Important Notice: Mail for rent - info@tottaa.com

Massage Girl in Washim: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Washim who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Washim that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Washim massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Washim who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Washim massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Washim massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Washim who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Washim employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Washim helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Washim

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Washim at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

मेरी प्यारी चुदासी औरतें और तमाम चूतवालियों आपको राजेश का Antarvasna प्यार। आशा करता हूं कि अभी तक की कहानी जो हकीकत है आप सबको पसन्द आयी होगी और तमाम चूतें रस से लबालब भर गयी होंगी। मैं हमेसा तैयार हूं किसी भी चूत को मारने के लिये। मेरा तो दिल करता है जैसे सभी खेलों का विश्वकप होता है वैसे ही लंड चूत के खेल का भिउ विश्वकप होना चाहिये। अब आपको आगे की कहानी बताता हूं।

सोनम, पाठकों गलती से भाग-२ में इसका नाम शालु लिख दिया है आप नाम को छोड़िए और घटना का आनन्द लीजिये, कि जबरदस्त चुदाई के बाद हम दोनो पस्त होकर सो गये। सोनम बोली “राजा तूने आज इस चूत का खूब मजा लिया और मुझको भी मजा दिया। सचमुच इतनी जबरदस्त चुदाई मेरी आज तक नहीं हुई थी। मेरी तो पूरी चूत दर्द कर रही है। हरामी, हमेशा मुझको चोदते रहना।” मैं बोला “रन्डी अभी तो तेरी गाँड तो बाकी है, मैं तो तेरी गाँड भी मारुंगा तब शान्ती मिलेगी।” सोनम “न रे मादरचोद तेरे इतने मोटे लंड से मैं अपनी गाँड नहीं फड़वाउंगी। तू तो मेरी जान ले लेगा।”

मैने कहा “रानी बड़े प्यार से तेरी गाँड मारुंगा, तू चिंता मत कर तुझे बड़ा मजा आयेगा, मैं जैसा बोलता हूं वैसा कर। जा देख चाची के किचन में कोई मोटा लकड़ी का चिकना डंडा है।” चाची के किचन में दाल को मथने वाली मथानी मिली जिसका हैंडल चिकना और मोटा था। किचन में तेल की शीशी भी मिल गयी।

दोनो को लाने के बाद मैने सोनम से कहा “रानी जरा अपनी गाँड तो दिखाओ उसका रास्ता जरा साफ़ कर दूं ताकि मेरा लंड असानी से उसमें घुस सके।” मैने उसकी साड़ी उठाकर उसको उल्टा सुला दिया, उसके ब्लाउज़ के बटन खोलकर उसके दोनो मम्मो को बे-रहमी से मसलने लगा, वो चिल्लाने लगी “अरे सुअर कितनी जोर से मसल रहा है, जरा धीरे धीरे मसल ताकि मुझको भी मजा आये। इसको छोड़ मादरचोद अपना लंड मेरे मुँह में दे ताकि उसको चूस के खड़ा तो करूं तभी तो तू मेरी इस कोमल गाँड को मार पायेगा।

मैने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया वो सचमुच एक कुतिया की तरह चभर चभर मेरे लंड को चूसने लगी और बोली “बहनचोद, तेरा लंड अभी कितना शांत है और खड़ा होता है तो खतरनाक हो जाता है।” लंड धीरे धीरे अपने असली रूप में आने लगा। मैने उसको उल्ता सुला कर कुतिया के पोज में कर दिया। उसकी गाँड का छेद दिखने लगा था।

मैने उसकी गाँड के छेद पर थूक लगाया और अपनी जीभ से उसकी गाँड को कुत्ते की तरह चाटने लगा और अपनी जीभ को उसकी गाँड में घुसाने लगा। अपनी एक उंगली उसकी गाँड में धीरे धीरे डाला और अंदर बाहर करने लगा। सोनम “राजा तेरी उंगली से तो मजा आ रहा है जरा जोर जोर से डाल।” मैने उसकी गाँड पर ढेर सारा तेल डाला और उसको अपनी उंगली से उसकी गाँड के अंदर डाल दिया। फिर दाल मथानी के हैंडल पर तेल लगाया और उसको सोनम की गाँड पे रखा और दबाया, वो सरकता हुआ उसकी गाँड में घुसने लगा और वो बोल पड़ी “अरे हरामी के बच्चे आराम से घुसा” धीरे धीरे हैंडल उसकी गाँड में घुस गया और मैं उसको अंदर बाहर करने लगा। सोनम को भी मजा आने लगा “अरे राजा बड़ा मजा आ रहा है जरा जोर जोर से डाल, हाय रे मादरचोद, नहीं पता था कि गाँड में भी इतना मजा आता है। राजा मेरी गाँड का भी छेद मेरी चूत की तरह कर दे और इसको भी अपने खम्भे से चोद।” मैं हैंडल को गोल गोल घुमाने लगा ताकि उसकी गाँड ढंग से खुल जाये और मेरे लंड का रास्ता साफ़ हो जाये।

उसके बाद मैने अपने लंड पे ढेर सारा तेल लगाया और उसकी गाँड के छेद पर रख कर एक जोर का झटका मारा, सोनम चीख पड़ी “अरे हर्रर्राम्ममीइ मादरचोद, सुअर मार डाला रे, अहह … र्रर्रर्रर्रीईईए माअद्ददाअर्ररछहूओद्दद्द ने मेरी गाँड फाड़ दी रे। हराम का चोदा रे रुक जा रे साला धीरे धीरे डाल रे हाय रे मेरी गाँड।” मैने फिर धीरे धीरे दबाना सुरु किया और १० मिनट की मेहनत के बाद मेरा लंड उसकी गाँड मेँ ठस गया था। मैने धीरे धीरे अंदर बाहर करना चालु किया, सोनम का दर्द भी कम हो गया था। मैने स्पीड बढ़ाना चालू किया और अब सोनम रंडी को भी मजा आ रहा था। पूछा “क्यों रंडी अब मजा आ रहा है न, छिनाल आज मैं तेरी गाँड फाड़ के रहूँगा, साली एक नम्बर की चुदक्कड है तू, तेरा सारा परिवार छिनाल है। हरामजादी तुझे बता दूं तेरी दोनो बड़ी बहनें भी मेरे लंड की आशिक है और मैं उनको भी जम के चोदता हूं, समझी। तेरी माँ को भी मैने एक बार चोदा हाय रे रंडी। तेरी माँ तो तेरे से बड़ी छिनाल है साली का भोसड़ा इतना बड़ा है कि उसमें दो लंड घुस जाये।”

मेरा लंड तूफान मेल की तरह सोनम की गाँड में उसको चोद रहा था और सोनम तो जैसे पागल हो गयी थी “जियो मेरे राजा आज तुमने मुझको नया आनन्द दिया है, बहुत मजा आ रहा है दिल करता है इस लंड को अपनी गाँड से निकालू ही नहीं। आहा रे मेरे राजा, जोर से मार आह्हह मार मार मार जोर जोर से मार और जोर से मार रे मादरचोद हाय रे अरे पूरा लंड घुसा दे रे मादरचोद। शाबाश मेरे राजा ये चूत और गाँड तुम्हारी हुई जब चाहे जितना चाहे मारना। तू तो बड़ा हरामी है रे तूने तो मेरे पूरे परिवार को चोद दिया है। अगली बार तू मुझको और मेरी माँ को एक साथ चोदना, नई और पुरानी चूत दोनो का मजा एक साथ लेना।”

मैं पागलों की तरह उसकी गाँड में अपना लंड पेले जा रहा था और २० मिनट बाद मेरे लंड ने अपना सारा माल उसकी गाँड में गिरा दिया और शांत हो गया। सोनम ने माल से सने लंड को कुतिया की तरह साफ़ कर दिया चाट चाट कर। सोनम “चल मेरे राजा तूने बहुत मजा दिया और मैं याद रखुंगी तेरी इस चुदाई को। समय समय पर लंड का आनंद देते रहना।”

इस प्रकार सोनम की एक चुदाई खत्म हुई, मैने अनगिनत बार उसकी चूत मारी है और आज भी उसकी चूत मारता हूं। दोस्तों अगली बार मैं अपने मामी की चुदाई की असली दास्तान ले कर आपके सामने आउंगा। Antarvasna

हेलो दोस्तो, कैसे हो आप! Antarvasna

आपने मेरी कहानी का Antarvasna पहला भाग अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ा! आशा है मेरी कहानी आपको पसंद आई होगी. अब आगे!

अगले दिन मैं फोन का इन्तज़ाऱ करने लगा. उसने फोन नहीं किया. करीब़ दो बजे तक इंतज़ार करने के बाद मैंने उसके सेल पर फोन किया पर उसने मेरा फोन नहीं उठाया और रिजेक्ट कर दिया. करीब़ 5-6 बार कोशिश की लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया और फोन को स्विच-ऑफ़ कर दिया.

मैंने कपड़े बदले और उसके घर चला गया. घण्टी बजाई तो उसने दरवाज़ा खोला और बोली- तुम इस समय यहा क्यों आए हो?
मैंने जवाब दिया- तुम अपना फोन क्यों नहीं उठा रही हो? ओफ करके रखे हो! इसलिए मैं सीधा यहाँ आया हूँ!
और मैंने अंदर आकर दरवाज़ा बंद किया और पूछा- मम्मी है?
तो बोली- वो अभी बाहर गई हैं!
मैंने पूछा- कब आएँगी?
तो बोली- आने में देऱी होगी!
फिर मैंने कहा- भाभी तो वो मायके गई हुई है!
मैंने चैन की सांस लेते हुए कहा- भगवान का लाख-लाख शुकर है.

मैंने उसको अपने बाहों में लिया और उस किस किया तो वो मुझसे छुड़ाते हुए बोली- भैया, मुझे छोड़ो! प्लीज़ भैया!
मैंने कहा- निर्मला, क्यों मुझे इतना परेशान करती हो?
तो बोली- भैया परेशान तो आप कर रहे हैं!

फिर मैं किस करने लगा और एक हाथ चूची के ऊपर रख कर दबाने लगा. वो छटपटाने लगी और बोली- भैया प्लीज़! आप हाथ वहाँ से हटाओ!
मैंने कहा- क्या?
तो वो मेरा हाथ जो चूची के ऊपर था, हटाते हुए बोली- भैया दर्द करता है! प्लीज़ आप हाथ मत रखो!
मैंने कहा- ओके! और मैं उसका नीचे का होंठ को चूसते हुए दोनों हाथ उसकी पीठ पर फिरा रहा था और धीरे धीरे कमीज़ की ज़िप नीचे करने लगा.

मैं अब एक हाथ पीछे अंदर डाल कर उसकी नंगी पीठ पर फिराने लगा. जैसे ही मैंने उसकी नँगी पीठ को छुआ तो मुझे और उसे यानि दोनों को ऐसा करेंट लगा कि मैं व्यक्त नहीं कर सकता और वो एक दम घबराकर मुझे बोली- भैया, आप क्या कर रहे हैं!

मैंने कोई जवाब नहीं दिया और पीठ पर हाथ फिराता रहा. फ़िर एक ही झटके में उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. अब मैं उसे चूम रहा था और दोनों हाथों को उसकी नंगी पीठ पर फिरा रहा था.

और फ़िर उसको एक ही झटके में बाहों में उठा लिया और बेडरूम में ले जाकर बेड पे लिटा दिया. मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतारे, सिर्फ चड्डी रह गई तो इतने में वो खड़ी हुई और बाहर जाने लगी. मैंने उसका हाथ झट से पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचा.

मैंने उससे कहा- कहाँ जा रही हो?
वो बोली- भैया, आप क्या कर रहे हैं!
मैंने कहा- डार्लिंग मैं तो कुछ भी नहीं कर रहा हूँ, मैं तो कल की तरह तेरी सुंदरता देखना चाहता हूँ! और तुझे प्यार करना चाहता हूँ!
तो बोली- भैया, प्लीज़, आप मुझे हाथ मत लगाओ!
मैंने उसके पास जाकर कहा- क्यों? तुझे अच्छा नहीं लगता?
वो बोली- नहीं भैया!
मैंने कहा- ठीक है! मैं तुझे हाथ नहीं लगाऊँगा, तुम प्लीज़ एक बार मुझे अपनी सुंदरता दिखा दो!
वो बोली- प्लीज़, नहीं भैया!
मैंने कहा- कल भी तो मैंने सब देखा था!
तो बोली- मैं एक शर्त पर ही दिखाऊँगी!
मैंने कहा- ओके!
वो बोली- तुम मुझे दूर से ही देखोगे और मुझे हाथ भी नहीं लगाओगे!
मैंने कहा- ठीक है! पर तुम भाग गई तो?
निर्मला बोली- मैं नहीं भागूंगी!
मैंने दरवाज़े के पास जाकर कहा- अब तो तुम खुश हो?
वो बोली- ठीक है!

और वो मुझे देखने लगी और अपने कपड़े खोलने लगी, पूरे कपड़े उतारे लेकिन पेंटी नहीं उतारी और मुझे कहा- भैया लो मैंने पूरे कपड़े उतार दिए, अब आप भी कपड़े पहन कर मुझे जाने दीजिए!

मैंने कहा- नहीं! तुमने पूरे कपड़े नहीं उतारे!
और मैं उसके पास गया, पेंटी पर हाथ लगाया और बोला- यह कौन उतारेगा?
तो बोली- भैया प्लीज़! आपने क़हा था कि मेरे पास नहीं आओगे!
तो मैंने क़हा- मैं तेरे पास अपनी मर्ज़ी से नहीं आया, तुमने पेंटी नहीं उतारी तो मैंने सोचा कि मैं ही उतार देता हूँ!
तो बोली- छोड़ो मुझे और जाने दो!
मैंने कहा- रानी, अभी तो शुरुआत है!

मैंने उसको बाहों में उठाया और बेड पर लिटा दिया. और एक चूची मुँह लेकर चूसने लगा और एक हाथ से उसकी पेंटी उतारने लगा. पेंटी को घुटनों तक ले आया और हाथ को उसकी चूत पर रखकर बोला- कितनी प्यारी चूत है! ऐसी चूत तो मेरी पत्नी क़ी भी नहीं है.

अब मैं उसके मुँह को पकड़ कर चूमने लगा और उसका मुँह खोलकर जीभ अंदर डाल कर घुमाने लगा. एक हाथ उसकी चूत पर ही फिरा रहा था. अब चूत से भी पानी आने लगा था और मेरे हाथ गीले हो गए. मैंने गीला हाथ उसे दिखाते हुए कहा- निर्मला, देखा अब तेरी चूत भी साथ दे रही रही है!

निर्मला बोली- भैया मुझे जाने दो! मैं यह सब आपके साथ नहीं कर सकती!
मैंने उसको कहा- डार्लिंग, मैं नहीं करूंगा!

और एक हाथ से उसकी चूची पर रख कर मसलने लगा और उसकी चूत में उंगली को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा. करीब पाँच से दस मिनट के बाद वो और गरम हो गई और सिसकारी लेते हुए बोली- भैया, प्लीज़ मुझे छोड़ दो!

मैंने कहा- अभी छोड़ देता हूँ!
और मैंने मुँह को उसकी चूत पर रखा और उसकी चूत चाटने लगा, पेंटी को निकाल कर फेंक दिया.
जैसे ही मैंने उसकी चूत पर मुँह रखा तो उसको करेंट लगा और ज़ोऱ से चिल्लाई- हाय भैया! आप क्या कर रहे हो! प्लीज़ ऐसा मत करो! मुझे कुछ हो रहा है!
और वो सिसकारी लेने लगी उउउउ उउईईई ईईई मम्म्म्म्ममा भ्हहहया प्लीज़ मत क्रऊओ!

मैंने भी जीभ चूत में डालकर चूत को ज़ोऱ ज़ोऱ से चोदने लगा और दोनों हाथों से उसकी च़ूंची की घुंडी को अंगूठे और उंगली में लेकर ज़ोऱ ज़ोऱ से मसलने लगा.
निर्मला मेरे हाथों को पकड़ कर बोली- प्लीज़, ज़ोऱ से मत करो! ज़ोऱ से मत करो!
मैंने उसे पूछा- क्या नहीं करूँ ज़ोऱ से?
तो बोली- भैया, प्लीज़ आप मत करो!
मैंने उसे कहा- क्या नहीं करूँ?

और मैं फ़िर ज़ोऱ ज़ोऱ से करने लगा, वो तड़पने लगी और बोली- भैया प्लीज़!
वो ज़ोऱ से सिसकारी लेते हुए बोली- भैया, प्लीज़ जल्दी करो! नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगी!

मैंने और स्पीड बढ़ा दी और जोर ज़ोऱ से करने लगा और वो लंबी सांस लेते हुए चिल्लाई- भय ईईईई ईमममम्म्म्मीईई ईईईईए और मेरे मुँह पर झड़ गई.

मैंने उसका पूरा चूत रस पिया और चाट कर साफ किया, थोड़ा सा रस मुँह में रख कर उसके मुँह के पास आया और उसका मुँह खोल कर मैंने उसके मुँह में डाल दिया और बोला- लो डार्लिंग! तुम भी अपना रस टेस्ट करो और बताओ कैसा है!
वो मुझे घूरते हुए बोली- भैया, आप कितने गंदे हो और बेशरम हो! अब मुझे जाने दो!
मैंने कहा- मैंने तेरे लिए इतना किया, तुम मेरे लिए कुछ भी नहीं करोगी?
बोली- अब मैं क्या करूँ?

मैंने अपनी अंडरवीयर उतारी और 8 इंच का लंड उसके मुँह के पास ले जाकर बोला- लो इसे भी चूसो ना!
वो बोली- नहीं भैया! मैं नहीं करूंगी!
शेष अगले भाग में! Antarvasna

Indian Sex Stories

मैं पंजाब के फ़रीदकोट जिले का रहने Indian Sex Stories वाला हूँ, पहले मैं कार ड्राइवर था, तथा एक बुजुर्ग दंपति के यहाँ नौकरी करता था !

एक बार उनकी विधवा बहू घर आई हुई थी, उस दिन घर में कोई और नौकर नहीं आया तो मुझको बड़ी बीबी ने छोटी बीबी के साथ ऊपर उसके कमरे में सफाई में हाथ बंटाने को कहा।

मैं छत पर गया और जब छोटी बीबी के कमरे की तरफ गया तो देखा कि वो झुक कर कमरे में खुद ही झाड़ू लगा रही थी ! मैं तो उसके ब्लाऊज में से बाहर आने को उतारू हो रहे उसके दूधीया बूब्स देखकर दंग रह गया और उनकी तरफ़ ही देखता रह गया।

अचानक छोटी बीबी जो करीब तीस साल की होगी, मुझे यू घूरता देख बोली- तुम आ गये !

तो मैं एकदम घबराहट में बोला- हाँ जी ! मुझे बड़ी बीबी जी ने आपके साथ काम में हाथ बटाने को कहा है !

हालाँकि उसने मुझे अपने बूब्स को घूरते हुए देख लिया था वो पर नज़रअंदाज कर मुस्करा भर दी और झुकी हुई ही बोली- तो आओ ना!

मैंने काम पूछा तो उसने कहा- तुम पहले छत से जाले उतार लो..

जब मैं आगे बढ़ने लगा तो उसने मेज़ पकड़ते हुए उस पर चढ़ने को कहा, यही नहीं वो मेज़ को छोड़ धीरे से मेरे पाँव को पकड़ने लगी, धीरे धीरे उसका हाथ आगे बढ़ कर जब मेरी लंड तक पहुँच गया जो पहले ही पैन्ट फाड़ने को तैयार था!

वो बोली- ये क्या है?
मैं घबरा गया और कहा- कुछ नहीं बीबी जी यूँ ही !
तो वो बोली- कोई बात नहीं इसका इलाज है मेरे पास !

और मुझे नीचे उतार कर मेरी पैन्ट की ज़िप खोल कर मेरा लण्ड निकल कर बोली- हाय कितने अरसे बाद मौका मिला है !

और दोस्तो मुझे उसने इतना मज़ा दिया जो मैं कभी नहीं भूल सकूँगा ! लेकिन वो जल्दी ही वापिस दिल्ली चली गयी और अब तो मैंने भी वो नौकरी छोड़ दी है!

अब मुझे उसकी बहुत याद आती है और मैं उसके जैसी ही किसी साथी की तलाश में हूँ जिसकी प्यास बुझाऊँ और मेरी भी प्यास बुझ जाए। Indian Sex Stories

Xxx मेड फक कहानी में मैं मुठ मार के गुजरा करता था. हमारी काम वाली आंटी को पता चल गया, उन्होंने मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा. तो मैंने आंटी को ही मदद करने को कहा.

दोस्तो, मेरा नाम जीत है. मैं यूपी का रहने वाला हूं.
मेरी उम्र अभी 25 साल है, हाइट 5 फुट 7 इंच है और मेरा लौड़े का साइज 6 इंच है.

यह Xxx मेड फक कहानी एकदम सच्ची है.

यह बात एक साल पहले की है.

हमारे घर पर एक काम वाली आंटी काम करने आती थीं.
उन आंटी का नाम कोमल था.
उनका रंग सांवला था.
आंटी थोड़ी मोटी भी थीं, लेकिन बहुत ही सेक्सी फिगर की थीं.

एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ घूम रहा था तो हम दोनों हस्तमैथुन की बात करने लगे.

बातचीत के दौरान उसने कहा- मैं तो लंड पर कंडोम पहन कर मुठ मारता हूँ और वैसे ही अपने लौड़े को कंडोम पहनाए हुए ही सो जाता हूँ.
मैंने कहा- इसमें क्या खास बात है?

वह बोला- खास-वास कुछ नहीं है, बस उस वक्त जो नशा चढ़ता है ना तो लगता है कि कौन लंड धोने जाए … बस ऐसे ही पड़े रहो. बिस्तर के कपड़े भी खराब नहीं होते और मजा भी पूरा आआ है. तू कैसे मुठ मारता है?

मैंने कहा- मैं तो मुठ मार कर टिश्यू पेपर से लंड पौंछ लेता हूँ.
वह कुछ नहीं बोला.

फिर उसने कहा- अरे यार, मुझे तो डॉटिड कंडोम में हाथ चलाने में मजा आता है.
उसकी यह बात सुनकर मुझे भी लगा कि एक बार तो कंडोम लगा कर देखना चाहिए कि कैसा लगता है.

कुछ देर बात करने के बाद उस दोस्त ने मुझे अपने पास से एक कंडोम का पैकेट दे दिया और कहा- ट्राई करके देख.
मैंने भी वह कंडोम का पैकेट अपनी जेब में रख लिया.

मैं शाम को अपने घर आया तो मैंने सोचा कि मैं इस कंडोम को यूज कर लेता हूँ.
मेरा कमरा अलग था तो अपने कमरे में गया और दरवाजा बंद कर दिया.

मैंने अपने कपड़े उतार दिए और अपने लौड़े पर कंडोम चढ़ाने लगा.
पर लंड तो ढीला था तो मैंने सोचा कि पहले इसको कड़क करता हूँ.

मैंने अपने लौड़े पर थूक लगा कर हिलाना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद मेरा लंड सख्त हो गया.
अब मैंने कंडोम का रैपर फाड़ा और उसे अपने लौड़े पर चढ़ा दिया.

उसके बाद मैंने कुछ देर तक मुठ मारी और झड़ गया.
सच में बड़ा मजा आया.
न साला हाथ धोना पड़ा और ना लंड.

फिर मैं बिना कंडोम निकाले यूं ही ही सो गया.
बड़ी गहरी नींद आई.

सुबह सुबह कोमल आंटी की आवाज आई- जीत बेटा दरवाजा खोलो.
मैं एकदम से हड़बड़ा कर उठा और अपने लंड को देख कर मैंने कहा- हां आंटी, बस अभी आया … आप एक मिनट रुको.

मैंने झट से लंड से कंडोम निकाला और बेड के गद्दे के नीचे घुसा दिया.
फिर मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और दरवाजा खोल दिया.

कोमल आंटी ने कहा- 8 बज रहे हैं … उठना नहीं था क्या?
कोमल आंटी मुझसे थोड़ा फ्रेंडली थीं तो मैंने कहा- आपके ही उठाने का इंतजार कर रहा था.
वे हंसने लगीं.

फिर मैं फ्रेश होने चला गया.

जब मैं अपने कमरे में आया तो देखा कि साला कंडोम तो आधा ही गद्दे के नीचे घुसा हुआ है और कोमल आंटी भी उसी के सामने पौंछा लगा रही हैं.

मैंने जैसे ही कंडोम को अन्दर घुसाने की कोशिश की, आंटी ने मुझे देख लिया.

आंटी मुझसे बोली- यह कंडोम यहां क्या कर रहा है?
जैसा कि मैंने आपको बताया कि कोमल आंटी मुझसे थोड़ा फ्रेंडली थीं.

तो मैंने मुस्कुराते हुए कहा- कुछ नहीं आंटी, यह गलती से रह गया था.
आंटी ने कहा- इसे तो तुरंत ही फेंक देना चाहिए था ना!

मेरी जगह कोई और होता तो शायद तुरंत उनकी बात को पकड़ लेता कि वे क्या कहना चाहती हैं.
लेकिन मैंने कहा- आंटी यह तो अभी निकाला है, इसलिए मैंने यहीं रख दिया था.

आंटी आश्चर्य से बोलीं- क्या तूने यह अभी यूज़ किया है?
मैंने कहा- नहीं, यूज़ तो रात को किया था … पर इसे लगा कर ही सो गया था. अब निकाल कर रखा था.

वह बोलीं- छी: तेरे कच्छे में तो बास भी भर गई होगी!
मैंने कहा- अरे ऐसे कैसे कच्छे में बास भर गई होगी? चाहे तो आप सूंघ लो.

आंटी हंसने लगीं और बोलीं- किसी को लेकर भी आया था … या अपने हाथ से ही काम चलाया था?
मैंने कहा- ऐसी किस्मत कहां है मेरी, जो कोई मेरे साथ सेक्स करे!

कोमल आंटी ने कहा- दिखने में तो इतने हैंडसम हो, फिर भी तुझे हाथ से काम चलाना पड़ रहा है!
मैंने कहा- क्या करूँ आंटी … आप भी तो मेरे लिए कुछ नहीं सोचतीं.

यह सुनकर आंटी ने मेरे हाथ से एकदम कंडोम छीन लिया और बोलीं- जीत, ज्यादा मत बोला करो … मैं तुम्हारी आंटी हूँ … तुम्हारे पास मेरे लायक लंड भी नहीं होगा.
मैंने उनके मुँह से लंड शब्द सुना तो समझ गया कि आंटी लंड के नीचे आने को राजी हैं.

मैंने कहा- बड़े छोटे से कुछ नहीं होता आंटी … लंबी रेस का घोड़ा होना चाहिए.

तभी आंटी ने कंडोम को सीधा किया और हैरानी से बोलीं- क्या तुम्हारा इतना बड़ा है या तुमने इसे खींच कर लंबा कर दिया?
यह कह कर वे हंसने लगीं.

इतनी सेक्सी बात सुनते सुनते मेरा लंड खड़ा हो गया था.

मैंने आंटी का हाथ अपने लौड़े पर रखा और कहा- खुद ही देख लो आंटी … मेरा हथियार आपकी फटी हुई चुत को मजा दे सकता है!
आंटी ने एकदम से लौड़े से हाथ हटाया और बोलीं- हट बदतमीज, कोई देख लेगा.

अब मुझ पर अपना काबू नहीं रहा.
मैंने आंटी की एक चूची पकड़ कर भींच दी.
आंटी ‘आउच.’ कह कर उचक गईं.

मैंने आंटी से कहा- आंटी, मुझे अब आपके साथ सब कुछ करना है.
वे बोलीं- कोई आ जाएगा, अभी मुझे जाने दो … मैं जा रही हूं.
आंटी मुझसे छूट कर चली गईं.

मैंने आंटी के जाने के बाद उनकी चूचियों का अहसास करते हुए मुठ मार ली.

मैं समझ गया था कि आंटी को लंड के नीचे लाना कोई बड़ी बात नहीं है. साली चुत चुदवाने के कुछ पैसे ही तो लेगी.

उस दिन आंटी चली गईं.
उसके बाद से जब भी आंटी मेरे कमरे में आतीं, मैं उनके ब्लाउज में सौ का नोट फंसा देता कि आंटी एक बार चूसने दो ना.

आंटी हँसती हुई मुझसे अपने दूध दबवा लेतीं और कभी कभी मैं उनके ब्लाउज को उठा कर निप्पल चूस भी लेता.
हर बार आंटी को सौ का नोट मिलता तो वे और ज्यादा प्यार से चूचे दबवा लेतीं.

कभी कभी मैं उनकी टांगों के बीच में भी हाथ डाल कर उनसे चुत चुदवाने की बात कर लेता तो वे कुछ नहीं कहतीं.
कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा.

एक दिन घर के सभी लोग एक फंक्शन में दो दिन के लिए गए हुए थे.
मैं नहीं गया था.
मैंने सोच लिया था कि आज आंटी की लेना ही है.

शाम को आंटी आईं और बोलीं- सभी लोग कहां पर हैं?
मैंने कहा- वे सभी एक-दो दिन के लिए एक रिश्तेदार के यहां गए हैं.

आंटी मुस्कुराने लगीं.
मैंने कहा- यहां पर सिर्फ आप और मैं ही रह गए हैं.

वे बोलीं- तो क्या करूँ?
मैंने लंड सहला कर कहा- आंटी, आज आप कुछ नहीं करोगी. आज मैं आपकी चुत चुदाई करूंगा.

आंटी ने हँसते हुए झाड़ू लगाना शुरू कर दिया.
मैंने उनकी गांड को देखा तो मेरा लंड मचलने लगा था.
पीछे से उनकी गांड मुझे मदहोश कर रही थी.

मैंने एकदम से आंटी को पीछे से पकड़ लिया और उनके मोटे मोटे चूचे दबाने लगा.
कोमल आंटी ने कहा- जीत, यह तुम क्या कर रहे हो … ऐसा मत करो.

मैंने आंटी को बेड पर गिरा लिया और कोमल आंटी की चूची दबाते हुए उनके होंठों चूसने लगा.
आंटी ने भी मेरे लौड़े को अपने मुलायम हाथों से भींच लिया.

कुछ 5 मिनट तक हम ऐसे ही करते रहे.
आंटी ने मेरे कपड़े निकाल दिए.
तो मैंने भी आंटी की साड़ी और ब्लाउज निकाल दिए.

आंटी जितनी मोटी थीं, उतनी ही बिल्कुल टाइट चूचियां थीं.
उनकी ब्रा सफेद रंग की ओर कच्छी नीले रंग की थी.

आंटी मेरे लौड़े को पकड़ कर हिलाती हुई बोलीं- आगे को आ जाओ.
उन्होंने मेरे लौड़े को अपने मुँह में भर लिया.
अब आंटी मेरे लौड़े को चूस रही थीं.

तभी मैंने आंटी की ब्रा उतार दी.
आंटी के निप्पल काले थे.
मैं उनके निप्पल दबाने लगा.

आंटी को मेरा लंड को चूसते चूसते 15 मिनट हो गए थे.
तब आंटी ने कहा- अब तुम मेरी चाटो.

मैं आंटी की किस करते-करते नीचे आ गया.
मैंने आंटी की पैंटी निकाल दी.

आंटी की चूत पर काली झांटें थीं.
मैंने अपनी उंगली से आंटी की चूत खोली और चूत में उंगली डाल दी. फिर जीभ से चाटने लगा.

आंटी ने मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबा लिया.
मैं अपनी उंगली जोर-जोर से अन्दर बाहर कर रहा था.

आंटी की चूत पूरी तरह से गीली थी.
वे सिसकारियां भरने लगीं- उई आ अम्म चाट जीत चाट मेरे भोसड़े को.
उनकी झांटें मेरे चेहरे पर लग रही थीं.

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैंने आंटी से कहा- आंटी, अपने पैर चौड़े कर लो.
आंटी ने अपने पैर चौड़े कर लिए.

फिर मैंने अपना सख्त लौड़ा उनकी चूत पर रखा और हल्का सा धक्का लगाया तो मेरा लंड अन्दर घुस गया.
आंटी अपनी दोनों आंखें बंद करके अपनी चूची दबाने लगीं.

मैं तेज तेज धक्के मारता हुआ आंटी की चूत चोदने लगा.
मैंने आंटी से कहा- आंटी, आप मेरे लौड़े के ऊपर आ जाओ.

मैं बेड पर लेट गया.
अब आंटी ने मेरे लौड़े को अपनी चूत में डाल लिया और ऊपर नीचे होने लगीं.

आंटी थोड़ी मोटी थीं तो वे कुछ ही देर में थक गईं.
वे बोलीं- मुझसे नहीं हो पा रहा, अब तुम करो.

मैंने आंटी को घोड़ी बना लिया.
आंटी की झांटें बहुत बड़ी थीं इसलिए चूत खोल कर अपना लंड पूरा एक ही बार में डाल दिया.

आंटी- उई आह थोड़ा आराम से करो.
मैंने जैसे ही धक्के देने चालू किए, आंटी के चूतड़ मेरी जांघों पर लगने लगे थे.

Xxx मेड फक करने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं झड़ने वाला था तो मैंने लौड़े को गर्म चूत से बाहर निकाला और आंटी की गांड से कमर तक अपने माल की बूंदें गिरा दीं.

फिर हम दोनों शान्त हो गए.
मैं आंटी के ऊपर ऐसे ही लेट गया.

आंटी बोलीं- मैं इतने दिनों से काम कर रही हूं, ये काम तो तुझे पहले ही कर देना चाहिए था!
मैंने कहा- आंटी कोई बात नहीं, अब से तो शुरू हो गया!

उसके बाद मैंने कहा- आज आप यहीं रुक जाओ. रात भर चुदाई का मजा लेंगे.
वे कुछ देर सोचने के बाद राजी हो गईं।

उन्होंने अपने घर फोन कर दिया कि आज रात वे मेरे घर रुकेंगी.

बस फिर क्या था … मैं और आंटी ने सारी रात चुदाई का मजा लिया.
मैंने आंटी की चुत की झांटें साफ कीं और जबरदस्त चुदाई की.

दोस्तो, यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है. आपको कैसी लगी प्लीज बताएं.

मेरी अभी कुछ सेक्स कहानी और भी हैं जो एकदम सच्ची हैं. उनको मैं Xxx मेड फक कहानी पर आपके कमेंट्स पढ़ने के बाद लिखूँगा.

दोस्तो, Hindi Sex Stories

मै 35 साल का युवक हूँ, मेरा नाम Hindi Sex Stories राजेश है और अन्तर्वासना की कथाओं का नियमित पाठक हूँ। दोस्तों मै आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी भेज रहा हूँ।

बात करीब दो वर्ष पहले की है, मै अपने एक दोस्त की शादी में लखनऊ गया था। वहां मैंने एक खूबसूरत लड़की को देखा जिसकी उम्र 28 साल की होगी और उसका फिगर भी गजब का था, स्तन और गांड तो देखने लायक थे, उसको देखते ही मेरे मन में उसको चोदने का ख्याल आने लगा। फिर मैंने पता किया कि ये है कौन? पता चला कि ये मेरे दोस्त के बड़े भाई की साली है।

मैंने सोचा फिर तो ठीक ही है और उसको पटाने के लिए उसके पास जाकर उससे मेल जोल बढ़ाने के लिए बातचीत शुरू की और उसको बताया कि राजू जिसकी शादी हो रही है मेरा दोस्त है। और उससे उसका नाम पूछा तो उसने बताया- मेरा नाम प्रियांसी है।

मैंने कहा- मुझ को मालूम है कि तुम राजू के बड़े भाई की साली हो।
और पूछा कि तुम्हारा पति भी शादी में आया है?
तो प्रियांसी ने बताया- वो नहीं आए हैं ऑफिस के काम से बाहर जाना पड़ा है इसलिए नहीं आ सके।

बात करता हुआ मै प्रियांसी के बूब्स को देख रहा था। प्रियांसी भी समझ रही थी कि मै उसके स्तनों का जायजा ले रहा हूँ। तब प्रियांसी ने कहा- राजेश तुम बात तो हमसे कर रहे हो लेकिन नजरें तुम्हरी कहीं और हैं इरादा नेक है कि नहीं?

मै समझ गया कि प्रियांसी की भी इच्छा कुछ करने की है, मैंने कहा कि प्रियांसी तुम्हारी चूचियों के निप्पल तो बड़े बड़े लग रहे हैं तुम्हारे ब्लाउज के अंदर से निप्पल निकलने को बेकरार हैं।
तो प्रियांसी ने कहा- कैसी बातें करते हो?
मैंने कहा- जैसे तुमने पूछा कि नजरे कहाँ हैं तो मैंने बता दिया कि क्या देख रहा हूँ !

उसने हंस दिया तो मैंने कहा कि प्रियांसी तुमको देख कर चोदने का मन कर रहा है ! मै भी यहाँ अकेला ही आया हूँ, रात को शादी में शामिल होने के बाद कुछ मस्ती करने का इरादा है क्या?

तो प्रियांसी ने कहा कि किसी को मालूम हो गया तो हमारा घरवाला हमको निकल देगा !

मैंने कहा कि ऐसा करते हैं कि शादी की अगवानी की रस्म होने के बाद मेरे होटल में चलते हैं। मैंने लखनऊ जाकर एक होटल में कमरा ले लिया था क्योंकि शादी के घर में जगह नहीं होती है और मुझको बाथरूम में नंगे हो कर नहाने की आदत है, इसलिए कमरा लेना पड़ा था।

मैंने प्रियांसी से कहा कि रात में हमारे कमरे में रूक जाना, ऐसे समय में किसी को ध्यान नहीं होता कौन कहाँ है।

प्रियांसी ने कहा- देखा जायेगा !

फिर हम लोग अपने अपने काम से लग गए लेकिन मन ही मन सोच रहा था कि प्रियांसी चलेगी या नहीं?
लेकिन यह भी लग रहा था कि प्रियांसी का भी मन शायद चुदाई का है, नहीं तो वो दूसरे सुर में बात करती। खैर किसी तरह से शादी की अगवानी की रस्में पूरी हुई तो मैंने प्रियांसी से कहा- चलो जानेमन ! आज की रात हमारे लण्ड का भी मजा ले लो ! अभी तक तो तुमने अपने पति के लण्ड का ही मजा लिया होगा !

प्रियांसी भी चुदाने के पूरे मूड में थी, उसने कहा- बाहर चलो ! हम आते हैं !

और फिर 5 मिनट में ही प्रियांसी भी बाहर आ गई। हम और प्रियांसी एक ऑटो में बैठ कर होटल आ गए। कमरे में आते ही मैंने टीवी चालू कर दिया। रात का 1 बजा होगा, टी वी के चैनल बदलने में एक चैनल पर ब्लू फिल्म चल रही थी।

प्रियांसी ने कहा- यह क्या है?
मैंने कहा- ब्लू फिल्म ! अक्सर रात में डिस्क वाले लगा देते हैं, वही चल रही है।
तो उसने कहा- हमने तो कभी ब्लू फिल्म देखी ही नहीं है !

तो मैंने कहा- बड़े मौके से आ रही है, देख लो ! और टीवी चालू करके मैं बाथरूम में घुस गया, दरवाजा अंदर से बंद नहीं किया और नंगे होकर नहाने लगा।

उधर प्रियांसी ब्लू फिल्म देख कर गरम हो रही थी। फिल्म में एक लड़की को पॉँच आदमी चोद रहे थे, एक आदमी उसकी चूत में लण्ड डाले हुए था, दूसरा गांड में लण्ड डाले था, तीसरा मुंह में लण्ड डाले था और दो आदमी उसकी चुचियों को दबा रहे थे और वो लड़की उन दोनों आदमियों का लण्ड अपने हाथ में लेकर मुठ मारने में लगी थी।

यह सीन देख कर प्रियांसी बहुत गरम हो गई थी और उसने अपनी साड़ी खुद ही उतार दी। मेरा लण्ड भी यह देख कर डंडे जैसा तन गया और फिर मैं तौलिया लपेट कर बाहर आ गया। मेरा लण्ड तौलिये को फाड़कर बाहर आने को बेताब था।

प्रियांसी ने भी देखा कि मेरा लण्ड तना हुआ है, उसने उठ कर तुंरत मेरा तौलिया खींच दिया। अब मैं बिल्कुल नंगा हो गया, मेरा 8′ का लण्ड देख कर प्रियांसी तो ख़ुशी से उछल पड़ी, बोली- इतना लम्बा और मोटा लण्ड है? हमारे आदमी का तो 5′ का ही है ! आज पूरा मज़ा आयेगा !

मैंने कहा- जानी ! आज जैसा मज़ा तुमको पहले कभी नहीं मिला होगा !

और यह कह कर मैं उसको उठा कर बिस्तर पर ले गया और उसको किस करना शुरू कर दिया। मैंने उसके होंठों को किस करना शुरू किया तो उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में दे दी। मैं उसको चूसता रहा और हाथों से उसके बूब्स को सहलाने लगा। और फिर धीरे धीरे उसका ब्लाउज उतार दिया, फिर उसके पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया। अब प्रियांसी सिर्फ पैंटी और ब्रा में थी। उसकी चड्डी गीली हो रही थी, चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था।

मैं तो उसके बदन को देख कर दंग रह गया। बिल्कुल दूध की तरह गोरी थी प्रियांसी !उसको देख कर तो किसी का भी मन चोदने का हो जायेगा। मैंने तुंरत ही उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी चूचियों को धीरे धीरे सहलाने लगा। फिर एक चूची को मुंह से चूसने लगा और फिर धीरे धीरे किस करते हुए उसकी नाभि तक आ गया।

प्रियांसी बहुत गरम हो रही थी उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया था और उसको हिला रही थी। मैंने उसकी चड्डी भी उतार दी, लगता था कि उसने अपनी बुर के बाल कुछ दिन पहले ही साफ किए थे।

प्रियांसी ने बताया कि अभी 3 दिन पहले ही महीना ख़तम हुआ है इसलिए मन तो चुदवाने का कर ही रहा था क्योंकि महीना समाप्त होने के बाद चूत की प्यास बढ़ जाती है, लेकिन शादी में आना पड़ा।

मैंने कहा- मेरी जान ! आज मैं तुम्हारी चूत की पूरी प्यास बुझा दूंगा !
और फिर मैं उसकी बुर को चाटने लगा तो वो बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- क्या तुम्हारे आदमी ने कभी तुम्हारी बुर नहीं चाटी?
उसने कहा- नहीं तो !

मैंने कहा कि तब तो तुमने अभी तक चुदाई का असली आनंद लिया ही नहीं ! आज ले लो मेरी जान पूरा आनंद !

और यह कह कर मैं उसकी बुर को थोड़ा फैला कर जीभ से चाटने लगा। प्रियांसी के मुंह से सिसकारी निकल रही थी और बड़बड़ा रही थी- ऐसा तो पहले कभी मज़ा नहीं आया !

मैं फिर उसकी बुर की तिकोन को मुंह में भर कर चूसने लगा और फिर उसको जीभ से ही चोदने लगा। मैं अपने हाथों से उसकी चूचियों को मसलता रहा और गांड पर भी हाथ फिराता रहा।फिर मैंने 69 की पोसिशन बनाई और अपना लण्ड उसके मुंह के पास ले गया और प्रियांसी से कहा- इसको भी तो चूसो !

उसने कहा- लण्ड भी चूसा जाता है क्या?
मैंने कहा- चूसो मेरी जान ! आज चुदाई का पूरा मज़ा लो !

तब प्रियांसी ने मेरे लण्ड का सुपाड़ा खोल कर जीभ से चाटना शुरू किया। मैंने उसका सर पकड़ कर पूरा लण्ड उसके मुंह में डाल दिया और उसकी बुर चूसने लगा। उसकी बुर बहुत गीली हो रही थी और फिर थोडी देर में ही प्रियांसी कि बुर ने पानी छोड़ दिया।

मेरा लण्ड भी तन कर डंडा बना हुआ था तो फिर मैंने अपना लण्ड उसके मुंह से निकाला और उसको घोड़ी बनने को कहा तो वो बोली- घोड़ी बना के क्या करोगे?
मैंने कहा- पहले तुम्हारी गांड मारूंगा !
वो बोली- हमने कभी गांड नहीं मरवाई है, उसमें तो बहुत दर्द होगा !

मैंने कहा कि पहली बार बुर चुदाई में भी तो दर्द हुआ होगा बस वैसा ही होगा फिर मज़ा आने लगेगा।

उसने कहा- धीरे धीरे डालना ! कहीं मेरी गांड न फट जाये !

मैंने उसकी गांड पर थूक लगाया और फिर अपने लण्ड का सुपाडा उसकी गांड के छेद पर लगा कर हलके से धक्का दिया मेरा सुपाड़ा उसकी गांड में घुस गया।

वो धीरे से चिल्लाई- लग रहा है !
मैंने कहा- बस अब नहीं लगेगा ! और फिर एक धक्का दे दिया मेरा आधा लण्ड उसकी गांड में घुस गया।
उसको कुछ ज्यादा ही दर्द हुआ और बोली- लण्ड बाहर निकालो प्लीज़ ! लग रहा है !

मैं फिर उसकी पीठ पर चुम्बनों की बौछार करने लगा और लण्ड डाले डाले ही उसकी चूचियों को हाथ से पकड़ कर सहलाने लगा। थोड़ी देर में उसका दर्द कुछ कम हुआ। फिर मैंने अपने लण्ड का एक धक्का जोर से मारा, मेरा पूरा लण्ड उसकी गांड में घुस गया और फिर मैंने अपने धक्के तेज कर दिए अब तो प्रियांसी को भी मज़ा आने लगा और वो भी अपने चूतड़ उठा उठा के मेरा पूरा लण्ड अन्दर लेने लगी।

थोड़ी देर बाद मैंने अपना लण्ड निकाल कर उसकी चूत में पीछे से ही डाल दिया चूत बिल्कुल गीली थी आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। फिर मैंने थोड़ा सा लण्ड बाहर निकाल कर एक जोर का धक्का मारा, मेरा पूरा लण्ड उसकी बुर में जड़ तक घुस गया।

वो चिल्लाई- मर गई ! धीरे धीरे करो ! तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है !

मैंने फिर धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए। अब प्रियांसी को भी मज़ा आने लगा था और वो भी चूतड़ उठा उठा कर धक्के लगाने लगी। करीब आधे घंटे की चुदाई में प्रियांसी दो बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी पानी निकलने वाला था। मैंने अपने लण्ड को प्रियांसी की बुर से बाहर निकाला और उससे कहा- मुंह खोलो !मेरा पानी पी लो ! मज़ा आ जायेगा !

और फिर उसने मेरा सारा पानी पी लिया और लण्ड को चाट चाट कर साफ़ कर दिया।

उस रात हम लोगों ने चार बार चुदाई की। प्रियांसी बहुत खुश थी, बोली- जिन्दगी में पहली बार ऐसा चुदाई का मज़ा आया है, अब हम कानपुर तुमसे मिलने जरुर आया करेंगे।

दोस्तो, मेरी कहानी कैसी लगी जरूर लिखियेगा। Hindi Sex Stories

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆