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Massage Girl in Ulhasnagar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Ulhasnagar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Ulhasnagar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Ulhasnagar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Ulhasnagar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Ulhasnagar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Ulhasnagar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Ulhasnagar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Ulhasnagar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Ulhasnagar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Ulhasnagar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Ulhasnagar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Antarvasna Sex Stories

हाय, मेरा नाम दीपक है। मैं Antarvasna Sex Stories गाजियाबाद का रहने वाला हूँ। मैंने अतंर्वासना की बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं और मैं भी अपनी एक हसीन कहानी आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। उम्मीद है आपको पसंद आयेगी।

तो आइये अब रूख करते हैं कहानी की ओर-

यह कोई दो महीने पहले की बात है, मैं ट्रेन से सफर करते हुए अपने गाँव जा रहा था। ट्रेन में काफी भीड़ थी इसलिए मुझे सीट नहीं मिली। मैं जाकर ट्रेन के दरवाजे पर खड़ा हो गया। मैं खड़ा हुआ बोर हो रहा था, तभी एक लड़की और उसकी दादी भी उसी डिब्बे में चढ़ गई। दादी को तो एक अकंल ने सीट दे दी पर वो लड़की मेरे पीछे आकर खड़ी हो गई। इसी दौरान गाड़ी चल पड़ी। गाड़ी तेज चल रही थी जिससे यात्री इधर उधर हिल रहे थे। मेरा हाथ बार बार उसके पेट से टकरा रहा था और वो मुझे गर्म लग रही थी। अब तो मेरे मन ने हिलोरें लेनी शुरू कर दी, मैंने जानबूझ कर अपना हाथ उसके पेट पर फेरना शुरू कर दिया। उसे भी लगने लगा कि मैं यह सब जानबूझ कर कर रहा हूँ। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे धीरे से मना कर दिया। भीड़ की वजह से किसी का ध्यान हम पर नहीं था।

अब मैं घूम कर उसकी ओर मुँह करके खड़ा हो गया और उससे उसका नाम पूछा तो उसने बिना किसी ना-नुकर के अपना नाम बता दिया। उसका नाम विनीता था। मैंने उससे उसके बारे में सब कुछ पूछ लिया। वो फरीदाबाद की रहने वाली थी। मैंने उससे उसका पता और फोन नंबर लिया, मैंने भी अपना नंबर उसे दे दिया। इसके बाद मेरा स्टेशन आ गया और मैं उतर के अपने गाँव चला गया।

15 दिन गुजर गये, ना तो उसने काल किया ना मैंने ! लेकिन 15 दिन बाद उसका एस एम एस आया कि वो एक जरूरी काम से गाजियाबाद आ रही है। उसने मुझे होटल का नाम बता दिया। उस दिन मैं शाम 7 बजे होटल पहुँच गया। मैंने उसके बताये कमरे का दरवाजा खोला, मैंने देखा कि विनीता बेड पर उल्टी लेटी थी। मैंने दरवाजा बंद कर दिया, विनीता ने एक हल्की नाईटी पहनी थी जिससे उसका सारा शरीर साफ दिख रहा था।

जब मैंने विनीता को उस हल्की नाईटी में देखा तो मेरा छ: इंच का लंड सलामी देने लगा। मैंने खुद को कन्ट्रोल किया और धीरे से मैंने उसे आवाज लगाई। मेरी आवाज सुनकर वो बड़ी तेजी से उठी और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मुझे बेहताशा चूमने लगी। मैंने भी उसका पूरा साथ दिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मेरे हाथ उसके पेट पर घूम रहे थे। मैं उसे बिस्तर पर ले गया वो चुदने के लिए बेकरार थी।

मैंने उसकी नाईटी उतार दी। अब वो सिर्फ पैन्टी और ब्रा में थी। मैंने उसका फिगर निहारा क्या गजब का फिगर था ! उसकी चुच्ची बिल्कुल कैटरीना की तरह थी। मैंने उसकी चुच्ची को दबा दिया। अब उसने मुझे कपड़े निकालने को कहा तो मैंने कहा- तुम ही निकाल दो !

उसने मेरे कपड़े उतार दिए। अब मैं भी सिर्फ कच्छे में था। मेरा लंड बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। मैंने अब अपना हाथ विनीता की पैंटी में डाल दिया और उसकी चूत मसलने लगा। उसकी चूत पे एक भी बाल नहीं था। उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी और वो जोर जोर से सिसकियाँ ले रही थी- आ आह अअअ उउउ आ अअ ! मार डाल ! फाड़ दे ! चोद दे ! सि..

मैं भी उसकी चूत को जोर जोर से रगड़ रहा था। वो मेरे हाथ पे ही झड़ गई।

मैंने उसे लेटने को कहा, उसकी टाँगें चौड़ी की और अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और दो धक्को में ही लंड अंदर चला गया। पूरा कमरा उसकी चुदाई की चीखों से भर गया। मैंने विनीता की चुच्चियों को मुँह में दबा रखा था। लगभग बीस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गये। उस रात हमने चार बार चुदाई की।

सुबह वो अपने रास्ते चली गई और मैं अपने !

पर हम आज भी फोन पर चूत-चुदाई करते हैं!

आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरुर बतायें ! Antarvasna Sex Stories

Antarvasna

मैं अपने दोस्त की Antarvasna कहानी ले कर आया हूँ। मेरे दोस्त का नाम पिंकू है। पिंकू की गर्ल फ्रेंड सोनी की शादी बहुत पहले ही हो गई थी।

लीज़िए पढ़िए पिंकू के ही शब्दों में !

अभी कुछ दिन पहले सोनी से एक शादी में मुलाकात हो गई, कई सालों बाद मिली थी। सोनी ने मुझे बताया कि वो अभी मायके आई हुई है। उसने मुझे बताया उसकी दो बेटी और एक बेटा है बेटी मोनी और मानसी है जिनमें मोनी 18 साल की मानसी 15 साल की है और लड़का सबसे छोटा है मोनू जो 11 साल का है।

सोनी ने मुझे अगले दिन दस बजे घर आने को कहा। मेरा उसके घर में आना जाना लगा रहता था क्योंकि उसके परिवार से पुरानी जान पहचान है।

जब मैं उसके घर गया तो सोनी और उसकी साल की बेटी मोनी ही थी, बाकी लोग बाज़ार गए थे। सोनी ने मुझे बैठने को कहा और उसकी बेटी से मुझे मिलवा कर वो चाय बनाने को चली गई।

मैं सच बता रहा हूँ कि मैंने उसकी लड़की के बारे में कुछ भी गलत नहीं सोचा था अब तक ! पर यह चूत बहनचोद कुछ भी करवा दे !

मैंने मोनी से बोला- बेटा, मेरे पास आ !

तो वो मेरे गोद में आकर बैठ गई और अब मैं उसके साथ खेल रहा था उसे एक छोटी सी बच्ची समझ कर !

पर थोड़ी ही देर में मुझे मेरे लंड पर थोड़ा दबाब उसकी गांड का महसूस हुआ जिसे मैंने नज़र-अंदाज़ कर दिया।

तब तक सोनी चाय ले कर आ गई। हमने कोई भी पुरानी बात नहीं की, चूंकि उसकी बेटी मोनी वहीं थी। सोनी ने चाय खत्म कर किसी काम ले लिए बोल कर चली गई। मोनी अ़ब फ़िर मेरी गोद में आ गई थी और उसने मुझसे बोला- अंकल, आप मुझे मीठी नहीं दोगे?

मैंने कहा- जरूर दूंगा मेरी बच्ची !

और वो मेरी तरफ घूम गई। अब हम दोनों का चेहरा एक दूसरे के सामने था तो मैंने उसके गाल को चूम लिया।

मैंने उससे पूछा- तेरी मॉम कब तक आएगी?

इस पर वो बोली- अभी तो एक घंटा लग जायेगा।

वो गोद से उतरने का नाम नहीं ले रही थी। मेरी पैरों में भी दर्द होने लगा था। पर क्या करता, तो मैंने सोचा- चलो थोड़ा और मन बहला कर उतार दूंगा।

मैंने टीवी ऑन कर दिया और कोई कार्टून सीरियल लगा दिया और मैं भी देखने लगा।

थोड़ी ही देर में मैंने मोनी के हाथ को मेरे लंड पर महसूस किया। अब मुझे कुछ होने लगा था। पहले उसकी गांड और अब उसका हाथ !

अब मैं उसे समझ चुका था तो अब मैं उसे दूसरी ही निगाहों से देख रहा था और सोच भी रहा था।

मैंने फ़िर से उसके गाल को चूम लिया तो इस पर वो बोली- यहाँ नहीं ! यहाँ ! और वो मेरे होठों को चूसने लगी।

तब मैंने उसकी फ़ीगर को देखा, कम उम्र में ही उसकी चूची 30 की हो गई थी, गांड मस्त गद्देदार लग रही थी। तो अब मैं अपना हाथ उसके चूची पर ले गया। इस पर उसने कुछ विरोध नहीं किया,

उसने टॉप पहना हुआ था, मैंने किस करते हुए उसके चूची को दबाना चालू कर दिया और वो भी साथ दे रही थी। अब मैंने उसे टॉपलेस कर उसकी चूची को चूसने लगा तो इस पर वो बोली- मैं भी कुछ चूसना चाहती हूँ।

तो उसे मैं मना क्यों करता ! मैंने पैंट और अंडरवियर उतार दिया और उसे भी नंगा कर दिया हम दोनों 69 वाले पोज़ में आकर चूसने लगे। चूंकि समय कम था, मैंने उसे उठा कर उसके मुँह में लंड डाल दिया।

अब वो बोली- मुझे जल्दी चोदो ! नहीं तो मॉम आ जायेगी !

तो मैंने बोला- ठीक है !

तो वो बोली- अंकल मुझे बिल्कुल रंडी समझ कर ही चोदना !

मैं बोला- बहनचोद ! इतनी छोटी उम्र में तेरे को इतनी बात कैसे पता है?

तो वो बोली- बेटीचोद ! पहले चोद लो उसके बाद मैं बता दूंगी साले हरामी ! बोल रही हूँ कि समय है, तब भी बोले जा रहा है ! यहाँ मेरी चूत की हालत ख़राब हो रही है और मादरचोद, तुझे बातों की ही लगी है। चल जल्दी चोद हरामी ! नहीं तो मैं अभी तेरी गाण्ड ले लूँगी।

मैंने भी कुछ नहीं सोचा और उसकी बूर मैं लंड पेल दिया बोला- ले हरामी ले !

एक ही बार मैं उसने मेरा सात इंच का लंड ले लिया और ऊफ तक नहीं की। मैं उसे धकाधक पेले जा रहा था और मोनी बहनचोद गाली दिए जा रही थी- चोद, बेटीचोद ! अपने बेटी जैसी को चोद ! मेरी मां की चूत और मार फाड़ दे …..

पता नहीं क्या क्या !!

अब मैं छुटने ही वाला था कि मोनी की माँ सोनी आ गई, तब भी मैंने उसे नहीं छोड़ा, चोदता ही रहा जब तक कि मैं छुट नहीं गया।

सोनी ने बोला- बेटीचोद, तुमने मेरी बेटी को भी चोद दिया ? और इस भोंसड़ी वाली मादरचोद ने भी चुदवा लिया ? पिंकू तूने बर्बाद कर दिया ! मुझे चोद लिया होता !

असल मैं मैंने सोनी को भी शादी तक खूब चोदा था ! पर मैं अब काफी शर्मिंदा महसूस कर रहा था।

आगे मैं मोनी की चुदाई की कहानी ले कर आऊंगा ……….. Antarvasna

Desi girlfriend first time sex – हेलो दोस्तों, मेरा नाम अर्जुन है। मैं 24 साल का हूँ और ये कहानी तब कि हैं जब में 12वीं में पढ़ता था। मेरी गर्लफ्रेंड का नाम प्रियंका है, वो भी 24 साल की है और मेरे साथ ही 12वीं में पढ़ती थीं। हम दोनों के घर पास ही हैं। मेरे घर में कुल 5 लोग हैं – मम्मी, पापा, मैं और मेरे दो छोटे भाई। प्रियंका के घर में भी 5 लोग हैं – उसकी मम्मी, पापा, प्रियंका और उसकी एक बहन और एक छोटा भाई। आज मैं आपको प्रियंका के साथ मेरे पहले सेक्स की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो आज से 2 साल पहले की बात है। प्रियंका और मैं पिछले 3 साल से रिलेशनशिप में हैं। शुरू-शुरू में मैं बहुत शर्मीला था, इसलिए हम दोनों ज्यादा खुलकर बात नहीं करते थे। बस नॉर्मल सी बातें होती थीं, जैसे स्कूल, पढ़ाई और दोस्तों की बातें। धीरे-धीरे समय बीतता गया और हम एक-दूसरे के साथ थोड़ा फ्रैंक होने लगे। हम रोज़ शाम को मिलने लगे। हमारे मोहल्ले में एक अपार्टमेंट बन रहा था, जो शाम को खाली रहता था। हम वहाँ मिलते थे, क्योंकि वहाँ कोई नहीं आता था। वह जगह हमारी मुलाकातों का अड्डा बन गया था। रिलेशनशिप के 8 महीने बाद मैंने प्रियंका को पहली बार किस किया। वो भी बस उसके गाल पर। मेरे दिल की धड़कन इतनी तेज़ थी कि मुझे लगा मेरा दिल बाहर निकल आएगा। उसने भी हल्के से मुस्कुराते हुए मेरे होंठों पर किस किया। फिर मैंने भी हिम्मत करके उसके होंठों को चूमा। उस दिन हमने पहली बार लिपलॉक किया। मैं तो सातवें आसमान पर था, लेकिन प्रियंका मुझसे भी ज्यादा खुश थी। उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी, जो मैं आज तक नहीं भूल पाया। उसके बाद जब भी हम मिलते, किसिंग तो जैसे हमारा रूटीन बन गया। हम एक-दूसरे के होंठों को चूमते, हल्का-फुल्का गले लगाते, और हर बार थोड़ा और करीब आते। 2 महीने बाद, एक दिन जब मैं प्रियंका को किस कर रहा था, मेरा हाथ गलती से उसके बूब्स को छू गया। मुझे डर लगा कि वो नाराज़ हो जाएगी, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। बस हल्का सा मुस्कुराई और मेरी तरफ देखने लगी। अगली बार जब हम मिले, मैंने जानबूझकर उसके बूब्स को छुआ। इस बार भी उसने कुछ नहीं कहा, बल्कि और ज्यादा मुस्कुराने लगी। मुझे समझ आ गया कि वो भी चाहती है कि मैं आगे बढ़ूँ। फिर मैंने हिम्मत करके उसके बूब्स को दबाना शुरू किया। प्रियंका के बूब्स मीडियम थे , लेकिन मुलायम और गुदगुदे। मैंने उसकी टी-शर्ट में हाथ डाला, तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और धीरे से बोली, “अभी नहीं, बाद में। कोई देख लेगा।” मैंने तुरंत अपना हाथ बाहर निकाल लिया, लेकिन मेरा मन अब बेकाबू हो रहा था। उस रात मैं प्रियंका के बारे में सोचते-सोचते पागल हो गया। मेरा मन कर रहा था कि प्रियंका के साथ और आगे बढ़ूँ। रात के 1 बज रहे थे। मैंने प्रियंका को फोन किया। अर्जुन: “प्रियंका, मुझे तुमसे अभी मिलना है।” प्रियंका: “सुबह मिल लेना, अभी कैसे आ सकती हूँ?” अर्जुन: “तुम्हारे घर में कौन-कौन जाग रहा है?” प्रियंका: “सब सो रहे हैं।” अर्जुन: “मैं आता हूँ, तुम अपना रूम खुला रखना।” प्रियंका: “नहीं, प्लीज़ मत आओ। मम्मी-पापा घर पर हैं।” अर्जुन: “ठीक है, कल मिलते हैं।” अगले दिन शाम को हम फिर अपार्टमेंट में मिले। मैं थोड़ा डरते हुए बोला, “प्रियंका, मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है।” वो हल्का सा मुस्कुराई और बोली, “फाइनली तुमने बोल तो दिया। मैं तो रिलेशनशिप के पहले हफ्ते से ही तुमसे सेक्स करना चाहती थी, लेकिन मैं लड़की हूँ ना, मैं बोल नहीं सकती थी। मुझे डर था कि तुम बुरा मान जाओगे। आज मैं बहुत खुश हूँ।” उसकी बात सुनकर मेरा डर खत्म हो गया। उसने कहा, “टेंशन मत लो। आज रात मेरे घर आ जाना। पापा बाहर गए हैं, और मेरे भाई बहन जल्दी सो जाते हैं।” मैंने कहा, “ठीक है, तुम रूम खुला रखना। मैं 11 बजे आऊँगा।” शाम को घर वापस आने के बाद मैंने मम्मी-पापा से कहा कि मैं अपने दोस्त के घर रात को रुकने जा रहा हूँ। उन्होंने हाँ कह दिया। मैंने 9 बजे खाना खाया और 10 बजे घर से निकल गया। एक घंटे तक सड़कों पर घूमता रहा, ताकि समय पास हो जाए। ठीक 11 बजे मैं प्रियंका के घर पहुँचा। उसकी मम्मी अपने रूम में सो रही थीं। प्रियंका ने मुझे चुपके से अपने रूम में बुला लिया। प्रियंका के रूम में घुसते ही मेरे दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं। कमरे में हल्की सी रौशनी थी, और प्रियंका ने एक टाइट टी-शर्ट और स्कर्ट पहनी थी। वो मुझे देखकर मुस्कुराई और धीरे से मेरे पास आई। मैंने उसे अपनी बाहों में लिया और धीरे-धीरे उसके होंठों को चूमने लगा। उसकी साँसें तेज़ थीं, और मैं उसकी गर्माहट को महसूस कर रहा था। मैंने उसके बूब्स को हल्के से दबाया, और वो सिहर उठी। मैंने उसकी टी-शर्ट को धीरे से ऊपर उठाया और उसे उतार दिया उसने पिंक कलर की ब्रा पहनी थीं। उसे इस रूप में देखकर मेरा तो लंड खड़ा हो गया. मैंने उसके दोनों मम्मों को पकड़ लिया और बुरी तरह से मसलने लगा. इसके बाद मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. हुक खोलते ही उसकी ब्रा छिटक कर नीचे गिर गई और उसके दोनों कबूतर आज़ाद हो गए. शर्म के मारे वो एक हाथ से अपना चेहरा और एक हाथ से अपने उभारों को ढकने की नाकाम कोशिश करने लगीं. अब मेरा बहुत बुरा हाल हो गया तो मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपना लम्बा लंड उसके मुँह के सामने ले आया, जिसे देखकर प्रियंका ने अपनी आँखें बंद कर लीं, पर मैं कहाँ रुकने वाला था. मैंने पहले उसके दोनों हाथ उठा कर ऊपर कर दिए और उसके मम्मों पर टूट पड़ा. जैसे मैंने अपनी जीभ उसके निप्पलों पर फिराई, उनके मुँह से आह निकल गई और वो मेरा मुँह वहाँ से हटाने लगीं. पर मैं कहाँ मानने वाला था. मैंने उसको बेड पर अपने नीचे दबोच लिया और उसके दोनों हाथ ऊपर करके दोनों मम्मों को एक साथ पकड़ कर बुरी तरह चूसने लगा और जीभ फिराने लगा. मेरी इस हरकत से प्रियंका ज़ोर से सिसकारियां लेने लगीं- आआऊऊ.. ऊओह्ह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ह्ह्ह.. ह्ह्ह ह्ह्हम्म ऊओ म्मम्म प्लीज़ मत करो आह.. कुछ मिनट तक प्रियंका के मम्मों को चूस कर मैं नीचे प्रियंका की चूत की ओर बढ़ने लगा. मेरे बुरी तरह चूसने की वजह से प्रियंका के चूचे एकदम लाल हो गए थे. प्रियंका की साँसें और तेज़ हो गईं। वो बोली, “अर्जुन, आज रात बस बूब्स ही चूसते रहोगे या कुछ और भी करोगे?” मैंने हँसते हुए कहा, “अरे, इतनी जल्दी में क्यों हो? मैं तो 18 महीनों का इंतज़ार आज पूरा करने वाला हूँ।”प्रियंका ने मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरा लंड पकड़ लिया। उसका हाथ मेरे 6 इंच के लंड पर था, और वो उसे सहलाने लगी। मैंने उसकी स्कर्ट उतार दी। उसने पिंक कलर की पैंटी पहन रखी थी. उसकी ये पैंटी इतनी पतली थी कि उसकी चूत की दरार मुझे साफ़ दिखाई दे रही थी. मन तो कर रहा था कि काट कर खा जाऊं. मैंने उसकी पैंटी नीचे की तरफ खींचा,अब हम दोनों पूरी तरह नंगे थे। मैंने प्रियंका की जांघों पर हाथ फेरना शुरू किया, और धीरे-धीरे उसकी चूत तक पहुँचा। आह … अन्दर का क्या मस्त नजारा था. किसी जन्नत से कम नहीं था. इतनी गोरी चिकनी चूत पहली बार देख रहा था, कोई भी पहली बार देखता, तो पागल हो ही जाता. मुझसे रहा नहीं गया मैंने झट से अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया और चूसने लगा. एकदम ठंडा नमकीन जैसा, मुझे तो बहुत ही मजा आ रहा था. जी तो कर रहा था, बस चूसता ही जाऊं. वह मस्ती में एक हाथ से अपने चूचे को दबा रही थीं और एक हाथ में मेरे सर को सहला रही थीं. उसकी चूत गीली थी, और जैसे ही मैंने अपनी एक उंगली अंदर डाली, वो सिहर उठी। मैंने धीरे-धीरे उंगली अंदर-बाहर की, और प्रियंका की सिसकारियाँ तेज़ हो गईं। “आह… अर्जुन… और करो…” वो धीरे-धीरे कह रही थी। मैंने दूसरी उंगली भी डाल दी, और अब वो पूरी तरह गरम हो चुकी थी। उसकी चूत से पानी निकल रहा था, और वो बेकाबू हो रही थी। 10 मिनट तक उंगली करने के बाद प्रियंका पूरी तरह जोश में थी। उसने कहा, “अर्जुन, अब और मत तड़पाओ। डाल दो…” मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके पास तेल की बोतल देखी। मैंने अपने लंड पर और उसकी चूत पर तेल लगाया। उसकी चूत बहुत टाइट थी, क्योंकि ये हम दोनों का पहला सेक्स था। मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अंदर धकेलने की कोशिश की। लेकिन उसकी चूत इतनी टाइट थी कि लंड अंदर नहीं जा रहा था। मैंने थोड़ा और ज़ोर लगाया, और मेरा लंड का सुपारा अंदर चला गया। प्रियंका को दर्द हुआ, और वो बोली, ऊई … मां … मर गई … आह सी … सी …’ “आह… धीरे करो, दर्द हो रहा है।” मैं रुक गया और उसके होंठों को चूमने लगा, ताकि उसका ध्यान दर्द से हटे। थोड़ी देर बाद मैंने फिर से धीरे-धीरे लंड अंदर डाला। इस बार तेल की वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया। प्रियंका ज़ोर से चीखी, और उसकी आँखों से आंसू निकल आए। मैंने तुरंत उसके होंठों को चूम लिया और उसे शांत किया। थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। प्रियंका अब मज़े में थी। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आह… आह… अर्जुन… और ज़ोर से…” ‘आह आह आह …’ कर रही थीं. तभी प्रियंका की जोर की सिसकारी निकली- आहह हहहह ऊईईई ईईईई मर गई ऊईई. उसकी आवाज़ मुझे और जोश दिला रही थी।आहह हहह ऊईई ईईई ऊईई मां … मर गई अर्जुन प्लीज धीरे धीरे करो. मगर मैंने झटकों की रफ़्तार तेज ही रखी और उसकी कमर पकड़ कर तेज़ी से चोदने लगा. ‘आहह ऊईईई ईई आहह ऊईईई …’ मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, और अब कमरे में सिर्फ हमारी साँसों और चुदाई की आवाज़ें गूँज रही थीं – थप-थप-थप। मैंने प्रियंका को पलटा और उसे घोड़ी बनाया। इस पोजीशन में उसकी चूत और टाइट लग रही थी। मैंने फिर से लंड अंदर डाला और धीरे-धीरे धक्के मारने लगा “आहह हऊ हह ऊईईई ऊईई मां बचाओ … मर गई … मेरी चूत फट गई … मां बचाओ … अर्जुन निकाल लंड.” मैं चुप रहा और धीरे धीरे उसकी चूचियों को मसलने लगा, उन्हें चूमने लगा प्रियंका की सिसकारियाँ अब और तेज़ हो गई थीं, “आहह अर्जुन चोद मुझे … और चोद आहह आहह फ़ाड़ दे … आहह हहह चोद मुझे … ले ले मेरी आहह.” “आह… आह… अर्जुन, चोदो मुझे… और ज़ोर से…” उसका ये गंदा बोलना मुझे और उत्तेजित कर रहा था। मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, और अब हम दोनों पूरी तरह चुदाई के नशे में डूबे थे। करीब 20 मिनट तक चुदाई करने के बाद मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है। प्रियंका ने कहा, “अर्जुन, मेरी चूत में मत झड़ना।” लेकिन मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैंने उसकी बात नहीं सुनी और उसकी चूत में ही झड़ गया। प्रियंका थोड़ा नाराज़ हुई और बोली, “ये क्या किया? मैंने बोला था बाहर निकालो।” मैंने कहा, “सॉरी, प्रियंका। मैं कंट्रोल नहीं कर पाया। मैं कल तुम्हें i-पिल ला दूँगा।” वो बोली, “ठीक है।” अब मैं प्रियंका को हर महीने 3-4 बार चोदता हूँ। एक बार तो प्रियंका प्रेग्नेंट भी हो गई थी, लेकिन हमने उसका अबॉर्शन करवा दिया। अब उसकी चूत इतनी ढीली हो गई है कि उसमें दो लंड भी आराम से चले जाएँ। लेकिन मैं प्रियंका से बहुत प्यार करता हूँ। आपको मेरी कहानी कैसी लगी? कमेंट में ज़रूर बताएँ या मुझे मेल करें arjunx359@gmail.com।

हाय दोस्तो! कैसे हो! Sex Stories

आप लोगों ने याद किया और मैं Sex Stories हाज़िर हो गया आप लोगों के लिए फिर से एक नया अनुभव लेकर!

दोस्तो, फिर एक नया अहसास, सेक्स से भरा, मज़े से भरा और साथ ही ढेर सारी मस्ती, जो मैंने महसूस की वही मस्ती लेकार आया हूँ आप सभी के लिए!

कसम खुदा की क्या वो हसीं सूरत थी,

चढ़ती उसके हुस्न पे जवानी की मस्ती थी,

छलक गया यौवन उसकी नज़र से वो कातिल,

कि जिसमें डूब गई मेरी जवानी की कश्ती थी!

दोस्तो, अबकी बार मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ राजस्थान घूमने गया था।
जाते वक़्त हम भरतपुर से होकर गुजरे थे तो सभी ने योजना बनाई कि भरतपुर पक्षी अभयारण्य देख कर ही आगे जायेंगे।
इसलिए हम लोगों ने टिकेट लिए और अंदर चले गए।

अभयारण्य का दायरा कई किलोमीटर में फैला हुआ था।
चलते चलते हमारा ग्रुप बिखर गया और मोबाइल से हम एक दूसरे के संपर्क में रहे।

मज़े की बात, मैं अपने ग्रुप से अकेला अलग हो गया। काफी दूर चलकर एक परिवार के कुछ लोग वहां से निकले, वो अलग साइकलों पर थे।
वहां घूमने के लिए साईकलें मिलती हैं। उन लोगों में से एक लड़की पीछे रह गई।

मैंने देखा उसकी साईकल के पैडल फ्री हो गए थे। वो थोड़ी आगे तक बढ़ी और रुक कर चेन को देखने लगी।
इतने में उसका फॅमिली परिवार आगे निकल गया।

मैं पास से गुजरा तो उसने कहा- अगर आप को बुरा न लगे तो कृपया मेरी साईकल की चेन लगा दोगे?

मैंने उसे एक नज़र भर देखा तो देखता ही रह गया! हुस्न इतना कातिल कि किसी को फनाह करने के लिए किसी और चीज़ कि जरूरत ही न पड़े!

नीली जींस उस पर लाल टॉप!

माशा अल्लाह! शरीर का हर एक अंग अलग अलग दिखाई दे रहा था। टॉप के ऊपर के खुले बटन मानो उसकी छुपती खूबसूरती को बेशर्मी से जग-जाहिर कर रहे थे। गोरे से चेहरे पर ऊपर से ढलते हुए सुनहले बाल उसके हुस्न की बिजली को मेरे अंग अंग पे गिरा रहे थे। कमर इतनी नाजुक कि अगर जोर से पकड़ लूँ तो लचक जाये, बिलकुल हल्की फुल्की! लेकिन एक उत्तम बदन की मलिका!

खैर मैंने अपनी हसरतों को काबू किया और बिना कुछ बोले उसकी चेन लगा दी हाथ चेन पर और नज़र उस हुस्न की परी पे!

और इसी गुस्ताखी में दब गई मेरी ऊँगली चेन में। ऊँगली में मामूली सी चोट लगी थी, थोड़ा सा खून निकल आया, मैंने सोचा अब फ़िल्मी स्टाइल में ये दुपट्टा फाड़ेगी और मेरी ऊँगली पर बांधेगी, लेकिन यहाँ तो सीन ही उल्टा हो गया, उंगली से खून बहता देख कर वो तो गश खाकर बेहोश हो गई। वो गिरने लगी तो मैंने सीधे ही उसे अपनी बाँहों में ले लिया।

हमने तो खुदा से माँगा कि

उसके हाथों का छूना नसीब हो जाये,

हम देख लें उसे नज़र भर के,

तेरी हम पर इतनी रहामत हो जाये,

के वो बेखौफ आ गए बाँहों में मेरी,

के न अब उनसे दूर रहा जाये!

न उनको खुद से दूर किया जाये!

वो मेरी बाँहों में बेहोश थी और मैं सर से लेकर पाँव तक उसे देखे जा रहा था। दिल में डर था कि वो होश में आते ही मुझसे दूर हो जायेगी।

लेकिन मैंने उसके गालों को छुआ और उसके चेहरे को हिला कर उसे बेहोशी से जगाया। उसने आँख खोली और मेरी बाँहों में लेटी हुई एक टक मुझे देख रही थी। उसके चेहरे पर सर्दी में भी पसीना छलक आया। मैंने अपने रूमाल से उसका चेहरा साफ़ किया। उसके गोरे गालों को छूकर मेरी उँगलियाँ मदमस्त हो रही थी।

खैर वो मेरी बाँहों से अब दूर हो गई और उसने सॉरी कहा।
उसने कहा- मेरी वजह से आप को चोट लग गई!

मैंने भी बिना सोचे समझे कह दिया- अगर मुझे चोट ना लगती तो आप को बाँहों में लेने का मौका कहाँ मिलता!

वो इस बात पर नाराज़ भी हो सकती थी लेकिन वो शरमा गई और मेरी हिम्मत बढ़ गई।

तभी उसकी मम्मी का फ़ोन आ गया, उसने अपने बेहोश होने की बात छोड़ कर बाकी सब अपनी मम्मी को बता दिया।
उसने मुझसे कहा- मेरे घर वाले आगे मेरा इंतज़ार कर रहे हैं और वो आपसे भी मिलना चाहते हैं।

मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम मधु बताया।
उसने मेरा नाम पूछा, मैंने भी अपना नाम बता दिया।

उसने कहा- अपनी उंगली दिखाओ!
मैंने कहा- रहने दो तुम बेहोश हो जाओगी।
तो उसने कहा- कोई बात नहीं तुम मुझे थाम लेना!

चलते चलते हम बात करते रहे और एक दूसरे को अपने नंबर दे दिए।

कुछ दूरी पर उसके परिवार वाले मिल गए।
उसके घर वाले बिल्कुल आजाद विचारों वाले थे। उनसे बात करके मैं अपने दोस्तों के पास जाने लगा।

जाते जाते मधु ने अपना रूमाल मेरी उंगली पे लपेट दिया।
वो रूमाल मैंने अपने दोस्तों से छुपाया, कह दिया- यार मेरी तबियत ठीक नहीं है, मैं यही बैठता हूँ, तुम घूम आओ!

वो लोग चले गए।
मैंने मधु को फ़ोन किया और काफी देर तक उससे बात की। वो लोग भरतपुर में ही होटल पार्क में ठहरे थे।

मैंने शाम को अपने दोस्तों से कहा- यार! मेरी तबियत ठीक नहीं है, इसलिए मैं आज यहीं रुकना चाहता हूँ, तुम लोग जयपुर पहुँचो, मैं कल आकर तुमको मिलूँगा।

वो लोग वहाँ से निकल गए।

अब मैंने भी जाकर होटल पार्क रेज़िडेन्सी में एक कमरा बुक कराया।
मधु और उसका परिवार पहली मंज़िल पर थे और मैं दूसरी मंज़िल पर!

मैंने मधु को इसके बारे में बताया कि मैंने भी तुम्हारे होटल में ही कमरा ले लिया है, तो यह सुन कर मधु कुछ उत्साहित सी हो गई।
मुझे लगा शायद मधु भी यही चाहती थी।

एक बार फिर हमारी मुलाकात डिनर के समय पर हुई।
अब की बार मधु ने एक जामुनी रंग की साड़ी पहनी हुई थी। कसम से क्या कयामत थी वो उस वक्त!
और उस पर बैक-लैस ब्लाऊज़ उस कयामत को और भी भड़का रहा था।

भोजन के बाद उसके घर वालों ने मुझे फ़िर अपने साथ बुला लिया और हम सभी पार्क में टहलने लगे।

अब मैंने मौका देख कर टहलते टहलते मधु की नंगी कमर पर हाथ रख दिया।

चलते चलते मधु ठहर सी गई लेकिन कुछ ही पलों में मैं मधु से दूर हो गया।
फ़िर हम लोग अपने अपने कमरों में चले गए।

मैं बिस्तर पर था लेकिन कमबख्त नींद किस की सगी थी जो आ जाती।
मैं सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन मधु की जवानी के परदे एक-एक करके मेरी आँखों पर पड़ते जा रहे थे जिन्होंने नींद को मेरी आँखों से दूर कर दिया।

रात के लगभग 11 बजे होंगे, मैंने मधु को फ़ोन किया, एक दो बार रिंग बज़ते ही उसने फ़ोन उठा लिया, ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे फ़ोन का इन्तज़ार कर रही थी।

दिन में ज्यादा घूमने के कारण उसके घर वाले थक कर सो रहे थे।
मैंने उसे अपने कमरे में बुला लिया।

मधु ने आने में जरा भी देर नहीं की।

दो तीन मिनट में वो कयामत उसी लिबास में मेरे कमरे में आ गई।
कसम से, मानो, किसी दुल्हन की तरह शरमाई सी वो बेड के पास खड़ी हो गई।

मैंने भी पहले उसका अंग अंग जी भर कर देखा फ़िर धीरे से बाहों में भर लिया। मानो कोई फ़ूल मेरी बाहों में सिमट आया हो।

मैंने उसे बिस्तर पर बैठा लिया और उसके चेहरे को साड़ी के पल्लू से ढक दिया।
उसने भी पल्लू को दुल्हन की तरह थामे रखा फिर धीरे से मैंने उस चाँद से घूँघट के बादलों को हटाया और उसके मदमाते होटों पर एक किस कर दिया तो वो एकदम ही मुझसे लिपट गई।

मैंने उसकी सांसों की गर्मी को अपने सीने पर महसूस किया।

वो बिलकुल तैयार थी, मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसकी साड़ी में डालना शुरू किया, वो नीचे की तरफ झुकती सी चली गई।
मैंने एक हाथ उसकी मदमस्त कर देने वाली चूचियों पे रख दिया और उन्हें दबाने लगा।

वो टूट कर अब मेरी बाँहों में बिखरने लगी थी, उसने अपनी आँखें बंद कर ली और अपना नरम नाज़ुक शरीर मुझे सौंप दिया।

मेरा एक हाथ अब उसकी नरम, गरम और गुलाबी चूत पर पहुँच कर उसके साथ शरारत कर रहा था।
शायद वो अब सहन नहीं कर पा रही थी।

मैंने एक एक करके उसके शरीर से सारे कपडे अलग कर दिए।
अब वो गुलाब की गुलाबी कली मेरे सामने अपनी सारी पंखुडियों से बाहर आ चुकी थी।

उसके पूरे नंगे बदन को देख कर तो कोई भी अपना आप खो दे!

मैंने अपने कपड़े उतार दिए। हम दोनों एक दूसरे की बाँहों की गिरफ्त में जाने के लिए बेताब थे।

मैंने बिस्तर पर जाकर मधु को कस के अपनी बाँहों में ले लिया।
उसके जिस्म का अंग अंग सेक्स की आग में जल रहा था।
अब इस सावन को मधु के जिस्म पर बरस कर उसके जिस्म की प्यास को बुझाना था।

मैंने मधु की खामोशी तोड़ी और उससे पूछा कि क्या कभी पहले सेक्स किया है तो उसने चेहरे को हाथों से ढक लिया और इन्कार में सर हिला दिया।
यानि कि मधु बिल्कुल अनछुई थी।

अब मुझे उसके साथ थोड़ी ऐहतियात बरतनी थी क्योंकि उसकी चूत बिल्कुल कोमल थी।

मैंने ऊँगली से उसकी चूत को धीरे धीरे से सहलाया तो मधु कि सिसकियाँ सी छूटने लगी।

उस कमरे का माहौल आऽऽ आहऽहऽहऽ ऊऽउऽ उफ़ऽफ अऽअऽ आ स ओऽऽऊहऽ नऽऽनाऽ सावन करोऽ हम्मऽ … ऊऽऽऊफ ओ ओह येसऽस स से और भी सेक्सी हो गया।

मैंने उसके शरीर पर हर जगह चूमा, उस कली को हर तरफ से चूमा।

अब मैंने उसकी हालत को समझते हुए धीरे से अपना लण्ड उसकी चिकनी और मुलायम चूत पर रख दिया और धीरे धीरे उसके अंदर लण्ड को डालने लगा।
मधु अपने पैरों को भींचने लगी और कहा- दर्द हो रहा है!
मैंने उस से कहा- अगर टांगें भींचोगी तो दर्द होगा!

अब उसने अपने पैर खोल लिए।
मैंने एक झटके से जोर से लण्ड चूत के अंदर डाला तो मधु की चीख निकल गई और लण्ड चूत के अंदर था।

मधु बेहाल सी हो गई, मैंने उसे थोड़ा शांत किया, उसका चेहरा पसीने से भीग गया।
अब मैंने लण्ड को थोड़ा बाहर निकाला तो लण्ड पर खून लगा था, उसे देख कर मधु बोली- कुछ होगा तो नहीं?

मैंने कहा- कुछ नहीं होगा!

मैंने धीरे धीरे लण्ड को हिलाना शुरू किया तो मधु सिसकियाँ अब सेक्स की आवाजों में बदलने लगी थी और उसका चेहरे का डर एक चमक में बदल गया था।

फिर तो उल्टा मधु सेक्स करने में मेरा साथ देने लगी।
मैंने उसे धीरे से चोदा, अपने लण्ड को उसकी गहराइयों तक उतारा, जितना गहरा लण्ड चूत में जाता, उतनी ही मधु मुझसे चिपक जाती और उतनी ही जोर से उसकी सिसकी आती थी।

उसके बाद तो पता नहीं हम दोनों इतना समय खींच गए कि इतने गरम होने के बावजूद हम लगभग 25 मिनट तक सेक्स करते रहे।
काफी देर बाद मैं मधु के ऊपर निढाल सा हो गया और साथ ही साथ मधु ने भी खुद को मुझसे जकड़ लिया।

अरे! यानि कि यारो उसका भी सेक्स पूरा हो गया था।

अब हम दोनों काफी देर एक दूजे पर निढाल लेटे रहे और आधे घंटे बाद दोबारा से एक बार फिर एक दूजे में समां गए।

और फिर मधु अपनी साड़ी पहन कर थके से कदमों से वहां से अपने कमरे में चली गई। खैर एक दूजे की कुछ मिठास दिल में लिए नींद के आगोश में समां गए।

अगली सुबह जब हम उठे और नाश्ते के लिए नीचे आए तो मैंने मधु की आँखों में एक अजीब सी चमक और चेहरे पर एक मुस्कान देखी।

सुबह 11 बजे तक मुझे होटल से चेक आउट करना था।
मैंने मधु को यह बताया तो वो बोलने लगी- हम शाम 4 बजे यहाँ से चेक आउट करेंगे!

सुबह मधु के घर वाले भरतपुर घुमने के लिए निकलने लगे तो मधु ने उनसे बहाना कर दिया कि उसके सर में बहुत दर्द है।
मधु की मम्मी उसके पास रुकने लगी लेकिन मधु ने कहा कि मैं थोड़ा सोना चाहती हूँ, फिर आप मेरे पास अकेली बैठी बोर हो जाओगी, इसलिए आप भी थोड़ी देर घूम आइये!

उसकी मम्मी मान गई।

अब मधु अकेली ही कमरे में थी।
कुछ देर बाद मैं मधु के कमरे में गया।

मेरे वहां जाते ही मधु भागकर मुझसे लिपट गई और नज़रें नीचे करके कहने लगी- सावन! क्या रात वाला अहसास तुम मुझे अभी करा सकते हो?
उसने मेरे दिल की बात कह दी।

फिर क्या था हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और बेड पर बैठ गए।
मैंने मधु के तन के हर हिस्से को किस किया। जैसे मैं उसे किस करता तो मधु उतनी ही उत्तेजित होती जाती।

फिर हमने आधे घंटे तक एक दूसरे को वो अहसास कराया, जिस अहसास को आप मेरे इस अनुभव को पढ़ने के बाद करना और पाना चाहते हो।

उसके बाद मैंने मधु को कपड़े पहनाये और उसके नरम नाज़ुक होटों पे एक प्यारा सा “गुड बाय किस” किया और मैं होटल से चेक आउट कर गया।

दोस्तो, ये थे मधु के साथ बिताये कुछ हसीं पल!

आपको मेरा ये अनुभव कैसा लगा?
मुझे मेल कर के जरूर बताना! Sex Stories

Antarvasna

तुम्हारी सेक्सी मेल्स पढ़कर मुझे इतना मज़ा Antarvasna आता है कि मैं बता नहीं सकती। जितना मज़ा तुम्हारी मेल ने दिया है उतना शायद ही कभी मुझे मिला हो। जैसा कि तुम मुझे कह रहे थे, मैं भी तुमको यह सेक्सी मेल लिख रही हूँ। होप यू एन्जॉय।
जहाँ तुमने छोड़ा था उसके आगे से लिख रही हूँ।

तुम मेरे पास आगरा आए थे और होटल के रूम में बुला कर तुमने मुझे खूब चोदा।
(हाय मैं इतना गन्दा सोच रही हूँ )

तीन बार करने के बाद तुम पूरी तरह निढाल होकर मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरे ऊपर ही सो गए। सुबह उठकर तुम वापिस चले गए।

एक हफ़्ते बाद तुम वापिस आए इस एक हफ़्ते में मैं तुम्हारी याद में हस्त मैथुन करती रही।

तुम सुबह 10 बजे मेरे रूम पे आए, तुमने दरवाज़ा खटखटाया, मैं सन्डे होने के कारण थोड़ी देर पहले ही सो के उठी थी। मैंने जैसे ही दरवाज़ा खोला, तुम अन्दर आ गए, पीछे से दरवाज़ा बंद करके मुझे अपनी बाहों में भर लिया और बेतहाशा चुम्बन करने लगे।

तुमने कहा- मैं पूरे एक हफ्ते से प्यासा था, आज मेरी प्यास बुझा दो !
मैंने मजाक में कहा- लो पानी पी लो, फिर कोल्ड ड्रिंक भी देती हूँ।
तुमने हँसते हुए पानी पी लिया और कहा- कोल्ड ड्रिंक मैं गिलास से नहीं पियूँगा।
मैंने पूछा- फ़िर कैसे?

तुमने आगे आकर मुझे किस किया और मेरे मम्मों को दबाते हुए बोले- नए स्टाइल में पियूँगा !!!
मैंने पूछा- कौन सा नया स्टाइल?
तुमने कहा- अभी बताता हूँ।

मैंने क्रीम रंग की नाईटी पहनी थी, नीचे काली ब्रा और पैंटी !
“तुम बैठो मैं अभी नहा कर आती हूँ !”
तुम- चलो, मैं तुम्हें नहलाता हूँ !
मैं- धत्त ! बेशर्म ! मुझे शर्म आती है।
तुम- जब मैं तुम्हारी मारता हूँ तब तो शर्म नहीं आती?

“अरे नहीं ! आती तो है पर उस समय मैं इतनी गर्म होती हूँ कि मुझे होश ही नहीं रहता।”
” तो चलो ठीक है, मैं तुम्हें गरम करके नहलाता हूँ और कोल्ड ड्रिंक पीने का नया तरीका भी तो बताना है तुम्हें। सच्ची तुम्हें बहुत मज़ा आएगा !”
“ऐसा है तो चलो।”
और हम दोनों बाथरूम में घुस जाते हैं।

बाथरूम में घुसते ही तुम मुझे पकड़ के कस के चूमते हो और मेरे मम्मे और मेरे गान्ड पर हाथ फ़ेरते हो। मुझे मज़ा आने लगता है। तुम शावर खोल देते हो और मैं भीगने लगती हूं। तुमने टी-शर्ट और जीन्स पहन रखी हैं। भीगने से मेरी नाईटी मेरे शरीर से चिपक जाती है और मेरे मस्त मम्मे ब्रा में ढके हुए और मेरी पैन्टी साफ़ दिखने लगती है। यह देख कर तुम गरम हो जाते हो और मुझे अपनी तरफ़ खींचते हो। नीचे घुटनों के बल बैठ कर मेरी नाईटी ऊपर उठा कर मेरी टांगों और जांघों को चूमते हुए मेरी पैन्टी तक पहुँच जाते हो !!

“स्स्स्स्स्स्स श्ह्ही अआया आआः मज़ा आआया आया आ आ रहा है !”

तुम दोनों हाथ मेरी पैन्टी के अन्दर डाल देते हो और दाएं हाथ से मेरी गान्ड को और बाएं हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगते हो !
“आआया आया अआया आआअह्ह्ह मज़ा आ आ आआया आआया रहा है।”
यह करते हुए तुम मुँह से मेरी पैन्टी का एलास्टिक पकड़ कर उसको धीरे धीरे नीचे उतारते हो।

मेरी गरम चूत देखते ही तुम्हारे मुँह में पानी आ जाता है और तुम मेरी क्लिटोरिस को चूमने और चाटने लगते हो, मैं आ आया आ आआ अआय आ आआया अह आ आआया आआ अआः करती हूँ, तुम्हारा सर पकड़ कर अपनी चूत पे दबाती हूं, तुम्हारे हाथ मेरे गान्ड के छेद पे होते हैं।
इस तरह से मैं पहली बार ओर्गास्म हो जाआआताआ है, “आआअह मैं मर गई !”

तुम कहते हो यह तो शुरुआत है। मेरे चूत का जूस अपने होठों पे लेकर मेरी नाईटी और ऊपर उठाते हो और मेरी ब्रा को खोल कर मेरे मम्मे ज़ोर ज़ोर से दबाते हो और मेरे सख्त निप्प्ल पर मेरी चूत का जूस मेरे होठों से लगा देते हो। मेरी ब्रा खुल कर नीचे गिर जाती है, मैं नाईटी उतार देती हूं और पैन्टी से पैर निकाल कर बाहर आ जाती हूं।

मैं तुम्हारे लन्ड की तरफ़ देखती हूं जो एकदम टाईट हो रहा है और तुम्हारी जींस फाड़ कर बाहर आने को बेताब है।
“अरे जान इसको क्यूँ सज़ा दे रहे हो, इसको तो बाहर आने दो !”
“हाँ यह तो बाहर आएगा ही वरना मज़ा क्या आएगा।”
और हम दोनों हँसते हैं।

तुम- अच्छा तुम जाओ ज़रा चिल्ड कोल्ड ड्रिंक लेकर आओ !
मैं- अरे कोल्ड ड्रिंक का क्या करोगे अभी?
तुम- जाओ न, मुझे प्यास लगी है मुझे पीना है !
“अच्छा बाबा लाती हूँ पर तुम कपड़े तो उतारो।”
“नहीं कपड़े तुम उतरना मेरे, तब असली मज़ा आएगा।”
अच्छा !

मैं जल्दी से पूरी नंगी हालत में भाग के गई और फ्रीज से सुपर-चिल्ड कोल्ड ड्रिंक-फ़ैंटा निकाल के ले आई।
भाग के जाने से मेरी साँस फूलने लगी और मेरे मम्मे ऊपर नीचे होने लगे।

तुम- जान तुम्हारे मम्मे कितने अच्छे हैं ! अच्छा अब मैं थोडी देर बाद कोल्ड ड्रिंक पियूँगा और तुम लोलीपोप चूसना।
मैं- लोलीपोप? मैं कोई बच्ची तो नहीं हूँ जो लोलीपोप चूसूंगी !
“मना ना करो, तुम्हारे लिए बहुत टेस्टी लोलीपोप लाया हूँ।”
“अच्छा ! कहाँ है दो।”
“पहले तुम अपनी आँखें बंद करो।”
“मैं अपनी आँखें बंद करती हूं।”

अब तुम अपना लन्ड निकाल कर उस पर थोड़ा सा कोल्ड ड्रिंक गिरा के मुझसे कहते हो- जानू अपना मुँह खोलो !
मैं अपना मुँह खोलती हूं और तुम अपना लन्ड मेरे मुँह में दे देते हो।
मैं जीभ से टेस्ट करती हूँ- अरे यह तो ओरंज फ्लेवर लोलीपोप है।
तुम्हें अच्छी लगी !
“हाँ !”
तुम- तो आंखें खोलो और चूसो !
मैं आँखें खोलती हूं और तुम्हारा लन्ड देखती हूं- तो यह लोलीपोप है?
हाँ, अब चूसो !

मैं तुम्हारा जींस का बटन खोल कर अंडरवीअर नीचे करके घुटने तक तुम्हारा लन्ड चूसने लगती हूं।
तुम मेरे सर के पीछे से पकड़कर कस के चुसवाने लगते हो। तुम्हारा लंबा मोटा लन्ड मेरे मुँह में पूरा नहीं जा पा रहा होता है, तुम मुझे पकड़कर अपने लन्ड को ज़ोर से मेरे मुँह में डाल देते हो। मुझे दर्द होता है लेकिन अब तक तुम्हारे हाथ मेरे मम्मों को दबाने लगते हैं और मुझे मज़ा आने लगता है। मैं तुम्हारा पूरा लन्ड लोलीपोप की तरह चूसने लगती हूं।

तुम आ आआया आआह्ह हह्ह्ह्छ ओऊ ऊऊ ऊऊओ ऊह ऊऊ ऊऊ उफ ! करते हो।
“बस रुक जाआआओ ! वरना मैं झर जाऊँगा।”
“तो झर जाओ !”
तुम- नहीं ! मुझे अभी तुम्हारी चूत और तुम्हारी गान्ड मारनी है।

मैं हँसते हुए हट जाती हूं। अब तुम अपने कपड़े उतार के आ जाते हो और बोलते हो कि अब मुझे कोल्ड ड्रिंक पीनी है
मैं- वो कैसे?
तुम मुझे अपने सामने खड़़ा करते हो और मेरे नंगे शरीर को देख कर कहते हो- यह है न ग्लास।
मैं- मतलब?

तुम कोल्ड ड्रिंक की बोतल लेकर अपने होठों से शुरू करके अपने मम्मों, अपनी नाभि अपनी चूत, अपनी गांड जांघों और टांगों पर कोल्ड ड्रिंक डालो धीरे धीरे और मैं पीता जाऊँगा !
“वाओ, यह तो बहुत बढ़िया तरीका है।” है न?
और मैं अपने होठों से कोल्ड ड्रिंक गिरा कर धीरे धीरे नीचे बढती जाती हूं। ठंडी कोल्ड ड्रिंक से बदन में सिहरन उठती है लेकिन तुम्हारे चाटने से मज़ा आऽऽऽऽ हऽऽ आऽऽऽ रहा है। तुम ऐसे ही चूसते और कोल्ड ड्रिन्क पीते जाते हो, मेरे मम्मों पर, चूत में से, गान्ड में से नीचे तक।
मैं- अब मेरी बारी !

अब तुम खड़े हो जाते हो और मैं घुटनों के बल तुम्हारे आगे बैठ जाती हूं और तुम्हारे लन्ड पर कोल्ड ड्रिन्क डाल डाल कर पीती रहती हूं और साथ ही तुम्हारा लन्ड, तुम्हारे टट्टे भी चूसती जाती हूं। अब तुम बिल्कुल गर्म हो जाते हो। मैं जैसे ही कोल्ड ड्रिन्क की बोतल रखने के लिये पलटती हूं, तुम मुझे पीछे से पकड़ कर मेरे मम्मे नोच लेते हो।

मेरी चीख निकल जाती है। इस समय तुम्हारा लन्ड मेरी गान्ड के छेद के पास गड़ रहा होता है। तुम मुझे ऐसे अपनी बाहों में उठा लेते हो कि तुम्हारा लन्ड मेरी गान्ड से रगड़ रहा होता है और उठा के मुझे बेड के पास ले जाते हो।

वहाँ पहुंच कर तुम मुझे बेड पे दोनों हाथ और पैर पे बैठने को कहते हो और वैसलीन की शीशी उठा लाते हो। मेरी गान्ड के छेद को खूब चूसते हो और उस पर वैसलीन लगाते हो, और अपने लन्ड पर भी !
मैं- आज क्या पहले गान्ड मारोगे?
“हाँ !”
“तो ठीक है ऐसे मारना मेरी गान्ड फ़ाड़ देना ! ठीक है?”
तुम पहले दो उंगलियों से मेरी गान्ड का छेद बड़ा करते हो, फ़िर धीरे से अपना सख्त लन्ड मेरी गान्ड पर लगाते हो और धीरे से मेरी गान्ड मारना शुरू करते हो। धीरे धीरे धक्के देते जाते हो, तुम्हारे हाथ मेरे मम्मों पर आ जाते हैं और तुम उन्हें दबाने लगते हो, बीच बीच में दो उंगलियों से मेरे चूत में भी फ़िन्गरिन्ग करते हो आऽऽऽहऽऽ आआऽऽ मज़ा आऽऽ रहाऽऽ है… और जोर से और जोर से

” मुझे धीरे में मज़ा नहीं आ रहा, जोर से मारो मेरी गान्ड फ़ड़ दो आज” मैं हवस के बहाव में बोलने लगती हूं।

तुम जोश में आ जाते हो, मेरी जांघें पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचते हो और एक झटके में अपना पूरा लन्ड मेरी गान्ड में डाल देते हो।
मेरी चीख निकल जाती है- आऽऽऽऽह ऽऽआअऽऽऽऽ अऽऽऽऽ मर गई !

इससे पहले कि मैं सम्भल पाती, तुम मेरी गान्ड जोर जोर से मारने लगते हो, पूरा लन्ड बाहर निकाल कर जोर से एक झटके में अन्दर बाहर करने लगते हो।
“मुझे बहुत दर्द हो रहा है लेकिन मज़ा भी आ रहा है !”
तुम अपनी स्पीड बढ़ाते जाते हो !
मैं कहती हूं- रुक जाओ प्लीज बस !

तुम- नहीं आज सचमुच में तुम्हारी गांऽऽऽऽड फ़ाड़ के रहूंगाऽऽऽ”
“मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहाऽऽऽ है नाऽऽऽ.?”
“हाँऽऽऽऽऽ!
तुम फ़िर मेरी गान्ड के पट्टों पर थप्पड़ मारते हो सटाक सटाक !

मुझे बहुत मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहा है, मेरे चूतड़ बिल्कुल लाल हो गये और मेरी गांड का बुरा हाल हो गया, लेकिन तुम रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हो !

मेरे बहुत कहने पर तुम रुके पर एक शर्त पर कि मैं तुम्हारे लन्ड पर बैठ कर कूदूंगी क्योंकि तुम्हें अभी मेरी गान्ड और भी मारनी है !

मैं अच्छा बाबा ! अच्छा ! कह्ती हूं और तुम नीचे लेट जाते हो मैं तुम्हारे लन्ड पर तुम्हारी तरफ़ मुंह करके बैठ जाती हूं और कूदना शुरू कर देती हूं। अब तुम्हें बहुत मज़ा आने लगता है।
आऽऽहऽऽ आऽऽऽऽऽआअ, मेरे लन्ड पर ऐसे ही कूदती रहो !

इस पोजीशन में तुम्हारा लन्ड बहुत अन्दर तक जा रहा होता है। एक हाथ से तुम बारी बारी मेरे मम्मों को मसल रहे होते हो और दूसरे से मेरी चूत को !
मेर क्लाईमैक्स आ रहा होता है आऽऽहऽऽ आऽऽऽऽ आअ आऽऽऽहऽऽ आअऽऽ अऽऽऽऽ मर गई।
उफ़्फ़्फ़्फ़ ! मेरी चूत के जूस तुम्हारे हाथ पर और तुम्हारे पेट पर फ़ैल जाते हैं.’ मैं थक गई कूद कूद के”
“अच्छा तो हट जाओ !”
तुम मेरी चूत क जूस मेरे मम्मों पे लगा देते हो और जोर जोर से चूसते हो। मेरे मम्मों के बीच टिशु पेपर लगाकर अपना लन्ड रगड़ते हो और साफ़ कर लेते हो”
तुम मुझे पेट के बल लेटने को कहते हो और तीन तकिये मेरे पेट के नीचे रख देते हो।
मैं डर जाती हूं- क्या अभी और गान्ड मारने का इरादा है?
“नहीं जान, अब तुम्हारी चूत की बारी है।”
“अरे चूत तो आगे से मारी जाती है।”
“यह नया स्टाईल है !”
“अच्छा कैसे?”
तुम तकिये मेरे पेट के नीचे रखकर मेरी चूत पर हाथ फ़ेरते हो और मेरी टांगें फ़ैला देते हो। फ़िर एक झटके में अपना लन्ड मेरी चूत में डाल देते हो।

मेरी फ़िर से चीख निकल जाती है- हाऽऽऽऽय आऽऽज क्या जान निकालने का इरादा है?
“नहीं, लेकिन जब दर्द होता है तभी तो मज़ा आता है !”
“हाँ, वो तो है।”

और तुम जोर जोर से मेरी चूत मारने लगते हो। तुम दोनों हाथों की उन्गलियों के बीच में मेरे सख्त चूचकों को दबा दबा के खींच रहे हो और जीभ से चाट और चूस भी रहे हो। मैं मुँह नीचे कर के देखती हूं। तुम्हारा लन्ड पिस्टन की तरह मेरी चूत में जा रहा होता है।
यह देख कर मेरा फ़िर से पानी निकल जाता है, मैं पूछती हूं, तुम्हारा एक बार भी नहीं झड़ा?
तुम कहते हो- नहीं ! आज जी भर चोदने के बाद ही झड़ूंगा।

फ़िर तुम मुझे घसीट के बेड के किनारे पर ले आते हो, खुद जमीन पर खड़े हो जाते हो और मेरी टांगें चौड़ी करके अपने कन्धों पे रख लेते हो और पूरी गति में चोदने लगते हो। इस स्थिति में तुम्हारा लन्ड पूरा मेरी चूत में बहुत अन्दर तक जा रहा है। तुम जोर से झटका मारते हो और मेरी चूत में कुछ गरम गरम लगता है।
मैं पूछती हूं- ये क्या है, क्या तुम्हारा निकल गया?
तुम- नहीं, मैंने तुम्हारी चूत में मूत दिया है, तुम्हें मज़ा आ रहा है ना?

मुझे इतना मज़ाऽऽऽ आऽऽ रहाऽ है कि मेरा एक बार और निकल जाता है। 10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद तुम मुझे उठा के मेज़ के किनारे पर बैठा देते हो और मेरी टांगें अपनी पीठ में गोल घेरे के रूप में बांध लेते हो और जोर के झटकों के साथ मुझे चोदने लगते हो।
“पूरी ताकत से पूरी ताकत से चोदो ! फाड़ दो मेरी चूत को भी !”

और तुम वास्तव में राजधानी एक्सप्रेस की तरह फुल स्पीड में मेरी चूत की बेदर्दी से चुदाई करते जा रहे हो और मेरे मम्मों से खेल रहे हो।
अब तुम्हारी साँसें तेज़ होने लगती हैं।
तुम आ आआअह उफ़ फ्फ्फ्फ़ फ्फ्फफ्फ़ मर गया आआअ मेरा निकलने वाला है चिल्लाने लगते हो !

मैं अपनी टांगों का घेरा बना कर तुम्हें अपनी तरफ़ ज़ोर ज़ोर से खीच रही हूं। तुम अचानक मुझे अपनी बाहों में उठा लेते हो इस तरह की मेरी चूत मैं तुम्हारा लन्ड घुसा हुआ है और मेरे मम्मे बुरी तरह उछल रहे हैं।

5 मिनट मुझे हिलने को कहते हो और मुझे ज़ोर ज़ोर से इसी पोजिशन में उछालते जाते हो। तुम्हारी स्पीड बढ़ती जाती है और मुँह से आ आआह आया आय आआअह ईईइ ईई आआ आआ ऊऊह्ह्ह्ह्ह की आवाजें आती जाती हैं।

मुझे ऐसे ही उछलाते तुम एक ज़ोर का झटका मारते हो और तुम्हारा गर्म सफ़ेद जूस तुम्हारे मोटे सख्त लन्ड से निकल कर सीधा मेरी चूत की आग को शांत करते हुए गिर जाता है। मेरी चूत में से एक बार और जूस निकलता है।
तुम मुझे लेकर बेड पर पास आ जाते हो और मेरे और तुम्हारे जूस बेड पर टपकते हैं।

हम कुछ देर इसी तरह पड़े रहते हैं।
फ़िर उठ कर मैं तुम्हारे और अपने लिए खाना बनाती हूँ।
और हम खाना खाते हैं।
इस पूरे दौरान मैं और तुम पूरे नंगे रहते हैं।

खाना खाकर हम दोनों एक दूसरे की बाहों में सो जाते हैं, दो घंटे बाद उठके फ़िर अलग अलग जगह और पोज में खूब चुदाई करते हैं।
रात को भी एक बार चुदाई का दौर चलता है और तुम अपना लन्ड मेरी चूत में डाल कर ही मुझे अपनी बाहों में भर कर सो जाते हो।

सुबह उठकर हम लोग एक दूसरे को 69 पोसिशन में ओरल सेक्स करते हैं।
तुम कहते हो- एक दिन में इतना मज़ा मैंने ज़िन्दगी में कभी नहीं किया और शायद तुम्हारे बिना कर भी नहीं पाता।

मैं भी कहती हूं- हाँ, वास्तव में जितने प्यार से और मज़े से तुमने मेरी चूत और गान्ड मारी है शायद ही कोई और मारता।
आई लव यू जानू !
तुम तैयार होते हो जाने के लिए तो मैं उदास हो जाती हूं।
तुम कहते हो- चिंता मत करो, मैं जल्दी ही आऊँगा और अपने साथ एक दोस्त को भी लाऊँगा, हम दोनों मिलकर तुम्हारी मारेंगे। सोचो एक लन्ड तुम्हारी चूत में और एक तुम्हारी गान्ड में एक साथ हो तो कितना मज़ा आएगा।

मैंने कहा- हाँ ! फ़िर मैं अपनी सहेली को भी बुला लूंगी और हम सब मिलकर ग्रुप सेक्स करेंगे।
इसी वादे के साथ तुम चले जाते हो !

जानू यह तुम्हारी मेल और तुम्हारी चैट का नतीजा है जो मैंने यह मेल लिखी है, तुम्हें कैसी लगी?
अब तुम इससे भी सेक्सी और लम्बी मेल मुझे लिखना !
तुम्हारे लंड की प्यासी Antarvasna

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