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Massage Girl in South 24 Parganas: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in South 24 Parganas who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in South 24 Parganas that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The South 24 Parganas massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in South 24 Parganas who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your South 24 Parganas massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This South 24 Parganas massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in South 24 Parganas who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in South 24 Parganas employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in South 24 Parganas helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in South 24 Parganas

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in South 24 Parganas at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

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फिर मैंने Hindi Sex कहा- माँ, मुझको तुम्हारे शरीर के सारे कपड़े भी अच्छे लगते है।

रीमा ने कहा- अच्छा बता, इनमें भला तुझे क्या अच्छा लगता है?

मैंने कहा- इनकी मादक खुशबू। इन कपड़ों से निकलने वाली मस्तानी सुगंध। इस सुगंध में कपड़ों की गंध के साथ साथ तुम्हारे बदन और तुम्हारे पसीने की सोंधी गंध भी शामिल है जोकि इसको और भी मादक बना देती है।

फिर मैंने कहा- मुझे तुम्हारे पैरों में ये उँची ऐड़ी के सैंडल भी बहुत अच्छे लगते हैं। जब तुम इनको पहन कर चल रही थी तो तुम्हारे भारी भरकम चूतड़ क्या मस्त मटक रहे थे और 5 इन्च हील की वजह से चूतड़ और भी उभर कर शरीर के बाहर की ओर निकल आये हैं जो कि इन बड़े बड़े चूतड़ों को और भी मस्त बना देते हैं जिसकी वजह से ये और भी बड़े लगते हैं और ऊँची हील की वजह से चाल और भी मस्तानी हो जाती है क्योंकि तुम्हारे मम्मे इतने बड़े हैं, इसलिये ये हर कदम के साथ उछलते हैं और यह दृश्य देख कर किसी मुर्दे का लंड भी खड़ा होने को मजबूर हो जाये।

तुमसे चैट-रूम में मिलने से पहले मैं उँची ऐड़ी के सैंडल नहीं पहना करती थी। जब तुमने मुझे बताया था कि तुमको उँची ऐड़ी के सैंडल पसन्द हैं और अगर ऐड़ी करीब 5 या 6 इन्च हो तो क्या कहने। तब पहले तो कुछ दिन तक मैंने सोचा कि इनका सेक्स में क्या काम। लेकिन मैं एक बार एक शॉप पर गई और सैंडल देख कर सोचा क्यों न मैं पहन कर देखूँ और जब मैंने शीशे में अपने चूतड़ देखे तो मैंने सोचा कि तुम गलत नहीं हो, मेरे मस्त चूतड़ और भी बाहर निकल आये थे और आस पास के कई मर्द मेरे चूतड़ों को घूर घूर कर देख रहे थे। तब से मैंने कई जोड़ी सैंडल खरीदे हैं और मैं कई सारे जोड़ी ले कर आई हूँ।

फिर मैं बोला- माँ, सबसे अच्छा अंग तो मुझे तुम्हारे चूतड़ लगते हैं। औरत के चूतड़ मेरा सबसे पंसन्दीदा अंग है और तुम्हारे चूतड़ों के तो क्या कहने ! इतने बड़े बड़े हैं और तुम्हारी कमर पतली होने की वजह से और भी बड़े लगते हैं। तुमने पेटीकोट भी इतना नीचे पहना है कि तुम्हारे चूतड़ों की दरार कहाँ से शुरू होती है वो भी दिखाई देती है। और क्या तारीफ करूँ इन चूतड़ों की, ये इतने सेक्सी हैं कि मेरे पास कोई शब्द ही नहीं है।

मेरी बात सुन कर रीमा ने कहा- तुम सही बोल रहे हो या मेरे को रीझाने के लिये ऐसा कह रहे हो ? मुझे नहीं पता पर तुम तारीफ करना खूब जानते हो।

मैंने कहा- मैं कोई झूठी तारीफ नहीं कर रहा हूँ, माँ, तुम हो ही इतनी सुन्दर ! मैंने जितना भी तुम्हारे रूप के बारे में कहा है वह तो तुम्हारी सुन्दरता का सिर्फ़ दस प्रतिशत ही है।

रीमा ने कहा- चल झूठा कहीं का। माँ के साथ खेल करता है?

और ऐसा कह कर रीमा ने एक हल्की सी चपत मेरे गाल पर लगा दी और बोली- चल बता और क्या क्या अच्छा लगा तुझे तेरी माँ में?

मैं बोला- मैंने सब कुछ तो बता दिया। और तो कुछ नहीं बचा। बोली- कैसे नहीं ! मेरी सबसे कीमती चीज तो अभी बची है।

मैं बोला- पर वह तो तुम्हारे कपड़ों से ढकी है।

तो फिर ऐसे देख क्या रहा है? उतार दे मेरे कपड़े ! मैंने तुझे मना थोड़े ही किया है। तूने ही नहीं उतारे मेरे कपड़े ! मैंने तो सोचा था कि जैसे ही आयेगा वैसे ही मेरे रूप को देख कर मेरे कपड़े फाड़ देगा।

माँ की बात सुन कर मैंने कहा- नहीं माँ पहले मैं तुम्हारे होंठो का रस पियूँगा फ़िर तुम्हारे कपड़े उतारूँगा।

रीमा बोली- अरे पहले कपड़े उतार के मुझे नंगा कर दे। फिर मेरे होठों का रस पी लेना। मैं भागी थोड़ी ही जा रही हूँ।

मैने कहा- नहीं माँ, चाहे थोड़ी देर ही सही पर मैं पहले तुम्हारे होंठो कर रस पीयूँगा। इस पर रीमा ने कहा- ठीक है, पी ले मेरे होंठ। माँ हूँ, क्या करूँ बेटे की बात माननी ही पड़ेगी।

मैं बोला- ओह माँ, तुम कितनी अच्छी हो।

इस पर रीमा बोली- बस 5 मिनट ही।

मैंने कहा- ठीक है।

फिर मैंने अपने होंठ रीमा के होंठ से लगा दिये और एक चुम्बन ले लिया। फिर मैं अपने हाथ उसकी गर्दन के पीछे ले गया और उसके मुँह को अपनी तरफ खींचा और अपनी जीभ निकाल कर उसके होंठों पर जीभ फिराने लगा। थोड़ी देर इसी तरह से जीभ फिराने के बाद मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठों के बीच पकड़ लिया और फिर उस पर जीभ फिराने लगा।

उसके होंठों को चूसने से पहले मैं गीला कर देना चाहता था। थोड़ी देर तक इसी तरह उसके होंठो को गीला करने के बाद मैंने उसके होंठ चूसने शुरू कर दिये। मैं बहुत जोर जोर से उसके होंठों को चूस रहा था। रीमा भी अपनी जीभ निकाल कर मेरे उपरी होंठ के ऊपर फिरा रही थी और साथ ही साथ अपना बहुत सा थूक अपने निचले होंठ के पास जमा कर रही थी जिससे मैं ज्यादा से ज्यादा उसके स्वादिष्ट थूक को पी सकूँ। मैं भी हर थोड़ी देर में निचले होंठ को छोड़ कर उसका थूक अपनी जीभ की मदद से उसके होंठों पर मलने लगता और अच्छी तरह से मल कर फिर से उसके होंठ को चूसने लगता। करीब दो मिनट तक मैं ऐसा ही उसके साथ करता रहा। मैं इतनी जल्दी नहीं छोड़ना चाहता था पर क्या करता मेरे पास सिर्फ़ 5 मिनट थे और मैं भी रीमा को जल्दी से जल्दी नंगा कर देना चाहता था।

फिर मैंने उसका निचला होंठ छोड़ कर उसका ऊपरी होंठ अपने दोनों होंठों के बीच पकड़ लिया और उसको भी अपने थूक से गीला कर दिया। रीमा ने भी मेरा निचला होंठ अपने थूक से गीला कर दिया था। थोड़ी देर तक मैं उसके होंठ को गीला करता रहा और और चूसता रहा फिर एकदम से मैंने अपनी जीभ को नुकीला करके उसके दाँतों और होंठों के बीच डाल दी और उसके दाँतों पर फिराने लगा। वो भी अपनी जीभ को नुकीली बना कर मेरे जीभ के नीचे गोल गोल घुमाने लगी। जिससे उसकी जीभ से लार निकल कर मेरे मुँह में गिरने लगी और मेरी जीभ के नीचे जमा होने लगी।

थोड़ी देर इसी तरह से उसके दाँत और होंठ के बीच की और उसके जीभ से टपकती लार मेरे मुँह में जमा हो गई। फिर मैंने रीमा के होंठ मुँह में लेकर चूसने लगा तथा साथ ही साथ मुँह के अन्दर जमी स्वादिष्ट लार को भी मैं पी गया। ये लार मेरे लिये अमृत थी। फिर थोड़ी देर तक इसी तरह मैं उसका होंठ चूसता और लार पीता रहा। और जैसे ही करीब 5 मिनट हुये, मैंने आखरी बार उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और एक गहरा चुम्बन लेकर उससे अलग हो गया।

फिर मैंने पूछा- मजा आया माँ?

तो रीमा बोली- हाँ बेटा, बहुत मजा आया। तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो बेटा। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिंग देनी पड़ेगी लेकिन ऐसा लगता तो नहीं है।

मैंने कहा- माँ, ट्रेनिग की जरूरत तो मुझे है क्योंकि चाहे जितना भी अच्छा किस मैं करता हूँ पर तुमसे अच्छा तो नहीं हो सकता।

रीमा बोली- वो तो तुम ठीक ही कह रहे हो मेरे राजा बेटा ! ठीक है, मैं तुम को पूरी तरह ट्रेन्ड कर दूँगी !

ठीक है?

मैंने कहा- हाँ माँ।

फिर रीमा बोली- चल अब जल्दी से मेरे कपड़ो को उतार कर फेंक दे। मेरी मस्ती होंठ चुसाई के कारण बढ़ चुकी है और अब मुझे ये कपड़े अपने बदन पर बहुत ही बुरे लग रहे हैं।

इस पर मैंने कहा- माँ, तुम मुझको उसी तरह नंगा नाच करके दिखाओ जैसा तुमने एक बार बताया था चाट पर।

करुँगी बेटा, वो भी करुँगी लेकिन सबसे पहले मै तेरे हाथों से नंगी होना चाहती हूँ। जिससे तुझे धीरे धीरे मेरे नंगे होते शरीर को देखने का नजारा जिन्दगी भर याद रहे।

बात तो तुम ठीक कह रही हो माँ। मैं जब तुम्हारे कपड़े धीरे धीरे उतारुँगा और तुम्हारे बदन का एक एक हिस्सा नग्न हो कर मेरी आँखों के सामने प्रकट होगा तो पहली बार उस नग्न हिस्से को देखने में जो मजा आयेगा उसकी छवि तो कभी भी मेरी आँखों से नहीं जा सकती।

रीमा- तू बहुत ही समझदार है बेटा ! तेरे जैसा बेटा पा कर कोई भी माँ धन्य हो जाये।

उसकी बात सुनकर मैं थोड़ा सा शरमा गया। इस पर रीमा ने कहा- हाय देखूँ तो ! ऐसे शरमा रहा है जैसे कोई लौंडिया हो। चल अब लग जा काम पर और कर दे अपनी माँ को नंगी। तेरी इस रंडी माँ को कितने ही ग्राहकों ने नंगा किया है, तू भी कर दे नंगा।

देख ले अपनी रंडी माँ का नंगा बदन। तेरी इस रंडी माँ का कोई भी दल्ला नहीं है। तेरी माँ को खुद ही मेहनत करनी पड़ती है ग्राहक को ढूंढने में। आखिर रंडी हूँ ! एक दिन धंधा ना करूँ तो चूत की खुजली रात भर सोने नहीं देती। तू मेरा दल्ला बनेगा बेटा? मेरी दलाली करेगा? हाय रे क्या मस्त जोड़ी होगी हमारी ! रंडी माँ और दलाल बेटा। तेरी यह माँ तुझको दलाली के सारे गुण सिखा देगी और तुझको अपनी कमाई का आधा हिस्सा भी दूँगी और तेरे को और नई नई रंडियों की चूत भी दिलवाऊँगी, उनकी भी दलाली तू ही करना बेटा। बोल बेटा ! बोल, करेगा अपनी माँ की दलाली?

रीमा की इतनी गंदी गंदी बाते सुनकर मेरा लंड मचल उठा था।

रीमा फिर बोली- बोल रंडी की औलाद भोसड़े के ! पैदाईशी हरामी ! साले तेरी माँ को दस कुत्तों ने चोदा तो तू पैदा हुआ ! बोलता क्यों नहीं ? करेगा अपनी इस रंडी माँ की दलाली?

यह सुनकर मेरी हालत बिल्कुल ही खराब हो गई, पूरा बदन मस्ती में गरम हो गया, मेरा लंड मस्त हो कर प्री-कम बहाने लगा और मैंने बोला- हाँ माँ ! मैं करूंगा तेरी दलाली।

सुनकर रीमा बहुत ही खुश हुई, मुझको अपने गले से लगा लिया और बोली- तू सही में मेरा बेटा होता तो अब तक मैं तुझसे अपनी दलाली करवा रही होती ! पर तू चिन्ता मत कर अगर मुझे मौका मिला तो तुझसे अपनी दलाली जरूर करवाऊंगी।

फिर वो मुझसे अलग हो गई और बोली- चल अब खड़ा खड़ा क्या देख रहा है? उतार मेरे कपड़े, साले रंडी की औलाद।

मैंने सोचा कि अब माँ के भरपूर बदन को नंगा देखने का वक्त आ गया है। मैंने सोचा, रीमा के कपड़े उतारने से पहले आखरी बार उसको गर्म कर दूँ। और यही सोच कर मैंने रीमा से कहा- माँ, तुम वह पहली औरत होगी जिसको मैं नंगा देखूँगा। तुम्हारे भारी चूचियाँ पहली चूचियाँ होगी जिनको मैं मसलूँगा, तुम्हारी घुंडियाँ पहली घुंडियाँ होंगी जिनको मैं चूसूंगा और खींचूंगा। तुम्हारे चूतड़ वह पहले चूतड़ होंगे जिनको मैं प्यार करूंगा। तुम्हारी गाँड वह पहली गाँड होगी जिसको मारने से पहले मैं चाट चाट कर गीली कर दूंगा और तुम्हारी चूत पहली चूत होगी जिसको मैं चाट चाट कर झड़ाऊंगा और फिर उसमे अपना लम्बा लंड डाल कर चोदूंगा और तुम ही वह पहली औरत होगी जो मेरा कुवाँरापन लेगी।

हाय रे मेरे लाल ! तूने तो मुझको इतना गरम कर दिया है कि अगर और कुछ पल ये कपड़े मेरे शरीर पर रहे तो इनमे आग लग जायेगी। बेटा, अपनी माँ को और मत तड़पा ! पहले ही वह तुझसे इतने सालों दूर रह कर तड़पी है। बेटा अब उतार दे मेरे कपड़े।

मैंने सोचा- अब रीमा के कपड़े उतार ही देने चाहियें, ज्यादा तड़पाना ठीक नहीं है। कहीं माँ अपने कपड़े उतार कर खुद ही न फेंक दे जो मैं नहीं चाहता था। और अब मेरा लंड भी रीमा को नंगा देखने के लिये बेताब हुआ जा रहा था। पर साथ ही साथ मुझको यह भी डर था कि रीमा बहुत ही मस्तानी औरत है, कहीं उसके मस्ताने नंगे बदन को देख कर मेरा लंड बिना छुये ही झड़ जाये। और मुझे पता था कि इसके लिये मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।

फिर मैं आगे बढ़ा और रीमा के हाथ पकड़ लिये और उठा कर चूम लिये और बोला- ठीक है, लाओ माँ, उतार देता हूँ मैं तुम्हारे कपड़े।

यह सुन रीमा ने अपना पल्लू जो कि उसने शुरू में अपने पेटीकोट में खोंस लिया था, निकाला और मुस्कुराते हुये मेरे हाथ में पकड़ाया और शरमाते हुये बोली- लो बेटा।

वह कुछ इस तरह से शरमाई थी जैसे कि नई नवेली दुल्हन हो जो सेक्स के बारे बिल्कुल अंजान है।रीमा सही में एक खेली खाई औरत थी, उसे सब पता था कि कब और कैसे मर्द के साथ बर्ताव किया जाना चहिये। उसके इस शरमाने ने मेरे शरीर में मस्ती भरा जोश भर दिया।

वैसे भी अब मेरा हाल भी बुरा हो चुका था। मुझको इस कमरे में आये हुये करीब एक घंटा हो चुका था और तभी से मेरा लंड खड़ा था। और मेरे आने के थोड़ी देर बाद ही रीमा ने मेरे कपड़े उतार दिये थे। मैंने उसका पल्लू पकड़ा और मन में यह निश्चय कर लिया था कि उसके बदन के साथ पूरा न्याय करूँगा और धीरे धीरे उसका एक एक अंग निर्वस्त्र करूगाँ।

सबसे पहले मैंने उसका पल्लू पकड़ कर सूंघ लिया। जैसे कि मैं रीमा को बता चुका था कि मुझे कपड़ों की गंध सूंघना पसन्द है। मैं उसके हर कपड़े को उतारते हुये उसकी खुशबू सूंघना चाहता था।

उसकी साड़ी में से बहुत मादक गंध आ रही थी। इस गंध में उसकी बदन की खुशबू और पसीने की गंध मिली हुई थी। और फिर मैंने उसका पल्लू चूम लिया। जब मैं उसका पल्लू चूम रहा था तो उसकी आँखों में आँख डाल कर देख रहा था। उसकी आँखो में वासना के लाल डोरे दिखाई दे रहे थे। फिर मैंने उसका पल्लू छोड़ दिया और उसके सामने अपने घुटनों के बल बैठ गया और आगे बढ़ कर उसकी नाभि का चुम्बन ले लिया। मेरे इस तरह से अचानक चुम्बन ले लेने से उसके मुँह से एक सिसकारी निकल गई। उसका पल्लू कालीन पर पड़ा था और उसके पेटीकोट से जुड़े हिस्से को मैंने अपने हाथ में पकड़ लिया।

उसने साड़ी में करीब 8 प्लीट डाल रखी थी। मैंने उसका पल्लू पकड़ कर अपने बदन के ऊपर डाल लिया। उसकी साड़ी नायलॉन की थी, मेरे नंगे बदन पर उसका स्पर्श काफ़ी अच्छा लग रहा था। रीमा खड़ी हुई मेरी हरकतों को देख रही थी।

फिर मैंने धीरे से उसकी साड़ी को खींचा जिससे उसकी एक प्लीट निकल कर बाहर आ गई। मैंने साड़ी के उस छोटे हिस्से को अपने चेहरे पर रखा और सबसे पहले एक गहरी साँस लेकर उसे सूंघा फिर उसके 3-4 चुम्बन ले लिये। रीमा मुझको अपने कपड़े उतारते हुये देख रही थी। उसके चेहरे में मेरे लिये वासना और मातृ प्रेम के मिले जुले भाव थे। अब मेरा लंड भी उसकी साड़ी से टकरा रहा था जिसकी वजह से प्री-कम से भीगा हुआ मेरा लंड उसकी साड़ी को गीला कर रहा था।

इसक बाद तो बस वही सब हुआ जो होता है। Hindi Sex

Antarvasna sex stories

कैसे हैं आप सब Antarvasna ! इस बार फ़िर से हर बार की तरह बहुत सारे मेल मिले और मैं आप सबका एक बार फ़िर से धन्यवाद अदा करता हूं

कि आप लोग मुझे इतने सारे मेल करते है और मेरी कहानियों को पसंद भी करते हैं।

अब मैं अपनी कहानी शुरु करता हूं जहां पर अधूरी रह गयी थी.

बरसात की रात पार्ट 1 में आप सबने पढ़ा ही होगा कि किस तरह से मेरी अजनबी आंटी से मुलाकात होती है और जिन्होने नहीं पढ़ा वो प्लीज़ पार्ट १ पढ़े फ़िर यहां से शुरु करें

तो उस दिन रात को मुझे सोया हुआ जानकर आंटी ने मेरा लंड मुंह में भर लिया और फ़िर मेरी आंख खुल गयी और उसके बाद हम लोग सारी लाज हया त्याग कर चुदायी करने में जुट गये.

आंटी तो पहले से ही नंगी थी और मैं सिर्फ़ लुंगी ही लपेटे हुए था.

मेरी लुंगी आंटी ने सरका कर मेरा लंड बाहर निकाल कर होंठों में भरा था, अब वो भी मैंने उतार दी थी और पूरी तरह से मैं भी नंगा हो चुका था.

आंटी मेरे फ़नफ़नाये लंड को बड़ी मोहब्बत से देख रही थी और किसी लालची बिल्ली की तरह जबान होंठों पर फ़िरा रही थी.

मैं वहीं सोफ़े पर बैठ गया और आंटी से कहा- अब जब शरम का परदा हट ही गया है तब पूरी तरह से बेशरम होकर जवानी के मज़े लूट लो आप भी!

तब आंटी ने कहा- साले मादरचोद, वही तो तुझे समझा रही हूं इतनी देर से … मगर तू है कि लंड क्या लोहे बना हुआ इतनी देर से आखिर अब आया न औकात पर चल जल्दी से मेरे मुंह में लंड डाल कर धक्के लगा और मुझे अपने रस का पान करने दे!

और इतना कह कर वो मेरे लंड को चूसने के लिये जैसे ही झुकी, मैंने उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को बेदर्दी से मसलते हुए कहा- अरे रंडी, ऐसी भी क्या जल्दी है लंड चूसने की! ज़रा मुझे भी तो गरमाने दो न!
मगर वो ज़बरदस्ती मेरा लंड पकड़ कर अपने मुंह में रख कर चूसने लगी और थोड़ी ही देर में मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया और उनकी चूत को सलामी देने लगा.

तब वो अपनी चूत फ़ैला कर आयी और मेरे मुंह के पास करती बोली- लो मेरे चोदु अब जरा इसे भी चाट कर तुम भी मेरे रस का मज़ा लो!

मैं उनकी झांटों भरी चूत को सहलाने लगा.
फ़िर बोला- साली, यहां तो पूरा जंगल उगा रखा है क्या चाटुं? चूत तो ढूंढे से नहीं मिल रही है यहां?

तब वो अपने झांट के बालों को अपने दोनों हाथ से अलग कर के अपनी चूत दिखा कर बोली- राजा, आज तो काम चला लो कल साफ़ कर लूंगी प्लीज़.

मुझे उनके उपर तरस आ गया और मैं अपने होंठ उनकी चूत की फ़ांक पर रख कर फ़ांकों को चूमने लगा.
और अब तो आंटी की सिसकियों का शमां ही बंध गया था.

वो अपने दोनों पैर मेरी गर्दन के अगल बगल से करके पीचे सोफ़े पर टेक लगा कर अपनी चूत मेरे मुंह पर रगड़ने लगी थी.
और मुझे तो चूत चाटने में शुरु से ही मज़ा आता था.
सो मैं लग गया काम पर!

आंटी ईईइस्स इस्सस आआयीई आयीई कर रही थी और मैं चपर चपर करके उनकी चूत चाट रहा था.

थोड़ी ही देर में वो बोली- आआ अह्हह राजा, मैं झड़ने वाली हूं, अब अपनी जीभ निकाल लो मेरी चूत से!
तब मैंने कहा- हाय मेरी रंडी, अभी तो कह रही थी कि मेरी चूत के रस को चखो और अब कह रही हो निकाल लो जीभ को!

उसने कहा- क्या तुम सच में मेरा रस पियोगे?
मैंने कहा- इसमें हैरानी कैसे इसमें तो बहुत आनंद आता है.

वो बोली- मैं तो मज़ाक कर रही थी. मुझे नहीं पता ऐसे भी किया जाता है.
तब मैंने कहा- हाय मेरी नादान बन्नो, इतने सालों से चुदवा रही हो पर इतनी नासमझ बनती हो जैसे अभी कमसिन कन्या हो!

इतना कहकर मैं अपनी जबान जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा.
अब तो आंटी को जन्नत का मज़ा आने लगा, वो मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत मेरे जीभ पर दबा रही थी.

और तभी उनकी चूत से ढेर सारा रस निकलने लगा जिसे मैं चूसने लगा.
थोड़ी देर में ही उसका सारा रस चूस कर उसकी चूत बिल्कुल साफ़ कर दी और झांटों पर जो थोड़ा बहुत रस चिपक गया था उसे उसकी नाइटी से साफ़ करने लगा.

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तब आंटी बोली- अरे! अरे क्या कर रहे हो? मेरी इतनी कीमती नाइटी गंदी हो जायेगी.

मैंने उसकी पैंटी जो वहीं पड़ी थी उसको उठा कर उससे उसकी चूत साफ़ करी और फ़िर बोला- अब आप मेरा लौड़ा चूस कर खड़ा कीजिये, तब आपकी चूत चोदी जाये!
तब वो कहने लगी- जो जी में आये, वो करो. अब तो तुम मेरे राजा हो गये हो!

इतना कहकर झट से मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी.
मेरा लंड उनकी चूत चाटने से सिकुड़ चुका था.

वो धीरे धीरे सहला रही थी और मैं उनकी बड़ी बड़ी बूब्स को मसल रहा था.

कभी कभी बहुत जोर से दबा देता था जिससे उनकी चीख निकल जाती थी और मैं जितनी जोर से उसकी चूची दबाता वो उतनी ही जोर से मेरा लंड दबाती थी.

उसके सहलाने से थोड़ी देर में ही मेरा लंड फ़िर से खड़ा हो गया.
उसे देख कर वो अपने होंठ पर जीभ फ़िराने लगी.

मैंने अपने हाथ में लंड पकड़ा और घप्प से उसके मुंह में घुसेड़ दिया और उसका मुंह खुला का खुला ही रह गया.
वो गूं गूं कर रही थी जैसे कहना चाह रही हो निकाल लो लंड को!

मगर मैंने उसके बाल पकड़ कर एक करारा धक्का और मारा और पूरा लंड उसके मुंह में समा गया.

उसको पूरा लंड मुंह में लेने में काफ़ी परेशानी हो रही थी मगर मुझे मज़ा आ रहा था.

थोड़ी देर बाद ही आंटी को भी मज़ा आने लगा और अब वो जल्दी जल्दी अपने चेहरे को आगे पीछे कर के मेरे लंड को चूस रही थी.
और मुझे ऐसा लग रहा था कि बस अब मैं झड़ने ही वाला हूं.

मैंने सोचा कि आंटी की चूत मार ही ली जाये.
मगर सोचा कि सारी रात पड़ी है जल्दी क्या है अभी तो अपना रस इसकी मुंह में ही उड़ेल देता हूं.
यही सोच कर मैंने तेज़ी से धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी और थोड़ी ही देर में मैं उसके मुंह में झड़ गया.

थोड़ी देर तक हम लोग उसी अवस्था में लेटे रहे.

फ़िर मुझे पेशाब लगने लगी तो मैंने आंटी से पूछा- बाथरूम किधर है?
वो बोली- चलो मुझे भी पेशाब लगी है, साथ ही निपट लेते हैं.

जब मैं अपनी लुंगी उठाने लगा तो वो छीनते हुए बोली- क्या यार, इतनी से देर के लिये लुंगी बांध रहे हो.
तब मैंने कहा- आंटी, कहीं आपकी लड़की न देख ले.
वो बोली- अरे मेरे राजा, वो बेचारी तो सो रही होगी. तुम बेफ़िक्र रहो.

फ़िर हम लोग एक साथ ही बाथरूम गये.
वो बिल्कुल भी नहीं शरमा रही थी और मेरे सामने ही चूत पसार कर छर्र छर्र मूतने लगी.
मैं भी वहीं खड़े होकर मूतने लगा.

उसके बाद उसने अपनी चूत पानी से साफ़ करी और मेरा लंड भी धोया. उसके बाद फ़िर से रूम में आ गये और बेड पर बैठ गये.

वो बोली- राजा चूमा चाटी और चूची चुसायी तो बहुत हो गयी, अब चुदायी के बारे में क्या ख्याल है?

मैंने कहा- जैसा तुम बोलो मेरी रानी!

अब पूरी तरह से हम लोग बेशरम हो चुके थे और लंड चूत की बातें खुल कर कर रहे थे.

वो बोली- राजा एक बात तो माननी पड़ेगी … तुममें गज़ब की ताकत है, बहुत मज़ेदार चुसायी करते हो. अब देखते हैं चुदायी में कहां तक ठहर पाते हो.
मैंने कहा- चुद्दो रानी, अभी आज़मा कर देख लेना कैसे बखियां उधेड़ता हूं आज तुम्हारी! अगर तेरी पहली रात न याद दिला दी तो राज नाम नहीं!

ये कह कर मैंने उसकी टांगें पूरी तरह से फ़ैला दी.
जब उसकी चूत देखी तो वो मुझे ज्यादा चुदी पिटी नहीं नज़र आ रही थी.
मैंने थोड़ी देर उसे सहलाया.

मेरा मन अभी फ़िर से चाटने को कर रहा था मगर रात काफ़ी हो चुकी थी और पानी भी अपने पूरे शवाब से बरस रहा था.
मैंने सोचा- साली आज तो चुदवा रही है, क्या पता आगे भी चुदवाये? अगर आज इसे कायदे से चोद दिया तो इसकी चूत का मालिक बन जाऊंगा.

मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा होकर सलामी देने लगा था.
मैं सोच रहा था कि साली को किस एंगल से चोदूं कि मेरी गुलाम बन जाये.

तब ही वो बोली- राजा, बहुत दिन से मेरा मन किसी के लंड पर बैठ कर झूला झूलने को कर रहा है. क्या तुम झुलाओगे झूला?
मैंने कहा- क्यों नहीं आंटी, आप किस तरह का झूला झूलेंगी? मैं चेयर पर बैठ जाऊं या खड़े होकर आपको अपने लंड पर झूला झुलाऊं?

वो बोली- चेयर पर बैठ कर तो कोई भी झूला झुला देगा. मज़ा तो खड़े होकर झुलाने में है.

उनकी बात सुनकर मैं तुरंत जमीन पर खड़ा हो गया और अपने लंड को उपर की तरफ़ उठा कर कहा- आंटी, अब आप तैयार हो जाइये. इस सवारी पर बैठ कर आपको बहुत देर तक झूला झूलना है.

वो बेड पर खड़ी हो गयी.
मैंने अपने लंड से उनकी चूत का सेन्टर मिलाया और उनको अपने लंड पर उठा लिया.
एक पल को मैं गड़बड़ा गया था, बेलेन्स बिगड़ गया था क्योंकि आंटी का भार काफ़ी था.

मगर मैं सम्भल गया और अब पूरी तरह से आंटी का भार मेरे ऊपर ही था.

वो अपने चूतड़ को उचका रही थी, नीचे से मैं भी धक्के मार रहा था.

आंटी आआअह आआ आह्ह आआय यीईईइ आआह आयीईईइ कर रही थी और उनके उछलने से उनकी बड़ी बड़ी चूचियां उछल रही थी।

मैं उनकी चूची को मुंह में भर कर चूसने लगा और धक्के भी मार रहा था.
थोड़ी देर बाद मैं थक गया तो मैंने खड़े खड़े ही धम्म से बेड पर डाई मार दी और आंटी की पीठ जानबूझ कर पीछे की तरफ़ रखी थी जिससे कि जब मैं बेड पर गिरुं तो मेरा लंड का धक्का उसकी चूत में तेज़ी से लगे.

एक धड़ाम की आवाज़ के साथ मैं बेड पर गिरा और आंटी के मुंह से एक जोरदार चीख निकली- आअय ययीई आआ आह्ह राम मार डाला … साले हरामीईई क्या करता है? चुदायी या कुछ और भोसड़ी के … मादरचोद कहीं ऐसे भी चोदा जाता है? मुझे बता देते तो आराम से लेट जाती बेड पर! तुम तो लगता है मेरी चूत के साथ साथ बेड भी फ़ाड़ दोगे!

और फ़िर आंटी की धकमपेल चुदायी की.
उस दिन रात भर में 2 बार चूत चोदी और एक बार गांड मारी.
और उस दिन के बाद से अकसर मैं आंटी के घर जाने लगा.

अब मेरा ध्यान उनकी लड़की संगीता की तरफ़ था.
हालांकि मैंने कभी भी कम उमर की लड़कियों की तरफ़ ध्यान नहीं दिया पर पता नहीं संगीता की चढ़ती जवानी में ऐसा क्या था जो मुझे मदहोश कर देता था.
वो छोटी सी स्कर्ट टोप पहन कर जब आती थी तब उसकी गोरी गोरी जांघें और टोप के अंदर उसकी चूची देख कर ही मैं शायद उसका दीवाना हो गया था.

और अकसर उसकी पैंटी भी मैं किसी न किसी बहाने से देख ही लेता था.
मैंने ठान ही लिया था कि इसकी सील मैं ही तोडूँगा.

और आंटी को चोदने के बाद उसकी लड़की को चोदना कोई मुश्किल काम नहीं था.
खैर आप लोग दुआ करें कि मेरा काम बन जाये और संगीता की कुंवारी चूत मारने का मेरा अरमान पूरा हो जाये.
अगर ऐसा हुआ तो मैं पूरी चुदायी की Antarvasna कहानी लिखूंगा पर आप लोग दुआ करें.

प्रेषिका : संजू Antarvasna

मैं 29 साल Antarvasna की एक स्वस्थ और मस्त औरत हूँ। मेरी शादी 1998 में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुई।

बात उन दिनों की है जब शादी के कुछ दिनों बाद मेरे पति जालंधर अपनी नौकरी पर चले गए जो किसी प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। उनके जाने के कुछ दिन तो ठीक-ठाक रहा लेकिन फिर मेरी कामेच्छा बढ़ने लगी और मेरा चुदवाने का मन होने लगा।

मेरी ससुराल में सास-ससुर, जेठ-जेठानी और उनके तीन बच्चे थे, कोई और नहीं था।

तभी दो दिन बाद मेरा चचेरा देवर अपने घर आया जो कहीं बाहर नौकरी करता था। उसकी शादी अभी नहीं हुई थी। चचेरा देवर बहुत ही मिलन सार है। वह जब भी घर आता तो सभी लोगों से जरूर मिलता है। चूँकि मेरी शादी में वह नहीं आ पाया था इसलिए मुझसे भी मिलने चला आया।

जब मैंने पहली बार उसे देखा तो मैं खुश हो गई मेरी नीयत उसी समय बिगड़ गई। लेकिन मैं उससे अनजान थी और वो भी मुझसे पहली ही बार मिला था। थोड़ी देर तक हम दोनों बातचीत करते रहे और थोड़ी देर बाद उसने मजाक किया- भाभी अगर आपकी कोई बहन और हो तो मेरा भी नंबर है।

और कुछ देर के बाद वह चला गया। मैं उसके बारे में रात भर सोचती रही।

अगले दिन दोपहर में वह फिर मिलने आया, मेरी सास कहीं बाहर गई थी। घर में जेठानी अपने बच्चों को सुला रही थी। वह मेरे पास आया और बैठ कर बातें करने लगा। मैंने देखा कि उसका ध्यान मेरे ब्लाउज पर है। जहाँ से वह मेरी चूचियों को देख रहा था।

मैंने पूछा- क्या देख रहे हो राजीव ?

वह चौंक गया और बोला कुछ नहीं। मेरा मन तो पहले से चुदवाने को था, मैंने अपनी साड़ी थोड़ी खिसकाई, उसे मजा आ गया और वह बदमाश हो गया।

उसने तुरंत मेरी चूचियाँ पकड़ ली और मैं राजीव से लिपट गई। उसने मेरे होठों को चूमना शुरु कर दिया। मैं गर्म होने लगी। मेरे पति का लंड मोटा तो था लेकिन वह जल्द ही झड़ जाते थे। मैं चुदवा कर भी प्यासी थी। अब मेरा हाथ राजीव की पैन्ट की जिप की तरफ बढ़ा। उसका लंड बाहर आने को बेताब हो रहा था। उसने मेरे ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्रा के ऊपर से मेरी चूचियाँ मसलने लगा। मुझे मजा आ रहा था, मैं जोर जोर से उसका लंड मसल रही थी।

उसने धीरे से मेरा ब्लाउज और साड़ी दोनों ही उतार दिए और मैंने उसकी पैंट और टी-शर्ट।

अब राजीव केवल अंडरवियर में था और मैं पेटीकोट और ब्रा में। मैंने अपने पेटीकोट को खुद ही उतार दिया। राजीव ने मेरी चूचियाँ दबाते-दबाते मेरी चूत में हाथ लगाया, मेरी चूत गीली थी। राजीव की सांसें तेज हो गई। वो मेरी ब्रा और पैंटी उतार कर मुझसे जोर से लिपट गया।

मैंने उसका अंडरवियर उतार दिया और बोली- देवर जी, जल्दी करो मेरा धैर्य जवाब दे रहा है।

उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और खुद मेरे ऊपर लेट कर अपने लंड का गुलाबी सुपाड़ा मेरी चूत की फांकों में डालने की कोशिश करने लगा लेकिन बिना अनुभव के उसका लंड मेरी चूत में नहीं जा सका। तब मैंने उसकी मदद की और उसका लंड पकड़ कर मैंने सही रास्ता दिखाया।

रास्ता पाते ही राजीव तो बड़ा ही ताकतवर निकला और मुझे धकाधक चोदने लगा। मुझे मजा आने लगा राजीव ने 40 मिनट तक मेरी चुदाई की, मेरी चूत का उसने पूरा मजा लिया। इस दौरान मैं दो बार झड़ चुकी थी।

मैंने इसके बाद राजीव से कई बार चुदवाया जो मैं अगली कहानी में बताउंगी कि मेरे देवर ने मेरी प्यास कैसे बुझाई। Antarvasna

Antarvasna

मैंने रीता को तीन Antarvasna बार दिन और चार बार रात में चोदा। फिर एक दिन नीलम ने मुझ से चुदवा ही लिया।
पर कैसे?
वो आज मैं आपको बताता हूँ कि कैसे मैंने रीता के बाद नीलम को चोदा!

अगले दिन मैं जल्दी 5 बजे ही जगा, जब सब लड़कियाँ नहाती थी और खिड़की के पास बैठ गया। जब सविता आई तो उसने मेरे कमरे की तरफ झांका और बाथरूम में चली गई। और जाते ही उसने गीता की गांड पर हाथ मारा और कहा- क्या हाल है मेरी चुदक्क्ड़?

और मेरी खिड़की की तरफ मुँह करके पूरे कपड़े उतार कर नंगी हो गई और गीता से कहने लगी- यार गीता, मेरी चूत में बहुत आग लगी है, किसी असली लंड से इसको चुदवा दे!

और अपनी चूत के होठों को खोलते हुए उसे मेरी तरफ मुँह करके दिखाने लगी जिससे मुझे उसकी चूत अन्दर तक लाल दिखाई दी और मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया।

इतने में गीता बोली- अपने राजेश के लंड से चुदवा ले ना!

इतने में बाथरूम में रीता घुसते हुए बोली- यार कौन राजेश से चुदवाना नहीं चाहता? सभी चाहती हैं पर चुदवाने का बहाना तो तलाश करो!

और रीता ने अपनी एक उंगली सविता की चूत में डाल दी तो इस पर सविता बोली- अब इसे तेरी उंगली की नहीं, राजेश के लंड की जरूरत है!

फिर सभी लड़कियाँ मस्ती से नहाकर अपने कॉलेज चली गई और मैं भी नहाकर अपने कॉलेज चला गया पर जब मेरा दिल नहीं लगा तो वापस कमरे पर आ गया।

वहाँ देखा कि नीलम बाथरूम में नंगी ही नहा रही है!

तो मैं भी कपड़े धोने के बहाने पूरे कपड़े उतार कर सिर्फ अंडरवीयर में बाथरूम में चला गया। नीलम मुझे देख कर बाथरूम में इधर-उधर चक्कर लगाये क्योंकि वो अपने कमरे से नंगी ही नहाने आई थी। तो मैंने कहा- क्या हुआ नीलम जी? आप ऐसे इधर उधर क्यों भाग रही हो? अब तो मैंने आपका सब कुछ देख लिया है, चूत भी चूचियाँ भी! बड़ी मस्त चूत और चूचियाँ हैं!

इतना सुनकर वो बोली- मेरा इतना देख कर भी अपना लंड इस टेंट में छिपा रखा है?

तो मेरा लंड निक्कर में फड़फड़ाने लगा। नीलम मेरी निक्कर नीचे सरका कर उसे चूसने लगी तो मेरा लंड एक लोहे की छड़ की तरह हो गया।

मैं बोला- साली, यदि तू मेरा चूस रही है तो कुछ मुझे भी चुसा!

और मैंने उसकी टांग पकड़ के उसकी टांग ऊपर उठा के उसे उल्टा लटका दिया और उसकी चूत चूसने लगा और वो मेरा लंड!

15 मिनट के बाद वो सी सी… करके अपनी टांग दबाने लगी और झड़ गई। मैं उसकी चूत का नमकीन और स्वादिष्ट रस पी गया। फिर मैंने उसे खड़े खड़े ही पल्टा और उसको लंड पर बिठा कर चूत में लंड घुसा दिया और चोदने लगा। वो भी मेरे कन्धों को पकड़ कर अपनी गांड हिलाने लगी। अब वो पूरी मस्ती में आ चुकी थी, बोली- राजेश, प्यारे मैं तुझे पहले ही दिन देख कर समझ गई थी कि तू ही मेरी चूत की आग बुझा सकता है। आज मेरी चूत की आग चोद-चोद कर बुझा दे।

मैं बोला- मैं तो तब ही समझ गया जब आपको मैंने बाथरूम में झांट काटते हुए देखा और आपकी गुलाबी चूत ने मेरा जीना हराम कर रखा था। यह लंड मुझे जीने नहीं दे रहा था, आज मुझे शांति मिली है जब मैंने तेरी चूत में इसे घुसा दिया है। अब रोज तेरी चूत की धज्जियाँ उड़ाया करूँगा।

फिर मैं उसे दबा कर चोदता रहा और वो भी मुझे खूब गांड हिला कर उकसाती रही। जब मैं उसे तीसरी बार चोद रहा था तो नीलम बोली- राजा, अब मुझे लंड पर बैठा कर चोदते हुए मुझे मेरे कमरे में ले चलो! यहाँ कोई आ जायेगा!

फिर मैं उसे लंड पर बिठा कर उसके कमरे में लाकर उसके बेड पर घोड़ी बना कर चोदने लगा। जब मैं नीलम को घोड़ी बना कर चोद रहा था तो अचानक रीता आ गई और वो बड़ी तेजी से कमरे में घुसी और घुसते ही रुक गई और हमें देखा तो मैंने उसे आँख मारी, वो समझ गई कि अपनी चुदाई की बात नहीं बतानी है।

वो नीलम पर बरस पड़ी- आप तो राजेश से चुदवा रही हैं और यहाँ हमरी चूत की फिकर ही नहीं है!

तो नीलम उसे अपने पास बुलाया और उसकी चूची दबा कर बोली- यार, तू क्या समझती है कि मुझे पता नहीं है कि तू कल कहाँ थी जब मैं और सविता आपस में प्लास्टिक के लंड से चुद रहे थे!

तो मैं अचानक चौंका- आपको कैसे पता चला?

तो नीलम बोली- जब हम चुदाई करते हैं और रीता होती है तो यह जरूर हमसे अपनी चूत में लंड डलवाने आती है और कल यह आई नहीं! और मैंने तुम्हें कमरे में घुसते हुए देख लिया था। फिर जब सविता मेरी चूत में प्लास्टिक के लंड से चुदाई कर रही थी तो मैंने देखा कि कोई तेरे लंड को नीचे बैठे चूस रहा है क्योंकि मुझे रीता के सर के बल दिखे और जब मैंने सविता को छोड़ा तो मैंने देख लिया था कि तुम रीता को घोड़ी बना कर चोद रहे थे।

इस पर रीता बोली- दीदी आपको आना चाहिए था असली लंड से चुदवाने!

नीलम बोली- मैंने सोचा कि अब मैं तो प्लास्टिक के लंड से चुदवा ही रही हूँ, चलो तुम ही चुदवा लो!

फिर मैंने नीलम को दो बार और रीता को एक बार चोद कर रात को चोदने का फैसला किया और इसके बाद सविता, गीता, मीरा को चोदा। Antarvasna

Hindi Sex Stories

दूसरे दिन दोनों माँ बेटे होटल से घूमने Hindi Sex Stories निकले तो राहुल ने पूछा- माँ क्या आज भी बस का मजा लेना है?

कमला ने आज स्कर्ट-ब्लाउज पहना था, बिना पैंटी के, उसने कहा- क्यों नहीं ? कुछ घट थोड़े ही जाता है ! और यहाँ हम लोगों को कौन जानता है ? तब उसने राहुल को उस लड़के की बात बताई और कहा कि उसे पता नहीं कि आजकल के पढ़ने वाले भी चुदाई के बारे में सब कुछ जानते हैं।

राहुल ने माँ को चिढ़ाते हुए कहा कि आज वो लड़का मिल जाए तो आप चाहो तो उसे ले आते हैं यहाँ?

कमला ने भी करारा जवाब दिया- मैंने कहा ना, कोई घटने वाली चीज़ तो है नहीं ! क्या फरक पड़ेगा ? कम से कम वो तुम्हारे जैसा मादरचोद तो नहीं कहाएगा !

राहुल को अपनी माँ का इस तरह खुल कर बात करना बड़ा अच्छा लगा। वो दोनों दिन भर बस से दिल्ली घूमे। बस में लोगों ने कमला का बड़ा आनंद लिया। एक हरामी ने तो जब हाथ लगा कर देखा कि कमला कि पैंटी नहीं है तो वो अपनी बीच वाली उंगली को थूक लगा कर कमला की गांड में घुसाने लगा। तब कमला वहाँ से हट कर बस के दूसरी ओर उस आदमी से दूर हो गई।

इस घटना के अलावा आज कमला को बस में अच्छा मजा आया और उसके पहले दिन का डर और उसकी झिझक दूर हो गई। उसे लोगों का उसकी नंगी चूत और चूतड़ को सहलाना अच्छा लगने लगा। आज भी उसकी चूत लोगों ने गीली कर दी थी।

फिर दोपहर के बाद राहुल उसे इन्टरनेट कैफे ले गया और अपनी गोदी में बैठा कर तरह तरह की चुदाई की विडियो दिखा कर माँ की शिक्षा शुरू की और कैफे में ही उसे ऊँगली से १ बार झाड़ा।

शाम को दोनों होटल लौटने के लिए बस पे चढ़े और कमला का भाग्य कि उस बस में वो ही लड़का किनारे की सीट पर बैठा था। राहुल ने कमला को आँख मारी और कल की तरह कमला फिर वहां खड़ी हो गई। कल की तरह ही आज भी लड़के का हाथ कमला की स्कर्ट के अन्दर उसकी मोटी चिकनी जाँघों को सहलाते हुए धीरे धीरे ऊपर की ओर सरकने लगा। कमला ने अपनी टांग अच्छी दूरी पर रखी थी ताकि लड़के को उसकी चूत तक पहुँचने में कोई मुश्किल न हो, और उस लड़के के चेहरे को बड़े प्यार से देख रही थी।

वो लड़का भी बड़ा तेज़ लग रहा था क्योंकि वो उसकी जांघों को इतनी अच्छी तरह सहला रहा था कि कमला की चूत गीली होने लगी। लेकिन जैसे उस लड़के ने अपनी हथेली कमला की चूत पर रखी, उसे ऐसा लगा कि उसे करंट लग गया हो। उसने उम्मीद नहीं की थी, कि कमला ने पैंटी नहीं पहन रखी है।

कमला उसे देख कर थोड़ा मुस्कुराई और फिर वो लड़का सामान्य हो गया और कमला की चूत के दाने को सहलाने लगा और बीच बीच में उसकी चूत की दरार में कभी १ ऊँगली तो कभी ३-३ उंगली डाल कर अन्दर बाहर करता था। कमला को लगा कि वो झड़ जायेगी, लेकिन तब तक उस लड़के का स्टाप आ गया और वो सीट से उठते हुए कमला से बोला- आंटी, मजा आया ?

कमला ने कहा – आया लेकिन पूरा नहीं। मैं होटल में ठहरी हूँ, चलोगे मेरे साथ ?

लड़के ने कहा कि उसकी मम्मी उसका इंतज़ार कर रही होगी, लेकिन वो कल सुबह होटल आ सकता है।

कमला ने उसे होटल का नाम पता दिया और बोली कि वो १० बजे उसका इंतज़ार करेगी।

जब वो लड़का बस से उतर गया तो राहुल अपनी माँ के पास आया और कमला ने उसे अगले दिन की योजना बताई।

राहुल ने कहा- यह बड़ा कीमती मौका है, और वो इसकी विडियो बनाएगा। एक ४० साल की औरत की एक लड़के से चुदाई की विडियो !

होटल पहुँचते ही राहुल ने माँ को बिस्तर पे पटक दिया और उसकी स्कर्ट उठा कर उसकी चूत चाटने लगा। कमला अपने बेटे से चूत चटवाते हुए सिसकियाँ ले रही थी और एक एक कर अपना ब्लाऊज़, ब्रा और स्कर्ट को ऊपर से खींच कर उतार दिया और बिल्कुल नंगी हो गई। राहुल ने भी एक हाथ से अपनी पैंट और अन्डरवीयर उतारा और शर्ट और बनियान निकाली। दोनों माँ बेटे अब पूरे नंगे हो गए थे और राहुल माँ की चूत चाट रहा था। तब कमला ने कहा- राहुल ! आओ जैसे कैफ़े के विडियो में दो औरत मर्द एक दूसरे की चाट रहे थे वैसा ही हम करें !

दोनों माँ बेटे ६९ में होकर एक दूसरे को मज़ा देने लगे और जब वो दोनों झड़े तो कमला राहुल का सारा रस पी गई और राहुल ने भी कमला के झड़ने के बाद अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल कर चूत के कोने कोने से उसके नमकीन लसलसे रस को चाट कर साफ़ कर दिया। फ़िर वो दोनों एक दूसरे को जकड़ कर बिस्तर पर लेट गए।

राहुल ने कहा- मैंने कहा था ना कि गाँव की हो तो क्या हुआ, कितनी जल्दी ये सब सीख गई हो।

कमला ने कैफे के विडियो के बारे में कहा कि बाप रे बाप ये अमेरिकन औरतें कैसे ३-३ काले लोगों का इतना बड़ा मोटा लण्ड एक साथ लेती हैं?

राहुल ने कहा- इस में मुश्किल क्या है ? तू भी बड़े मजे से ले सकेगी।

कमला ने कहा- कि बाप रे बाप, मेरी तो फट जायेगी !

राहुल ने कहा- कि कुछ नहीं फटेगा, एक बार शुरू हो जाओगी तो फिर और मजा आने लगेगा, बस शुरू करने की देर है।

कमला ने कहा- चूत और मुँह में लेने की बात तो वो समझती है कि कितना भी बड़ा मोटा लण्ड ले सकती है, लेकिन गांड में ?

राहुल ने कहा- चलो दिखाता हूँ मेरा ही लण्ड डाल कर ! लेकिन पहली बार तुम्हारी गांड मारने के लिए कुछ तैयारी करनी होगी।

राहुल बाथरूम से क्रीम ले कर आया और माँ को चौपाये कुतिया की तरह कर के उसकी गांड के छेद में क्रीम लगाई और अपने लण्ड पर भी।

कमला के चूतड इतने फूले और मांसल थे कि उसकी गांड का छेद काफ़ी अन्दर था। राहुल ने माँ की गांड के छेद पर लण्ड का सुपारा रख कर हलके से दबाया। सुपारा थोड़ा अन्दर गया लेकिन उसके लण्ड की जहाँ चमड़ी शुरू होती थी वहां के आगे नहीं गया।

राहुल ने माँ को कहा कि माँ पहली बार थोड़ा सा दर्द होगा, बस एक बार पूरा सुपारा अन्दर हो जाने की देर है !

राहुल ने फिर से सुपारा कमला की गांड में दबाया तो कमला को ऐसा लगा जैसे कि जहाँ सुपारे का अंत होता है वहां कोई छल्ला है और वो छल्ला अंदर नहीं घुस पा रहा है। राहुल ने ३-४ बार कोशिश की और हर बार पिछली बार से थोड़ा ज्यादा जोर लगाया, लेकिन हर बार छल्ला अन्दर नहीं घुस पा रहा था।

राहुल ने कहा- माँ तुम्हारी गांड बड़ी टाइट है, मुझे काफी जोर लगाना पड़ेगा और हो सकता है कि तुम्हें एकाएक दर्द भी हो। तुम अपनी गांड कसो मत, गांड ढीली रखो। बस एक बार अंदर करने की जरूरत है।

राहुल ने कमला की गांड में अपने सुपारे को रखा और उसके चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ कर ज़ोर देता गया। कमला से जितना हो सका अपनी गांड ढीली रखी, लेकिन फिर सुपारे का छल्ला अन्दर नहीं जा रहा था।

अब राहुल ने और जोर से लण्ड दबाया तो फुप्प की आवाज के साथ छल्ला अंदर चला गया लेकिन कमला को लगा जैसे उसकी गांड में आग लग गई हो। उसे लगा उसकी गांड फट गई हो और उसके मुँह से ‘अ आ अन्न्नंह ह्ह्ह, आ अन न्ह्ह्ह, मर गई, फट गई मेरी गांड !..ओ ऊ ऊओई ईईईइ, आ अन न्न्न्ह्छ ।..’ की चीख निकल गई।

राहुल का एक चौथाई लण्ड कमला की गांड में था और वो इसी स्थिति में रहा, जरा भी नहीं हिला और माँ को कहा- बस यही सबसे कठिन काम था, बस अपनी गांड ढीली रखो, अब १ -२ मिनट में तुम्हारा दर्द ख़त्म हो जाएगा तब फिर आगे करेंगे।

इस बीच राहुल बड़े स्नेह से माँ के गाल और गले को चूमता रहा और बताया कि जब औरत की चूत में एक लण्ड होता है और तब कोई दूसरा आदमी उसकी गांड मारता है तो औरत को दर्द का एहसास नहीं होता है और तभी पूरा मजा आता है।

राहुल अपना हाथ कमला की चूत पर ले गया और उसके दाने को छेड़ने लगा। अब कमला का दर्द भी ख़त्म हो गया और तब राहुल ने अपने लण्ड को और दबाया तो लण्ड धीरे धीरे अन्दर घुसने लगा और जड़ तक कमला की गांड में पूरा चला गया। कमला की चूत मसलते हुए राहुल ने धीरे धीरे आधा लण्ड बाहर निकाला और फिर धीरे धीरे पूरा अन्दर डाल दिया और माँ से पूछा कि अब दर्द कैसा है।

कमला को गांड मरवाना बड़ा अजीब लग रहा था लेकिन उसने कहा कि अब ठीक है।

राहुल धीरे धीरे अन्दर बाहर करने की गति बढ़ाने लगा और साथ साथ एक हाथ से कमला की चूत और दूसरे हाथ से कमला की चूचियां मसल कर उसे मजा दे रहा था। एक साथ इतने मजे मिलने से कमला जल्दी ही झड़ गई और २ मिनट के बाद राहुल ने भी माँ की कसी गांड में १०-१२ पिचकारी मार कर उसके तीसरे छेद को भी रस से भर दिया और आज दिल्ली में सिर्फ़ तीसरा दिन था। जितनी जल्दी ये सब हुआ उसे देख कर वो बहुत खुश था और आने वाले समय में माँ बेटे की चुदाई के किस्से को और नई उँचाइयों तक ले जाने का इंतज़ार कर रहा था।

अगले दिन १० बजने के कुछ पहले ही कमला होटल के बस स्टाप पर अनिल का इंतज़ार कर रही थी। जब एक बस रुकी तो उसने उससे अनिल को उतरते देखा। कमला आज साड़ी पहन कर आई थी क्योंकि उसमें उसके चूतड़ों की थिरकन बड़ी मस्त लगती थी। वो अनिल को कमरे में ले आई और सामने खड़े होकर पूछा कि अब बोलो कैसे पूरा मजा दोगे?

अनिल कमला से १ इंच छोटा था लेकिन उसने आगे बढ़ कर कमला को जकड़ लिया और अपने पंजे पर उचक कर कमला के होठ को चूम कर धीरे से बोला- आज तेरी चूत चाटूंगा और अपने चिकने लण्ड से चोदूंगा भी।

कमला ने कहा कि जो चाहे करना लेकिन मेरा एक यार है जो मेरी चुदाई की विडियो बनाना चाहता है और तुम मुझे मम्मी कहोगे और मैं तुम्हें बेटा। अगर मंजूर है तो ठीक है, नहीं तो मैं कुछ नहीं करूंगी तुम्हारे साथ।

लड़के ने एक पल के लिए सोचा और फिर कहा- ओके, ठीक है मम्मी !

योजना के मुताबिक, राहुल कमरे के बाहर दरवाजे पर खड़ा था। कमला ने दरवाजा खोल कर राहुल को अन्दर बुलाया। राहुल ने कैमरा निकाला और अनिल और कमला शुरू हो गए।

अनिल ने पहले कमला की चूत चाट कर उसे झाड़ा, फिर कमला ने उसका चिकना लण्ड चूस के उसका निकाला। राहुल ने अलग अलग कोणों से क्लोज़-अप लिए।

इसके बाद अनिल ने कमला को चोदने के लिए लिटाया तो राहुल ने कहा कि दोनों रुक जाओ, तुम दोनों कपड़े पहन लो और अनिल को बोला कि तुम ऐसा करो जैसे कि ये तुम्हारी मम्मी है और तुम जबरदस्ती इसे नंगी कर के इसका देह शोषण कर रहे हो। ये थोड़ा रोकेगी तुम्हें लेकिन अगर तुम्हें इसके कपड़े भी फाड़ने पड़े या धीरे से मारना पीटना भी पड़े तो कर लेना।

इसके बाद अनिल और कमला ने जो विडियो बनाया उसकी कोई मिसाल नहीं। लड़के ने कमला के दोनों हाथों को पीछे से पकड़ कर उसे नंगा करने की कोशिश की, जिसमे उसने कमला को २-३ थप्पड़ भी लगाये, और कमला का पेटीकोट फाड़ दिया। फिर उसने नंगी कमला को कमरे में दौड़ाया। कमला के नंगे दौड़ने का सीन ही सबसे मस्त था क्योंकि उसके मांसल बदन का एक एक अंग थिरकता हुआ दिखा। फिर उसने कमला को चित्त पटक कर थोडी देर चोदा। फिर कमला ने लड़के के ऊपर चढ़ कर उसे चोदा।

बड़ा मस्त विडियो बना। ३ घंटे की चुदाई के बाद राहुल, कमला, और अनिल रेस्तरां में खाना खाने गए और उस लड़के को १०० रूपये देकर धन्यवाद दिया।

इसके बाद के २ दिन राहुल और कमला ने चुदाई और वीसा के इन्तजाम में लगाये। कमला के बदन की जलन भी अब काफ़ी कम हो गई थी, और उसे समझ आया कि उसे इसी तरह की अच्छी चुदाई की जरूरत थी जिसकी कमी से ही जलन हुआ करती थी।

अब बस में लोगों से कमला को डर नहीं लगता था, बल्कि वो अब मजे लेने लगी थी। सातवे दिन कमला अपने बेटे के साथ एअरपोर्ट चली, एक नई दुनिया में कदम रखने के लिए – अमेरिका ! Hindi Sex Stories

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