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मेरे घर वाले जब इन्दौर में जब सेटल Hindi Sex Stories हुए तो मुझे पापा ने होस्टल में डाल दिया। होस्टल में रह कर मैंने बीएससी की पढ़ाई पूरी की थी। मेरे होस्टल के पास ही पापा के एक दोस्त रहते थे, पापा ने उन्हें मेरा गार्जियन बना दिया था। वो अंकल करीब ५७-५८ साल के थे। उनका बिजनेस बहुत फ़ैला हुआ था। एक तो उन्हें बिजनेस सम्हालना और फ़िर टूर पर जाना… उन्हें घर के लिये समय ही नहीं मिलता था। आन्टी नहीं रही थी… बस उनके दो लड़के थे, जो बिजनेस में उनका साथ देते थे। घर पर वो अकेले रहते थे।
उन्होने घर की एक चाबी मुझे भी दे रखी थी। मैं कम्प्यूटर के लिये रोज़ शाम को वहां जाती थी… अंकल कभी मिलते…कभी नहीं मिलते थे… उस दिन मैं जब घर गई तो अंकल ड्रिंक कर रहे थे और कुछ काम कर रहे थे… मैं रोज़ की तरह कम्प्यूटर पर अपने ईमेल चेक करने लगी…
आज अंकल मुझे घूर रहे थे… मुझे भी अहसास हुआ कि आज …अंकल कुछ मूड में हैं…
“मीनू मुझे लगता है तुम्हें कम्प्यूटर की बहुत जरूरत है क्योंकि तुम रोज़ ही कम्प्यूटर प्रयोग करती हो !”
“हां अंकल… पर पापा मुझे अभी नहीं दिलायेंगे…”
“तुम चाहो तो ये कम्प्यूटर सेट तुम्हारा हो सकता है… पर तुम्हे मेरा एक छोटा सा काम करना पड़ेगा…” सुनते ही मैं उछल पड़ी…
“सच अंकल… बोलो बोलो क्या करना पड़ेगा…” मैं उठ कर अंकल के पास आ गई।
“कुछ खास नहीं… वही जो तुम पहले कितनी ही बार कर चुकी हो…”
“अरे वाह अंकल …… तब तो कम्प्यूटर मेरा हो गया……” मैं चहक उठी।
“आओ… उस कमरे में…”
मैं अंकल के पीछे पीछे उनके बेड रूम में चली आई। उन्होने अन्दर से रूम को बन्द करके कुन्डी लगा दी। मुझे लगा कि अंकल कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं करने वाले हैं। मेरा शक सही निकला।
उन्होने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा “मीनू… मैं बरसों से अकेला हूं… तुम्हें देख कर मेरी मर्दों वाली इच्छा भड़क उठी है… प्लीज़ मेरी मदद करो…”
“अंकल… पर आप तो मेरे पापा के बराबर है…” मैंने कुछ सोचते हुए कहा। एक तो मुझे कम्प्यूटर मिल रहा था …… पर अंकल ने ये क्यों कहा कि तुम पहले कितनी ही बार कर चुकी हो… अंकल को कैसे पता चला।
“सुनो मीनू … तुम्हे मुझे कोई खतरा नहीं है… क्योंकि अब मेरी उमर नहीं रही… और फिर मेरा घर तो तुम्हारे लिये खुला है…तुम चाहो तो तुम्हारे दोस्त को भी यहा बुला सकती हो”
मैं समझ गई कि अंकल ये सब पता चल चुका है… अचानक मुझे सब याद आ गया… शायद अंकल को मेरा ईमेल एड्रेस और पासवर्ड मिल गया था…जो गलती से मेज पर ही लिखा हुआ छूट गया था।
“अंकल… मेरा मेल पढ़ते है ना आप…” अंकल मुस्करा दिये। मैं उनकी छाती से लग गई।
” थैंक्स मीनू…” कह कर उन्होंने मेरे चूतड़ दबा दिये। मैंने अपने होंठ उनकी तरफ़ बढ़ा दिये… उन्होने मेरे होंठो से अपने होंठ मिला दिये… दारू की तेज महक आई… अंकल ने मेरी जीन्स ढीली कर दी… फिर मैंने स्वयं ही झुक कर उतार दी… टोप अपने आप ही उतार दिया। अंकल ने बड़े प्यार से मेरे जिस्म को सहलाना शुरु कर दिया। मेरे बोबे फ़ड़क उठे… ब्रा कसने लगने लग गई… पेंटी तंग लगने लगी… पर मुझे कुछ भी करने की जरूरत नहीं पड़ी… अंकल ने खुद ही मेरी पुरानी सी ब्रा खींच कर उतार दी और पैंटी भी जोश में फ़ाड़ दी।
“अंकल ये क्या… अब मैं क्या पहनूंगी…” मैंने शिकायत की।
“अब तुम मेरी रानी हो… तुम ये पहनोगी… नही… मेरे साथ चलना… एक से एक दिला दूंगा……” अंकल जोश में भरे बोले जा रहे थे। मुझे नंगी करके अंकल ने बिस्तर पर लेटा दिया। मेरे पांव चीर दिये और मेरी चूत पर अपने होन्ठ लगा दिये। मेरी चूत में से पानी निकलने लगा… चुदने की इच्छा बलवती होने लगी। मेरा दाना भी फ़ड़कने लगा… अंकल जीभ से मेरे दाने को चाट रहे थे… साथ में जीभ चूत में भी अन्दर जा रही थी। मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। अब अंकल ने मेरे पांव और ऊपर उठा दिये…मेरी गाण्ड ऊपर आ गई… उन्होने मेरी चूतड़ की दोनो फ़ांके अपने हाथों से चौड़ा दी। और गाण्ड के छेद पर अपनी जीभ घुसा दी और गाण्ड को चाटने लगे। मुझे गाण्ड पर तेज गुदगुदी होने लगी।
“हाय अंकल… बहुत मजा आ रहा है…”
कुछ देर गाण्ड चटने के बाद उनके हाथ मेरे बदन की मालिश करने लगे…
अब मैं अंकल से लिपट पड़ी…उनकी कमीज़ और दूसरे कपड़े उतार फ़ेंके। उनका बदन एकदम चिकना था… कोई बाल नहीं थे… गोरा बदन… लम्बा और मोटा लण्ड झूलता हुआ। सुपाड़ा खुला हुआ …लाल मोटा और चिकना। मैंने अंकल का लण्ड पकड़ लिया और दबाना शुरू कर दिया। अंकल के मुह से सिसकारी निकलने लगी।
“आहऽऽऽ मीनू… कितने सालों बाद मुझे ये सुख मिला है… हाय… मसल डाल…”
मैंने अंकल का लण्ड मसलना और मुठ मारना चालू कर दिया। वो बिस्तर पर सीधे लेट गये उनका लण्ड खड़ा हो चुका था… मेरे से रहा नहीं गया… मैं उनके ऊपर बैठ गई और चूत के द्वार पर लण्ड रख दिया। मैंने जोश में जोर लगा कर सुपाड़ा को अन्दर लेने की कोशिश करने लगी… पर लण्ड बार बार इधर उधर मुड़ जाता था… शायद लण्ड पर पूरी तनाव नहीं आया था।
“अंकल……ये तो हाय…जा नहीं रहा है…” मैं तड़प उठी…
” बस ऐसे ही मुझे रगड़ती रहो… लण्ड मसलती रहो…।” मैं अंकल से ऊपर ही लिपट पड़ी और चूत को उनके लण्ड पर मारने लगी। पर वो नहीं घुस रहा था। मैं उठी और उनके लण्ड को मुख में ले कर चूसने लगी… उन्के लण्ड मे बस थोड़ा सा उठान था। सीधा खड़ा था पर नरम था… अंकल अपने चूतड़ उछाल उछाल कर मेरे मुख को ही चोदने लगे। मैंने उनका सुपाड़ा बुरी तरह से चूस डाला और दांतो से कुचला भी… नतीजा… एक तेज पिचकारी ने मेरे मुख को भिगा दिया…अंकल ज्यादा सह नहीं पाये थे। अंकल जोर लगा लगा कर सारा वीर्य मेरे मुख में निकाल रहे थे। मैंने कोशिश की कि ज्यादा से ज्यादा मैं पी जाऊं। मैं उनका लण्ड पकड़ कर खींच खींच कर रस निकालने लगी… अंकल का सारा माल बाहर आ चुका था। उनका सारा जोश ठंडा पड़ चुका था… उनका लण्ड और भी ज्यादा मुरझा गया था। और वो थक चुके थे।
मैं पलंग से उतर कर नीचे बैठ गई और दो अंगुलियों को चूत मे डाल कर अन्दर घुमाने लगी… कुछ ही देर में मैं भी झड़ गई। मैं जल्दी से उठी और बाथ रूम में जा कर मुंह हाथ धो आई… अंकल दरवाजे पर खड़े थे…
” मीनू… तुम्हे कैसे थैंक्स दूं… आज से ये घर तुम्हारा है…आओ भोजन करें…”
“अंकल… पर आपका तो खड़ा होता ही नहीं है… फिर भी इतना ढेर सारा पानी कैसे निकला…”
“बेटी… बस ये ही तो खड़ा नहीं होता है… इच्छायें तो वैसी ही रहती हैं… इच्छायें शांत हो जाती है तो ही काम में मन लगता है…”
बाहर से नौकर को बुला कर डिनर लगवा दिया… और कहा,” मेरी कार ले जाओ … और ये कम्प्यूटर सेट मीनू बेटी के होस्टल में लगा दो।
मैं खुश थी कि बिना चुदे ही कम्प्युटर मुझे मिल गया। डिनर के बाद मैं होस्टल जाने लगी तो एक बार अंकल ने फिर से मुझे गले लगा लिया।
“अंकल … प्लीज़ आप दुखी मत होईये… आपकी मीनू है ना… आपका पूरा खयाल रखेगी…” अंकल को किस करके मैं होस्टल की तरफ़ चल पड़ी।
अंकल मुझे जाते हुए प्यार से निहारते रहे…… Hindi Sex Stories
लेखक: मोहित शर्मा
हैलो दोस्तो एक बार फ़िर मैं Antarvasnaआप के सामने अपनी एक नई और अनोखी कहानी के साथ जिसमे मैने अपनी बड़ी भाभी के साथ दोबारा फ़िर से पूरे ५ साल बाद बंद हुए सम्बन्ध फ़िर कायम किये। मैने अपनी बड़ी भाभी को पहली बार चोदा था जब मैं केवल १९ साल का था और वो मेरी ज़िंदगी की पहली चुदाई थी।
मैने अपनी छोटी भाभी की कसी हुई गुलाबी चूत को जमकर चोदा था तब तक मैं काफ़ी बड़ा और अनभवी हो चुका था और मैं आप को बता दूं कि मेरे छोटी भाभी के साथ सम्बंध बनते ही बड़ी भाभी मुझ से नाराज़ हो गयी थी और सम्बन्ध तोड़ लिये थे। और आज मेरी उमर २४ है और इन ५ सालों में मैने अपनी छोटी भाभी को भरपूर प्यार दिया और अभी तक मैं अपनी छोटी भाभी को चोदता आ रहा हूं।
इन ५ सालो के अपनी छोटी भाभी के साथ हुए अनुभव भी मैं आप के साथ बाटूंगा लेकिन पहले मैं आप को ये मजेदार स्टोरी सुनाना चाहता हूं अपनी बड़ी भाभी की और ये बात केवल ३ महीने पहले की है जब मेरे लंड को पहले वाली चूत फ़िर से खाने को मिली जिसे मेरे लंड ने अपनी ज़िंदगी में पहली बार चोदा था।
तो अब में आप का वक्त ज़ाया न करते हुए अपनी कहानी पर आता हूं, बात जून २००७ की है भयंकर गर्मी के दिन थे उन दिनो मेरी वाइफ़ का ९ वा महीना चल रहा था और डिलेवरी होने वाली थी। तभी मैने अपनी बड़ी भाभी को मेरी वाइफ़ की मदद के लिये गांव से शहर बुलाया।
मैं ग्वालियर, मध्यप्रदेश मे रहता हूं और मेरा पूरा परिवार गांव में तो भाभी मेरे साथ आ गयी। मेरी वाइफ़ भाभी को देखकर बहुत खुश हुई हम दो कमरों का हिस्सा लेकर रह रहे है एक कमरे में हम तीनो सोते थे और दूसरे कमरे में मेरे डैडी और भाभी के बच्चे सोते थे गर्मी होने के कारण हम सभी ज़मीन पर सोते थे ताकी थोड़ी ठंडक मिल सके भाभी बीच में सोती थी और हम दोनो पति पत्नी भाभी के दोनो तरफ़।
दो तीन दिन तो आराम से गुजरे। लेकिन बाद में मेरे मन में उथल-पुथल होने लगी कि मैं कब भाभी कि मक्खन जैसी चूत को चोदू। मैं आप को बता दूं कि मेरी बड़ी भाभी मेरी छोटी भाभी से भी सेक्सी और चुदासी है उनकी चूत हमेशा लंड खाने को बेकरार रहती है। क्योंकि ऐसा एक भी दिन नहीं जाता जब वो भैया से न चुदें क्योंकि मैं कई बार उनकी चुदाई देख चुका था और उनके कमरे के बाहर से उनकी चुदाई की आवाज़ें सुनी थी।
इसलिये मैं जानता था कि भाभी मुझसे जरूर चुदेगी वो बगैर लंड के नहीं रह सकती इसलिये मुझे सिर्फ़ उनको भड़काने की ज़रूरत थी और ऐसा ही हुआ। एक दिन भाभी बहुत गहरी नींद में सो रही थी एक दम चित सीधी लेटी थी वो क्या लग रही थी चूची एक दम ऊपर की ओर तनी हुई टांगे फ़ैली हुई।
भाभी को ऐसे पोज में देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। फ़िर मैने अपना एक हाथ भाभी के सीने पर रख दिया और उनकी चूची दबाने लगा फ़िर मैने अपना एक हाथ भाभी की चूत पर रखा हाय! चूत में से एक दम गरम गरम भाप जैसी निकल रही थी और चूत एक दम फ़ूली हुई पाव रोटी की तरह मुलायम गद्देदार, मुझ से रहा नहीं गया और मैं भाभी की साड़ी ऊपर को खिसकाने लगा और उनकी जांघो पर हाथ फेरने लगा भाभी थोड़ी कसमसाई और अपनी एक टांग मोड़ ली जिससे उनकी चूत और फ़ैल गयी शीईईए हैईईई मैने जैसे ही अपना हाथ चूत पर रखा लेकिन भाभी ने पैंटी पहनी हुई थी मैने पैंटी एक साइड में कर के एक उंगली चूत में डाल दी और एक हाथ से चूची दबाने लगा।
हाय! लंड फ़टा जा रहा था चूत में जाने को। पूरे ५ साल बाद मेरे हाथ में वो चूत थी जिसे मैने पहली बार चोदा था। मैने अपनी उंगली आगे पीछे करनी शुरु कर दी उंगली चूत के अंदर बाहर होने लगी फ़िर भाभी ने कसमसाकर अपनी दोनो टांगे फ़ैला दी और दोनो हाथ बिल्कुल ऊपर उठा लिये। जिससे उनकी चूची और तन गयी और चूत तो जैसे बिल्कुल मुंह फ़ाड़कर लंद को निमंत्रण देने लगी कि आजा मेरे राजा मुझ में समा जा।
सच कहु तो उस पोसीशन में भाभी किसी मल्लिका या बिपाशा से कम नहीं लग रही थी हाय मेरी रानी। मैने अपनी एक उंगली और भाभी की चूत में घुसा दी अब भाभी की चूत से ढेर सारा पानी निकल रहा था मैं एक दम जोश में आ गया और दोनो उंगलियां तेज़ी से चूत में चलानी शुरु कर दी.
तभी भाभी जाग गयी और मुझे हैरानी से देख ने लगी लेकिन मैं मुस्कराने लगा। फ़िर वो सो गयी और मैं भी लंड हिलाकर सो गया फ़िर अगले दिन भी वही कहानी दोहराई इस बार मैने अपनी ३ उंगलियां चूत में डाली थी ३-४ दिन तक ऐसे ही चलता रहा लेकिन भाभी ने मुझे चुदने का सिग्नल नहीं दिया। लेकिन मैने फ़िर भी भाभी को नहीं बक्शा मैं उन्हे चोद कर ही माना ये सब मैने कैसे किया ये आप को अगले भाग में बताउंगा. Antarvasna
दोस्तो ! सबसे पहले गुरु जी Hindi Sex Stories को कोटि-कोटि प्रणाम, जिनकी दया दृष्टि से मुझ जैसे नाचीज़ की चुदाई के किस्से अन्तर्वासना में छपे और मुझे लोगों का इतना प्यार प्राप्त हुआ ! चैट पर मुझे कई लौड़ों ने संपर्क किया और मुझे से कई प्रश्न पूछे गए ! सो दोस्तों और सभी पाठकों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत प्यार ! सभी कह रहे हैं,”सनी यार ! अपनी किसी और चुदाई के बारे लिखो !” मुझे पाठकों को निराश नहीं करना है क्यूंकि मैं गांड तो खूब मरवाता हूँ लेकिन हर किस्सा तो नहीं बताया जा सकता ! फिर भी मैं आपको नवीनतम चुदाई के बारे में अब बताने जा रहा हूँ !
मुझे शिक्षा बोर्ड में किसी काम से अपने नाम को दरुस्त करवाने जाना पड़ा ! मुझे अपना काम निपटाते हुए मोहाली में ही शाम के पांच बज गए ! मैं बस स्टैंड पहुंचा तो कुछ राहत मिली कि रात्रि सेवा के तहत रात की सर्विस थी ! मैंने विडियो कोच का टिकेट लिया और बस में बैठ गया ! वहां से बस पूरी भर कर चली ! मैंने टू सीटर सीट ली! मेरे साथ एक अच्छा खासा मर्द बैठा ! मेरी नज़र बार बार उस पे जा रही थी, उसके लौड़े वाले स्थान पर !
थोडा अँधेरा सा हुआ ! मैं बहुत चिकना हूँ और मुझे वो मर्द बहुत पसंद आया ! अब उसने भी नोट किया कि मेरी निगाहें उसके फूले हुए हिस्से पर जा रुकती हैं ! अब मुझे लगा कि वक़्त आ गया है अपना जाल बिछाने का !
मैंने कहा,”आप कहाँ जा रहे हो? क्या करते हो?”
ऐसे ही उसने भी मुझ से कुछ सवाल पूछें ! मेरे बोलने का स्टाइल और चेहरा वो पढ़ रहा था ! जैसे ही बस नवां शहर पहुंची, काफी बस खाली हो गई और इस बस में रास्ते की सवारी नहीं लेते थे ! मैंने देखा कि अब सामने वाली सीट खाली है ! किसी की नज़र अब मेरे पर नहीं पड़ने वाली ! मैंने उसके साथ फिर से बातें करनी शुरू की ! अब बाहर पूरा अँधेरा छा गया था ! इस बार मैंने कुछ और ही विषय चुना !
मैंने कहा,”आप बहुत हैण्डसम हो ! आपकी बीवी भाग्यशाली होगी !”
वो बोला,”अच्छा ???”
मैंने कहा,”बिलकुल !”
फिर मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रखते हुए कहा,” और नहीं तो क्या ! इतनी बरदस्त बॉडी है, मजबूत जांघें हैं ! और क्या चाहिए किसी को ?”
वो कुछ नहीं बोला ! मैंने अपना हाथ उसके फूले हुए स्थान पर रखते हुए कहा,”आपका तो यह भी बहुत कड़क लगता है ! और क्या चाहिए किसी को ??”
मैंने पैंट के ऊपर से ही उसको सहलाना शुरू किया ! अब उसने अपना हाथ मेरे गले में डाल दिया ! मैंने अब आराम से उसके लौड़े को सहलाते हुए पूछा,” कैसा लग रहा है?”
उसने कहा,”बहुत अच्छा !”
मैंने उसकी जिप खोल कर अपना हाथ अन्दर डाल दिया और लौड़े के सर पर हाथ फेरते हुए जड़ तक उसका मुआयना किया ! मैंने कहा,”बहुत सॉलिड पीस है आपका ! “
उसने पूछा,”अच्छा लगा ?”
मैंने कहा,” बहुत अच्छा ! “
हम आगे बढ़ने लगे, तभी लुधियाना आ गया ! बस रुकी और कंडक्टर ने सबको कहा,” अगर किसी ने खाना वगैरा खाना है तो खा लो ! बस ३० मिनट रुकेगी ! “
सभी यात्री उतर गए ! न वो उठा न मैं ! अचानक वो सबसे पिछली सीट पे जाने के लिए उठा ! बोला,”यह पैसे पकड़ और नीचे से कोल्ड ड्रिंक के साथ प्लास्टिक ग्लास ले कर आ !”
उसके पास विस्की का पौवा था ! ज्यादा लोग नहीं थे बस में ! उसने दो पैग डाले और दोनों ने डकार लिए ! मैंने अब दिल खोल कर उसके पप्पू को निकाला और देखता रह गया ! सांवला लौड़ा मेरी कमजोरी है ! मैंने लौड़े को सहलाते हुए चेहरा झुकाया और चूसने लगा ! वो मस्त होने लगा ! तभी सीटी की आवाज़ सुन हम सीधे हो गए ! बस चल पड़ी ! सिर्फ दस के करीब सवारी बचीं थी ! उनमें से ४ तो शादीशुदा जोड़े थे ! सभी बैठ गए ! कंडक्टर आगे ड्राईवर के पास बैठ चुका था ! उसका काम अब ख़त्म था ! सभी जोड़े एक दूसरे से चिपक रहे थे ! हम अन्तिम सीट पे थे ! पूरी लम्बी की लम्बी सीट !
नशे के सरूर ने मुझे पागल कर दिया ! मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसका लौड़ा निकाल कर चूसने लगा ! सफ़र की वजह से मैंने सिर्फ लोअर डाला था ! उसने मेरा लोअर नीचे खिसकाते हुए मेरी गांड पे हाथ फेरा तो मेरी प्यास बढ़ गई ! उसने अपनी ऊँगली गीली करके मेरी गांड में डाल दी और वो ऊँगली-बाज़ी करने लगा ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! इतने में जालंधर आ गया !
वो बोला,”तू मेरे साथ चल ! मुझे तेरी गांड मारनी है !”
“लेकिन कहाँ ?” मैंने पूछा !
वो बोला,”यहीं पास ही मेरे दोस्त ने कमरा लिया हुआ है ! वो दिल्ली से यहाँ पढ़ने आया है ! अकेला रहता है, चलो चलते हैं !”
मैंने कहा,”ठीक है !”
हमने रिक्शा किया और पहुँच गए उसके दोस्त के घर ! बाहर रुक कर उसको मोबाइल किया और मेरे बारे में बताया ! उसका दोस्त भी बहुत हैण्डसम था ! मेरे साथ आया व्यक्ति बोला,”यह सनी है ! बस में इसके साथ दोस्ती हुई है और इसको खुश करना है !”
वो बोला,”ओह ! समझ गया दोस्त ! आ जाओ, घर में दारू पड़ी है !”
हमने दो दो पैग लगाये ! नशा आते ही मैं बेशर्म बन गया और उसका एक एक कपड़ा उतार दिया ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! दूसरे वाले ने मेरा लोअर खींच दिया और मेरा अंडरवियर नीचे खिसका कर मेरी गांड सहलाने लगा ! पहले वाले ने खींच कर मेरी शर्ट उतार दी ! मेरे लड़की जैसे मम्मे देख दोनों दंग रह गए ! वो सीधा लेट गया ! मैं उसके लौड़े पर बैठा हुआ उसको पूरा अंपनी गांड की गहराई तक पहुंचा लिया और खुद आगे पीछे हो चुदने लगा ! वो साथ में मेरा मम्मा मुँह में डाल कर चूस रहा था !
उसका दोस्त मेरे पास आया ! मैंने उसका लौड़ा निकाल लिया! क्या सॉलिड था वो भी ? गुलाबी लौड़ा ????? मेरे तो मुँह में पानी आ गया और मैंने झट से उसके लौड़े को चूसना चालू किया ! पहला वाला धनाधन मेरी गांड पे वार करने लगा ! मैं घोड़ी बन गया ! मैंने उनकी ओर अपनी गांड घुमाई! पहले वाले ने थूक लगा के अपना लौड़ा फिर से अन्दर डाल दिया ! उसका दोस्त मेरे सामने घुटनों के बल खड़ा अपना लौड़ा चुसवा रहा था ! दो-दो लौड़े देख कर मुझे सेक्स चढ़ने लगता !
वो बोले,” साले ! तू तो लड़की जैसा है ! कितना नाज़ुक और चिकना है तेरा बदन ?? ऊपर से यह मम्मे ? कोई १७ साल की लड़की जितने होंगे !”
“सालो ! दबवा -दबवा कर हुये हैं ! चोदो बस मुझे !” मैंने कहा !
“अभी ले साले ! दो लौड़े एक साथ डालेंगे तो फट जायेगी तेरी ! देखता जा बस ! ” उनमें से एक बोला !
वो गया और फ्रिज में से काफी मोटा खीरा ले कर आया ! उसने अपने दोस्त को दिया और पास में पड़ी बियर की बोतलें उठाई ! उसने अपना लौड़ा निकाला और पहले बियर की बोतलें घुसा दीं और मुझे उसी से चोदने लगा ! मैंने दोनों के लौड़े बारी-बारी चूस रहा था ! उसने बोतलें दूसरी तरफ रख कर खीरा मेरी गांड में घुसा दिया ! काफी मोटा था ! थोड़ा सा तेल लगा कर करीब ५ मिनट दोनों ने खीरे से मुझे चोदा ! देखते ही देखते मैंने पूरा खीरा अन्दर डलवा लिया !
एक दम से दोनों ने कंडोम अपने लौड़ों पर डाल लिए ! वो सीधा लेट गया और मैं उसके लौड़े पर बैठ गया ! पूरे का पूरा लौड़ा मेरी गांड में घुस गया ! साथ में उसने अपनी दो ऊँगली भी डाल ली ! पूरा घुसने पर उसने मुझे अपने साथ चिपका लिया ! अब पीछे से मेरी गांड चौड़ी हो गई ! दूसरा व्यक्ति मेरे पीछे बैठ गया और ऊँगली निकाल उसकी जगह अपना लौड़ा रखते ही दबाया ! दूसरे का लंड-मुंड भी मेरी गांड में घुस गया !
मेरी चीख निकल गई,”छोड़ दो, पलीज़……….! ” मैंने कहा,” एक- एक करके लो !”
किन्तु वो नहीं माना और आधे से ज्यादा लौड़ा मेरी गांड में घुसा कर रगड़ने लगा ! मेरा बुरा हाल था ! धीरे धीरे मुझे सुकून मिला और वो धक्के लगाने लगे !
एक बार दोनों ने मेरी गांड में दो लौड़े डाल कर दिखा दिया ! फिर एक ने निकाल लिया और दूसरे ने तेजी से गांड मारते हुए अपना माल कंडोम में छोड़ दिया ! दूसरा मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने भी कुछ देर मेरी गांड फाड़ने के बाद एक दम कंडोम उतार दिया और पेल दिया ! तीनों हांफने लगे ! दोनों मुझे चूमा-चाटी करते रहे और मैं उनके लौड़े सहलाता रहा ! उन दोनों के लौड़े आधे घंटे में फिर से तन गए और फिर शुरू हुआ दूसरा राउंड !
दो-दो बार चोदने के बाद हम नंगे वहीं सो गए ! सुबह ११ बजे मेरी आंख खुली ! मैं झट से उठा लेकिन उसके दोस्त ने मेरी बाजू पकड़ कर रोक लिया ! बोला,”छोड़ ! कितनी गर्मी है बाहर ! कल सुबह-सुबह निकल जाना ! एक रात और रुक जा ! रात को तुझे और मजे दिलवाऊंगा अपने दो नए दोस्तों के साथ ! “
मुझे ग्रुप सेक्स का शौक था ! वो बोले,” पास में दो और गांडू रहते हैं ! साथ-साथ करेंगे ! “
मैं मान गया और फिर हम मिल कर नहाने लगे ! बाथरूम में फिर से ठुकाई हुई मेरी !!!
उसके बाद क्या हुआ रात को यह अगली बार लिखूंगा ! बाय !!! Hindi Sex Stories
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