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दोस्तो, मुझे बहुत Antarvasna खुशी हुई कि आपको मेरी कहानी बहुत पसंद आई. बहुत सारे मेल मिले और आगे की कहानी लिखने के लिए कहा गया.
तो अब मैं आप को आगे की कहानी बताता हूँ.
बस से उतरने के बाद हम अपने अपने रास्ते निकल गए. लेकिन एक बात मेरे दिल में थी कि भले ही मैं आज कुछ नहीं कर पाया लेकिन जब भी पुनः मौका मिलेगा मैं मामी को जरूर हासिल करूँगा.
स्कूल चालू हो गया और मेरा इंतजार भी चालू हो गया कि कब दिवाली की छुटियाँ आएगी और मुझे मेरे घर जाने का मौका मिलेगा.
जैसे तैसे दिन बीत गए और मैं दिवाली की छुटियों के लिए अपने घर आ गया. आते ही मैं मामी के घर चला गया जो मेरे घर के बगल में ही था. घर पर कोई नहीं था, उनके बच्चे अपने मामा के गाँव गए थे और पति काम पर गए थे.
बहुत देर तक हम बातें करते रहे लेकिन कोई भी बात हमारे बस के कारनामे के पास भी नहीं भटक रही थी और मामी तो एकदम मासूम बनी थी जैसे कुछ भी नहीं हुआ था. और डर के मारे मैं भी कोई बात नहीं कर पा रहा था.
ऐसे ही बहुत दिन बीत गए, मैं रोज़ मामी के घर पर जाता था जब उनके पति काम पर चले जाते थे.
एक दिन मुझ से रहा नहीं गया और मैंने फैसला कर लिया कि आज कुछ भी हो, मामी से पता करवा के रहूँगा कि उसके दिल में क्या है और उसको पटा के रहूँगा. बहुत देर मैं चुप ही बैठा था और मामी अपनी धुन में कोई गाना गुनगुना रही थी.
आखिर मैंने चुप्पी तोड़ी और मामी से पूछा- मामी सच बात बताना! क्या उस रात हम जब बस से जा रहे थे, उस वक्त आप सच में सोई थी?
“क्यों ऐसे क्यों पूछ रहे हो?”
“नहीं, बस ऐसे ही पूछ रहा था! बताओ ना!”
“मैं तो सोई थी, लेकिन ऐसे क्यों पूछ रहे हो?”
मैं जान गया कि मामी जानबूझ कर अंज़ान बन रही थी.
“ऐसा हो ही नहीं सकता! क्या कोई औरत इतना कुछ होने तक कैसे सो सकती है? ”
“क्या हुआ था उस रात?”
“मामी जी, आपको सब पता है कि क्या हुआ था! आप सब जान कर अनजान बन रही हैं!”
“नयन तुम क्या कह रहे हो, मुझे कुछ भी पता नहीं चल रहा है!”
“मामी जी उस रात जो भी मैंने किया, आपको सब पता है और आप जानबूझ कर अंज़ान बन रही हैं!”
अब मामी जान चुकी थी कि मना करने से कुछ फायदा नहीं, सो वो बोली- नयन उस रात जो भी हुआ वो सब गलती से हुआ होगा, मेरा इरादा तो कुछ भी नहीं था. तो तुम जो भी हुआ, उसे भूल जाओ, तुम अभी बहुत छोटे हो!”
“मामी जी मैं इतना भी छोटा नहीं हूँ! आप जानती हो इस बात को! आपने हाथ में पकड़कर देखा था!”
“और अगर आपका इरादा गलत नहीं था तो आपने मुझे तब ही रोकना था! तब मैं इतना कुछ कर रहा था, तब तो आप बड़े मजे ले रही थी?”
“और मुझे जब आप की जरूरत है तब मुझे याद दिला रही हो कि मैं अभी छोटा हूँ?”
“उस रात बस में जब आप मुझसे मम्मे दबवा रही थी, चूत चुसवा रही थी, उंगलियाँ डलवा रही थी और आखिर मेरा लंड हिला रही थी, और ये सब आप नींद का नाटक कर के करवा रही थी, तब मैं छोटा नहीं था?”
“देखो नयन ऐसी बात मत करो! मैं मानती हूँ कि मेरी गलती है! मुझे माफ़ करो!”
“मामी बस एक बार मेरी खातिर! वो गलती एक बार फिर करो ना!”
“मैं बहुत सपने लेकर आया हूँ! दिन-रात बस आपका ही ख्याल था! जाने कितनी रातों को सोया नहीं हूँ! मुझे बस एक बार वही सब करने दो जो उस रात हुआ! मैं आज के बाद कभी भी फिर कुछ नहीं मांगूगा!”
“नयन मैं जानती हूँ कि तुम्हारे मन की हालत कैसी होगी, लेकिन मैं शादीशुदा हूँ, मेरे बच्चे भी हैं! अगर किसी को पता चला तो मेरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी!”
“मामी अगर आप मुझे एक बार के लिए हाँ नहीं करोगी तो मेरी जिंदगी बर्बाद हो जायेगी! मैं पागल हो जाऊँगा!”
“नयन, मेरी बात को समझो! मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ!”
“मामी, बस एक बार! किसी को कुछ नहीं पता चलेगा! मैं दोबारा आपसे कुछ नहीं मांगूंगा!”
“ठीक है नयन!”
मैंने मामी के पास कोई रास्ता ही नहीं छोड़ा, हाँ बोलने के सिवा! लेकिन वो मन से तैयार नहीं थी, यह बात मैं जान गया था, लेकिन मेरे लंड में जो आग लगी थी उसे मैं ही जानता था.
तो जैसे ही मामी ने- ठीक है कहा, मैंने उनको बाहों में ले लिया.
“रुको नयन, अभी नहीं! दोपहर में आ जाना! अभी कोई आ जायेगा तो मुसीबत होगी!”
मैं दोपहर में उनके घर पहुँच गया. घर पर कोई नहीं था, मेरे घर के अन्दर जाते ही मामी घर के बाहर आ गई, थोड़ी देर बाहर ही रुक कर ‘कोई देख तो नहीं रहा’ इसका जायजा लिया और अन्दर आकर दरवाजा बंद किया.
जैसे ही दरवाजा बंद किया मैंने लपक के उनको अपनी बाहों में लिया. वो कुछ कहने ही जा रही थी कि मैंने अपने होंट उनके होंटों पर रख दिए और उनका मुँह बंद कर दिया.
“मामी अब कुछ मत कहो! मैं जिस पल का इंतजार कर रहा था, वो अब आया है! इस पल को जीने दो मुझे!”
अब कमरे में मेरी गहरी सांसों के सिवा कोई आवाज नहीं थी. मैं पागलों की तरह मामी को चूम रहा था और वो बस मेरा जोश देख कर हैरान होकर मुझे देख रही थी. मामी की तरफ़ से कोई पहल नहीं हो रही थी, वो तो बस पुतला बनकर खड़ी थी. लेकिन मैं जानता था कि यह ज्यादा देर नहीं चलेगा, वो भी मेरे साथ मजे लेंगी क्योंकि उस रात बस में वो भी तो गर्म हो गई थी.
तो मैं उनको चूमता ही जा रहा था और अब मेरे हाथों ने अपना काम चालू कर दिया था. मैं धीरे धीरे उनके मम्मे दबा रहा था.
क्या मम्मे थे उनके! आज दिन के उजाले में मुझे उनके दर्शन होने वाले थे.
मैंने उनके ब्लाउज़ के हुक खोल दिए.
अब वो बड़ी-बड़ी और गोरी-गोरी चूचियाँ मेरे सामने थी जिनके लिए मैं पागल हो गया था.
मैं एक हाथ से दबा रहा था और एक को अपने मुँह में लेकर चूसे जा रहा था. मैं पूरे जोश में था क्योंकि मेरी पहली बार जो थी! मेरे जोश ने मामी की वासना भी भड़कानी शुरु कर दी थी, उनकी सिसकारियाँ अब चालू हो गई थी और वो भी मुझे चूमने लगी थी.
मैं जोर जोर से उनकी चूची दबा रहा था और चूस रहा था. अब मेरा हाथ उनकी साड़ी खोलने लगा था और उनका हाथ मेरी ज़िप खोलने लगा था. अब मेरा लंड उनके हाथ में था और वो उसे जोर-जोर से हिलाने लगी थी.
“मामी धीरे कीजिये न! कहीं मेरा पानी न निकल जाये!”
इस दरमियान मैंने उनकी साड़ी खोल दी थी और पेंटी निकालकर उनको पूरा नंगी कर दिया था. अब ज्यादा देर खड़े रहकर कुछ नहीं किया जा सकता था सो हम उनके बेडरूम में आ गये.
मैंने उनको बिस्तर पर बिठाया और उनके पीछे बैठकर पीछे से उनकी चूचियों को दबाने लगा और गले को चूमने लगा. अब जो नशा उन पर चढ़ रहा था वो देखने लायक था.
वो मेरे बाल पकड़ कर नोच रही थी!
मैंने धीरे से एक हाथ उनकी चूत पर रखा और सहलाने लगा. वो पागल हो रही थी. धीरे से मैंने एक उंगली चूत के अंदर डाली और हिलाने लगा और एक हाथ से चूची दबाना चालू रखा.
धीरे से उनको लिटा कर मैं उनके ऊपर आ गया था और उनकी चूची को जोर से चूसने लगा था, वो पागल हो रही थी और मुझे जोरों से भींच रही थी.
“नयन, वो करो ना! जो उस रात को किया था!”
वो चूत चाटने के लिए कह रही थी, पर शरमा कर बोल नहीं पा रही थी.
“क्यों मामी मामा नहीं चाटते क्या?”
“अरे वो चाटते तो क्या कहना था! वो तो ठीक से मुझे दबाते भी नहीं! सिर्फ़ अपना लंड चुसवाते हैं और फिर खड़ा हो गया तो अन्दर घुसा के चोदना चालू कर देते हैं!”
“कोई बात नहीं मामी! मैं हूँ ना! आज आपकी ऐसी चुदाई करूँगा कि आप जिंदगी भर याद रखोगी!”
मैंने जैसे ही उनकी चूत चाटना चालू किया, वो तो मचलने लगी और सिसकने लगी. शायद उनको चूत चटवाने में बहुत ही मजा आ रहा था.
“मामी क्या आप मेरा लंड मुँह में नहीं लोगी?”
“क्यों नहीं नयन, जब उनका ले सकती हूँ तो तुम्हारा तो पूरा खा जाऊँगी! आखिर तुमने मुझे इतना सुख जो दिया है!”
मैं हैरान था, यह वही मामी है जो थोड़ी देर पहले मुझसे चुदवाना नहीं चाह रही थी.
और फिर मामी ने जो मेरा लंडा चूसना चालू किया! मैं आपको बता नहीं पाउँगा कि कितना मजा आ रहा था!
वो पूरी लगन से मुझे खुश करने में लगी थी.
अब 69 में आकर हम दोनों पूरा मजा उठा रहे थे.
“नयन अब सहन नहीं हो रहा हैं! जल्दी कुछ करो!”
“ठीक है मामी जी!”
मैं उनके दोनों पैरों के बीच बैठा गया और अपना लंड उनके हाथ में दिया. उन्होंने धीरे से मेरा लंड हिलाया और अपनी चूत पर रख दिया. मैं धक्का मारने ही वाला था कि उन्होंने अपनी कमर उठाई और मेरा पूरा लंड अन्दर ले लिया.
“मामी, बहुत जल्दी है क्या?”
“नयन, तुम्हें क्या बताऊँ! तुमने तो मुझे पागल कर दिया है! बहुत माहिर हो गए हो! मुझे तो लगा था कि तुम अभी बच्चे हो.”
“मामी इस बच्चे को आपने ही बड़ा बना दिया है, रोज़ रात को सपने में जो आपको चोदता था!”
और मैंने अपनी गाड़ी चालू कर दी. मामी भी नीचे से कमर उठा उठा कर मजा ले रही थी.
“नयन, जोर से करो ना! प्लीज!”
“हाँ मामी जी, आप तो बहुत जल्दी में हो! पर मैं पूरा मजा लेना चाहता हूँ आपको तड़पाना चाहता हूँ!”
“आपने जो मुझे इतना तड़पाया है!”
मैं धीरे धीरे शॉट लगा रहा था और मामी नीचे तड़प रही थी, मुझे कस के पकड़ रही थी और पागलों की तरह चूम रही थी.
“नयन, तुम नीचे आ जाओ!”
अब मैं नीचे था और मामी मेरे ऊपर थी. वो क्या जोरों से लंड को अन्दर बाहर कर रही थी और मैं उनकी चूचियों को जोर से दबा रहा था और चूस रहा था.
“खा जाओ नयन इनको! तुम्हारे मामा को इनकी जरूरत नहीं है शायद! वो तो शायद मुझसे उब गए हैं!”
“कोई बात नहीं मामी! मैं इनका ख्याल रखूँगा!”
“नयन…! मैं तो गई नयन! हऽऽस्सऽऽऽ!”
वो जल्दी से मेरे ऊपर से उठ गई और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और मैं उठकर उनकी चूत को सहलाने लगा था.
नयन! स्स्स्स ऽऽऽ!! हय! मैं गई नयन आऽऽस्स!
और वो जोर जोर से मेरा लंड चूसने लगी थी.
“नयन आज तुमने मुझे फिर अपनी नई नई शादी की याद दिला दी है!”
“मामी आप तो खुश हो गई! लेकिन मेरा क्या? मैं तो अभी खाली नहीं हुआ हूँ!”
यह सुनते ही मामी ने मेरा लंड चूसना चालू किया और ऐसा कमाल दिखाया कि…
“मामी, मेरा निकलने वाला है! आप हट जाइये!”
“नहीं नयन! तुम आज मेरे मुँह में ही झड़ जाओ!”
“आऽऽअऽऽऽ! मामी! मैं तो गया मामी आऽऽस्स!”
मामी ने मुझे कस के पकड़ा और पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया. मामी मेरा पूरा वीर्य गटक गई थी और अभी भी मेरे लंड को चूसे जा रही थी…
“क्यों नयन? हो गए खाली?”
“हाँ मामी! आपने तो मेरा हर सपना सच कर दिया!”
“अरे यह क्या नयन? तुम्हारे लंड में तो अब भी कड़ापन है! यह तो सोने का नाम ही नहीं ले रहा है?”
“क्या मालूम मामी! लेकिन मैं एक राऊँड और पूरा कर सकता हूँ!”
यह कह कर मैंने मामी को नीचे खींचा और फिर से उनके मम्मे दबाने लगा.
आगे की कहानी अगले भाग में! Antarvasna
मैं गुरुजी का शुक्रिया करना चाहता हूँ Antarvasna मैंने अन्तर्वासना में कितनी सारी कहानियाँ पढ़ी हैं।अब मैं चाहता हूँ कि आप मेरा अनुभव पढ़ें !यह कहानी मेरे सामने ही रहती एक भाभीजी की है जिन्हें मैं देखते हुए भी मुठ मार लिया करता था। उनकी बरफ़ बनाने की फ़ैक्टरी है। वोह रोज झाड़ू लगाती तो उसकी श्वेत दूधियाँ रोज़ मुझे दिखती थी।
एक दिन उसका पति किसी काम से बाहर गया था तो मैं उसके घर गया और बोला- भाभीजी ! आपके पास चार किनारे वाला स्क्रु ड्राईवर है?
तो उसने बोला- वोह तो आपके पास है !
मैं उसकी भाषा नहीं समझ पाया।
फ़िर भाभीजी बोली- आप रोज़ इस तरह मुझे क्यों घूरते हो?
मैं बोला- आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो इसलिये मैं आपको देखता हूँ।
फ़िर भाभी बोली- तू भी मुझे बहुत अच्छा लगता है !
और थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे ऐसे पकड़ा और मैं भी उनको चूमने लगा। मैंने गाल से चालू किया चूमना।
धीरे धीरे मैंने उनके होंठ के साथ अपने होंठों से किस किया। उनकी जीभ मेरे मुँह में ऐसे चल रही थी कि बहुत मज़ा आ रहा था।
फ़िर मैंने उनकी गर्दन पर अपनी जीभ चलानी शुरू की और वो थोड़ी गर्म होने लगी। फ़िर मैंने उसे दिवार की और उल्टा कर दिया। उनकी गान्ड मेरे लन्ड को छू रही थी और उनके मुँह से आवाज़ निकल रही थी- आ औ औइ अं अह …
और फ़िर मैंने उनका ब्लोउज़ निकाला। उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी। पहली बार उनके बड़े बड़े स्तनों के पूर्ण नग्न दर्शन हुये। मेरा लन्ड भी अंगड़ाई ले रहा था और उनके चुचूक मैंने अपने मुँह में लिए।
अरे यारो ! उनके निपल इतने बड़े थे कि कैसे बताऊँ आपको ! मैंने इतने मोटे निपल पहले कभी नहीं देखे थे। और फिर मैंने उनके पेटिकोट का नाड़ा खोला और पेटिकोट निकाल दिया और उसने काले रंग की कच्छी पहनी थी।
अब वो सिर्फ़ कच्छी में थी और नीचे बैठ गई और मेरा लन्ड चूसने लगी। अब मेरे मुँह से आवाज़ निकल रही थी- श ऽऽह श ले मेरी रानी मेरा लन्ड चूस और चूस मेरी रानी !
उसके बाद मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उनकी कच्छी को निकाल दिया और उनकी चूत चाटने लगा। मैंने पूरी जीभ उसकी चूत में डाल दी और वो आहें भरने लगी- ऊऽऽ ऊऽ ऊ ऊऽआ आ आ आ औ इऽऽ … और अन्दर डाल कर जीभ हिलाओ मेरे राज़ा ! आज तू मुझे जी भर के चोदना ! मैं भी तेरे लन्ड की प्यासी हूँ !
मैं उल्टा हो गया, अब उनकी चूत मेरे मुँह में और मेरा लन्ड उनके मुँह में ! हम दोनों इतने मशगूल हो गये और फ़िर दोनों ने खूब चाटा।
फ़िर भाभी बोली- अब मुझसे नहीं रहा जा रहा ! तुम मुझे चोदो !
फ़िर मैंने मेरा लन्ड 6″ का उनकी चूत में डाला और थोड़ा गया तो भाभी बोली- धीरे से डालो ना !
फ़िर भाभी की बात ना सुनते हुए मैंने पूरा लन्ड ही उनकी चूत में डाल दिया।
भाभी बोली- मर गई मैं ! आऽऽऽऔ चोद डाला तूने जालिम मुझे ! मेरी चूत की थोड़ी तो चिन्ता कर !
फ़िर 15-20 धक्कों के बाद भाभी मुझे चोदने लगी। वो मुझे धक्के देने लगी। अब भाभी को मज़ा आने लगा था ऊऽऽआऽऽऔऽअऊ आ औ अ ऽऽऽ अ ऊ आ औ अ और जोर से चोद ! मेरी चूत फ़ाड डाल आज ! जोर से चोदो मुझे !
और मेरी स्पीड इतनी बढ़ गई थी कि भाभी इतनी देर में कई बार झड़ चुकी थी और उनकी चूत भी एक दम चिकनी हो गई थी। भाभी अब कुछ भी बोल नहीं पा रही थी, सिर्फ़ आवाज़ निकाल रही थी- आ आ औ औ औ ऊ ओ !
और करीब एक घंटे तक चुदाई चलती रही। फ़िर मैं भी झड़ने वाला था। मैंने भाभी को बोला- मैं झड़ने वाला हूँ, कर दूँ अन्दर ?
भाभी बोली- अन्दर नहीं करना, बाहर निकालो, उसको मुझे पीना है।
फिर मैंने भाभी को हाथ में दे दिया और भाभी मेरा लन्ड हिलाने लगी और जैसे ही मैं झड़ा तो भाभी ने मेरा सारा वीर्य अपने मुँह में समा लिया और सब पी गई।
अगर आप लोगों को मेरी कहानी पसन्द आई हो तो मुझे मेल कीजियेगा।
अगर न पसन्द आई हो तो भी कृपया मुझे मेल कीजियेगा Antarvasna
मुझे संजू कहते हैं। मैं 25 Sex Stories साल का हूँ, मुंबई में रहता हूँ। मेरी 6′ की हाईट है।
आप लोग बोर हो रहे होंगे मेरी बातें सुन कर। चलिए मैं आपको अपनी कहानी की ओर ले चलता हूँ।
यह घटना अब से 5 महीने पहले हुई जब हमारी कॉलोनी में एक भाभी रहने को आई थी।
भाभी तो पूछो मत … मादकता उनके बदन में कूट-कूट के भरी थी।
चूची उनकी थी 38डी, कमर 32 और गांड तो क़यामत थी उनकी 40 साइज़ की।
चलती तो क़यामत लगती थी।
उनके आने के कुछ दिनों में उनकी दोस्ती हमारे परिवार से हो गई।
भाभी बहुत चंचल स्वभाव की थी। उमर यही कोई 30 साल के आस पास थी।
धीरे धीरे वो हमसे भी खूब बातें करने लगी थी क्यूंकि उनके कंप्यूटर को मैं ठीक कर देता था सो वो मुझसे काफी करीब थी।
एक बार उनके कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई थी।
वो मम्मी से बोली कि संजू से कह के मेरा कंप्यूटर ठीक करवा दो।
तो मैं दोपहर को उनके घर गया।
वो बड़ी सेक्सी नाईट गाउन पहन के घर पर थी और वो मुझे अपने कंप्यूटर के पास ले गई।
मैं उनके कंप्यूटर को ठीक करने लगा। उसको फॉर्मेट करना था।
सो मैंने भाभी जी से कहा भाभी जी आपका कोई महत्वपूर्ण फाइल हो तो बैक-अप ले लो, सिस्टम फॉर्मेट करना पड़ेगा.
तो वो बोली- कुछ पर्सनल फाइल हैं तुम हटो तो मैं बैक-अप ले लूँ।
मैं कुर्सी से हट के खड़ा हो गया और वो अपनी व्यक्तिगत फाइलों का बैक-अप लेने लगी थी।
उसमें बहुत सारी सेक्स कहानियाँ और पॉर्न तस्वीरें थी जो गलती से खुल गई।
मैंने उनसे कहा- भाभी, अगर ऐसी फाइल्स है तो आप बैकअप रहने दो! मैं आपको ढेर सारी दे दूँगा।
वो बोली- ठीक है!
और कंप्यूटर से हट गई।
तभी मैंने पूछा- भाभी! भइया कहाँ हैं?
तो वो बोली- ना जाने कहाँ गए हैं। उनके होने और ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। तुम कंप्यूटर ठीक करो!
मैंने कंप्यूटर को फॉर्मेट कर के लोडिंग पर लगा दिया और भाभी से बोला- मैं अभी घर से आपके लिए कुछ फाइल्स ले कर आता हूँ!
तो वो बोली- अरे इतनी क्या जल्दी है? बाद में दे देना।
मैंने कहा- अरे भाभी! आप देखो! मुझे अच्छा लगेगा कि कम से कम मेरा कल्लेक्शन किसी के काम तो आएगा!
यह कह के मैं घर से अपने डीवीडी का बॉक्स ले आया और उन्हें दे दिया कि आप देखो। जब देख लें तो मैं और दे दूंगा।
वो बोली- ठीक है! और उसे आलमारी में रख दिया।
मैंने उनका कंप्यूटर ठीक कर दिया और चला आया।
अगले दिन वो मेरे घर आई और मेरे से बोली- उसमें कुछ फाइल खुल नहीं रही हैं।
मैं समझ गया कि उसमें कुछ मोबाइल वाली फाइल थी जो अलग मीडिया प्लेयर पर खुलती थी।
सो मैं मीडिया प्लेयर लेकर उनके घर गया और इंस्टाल कर के जाने लगा तो वो बोली- इसे ओपरेट कैसे करते हैं?
मैंने कहा- भाभी, सेक्स क्लिप है! मैं आपके सामने कैसे ओपरेट कर पाऊंगा?
इस पर वो बोली- तुम करो, कोई बात नहीं। अब हम दोस्त है और अब तुम मुझे अलका कह के बुलाओ। भाभी लोगों के सामने बोला करो।
मैंने कहा- ठीक है!
और मैंने वो फाइल रन कर दी और भाभी मेरे साथ बैठ के वो फाइल देखने लगी और फाइल देखते देखते मैं भी उत्तेजित हो गया था।
वैसे मैं तो भाभी को देख के हमेशा उत्तेजित रहता हूँ, पर उनके साथ मूवी देखने में तो मेरी हालत ख़राब हो गई थी।
भाभी मेरी तड़प देख के मुस्कुरा रही थी और बोली- कोई मस्त लड़के की मूवी दिखाओ।
मैंने पूछा- भाभी कैसे लड़के की?
तो वो बोली- अपनी उम्र के लड़के की मूवी दिखाओ।
मैंने एक मूवी ढूंढ निकाली और प्ले कर दी।
अलका भाभी बोली- संजू, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं।
तो वो बोली- यह मूवी तुम देखते हो?
मैंने कहा- हाँ।
उसने फिर पूछा- उसके बाद तुम्हारा मन नहीं करता कुछ करने को?
मैंने कहा- करता तो बहुत है पर कर भी क्या सकता हूँ?
इस पर वो बोली- फिर तुम क्या करते हो?
मैंने शर्म के मारे अपना सर झुका लिया तो वो बोली- शरमाओ नहीं, क्या हाथ से हिलाते हो?
मैंने कहा- हाँ।
उसने कहा- ये बुरी बात है। इससे तुम में कमजोरी आ जायेगी और शादी के बाद तुम्हारी बीवी की हालत मेरे जैसे हो जायेगी।
मैंने कहा- मैं कुछ समझा नहीं!
तो बोली- मेरे पति भी मेरे साथ कुछ कर नहीं पाते। हाथ से हिला हिला कर उन्होंने अपना सामान ख़राब कर लिया है और अब वो खड़ा भी नहीं होता है और मुझे बैंगन या मूली से काम चलाना पड़ता है। अगर तुम्हें जरूरत हो तो मेरे पास आ जाना, मैं तुम्हारी मदद कर दूँगी। वैसे भी अब हम दोस्त हैं।
इतना कह के वो रसोईघर से पानी लेने अपनी गांड मटकाती हुई चली गई जिसे मैं देख के पागल हो रहा था।
वो रसोईघर से दो गिलास शर्बत लेकर आई और एक मुझे दिया, दूसरा खुद पीने लगी।
तब मैंने पूछा- भाभी, आप मेरी कैसे हेल्प कर सकती हो?
वो बोली- कैसी हेल्प चाहते हो?
मैंने कहा- भाभी आप बुरा मान जाओगी।
तो बोली- नहीं।
मैंने कहा- भाभी, मैंने आज तक किसी भी औरत या लड़की को असल में नंगी नहीं देखा है। क्या मैं आपको देख सकता हूँ?
उसने कहा- जरूर!
और खड़ी हो गई, बोली- लो, तुम खुद देख लो जैसे देखना हो।
मैंने जल्दी से गिलास खाली किया और उनके पास खड़ा हो गया।
उन्होंने खुद ही मेरा हाथ पकड़ के अपनी चूची पर रख दिया और बोली- यह पसंद है? लो दबाओ और मज़ा लो।
मैं उनकी चूचियों को दबाने लगा।
बड़ी टाइट और मस्त चूचियाँ थी उनकी।
मजा आ गया था।
फिर मैंने उनकी नाइटी उठाई और उनकी चिकनी टांगों को सहलाने लगा.
तो वो मेरे करीब आ गई और जींस के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी, बोली- तुम्हारा लंड कितना बड़ा है?
मैंने कहा- 6″ का!
तो बोली- क्या मैं देख सकती हूँ?
मैं बोला- भाभी पहले मैं आपको देखूंगा, फिर आप मुझे देख लेना।
बोली- ठीक है।
और यह कहकर उन्होंने अपना गाउन उतार दिया और काले रंग के लेसयुक्त ब्रा पैंटी में खड़ी हो गई।
वो बला की खूबसूरत लग रही थी।
मैं उनको पैर से लेके सर तक चूमता रहा और वो सीई ईईई आह्ह ह अह्ह हह्ह्ह कर रही थी।
फिर मैंने उनकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी।
पूरे बदन में एक भी दाग नहीं था और चूचियाँ जैसे हिमालय पर्वत की तरह सर उठाये खड़ी थी।
मैं उन्हें देख कर पागल हो गया था।
उन्हें उनके बेडरूम में ले गया और उनको चूमने और चाटने लगा।
मैं उनकी चूत के पास आया और उनकी चूत को चाटने लगा तो उन्होंने मुझे अपने पैरो से दबा लिया, बोलने लगी- खूब चाटो मेरे राजा मेरी चूत को, मैं बहुत प्यासी हूँ मेरी प्यास बुझा दो!
और मैं उनकी चूत को चाटने लगा।
5 मिनट में वो मेरे मुँह में झड़ गई और मैं उनके चूत के अमृत को चाट के पी गया।
फिर उसने उठ के मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को मुँह में लेकर चाटने लगी, डाबर हनी की बोतल निकाल लाई और मेरे लंड पर डाल कर खूब चाटने लगी।
तभी कुछ देर बाद मैंने कहा- अलका भाभी, मेरा होने वाला है!
तो उन्होंने कहा- मेरे मुँह में झड़ो! मैं तुम्हारा अमृत पीना चाहती हूँ!
और वो मेरे लंड को तब तक चूसती रही जब तक मैं उनके मुँह में झड़ नहीं गया।
वो मेरा लंड लगातार चूस रही थी, जब तक मेरा लंड दोबारा खड़ा नहीं हो गया।
उसके बाद वो बेड पर लेट गई और मुझे अपने ऊपर ले लिया और मेरे लंड को अपनी चूत में रगड़ने लगी।
मैंने पूछा- भाभी! क्या मैं आपको चोद सकता हूँ?
वो बोली- और नहीं तो क्या तेरा लौड़ा मैं अपनी चूत पर इसीलिए तो घिस रही हूँ। बहनचोद चोद मुझे!
मैंने कहा- भाभी क्या आपको पसंद है गन्दी बात करना?
तो वो बोली- इसी में तो मजा है असली चुदाई का। खूब गालियाँ देके मुझे चोद और अपनी रखैल बना ले मुझे।
फिर मैंने उनकी टाँगे फैलाई और अपना लौड़ा उनकी चूत में डालने लगा तो वो चिल्लाने लगी- अरे भोसड़ी के! फ्री की चूत समझ के फाड़ने लग गया। अरे मादरचोद! आराम से चोद, मैं कोई भागे थोड़ी जा रही हूँ। मेरी चूत फट रही है निकाल ले अपना लौड़ा, मुझे नहीं चुदवाना तेरे से!
पर मैंने उनकी एक न सुनी और धीरे धीरे अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनकी चूची के रस को पीने लगा।
थोड़ी देर में उनका दर्द कम हो गया तो वो गांड उछालने लगी और मुझे बोली- खाली डाले पड़ा रहेगा या फिर चोदेगा भी मुझे?
तो मैंने अपना लंड निकाला और एक बार में पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया और उन्हें जम के चोदने लगा और वो भी बहुत बड़ी चुद्दकड़ थी। खूब गांड उछाल के चुदवा रही थी और साथ में गालियाँ दे रही थी, और जोर से चोदने को कह रही थी।
मैंने उन्हें 10 मिनट तक खूब जम के चोदा और वो लगातार अह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह अह और पेलो, फाड़ दो मेरी चूत को, चिथड़े उड़ा दो आज इस निगोड़ी के! इसने मुझे बड़ा दुःख दिया है। आज, संजू, इससे मत छोड़ना। इसे फाड़ देना अह्ह।
अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने कहा- अलका मैं झड़ने वाला हूँ।
वो बोली- मेरी चूत में झड़ो, मुझे तुमसे बच्चा पैदा करना है, तुम्हारे भैया को मैं संभाल लूंगी, फिलहाल तुम मुझे चोदो और मेरी बुर को सींच दो अपने पानी से।
मैं उन्हें चोदते चोदते उनकी चूत में झड़ गया और उन्हीं के ऊपर लेट के उनको किस करने लगा।
मैंने भाभी से कहा- भाभी, मुझे आपकी गांड बड़ी प्यारी लगती है क्या मैं आपकी गांड मार सकता हूँ?
इस पर बोली- अरे मादरचोद! आज चूत दी तो गांड के पीछे पड़ गया? चल कल मेरी गांड भी मार लेना। अब ये जिस्म तेरा हैं, तू जैसे चाहे मुझे चोद सकता है।
दोस्तो, उसके बाद मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं अलका भाभी को चोदता हूँ.
और अब वो मेरे बच्चे की माँ भी बनने वाली है।
वो अब मुझसे काफी खुश है और मुझे ही अपना सब कुछ मानती है.
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे कमेंट्स करके जरूर बतायें। Sex Stories
हाय दोस्तो! मैं राजू फ़िर कोलकाता से. Antarvasnaमेरी पिछली दो कहानियाँ
‘एक सच्ची कहानी’
और
‘पति के सामने बीवी की चुदाई‘
आप लोंगों ने जरूर पढ़ी होगी. ये दोनों कहानियाँ मेरे सच्चे अनुभव पर आधारित थीं.
इन दोनों कहानियों को पढ़़कर बहुत से लोगों ने मुझे मेल किया. उनमे से एक जिसका नाम मनु था उसने लिखा कि वो भी इस तरह का सेक्स करना चाहता है. उसकी उम्र 32 वर्ष और उसकी बीवी नीतू की 28 वर्ष है. मनु ने मुझसे कहा कि नीतू एक समय में दो- तीन मर्दों के साथ सेक्स करना चाहती है. ये लोग भी कोलकाता के रहने वाले हैं. लेकिन मनु की इच्छा स्वैपिंग की थी. मनु ने मुझसे कहा कि पहले तुम और मैं मिलकर नीतू को चोदेंगे फ़िर बाद में पूजा(मेरी बीवी को). लेकिन पूजा तैयार नहीं थी. इसलिए मैंने उनका परिचय सोनाली और सिया से करा दिया. जो लोग सोनाली और सिया के बारे में नहीं जानते उन्हें थोड़ा परिचय करा दूँ.
सोनाली- उम्र- 30, गोरा, लंबा
सिया- उम्र- 27, सुंदर, 34-25-32
ये दोनों पति- पत्नी हैं कोलकाता से ही. ये लोग तो वैसे पार्टनर बदल कर सेक्स करने के एक्सपर्ट हैं. लेकिन मैंने और सोनाली ने मिलकर एक दिन सिया को चोदा था. सिया बहुत ही हॉट और सेक्सी है. इसके बाद दोनों ने बताया की उन्होंने पार्टनर बदलकर सेक्स किया और उन्हें खूब मजा आया.
मेरी मुलाक़ात अभी तक नीतू और मनु से नहीं हुई थी. फ़ोन पर सोनाली और मनु ने मुझे सब बताया अपनी चुदाई के बारे में.
ये सब सुनकर मेरी भी इच्छा हो रही थी लेकिन मैं मजबूर था. क्योंकि मेरी बीवी तैयार नहीं हो रही थी.
कुछ दिनों के बाद एक दिन सोनाली ने मुझे फ़ोन किया कि तुम एक दिन का समय सकते हो? मैंने पूछा कि क्यों? तो सोनाली ने बताया कि सिया और मैंने तुम्हारी चुदाई की तारीफ मनु और नीतू के सामने की है और मैं और मनु चाहते हैं की एक ग्रुप का प्रोग्राम बनाया जाए.
ये सुनकर मैंने कहा की ठीक है लेकिन मैं अकेले ही शामिल हो पाऊँगा क्योंकि मेरी बीवी तैयार नहीं होगी. सोनाली ने कहा कि ठीक है हम प्रोग्राम बना रहे हैं. इसके कुछ दिन के बाद सोनाली का फ़ोन आया की शुक्रवार को चलना है. कोलकाता से करीब 100 किलोमीटर दूर एक रिसॉर्ट है वहीँ पर चलना है सुबह 7 बजे घर से निकलना है. मैंने कहा ठीक है. मैंने इसके लिए अपनी बीवी को एक दिन पहले ही मायके भेज दिया.
शुक्रवार को सोनाली ने सुबह 6 बजे फ़ोन किया और कहा कि तुम कहाँ पर रहोगे? मैंने एक जगह का नाम बताया. सोनाली के पास कार थी. ठीक जगह पर पहुँच मैं उन लोगों से मिला. मनु और नीतू से पहली बार मिला. सोनाली गाड़ी चला रहा था. बगल में मनु बैठा था. मैं पीछे नीतू और सिया के साथ बैठ गया. फ़िर मैंने नीतू को ध्यान से देखा. क्या माल थी यार? बूब्स- 36”, कमर- 34” और रंग गोरा, आँखें नशीली, देख कर जैसे चुदाई की भूख कभी शांत ही नहीं होती है.
फ़िर मैंने सिया को देखा करीब 6 महीने के बाद. वो पहले से भी ज्यादा सेक्सी लगी. फ़िर सोनाली ने मनु और नीतू से मेरा परिचय कराया. सिया कार में बांये यानि मनु के ठीक पीछे बैठी थी. नीतू बीच में और मैं दाहिनी तरफ़. मनु पहले सिया को चोद चुका था इसलिए वो दोनों खुलकर बातें कर रहे थे. करीब दो घंटे के बाद हम रिसॉर्ट में पहुंचे. इस बीच रास्ते में अच्छी तरह से बाते हुई. नीतू मुझसे खुलकर बातें करने लगी. रिसॉर्ट के बगल में एक पर्यटन स्थल था इसलिए वहाँ कमरा मिलना मुश्किल था लेकिन सोनाली ने पहले से ही एक डीलक्स रूम, डबल बेड का बुक करा लिया था. हम रूम में पहुँच कर पहले बारी- बारी से फ्रेश हुए .फ़िर नाश्ते का आर्डर दिए.
नाश्ता करने के बाद हम सभी बेड पर बैठ कर बातें करने लगे. फ़िर मनु और सोनाली ने अपनी चुदाई की कहानी चालू की. कैसे मनु ने सिया को चोदा और कैसे सोनाली ने नीतू को. इसे सुनकर हम सभी धीरे-धीरे उत्तेजित हो रहे थे. मनु ने कहा कि तुम और सोनाली मिलकर पहले नीतू को चोदों मैं और सिया बैठकर देखेंगे. मेरी बहुत दिन से इच्छा है कि नीतू को दो लोग मिलकर मेरे सामने चोदे. नीतू ने उस समय साडी पहनी थी. मनु सिया के साथ बेड से उठकर सोफे पर चले गए.
मैंने नीतू का हाथ पकड़ कर खड़ा किया और उसके पीछे जाकर लो कट ब्लोउज से निकली हुई नंगी पीठ को चूमने लगा. उसकी ऊँचाई मुझसे थोडी ही कम थी. उसके साथ उसकी दोनों चूचियों को भी हाथ से पकड़ कर दबाने लगा. क्या चूची थी! एक दम कठोर. फ़िर सामने से सोनाली आकर उसके होठों को चूसने लगा. फ़िर मैंने नीतू का मुंह थोड़ा सा तिरछा कर उसके होठों को चूसने लगा सोनाली उस समय उसकी चूचियाँदबा रहा था फ़िर मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर उसके बड़ी गांड को ऊपर से सहलाने लगा.
इस बीच मनु उठकर आया और नीतू की साडी उतार दी और कहा कि जल्दी से चोदों इसको. फ़िर वो वापस चला गया सिया के पास. सिया के भी कुछ कपडे उतर गए थे. लेकिन हम लोगों के पास उधर देखने कि फुर्सत नहीं थी. फ़िर मैंने नीतू के ब्लोउज के हुक खोलकर उतार दिया. भीतर उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी जिस्मी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ आधी बाहर निकली थी. सोनाली ने उसके पेटीकोट का नाडा धीरे से खोल दिया और पेटीकोट को उसकी बड़ी गांड से उतार दिया. भीतर उसने काली पेंटी पहनी थी. उसकी बुर के पास भीगा हुआ था जो की पेंटी के ऊपर से ही दिखाई दे रहा था.इसके बाद हमने पोजीशन बदल ली. मैं नीचे की ओर गया और पेंटी से झनकती हुई गांड पर जीभ फिराने लगा. सोनाली ने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके पूरी तरह तने हुए निप्पल को एक -एक कर चूसने लगा.
नीतू की आँखें उस समय बंद थी और वो पूरी तरह उत्तेजित हो गई थी. फ़िर मैंने उसके पेट, नाभि, जांघों को चूमते हुए उसकी पेंटी उतारनी शुरू की. क्या मस्त बुर थी उसकी! एक दम साफ़ जैसे चुदाई के लिए तैयार की गई हो! मैंने बुर के ऊपर जीभ फिराना चालू किया तो वो बेड पर बैठ गयी. मैंने जमीन पर बैठ कर ही उसके टांगो को चौडा किया और उसकी बुर को चूसना शुरू किया. वो अपनी बुर को जैसे मुझे पूरा खिला देगी वैसे कर रही थी.
ऊपर सोनाली बेड पर बैठ उसकी चूचियाँ, होंठ, निप्पल बारी-बारी से दबा/ चूस रहा था. नीतू उत्तेजना के मारे धीरे-धीरे बड़बड़ाने लगी… या…आ…ई ईई… मजा… आ रहा है. वो पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी थी. मैंने अपने पूरी जीभ उसकी बुर के भीतर तक घुसा दी थी. और एक अंगुली से उसकी क्लिट को रगड़ रहा था. वो बोलने लगी- हाँ… ऐसे… ही… आई…आ…जीभ चोदते रहो… सोनाली… तुम… मेरी चूचियों को और जोर से… और जोर से… दबाओ…
मनु अब बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था वो भी पूरी तरह से नंगा था.वो नीतू के पास आया और उसकी चूचियों को दबाने लगा. तब तक सोनाली ने अपने कपड़े उतार कर नीतू को अपना तना हुआ लंड पकड़ा दिया था. वो उसे जोर से सहला रही थी.
मैंने भी अपने कपडे उतारे और अपने लिंग पर एक कंडोम चढाया. और नीतू को डौगी स्टाइल में बेड पर औंधे लिटा दिया. यानि कमर के ऊपर का हिस्सा बेड के ऊपर. मैंने उसके पीछे से आकर उसकी रिसती हुई बुर में एक ही धक्का में अपना पूरा लंड घुसा दिया और जोर-जोर से चोदने लगा. बेड पर नीतू की मुंह की तरफ़ सोनाली बैठा था और उसका लंड नीतू मुंह में लेकर चूस रही थी. मैं जितना जोर से धक्का मारता वो उतना ही सोनाली का लंड अपने मुंह में भर लेती.
मनु पास में ही बैठ कर हमें और जोर से चोदने के लिए उसका रहा था. सिया भी पूरी तरह से नंगी होकर पास में ही बैठी थी मैंने कुछ देर तक उसे चोदा और झड़ गया. फ़िर सोनाली ने उसे बेड पर लिटाकर नोर्मल स्टाइल में चोदा. झड़ने के बाद वो भी बगल में आकर लेट गया.
शेष कहानी यानि हम पाँचों की एक साथ चुदाई अगले भाग में.
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