनों को एक साथ कैसे चोदा, ये मैं अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.

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मेरा नाम राहुल है! मैं Sex Stories रायपुर शहर में रहता हूँ, 22 साल का इन्जिनियरिन्ग का छात्र हूँ। मैं जिस मकान में रहता हूँ वहां नीचे में मकान मालकिन रह्ती है। वो नौकरी करती है, उसका पति भी नौकरी करता है । उनका एक लड़का भी है वो स्कूल जाता है।

मैं मकान मालकिन को चाची कह कर बुलाता हूँ। वो बहुत गुस्से वाली है। चाची 37 साल की, बहुत मोटी है और हॉट औरत है। जरा जरा बात पर मकान मालिक से लड़ाई करती रहती है। पहले तो मैं कुछ समझ ही नहीं रहा था पर मैंने जब से अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ी, मेरे दिमाग में कुछ आया कि कहीं चाची और चाचा के बीच में कुछ गड़बड़ तो नहीं चल रहा है ! और मैंने अपना फ़ायदा उठाना चाहा।

मेरी चाची दिखने में काफ़ी सुंदर हैं और उनके स्तन काफ़ी बड़े हैं। वो घर में हमेशा सलवार सूट पहनती हैं। उनके बड़े बड़े स्तन उनके कमीज़ में नहीं समाते और हमेशा बाहर झाँकते रहते थे जिससे मेरी निगाहें उन पर जम जाती। हालाँकि मुझे यह सब ग़लत भी लगता था लेकिन क्या करूँ, कंट्रोल ही नहीं होता था। कभी कभी चाची भी मुझे अपने स्तनॉ में झाँकते हुए देख लेती थी लेकिन फिर भी वो उनको छुपाने की कोशिश नहीं करती थी, जिससे मुझे लगता कि शायद वो भी मुझे अपने स्तन दिखाना चाहती हैं लेकिन फिर मैं सोचता कि ये मेरा भ्रम ही होगा और मैं नज़रे घुमा लेता।

पर पता तो चले कि आखिर चाची उसके पति से सन्तुष्ट है या नहीं !

चून्कि उनका दरवाजा सीढ़ियों के पास में है मैंने रात को उनके घर में झांक कर देखने की कोशिश की।

अरे वाह ! वहाँ तो क्या सीन चल रहा था !

चाची तो नन्गी लेटी थी और चाचा उसकी चूत चाट रहा था। मैं डर गया और चुपचाप अपने कमरे में चला गया।

सुबह मैं लेट से जागा और रात का सीन मुझे खूब याद आ रहा था। उनका और मेरा बाथरुम एक ही है।

जब मैं नहाने के लिए बाथरूम में गया तो देखा कि वहां चाची की पैंटी और ब्रा लटक रही थी। शायद चाची उन्हें ले जाना भूल गई थी। यह पहली बार था कि मैं किसी औरत की पैंटी और ब्रा इतनी पास से देख रहा था। मेरा हाथ रोके नहीं रुका और मैं उनको अपने हाथ में ले के सूंघने लगा, उसकी मादक सुगंध से मैं मदहोश होने लगा। मैं पैंटी को अपने मुँह में ले के चूसने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं चाची की चूत चूस रहा हूँ। उसके बाद मैं ब्रा को भी मुँह में ले के खेलने लगा।

उस दिन पहली बार मेरा लंड इतना बड़ा लग रहा था। मेरे लंड का आकार इतना बड़ा आज तक नहीं हुआ था। उसके बाद मैंने अपने लंड से पैंटी और ब्रा को खूब चोदा, उसे लंड में लपेट के मैंने अपना मुठ उसी में गिरा दिया, फिर अच्छे से धो के चाची की ब्रा और पैंटी वहीं रख दी। उस दिन हिलाने में जितना मजा आया था उतना पहले कभी नहीं आया था।

अगले दिन जब चाची नहा के निकली, मैं नहाने के लिए जल्दी से बाथरूम की ओर दौड़ा ताकि कोई और ना चला जाए बाथरूम में। पर अन्दर जाते ही मुझे काफी निराशा हुई। इस बार चाची ने वहाँ अपने कोई कपड़े नहीं छोड़े थे। मैं उदास मन से नहा के बाहर आ गया। अपने कमरे में जा के भी मैं यही सोच रहा था कि आज कैसे मुठ मारी जाए। तब मैं हिम्मत करके छत पे गया। वहाँ चाची कपडे सुखा रही थी, हम दोनों खाने पीने के बारे में बातें करने लगे।

मैंने कहा- बहुत दिनो से मैंने चिकन नहीं खाया है, होटल का तो अच्छा ही नहीं लगता।

तो चाची बोली- मैं अगले शनिवार को बनाने वाली हूँ तो तू भी खा लेना !

मैंने कहा- ठीक है चाची।

मैं शनिवार को उनके घर पहुंचा, सब घर में थे! खाना खाया, अच्छा हँसे खेले, खूब मज़े किए। सब ९-१० बजे तक काम में चले गये और चाची घर में ही थी। शायद वो आज छुट्टी पर थी। उनका एक मेहमान भी आया था, २-३ घंटे बाद मैं बोर होने लगा, मैंने चाची जी को बोला- मैं चलता हूँ !

उन्होंने बोला- हैं ? तुम्हारे चाचा जी के आने तक इनके साथ में रहो !

मैने कहा- ठीक है, कुछ देर बाद वो मेहमान जाने लगा तो चाची ने कहा- राहुल, जाओ, इनको स्टेशन तक छोड़ कर आना !

मैं बात मान गया। जब वापस आया तो चाची टी वी देख रही थी।

जैसे ही मैंने देखा उसमें होट सीन चल रहा है तो मैं शरमाया और मैं जा रहा हूँ कह कर जाने लगा।

चाची ने कहा- क्या हुआ चाय पी ले, फ़िर चला जाना।

फ़िल्म रोमेन्टिक था, जिसमें हीरो हिरोइन को बुरी तरह से चूम रहा था। मैं भी उसी फ़िल्म में खो गया था। थोड़ी देर बाद चाची अचानक चाय लेकर उसी कमरे में आ गई। मैं अपना पैन्ट को बाहर से पकड़ कर बैठा था, जिसके साथ मैं खेल रहा था।

चाची एकदम बोली- तुम यह क्या देख रहे हो?

मैंने बोला- ज़ी चाची, मैं शरमा गया!

चाची ने बोला- बेटा यह गलत बात है मैं नहीं जानती थी कि तुम इतने गन्दे हो।

फ़िर मैं वहाँ से चला आया! इसके बाद मैंने मुठ मारी तब जा के मैं शान्त हुआ!

रात को मैं डिनर करने के बाद जब सोने लगा तो भी मेरे को चैन नहीं आ रहा था। २ घंटे बाद चाचा और उनका लड़का सो गये। मेरा लौड़ा फिर से खड़ा था और बाथरूम उनके घर के दरवाजे पर ही था जो कि सीढ़ियों के पास था। जैसे ही मेरा लौड़ा खड़ा हुआ तो मैंने फिर उसके साथ खेलने की कोशिश की, बाहर निकाला उतने में फिर चाची मेरे कमरे में आई। मैंने अपना लौड़ा एकदम पैन्ट में वापिस अंदर डाल लिया।

सुबह जब सब फिर अपनी-२ ड्यूटी पे चले गये तो चाची ने मेरे को बोला- बेटा तुम शादी कर लो !

मैंने बोला- अभी नहीं।

वो बोली- तुम्हें चैन तो आता नहीं !

मैंने बोला- ऐसा कुछ नहीं !

मेरी चाची ने इतना बोलते ही मेरे लौड़े पे हाथ रख दिया।

मैं बोला- चाची यह आप क्या कर रही हो?

चाची बोली- तुम्हें शांत कर रही हूँ !

पर आप तो मेरी चाची हैं, मेरी माँ के समान !

बोली- चाची तेरी हूँ ! ना कि इसकी !

उसने बिना किसी डर के मेरी पैन्ट खोली, मेरा लौड़ा बाहर निकाला और चूसने लगी। मेरा लौड़ा भी एकदम फिर से टाइट हो गया। चाची ने ऐसे चूसा जैसे काफी समय से प्यासी थी।

मैंने भी चाची की कमीज़ खोली, नीचे उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी। जैसे ही मैंने ब्रा खोली, देख कर आँखे खुली ही रह गई, उसके मूमें ३८ साइज़ के थे, चूचुक भी ब्रा की तरह गुलाबी रंग के थे। मैंने भी चाची के मूमें ऐसे चूसे जैसे दूध पी रहा हूँ।

मेरे को चाची ने बताया- बेटे तेरे चाचा ज्यादा कर नहीं पाते हैं, उनका लौड़ा दुबारा खड़ा ही नहीं होता। मैं सालों से तरस गई हूँ, मेरी चूत सालों से आधी ही चुदी है। मेरे को आज ऐसे चोद कि मैं तुम्हीं से पूरा चुदवाऊँ !

मैंने बोला- चाची ! मैं तो तुम्हारे बेटे के समान हूँ !

वो बोली- बेटे ही मुसीबत में काम आते हैं।

वो रोने लगी। मैं भी तैयार हो गया। चाची ने मेरा लौड़ा चूसते चूसते यह सब मेरे को बताया। मैं चाची को बेड पे ले गया और चाची के कपड़े उतारे तो मेरे लंड ने सलामी दी चाची की चूत को।

चाची की चूत इतनी सेक्सी कि बता नहीं सकता। चूत की शेव करी हुई थी, जैसे के सब तैयारी पहले से ही कर के रखी हुई थी। उसने फिर से मेरा लौड़ा चूसना चालू किया, चाची के मूमें भी इतने बड़े थे कि मेरे हाथ में ठीक से आ नहीं रहे थे। अब मैंने उसकी भोसड़ी चूसनी चालू करी तो ऐसी चीखें मारी जैसे इक कुँवारी चुदने वाली है।

मेरा लौड़ा पूरे साइज़ में तैयार था ८.५” का !

बोली- बेटे तेरा लौड़ा तो बहुत ही बड़ा है !

मैंने जैसे चाची की चूत पर रखा, आधा तो आसानी से अंदर चला गया, बाद में रोने लगी, बोली- मेरी भोसड़ी तो अब दर्द कर रही है।

मैंने एकदम जोर लगाया तो चाची की चूत से थोड़ा-२ खून निकला। थोड़ी देर बाद चाची भी धक्के देने लगी, मजे से चुदने लगी। चाची कोई २ बार झड़ चुकी थी, मेरा भी निकलने वाला ही था। मैंने चाची के अंदर ही डाल दिया।

चाची बाद में बोली- तुमने तो आज मेरी भोसड़ी को अपने चाचाजी के लायक ही नहीं छोड़ा, इस भोसड़ी को भोसड़ा बना दिया। तुम्हारे इस लंबे लौड़े ने बुरी तरह से चोद दिया।

इसके बाद मैंने चाची की जमकर चुदाई की। मैंने सब तरीकों से चाची की भोसड़ी मारी। आज भी चाची लगातार चोदता रहता हूँ जब घर में कोई नहीं रह्ता तो वो फोन करके बुलाती है। Sex Stories

Antarvasna

तुम्हारी सेक्सी मेल्स पढ़कर मुझे इतना मज़ा Antarvasna आता है कि मैं बता नहीं सकती। जितना मज़ा तुम्हारी मेल ने दिया है उतना शायद ही कभी मुझे मिला हो। जैसा कि तुम मुझे कह रहे थे, मैं भी तुमको यह सेक्सी मेल लिख रही हूँ। होप यू एन्जॉय।
जहाँ तुमने छोड़ा था उसके आगे से लिख रही हूँ।

तुम मेरे पास आगरा आए थे और होटल के रूम में बुला कर तुमने मुझे खूब चोदा।
(हाय मैं इतना गन्दा सोच रही हूँ )

तीन बार करने के बाद तुम पूरी तरह निढाल होकर मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरे ऊपर ही सो गए। सुबह उठकर तुम वापिस चले गए।

एक हफ़्ते बाद तुम वापिस आए इस एक हफ़्ते में मैं तुम्हारी याद में हस्त मैथुन करती रही।

तुम सुबह 10 बजे मेरे रूम पे आए, तुमने दरवाज़ा खटखटाया, मैं सन्डे होने के कारण थोड़ी देर पहले ही सो के उठी थी। मैंने जैसे ही दरवाज़ा खोला, तुम अन्दर आ गए, पीछे से दरवाज़ा बंद करके मुझे अपनी बाहों में भर लिया और बेतहाशा चुम्बन करने लगे।

तुमने कहा- मैं पूरे एक हफ्ते से प्यासा था, आज मेरी प्यास बुझा दो !
मैंने मजाक में कहा- लो पानी पी लो, फिर कोल्ड ड्रिंक भी देती हूँ।
तुमने हँसते हुए पानी पी लिया और कहा- कोल्ड ड्रिंक मैं गिलास से नहीं पियूँगा।
मैंने पूछा- फ़िर कैसे?

तुमने आगे आकर मुझे किस किया और मेरे मम्मों को दबाते हुए बोले- नए स्टाइल में पियूँगा !!!
मैंने पूछा- कौन सा नया स्टाइल?
तुमने कहा- अभी बताता हूँ।

मैंने क्रीम रंग की नाईटी पहनी थी, नीचे काली ब्रा और पैंटी !
“तुम बैठो मैं अभी नहा कर आती हूँ !”
तुम- चलो, मैं तुम्हें नहलाता हूँ !
मैं- धत्त ! बेशर्म ! मुझे शर्म आती है।
तुम- जब मैं तुम्हारी मारता हूँ तब तो शर्म नहीं आती?

“अरे नहीं ! आती तो है पर उस समय मैं इतनी गर्म होती हूँ कि मुझे होश ही नहीं रहता।”
” तो चलो ठीक है, मैं तुम्हें गरम करके नहलाता हूँ और कोल्ड ड्रिंक पीने का नया तरीका भी तो बताना है तुम्हें। सच्ची तुम्हें बहुत मज़ा आएगा !”
“ऐसा है तो चलो।”
और हम दोनों बाथरूम में घुस जाते हैं।

बाथरूम में घुसते ही तुम मुझे पकड़ के कस के चूमते हो और मेरे मम्मे और मेरे गान्ड पर हाथ फ़ेरते हो। मुझे मज़ा आने लगता है। तुम शावर खोल देते हो और मैं भीगने लगती हूं। तुमने टी-शर्ट और जीन्स पहन रखी हैं। भीगने से मेरी नाईटी मेरे शरीर से चिपक जाती है और मेरे मस्त मम्मे ब्रा में ढके हुए और मेरी पैन्टी साफ़ दिखने लगती है। यह देख कर तुम गरम हो जाते हो और मुझे अपनी तरफ़ खींचते हो। नीचे घुटनों के बल बैठ कर मेरी नाईटी ऊपर उठा कर मेरी टांगों और जांघों को चूमते हुए मेरी पैन्टी तक पहुँच जाते हो !!

“स्स्स्स्स्स्स श्ह्ही अआया आआः मज़ा आआया आया आ आ रहा है !”

तुम दोनों हाथ मेरी पैन्टी के अन्दर डाल देते हो और दाएं हाथ से मेरी गान्ड को और बाएं हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगते हो !
“आआया आया अआया आआअह्ह्ह मज़ा आ आ आआया आआया रहा है।”
यह करते हुए तुम मुँह से मेरी पैन्टी का एलास्टिक पकड़ कर उसको धीरे धीरे नीचे उतारते हो।

मेरी गरम चूत देखते ही तुम्हारे मुँह में पानी आ जाता है और तुम मेरी क्लिटोरिस को चूमने और चाटने लगते हो, मैं आ आया आ आआ अआय आ आआया अह आ आआया आआ अआः करती हूँ, तुम्हारा सर पकड़ कर अपनी चूत पे दबाती हूं, तुम्हारे हाथ मेरे गान्ड के छेद पे होते हैं।
इस तरह से मैं पहली बार ओर्गास्म हो जाआआताआ है, “आआअह मैं मर गई !”

तुम कहते हो यह तो शुरुआत है। मेरे चूत का जूस अपने होठों पे लेकर मेरी नाईटी और ऊपर उठाते हो और मेरी ब्रा को खोल कर मेरे मम्मे ज़ोर ज़ोर से दबाते हो और मेरे सख्त निप्प्ल पर मेरी चूत का जूस मेरे होठों से लगा देते हो। मेरी ब्रा खुल कर नीचे गिर जाती है, मैं नाईटी उतार देती हूं और पैन्टी से पैर निकाल कर बाहर आ जाती हूं।

मैं तुम्हारे लन्ड की तरफ़ देखती हूं जो एकदम टाईट हो रहा है और तुम्हारी जींस फाड़ कर बाहर आने को बेताब है।
“अरे जान इसको क्यूँ सज़ा दे रहे हो, इसको तो बाहर आने दो !”
“हाँ यह तो बाहर आएगा ही वरना मज़ा क्या आएगा।”
और हम दोनों हँसते हैं।

तुम- अच्छा तुम जाओ ज़रा चिल्ड कोल्ड ड्रिंक लेकर आओ !
मैं- अरे कोल्ड ड्रिंक का क्या करोगे अभी?
तुम- जाओ न, मुझे प्यास लगी है मुझे पीना है !
“अच्छा बाबा लाती हूँ पर तुम कपड़े तो उतारो।”
“नहीं कपड़े तुम उतरना मेरे, तब असली मज़ा आएगा।”
अच्छा !

मैं जल्दी से पूरी नंगी हालत में भाग के गई और फ्रीज से सुपर-चिल्ड कोल्ड ड्रिंक-फ़ैंटा निकाल के ले आई।
भाग के जाने से मेरी साँस फूलने लगी और मेरे मम्मे ऊपर नीचे होने लगे।

तुम- जान तुम्हारे मम्मे कितने अच्छे हैं ! अच्छा अब मैं थोडी देर बाद कोल्ड ड्रिंक पियूँगा और तुम लोलीपोप चूसना।
मैं- लोलीपोप? मैं कोई बच्ची तो नहीं हूँ जो लोलीपोप चूसूंगी !
“मना ना करो, तुम्हारे लिए बहुत टेस्टी लोलीपोप लाया हूँ।”
“अच्छा ! कहाँ है दो।”
“पहले तुम अपनी आँखें बंद करो।”
“मैं अपनी आँखें बंद करती हूं।”

अब तुम अपना लन्ड निकाल कर उस पर थोड़ा सा कोल्ड ड्रिंक गिरा के मुझसे कहते हो- जानू अपना मुँह खोलो !
मैं अपना मुँह खोलती हूं और तुम अपना लन्ड मेरे मुँह में दे देते हो।
मैं जीभ से टेस्ट करती हूँ- अरे यह तो ओरंज फ्लेवर लोलीपोप है।
तुम्हें अच्छी लगी !
“हाँ !”
तुम- तो आंखें खोलो और चूसो !
मैं आँखें खोलती हूं और तुम्हारा लन्ड देखती हूं- तो यह लोलीपोप है?
हाँ, अब चूसो !

मैं तुम्हारा जींस का बटन खोल कर अंडरवीअर नीचे करके घुटने तक तुम्हारा लन्ड चूसने लगती हूं।
तुम मेरे सर के पीछे से पकड़कर कस के चुसवाने लगते हो। तुम्हारा लंबा मोटा लन्ड मेरे मुँह में पूरा नहीं जा पा रहा होता है, तुम मुझे पकड़कर अपने लन्ड को ज़ोर से मेरे मुँह में डाल देते हो। मुझे दर्द होता है लेकिन अब तक तुम्हारे हाथ मेरे मम्मों को दबाने लगते हैं और मुझे मज़ा आने लगता है। मैं तुम्हारा पूरा लन्ड लोलीपोप की तरह चूसने लगती हूं।

तुम आ आआया आआह्ह हह्ह्ह्छ ओऊ ऊऊ ऊऊओ ऊह ऊऊ ऊऊ उफ ! करते हो।
“बस रुक जाआआओ ! वरना मैं झर जाऊँगा।”
“तो झर जाओ !”
तुम- नहीं ! मुझे अभी तुम्हारी चूत और तुम्हारी गान्ड मारनी है।

मैं हँसते हुए हट जाती हूं। अब तुम अपने कपड़े उतार के आ जाते हो और बोलते हो कि अब मुझे कोल्ड ड्रिंक पीनी है
मैं- वो कैसे?
तुम मुझे अपने सामने खड़़ा करते हो और मेरे नंगे शरीर को देख कर कहते हो- यह है न ग्लास।
मैं- मतलब?

तुम कोल्ड ड्रिंक की बोतल लेकर अपने होठों से शुरू करके अपने मम्मों, अपनी नाभि अपनी चूत, अपनी गांड जांघों और टांगों पर कोल्ड ड्रिंक डालो धीरे धीरे और मैं पीता जाऊँगा !
“वाओ, यह तो बहुत बढ़िया तरीका है।” है न?
और मैं अपने होठों से कोल्ड ड्रिंक गिरा कर धीरे धीरे नीचे बढती जाती हूं। ठंडी कोल्ड ड्रिंक से बदन में सिहरन उठती है लेकिन तुम्हारे चाटने से मज़ा आऽऽऽऽ हऽऽ आऽऽऽ रहा है। तुम ऐसे ही चूसते और कोल्ड ड्रिन्क पीते जाते हो, मेरे मम्मों पर, चूत में से, गान्ड में से नीचे तक।
मैं- अब मेरी बारी !

अब तुम खड़े हो जाते हो और मैं घुटनों के बल तुम्हारे आगे बैठ जाती हूं और तुम्हारे लन्ड पर कोल्ड ड्रिन्क डाल डाल कर पीती रहती हूं और साथ ही तुम्हारा लन्ड, तुम्हारे टट्टे भी चूसती जाती हूं। अब तुम बिल्कुल गर्म हो जाते हो। मैं जैसे ही कोल्ड ड्रिन्क की बोतल रखने के लिये पलटती हूं, तुम मुझे पीछे से पकड़ कर मेरे मम्मे नोच लेते हो।

मेरी चीख निकल जाती है। इस समय तुम्हारा लन्ड मेरी गान्ड के छेद के पास गड़ रहा होता है। तुम मुझे ऐसे अपनी बाहों में उठा लेते हो कि तुम्हारा लन्ड मेरी गान्ड से रगड़ रहा होता है और उठा के मुझे बेड के पास ले जाते हो।

वहाँ पहुंच कर तुम मुझे बेड पे दोनों हाथ और पैर पे बैठने को कहते हो और वैसलीन की शीशी उठा लाते हो। मेरी गान्ड के छेद को खूब चूसते हो और उस पर वैसलीन लगाते हो, और अपने लन्ड पर भी !
मैं- आज क्या पहले गान्ड मारोगे?
“हाँ !”
“तो ठीक है ऐसे मारना मेरी गान्ड फ़ाड़ देना ! ठीक है?”
तुम पहले दो उंगलियों से मेरी गान्ड का छेद बड़ा करते हो, फ़िर धीरे से अपना सख्त लन्ड मेरी गान्ड पर लगाते हो और धीरे से मेरी गान्ड मारना शुरू करते हो। धीरे धीरे धक्के देते जाते हो, तुम्हारे हाथ मेरे मम्मों पर आ जाते हैं और तुम उन्हें दबाने लगते हो, बीच बीच में दो उंगलियों से मेरे चूत में भी फ़िन्गरिन्ग करते हो आऽऽऽहऽऽ आआऽऽ मज़ा आऽऽ रहाऽऽ है… और जोर से और जोर से

” मुझे धीरे में मज़ा नहीं आ रहा, जोर से मारो मेरी गान्ड फ़ड़ दो आज” मैं हवस के बहाव में बोलने लगती हूं।

तुम जोश में आ जाते हो, मेरी जांघें पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचते हो और एक झटके में अपना पूरा लन्ड मेरी गान्ड में डाल देते हो।
मेरी चीख निकल जाती है- आऽऽऽऽह ऽऽआअऽऽऽऽ अऽऽऽऽ मर गई !

इससे पहले कि मैं सम्भल पाती, तुम मेरी गान्ड जोर जोर से मारने लगते हो, पूरा लन्ड बाहर निकाल कर जोर से एक झटके में अन्दर बाहर करने लगते हो।
“मुझे बहुत दर्द हो रहा है लेकिन मज़ा भी आ रहा है !”
तुम अपनी स्पीड बढ़ाते जाते हो !
मैं कहती हूं- रुक जाओ प्लीज बस !

तुम- नहीं आज सचमुच में तुम्हारी गांऽऽऽऽड फ़ाड़ के रहूंगाऽऽऽ”
“मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहाऽऽऽ है नाऽऽऽ.?”
“हाँऽऽऽऽऽ!
तुम फ़िर मेरी गान्ड के पट्टों पर थप्पड़ मारते हो सटाक सटाक !

मुझे बहुत मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहा है, मेरे चूतड़ बिल्कुल लाल हो गये और मेरी गांड का बुरा हाल हो गया, लेकिन तुम रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हो !

मेरे बहुत कहने पर तुम रुके पर एक शर्त पर कि मैं तुम्हारे लन्ड पर बैठ कर कूदूंगी क्योंकि तुम्हें अभी मेरी गान्ड और भी मारनी है !

मैं अच्छा बाबा ! अच्छा ! कह्ती हूं और तुम नीचे लेट जाते हो मैं तुम्हारे लन्ड पर तुम्हारी तरफ़ मुंह करके बैठ जाती हूं और कूदना शुरू कर देती हूं। अब तुम्हें बहुत मज़ा आने लगता है।
आऽऽहऽऽ आऽऽऽऽऽआअ, मेरे लन्ड पर ऐसे ही कूदती रहो !

इस पोजीशन में तुम्हारा लन्ड बहुत अन्दर तक जा रहा होता है। एक हाथ से तुम बारी बारी मेरे मम्मों को मसल रहे होते हो और दूसरे से मेरी चूत को !
मेर क्लाईमैक्स आ रहा होता है आऽऽहऽऽ आऽऽऽऽ आअ आऽऽऽहऽऽ आअऽऽ अऽऽऽऽ मर गई।
उफ़्फ़्फ़्फ़ ! मेरी चूत के जूस तुम्हारे हाथ पर और तुम्हारे पेट पर फ़ैल जाते हैं.’ मैं थक गई कूद कूद के”
“अच्छा तो हट जाओ !”
तुम मेरी चूत क जूस मेरे मम्मों पे लगा देते हो और जोर जोर से चूसते हो। मेरे मम्मों के बीच टिशु पेपर लगाकर अपना लन्ड रगड़ते हो और साफ़ कर लेते हो”
तुम मुझे पेट के बल लेटने को कहते हो और तीन तकिये मेरे पेट के नीचे रख देते हो।
मैं डर जाती हूं- क्या अभी और गान्ड मारने का इरादा है?
“नहीं जान, अब तुम्हारी चूत की बारी है।”
“अरे चूत तो आगे से मारी जाती है।”
“यह नया स्टाईल है !”
“अच्छा कैसे?”
तुम तकिये मेरे पेट के नीचे रखकर मेरी चूत पर हाथ फ़ेरते हो और मेरी टांगें फ़ैला देते हो। फ़िर एक झटके में अपना लन्ड मेरी चूत में डाल देते हो।

मेरी फ़िर से चीख निकल जाती है- हाऽऽऽऽय आऽऽज क्या जान निकालने का इरादा है?
“नहीं, लेकिन जब दर्द होता है तभी तो मज़ा आता है !”
“हाँ, वो तो है।”

और तुम जोर जोर से मेरी चूत मारने लगते हो। तुम दोनों हाथों की उन्गलियों के बीच में मेरे सख्त चूचकों को दबा दबा के खींच रहे हो और जीभ से चाट और चूस भी रहे हो। मैं मुँह नीचे कर के देखती हूं। तुम्हारा लन्ड पिस्टन की तरह मेरी चूत में जा रहा होता है।
यह देख कर मेरा फ़िर से पानी निकल जाता है, मैं पूछती हूं, तुम्हारा एक बार भी नहीं झड़ा?
तुम कहते हो- नहीं ! आज जी भर चोदने के बाद ही झड़ूंगा।

फ़िर तुम मुझे घसीट के बेड के किनारे पर ले आते हो, खुद जमीन पर खड़े हो जाते हो और मेरी टांगें चौड़ी करके अपने कन्धों पे रख लेते हो और पूरी गति में चोदने लगते हो। इस स्थिति में तुम्हारा लन्ड पूरा मेरी चूत में बहुत अन्दर तक जा रहा है। तुम जोर से झटका मारते हो और मेरी चूत में कुछ गरम गरम लगता है।
मैं पूछती हूं- ये क्या है, क्या तुम्हारा निकल गया?
तुम- नहीं, मैंने तुम्हारी चूत में मूत दिया है, तुम्हें मज़ा आ रहा है ना?

मुझे इतना मज़ाऽऽऽ आऽऽ रहाऽ है कि मेरा एक बार और निकल जाता है। 10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद तुम मुझे उठा के मेज़ के किनारे पर बैठा देते हो और मेरी टांगें अपनी पीठ में गोल घेरे के रूप में बांध लेते हो और जोर के झटकों के साथ मुझे चोदने लगते हो।
“पूरी ताकत से पूरी ताकत से चोदो ! फाड़ दो मेरी चूत को भी !”

और तुम वास्तव में राजधानी एक्सप्रेस की तरह फुल स्पीड में मेरी चूत की बेदर्दी से चुदाई करते जा रहे हो और मेरे मम्मों से खेल रहे हो।
अब तुम्हारी साँसें तेज़ होने लगती हैं।
तुम आ आआअह उफ़ फ्फ्फ्फ़ फ्फ्फफ्फ़ मर गया आआअ मेरा निकलने वाला है चिल्लाने लगते हो !

मैं अपनी टांगों का घेरा बना कर तुम्हें अपनी तरफ़ ज़ोर ज़ोर से खीच रही हूं। तुम अचानक मुझे अपनी बाहों में उठा लेते हो इस तरह की मेरी चूत मैं तुम्हारा लन्ड घुसा हुआ है और मेरे मम्मे बुरी तरह उछल रहे हैं।

5 मिनट मुझे हिलने को कहते हो और मुझे ज़ोर ज़ोर से इसी पोजिशन में उछालते जाते हो। तुम्हारी स्पीड बढ़ती जाती है और मुँह से आ आआह आया आय आआअह ईईइ ईई आआ आआ ऊऊह्ह्ह्ह्ह की आवाजें आती जाती हैं।

मुझे ऐसे ही उछलाते तुम एक ज़ोर का झटका मारते हो और तुम्हारा गर्म सफ़ेद जूस तुम्हारे मोटे सख्त लन्ड से निकल कर सीधा मेरी चूत की आग को शांत करते हुए गिर जाता है। मेरी चूत में से एक बार और जूस निकलता है।
तुम मुझे लेकर बेड पर पास आ जाते हो और मेरे और तुम्हारे जूस बेड पर टपकते हैं।

हम कुछ देर इसी तरह पड़े रहते हैं।
फ़िर उठ कर मैं तुम्हारे और अपने लिए खाना बनाती हूँ।
और हम खाना खाते हैं।
इस पूरे दौरान मैं और तुम पूरे नंगे रहते हैं।

खाना खाकर हम दोनों एक दूसरे की बाहों में सो जाते हैं, दो घंटे बाद उठके फ़िर अलग अलग जगह और पोज में खूब चुदाई करते हैं।
रात को भी एक बार चुदाई का दौर चलता है और तुम अपना लन्ड मेरी चूत में डाल कर ही मुझे अपनी बाहों में भर कर सो जाते हो।

सुबह उठकर हम लोग एक दूसरे को 69 पोसिशन में ओरल सेक्स करते हैं।
तुम कहते हो- एक दिन में इतना मज़ा मैंने ज़िन्दगी में कभी नहीं किया और शायद तुम्हारे बिना कर भी नहीं पाता।

मैं भी कहती हूं- हाँ, वास्तव में जितने प्यार से और मज़े से तुमने मेरी चूत और गान्ड मारी है शायद ही कोई और मारता।
आई लव यू जानू !
तुम तैयार होते हो जाने के लिए तो मैं उदास हो जाती हूं।
तुम कहते हो- चिंता मत करो, मैं जल्दी ही आऊँगा और अपने साथ एक दोस्त को भी लाऊँगा, हम दोनों मिलकर तुम्हारी मारेंगे। सोचो एक लन्ड तुम्हारी चूत में और एक तुम्हारी गान्ड में एक साथ हो तो कितना मज़ा आएगा।

मैंने कहा- हाँ ! फ़िर मैं अपनी सहेली को भी बुला लूंगी और हम सब मिलकर ग्रुप सेक्स करेंगे।
इसी वादे के साथ तुम चले जाते हो !

जानू यह तुम्हारी मेल और तुम्हारी चैट का नतीजा है जो मैंने यह मेल लिखी है, तुम्हें कैसी लगी?
अब तुम इससे भी सेक्सी और लम्बी मेल मुझे लिखना !
तुम्हारे लंड की प्यासी Antarvasna

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