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Massage Girl in Vadodara: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Vadodara who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Vadodara that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Vadodara massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Vadodara who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Vadodara massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Vadodara massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Vadodara who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Vadodara employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Vadodara helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Vadodara

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Vadodara at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

प्रेषक : राकेश
अभी तक आपने पहले दो भागों में पढ़ा Antarvasna कि प्रिया की मैंने पहली बार कैसे चुदाई की थी। वो पूरी तरह से संतुष्ट होकर मेरे घर से गयी थी। अब आगे की कहानी और जानें कि आगे की चुदाई कैसे हुई।

शाम को मैं करीब 8:30 पर खाना खा करके फ़्री हुआ और प्रिया के आने का इंतज़ार करने लगा करीब 8:45 पर अनिल प्रिया को लेकर आ गया और उसे छोड़कर चला गया और बोला मैं काम निबटाकर जल्दी से आता हूं अगर देर हो जाये तो मेरा इंतज़ार करना घबराना नहीं राजू शरीफ़ आदमी है।

प्रिया ने आज प्रिंटेड बलोउस, लाईट कलर की साड़ी और और अंदर गहरे रंग का ब्लाउज़ पहना था। उससे अंदर के कपड़े का आइडिया मुझे नहीं लग पाया।

प्रिया और मैं फ़िर पेपर तैयार करने में लग गये, पर आज मैं थोड़ा मस्ती के मूड में था तब भी हमारा काम एक घंटे में हो गया।

मैं आज बीच में दो तीन बार प्रिया की कभी जांघ पर तो कभी उसकी कमर पर और कभी उसके ब्लाउज़ के बाहर से उसके बूब्स पर छू रहा था।

प्रिया मुझे रोक देती और कहती अरे पहले काम पूरा करने दो फ़िर अगर मौका मिला तो मैं मना थोड़े ही कर सकती हूं।

जब काम पूरा हो गया तो मैं अब प्रिया के साथ मस्ती के मूड में था पर कोई सिग्नल प्रिया ने नहीं दिया तो मैं उसे एम्ब्रस नहीं करना चाहता था।

प्रिया से मैंने पूछा- आज जब अनिल तुमको छोड़ कर गये तो उसने ये क्यों बोला की राजु शरीफ़ आदमी है।

तब प्रिया बोली- कल अनिल मुझसे बोल रहे थे कि राजू बहुत ही बेवकूफ़ है अगर उसे मौका मिलता (किसी की वाइफ़ के साथ अकेले रहने का) तो वह जरूर मौके का फ़ायदा उठाता।

फ़िर प्रिया बोली- जब मैंने कहा कि अगर औरत ने गड़बड़ कर दी तो वह बोल रहे थे कि अगर वह किसी औरत को एक्साइट करे तो वह मना कर ही नहीं सकती है।

प्रिया फ़िर बोली- इसीलिये मुझे भी उनकी बात सुनकर मरदों की मानसिकता के बारे में पता चल गया और वह कोई गलती नहीं कर रही है और मैं भी ऐसा न करूं।

अब मैंने कहा- ये बात तो ठीक है पर आपको तो मालूम है न मैं भी बड़ा कमीना हूं और आज तो मैं अब तुमको इस समय नहीं छोड़ सकता हूं जब दोनों फ़्री हैं।

प्रिया कुछ ज्यादा नहीं बोली तो मैंने कहा- पर आज मैं तुमको पूरी तरह से प्यार करना चाहता हूं क्योंकि आज हमारे पास टाइम काफ़ी है।

फ़िर मैं प्रिया का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर ले आया, और उसे आराम से चूमते हुए उसकी इच्छा जानने की कोशिश करने लगा.
प्रिया बोली- हाँ राज आज मैं चाहती हूं कि तुम मुझे ऐसे प्यार करो जैसे अनिल पहले पहले किया करते थे।

मैं बोला- चलो पहले ऐसा करते हें एक दूसरे के कपड़े उतारते हैं मुझे महाभारत की दरौपदी की तरह अपनी पार्टनर के कपड़े उतारने में बड़ा मज़ा आता है और अगर वह विरोध करे तो और मज़ा आता है। क्या मैं स्टार्ट करूं,

प्रिया बोली- नहीं पहले मैं तुम्हारे कपड़े उतारुंगी, अगर मेरे कपड़े पहले उतर गये तो तुम मुझे मौका ही कहाँ दोगे, मैं मर्दों की आदत जानती हूँ।

मैंने कुरता पायजामा पहना था और प्रिया ने एक झटके मेरे कुरता और बनियान खींचकर मेरे पायजामे का नाड़ा खोल दिया और तब तक मैंने भी अपना अंडरवियर नीचे कर दिया।

प्रिया ने मेरे लंड को देखकर थोड़ा हैरान सी हुई मैं जानता था कि उसे तो अनिल के लम्बे लंड की आदत थी न और फ़िर मेरा लंड उस समय खड़ा भी नहीं था।

फ़िर मैंने प्रिया के साड़ी के पल्लू को खींचना शुरु किया और प्रिया घूम घूम कर अपनी साड़ी उतारने लगी।
जब साड़ी उतर गयी तो मैंने प्रिया को पकड़ कर उसके ब्लाउज़ के हुक एक एक करके खोलकर उसका ब्लाउज़ भी उतार दिया।

उसी समय अनिल का फोन आया तो मैं समझा कि आज तो काम का सत्यानाश हो गया पर अनिल ने पूछा कितना काम बाकी है तो मैंने कहा आधे से थोड़ा कम!

तो अनिल बोला- आराम से काम कर लो मुझे अभी एक घंटा और लगेगा मैं 11:00 बजे तक आऊँगा।

प्रिया ने कहा- ठीक है, पर जल्दी की कोशिश करना ज्यादा लेट से सभी परेशान होंगे।

अब तो हम और भी रिलेक्स हो गये प्रिया ने अंदर सफ़ेद ब्रा पहन रखी थी उसकी ब्रा एकदम टाइट थी और उसके बूब्स उसके अंदर कैद हो गये थे।

मैंने एकदम से प्रिया को पकड़ कर उसकी टांगों को पेटीकोट सहित अपनी टांगों के बीच फ़ंसाकर उसे जकड़ लिया और फ़िर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया जैसे ही उसकी ब्रा से उसके बूब्स आज़ाद हुए ऐसा लगा जैसे कोई धमाका हुआ उसके बूब उछलकर मेरे सामने आ गये।

क्या टाइट गोल एकदम क्रिकेट बाल की तरह ही लाल, मन तो कर रहा था कि एक झटके में दोनों को मसल दूं पेर मैं उसे पूरा नंगा करना चाहता था।

उसके बाद मैंने प्रिया के पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया पर उसका पेटीकोट नीचे नहीं आया।

उसके पेटीकोट में इलास्टिक लगी हुई थी इसलिये वो नीचे नहीं गिरा तो मैंने उसके पेटीकोट को नीचे को जोर से खींचा तो उसका काले रंग का पेटीकोट एकदम नीचे आ गया।

जैसे ही प्रिया का पेटीकोट नीचे हुआ मेरी तो मस्ती का ठिकाना ही नहीं रहा जब मैंने देखा कि प्रिया ने तो पैंटी पहनी ही नहीं थी।

अब हम दोनों एकदम नंगे हो गये थे, प्रिया ने आज शायद अपनी चूत साफ़ की थी इसीलिये उसके पूरी बोडी पर सर के सिवा कहीं एक बाल भी नज़र नहीं आ रहा था।

जब तक मैं प्रिया के बदन पर नज़रें फ़ेर पाता प्रिया मेरे लंड को देखकर बोली अरे ये तो बहुत छोटा है चलो मैं अभी इसे तैयार करती हूं और उन्होंने उसको धीरे से पकड़ा और उसके टोपे (टोप) पर अपनी जीभ से लिक करने लगी।

मुझे बड़ी सरसराहट सी होने लगी, प्रिया बीच में मेरे लंड के टोपे को अपने लिप्स से भी दबा देती। इससे मेरे लंड का साइज़ अब बढ़ने लगा तो प्रिया ने भी उसे अपने मुंह के अंदर लेना शुरु कर दिया और मुझे ये बड़ा अजीब लग रहा था।

ऐसा मैंने केवल कुछ ब्लू फिल्म्स में ही देखा था और मैं ये नहीं सोच सकता था कि किसी दिन मेरे साथ भी ऐसा होगा।

मैं ये भी विश्वास नहीं कर पा रहा था कि एक सीधी साधी औरत प्रिया ऐसा कर सकती है, पर उसका पति अनिल बड़ा स्मार्ट, हैंडसम और हरामी भी है उसने उसको ट्रैंड कर रखा था।

मैं तो सेक्स का मतलब बस चुदायी तक ही समझता था और जब ऐसा सीन मैंने एक ब्लू फ़िल्म में देखा था तो मुझे उल्टी सी आने लगी थी। पर आज जब मेरे साथ ये हो रहा था तो बड़ा मज़ा आ रहा था यहाँ तक कि मुझे इस में अब प्रिया की चुदायी से ज्यादा आनंद आ रहा था बेसौसे इसमे मुझे कोई ताकत नहीं लगानी पड़ रही थी।

जैसे जैसे मेरे लंड का साइज़ बढ़हा गया प्रिया ज्यादा मस्त होने लगी और अब जब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया तो वह मेरे लंड को लेमन जूस वाली टोफ़ी की तरह से चूसने लगी।

दोस्तों जब वह मेरे लंड को मुंह में लेकर आगे पीछे करती तो मुझे तो उसमें अब तक की गयी चुदायी से ज्यादा मज़ा आने लगा था। मैं जोश में कभी कभी प्रिया के मुंह को उसकी चूत समझ कर चुदायी वाले एक्शन में अपना लंड उसके मुंह में डाल देता था।

प्रिया मेरे लंड को पूरा खाने वाली स्टाइल में मुंह में लिये हुए थी और कभी मुंह से बाहर निकाल देती और फ़िर पूरा मुंह में ले लेती। मस्ती में वह कभी कभी मेरे लंड को दांतों से भी दबता देती ऐसे में मेरी तो चीख ही निकल गयी तो घबरा कर प्रिया थोड़ा ढीली हो गयी।

फ़िर प्रिया ने मेरे लंड को जड़ से पकड़ कर कभी चाटना और कभी मुंह के अंदर लेकर चूसना शुरु कर दिया।
थोड़ी देर में प्रिया ने मेरे लंड को मुंह में लेकर उसको गुब्बारे की तरह से फुलाना शुरु कर दिया और कभी उसे अंदर को चूसने लगी।
कभी वह अपने मुंह से मेरा लंड निकाल कर मेरे लंड के टोपे पर लिप्स रखकर उसे चूसने लगी।

ऐसे में तो मुझे ऐसा लगता जैसे मेरी सांसें ही बंद हो जायेंगी। पर प्रिया मेरे लंड को पूरा मुंह में लेकर चाटने और चूसने लगती।

मेरे लिये सेक्स का ये अलग एक्सपेरिएंस था पर था बड़ा मज़ेदार एक्सपेरिएंस।

प्रिया की मस्ती बढ़ती ही जा रही थी और वह मेरे लंड को कैंडी आइस क्रीम की तरह उसे कर रही थी मुझे भी थोड़ा बहुत डर के बावजूद बड़ा मज़ा आ रहा था।

यारों, सेक्स में पता नहीं क्यों दर्द में ही मज़ा आता है जैसे किसी कड़वी दवा से ही आराम मिलता है।

प्रिया की मस्ती तो बढ़ रही थी पर अब मेरे लंड के अंदर से फ़्लो बाहर को होने का अहसास सा हुआ तो मैंने चिल्लाकर कहा- प्रिया अब नहीं रुका जरा है, रुको।

प्रिया तो पुप्रिया खिलाड़ी थी, उसने लंड से मुंह हटा लिया और मेरे लंड के टोपे को हाथ से दबाकर बोली- लल्ला चिंता न करिये मैं तो तुम्हारा ये आइस क्रीम खाने के लिये पूरी तरह तैयार हूं और इसके बाद उसने मेरे लंड को पूरा मुंह के अंदर ले लिया।

इसके तुरंत बाद मेरे लंड से हुई सारी बरसात प्रिया के मुंह के रास्ते उसके पेट में चली गयी।
जब मेरा पूरा क्रीम झड़ गया तो प्रिया फ़िर से मेरे लंड को अच्छी तरह से चूसने लगी।
प्रिया ने मेरे लंड को सावधानी से चाटना शुरु कर दिया और मेरे लंड के माल का एक एक कतरा भी वह चूस लेना चाहती थी।

मेरा लंड दुबारा से सिकुड़ कर छोटा हो गया था पर उतना नहीं जितना प्रिया की चुदायी के बाद।
प्रिया को जब ये लगा कि अब मेरे लंड का सरा माल वो चाट चुकी है तो उसने अपना मुंह मेरे लंड से हटा लिया।
प्रिया को शायद बड़ा मज़ा आया था मेरी तरह से ही वह बड़ी खुश थी जैसे कोई अच्छी चीज़ बहुत दिनो के बाद मिली हो।

प्रिया बोली- लल्ला ये मेरा भी पहला तज़ुर्बा है ऐसे केरने पर बड़ा मज़ा दिया राजु तूने। मैंने तो एक बार टीवी में तेरे भैया के साथ देखी थी तो तेरे भैया मुझे छेड़ते हुए बोले थे कि उनका चूसेगी तो मैंने मना कर दिया था। पर आज तेरा लंड देखते ही मैं मचल रही थी एक बार ऐसा करके देखूं, आज़ राजु बड़ा मज़ा आया।

मैं बोला- हाँ प्रिया मुझे बड़ा अच्छा लगा पर अब बहुत देर हो गयी है अब हमें चलना चाहिये।

फ़िर प्रिया ने मेरे लंड को कभी चाटना और कभी मुंह के अंदर लेकर चूसना शुरु कर दिया और कभी प्रिया मेरे लंड को मुंह में लेकर उसको गुब्बारे की तरह से फुलाना शुरु कर दिया और कभी उसे अंदर को चूसने लगी।
फ़िर वह अपने मुंह से मेरा लंड निकाल कर मेरे लंड के ऊपर लिप्स रखकर उसे चाटने लगी।

ऐसे में तो मुझे ऐसा लगता जैसे कोई मेरे लंड को सहला रहा हो और उसका साइज़ बढ़ने लगा। पर अगले पल प्रिया मेरे लंड को पूरा मुंह में लेकर चाटने और चूसने लगती और मेरा लंड एकदम लोहे की तरह कड़ा और चुदायी के लिये तैयार होता चला गया। Antarvasna

शेष अगले भाग में और यह भी जानें कि अगली बार कैसे चुदाई और ट्रीट कैसे मिली। जानने के लिये अगला भाग अवश्य पढ़ें…

Antarvasna

दोस्तो ! मैं सेक्सी कहानियाँ सात महीनों Antarvasna से पढ़ रहा हूँ। मैं २५ साल का शादीशुदा मिडल परिवार का राजस्थान के एक छोटे से कसबे का सेक्सी लडका हूँ। मैं कम्प्यूटर इन्जीनियर हूं। मैं मेरी शादी को दो साल हो गये है।

आपने मेरी कहानी “कुंवारी सलहज को प्रेगनेंट किया” पढ़ी और बस एक मेल ही आया। दोसतो ये कहानी आपको लगता है पसंद नही आई। दोस्तो ! मैने वो पहली बार कहानी लिखी थी।

अब एक बार फिर हाज़िर हूँ अपने दोस्तो के लिए एक मसाले से भरी कहानी लेकर !

२००४ के दिसम्बर की छुट्टियों में मेरे मामा की लडकी हमारे घर १०-१५ दिन के लिए आई। वो २४ साल की थी. बहुत सुंदर है, उसका फिगर २८-२४-२८, ऊंचाई ५’३”, वो बहुत सेक्सी है. जब भी मैं उसके बारे मे सोचता तो उसको जमकर चोदने का मन करता लेकिन मैं कुछ नही कर पाता,वो मुझे तिरछी नजर से देखती थी।

बस तो सरदियों के दिन थे। सब लोग {परिवार वाले} रजाई ओढ़ के रात को बातें करते थे। वो मेरी वाली साईड में बैठ गयी। मैने धीरे से उसकी टांग पे हाथ फ़ेरना शुरु किया। वो मेरी तरफ़ देख के मुस्करायी तो मुझे ग्रीन सिगनल मिल गया। मैने उसके बुबस दबाने शुरु किये वो मस्त हो रही थी। वो कहने लगी- मुझे कम्प्यूटर सिखाओ !

मैने कहा क्लास लगेगी, वो भी रात के ९ बजे के बाद !

वो कहने लगी ठीक है। मैं डिनर करके आपके कमरे में आ जाऊगी। वो रात को मेरे कमरे में आयी। गांव में सब ८:३० बजे तक सब सो जाते है। हमारा घर बहुत बड़ा था। मैने उसे कम्प्यूटर ओन करके दिया। उसको गाने चलाना, ओफ़ीस ,सीडी चलाना बताने लगा। मैं उसको बताते हुए छू रहा था। उसे अजीब सी मस्ती चढ़ रही थी। उसका ध्यान मेरी ओर हो गया। धीरे से मैं सेक्सी फ़िल्म पर क्लिक करके सोने का नाटक करने लगा। उसने वो फ़िल्म एक दम डर के बंद कर दी और फ़िर कुछ देर तक वो कम्प्यूटर चलाने के बाद सोने को जाने लगी। लेकिन उसका मन उस फ़िल्म को देखने का था तो वो उठ कर मेरी ओर देखा तो मैं सोने का नाटक करने लगा। वो इत्मिनान से फ़िल्म देखने लगी।

फ़िल्म देखने के बाद वो गरम हो गई। वो अपने बूबस को मसलने लगी। मैने धीरे से उसको किस किया तो वो चोंक गयी। मैं उसे अपने बैड पर उठा लाया तो वो बोली- भैईया यह क्या कर रहे हो?

मैने कहा जो तुम्हें चाहिए वो दे रहा हूं। मैं उसके बूबस दबाने लगा वो मस्त होती जा रही थी। और मैं होठ किस भी करने लगा। वो बोली ये नीचे मेरे से एक डंडा सा क्या है इतने में उसने मेरे लंड पे हाथ फ़ेरना शुरु किया। मुझे भी मस्ती चढ़ रही थी। मैने धीरे से उसकी सलवार को खोल दिया अब मैं सलवार को पैर से उतारने लगा वो बोली किसी को पता चल गया तो?

मैने कहा तुम बताओगी?

वो बोली- नहीं। मैने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिये। हम दोनो एकदम नंगे थे। मैं उसे बेसबरी से चूम रहा था। वो भी मुझे ‘चूमते रहो’ कह रही थी, इतने दिन पहले क्यों नहीं मिले। मेरा ९” का लंड एकदम खडा था। वो बेसबरी से उसे देखने लगी ओर बोली- इतना बडा पहली बार देखा है।

वो एकदम नंगी मस्त दिख रही थी उसकी छोटी छोटी चूचियाँ पूरी कसी हुई थी। मैने पहली बार उसे नँगी देखा था। मैं उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो मस्त हो कर तडफ़ रही थी। मैं उसके पूरे शरीर को चूमता हुआ उसकी चूत को चूसने लगा। बाद में हम लोग ६९ पोजीसन में आ गये। वो मेरे लण्ड को चूस रही थी,मैं उसकी गोरी साफ़ चूत को जीभ से चूस रहा था।

‘चूसो मेरी चूत को……आ.आ..आआया.आआआआआअ..आआआ..उ.ऊउऊ.ऊ.ईई.ऊई..ऊई आह आआह्ह्छ’ वो मस्त हो रही थी। अब मैं झड़ने वाला था वो भी इस दौरान दो बार झड़ गई थी। मैं उसका नमकीन रस पीता रहा। मेरा रस उसके मुँह में झड़ गया। वो सारा रस मस्ती से पी गई।अब मैं फ़िर उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो बहुत खुश थी। मैने एक उँगली उसकी चूत में डाली। वो मेरे लँड को फ़िर चूसने लगी और मेरा ९” का लँड खडा हो गया।

अब वो बोली कि मुझे कुछ हो रहा है जल्दी करो, मेरी प्यास बुझाओ।

मैने कहा- इतनी भी जल्दी क्या है? मैने कहा दर्द बहुत होगा ! झेल लोगी?

वो बोली- चाहे मेरी चूत फ़ट जाये, मैं चाहे जितना भी चिल्लाऊँ, छोडना मत, बस अब जल्दी करो, चोद डालो, फ़ाड डालो मेरी चूत, जल्दी करो।

मैने ९” के लंड पर तेल लगाया और थोड़ा सा उसकी चूत पर लगा के, चूत पर लंड रखा और धक्का दिया तो लंड २” अंदर ही गया था कि वो चिल्लाने लगी- छोड दो, बस करो, मर जाऊगी।

मैं रुक गया और फिर वो शाँत हो गयी। मैने एक जोर से झटका मारा और चूत की सील तोड़ते हुए अँदर घुस गया। वो चिल्लाती रही, मैं रुक गया और उसके बूब्स चूसने लगा। वो मस्त हो रही थी। थोड़ी देर में मैंने झटके लगाने शुरु किये। वो भी मेरा साथ देने लगी थी। वो चूतड़ उठा उठा के चुद रही थी। २००-२५० झटके लगाने के बाद मैं झड़ गया, इस दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी।

वो रात ३१ दिसम्बर २००४ की रात थी, मैने उसे नये साल के जश्न में पूरी रात में लगभग १५ बार चोदा। वो अब पूरी तरह से टूट चुकी थी। उससे उठना ही मुश्किल हो गया था। सुबह के ६ बज चुके थे। वो उठ के अपने कमरे में चली गयी। ये सिलसिला १० दिन तक चलता रहा। वो पूरी पूरी रात मस्त होकर चुदवाती थी। १० दिन बाद वो अपने घर चली गयी। पर जब भी मौका मिलता था वो चुदने को तैयार रहती थी।

आपको कहानी कैसी लगी ? Antarvasna

मुझे लिखें !

Hindi Sex Stories

मैं आप लोगों को आज Hindi Sex Stories अपने जीवन की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।। मेरा नाम राहुल है और मैं एक बिज़नसमैन हूँ। मेरे घर में हम चार लोग हैं- पिताजी, माँ, मैं, और मेरी छोटी बहन !

बात आज से 4 साल पहले की है जब मैं बारहवीं कक्षा में था, मेरी बहन दसवीं में थी। मेरे पिताजी अक्सर घर देर से ही आते थे क्योंकि बिज़नस की वज़ह से उन्हें देर हो जाती थी और माँ ज्यादातर अपने घर के काम में या फिर टीवी देखने में व्यस्त रहती थी। मेरी बहन जिसका नाम रिया है अधिकतर पढ़ाई करती रहती थी।

मैंने कभी उसे गलत नज़र से नहीं देखा था। मगर एक दिन मैं अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था कि एकदम से रिया मेरे कमरे में आ गई मैंने उसको देखते ही कंप्यूटर बंद कर दिया मगर उसने सब देख लिया था लेकिन वो कुछ बोली नहीं। मैं उससे कुछ नहीं कह पाया, वो हिम्मत करके मेरे पास आई और बोली- भईया मुझे यह सवाल नहीं आ रहा, इसको हल करने में मेरी मदद करो। मैंने कहा- ठीक है !

लेकिन मैं उससे नज़रें नहीं मिला पा रहा था। मैंने उसका सवाल हल कर दिया। फिर वो जाने लगी तो मैंने उससे बोला- जो भी तुमने देखा है, वो किसी को मत बताना !

तो वो बोली- भईया, मैं किसी को नहीं बताउंगी पर यह सब अच्छी चीज़ नहीं हैं, आप मत देखा करो !

मैंने उससे कहा- ठीक है !

फिर वो चली गई लेकिन उस दिन मुझे उसे देख कर कुछ अजीब सा महसूस हुआ, मेरे दिल में उसके लिए गलत ख्याल आने लगे। मैं आपको बता दूँ कि रिया देखने में बहुत ही सेक्सी है। उसका फिगर 34-26-34 है, रंग हल्का साँवला है। जो भी उसको एक बार देख ले, उसका लंड अपने आप ही खड़ा हो जाए।

दो दिन बाद दोपहर के वक़्त माँ घर का काम निपटा कर सो रही थी और मैं अपने कमरे में पढ़ रहा था। इतने में रिया आई और बोली- भईया उठो, मुझे एक सवाल समझ नहीं आ रहा, मुझे समझा दो।

तो मैं उठ कर उसे सवाल समझने लगा। लेकिन आज उसके मेरे पास बैठने से मुझे कुछ-कुछ हो रहा था, उसकी खुशबू मेरी साँसों में भर रही थी। मैं सवाल पर ध्यान नहीं लगा पा रहा था कि इतने में वो बोली- भईया, क्या बात है ?

तो मैं बोला- मुझे बहुत नींद आ रही है इसलिए मैं यह सवाल नहीं कर पा रहा हूँ !

तो वो बोली- भईया, नींद तो मुझे भी आ रही है ! ऐसा करते है ख़ी कुछ देर के लिए सो जाते हैँ, बाद में सवाल कर लेंगे।

इतना कह कर वो आपने कमरे की तरफ जाने लगी तो मैंने उससे कहा- रिया, कहां जा रही है? यहीँ पर सो जा ! थोड़ी देर में तो उठ कर सवाल करना ही है।

तो वो बोली- ठीक है !

फिर वो मेरे बगल में आकर सो गई। मैं भी सोने का नाटक करने लगा। लेकिन नींद तो आ ही नहीं रही थी। थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद मैंने आपना एक हाथ हिम्मत करके उसके चूचों पर रख दिया और कोई हरकत नहीं की ताकि उसको ऐसा लगे कि गलती से नींद में रखा गया हो।

थोड़ी ही देर में उसकी साँसें तेज चलने लगी। फिर मैंने हिम्मत करके उसकी टांग के बीच अपनी टांग फंसा दी। अब वो मेरी पकड़ में थी, उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी पर उसने अभी तक कोई विरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई।

मैंने अपने हाथ से उसके चूचे मसलना चालू कर दिया, कुछ देर बाद वो बोली- भईया, यह क्या कर रहे हो?

तो मैंने उससे साफ़ साफ़ कह दिया- मैं तुझे प्यार करता हूँ और जब भी तू मेरे सामने आती है तो मैं अपने होश खो बैठता हूँ।

वो बोली- भईया, यह सब सही नहीं है ! अगर किसी को पता चल गया तो? और वैसे भी हम भाई-बहन हैं।

मैंने उससे कहा- किसी को पता नही चलेगा ! और भाई-बहन हैं लेकिन हैं तो लड़का-लड़की ! इतना तो सब में ही चलता है ! आखिर एक दिन तो तुम्हें किसी न किसी से चुदना ही है तो अपने भाई से ही क्यों नहीं !

इतना कह कर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और पैंटी के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चूत सहलाने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी और साथ में हल्का सा विरोध भी कर रही थी। तो मैंने उससे कहा- तुम मेरा साथ दो तो तुम्हें बहुत मज़ा आएगा और घर की बात घर में ही रहेगी।

तो उसने करवट ली और मेरे चेहरे के सामने अपना चेहरा ला दिया और बोली- ठीक है, लेकिन किसी को पता नहीं चलना चाहिए !

मैंने उससे कहा- तू फिक्र मत कर !

फिर उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और दस मिनट तक हम एक दूसरे के होंठ चूसते रहे। फिर उसके बाद मैंने उसका कुरता उतार दिया और फिर ब्रा भी उतार दी।

क्या क़यामत लग रहे थे उसके चूचे !

मैंने एक चूचे को मुँह में ले लिया और दूसरे को हाथ से मसल रहा था और उसकी सिसकारियाँ बढ़ती ही जा रही थी। फिर उसने मेरी पैंट खोल कर मेरा लंड पकड़ लिया और उसे अपने हाथ से दबाने लगी। मुझे लगा जैसे कि मैं जन्नत में पहुँच गया।

इतनी में मैंने उसकी जींस और पेंटी नीचे सरका दी। फिर उसने मेरी टी-शर्ट भी उतार दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे के बगल में लेटे थे। मैंने देर न करते हुए उसे अपनी बाहों में समेट लिया और कहा- मैं तुम्हारे बदन की गर्मी लेना चाहता हूँ, इसका अहसास लेना चाहता हूँ !

रिया बोली- केवल आप ही नहीं मैं भी यही चाहती हूँ !

उसका इतना कहना था कि मैं तो खुशी से पागल हो गया। फिर मैंने अपनी जीभ से उसका पूरा बदन चाटा, फिर मैं उसकी टांगों के बीच गया और उसकी गुलाबी पंखुड़ी वाली चूत मेरी आँखों के सामने थी। उसकी चूत में हल्के-हल्के बाल थे। मैंने जैसे ही अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी, वो तो जैसे पागल ही हो उठी और उसके पूरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया।

वो बोली- भईया, मैं मर जाउंगी !

और मैंने उसकी चूत के अन्दर अपनी जीभ घुसा दी तो वो बोली- भईया, मुझे भी आपका लंड चूसना है !

तो हम 69 की मुद्रा में आ गए। अब हम दोनों 10 मिनट तक एक-दूसरे को ऐसे ही चूसते रहे और फिर हम दोनों एक एक करके झड़ गए। इसके बाद हम दोनों एक दूसरे के ऊपर लेट गए। थोड़ी ही देर में हम फिर से गर्म हो गए और मैं उसकी चूत में ऊँगली करने लगा तो वो बोली- भईया, अब नहीं रहा जाता ! अपना लंड अन्दर डाल दो !

मैं उसकी टांगो के बीच आ गया, उसकी चूत अभी कुँवारी थी और मैं उसे दर्द नहीं पहुँचना नहीं चाहता था, इसलिए मैंने पहले अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया, फिर उसकी चूत पर भी थूक से मालिश कर दी। मेरा लुंड सात इंच लम्बा और तीन इंच मोटा है।

उसके बाद मैंने अपना लंड रिया की चूत पर लगाया और हल्के-हल्के लंड को अन्दर करने लगा, पर जा नहीं रहा था इसलिए मैंने एक हल्का सा धक्का लगा दिया तो रिया जैसे तड़प सी गई और उसके मुँह से आह की आवाज़ निकल गई। मेरे लंड का सुपारा अन्दर जा चुका था। फिर मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया और उसके चूचे मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर थोड़ी देर बाद मैंने हल्के-हल्के लंड अन्दर डालना चालू किया और बीच बीच में हल्का सा धक्का भी मार देता था जिससे कि उसकी चीख निकल जाती थी। लेकिन मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख रखे थे जिससे उसकी चीख बाहर न जाये। अब तक मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था। उसकी चूत बहुत ही कसी थी और मैं हल्के-हल्के अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा। शुरु में तो उससे थोड़ा दर्द हुआ पर फिर उसे भी मज़े आने लगे और वो अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी।

अब हम दोनों चुदाई का पूरा आनंद ले रहे थे। वो कह रही थी- भईया और जोर से !

मैं भी रिया से कह रहा था- देख ! बहन को अपने भाई से चुदने में कितना मज़ा आता है !

वो बोली- हाँ भईया, सही में बहुत मज़ा आ रहा है ! यह तो सबको करना चाहिए ! लेकिन दुनिया के ये झूठे रिवाज़ हमें रोके रखते हैं। भईया, मैं तो ये सोचती हूँ कि कोई भी किसी के साथ भी चुदाई कर सकता है। इससे क्या फर्क पड़ता है कि वो रिश्ते में क्या लगते हैं, आखिर वो हैं तो मर्द और औरत ही !

और हम ऐसे ही बातें करते करते चुदाई का आनंद लेते रहे। शायद रिया एक बार झड़ चुकी थी, अब मैं भी चरम सीमा तक पहुँच चुका था और फिर उसके बाद हम दोनों एक साथ एक दूसरे में समां गए और अपना अपना पानी एक दूसरे में मिला दिया और एक दूसरे को पूरी ताकत से पकड़ लिया।

फिर हम दस मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे और उसके बाद बाथरूम में जा कर एक दूसरे को साफ़ किया। हम लोग उस वक़्त भी बिलकुल नंगे थे, मुझे रिया के चूतड़ दिखाई दिए बिल्कुल गोल-गोल और मुलायम ! बिल्कुल गोरे-गोरे और चिकने !

मेरा लंड फिर से जोर मारने लगा। मैं उसके पास गया और उसे अपनी बाहों में उठा लिया और ले जाकर उसे फिर से बिस्तर पर डाल दिया।

वो बोली- भईया, अब क्या?

मैंने उससे कहा- बहन, मुझे तेरी गांड मारनी है !

तो वो बोली- नहीं भईया ! मुझे बहुत डर लगता है, गांड मरवाने में तो बहुत दर्द होगा !

तो मैंने उससे कहा- मैं दर्द नहीं करूँगा, आराम आराम से करूँगा !

वो बोली- भईया, मार लेना मेरी गांड, लेकिन अभी नहीं, अभी बहुत देर हो गई है और माँ भी उठने वाली होगी हम गांड का प्रोग्राम किसी और दिन करेंगे।

मैं मान गया और उसके होठों का एक लम्बा चुम्मा लिया और उसके चूचे भी दबाये। फिर हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और फिर रिया चाय बनाने चली गई।

मैंने और रिया ने मिलकर चाय पी। फिर वो अपने कमरे में चली गई।

मैंने रिया की गांड कैसे मारी, यह मैं अगली कहानी में बताऊंगा।

आप मुझे बताइए कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी? Hindi Sex Stories

प्रेषक : देव Hindi Sex Stories

मैं दिल्ली का रहने Hindi Sex Stories वाला हूँ ! मैं मैंट्रिक तक शिमला में पढ़ा हूँ ! शिमला में मेरा नानी घर है !

बात उन दिनों की है जब मैं अपने ननिहाल शिमला, कॉलेज की छुट्टियों में गया था। मेरी उम्र बीस वर्ष की थी। उन दिनों मेरे कॉलेज में तो छुट्टियाँ थी पर शिमला कॉलेज में नहीं थी। इसलिए मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ शिमला कॉलेज की लड़कियाँ देखने जाया करता था ! मेरे दोस्तों ने मेरी इंट्रो अपनी क्लास की कुछ लड़कियों से करवा दी थी जिनके साथ मैं कॉलेज में सारा दिन बिताया करता था। उनमें से एक लड़की मेरी तरफ कुछ ज्यादा ही ध्यान देती थी। उसका नाम अनीता था, उसके पापा आर्मी ऑफिसर थे। उसका पारिवारिक माहौल आर्मी वालों की तरह बोल्ड था।

एक दिन उसने मुझे अपना फ़ोन नंबर दिया और कहा कि मैं उसे शाम को फ़ोन करूँ। पर मैंने उसे चिढ़ाने के लिय शाम को ना तो उसे फ़ोन किया और ना ही उसकी कॉल का जवाब दिया।

जब अगले दिन हम कॉलेज में मिले तब उसके पूछने पर कि कल तुमने फ़ोन क्यों नहीं किया, मैंने बहुत रूखे ढंग से कहा- मैं किसी और काम में व्यस्त था, सो मुझे तुम्हें फ़ोन करने का ध्यान नहीं रहा !

इस तरह के जवाब से वो बहुत नाराज हो गई और सारा दिन मुझसे बात नहीं की !

उस शाम हमारी एक और फ्रेंड चन्द्रिका के घर पर मैं चाये पीने गया, वहां पर अनीता भी थी। फिर हम तीनों चाय पीते हुए बातें करने लगे ! बातों बातों में चन्द्रिका अनीता को कहने लगी कि देव पर बहुत लड़कियाँ मरती है और हमारे कॉलेज की बहुत सी लड़कियाँ इसकी एक्स-गर्ल-फ्रेंड रह चुकी हैं !

मुझे लगा कि अब मेरे बारे में ये सब कुछ जान कर कम से कम अनीता तो कभी मेरे साथ नहीं फंसेगी ! पर इस बात का असर बिलकुल उल्टा हुआ ! अनीता मेरे बारे में मुझसे और चन्द्रिका से सब कुछ जानना चाहती थी !

मौका देख कर मैंने भी “दिल चाहता है” फिल्म का डायलोग मार दिया- मेरे बारे में इतना सब कुछ पूछ रही हो ! क्या मेरे साथ शादी करने का इरादा है ?

इस बात पर हम सभी हंसे और अपने अपने घर चले गए !

अगले दिन रविवार था, शनिवार रात को मैंने फ़ोन कर के अनीता को अकेले पहाड़ी वाले मंदिर में मिलने के लिए बुलाया, तब उसने जवाब दिया कि वो सोचेगी !

मैंने भी सोचा कि वो कहाँ आयेगी इतनी दूर, वो भी अकेली !!!

मैं अपने मामा के लड़कों के साथ स्विमिंग करने चला गया। मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि रात को मैंने अनीता को मिलने के लिए बुलाया है ! मेरी किस्मत खराब कि स्विमिंग पूल पर मेरा मोबाइल पानी में गिर कर खराब हो गया और उधर अनीता अकेले मंदिर में आ कर मेरा इंतजार करने लगी ! चार घंटों तक वीरान इलाके के मंदिर में वो लड़की मेरा इंतजार करती रही और मैं फ़ुद्दू स्विमिंग पूल में तैरता रहा !

मेरी इस हरकत से अनीता गुस्से से पागल हो कर चन्द्रिका के घर चली गई !

शाम को जब मैं चन्द्रिका के घर गया तो मुझे सारी बात का पता चला ! मैंने उसी समय अनीता को फ़ोन किया पर उसने काट दिया ! मैंने फिर फ़ोन किया तो उसने कहा कि वो मुझसे बात नहीं करना चाहती।

मुझे लगा कि वो मेरे हाथो से निकल गई !

अगले दिन हम कॉलेज मिले तो मैंने अनीता को क्लास बंक कर के मेरे साथ बैठे रहने को कहा, तब वो मान तो गई पर मुझसे कोई बात नहीं कर रही थी ! मैंने कल वाली बात के लिए माफ़ी मांगी तब वो रोनी आवाज में कहने लगी कि उसने कल चार घंटे मेरा इंतजार किया !

तब मैंने उसका हाथ पकड़ कर प्रोपोज किया, और वो कुछ ना बोल पाई!

कुछ दिन यूँ ही निकल गए।

फिर एक दिन वो कॉलेज के बाद मुझे अपने पापा से मिलाने उनके कमांड हेड क्वाटर ले गई ! फिर हमारा मिलना जुलना बढ़ गया और मैं अपने दोस्तों से मोटर साइकिल लेकर कॉलेज टाइम में उसे घुमाने ले जाया करता था !

एक दिन वो कॉलेज नहीं आई तब मैंने उसके घर पर यह पूछने के लिए फ़ोन किया कि वो कब तक आयेगी ! अनीता ने बताया की पापा को टूर पर जाना पड़ा है जिसके कारण आज जीप उसे छोड़ने नहीं आ सकती ! मेरा मन नहीं लग रहा था तो मैं फ्रेंड की कार ले कर उसके घर उसे लेने चला गया !

उसके घर पर दो बन्दूकधारी सुरक्षाकर्मियों ने जो अनीता की सुरक्षा के लिए थे, मुझे अंदर नहीं जाने दिया ! मैंने फ़ोन कर के अनीता को बताया तो वो जल्दी से बाहर आई ! उसने सुरक्षा कर्मियों से कहा कि जब भी मैं आऊँ तो मुझे ना रोकें !

मैं उसके घर पर गया और वो फटाफट तैयार होने चली गई ! रास्ते में मैंने पूछा कि उसने मेरे प्रोपोज़ल का कोई जवाब क्यों नहीं दिया तो वो कहने लगी कि लड़की के चुप रहने का मतलब उसकी हाँ होता है!

क्योंकि उसके घर पर कोई नहीं था तो हम शाम सात बजे तक बाजार में घूमते रहे ! जब हम वापिस जाने लगे तो उसने कहा कि वो लोकल बस से चली जाएगी पर मैं जिद कर रहा था कि मैं उसे घर छोड़ कर आऊँगा !

इस बात पर उसने कहा- तुम इतनी दूर से अकेले कैसे आओगे?

तो मैंने कहा- किसी भी तरह आऊँगा पर तुम्हें अकेले नहीं जाने दूंगा !

उसने कहा कि वो एक बात पर मुझे घर छोड़ने की इजाज़त दे सकती है यदि रात को मैं उसके घर पर ही रुक जाऊँ !

तब मैंने पूछा कि उसके सुरक्षा कर्मी यह बात उसके पापा को बता सकते है !

उसने कहा- मैं उनको छुट्टी दे दूंगी और कहूंगी कि रात मैं अपनी फ्रेंड के घर पर रुकूँगी !

रात मैं उसके घर पर रुका और अपने मामा जी को फ़ोन कर के बोल दिया कि मैं आज अपने दोस्त वरुण के यहाँ हूँ !

रात को हमने इकट्ठे खाना खाया फिर उसने मेरे सोने का इंतजाम अलग कमरे में कर दिया ! रात को हम काफी देर तक बातें करते रहे ! मैंने उसका हाथ पकड़ कर पूछा कि क्या मैं उसके हाथ को चूम सकता हूँ?

तो वो कुछ ना बोली और मैंने किस कर दिया ! उसके बाद तो चुम्बनों की बौछार कर दी उसके हाथों और मुँह पर ! फिर मैंने स्मूच किया ! यह मेरा और उसकी लाइफ का पहला स्मूच था ! पर मैं उस वक्त चोद नहीं पाया क्योंकि वो रोने लगी कि हम यह सब ठीक नहीं कर रहे !

ख़ैर मैंने जोर नहीं दिया क्योंकि मैं चाहता था कि सेक्स से पहले वो सामान्य हो जाए ! हम बाँहों में बाहें डाले सो गए ! थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि अनीता कि सांसें तेज हो रही हैं। मैं समझ गया और धीरे धीरे उसे सहलाने लगा। उसकी सांसें और तेज़ हो गई ! फिर मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट के अंदर हाथ डाला ! उसके स्तन ब्रा के साथ दबाए ! वो सिसकारियां भरने लगी ! फिर मैंने उसके और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और हमने अपनी जिंदगी का पहला सम्भोग किया !

इसके बाद हमने कई बार सम्भोग किया ! अब तो उसके सुरक्षा कर्मी भी मुझे पहचानते हैं और जब भी मैं उसके घर जाता हूँ तो सैल्यूट मारते हैं !

यह हमारी कहानी का पहला भाग है ! इसके आगे भी लिखूँगा यदि आप चाहें तो !!!!!!! Hindi Sex Stories

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