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हैलो दोस्तो, यहाँ कहानी Antarvasna मेरी एक पड़ोसन की है, उसने मुझे बताई थी, आपके सामने पेशा है उसी के शब्दों में:
मैं राधा हूँ, 33 साल की, फ़िगर 38-34-42 (अरे मैं मोटी हो रही हूँ!)। मैं लुधियाना की हूँ, और मैं फिर से हाज़िर हूँ एक नई कहानी लेकर। यह एक काल्पनिक-कथा है जिसका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं है। आप पढ़े और आनन्द लें।
बाद जनवरी, 2009 की है, अरे अभी का नया नया किस्सा है। मैं अपने पति के साथ उनके बिज़नेस के सिलसिले में ग्वालियर, मध्य-प्रदेश गई थी।
पहले तो सोचा कि ट्रेन से चलते हैं पर बाद में इन्होंने कहा कि नहीं, घूमते-घूमते चलेंगे, रास्ते में आगरा, मथुरा भी देखते हुए जाएँगे। अतः हम दोनों अपनी गाड़ी से लुधियाना से पहले दिल्ली गए और फिर वहाँ से ग्वालियर की ओर चल दिए।
सारे रास्ते हम बहुत ही मज़े करते हुए गए। जब हम आगरा में थे तो मेरे पति को फोन आ गया कि ग्वालियर वाली मीटिंग किसी वज़ह से रद्द हो गई है और अब वह मीटिंग 2 दिनों के बाद यानि 14 जनवरी को मोरेना में होगी क्योंकि अधिकतर सदस्य मोरेना में थे, तो हमने सोचा चलो पहले मोरेना में ही रूकते हैं बाद में ग्वालियर सिर्फ घूमने के लिए चले जाएँगे।
अतः हम मोरेना जाकर एक होटल राधिका पैलेस में रूक गए। अच्छा सा, ख़ूबसूरत होटल था। मीटिंग वाले दिन मेरे श्रीमान जी मुझे आठ बजे ही होटल में छोड़कर, शाम में आने का कहकर चले गए।
उस वक्त मैं अपने बिस्तर में लेटी हुई थी और मेरे बदन पर सिर्फ एक रेशमी नाईटी थी जिसमें मेरा बदन छुप कम और दिख ज़्यादा रहा था। खैर मेरे पति के चले जाने के बाद मैं बिस्तर पर बैठ टीवी देखती रही, फिर मैंने फोन पर चाय का ऑर्डर दिया।
10 मिनटों के बाद चाय आई और जो लड़का चाय लेकर आया, मैंने देखा वो मुझे घूर रहा था। जब मैंने अपनी ओर ध्यान दिया तो पाया कि नाईटी के नीचे खिसक जाने से मैं तो ऊपर से लगभग नंगी ही लग रही थी। मेरी गोल-मटोल, गोरी-गोरी चूचियों के सिर्फ निप्पल ही ढके थे बाकी ऊपर का सारा बाहर झाँक रहा था।
मैं भी मज़े लेने की मारी, जान-बूझकर लेटी रही और वेटर को घूरते देखती रही। जब वेटर ने 2-3 बार पूछा- मैडम, और कुछ लेंगी’ तब मैंने भी पलट कर जवाब दिया- और क्या है तुम्हारे पास देने को, अगर कोई दमदार चीज़ है तो बात कर।’ पर वह झेंप गया और थैंक यू मैम कह कर चला गया।
चाय पीने के बाद मैं नहाने चली गई, नहा कर तरो-ताज़ा होकर मैं बाज़ार को निकल गई और बाज़ार में इधर-उधर फालतू की शॉपिंग करती रही। करीब 12 बजे मैं वापिस होटल में आ गई।
थोड़ी देर बिस्तर पर लेट कर फिर टीवी देखा, पर मुझे तो टीवी भी बोर कर रहा था, तो मैंने अपना लैपटॉप उठाया और अपनी फैन मेल चेक करने लगी और मेल चेक करते-करते मुझे अपने एक फैन ‘स्माईल दोस्त’ की मेल मिली।
वह मोरेना में ही रहता था, मैंने सोचा ये मज़ा करने का अच्छा मौक़ा है अगर अच्छा नौजवान हुआ तो ठीक है नहीं तो वैसे ही मिलकर चाय पिला कर वापिस भेज दूँगी। अतः मैंने मेल में से उसका मोबाईल नम्बर लेकर उसे कॉल किया।
वह भी खाली था तो बोला- अरे राधा जी आप कहें और हम ना आएँ, ये कैसे हो सकता है, बताईए कहाँ आना है?’ जब मैंने होटल का नाम बताया तो वह बोला- अरे मैं तो आपके बिल्कुल नज़दीक हूँ, बस 5 मिनट में ही पहुँच जाता हूँ।’
ठीक 5 मिनट बाद मेरे रूम का दरवाज़े पर दस्तक हुई, जब मैंने दरवाज़ा खोला तो सामने एक संजीदा, आकर्षक, 30-32 साल का नौजवान, 5’8′ का क़द, सुन्दर चेहरा, हाथों में फूलों का गुच्छा लिए मेरे सामने खड़ा था, हाथ मिलाया तो उसने दोनों हाथों से मेरा हाथ दबाया और हम अन्दर आ कर सोफ़े पर बैठ गए।
कुछ देर हम इधर-उधर की एक दूसरे के बारे में बातें करते रहे।
फिर मैंने पूछा- क्या पीओगे?’
तो उसने मेरी चूचियों को देखते हुए कहा- जो आप प्यार से पिला दें!
मैं भी उसका इशारा समझ गई थी। ख़ैर मैंने वेटर को चिकेन लॉलीपॉप और दो ठंडी बीयर लाने का ऑर्डर दिया।
फिर मैंने उससे पूछा ‘अरे तुम अपना नाम तो बताओ।’
वो बोला- जो आप रख दें, वहीं मेरा नाम !’
मैंने कहा- क्रिश चलेगा?’
वो बोला- बिल्कुल !’
बातचीत के दौरान मैं महसूस कर रही थी कि क्रिश की इच्छा हो रही थी कि बस दो मिनट में वो मेरी साड़ी फाड़ कर मुझे चोद के रख दे। पर मैंने देखा कि उसकी बातचीत बड़ी संतुलित थी, उसने एक बार भी घटिया भाषा का या गन्दे इशारे का इस्तेमाल नहीं किया, पर उसकी आँखें मेरी ब्लाऊज़ से झाँक रहीं मेरी चूचियों पर ही टिकी थीं।
मैंने भी उसकी इच्छा पूरी करने के लिए अपना पल्लू नहीं सँभाला और उसको नेत्र-भोजन करवा रही थी।
तभी डोर-बेल बजी, वेटर ऑर्डर लेकर आ गया। हम दोनों ने साथ बैठकर बीयर पी और चिकेन भी खाया। जैसे बीयर का सुरूर चढ़ता गया हम दोनो ज़्यादा खुलते गए, जो दूर-दूर बैठे थे बिल्कुल क़रीब होकर बैठ गए, फिर बातों-बातों में क्रिश ने मेरा हाथ पकड़ कर चूम लिया।
मैंने कहा- यह तो वो बात हो गई कि जो सारी गाड़ी चुरा सकता था, सिर्फ एक टायर चुराकर ही खुश हो गया लगता है !’
मेरी बात सुनकर क्रिश ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया। अब मेरा सिर उसकी गोद में था और उसने बड़े प्यार से मेरे बालों को सहलाते हुए मेरे गालों पर किस करना शुरू किया।
किस्सिंग में क्रिश मुझे थोड़ा बदमाश लगा क्योंकि वो तो मेरे होठों को खा ही जाता था। किस्सिंग करते-करते उसने अपना एक हाथ मेरी चूचियों पर रखा और दबाने लगा। मुझे भी मज़ा आने लगा और मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी जिसे उसने बड़े प्यार से अन्दर खींच लिया और चूसने लगा।
फिर उसने मुझसे कहा- सन्जू, अब सब्र नहीं होता, मैं तुम्हें पूरी नंगी देखना चाहता हूँ।’
मैंने कहा- तुम्हारी गोद मैं लेटी हूँ, सारी की सारी तुम्हारी हूँ, जो चाहे कर लो, मैं मना थोड़े ही करूँगी।’
मेरी मंज़ूरी मिलने के बाद उसने एक-एक करके मेरे ब्लाऊज़ के बटन खोले और मेरा ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को चूमा, दबाया और फिर मेरे ब्रा की हुक खोल कर मेरी दोनों चूचियों को आज़ाद किया। मेरी दोनों छातियों को बारी-बारी से अपने हाथों में लेकर दबाया और चूचुकों को मुँह में लेकर चूसा, जिससे मेरे चूचुक कड़े हो गए।
आनन्द के मारे मेरे मुँह से ‘ओहहह, आआहह, उफ्फ्फ, स्स्स्स्सीसीसी’ जैसी आवाज़ें निकल रहीं थीं। मेरी चूचियाँ चूसते-चूसते क्रिश ने मेरी पेटीकोट और साड़ी टाँगों से उठा कर मेरी टाँगों, जाँघों और मेरी चूत पर हाथ फिराना शुरू किया। मेरी चूत पानी छोड़-छोड़ कर गीली हुई पड़ी थी।
मैंने कहा- मेरा तो सारा सामान देख लिया, अब अपना भी कुछ दिखाओ,’
यह सुनकर क्रिश बोला- जानेमन, सब तुम्हारा ही तो है।’
यह कह कर उसने अपनी शर्ट और बनियान उतारी, फिर पैंट, बूट्स और ज़ुराबें भी उतार दीं, पर अन्डरवियर नहीं उतारा और कहा- इसका उदघाटन तुम करो।’
मुझे उसके अन्डरवियर में छुपा उसका मूसल जैसा लण्ड दिख रहा था। जब मैंने उसकी अन्डरवियर उतारी तो अन्दर से एक 8 इंच लम्बा मोटा, लोहे जैसा सख्त लण्ड बाहर निकला।
उसने अपने बाल साफ कर रखे थे जिस कारण उसका लण्ड और भी भयानक लग रहा था। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसका लण्ड हाथ में पकड़ कर अपनी ओर खींचा और मुँह में लेकर चूसने लगी। क्रिश मेरे बालों में हाथ फिरता रहा और धीरे-धीरे आगे-पीछे होकर मेरा मुँह चोदता रहा।
लण्ड चुसवाते-चुसवाते वह एक ओर झुका और मेरी साड़ी और पेटीकोट खोल कर उतार दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे। मैंने उसका लण्ड पकड़ा और उसे खींच कर अपने बिस्तर पर ले गई। वहाँ हमने 69 की स्थिति ले ली, मैंने उसके लण्ड को चूसा तो उसने भी अपनी पूरी जीभ मेरी चूत में डाल-डाल कर चाटी और 9-10 मिनटर के मुख-मैथुन में हम दोनों झड़ गए।
कुछ देर यूँ ही लेटे रहे फिर दोनों उठकर बाथरूम में गए, बाथ-टब में एक साथ नहाए। नहा कर तौलिये से एक-दूसरे के बदन को पोंछा और क्रिश मुझे गोद में उठाकर बिस्तर पर ले आया।
जब उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया तो मैंने देखा कि उसका लण्ड फिर से अकड़ गया था। मैंने कहा- ये क्या कह रहा है?’
वो बोला- नाराज़ होकर अकड़ गया है कि मुझे मेरी सहेली से तो मिलाया ही नहीं, ख़ुद ही सारे मज़े ले लिए, मुझे तो मज़ा दिलाया ही नहीं !’
तो मैंने कहा- अरे भाई किसी को नाराज़ नहीं करना चाहिए, इसकी सहेली भी इससे मिलने को बेताब है, आओ दोनों को मिला दें।’
इतना सुनते ही क्रिश छलाँग लगा कर मेरे ऊपर आ गया और फिर से मेरे होठों, गालों और चूचियों को चूसना शुरू कर दिया। 2-4 मिनट की पूर्व-क्रिया के बाद मेरी चूत फिर से गीली हो गई। मैंने क्रिश का कड़क लण्ड हाथ में पकड़ा, अपनी टाँगें चौड़ी कीं और उसका लण्ड अपनी चूत के मुँह पर रखा।
‘देखो, सहेली अपने यार का मुँह चूम रही है।’ मैंने कहा।
तो क्रिश बोला- यार कहता है कि मैं तो सहेली के मुँह में ही घुस जाऊँगा,’ इतना कहकर क्रिश ने धक्का लगाया और उसके लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत में घप्प से घुस गया और 2-4 शॉट्स में उसने पूरा लण्ड अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।
मैंने देखा कि क्रिश के चोदने में भी स्टाईल थी। सारा समय उसनी चुदाई एक ही गति से और लगातार की। थोड़ी देर के बाद उसने स्थित बदलने को कहा, अब उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा और पीछे से अपने लण्ड को मेरी चूत में डाल कर मुझे चोदा।
कुछ देर इस तरह से चोदने के बाद वह नीचे लेट गया और मुझे ऊपर आने को कहा, पर चोदा फिर भी उसी ने, मैंने ऊपर हवा में अपनी कमर रोक कर रखी और वह नीचे से झटके लगाता रहा। इसी दौरान मेरा जिस्म अकड़ गया और मैं झड़ गई पर वो लगा रहा। कभी दाईं ओर से, कभी बाईं ओर से, कभी मैं ऊपर, कभी वह ऊपर, चूस-चूस कर उसने मेरे होंठ सूजा दिए, पी-पीकर उसने मेरे निप्पल भी दुखा दिए पर वह झड़ने का नाम नहीं ले रहा था।
जब दो बार झड़ने के बाद मेरी चूत दुखने लगी तो मैंने कहा- अब झड़ भी जाओ यार, मेरी तो दुखने भी लगी है !’
वह बोला- बस काम होने ही वाला है बताओ कहा छुडाऊँ, चूत में, चूचियों पर, या मुँह में?’
मैंने कहा ‘जहाँ तुम चाहो !’
तो उसने कहा- तो ठीक है तेरी चूत में झड़ूँगा।
यह कहकर उसने अपनी गति बढ़ा दी और धाड़-धाड़ ज़ोरों से धक्के मार कर मुझे चोदने लगा।
मुझे दर्द तो हुआ पर मैं उसके मज़े को खराब नहीं कर सकती थी इसलिए दर्द सहती रही और 2 मिनट बाद ही उसने मेरे सिर के बाल ज़ोर से पकड़ लिए और मेरे निचले होंठ को ज़ोर से अपने होठों में भींच लिया और ताबड़तोड़ झटके लगता हुआ मेरी चूत में झड़ गया।
मैंने भी उसे कस के अपनी बाहों में जकड़ लिया, उसका बदन पसीने से भींगा हुआ था, साँस धौंकनी की तरह चल रही थी, दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था।
छूटने के बाद वो कितनी देर मेरे ऊपर ही लेटा रहा। मैं महसूस कर रही थी कि उसका कड़क लण्ड झड़ने के बाद मेरी चूस में ही धीरे-धीरे सिकुड़ रहा था। आखिर क्रिश मेरे ऊपर से नीचे उतरा और मेरी बगल में लेट गया।
‘संजू, ज़िन्दगी में पहली बार इतना मज़ा आया, शायद नेट पर चैटिंग करते-करते तुम्हें चोदने की जो हसरत दिल में पैदा हो गई थी उसे पूरा होने की खुशी थी, पता नहीं क्या, पर बेहद मज़ा आया।’
मैं भी खुश थी, मैंने उसके होठों को किस किया और उठकर बाथरूम को जाते हुए बोली,’ एक बार और नहाया जाए?’
‘हाँ, पर नहाने के बाद एक दौर और चलाएँगे?’ उसने कहा।
तो मैंने आँखों से ‘हाँ’ का इशारा करके बाथरूम की ओर भागी तो वो भी उठा और मुझे पकड़ने के लिए मेरे पीछे भागा। Antarvasna
दोस्तो, यह बात उस समय की है जब मेरी पोस्टिंग कोटा में थी और विभाग में मैं नया था।
वहाँ मैं जवाहर नगर में किराए से रहता था। इत्तेफाक से दोस्तों वहीं पास में हमारे विभाग के एक अधिकारी का घर भी था जो दूसरे कार्यालय के अधिकारी थे।
मुझे पता नहीं था.. फिर भी मैं आते-जाते उनकी मैडम को देखा करता था।
वो देखने में तो कुछ खास नहीं थी.. फिर भी पता नहीं क्यों.. मेरी नज़र उनको ताकती रहती थी, क्योंकि उनका फिगर ही कुछ ही ऐसा था।
देखने में तो 34-28-36 के भरे-भरे से आम के जैसे चूचे थे.. जिन्हें देख कर मेरा मन करता था कि अभी जाकर सारा का सारा दूध निचोड़ लूँ और गांड तो ऐसे मटका कर चलती थी कि मुर्दों के लंड भी खड़े हो जाएँ।
इस बात को वो भी भांप चुकी थी कि मैं उसको देखता हूँ।
ऐसा करते-करते 5-6 महीने बीत चुके थे। गर्मी के दिनों की बात थी दोस्तों.. मेरी छुट्टी थी तो मैं ऑफिस नहीं गया था।
मैं अपने कमरे के बाहर कुर्सी लगा कर बैठा था.. तभी मैंने उनकी आवाज़ सुनी.. वो अपने मोबाइल पर किसी से बात कर रही थी।
थोड़ी देर बाद समझ आया कि वो सर से बात कर रही थी। बात पूरी होने के बाद उन्होंने मुझे देखा तो मुझे बुलाया।
मैं उनके पास गया तो वो मेरी ओर देखते हुए मुस्कुरा रही थी।
उन्होंने मुझसे मेरा परिचय पूछा.. तो अपने और अपनी जॉब बारे में मैंने उन्हें सब बताया।
फिर वो मुझसे बोली- हमारे बारे में जानते हो?
मैंने मना किया- नहीं…
उन्होंने मुझे बताया कि उनके पति आपके विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर हैं।
तो मैं तो बुरी तरह से डर गया और सोचा कि अब तो मेरी नौकरी गई, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने मुझे बताया कि उनका कूलर चलते-चलते ख़राब हो गया और उसे ठीक करने कोई नहीं आ रहा, क्योंकि उनकी लाइन पार्टी बिजी थी।
मैंने मन में सोचा कि आज अच्छा मौका है.. इसे मत जाने दे।
मैं बोला- मैम मैं देख लूँ कूलर को?
वो बोली- हाँ.. हाँ.. क्यों नहीं।
मैंने कूलर को अन्दर से खोल कर देखा तो उसके मेन कनेक्शन में से एक वायर निकला हुआ था.. जो मैंने जोड़ दिया और स्विच ऑन किया तो उनका कूलर चल गया।
वो बड़ी खुश हुई.. उन्होंने मुझे बिठाया और चाय बनाने चली गई।
बाद में उसने सर को भी बोल दिया कि कूलर ठीक हो गया।
जब हम चाय पी रहे थे तो मैडम मेरी ओर झुक कर बैठी हुई थी.. जिसके कारण मुझे उनके बोबे दिखाई दे रहे थे।
उनको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया।
उस समय मैंने लोअर पहन रखा था जिसके कारण वो स्पष्ट दिख रहा था। मैंने बहुत छुपाने की कोशिश की.. मगर मैडम ने इसे भांप लिया था और मुझसे बोली- तुम मुझे क्यों देखते हो?
मैं बोला- ऐसे ही।
वो फिर मेरे पास आकर बैठी और बोली- मैं सब समझती हूँ और जानती हूँ कि इस समय तुम्हारे मन में क्या चल रहा है।
मैं चुप रहा।
वो आगे बोली- अंश.. आपके सर इस काबिल नहीं है जो मुझे तन का सुख दे सकें क्योंकि शादी के बाद एक एक्सीडेंट की वजह से उनकी सेक्स करने की क्षमता कम हो गई और मैं इसके लिए तरसती रहती हूँ.. क्या तुम मेरी ये इच्छा पूरी करोगे?
मैं बोला- मैडम यह सच है कि मैं आपको देखता हूँ लेकिन मैं आपके साथ ऐसा नहीं कर सकता।
मगर उन्होंने फिर दोबारा अपनी चाहत को दोहराते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी।
फिर मैंने भी उनकी व्यथा को समझते हुए अपने आपको उनके आगे सरेंडर कर दिया।
मैंने भी देर न करते हुए उनके लबों को अपने लबों के आगोश में ले लिया और उनके होंठों का रसपान करने लगा।
वो भी मेरे लंड को लोअर के ऊपर से ही मसल रही थी और मैं उन्हें चूमते हुए उनके बोबों को बड़ी बेदर्दी से एक-एक करके मसल रहा था।
मैडम ने गाउन पहना हुआ था तो मैंने गाउन के अन्दर हाथ डाल दिया।
चूंकि उन्होंने गर्मी के कारण अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था, तो मैं उनके बोबों की घुंडियों को मसलने लगा।
मेरे ऐसा करने से वो बेचैन हो उठी और मेरे लंड को लोअर से बाहर निकालकर अपने रसीले होंठों के बीच कैद करके उसे बड़े ही प्यार से लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.. मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगा।
वो मेरे लंड को जिस तरीके से चूस रही थी, मुझे लगा कि वो कई दिनों की प्यासी हो।
फिर अंत में मेरे लंड ने उनके मुँह में ही अपना ‘सोमरस’ छोड़ दिया.. जिसे वो बड़े प्यार से गटक गई और चाट-चाट कर मेरे पूरे लंड साफ़ कर दिया।
फिर मैंने उसका गाउन उतारा तो अन्दर से वो पूरी नंगी थी।
जिन बोबों को मैं रोज़ देखने की तमन्ना रखता था, आज वो मेरे सामने थे।
मैंने बड़े ही प्यार से उनके एक निप्पल अपने दांतों से काटा तो उनके मुँह से एक ‘सी..सी..’ करते हुए एक सीत्कार निकली।
अब मैं उनके बोबों को दबाते.. मसलते हुए एक-एक करके उनको चूसने लगा और वो अपने मुँह से मादक सीत्कार निकालने लगी।
‘आह.. आह.. उह्ह.. उह्ह.. सी.. आह.. मर गई..’
दोस्तों जब मैं उनके बोबों को मसलते हुए चूस रहा था तो वो अपने ही दातों से अपने ही होंठों को काट रही थी और मेरे बालों में अपनी ऊँगलियाँ फेर रही थी।
उनके मस्त बोबों को चूसते हुए मैं अपने एक हाथ को उनके बदन को सहलाते हुए उनकी चूत के ऊपर ले जाकर चूत के दाने को मसलने लगा।
मेरे ऐसा करने से वो और भी मस्ती में चूर होकर ‘उह्ह उह्ह आह आह हाय मैं मर गई’ जैसी सीत्कारें निकालने लगी।
मैडम की चूत एकदम गीली होकर धीरे-धीरे अपनी चूत से पानी छोड़ रही थी और वो जल बिन मछली की भाँति तड़प रही थी और मस्ती में कह रही थी- मेरी जान.. इसी चीज़ का तो मुझे बड़ी बेसब्री से इंतज़ार था.. इस निगोड़ी चूत ने बड़ा परेशान कर रखा था।
फिर मैं धीरे से नीचे गया और उनकी चूत की पंखुड़ियों को अपने होंठों से चाटने व काटने लगा.. तो जैसे वो तो पागल हो गई।
मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदते हुए चाटने लगा और मैडम अपनी कमर उचकाते हुए अपनी चूत को इस तरह चटवा रही थी कि जैसे मेरे मुँह में समां जाएगी।
मैं भी कहाँ पीछे हटने वाला था, उनको जैसे चटवाने का शौक था.. तो उसी तरह मुझे चाटने का शौक था।
फिर मैडम बोली- अंश मेरे भोसड़े में अपना लंड डाल दो.. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा…
लेकिन मैं अपनी मस्ती में ही चूत चाटने में लगा हुआ था। मैडम तो जैसे पागल हो रही थी.. अपनी मस्ती के नशे में चूर होकर वो मेरे बालों को नोचते हुए अपनी चूत को मेरे मुँह पर जोर-जोर से रगड़ने लगी।
उसकी स्थिति को समझते हुए फिर मैंने अपने लंड को उसकी मुनिया(चूत) के मुँह पर लगाया और एक धीरे से धक्का लगाया।
मैडम की चूत इतनी गीली थी कि ‘गच्च’ की आवाज़ के साथ मेरा लवड़ा मैडम की चूत की गहराइयों में उतरता चला गया।
फिर धीरे से मैंने अपने लंड को बाहर खींचा और वापस मैडम की चूत में पेल दिया।
फिर मैं मैडम की चूत में अन्दर-बाहर.. अन्दर-बाहर.. लंड पेलने लगा और मैडम भी हर धक्के का जवाब अपनी कमर को उचकाते हुए दे रही थी।
मैं अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ कर उसको चोद रहा था।
मैडम मस्ती के नशे में चूर होकर कह रही थी- चोद… मेरे राजा… उम्ह्ह उम्ह्ह.. आह.. आह… हाय… चोद… मेरे राजा.. आज मेरी चूत की खुजली मिटा दे.. मेरी चूत का भोसड़ा बना दे.. बहुत परेशान कर रखा है इस निगोड़ी ने.. आज के बाद मैं सिर्फ तुमसे ही चुदवाऊँगी.. घुसा दे अपना पूरा लंड मेरे राजा.. आह.. आह .. हाय मेरी जान।
हर एक धक्के पर गीली चूत के कारण ‘फच्च.. फच्च.. फच्च..’ की आवाज़ आ रही थी, जिसकी वजह से में भी पूरे जोश के साथ मैडम की चुदाई कर रहा था।
उसको चोदते हुए मुझे 7-8 मिनट हो गए थे। अब मुझे भी लगने लगा था कि मैं अब झड़ने वाला हूँ।
चुदाई करते हुए मैंने मैडम से कहा- मेरा पानी छूटने वाला है.. तो अन्दर ही छोड़ दूँ या बाहर…
मैडम बोली- अन्दर ही छोड़ दो.. मेरे कोई बच्चा नहीं है।
फिर मैंने देर न करते हुए अपने लंड को चूत से बाहर निकाला और मैडम के दोनों पैरों को उठाते हुए अपने कन्धों पर रखा और वापस अपने लंड को उसकी चूत में पेल दिया और जोर-जोर से उसकी चूत चोदने लगा।
जैसे ही मैडम ने कहा- मेरा पानी छूटने वाला है।
उसी समय मेरा लंड भी जवाब देने वाला था तब मैंने मैडम के पैरों को पूरी तरह से उठाते हुए उनके पैरों के घुटनों को उन्हीं के कन्धों से मिला दिया।
मेरे ऐसा करने से मैडम की चूत थोड़ा और ऊपर की ओर उठ गई और मैं जोर-जोर से उसकी चूत को चोदने लगा।
फिर करीब 8-10 धक्कों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ने लगे और मेरे लंड की एक-एक बूंद उनकी चूत में उतर गई।
उस समय मैडम ने मुझे अपने शरीर से पूरी तरह चिपका लिया।
हम दोनों के शरीर पसीने से लथ-पथ हो चुके थे।
जब हम नार्मल हुए तो मैडम ने मुझे धन्यवाद दिया और मुझसे बोली- मैं आजीवन तुम्हें नहीं भूलूंगी।
उसके बाद हम दोनों साथ-साथ नहाए और नहाते हुए एक और चुदाई का राउंड लिया।
नहाने के बाद मैडम ने मुझे बिठाया और अपने हाथों से खाना बनाया और फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया।
फिर मैडम मुझे 2000 रूपये देते हुए कहा- ये आपका इनाम और फिर जरुरत पड़े तो मांग लेना.. आज से मैं अब तुम्हारी हुई।
मैंने वो पैसे लेने से इंकार कर दिया और मैडम से बोला- मैं ये काम पैसे के लिए नहीं करता बल्कि मुझे चुदाई करने का शौक है.. इसलिए करता हूँ। आप अपने पैसे अपने पास रखिए.. हाँ.. अगर कभी मुझे इनकी जरुरत पड़ी तो आप से जरुर मांग लूँगा।
फिर उसके बाद मैं चला गया। फिर मुझे जब भी मौका मिलता तो मैं उनकी चूत की भूख मिटाता।
फिर एक दिन उन्होंने मुझे अपने गर्भ से होने की बात बताई तो मैं भी बहुत खुश हुआ।
बाद में मैडम ने सारी बात सर को बताई तो उन्होंने भी परिस्थिति से समझौता करते हुए मुझे बुलाकर मेरा धन्यवाद करते हुए कहा- जीवन में जब कभी भी हमारी जरुरत पड़े तो निसंकोच आ जाना।
उसके बाद तो मेरी जैसे लाटरी निकल गई।
साली गांड फक स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपनी साली की चुदाई कर रहा था। मेरी बीवी सब देख लेती है। लेकिन उन दोनों ने तब कुछ ऐसा किया किमेरे पैरों तले जमीन खिसक गई।
दोस्तो, कैसे हो आप लोग! मेरी सेक्स कहानी
आधी घरवाली ने बुर की सील खुलवा ली
को इतना प्यार देने के लिए धन्यवाद।
मैं अपनी पिछली कहानी को इस साली गांड फक स्टोरी में आगे बढ़ा रहा हूं।
मेरी साली नीलू और मेरे बीच हुए सेक्स के बारे में अब मेरी बीवी सिमरन को भी पता चल गया था।
जब मैं रूम में पहुंचा तो देखा कि सिमरन जागी हुई थी.
वह मुझे देख कर बोली- हो गया सेक्स?
उसके मुँह से यह सुनते ही मेरी हालत खराब हो गई.
तभी नीलू भी आ गई.
मैं एकदम ठंडा पड़ गया था.
सिमरन की बात सुनकर मेरी और नीलू की तो गांड फट गई।
तभी नीलू सिमरन के पास गई और दोनों हंसने लगीं।
नीलू बोली- दीदी, जीजू को अब बता दो कि उनके साथ आज क्या हुआ!
अब मैं सोच में पड़ गया कि ये दोनों क्या बातें कर रही हैं।
मैं दोनों को घूरने लगा और आंखों में ही सवाल करने लगा।
तभी सिमरन मेरे पास आई और बोली- बोलो, हो गई दोनों की चुदाई!
दोनों मुंह पर हाथ रखकर हंसने लगीं।
फिर नीलू बोली- जीजू इतना नर्वस मत होइए। दीदी ने ही ये सब कुछ प्लान किया था। मुझे पता है कि आप लोगों की सेक्स लाइफ अच्छी नहीं है, और मैं ये भी जानती हूं कि दीदी आपका साथ नहीं देती है सेक्स में!
ये सब सुनकर मैं तो हैरान हो गया था।
मैं बोला- बालकनी में आओ।
हम तीनों बाहर आ गए।
मैं- अब बताओ क्या है ये सब!
सिमरन- पता है मेरे इतना सेक्सी होने का राज क्या है?
मैं- नहीं, बताओ! (मैं अभी भी हैरान था और समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या कहने वाली है)
सिमरन- नीलू है इसके पीछे!
मैं- कैसे?
सिमरन- मैं लेस्बियन हूं, मेरे बूब्स नीलू ने बड़े किए हैं।
मैं- क्या? पागल हो? क्या बोल रही हो, तुम … और लेस्बो?
नीलू- सच्ची जीजू, आपसे ज्यादा तो इसने मेरे साथ सेक्स किया है।
मैं समझ नहीं पा रहा था लेकिन फिर भी सच को अपनाने की कोशिश कर रहा था।
मैं- तुम लोग सही में अलग लेवल की हो, अब ये बताओ सिमरन ने नीलू के साथ ये प्लानिंग किसलिए की?
सिमरन- ये प्लान हमारी पहली एनिवर्सरी पर बना था। नीलू का कॉल आया था, बोल रही थी कि दी मेरी जान … हम लोगों को सेक्स किए एक साल हो गया है।
सिमरन- मैं बोली कि बीएफ बना लो, अब दीदी के साथ कब तक सेक्स करती रहोगी।
नीलू- क्यों, आप जीजू को खुश रख पा रही हो?
सिमरन- मैं कुछ नहीं बोली इस पर।!
नीलू ने फिर कहा- दीदी, मुझे पता है, आप तो सेक्स करने नहीं देती होंगी, पर जीजू अच्छे हैं इसलिए कुछ नहीं बोलते होंगे।
सिमरन- फिर मुझे लगा कि नीलू सही कह रही है।
नीलू फिर बोली- दी, क्यों ना दोनों कोई प्लान बनाते हैं, मैं जीजू के साथ सेक्स करूंगी, और आप मेरे साथ करना। जीजू तो वैसे भी मुझे भाव नहीं देते, मैं सांवली जो हूं।
सिमरन- बहुत सोचने के बाद मैंने हां कर दी।
इनकी बातें मैंने ध्यान से सुनी।
फिर मैं बोला- तुम दोनों पागल हो।
नीलू- जीजू, आपको सेक्स करके मजा नहीं आया क्या?
मैं- लेकिन ऐसा कब तक चलेगा, शादी के बाद?
सिमरन- मादरचोद हिम्मत है किसी की मुझे या तुमको छोड़कर कोई हाथ लगा दे इसे!
इस पर हम तीनों ने तय कर लिया कि रहेंगे तो तीनों साथ, नहीं तो फिर नीलू शादी ही नहीं करेगी।
सिमरन मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी।
मैं समझ गया था कि दोनों की ही चूत मिलती रहेगी पूरी जिंदगी!
नीलू- अब सुबह हो रही है, सबके जागने का टाइम हो गया है, थोड़ी देर सो लेते हैं।
शादी का माहौल था, सब अब जागने वाले थे।
उसके बाद हम तीन दिन काम में पूरी तरह व्यस्त रहे।
मैं बाहर के कामों में लगा था जबकि सिमरन और नीलू घर के कामों में लगी थीं।
फिर बारात वाले दिन सब तैयार हो रहे थे।
रात हो चुकी थी।
मैं रूम में आया।
सिमरन- आ गए …
मैं- हम्म …
नीलू- जीजू, बताओ ना मैं कौन सी ब्रा-पैंटी पहनूं?
मैं- कोई भी पहन लो, ये तुम्हारी रंडी है न, इससे ही पूछ लो!
नीलू- आप शर्त भूल गए क्या?
मैं- कौन सी?
नीलू- सेक्स करने से पहले मैंने आपके सामने शर्त रखी थी कि आपके भाई की सुहागरात में आप मेरे साथ सेक्स करोगे!
मैं- पता है मुझे!
सिमरन ये सब सुनकर स्माइल कर रही थी।
फिर नीलू बोली- अब बता भी दो, और मेरी भी हेल्प कर दो।
मैंने लाल रंग की नीलू के लिए बताई और बैंगनी रंग की सिमरन के लिए।
वे दोनों मेरे सामने ही नंगी हो गईं।
वैसे सिमरन के बूब्स देखकर कोई बता नहीं सकता था कि वह लेस्बियन है, देखते ही लंड खड़ा हो जाता है।
हालांकि नीलू की चूचियां थोड़ी छोटी थीं।
फिर मुझसे रहा नहीं गया, मैंने नीलू को जोर से बालों से पकड़ कर दीवार से लगा दिया और किस करने लगा।
लेकिन ये सिमरन से बर्दाश्त नहीं हुआ।
उसने पीछे से मुझे बालों से पकड़ा और दीवार से लगा दिया।
बोली- बहनचोद, मेरे सामने ही मेरी बहन की चूत लेगा?
कहकर वह मुझे जोर से किस करने लगी।
इतने में नीलू घोड़ी बनकर सिमरन की गांड चाटने लगी।
सिमरन मेरे लिप्स को जोर जोर से चूसे जा रही थी और लंड को जोर से दबाये जा रही थी।
नीलू ने मेरे लंड की तरफ देखा तो मैं समझ गया कि ये चुदाई के लिए तैयार है।
अब नीलू ने सिमरन को बेड पर चलने के लिए कहा।
बेड पर ले जाकर नीलू सिमरन के बूब्स चूसने लगी।
उसने अपनी तीन उंगली सिमरन की चूत में दे दीं।
इससे सिमरन उचक गई- उऊईई ईई मम्मी … आह्ह।
फिर मेरी तरफ आंखें दिखाकर बोली- मादरचोद, तू क्या कर रहा है वहां!
उसने मुझे आंखों से सिमरन के बूब्स चूसने का इशारा किया।
मैंने सिमरन के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया।
सिमरन की सिसकारियां तेज होने लगीं और उसके मुंह से ऊह्ह आह्ह जैसे कामुक शब्द बरसने लगे।
वह बार बार मस्ती में बोल रही थी- आह्ह साली नीलू … और तेज … और तेजी से चोद मेरी चूत को, आह्ह और तेज!
नीलू ने पूरी उंगली उसकी चूत में घुसा दी जिससे सिमरन की चीख निकल गई।
इतने में नीलू ने अपने होंठ सिमरन के होंठों पर रख दिए।
सिमरन की चूत अब झड़ने के करीब आ गई थी।
चूत में नीलू की उंगलियों की स्पीड अब और ज्यादा बढ़ गई।
नीलू ने सिमरन को अपने आगोश में ले लिया और सिमरन की चूत का पानी निकल गया।
सिमरन शांत हो गई।
उसने नीलू को हटाया और मेरे गले लग गई।
नीलू- साली रंडी … मजा ले मेरे से और झप्पी जीजू को!
सिमरन- नीलू मेरी जान … भूल मत, तू भी मेरी है और आनंद न रहता तो चुदाई भी तू न करवा पाती।
सिमरन- चल मैं नीचे जा रही हूं, हर कोई बारात के लिए तैयार हो रहा है। मैं भी हो जाती हूं। तुम लोग भी तैयार होकर आओ।
वह चली गई.
और उसके जाते ही नीलू मुझसे लिपट कर जोर जोर से किस करने लगी, मेरे लंड को मसलने लगी।
मैं समझ गया कि उसकी चूत चुदाई मांग रही है।
मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और किस करने लगा।
फिर उसकी गांड को भींचने लगा।
मैं- नीलू, तेरी गांड भी सिमरन से छोटी है।
नीलू- साली सिमरन को मजा लेना होता है तो गांड मुझसे चटवाती है। चूत में उंगली भी मुझसे करवाती है, लेकिन जब मेरी बारी आती है तो शांत हो जाती है।
मैं- कोई बात नहीं, मैं तेरी गांड और चूचियों को बड़ा कर दूंगा।
नीलू- ओके बातों में टाइम खराब नहीं करते हैं, चलो शुरू करो।
मैं नीलू की गांड में थूक लगाकर लंड के टोपे से मसलने लगा।
फिर उसकी गांड में लंड को सरकाने लगा।
लंड अंदर जाने लगा तो उसकी जोर से चीख निकल गई- आईई … मर गईईई!
मैं जानता था कि नीलू की गांड इतनी आसानी से लंड को झेल नहीं पाएगी।
तो मैं बोला- साली रंडी, चुदाई करवानी है तो सब सहन भी करना पड़ेगा।
मैंने उसे धीरे धीरे चोदना शुरू किया।
कुछ देर बाद धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।
मैंने उसके बालों को पकड़ लिया और तेजी से गांड में लंड को घुसाने लगा।
वह चुदती हुई रोने लगी।
मैं- साली रंडी, जब रोना ही था तो चुदाई क्यों करवा रही है?
वह बोली- जीजू, दर्द ज्यादा हो रहा है।
अब मैंने उसके मुंह में एक कपड़ा फंसा दिया।
मैं बोला- शोर बाहर चला जाएगा, कोशिश करो, सब हो जाएगा।
उसने हां में सिर हिला दिया।
मैं दोबारा से चुदाई में लग गया।
कुछ देर बाद मेरा छूटने को हो गया।
मैंने नीलू से बताया लेकिन वह कुछ नहीं बोली।
फिर एकदम मेरी गांड फट गई।
मैंने देखा कि लंड पर खून लगा हुआ था।
तो मैंने लंड निकाला तो उसकी गांड फट गई थी।
वह बेहोश होने लगी थी।
फिर मैंने जल्दी से उसके मुंह पर पानी के छींटे मारे तो उसको होश आने लगा।
होश आते ही वह मुझसे लिपट कर रोने लगी।
फिर मुझे ध्यान आया कि मैंने ही इसे चुप रहने के लिए कहा था इसलिए यह चुपचाप चुदती रही।
फिर मैं उसे गोद में उठाकर वाशरूम में ले गया।
देखा तो उसकी गांड और चूत तक सब जगह खून फैला हुआ था।
वह बोली- मैं आपके लिए इससे भी ज्यादा कर सकती हूं जीजू!
मैंने उसकी चूत और गांड को साफ किया।
हमने साथ में शावर लिया।
उसके बाद हम बाहर आ गए।
बेड पर पूरा खून खराबा हो गया था।
वह बोली- आपका माल निकला था क्या?
मैं- नहीं।
नीलू को पता नहीं क्या हुआ, वह गुस्से में आ गई- मैं सिमरन की तरह चूत को ऐसे बर्बाद नहीं होने दूंगी। मैं चूत में भी लूंगी। आप मुझे चोद रहे हो या नहीं?
सुनकर मुझे भी जोश चढ़ गया।
मैंने उसे बेड पर गिरा दिया और उसकी काली-गुलाबी चूत में लंड को लगाकर धक्का देने लगा।
मेरा लंड एक धक्के में अंदर चला गया।
जल्द ही नीलू मेरे लंड के धक्के खाते हुए मजे में गोते लगाने लगी और बोलने लगी- आहह जीजू … और चोदो … मजा आ रहा है … आह्ह चोदो।
नीलू की चूत अंदर से पूरी गीली हो चुकी थी।
कुछ देर के बाद मेरा भी माल निकलने को हो गया।
मैंने नीलू को बता दिया कि मेरा होने वाला है।
मैं- मुंह में लोगी क्या?
नीलू गुस्से में- नहीं, चूत में चाहिए मुझे!
मैंने चूत में ही सारा माल डाल दिया।
नीलू- जीजू, दी को 1 घंटा हो गया है, अब चलो तैयार हो जाओ।
तभी सिमरन आवाज लगाती हुई आई, उसके पास रूम की चाबी थी तो सीधे खोलकर अंदर चली आई।
कमरे का हाल देखकर वह हैरान हो गई।
वह मेरे पास आकर मुझे मारने लगी, बोली- मादरचोद, नीलू का क्या हाल कर दिया तूने! इतना खून!
नीलू हम दोनों के बीच आकर बोली- दी, सब मेरी मर्जी से ही हुआ है।
सिमरन- इसको पता होना चाहिए ना कि तुम पहली बार कर रही हो, कोई रंडी थोड़ी हो!
नीलू ने सिमरन को गले लगाते हुए कहा- शांत हो जाओ मेरी जान, इसमें मेरी ही मर्जी थी।
सिमरन गुस्से में बोली- नीचे सब तुम दोनों के बारे में पूछ रहे हैं, बोल दूं कि चुदाई कर रहे हैं?
नीलू- दी आप जाओ, 15 मिनट तक संभालो, हम दोनों अभी आते हैं।
सिमरन चली गई।
उसके जाते ही हम दोनों रूम की सफाई में लग गए, फिर हम साथ में नहाए।
नीलू- जीजू, मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा है, लगता है कि चलना मुश्किल है।
मैंने थोडी़ रूई ली और उसकी गांड में घुसा दी।
मैं बोला- इससे थोड़ी राहत मिलेगी।
मैंने नीलू को ब्रा-पैंटी पहनाई और फिर तैयार होने चला गया।
मैं तैयार होकर उससे पहले निकल गया।
जब सिमरन और नीलू साथ में तैयार होकर आईं तो गजब की सेक्सी लग रही थीं।
सिमरन मेरे हाथ में हाथ डालकर साथ खड़ी हो गई।
बोली- क्यों जी, कैसी लग रही हूं? सेक्सी न?
मैं बोला- नाराज तो नहीं हो?
इतने में ही नीलू हमारे पास आ गई।
बोली- जान अब थोड़ा डांस हो जाए!
हम नाचने लगे।
मैं भी इस मौके का फायदा उठाते हुए बार बार नीलू की गांड पर टच कर रहा था।
सिमरन ये सब देख रही थी।
फिर सब लोग शादी में बिजी हो गए।
शादी 2-3 घंटे में संपन्न हो गई।
सब लोग अपने अपने रूम में आने लगे।
सिमरन रूम में आते ही सो गई।
मैं और नीलू अभी जाग रहे थे तो हम बातें करने लगे।
नीलू- जीजू, आपने तो मेरी जान ही ले ली थी।
मैं- हां, माफ करना उसके लिए।
नीलू- कोई बात नहीं जीजू, अगली बार तो मैं ही आप पर भारी पड़ूंगी।
मैं- अच्छा! चलो देखते हैं।
नीलू- जीजू, आपने मेरे और दी के अलावा किसी और के साथ भी सेक्स किया है क्या?
मैंने मुस्करा कर कहा- दो-दो रंडी है ना, और की क्या जरूरत!
नीलू ने मुस्कराते हुए मुझे किस कर लिया।
हम दोनों किस कर रहे थे कि अचानक से बुआ रूम में आ गई।
वह जोर से चिल्लाई- ये क्या है!
तभी सिमरन भी जाग गई।
उसने भी बुआ को देख लिया और हमारी हालत भी।
तभी उसने जल्दी से उठकर दरवाजा बंद कर दिया।
हम तीनों अब बुआ से बात करने लगे।
दरअसल बुआ अपने पति के साथ नहीं रहती थी। उनके कोई औलाद नहीं थी।
बुआ की उम्र 40 साल होगी, चूची 36 की और कमर भी लगभग इतनी ही।
लेकिन बुआ की गांड 42 के करीब थी।
हैरानी थी कि बुआ की गांड इतनी ज्यादा मोटी कैसे थी।
अब हम दोबारा से कहानी पर आते हैं!
तो बुआ ने सिमरन से कहा- देख, ये आनंद क्या कर रहा है!
नीलू- सिमरन को सब पता है!
बुआ- क्या मैं नीलू से अकेले में बात कर सकती हूँ?
मैं और सिमरन इस पर हैरान रह गए।
हम दोनों रूम के बाहर चले गए और बुआ ने दरवाजा बंद कर लिया।
बुआ- ये क्या है नीलू?
नीलू- जो तुम मेरे घर पर मेरे भाई के साथ करती हो, वही।
बुआ- मुझे पता है कि तुम्हें पता है मेरे और तेरे भाई के रिश्ते के बारे में। लेकिन तू सिमरन और आनंद के बीच क्यों आ रही है। तुम्हारे भाई से तो मैं मिली भी नहीं हूं कितने टाइम से।
नीलू- मुझे नहीं पता कि तुम मेरे भाई से मिलती हो या नहीं, लेकिन ये जो सब हो रहा है, इसमें ना ही पड़ो तो अच्छा है।
बुआ- क्यूं इनकी जिंदगी से खेल रही है?
नीलू गुस्से में बोली- साली सिमरन चुदक्कड़ को आनंद जैसा स्मार्ट लड़का मिला और मुझे कोई पसंद नहीं करता।
बुआ- नीलू, मुझे पता है सिमरन और आनंद की शादी के बाद घर पर तुमने हंगामा किया था।
नीलू- किया था और अभी इनकी जिंदगी में रानी बन कर दिखाऊंगी और सिमरन को उसकी औकात बताऊंगी कि घर की असली रानी मैं हूं।
बुआ- मैंने बारात में नोटिस किया था, मुझे शक हो गया था इसलिए मैं छिपकर पीछा कर रही थी।
नीलू- तुम्हारी भलाई खामोश रहने में ही है।
बुआ- लेकिन उन लोगों को तुम्हारी असलियत के बारे में पता चल गया तो?
नीलू गुस्से में बोली- सुन रंडी, तू जाती है या मेरे भाई और तेरी सेक्स वाली तस्वीरें शेयर करूं सबको?
बुआ- ठीक है।
तभी दरवाजा खुला और बुआ गुस्से में बाहर चली गई।
हम लोग अंदर आ गए।
मैंने नीलू को गले लगा लिया और पूछा- क्या हुआ अंदर?
नीलू- कुछ नहीं, बुआ को हम लोगों की मर्जी का पता चला और अब कुछ नहीं कहेगी वह किसी से!
तो दोस्तो, नीलू अपना बदला ले रही थी।
आपको ये स्टोरी कैसी लगी हमें जरूर बताना।
अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि नीलू आगे क्या चाल चलती है।
तुम्हारी सेक्सी मेल्स पढ़कर मुझे इतना मज़ा Antarvasna आता है कि मैं बता नहीं सकती। जितना मज़ा तुम्हारी मेल ने दिया है उतना शायद ही कभी मुझे मिला हो। जैसा कि तुम मुझे कह रहे थे, मैं भी तुमको यह सेक्सी मेल लिख रही हूँ। होप यू एन्जॉय।
जहाँ तुमने छोड़ा था उसके आगे से लिख रही हूँ।
तुम मेरे पास आगरा आए थे और होटल के रूम में बुला कर तुमने मुझे खूब चोदा।
(हाय मैं इतना गन्दा सोच रही हूँ )
तीन बार करने के बाद तुम पूरी तरह निढाल होकर मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरे ऊपर ही सो गए। सुबह उठकर तुम वापिस चले गए।
एक हफ़्ते बाद तुम वापिस आए इस एक हफ़्ते में मैं तुम्हारी याद में हस्त मैथुन करती रही।
तुम सुबह 10 बजे मेरे रूम पे आए, तुमने दरवाज़ा खटखटाया, मैं सन्डे होने के कारण थोड़ी देर पहले ही सो के उठी थी। मैंने जैसे ही दरवाज़ा खोला, तुम अन्दर आ गए, पीछे से दरवाज़ा बंद करके मुझे अपनी बाहों में भर लिया और बेतहाशा चुम्बन करने लगे।
तुमने कहा- मैं पूरे एक हफ्ते से प्यासा था, आज मेरी प्यास बुझा दो !
मैंने मजाक में कहा- लो पानी पी लो, फिर कोल्ड ड्रिंक भी देती हूँ।
तुमने हँसते हुए पानी पी लिया और कहा- कोल्ड ड्रिंक मैं गिलास से नहीं पियूँगा।
मैंने पूछा- फ़िर कैसे?
तुमने आगे आकर मुझे किस किया और मेरे मम्मों को दबाते हुए बोले- नए स्टाइल में पियूँगा !!!
मैंने पूछा- कौन सा नया स्टाइल?
तुमने कहा- अभी बताता हूँ।
मैंने क्रीम रंग की नाईटी पहनी थी, नीचे काली ब्रा और पैंटी !
“तुम बैठो मैं अभी नहा कर आती हूँ !”
तुम- चलो, मैं तुम्हें नहलाता हूँ !
मैं- धत्त ! बेशर्म ! मुझे शर्म आती है।
तुम- जब मैं तुम्हारी मारता हूँ तब तो शर्म नहीं आती?
“अरे नहीं ! आती तो है पर उस समय मैं इतनी गर्म होती हूँ कि मुझे होश ही नहीं रहता।”
” तो चलो ठीक है, मैं तुम्हें गरम करके नहलाता हूँ और कोल्ड ड्रिंक पीने का नया तरीका भी तो बताना है तुम्हें। सच्ची तुम्हें बहुत मज़ा आएगा !”
“ऐसा है तो चलो।”
और हम दोनों बाथरूम में घुस जाते हैं।
बाथरूम में घुसते ही तुम मुझे पकड़ के कस के चूमते हो और मेरे मम्मे और मेरे गान्ड पर हाथ फ़ेरते हो। मुझे मज़ा आने लगता है। तुम शावर खोल देते हो और मैं भीगने लगती हूं। तुमने टी-शर्ट और जीन्स पहन रखी हैं। भीगने से मेरी नाईटी मेरे शरीर से चिपक जाती है और मेरे मस्त मम्मे ब्रा में ढके हुए और मेरी पैन्टी साफ़ दिखने लगती है। यह देख कर तुम गरम हो जाते हो और मुझे अपनी तरफ़ खींचते हो। नीचे घुटनों के बल बैठ कर मेरी नाईटी ऊपर उठा कर मेरी टांगों और जांघों को चूमते हुए मेरी पैन्टी तक पहुँच जाते हो !!
“स्स्स्स्स्स्स श्ह्ही अआया आआः मज़ा आआया आया आ आ रहा है !”
तुम दोनों हाथ मेरी पैन्टी के अन्दर डाल देते हो और दाएं हाथ से मेरी गान्ड को और बाएं हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगते हो !
“आआया आया अआया आआअह्ह्ह मज़ा आ आ आआया आआया रहा है।”
यह करते हुए तुम मुँह से मेरी पैन्टी का एलास्टिक पकड़ कर उसको धीरे धीरे नीचे उतारते हो।
मेरी गरम चूत देखते ही तुम्हारे मुँह में पानी आ जाता है और तुम मेरी क्लिटोरिस को चूमने और चाटने लगते हो, मैं आ आया आ आआ अआय आ आआया अह आ आआया आआ अआः करती हूँ, तुम्हारा सर पकड़ कर अपनी चूत पे दबाती हूं, तुम्हारे हाथ मेरे गान्ड के छेद पे होते हैं।
इस तरह से मैं पहली बार ओर्गास्म हो जाआआताआ है, “आआअह मैं मर गई !”
तुम कहते हो यह तो शुरुआत है। मेरे चूत का जूस अपने होठों पे लेकर मेरी नाईटी और ऊपर उठाते हो और मेरी ब्रा को खोल कर मेरे मम्मे ज़ोर ज़ोर से दबाते हो और मेरे सख्त निप्प्ल पर मेरी चूत का जूस मेरे होठों से लगा देते हो। मेरी ब्रा खुल कर नीचे गिर जाती है, मैं नाईटी उतार देती हूं और पैन्टी से पैर निकाल कर बाहर आ जाती हूं।
मैं तुम्हारे लन्ड की तरफ़ देखती हूं जो एकदम टाईट हो रहा है और तुम्हारी जींस फाड़ कर बाहर आने को बेताब है।
“अरे जान इसको क्यूँ सज़ा दे रहे हो, इसको तो बाहर आने दो !”
“हाँ यह तो बाहर आएगा ही वरना मज़ा क्या आएगा।”
और हम दोनों हँसते हैं।
तुम- अच्छा तुम जाओ ज़रा चिल्ड कोल्ड ड्रिंक लेकर आओ !
मैं- अरे कोल्ड ड्रिंक का क्या करोगे अभी?
तुम- जाओ न, मुझे प्यास लगी है मुझे पीना है !
“अच्छा बाबा लाती हूँ पर तुम कपड़े तो उतारो।”
“नहीं कपड़े तुम उतरना मेरे, तब असली मज़ा आएगा।”
अच्छा !
मैं जल्दी से पूरी नंगी हालत में भाग के गई और फ्रीज से सुपर-चिल्ड कोल्ड ड्रिंक-फ़ैंटा निकाल के ले आई।
भाग के जाने से मेरी साँस फूलने लगी और मेरे मम्मे ऊपर नीचे होने लगे।
तुम- जान तुम्हारे मम्मे कितने अच्छे हैं ! अच्छा अब मैं थोडी देर बाद कोल्ड ड्रिंक पियूँगा और तुम लोलीपोप चूसना।
मैं- लोलीपोप? मैं कोई बच्ची तो नहीं हूँ जो लोलीपोप चूसूंगी !
“मना ना करो, तुम्हारे लिए बहुत टेस्टी लोलीपोप लाया हूँ।”
“अच्छा ! कहाँ है दो।”
“पहले तुम अपनी आँखें बंद करो।”
“मैं अपनी आँखें बंद करती हूं।”
अब तुम अपना लन्ड निकाल कर उस पर थोड़ा सा कोल्ड ड्रिंक गिरा के मुझसे कहते हो- जानू अपना मुँह खोलो !
मैं अपना मुँह खोलती हूं और तुम अपना लन्ड मेरे मुँह में दे देते हो।
मैं जीभ से टेस्ट करती हूँ- अरे यह तो ओरंज फ्लेवर लोलीपोप है।
तुम्हें अच्छी लगी !
“हाँ !”
तुम- तो आंखें खोलो और चूसो !
मैं आँखें खोलती हूं और तुम्हारा लन्ड देखती हूं- तो यह लोलीपोप है?
हाँ, अब चूसो !
मैं तुम्हारा जींस का बटन खोल कर अंडरवीअर नीचे करके घुटने तक तुम्हारा लन्ड चूसने लगती हूं।
तुम मेरे सर के पीछे से पकड़कर कस के चुसवाने लगते हो। तुम्हारा लंबा मोटा लन्ड मेरे मुँह में पूरा नहीं जा पा रहा होता है, तुम मुझे पकड़कर अपने लन्ड को ज़ोर से मेरे मुँह में डाल देते हो। मुझे दर्द होता है लेकिन अब तक तुम्हारे हाथ मेरे मम्मों को दबाने लगते हैं और मुझे मज़ा आने लगता है। मैं तुम्हारा पूरा लन्ड लोलीपोप की तरह चूसने लगती हूं।
तुम आ आआया आआह्ह हह्ह्ह्छ ओऊ ऊऊ ऊऊओ ऊह ऊऊ ऊऊ उफ ! करते हो।
“बस रुक जाआआओ ! वरना मैं झर जाऊँगा।”
“तो झर जाओ !”
तुम- नहीं ! मुझे अभी तुम्हारी चूत और तुम्हारी गान्ड मारनी है।
मैं हँसते हुए हट जाती हूं। अब तुम अपने कपड़े उतार के आ जाते हो और बोलते हो कि अब मुझे कोल्ड ड्रिंक पीनी है
मैं- वो कैसे?
तुम मुझे अपने सामने खड़़ा करते हो और मेरे नंगे शरीर को देख कर कहते हो- यह है न ग्लास।
मैं- मतलब?
तुम कोल्ड ड्रिंक की बोतल लेकर अपने होठों से शुरू करके अपने मम्मों, अपनी नाभि अपनी चूत, अपनी गांड जांघों और टांगों पर कोल्ड ड्रिंक डालो धीरे धीरे और मैं पीता जाऊँगा !
“वाओ, यह तो बहुत बढ़िया तरीका है।” है न?
और मैं अपने होठों से कोल्ड ड्रिंक गिरा कर धीरे धीरे नीचे बढती जाती हूं। ठंडी कोल्ड ड्रिंक से बदन में सिहरन उठती है लेकिन तुम्हारे चाटने से मज़ा आऽऽऽऽ हऽऽ आऽऽऽ रहा है। तुम ऐसे ही चूसते और कोल्ड ड्रिन्क पीते जाते हो, मेरे मम्मों पर, चूत में से, गान्ड में से नीचे तक।
मैं- अब मेरी बारी !
अब तुम खड़े हो जाते हो और मैं घुटनों के बल तुम्हारे आगे बैठ जाती हूं और तुम्हारे लन्ड पर कोल्ड ड्रिन्क डाल डाल कर पीती रहती हूं और साथ ही तुम्हारा लन्ड, तुम्हारे टट्टे भी चूसती जाती हूं। अब तुम बिल्कुल गर्म हो जाते हो। मैं जैसे ही कोल्ड ड्रिन्क की बोतल रखने के लिये पलटती हूं, तुम मुझे पीछे से पकड़ कर मेरे मम्मे नोच लेते हो।
मेरी चीख निकल जाती है। इस समय तुम्हारा लन्ड मेरी गान्ड के छेद के पास गड़ रहा होता है। तुम मुझे ऐसे अपनी बाहों में उठा लेते हो कि तुम्हारा लन्ड मेरी गान्ड से रगड़ रहा होता है और उठा के मुझे बेड के पास ले जाते हो।
वहाँ पहुंच कर तुम मुझे बेड पे दोनों हाथ और पैर पे बैठने को कहते हो और वैसलीन की शीशी उठा लाते हो। मेरी गान्ड के छेद को खूब चूसते हो और उस पर वैसलीन लगाते हो, और अपने लन्ड पर भी !
मैं- आज क्या पहले गान्ड मारोगे?
“हाँ !”
“तो ठीक है ऐसे मारना मेरी गान्ड फ़ाड़ देना ! ठीक है?”
तुम पहले दो उंगलियों से मेरी गान्ड का छेद बड़ा करते हो, फ़िर धीरे से अपना सख्त लन्ड मेरी गान्ड पर लगाते हो और धीरे से मेरी गान्ड मारना शुरू करते हो। धीरे धीरे धक्के देते जाते हो, तुम्हारे हाथ मेरे मम्मों पर आ जाते हैं और तुम उन्हें दबाने लगते हो, बीच बीच में दो उंगलियों से मेरे चूत में भी फ़िन्गरिन्ग करते हो आऽऽऽहऽऽ आआऽऽ मज़ा आऽऽ रहाऽऽ है… और जोर से और जोर से
” मुझे धीरे में मज़ा नहीं आ रहा, जोर से मारो मेरी गान्ड फ़ड़ दो आज” मैं हवस के बहाव में बोलने लगती हूं।
तुम जोश में आ जाते हो, मेरी जांघें पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचते हो और एक झटके में अपना पूरा लन्ड मेरी गान्ड में डाल देते हो।
मेरी चीख निकल जाती है- आऽऽऽऽह ऽऽआअऽऽऽऽ अऽऽऽऽ मर गई !
इससे पहले कि मैं सम्भल पाती, तुम मेरी गान्ड जोर जोर से मारने लगते हो, पूरा लन्ड बाहर निकाल कर जोर से एक झटके में अन्दर बाहर करने लगते हो।
“मुझे बहुत दर्द हो रहा है लेकिन मज़ा भी आ रहा है !”
तुम अपनी स्पीड बढ़ाते जाते हो !
मैं कहती हूं- रुक जाओ प्लीज बस !
तुम- नहीं आज सचमुच में तुम्हारी गांऽऽऽऽड फ़ाड़ के रहूंगाऽऽऽ”
“मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहाऽऽऽ है नाऽऽऽ.?”
“हाँऽऽऽऽऽ!
तुम फ़िर मेरी गान्ड के पट्टों पर थप्पड़ मारते हो सटाक सटाक !
मुझे बहुत मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहा है, मेरे चूतड़ बिल्कुल लाल हो गये और मेरी गांड का बुरा हाल हो गया, लेकिन तुम रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हो !
मेरे बहुत कहने पर तुम रुके पर एक शर्त पर कि मैं तुम्हारे लन्ड पर बैठ कर कूदूंगी क्योंकि तुम्हें अभी मेरी गान्ड और भी मारनी है !
मैं अच्छा बाबा ! अच्छा ! कह्ती हूं और तुम नीचे लेट जाते हो मैं तुम्हारे लन्ड पर तुम्हारी तरफ़ मुंह करके बैठ जाती हूं और कूदना शुरू कर देती हूं। अब तुम्हें बहुत मज़ा आने लगता है।
आऽऽहऽऽ आऽऽऽऽऽआअ, मेरे लन्ड पर ऐसे ही कूदती रहो !
इस पोजीशन में तुम्हारा लन्ड बहुत अन्दर तक जा रहा होता है। एक हाथ से तुम बारी बारी मेरे मम्मों को मसल रहे होते हो और दूसरे से मेरी चूत को !
मेर क्लाईमैक्स आ रहा होता है आऽऽहऽऽ आऽऽऽऽ आअ आऽऽऽहऽऽ आअऽऽ अऽऽऽऽ मर गई।
उफ़्फ़्फ़्फ़ ! मेरी चूत के जूस तुम्हारे हाथ पर और तुम्हारे पेट पर फ़ैल जाते हैं.’ मैं थक गई कूद कूद के”
“अच्छा तो हट जाओ !”
तुम मेरी चूत क जूस मेरे मम्मों पे लगा देते हो और जोर जोर से चूसते हो। मेरे मम्मों के बीच टिशु पेपर लगाकर अपना लन्ड रगड़ते हो और साफ़ कर लेते हो”
तुम मुझे पेट के बल लेटने को कहते हो और तीन तकिये मेरे पेट के नीचे रख देते हो।
मैं डर जाती हूं- क्या अभी और गान्ड मारने का इरादा है?
“नहीं जान, अब तुम्हारी चूत की बारी है।”
“अरे चूत तो आगे से मारी जाती है।”
“यह नया स्टाईल है !”
“अच्छा कैसे?”
तुम तकिये मेरे पेट के नीचे रखकर मेरी चूत पर हाथ फ़ेरते हो और मेरी टांगें फ़ैला देते हो। फ़िर एक झटके में अपना लन्ड मेरी चूत में डाल देते हो।
मेरी फ़िर से चीख निकल जाती है- हाऽऽऽऽय आऽऽज क्या जान निकालने का इरादा है?
“नहीं, लेकिन जब दर्द होता है तभी तो मज़ा आता है !”
“हाँ, वो तो है।”
और तुम जोर जोर से मेरी चूत मारने लगते हो। तुम दोनों हाथों की उन्गलियों के बीच में मेरे सख्त चूचकों को दबा दबा के खींच रहे हो और जीभ से चाट और चूस भी रहे हो। मैं मुँह नीचे कर के देखती हूं। तुम्हारा लन्ड पिस्टन की तरह मेरी चूत में जा रहा होता है।
यह देख कर मेरा फ़िर से पानी निकल जाता है, मैं पूछती हूं, तुम्हारा एक बार भी नहीं झड़ा?
तुम कहते हो- नहीं ! आज जी भर चोदने के बाद ही झड़ूंगा।
फ़िर तुम मुझे घसीट के बेड के किनारे पर ले आते हो, खुद जमीन पर खड़े हो जाते हो और मेरी टांगें चौड़ी करके अपने कन्धों पे रख लेते हो और पूरी गति में चोदने लगते हो। इस स्थिति में तुम्हारा लन्ड पूरा मेरी चूत में बहुत अन्दर तक जा रहा है। तुम जोर से झटका मारते हो और मेरी चूत में कुछ गरम गरम लगता है।
मैं पूछती हूं- ये क्या है, क्या तुम्हारा निकल गया?
तुम- नहीं, मैंने तुम्हारी चूत में मूत दिया है, तुम्हें मज़ा आ रहा है ना?
मुझे इतना मज़ाऽऽऽ आऽऽ रहाऽ है कि मेरा एक बार और निकल जाता है। 10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद तुम मुझे उठा के मेज़ के किनारे पर बैठा देते हो और मेरी टांगें अपनी पीठ में गोल घेरे के रूप में बांध लेते हो और जोर के झटकों के साथ मुझे चोदने लगते हो।
“पूरी ताकत से पूरी ताकत से चोदो ! फाड़ दो मेरी चूत को भी !”
और तुम वास्तव में राजधानी एक्सप्रेस की तरह फुल स्पीड में मेरी चूत की बेदर्दी से चुदाई करते जा रहे हो और मेरे मम्मों से खेल रहे हो।
अब तुम्हारी साँसें तेज़ होने लगती हैं।
तुम आ आआअह उफ़ फ्फ्फ्फ़ फ्फ्फफ्फ़ मर गया आआअ मेरा निकलने वाला है चिल्लाने लगते हो !
मैं अपनी टांगों का घेरा बना कर तुम्हें अपनी तरफ़ ज़ोर ज़ोर से खीच रही हूं। तुम अचानक मुझे अपनी बाहों में उठा लेते हो इस तरह की मेरी चूत मैं तुम्हारा लन्ड घुसा हुआ है और मेरे मम्मे बुरी तरह उछल रहे हैं।
5 मिनट मुझे हिलने को कहते हो और मुझे ज़ोर ज़ोर से इसी पोजिशन में उछालते जाते हो। तुम्हारी स्पीड बढ़ती जाती है और मुँह से आ आआह आया आय आआअह ईईइ ईई आआ आआ ऊऊह्ह्ह्ह्ह की आवाजें आती जाती हैं।
मुझे ऐसे ही उछलाते तुम एक ज़ोर का झटका मारते हो और तुम्हारा गर्म सफ़ेद जूस तुम्हारे मोटे सख्त लन्ड से निकल कर सीधा मेरी चूत की आग को शांत करते हुए गिर जाता है। मेरी चूत में से एक बार और जूस निकलता है।
तुम मुझे लेकर बेड पर पास आ जाते हो और मेरे और तुम्हारे जूस बेड पर टपकते हैं।
हम कुछ देर इसी तरह पड़े रहते हैं।
फ़िर उठ कर मैं तुम्हारे और अपने लिए खाना बनाती हूँ।
और हम खाना खाते हैं।
इस पूरे दौरान मैं और तुम पूरे नंगे रहते हैं।
खाना खाकर हम दोनों एक दूसरे की बाहों में सो जाते हैं, दो घंटे बाद उठके फ़िर अलग अलग जगह और पोज में खूब चुदाई करते हैं।
रात को भी एक बार चुदाई का दौर चलता है और तुम अपना लन्ड मेरी चूत में डाल कर ही मुझे अपनी बाहों में भर कर सो जाते हो।
सुबह उठकर हम लोग एक दूसरे को 69 पोसिशन में ओरल सेक्स करते हैं।
तुम कहते हो- एक दिन में इतना मज़ा मैंने ज़िन्दगी में कभी नहीं किया और शायद तुम्हारे बिना कर भी नहीं पाता।
मैं भी कहती हूं- हाँ, वास्तव में जितने प्यार से और मज़े से तुमने मेरी चूत और गान्ड मारी है शायद ही कोई और मारता।
आई लव यू जानू !
तुम तैयार होते हो जाने के लिए तो मैं उदास हो जाती हूं।
तुम कहते हो- चिंता मत करो, मैं जल्दी ही आऊँगा और अपने साथ एक दोस्त को भी लाऊँगा, हम दोनों मिलकर तुम्हारी मारेंगे। सोचो एक लन्ड तुम्हारी चूत में और एक तुम्हारी गान्ड में एक साथ हो तो कितना मज़ा आएगा।
मैंने कहा- हाँ ! फ़िर मैं अपनी सहेली को भी बुला लूंगी और हम सब मिलकर ग्रुप सेक्स करेंगे।
इसी वादे के साथ तुम चले जाते हो !
जानू यह तुम्हारी मेल और तुम्हारी चैट का नतीजा है जो मैंने यह मेल लिखी है, तुम्हें कैसी लगी?
अब तुम इससे भी सेक्सी और लम्बी मेल मुझे लिखना !
तुम्हारे लंड की प्यासी Antarvasna
मेरी हॉट एच आर गर्ल के साथ ऑफिस में मेरा चुदाई का खेल चल रहा था। एक दिन मैंने रिस्क लेने की सोची। लोगों के रहते हुए मैं एच आर के पास पहुंच गया और फिर …
अगर आप इस सेक्स स्टोरी को शुरू से पढ़ते आ रहे हैं तो आपको पता होगा कि मेरे ऑफिस में एचआर जैनब और मेरे बीच चुदाई का खेल चल पड़ा था।
हम दोनों ने कई बार चुदाई कर ली थी और इस चुदाई के खेल में अब एक कैम गर्ल रूमी भी शामिल हो चुकी थी।
ऑफिस में से जब सब लोग चले जाते थे हम दोनों ही आखिर में रह जाते थे।
मैं उसके केबिन में चला जाता था और वहीं डेस्क पर उसकी टांग उठवाकर उसकी चूत में लंड डाल देता था।
इस तरह से कई बार हम लोग चुदाई कर चुके थे।
अब धीरे-धीरे हम लोगों का डर खत्म हो चुका था।
दरअसल शुरुआत में ऑफिस में चुदाई करने के काम में डर के कारण एक रोमांच पैदा होता था जो अब कम हो गया था।
हम अब इसे थोड़ा खतरनाक बनाना चाहते थे।
कंपनी ने सभी सीनियर मैनेजर के लिए कॉन्फ्रेंस बुक की थी।
लेकिन सारे ही मैनेजर शहर से बाहर गए हुए थे।
केवल मेरे जैसे निचले कर्मचारी ही बचे थे।
तो यह हमारे लिए भी अच्छी ही बात थी।
ऑफिस के टाइम में सब लोग मस्ती करते रहते थे लेकिन मैं काम में पिसता रहता था।
मेरे काम का बोझ अब बढ़ता जा रहा था।
बावजूद इसके मैं थोड़ा रिलैक्स रहता था।
इसके पीछे भी एक वजह थी।
जो एचआर काम को चेक करती थी, वह रोज मेरी टांगों के बीच में पड़ी रहती थी, मेरा लौड़ा चूसती रहती थी।
इसलिए मुझे किसी के टोकने का डर नहीं था।
तो मैं नीचे पहुंचा और जाते ही अपने लंड पर उस हॉट ऑफिस गर्ल का मुंह दबा दिया।
उसकी सांस रुकने लगी तो उसने ताजी हवा लेने के लिए जोर से सांस छोड़ी।
इसी दौरान उसके होंठ मेरे लंड को चूस गए।
उस वक्त मेरे डिपार्टमेंट के सभी लोग रिट्रीट के लिए गए हुए थे।
दूसरी बात यह भी थी कि मेरी कंपनी साइबर सिक्योरिटी को लेकर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देती थी।
तब मैंने Dscgirls.live वेबसाइट खोली।
इस दौरान जैनब मेरा लंड चूसने में लगी हुई थी।
मैंने गहरी सांस ली और एक बार फिर से उसके गले में लंड को फंसा दिया।
उसने रंडी की तरह लंड को गले में फंसा लिया और ऊंह करके सिसकारी भरी।
जैनब हाँफती हुई- रूमी को कॉल कर रहे हो क्या?
मैं- हां, मुझे चुदाई करने का मन हो रहा है. और जब वो अपनी चुदक्कड़ चूत को हमें देखते हुए रगड़ती है तो मुझे बहुत मजा आता है।
जैनब- तुम उसका बहुत फायदा उठाते हो। याद रखो, पहले वह मेरी थी।
अब मैंने नीचे की ओर जाकर जैनब की रसीली चूत को पकड़ लिया।
एकदम से उसका मुंह खुल गया और आह्ह … निकल गई।
वह हैरानी के साथ-साथ मजे में मेरी तरफ देख रही थी।
मैंने उसे जोर से किस कर लिया।
मैं- हो सकता है कि वह पहले तुम्हारी हो … लेकिन अब तुम दोनों ही मेरी हो।
जैनब- ओह, मेरी चूत गीली हो रही है!
मैं- सही टाइम आने पर मैं इसमें उंगली भी करूंगा और इसे जमकर चोद भी दूंगा।
जैनब- ओह येस! कर दो!
अब उसने उठकर अपनी सनड्रेस को उठा दिया।
उस हॉट ऑफिस गर्ल ने नीचे से पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी।
उसने अपनी उंगली को मुंह में लिया और फिर चूत के दाने को मसलने लगी।
उसकी क्लीव शेव चूत का पूरा नजारा वो मुझे दिखा रही थी।
मैं उसे देखकर मुठ मारने लगा।
साथ ही मेरी नजर लैपटॉप पर भी थी।
तभी रूमी ने वीडियो कॉल को जॉइन कर लिया।
वह देख रही थी कि कैसे मैं अपने लंड की मुठ मार रहा हूं और जैनब तेजी से अपनी चूत को रगड़े जा रही है।
रूमी- आआ, तुम दोनों तो बड़े नॉटी हो, मेरा इंतजार कर रहे थे क्या?
उसने मुस्कराते हुए अपने टैंक टॉप के स्ट्रैप कंधों पर से हटा दिए।
उसके चूचे नंगे हो गए।
वह अपने निप्पलों को मसलने लगी।
अब जैनब भी उसकी तरफ घूम गई और अपनी चूत का पूरा नजारा उसे दिखाने लगी।
उसने चूत में उंगली दे डाली और गहराई तक चोदने लगी।
उसकी चूत कैमरा में चमक उठी थी और रूमी को यह नजारा बहुत पसंद आ रहा था।
अब रूमी बेड पर पीछे की ओर झुक कर लेट गई और अपने शॉर्ट्स भी उतार दिए।
उसकी चूत भी गीली थी।
उसने भी अपनी चूत में उंगली डाल ली और दोनों एक दूसरे को देखते हुए चूतें चोदने लगीं।
दोनों के ही मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं।
मैंने मुठ मारना रोक दिया और पीछे से जैनब के पास पहुंच गया।
उसने मेरी गर्दन पकड़ ली और गहरी सांस ली।
इतने में ही मेरी पैंट नीचे गिर चुकी थी।
मुझे नंगा देखते ही उसकी टांगें खुल गईं और वो इंतजार करने लगी कि कब मैं उसकी चूत में लंड डालूं।
लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।
मैं उसकी टांगों के बीच में झुक गया। मैं लार से सनी अपनी जीभ से उसकी गांड के छेद को चाटने लगा।
वो हैरानी में पड़ गई और उसने कैमरा में देखते हुए एक कामुक सिसकारी ली।
मैं जैसे उसकी सनड्रेस के अंदर ही घुस गया था क्योंकि उसने ड्रेस को मेरे मुंह पर ही डाल दिया था।
जैनब- ओह्ह माय गॉड, रूमी!! वह ड्रेस के अंदर जाकर मेरी गांड चाट रहा है! फक! बहुत नॉटी है ये!
रूमी जोर से अपनी चूत रगड़ते हुए- फक! ओह याह! चाटो उसकी गांड बेबी! बहुत हॉट है, मैं तो झड़ने वाली हूं!
मैंने अब जैनब की गांड को चाटना बंद कर दिया।
वह हैरानी से मेरी तरफ देखने लगी … जैसे वो निराश हो गई हो।
वो चूत में उंगली अभी भी चला रही थी।
रूमी भी अपनी दो उंगलियों को गीली चूत के होंठों पर फिराती हुई कैमरा में ही देख रही थी।
अब उसे इंतजार था कि मेरा अगला कदम क्या होगा।
मैं उठा और मैंने जैनब की ड्रेस ऊपर चढ़ा दी जिससे उसके रस में सने झांट भी मुझे दिखने लगे।
मैंने उसकी टांगें ऊपर करवा कर डेस्क पर रखवा दीं।
उसकी आह्ह निकल गई।
वो लगातार अपने बदन पर हाथ फिरा रही थी।
रूमी भी कैमरा में सामने आहें भर रही थी।
मैं- रूमी, घूम जाओ, और इस चूत में कुछ डाल लो। इसे रिसने दो!
हॉट ऑफिस गर्ल जैनब- ओह फक, और फिर?
रूमी- हां बताओ हमें!
वह घूम गई और गांड को हवा में उठा लिया और डिल्डो लेकर उसके गांड और चूत के आसपास फिराने लगी.
मैंने जैनब को अब उसके चूतड़ों से पकड़ लिया, उसकी टांगें खोल दीं।
तब मैंने लंड पकड़ा और उस हॉट ऑफिस गर्ल की चूत में पेल दिया।
मैंने उसको चोदना शुरू किया तो उसने डेस्क को पकड़ लिया और चुदास के चस्के में अपनी गंदी ड्रेस के किनारे को ही दांतों से काटने लगी।
चुदाई के धक्कों से उसके बाल बिखरने लगे।
चुदती हुई वो भी अब बहुत ज्यादा हॉर्नी लग रही थी।
उसने रूमी की तरफ देखा।
उधर रूमी भी मुझे एचआर की चुदाई करते देख उतनी ही स्पीड से डिल्डो से अपनी चुदाई करने लगी।
मैंने जैनब को घुमाया ताकि वो मुझे किस कर सके।
वह मेरी जीभ को चूसने लगी।
मैं उसे तेजी से चोद रहा था।
धक्कों के कारण केबिन के ग्लास पैनल भी हिलने लगे।
और उनके हिलने के साथ ही जैनब भी कराहने लगी।
उसकी आंखें ऊपर चढ़ने लगी थीं और वह अपने होंठ काट रही थी।
जैनब आनंद में उछलते हुए- ओह फक … रूमी देख रही हो … देखो ये … ओह फक!
रूमी रंडियों की तरह सिसकारते हुए- अम्म याह! ऐसे ही चोदो इसे!
अब मैं छूटने की कगार पर पहुंच रहा था।
उन दोनों की सिसकारियों मुझे पागल बना रही थीं।
फिर मुझे एक नॉटी आइडिया आया।
मैंने लंड में कड़ापन महसूस किया और मैं समझ गया था कि मैं छूटने वाला हूं।
उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और अंदर तक घुसा लिया।
लेकिन मैं लंड को ठोक कर रुक गया।
उसने गुस्से भरी चुदास से मेरी तरफ देखा। उसने डेस्क को पकड़ा और मेरे लंड पर अपनी गांड की जैसे चक्की चलाने लगी।
मैंने फिर से लंड देकर रोक दिया।
वह सिसकारने लगी और मेरा लंड बाहर निकाल दिया।
वो मेरा लंड देखते हुए अपनी चूत सहला रही थी और मैं अपने लंड को हाथ से हिला रहा था।
मैंने जल्द ही सारा माल जैनब की ड्रेस पर छोड़ दिया।
जैनब ने अपनी गन्दी हो चुकी ड्रेस को देखा।
माल उसके बदन को भी भिगो चुका था।
फिर उसने सारा माल चाट लिया और मेरे गाल पर हल्का तमाचा लगा दिया जैसे प्यार भरा गुस्सा दिखा रही हो क्योंकि मैंने उसकी ड्रेस खराब कर दी थी।
एचआर- तुम बहुत नॉटी हो।
मैं- तो अब क्या करोगी तुम?
उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे धीरे धीरे सहलाने लगी।
उधर रूमी भी धीरे धीरे अपनी चूत को सहला रही थी और हमारी तरफ देखते हुए मुस्करा रही थी।
रूमी- तुम दोनों हमेशा ही कुछ न कुछ ऐसा मजा करते रहते हो। मेरा इंतजार अब दूसरा क्लाइंट कर रहा है तो मुझे जाना होगा।
हमने रूमी को बाय बोल दिया।
जैनब- हमें उसे कुछ घंटे बाद फिर बुलाना चाहिए!
वह मेरे कानों में फुसफुसाई- जब यहां से हर कोई जा चुका होगा।
मैं- तो क्या तुम पूरा दिन इस सनी हुई ड्रेस में घूमोगी?
जैनब ने बदन से ड्रेस पूरी तरह हटा दी और मेरे ऊपर फेंक दी।
मैंने उसे दीवार से सटा दिया और ग्लास पैनल के सहारे लगाकर उसे चोदने लगा।
अबकी बार मेरा माल उसकी चूत में छूट गया।
उसने मेरी तरफ देखा और मुस्करा दी।
फिर वो एक तरफ गई और कुछ टिश्यू ले आई, साथ में एक नई सनड्रेस भी।
मेरे पास आकर उसने मुझे किस किया और फिर ड्रेस पहन ली।
जैनब- मैं पहले से ही तैयारी करके आई थी। मुझे अंदेशा था कि तुम अपना माल मेरी ड्रेस पर भी गिरा सकते हो।
मैं- मैं तो बार-बार तुम्हारे अंदर ही अपना माल निकालना चाहता हूं जान!
हॉट ऑफिस गर्ल जैनब मुझे चूमते हुए- थोड़े घंटे इंतजार करो, फिर मेरी गांड में भी गिरा लेना।
मुझे इस वर्चुअल थ्रीसम में बहुत मजा आ रहा था।
मस्त राइड थी यह मेरे लिए!
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