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Massage Girl in Tinsukia: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Tinsukia who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Tinsukia that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Tinsukia massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Tinsukia who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Tinsukia massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Tinsukia massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Tinsukia who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Tinsukia employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Tinsukia helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Tinsukia

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Tinsukia at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

आप Antarvasna सबको आपकी अंतरा का रस भरा नमस्कार तो हुआ यूँ :

अब बाली उमर में मेरा दाना मस्तियाने लगा। उमर इतनी भी नहीं थी कि शादी की सोचती ! बड़ी बहनें भी तो थी ! मेरी चूचियाँ कमबख्त मेरी ही चोली की रगड़ से कड़ी हो जाती और कभी मूतने के लिए बैठने पर जब ठंडी हवा चलती तो मेरी चूत रस छोड़ने लग जाती। क्या करूं, कुछ समझ में ही नहीं आता था। हर वक़्त बस केला ही याद आता था। मेरी माँ भी बैरन रोज रात को सिसक-सिसक कर चूत पेलवाती थी और मेरी फड़कती चूत मुझे चिढ़ाती थी। मैंने भी सोच लिया कि कुछ रास्ता निकालना पड़ेगा।

एक रोज दोपहर को मुझे मेरी माँ ने पापड़ सुखाने के लिए दिए और कहा- इनको छत पर ठीक से फैला देना, देखना उड़ न जायें, मैं पड़ोस में जा रही हूँ, शाम तक आउंगी।

मैं पापड़ों को ले कर छत चली गई। दोपहर होने के कारण पड़ोस की सभी छतें खाली थी। हमारी छत में एक किनारे पर एक कमरा है जिसमे कबाड़ रहता है। मुझे वहाँ से कुछ आवाजें सुनाई दी। मैं दबे पांव वहाँ पहुँची तो देखा कि हमारे माली का लड़का वहाँ अपने लंड को निकाल कर मसल रहा था और उसके हाथ में एक किताब थी। मैं डर गई और दूसरी तरफ जा कर पापड़ सुखाने लगी। कुछ देर में वो वहाँ से निकला और मुझे देख कर जल्दी जल्दी भाग गया। मैं कुछ बोल भी नहीं पाई।

उस दिन मेरी बड़ी बहन सोमा ने मुझे बुलाया और मेरे कान पकड़ के दो थप्पड़ लगा दिए। मैं कुछ पूछती, इससे पहले उसने कहा- क्यूँ रांड ! छत पर कमल के साथ रंगरलियाँ मन रही थी?

मैंने कहा- नहीं, मैं तो पापड़ सुखाने गई थी !

तो सोमा ने मुझे फिर लताड़ा और मुझे वो नंगी किताब दिखाई और कहा- यह किताब मुझे कमल ने दी है और तेरी शिकायत की है कि तूने यह किताब उसे दिखाई और उसका लं…. पकड़ा !

यह साफ़ झूठ है सोमा ! मैंने कुछ नहीं देखा।

“कमीनी … रंडी…..”

सोमा ने मुझे बहुत पीटा। मुझे यह समझ नहीं आ रहा था कि साले कुत्ते के बच्चे ने मुझे किताब दिखाई होती तो रंडवे को मुठ मारने की जरुरत नहीं पड़ती…..

मैंने दोनों से बदला लेने की कसम खा ली।

उसी शाम की बात है मैं छत पर गई तो उसी कमरे से सोमा के हँसने की आवाज आई…

मैं फिर दबे पांव वहाँ पहुंची तो कमल की आवाज भी आई। मैंने खिड़की से झाँका तो मजा आ गया।

सोमा ने अपने लहंगे को कमर तक चढ़ा रखा था और कमल खड़े खड़े अपना लंड उसकी चूत में पेल रहा था। दोनों मेरे बारे में बातें कर रहे थे।

“साली को मारने में बहुत मजा आता है” …स्स्स्स ….हया……….

“उम्फ़ …… लेकिन दिखती मस्त है ….” कमल ने एक और चाप मारी….

“तेरे लंड को चाहिए क्या उसकी चूत……..मादर….स्स्स…..आःह्ह…..मेरी चूत ………चोद न…. हाईई..आःह्ह…….”

“दिला दे न…… तेरे को रोज चोदूँगा…….. “

” भोसड़ी के ………. मेरी मार ले ……….उसको तो मैं इस गाँव के हर कुत्ते से चुदवाउंगी. ….. रंडी ने हमारी माँ हमसे छीनी है…….”

मैं गुस्से से पागल हो गई और वहीं दरवाजे के सामने खड़े हो कर बोली- तू कौन सा शरीफों वाला काम कर रही है……. तेरी फ़ुद्दी नहीं फड़क रही क्या………

सोमा ने मुझे देखा और कमल से बोली- पकड़ इसको………

कमल ने तेजी से लपक के मुझे पकड़ा और घसीट के वहीं पटक दिया……

मैं कराह उठी…..

फिर सोमा ने कमल से कहा- तू इसकी लेना चाहता था न ………. ले अभी चोद डाल ! इसकी मुनिया को चूत बना दे……..

कमल ने मेरी स्कर्ट को खींचा तो वो उतर गई…..

मैं रोने लगी…. मुझे छोड़ दो……. मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगी ! मुझे जाने दो……

पर सोमा ने मेरे होठों पर अपने होंठ भीच लिए और मेरी जीभ चूसने लगी……….

कमल ने भी अपना हाथ तेजी से मेरी चूचियों पर फेरना शुरू किया …..

मैं हाथ पैर मारने लगी……

तो कमल ने वहीं कबाड़ से एक पुरानी साड़ी उठा कर मेरे दोनों हाथ पीछे करके बाँध दिए…..

मेरी कुर्ती को सोमा ने मेरा मुँह दबा के उतार दिया….. और मेरी छाती पर बैठ गई……..

कमल ने मेरे पैरों को फैला के अपना मुँह मेरी चूत में लगा दिया और जीभ निकाल के फिराने लगा। मेरी चूत तो सोमा की चुदाई देख कर ही पनिया गई थी।

रांड पूरी गर्मी में है…… कमल ने सोमा को देख कर कहा जो मेरे होठों को चूसे ही जा रही थी।

चल पेल दे अपना लौड़ा इसकी चूत में……….. सोमा ने मुझे देखते हुए कहा।

कमल ने बिना देरी किये अपना सात इंच का मूसल मेरी चूत में रखा और मेरे दाने को रगड़ने लगा।

मैंने आँखे बंद कर ली………

फिर कमल ने अपना सुपारा मेरी चूत में घुसाया तो मैं मचल गई ……..

सोमा ने भी अपनी चूत मेरे मुँह की तरफ कर दी और बोली- चाट इसको रंडी…

मैं तो मस्ती में आ गई थी….. मैंने सोमा की चूत में जीभ चलानी शुरू की…….

उधर कमल ने अपना लंड मेरी चूत में पूरा पेल दिया……..

हाय क्या मजा आया. उफ़. सी…….हाय……..हम्म्म्म……..

सोमा भी मेरे चाटने से मस्त हो रही थी- आह्ह.. क्या चाट रही है…. कुतिया………. हाय…… कसम से……..स्स्स….स्स्स्स….ह़ा.ह्ह्ह्हह……

उधर कमल मेरी चूत को अपनी पूरी मर्दानगी से चोद रहा था……………. उहम…हम्म.हा..हम्म्म…..

पूरा कमरा हम लोगों की बहकती आवाजों से गूँज रहा था……..

फिर सोमा मेरे दूध चूसने लगी और कमल कभी मेरी चूत में लंड डालता और कभी सोमा की चूत में डालता… मैंने भी सोमा को नंगा कर दिया था……. उसके दूध हिलते हुए मस्त लग रहे थे………

तभी कमल ने मेरी चूत में अपना लंड डाला और जोर जोर से पेलने लगा……

हाय..हाय…स्स्स.स्स्स्स. उम्म्म. हाँ चोदो……. मारो मेरी…….. फाड़ दो…….. हाय…… क्या मजा है……स्स्स्स. हाय. ….सोमा…..मुझे चुदवा दे……… हर कुत्ते से…………. हाय….. मैं तो मस्त हो गई…..

मेरा बड़बड़ाना सुन के सोमा भी मस्तिया गई और जोर जोर से अपनी चूत में ऊँगली चलने लगी…… स हा.आआ ………..और सोमा झड़ने लगी………. उसने अपनी चूत मेरे मुँह में टिका दी ……. मैंने उसकी चूत चाट के मस्त कर दी……सोमा अलग हट के मेरी चूची दबाने लगी…..

फिर….. कमल ने अपनी स्पीड बढ़ाई और मुझे कुचलने लगा…….. मैंने उसकी गांड को कस के अपनी ओर खींचा…… हया……..आःह्ह……..

और हम दोनों झड़ने लगे……… वीर्य की गर्म फुहार ने मेरे प्यासे जोबन को मस्त कर दिया….

कमल मेरे ऊपर लुढ़क गया….. मैं उसके बालों से खेलते हुए उसके लंड को सहलाने लगी…………

और सोच रही थी कि सोमा को गाली दूं या…….उसकी चूत चूम लूँ………… Antarvasna

Sex Stories

यह बात तब की है जब मैं 12वीं में Sex Stories पढ़़ती थी. मैं एक को-एड स्कूल में पढ़़ती थी जिस में लड़के और लड़कियाँ दोनों साथ में पढ़़ते हैं और हमारे स्कूल में लड़के पैंट शर्ट और लड़कियाँस्कर्ट शर्ट पहनते हैं टाई के साथ. वो मेरे स्कूल के सबसे सुनहरे दिन थे. मैं अपनी क्लास में सबसे सुंदर थी, ऐसा मुझे कई लड़के कह चुके थे पर मैं ये बात किसी और के मुंह से सुनना चाहती थी.

हाँ ! आईने के सामने खड़े हो के ख़ुद को निहारती भी थी कभी बालों को समेटती कभी बिखेरती कभी अपनी माँ का बलोउस और पेटीकोट पहन के साड़ी पहनने की कोशिश करती तो कभी फव्व्वारे के नीचे अपनी नाईटी पहन के नहाती !!

उन दिनों मैं अपने यौवन के शिखर पे थी मेरे उभरते हुए स्तन और खूबसूरत जांघें सबको लुभाती थी.. मेरी क्लास के सभी लड़के मुझ पे जान छिड़कते थे..पर मैं 12वीं में पढ़ने वाले एक लड़के को बेहद पसंद करती थी उसका नाम वरुण था वो बेहद स्मार्ट और हैंडसम था. उसकी हाईट करीबन 6 फीट रही होगी और मैं 5.6 फीट की थी पर हील्स पहन के उसके कंधे तक पहुँच ही जाती थी।

उन्ही दिनों टीचर्स डे आने वाला था.. दो दिन पहले नाम अनोउंस हुए चूंकि उसकी क्लास में कम लड़कियाँथी तो हमारे क्लास से लड़कियों को टीचर्स बनने का प्रस्ताव आया. मेरे गैर मौजूदगी में मेरे क्लास के कुछ शरारती लड़कों ने मुझे साड़ी में देखने के लिए लिस्ट में मेरा नाम लिखवा दिया और उस दिन 5 सितम्बर को टीचर बनी…

मैंने व्हाइट कलर की साड़ी पहनी थी जिसमें गुलाबी और हलके जामुनी रंग के खूबसूरत फूल थे और व्हाइट ब्लाउज जिसका गला बेहद डीप था चूँकि वो माँ का था इसीलिए मुझे उसे थोड़ा टाइट करना पड़ा था. पर गला तो बदला नहीं जा सकता था इसीलिए मुझे ऐसे ही पहन ना पड़ा. उस ब्लाउज का गला V आकार का था और बेक लेस था जिस वजह से मैं ब्रा भी नहीं पहन पाई. पेटीकोट बहुत बड़े घेरे होने की वजह से मैंने अंदर एक टाइट जींस पहनी थी और फ़िर साड़ी बंधवाई माँ से, ताकि मैं पतली और लम्बी लगूँ..

फ़िर मैंने अपने जांघो को चूमते लंबे बाल खोले और आधे बांधे, हलकी सी न्यूड लिपस्टिक और मस्कारा, लाइनर लगाया और पहुँच गई स्कूल सुबह 8 बजे. क्लास्सें 9 बजे शुरू होनी थी.. और असेम्बली में टीचर्स मीट होनी थी असली और नकली दोनों की, ताकि हम अपनी टीचर को थंक्स कह सकें।

मैं अपनी टीचर के लिए एक रेड रोज़ लायी थी और एक कार्ड. मैंने घोषणा के वक्त सुना वरुण मेरे साथ ही था यानि वरुण और मैं एक ही टीचर बने थे चूंकि हमारे स्कूल मैं एक क्लास में 50 बच्चे पढ़ते थे और एक बन्दे का 50 बच्चों को संभालना काफी मुश्किल होता तो टीचर्स ने एक क्लास के लिए दो टीचर बनाये।

मैं काफी उत्साहित थी और नर्वस भी कि आज मैं सारा दिन वरुण के साथ रहूंगी. जब मैं अपनी टीचर से मिलने गई, उन्हें थंक्स कहने के लिए तो वो भी मेरे साथ था. मैंने वो गुलाब जो मैं अपनी टीचर के लिए लायी थी उन्हें देने की बजाये वरुण को दे दिया गलती से नर्वसनेस में.. और वो जोर जोर से हँसने लगा. फ़िर कहने लगा थंक्स वैसे ये तुम्हारे बालों पे ज्यादा खिलेगा.. और मेरे बालों में फूल लगते हुए वो बोला.. नाऊ यू आर लूकिंग गोर्जियस..!!

मैं बेहद खुश थी उसने मुझे गोर्जिअस कहा.. फ़िर हम लोगों को अपना टाइम टेबल दिया गया उस दिन के लिए और हम अपनी फर्स्ट क्लास लेने के लिए 11वीं क्लास में पहुँच गए मैंने जैसे ही क्लास में कदम रखा, मैं ठोकर खाकर गिरने लगी थी क्यूंकि मेरा सारा ध्यान तो वरुण पे था.. क्यूंकि वो एक दम मेरे सपनों के राजकुमार जैसा लग रहा था काला कोट, काली टाई, हलकी जामुनी फोर्मल शर्ट में, सच, मैं अपने होश में नहीं थी।

अचानक से वरुण ने मुझे थामा और गिरने से बचाया.. अपने पैरों पे खड़े होते हुए मैंने उसे थंक्स कहा और वो मुस्कुराते हुए बोला माय प्लेजर ! तभी पीछे से क्लास के एक लड़के ने कमेन्ट किया अरे वाह क्या जोड़ी है जामुन और जामुनी की और वरुण ने उस लड़के को ये कहते हुए देख लिया और उसे क्लास के बाहर खड़ा कर दिया… और बच्चों को पढ़ाने लगा.
तब मुझे पता चला कि वो देखने में ही नहीं पढ़़ाई में भी बेहद होशियार था। मैं सच मुच उसकी दीवानी होती जा रही थी. कई बार उसने मुझे उसे निहारते हुए देखा पर देख कर अनदेखा कर दिया. इसी तरह 2 पीरियड गुजर गए, तीसरा पीरियड खाली था।

तो हम दोनों स्टाफ रूम में चले गए वहां कोई नहीं था हम दोनों के सिवा, वहां मैं सर झुकाए बैठी थी. और एक नोवेल पढ़ रही थी. कि अचानक से वरुण ने पूछा- तुम्हारा नाम क्या है? मैंने कहा आपको मेरा नाम भी नहीं मालूम और हम इकठे काम कर रहे हैं तो कहने लगा- बताओगी नहीं तो पता कैसे चलेगा…
तो मैंने कहा पूछोगे नहीं तो क्या मुझे सपना आया कि तुम्हें मेरा मतलब आपको मेरा नाम नहीं मालूम.
तो उसने मुझे बीच में टोकते हुए कहा- ठीक है तुम मुझे तुम कह कर बुला सकती हो, मैं काफ़ी खुले विचारों का हूं।
मैंने कहा.. अच्छा.. कितना खुला है तुम्हारा मन..
तो वो हसने लगा

मैंने कहा मैंने कोई जोक नहीं मारा है तो कहने लगा- रहने दो तुम अभी नादाँ हो..
और मैं चुप हो गई और नोवेल पढ़ने लगी.
उसने फ़िर कहा- ये साड़ी तुम्हारी अपनी है?
मैंने कहा- नहीं माँ की है.
और फ़िर उसे टोकते हुए कहा कि मुझे नोवेल पढ़ने दो मुझे पसंद नहीं कि कोई मुझे पढ़़ते हुए डिस्टर्ब करे. तो वो नाराज़ हो के वहां से उठ के चला गया. मुझे बहुत ग्लानि महसूस हुई कि मैंने उस से ऐसा कहा. इतनी मुश्किल से तो मैं उसका साथ पा सकी हूँ वो भी एक दिन के लिए उसमें भी मैंने उसे नाराज़ कर दिया. तो मैंने अपनी नोवेल वहीँ छोड़ी और उसके पीछे भागते हुए गई और उसे दूर से कहा- एक्सक्यूज़ मी ! आई एम् सॉरी फॉर बीइंग रयुड टू यू । आप मुझसे नाराज़ हो?

उसने कहा हाँ.. मैंने फ़िर कहा सॉरी तो कहने लगा कि मैं तुमसे उस बात पे नाराज नहीं हूँ इस बात पे नाराज हूँ कि तुमने मुझे आप कहके बुलाया और. हलके से मुस्कुराते हुए शरारत भरे लफ़्ज़ों में बोला- मैं खूबसूरत लड़कियों से न तो नाराज़ होता हूँ न ही उन्हें नाराज़ करता हूँ.
मेरे मन में लड्डू फ़ूट रहे थे कि उसने मुझे खूबसूरत कहा और मेरे चेहरे पे खुशी झलकने लगी जो उसने भी नोटिस की. फ़िर कहने लगा इतनी खुश मत हो मैंने तुम्हे खूबसूरत नहीं कहा और मेरा सारा मूड ऑफ़ कर दिया.

मैं मुड़ के वापिस स्टाफ रूम में जाने लगी कि पीछे से उसने मुझे आवाज़ लगायी… कृति !!! तुम्हारा नाम क्या है..!!!

मैंने कहा तुम्हे मेरा नाम मालूम है तो पूछा क्यूँ था.. कहने लगा मुझे मालूम है कि तुम थोडी सी शोर्ट टेम्पेरेड हो इसीलिए तुम्हे तंग कर रहा था.
मैंने कहा.. मैं शोर्ट टेम्पेरेड ही नहीं कराटे चैम्प भी हूँ. इसीलिए बचके रहना. फ़िर बोला कि तुम कराटे चैम्प होगी पर मैं प्रेम पुजारी हूँ फ़िर मैं शरमा के स्टाफ रूम में चली गई थोड़ी देर में हमारा चौथा पीरियड लगने वाला था।

जैसे ही वरुण स्टाफ रूम में आया मैं उठ के जाने लगी और मेरी साड़ी का पल्लू उसके कोट के बटन में अड़ गया. अच्छा हुआ मैंने उसे पिन अप कर रखा था. उसने पल्लू छुड़वाया और मैं भागते हुए क्लास में चली गई पर पल्लू छुडाते वक्त मैंने उसके होंठो पे आती मुस्कराहट साफ देखी और 5 मिनट बाद वो भी क्लास में आया.

मैं क्लास में खड़ी थी अंदर आते हुए उसने कहा- बच्चों आज पढ़़ाई का मूड है.. सब ने जोर से चिल्लाते हुए कहा- नहीं ! और क्लास को दो हिस्सों में बाँट दिया एक तरफ़ लड़के और वो और दूसरी तरफ़ लड़कियाँऔर मैं और हम अन्ताक्षरी खेलने लगे.!!!
खेलते खेलते उनकी बारी आई अक्षर था प तो उन्होंने मेरी तरफ़ देखते हुए गाना शुरू किया प्यार के लिए चार पल कम नहीं थे कभी तुम नहीं थे कभी हम नहीं थे…

मैंने शरमा के नज़रें झुका ली थोड़ी देर बाद मेरी बारी आई गाने की मेरा अक्षर था डी तो मैंने गया दिल दे दिया है जान तुम्हे देंगे, दगा नहीं करेंगे सनम, इसी तरह से खेल चलता रहा और हम दोनों अपने दिल के एहसासों को गानों में बयाँकरते रहे. इसी तरह वक्त गुज़र गया और रिसेस की घंटी बजी. सभी बच्चे शोर करते हुए बाहर चले गए और मैं अपनी साड़ी समेटते हुए खड़ी हुई. वरुण मुझे ही देख रहा था और मैंने जान बूझ कर ध्यान नहीं दिया.

मैं क्लास से निकलने लगी तो कहने लगा- तुम कहाँ स्टाफ रूम में खाना खाओगी क्या. मैंने कहा- हाँ ! तो कहने लगा कि इस टाइम पूरा स्टाफ रूम फुल होगा मैंने कहा तो क्या हुआ और जाने लगी तो कहने लगा कि मैं तुमसे कुछ बात करना चाहता हूँ. तो मैंने कहा कि करो तो कहता कि वो मैं तुमसे कहना चाहता हूँ कि आई.. आई… आई लव… आई लव…
मैंने कहा- आगे भी कुछ बोलोगे अब..
तो कहने लगा कि… आई लव बुक्स !!!

मैंने कहा- यूऽऽऽ..!!!! मैं जा रही हूं और स्टाफ़ रूम की तरफ़ जाने लगी तो कहने लगा- अरे रुको मैं भी आता हूँ ना तुम्हारे साथ…!!
मैंने कहा- अपने आप आ जाना, मैं जा रही हूँ.
और स्टाफ रूम में आ गई .. वहां कुछ और ही माहौल था, लड़कियाँ साड़ी ठीक कर रही थी और मेक अप कर रही थी और अपनी साडियाँ लड़कों से ठीक करा रही थी .. ये सब देख के मुझे और गुस्सा आ गया और मैं वरुण के पास वापिस चली गई.

मेरे पहुँचने पे वो कहने लगा देख लिया तमाशा इसीलिए मैं मना कर रहा था .. पर मेरी तो ना मानने की ठान रखी है तुमने .. तो मैंने कहा अच्छा ना सॉरी ! .. कहता सॉरी बोल के एहसान कर रही हो… और मेरा हाथ पकड़ के उसने मुझे दीवार की तरफ़ धक्का दिया और कहने लगा- मैं तुमसे उमर में भी बड़ा हूँ और सोच में भी, दुनिया तुमसे ज्यादा देखी है,…तुम्हें क्या लगता है तुम कोई हूर की परी हो जिसके लिए लड़के मरते हैं?

तो मैंने कहा मेरा हाथ छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है। छोड़ते हुए उसने मुझे सॉरी कहा और फ़िर सारा दिन मैंने उस से बात नहीं की.
स्कूल टाइमिंग्स के बाद टीचर्स के लिए स्कूल में लंच था लंच कराने के बाद जब में स्कूल से निकलने लगी तो जोर जोर से बारिश शुरू हो गई।
मैं पूरी तरह से भीग गई और मेरे ब्लाउज़ व्हाइट होने की वजह से अंदर के मेरे स्तन साफ दिखने लगे. मुझे भीगते हुए रिक्शा का इंतज़ार करते देख वरुण ने मुझे बाईक पे घर छोड़ने की ऑफर दी और मैंने कोई और रास्ता ना दीखते हुए उसे हाँ कर दी.

मेरी साड़ी भीगने की वजह से जींस के साथ एक दम चिपक गई थी और जींस दिखने लगी थी तो मुझे वरुण ने कहा तुम साड़ी उतार दो ..और जींस में बैठ जाओ .. मैं तुम्हे अपने घर ले चलता हूँ वहां ब्लाउज चेंज़ करके मेरी टी शर्ट पहन के घर चली जाना तब तक बारिश भी कम हो जायेगी . इसीलिए वो मुझे अपने घर ले गया मेरे भीगे बाल मेरे बदन से चिपके हुए थे जैसे पेड़ से कोई लट चिपकी होती है और मेरी जींस पूरी तरह भीग चुकी थी .. मेरे व्हाइट ब्लाउउज़ में से मेरे स्तन साफ नजर आ रहे थे.
उसने मुझे घर के अन्दर बुलाया और एक टॉवेल दिया .. और पूछा कि तुम्हारे पास और कपड़े नहीं हैं क्या.

मैंने कहा- नहीं !

तो उसने मुझे अपनी टी शर्ट दी। वो बेहद खुली थी, उसके अंदर से मुझे उसके बदन की खुशबू भी आ रही थ। मैं अपनी टांगे पोंछ रही थी तो वरुण मेरे पास आकर खड़ा हो गया और मेरे चेहरे पे फिसलते मेरे बालों को ऊपर करने लगा ताकि मैं अच्छे से अपना बदन पोंछ सकूँ। मेरे ब्लाउज में से मेरे स्तन ऊपर की ओर झांक रहे थे।

फ़िर मैं खड़ी हुई और बाथ रूम में चली गई चेंज करने के लिए पर मेरे ब्लाउज की डोरियों तक मेरे हाथ नहीं पहुँच रहे थे कि मैं उन्हें खोल सकूँ. और घर में वरुण के सिवा कोई और नहीं था, तो मैंने उसे मदद के लिए बुलाया। उसने कहा क्या हुआ .. मैंने कहा कि मेरे ब्लाउज कि डोरी नहीं खुल रही, तो उसने डोरी पकड़ के खींची और खोल के बाहर चला गया..

मुझे उसकी ये बात बहुत अच्छी लगी कि उसने अकेलेपन का कोई ग़लत फायदा नहीं उठाया. मैंने उसकी दी हुई टी शर्ट पहनी और घर चली गई. उसकी बाईक पे बैठ के।
उसके बाद से हम दोनों के बीच अच्छी खासी दोस्ती हो गई.

और अब तक हम दोनों खूब मस्ती करते हैं.

ये हम दोनों की प्रेम कहानी की सिर्फ़ शुरुआत थी. बाकी के किस्से में आप सभी को इस कहानी के दूसरे अंको में बताउंगी. हमारी प्रेम कहानी में भी वो सब कुछ हुआ जो हर प्रेम कहानी में होता है लेकिन कुछ अलग अंदाज़ से. तो आप लोगों को कैसी लगी मेरी कहानी ये मुझे ई मेल करके जरूर बताइयेगा, मुझे आपके फीडबैक का इंतज़ार रहेगा .. अगर आपको ये शुरुआत पसंद आई तभी मैं इस सच्ची कहानी को आगे बढाउंगी. पढ़ने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया. Sex Stories

3सम कैम सेक्स का मजा मुझे दिलाया मेरी सुपरवाइजर ने! मेरी जॉब में उसके साथ मेरा टांका फिट हो गया। एक रात मैं उसके रूम पर था। वह सेक्स करना चाहती थी। फिर वहां पर कुछ ऐसा हुआ कि मजा आ गया!

मैं एक जॉब की तलाश में था और मैंने अपने शहर की कई कंपनियों में इसके लिए आवेदन भी दिया था।
लेकिन मेरे पास कोई कॉल नहीं आ रही थी जिससे मैं उम्मीद खोने लगा था।

एक दिन की बात है कि सुबह-सुबह ही मेरा फोन बजा।
फोन पर दूसरी तरफ एक बहुत ही मीठी आवाज सुनाई दी।

वहां से कोई महिला बोल रही थी जो ऑनलाइन इंटरव्यू के लिए समय तय करने की बात कर रही थी।
मैंने भी तुरंत हां बोल दिया।

वही महिला मेरे इंटरव्यू पैनल में भी थी।
वह काफी स्वीट और खूबसूरत थी।

इंटरव्यू के दौरान बार बार मेरा ध्यान भटक रहा था।
मुझे तो यह भी पता नहीं चल रहा था कि मैं इस दौरान वासना की ठोकरें खाते हुए भी कैसे संभला रहा।

फिर बाद में पता चला कि ये महिला मेरी सुपरवाइजर निकली।
जल्द ही हम दोनों बहुत करीब आ गए।

उसका नाम मीरा था।

मीरा के बारे में बताऊं तो उसके लाल रंग के छोटे छोटे बाल थे।
उसका रंग एकदम से गोरा था और त्वचा ऐसी कि दुनिया के सबसे रेशमी रेशम से भी मुलायम।
उसके होंठ काफी रसीले थे जिनको देखकर चूसने का मन कर जाता था।

हम दोनों साथ में काफी समय बिता रहे थे।

एक दिन मैंने उसे बाहर ले जाने के लिए पूछा और वो मान गई।
हमने उस रात साथ में डिनर करने का प्लान किया।

प्लान के मुताबिक हमने खाना खाया और फिर वापस आते समय उसके घर पर आ पहुंचे।

हमने वाइन पी ली थी और रूम में पड़े हुए हम हंसते खिलखिलाते ऑफिस की बातें कर रहे थे।
हमारे दफ्तर में हमरे बारे में उड़ रही अफवाहों के वर्णन से अचानक से रूम में खामोशी छा गई।

हम दोनों एक तनाव सा महसूस करने लगे।

मैं बोला- मुझे अब जाना चाहिए।
मीरा- तुम चाहो तो रुक भी सकते हो … मुझे अच्छा लगता है जब तुम पास रहते हो।

मैं- रुकना तो मैं चाहता था, लेकिन हम करेंगे क्या?
मीरा- मतलब हम दोनों अभी थोड़े सुरूर में भी हैं, और आज डेट बड़ी कमाल थी … हमें कुछ करना चाहिए!
मैं- हां मुझे भी लगता है!

मीरा- तुम घबरा तो नहीं रहे हो?
मैं- तुम मेरे साथ समय बिताना चाहती हो पर मैं अभी कुछ टेंशन में आ गया हूँ … मैं माहौल ख़राब करना नहीं चाहता।
मीरा- तो हम आराम से शुरू करते हैं ना … देखते हैं क्या होता है।

कहकर वो मेरे पास आ गई और मुंह मेरी तरफ कर लिया।
मैंने धीरे से उसकी गर्दन पर किस कर दिया।
वह थोड़ी झुक गई और अपनी गर्दन मेरे होंठों के लिए परोस दी।

मैं उसे चूमने लगा और कुछ ही पल बाद उसने मेरा चेहरा पकड़ कर मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया।
एकदम से हम दोनों के बीच जैसे आग सी जलने लगी, जीभ एक दूसरे से टकराने लगीं।

मैंने उसकी गांड से उसको थामकर अपनी तरफ खींच लिया।

वह मेरी गोद में बैठ गई और मुझे जोर से किस करने लगी।
मैं उसकी ड्रेस को उतारने लगा।

मैंने उसकी जांघों पर हाथ फिराया तो उसकी गहरी आह … निकल गई।
मैं उसकी गर्दन पर जीभ से चाटने लगा, चूसने लगा, उसकी गले पर चूमने लगा।

उसका टॉप अब उसके कंधों से नीचे गिर गया।

उसने मुझे पास खींचा और मेरा मुंह अपनी चूचियों की क्लीवेज में दे दिया।
मेरी गर्म आहें अब उसकी चूचियों पर लग रही थीं।

मीरा गहरी सांसें लेते हुए- मेरी रूममेट के उठने से पहले दूसरे रूम में चलते हैं। वह पहले भी मुझे चुदाई करते हुए पकड़ चुकी है।

मैं- ओह शिट!
मीरा बीच बीच में मुझे किस करते हुए- कुछ बताऊं तुम्हें? मैंने उसको देखते हुए देखा तो ये देखकर मेरे अंदर की चुदास और भड़क गई और मैं और जोर से लंड पर कूद कूदकर चुदी!

मैं- ओह्ह ये तो बड़ी सेक्सी बात बताई तुमने!
मीरा- लेकिन मेरी दोस्त को शायद इसमें मजा नहीं आएगा। तो मेरे पास एक बेहतर आइडिया है, अगर तुम कहो तो?
मैं बोला- तो जरूर चाहूंगा।

फिर वह मुझे अपने रूम में ले गई और अपना लैपटॉप चला लिया। उसने एक वेबसाइट खोली जो DscGirls.Live नाम से थी।

मीरा- मुझे इस तरह से दूसरों के सामने चुदाई करवाना बहुत पसंद है। मैं इसके लिए इसी वेबसाइट पर कैम सेक्स के लिए आती हूं।

मैंने उसके हाथ से लैपटॉप ले लिया और स्क्रॉल करने लगा।
उसने कहा- इनमें से कोई भी एक क्यूट सी मॉडल चुन लो 3सम कैम सेक्स के लिए … जो हमें चुदाई करते हुए देख सके और हमें मजा भी आए।
तो मैंने पूजा नाम की एक मॉडल को चुन लिया।
DSC Sex Cam Girl Pooja
DSC Sex Cam Girl Pooja

मीरा ने पूजा से चैट पर बात की और तुरंत यूपीआई के माध्यम से क्रेडिट खरीद लिए।
इस दौरान मैं पीछे से उसकी गर्दन पर चुम्बनों की बरसात किए जा रहा था।
कॉल पर बात करते हुए उसकी आहें निकल रही थीं।

फिर हमने वीडियो सेशन सेट कर लिया।
पूजा ऑनलाइन आ गई।
मीरा ने उसे घूमने के लिए कहा ताकि हम उसकी पूरी फिगर का जायजा ले सकें।

मैं बहुत उत्तेजित हो रहा था.
मीरा ही चैट को कंट्रोल कर रही थी और मैं पीछे बैठकर ये सब देख रहा था।

पूजा ने अपनी साड़ी का पल्लू हटाया और अपनी बड़ी सी वक्षरेखा के दर्शन करवा दिए।
वह अपने बदन पर कामुक तरीके से हाथ फिरा रही थी।

उधर ये देखकर मैंने मीरा की चूचियों को हाथों में भर लिया।
उनको दबाते हुए मैंने ब्रा के एक कप को हटा दिया जिससे उसकी चूची बाहर निकल आई।

मैं उसके निप्पलों को मरोड़ने लगा और गर्दन को चाटने लगा।

मीरा सिसकारियां भरते हुए- ओह फक! मजा आ रहा है! तुम्हें सामने का नजारा मजा दे रहा है?
पूजा अपनी गर्दन से नीचे की ओर क्लीवेज पर हाथ फिराते हुए- ओह येस! वो जानता है कि उसे क्या करना है, है न?
मीरा- हां मुझे लगता है हम पता लगा लेंगे!

मेरी सुपरवाइजर ने अब मेरा हाथ पकड़ लिया और उसे नीचे की ओर ले जाने लगी।
मेरा हाथ उसके पेट पर से होता हुआ उसकी पैंटी में सरकता चला गया।

मेरी हथेली उसकी ट्रिम की हुई झांटों को महसूस कर रही थी।

जैसे ही उसकी गीली चूत का अहसास मेरे नीचे वाले हाथ को हुआ, मैंने ऊपर वाले हाथ से जोर से उसकी चूचियों को भींच दिया।
मीरा ने मेरी हथेली पर चूत को रगड़ना शुरू कर दिया.

उधर पूजा अपने होंठों को काटने लगी।
वह भी इस नजारे का पूरा मजा ले रही थी।

मीरा की चूत टपकने लगी थी जिसका गीलापन मेरी उंगलियों पर आ रहा था।

इतने में ही मुझे उसकी क्लिट महसूस हुई और मैंने उसको रगड़ दिया।

मेरे लंड ने उसकी कमर पर झटका दिया और उसकी मजे में आह्ह … निकल गई।

वह मेरे हाथ पर लगातार अपनी चूत को रगड़े जा रही थी और स्क्रीन पर पूजा की तरफ देख रही थी।

मैं- पूजा, तुम्हें ये सब देखने में मजा आ रहा है?
पूजा मुझसे- तुम्हारी डेट (मीरा) तो सच में बड़ी नॉटी है। है न?
कहते हुए उसने अपना ब्लाउज और ब्रा उतार दिए.

मीरा- फक! ये तो बड़े हॉट हैं!
मैं- ये उससे भी ज्यादा हॉट होगा जो मैं करने जा रहा हूं!
उसने मेरी तरफ देखा।

मैंने दो उंगलियां उसकी चूत के अंदर सरका दीं।
उसे एकदम से झटका लगा और मुंह खुल गया।
लेकिन साथ ही मजे में आह भी निकल गई।

वह मेरी उंगलियों की तरफ चूत को चलाने लगी जिससे उसकी गांड एकदम से उठने लगी।

उसकी पैंटी अब चूत के पानी से गीली हो चुकी थी.
उधर पूजा भी कैम सेक्स करती हुई सिसकारियां भर रही थी।

पूजा- डैम! तुम तो बहुत ज्यादा गीली हो गई हो, चूत तो दिखाओ हमें अपनी!

मीरा ने अपनी पैंटी खींच दी और अपनी चूत को कैमरा की ओर दिखा दिया।

अब बदले में पूजा ने भी अपनी पैंटी उतार फेंकी।
उसकी चूत रस में चमकने लगी थी, शायद मीरा की चूत में मेरी उंगली जाते देख वो भी उतनी ही गर्म हो चुकी थी।
अब वह चाहती थी कि हम कुछ और ज्यादा करें।

पूजा- अब तुम दोनों को चुदाई करनी चाहिए। मैं भी तुम्हें देखते हुए अपने अंदर एक डिल्डो घुसाना चाहती हूं!
मीरा को भी यह आइडिया पसंद आया।

वह स्क्रीन के सामने ही घोड़ी बनकर झुक गई।

मैंने अपनी पैंट उतारी और नंगा हो गया।
मीरा ने मेरी आंखों में देखा और मेरे फनफनाते लंड के टोपे पर किस करते हुए चाट लिया।

इस अहसास से मेरे लंड में जोर का झटका लगा।
जब मैंने पूजा की तरफ देखा तो वह आहिस्ता-आहिस्ता अपनी क्लिट को रगड़ रही थी।

उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
इतने में ही मीरा ने मेरे लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी।

लंड चूसते हुए मीरा इतना सेक्सी लग रही थी कि कुछ देर में मेरा माल छूट ही जाता।
मगर मैंने उसे दूसरी तरफ घुमा लिया और डॉगी पॉजीशन में चुदाई के लिए तैयार कर दिया।

मीरा- आखिरकार! ये लंड मैं लेने जा रही हूं। तुम्हें मजा आ रहा है पूजा?

पूजा- जब तुम इस लंड से चुदोगी, मैं तुम्हारे ये रसीले चूचे हवा में झूलते हुए देखना चाहती हूं।
मैं- बस अब तुम्हें और कुछ कहने की जरूरत नहीं है।

मैंने मीरा की गांड पर एक थपका मारा और लंड को उसकी चूत में पेल दिया।

जैसे ही लंड मीरा की चूत में गया, वह गर्राहट के साथ अकड़ सी गई।

फिर मैंने चुदाई शुरू कर दी और उसकी सिसकारियां छूटने लगीं।

कैमरा में हम चुदाई करते हुए बहुत सेक्सी लग रहे थे, उधर पूजा भी ऐसी ही लग रही थी।

पूजा भी अब चारों पंजों पर आ गई थी और डिल्डो चूत में लेकर अंदर बाहर कर रही थी।

वह बोली- तुम दोनों बड़े हॉट हो!
मीरा- तो तुम्हें हमें चुदाई करते हुए देखने में बड़ा मजा आ रहा है?
पूजा- आह्ह … हां, बहुत!

दोनों ही सेक्सी लेडी सिसकारियां भर रही थीं और मेरे अंदर का लावा उबलने लगा था।
मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और मीरा की चूत पच-पच करने लगी।

मुझे लगा अब मैं छूट जाऊंगा।
मैंने मीरा की गांड को कस कर पकड़ लिया और थपाथप धक्के देते हुए माल उसकी गर्म चूत में गिरा दिया।
चुदाई थम गई।

मीरा अब पूजा को देखते हुए अपनी चूत को सहला रही थी और मेरा माल उसकी चूत से बाहर निकल कर बहना चालू हो गया था।
मैं उसके करीब गया और उसकी चूचियों को भींचते हुए दूसरे हाथ से उसकी चूत में उंगलियां चलाने लगा।

अपने माल को मैं उसकी चूत में चारों ओर रगड़ रहा था जिससे मीरा हर बार उंगली अंदर जाने पर जोर से सिसकार रही थी।

पूजा- ओ येह! मैं भी छूटने वाली हूं!
मीरा- फक! मैं भी! ओह माय गॉड।

मीरा का बदन दोहरा होने लगा और फिर वो ढीली होती हुई आगे पड़े तकिया की ओर ढेर हो गई।
वह अपनी चूत की क्लिट को धीरे धीरे रगड़ रही थी और उस वक्त उसकी गांड में हल्के झटके लग रहे थे।
उसकी पीठ जैसे कांप रही थी।

पूजा भी डिल्डो से चुदते हुए झड़कर पीछे लेट चुकी थी।
उसकी चूत से सफेद रस बाहर निकल रहा था।

मीरा अब मेरे ऊपर लेटी हुई थी।

हम तीनों शांत हो चुके थे।

फिर हमने 3सम कैम सेक्स के बाद पूजा को विदा कहा।
उसके बाद रातभर मीरा और मेरी चुदाई का खेल चला।

उस दिन के बाद से अब हम दोनों के लिए यह रोज का खेल हो गया है।
हमें इसमें बड़ा मजा आता है।
मुझे लगता है कि सभी को अपनी लाइफ में एक बार ऐसा मजा लेकर जरूर देखना चाहिए।

इसमें थ्रीसम सेक्स जैसा ही मजा आता है।
लेकिन किसी के साथ भी किसी तरह की कोई जोर जबरदस्ती नहीं होती।

चार दिन आरामे से बीते। Hindi Porn Stories

काजल के साथ ताश के बहाने नंगापने के Hindi Porn Stories खेल के बादि सुमित और अनवर इस बीच घर नहीं आए, पर फोन पर हमेशा मुझसे पूछा कि मैंने अब तक काजल को चोदा या नहीं।

मुझे इतना होने के बाद भी हिम्मत नहीं हो रही थी काजल से सेक्स के लिए कहने की। काजल भी ऐसे थी जैसे उस दिन कुछ हुआ ही ना हो।

खैर, जब सुमित ने अल्टिमेटम दे दिया कि अगर आज मैंने काजल को नहीं चोदा तो वो उसे पटा के मेरे सामने चोदेगा तब मुझे भी जोश आ गया, और शाम में डिनर टेबल पर मैंने काजल से कहा,’काजल, आज रात मेरे साथ सो जाओ ना प्लीज, उस दिन के बाद से मुझे बहुत बेचैनी हो रही है।’

यह बात मैंने अपना सर नीचे करके खाना खाते हुए कहा।

मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं काजल से नजरें मिलाऊँ।

काजल ने मेरे झिझक या शर्म को समझ लिया और फिर मेरे पास आ कर मेरे सर को उठाया और कहा,’आज नहीं, दो-तीन दिन बाद!’

और मेरे होंठ चूम लिए।

मुझमें अब हिम्मत आ गई और मैंने पूछा,’आज क्यों नहीं, दो-तीन दिन बाद क्यों?’

अब काजल मुस्कुराते हुए मेरे कान के पास फ़ुसफ़ुसा कर बोली,’थोड़ा समझा करो संजीव भैया! अभी पीरियड्स चल रहे हैं, इसीलिए कह रही हूँ दो-तीन दिन बाद। तब तक इससे खेलो!’

कहते हुए उसने अपने स्तनों पर मेरा हाथ रख दिया। मैं खुश हो गया कि चलो अब दो-तीन दिन बाद काजल जैसी एक मस्त लौंडिया मिलेगी चोदने को।

तीसरे दिन जब मैं ऑफ़िस से लौटा तो काजल एकदम फ़्रेश लग रही थी, मुझसे बोली,’संजीव भैया! आज कहीं बाहर चलिए डिनर के लिए।’

वो तैयार थी। करीब एक घंटे बाद हम लोग एक चाईनीज रेस्ट्रां में बैठे थे। वो मेरे साथ ऐसे व्यवहार कर रही थी जैसे वो मेरी गर्लफ़्रेंड हो। मुझे भी मजा आ रहा था। करीब 9 बजे जब हम लौट रहे थे तब काजल ने मुझसे कहा,’रास्ते में कहीं से कन्डोम खरीद लीजिएगा संजीव भैया।’

यह सुनके मेरा लण्ड गरम होने लगा। मैंने बात हल्के से लेते हुए पूछा,’क्यों, आज रात मेरे साथ सोना है क्या?’

और मैंने उसका हाथ जोर से दबा दिया।

वो एक कातिल मुस्कान के साथ बोली,’आपके साथ बेड पे जब मैं रहूँगी, तब आप सोएँगे या जागेंगे?’

मैंने उसको घूरते हुए कहा,’बहुत गहरी चीज हो काजल तुम, एकदम कुत्ती चीज़ हो भई।’

वो भी पूरे मूड में थी, बोली,’आप और आपके दोस्तों का किया है सब, वर्ना मैं जब आपके पास आई तब तक मुझे हेयर रिमूवर तक यूज करना नहीं आता था।’

मैंने उसके चूतड़ पे एक चपत लगाया और कहा,’हाँ, वोह तो उस दिन तेरी झांट देख कर पता चल गया है। तुम चिंता ना करो, बिना कन्डोम भी मैं जब करुंगा तो अपना माल भीतर नहीं बाहर निकालूँगा।’

और हम दोनों घर आ गए।

काजल बोली- आप चलिए, मैं तैयार हो कर आती हूँ।

पर मेरे लिए अब रुकना मुश्किल था, बोला,’इसमें तैयार क्या होना है, नंगा होना है बस।’

और मैं अपने शर्ट के बटन खोलने लगा। कुछ समय में ही मैं सिर्फ़ अपने फ़्रेंची अंडरवीयर में था।

काजल पास खड़ी देख रही थी, बोली,’बहुत बेचैनी है क्या?’

वो मुझे चिढ़ाने के मूड में थी। मैं उसकी ये अदा देख मस्त हो रहा था, पर उपर से बोला- ‘अब जल्दी से आ और प्यार से चुदवा ले, वर्ना पटक के चूत चोद दूंगा। साले यार लोगों ने रोज़ पूछ पूछ कर कान पका दिया है।’

काजल अब सकपकाई और पूछा,’क्या आप अपने दोस्तों से मेरे बारे में बात करते हैं?’

उसके चेहरे से चिंता दिखी तो मैंने सच कह दिया,’सुमित और अनवर रोज़ पूछते हैं, उस दिन का ताश का खेल भी मेरे और तुम्हारे बीच यही करवाने के लिए ही तो था। असल में, जब से तुम आई हो उस दिन से वो दोनों तेरे बदन के पीछे पड़े हैं।’

काजल अब सामान्य हुई,’अच्छा वो दोनों, मुझे लगा कि कोई और दोस्त को भी आपने बताया हैं। क्या आप आज रात की बात भी उनको बताएँगें?’

मैंने देखा कि अब सब ठीक है, सो सच कह दिया- ‘जरूर, वो जरूर पूछेंगे, और तब मैं बता दूंगा!’

और मैंने काजल को पास खींच कर अपने सीने से लगा लिया और उसके होठों का रस पीने लगा।

काजल भी सहयोग कर रही थी, हम लोग कोई 5 मिनट तक सिर्फ़ होठ ही चूसते रहे। काजल की साँस थोड़ी गहरी हो गई थी।

मैंने काजल को कहा,’चलो अब बेड पर चलते हैं।’ उसने एक बच्चे की तरह मचलते हुए कहा,’मैं खुद नहीं जाऊँगी, गोदी मे ले चलो मुझे। मैं तुमसे छोटी हूँ या नहीं।’

उसे बच्चों की तरह मचलते देख मुझे मजा आया, बोला,’साली, नखरा कर रही है, छोटी है तू, अभी दो मिनट में जवानी चढ़ जायेगी!’ और उसको मैंने गोदी में उठा लिया।

वो मेरे सीने से लग गई और बोली,’ऐसे कभी गोदी लेते क्या आप, अगर मैं न कहती!’

मैंने जवाब दिया,’अरे तेरे जैसी मस्त लौंडिया अगर बोले तो अपने सर पे बिठा के ले जाऊँ उसे!’

मैंने उसको अपने बेड पे ला कर पटक दिया। मुझे पेशाब आ रही थी, तो बाथरूम जाते हुए मैंने कहा,’अब उतार अपने कपड़े, और नंगी हो जा, जब तक मैं आता हूँ’।

मैं जब लौटा तब भी काजल अपने पूरे कपड़ों में बेड पर दिखी। मैं थोड़ा चिढ़ गया इस बात पर। मैं बोला- ‘क्या साली नखरे कर रही है, मेरा लण्ड खड़ा करके। मेरे से कपड़े उतरवाना है तो आ जरा लण्ड चूस मेरा।’

वो भी थोड़ा तुनक कर बोली,’अच्छा, तो अब मैं आपकी साली हो गई। आप दो बार मुझे साली बोल चुके हैं!’

फ़िर मुस्कुराने लगी।

मैंने हँसते हुए कहा,’तो क्या तुम मुझे बहनचोद बनाना चाहती हो?’

इस बार वह सेक्सी अंदाज़ में बोली,’आप मुझे रंडी बना रहे हो तो कोई बात नहीं और मैं आपको बहनचोद भी ना बनाऊँ?’

और वो मेरे से सट गई। मैंने उससे नज़र मिला के कहा,’मैं तो तुम्हें अपनी रानी बना रहा हूँ जान, रन्डी नहीं। पर तुम्हारे लिये बहनचोद, क्या तू जो बोल वही बन जाऊँगा मेरी प्यारी काजल।’

मैं फ़िर उसके होंठ, गाल चूमने लगा। वो साथ देते हुए बोली,’थैंक्स संजीव भैया, पर मुझे तो रन्डी बनना पड़ेगा अब। आपके दोनों दोस्त मुझे ज्यादा दिन छोड़ेंगे ही नहीं!’

मैंने उसकी हाँ में हाँ मिलाई,’यह बात तो है, काजल, पर कोइ बात नहीं एक-दो बार से ज्यादा वो लोग नहीं करेंगे। मैं जानता हूँ उनको!’

काजल थोड़ा गरम होने लगी थी, बोली,’अब छोड़ो ये सब बात और चलो शुरु करो संजीव भैया!’

मुझे यह सुनकर मजा आया,’क्या शुरु करे तुम्हारा संजीव भैया, जरा ठीक से तो कहो मेरी छोटी बहना।’

मेरा हाथ अब उसकी दाहिनी चुची को कपड़े के उपर से ही मसल रहा था। एक बार फ़िर मैंने पूछा,’बोल न मेरी बहना, क्या शुरु करे तुम्हारा भैया! बात करते हुए ज्यादा मजा आयेगा मेरी जान। इसलिए बात करती रहो, जितना गंदा बात बोलोगी, तुम्हारी चूत उतना ज्यादा पानी छोड़ेगी। अब जल्दी बोलो बहन, क्या शुरु करूँ मैं?’

उसकी आँखें बन्द थी, बोली- ‘मेरी चुदाई’

चुदाई या तेरे चूत की चुदाई?

‘मेरी चूत की चुदाई’, वह बोली।

मेरे दोनों हाथ अब उसके चूतड़ों पर थे, मैं हल्के हल्के उन्हें दबा रहा था।

फ़िर मैंने उसको बेड पर बिठा दिया, और उसकी कुर्ती धीरे धीरे सर के ऊपर से निकाल दी। इसके बाद मैंने उसकी सलवार खोल दी। अब काजल मेरे सामने एक सफ़ेद ब्रा और काली पैंटी में थी।

मैंने कहा,’अब ठीक है, आओ लण्ड चूस कर एक पानी निकाल दो!’

काजल अब मजाक के मूड में थी, अपनी गोल गोल आँख नचाते हुए बोली,’किसका लण्ड चुसूँ, मुझे तो कोई लण्ड दिख नहीं रहा।’

मुझे उसकी ये अदा भा गई, मैंने गन्दे तरीके से कहा,’अपने प्यारे भैया का लण्ड निकालो और फ़िर उसको मुँह से चूसो, मेरी रन्डी बहना! अपने भैया को सैंया बना के चुदवाओ अपनी चूत और फ़िर अपनी गांड भी मरवाओ!’

मैं सीधा लेट गया। काजल ने मेरा लण्ड चूसना शुरु कर दिया। मैंने उसको लण्ड से खेलना सिखाया और वो जल्दी ही समझ गई और मुझे मजे देने शुरु कर दिये।

कोई 10 मिनट चुसाने के बाद मेरा लण्ड जब झरने वाला था, मैंने काजल को कहा कि वो तैयार रहे और फ़िर मैं उसके मुँह में झर गया। मेरे कहने से उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया।

अब मैंने उसकी ब्रा और पैन्टी खोल दी। काली काली झांटों से भरी हुई उसकी चूत का एक बार फ़िर दर्शन कर मैं निहाल हो गया। जैसे ही मेरे हाथ काजल की चूत की तरफ़ गये, वो बोली,’भैया, कुछ होगा तो नहीं। डर लग रहा है, कहीं बदनामी ना हो जाए।’

मैंने समझाते हुए कहा,’कुछ नहीं होगा। आज तक जब तुम्हारी बदनामी नहीं हुई तो अब क्यो डर रही हो?’

उसका जवाव सुन के मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वो बोली थी,’आज पहली बार करवाऊँगी, इसीलिए डर रही हूँ।’

मैं बोला-‘क्या, क्या तुम कुँवारी हो अब तक?’ उसके हाँ कहने पर मुझे विश्वास नहीं हो रहा था। मैंने बोल ही दिया,’मुझे विश्वास नहीं हो रहा। एक कुँवारी लड़की होते हुए तुम उस दिन तीन तीन जवान लड़कों के सामने नंगी हो कर खेल रही थी?’

वो हँसते हुए बोली,’इसमें विश्वास न करने वाली बात क्या है? आप तीनों मुझ पर लाईन मार रहे थे कई दिन से, सो उस दिन मैं भी सोचा कि चलो आज लाईन दे देती हूँ, बस। आप लोग को मजा आया तो मुझे भी तो मजा आया।’

मैं हँस दिया,’बहुत कुत्ती चीज है तू बहना। चल लेट, जरा तेरी चूत की जाँच करूँ, कैसी कुँवारी कली है तू!’

और मैंने उसकी चूत की फ़ाँक खोल करके भीतर की गुलाबी झिल्ली की जांच की। साली सच में कुँवारी थी। सांवले बदन की काजल की चूत थोड़ी काली थी, जिससे उसके चूत का फ़ूल ज्यादा ही गुलाबी दिख रहा था।

करीब 10 मिनट तक उसकी चुची और चूत को चुमने चाटने के बाद मैंने उसकी टांगों को चौड़ा कर के उसकी चूत को खोल दिया और खुद बीच में बैठ के लण्ड को काजल की चूत की फ़ाँक पर सेट कर लिया।

मजे से काजल की आँख बन्द थी। वह अब सिर्फ़ आह-आह-आह सी सी सी जैसा कर रही थी।

मैंने काजल से पूछा,’तैयार हो काजल रानी चुदवाने के लिए? मेरा लण्ड तुम्हारी चूत को चुम्मा ले रहा है। कहो तो पेल दूँ भीतर और फ़ाड़ दूँ तुम्हारी चूत की झिल्ली? बना दूँ तुम्हें लड़की से औरत? कर दूँ तुम्हारे कुँवारेपन का अंत? बोलो जान, बोलो मेरी रानी, बोल मेरी बहना, चुदवाएगी अपने भैया के लण्ड से अपना बूर?’

अब उससे रहा नहीं जा रहा था, वह बोल पड़ी,’हाँ मेरे भैया, चोद दो मेरी बूर अपने लण्ड से। बना दो मुझे औरत। अब मुझे कुँवारी नहीं रहना।’

मैं अपना लण्ड पेलने लगा वो थोड़ा कसमसाई, शायद उसको दर्द हो रहा था। पर मैं नहीं रुका, उसकी गीली बूर में लण्ड ठाँसता चला गया।

काजल इइइस्स्स्स आह करती जा रही थी और बोलती जा रही थी,’कर दो मेरे कुँवारेपन का अंत आज। मेरी बूर को जवानी का मजा दो मेरे भैया, लूट लो मेरे जवानी को और चोद कर बना दो मुझे रन्डी। चोदो मुझे भैया, खूब चोदो मुझे। मेरी जवानी का रस लूटो संजीव भैया।’

मैं जोश में चोदता जा रहा था। हम दोनों साथ साथ बोलते जा रहे थे।

मैं बोल रहा था,’चुद साली चुद। अब फ़ट गई तेरे बूर की झिल्ली। गया तेरा कुँवारा पन। लूटो मजा अपनी जवानी का। साली अभी थोड़ी देर पहले बच्ची बनी हुई थी। गोदी में घूम रही थी। अब इसी चूत से बच्चे पैदा करेगी तू मेरी बहना। मैं तुम्हें चोद कर बच्चे पैदा करुँगा। चुदो साली चुदो, खूब चोदवाओ।’

काजल भी बड़बड़ा रही थी,’अभी बच्चा नहीं। अभी मुझे अपने बूर का मजा लूटना है। खूब चुदवाऊँगी। जवानी का मजा लूटूँगी। फ़िर बच्चे पैदा करुँगी। आआआहह चोदो और चोदो मुझे। रन्डी बना के चोदो। बीवी बना के चोदो। साली बना के चोदो। बहन बना के चोदो, नहीं बहन तो हूँ ही। और आप बहनचोद हो। संजीव भैया, बहनचोद भैया, चोदो अपनी छोटी बहन को।’

मैंने अब उसको पलट दिया और पीछे से उसकी बूर में लण्ड पेल दिया और एक बार फ़िर चुदाई चालू हो गई। अब वोह थक कर निढाल हो गई थी, मैंने 8-10 जोर के धक्के लगाये और फ़िर मैं भी झर गया। मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया था, मेरा माल उसके नितम्बों पर फ़ैल गया।

काजल मेरे नीचे पेट के बल बेड पे थी और मैं उसके ऊपर था। मेरा लण्ड उसके गांड की दरार पर चिपका था। हम दोनों जोर जोर से हाँफ़ रहे थे, जैसे मैराथन दौड़ कर आये हों।

तभी घड़ी ने 11 बजे का घंटा बजाया।

मैंने काजल से कहा,’अब?’

वोह हाँफ़ते हुए बोली,’अब कुछ नहीं, बस सोना है’

और उसने करवट बदल ली। हम दोनों नंगे ही सो गये।

आप सब को यह कहानी कैसी लगी, बताना साथ ही यह भी बताना कि मुझे काजल के साथ और क्या-क्या हुआ वो लिखना चाहिए या नहीं। Hindi Porn Stories

दोस्तो, यह बात उस समय की है जब मेरी पोस्टिंग कोटा में थी और विभाग में मैं नया था।

वहाँ मैं जवाहर नगर में किराए से रहता था। इत्तेफाक से दोस्तों वहीं पास में हमारे विभाग के एक अधिकारी का घर भी था जो दूसरे कार्यालय के अधिकारी थे।

मुझे पता नहीं था.. फिर भी मैं आते-जाते उनकी मैडम को देखा करता था।

वो देखने में तो कुछ खास नहीं थी.. फिर भी पता नहीं क्यों.. मेरी नज़र उनको ताकती रहती थी, क्योंकि उनका फिगर ही कुछ ही ऐसा था।

देखने में तो 34-28-36 के भरे-भरे से आम के जैसे चूचे थे.. जिन्हें देख कर मेरा मन करता था कि अभी जाकर सारा का सारा दूध निचोड़ लूँ और गांड तो ऐसे मटका कर चलती थी कि मुर्दों के लंड भी खड़े हो जाएँ।

इस बात को वो भी भांप चुकी थी कि मैं उसको देखता हूँ।

ऐसा करते-करते 5-6 महीने बीत चुके थे। गर्मी के दिनों की बात थी दोस्तों.. मेरी छुट्टी थी तो मैं ऑफिस नहीं गया था।

मैं अपने कमरे के बाहर कुर्सी लगा कर बैठा था.. तभी मैंने उनकी आवाज़ सुनी.. वो अपने मोबाइल पर किसी से बात कर रही थी।

थोड़ी देर बाद समझ आया कि वो सर से बात कर रही थी। बात पूरी होने के बाद उन्होंने मुझे देखा तो मुझे बुलाया।

मैं उनके पास गया तो वो मेरी ओर देखते हुए मुस्कुरा रही थी।

उन्होंने मुझसे मेरा परिचय पूछा.. तो अपने और अपनी जॉब बारे में मैंने उन्हें सब बताया।

फिर वो मुझसे बोली- हमारे बारे में जानते हो?

मैंने मना किया- नहीं…

उन्होंने मुझे बताया कि उनके पति आपके विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर हैं।

तो मैं तो बुरी तरह से डर गया और सोचा कि अब तो मेरी नौकरी गई, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने मुझे बताया कि उनका कूलर चलते-चलते ख़राब हो गया और उसे ठीक करने कोई नहीं आ रहा, क्योंकि उनकी लाइन पार्टी बिजी थी।

मैंने मन में सोचा कि आज अच्छा मौका है.. इसे मत जाने दे।

मैं बोला- मैम मैं देख लूँ कूलर को?

वो बोली- हाँ.. हाँ.. क्यों नहीं।

मैंने कूलर को अन्दर से खोल कर देखा तो उसके मेन कनेक्शन में से एक वायर निकला हुआ था.. जो मैंने जोड़ दिया और स्विच ऑन किया तो उनका कूलर चल गया।

वो बड़ी खुश हुई.. उन्होंने मुझे बिठाया और चाय बनाने चली गई।

बाद में उसने सर को भी बोल दिया कि कूलर ठीक हो गया।

जब हम चाय पी रहे थे तो मैडम मेरी ओर झुक कर बैठी हुई थी.. जिसके कारण मुझे उनके बोबे दिखाई दे रहे थे।
उनको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया।

उस समय मैंने लोअर पहन रखा था जिसके कारण वो स्पष्ट दिख रहा था। मैंने बहुत छुपाने की कोशिश की.. मगर मैडम ने इसे भांप लिया था और मुझसे बोली- तुम मुझे क्यों देखते हो?

मैं बोला- ऐसे ही।

वो फिर मेरे पास आकर बैठी और बोली- मैं सब समझती हूँ और जानती हूँ कि इस समय तुम्हारे मन में क्या चल रहा है।

मैं चुप रहा।

वो आगे बोली- अंश.. आपके सर इस काबिल नहीं है जो मुझे तन का सुख दे सकें क्योंकि शादी के बाद एक एक्सीडेंट की वजह से उनकी सेक्स करने की क्षमता कम हो गई और मैं इसके लिए तरसती रहती हूँ.. क्या तुम मेरी ये इच्छा पूरी करोगे?

मैं बोला- मैडम यह सच है कि मैं आपको देखता हूँ लेकिन मैं आपके साथ ऐसा नहीं कर सकता।

मगर उन्होंने फिर दोबारा अपनी चाहत को दोहराते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी।

फिर मैंने भी उनकी व्यथा को समझते हुए अपने आपको उनके आगे सरेंडर कर दिया।

मैंने भी देर न करते हुए उनके लबों को अपने लबों के आगोश में ले लिया और उनके होंठों का रसपान करने लगा।

वो भी मेरे लंड को लोअर के ऊपर से ही मसल रही थी और मैं उन्हें चूमते हुए उनके बोबों को बड़ी बेदर्दी से एक-एक करके मसल रहा था।

मैडम ने गाउन पहना हुआ था तो मैंने गाउन के अन्दर हाथ डाल दिया।

चूंकि उन्होंने गर्मी के कारण अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था, तो मैं उनके बोबों की घुंडियों को मसलने लगा।

मेरे ऐसा करने से वो बेचैन हो उठी और मेरे लंड को लोअर से बाहर निकालकर अपने रसीले होंठों के बीच कैद करके उसे बड़े ही प्यार से लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.. मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगा।

वो मेरे लंड को जिस तरीके से चूस रही थी, मुझे लगा कि वो कई दिनों की प्यासी हो।

फिर अंत में मेरे लंड ने उनके मुँह में ही अपना ‘सोमरस’ छोड़ दिया.. जिसे वो बड़े प्यार से गटक गई और चाट-चाट कर मेरे पूरे लंड साफ़ कर दिया।

फिर मैंने उसका गाउन उतारा तो अन्दर से वो पूरी नंगी थी।

जिन बोबों को मैं रोज़ देखने की तमन्ना रखता था, आज वो मेरे सामने थे।

मैंने बड़े ही प्यार से उनके एक निप्पल अपने दांतों से काटा तो उनके मुँह से एक ‘सी..सी..’ करते हुए एक सीत्कार निकली।

अब मैं उनके बोबों को दबाते.. मसलते हुए एक-एक करके उनको चूसने लगा और वो अपने मुँह से मादक सीत्कार निकालने लगी।

‘आह.. आह.. उह्ह.. उह्ह.. सी.. आह.. मर गई..’

दोस्तों जब मैं उनके बोबों को मसलते हुए चूस रहा था तो वो अपने ही दातों से अपने ही होंठों को काट रही थी और मेरे बालों में अपनी ऊँगलियाँ फेर रही थी।

उनके मस्त बोबों को चूसते हुए मैं अपने एक हाथ को उनके बदन को सहलाते हुए उनकी चूत के ऊपर ले जाकर चूत के दाने को मसलने लगा।
मेरे ऐसा करने से वो और भी मस्ती में चूर होकर ‘उह्ह उह्ह आह आह हाय मैं मर गई’ जैसी सीत्कारें निकालने लगी।

मैडम की चूत एकदम गीली होकर धीरे-धीरे अपनी चूत से पानी छोड़ रही थी और वो जल बिन मछली की भाँति तड़प रही थी और मस्ती में कह रही थी- मेरी जान.. इसी चीज़ का तो मुझे बड़ी बेसब्री से इंतज़ार था.. इस निगोड़ी चूत ने बड़ा परेशान कर रखा था।

फिर मैं धीरे से नीचे गया और उनकी चूत की पंखुड़ियों को अपने होंठों से चाटने व काटने लगा.. तो जैसे वो तो पागल हो गई।

मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदते हुए चाटने लगा और मैडम अपनी कमर उचकाते हुए अपनी चूत को इस तरह चटवा रही थी कि जैसे मेरे मुँह में समां जाएगी।

मैं भी कहाँ पीछे हटने वाला था, उनको जैसे चटवाने का शौक था.. तो उसी तरह मुझे चाटने का शौक था।

फिर मैडम बोली- अंश मेरे भोसड़े में अपना लंड डाल दो.. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा…

लेकिन मैं अपनी मस्ती में ही चूत चाटने में लगा हुआ था। मैडम तो जैसे पागल हो रही थी.. अपनी मस्ती के नशे में चूर होकर वो मेरे बालों को नोचते हुए अपनी चूत को मेरे मुँह पर जोर-जोर से रगड़ने लगी।

उसकी स्थिति को समझते हुए फिर मैंने अपने लंड को उसकी मुनिया(चूत) के मुँह पर लगाया और एक धीरे से धक्का लगाया।

मैडम की चूत इतनी गीली थी कि ‘गच्च’ की आवाज़ के साथ मेरा लवड़ा मैडम की चूत की गहराइयों में उतरता चला गया।

फिर धीरे से मैंने अपने लंड को बाहर खींचा और वापस मैडम की चूत में पेल दिया।

फिर मैं मैडम की चूत में अन्दर-बाहर.. अन्दर-बाहर.. लंड पेलने लगा और मैडम भी हर धक्के का जवाब अपनी कमर को उचकाते हुए दे रही थी।

मैं अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ कर उसको चोद रहा था।

मैडम मस्ती के नशे में चूर होकर कह रही थी- चोद… मेरे राजा… उम्ह्ह उम्ह्ह.. आह.. आह… हाय… चोद… मेरे राजा.. आज मेरी चूत की खुजली मिटा दे.. मेरी चूत का भोसड़ा बना दे.. बहुत परेशान कर रखा है इस निगोड़ी ने.. आज के बाद मैं सिर्फ तुमसे ही चुदवाऊँगी.. घुसा दे अपना पूरा लंड मेरे राजा.. आह.. आह .. हाय मेरी जान।

हर एक धक्के पर गीली चूत के कारण ‘फच्च.. फच्च.. फच्च..’ की आवाज़ आ रही थी, जिसकी वजह से में भी पूरे जोश के साथ मैडम की चुदाई कर रहा था।

उसको चोदते हुए मुझे 7-8 मिनट हो गए थे। अब मुझे भी लगने लगा था कि मैं अब झड़ने वाला हूँ।

चुदाई करते हुए मैंने मैडम से कहा- मेरा पानी छूटने वाला है.. तो अन्दर ही छोड़ दूँ या बाहर…

मैडम बोली- अन्दर ही छोड़ दो.. मेरे कोई बच्चा नहीं है।

फिर मैंने देर न करते हुए अपने लंड को चूत से बाहर निकाला और मैडम के दोनों पैरों को उठाते हुए अपने कन्धों पर रखा और वापस अपने लंड को उसकी चूत में पेल दिया और जोर-जोर से उसकी चूत चोदने लगा।

जैसे ही मैडम ने कहा- मेरा पानी छूटने वाला है।

उसी समय मेरा लंड भी जवाब देने वाला था तब मैंने मैडम के पैरों को पूरी तरह से उठाते हुए उनके पैरों के घुटनों को उन्हीं के कन्धों से मिला दिया।

मेरे ऐसा करने से मैडम की चूत थोड़ा और ऊपर की ओर उठ गई और मैं जोर-जोर से उसकी चूत को चोदने लगा।

फिर करीब 8-10 धक्कों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ने लगे और मेरे लंड की एक-एक बूंद उनकी चूत में उतर गई।

उस समय मैडम ने मुझे अपने शरीर से पूरी तरह चिपका लिया।
हम दोनों के शरीर पसीने से लथ-पथ हो चुके थे।

जब हम नार्मल हुए तो मैडम ने मुझे धन्यवाद दिया और मुझसे बोली- मैं आजीवन तुम्हें नहीं भूलूंगी।

उसके बाद हम दोनों साथ-साथ नहाए और नहाते हुए एक और चुदाई का राउंड लिया।

नहाने के बाद मैडम ने मुझे बिठाया और अपने हाथों से खाना बनाया और फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया।

फिर मैडम मुझे 2000 रूपये देते हुए कहा- ये आपका इनाम और फिर जरुरत पड़े तो मांग लेना.. आज से मैं अब तुम्हारी हुई।

मैंने वो पैसे लेने से इंकार कर दिया और मैडम से बोला- मैं ये काम पैसे के लिए नहीं करता बल्कि मुझे चुदाई करने का शौक है.. इसलिए करता हूँ। आप अपने पैसे अपने पास रखिए.. हाँ.. अगर कभी मुझे इनकी जरुरत पड़ी तो आप से जरुर मांग लूँगा।

फिर उसके बाद मैं चला गया। फिर मुझे जब भी मौका मिलता तो मैं उनकी चूत की भूख मिटाता।

फिर एक दिन उन्होंने मुझे अपने गर्भ से होने की बात बताई तो मैं भी बहुत खुश हुआ।

बाद में मैडम ने सारी बात सर को बताई तो उन्होंने भी परिस्थिति से समझौता करते हुए मुझे बुलाकर मेरा धन्यवाद करते हुए कहा- जीवन में जब कभी भी हमारी जरुरत पड़े तो निसंकोच आ जाना।

उसके बाद तो मेरी जैसे लाटरी निकल गई।

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