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Massage Girl in Tinsukia: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Tinsukia who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Tinsukia that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Tinsukia massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Tinsukia who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Tinsukia massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Tinsukia massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Tinsukia who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Tinsukia employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Tinsukia helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Tinsukia

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Tinsukia at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

ये बात तब 2020 की है जब मैं कॉलेज में था । मेरा एक दोस्त था रोहित। हम दोनो खूब मस्त रहते थे, साथ कॉलेज जाते थे, जिम जाते साथ में । लोग हमे देख कर ये सोचते थे की हम सगे भाई है । इस ही दिन कट रहे थे मगर मैं कभी भी रोहित के घर नही गया था । एक दिन उसका कॉल आया और बताया कि उसके मम्मी पापा की सालगिराह है तो घर में पार्टी है जल्दी आने के लिए उसके घर। मैने सोचा पहली बार जा रहा हु और स्पेशल दिन भी है तो कुछ गिफ्ट ले लेता हु। मैने एक बुके लिया और चॉकलेट का पैक ले लिया। मैं उसके घर जैसे ही पोहौचा देखा बोहोत लोग आए हुए थे । 30,35 लोग थे तो मैंने रोहित को कॉल करा और बाहर आने को बोला । वो बाहर आया और मुझे लेके गया उसके मम्मी पापा के पास। मैं जाते ही हैरान हो गया उसकी मम्मी को।देख कर। उनका नाम श्वेता था और पापा का नाम कमलेश। अंकल की उम्र 54 थी और आंटी 43 मगर आंटी को देख कर लगा नही वो इस उम्र में है। एक दम फिट और सेक्सी। आंटी का साइज 34–38–42 मस्त सुडोल । आंटी ने चमकीली और नेट वाली साड़ी पहनी थी जिसमे हाफ स्लीव ब्लाउज था। ब्लाउज में से चूचे बाहर आने को हो रहे थे।आंखों में चमक, बाल लंबे , चूचे एक दम तने हुए और गान्ड देख कर तो मुंह में पानी आ जाए। आंटी ने कहा :– अच्छा ये राहुल है । मैं उनसे मिला और पार्टी में एंजॉय करने लगा। कुछ भी करू बस आंटी पर ही नजर जा रही थी । आंटी ने भी मुझे देख लिया था उन्हें देखते हुए। पार्टी में दारू बीयर चल रही थी तो मैं और मेरा दोस्त भी पी रहे थे। पार्टी खतम होने के बाद मैं जाने लगा तो रोहित ने कहा रात हो गई है यही रुक जा । मैने मना किया तो आंटी भी बोली रुकने का तो मैने सोचा चलो रुक ही जाते है। सब सोने चल दिए अपने अपने रूम में। मुझे नींद नहीं आ रही थी बस आंटी घूम रही थी दिमाग में । मुझे प्यास लगी तो किचन गया पानी पीने तो आंटी के रूम से आवाज़ सुनी। मैं दबे पाओ देखने चला गया । मैने देखा आंटी पूरी नंगी थी और अंकल भी। आंटी बिस्तर में लेटी थी और अंकल चोद रहे थे । आंटी के चूचे ऊपर नीचे हो रहे थे मस्त और अंकल दमादम चोद रहे थे। आंटी बोलती है आंटी :– चोदते रहो बस आह आह आह बस करते रहो कमलेश आह चोदो मुझे अंकल:– आज कल तू खूब रण्डी बन गई है हमेशा हवस चढ़ी रहती है तुझे आंटी :– तुमसे भी तो अब नही होता है कुछ कमलेश करते रहो। अंकल:– मेरा होने वाला है आंटी :– प्लीज़ अभी मत निकालना इतनी जल्दी प्लीज प्लीज अंकल का निकल गया और आंटी के ऊपर ढेर हो गए । आंटी मुंह बनाके बोलती है जब कर नही पाते हो तो क्यों मेरी वासना को जगा देते हो । अंकल चुपचाप होके सोने लगे । आंटी ने कपड़े से अपने आपको पोछा और पानी पीने आई तो मुझे देख लिया जगे हुए । मुझे बोलती है अभी तक सोया नही मैने भी कह दिया नींद नहीं आ रही। आंटी कहती है आजा फिर कॉफी पीते है। मैं भी चला गया उनके पीछे पीछे किचन में । मेरा लन्ड तो पहले से ही टाइट था जो दिख रहा था पैंट में से । आंटी और मे कॉफी पीते पीते बाते कर रहे थे। आंटी :– कैसी चल रही है पढ़ाई मैं:– बोहोत मस्त आंटी आंटी :– तुम दोनो भी ड्रिंक करते हो मैं डर के :– कभी कभी आंटी बस आंटी :– चलो अच्छा है मगर आदत मत बनाना मैं :– हा आंटी आदत नही बनाएंगे आंटी को मेरा लन्ड दिख गया था जो तना हुआ था । आंटी एक दम घूरने लगी तो मैने धीरे से एडजस्ट करा और चुपचाप बैठा रहा । आंटी बोलती है चल सो जाते है मैने भी हा कहा और रूम में चले गए । मेरा मन नहीं माना तो आंटी के रूम में धीरे से देखने लगा आंटी क्या कर रही है । मैं हैरान हो गया देख कर आंटी अपनी मैक्सी उठा के चूत में उंगली कर रही है और अपने चूचे मैक्सी के ऊपर से दबा रही है। 10 15 मिनट उंगली करने के बाद झड़ गई तो ऐसे ही थोड़ी लेटी रही और मैं उन्हें देख कर लन्ड सहला रहा था तो उन्होंने मुझे देख लिया की मैं उन्हें देख रहा था । मैं भाग गया और रूम में जाके सो गया चुपचाप। सुबह हुई तो आंटी उठाने आई हम दोनों को। मैं उठा तो आंटी को देखते रह गया नहा के आई थी गीले बाल और डीप नेक सूट में कमाल लग रही थी। उन्होंने उठाया और चाय देके गई । रोहित उठा बाथरूम में चला गया । मैं भी फ्रेश होने गया तो आंटी के ब्रा पैंटी देखा जो हैंगर में टंगे हुए थे । मैने उठाया और सूंघने लगा । पता नही क्या हुआ मैने सूंघते सूंघते मूठ मारने लगा और अपना माल पैंटी में छोड़ दिया । मुझे डर लगने लगा की अब मुझे डाट ना पड़े । मैं चुपचाप ब्रा पैंटी को पानी से गीला कर के आ गया। नाश्ता कर के घर चला गया । फिर ऐसे ही 2 दिन बीत गए फिर रोहित का कॉल आया की वो और उसके पापा अपने गांव जा रहे है कुछ काम से तो मैं उसके घर में रुक जाऊं क्युकी आंटी अकेली होगी। मैं मना कर नही सकता था तो मैं भी चला गया। रोहित ने बताया कि वो 3,4 दिन में आ जाएंगे तब तक उसके ही घर रुक जाऊं मैं।अंकल और रोहित चले गए अब मैं और आंटी बचे दोपहर में खाना खाया फिर आंटी ने मुझे मार्केट चलने को कहा तो मैं साथ चल दिया । कुछ सामान खरीदने के बाद घर आ गए । आते आते शाम हो गई थी तो आंटी ने आके मुझसे कहा ड्रिंक करूंगा क्या उनके साथ। मैं पहले तो डर गया मगर हा बोल दिया । आंटी ने मुझे पैसे दिए और कहा की बीयर ले आ साथ में कुछ खाने को भी लाना। मैं चला गया बीयर चकना के साथ साथ कॉन्डम भी ले आया। मैं जैसे ही आया तो देखा आंटी एक सेक्सी जालीदार मैक्सी पहनी हुई थी सोफे में बैठी हुई थी । मैक्सी से हल्की हल्की ब्लैक ब्रा दिख रही थी। हम दोनो पीने लगे और जब सुरूर चढ़ा तो आंटी बोलती है आंटी :– तेरी गर्लफ्रेंड कैसी है मैं :– कोई गर्लफ्रेंड नही है मेरी पहले थी मगर अब नही है आंटी :– अब कोई क्यों नही है ? मैं :– अब कोई मिली ही नहीं आपके जैसी आंटी :– तभी मेरे कपड़ों में माल निकाला था मैं डर गया और चुप रहा तो आंटी ने कहा :– मैं कैसी लगती हु तुझे मैने तपाक से कह दिया :– आप bomb हो आंटी मस्त एक दम आंटी:– अब मुझ में इतनी बात कहा मैं:– आंटी अभी भी आप जवान लड़कियों को पीछे छोड़ देती हो आप बोहोत खूबसूरत हो आंटी मेरे पास आके बोली :– अच्छा ऐसा है तो मुझे गर्लफ्रेंड बना ले मैं डर गया तो उन्होंने मेरे लन्ड को पैंट के ऊपर से सहला दिया । मेरा लन्ड एक दम से फुल टाइट हो गया। में बताना भूल गया की मेरा लन्ड 7.4 साइज है और मस्त मोटा। मैं मस्त होके उन्हें चूमने लगा वो भी साथ दे रही थी । हम सोफे में एक दूसरे को चूमे जा रहे थे और साथ में उनके मैक्सी के ऊपर से दोनो चूचे दबा रहा था। वो आह आह आह कर के कहार रही थी। फिर उन्होंने मेरी शर्ट उतारी और छाती को चूम रही थी।धीरे से बोलती है बेडरूम में चलते है तो मैने एक बीयर की बॉटल उठाई और उनके साथ चल दिया। जाते ही उनकी मैक्सी उतार दी और बेड में पटक दिया। चूम रहा था और चूत को पैंटी के ऊपर से सहला रहा था। वो मस्त होने लगी तो मैने उनकी ब्रा पैंटी उतारी और चूत को चूमने लगा। एक दम चिकनी चूत थी एक भी बाल नहीं थे। मैं उनके नीचे आके चूत चाटने लगा तो वो मेरा सर दबा रही थी । आंटी बोलती है आंटी:– खा जा मेरी चूत को आज तक ऐसा मजा नही दिया तेरे अंकल ने आह आह ओह चाट राहुल प्लीज करते रह चाट चाट के उन्हे पागल कर चुका था उनका निकलने लगा तो मेरा सर दबा दिया उन्होंने और मेरे मुंह में झड़ गई। अब में उठा और उनको लन्ड चूसने को बोला तो तुरंत चूसने लगी एक दम लॉलीपॉप की तरह । हाथ से हिलाती और चुस्ती रहती। मेरा निकलने वाला था तो उनका सर दबा दिया गले तक चला गया और मेरा निकल गया वो भी पी गई मेरा सारा माल। अब आंटी को चूम रहा था और उनके बूब दबा रहा था तो वो बोलती है इतना बड़ा लन्ड कभी नहीं देखा तेरे अंकल का तो इसका आधा है। अब में फिर से मस्त हो गया और उठा । लन्ड में कॉन्डम चढ़ाने लगा तो बोलती है ऐसे ही कर बिना कंडोम लगा के । मैने थूक लगाया और उनके ऊपर आ गया । मैं लन्ड चूत के ऊपर सहला रहा था तो बोलती तड़पा मत प्लीज अब डाल दे मैने टांगे कंधे पर रखा और सेट किया । जैसे ही थोड़ा अंदर गया तो बोलती है तो छठपटाने लगी और चूमने लगी। मै चूमते हुए एक हल्का धक्का दिया तो आधा अंदर चला गया तो उसके आंखों से आसू आने लगे । मैं :– क्या हुआ आंटी आंटी :– इतना बड़ा नही लिया है तू मेरे आसू मत देख मैने भी हल्का बाहर निकाला और जोर का धक्का दे दिया मेरा पूरा लन्ड उसके अंदर चला गया। वो रोने लगी और बोलने लगी की निकल ले सहन नही हो रहा। मैं उन्हें चूमता रहा थोड़ी देर और हल्के हल्के झटके दे रहा था । अब आंटी अपनी गांड़ हिलाने लगी तो मै भी धक्के देने लगा । अब आंटी मस्त होके बोलने लगी आंटी :– आह आआआह राहुल बोहोत मस्त लन्ड है तेरा , तू पहले क्यों नहीं मिला यार कितना मस्त तगड़ा लन्ड है तेरा , आह आह ओह राहुल करते जा आज से मै तेरी रण्डी हु इस पर वो और ज़्यादा चीखने लगीं और मुझे गालियाँ देने लगीं, “आह … अह … साले बहनचोद, मार दिया मुझे आह … हाय हअह … मादरचोद, ऐसे कौन चोदता है आह … हह अह … बहन के लौड़े, चूत फाड़ दी मेरी आह … हांह … साले गांडू…” मैं भी धक्के दे रहा था उसका होने वाला था तो मुझे पकड़ के चूमते हुए बोली करते रह राहुल i love you राहुल आह। फिर वो निकल गई तो मैंने उसे कहा मेरे ऊपर आओ मेरा नही हुआ तो वो मेरे ऊपर आई और लन्ड सेट कर के कूदने लगी। मैं उसके चूचे दबा रहा था और चूम रहा था वो उछल उछल के ले रही थी। मैं भी नीचे से धक्का दे रहा था । थोड़ी देर बाद मैने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से चोदने लगा । उसकी गांड़ में थप्पड़ लगा रहा था और चोद रहा था। मेरा निकलने वाला था तो पूछा कहा निकालू तो बोलती है अंदर ही निकाल मैं भी निकालने वाली ही तो मैने जोरदार झटके देता रहा दोनो एक साथ निकल गए । मेरा निकलने के बाद उसके ऊपर लेटा रहा। उस रात हमने 4 राउंड चूदाई करी। फिर सुबह हुई तो उसके चेहरे में खुशी झलक रही थी । मैने उसको किचन बाथरूम हर जगह चोदा 4 दिन । कभी होटल जाके तो कभी मेरे रूम में । आज भी अंकल और रोहित को नही पता है की उसकी मां मुझसे चुदाती है।आज भी मौका मिलता है तो हम चूदाई करते रहते है। अगले पार्ट में बताऊंगा मैने उसकी कैसी गांड़ मारी आपको अगर मेरी कहानी पसंद आया है तो मुझे मेल कर सकते है और बता सकते है।किसी भाभी को मुझसे मिलना है तो मुझे मेल करे। Roleplayexpertincest@gmail.com is me

Hindi Porn Stories

मेरा नाम रोहित है, मेरी Hindi Porn Stories उम्र अभी 23 साल, मैं कोलकाता का रहने वाला हूँ। मैंने यहाँ पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं तो मैंने सोचा कि मैं भी अपनी कहानी लिखूँ।

यह मेरी पहली कहानी है जिसे मैं आप के साथ बाँट रहा हूँ। मैं आप का वक़्त जाया नहीं करके अपनी कहानी बताता हूँ।

यह कहानी सन 2008 की है जब मैं बारहवीं कक्षा में था। मैं विशाखापटनम के एक स्कूल में पढ़ता था तो मुझे हॉस्टल में रहना पड़ता था। हॉस्टल में लड़के और लड़कियाँ एक ही मंजिल में रहते थे पर उनके अलग कमरे थे।

मैंने अपने पहले दिन हॉस्टल में एक लड़की को देखा था, वह बहुत ही सुंदर थी। उसकी उम्र होगी कोई 18 साल … उसकी लम्बाई 4.8″ होगी और उसकी फिगर 32-28-32 होगी, देखने में बहुत गोरी थी। मैं सोचने लगा कि कैसे मैं उससे बात करूँ ??

जैसे ही मैं अपकी कक्षा में आया तो देखा कि वो लड़की मेरी ही क्लास में पढ़ती है। मन ही मन मैं खुश भी हो गया, चलो कोई तो बहाना मिला बात करने के लिए। वो लड़की पढाई में भी बहुत अच्छी थी तो मैडम ने उससे बोला मेरी मदद कर देने के लिए क्योंकि मैं नया था क्लास में!

तो मैं उसकी बगल में आकर बैठ गया। उसने मुझसे पूछा- तुम्हारा नाम क्या है? तुम कहा से हो? यहाँ के तो नहीं लगते!

मैंने कहा- मेरा नाम रोहित है और मैं कोलकाता से हूँ। मैं हॉस्टल में पहली बार रह रहा हूँ।

उसने कहा- मैं भी पहली बार हॉस्टल में रह रही हूँ और मैं मुंबई से हूँ।

ऐसे हमारी बातों का सिलसिला चल पड़ा और दिन बीतते-बीतते हम दोनों बहुत पास आ गये। हम हर दिन बात करते थे एक दूसरे के साथ बैठ कर … चाहे क्लास में हो या हॉस्टल हो।

जब भी छुट्टी मिलती हम दोनों बाहर घूमने निकल जाते और पूरा दिन मस्ती से घूमते, पार्क जाते, बीच जाते और शाम को वापस आ जाते।

इन दिनों में मैं उसे बहुत पसंद करने लगा, वो मुझे भी बहुत पसंद करने लगी।

हमारे एक्साम ख़त्म हो चुके थे, अब हमारी गर्मी की छुट्टी शुरू होने वाली थी। सब बच्चे अपने घर जा रहे थे हॉस्टल छोड़ के … पर हमने सोचा कि एक दिन और रुकेंगे और घूमने की तैयारी करने लगे।

हमारे सिवा कुछ और बच्चे थे तो हॉस्टल वाले ने हमें एक ही कमरे में सोने को कहा। हम सब एक ही कमरे में सोने लगे। हम दोनों को नींद नहीं आ रही थी और हम बात करने में मग्न थे।

बातों-बातों में मैंने मजाक में पूछा उसे- कभी तुमने प्यार किया है किसी से?

उसने कहा- हाँ!

मैंने सोचा कि लगता है अब मेरी दाल नहीं गलेगी क्योंकि वो किसी और से प्यार करती है तो मैंने अन्दर से दुखी हो कर पूछा- कौन है वो जिससे तुम प्यार करती हो?
उसने कहा- वो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है, हर दिन मैं उससे बात करती हूँ।

तब मैंने सोच लिया था कि अब मैं गया काम से …

मैंने फिर पूछा- उसका नाम बताओ?
उसने कहा- उसका नाम रोहित है और वो तुम ही हो!
मैं यह जान के बहुत खुश हो गया और उसको अपने बाँहों में भर लिया और उसे होंठों पर चूम कर कहा- आई लव यू निशा!
उसने कहा- आई लव यू ठू!

मैंने पूछा- पहले क्यों नहीं बताया?
उसने कहा- हिम्मत नहीं हो रही थी, पर आज बता दिया..

और क्या था … मैंने उसे और अपने आपसे चिपका लिया … उसकी चूचियाँ मेरे सीने पर दब रही थी। वो उस वक़्त नाईट सूट में थी … मैं उसको चूमते हुए उसका सूट उतारने लगा। वो आहें भरने लगी … कुछ देर बाद मैंने उसकी पैंटी और ब्रा भी उतार डाले …
वह शरमा रही थी और उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी..

मैंने उसकी चूची सहलाना शुरू किया और बड़े प्यार से सहलाने लगा। अब वो उत्तेजित होने लगी थी … मैंने उसकी चूची को अब दबाना शुरू किया … उसकी चूची बहुत ही नरम थी, इसी वजह से उससे दर्द हो रहा था … कुछ देर बाद मैंने उससे बिस्तर में लेटाया और उसकी चूत पर अपने हाथ को फिराने लगा … और बीच-बीच में मैं उसकी चूत में अपनी उंगली डाल के अन्दर बाहर करने लगा … ऐसा करने से वो सिसकारने लगी और तड़प उठी, उसने कहा- और बर्दाश्त नहीं हो रहा हैं …

और वो मेरे लण्ड को मेरे पजामे के ऊपर से ही सहलाने लगी, लण्ड को अपने हाथ में भर के हिलाने लगी … उस वक़्त मैं जन्नत में चला गया था, ऐसा लगा …

फिर उसने मेरे लण्ड को अपने मुँह में भर लिया और पूरा साफ़ कर दिया …

उसके बाद मैंने उसकी चूत को चाटा और कुछ देर में उसका चिकना पानी मेरे मुँह में भर गया और मैं भी उसे पूरा चाट गया … और हम दोनों शांत हो गए …

कुछ देर बाद फिर मेरा लण्ड खड़ा हुआ और मैंने इस बार उसकी चूत पर रख कर एक जोर का धक्का दिया और उसके मुँह से आह की चीख निकल गई …

मैंने फिर जोर से एक और धक्का दिया तो लण्ड अन्दर जाने लगा और वो चिल्लाने लगी तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और चूमते हुए एक और धक्का दिया …
इस बार लण्ड पूरा अन्दर चला गया था …

मैं कुछ देर रुक गया.. जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने मुझे इशारा किया कि अब मैं अपना काम शुरू कर सकता हूँ …

और मैंने धीरे धीरे से उसे पेलना शुरू किया … उसके बाद मैं थोड़ा और जोर से चोदने लगा …

उसने कहा- रोहित, और जोर से करो … मेरी चूत तुम्हारी लण्ड की प्यासी है … बहुत दिन से यह प्यास मेरी चूत में थी पर मेरी हिम्मत नहीं थी कि मैं तुम्हें बताऊँ … प्लीज़! आज मेरी प्यास बुझा दो न …!!

मैंने कहा- जान! मैं तुम्हारा दीवाना उसी दिन बन गया था जब मैंने तुम्हें पहली बार हॉस्टल में देखा था.

अपनी स्पीड मैंने बढ़ा दी थी … उससे बहुत मज़ा आ रहा था … बीस मिनट के बाद वो झड़ी और उसके बाद मैं भी झड़ गया.

मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में भर दिया और उसके साथ सो गया!
उस रात के बाद जब भी मौका मिलता, हम सेक्स कर लेते थे.

जब हमारे स्कूल ख़त्म हो गए तो हम दोनों अलग हो गए पर हम दोबारा कभी मिल नहीं पाए!

यह मेरी सच्ची कहानी है जो मैंने आप के साथ शेयर की है, उम्मीद है आपको यह कहानी पसंद आएगी!
अगर आप मुझे कुछ बताना चाहते हैं या कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो मुझे मेल कीजियेगा!
मैं आपके मेल का इंतज़ार करूँगा! Hindi Porn Stories

Antarvasna

दोस्तो, यह मेरी पहली Antarvasna कहानी है अन्तर्वासना पर ! मैं यहाँ दूसरों की कहानियाँ पढ़ने में काफी समय बिताता हूँ। इतना पढ़ने के बाद आज मेरा भी मन किया कि कुछ लिखा जाए तो यह कहानी आपके लिए लाया हूँ। सच है या काल्पनिक इसका फैसला मैं आप पर छोड़ रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आएगी।

मेरा नाम रोहित है उम्र 20 साल, कद करीब 5′ 9″, देखने में भी ठीक हूँ और मेंरे लंड की लम्बाई 6″ है। मैं हमेशा से पढ़ाई में अच्छा रहा हूँ जिस कारण मुझे काफी अच्छा कॉलेज मिला जहाँ से मैं इंजीनियरिंग कर रहा हूँ, तीसरे वर्ष में ! मैं घर साल भर में दो तीन बार ही आ पाता हूँ। मेरे घर में मेरे अलावा मुझसे तीन साल बड़ी मेरी बहन है जो हॉस्टल में रहती है और मम्मी पापा हैं। मम्मी एक सरकारी विद्यालय में अध्यापिका हैं और मेरे पापा एक बैंक मेनेजर हैं।

मेरी छुटियाँ होने ही वाली थी जब मेरी मम्मी ने फोन पर मुझे हमारे नए पड़ोसियों के बारे में बताया। मेरी मम्मी उनको लेकर काफी खुश लग रही थी और बता रही थी कि वो लोग दोस्ताना स्वाभाव के हैं और मेरी मम्मी के काफी अच्छे दोस्त भी बन गए हैं। कुछ ही दिनों में मैं दो महीनों के लिए अपने घर आया। मम्मी ने बताया कि आंटी मुझसे जल्दी से जल्दी मिलना चाहती हैं इसलिए मैं अगले ही दिन उनके घर चला गया और मुझे उस परिवार से मिलने का पहले मौका मिला।

परिवार छोटा ही था जिसमें सिर्फ भाई बहन और मम्मी पापा थे। बहन का नाम आस्था था और उसके भाई का रोहण। आस्था करीब 19 साल की होगी और रोहण 10 साल का। आंटी ने मेरा उनसे परिचय करवाया और बताया कि आस्था भी इंजीनियरिंग के दूसरे साल में है।

आस्था 19 साल की एक मस्त लौंडिया थी जिसको देखते ही मुँह में पानी आ जाये, गोरा रंग, बी-कप वक्ष, मस्त गांड और कद 5’5″। जब वो चलती थी तो उसकी बड़ी गांड देखने में बड़ा मजा आता और मन करता कि अभी कुतिया बना कर चोद डालूँ साली को।

आस्था और रोहण मेरे घर मेरी मम्मी के साथ बैडमिन्टन खेलने रोज शाम को आया करते थे। मैं भी उनके घर कभी कभार चला जाता था पर सिर्फ आंटी से ही बात कर रह जाता था। फिर एक दिन हुआ यूँ कि मेरे मम्मी-पापा घर पर नहीं थे। हमारी रिश्तेदारी में किसी के यहाँ लड़का हुआ था तो इसी खुशी में पार्टी थी। मम्मी-पापा वहीं गए थे। आस्था और रोहण घर खेलने के लिए आये पर मेरी मम्मी को न देखकर आस्था ने मुझसे उनके बारे में पूछा।

मैंने उसे बताया- मम्मी-पापा पार्टी में गए हैं।

अब उसे खेलने के लिए एक पार्टनर की जरुरत थी तो उसने मुझसे खेलने के लिए कहा।

मेरे मन में ठरक तो पहले से ही उठी थी तो मैंने मौके का फायदा उठाने का सोचकर बोला- अभी बाहर धूप है, कुछ देर में खेलते हैं और अभी तुम अंदर आ जाओ।

वो अंदर आ गई मगर उसका भाई बाहर ही कुछ खेलने लगा।

वो जब अंदर आई तो मेरा कंप्यूटर चालू था, डेस्कटॉप देखकर उसने कहा- यह क्या लगा रखा है?

डेस्कटॉप पर एक गन्दा सा वालपेपर लगा था। वालपेपर अश्लील नहीं था मगर एक बदसूरत कुत्ते का था। तब मैंने उसे कुर्सी पर बैठने को बोला और कहा- बेब्स फोल्डर में जाकर तुम अपनी मनपसंद का वालपेपर लगा दो।

यह कहकर मैं जानबूझ कर वहाँ से रसोई में चला गया। बेब्स फोल्डर में बहुत सारी नग्न और बहुत ही सेक्सी तसवीरें थी। जब मैं वापिस आया तो मैंने देखा कि वो उन तस्वीरों को जल्दी जल्दी बदल कर देख रही है।

मैंने कहा- शरमाने की कोई बात नहीं है, तुम इन्हें आराम से देखो।

यह कहकर मैंने उसे कुर्सी से उठाया और खुद बैठ जाने पर उसको अपने टांगों के बीच की जगह में कुर्सी पर बैठा लिया। वो मेरी गोद में तो नहीं थी पर मेरा लंड उसकी गांड से टकरा रहा था और हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था।

मैंने अब अपना हाथ उसकी कमर पर घुमाना शुरू किया जिसका उसने कोई ऐतराज़ नहीं किया। कुछ देर बाद उसने मुझे शरमाते हुए ब्लू फिल्म देखने की इच्छा बताई मगर मेरे कंप्यूटर में न होने के कारण मुझे उसे मना करना पड़ा।

कुछ देर में हमें एहसास हुआ कि शायद रोहण आ रहा है तो वो खड़ी हो गई और मुझे फोल्डर बंद करने को बोला। मैंने उसे बंद किया और हम लोग बाहर जाकर बैडमिन्टन खेलने लगे और फिर कुछ देर बाद अँधेरा होने पर मेरे मम्मी पापा आ गए और आस्था, रोहण भी अपने घर चले गए।

अगले दो चार दिन मुझे वो दिखाई नहीं दी पर मैं इस बीच कुछ मसालेदार नग्न फिल्में ले आया था। अगले दिन मैं बाहर जा रहा था तो वो मुझे मिली, उसने बताया कि उसके पेपर आ गए है इसलिए तैयारी करने में उसका सारा समय निकल जाता है।

हमने कुछ देर और बातें की, उसने मुझे अगले दिन दोपहर में अपने घर आने को बोला, उसके मम्मी पापा कहीं जाने वाले थे और रोहण स्कूल। मैं उस रात भर उसकी चूत के बारे में सोचता रहा और मुठ मार कर सो गया।

अगले दिन करीब एक बजे मैं उसके घर पहुंचा। उसने दरवाजा खोला और उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। वो काले रंग के सलवार कमीज़ में थी और बहुत मस्त माल लग रही थी। फिर क्या था मैं अंदर घुसा और उससे जा चिपका। मेरे दोनों हाथ उसकी गर्दन पर पहुँच गए और होंठ उसके होंठों को चूसने लगे। मेरे हाथ अब कभी उसके वक्ष पर जाते, कभी उसकी गांड पर तो कभी उसकी कमर को सहलाते। हाथ अब इधर उधर उसके गरम बदन पर भटक रहे थे। वो बेचारे करते भी क्या ! इतना गर्म माल था कि हर जगह का मजा लेना चाह रहे थे।

कुछ पल बाद मैं उसके पीछे अपना लंड उसकी गांड में लगाकर खड़ा हो गया। मेरे दोनों हाथ उसके स्तनों को मसल रहे थे। मुझे बहुत मजा आ रहा था और मजे में उसकी आँखें भी बंद थी, मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी।

अब मेरा एक हाथ उसकी सलवार में चला गया और उसकी कच्छी के ऊपर से उसकी बुर का मजा लेने लगा। कुछ गीलापन महसूस हुआ तो हाथ उसकी पेन्टी में डाल दिया और ऊँगली से उसकी चूत को रगड़ कर मजा देने लगा।

अब तक तो वो इस नशे में पागल हो गई थी और आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह कर अपनी गांड और पीछे कर मेरे लंड पर रगड़ रही थी।

कुछ देर बाद हम एक दूसरे से अलग हुए और एक दूसरे को देखते देखते नंगे हो गए। नंगे होने पर जब मैंने उसके चुचूक देखे तो मैं रुक नहीं पाया और उन्हें चूसने लगा। क्या गज़ब का शरीर था उसका ! हर जगह से एक दम मस्त ! चूत पर कोई बाल नहीं और ऊपर से नीचे तक दिन-रात चोदने लायक !

अब मैंने उसे गोदी में उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने के लिए आगे बढ़ा। यह सब मैं पहली बार करने जा रहा था। उसने शर्म के कारण अपनी टांगों को एक दूसरे से चिपका लिया और मुझे मना करने लगी। पर मैं कौन सा रुकने वाला था, एक झटके में उसके पैर खोल दिए और उसकी चूत मेरे सामने थी। चूत चाटने के लिए जब मैंने अपनी जीभ निकाल कर उस पर लगाई तो मुझे थोड़ा गन्दा स्वाद लगा और मैं पीछे हट गया। चूत चाटने का ख्याल छोड अब मैं उसके स्तनों को चूसने चाटने लगा और वो बोलने लगी- आज तो इन्हें पूरा पी जाओ !

यह कहकर अब उसके मुँह से सिर्फ आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह आआआआह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ! जल्दी करो ! सिर्फ ये आवाजें आ रही थी।

अब उसने कहा- मुझसे रुका नहीं जाता और इस चूत को ले लो अब ! अपना लंड इसमें डाल इसको फाड़ डालो, पूरा अंदर घुसा दो और मेरी माँ चोद दो !

यह सब सुनते ही मेरा लंड कड़क होकर एकदम फटने को हो गया। मैंने लंड को उसकी चूत पर रखकर घुसाने की कोशिश की पर घुसा नहीं पाया। साली की चूत थी ही इतनी कसी हुई कि मैं क्या करता। मेरे बेचारे लंड का भी आज पहली बार था और मुझे घुसाने में हल्का दर्द महसूस हो रहा था तो मेरी गांड फटने लगी और मैंने अभी के लिए उसकी फुद्दी मारने का अपना इरादा छोड़ दिया।

फ़िर अपना लंड उसके मुँह में डालकर उसको चूसने को बोला। कुछ देर उसने लंड को ऐसे ही मुँह में रखे रखा। तब मैंने कहा- मेरी प्यारी रांड ! इसे लॉलीपॉप समझ कर चूसना शुरू कर !

यह सुनते ही वो भी जोश में आ गई और लंड को हाथ से हिलाते हुए चूसना शुरू किया। मैं तो जन्नत में पहुँच गया था और उसे बोल रहा था- मान गए मेरी रांड को …. बस ऐसे ही चूसती रह.. आआआआआह्ह्ह्ह्ह् आआआह्ह्ह्ह्ह् …..

कुछ ही पल में मेरा झड़ने वाला था और मैंने उसके मुँह में पिचकारी मार दी। कुछ बूंदें तो अंदर ले गई और बाकी सब बाहर निकाल दिया। अब उसने मेरी और देखा और मुस्कुराने लगी। कुछ देर यूँ ही लेटे गए और तभी घर कोई आ गया। हमने फटाफट कपडे पहने और आस्था ने दरवाजा खोला तो पाया कि रोहण स्कूल से घर आया था।

उसने मुझे देखा और हैरान होकर अंदर चला गया। मैं उस दिन अब चूतिये की तरह वहाँ से भाग आया वो भी बिना उसको चोदे।

अगले दिन आंटी मेरे घर आई। मैं घर पर अकेला अपने कान में हैड्फोन लगाकर अश्लील फ़िल्म देख रहा था। आंटी ने दरवाजा खटखटाया मगर मुझे सुनाई नहीं दिया और मैं मुठ मारता रहा। आंटी ने तब बाहर से अंदर झाँक कर देखा कि अंदर मैं क्या कर रहा हूँ और तब दरवाजे को काफी जोर से खटखटाया।

इस बार मैंने उसे सुना और एकदम घबराया और अपना लंड अंदर करके दरवाजा खोला। मैं आंटी को देख हैरान था। तब मैंने देखा कि वो काफी गुस्से में थी और मुझसे पूछा- अभी क्या कर रहे थे और कल उनके घर दोपहर में क्या हुआ था?

मैं समझ गया था कि रोहण ने उन्हें बता दिया होगा। मैंने कुछ नहीं ! कहकर बात का जवाब नहीं दिया। तब उन्होंने एक दम से मेरे को एक चांटा लगा दिया और कहा- आज के बाद हमारे घर दिखाई दिए तो तुम्हारी टाँगे तोड़ दूंगी !

मुझे उनकी यह बात सुन कर बहुत गुस्सा आया और मैंने एक झटके में उन्हें कमर से खींच कर उनके होंठ चूसने शुरू कर दिए। उन्होंने मुझे हटाने की कोशिश की पर अब तक तो मेरे ऊपर हवस हावी हो गई थी। दो मिनट बाद आंटी को भी मजा आने लगा और उनकी जीभ मेरी जीभ के साथ घूमने लगी।

आंटी 42 साल की मस्त महिला थी। उनकी गांड और चूचियों का आकार काफी बड़ा था और अपनी बेटी आस्था की तरह वो भी गोरी चिट्टी थी। देखकर लगता था कि अपनी जवानी में बहुत सारे लोगों के लौड़े शांत कर चुकी होंगी।

मैं अपने हाथ आंटी की मोटी गांड पर फ़िरा रहा था और उन्होंने मुझे कस कर गले लगा रखा था। ऐसा लग रहा था कि वो काफी समय से एक लंबी चुदाई की भूखी थी। मैं आंटी को गोदी में लेकर बैठ गया और नग्न मूवी चला दी। आंटी के स्तन दबाने में बहुत मजा आ रहा था और वो भी खूब मस्त हो रही थी। उनके मुँह से अब आआअह्ह्ह्ह्ह के अलावा कुछ और नहीं निकल रहा था और उनके हाथ उनकी चूत पर पहुँच गए थे। मूवी में अब एक 69 दृश्य चलने लगा, तब मैं आंटी को बिस्तर पर ले गया और हम भी 69 की दशा में आ गए। आंटी ने लंड को चाटना, चूसना शुरू किया। वो एक भूखी कुतिया की तरह लंड को चाट रही थी।

मुझे बेहद मजा आ रहा था और मैंने उनकी चूत चाटना शुरू कर दिया। पिछले दिन की तरह आज मुझे गन्दा नहीं लगा बल्कि मजा आ रहा था ऐसा करने में। मैं चूत चाटते चाटते उनकी गांड पर थप्पड़ मार देता था तो उनकी गांड हिलती हुई काफी अच्छी लगती और गांड अब लाल हो चुकी थी। दो ही मिनट में मैं और आंटी दोनों झड गए। आंटी ने अपना मुँह बिल्कुल नहीं हटाया और सब कुछ चाट लिया। मैं भी उनकी चूत में घुसा जा रहा था जिसका स्वाद अब नमकीन लग रहा था। अब उन्होंने मेंरे लंड को छोड़ा और एक लंबी सांस लेकर उठ गई। वो उठ कर एक कुतिया की तरह बिस्तर पर खड़ी हो गई और मुझे आँखों से उनकी पीछे से चूत मारने का इशारा किया। मैं पीछे गया और लंड चूत पर लगाकर एक जोर का झटका दिया, मेरा 6 इंच का लंड सीधा अंदर चला गया क्योंकि चूत वैसे ही बहुत चिकनी हो गई थी। आंटी की एक काफी तेज चीख निकली थी जिसको रोकने के लिए मैंने पीछे से उनके मुँह पर हाथ रखा। कुछ पल में अब मैं अपनी कुतिया आंटी की सवारी कर रहा था।

उनके मुँह से आवाज़ आ रही थी- चोद दे मुझ रांड को, माँ चोद दे मेरी ,कितने समय से एक ऐसी चुदाई के लिए तड़प रही थी ! आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह !

और पच पच की आवाजों से पूरा कमरा भर गया था। पीछे से चोदते वक्त गांड बहुत बड़ी और मुलायम लग रही थी। अब मैं नीचे आया और वो मेरे ऊपर आ कर मेरे लंड पर बैठ गई। बैठते ही उन्होंने लंड पर उछालना शुरू किया और मेरे हाथ लेकर अपने वक्ष पर रख उन्हें दबवाने लगी।

वो आँखें बंद कर बोल रही थी- फाड़ डाल मेरी, मैं तो तेरी कुतिया बनके रहूंगी, आज तुम मुझे छोड़ना मत, मुझे पूरी तरह से चुदाई का मजा दो, सभी तरह से चुदाई करो मेरी तुम, चोद और चोद, मेरी चूत की प्यास बुझा दे आज तू ! ऊँगली से थक गई अब एआआह्ह्ह् आआआआह्ह्हह !

मैंने भी नीचे से एक दो फटके मारे और एक जोर के झटके में सारा माल उसकी चूत में डाल दिया। वो सिसकाई- आहाहाआह्ह आजा मेरे अंदर आजा ! डाल मेरे अंदर डाल !

दस मिनट बाद हमने एक और राउंड लगाया और फिर मेरी मम्मी के आने का समय हो गया था इसलिए वो कपडे पहन जाने की तैयारी करने लगी। जाते वक्त मुझे बोलती कि मैं आस्था की जगह सिर्फ उनकी चुदाई करता रहूँ।

मैं उनके बाहर जाते ही हंसने लगा कि आस्था की चुदाई न करूँ, ऐसा कैसे हो सकता है। खैर दोस्तो, होना क्या था, शनिवार को मौका मिला और मैंने इस बार आस्था का भी बैंड बजा डाला। दबा कर चोदा साली रांड को ! समय के साथ मैं माहिर होता गया और अब जब भी घर आता हूँ तो माँ बेटी दोनों की चूत को शांत करता हूँ। आंटी को तो मेरे और आस्था का पता है मगर आस्था मेरे और उसकी माँ की चुदम-चुदाई के बारे में नहीं जानती। Antarvasna

Antarvasna

मेरा नाम स्मिथ है। जो Antarvasna मैं कहानी आप को सुनाने जा रहा हूँ वो बिल्कुल सच्ची है। मैं हिमाचल में रहता हूँ मनाली में ! अन्तर्वासना पढ़ने वालों को सभी को मालूम होगा मनाली की हसीन वादियों के बारे में !

मेरा मनाली में अपना साइबर कैफे था। अगर साइबर कैफे है तो वहाँ पर लड़के और लड़कियों का आना-जाना तो लगा ही रहता था। मैंने वो कैफ़े चार साल तक चलाया। उस समय मेरी उम्र 24 साल की थी।

मेरे कैफ़े में बहुत सी लड़कियाँ आती थी और मैं उन्हें देख कर बहुत खुश होता था। कभी वो मुझसे पूछती- स्मिथ बताओ न कि यह फाइल मैं कैसे सेंड करूँ? या ये फोटो मैं कैसे डाउनलोड करूँ ! तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता था। मैं उनके साथ केबिन में बैठ जाता और उन्हें बताने लगता और कभी कभी मैं अपनी बाजू उनके स्तन पर लगा देता। कुछ तो मुझे अनदेखा कर देती पर कुछ बोल देती- भैया, क्या कर रहे हो !

तो मैं जल्दी से उन्हें सॉरी बोल देता और वो भी इट्स ओके बोल कर मान जाती ! पर मैं था भी स्मार्ट 5.8 और मेरा पप्पू था छोटा तकरीबन 5 इंच !

तभी मेरे कैफे में एक लड़की जिसका नाम शालिनी था, उसने आना शुरू कर दिया था। वो बड़ी सेक्सी थी। शुरू में जब वो आती तो नेट पर थोड़ी देर ही बैठती थी और चली जाती थी। वो मुझे अच्छी लगती थी। फिर उनसे आना बंद कर दिया।

तकरीबन एक महीने बाद वो आई तो मैंने उससे पूछ लिया- शालिनी, बहुत दिनों के बाद आई हो !
तो उसने कहा- क्यूँ? मेरी याद आ रही थी क्या?
तो मैं भी मुस्कुरा कर बोला- हाँ, आ तो रही थी !
तो वो मुझे बताने लगी- मैं घर गई थी ! मेरा घर रेवाल्सर में है।
फिर वो रोज़ मेरे कैफे में आ जाती और 3-4 घंटे तक बैठी रहती।

एक दिन उसने मुझे बुलाया और कहा- मुझे आपकी मदद चाहिए ! मैं फाइल कैसे डाउनलोड करूँ?

मैं उसे बताने लगा और साथ में मैंने अपनी बाजू उसके स्तन पर रख दी और की-बोर्ड पर टाइप करते हुए मैं उसके वक्ष को छूने लगा, मेरा छोटा सा पप्पू 5 इंच का खड़ा हो गया। उसे भी अच्छा लग रहा था और उसने भी मुझे कुछ नहीं कहा।
तभी बाहर 1-2 ग्राहक आ गए तो मुझे उठ कर जाना पड़ा और मैं उसे छोड़ कर चला गया।

शालिनी अब रोज़ मेरे पास आ जाती और किसी न किसी बहाने से मुझे अपने पास बुला लेती। पर मुझे भी अच्छा लगता था और फिर वही मैं टाइप करते करते उसको छू लेता था और मेरा पप्पू सलामी देने लग जाता।

मैं दिन में 3 से 4 बजे तक लंच करने जाता था। वो एक दिन आ गई और कहने लगी- मुझे अभी नेट पर जरूरी काम है !
मैंने कहा- मैं तो अभी लंच करने जा रहा हूँ !
तो कहती- प्लीज़ ! थोड़ी देर !
फिर मैंने कहा- शालिनी, कोई और ग्राहक आ गया तो मैं उसे भी मना नहीं कर पाऊँगा !
तो मैंने उसे कहा- मैं शॉप बन्द कर देता हूँ और तुम अंदर बैठ जाओ !
तो उसने कहा- ठीक है, पर मुझे आपकी मदद भी तो लेनी है !
मैंने कहा- ठीक है !

और मैं शॉप बंद करके उसके साथ बैठ गया। खुश तो मैं आज बहुत था कि शायद कुछ बात बन जाये और मैं उसके साथ थोड़ा चिपक कर बैठ गया।

दोस्तो, आप को पता ही है कि मनाली में बर्फ गिरती है तो सर्दी भी बहुत थी। मैंने शालिनी को शालू कह कर बुलाया तो वो कहने लगी- मुझे बहुत अच्छा लगा आपने मुझे शालू कहा !

और हम बातचीत करने लग गए। तभी मैंने कहा- शालू आप को बुखार देखना आता है?
तो कहने लगी- हाँ !

मैंने अपनी बाजू उसके हाथ में दे दी और वो देखने लग गई, बहुत देर तक उसने मेरी बाजू को पकड़े रखा। जब उसने मेरी बाजू पकड़ी हुई थी तो मैंने आँखें बंद कर ली और मेरा छोटा पप्पू तन गया। मन में मैं सोच रहा था कि यह ऐसी ही मुझे पकड़ कर रखे ! अच्छा लग रहा था !

और तभी जब मेरी आँखें बंद थी तो शालू ने अपने पतले पतले होंठ मेरे होटों पर रख दिए।
मैंने कहा- शालू, यह क्या कर रही हो?
कहती- चुप रहो ! जैसे तुम्हें पता न हो !

मुझे अच्छा लग रहा था, मैं भी उसके होटों को बहुत देर तक चूमता रहा और मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी। अब तो मानो ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूँ ! तभी मैंने धीरे धीरे अपने हाथ उसके स्तन पर रख दिए।

शालू ने नीली ज़ीन्स और गुलाबी स्वेटर पहनी थी। मैं उसके स्तनों को छू कर रहा था स्वेटर के ऊपर से ! तभी मैंने अपना हाथ उसके स्वेटर के अंदर से डाला और मैं अपना हाथ उसके पेट पर फ़ेरने लगा और धीरे धीरे उसकी ब्रा तक पहुँच गया।

वो भी गर्म हो रही थी, उसे भी अच्छा लग रहा था।
मैंने कहा- शालू, मेरी जान !
तो शालू बोलती- बोलो मेरी जान !
मेरा मन करता है कि मैं आप को ऐसी ही चूमता रहूँ !
शालू कहती- तो करो न ! मैंने कब आप को मना किया !

और शालू ने अब मेरा पप्पू मेरी जींस के ऊपर से पकड़ लिया। उस समय तो मैं पागल हुए जा रहा था। तभी मैंने शालू की स्वेटर उतार दी। वो सिर्फ़ ब्रा के ऊपर स्वेटर पहनी हुई थी। मैंने पहली बार किसी लड़की को ब्रा में देखा था।

मैं उसके स्तनों पर चुम्बन करने लग पड़ा। उसके मुँह से आः आआआआ ह़ा आःआआ की आवाज़ आने लगी।

तभी मैं उसकी ब्रा खोलने की कोशिश करने लगा पर मुझसे उसके हुक नहीं खुल रहे थे। 2-3 मिनट तक लगा रहा तो उसने कहा- ब्रा खोलनी नहीं आती है क्या?

तो मैंने कहा- पहली बार खोल रहा हूँ !

वो मुस्कुरा दी और खुद ही खोल दी। अब मैं उसके चुचूक को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था और वो भी मज़ा ले रही थी। मेरा तो मन कर रहा था कि उसको खा जाऊं पर उसकी चूचियाँ थोड़ी छोटी छोटी थी।

तभी शालू कहती- अपनी पैंट खोल दो न !
मैंने कहा- आप ही खुद खोल दो !

तो उसने मुझे खड़ा किया और मेरी पैंट खोल दी। उस दिन मैंने अण्डर्वीयर नहीं पहना था और शालू मेरे पप्पू को चूसने लगी। क्या बताऊँ जिन्दगी का पहला अनुभव था वो मेरा !
मैंने कहा- शालू, अपनी ज़ीन्स खोल दो !

तो उसने भी झट से खोल दी और मैं उसको पागलों की तरह जांघों पर चूमने लगा। उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था। तभी मैंने उसकी पैन्टी उतार दी और उसकी फुद्दी में ऊँगली डाल दी।
वो चीख पड़ी, मुझे कहने लगी- स्मिथ अब करो न ! जल्दी अपना प्यारा सा पप्पू मेरे अंदर डाल दो !
मैंने कहा- मेरे पास कंडोम नहीं है !
तो कहती- कोई बात नहीं ! डाल दो न जल्दी से !

तो मैंने उसको अपनी गोद में बिठाया और अपना लण्ड उसकी फुद्दी में डालने लगा और वो चीखने लगी- धीरे धीरे करो न !

पर उस समय तो मुझे कुछ नहीं सुनाई दे रहा था और मैंने शालू की फुद्दी के अंदर अपना पप्पू डाल दिया और लगा मैं उसे अंदर-बाहर करने !

अब वो भी पूरा मज़ा ले रही थी और हम पागलों की तरह घुच-घुच कर रहे थे। लगभग दस मिनट तक सेक्स करने के बाद मैंने कहा- शालू, अब मैं अपना माल निकालने वाला हूँ, मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो पा रहा है !

तो वो बोली- निकालो न जल्दी से ! पर मेरी फुद्दी के अंदर मत निकालना !
पर मेरे से अपना पप्पू बाहर नहीं निकाला गया और मैंने अंदर ही छोड़ दिया।

मैं और शालू थोड़ी देर तक वैसे ही बैठे रहे। अब 4 बजने वाले थे और मुझे शॉप को खोलना था।
तो मैंने कहा- शालू, चलो अब चलते हैं !
तो वो भी मान गई। अब तो हम दोनों खुश थे। वो दिन में आ जाती और हम अब रोज़ सेक्स किया करते थे।
दोस्तो, कैसे लगी आपको मेरी कहानी? Antarvasna

मेरा नाम सन्नी है. मेरी उम्र २१ साल है. यह उस वक्त की बात है जब में बी एस सी में था और मेरी उम्र १९ साल थी. मेरे चाचा की उम्र ३५ साल थी और मेरी नई चाची की उम्र २३ थी। जिनका नाम सुमन है उनका फिगर ३६ -२८ -३८ है. उनके बूब्स बहुत सेक्सी हैं. जब वो लाल ब्रा और काली पैंटी पहनती हैं बहुत सेक्सी लगती हैं वो बहुत सेक्सी और प्यारी है। जब वो शादी के बाद हमारे घर में रहने लगी तो उनकी सेक्सी फ़ीगर का दीवाना हो गया। जब भी वक्त मिलता, मैं उनके साथ बैठता और उन से बातें करता। वो भी मुझे पसन्द करने लगी थीं, वो कहती थीं कि मैं उनका भतीजा नहीं बल्कि उनका देवर लगता हूं।

एक दिन घर के सभी लोग मेरे कज़िन की शादी में गए। मेरी वार्षिक परीक्षा चल रही थी इसलिए मैं नहीं गया, तो चाची ने कहा मैं भी नहीं जाऊंगी, मैं यहीं सन्नी की देखभाल करूंगी। चाचा ने भी हां कर दी।

मैं उनको स्टेशन छोड़ कर आया तो चाची ने खाना के लिए पूछा तो मैंने खाना लगाने को कह दिया। चाची ने कहा कि खाना तो तैयार है, तुम रसोई में ही आ जाओ, वहीं खा लेना। मैं रसोई में चला गया।

चाची खाना लगा रही थी कि बिजली चली गई। कुछ देर बाद गर्मी के कारण चाची का ब्लाऊज़ पसीने से भीग गया और उनकी ब्रा नज़र आने लगी। मैं खुश हो गया और उनके वक्ष देखने लगा। कुछ देर तो चाची को पता नहीं लगा पर बाद में उन्होंने भांप लिया कि मेरी नज़रें उनकी छाती पर हैं तो उन्होंने मुस्कुराते हुए पूछा कि क्या देख रहे हो। मैं घबरा गया और कहा कि कुछ नहीं, आप को गर्मी लग रही होगी, मैं खाना खा चुका हूं, आप कुछ देर बाहर जाकर हवा में बैठ जाएं।

उन्होंने कहा कि नहीं, मैं नहाने जा रही हूं, तुम दरवाजा चैक कर लेना। दरवाजा बंद करके मैं अपने कमरे में चला गया। बराबर में ही बाथरूम है और उस का एक दरवाजा मेरे कमरे में भी खुलता है।

अपने कमरे में पहुंच कर जब मैंने पानी गिरने की आवाज़ सुनी तो एकदम मेरे जहन में ख्याल आया कि क्यों ना मैं चाची को नंगा देखूं? मैं फ़ौरन उठा और दरवाजे के की-होल से देखने लगा। वो मोमबत्ती की रोशनी में नहा रही थी। बड़ी मादरचोद लग रही थी, रण्डी की तरह मम्मे मसल रही थी अपने।

हे भगवान ! मैंने पहली बार उनको नंगा देखा था। उनके मम्मे इतने बड़े थे कि मैं बस उनको ही देखता रहा। मेरे शरीर में एक अजीब किस्म का करंट दौड़ गया। मेरा लण्ड एकदम खड़ा होने लगा।

मैंने उसे अपने हाथ में ले लिया और हिलाने लगा। हिलाते हिलाते बराबर में मेज़ पर रखा फ़ूलदान गिर गया। उसकी आवाज़ को सुन कर चाची ने मेरे कमरे वाले दरवाजे को खोल कर देखा कि क्या हुआ। मगर जब उन्होंने मुझे अपना लण्ड पकड़े हुए देखा तो एकदम चौंक गई। मैं भी एकदम अपने लण्ड को अन्दर करके ज़िप लगाने लगा। चाची भी तुरन्त चली गई।

45 मिनट के बाद उन्होंने मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाया तो मैं घबरा गया कि पता नहीं अब क्या होगा। खैर मैंने दरवाज़ा खोल दिया। चाची ने आसमानी रंग की साड़ी और मैचिन्ग ब्लाऊज़ पहन रखी थी। वो अन्दर आई और मेरे बेड पर बैठ गई। कुछ देर बाद उन्होंने कहा कि मेरे पास आओ। मैं घबराते हुए उनके पास जा कर खड़ा हो गया। उन्होंने मुझ से पूछा कि तुम कितनी बार मुझे नहाते हुए देख चुके हो?

मैं एकदम घबरा गया, मेरे पसीने छूट गए। उन्होंने मेरी यह हालत देखी तो मुस्कुराई और कहा कि तुम मुझे बताओ, मैं किसी को नहीं बताऊंगी, अगर तुमने नहीं बताया तो मैं सबको बता दूंगी। मैंने फ़ौरन कहा – मुझे माफ़ कर दें ! यह पहली बार हुआ है, इससे पहले मैंने कभी ऐसा नहीं किया है।

उन्होंने कुछ देर बाद कहा कि क्या मैं तुम्हें अच्छी लगती हूं? मैंने कहा- हां ! आप मेरी चाची हैं मैं आपको बहुत पसन्द करता हूं।

उन्होंने कहा कि मैं जो कहूं, तुम मान लोगे?

मैंने कहा- आज़मा कर देख लें।

उन्होंने कहा- अपनी पैन्ट उतारो।

मैं सन्न रह गया।

उन्होंने कहा- अगर मेरा कहा नहीं मानोगे तो मैं सब को बता दूंगी कि तुम मुझे नंगा नहाते हुए देख रहे थे।

मैं और ज्यादा परेशान हो गया। उन्होंने फ़िर कहा कि अपनी पैन्ट उतारो।

मैंने कहा- क्यों?

उन्होंने कहा कि तुमने मुझे नंगा देखा है, मैं भी तुम्हें नंगा देखूंगी।

इसके बाद वो मेरे करीब आईं और जबरदस्ती मेरी शर्ट उतारने लगी। इससे मेरी आस्तीनें फ़ट गई तो मैंने कहा- अच्छा ! मैं उतारता हूं और मैंने अपनी कमीज़ उतार दी। फ़िर चाची ने कहा – पैन्ट भी उतारो। मैंने धीरे धीरे वो भी उतार दी। अब मैं अन्डरवीयर में उनके सामने खड़ा था। मुझे बहुत शरम आ रही थी।

इस पर उन्होंने कहा कि यह भी उतारो, मैं तुम्हें पूरा नंगा देखना चाहती हूं। मैंने मना कर दिया तो उन्होंने मेरे पास आ कर मुझे एक चपत लगाई और कहा- मादरचोद उतारता है या नहीं !

मैं उनके मुंह से गाली सुन कर हैरान रह गया। उन्होंने जलदी से मेरा अन्डरवीयर नीचे कर दिया। मेरा लण्ड उस वक्त ५” का था और किसी खम्बे की तरह खड़ा था।

चाची ने मेरे लण्ड को अपने हाथ में लिया तो मुझे एक अजीब सा मज़ा आया और मेरे मुंह से सिसकारी निकल गई। उन्होंने कहा कि तुम्हारे चाचा का तो 3″ ही लम्बा होगा मगर तुम्हारा तो उस से भी बड़ा है। तुम्हारे चाचा तो सेक्स करना जानते ही नहीं हैं, उनका लण्ड मेरे अन्दर जाते ही पानी छोड़ देता है। क्या तुमने किसी से सेक्स किया है?

मैंने कहा कि नहीं। तो उन्होंने कहा कि आज मैं तुन्हें एक नया गेम सिखाऊंगी। तुम्हें फ़ुटबाल बहुत पसन्द है ना, यह खेल उससे भी ज्यादा अच्छा है।

उसके बाद उन्होंने मेरे होंटों पर किस किया। मैं भी अपना काबू खो बैठा और उनको अपनी बाहों में ले लिया। वो किस मुझे हमेशा याद रहेगी, उनके होंटों को जब मैंने अपने दांतों में दबाया तो मुझे बहुत मज़ा आया था। चाची ने मुझे २०-२५ मिनट तक किस किया, फ़िर कहा कि बेडरूम में चलो।

मैं नंगा ही उनके साथ बेडरूम में चला गया। वहां पर चाची ने मुझे बेड पर धक्का दे दिया और मेरा लण्ड अपने मुंह में लेकर आइसक्रीम कई तरह चूसना शुरू कर दिया। मैं तो आसमान पर पहुंच गया। मैं बता नहीं सकता कि कितना मज़ा आया था

कुछ देर बाद मैंने कहा- चाची अब मेरा निकलने वाला है, आप मुंह से मेरा लण्ड निकाल दें तो उन्होंने कहा कि मेरे मुंह में ही गिरा दो, मैं कब से लण्ड का पानी पीने को बेकरार हूं। मैंने ऐसा ही किया। मुझे अच्छी तरह याद है कि इससे पहले मेरा पानी इतना ज्यादा नहीं निकला था।

फ़िर चाची ने पूछा कि तुम्हें मेरे शरीर में सबसे ज्यादा क्या पसन्द है?
मैंने कहा- आप के स्तन।
तो उन्होंने कहा- दूर से तो देख ही चुके हो, क्या छूना चाहते हो?

यह सुनते ही मैंने उनको अपनी ओर खींच लिया और उनके ब्लाऊज़ के बटन खोलने लगा। ब्लाऊज़ के नीचे काले रंग की ब्रा उनके बूब्स पर कसी हुई थी। मैंने उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाना और चूमना शुरू कर दिया। फ़िर मैंने ब्रा खोलने की कोशिश की मगर मुझसे नहीं खुली। चाची हंस पड़ी और अपने आप अपनी ब्रा उतार दी।

उनके बूब्स देख कर मैं पागल हो गया, उफ़्फ़ ! इतने बड़े ! मैंने एकदम अपने मुंह में ले ली और चाची अजीब अजीब आवाज़ें निकालने लगी। मैंने उनके लाल लाल निप्पल चूस चूस कर बड़े कर दिए।

तब चाची ने कहा कि मुझे किस दो। मैं फ़ौरन उन के होंटों की तरफ़ बढा तो उन्होंने कहा- यहां पर नहीं ! नीचे ! मैंने कहा कि वहां पर मैं कैसे किस कर सकता हूं, तो उन्होंने कहा कि मैंने तो भी तुम्हारे लण्ड को चूसा था, अब तुम्हारी बारी है।

मैंने कहा- अच्छा ! कोशिश करता हूं!

फ़िर मैंने चाची की साड़ी खोली, पेटिकोट भी उतार दिया। अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। मैंने उन को बेड पर लिटाया और उनकी चूत पर हल्के से किस की। मुझे बड़ा मज़ा आया। मैंने फ़ौरन अपनी जीभ उनकी चूत के होंटों पर रख दी और रगड़ने लगा।

उनकी सिसकारियां निकल गई लेकिन वो कह रही थी कि ” सन्नी ! खा जाओ मेरी चूत को ! मैं बहुत दिनों से प्यासी हूं ! मेरी चूत का पानी पी लो ! मुझ से बरदाश्त नहीं होता आह ह्ह आ आऽऽ यस फ़क मी यू बास्टर्ड यू मदर फ़कर ऽऽऽ”

मैं सोच रहा था कि कैसे मां की लोड़ी गालियां दे रही है. मुझे चाचा की किस्मत पर रश्क हो रहा था। वो रोज़ कैसे मजे से चाची को बजाते होंगे. कुछ देर बाद चाची की चूत में से भी मनी निकली।
मैं बहुत हैरान हुआ कि लेडीज़ की भी मनी निकलती है।

हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर बेड पर लेट गए। मैंने उन से पूछा कि क्या आपने शादी से पहले किसी के साथ सेक्स किया था? उन्होंने कहा कि यह मैं बाद में बताऊंगी, पहले मेरी चूत को ठण्डी तो कर।

मैंने कहा कि ठीक है मेरा लण्ड दोबारा चूसें।
चाची ने कहा कि ६९ पोज़ीशन में हो जाओ।
मैंने कहा- यह क्या होता है तो वो कहने लगीं कि सीधे लेट जाओ। मैं सीधा लेट गया, वो मेरे ऊपर इस तरह लेटीं कि उनका मुंह मेरे लण्ड की तरफ़ और उनकी चूत मेरे मुंह की तरफ़।
फ़िर उन्होंने कहा कि यह है ६९ पोज़ीशन। अब तुम मेरी चूत चाटो, मैं तुम्हारा लण्ड चूसती हूं।
हम दोनो चूसना और चाटना शुरू हो गए। ५-१० मिनट बाद मेरा लण्ड फ़िर से खड़ा होने लगा था। पता नहीं उनके चूसने में क्या जादू था कि मेरा लण्ड इतना खूबसूरत कभी नहीं लगा।

मैंने कहा- क्या आप की चूत में डाल दूं?

उन्होंने कहा कि देर क्यों कर रहे हो, आ जाओ, लेकिन एक मिनट रुको, वो बेड से उठी और मेज़ की दराज़ से कन्डोम का पैकेट निकाला और मेरे लण्ड पे चढा दिया और कहा- मैं प्रेग्नैन्ट नहीं होना चाहती।
फ़िर उन्होंने मेरे लण्ड पर क्रीम लगाई और कुछ अपनी चूत पर भी लगाई और घोड़ी बन गई और कहा कि मेरे अन्दर आ जाओ मेरी जान ! मैंने अपने लण्ड की टोपी उनकी चूत पर रगड़ी।
चाची ने कहा कि क्यों तड़फ़ा रहे हो, जल्दी से मेरे अन्दर डाल दो। मैंने एक जोरदार धक्का लगाया तो चाची की चीख निकल गई। उन्होंने कहा – आराम से डालो।

मैंने आराम से धीरे धीरे करना शुरू कर दिया तो वो कहने लगी – मादरचोद ! बहनचोद ! चोद दे मुझे ! मेरी चूत फ़ाड़ दे आ आहऽऽऽ आ मज़ा आ रहा है, जोर से करो। अब मैं जोर से करने लगा। कुछ देर बाद मैंने अपना लण्ड उनकी चूत में से निकाल लिया तो उन्होंने पूछा कि क्या हुआ? मैंने कहा कि मैं अपने अन्दाज़ में करना चाहता हूं। चाची ने कहा- तुम जो चाहो करो।

मैंने चाची को गोद में उठाया और अपना लण्ड उनकी चूत में डाल कर उनको उछालने लगा। मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी मगर इस अन्दाज़ में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

दस मिनट में मैंने चाची से कहा कि मेरी निकलने वाली है तो उन्होंने फ़ौरन मेरा लण्ड निकाल कर उस पर से कन्डोम हटा दिया और अपने मुंह में ले कर चूसने लगी। मेरी मनी फ़िर निकल गई।

कुछ देर बाद मैंने चाची से कहा कि मैं आपको फ़िर चोदना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि सब्र करो, अब कल करेंगे, हमारे पास पूरा एक हफ़्ता है।

मैंने कहा- अब आप अपनी कहानी मुझे सुनाएं।

उन्होंने कहा- मैंने सेक्स अपनी बहन के साथ किया था जिस का नाम सनम है। मैंने कहा कि आप उसी को बुला लीज़िए, मैं उसको भी मज़ा दे सकता हूं।

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