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Massage Girl in Cooch Behar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Cooch Behar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Cooch Behar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Cooch Behar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Cooch Behar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Cooch Behar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Cooch Behar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Cooch Behar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Cooch Behar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Cooch Behar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Cooch Behar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Cooch Behar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

ये कहानी मेरी बुआ की है जब मै 24 इयर्स क्या था मेरी बुआ बहुत ही सुन्दर और स्लिम दूधिया गोरी है बुआ को गरम होने क्या कारण था की उनके पति बहुत शराब पीते थे उस समय बुआ की उम्र 52 होगा, एक बार की बात है जब मेरि बुआ मेरे घर आयी हुयी थी गर्मी की बात है और हम सभी परिवार चाट पे सोने क्या तैयारी कर गप सप कर रहे थे भूया मेरे बगल में ही लेते थे मै थोड़ा से बुआ को टच करते हुए उन्हें गरम हिया तो उन्होंने रिप्लाई में मेरा लुंड पकड़ कर दवाने लगी, तब मै जाना की रिश्ते में लोग सेक्स कर लेता है फिर तो कहना नहीं है आगे बताउगा नेस्ट स्टोरी में कया हुआ

Hindi Sex Stories

मम्मी और पापा आज सवेरे दिल्ली जाने वाले थे। मैं Hindi Sex Stories घर पर अकेली थी। पापा ने पड़ोस में रहने वाले शर्मा जी को कहा था की वो मेरी और घर की देखभाल करें। शर्मा जी की बेटी मेरी सहेली है। उसका भाई राहुल२० साल का है और कॉलेज में पढता था। वो मम्मी – पापा के जाने के बाद अपनी किताबें ले कर घर पर आ गया था। उसे बैठक का कमरा दे दिया था।

दो जवान जिस्म और एकांत…फिर पूरी आज़ादी। कुछ तो होना ही था। वो शुरू से ही मुझे पसंद करता था। वो मुझसे बात करने के लिए बार बार मेरे कमरे में आ जाता था। मैं मन ही मन उसकी बात समझती थी और मुस्कुराती थी। मुझे भी वो अच्छा लगता था।

जिस समय वो मेरे कमरे में आया उस समय मैं बाथरूम में नहाने घुसी ही थी। मैंने बाथरूम के दरवाजे के छेद में से झांक कर देखा तो वो बाथरूम की तरफ़ ही देख रहा था। मैं कपड़े उतरने लगी। तभी मुझे लगा कि राहुल दरवाजे के पास आ गया है। मुझे मौका मिल गया उसे पटाने का।

मैंने चुपके से देखा कि बाथरूम के दरवाजे के उसी छेद से… एक आँख झिलमिला रही थी। मैं समझ गयी कि वो मुझे अब देख रहा है। मैंने उसे अपनी और आकर्षित करने के लिए अनजान बनते हुए अपना टॉप उतारा… मेरी चुंचियाँ उछल कर बाहर आ गयी। मैंने चुन्चियो को धीरे से सहलाया और नोकों को मसल दिया।

फिर मैंने छेद की ओर अपनी पीठ करते हुए अपना पजामा उतर दिया। पेंटी भी उतर दी। मेरे चूतडों की गोलाईयां और गहराइयाँ उसकी नजरों के सामने थी। ऐसा करते समय मेरे बदन में सनसनी फ़ैल रही थी, क्योकि मुझे पता था कि राहुल मुझे नंगा देख रहा है। मैंने अपना बदन अब उसके सामने कर दिया जिस से उसे मेरी छूट साफ़ दिख जाए। उसकी नजरे अभी भी छेद में चमक रही थी।

मैंने झरना खोला और गरम गरम पानी मेरे शरीर पर पड़ने लगा। मैंने कभी अपनी चुंचियाँ मलती, तो कभी अपनी चूत साफ़ करती। मैं चाहती थी वो मुझे देखे और उत्तेजित हो जाए। मैं नहा चुकी तो मैंने दरवाजे के छेद के पास अपनी चूत सामने कर दी। मेरी चुंचियाँ कड़ी होने लगी थी।

मुझे लगा कि उसे अब मेरी चूत साफ़ नजर आ रही होगी। मैंने अपना बदन तोलिये से पोंछ कर कपड़े पहनने शुरू किए। अब उसकी आँख वहाँ नहीं थी।

मैं बाथरूम से बाहर आयी और अनजान बनते हुए बोली-‘अरे… राहुलकब आए..?’
‘बस अभी ही आया हूँ…’ उसका झूठ पकड़ में आ रहा था। उसका लंड पैंट के ऊपर से उफनता हुआ दिख रहा था।

‘क्या बात है… तुम्हारा मुंह लाल क्यूँ हो रहा है…’ मैं बालों पर कंघी कर रही थी। उसे छेड़ने में मुझे मजा आ रहा था। मैं उसके सामने बैठ गयी और झुक कर पंखे की हवा में बाल सुखाने लगी। उसकी नजरों के सामने मेरी उभरी हुयी चुंचियाँ टॉप के भीतर से झाँकने लगी।
उसकी नजरें मेरे स्तनों पर गड़ गयी।

मैंने नीचे से ही तिरछी नजरों से उसे देखा… और उसके गर्माते शरीर पर सीधे चोट की…’विनोद… अन्दर क्या देख रहे हो …झांक कर ?’
‘हाँ… नही… क्या…?’ वो बुरी तरह झेंप गया।

‘अच्छा.. अब मैं बताऊँ…कि क्या देख रहे हो तुम…’ राहुलएकदम से शरमा गया।
‘नेहा… वो… नही… सो… सॉरी…’
‘क्या सॉरी… एक तो चोरी…फिर सॉरी…’
‘नेहा… अच्छी लग रही थी…सॉरी कहा न ‘

मैं उसके पैंट पर से लंड के उभर को देख रही थी। उसने ऊपर हाथ रख लिया।
‘नही देखो… इधर.. ‘ वो शरमा गया। मैं मुस्कुरा उठी।
‘तो कान पकडो…’
राहुलने अपने कान पकड़ लिए… ‘बस…ना…’

हाथ हटाने पर लंड का उभार फिर से दिखने लगा।
मैं हंस पड़ी।
वो देखो… जो है वो तो दिखेगा ही… ‘

अब राहुलको समझ में आ गया था कि खुला निमंत्रण है। उसका लंड का आकार तक दिखने लगा था। राहुलउठ कर मेरे पास आ गया। उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा-‘नेहा…तुम्हारी भी तो उभार है… एक बार दिखा दो…’

‘अरे…मैं तो मजाक कर रही थी… तुम अन्दर देख रहे थे… इसलिए मजाक किया था…’
राहुलसे रहा नही गया उसने एकदम से मेरे गालों को चूम लिया। मैं शरमा गयी…
‘विनोद… ये क्या कर रहे हो…’

उसने तुंरत ही मेरे होंट पर अपने होंट रख दिए। मैंने सोचा अब इसे और आगे बढ़ने दो। मुझे मजा आने लगा था।

उसने मेरे भारी स्तनों को पकड़ लिया। उसने स्तनों को मसलना चालू कर दिया। मैं सिमटी जा रही थी। पर उसके हाथों ने मेरे उभारों को मसलना जारी रखा। मैं अपने को बचाती भी रही…पर उसे रोका भी नहीं।

जब उसने मेरे उभारों को अच्छी तरह से दबा लिया तब मैंने जान कर के उसे पीछे की ओर धक्का दे दिया-‘बहुत बेशरम हो गए हो…’ मेरे हाथ से कंघी नीचे गिर गयी। मैं जैसे ही उठ कर कंघी उठाने को झुकी, मेरे पजामे में से मेरी गांड की गोलाईयां उभर कर राहुलके सामने आ गयी। राहुलबोल उठा-‘नेहा बस ऐसे ही रहो…’ मैं जान कर के वैसे ही झुकी रही।
‘क्या हुआ…?’

उसने मेरे नरम नरम गोल चूतडों को हाथ से सहला दिया। गोलाईयां सहलाते हुए उसके हाथ दोनों फाकों की दरार में घुस पड़े ओर फिर अपनी उंगली घुसा कर मेरी गांड के छेद को सहलाने लगा। मुझे बहुत आनंद आ रहा था। मैं वैसे ही जान कर के झुकी रही। अब उसके हाथ मेरी चूत की तरफ़ बढ गए।

मैं सिहर उठी। जैसे ही उसने चूत दबी… चूत का गीलापन उसके हाथ में लग गया। अब उसने मेरी चूत को भींच दिया। मैंने जल्दी से उसका हाथ हटा दिया। और सीधी खड़ी हो गयी।

राहुलमुस्कुराया ‘नेहा… मज़ा आ गया… तुम्हें कैसा लगा…?’
‘अब तुम बेशरमी ज्यादा ही दिखा रहे हो… कालेज़ नहीं जाना क्या…?’ मैंने भी उसे मुस्कुरा कर कहा।

हम दोनों ने दोपहर का खाना खाया। फ़िर राहुलकालेज़ चला गया। मैंने अपने कपड़े बदले, पैन्टी और ब्रा उतार दी और सिर्फ़ स्कर्ट और हल्का सा टाप पहन लिया। मैंने सोचा कि अब जब राहुलआएगा तो मुझे चोदे बिना नहीं छोड़ेगा। मैंने हमेशा की तरह अपनी गाण्ड में क्रीम लगा कर चिकनी कर ली और बिस्तर पर लेट गई। राहुलके बारे में सोचते सोचते जाने कब मुझे नींद आ गई।

अचानक मेरी नींद खुल गई। मुझे अपनी पीठ पर एक जिस्म का भार महसूस हुआ। मैं सिहर उठी और समझ गई कि यह राहुलहै पर मैंने आंख नहीं खोली। राहुलमेरी पीठ पर सवार था और उसका नंगा लण्ड मेरी गाण्ड पर स्पर्श हो रहा था।

मैं नीचे दबी हुई थोड़ी इधर उधर हुई तो उसका लण्ड मेरी गाण्ड के छेद पर टिक गया। मैंने अपनी टांगें थोड़ी और फ़ैला दी।
‘नेहा… तुम बहुत अच्छी हो…’

‘आऽऽऽह… विनोद…’ उसके लण्ड की सुपारी से चिकनाई निकलने लगी जो मेरी गाण्ड को भी चिकना कर रही थी। उसके लण्ड ने अपनी मर्दानगी दिखानी शुरू कर दी, उसके चूतड़ों ने लण्ड पर जोर लगाया और सुपारी छेद में आराम से घुस गई।

‘आऽऽऽऽह… अन्दर गया…ऽऽ विनोद…’ मेरे मुंह से सिसकारी फ़ूट पड़ी। उसने हल्का सा जोर लगाया तो लण्ड गाण्ड की गहराईयों में रगड़ खाता हुआ उतरने लगा। अब मैंने अपनी गाण्ड ढीली छोड़ दी और टांगें पूरी खोल दी। अब उसके लण्ड का जोर पूरा लग रहा था।

मैंने उसके हाथ पकड़ कर अपनी चुन्चियों पर रख दिए. मैं कोहनियों पर हो गयी और आगे से शरीर को थोड़ा ऊपर कर लिया. उसने अब मेरी चुंचियां पकड़ ली और मसलने लगा. मेरे ऊपर वो चिपका हुआ था. लंड उसका मेरी गांड में पूरा घुसा था पर वो अभी धक्के नहीं मार रहा था. वो मुझे चूमने चाटने में लगा था. उसके होंट मेरे होंट तक नहीं पहुँच पा रहे थे. मैं मस्ती में नीचे दबी पड़ी थी.

अब उसने अपने दोनों हाथ बिस्तर पर रखे और मेरे बदन को उसने मुक्त कर दिया. अब उसने धीरे धीरे धक्के मारने चालू कर दिए. मैं फिर से बिस्तर पर चिपक कर लेट गयी. और आराम से आंखे बंद कर ली. मैं पूरे मन से गांड चुदाई का आनंद ले रही थी. उसकी स्पीड अब तेज हो गयी थी. उसके लंड से चिकनाई भी निकल रही थी.
‘नेहा… आःह्ह… मजा आ रहा है…’

‘हाँ रे…सी सीई.. आः…’ मैं नीचे लेटे लेटे आँखें बंद करके सिस्कारियां भरती रही. मेरे अन्दर अब मीठी मीठी सी गुदगुदी बढने लगी. नीचे मेरी चूत भी बहुत पानी छोड़ रही थी. सारे बदन में वासना की रंगीन कसक सी बढ रही थी. मुझे ऐसा महसूस होने लगा था की राहुलमेरे अंग अंग को दबा दे , उसे मसल डाले… मेरा सारा कस बल निकाल दे.

‘विनोद… करते रहो…जोर से…करो… हाय…’ ऐसा लगा आवाज़ मेरी अंतरात्मा से निकाल रही हो. उसके धक्के मेरी गांड में ऐसे आराम से चल रहे थे जैसे कि चूत चुद रही हो. उसी सरलता से… उसी तेजी से…मजा भी उसी के समान आ रहा था…

‘हाय… आ अहह हह… नेहा… मैं गया… निकला मेरा…नेहा…’
उसके लंड ने मेरी गांड के अन्दर ही सारा वीर्य भर दिया. मेरी गांड में उसका लंड फूलता पिचकता का सा अहसास दे रहा था. उसका पूरा वीर्य निकल चुका था. राहुलमेरे ऊपर ही लेट गया. उसका लंड सिकुड़ कर अपने आप धीरे से गुदगुदी करता हुआ बाहर आ गया. वो एक तरफ़ लुढ़क गया. मेरी गांड में से वीर्य टपक टपक कर बिस्तर पर चूने लगा. मैं वैसे ही उलटी लेटी रही.

मैंने आँख खोली और गहरी साँस ली. मैं तुंरत बिस्तर पर से नीचे आ गयी. तौलिये से अपनी गांड साफ़ की, फिर राहुलका लंड भी साफ़ किया. अब मैं उसके ऊपर चढ़ कर लेट गयी. राहुलने अपनी आँख खोली… और मुस्कराया… मैंने उसे चूमना चालू कर दिया. एक हाथ नीचे ला कर उसका मुरझाया हुआ लंड पकड़ लिया. और उसे हिलाने लगी, मसलने लगी…

उसके लंड ने फिर से अंगडाई ली और जाग उठा. मैंने उसे अपने हाथों में भर लिया और धीरे धीरे मुठ मारने लगी. कुछ ही देर में उसका लंड चोदने के लिए तैयार था. मैं राहुलके ऊपर लेट गयी. अपनी दोनों टांगे फैला दी.

लंड का स्पर्श मेरी चूत के आस पास लग रहा था. मैंने उसके होंट अपने होटों में दबा लिए. हम दोनों अपने आप को हिला कर लंड और चूत को सही जगह पर लेने की कोशिश कर रहे थे. उसने अपने दोनों हाथों से मुझे जकड लिया. मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में घुसा दी.

अचानक मेरे अन्दर आनंद की तीखी मीठी लहर दौड़ पड़ी. उसका लंड फिर एक बार और मर्दानगी दिखने के लिए उतावला हो गया. वो मेरी चूत में रास्ता बनाता हुआ अन्दर घुस गया. मेरे मुंह से एक मीठी सी सिसकारी निकाल पड़ी…’विनोद… अ आह हह हह हह… सी ई स स स ई एई…’

‘मजा आ रहा है न नेहा…’
‘विनोद… आआह्ह्छ… करते रहो…आ आह हह ह… लगाओ धक्का… आ अह ह्ह्ह्छ..’

मेरे मुख से आहें फूट पड़ी. गांड चुदाने से मेरी उत्तेजना पहले ही बढ़ी हुयी थी. अब उत्तेजना और भी बढाती जा रही थी. उसके लंड के मोटेपन का चूत में अहसास हो रहा था. लंड जड़ तक जा रहा था. मैं आनंद से सराबोर हो गयी थी. सिस्कारियां… आहे… फूट रही थी. मेरे चूतड ऊपर से तेजी से चल रहे थे. मैंने उसके हाथ अपनी चुन्चियों पर रख दिए. उसने मेरे स्तनों को मसलना…मरोड़ना… चालू कर दिया. उसने जैसे ही मेरी नोकों को मसलना और खींचना चालू किया. मेरी तो जान निकलने लगी.

‘जोर से खींच… मेरे राजा… मसल दे… आः ह्ह्छ… मेरे धक्के तेज होने लगे… मैं चरम सीमा पर पहुँचने लगी थी.

‘विनोद…हाय… मैं गयी… हाय… मैं गयी…सी सी ई… अरे..विनोद… रे…’
मैंने अचानक ही उसके हाथ मेरी चुन्चियो पर से हटा दिए…और चूत का पूरा जोर उसके लंड पर लगा दिया.
‘आ आह्ह ह्ह्ह… विनोद… निकला…निकला… हाय… रे…निकला… हाय… छूट गयी..रीई… आह्ह्ह्छ…’

मैं झड़ने लगी… मेरे चूत की लहरें उसके लंड पर लग रही थी. मैं पूरी झड़ चुकी थी. मैं तुंरत उठी और उसका लंड चूत में से निकाल गया. मैंने उसे अपने हाथों में लेकर कस के दबा लिया…और तेजी से दबा कर मुठ मारने लगी… जोश में उसके चूतड ऊपर उठे और उसके लंड ने फुहार छोड़ दी. उसका लंड रुक रुक कर पिचकारियाँ छोड़ रहा था. मैंने उसका सारा वीर्य उसके लंड पर लगा कर उसकी मालिश करने लगी. थोड़ा वीर्य उसके चूतडों पर और उसकी गांड के छेद पर भी मल दिया.

वो शान्ति से आँखे बंद करके लेट गया था. उसने थकान से अपनी आँखे बंद कर ली. मैं उठ कर बाथरूम में नहाने चली गयी. मैं जब बाहर आयी तो राहुलने बिस्तर की चादर बदल दी थी. अब वो कपड़े पहन रहा था.

‘नेहा तुम आराम करो… मैं चाय बना कर लता हूँ.’

मैंने घड़ी देखी…दिन के 4 बज रहे थे. मैं बिस्तर पर लेट गयी. वो चाय कब लाया मुझे पता नहीं चला। मैं गहरी नींद में सो गयी थी…
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वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी में मेरी नजर एक लड़की पर थी पर मेरी दोस्ती उसकी बहन से हो गयी. लेकिन फिर भी मैं उसी लड़की को पसंद करता था.

दोस्तो, मेरा नाम नोनू है. यह नाम मेरी जान ने रखा है.
मैं हापुड़ उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ.
मैं लॉ पोस्ट ग्रेजुएट हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है और रंग साफ है. देखने में भी मैं ठीक ठाक हूँ.

आज मैं आपको एक खुद की सेक्स कहानी बता रहा हूँ, यह वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी बिल्कुल सच है.

दोस्तो, वैसे तो मेरा अफेयर बहुत सारी लड़कियों के साथ रहा है और मैंने कई लड़कियों के साथ सेक्स भी खूब किया है.
लेकिन आज जो मैं आपको बताने जा रहा हूं, वह उस लड़की की है … जिसे आज मैं सच्चे दिल से प्यार करता हूँ.

यह बात उन दिनों की है, जब मैं एलएलबी के पहले साल में था और वह 12वीं में थी.
उसका नाम कशिश था. नाम की तरह उसमें भी बहुत कशिश थी.

वह लगभग 5 फुट हाईट की, एकदम साफ परियों की तरह सफेद रंगत वाली लड़की है, उसकी 32-28-34 की साइज है.
कशिश के बाल बहुत लंबे हैं, जो उसके चूतड़ों से भी नीचे झूलते हैं.

वह देखने में किसी हसीना से कम नहीं लगती है.

शुरूआत में जब मैं उसको देखता था तो देखता ही रह जाता था.
मैं उसे बहुत पसंद करता था और उसे अपनी जीएफ बनाना चाहता था.

लेकिन मेरे दोस्त मुझे बताते थे कि वह मुझसे बहुत जलती है. वह मुझसे कभी बात ही नहीं करेगी.
मैं फिर भी उसके पीछे पड़ा रहता था.

कहानी में एक अजीब सा मोड़ तब आया, जब मेरी बात उसकी चचेरी बहन से हो गई.
वह लड़की ज्यादातर समय कशिश के साथ ही रहती थी.

अब मेरी बातें उसकी बहन से होने लगी थीं तो कशिश भी हमारी बातें सुनती थी.
मेरी बातें तो उसकी बहन से होती थीं लेकिन मेरे मन में हमेशा कशिश ही रहती थी.

मैं हमेशा सोचता था कि कैसे कशिश से अच्छे से बात हो जाए.
काफी समय गुजर गया, मेरी उससे बोलने की हिम्मत नहीं हुई.

उसकी बहन भी उसके बारे में मुझे बताती रहती थी कि कशिश तो उससे कहती है कि तुम उससे बात करो.

जब उसकी बहन मुझे कशिश के मन की बात बता दी थी तो पता नहीं क्यों मुझे अन्दर से कुछ बेताबी सी महसूस होने लगी थी कि क्यों न कशिश से जल्दी से जल्दी बात की जाए.

कशिश की बहन मुझे यह भी बताती थी कि कशिश तीन चार लड़कों से एक साथ बात करती है और सभी को पागल बनाती है.
लेकिन मेरा दिल नहीं मानता था. मैं हमेशा उसी के बारे में सोचता था.

एक दिन जब मुझे मौका मिला तो मैंने किसी तरह से कशिश से अपना नंबर शेयर किया.
मुझे लगा उसने मेरा नंबर ले लिया है.

लेकिन मेरी किस्मत खराब थी.
वह मेरे नंबर के कुछ अंक भूल गई जिस वजह से वह मुझे कॉल ना कर सकी.

जबकि मुझे उसकी कॉल का इंतजार था.

इसी बीच उसकी बहन मेरे एक फ्रेंड से बात करने लगी और उसने उसके साथ सेक्स भी किया.
जब मुझे इस बारे में पता लगा, तो मैंने उसे छोड़ने का फैसला कर लिया.

मैंने निश्चय कर लिया कि अब कुछ भी हो जाए, मुझे उससे बात नहीं करनी.

उसी दौरान मेरे पास कशिश का फोन आया.
वह बोली- अब तुम मेरी बहन से बात क्यों नहीं करते?
मैंने उसे बताया- तुम्हारी बहन फ्रॉड है. वह कई लड़कों से एक साथ बात करती है.

वह कहने लगी- ऐसा नहीं है, वह सिर्फ तुमसे बात करती है.
मैंने उससे साफ-साफ बोल दिया- मुझे तुमसे बात करनी है. अब तुम बताओ तुम मुझसे बात करोगी या नहीं?

लेकिन उसने मुझसे कहा- मैं तुमसे बात नहीं करूंगी क्योंकि मेरे इंटर के एग्जाम आने वाले हैं और मैं इस चक्कर में पड़ना नहीं चाहती.
उसकी बातों से मैं जान चुका था कि उसके मन में भी कुछ चल रहा है.

मैंने उससे कहा- मगर मुझे तुमसे ही बात करनी है.
उसने मना कर दिया.

उसका मना करने का भी एक कारण था.
वह कारण मुझे बाद में पता चला.

जब वह मुझसे बात कर रही थी तो उसकी बहन उसके पास ही बैठी थी, वह मेरे साथ ड्रामा कर रही थी.

पर वह कहते हैं ना कि कभी कभी मजाक भी हकीकत बन जाती है.
ऐसा ही मेरे साथ हुआ.
मेरी उसके साथ बात करने की जिद उस पर असर कर गई.

उसने दो दिन के बाद अपने फोन से मुझे कॉल की और वह मुझसे बात करने लगी.

अब हम दोनों रोज बात करने लगे थे.
बात करने से ऐसा मालूम होता था जैसे यह लड़की रोमांस से अनजान है. सेक्स के बारे में शायद कुछ नहीं जानती है.

वह बहुत ही साधारण तरीके से बात करती थी.
मुझे ऐसा लगता था जैसे कशिश के अन्दर सेक्स वाला हिस्सा है ही नहीं.

हम दोनों ने लगातार दो महीने तक बात की लेकिन उसने कभी भी कोई सेक्सी बात नहीं की … और ना ही मुझे करने दी.
एक बार तो मेरे साथ ऐसा भी हुआ कि रात को उसके घर पर कोई नहीं था तो उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया.

मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था कि आज तो मेरी सारी तमन्ना पूरी हो जाएगी, जो मैं चाहता था … वह मैं सब कुछ करूंगा.
लेकिन दोस्तो मेरी ये खुशी ज्यादा देर तक न टिक सकी.

मैं लगभग 4 घंटे तक उसके साथ रहा.
लेकिन उसने मुझे सेक्स करने से बिल्कुल मना कर दिया.

कशिश ने साफ बोल दिया- मैं अपनी लिमिट पार नहीं करूंगी, केवल किस ही करूंगी और करवाऊंगी.

मैंने काफी कोशिश कर ली पर कशिश टस से मस नहीं हुई.
उस रात हमने बहुत किस की लेकिन आगे कुछ नहीं किया.

उसके बाद मैं घर वापस आ गया.
हम दोनों बात करते रहे और ऐसे ही चलता रहा.

मैं उससे रोज सेक्स करने के लिए मनाता था लेकिन वह हमेशा मना कर देती थी.

ज्यादा जिद करने पर वह बोल देती थी मैं जब भी सेक्स करूंगी तो सिर्फ अपने शौहर के साथ ही करूंगी.
उसकी यह बात मुझे बहुत बुरी लगती थी.

यूं ही 2 साल गुजर गए, उसने मुझे अपने ऊपर हाथ रखने नहीं दिया.
उधर उसका यौवन दिनों दिन खिलता जा रहा था.

वह देखने में एकदम चंचल शोख हसीना लगती थी.
जब भी मैं उसे देखता था तो मेरा मन मचल जाया करता था.
मैं उसे हमेशा अपने सपनों में चोदता रहता था.

लेकिन मुझे उसे चोदने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो रहा था.
मैं हमेशा यही सोचता था कि कैसे कशिश की कशिश मिटाऊं … इसे अपनी बांहों में लाऊं और इसकी सील तोड़ी जाए.

लेकिन वह कभी भी मानने को तैयार नहीं थी.
इस बीच हम दोनों कई बार किस कर चुके थे.
जब जब मैंने उसे किस की थी, तो मैंने उसके मम्मों को भी चूमा था और पेट को भी चूमा था.

इसी वजह से मेरे अन्दर उसे चोदने की आग और ज्यादा बढ़ गई थी.

मैं हमेशा यही जुगाड़ लगाता रहता था कि कैसे भी करके कशिश को चोदना है.

मैंने भी हिम्मत नहीं हारी और उसके साथ कोशिश करता रहा.

एक दिन ना जाने कैसे, उसे मुझ पर रहम आ गया और उसने हां कर दी.

फिर मैंने उसे अपने फ्रेंड के घर पर बुलाया और उससे कहने लगा- आज हम दोनों खुल कर सेक्स करेंगे.
पहले तो उसने मना किया, वह कहने लगी कि मैं सेक्स नहीं करना चाहती हूँ.

मैंने कहा कि अगर कशिश तुम सेक्स करना नहीं चाहती, तो कोई बात नहीं लेकिन तुम मेरे पास तो आओ. हम दोनों एक किस तो कर सकते हैं!
किस करने के लिए वह राजी थी.

किस का नाम लेते ही वह मेरे पास आई और मेरी बांहों में सिमट गई.

वह मुझे हग करके बोली- जान किस तो तुम कितनी ही कर सकते हो, मैं किस के लिए तुमको कभी मना नहीं करती हूँ.
इतना कहकर कशिश ने मेरे होंठों से अपने होंठ लगा दिए और चूमने लगी.

उस दिन वह कहने लगी- मेरी जान मेरे होंठों को तो तुम मन भरके पियो.

मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसके रस भरे होंठों को पीने लगा.
उसके होंठ गुलाब की पंखुड़ी की तरह कोमल थे, जिन्हें मैं बहुत मजे लेकर चाट रहा था और पी रहा था.

जैसे ही मैंने अपने होंठ उसकी गर्दन पर रखे, वह आउट ऑफ कंट्रोल हो गई और एकदम से ढह गई.
वह मादक भाव से कहने लगी- सोना, यहां किस मत करो, मुझे कुछ कुछ होता है.

अब मुझे उसकी कमजोरी पता चल गई थी.
मैं उसके होंठों जगह उसकी गर्दन को चूमने लगा और उसके अन्दर गर्मी पैदा होने लगी.

वह जल बिन मछली की मचलने लगी और मुझसे चिपकने लगी, मुझे अपने जिस्म में समाने लगी.

मुझे खुलकर खेलने का मौका मिल गया था.
मैं भी आगे बढ़ने लगा.

मेरा एक हाथ उसके मम्मों पर था.
मैं उसके बूब्स को दबाने लगा तो वह और ज्यादा मचलने लगी.

मैं उसकी गर्दन पर किस किस करते करते चूचों पर भी किस करने लगा.

जैसे ही मैंने उसके मम्मों पर अपने होंठ रखे, तो वह मदहोश होकर बोलने लगी- अब कितना तड़पाओगे मेरी जान!

मैंने उसके बूब्स को बहुत पिया, उसके मम्मों को पीने मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं काफी देर तक उसके मम्मों को पीता रहा और उसे मजे देता रहा.

अब वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स के लिए आउट ऑफ कंट्रोल हो रही थी.
मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए उसकी सफेद रंग की सिलेक्स को अपने हाथों से उतार दिया.

उसने मुझे रोकने की कोशिश की लेकिन वह खुद बहुत मदहोश ही गई थी, चाह कर भी मुझे रोक नहीं पाई.

मैंने मौका पाकर उसकी काली की पैंटी भी उतार दी.

जब मैंने उसकी चूत को पहली बार देखा तो मैं देखता ही रह गया.
यकीन मानना दोस्तों मैंने बहुत चूत देखी थीं, लेकिन मैंने ऐसी चुत आज तक नहीं देखी थी.

उसकी चूत एकदम सफाचट थी. बाल तो मानो उसकी चुत पर उगे ही नहीं थे, शायद वह वैक्स करके आई थी.
उसकी चूत किसी विदेशी लड़की के जैसी गुलाबी थी.

इससे पहले मुझे जितनी भी चुत चोदने का अवसर मिला था, वे सब कहीं न कहीं देसी चुत की तरह जामुनी रंगत वाली चुत थीं.

मैंने कशिश के जैसी चूत आज तक नहीं देखी थी.
मैं तो उसकी चूत को देखकर पगला सा गया था.

मेरा लंड अकड़ गया और उसकी चूत में जाने के लिए उतावला होने लगा था.
अब मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था.

उसका भी यह पहली बार का मामला था, तो मुझे कुछ संभल कर सेक्स करना था.
मुझे डर था कि कहीं कुछ उलटा सीधा ना हो जाए.

मैंने उसकी चूत को किस करने का सोचा.
तो वह शर्माने लगी और बोली- ऐसा मत करो, मुझे अच्छा नहीं लगता है.
मैंने उसकी बुर पर थोड़ी देर तक किस किया, तो कशिश तड़पने लगी और चुदासी हो गई.

मैं भी ज्यादा देर ना करते हुए उसे चोदने को तैयार हो गया.
मैंने उसको अपने सामने सही पोजीशन में सैट किया, उसकी दोनों टांगों को खोल कर अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर लगा दिया.

जब उसकी चूत पर टोपा लगा, तो वह सहम गई और बोली- थोड़ा आराम से करना!
मैंने कहा- चिंता मत करो, सब कुछ ठीक ही होगा.

वह लंड के टोपे की गर्मी से बुर को रगड़ने लगी.
मैंने देर ना करते हुए उसकी चूत के अन्दर अपना लंड डालना शुरू कर दिया.
जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में घुसा तो वह एकदम से तड़फ उठी और रोने लगी.

उसकी चूत बहुत टाइट थी, मेरा लंड अन्दर नहीं जा रहा था.
फिर मैंने एक जोर से धक्का लगाया तब मेरा लंड बड़ी मुश्किल से उसकी चूत में घुस तो गया लेकिन उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.

वह छटपटा रही थी और बिलख सी रही थी.
मैंने मजबूरी में अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और देखा तो मेरा सारा लंड खून में लथपथ था.

उसने भी खून देखा, तो वह भी घबरा गई और बोली- ये क्या हो गया?
मैंने उसे बताया- तुम खून की चिंता ना करो, ऐसा पहली बार में होता ही है.

वह भी शायद इस बात को जानती थी कि कुंवारी बुर पहली बार की चुदाई में फटती है तो खून निकलता ही है.

मैंने अब दुबारा से उसकी बुर में अपना लंड डाला, तो वह फिर से रोने लगी.
वह बोली- मुझसे नहीं होगा बाबू, तुम मुझे छोड़ दो … मुझे घर जाने दो!

मैंने कहा- अभी रुको मेरी जान, थोड़ा साथ दो, तुम्हें भी बहुत मजा आएगा. सभी लड़कियों के साथ शुरू शुरू में कुछ देर दिक्कत होती ही है.
वह चुप हो गई.

अब मैंने धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर तक पेला और उसे आगे पीछे करने लगा.
वह लंड से होने वाले दर्द से मुक्त हो गई थी तो उसने खुद से कमर को हिलाना शुरू कर दिया.

यह देख कर मैंने भी स्पीड बढ़ा दी.
अब उसे भी चुदवाने में मजा आने लगा.

वह गांड उठा कर मजे लेती हुई चुत चुदवाने लगी.
मेरा लंड भी अब उसकी चूत में आराम से अन्दर बाहर हो रहा था. मुझे बहुत मजा आ रहा था.

करीब दस मिनट तक चोदने के बाद मेरा लंड झड़ने वाला हो गया था.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसे जोर जोर से चोदने लगा.

उसे भी बहुत मजा आ रहा था, तो उसके मुँह से आह आह उह की आवाज निकल रही थी.
मैंने उससे कहा कि अब मैं होने वाला हूँ, तो उसने कहा कि हो जाओ, मैं तो हो गई.

मैं यह सुन कर उसे और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और उसी दौरान मैं डिस्चार्ज हो कर उसके ऊपर ही निढाल हो गया.
मैं थक कर उसी के ऊपर गिर गया था.

उसने मुझे अपने ऊपर से उठाते हुए कहा- चलो हटो बाबू, अब मुझे जाने दो … बहुत देर हो चुकी है.
मैं हट गया.

उसने उठ कर जल्दी से कपड़े पहने और बाहर निकल कर अपने घर चली गई.

घर जाकर वह टॉयलेट गई, तो उसकी चूत से खून निकला.
वह घबरा गई और उसने मुझे कॉल करके कहा- तुमने ये क्या कर दिया, मेरी सुसू में से खून आ रहा है.

मैंने कहा कि अभी अभी तुम्हारी सील टूटी है, तो ऐसा होता है. तुम चिंता ना करो … कोई दिक्कत नहीं है.
अगले दिन से वह सामान्य हो गई.

फिर एक बार लंड का चस्का लगता है तो चुत बार बार लंड के लिए तड़फने लगती है.

कशिश के साथ भी यही हुआ.
अब हम दोनों बहुत ज्यादा सेक्स करने लगे हैं … और चुदाई के बहुत मजे लेते हैं.

Hindi Porn Stories

यह घटना ५ साल पहले हुई थी जब Hindi Porn Stories मैं २० साल का था ! उस वक़्त मैं बी.एस.सी. कर रहा था ! मेरा पहला सेक्स अनुभव तो मेरी पड़ोस की लड़की फातिमा के साथ हुआ, जो बहुत ही सेक्सी थी ! जब भी मैं उसे देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था ! मैं उसके बारे में सोच कर न जाने कितनी बार मुट्ठ मार चुका हूँ !! उसका फिगर भी गज़ब का था ! वो १८ साल की होते हुए भी २२ साल की दिखती थी और उसकी हाईट ५.५” थी !

उसने अपनी पढ़ाई के दौरान कंप्यूटर क्लास ज्वाइन किया ! लेकिन उसके घर में कंप्यूटर नहीं था इसलिए वो हर शाम हमारे घर प्रैक्टिस करने के लिए आती थी ! हर बार की तरह वो प्रैक्टिस के लिए घर आई ! वो गुलाबी सलवार पहने हुए बहुत ही सेक्सी लग रही थी ! वो मुझे देख कर मुस्कुराती थी तभी मैं समझ गया कि लड़की हँसी तो फंसी !!!! यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा !

फिर एक दिन मेरे घर के लोग बाहर गए थे, सो मैं घर में अकेला था ! मैंने मन ही मन सोच लिया था कि आज चाहे कुछ भी हो जाये, मैं फातिमा के मम्मों को जरुर दबा दूंगा ! अगर वो इन्कार करेगी तो सॉरी बोल दूंगा, मगर मैं हिम्मत नहीं जुटा पाया ! जब वो कंप्यूटर पे काम कर रही थी तब मैं उसके पास जाकर बैठ गया और उसकी कॉलेज लाइफ के बारे में पूछने लगा ! अंत में मैंने उससे सेक्स के बारे पूछा तो वो शरमा गई !

मैंने पूछा,”कभी तूने सेक्स मूवी देखी है ?”

उसने कहा,”नहीं !!”

मैंने उसके हाथ से माउस लिया और कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म चला दी ! मूवी में दो लड़कियों की एक लड़के द्वारा चुदाई का दृश्य चल रहा था ! उसने शर्म के मारे अपने चेहरे को हाथ से छुपा लिया ! मैंने उसके हाथ को हटाया और कहा,” देख लो, बाद में फिर मौका नहीं मिलेगा !!”

वो बोली,”तुम यह सब देखते हो क्या ?”

मैंने कहा,”हाँ ! और करना भी चाहता हूँ !!!”

अब वो बिंदास हो कर मूवी देख रही थी ! मैं समझ गया कि यही सही मौका है !! मैंने कुर्ते के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने शुरू किये !!! पहले तो वो मना करती रही पर बाद में मान गई !! मैंने उसके कुर्ते के अन्दर हाथ डाल कर उसके मम्मों को दबाना शुरू किया तो वो ऊऊह्ह्ह्हह्ह आआ ह्ह्ह्हह्ह करने लगी !! मैंने एक हाथ उसकी सलवार के अन्दर डाला तो मैं हैरान हो गया क्यूंकि उसकी पैंटी पहले ही गीली हो चुकी थी ! मैं अपनी ऊँगली उसकी चूत के अन्दर डाल कर आगे-पीछे करने लगा ! वो अब नियंत्रण से बाहर हो गई थी !

वो आआह्ह्ह्हह्ह ऊऊऊऊओह्ह्ह करते हुए चिल्लाने लगी,”घुसाना है तो अपना लंड घुसा ! इस ऊँगली से किसे सहला रहा है ??”

उसकी बात सुनकर मैं हैरान हो गया ! मैंने तुरंत अपनी पैंट उतार दी और अपना ७.५” इंच का लौड़ा बाहर निकाल लिया ! मेरे लंड को देखते ही वो बोली,” इतना लम्बा और मोटा ??? मुझसे नहीं होगा ……..! “

मैंने अपना लौड़ा उसके मुंह में डाल दिया और वो ५ मिनट तक मेरे लौड़े को चूमती रही ! फिर उसके मुंह से लौड़ा निकाल कर उसकी चूत पर रख कर घुसाना शुरू किया तो वो बोली, ” आआह्ह्ह्ह ! बाहर निकाल दो ! मुझसे और दर्द…………………………. आह्ह्ह ………… .बर्दाश्त नहीं होता ………….!!!!”

अब मैंने अपना लौड़ा पूरी ताकत से उसकी चूत में घुसा दिया और जोर-जोर के झटके लगाने शुरू कर दिए ! थोड़ी देर बाद वो शांत हो गई और मेरे लंड का पूरा मज़ा लेना शुरू कर दिया !! मैंने जम कर आधे घंटे तक उसकी चूत की धुलाई की ! इसी बीच वो २ बार झड़ चुकी थी ! जब मैं झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत से निकाल कर उसके मुंह में घुसा दिया और उसका सिर पकड़ के जोर-जोर से हिलाया ! तभी मैंने देखा की उसकी चूत के खून से मेरा लंड लाल हो गया था ! मैं एकदम से डर गया तो वो बोली,” डरो मत ! मैं ठीक हूँ !” तब जाकर कहीं मेरी जान में जान आई !!

मैंने अपना पूरा वीर्य उसके मुंह में ही झाड़ दिया ! वो जल्दी से बाथरूम में अपना मुंह धोकर आई और मुझसे पूछने लगी,” अगर झड़ना ही था तो मेरी कमर पर या मेरे मम्मों पर करते!! मुंह में क्यूँ किया ??”

मुझे उसके भोलेपन पर हंसी आने लगी ! मुझे बाद में पता चला कि मैं उसे जितनी भोली समझता था, वो उतनी भोली थी नहीं !!! मुझसे पहले वो अपने किसी आशिक से पूरे एक साल तक चुदवा चुकी थी !!

उसके बाद मैं फातिमा को कई बार चोद चुका हूँ किन्तु अब वो अपने पति के साथ न जाने कहाँ चली गई, मुझे पता नहीं !

अन्तर्वासना के सम्मानित पाठको, आपको यह कहानी कैसी लगी, अवश्य बताना !! Hindi Porn Stories

मेरा नाम साधना है और मेरी उम्र 23 साल है. मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ.

मैं अपने जिस्म की बात करूँ तो मेरे बूब्स 36 इंच के एकदम टाइट हैं, मेरी कमर 30 की है और गांड 38 इंच की है, जो चलते समय बहुत मटकती है.
मेरा जिस्म किसी पेप्सी की 300 एमएल की बोतल के जैसे है.

ये सेक्स कहानी मेरी और मेरे ब्वॉयफ्रेंड की चुदाई की तो है ही, पर उसके बाद भी मैंने इसमें चुदाई की दुनिया के कुछ और सच भी उजागर किए हैं, उनका आनन्द लीजिए.

मेरे घर में मैं, मेरी मॉम, डैड और एक भाई है … जो मुझसे बड़ा है.
भाई की शादी हो चुकी है.

मेरी भाभी बहुत अच्छी हैं, वे मेरे साथ सहेली की तरह रहती हैं.

मैं एक कंपनी में जॉब करती हूँ और मेरा ब्वॉयफ्रेंड मेरे ऑफिस की सामने वाली बिल्डिंग में जॉब करता है.

हमेशा की तरह मैं सुबह तैयार होकर लैगिंग्स और टॉप पहन कर अपने घर से निकली.

घर से बाहर निकल कर कुछ ही दूर मुझे मेरा ब्वॉयफ्रेंड अपनी कार से लेने आया हुआ था.
वह रोज ही आ जाता था और हम दोनों साथ में ऑफिस जाते थे.

हम दोनों ऑफिस के लिए निकल गए.
थोड़ी ही देर में हम ऑफिस पहुंच गए.

अपनी टेबल पर आकर मैं अपना काम करने लगी.

मैं अपना काम कर रही थी कि तभी मेरा बॉस मेरे पास आया और उसने मुझसे अपने केबिन में आने के लिए कहा.

मैं कुछ पल बाद उनके केबिन में गई और मैंने बाहर से ही उनसे अन्दर आने की आज्ञा मांगी.
उन्होंने सर हिला कर अन्दर आने का इशारा कर दिया.

मैं अन्दर गई और उनसे पूछा कि क्या बात है सर?
उन्होंने मुझे एक नए प्रोजेक्ट के बारे में बताया और कहा- ये प्रोजेक्ट तुम्हें पूरा करना है.

मैंने ‘ओके सर’ बोल कर पेपर्स ले लिए और बाहर आ गई.

अब मैंने उस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया.

काम करते करते दो बज गए.

मैं काम रोक कर लंच करने चली गई.
हमारा एक घंटे का लंच होता है.

मैं दस मिनट में खाना खाकर बाहर निकली और तभी ब्वॉयफ्रेंड की कॉल आ गई.

मैंने कॉल उठाई तो उसने कहा- जहां हम मिलते हैं, वहां आ जाओ.
मैं कॉल कट करके वहां जाने लगी.

मैं वहां पहुंच कर अपने ब्वॉयफ्रेंड से मिली.
हमने साथ में सिगरेट पी और फिर हम दोनों घूमने निकल गए.

मेरे ब्वॉयफ्रेंड के ऑफिस से थोड़ी ही दूर पर एक टॉयलेट है, जो हमेशा खाली रहता है.
वहां कोई नहीं आता है.

हम दोनों घूम ही रहे थे कि उसने मुझसे कहा- चलो ना बेबी, आज इसके अन्दर चलते हैं.
मैंने उसे मना किया पर वह जिद करने लगा.

उसकी काफी जिद के बाद मैं उसके साथ जाने को रेडी हो गई.

हम दोनों अन्दर गए.
वहां हम दोनों एक खाली वाशरूम में घुस गए.

उसने डोर लॉक किया और मुझसे लिपट कर मुझे चूमने लगा.
मैं एक Xxx लड़की हूँ, उसका साथ देने लगी.

चूमते चूमते उसने मेरा टॉप उतार दिया और मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए.

उसने मुझे दीवार से चिपकाया और मेरी ब्रा के हुक खोल कर उतार कर एक तरफ लटका दी.
अब वह मेरे मोटे मोटे बूब्स पर टूट पड़ा.

मैं उसके बाल सहलाने लगी और एक हाथ से उसके पैंट की जिप खोल कर उसका लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगी.

वह पागलों की तरह मेरे बूब्स चूस रहा था.
कभी वह निप्पल पर काट लेता तो कभी दूध को पूरा मुँह में भरने की कोशिश करने लगता.

मैं भी वासना में मदहोश हो गई और कामुक सिसकारियां लेती हुई जोर जोर से उसका लंड हिला रही थी- उम्म्म्म सीसीई आह अह्ह्ह्ह ओह गॉड बेबी … खा जाओ … इन्हें चूसो!

थोड़ी देर बाद वह मुझसे अलग हुआ और उसने नीचे बैठने को कहा.

मैं झट से नीचे बैठ गई और उसका लंड हाथ में पकड़ कर सहलाने लगी, उसके पूरे लंड पर जीभ फिराने लगी.

‘उम्म्म उम्मम्म आह बेबी…’ वह पागल होने लगा और मेरे बाल पकड़ सहलाता हुआ सिसकारियां भरने लगा.
‘आह्ह्हह साधना चूसो बेबी … ओह तुम कितना मस्त लंड से खेलती हो यार!’

उसके लंड को जीभ से चाटने के बाद एक ही झटके में मैंने उसका पूरा लंड मुँह में भर लिया और तेज तेज चूसने लगी.
‘ऑव्व गुओ गुओ गाफ़ गाफ़ ग्लो ग्लो …’

वह भी मेरे बालों को पकड़ कर तेज तेज झटके देने लगा.
पांच मिनट तक ऐसे ही लंड चूसने के बाद उसने मुझे खड़ा कर दिया.

मैं वहीं दीवार पर हाथ रख कर घोड़ी बन गई और वह मेरे पीछे आ गया.
उसने तुरंत मेरी लैगी खींच कर घुटनों तक उतार दी और पैंटी भी नीचे कर दी.

अब उसने मेरी चूत पर अपना लंड रखा और जोर जोर से रगड़ने लगा.
मैं Xxx लड़की मचलने लगी- सी सी आआह बेबी प्लीज डाल दो ना!

मुझे ऐसे तड़पती हुई देख उसने मेरी कमर पकड़ी और पूरी दम से एक झटका लगा कर लंड चूत में घुसा दिया.
मैं चिल्ला पड़ी- आआहह आह आह्ह मेरी चूत फट गई … मैं तुमसे कहती हूँ ना कि पहले मेरी चूत चाट लिया करो!

उसने लंड दबाते हुए कहा- बाबू तुम्हें पता तो है कि मुझे उसे चाटना पसंद नहीं है.
वह मेरी कमर पकड़ कर लौड़े के झटके दिए जा रहा था.

थोड़ी देर बाद मुझे भी मजा आने लगा.
मैं अपनी गांड आगे पीछे करती हुई उसका साथ देने लगी- आह आआह आआह … फक चोदो चोदो मुझे … आह और तेज … और तेज बेबी आह्ह साले मां के लौड़े चोद मादरचोद मेरी चूत … साले बहन के लौड़े!

वह भी पूरे जोश में मेरी चूत में झटके देने लगा- आआआह आह आआ आह ले साली कुतिया रंडी साली … तू Xxx लड़की कितनी बड़ी रांड है मादरचोद पब्लिक टॉयलेट में मेरा लंड ले रही है छिनाल! कुतिया गंदा सेक्स कर रही है!

मैं भी गांड आगे पीछे करती हुई उसका पूरा साथ दे रही थी- आआ आह … आआह चोद … साले चोदता रहे साले … फाड़ दे मेरी चूत रंडी के जने!
हम दोनों चुदाई में मगन ऐसे ही सिसकारियां लेते हुए मजा लेने लगे.

फिर पांच मिनट बाद ही वह जोर जोर से झटके देता हुआ मेरी चूत में झड़ने लगा.
मैंने जैसे ही उसके माल का अहसास किया, अपने मुँह को पीछे करके उसे देखने लगी.

मैं गुस्से में बोली- बहन के लौड़े ने आज फिर इतनी जल्दी रस छोड़ दिया. साले … हरामी की औलाद … हमेशा तू ऐसे ही करता है!

उसने लंड झाड़ कर उसे चूत से बाहर निकाल लिया.

मैं झट से नीचे बैठी और उसका लंड मुँह में भर कर चूसने लगी.

‘आआह आआह साले इसे खड़ा कर भोसड़ी के … मेरी चूत की प्यास अभी नहीं बुझी … पहले मेरा पानी निकाल कुत्ते.’
मैं तेज तेज लंड को चूस रही थी.

तभी उसने लंड निकाल लिया और बोला- बेबी अब बस … अब ये खड़ा नहीं होगा.
इतना बोल उसने लंड चड्डी के अन्दर किया और पैंट पहनने लगा.

उसने पैंट के हुक लगा कर दरवाजा खोला और बोला- मैं जा रहा हूँ, तुम भी कपड़े पहन कर आ जाओ.
वह निकल गया.

मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया.
वह हमेशा मुझे बिना झड़े छोड़ देता है.

मैंने दरवाजा बंद किया और अपनी चूत में तेज तेज उंगली करने लगी- आह आआअह आआआह मेरी चूत कोई चोदो … इसे शांत कर दो … आह!
मैं अपनी आंखें बंद किए हुई अपने मम्मों को मसलती हुई चूत में उंगली किए जा रही थी.

पांच मिनट के बाद मेरी जांघें कांपने लगीं और मैं जोर जोर से सिसकारियां लेती हुई झड़ने लगी.
मेरी चूत से पानी की धार बहने लगी.

‘आआअह आआअह ओह माय गॉड मेरी चूत … आह आआअह आआहह.’
मैं चिल्लाती हुई झड़ गई.

फिर मैंने अपनी चूत से उंगलियां निकालीं और उन्हें मुँह में लेकर चूसने लगी- उम्म्म्म उम्मम्म सो टेस्टी!

यही बुदबुदाती हुई मैंने खुद को साफ किया और कपड़े पहनने लगी.
फिर बाल ठीक करके लिपस्टिक लगाई और दरवाजा खोल कर बाहर आ गई.

जैसे ही मैं बाहर निकली, मैंने देखा कि एक काला सा आदमी गंदे फटे कपड़ों में खड़ा पेशाब कर रहा है.
वह एक भिखारी था.

मैं Xxx लड़की उसे देखने लगी.
वह अपनी आंखें बंद करके मस्ती से मूत रहा था.

मेरी नजर उसके लंड पर गई और मैं लंड देखती ही रह गई.
इतना बड़ा और इतना मोटा लंड … मैंने आज तक नहीं देखा था.

मेरी नजरें उसके लंड से हट ही नहीं रही थीं.
तभी उसने आंखें खोल दीं और मुझे लंड को घूरते हुए देख लिया.

वह दांत निकाल कर बोला- क्या चाहिए मैडम?
उसकी आवाज सुन कर मैं डर गई और वहां से तुरंत निकल गई.

मैं अपने ऑफिस में आ गई और प्रोजेक्ट पर काम करने लगी.

मुझे काम करते करते 5 बज गए.
मैंने अपने लिए एक कॉफी मगायी और तसल्ली से पी.

उस समय मेरे दिमाग में अपनी प्यासी चूत और उस भिखारी का मोटा लंड ही घूम रहा था.

कॉफी खत्म करके मैं दोबारा काम में लग गई.
धीरे धीरे स्टाफ जाने लगा.

मैंने घड़ी की तरफ देखा तो 7 बज चुके थे.
तब मैंने लैपटॉप बंद करके बैग में रखा और घर के लिए बाहर निकल गई.

बाहर आकर मैंने ब्वॉयफ्रेंड को कॉल की.
उसने कहा- मैं बस पांच मिनट में आ रहा हूँ.

मैं वहीं खड़ी हो गई और सिगरेट पीती हुई उसका इंतजार करने लगी.

करीब दस मिनट बाद ब्वॉयफ्रेंड आया.
मैं कार में बैठ गई और हम दोनों घर के लिए निकल गए.

आज मैं थका थका फील कर रही थी.
मेरी आंख लग गई और मैं सो गई.

पांच मिनट बाद मुझे ब्वॉयफ्रेंड ने उठाया और कहा- हम पहुंच गए बेबी.
मैं अपने अपार्टमेंट के बाहर पहुंच गई थी.

मैंने ब्वॉयफ्रेंड को हग किया और बाई बोल कर उतर कर घर आने लगी.

मैं घर पहुंची और डोर बेल बजाई.
मॉम ने दरवाजा खोला और बोली- अरे बेटी आ गई तू!

मैं हां कह कर अन्दर आई और अपने रूम में आकर बेड पर बैग फेंक कर सीधा बेड पर गिर गई.
मुझे कब नींद आ गई, मुझे पता ही नहीं चला.

मेरी आंख खुली जब मेरा दरवाजा खटखटाया गया.

मैंने आंखें खोलीं तो बाहर भाभी आवाज लगा रही थीं- साधना साढ़े आठ बज गए हैं, उठो खाना खाने आ जाओ.

इसका मतलब था कि मैं करीब आधा घंटा सो चुकी थी.
मैंने कहा- ओके भाभी, आती हूँ.

मैं अपने बेड से उठी और अपने सारे कपड़े उतार नंगी हो गई और शॉवर लेने चली गई.
मैं शॉवर के नीचे खड़ी होकर नहाने लगी और जल्दी से नहा कर बाहर आ गई.

फिर बिना ब्रा पैंटी के एक शॉर्ट्स और टी-शर्ट डाल कर बाहर आ गई.
बाहर देखा तो सब डिनर टेबल पर बैठे थे.

मैं अपनी जगह पर जाकर बैठ गई.

भाभी ने मुझे खाना सर्व किया और मैं खाना खाने लगी.

थोड़ी देर में ही मैंने खाना खत्म किया और उठ कर अपने कमरे में आ गई.

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