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Massage Girl in Mahendragarh: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Mahendragarh who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Mahendragarh that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Mahendragarh massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Mahendragarh who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Mahendragarh massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Mahendragarh massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Mahendragarh who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Mahendragarh employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Mahendragarh helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Mahendragarh

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Mahendragarh at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Sex stories

हाय मैं आरती फिर से Sex stories आपकी सेवा में हूँ. आपको कैसा लग रहा है.. मुझे तो मजा आ रहा है. आपको आ रहा है.. जरूर आ रहा होगा. आपको शायद यकीन नहीं होगा कि घर में आज कोई नहीं है. इसलिए यह वाली कहानी मैं बिल्कुल नंगी होकर लिख रही हूँ और इस दौरान मैं अपनी चूचियों को भींच भींच कर तथा अपनी चुत और गांड में पेन को डालकर सेक्स करूँगी. क्या करूँ शादी नहीं हुई न.. इसलिए चूत को शांत करने के लिए ऐसा करना पड़ता है. अभी तो पेन या पेन्सिल से ही काम चलाना पड़ेगा.

चलो आगे बढ़ते है. कम्पनी के प्रेसिडेंट के यहां से चुद कर आने के बाद मैं आते ही सो गई. क्या करूँ बहुत थक जो गई थी. इतनी बार चुदी थी कि मेरी चुत और गांड दोनों में बहुत दर्द हो रहा था.

फिर मैं अगले दिन सुबह उठी और नाश्ता करने के लिए गई. अबकी बार मैंने एक छोटी सी निक्कर पहन रखी थी.. और उसके ऊपर टाईट सा टॉप डाला हुआ था, जिसमें से मेरे चूचे कहर बरपा रहे थे. नीचे मामा जी थे जिनको मैं अंकल कह कर बुलाती थी

मैं अंकल को अपनी गांड दिखाते हुए बैठ गई. मैं साफ़ देख रही थी कि अंकल का लंड खड़ा हो चुका था. हम लोग उस दिन सोफ़े पर बैठ कर नाश्ता कर रहे थे. तभी मनीष ने कहा कि वो आज दिल्ली से बाहर जा रहा है, कल तक आ पाएगा.

कुछ देर बाद मनीष चला गया. अंकल वहीं पर बैठे हुए थे और चोरी चोरी कभी मेरी तरफ़ देखते, तो कभी मेरी चूचियों की तरफ़ देख रहे थे. जो कि मेरी टी शर्ट मैं उभरी हुई थीं. मैंने मन ही मन सोचा कि चलो क्यों न आज कुछ मजे ही ले लिए जाएं. उस वक्त अंकल ने एक ढीला सा पजामा ही पहन रखा था. मैंने चुपके से अपनी निक्कर की ज़िप खोल ली और धीरे धीरे अपनी टांगें ऊपर की ओर टेबल पर इस तरह से रख लीं कि मेरी चुत हल्की से दिखने लगे. इसके बाद मैंने वहीं रखा हुआ अखबार उठा कर पढ़ने की एक्टिंग करने लगी. मैं चुपके से देखने लगी कि अंकल मेरी हल्की सी दिखती हुई चुत की तरफ़ देख कर अपना लंड मसल रहे थे. फिर थोड़ी ही देर मैं उनका पजामा गीला सा हो गया और लंड नीचे बैठ गया. मैं समझ गई कि उन्होंने माल छोड़ दिया था.

मैंने अंकल से पूछा- अंकल क्या हुआ अभी आपका पजामा एकदम से ऊपर को उठा हुआ था.. फिर गीला हुआ और फिर नीचे बैठ गया.
अंकल मेरी बात सुनकर हंसने लगे और बोले- अरे ये तो नेचुरल है.

ये कहते हुए ही अंकल ने एकदम से अपने लंड को पजामे से बाहर निकाला जो गीला था.

अंकल ने कहा- ये बेचारा भी क्या करे.. बार बार तुम्हें देख कर खड़ा होता है और पानी छोड़ कर बैठ जाता है.
मैंने हंस कर कहा- अब क्या होगा?
तो उन्होंने कहा- कुछ नहीं.. इसका इलाज़ है… लेकिन अभी नहीं रात को होगा.

फिर वो उठे और मेरी गांड को दबा कर ऑफिस जाने के लिए तैयार होने चले गए. मैं समझ गई कि अंकल आज मेरी चुदाई करने के मूड में हैं.

मैंने मन में कहा कि यार जब रात को मजा लेना ही है तो क्यों न अभी से तैयारी कर ली जाए.

फिर मैं बाजार गई और वहां से एक नाईट सूट लेकर आ गई. इसी के साथ एक सेक्सी सी ब्रा पेंटी और स्विमिंग के समय पहनने वाली बिकनी भी ले आई. इन तीनों ही आइटम की ये खासियत थी कि ये सब पारदर्शी थे. नाईटी एक बेबी डॉल किस्म की थी, जो सिर्फ मेरे घुटनों तक आती थी. मैंने ब्रा की सजावटी लेस को कैंची से काट कर इतना छोटा कर लिया था कि वो अब मेरे मम्मों को हल्का सी ही ढँक पा रही थी. साथ ही पेंटी को मैंने चूतड़ की तरफ़ से काट कर एक डोरी नुमा बना दिया था. इस डोरी से बस मेरी गांड का छेद ही छुप रहा था. लेकिन मैंने चुत की तरफ़ से कुछ नहीं किया था.

फिर रात को खाने पर मैं जब इसी बिकनी में पहुँची तो अंकल मुझे देखते ही रह गए.

मैंने पूछा- कैसी लग रही हूँ?
अंकल ने मुझे घूरते हुए कहा- बहुत ही नंगी लग रही हो.. इतने कम कपड़े अगर पहन ही नहीं रखे होते तो और भी मजेदार लगती, आरती तुम इतने कम कपड़े क्यों पहनती हो.
मैंने कहा- पता नहीं अंकल जब मर्द नीचे मेरी चुत और गांड को, ऊपर मेरे मम्मों को घूरते हैं.. तो मुझे बहुत मजा आता है.

अंकल मुस्कुरा दिए. फिर हम लोग खाना खाने लगे.

अंकल बोले- आरती तुम्हें याद है कि जब तुम छोटी थीं.. तब तुम कैसे मेरी गोद मैं बैठ कर खाना खाती थीं.. आज भी वैसे ही खा ना!
मैंने कहा- अभी लो..

मैं लपक कर उनकी गोद में जा कर बैठ गई. मैं जानबूझ कर इस तरह से बैठी कि मेरी गांड का छेद उनके लंड के ठीक ऊपर आ जाए. मैं अंकल के लंड की सख्ती को फ़ील कर सकती थी कि मेरे बैठते ही कैसे अंकल के लंड का साइज़ बढ़ने लगा था.

फिर थोड़ी के बाद अंकल ने जानबूझ कर मेरे ऊपर दाल गिरा दी और कहा- अरे सॉरी.. लाओ मैं साफ़ कर देता हूँ.

फिर मेरे मम्मों के ऊपर से मेरे मम्मों को दबा दबा कर साफ़ करने लगे.

फिर मैंने अपनी नाईटी को देखते हुए कहा- अरे यह तो अभी भी गंदी है.. इसे उतार देती हूँ.

ये कह कर मैंने अपनी नाईटी को उतार दिया और मेरा गोरा बदन अंकल को साफ़ दिखने लगा.

तभी अंकल खड़े हुए और बोले- आरती तेरे कंधे पर एक तिल था.. मुझे वो याद है.. और हां एक तिल तो शायद तुम्हारे मम्मों पर भी तो था. तभी तो देख कितने बड़े मम्मे हो गए हैं. ज्योतिषी सही कहते हैं, जिस लड़की के मम्मों के ऊपर तिल होता है. उसके मम्मे जरूर पीने चाहिए, खूब दबाने चाहिए.. और चूसने चाहिए.
मैंने कहा- सॉरी अंकल.. लेकिन मेरे मम्मों पर तो कोई तिल नहीं है.
अंकल ने कहा- ऐसा हो ही नहीं सकता.. लाओ मुझे देखने दो

अंकल मेरे पास आए और मेरी ब्रा फाड़ कर फेंक दी. फिर अंकल मेरे मम्मों को दबा दबा कर देखने लगे. मैंने मस्ती से आँखें बंद कर लीं और अंकल के हाथों से अपने मम्मों को दबवाने का मजा लेने लगी. मेरे आँखें बंद करते ही अंकल ने चुपके से पेन से मेरे मम्मे पर एक तिल का निशान लगा दिया.

फिर अंकल बोले- देखो मैंने कहा था न.. तेरे मम्मे पर तिल का निशान है.

यह बोल कर वो मेरे मम्मों को चूसने लगे.. उन्हें भर भर के दबाने लगे.

फिर खड़े हुए और बोले- वैसे जहां तक मुझे याद है कि एक तिल तुम्हारी चुत पर भी है.
मैंने कहा- नहीं है.
उन्होंने कहा- दिखाओ.
मैंने कहा- हां देख लीजिएगा.

उन्होंने मुझे टेबल पर लिटा दिया और मेरी टांगें फैलाते हुए नीचे को कर दीं, जिससे मेरी चुत ऊपर को उठ गई. फिर अंकल ने मेरी पेंटी हटाने का कहते हुए पेंटी को फाड़ कर हटा दिया.

अब मेरी गोरी गोरी चुत उनके सामने थी. वे मेरी चुत को देखने लगे और बोले- आरती मालूम है.. जिसकी चूत में तिल होता है.. उसे हर रोज़ इसे चुसवाना चाहिए और इसके अन्दर लंड डलवाना चाहिए.

मैंने कुछ नहीं कहा बस आँख बंद करके अंकल के सामने अपनी चुत की प्रदर्शनी लगाए मजा लेती रही. अंकल ने पहले की तरह मेरी चुत पर चुपके से तिल बना दिया… और बोले- देखो मैंने कहा था कि तेरी चुत पर भी एक तिल है.
मैंने कहा- अजीब बात है.. मैंने तो कभी नहीं देखा.

अंकल ने मेरी बात को अनसुना कर दिया और मेरी चूत को चूसने लगे. थोड़ी देर बाद हम फिर से खाना खाने के लिए आ गए. इस वक्त मैं बिल्कुल नंगी थी. मैं फिर से अंकल की गोद में जाकर बैठ गई.

मैंने पूछा- अंकल यह क्या है.. जो मुझे बहुत देर से चुभ रहा है.
अंकल ने मुझे गोद से हटाया और नंगे होकर कहा- देख ले ये और कुछ नहीं.. मेरा लंड है. मैंने कहा था कि मेरा लंड तुम्हारी चुत देख कर ही खड़ा हो जाता है.
मैंने कहा- प्लीज़ अंकल इसका कुछ करो न.. मैं इससे बहुत परेशान हो रही हूँ.
अंकल चेयर पर बैठ गए और बोले- अच्छा दो मिनट रुको.. तुम एक काम करो कि तुम यहां पर आओ.

मैं उनके करीब चली गई. अंकल ने मेरी गांड को दोनों हाथों से खोला और मेरे छेद को चौड़ा करके अपने लंड पर रखते हुए कहा- अब तू झटके से लंड पर बैठ जा.

मैं अपने छेद को अंकल के लंड पर टिकाते हुए बैठ गई. बस देखते ही देखते उनका आठ इंच लम्बा लंड मेरी चुत में घुस गया. लंड बहुत ही मोटा था, मेरी चूत सहन नहीं कर पाई और मैं चिल्ला उठी. मैंने बोला- बहुत दर्द हो रहा है अंकल.

तो अंकल ने लंड घुसेड़ते हुए कहा- चुप हो जा साली कुतिया.. अभी दो मिनट बाद बहुत मजा आएगा.

फिर उन्होंने मेरे मम्मे अपने हाथों में थामे और बैठे बैठे ही नीचे से मेरी चुत में अपने लंड से धक्के लगाने शुरू कर दिए. कुछ ही पलों बाद मैं भी अपनी गांड उछालने लगी.

फिर उन्होंने अपना मूसल मेरी चूत मैं पूरा ठोक दिया.

इसके बाद अंकल खड़े हुए और मुझे गोद में उठा कर मुझे यूं ही लंड फंसाए हुए कमरे में ले गए.
अंकल ने मुझे बिस्तर पर पटक कर चोदना शुरू कर दिया. मैंने भी अपनी चूत की पूरी खुजली मिटवा कर ही दम लिया.
जब अंकल झड़ने को हुए तो मैंने उनसे कहा- मुझे मम्मी न बना देना.
अंकल ने हंसते हुए लंड को चूत से खींचा और मेरे मुँह में लगा दिया. मैंने अंकल के लंड का पूरा माल चूस लिया.
अब हम दोनों नंगे चित्त पड़े थे. बड़ी थकान हो गई थी. हम दोनों ही एक दूसरे से बाते करने लगे.

अंकल ने कहा- चल आरती मेरे पूरे बदन पर तेल से मालिश कर दे.
मैंने कहा- क्यों?
अंकल बोले- इस तरह से ही तो मेरे लंड का इलाज होगा.
मैंने- अंकल क्या इलाज होना है इस लंड का.. अच्छा ख़ासा तो चुदाई कर लेता है.
अंकल बोले- अरे यार इलाज का मतलब ये है कि अब तुम मालिश करोगी तभी तो ये दुबारा से खड़ा होकर चूत की चुदाई कर पाएगा.

मैंने अंकल के लंड की मालिश करनी शुरू कर दी. फिर अंकल मुझे अपने चूतड़ दिखाए और बोले- यहां पर भी कर.

मैं अंकल के चूतड़ों पर मालिश करने लगी.

फिर अंकल ने एक दूसरा तेल निकाला और बोले- इस तेल को मेरे लंड पर मल दो.
मैंने कहा- अंकल मेरी चूत का भी ख्याल करो.
अंकल बोले- हम्म.. ऐसा करो अपनी गांड को मेरे मुँह के पास लेकर आराम से लेट कर मालिश करो, मैं तेरी गांड को भी मजा दे दूंगा. लेकिन प्लीज़ मुझे आधे रास्ते में मत छोड़ देना.
मैंने हंस कर कहा- ओके डार्लिंग..

फिर मैं बैठ कर उसी तरह से मालिश करने लगी और लंड को बड़ा होते हुए देखने लगी.

अंकल के लंड ने खड़ा होने में कुछ देर लगाई.. इसके बाद क्या हुआ मेरी गांड का कचूमर निकला या चुत का भोसड़ा बना.. Sex stories

Hindi Sex Stories

हेल्लो दोस्तो ! फ़िर से आपका Hindi Sex Stories पुराना दोस्त अजय, हरयाणा से हाज़िर है आपके लिए एक सेक्स भरी कहानी लेकर !
कहानी शुरू करने से पहले आज मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं कि मुझे स्कूल टाईम से ही सेक्स का बड़ा शौक था इसीलिए मेरे दोस्त मुझे सेक्स-गुरु कहते थे। किसी को भी कोई परेशानी होती थी, किसी लड़की को लेकर, वो मेरे पास आता था और मैं उसकी समस्या हल कर देता था। एक तरह से कहो तो दोस्तों मैंने सेक्स में और प्यार में पी.ऐच.डी. की हुई है ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका मेरे पास हल नहीं।

चलो बहुत देर हुई आपको बोर करते हुए अब आते हैं आज की कहानी पे !

मेरी पिछली कहनी चूत का प्यासा के मुझे बहुत उत्तर मिले। बहुत सी लड़कियों और औरतों की मेल्स मिली मुझे बहुत ही अच्छा लगा।

यह कहानी है मेरे एक पड़ोस की लड़की की जो देखने में कयामत थी उसका नाम था पिंकी। और वो देखने में भी किसी फूल से कम नहीं थी वो। क्या कहूँ, बिल्कुल कैटरिना लगती थी। मैं जब भी उसे देखता मेरा लंड मेरी पैन्ट को फाड़ने लगता था, जिसको कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल होता था।
मैं हमेशा उसे चोदने की तरकीब सोचता और कई बार तो उसके बारे में सोच कर मुठी भी मारता। मैं हर किसी को समस्या का हल देता लेकिन मेरी हिम्मत ही न होती उससे बात करने की।

एक दिन मैं कुछ सामान लेने बाजार जा रहा था वो मुझे रास्ते में मिली और मुझे देख कर मुस्कुरा के निकल गई। उस दिन मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ। फ़िर एक दिन शाम के समय वो अपने घर के बाहर खड़ी थी और मैं जा रहा था तो उसने मुझे रोका और कहा- अजय ! क्या आपके पास ऍम.बी.ए. के नोट्स हैं?

यह सुन कर मैं हैरान था कि उसे कैसे मालूम कि मेरा नाम अजय है और उसे कैसे मालूम कि मैंने ऍम.बी.ए. किया है। फ़िर मैंने उसे नोट्स देने का वादा करके वहाँ से निकल गया। इसी तरह उसकी और मेरी दोस्ती आगे बढ़ी अब तो हम फ़ोन पे भी बात करने लगे। बस मैं तो मौके की तलाश में था कि कब मुझे उसकी चोदने को मिले।

एक दिन वो मेरे घर पे आई उस समय मैं घर पे अकेला था, घर पे कोई नहीं था, और मैं सुबह से ही बड़े ही रोमांटिक मूड में था। उसको देखते ही मेरे लंड ने फ़िर से सलामी दी और मैं मन ही मन बडा खुश हुआ। उसने मुझसे कुछ प्रोबलेम्स समझनी थी. उस दिन वो लॉन्ग स्कर्ट और शोर्ट टॉप पहने हुई थी। दोस्तों क्या कयामत लग रही थी वो। उसका फिगर एक दम परफेक्ट था 36-24-36 जिसे देख कर मैं पागल हो गया।

हम दोनों मेरे बेडरूम में गए और मैं उसके लिए कोल्ड ड्रिंक लाया। फ़िर हम प्रोब्लेम्स हल करने लगे। जब वो झुकती तो उसके बूब्स देख कर मेरा मन उसे चोदने को करता। थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत करके उसकी कमर पे हाथ रखा और मसलने लगा उसने कोई भी आपत्ति नहीं की। मेरी हिम्मत बढ़ गई। धीरे धीरे मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पे रखा और उन्हें दबाने लगा वो फ़िर भी चुप चाप बैठी रही। फ़िर मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट में हाथ डाला तो वो मेरी तरफ देखने लगी और बोली क्या कर रहे हो?

मैंने उसके दोनों होंठ जो गुलाब की पंखुड़ियों की तरह थे अपने होठों में दबा लिए और उसे किस करने लगा। वो भी थोड़ी देर बाद मेरा साथ देने लगी। यह देख कर मैंने उसके बूब्स जोर जोर से दबाने शुरू कर दिए। उसकी आँखों में मस्ती छाने लगी। उसने अपने दोनों हाथ मेरे बालो में डाल लिए और मुझे पागलो की तरह किस करने लगी।

मैंने उसक टी-शर्ट उतार दी उसने काले रंग की ब्रा डाली हुई थी और उसके बूब्स उसमें से बाहर झांक रहे थे। मैंने उसके दोनों कबूतरों को ब्रा की कैद से आजाद करवाया और उन्हें अपने हाथो से दबाने लगा।फ़िर मैंने उसका एक बूब अपने मुँह में लिया और उसे बच्चों की तरह चूसने लगा।

वो ऊऊऊउ… आआआअ… आ आआ आअह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह की तरह सेक्सी आवाजें निकालने लगी। उसका हाथ मेरे लंड पे चला गया और उसने अन्दर हाथ डाल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसके साथ खेलने लगी। फ़िर मैंने उसकी स्कर्ट भी उतार दी। उसने क्रीम रंग की पैंटी डाली हुई थी। मैंने जैसे ही उसकी पैंटी उतारी उसकी चूत देख कर मैं अपने होश गंवा बैठा। ऐसी चूत मैंने अपनी पूरी लाइफ में नहीं देखी थी।

उसके होठों से भी नाजुक और गुलाबी गुलाबी उसकी चूत जिस पे एक भी बाल नहीं था। मैंने उसकी चूत को जैसे ही छुआ, वो चिहुक पड़ी। मैंने उसकी चूत को अपने होठों की कैद में ले लिया वो पागलों की तरह अपने हाथों से अपने बूब्स दबाने लगी और ऊ ऊऊऊऊ आ आआ आआ ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्छ सेक्सी आवाजे निकलने लगी।

मैंने फ़िर उसे अपना लौड़ा मुँह में लेने को कहा। उसने पहले तो मना किया फ़िर मेरे जोर देने पे उसने मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और फ़िर खूब चूसा जैसे एक छोटा बच्चा लोली-पॉप को चूसता है। थोड़ी देर में मैं जब आने वाला था तो मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुँह में दे दिया और वो भी बड़े प्यार से पी गई।

उसके बाद मैंने उसकी टांगें फ़ैलाई और उसकी चूत पे अपना लंड रखकर एक धक्का दिया और वो पागलो की तरह चिल्लाने लगी। उसकी चूत कुँवारी थी। मैंने देखा तो उसकी चूत में से खून निकल रहा था। वो रोने लगी और मुझे कहा कि बाहर निकाल लो। पर मैं उसके होठों को चूसने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा थोडी देर में जब वो शांत हुई तो मैंने एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो जोर से चिल्लाई जैसे पता नहीं क्या हो गया हो।

मैंने उसके होंठ अपने मुँह में ले लिए। उसकी आँखों से आंसू निकल आए। थोडी देर बाद वो सामान्य हुई तो मैं अपना लण्ड अन्दर बाहर करने लगा और वो भी पूरा सहयोग देने लगी और पूरा कमरा ह्ह्ह्हो क्क्क क्छ्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह ऊऊउ आआआअ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह की सेक्सी आवाजों से गूंजने लगा। 10-15 मिनट बाद वो झड़ गई थोडी देर में मैं भी झड़ गया। फ़िर हम दोनों ने उस दिन 3-4 बार सेक्स किया और वो बहुत ही खुश नज़र आ रही थी…और वो घर चली गई…

कुछ दिन बाद उसने मुझे अपने घर बुलाया और उस दिन उसके साथ उसकी एक फ्रेंड भी थी और वो भी बहुत सेक्सी थी। दोनों के साथ सेक्स की कहानी मैं बताऊंगा आपको अगली कहानी में जल्दी ही !

अब आपसे इजाजत चाहूँगा आपका प्यारा अजय और उसका लण्ड।
प्यासी चूत ! मुझे मेल्स भेजना मत भूलना…
म्मूऊआआह Hindi Sex Stories

Antarvasna

प्रेषक : राहुल शर्मा Antarvasna

हाय दोस्तो !

तो दोस्तो मामला है एक सेक्स भरी रात का

किस्सा है ये चुदाई की रात का

उस रात मेरे मन में ना जाने क्या झमेला था

क्योंकि मैं घर पर एकदम अकेला था

अकेलेपन में मैं तन्हाई के गीत गुनगुना रहा था

और बीच बीच में अपने लण्ड को भी हिला रहा था

क्योंकि किसी कन्या का ख्याल आते ही ये दिल बड़ा हो जाता है

ये मासूम लण्ड भी इसकी तमन्ना समझते हुए खुद ही खड़ा हो जाता है

अब है तो खड़ा होगा ही

छोटा है तो बड़ा होगा ही

अचानक मुझे लगा कि कोई बुदबुदा रहा है

दिमाग गंदा हो तो लगता है कि कोइ चुदवा रहा है

मैने दरवाजा खोला तो वहां एक गोरी थी

उसके मम्में और गाण्ड देख कर लग रहा थी कि आज तक कोरी थी

मैने उसे अपने घर में अन्दर बुला लिया

ठंड बहुत थी सो मैंने कुन्डा लगा दिया

मैंने माज़रा पूछा तो पता चला वो रास्ता भूल गई

मेरी हिम्मत भी उसकी हालत देख के खुल गई

मैंने उसे बाहों में भर लिया था

क्योंकि उसे चोदने का पक्का इरादा कर लिया था

वो मेरी बांहों में आकर शरमा रही थी

और मेरी सांसों की गरमी से वो भी गरम हुई जा रही थी

मैंने धीरे से एक हाथ उसके मम्मों पर धर दिया

इन हाथों ने ही उसका सारा काम कर दिया

मेरा दूसरा हाथ उसकी चूत पे था

और ध्यान उसके सूट पे था

आखिर उसकी जवानी को जो संवारना था

इसलिये उसका सूट भी उतारना था

मैंने उसकी कमीज़ उतार कर मम्म दबाने शुरू कर दिये

सलवार को अलग किया और शोट लगाने शुरू कर दिये

वो आहें भर कर मज़ा दे रही थी

या यूं कहें कि लड़की होने की सज़ा ले रही थी

मेरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर था

ये भी मज़े का एक मंजर था

वो कह रही थी कि चोदते रहो, चोदते रहो और चूत को फ़ाड़ डालो

आज अपने लण्ड से मेरी चूत में झण्डे गाड़ डालो

मैं भी पूरे दम से उसे चोदे जा रहा था

और चूत चुदाई के इस खेल में दोनों को मज़ा आ रहा था

मेरे लण्ड से पानी निकला तो वो संतुष्ट हो गई

नंगी ही वो मुझसे लिपट के सो गई

थोड़ी देर बाद उसने मेरे लण्ड को पकड़ लिया

मुझे कुछ समझ आता इससे पहले ही अपने होठों में जकड़ लिया

वो मेरे लण्ड को चूस रही थी इसलिये लण्ड खड़ा हो गया

एक बार फ़िर से ये लण्ड चुदाई के लिये खड़ा हो गया

अब उसे अपनी गाण्ड मुझसे मरवानी थी

उसकी चूत की तरह उसकी गाण्ड भी सुहानी थी

मैंने भी पूरी पावर से अपना लण्ड उसकी गाण्ड में डाला

और एक ही बार में उसकी गाण्ड को फ़ाड़ डाला

उसकी चीख ने मुझे झन्झोड़ दिया

साथ ही मेरे लण्ड ने एक बार फ़िर पानी छोड़ दिया

अब मुझे पता चला मैं कहां था

जिसमें मैं था वो एक दूसरा ही जहां था

मैंने गाण्ड और चूत दोनों ही मारी थी

लेकिन यारो सच जो ये है कि मैंने सपने में मुठ मारी थी

मेरा अन्डरवियर एकदम गीला हो गया था

मुठ इतनी जोर से मारी कि लण्ड भी नीला हो गया था

यारो सपना ही सही लेकिन मज़ा तो किया

अपने लण्ड को चूत के अन्दर तो किया

तो दोस्तो ! चोदो, चुदाओ और अपनी लाइफ़ को खुशहाल बनाओ Antarvasna

हेल्लो दोस्तो! Antarvasna Sex Stories

मैं साक्षी एक बार फिर से हाजिर हूँ Antarvasna Sex Stories अपनी नई कहानी लेकर! सबसे पहले तो मैं आप सब लोगों का तहे-दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ कि आप लोगों ने मेरी कहानी कली से फूल बनूँ‘ को इतना सराहा और इतने ईमेल भेजे।

अब मैं अपना एक सन्देश उनको देना चाहती हूँ जो पहली बार सेक्स करते हैं।

कृपया सेक्स में जल्दी न मचायें और पहले जी भर के प्यार करें एक दूसरे को और अच्छे से यौन-पूर्व-क्रीड़ा करें फिर आगे बढ़ें!

मैं एक बात और लड़कियों को बताना चाहती हूँ कि आप लोग अगर सेक्स का मौका यह सोच कर छोड़ देती हैं कि आपके पति को शायद पता चल जायेगा!

तो बेफिक्र होकर सेक्स करिए क्योंकि किसी भी हालत में उन्हें नहीं पता चलने वाला!

तो शुरु करते हैं-

उन्हीं दिनों मेरी एक सहेली थी नीतू नाम की। हम दोनों लगभग सारी बातें एक दूसरे को बता देते थे। वो भी मेरी ही उम्र की थी और मेरी जैसी ही सुन्दर और उसका फिगर भी लगभग मेरे जैसा ही था।

एक दिन मैं घर पर अकेली थी और नीतू रात के लगभग 10 बजे मेरे घर पर आई। वो मेरे घर के बाजू वाले घर में ही रहती थी इसलिए रात को कभी कभी आ जाती थी। फिर हम दोनों साथ में टीवी देखती थी।

उसके आने के थोड़ी देर पहले ही मैंने रोहित की दी हुई एक व्यस्क मूवी देखी थी इसलिए थोड़ा उत्तेजित हो रही थी। मुझे रोहित की कमी महसूस हो रही थी। नीतू ने नाईट-सूट पहना था और मैंने ट्रांसपरेंट सी नाईटी पहनी थी जिसमें से मेरी ब्रा और पैंटी भी दिख रही थी।

नीतू- साक्षी आज तो तुम क़यामत लग रही हो।
साक्षी- क्यों ऐसी क्या बात है मेरी जान?
नीतू- तुमने तो गजब की नाईटी पहन रखी है!

फिर मैंने नीतू को अपनी बाँहों में भर लिया और चूम लिया।

नीतू- यह क्या कर रही हो? मैं तुम्हारी बॉय-फ्रेंड नहीं हूँ!
“तो क्या हुआ मेरी जान तुम रोहित से कम भी तो नहीं हो!”

और फिर मैंने नीतू के स्तनों को हल्के से दबाया, नीतू ने थोड़ी प्रतिक्रिया की पर फिर मना नहीं किया। शायद वो भी मूड में थी।

मैं उसको लेकर बिस्तर पर पहुँच गई और हम दोनों बिस्तर पर एक दूसरे की बाँहों में आ गए।
हम दोनों एक दूसरे के होंठों को कस के चूसने लगे। मैं नीतू के स्तन भी हल्के हल्के दबा रही थी।

फिर मैंने नीतू के नाईट-सूट के टॉप के बटनों को खोला और उसे ऊपर करके उतार दिया। नीतू ने पीले रंग की ब्रा पहनी थी और उसके स्तन उसमें से बाहर आने को बेचैन थे।

नीतू ने भी मेरी नाईटी की गांठ खोल दी और मैंने अपनी नाईटी उतार दी।

फिर मैंने नीतू की लोअर धीरे धीरे उतार दी। अब हम दोनों ही सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। मैंने गुलाबी रंग की ब्रा और पैंटी पहनी थी। हम दोनों एक दूसरे को बाँहों में कस के जकड़ कर प्यार करने लगे और दोनों एक दूसरे से स्तन मसलने लगे।

फिर मैं नीतू के ऊपर आ गई और उसकी ब्रा को ऊपर कर दिया, उसके दोनों बड़े बड़े चुचे उछल कर बाहर आ गए और मैंने दोनों को कस के बारी बारी से चूसा।

आआअह्ह ह्ह्ह सवीईईऽऽ! क्या कर्रऽऽ रही हओ!

कुछ नहीं मेरी जान कब से तुम प्यार करना चाहती थी, आज तो मैं जी भर के तुम्हें प्यार करुंगी।

फिर मैं उसके दोनों स्तन मसलने लगी और चूसने लगी। उसने भी मेरी ब्रा नीचे कर दी तो मेरे दोनों चुचे बाहर आ गए। मैं थोड़ा ऊपर गई और अपने चुचे उसके मुँह के ऊपर ले गई।

उसने भी उछल कर मेरी चुचियों को मुँह में दबाया और कस के चूसने लगी।

फिर थोड़ी देर बाद मैं उसके पेट को चूमते हुए नीचे आई और उसके पैंटी के ऊपर से किस किया। उसकी भी पैंटी गीली हो गई थी। फिर मैं उसकी पैंटी नीचे करने लगी तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया।

नीतू- बस साक्षी इससे ज्यादा ठीक नहीं है!

साक्षी- पगली, मैं ही तो कर रही हूँ, मैं तुम्हें गर्भवती थोड़ा न कर दूंगी! तुम तो बस मजे लेती जाओ!

फिर मैंने उसकी पैंटी उतार दी, उसने अपने हाथों से अपनी चूत को ढक लिया। मैंने उसके हाथ हटाये और फिर उसकी जांघों के आस पास किस करते हुए जैसे ही उसकी गीली चूत को किस किया-

आऽऽह आऽऽ साआअवीईई!

वो पागल हो उठी, शायद उसको इतना मजा कभी नहीं आया था!

फिर मैं उसकी चूत को कस के चूसने लगी

ऊऊओह्ह ह्ह्ह्ह म्म्म्माआह!

नीतू कस के बिस्तर पकड़ कर चिल्ला रही थी।

फिर करीब 15 मिनट तक मैं उसकी चूत को चूसती रही, फिर ऊपर गई और उसके मुँह के पास बैठ गई।

नीतू मेरा इशारा समझ गई, उसने मेरी पैंटी को किनारे किया और मेरी चूत में अपनी जीभ घुसेड़ दी।

अब मैं मजे ले रही थी- मैं अपने हाथों से अपनी चुचियों को हल्के हल्के मसल रही थी।

फिर थोड़ी देर बाद मैंने भी अपनी पैंटी नीतू के सामने बगैर शरमाते हुए उतार दी। हम दोनों एक दूसरे के सामने पूरी नंगी थी। फिर हम दोनों ने एक दूसरे को बाँहों में भर लिया और होठों को चूसने लगे और एक दूसरे की चुचियों को मसलने लगी।

नीतू- यार मेरी हालत तो तुमने ख़राब कर दी है, अब पूरा सेक्स कैसे होगा?

अब कोई हो तो बुलाओ!

शायद नीतू की आवाज रोहित ने सुन ली, मैं दरवाजा अन्दर से बंद करना भूल गई थी और यह भी कि मैंने रोहित को घर 10 बजे बुलाया था।

पर वो 10.30 बजे आया, दरवाजा खुला पा कर वो ड्राइंग रूम से होते हुए सीधे मेरे बेडरूम में आ गया, जहाँ हम दोनों गुथमगुथा थी।

उसकी तो बाछें खिल गई!

हम दोनों ही मना करने लायक हालत में नहीं थी और बिस्तर में एक दूसरे की बाँहों में सिमटे हुई थी।

पहले तो नीतू ने ही रोहित को देखा और वो ऊपर से नीचे तक कांप गई।

मैं तो उसकी चुचियों को नीचे जाकर चूस रही थी और उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल के उसकी चूत को फैला रही थी।

उसने मुझे झझकोरा, मैंने रोहित के तरफ देखा और कहा- अरे रोहित तुम कब आये?

अब सब अकबका रहे थे।

फिर रोहित ने अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया और हमारे सामने ही अपनी टी शर्ट उतारी और फिर जीन्स भी उतार दी।

उसका लंड एक साथ दो दो नंगी लड़कियों को देख कर पागल हुआ जा रहा था। उसके अंडरवियर से ही उसका लंड फनफना रहा था। फिर उसको अपना अंडरवियर भी उतारना पड़ा क्योंकि उसका लंड उसमें से बाहर आने को मचल रहा था।

मैंने रोहित को पहले नीतू की जवानी तारने के लिए इशारा किया क्योंकि वो मुझसे ज्यादा तड़प रही थी।

फिर मैं नीतू से अलग हो गई और रोहित ने नीतू को अपनी बाँहों में भर लिया, नीतू भी रोहित से चिपक गई और रोहित नीतू के स्तन दबाते हुए उसको रसीले होठों को चूसने लगा।

मैं रोहित को देख रही थी और मेरी हालत और ख़राब होती जा रही थी। रोहित जी भर के नया स्वाद चख रहा था।

फिर रोहित नीचे आ कर नीतू की चुचियों को मुँह में ले कर चूसने लगा और कस के मसलने लगा।

नीतू ये सब पहले ही करवा चुकी थी इसलिए उससे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था, वो बहुत जोर से तड़प रही थी।

फिर रोहित ने नीतू की चुचियों को अच्छे से चूसा और दबाया, फिर उसका पेट और नाभि चूमते हुए वो नीचे आने लगा। नीतू की चूत तो जबरदस्त गीली थी क्योंकि मैं भी उसे कस के चूस चुकी थी।

फिर रोहित ने नीतू की चूत को फैला कर अपनी जीभ अन्दर डाल दी और उसकी दोनों चुचियों को दबाते हुए उसकी चूत को चूसने लगा।

15 मिनट तक रोहित ने नीतू की चूत को कस के चूसा और फिर वो ऊपर आया और अपना लंड नीतू के मुँह के ऊपर रख दिया, नीतू की आँख बंद थी इसलिए जैसे ही उसने आँख खोली रोहित का लंड अपने मुँह के ऊपर देख कर वो एकदम से घबरा गई।

उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसको रोहित का लंड मुँह में लेने का इशारा किया।
फिर वो रोहित का मोटा और लम्बा लंड मुँह में ले कर चूसने लगी।
रोहित आहें भर रहे था।

मैं रोहित के पास आ कर बैठ गई तो रोहित मेरी चुचियों को मसलने लगा।
नीतू रोहित का लंड इतने जोर जोर से चूस रही थी कि रोहित नीतू के मुँह में ही स्खलित हो गया।
नीतू ने भी उसका वीर्य पूरा पी लिया और तब तक लंड मुँह में ले कर रखा जब तक वो दोबारा खड़ा नहीं हो गया।

फिर रोहित ने अपना लंड नीतू के मुँह से निकाला और फिर उसके ऊपर लेट गया।
रोहित ने अपना लंड नीतू के चूत में रखा और कस के धक्का मारा।
“आऽऽऽह आऽऽ म्म्म म्मर गईइऽऽऽ!” नीतू गला फाड़ कर चिल्लाई।

मैंने एकदम से नीतू के मुँह में अपना हाथ रख दिया और अपनी चूत को नीतू के मुँह में लाकर उसके ऊपर बैठ गई।

नीतू ने अपनी जीभ मेरी चूत में डाल दी और उधर रोहित पूरी ताकत से नीतू के चूत में अपना लंड घुसाने लगा।

मैंने रोहित को बोला- आराम से डालना जानू! नहीं तो कुंवारी लड़की मर जायेगी।

पर रोहित कहाँ रुकने वाला था, उसने तो बस पूरी ताकत से अपना लंड नीतू की चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुसेड़ दिया।

नीतू इतना जोर का धक्का बर्दाश्त नहीं कर पाई और बेहोश हो गई।

रोहित ने पास पड़ा तौलिया उठाया और नीतू की चूत से निकल रहे खून के आस पास तौलिया लगा दिया।

मैं उठी और फिर पानी लाकर नीतू के चहेरे में एक दो बूँद पानी के छींटे मारे।

नीतू होश में आई तो रोने लगी। फिर मैंने उसे समझाया कि पहली बार तो ऐसा होता ही है क्योंकि मेरे साथ भी हुआ था।

अब तक नीतू भी कुछ सामान्य हो गई तो रोहित उसे धीरे धीरे चोदने लगा।

शुरु शुरु में कुछ धक्कों तक तो नीतू चिल्लाती रही फिर धीरे धीरे उसकी चीखें उसकी आहों में बदल गई- आआह्हह साआआवीईईई…

नीतू ने कहा- ये तुम्हारा प्रेमी तो बिल्कुल एक्सपर्ट है चुदाई का!

यह सुनकर रोहित फुला नहीं समाया और फिर वो नीतू को जोर जोर से चोदने लगा, पूरा कमरा नीतू के आहों से गूंजने लगा- आहऽऽअ ऊओह्ह ह्ह्ह!

रोहित नीतू को थोड़ी देर तक जोर जोर से चोदता रहा फिर पता नहीं उसको मेरे पर भी तरस आ गया। उसने अपना लंड नीतू की चूत से निकाला और पूरा नीतू की चूत का रस लगा गीला लंड मेरे मुँह में दे दिया।

मैंने उसका लंड अपने मुँह में पूरा अन्दर ले लिया और उसके मोटे और लम्बे लंड को जोर जोर से चूसने लगी।

नीतू की चूत का रस मुझे बहुत भा रहा था।

नीतू अपनी चूत में ऊँगली डाल के ऊँगली अपने मुँह में डाल रही थी।

फिर रोहित ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और मुझे अपने गोद में बिठा लिया और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया।

फिर मेरी गांड को ऊपर उठा के मुझे चोदने लगा और मेरी चुचियों को अपने मुँह में भर के चूसने और दबाने लगा।

क्या रात थी वो!

और रोहित की तो जैसे किस्मत खुल गई थी! दो दो लड़कियों के मजे ले रहा था वो!

थोड़ी देर बाद उसने मुझे कुतिया स्टाइल में किया और पीछे से चोदने लगा।

मैंने नीतू की चूत को अपने मुँह के पास किया और उसकी चूत को चाटने और चूसने लगी।

फिर करीब 2 घंटे तक वो हम दोनों को बारी बारी से चोदता रहा और हम दोनों लड़कियों की रात उसके पहलू में गुजरी।

मैं बता और लिख नहीं सकती की क्या क़यामत की रात थी वो!

सवेरे जब मैं जागी तो रोहित जा चुका था, नीतू मेरी बाँहों में कस के जकड़ के सो रही थी।

मैंने नीतू को अलग करने की कोशिश करी तो वो ऊँघते हुए उठी।

मैंने नीतू की तरफ देखा तो नीतू थोड़ा शरमा सी रही थी। मैंने पूछा- क्या हुआ मेरी जान?

तो नीतू ने कहा- मैंने बहुत अच्छा सपना देखा कि मैं तुम और तुम्हारा प्रेमी रोहित एक साथ हैं और वो सब मेरे साथ भी हो गया जो कुछ दिन पहले तुम्हारे साथ हुआ था।

मैंने नीतू के तरफ मुस्कुरा के देखा।

नीतू ने फिर अपने आप को देखा और उसकी नज़र जैसे ही चूत पर पड़ी वो समझ गई कि कल रात को उसने सपना नहीं देखा बल्कि वो सब कुछ सचमुच हो गया।

उसने बिस्तर पर लगा हुआ उसकी चूत से निकला हुआ खून भी देखा। उसकी चूत मेरे से भी ज्यादा बुरी हालत में थी और बहुत फटी हुई थी।
फिर वो मुझसे लिपट गई और बोली- क्या ये सब ठीक हुआ?
मैंने उसको ढांढस बंधाया कि सब भूल जाये और इसे एक खुशनुमा सपना समझ कर कभी कभी याद कर ले।

फिर हम दोनों साथ साथ नहाई और वो अपने घर चली गई।

तो दोस्तो, कैसी लगी यह नई कहानी! मैं जल्द ही अगली कहानी लेकर फिर से हाज़िर होऊँगी।
आज के लिए विदा दोस्तो! Antarvasna Sex Stories

Sex Stories

मेरा नाम विक्की है। मैं राजकोट Sex Stories का रहने वाला हूँ लेकिन अभी मैं अहमदाबाद में कुछ दिनों से रह रहा हूँ। अन्तर्वासना कहानियाँ पढ़ कर मैंने भी अपनी एक रियल सेक्स स्टोरी आप लोगों के साथ बाँटना चाही।

तो बात उन दिनों की है जब मुझे सेक्स के बारे में कुछ मालूम नहीं था। मेरे सभी दोस्तों की गर्लफ्रेंड थी पर मैं एक सीधा लड़का था। मेरे दोस्तों ने मुझे कई बार कहा कि तू भी कोई लड़की क्यों नहीं पटा लेता, पर हम तो पहले से ही बहुत शर्मीले थे।

एक दिन मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड को मिलने मैं उसके साथ गया। वहाँ पर उसकी भी एक सहेली आई हुई थी। वो उम्र में मुझसे बड़ी थी पर बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लग रही थी। मैं मन ही मन उसे हवस भरी नजरों से देखने लगा। कभी उसके टॉप में उभरे स्तनों को तो कभी उसकी टाइट जींस से उसकी चूत का आकार! उसके जिस्म का एक एक अंग बहुत ही उभार वाला था। कसम से कोई भी लड़का उसे देखने बाद एक बार तो उसके नाम के मुठ मार ही लेगा।
उसकी नज़र भी मेरी तरफ थी, वो जान गई थी कि मैं उसके सारे अंगों को बहुत ही हवस से देख रहा हूँ पर वो कुछ बोली नहीं।

थोड़ी देर में हम लोग चले आए। मैंने घर जाकर उसके जिस्म का विचार करते हुए मुठ भी मार ली।

दूसरे दिन मैंने अपने दोस्त को उसकी गर्लफ्रेंड की सहेली को मेरे साथ मिलवाने के लिए कहा। पर मुझे मालूम नहीं था कि वो तो मुझसे भी ज्यादा चुदक्कड़ निकलेगी। मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड ने मुझे उससे शाम को ही मिलवा दिया।

हमने थोड़ी बातें की और दूसरे दिन ही अकेले मिलने की योजना बनाई।

ऐसे ही हमारा रूटीन हो गया, हम रोज़ मिलते रहे पर मैं इतना शर्मीला था कि मैं उससे कुछ कह ही नहीं पाता था, सिर्फ उसके शरीर के सभी उभारों को देखता ही रहता था। उसको सब मालूम था पर मुझे कहती नहीं थी, वो मेरे मुँह से बुलवाना चाहती थी पर मैं एक महीने तक कुछ बोल ही नहीं पाया।

एक दिन अचानक उसका फ़ोन आया और मुझे उसने बाहर खाने हो कहा। मैं भी जल्दी से गया, हम दोनों खाना खाने गए, मुझे नहीं मालूम था कि उसकी हवस आज मुझे कुछ और कहना चाहती थी।

खाने के बाद उसने मुझे अपने घर साथ चलने को कहा। मैंने उसको पहले मना किया पर बाद में मान गया। हम लोग चलते चलते बातें करते हुए घर की ओर जा रहे थे, रास्ते में वो मेरे बहुत करीब चलने लगी, उसके हाथ कभी मेरी जांघ पर तो कभी मेरे लंड पर लग रहे थे। तो मैं भी थोड़ा उसके करीब चलने लगा डरते हुए।

एक बार कुछ गिरते हुए सीधे मुझ पर गिर ही पड़ी, मैंने झट से उसे संभाल तो लिया पर उसके मोटे मोटे स्तन मेरे हाथ से टकरा गए। मैंने मेरी इतनी उम्र में पहली बार किसी के वक्ष छुए थे। मैं पसीना-पसीना हो गया, दिल की धड़कन तेज हो गई। मेरे मुँह से आवाज निकलना बंद हो गई पर वो तो मुझे बार बार अपने शरीर से लगा रही थी। मैंने उस दिन जींस पहनी थी फिर भी मेरा लंड जींस में से खड़ा दिख रहा था, उसकी नज़र बार बार उस पर पड़ती थी और मैं शर्म से नीचे देखने लगता था।

इतने में उसका घर आ गया। मैं सोफे पर बैठा था, वो अन्दर गई और मुझे पानी पिलाया, फिर अपने कमरे में चली गई। थोड़ी देर बाद वो एक सिल्क का गाऊन पहन कर आई और मेरे पास बैठ गई। मैंने अपनी नज़र एक बार उसके शरीर को देख कर दूसरी तरफ घुमा ली। उसने हलके से अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया। मैं कुछ बोल ही नहीं पा रहा था, तभी वो अपना हाथ धीरे धीरे मेरे गालों पर फिराने लगी।

मेरा लंड बहुत टाइट हो गया था, वो मेरे होठों के साथ अपने होंठ मिलाकर मुझे चूमने लगी। मेरे शरीर का एक एक रोंगटा खड़ा हो गया। मैंने कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था। वो धीरे से अपना मुँह मेरे शर्ट के बटन खोल कर अन्दर लगाने लगी, पूरे जिस्म में आग फ़ैल गई, मेरे हाथ काम्पने लगे। फिर मैंने हिम्मत करके अपना एक हाथ उसके गाऊन के ऊपर ही उसके कमर पर फेरना चालू किया। वो तो मुझसे पहले की गरम ही थी, धीरे से अपना हाथ मैंने उसके वक्ष पर रखा तो जैसे मेरी जन्मों की प्यास भड़क उठी हो, वैसा मुझे आनंद मिला।

अब तो मुझसे भी रहा नहीं गया और उसके गाऊन को धीरे से निकाला और फेंक दिया। उसने मेरा शर्ट उतार दिया और मुझ पर चढ़ गई। गाऊन उतरने के बाद मैंने उसके जिस्म को देखा तो मानो उसको सिर्फ चोदने के लिए ही बनाया होगा। उसने लाल ब्रा और पैंटी पहनी थी, उसके स्तन ब्रा में से भी बाहर निकल रहे थे। धीरे से उसकी कमर पर हाथ घुमा कर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी। वो मेरे लंड पर हाथ रख के धीरे धीरे उसको सहलाने लगी। मुझे लगा कि अभी ही मेरा वीर्य निकल जायेगा।

फिर उसने मेरी जिप खोल कर अन्दर हाथ डाला, लण्ड को छूते ही मानो एक मूर्ति में जान आ गई हो एसे लंड और खड़ा हो गया। उसने अपने कोमल हाथों से मेरे लंड को बाहर निकाला और नीचे हो कर उसको चूमा।

उसने कहा- मुझ में कब से इसे पाने की आग थी, तुमने मुझे बहुत तड़पाया है पर आज मैंने भी ठान लिया कि इसका मज़ा लेकर ही रहूंगी।

फिर वो एक हाथ मेरे सीने पर फिराने लगी और दूसरे हाथ से मेरा लंड पकड़ कर मुँह में ले कर ऊपर-नीचे होने लगी। मैंने उसकी पैंटी उतार कर एक हाथ उसकी गुलाबी चूत पर रख दिया, उसकी चूत पहले से ही पानी छोड़ने लगी थी, वो बहुत ही उतावली हो रही थी चुदवाने के लिए।

मैंने उसको उठा कर अपनी गोद में बिठाया और लंड सीधा खड़ा कर दिया क्योंकि मुझे मालूम नहीं था कि कैसे करते हैं, उसने मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत में डलवाने लगी। लंड का मुंड अन्दर जाते ही वो चीख उठी- हाय राम! इतना मोटा लौड़ा!

थोड़ी देर रुक कर वो धीरे से लंड पर नीचे बैठती रही, धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी चूत में चला गया। दर्द के मारे उसकी आँखों से आंसू निकल आए पर वो कुछ बोली नहीं। फिर उसने ऊपर उठ कर दो-तीन बार झटका लगाया, अब मेरा लंड पूरी तरह अन्दर जा रहा था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

थोड़ी देर में उसके मुँह से ये आवाज़ें निकलने लगी- आऽऽ… आआऽऽऽ आऽअ…आ आय… अआ..ऊ… उऔऊ उ. .उ .मर गई…

आज मेरी भी जन्मों की प्यास बुझ रही थी, मैं भी अऽऽ आय… आआऽऽ आआअ ऊऊऊऊउ… कर रहा था और कह रहा था- साली अब तुझे नहीं जाने दूंगा, तू कितने दिनों से मेरे लंड को भड़का रही थी… साली आज में तेरी माँ-बहन एक कर दूंगा…

वो अभी भी चीख रही थी- माय… उ.उ.उ.उ.. ऊऊऊ… दर्द हो रहा है!

थोड़ी देर बाद वो उतर के कुतिया की तरह हो गई और मुझे पीछे से डालने को कहा। मैंने धीरे से लंड को चूत पे रख कर जोर दिया, मेरा लंड पूरा उसकी चूत में चला गया। फिर मैं भी आगे-पीछे हो कर लंड को अन्दर-बाहर करता रहा। हम दोनों ही जन्नत में पहुँच चुके थे, वो अपनी गांड हिला कर मानो मुझे चोद रही हो, ऐसे हिल रही थी।

थोड़ी देर में मैंने और ज्यादा गति पकड़ ली। शायद लंड पूरा उसके चूत के अन्दर से टकरा रहा हो, उसने मुझे रोक देना चाहा पर मैं रुका नहीं क्योंकि अब उसकी चरमसीमा आ रही थी। उसने झटके से पूरा पानी छोड़ दिया और मैंने भी उसकी चूत अपनी पहली चुदाई के पानी से भर दी।

उसने और मैंने एक अलग ही अनुभव किया। थोड़ी देर मैं उससे चिपक कर वैसे ही लेटा रहा!
फिर उस दिन के बाद मैंने कई बार उसको चोदा।
मानो या न मानो, जो पहले सेक्स का अनुभव होता है वो एक अलग ही होता है!

तो कैसी लगी मेरी यह घटना?
इस रियल से स्टोरी को पढ़ कर आप मुझे अपना विचार भेज सकते हैं। Sex Stories

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