Important Notice: Mail for rent - info@tottaa.com

Massage Girl in Mon: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Mon who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Mon that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Mon massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Mon who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Mon massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Mon massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Mon who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Mon employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Mon helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Mon

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Mon at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स कहानी में मैं अपनी बीवी, साली और उसके पति के साथ भ्रमण पर गए. होटल में हम दोनों साढू एक दूसरे की बीवी की चुदाई करना चाहते थे.

फ्रेंड्स, मैं आज आपको अपने जीवन की एक सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ.
आगे बढ़ने से पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ.

मैं अभी 36 साल का हूँ और मेरी बीवी 33 साल की है.
उसका फिगर 34-30-36 का है. वह बड़ी ही कामुक है.

यह जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स कहानी कुछ 4 साल पुरानी उस वक्त की है जब मैं, मेरी बीवी, मेरी साली और उसका पति एक साथ किसी फैमिली फंक्शन में शामिल होने जा रहे थे.

उसी दौरान हमने सोचा कि आते जाते में थोड़ा बहुत कुछ पिकनिक जैसा कर लेते हैं.

यही सब सोच कर हमने एक स्विफ्ट कार बुक की.
उसमें हम 4 लोग थे.

मेरी बीवी वीना और साली रानी ने शादी अटेंड करने के बाद साड़ी ही पहनी हुई थी.
वे दोनों नेट की साड़ियां पहनी थीं और गजब की सेक्सी माल लग रही थीं.

मेरी साली का पति शशिकांत आगे ड्राइवर के बाजू वाली सीट पर बैठा था.
मैं पीछे की सीट पर अपनी बीवी के बाजू में था.

हम लोगों ने अम्बोली में जांघल रिसॉर्ट में दो दिन रुकने का प्लान बनाया हुआ था.

हम लोग अम्बोली लगभग 7 बजे शाम को पहुंचे.
उधर हमें रुकने के लिए एक छोटा सा फ्लैट जैसा कॉटेज मिला.

हमारे दो रूम बुक थे पर उन्होंने बताया कि एक रूम हमको सुबह मिलेगा.

अब हम सभी को यह रात उस एक रूम में ही रुक कर किसी तरह से मैनेज करनी थी.

उस दौरान लगातार छुट्टियां पड़ी थीं तो और कहीं भी रूम भी नहीं मिल रहे थे.

मेरी बीवी और साली के कहने पर हम सबको एक ही कमरे में अड्जस्ट करना पड़ा.

रूम ज्यादा महंगा भी नहीं था तो रूम भी नहीं छोड़ा जा रहा था.

अब मेरी बीवी और साली ने अपने कपड़े बदल लिए.
वे दोनों फर्श पर सोने के लिए राजी हो गई थीं.

मैं और मेरी साली का पति शशिकांत, हम दोनों बेड पर सो गए.

जब रात को लगभग एक बजे मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि मेरी साली और मेरी बीवी दोनों गहरी नींद में सो रही हैं और दोनों के कपड़े थोड़ा ऊपर की ओर हो गए थे.

मेरी बीवी का फिगर तो मैंने आपको ऊपर बता ही दिया है.
अब साली का फिगर भी आपको बता देता हूँ.
मेरी साली रानी का फिगर 36-30-38 का है.

उन दोनों ने शर्ट पहनी हुई थी.

मेरी बीवी ने शर्ट के नीचे लैगिंग्स पहनी थी जबकि रानी ने लोंग स्कर्ट पहना हुआ था.

मैंने जब रात को उन्हें देखा तो दोनों की ढीली-ढाली शर्ट्स ऊपर हो गई थीं जिससे उनके दूध दिखने लगे थे.

मैं रानी के टाइट बूब्स देख कर पागल हो गया.
उसका स्कर्ट भी जांघों तक ऊपर आ गया था.

मैं लंड सहलाते हुए सोच रहा था कि इसके ऊपर चढ़ ही जाऊं.
उसके मादक फिगर देख कर मैं एकदम से पागल हो गया था.

मैं उठा और बाथरूम जाकर आया.

उतने में मैं देखा कि शशिकांत जो मेरे बाजू में सोया था वह नींद में मेरी जगह आ गया था.
मैं उसकी जगह जाकर सो गया.

थोड़ी देर बाद मैंने देखा तो शशिकांत अपने बरमूडा में हाथ डाल कर लंड हिला रहा था.
मैंने थोड़ा ऊपर को उठ कर देखा तो बेड के नीचे पहले मेरी बीवी वीना सोई थी.

उसकी शर्ट भी लगभग पेट के ऊपर और मम्मों से ठीक नीचे तक आ गई थी.
मेरी आहट सुनकर शशिकांत ने आंख बंद कर लीं और वह सीधा लेट कर सोने की एक्टिंग करने लगा.

इधर मैं अपनी साली रानी की जांघें और उसके कसे हुए दूध देख कर पागल सा हो रहा था.
शशिकांत भी शायद मेरी बीवी वीना के मम्मों को शर्ट के ऊपर देख कर गर्मा रहा था.

मैं फिर से उठ कर बाथरूम गया और वापस आते ही देखा तो शशिकांत दीवार की ओर मुँह करके सो गया था.
मैंने इधर उधर देखा और रानी का स्कर्ट थोड़ा सा और ऊपर कर दिया.

फिर धीरे से उसकी शर्ट के भी एक बटन को खोल दिया जिससे उसका आधा दूध बाहर आ गया.
अब मैं जाकर लेट गया.

पांच मिनट के बाद मैंने सोने का नाटक किया और देखा कि शशिकांत वीना की तरफ देख कर फिर से अपने लंड को सहलाने लगा.

वीना सीधी होकर सो गयी थी, जिससे उसका दूध बाहर लटकने लगा.

यह देख कर शशिकांत पागल हो गया और उसका हाथ तेज तेज चलने लगा.

फिर उससे रहा न गया तो वह बाथरूम में चला गया और उधर मुठ मारने लगा.

जब शशिकांत बाथरूम के अन्दर मुठ मार रहा था.
तब मैंने रानी के स्कर्ट को उठाकर एक बार उसकी चूत में उंगली की और उंगली को सूंघा.

उसकी चूत की महक से मुझे नशा सा चढ़ने लगा.
उतने में ही बाथरूम से निकलने जैसी आवाज आई, तो मैं सोने का नाटक करने लगा.

जल्दबाजी में हुई गड़बड़ी में रानी का स्कर्ट ऊपर किया हुआ वैसे ही रह गया.
अपनी बीवी की खुली चूत देख कर शशिकांत समझ गया कि कुछ गड़बड़ हुई है.

मेरे ख्याल से शशिकांत को समझ आ गया था कि मैंने ही उसकी बीवी की चूत के साथ कुछ किया है.
वह कुछ नहीं बोला और अपनी बीवी की चूत ढक कर मेरे बाजू में आकर सो गया.

उसके कुछ देर बाद मैं भी सो गया कि खामखा में लफड़ा न हो जाए.
सुबह उठ कर हम सब तैयार हो गए.

वीना ने टी-शर्ट और जीन्स पहनी थी.
रानी ने शॉर्ट कुर्ती ओर लैगिंग्स पहनी थी, जिसमें से उसकी जांघें मस्त दिख रही थीं.

मैं कार में पीछे वीना के साथ बैठा था.
वीना के बाजू में रानी थी.

शशिकांत बात करने के बहाने वीना के मम्मों को घूर रहा था.

वापस आते वक़्त मुझे उसकी मनोदशा का पता चल गया था कि इसका बस चलेगा तो यह मेरी बीवी को चोद देगा.
हम सबको कमरे तक पहुंचने में अभी भी एक घंटा का रास्ता तय करना शेष था.

रानी कार में ही सो गयी थी.
मैंने अपने घुटने दर्द होने का बहाना किया और आगे ड्राइवर के बाजू वाली सीट में बैठने का कहा.

शशिकांत राजी हो गया तो मैंने उसको पीछे भेज दिया.
रानी सो रही थी, तो शशिकांत को वीना के बाजू में बैठ जाने के लिए बोल दिया.

वीना भी थकान की वजह से थोड़ी नींद में थी.
कुछ मिनट बाद वह भी गहरी नींद में सो गयी.

मेरी बीवी वीना और रानी दोनों ही भरे बदन की हैं, तो पीछे तीनों के बैठने से वे सब बहुत चिपक कर बैठे थे.
मैं चुपके से शशिकांत को देख रहा था.

वह वीना की जांघ पर हाथ रख कर बैठा था.
कमरे पर पहुंचने में अभी भी 45 मिनट का वक्त बाकी था लेकिन कुहरे की वजह से मैंने ड्राइवर से स्लो चलाने को बोला था.

वीना शशिकांत के कंधे पर सिर रख कर सो गई जिससे उसके बूब्स शशिकांत के हाथ को लग रहे थे.
वीना का हाथ भी शशिकांत की जांघ पर आ गया था.

हम दोनों ने शॉर्ट्स पहने थे.
हम जिस स्पॉट पर गए थे, वहां वॉटर स्पॉट था.

शशिकांत का लंड टाइट हुआ था.
मैंने भी एक तरफ मुँह करके सोने का नाटक करना शुरू किया.
साथ ही मैं उन दोनों की हरकतों को भी देख रहा था.

शशिकांत ने वीना के हाथ को धीरे धीरे से अपने शॉर्ट्स के ऊपर लंड पर ले लिया.
वीना नींद में थी और बाहर का मौसम ठंडा था तो उसने भी लंड की गर्मी पाकर अपने हाथ को शशिकांत के लौड़े पर रख दिया था और शायद लंड को पकड़ लिया था.

थोड़ी देर बाद शशिकांत ने धीरे से अपने शॉर्ट्स को ऊपर किया और वीना के हाथ को अपने शॉर्ट्स में डलवा लिया.
वीना ने पोलो टी-शर्ट पहनी थी.

शशिकांत धीरे से उसकी टी-शर्ट के ऊपर से वीना के एक दूध को रगड़ रहा था.

मैंने देखा कि अभी भी हमारा होटल 30 किलोमीटर दूर था और मौसम के हिसाब से हम को अभी भी 30-35 मिनट का समय लग सकता था.
शशिकांत ने अपने अंडरवियर को साइड करके धीरे से अपना लंड वीना के हाथ में दे दिया और वीना नींद में ही उसे पकड़ कर सोई थी.

इधर रानी भी गहरी नींद में थी.
मुझे भी ये सब देख कर उत्तेजना हो रही थी.

वीना लंड छोड़ कर एक तरफ होकर सो गई.
शशिकांत ने भी अपना लंड अन्दर कर लिया.

मैं सोने का नाटक करता हुआ सब देख रहा था.
शाम के अंधेरे के कारण थोड़ा अंधकार सा हो गया था.

वीना अभी भी सीधी बैठ कर सो रही थी.
शशिकांत ने बैठे हुए ही उसकी ओर मुँह कर लिया था और वह सोने का नाटक करते हुए उसकी जांघों पर हाथ रखे था.

इतने में हमारी कार होटल के नजदीक आ गई थी.
शशिकांत सही होकर बैठ गया.

हम सब कमरे में पहुंचे और मैंने सबको जगा कर उतरने के लिए कहा.
जब हम सब कमरे में पहुंचे, तो होटल वालों ने हमारे लिए उसी रूम में दो डबल बेड्स और लगा कर व्यवस्था कर दी थी.

शशिकांत को मैंने लेडीज को रेडी होने तक ड्रिंक्स के लिए बुलाया.
हम दोनों ने उस दिन रूम में ही ड्रिंक्स लिए.

मैंने शशिकांत को पूरा क्वॉर्टर पिला दिया था, जिससे वह टाइट हो गया था.
अब मैंने उससे कहा कि रानी में जो बात है, वह बात वीना में नहीं है.

ड्रिंक्स के नशे में शशिकांत ने कहा- नहीं, जो कोऑपरेशन वीना देती है … वह बात रानी में नहीं है.
मैंने कहा- तुम झूठ कह रहे हो. रानी एक सेक्सी माल है और फुल कॉपरेटिव है.

हम दोनों ने नशे की टुन्नी में तय किया कि आज इन दोनों को वोदका पिला देते हैं और चैक कर लेते हैं कि कौन सही है.
उसे भी मेरा आइडिया समझ में आ गया.

दरअसल हम दोनों ही एक दूसरे की भावना को समझ गए थे कि आज हम दोनों एक दूसरे की बीवियों को चोदने का मजा ले लेते हैं.

शशिकांत ने मेरी राय से इत्तफाक जताते हुए हामी भर दी और कहा- हां चलो, इनको भी मस्त कर देते हैं.

हम दोनों को अपनी बीवियों को खाने के लिए बाहर ले जाना था.
पर मैंने शशिकांत से कहा कि इनको नहीं ले जाते हैं. बल्कि इनको कोल्डड्रिंक की दो लीटर की बोतल में दारू मिक्स करके बड़ा पैग बना कर पिला देते हैं और रात को मजा लेते हैं.
शशिकांत राजी हो गया.

अब हम दोनों यह सब सामान लेकर होटल आ गए.
जब होटल पहुंचने को हुए, तब मैंने बाहर से ही वीना को और शशिकांत ने रानी फोन करके बोला कि यहां सब बंद हो रहा है. हम लोग खाने पीने का सामान पार्सल बनवा कर ला रहे हैं.

रानी ने ओके बोल दिया.
जब हम कमरे में पहुंचे तो रानी का मुँह किसी बात पर फूला हुआ था.

शायद वह डिनर के लिए बाहर जाना चाहती थी, मगर हम दोनों के न होने के कारण वह जा नहीं सकी थी.
शशिकांत ने उससे कहा- रानी अब मान भी जाओ. लो तुम स्पेशल वाली कोल्डड्रिंक पियो … अन्दर तक झनझनी आ जाएगी.

यह कह कर उसने रानी को आंख मार दी.
वह भी मुस्कुरा दी.

मैं समझ गया कि रानी ड्रिंक करती है और इसलिए ही वह मुस्कुराई है.
अब रानी और वीना ने कोल्डड्रिंक पीनी शुरू की.

वीना को कोल्डड्रिंक का टेस्ट कुछ अलग सा लगा, तो रानी ने उससे कह दिया- बढ़िया स्वाद है. आप बिंदास पियो.

वे दोनों चिप्स ख़ाती हुई कोल्डड्रिंक पीने लगीं.
उन दोनों में मस्ती चढ़ने लगी.

उन्हें थोड़ा नशा सा महसूस होने लगा था.

मैं रानी के पास बैठा था और शशिकांत वीना के पास.

उन दोनों ने ब्रा नहीं पहनी थी.
वे दोनों लेग्गिंस और ढीली सी टी-शर्ट में थीं.

मैं ओर शशिकांत सिगरेट पीने लगे.

मैंने खुल कर कहते हुए कहा- शशिकांत, तुम वीना के साथ इन्जॉय कर सकते हो … मैं भी रानी के साथ मस्ती कर लूँगा.
उसने ओके कहा.

अब हमारे बीच सब खुलासा हो गया था कि हम दोनों वाइफ स्वाइप करने को राजी हैं.

हम दोनों अन्दर गए.
देखा तो वे दोनों नशे में थीं.

मैं रानी के साथ बैठ गया और शशिकांत वीना के साथ बैठ गया.

शशिकांत बची हुई ड्रिंक्स वीना को पिला रहा था और मैं रानी को.

जब रानी पी रही थी तो मैंने अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया और सहलाने लगा.

उसने नशे में कुछ विरोध नहीं किया तो मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रखा और उसकी चूत को कुरेदने लगा.
उसने अब भी कुछ नहीं कहा.

मैंने उसे धीरे से किस किया और शशिकांत को भी इशारा कर दिया.

उसने बॉटल नीचे रख कर वीना को किस किया और अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डाल कर उसके मम्मों को मसलने लगा.

मैंने अपनी टी-शर्ट को निकाल दिया और रानी से कहा- बहुत पसीना निकल रहा है.
वह हंस दी.

मैं अब सिर्फ़ अंडरवियर में था.
मुझे देख कर शशिकांत ने भी अपना सब निकाल दिया.
वह भी सिर्फ़ अंडरवियर में हो गया.

हम दोनों ने आंखों में इशारा किया और एक दूसरे की बीवियों को बेड पर ले गए.

मैंने एक सिगरेट सुलगाई और रानी को दो पफ पिलाए.

उधर शशिकांत ने भी वीना को दो पफ पिलाए, जिससे नशा और चढ़ गया.

मैं रानी किस करने लगा और शशिकांत ने वीना को स्मूच करना शुरू कर दिया.
शशिकांत अब आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था.

उसने वीना को चूमते हुए उसे पूरी नंगी कर दिया.
साथ ही उसने खुद को भी पूरा नंगा कर दिया.

मैं उसका लंड देख कर दंग रह गया.
उसका लंड काला था और 8 इंच से कुछ ज्यादा लंबा व मोटा था.

जबकि मेरा सात इंच का था.
हालांकि मेरा लंड शशिकांत के लंड से मोटा था.

मैंने भी रानी के कपड़े निकाल दिए और देखा कि उसने अपनी चूत को पूरा साफ किया हुआ था.

मैंने बिना कुछ सोचे अपना मुँह रानी की चूत में लगा दिया.
उसकी चूत पूरी रसीली थी.
मैं समझ गया कि यह भी चुदासी है.

वह मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी.
उधर शशिकांत वीना के मम्मों को मसल कर चूस रहा था.

उसने अपना लंड वीना की चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा.
वीना चुदासी होकर उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी.

इधर रानी की चूत चाटने के बाद मैंने उसकी चूचियों का रुख किया.
रानी ने पलट कर मेरा लंड मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगी.
मेरे लंड को चूसने के साथ साथ वह मेरे दोनों बॉल्स भी चूस रही थी.

मैं इसी सुख के लिए वीना से शादी से ही उसके पीछे पड़ा था.

अब रानी उठ खड़ी हुई और वह अपनी टांगों को फैला कर अपनी चूत में मेरे मुँह घुसवा कर चटवाने लगी.

मैंने अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में पेल दी.
वह मस्ती में आह आह करने लगी और मेरे मुँह में ही झड़ गयी.

उधर वीना ने शशिकांत का लंड अपनी चूत में ले लिया था और उसे अपने सीने से चिपका कर चुदवाना शुरू कर दिया था.

वह अति उत्तेजित होकर जोर जोर से चीखने लगी थी- आह चोदो … मजा आ गया … आह और जोर से चोदो!

मैं भी मूड में आ गया और मैंने भी रानी की चूत में लंड घुसेड़ दिया.
रानी भी कामुक सिसकारियां निकालने लगी- आअह हम्म्म डार्लिंग प्लीज … चोदो … हम्म्म आअह.

हम दोनों ने एक दूसरे की बीवियों को हचक हचक कर देर तक चोदा.

शशिकांत ने अपने लंड का माल वीना की चूत में ही छोड़ दिया और वह उसके ऊपर ही लुड़क गया.

फिर जब मैं झड़ रहा था तो रानी ने मुझसे लंड निकलवाने का कहा.
उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.

वह मेरे लंड की रबड़ी को खा गई और उसने लंड चाट कर साफ कर दिया.

हम चारों बिना कपड़ों के ही लेट गए.
मैंने रानी की चूत पर स्केच से लिख दिया- राजा के लिए रानी की चूत.

शशिकांत ने लिखा कि वीना की चूत शशिकांत के लिए!

हम सभी ने एक एक पैग और लिया और सिगरेट पीकर वैसे ही नंगे सो गए.

एक घंटा बाद फिर से सेक्स का नंगा नाच शुरू हो गया.
जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स का हम लोगों एक एक राउंड और लिया.

इस राउंड में मैंने अपना माल रानी की चूत में ही छोड़ दिया.
शशिकांत ने भी अपना माल वीना की चूत में टपका दिया था.

अपनी अपनी बीवियों की चूत में गैर मर्द के लंड का पानी टपकने का यह नतीजा निकला कि आज मेरी बेटी सांवली है और रानी का बेटा गोरा है.

हम चारों को बहुत मजा आया तो हम लोग तीन दिन तक वहीं रुके रहे.

उन तीन दिनों में हमें पूरा चुदाई का खेल किया.

दोनों लेडीज को सैंडविच चुदाई का मजा भी दिया.
रानी ने वीना को लंड चूसना सिखा दिया.

उस सबका वर्णन मैं आपको अपनी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स कहानी पर आप अपने विचार हमें जरूर भेजें.

Sex Stories

यह पत्र गीता वर्मा ने Sex Stories पूनम सक्सेना को लिखा दोनों की एक सहेली सोनू की समस्या के बारे में :

प्रिय पूनम,

मैं गीता वर्मा हूँ, सोनू की रूम-मेट, मैं उसी के कॉलेज से बीएससी बायलोजी कर रही हूँ।

आज काफ़ी सुबह से उठकर सोनू नेट पर बैठी थी, मैंने उससे पूछा कि कोई परेशानी है क्या तुझे?

तो फिर उसने सब बताया और आपके बारे में भी बताया।

सोनू गांव की सीधी सादी एक लड़की है जो इन्दौर आई है पढ़ने के लिये, वो देखने में भी काफ़ी अच्छी है। उसकी फ़िगर ३२ २४ ३४ होगा करीबन। यहां इन्टरनेट पर बैठ कर उसकी जवानी मचल उठी है, जिसकी वजह से उसे परेशानियाँ हो रही हैं।

अब जवान लड़की की चूत है, आग तो लगेगी ही उसमें, उसका तो कोई क्या कर सकता है !

मैं उसके साथ ही सोती हूँ और मैंने उसे कई बार तड़पते हुए महसूस किया है, वो यह समझती है कि मैं सो रही हूँ।

वो अकसर करवट बदल बदल कर अपनी योनि पर सलवार के ऊपर से हाथ फ़ेरती है, रज़ाई डाल लेती है ऊपर से, और कम से कम रात में ६ या ७ बार बाथ रूम जाती है।

आप समझ सकती है कि क्या करने पर उसकी बेचैनी दूर होगी पर उसे पता ही नहीं कुछ और प्यासी ही लौट आती है शायद।

ऐसे में मेरी चूत में भी खुजली होने लगती है, पर मैं कंट्रोल कर लेती हूँ। मै भी अपनी योनि में उँगली करती हूँ कभी कभी !

अकसर नहाने से पहले या सुबह पहले पेशाब करने के बाद, मेरी झिल्ली अभी फ़टी नहीं है पर मैं इतना अन्दर कर लेती हूँ कि मजा आए और शान्ति मिल जाये, पर सोनू इतना नहीं कर पाती।

ना जाने क्यूँ अब यह तो उसकी चूत देखकर ही पता चलेगा कि क्या प्रोबलम है, पर आज उसने मुझे मना कर दिया चूत दिखाने को, पता नहीं क्यूँ, वो बोली कि नहीं मैं पहले पूनम जी से बात करूंगी।

और फिर मैने डाक्टर का कहा तो उसने मना कर दिया बोली कि नहीं, मैं डाक्टर के सामने नंगी नहीं होना चाहती हूँ !

अब आप तो समझ ही सकती है कि कोई लड़की कितना भी कर ले, लण्ड का मजा तो लण्ड से ही मिलता है, और वो हमको शादी से पहले नहीं मिलेगा।

वैसे मैं तो बायो की स्टूडेन्ट होने के कारण ये बोल सकती हूँ कि जब तक चूत की झिल्ली नहीं फ़टेगी तब तक पूरा पूरा सेटिस्फ़ेक्शन कभी नहीं होगा क्यूँकि योनि में जो आग लगती है जवानी में, वो अन्दर झिल्ली के पीछे लगती है। जब तक झिल्ली के पीछे तक उंगली य लण्ड नहीं जाता तब तक चूत प्यासी ही रहती है चाहे कोई ऊपर से कितना भी फ़िन्गर कर ले।

झिल्ली यानी हायमन एक पर्दा होता है, चमड़ी या स्किन कह लो, जिसमे बहुत छोटे छोटे छेद होते हैं या एक थोड़ा बड़ा भी हो सकता है,

इन छेदों से ही मासिक-धर्म का खून और चूत का पानी आता है, पर झिल्ली इसके बीच में एक रुकावट का काम करती है।

एक बार झिल्ली फ़ट जाये तो फ़िर सब खुल कर फ़्लो होता है, नहीं तो रुक रुक कर आता है।

मैने सोनू की चूत अभी देखी तो नहीं है पर ९०% लड़कियों की झिल्ली तो वैसे ही फ़ट जाती है, कभी खेलकूद में या स्कूटी वगैरह की किक लगाने में।

सोनू की चूत देखकर ही कहा जा सकता है कि उसकी झिल्ली फ़टी है या नहीं।

क्युंकि कभी कभी झिल्ली तो खुली होती है पर बस उसे एक हल्के से झटके की जरूरत होती है रास्ता साफ़ करने के लिये।

मैंने यही सोच कर सोनू को कहा था कि अपनी योनि दिखा !

हाँ, वैसे हमारे कॉलेज में टायलेट की दिक्कत है थोड़ी,

क्यूंकि इतनी उमर की लड़कियों में शरम लगती है, और सोनू तो बहुत शर्मीली है,

वो जीन्स भी नहीं पहनती कॉलेज में टायलेट के डर से कि पीछे से खुला दिखता है पेशाब करते वक्त।

मैंने उसको कई बार समझाया कि गर्ल्स टायलेट में गर्ल्स ही आती हैं तो इसमें शर्माना क्या?

तू अपना सू सू किया कर और आ जाया कर, या तो फिर वहाँ पर मत जाया कर,

यहाँ कमरे पर आकर कर लिया कर,

पर वो कहती है कि मुझे ज्यादा बार जाने की इच्छा होती है और रोक नहीं पाती एक घन्टे से ज्यादा।

खैर लड़कियों का ब्लेडर छोटा होता है पर मैं रोक लेती हू तीन घन्टे तक।

और वैसे भी मुझे शरम नहीं आती है वहां पर, मैं तो आराम से करके आ जाती हूँ,

भले ही मेरा मासिक हो रहा हो।

सोनू को पता नहीं क्या प्रोबलम है, बोलती है कि उठने बाद भी सू सू गिरता है पेन्टी पर।

और यहां कमरे के बाथ रूम में भी पूरे कपड़े उतार के नीचे बैठती है।

वैसे ये प्रोबलम ज्यादा सेक्स की इच्छा के कारण होती है, मुझे भी कभी कभी जब सेक्स की इच्छा होती है

तो ऐसा लगता है कि बाथ रूम जा कर आऊं और थोड़ा सा पेशाब आ भी जाता है।

सोनू के साथ यही हो रहा है शायद, इसलिये १०-१५ बार जाती है पेशाब के लिये।

और ऊपर से, पहले नीचे से नंगी होती है और फिर वापस कपड़े पहनती है।

वैसे अगर हम कल डाक्टर के पास गये तो भी डाक्टर इसका यही इलाज बतायेगी कि झिल्ली फ़ाड़ लो या किसी से सेक्स करा लो।

वैसे मैं तो जाऊंगी ही, मुझे तो मासिक भी ठीक से नहीं आ रहा है।

सोनू का पता नहीं कि वो जायेगी या नहीं

आप उस से बोल दें कि वो मुझे एक बार उसकी चूत देखने दे, शायद मैं उसकी समस्या हल कर सकूं।

और अगर वो किसी से चुदवाना चाहती हो तो एक रास्ता और है मेरे पास,

एक लड़के का भी इन्तज़ाम हो जायेगा, और अगर सिर्फ़ उसकी झिल्ली फ़ाड़नी हो तो भी एक रास्ता है मेरे पास,

अब जैसा आप सही समझें मुझे बता देना कि सोनू का क्या करना है

और हां मेरे दोनों प्लान अभी आपको नहीं बताये है कि मैं कैसे लाऊंगी लड़का या कैसे उसकी झिल्ली फाड़ूंगी

पूनम आप मुझे मेल करना मैं आपको प्लान बता दूंगी पर आप उसे मत बताना

आपकी सहेली Sex Stories

गीता

Antarvasna

मेरा नाम राकेश है, मेरी Antarvasna उम्र 23 साल है. मुझे कंप्यूटर पर अच्छी तरह लिखना नहीं आता फ़िर भी कोशिश कर रहा हूँ. आपको लगे या ना लगे, यह मेरी सच्ची कहानी है.

बंटी हमारे घर के बगल में रहती है. वो दिखने में बहुत सुंदर ओर सेक्सी है. उसका कद करीब 5’5′ है. रंग गोरा है. उसके मम्मे छोटे हैं. मुझे छोटे मम्मे वाली लड़कियाँ ही पसंद हैं. मैं उसके बारे में सोच कर बहुत बार मुठ मार चुका था. मैं उसे चोदने का मौका ढूँढ रह था. जब भी मौका मिलता मैं उसे और वो मुझे देखकर मुस्कुराती थी. मैंने उससे आगे बढ़ने की सोची.

एक दिन जब वो कपड़े सुखाने आई तो मैंने सेक्सी तसवीरों वाली किताब उसके बगल में फेंकी और मैं दीवार के पीछे छिप गया. उसने वो किताब नहीं उठाई. मैं घबरा गया कि अगर उसने घरवालों को बताया तो मैं मर ही गया समझो.

लेकिन कुछ देर बाद वो फ़िर आई और उसने वो किताब उठाई और चली गई. दो दिन बाद जब वो दिखी तो शरमा के किताब मेरी तरफ फेंकी और धीमी आवाज में बोली- और किताबें हैं क्या?
मैं बोला- यह पसंद आई क्या?
उसने शरमा के हाँ में सिर हिलाया तो मैंने उसे हमारे घर के पिछवाड़े बुलाया.
उसने कहा- कल शाम को आऊँगी.

दूसरे दिन शाम को जब वो आई, मैंने किताब देने के बहाने उसका हाथ पकड़ लिया. वो घबराकर छुड़ाने लगी, बोली- कोई आ जायेगा!
मैंने कहा- कोई नहीं आयेगा!
शाम का समय था, इसलिये वहाँ कोई नहीं आता था.
मैंने उसे कहा- सिर्फ किताबों में ही पढ़ेगी या असल में भी कुछ करोगी?
उसने कहा- ना बाबा! बच्चा हो गया तो?
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं होगा.

ऐसा कहते ही मैंने उसे अपनी बाहों में कस लिया और उसके गालों को चूम लिया. वो मुस्कुराई. फ़िर मैंने उसके होठों को चूसा, मुझे पता चल गया कि यह उसका पहला ही चुम्बन है.

उसके बाद मैं धीरे धीरे उसका स्कर्ट ऊपर उठाने लगा. उसने मुझे रोकने की कोशिश की लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था. मैं धीरे धीरे उसकी जांघ सहलाने लगा. उसे मजा आने लगा था, मेरे हाथ उसकी पेंटी पर लग रहे थे. मैं पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा. उसके बाद मैं उसके टॉप के बटन खोलने लगा. जब मैंने देखा तो मैं दंग रह गया, उसके मम्मे बहुत गोरे और बिल्कुल छोटी नाशपाती की तरह थे. मैं उसकी एक चूची अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. बंटी कसमसाई उसके मुँह से सिसकारी निकलने लगी, मेरा भी ख्वाब पूरा हो रहा था. मैं एक हाथ से उसका एक मम्मा दबा रहा था.

फ़िर मैंने उसकी पेंटी निकाल दी और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा. मेरे हाथ को उसकी चूत के नये छोटे छोटे बाल लगे. फ़िर मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाली तो वो एकदम से चीखी- आऊच और बोली जरा धीरे! मैंने पहले ऐसा कभी किया नहीं!

मैं धीरे धीरे अपनी उंगली उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा. फ़िर मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया. इतना बड़ा लंड उसके छोटे हाथों में बैठ भी नहीं रहा था. उसे मेरा लंड गरम लगा तो वो बोली- तुम्हारा लंड गर्म है, तुम्हें बुखार है क्या?

मैं हंसने लगा और बोला- जब आदमी का लंड खड़ा होता है तब वो गर्म भी होता है.

मैंने उसे हाथ से लंड को हिलाने को कहा. उसके कोमल हाथ मेरे लंड को मसलने लगे. मैं मानो जैसे जन्नत में सैर कर रहा था. फ़िर मैंने उसे दीवार से टिकाकर खड़ा कर दिया. उसके बाद मैंने उसकी एक टांग उठाई, अब मुझे उसकी चूत पूरी तरह दिख रही थी. मैं अपना लौड़ा उसकी चूत पर रख कर अंदर डालने की कोशिश करने लगा लेकिन उसकी चूत बहुत कसी थी, इसलिये अंदर नहीं जा रहा था. मैंने उसे लंड चूसने को कहा पर वो नहीं मानी.

मैंने भी सोचा कि अच्छा खासा मौका हाथ से निकल जायेगा इसलिये उसे सिर्फ सुपारे पर चाटने को कहा. उसने मेरे सुपारे पर अपनी जीभ फ़िराई.

मैं नीचे बैठकर उसकी चूत चाटने लगा. वो आँख बंद करके मजा लेने लगी. जब मैंने देखा कि उसकी चूत गीली हो चुकी है तो मैंने फ़िर से अपना सुपारा उसकी चूत पर रख कर अंदर डालने की कोशिश की. इस बार मेरा लंड आधा उसकी चूत में घुस गया, वो दर्द से चिल्लाने लगी. मैंने अपना एक हाथ उसके मुँह पर रख दिया और आधा ही लंड अंदर-बाहर करने लगा. फ़िर धीरे धीरे अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाला, वो दर्द से और भी चिल्लाने लगी. मैं फ़िर कुछ देर वैसे ही रुका. फ़िर अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा. वो सिसकारियाँ भरने लगी.

मैं धीरे धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ाने लगा. मैं उसे खड़े-खड़े ही चोदने लगा. कुछ देर बाद उसने मुझे कस कर पकड़ लिया. मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है, इसलिये मैंने अपनी गति बढ़ा दी.

उसके मुँह से अअऽऽ आआ शशससउ ऐसी आवाजें निकलने लगी और वो मुझे कसकर पकड़ कर झड़ गई. उसकी चूत में से पानी और कुछ खून निकलने लगा. यह देख कर मुझे भी जोश आने लगा और अब हम दोनों सातवें आसमान पर थे. इस बीच वो दूसरी बार झड़ गई. करीब छः सात मिनट बाद मैं भी झड़ने के करीब पहुँचा, बंटी आय लव यू! कहकर उसे जोर जोर से चोदने लगा. अब मैं झड़ने ही वाला था कि झट से मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और मेरा सारा वीर्य बंटी के पेट और चूत के ऊपर गिर गया और मैं ढीला होकर उसके ऊपर गिर गया. कुछ देर बाद हमने अपने अपने कपड़े पहन लिये, जाते वक्त फ़िर से उसके चूचे दबाये और उसे चूमा.

बंटी से दोबारा मिलने का वादा करके उसे मैंने लाई हुई किताब दी और वो शरमा के बोली- माँ तो नहीं बनूंगी ना?
मैंने कहा- इसी लिये तो मैंने अपना वीर्य तुम्हारी चूत में गिरने नहीं दिया.
उसने कहा- आज बहुत मजा आया.

मेरी भी बरसों की तमन्ना पूरी हो गई थी.

दोस्तो, कहानी अच्छी लगी या बुरी जरूर बताना. Antarvasna

वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी में मेरी नजर एक लड़की पर थी पर मेरी दोस्ती उसकी बहन से हो गयी. लेकिन फिर भी मैं उसी लड़की को पसंद करता था.

दोस्तो, मेरा नाम नोनू है. यह नाम मेरी जान ने रखा है.
मैं हापुड़ उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ.
मैं लॉ पोस्ट ग्रेजुएट हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है और रंग साफ है. देखने में भी मैं ठीक ठाक हूँ.

आज मैं आपको एक खुद की सेक्स कहानी बता रहा हूँ, यह वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी बिल्कुल सच है.

दोस्तो, वैसे तो मेरा अफेयर बहुत सारी लड़कियों के साथ रहा है और मैंने कई लड़कियों के साथ सेक्स भी खूब किया है.
लेकिन आज जो मैं आपको बताने जा रहा हूं, वह उस लड़की की है … जिसे आज मैं सच्चे दिल से प्यार करता हूँ.

यह बात उन दिनों की है, जब मैं एलएलबी के पहले साल में था और वह 12वीं में थी.
उसका नाम कशिश था. नाम की तरह उसमें भी बहुत कशिश थी.

वह लगभग 5 फुट हाईट की, एकदम साफ परियों की तरह सफेद रंगत वाली लड़की है, उसकी 32-28-34 की साइज है.
कशिश के बाल बहुत लंबे हैं, जो उसके चूतड़ों से भी नीचे झूलते हैं.

वह देखने में किसी हसीना से कम नहीं लगती है.

शुरूआत में जब मैं उसको देखता था तो देखता ही रह जाता था.
मैं उसे बहुत पसंद करता था और उसे अपनी जीएफ बनाना चाहता था.

लेकिन मेरे दोस्त मुझे बताते थे कि वह मुझसे बहुत जलती है. वह मुझसे कभी बात ही नहीं करेगी.
मैं फिर भी उसके पीछे पड़ा रहता था.

कहानी में एक अजीब सा मोड़ तब आया, जब मेरी बात उसकी चचेरी बहन से हो गई.
वह लड़की ज्यादातर समय कशिश के साथ ही रहती थी.

अब मेरी बातें उसकी बहन से होने लगी थीं तो कशिश भी हमारी बातें सुनती थी.
मेरी बातें तो उसकी बहन से होती थीं लेकिन मेरे मन में हमेशा कशिश ही रहती थी.

मैं हमेशा सोचता था कि कैसे कशिश से अच्छे से बात हो जाए.
काफी समय गुजर गया, मेरी उससे बोलने की हिम्मत नहीं हुई.

उसकी बहन भी उसके बारे में मुझे बताती रहती थी कि कशिश तो उससे कहती है कि तुम उससे बात करो.

जब उसकी बहन मुझे कशिश के मन की बात बता दी थी तो पता नहीं क्यों मुझे अन्दर से कुछ बेताबी सी महसूस होने लगी थी कि क्यों न कशिश से जल्दी से जल्दी बात की जाए.

कशिश की बहन मुझे यह भी बताती थी कि कशिश तीन चार लड़कों से एक साथ बात करती है और सभी को पागल बनाती है.
लेकिन मेरा दिल नहीं मानता था. मैं हमेशा उसी के बारे में सोचता था.

एक दिन जब मुझे मौका मिला तो मैंने किसी तरह से कशिश से अपना नंबर शेयर किया.
मुझे लगा उसने मेरा नंबर ले लिया है.

लेकिन मेरी किस्मत खराब थी.
वह मेरे नंबर के कुछ अंक भूल गई जिस वजह से वह मुझे कॉल ना कर सकी.

जबकि मुझे उसकी कॉल का इंतजार था.

इसी बीच उसकी बहन मेरे एक फ्रेंड से बात करने लगी और उसने उसके साथ सेक्स भी किया.
जब मुझे इस बारे में पता लगा, तो मैंने उसे छोड़ने का फैसला कर लिया.

मैंने निश्चय कर लिया कि अब कुछ भी हो जाए, मुझे उससे बात नहीं करनी.

उसी दौरान मेरे पास कशिश का फोन आया.
वह बोली- अब तुम मेरी बहन से बात क्यों नहीं करते?
मैंने उसे बताया- तुम्हारी बहन फ्रॉड है. वह कई लड़कों से एक साथ बात करती है.

वह कहने लगी- ऐसा नहीं है, वह सिर्फ तुमसे बात करती है.
मैंने उससे साफ-साफ बोल दिया- मुझे तुमसे बात करनी है. अब तुम बताओ तुम मुझसे बात करोगी या नहीं?

लेकिन उसने मुझसे कहा- मैं तुमसे बात नहीं करूंगी क्योंकि मेरे इंटर के एग्जाम आने वाले हैं और मैं इस चक्कर में पड़ना नहीं चाहती.
उसकी बातों से मैं जान चुका था कि उसके मन में भी कुछ चल रहा है.

मैंने उससे कहा- मगर मुझे तुमसे ही बात करनी है.
उसने मना कर दिया.

उसका मना करने का भी एक कारण था.
वह कारण मुझे बाद में पता चला.

जब वह मुझसे बात कर रही थी तो उसकी बहन उसके पास ही बैठी थी, वह मेरे साथ ड्रामा कर रही थी.

पर वह कहते हैं ना कि कभी कभी मजाक भी हकीकत बन जाती है.
ऐसा ही मेरे साथ हुआ.
मेरी उसके साथ बात करने की जिद उस पर असर कर गई.

उसने दो दिन के बाद अपने फोन से मुझे कॉल की और वह मुझसे बात करने लगी.

अब हम दोनों रोज बात करने लगे थे.
बात करने से ऐसा मालूम होता था जैसे यह लड़की रोमांस से अनजान है. सेक्स के बारे में शायद कुछ नहीं जानती है.

वह बहुत ही साधारण तरीके से बात करती थी.
मुझे ऐसा लगता था जैसे कशिश के अन्दर सेक्स वाला हिस्सा है ही नहीं.

हम दोनों ने लगातार दो महीने तक बात की लेकिन उसने कभी भी कोई सेक्सी बात नहीं की … और ना ही मुझे करने दी.
एक बार तो मेरे साथ ऐसा भी हुआ कि रात को उसके घर पर कोई नहीं था तो उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया.

मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था कि आज तो मेरी सारी तमन्ना पूरी हो जाएगी, जो मैं चाहता था … वह मैं सब कुछ करूंगा.
लेकिन दोस्तो मेरी ये खुशी ज्यादा देर तक न टिक सकी.

मैं लगभग 4 घंटे तक उसके साथ रहा.
लेकिन उसने मुझे सेक्स करने से बिल्कुल मना कर दिया.

कशिश ने साफ बोल दिया- मैं अपनी लिमिट पार नहीं करूंगी, केवल किस ही करूंगी और करवाऊंगी.

मैंने काफी कोशिश कर ली पर कशिश टस से मस नहीं हुई.
उस रात हमने बहुत किस की लेकिन आगे कुछ नहीं किया.

उसके बाद मैं घर वापस आ गया.
हम दोनों बात करते रहे और ऐसे ही चलता रहा.

मैं उससे रोज सेक्स करने के लिए मनाता था लेकिन वह हमेशा मना कर देती थी.

ज्यादा जिद करने पर वह बोल देती थी मैं जब भी सेक्स करूंगी तो सिर्फ अपने शौहर के साथ ही करूंगी.
उसकी यह बात मुझे बहुत बुरी लगती थी.

यूं ही 2 साल गुजर गए, उसने मुझे अपने ऊपर हाथ रखने नहीं दिया.
उधर उसका यौवन दिनों दिन खिलता जा रहा था.

वह देखने में एकदम चंचल शोख हसीना लगती थी.
जब भी मैं उसे देखता था तो मेरा मन मचल जाया करता था.
मैं उसे हमेशा अपने सपनों में चोदता रहता था.

लेकिन मुझे उसे चोदने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो रहा था.
मैं हमेशा यही सोचता था कि कैसे कशिश की कशिश मिटाऊं … इसे अपनी बांहों में लाऊं और इसकी सील तोड़ी जाए.

लेकिन वह कभी भी मानने को तैयार नहीं थी.
इस बीच हम दोनों कई बार किस कर चुके थे.
जब जब मैंने उसे किस की थी, तो मैंने उसके मम्मों को भी चूमा था और पेट को भी चूमा था.

इसी वजह से मेरे अन्दर उसे चोदने की आग और ज्यादा बढ़ गई थी.

मैं हमेशा यही जुगाड़ लगाता रहता था कि कैसे भी करके कशिश को चोदना है.

मैंने भी हिम्मत नहीं हारी और उसके साथ कोशिश करता रहा.

एक दिन ना जाने कैसे, उसे मुझ पर रहम आ गया और उसने हां कर दी.

फिर मैंने उसे अपने फ्रेंड के घर पर बुलाया और उससे कहने लगा- आज हम दोनों खुल कर सेक्स करेंगे.
पहले तो उसने मना किया, वह कहने लगी कि मैं सेक्स नहीं करना चाहती हूँ.

मैंने कहा कि अगर कशिश तुम सेक्स करना नहीं चाहती, तो कोई बात नहीं लेकिन तुम मेरे पास तो आओ. हम दोनों एक किस तो कर सकते हैं!
किस करने के लिए वह राजी थी.

किस का नाम लेते ही वह मेरे पास आई और मेरी बांहों में सिमट गई.

वह मुझे हग करके बोली- जान किस तो तुम कितनी ही कर सकते हो, मैं किस के लिए तुमको कभी मना नहीं करती हूँ.
इतना कहकर कशिश ने मेरे होंठों से अपने होंठ लगा दिए और चूमने लगी.

उस दिन वह कहने लगी- मेरी जान मेरे होंठों को तो तुम मन भरके पियो.

मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसके रस भरे होंठों को पीने लगा.
उसके होंठ गुलाब की पंखुड़ी की तरह कोमल थे, जिन्हें मैं बहुत मजे लेकर चाट रहा था और पी रहा था.

जैसे ही मैंने अपने होंठ उसकी गर्दन पर रखे, वह आउट ऑफ कंट्रोल हो गई और एकदम से ढह गई.
वह मादक भाव से कहने लगी- सोना, यहां किस मत करो, मुझे कुछ कुछ होता है.

अब मुझे उसकी कमजोरी पता चल गई थी.
मैं उसके होंठों जगह उसकी गर्दन को चूमने लगा और उसके अन्दर गर्मी पैदा होने लगी.

वह जल बिन मछली की मचलने लगी और मुझसे चिपकने लगी, मुझे अपने जिस्म में समाने लगी.

मुझे खुलकर खेलने का मौका मिल गया था.
मैं भी आगे बढ़ने लगा.

मेरा एक हाथ उसके मम्मों पर था.
मैं उसके बूब्स को दबाने लगा तो वह और ज्यादा मचलने लगी.

मैं उसकी गर्दन पर किस किस करते करते चूचों पर भी किस करने लगा.

जैसे ही मैंने उसके मम्मों पर अपने होंठ रखे, तो वह मदहोश होकर बोलने लगी- अब कितना तड़पाओगे मेरी जान!

मैंने उसके बूब्स को बहुत पिया, उसके मम्मों को पीने मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं काफी देर तक उसके मम्मों को पीता रहा और उसे मजे देता रहा.

अब वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स के लिए आउट ऑफ कंट्रोल हो रही थी.
मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए उसकी सफेद रंग की सिलेक्स को अपने हाथों से उतार दिया.

उसने मुझे रोकने की कोशिश की लेकिन वह खुद बहुत मदहोश ही गई थी, चाह कर भी मुझे रोक नहीं पाई.

मैंने मौका पाकर उसकी काली की पैंटी भी उतार दी.

जब मैंने उसकी चूत को पहली बार देखा तो मैं देखता ही रह गया.
यकीन मानना दोस्तों मैंने बहुत चूत देखी थीं, लेकिन मैंने ऐसी चुत आज तक नहीं देखी थी.

उसकी चूत एकदम सफाचट थी. बाल तो मानो उसकी चुत पर उगे ही नहीं थे, शायद वह वैक्स करके आई थी.
उसकी चूत किसी विदेशी लड़की के जैसी गुलाबी थी.

इससे पहले मुझे जितनी भी चुत चोदने का अवसर मिला था, वे सब कहीं न कहीं देसी चुत की तरह जामुनी रंगत वाली चुत थीं.

मैंने कशिश के जैसी चूत आज तक नहीं देखी थी.
मैं तो उसकी चूत को देखकर पगला सा गया था.

मेरा लंड अकड़ गया और उसकी चूत में जाने के लिए उतावला होने लगा था.
अब मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था.

उसका भी यह पहली बार का मामला था, तो मुझे कुछ संभल कर सेक्स करना था.
मुझे डर था कि कहीं कुछ उलटा सीधा ना हो जाए.

मैंने उसकी चूत को किस करने का सोचा.
तो वह शर्माने लगी और बोली- ऐसा मत करो, मुझे अच्छा नहीं लगता है.
मैंने उसकी बुर पर थोड़ी देर तक किस किया, तो कशिश तड़पने लगी और चुदासी हो गई.

मैं भी ज्यादा देर ना करते हुए उसे चोदने को तैयार हो गया.
मैंने उसको अपने सामने सही पोजीशन में सैट किया, उसकी दोनों टांगों को खोल कर अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर लगा दिया.

जब उसकी चूत पर टोपा लगा, तो वह सहम गई और बोली- थोड़ा आराम से करना!
मैंने कहा- चिंता मत करो, सब कुछ ठीक ही होगा.

वह लंड के टोपे की गर्मी से बुर को रगड़ने लगी.
मैंने देर ना करते हुए उसकी चूत के अन्दर अपना लंड डालना शुरू कर दिया.
जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में घुसा तो वह एकदम से तड़फ उठी और रोने लगी.

उसकी चूत बहुत टाइट थी, मेरा लंड अन्दर नहीं जा रहा था.
फिर मैंने एक जोर से धक्का लगाया तब मेरा लंड बड़ी मुश्किल से उसकी चूत में घुस तो गया लेकिन उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.

वह छटपटा रही थी और बिलख सी रही थी.
मैंने मजबूरी में अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और देखा तो मेरा सारा लंड खून में लथपथ था.

उसने भी खून देखा, तो वह भी घबरा गई और बोली- ये क्या हो गया?
मैंने उसे बताया- तुम खून की चिंता ना करो, ऐसा पहली बार में होता ही है.

वह भी शायद इस बात को जानती थी कि कुंवारी बुर पहली बार की चुदाई में फटती है तो खून निकलता ही है.

मैंने अब दुबारा से उसकी बुर में अपना लंड डाला, तो वह फिर से रोने लगी.
वह बोली- मुझसे नहीं होगा बाबू, तुम मुझे छोड़ दो … मुझे घर जाने दो!

मैंने कहा- अभी रुको मेरी जान, थोड़ा साथ दो, तुम्हें भी बहुत मजा आएगा. सभी लड़कियों के साथ शुरू शुरू में कुछ देर दिक्कत होती ही है.
वह चुप हो गई.

अब मैंने धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर तक पेला और उसे आगे पीछे करने लगा.
वह लंड से होने वाले दर्द से मुक्त हो गई थी तो उसने खुद से कमर को हिलाना शुरू कर दिया.

यह देख कर मैंने भी स्पीड बढ़ा दी.
अब उसे भी चुदवाने में मजा आने लगा.

वह गांड उठा कर मजे लेती हुई चुत चुदवाने लगी.
मेरा लंड भी अब उसकी चूत में आराम से अन्दर बाहर हो रहा था. मुझे बहुत मजा आ रहा था.

करीब दस मिनट तक चोदने के बाद मेरा लंड झड़ने वाला हो गया था.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसे जोर जोर से चोदने लगा.

उसे भी बहुत मजा आ रहा था, तो उसके मुँह से आह आह उह की आवाज निकल रही थी.
मैंने उससे कहा कि अब मैं होने वाला हूँ, तो उसने कहा कि हो जाओ, मैं तो हो गई.

मैं यह सुन कर उसे और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और उसी दौरान मैं डिस्चार्ज हो कर उसके ऊपर ही निढाल हो गया.
मैं थक कर उसी के ऊपर गिर गया था.

उसने मुझे अपने ऊपर से उठाते हुए कहा- चलो हटो बाबू, अब मुझे जाने दो … बहुत देर हो चुकी है.
मैं हट गया.

उसने उठ कर जल्दी से कपड़े पहने और बाहर निकल कर अपने घर चली गई.

घर जाकर वह टॉयलेट गई, तो उसकी चूत से खून निकला.
वह घबरा गई और उसने मुझे कॉल करके कहा- तुमने ये क्या कर दिया, मेरी सुसू में से खून आ रहा है.

मैंने कहा कि अभी अभी तुम्हारी सील टूटी है, तो ऐसा होता है. तुम चिंता ना करो … कोई दिक्कत नहीं है.
अगले दिन से वह सामान्य हो गई.

फिर एक बार लंड का चस्का लगता है तो चुत बार बार लंड के लिए तड़फने लगती है.

कशिश के साथ भी यही हुआ.
अब हम दोनों बहुत ज्यादा सेक्स करने लगे हैं … और चुदाई के बहुत मजे लेते हैं.

हेलो दोस्तो !Antarvasna

उम्मीद है आप सभी को Antarvasna मेरी पहली कहानी ‘अतृप्त पड़ोसन की तृप्ति’ पसन्द आई होगी।

सबसे पहले तो मैं गुरूजी का शुक्रिया अदा करता हूँ जिन्होंने ना सिर्फ़ मेरी कहानी को आपके सामने पेश किया, बल्कि उसे एक अच्छा नाम भी दिया।

मुझे इस कहानी के लिए बहुत से पत्र आए जिनसे मेरा काफ़ी उत्साहवर्धन हुआ। मैं आप सभी का तहेदिल से शुक्रगुज़ार हूँ।

जैसा कि मैंने वादा किया था, मैं आपके सामने इस कहानी का अगला भाग पेश कर रहा हूँ।

उस दिन के बाद जब भी हमें मौका मिलता, हम उसका पूरा पूरा फ़ायदा उठाते। मैंने उसे उसके घर में हर जगह और हर ढंग से चोदा, बेडरूम, रसोई, बाथरूम, सीढ़ियाँ जहाँ मौका मिला हमने अपनी वासना शांत की।

कई दिनों तक उसकी चूत चोदने के बाद मुझे उसकी उभरी गाण्ड में लण्ड डालने की जबरदस्त इच्छा होने लगी। पर जब भी मैं उसकी गाण्ड में लण्ड डालने की बात करता, वो मुझे मना कर देती कि इसमें बहुत दर्द होगा। पर मैं भी कहाँ मानने वाला था।

एक दिन जब उसके घर पे कोई नहीं था तो मैं वहाँ गया। वो रसोई में काम कर रही थी। मैंने उसे पीछे से बाहों में भर लिया और उसकी गर्दन पर प्यार करने लगा। साथ ही उसकी मैक्सी पीछे से उठा दी और गाण्ड पे हाथ फ़ेरने लगा।

वो उस वक्त रिफ़ाईण्ड तेल को पैकेट से डिब्बे में डाल रही थी। मेरे पकड़ने से उससे थोड़ा सा तेल स्लैब पर गिर गया। उसने पैकेट को डिब्बे पे रखा और घूम कर मेरे बालों में हाथ फिराने लगी। मेरे हाथ अभी भी उसकी कोमल गांड पर फिसल रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिया। कभी मेरी जीभ उसकी होठों से होती हुई उसके मुंह में घूम कर आती कभी उसकी जीभ मेरे मुंह का स्वाद लेती।

उसकी गांड से खेलने में एक अलग ही मज़ा आ रहा था। अचानक मेरी नज़र स्लैब पर गिरे तेल पर पड़ी। मैंने उससे अपनी हथेलियों पर लगा लिया और गांड पर मलने लगा। वो बोली यह क्या कर रहे हो?

तो मैंने जवाब दिया कि मालिश कर रहा हूँ।

वो हंसने लगी और हम फिर अपने चूमा चाटी के खेल में मशगूल हो गए। मैं तेल अच्छी तरह से उसकी गांड और गांड के छेद पर मलने लगा। उसे भी मज़ा आने लगा। वो समझ गई कि आज मैं मानने वाला नहीं हूँ पर उसने कुछ कहा नहीं। फिर मैंने उसे बाहों में भर लिया और उठाकर सोफे पे लिटा दिया। फिर मैंने उसकी मैक्सी को उसके बदन से अलग कर दिया। फिर उसे घुमाकर पीठ को चूमते और चाटते हुए मैंने उसकी ब्रा को दांतों से खोल दिया।

अब मैं उसके रसीले मोम्मों को मसलने लगा और उसके गर्दन का किस भी करने लगा। फिर उससे रहा नहीं गया और उसने मेरी शर्ट और पैंट को उतार दिया। अब मेरा हथियार उसके हाथों में था और वो उससे खेलने लगी। फिर वो नीचे बैठ गई और मेरा अंडरवियर उतारकर मेरे लंड को चूसने लगी। जैसा कि मैं अपनी पहली कहानी में जिक्र कर चुका हूँ कि उसके चूसने का तरीका बहुत अच्छा था और मुझे बड़ा आनन्द मिलता था।

फिर मैंने उसे उठाकर उसकी पैंटी भी अलग कर दी और उससे सोफे पे लिटाकर उसके चूत में अपना लंड दे दिया। पहले झटके से उसके सिसकारी निकल गई। मैं कुछ देर रुका और धीरे धीरे धक्के मारने लगा। अब हमारा खेल पूरी रफ्तार से आगे बढ़ने लगा। मैं उसे चोदते चोदते कभी उसकी चूचियां मसल देता था और कभी उसे किस करने लग जाता था। मेरे हर एक्शन को उसका पूरा साथ मिल रहा था।

मैंने उसे कुतिया की तरह किया। जैसा कि मैं आप सभी को बता चुका हूँ कि कुतिया की तरह बना कर भी मैं उसकी पीछे से चूत ही मारता था। उसकी चूत मारते मारते गांड पे हाथ फेरने लगा। जैसे ही उसने अपनी गांड को ढीला छोड़ा और चुदाई का मज़ा लेने लगी, मैंने एक ऊँगली उसकी गांड में डाल दी।

मेरी उंगली वैसे ही चिकनी हो रखी थी और उसकी गांड भी, सो उंगली आसानी से उसकी गांड में चली गई। वो कराह उठी और उसने अपना सर पीछे फ़ेंक दिया। पर चूंकि चुदाई बहुत तेज़ हो रही थी और एक ऊँगली जाने से ज्यादा दर्द भी नहीं हो रहा था सो उसने कुछ बोला नहीं।

अब मैं चूत मारने के साथ साथ धीरे धीरे गांड में ऊँगली भी कर रहा था तो उसे बहुत मज़ा आ रहा था और मुझे पूरी उम्मीद थी की आज तो मैं इसकी मोटी गांड की भी चुदाई कर सकूँगा।

उसने पूछा- आज इरादे नेक नहीं लगते जनाब के !

तो मैंने कहा कि जब इरादों का पता चल ही गया है तो मज़ा उठाओ। इतनी मस्त गांड होने के बावाजूद अगर मरवाई नहीं तो ग़ाण्ड जलन के मारे हड़ताल कर देगी !

तो वो हँसने लगी और बोली कि मैं अपना बदन तुम्हारे नाम कर चुकी हूँ पर जो भी करना आराम से करना ! मुझे बहुत दर्द होगा!

तो मैंने कहा कि चिंता न करो जानेमन, दर्द तुम्हें होता है तो आँख मेरी भर आती है। यह सुनकर वोह मेरी और भी दीवानी हो गई। और उधर मैंने अपना काम जारी रखा। फिर धीरे से मैंने अपनी दूसरी ऊँगली भी उसकी गांड में डाल दी। उसे थोड़ा दर्द और हुआ पर वो सह गई। तभी मैंने अपनी चुदाई तेज़ कर दी और दूसरे हाथ से उसकी चूत दबाने लगा और वो झड़ गई।

मैंने उसे घोड़ी बनाए रखा, और अपने लंड को गांड के छेद पे रखकर एक तेज़ धक्का मारा। मेरा लंड डर्बी रेस के घोड़े की तरह उसकी गांड में समां गया। और वो दर्द से तड़प उठी। मैं रुक गया और उसकी चूचियां मसलनी शुरू कर दी और धीरे धीरे उसे मज़ा आने लगा। फिर मैं धीरे धीरे अपना लंड उसकी गांड में अन्दर बाहर करने लगा और वो मजे से सिसकारियां लेने लगी।

उसकी मादक सिस्कारियों से मेरा लंड मचलने लगा और मैंने अपने धक्के तेज़ कर दिए। अब वो भी मेरे धक्कों के साथ अपनी गांड आगे पीछे करने लगी। पूरे कमरे में हमारी सिसकारियां और बदन के आपस में टकराने की मदमस्त आवाज़ गूंजने लगी। इस सबसे वो समां बहुत ही उत्तेज़क हो चला था। हम दोनों को पहली बार गांड मारने और मरवाने का आनंद आ रहा था। थोडी देर में मैं उसकी मस्त गांड में झड़ गया और वोह मेरे गरम गरम लावे को अपनी गांड के अंदर महसूस करने लगी।

मैंने पूछा कैसा लग रहा है तो वो बोली कि इसमें बहुत मज़ा आया। ऐसा मज़ा मुझे अपनी जिंदगी में पहले कभी नहीं मिला।

फिर वो मुझसे चूत के साथ साथ गांड भी मरवाने लगी।

इसके बाद हमारा खेल करीब तीन साल तक चला और हम दोनों ने एक दूसरे को भरपूर मज़ा दिया।

दोस्तो, जैसा कि मैंने आपसे वादा किया था यह मेरी कहानी का दूसरा भाग था। अपनी मेल मुझे भेजते रहिएगा। और मैं अपनी कहानी आपके सामने पेश करता रहूँगा। Antarvasna

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆