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Massage Girl in Bharuch: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Bharuch who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Bharuch that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Bharuch massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Bharuch who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Bharuch massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Bharuch massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Bharuch who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Bharuch employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Bharuch helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Bharuch

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Bharuch at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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लेखिका : जानकी Antarvasna

सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों Antarvasna और अंतर्वासना के पूरे स्टाफ को जानकी का प्यार भरा नमस्कार आदाब, सत श्री अकाल !

दोस्तो, मेरा नाम जानकी है और मैं जयपुर, राजस्थान की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र इकीस साल है, एक बच्चे की माँ हूँ, शादी के ठीक ग्यारवें महीने मैंने लड़का जना है। आजकल घर में रहती हूँ, सासू माँ और मैं दोनों अकेली होती हैं। अन्तर्वासना की कहानियाँ तो मैं पहले से पढ़ती आई हूँ, शादी से पहले भी ! पूरा दिन बोर होती रहती हूँ, तो सोचा कि अन्तर्वासना का मज़ा लिया जाए।

एक साल पहले में बी.ए पहले साल में थी जब माँ-बापू ने लड़का ढूंढ कर मेरी शादी पक्की कर दी। हमारे समाज में छोटी उम्र में शादियाँ होती हैं। शादी से पहले मेरे ३ लड़कों के साथ चक्कर रहे थे और तीनों के साथ मेरे शारीरक संबंध बने और मुझे चुदाई का पूरा पूरा चस्का लगा।

पहली चुदाई प्रेम नाम के लड़के के साथ हुई जब मैं अठरा साल की थी।
उसके बाद दो और एफेअर चले।

मुझे लड़के की फोटो दिखाई गई थी। शादी से बीस दिन पहले मेरा घर से आना जाना बंद हो गया था और चुदाई भी !

हालांकि एक चक्कर मेरा पड़ोसी के साथ था, वो मुझसे शादी करना चाहता था लेकिन हम मजबूर थे क्योंकि एक गाँव में शादी मुश्किल काम था।

शादी से तीन रात पहले उसने मुझे रात को कॉल कर छत पर बुलाया। उस वक्त रात के दो बजे थे। मिलते ही उसने मुझे दबोच लिया और मेरे होंठ चूसने लगा, साथ में उसने अपना हाथ मेरी सलवार में डाल मेरी चूत को मसलना चालू कर दिया। मैं पूरी गर्म हो गई और उसके लौड़े को मसलने लगी। उसने अपना लौड़ा बाहर निकाल दिया और मैंने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।

वो बोला- जान, कुर्ती उठा लो, आज
आखिरी बार इतने गोल मोल मम्मे चूसने हैं !

मैंने कहा- ऐसा मत कहो ! मैं आती रहूंगी मायके ! मिलकर जाया करुँगी !

उसके बाद मैंने सलवार खोल दी और उसने वहीं फर्श पर मुझे ढेर कर लिया और अपना लौड़ा चूत में डाल रफ़्तार पकड़ी। एक साथ ही हम शांत हुए और उसने मुँह में ठूंस दिया।

अगले दिन शगुन की रसम होनी थी। हमारे इधर सुबह पहले लड़की वाले लड़के को शगुन लगाने जाते हैं और साथ में दहेज़ का जो भी सामान देना, भेजना हो वो सब कुछ ले जाते हैं!

सभी शगुन लगाने चले गए, पीछे मैं और दादी माँ थी।

उसके बाद शाम को लड़के की बहनें, भाभियाँ और उनके पति लड़की को शगुन की चुन्नी, गहने, सिंगार के सामान साथ मेंहदी लगाने आई। उनमे से मेरी नज़र बार बार एक मर्द पर टिकने लगी वो भी मुझे देख वासना की ठंडी आहें भर रहे थे।

शगुन डालते वक्त फोटो होने लगी तो मालूम चला वो मेरे एक नंदोई सा हैं। क्या मर्द था ! मैं मर मिटी थी ! वो भी जानते थे, उन्होंने इधर उधर देख मुझे आंख मारी, मैं होंठ से चबाते हुए मुस्कुरा दी।

मैं अपने कमरे में कपड़े
बदलने चली गई, लहंगा भारी था, कमरा बंद किया पर अपने कमरे से बाथरूम की कुण्डी लगाना भूल गई। मैंने जल्दी से कुर्ती उतारी और लहंगा खोला। दरवाज़े की तरफ मेरी पीठ थी। जैसे ही मैं सिर्फ ब्रा-पैंटी में रह गई तो एक आवाज़ आई- क्या हुसन पाया है ! क़यामत !

मुड़ कर देखा तो सामने नंदोई जी थे, बोले- बाथरूम मेरे कमरे के साथ जुड़ा है। उसका एक दरवाज़ा लॉबी में भी खुलता है।

मैंने कमरे में नंदोई सा को देख झट से तौलिये से खुद को छुपाया। वो मेरी ओर बढ़े, मैं पीछे हटी, आखिर में बेड पर गिर गई। वो मेरे ऊपर आ गए और मेरे तपते होंठों से अपने होंठ मिला दिए। उन्होंने ड्रिंक की हुई थी।

प्लीज़ ! मुझे सबके बीच वापस लौटना है ! बाद में कभी !

बोले- पहले गर्म करती हो ! फ़िर मना करती हो?

वो दोनों हाथों से मेरे मम्मे दबाने लगे, मुझे कुछ होने लगा, मेरी चूत मचल उठी और मैंने उनके लौड़े को पकड़ लिया। जब वो मेरा दाना मसल देते तो मैं मचल उठती !

थोड़ी देर में खुद ही वो अलग हो गए बोले- भाभी कल सही !

अगले दिन मैं दुल्हन बनी। पार्लर से दुल्हन बनकर पहुंची पैलेस !

पापा ने शहर का सबसे महंगा पैलेस बुक किया था।
हमारे इधर शादी दिन में होती है। बारह बजे बारात आई, मिलनी की रसम के बाद नाश्ता हुआ। फिर स्टेज पर जयमाला हुई। काफी देर वहीँ बैठे। सबने शगुन वगैरा डाला, फोटो खिंचवाई।

ऊपर मंडप तैयार था। आज नंदोई सा बहुत ज्यादा हैण्डसम लग रहे थे। बहुत बढ़िया डी.जे कार्यक्रम का प्रबन्ध किया था पापा ने ! एक तरफ दारु भी
चलवा दी ताकि जिसको मूड बनाना हो बना ले ! वैसे भी मेरे ससुराल में सभी शादी-बियाह में पीते ही थे।

खैर मंडप पर मुझे दीदी, भाभी, सहेलियाँ लेकर गईं और फेरों के बाद मंगल सूत्र पहनाया गया। दूल्हे के बराबर नंदोई सा उसकी हर रसम में मदद कर रहे थे ताकि उसको कोई घबराहट न हो ! इधर मुझे भाभी सब बताये जा रहीं थी। नंदोई सा मेरी भाभी पर भी लाइन मार लेते।

शाम पाँच बजे तक सब ख़त्म हुआ, उसके बाद मेरी डोली उठी और मैं गुलाबों से सजी कार में बैठ ससुराल आ गई। मांजी ने पानी वारने की रसम पूरी की। मुझे भाभी और इधर वाली दीदी अलग कमरे में ले गईं। मुझे कहा कि
कपड़े बदल कर फ्रेश हो जाओ।

बाहर लॉन में सब नशे में धुत हो नाच-गा रहे थे। शगुन मांगने वालो की लाइन लगी पड़ी थी, ससुरजी और नंदोई सा तो उनको ही सम्भाल रहे थे।

रात हुई, दीदी बोली- एक सरप्राईज़ बाकी है !

कुछ पल के लिए पतिदेव पास आये, बोले- बहुत आग लग रही हो !

उन्होंने पी रखी थी, नशा काफी था, होंठ चूसने लगे। बोले- बदल लो कपड़े !

उन्होंने मेरा लाचा खोला, फिर कुर्ती की डोरी खींची और अलग कर दी, पीठ पर चूम लिया।

मैं सिकुड़ सी गई।

अब दोनों आओ भी ! गाने की रसम पूरी करनी है !

पति ने मेरे मम्मे दबाये और मैंने भी सूट पहन लिया और बाहर गए। वहाँ पंरात में कच्ची लस्सी में सिक्का गिरा कर ढूंढने की रसम हुई। उसके बाद दीदी बोली- तेरे नंदोई सा ने तुम दोनों के लिए फाइव स्टार में स्वीट बुक
किया है !

पतिदेव को काफी नशा हो चुका था, दीदी ने नंदोई सा को उन्हें और पिलाने से रोका। कार में बैठ कर भी उनको काफी नशा था। नंदोई सा हमें छोड़ने आये। पहले नीचे पूरा डाइनिंग हॉल हम तीनों के लिए बुक था। मेरे लिए तब तक कोल्ड ड्रिंक आर्डर की, उन दोनों ने लिए मोटे पटियाला पैग ! दो पैग के बाद पतिदेव लुढ़क गए। मैं कुछ-कुछ समझ गई।

बस करिए न आप ! कितनी पिओगे ?

भाभी जान ! आज ही तो पीने का दिन है !

खाना खाया, नंदोई सा ने मुझे कमरे की चाभी गिफ्ट की और रूम सर्विस वाला मुझे कमरे तक लेकर गया। कमरा खोलते वक्त देखा- हाथ में दो चाभियाँ थीं- ४०५ और ४०७ वो दोनों भी आ गए !

जाओ भाई अपनी दुल्हन के पास ! सुहागरात मनाओ !

इनको बहुत ज्यादा पिला दी गई थी। कमरे तक आते वक्त तक दारू हाथ में थी। उतनी ही नंदोई सा ने पी लेकिन वो हट्टे-कट्टे थे।

ये तो बिस्तर पर लेटते सो गए। मैं वाशरूम गई। पहली रात के लिए सबसे महंगी
नाइटी खरीदी थी, उसी रंग की ब्रा और पैंटी ! बदल कर वापस आई ! लाल गुलाबों वाले बिस्तर पर में इनके साथ लिपटने लगी, सोचा कि इस से नशा कम होगा। शर्ट उतार दी लेकिन इन्हें कोई होश न था।

तभी मुझे मोबाइल पर कॉल आई- कैसी हो जान ? मुझे मालूम है कि क्या हो रहा होगा ! ऐसा करो, हाउस-कीपर ने दो चाभी दी थी ना ! इसकी सुबह से पहले नहीं उतरेगी। बाहर से लॉक करो और इधर आ जाओ !

लेकिन मैं नाइटी में हूँ !

कोई बात नहीं ! रात के बारह बज चुके हैं, इन कमरों में कम लोग ही आते हैं !

मैं उठी,
इनको हिलाया, कमरा लॉक किया और नंदोई सा के कमरे में चली गई।

वाह भाभी ! क्या खूबसूरती है ! मदहोश कर देने वाली !

यह आपने क्या किया? इनको इतनी पिला दी?

वो उठे, मुझे बाँहों में लेते हुए बोले- क्या करता कल से तूने होंठ चबा और बाद में कमरे में जवानी दिखाई !

आप बहुत खराब हो !

मेज़ पर शेम्पेन और बियर पड़ी थी, मुझे कह कुहा कर बियर पिला दी उसके बाद अपनी मर्ज़ी से मग भर पिया। वो मुझे सोफा पर बिठा बीच में बैठ मेरे स्तनपान करने लगे। सिसकियाँ फूटने लगी, मैंने पाँव से उनके लौड़े को मसल दिया।

इतने में दीदी की कॉल आई नंदोई सा को !

उस वक्त मैं उनकी गोदी में अधनंगी बैठी थी।

कहाँ रह गए आप? सब ठीक तो है?

हाँ, उन दोनों को भेज दिया जान कमरे में ! इसने ज्यादा पी ली है ! सहारा देकर छोड़ कर नीचे आया हूँ ! बेचारी जानकी घबरा गई है, इसलिए उन्हें कुछ बताये बिना मैं अपने दोस्त के साथ नीचे बार में हूँ, कहीं साला
साहिब कोई गलती ना कर दें !

दीदी बोली- कोई बात नहीं ! सही किया आपने ! खुद मत पीना !

और फ़ोन साइलेंट पर लगा दिया मेरी दोनों टांगें खोल मेरी चूत जो कि सुबह ही शेव करवाई थी, उसपे होंठ रख दिए। मैं भड़क उठी। सोफ़े पर कोहनियों के सहारे उठ कर चूत चुसवाने लगी। अह उह सी !

मेरी जान क्या चूत है तेरी ! क्या जवानी है ! बाग़ लगा है माली भी ज़रूर रखें होंगे !

मैं शरमा सी गई !

उठा मुझे बिस्तर पर लिटा दिया !

मेरे मम्मो पर बियर डाल डाल कर चाटने लगे।

वाह नंदोई सा ! और चाटो ! मसलो इनको !

भाभी, कसम से तेरे जैसी जवानी वाली लड़की नहीं चोदी !

दीदी भी सुन्दर हैं !

हैं, लेकिन मेरे इस चाँद के सामने उसका रंग भी फीका है !

बातें करते हुए मैंने उनको निर्वस्त्र कर दिया, उनको बेड पर धकेलते हुए उनके कच्छे को उतार उनके लौड़े पर एख दिए अपने कांपते होंठ !

इतना लम्बा लौड़ा नंदोई सा?

मैंने भी कसम से अभी तक इतना मोटा और लम्बा नहीं उतरवाया चूत में !

ओह मेरी रानी, दिलबर ! कस के चूस इसको !

मैं नशे में थी, कुछ भी बके जा रही थी,
मैंने ६९ में लेटते हुए उनके लौड़े को चूसा और अपनी चूत को खूब चुसवाया।

नंदोई सा ! अब रुका नहीं जा रहा ! आओ अपनी भाभी के पास और उतर जाओ गहराई में !

ओह बेबी !

मैंने टांगें खोल लीं, वो बीच में आये और मैंने अपने हाथ से पकड़ लौड़ा ठिकाने पर रख दिया। उन्होंने जोर लगाया और उसका सर अन्दर घुस गया। काफी मोटा था लेकिन बेडशीट को जोर से पकड़े मैंने उनका सारा अन्दर डलवा लिया।

ओह भाभी ! वाह, क्या चूत है तेरी साली ! कितनी चिकनी है ! तू देख तेरा नंदोई बहिन की लोड़ी आज रेल बनाता है तेरी !

आह ! रगड़ो ! और रगड़ो ! फाड़ दो मेरी ! हाय ! मेरे कुत्ते चोद अपनी कुतिया को !

मेरे मुँह से यह सुन उनमें जोश भर गया- बहनचोद ! देखती जा साली रांड कहीं की ! यह ले मादरचोद ! यह ले !

उई उई ई ई तू ही असली मर्द है कमीने ! तेरा
लौड़ा ही सबसे अच्छा है !

कुछ देर उसी आसन के बाद दोनों टाँगें कन्धों पर रखी, जिससे पूरा लौड़ा जाकर बच्चेदानी से रगड़ खाता तो मुझे स्वर्ग दिखता !

उसके बाद मुझे घोड़ी बना लिया और ज़बरदस्त झटके लगने लगे।

और तेज़ तेज़ !

साथ में खाली बियर की बोतल मेरी
गांड में घुसाने लगे।

हाय साले ! यह क्या करने लगा है !

चल साली कुतिया ! मेरे बाल खींच !

गांड पर थप्पड़ मारा और बोतल एक तरफ़ रख दी। एक पल में लौड़ा चूत से निकाला और गांड में डाल दिया !

ओह हा और और ! बहुत बढ़िया !

मेरी गांड मारने लगे, साथ में मेरे दाने को चुटकी से मसल रहे थे। एक साथ में मेरा मम्मा पकड़ रखा था।

फिर चूत में डाल लिया और तेज़ होने लगे।

मैं झड़ने वाली हूँ !

अह अह ऽऽ ले साली ! साली ले ! कहते कहते उन्होंने मेरी चूत में अपना पानी निकाल दिया, मेरी बच्चेदानी के पास गरम पानी छोड़ा, जिससे मुझे अता आनंद आया।

बाकी का मैंने मुँह में डाल साफ कर दिया।

साढ़े तीन के करीब दोनों बाथरूम गए, शॉवर लिया, मैंने कपड़े डाले और अपने कमरे में आई, पूरे बिस्तर पर सलवटें डाल दी और गुलाबों को बिखेर दिया। सारे कपड़े उतार दिए, सिर्फ पैंटी छोड़ कर ! पति को जाते वक्त ही मैंने अंडरवियर छोड़ निर्वस्त्र कर दिया था। उनके पास लेट गई, उनकी बाजू अपने ऊपर डाल दी, सो गई।

सुबह के सात बजे अपने ऊपर किसी को पाया- पतिदेव थे ! मैं सोने की एक्टिंग करने लगी, उन्होंने प्यार से मुझे उठाया, मैं चुपचाप बाथरूम गई रूठने की एक्टिंग करते हुए !

जान क्या हुआ?

इतनी पी ली थी? क्यूँ सोचा नहीं था कि मेरी बीवी के साथ पहली रात है ! नशे में रौंद दिया आपने मुझे ! अंग अंग हिला दिया !सॉरी ! आगे से ऐसा नहीं होगा ! आपने बिना प्रोटेक्शन के मेरे साथ सब कर दिया ! अभी हमने एन्जॉय करना है अगर अभी गर्भवती हो गई तो?

कल से हम बाहर निकाल लिया करेंगे, आज किस्मत पर छोड़ दो !

उसके बाद अगली रात पतिदेव ने चोदा। आज कम पी रखी थी, घर में थे, झड़ने के समय बाहर खींच मेरे मुँह में डाल दिया !

दोस्तो, यह थी मेरी मस्त चुदाई जो हर पल मेरी आँखों में रहती है !

उसके बाद मौका देखा एक बार और नंदोई सा ने चोदा ! शादी के अगले महीने ही मेरी माहवारी रुक गई, मुझे चक्कर आये, डॉक्टर ने खुशखबरी सुना दी।

रात को मैंने पति से ऊपर से खफा होते कहा- देख लिया उस रात का नतीजा ?

लेकिन चल छोड़ कोई बात ना ! किस चीज़ की कमी है हमें !

यह गर्भ नंदोई सा के कारण ठहरा था। पहली ही रात तीन बार अपना माल मेरी बच्चेएदानी के पास छोड़ा था ! था भी इतना लम्बा कि मानो अन्दर घुसकर बच्चा डाल आये !

उनको मैंने फ़ोन पर बताया कि इनका पानी मैंने कभी अन्दर नहीं डलवाया, हमेशा गांड में या मम्मों पर ! सिर्फ आपका पानी अन्दर डलवाया था।

नशे में वो बहुत खुश हुए।

अब जब मैंने लड़का जना है, सासु माँ बहुत खुश हैं, पति भी नंदोई सा ने बुआ की तरफ से मेरे बेटे को चार तोले सोने की चैन, कड़ा, डायमंड का लाकेट डाला !

सो कैसी लगी मेरी आप बीती ? लिखना ज़रूर !

फिर बताऊँगी आगे लाइफ में क्या हुआ ! Antarvasna

(Hot College Girls Sex Kahani) चुदाई की कहानी

हॉट कॉलेज गर्ल्स से कहानी में पढ़ें कि कैसे चूत चुदाई की प्यासी तीन सगी बहनों ने एक एक करके एक ही दिन में अपने टीचर से अपनी सीलबंद चूतें फटवा ली.

हैलो फ्रेंड्स … तीन सगी बहनों की एक लंड से चुदाई की कहानी में आपका स्वागत है.
हॉट कॉलेज गर्ल्स सेक्स कहानी के दूसरे भाग
प्रोफेसर ने कुंवारी लड़कियों की चूत फाड़ दी
में आपने अब तक पढ़ा था कि मीनाक्षी की चुत में आलोक का लंड घुसा हुआ था और मीनाक्षी दर्द से छटपटा रही थी.

अब आगे हॉट कॉलेज गर्ल्स सेक्स कहानी:

कुछ देर बाद मीनाक्षी का दर्द जाता रहा और वो लंड के मजे लेने लगी.
आलोक अभी भी सावधानी बरत रहा था कि कहीं मीनाक्षी को ज्यादा दर्द न हो इसलिए वो धीरे धीरे ही लंड चुत में आगे पीछे कर रहा था.

थोड़ी देर के बाद मीनाक्षी बेकरारी से बोली- क्या कर रहे हो? धीरे धीरे क्यों कर रहे हो … और जोर से चोदो मुझे, आने दो तुम्हारा पूरा लंड मेरी चूत में … मेरी चूत में अपना लंड जड़ तक पेल दो … और जोर जोर से धक्का मारो.

यह सुनते ही आलोक ने चुदाई फुल स्पीड से शुरू कर दिया और बोलने लगा- आह मेरी मीनाक्षी रानी, चुदाई कैसी लग रही है … चूत की आग बुझ रही है या नहीं?

मीनाक्षी नीचे से अपनी कमर उछालती हुई बोली- अभी बात मत करो … और मन लगा कर मेरी चूत चोदो. चुदाई के बाद जितनी चाहे बात कर लेना, अभी तुम मुझे अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत को खिलाओ. इस समय मेरी चूत बहुत भूखी है और उसको बस लंड की खुराक चाहिए.

आलोक और मीनाक्षी इस समय एक दूसरे को जोर से अपने हाथ और पैर से जकड़े हुए थे और दोनों फुल स्पीड से एक दूसरे को अपने अपने लंड और चूत से धक्का मार रहे थे.

पूरे कमरे में उनकी सिसकारियां और चुदाई की आवाजें गूंज रही थीं.

मीनाक्षी की चूत बहुत पानी छोड़ रही थी और इसलिए उसकी चूत से आलोक के हर धक्के के साथ बहुत आवाज निकाल रही थी.

अचानक से मीनाक्षी बहुत जोरों से अपनी कमर उछालने लगी और वो एकदम से निढाल होकर बिस्तर पर अपने हाथ पैर फ़ैला कर ढीली पड़ गयी.
मीनाक्षी अब झड़ चुकी थी और उसमें और चुदने की हिम्मत नहीं बची थी.

आलोक ने भी मीनाक्षी के झड़ जाने के बाद जोरदार धक्के लगाए और मीनाक्षी की चूत के अपना पूरा लंड घुसेड़ कर उसके ऊपर ही गिर गया.

आलोक भी झड़ चुका था. अब वो मीनाक्षी के ऊपर आंख बंद करके लेटा था और हांफ रहा था.

थोड़ी देर के बाद आलोक ने अपना लंड मीनाक्षी की चूत से बाहर निकाला और लंड के बाहर निकलते ही मीनाक्षी की चूत से ढेर सारा सफ़ेद गाढ़ा गाढ़ा पानी निकलने लगा.

मीनाक्षी ने यह देख कर चूत में अपनी पैंटी खौंस दी और उठ कर बथरूम की तरफ़ चली गई.

अब तक प्रोफेसर आलोक काफी थक चुका था.
वो आज लगातार दो कुंवारी लड़कियों के साथ चुदाई कर चुका था.

उसने मन में कुछ सोचा कि अभी तो तीसरा माल भी बाकी है. एक बार इसकी सील और फाड़ दूँ … फिर ये तीनों बार बार चोदने के लिए मिलती रहेंगी.

अब आलोक ने अपना मुँह घुमा कर देखा कि सोनम और डिंपल आपस में व्यस्त थीं. सोनम डिंपल के चूचे उसकी ब्रा के ऊपर से ही दबा रही थी.

सोनम ने डिंपल की जींस और टी-शर्ट को उतार दिया था और अब डिंपल सिर्फ अपनी ब्रा और पैंटी में थी.

डिंपल की चूचियां बहुत ही सेक्सी थीं. उसकी चूचियां बहुत बड़ी तो नहीं थीं … पर बहुत गठीली और गोल गोल थीं.

उसकी चूचियों के निप्पल इस समय बिल्कुल तन कर खड़े थे और कड़क हो गए थे.

डिंपल की एक निप्पल को सोनम ने अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
वो अपने एक हाथ को डिंपल की जांघों के बीच में घुमाने लगी.

कुछ ही देर में सोनम ने डिंपल की पैंटी भी उतार दी और लिटा कर अपना मुँह डिंपल की चूत पर रख दिया.

सोनम ने अपनी जीभ निकाल कर डिंपल की चूत के अन्दर कर दिया और किसी कुतिया की तरह अपनी बहन की चुत चाटने लगी.

इससे डिंपल इतनी ज्यादा गर्म हो गई थी कि वो अपने हाथों से अपने दोनों निप्पलों को मसल रही थी.

यह सब देख कर आलोक के अन्दर वासना का ज्वर फिर से भरने लगा और चुदाई के लिए उसका लंड फिर से गर्म होने लगा.

वो उठ कर सोनम और डिंपल के पास पहुंच गया और दोनों बहनों की कामलीला को ध्यान से देखने लगा.

दोनों बहनों को मस्ती करते देखते हुए ही उसने अपना हाथ डिंपल की एक चूची पर रख दिया और निप्पल को अपने हाथों में लेकर सहलाने लगा.
फिर उसने अपने अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच निप्पल को मसलने लगा.

डिंपल आलोक की तरफ़ देखने लगी कि आलोक सर उसके बगल में नंगे खड़े हैं और उनका लंड अब गर्म होकर खड़ा होने लगा है.

उसने आलोक का लंड अपने हाथों में ले कर पूछा- क्या सर अब मुझको भी चोदेंगे?
आलोक ने पूछा- क्यों तुमको नहीं चुदवाना है?

शीरीन- हां सर, मैं भी अपनी बहनों की तरह अपनी चूत आपसे चुदवाना चाहती हूँ. प्लीज आप मुझे भी अपने लंड से चोदिए. लेकिन आपके लंड को क्या हो गया है … ये तो ढीला पड़ा है … क्या अब यह मेरी चूत में घुसने के काबिल नहीं रहा?

आलोक लड़कियों की चुदाई का पुराना खिलाड़ी था. उसने अपने लंड को हिलाते हुए कहा- घबराओ मत, अभी तुम्हें अपना लंड का कमाल दिखाता हूँ.

यह कह कर आलोक ने अपना लंड डिंपल के मुँह में दे दिया और बोला- लो मेरी जान … मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसो.

डिंपल भी उनके लंड को अपने मुँह में लेकर उस पर अपनी जीभ चलाने लगी और कभी उस पर अपने दांत गड़ाने लगी.

आलोक को डिंपल की लंड चुसाई से बहुत मज़ा आया और उसका लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा.

उधर सोनम अपनी एक हाथ से डिंपल की चूत सहला रही थी और दूसरे हाथ से आलोक के गांड में अपनी उंगली पेल रही थी.

थोड़ी देर के बाद लंड चुसाई और गांड में सोनम की उंगली होने से आलोक का लंड पूरे जोश के साथ खड़ा हो गया और वो फिर से चुत चुदाई शुरू करने के लिए तैयार था.

आलोक ने अपना लंड डिंपल के मुँह से निकाला और उसके पैरों के बीच में बैठ गया.
उसने अपने दोनों हाथों से डिंपल की चूत को फ़ैलाया और उसके अन्दर अपनी जीभ डाल दी.

आलोक अपनी जीभ डिंपल की चूत के अन्दर-बाहर करने लगा और अपनी जीभ से चूत की अंदरूनी दीवारों के साथ खेलने लगा.

कभी कभी आलोक अपनी जीभ डिंपल की भगनासा को भी खींच कर चुभला रहा था और कभी कभी उस दाने को अपने दांतों के बीच पकड़ कर जोर जोर से खींचते हुए चूस रहा था.

डिंपल अब काफी बेचैन हो गई थी और अपनी कमर हिला हिला कर अपनी चूत को आलोक के मुँह पर आगे पीछे कर रही थी.

आलोक समझ गया कि डिंपल की कुंवारी चूत अब लंड खने की लिए तैयार है.

अब आलोक का लंड भी पहले जैसा तगड़ा हो गया था और डिंपल की चूत में घुसने के लिए उतावला था.

आलोक ने अपनी जीभ को डिंपल की चूत से से बाहर निकाल लिया और पोजीशन बना कर उसकी चुत पर लंड टिका कर तैयार हो गया.

उसने पहले अपना सुपारा डिंपल की चूत पर रख कर एक हल्का सा धक्का दिया लेकिन डिंपल की चुत काफी कसी थी. वो इस जरा से धक्के से ही जोर से चिल्ला पड़ी.

आलोक का लंड डिंपल की छोटी चूत के हिसब से बहुत मोटा था और डिंपल की यह पहली चुत चुदाई थी.

डिंपल अपने हाथों से आलोक को रोक रही थी जिससे आलोक अपना लंड डिंपल की चूत में पेल नहीं पा रहा था.

उसने सोनम और मीनाक्षी से डिंपल के चूचों और चूत से खेलने को कहा जिससे डिंपल दर्द भूल जाए और आलोक के लंड को अपनी चूत में घुस जाने दे.

वो दोनों डिंपल की चूची और चुत से खेलने लगीं.
तब तक आलोक उठ कर नारियल के तेल का शीशी उठा लाया और उसने अपने लंड पर तेल को अच्छी तरह से मल लिया.

फिर उसने सोनम को हटा कर डिंपल की चूत पर भी तेल को अपनी उंगली में लेकर मल मल कर लगा दिया.

उसने चूत के अन्दर तक अपनी उंगली से घुमा घुमा कर तेल लगाया.

तेल लग जाने के बाद आलोक अपनी दो उंगलियों को डिंपल की चूत के अन्दर-बाहर करने लगा.
कभी कभी वो अपनी उंगली से उसकी चूत की घुंडी भी रगड़ देता था.

डिंपल की चूत अब पानी छोड़ रही थी और इससे उसकी चूत चुदाई के तैयार हो गयी.

आलोक फिर से डिंपल के पैरों को फ़ैला कर उनके बीच घुटनों के बल बैठ गया और डिंपल को समझाया कि अब कोई डरने की बात नहीं है. उसको तेल से कोई दर्द नहीं होगा.

उधर सोनम और मीनाक्षी डिंपल की एक एक निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूस रही थीं.

आलोक ने डिंपल के दोनों पैर हवा में उठा दिए और उसकी कमर को कस कर पकड़ लिया, जिससे कि फिर से वो छूटने की कोशिश ना कर सके.

अब आलोक ने फिर से डिंपल की चूत पर अपना लंड रखा और डिंपल को कुछ समझ आने के पहले ही एक जोरदार झटका लगा दिया.

डिंपल की चूत तेल और चूत से निकले पानी की वजह से काफी चिकनी हो गई थी जिससे आलोक का लंड एक ही झटके से पूरा का पूरा चुत के अन्दर घुसता चला गया.

इस अचानक हमले से तो डिंपल पहले चीखी और उसने आलोक को अपने ऊपर से हटाने के लिए धक्का मारा लेकिन इस बार आलोक की पकड़ बहुत ही मजबूत थी.
डिंपल कसमसा कर रह गई.

आलोक ने तभी अपनी कमर आगे पीछे करके अपना लंड डिंपल की चूत में पेलते हुए एडजस्ट करने लगा.

थोड़ी देर के दर्द और तकलीफ के बाद डिंपल को भी चुत चुदवाने में मज़ा आने लगा और अब वो अपनी कमर उठा उठा कर आलोक को चुदाई में सहयोग करने लगी.

आलोक और डिंपल दोनों एक दूसरे को ऊपर और नीचे से दनादन धक्के मार रहे थे और डिंपल की चूत में आलोक का लंड तेज़ी से आ-जा रहा था.

सोनम और मीनाक्षी अब डिंपल के पास से हट कर उन दोनों की ताबड़तोड़ होती चुदाई को देख रही थीं और एक दूसरे की चूत में उंगली कर रही थीं.

डिंपल और आलोक दोनों एक दूसरे से चूत और लंड के साथ जुड़े हुए थे.

बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद डिंपल की चूत से मलाई निकलने लगी तो आलोक ने अपनी चुदाई की स्पीड और तेज़ कर दी क्योंकि आलोक भी अब झड़ने वाला हो चला था.

उसने आखिरी के चार पांच धक्के जोरदार तरीके से डिंपल की चूत में लंड से मारे और वो डिंपल की चूत के अन्दर पूरा लंड पेल कर झड़ गया.

डिंपल भी अब तक झड़ चुकी थी.
आलोक का सारा पानी डिंपल की चूत में समा गया. दोनों हांफ़ रहे थे और एक दूसरे से चिपके पड़े थे.

कुछ पल बाद आलोक ने अपना लंड को डिंपल की चूत से निकाला तो चुत में से ढेर सारा पानी निकलने लगा.

सोनम और मीनाक्षी ने जल्दी से अपने अपने मुँह डिंपल की चूत पर लगा दिए और उससे निकल रहा आलोक और अपनी बहन की चूत के मिश्रित पानी को जीभ से चाट चाट कर पीने लगीं.

थोड़ी देर के बाद डिंपल ने अपनी आंखें खोलीं और मुस्कुरा कर आलोक से बोली- सर, आपके लंड से चुदवा कर बहुत मज़ा आया. आज हम तीनों बहनों ने आपसे अपनी अपनी चूत की सील तुड़वा कर ओपनिंग करवा ली. आपको किसकी चूत सबसे मस्त लगी और कौन सी बहन की चुत चोदने में आपको ज्यादा मज़ा आया … सच सच बताना.

आलोक ने डिंपल की चूची को मसलते हुए कहा- अरे ताजी ताजी चुदी हुई लड़कियो, मुझे तो तुम तीनों बहनों की चूत की बहुत मस्त लगी. हां तुम्हारी चूत बहुत टाईट थी और इसे खोलने में मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी, तेल भी लगाना पड़ा. लेकिन तुम तीनों बहनों ने आज दिल खोल कर अपनी अपनी चूत चुदवाई हैं. मुझे तो तुम सभी बहनों की चूत को चोदने में मज़ा आया.

इतना सुन कर तीनों बहनें मुस्कुरा दी और एक साथ बोलीं- अब फिर से हमारी चूत को आपके लंड का भोग कब मिलेगा? जल्दी से कोई दिन निकालिए और हमारे पिछवाड़े की ओपनिंग कर कर दीजिए. हम तीनों बहनें आपके लंड के धक्के अपनी अपनी चूत में खाने के लिए हाज़िर हो जाएंगी.

आलोक ने कुछ देर सोच कर कहा- ऐसा करो कि मैं रविवार को नई दिल्ली एक सेमीनार में चार-पांच दिन के लिए जा रहा हूँ. तुम तीनों बहनें अपने घर से परमीशन लेकर हमारे साथ दिल्ली चलो. मैं तुम सबको वहां रोज सुबह शाम और रात को वियाग्रा की गोली खा खाकर चोदूंगा और तुम्हारी चूतों को चोद चोद कर भोसड़ा बना डालूंगा. हां, वहां और भी लोग आएंगे … तुम लोग अगर चाहोगी तो तुम्हें और भी लंड अपनी चूतों में पिलवाने को मिल जाएंगे … और तुम तीनों बहनें मज़े से अपनी अपनी चूत को लम्बे और मोटे लंड से चुदवा सकती हो.

यह सुन कर तीनों बहनों ने आलोक के साथ दिल्ली जाने का प्रोगाम बना लिया.

चुदने के बाद तीनों बहनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए और आलोक ने सिर्फ एक लुंगी अपनी कमर पर बांध ली.

चुदाई के बाद आलोक ने उनको अपने हाथ से कॉफ़ी बनाई और नाश्ते के साथ दी.

फिर आलोक तीनों बहनों को बाहर छोड़ने गया.

बाहर जाने के पहले दरवाजे के पास आलोक ने उन तीनों को फिर से एक एक करके अपनी बांहों में लेकर उनको चुम्मा दिया और इन तीन बहनों की चूचियों को उनके कपड़ों के ऊपर से दबा दीं.

सोनम का मन नहीं भरा था तो उसने फिर से आलोक को अपनी बांहों में लेकर चूमा और फिर अपनी साड़ी उठा कर आलोक से अपनी चूत पर चुम्मा देने को कहा.

आलोक ने सोनम की चूत पर एक जोरदार चुम्मा दिया और उसको चूत की घुंडी को जीभ से चाट दिया.

मीनाक्षी और डिंपल अपनी चूत पर आलोक का चुम्मा नहीं ले सकीं क्योंकि वो सलवार और जींस पहनी हुई थीं. वो अपनी चूत चुसवाने के लिए नहीं खोल सकीं.

सोनम ने आलोक की लुंगी हटा कर उसके मोटे लंड का सुपारा खोल कर चूमा. सोनम की देखा देखी मीनाक्षी और डिंपल ने भी आलोक के लौड़े को चूमा और उसके सुपारे को मुँह में लेकर चूसा.

अब वो तीनों हॉट कॉलेज गर्ल्स अपनी अपनी चुदी हुई चूत में आलोक के लंड से निकला हुआ रस भरवाए हुए अपने घर चली गईं.

उनके जाते ही आलोक अपने कमरे में आकर सो गया.
वो बहुत थक चुका था.
उसको अब दिल्ली में इन तीनों बहनों की चुत चुदाई का अवसर मिलने वाला था.

आपको हॉट कॉलेज गर्ल्स चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज़ कमेंट्स के माध्यम से जरूर बताएं.

Antarvasna stories

हैलो Antarvasna, मैं विक्रम सिंह इंदौर से हूँ. आप सभी को मेरा नमस्कार. मैं इस साईट का बहुत पुराना पाठक हूँ. मुझे लगा कि मुझे भी अपने अन्य अनुभव आप लोगों से साझा करना चाहिए.

मेरी एक कहानी पहले भी आ चुकी है. दोस्त की बीवी की चुदाई. ये मेरी दूसरी सेक्स स्टोरी है.

मैं 23 साल का जवान लौंडा हूँ. मेरी हाईट 5 फिट 6 इंच है. मैं आकर्षक, गोरा हूँ.. भरा हुआ शरीर है.. पूरे 7 इंच का लम्बा और 2.5 इंच मोटा लंड है.

मेरे पास वाले फ्लैट में एक नई फैमिली आई है. उस फैमिली में सिर्फ पति पत्नी दो ही बन्दे रहते हैं. उनकी शादी अभी हाल में हुई है. मेरी उनसे बहुत अच्छी पहचान हो गई है. पति का नाम सुनील है और वो एक सेल्स मैनेजर है.. भाभी का नाम खुशबू है. सुनील भैया मुझे अपने भाई की तरह मानते हैं. उनका कोई भी सगा भाई या बहन नहीं है. खुशबू की और मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई है. हम कई बार अकेले रहते थे. सुनील भैया तो अपने काम के सिलसिले में महीने में कम से कम 15-18 दिन आउट ऑफ़ सिटी रहते थे. वो मेरे भरोसे पर खुशबू को अकेले रहने देते थे.

मैं और खुशबू एक दूसरे से हंसी मजाक भी खूब करते हैं. खुशबू बहुत ही शरारती लड़की है. खुशबू की उम्र अभी केवल 20 साल है और उसका फ़िगर 34-28-36 का है. एकदम दूध सा गोरा रंग और गुलाबी होंठ है. खुशबू बहुत ही सेक्सी लगती है. मैं कभी उसे छू भी लेता तो वो मुझे कभी मना नहीं करती थी.

एक बार खुशबू ने मुझे शाम को खाना खाने बुलाया. उस समय सुनील भैया दस दिनों के लिए टूर पर गए थे. मैं शाम को करीब 6:30 खाना खाने गया तो खुशबू खाना बना रही थी. उसने क्रीम कलर का गाउन पहना हुआ था, जिसमें उसकी ब्रा और पेंटी साफ़ नजर आ रही थी.

मैंने तो जिस दिन से उसे देखा था, उसे चोदने के लिए बेकरार था, लेकिन बस मौक़ा न मिल पाने के कारण अब तक कुछ नहीं कर पाया था.

उसने मुझसे बोला कि शिवा तुम कपड़े चेंज कर आओ, फिर आराम से बैठो.. अभी खाने में 30 मिनट लगेंगे.

मैं अपने फ्लैट में गया और कपड़े चेंज करके आ गया. फ़िर मैंने उससे पूछा कि मैं कोई मदद करूँ?
तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि आज तो मुझे तुम्हारी हेल्प की ज्यादा जरूरत पड़ने वाली है.
मैंने पूछा- हां बताओ मुझे क्या करना है?
तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि बता दूंगी.

मैं समझ गया कि आज तो ये चुदवाने के मूड में दिख रही है.

मैं टीवी ऑन करके मूवी देखने लगा. थोड़ी देर के बाद वो खाना लेकर टेबल पर लगा गई और मुझसे बोली- बस दो मिनट और.. मैं कपड़े चेंज करके आती हूँ.

वो अन्दर गई और ब्लू कलर का एक स्लीवलेस गाउन पहन कर आ गई, जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. इस गाउन में ऐसा लग रहा था कि उसके मम्मे ब्रा फाड़कर बाहर आना चाहते हों.

मैं उसे ललचाई नजरों से देखने लगा. वो मुस्कुरा दी. फिर दोनों ने खाना शुरू किया.. खाना खाते समय मैं उसके मम्मों को तिरछी निगाहों से देख रहा था. ये उसे भी समझ आ रहा था कि मैं उसके मम्मों को देख रहा हूँ. वो थोड़ी सी और झुकी तो उसके आधे मम्मे दिखने लगे. मेरी तो जैसे सांस हलक में आ गई.

वो मुस्कुराते हुए बोली कि ऐसे क्या देख रहे हो?
तो मैंने बोला- कुछ भी नहीं.
फ़िर वो बोली- मैं सब जानती हूँ.

ये कह कर वो मुस्कुराने लगी. हम दोनों ने खाना खाया और फ़िर थोड़ी देर टीवी देखने के बाद 8 बजे मैंने अपने कमरे में जाने का बोला.

तो वो बोली कि आज यहीं सो जाओ मुझे अकेले डर लगता है और आज सुनील भी नहीं है.. प्लीज़ यहीं सो जाओ ना.
मैंने कहा- ठीक है, लेकिन मैं कहां सोऊंगा?
तो वो बोली कि तुम यहीं इसी बेड पर मेरे साथ सो जाना.
मैंने बोला- ठीक है.

हम दोनों 10 बजे तक टीवी देखते रहे और बातें करते रहे. फ़िर मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई. रात को मुझे बाथरूम लगी तो मैं जाने के लिए उठा. तो मैंने देखा कि खुशबू भी मेरे पास ही सो गई है.

ये देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने सोचा कि आज तो इसे चोद कर ही रहूँगा. मैं बाथरूम से आने के बाद वापस लेट गया और एक हाथ उसके मम्मे पर रख दिया. वो सो रही थी, फ़िर मैं उसके मम्मों को सहलाने लगा. वो तब भी नहीं जागी तो मैं उसकी जाँघों को सहलाने लगा. अब उसने मुझे देख लिया.

उसकी आँखें खुलते ही मैं चुपचाप सो जाने का नाटक करने लगा. तो वो कुछ नहीं बोली और फ़िर से सो गई.

थोड़ी देर के बाद उसने मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और लंड सहलाने लगे. मैं ऐसे ही लेटा रहा और जब उसे लगा कि मैंने सो गया हूँ तो जरा मस्ती से लंड पर अपना हाथ चलाने लगी.

अब मैं अपने आप को रोक नहीं पाया. उसे अपनी बांहों में ले लिया और उसके गुलाबी होंठों को चूमने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.

थोड़ी देर के बाद वो बोली- मुझे तुमसे प्यार हो गया है.. मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद है.

हम दोनों एक दूसरे को चूमते चाटते रहे. उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए. सिर्फ मेरी अंडरवियर रह गई थी. मैंने उसे मना कर दिया. फ़िर मैंने भी उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया. उसके कमरे के नाईट लैम्प के रोशनी में मैंने उसका गोरा बदन देखा, बिल्कुल हीरे की तरह चमक रहा था. उसने भी मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे लंड देख कर बोली- तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा और लम्बा है. मेरे पति का लंड तो आपके लंड से आधा ही होगा. वो मुझे कभी भी संतुष्ट नहीं कर पाया शिवा.. आज तुम मेरी प्यास बुझा दो.

ये कहते हुए उसने मेरा लंड पकड़ लिया और प्यार करने लगी. मैंने भी उसके दोनों दूध थाम लिए और दूध चूसते हुए खुशबू को प्यार करने लगा. हम दोनों बिल्कुल मदहोश हुए जा रहे थे. उसके 34 इंच के दूध बड़े मस्त थे. एक दूध मेरे मुँह में था और एक हाथ में था. वो मेरे लंड को सहलाए जा रही थी. हम दोनों ने काफी देर तक चूमा चाटी की. उसने मेरा लगभग पूरा बदन चूमा. मैंने भी उसके पूरे बदन बड़ी बेताबी से चूमा.

इसके बाद जब चुदास चरम पर आने लगी तो मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चुत को चाटने लगा. उसकी चुत पर एक भी बाल नहीं था. मैंने उसकी चुत को चाट चाट कर गुलाबी कर दिया. वो भी चूत चटवाने से एकदम गरम हो गई थी और उसने अकड़ते हुए अपना पानी छोड़ दिया. मैं उसकी चूत का पूरा रस पी गया.

वो कुछ देर के लिए ठंडी हो गई थी. लेकिन लगातार चूत चाटते रहने से वो फिर से भड़क उठी और बोलने लगी- प्लीज़ शिवा जल्दी करो.. मैं अब और नहीं रुक सकती.

मैंने कहा- यार मैंने चूत चाटी है.. प्लीज़ तुम भी एक बार मेरा लंड चूसो न.
वो बोली- मैंने आज तक कभी लंड को मुँह में नहीं लिया है.
मैंने कहा कि आज मेरे लंड को अपने मुँह में ले लो.

उसने मेरे लंड मुँह में ले लिया. धीरे धीरे उसे भी लंड चूसने में मज़ा आने लगा. अब तो वो लंड को बड़े मजे से चूसने चाटने लगी. थोड़ी देर के बाद मैंने अपना सारा रस उसके मुँह में डाल दिया.

वो भी लंड चूसने में इतनी मस्त थी कि वो पूरा का पूरा रस पी गई और फ़िर मुस्कुराते हुए बोली- मुझे तुम्हारा रस बहुत ही अच्छा लगा.

अब हम दोनों फ़िर से 69 की पोजीशन में हो गए. मैं उसकी चुत को चूसने लगा और वो मेरे लंड को फ़िर से चूसने लगी. कुछ ही देर के बाद मेरा लंड फ़िर से खड़ा हो गया. मैंने सीधे होकर उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चुत पर अपना लंड रख दिया.

मेरे लंड का सुपारा बड़ा मोटा है और इसलिए सुपारे को चूत की फांकों में लगाने से ही उसकी चुत ढंक चुकी थी. कुछ पल मैं उसकी आँखों में आँखें डाल कर उसकी चुत पर अपना लंड ऐसे ही रगड़ता रहा.

दो पल में ही वो बेचैन होकर बोली- शिवा प्लीज़ जल्दी से मेरी चुत में अपना लंड डाल दो.

मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और थोड़ा सा ही जोर लगाया तो मुझे समझ आ गया कि उसकी चुत एकदम कसी हुई है. अब मैंने थोड़ा जोर लगाया और लंड के अन्दर जाने के बाद उसको देखा तो वो थोड़ा दर्द झेलती हुई सी लगी. मैंने उसे पकड़ा और एक जोरदार धक्का मार दिया. मेरे इस तगड़े शॉट से भी उसकी चुत में मेरा लंड सिर्फ 3 इंच ही घुस पाया.

उसी वक्त उसके मुँह से जोरदार चीख निकल पड़ी- आआह.. ऐईईईईइ मार डाला.. प्लीज़ निकाल लो.. मैं मर जाऊंगी.

लेकिन मैं नहीं रुका और मैंने जोर जोर से 3-4 धक्के दे मारे. इस कारण मेरा लंड उसकी चूत में 5 इंच तक अन्दर कर दिया.

वो और जोर से चीख पड़ी- आआआह.. आईईई.. माँआ.. माआअर डाला शिवा.. मेरी चुत फट गई.
मैंने बोला- कोई बात नहीं डार्लिंग.. थोड़ी देर रुको.
लेकिन वो दर्द से तड़फ रही थी. वो बोली- प्लीज़ निकालो पहले.

उसकी चुत से खून बाहर आ रहा था. मैं एक बार तो चौंक गया कि क्या इसके पति के पास लंड ही नहीं है. फिर मैंने सोचना बंद कर दिया. अब मैं उसके मम्मों को सहलाने लगा और उसके होंठों को चूमने लगा. थोड़ी देर तक मैं इसी तरह से शांत लेटा रहा.

फ़िर मैंने धीरे धीरे लंड को उसकी चुत के अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. बस थोड़ी देर के बाद वो सामान्य हो गई और मेरा साथ देने लगी. अब वो भी अपनी गांड नीचे से उछाल उछाल कर चुदवाने लगी.

मैंने उसको आँख मारी तो फिर वो मुस्कुराते हुए मुझसे बोली- तुमने तो मुझे मार ही डाला था.. तुम्हारा लंड तो बहुत ही मोटा और लम्बा है.
फ़िर मैंने बोला- अभी पूरा अन्दर नहीं गया है.. अब पेल रहा हूँ.

अभी वो कुछ कहती कि मैंने उसको पकड़ा और एक जोरदर धक्का दे मारा. वो फ़िर से चीख पड़ी- ऊऊईईई माँआ मर्रर्रर्रर्र गई.. फाड़ दी मेरी चुत.. शिवा धीरे करो ना..

मैंने कहा- अब पूरा चला गया.

फ़िर मैं लंड को अन्दर बाहर करने लगा. थोड़ी देर के बाद उसे भी मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. थोड़ी देर चोदने के बाद उसका पानी निकल गया. चिकनाई हो जाने के कारण बड़े मजे से लंड अन्दर बाहर सटासट हो रहा था. मैंने उसको चोदने को रफ्तार बढ़ा दी.

फ़िर 20-25 मिनट के बाद मैंने भी अपना पूरा का पूरा रस उसकी चुत में ही छोड़ दिया. हम दोनों एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. मैं उठा और बाथरूम में जाने लगा.

वो बोली- शिवा मुझसे भी साथ ले चलो क्योंकि मैं चल नहीं पा रही हूँ.

मैं उसे अपनी गोद में उठाकर बाथरूम में ले गया. उसकी चुत पूरी खून से लथपथ थी. मेरा लंड भी लाल हुआ पड़ा था. उसने मेरे लंड को पानी से साफ़ किया और मैंने उसकी चुत को साफ़ किया.

हम दोनों फ़िर से बिस्तर पर जाकर लेट गए. थोड़ी देर के बाद वो मुझे चूमने चाटने लगी. मुझसे कहने लगी- शिवा मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद आया है.. और तुम बहुत अच्छे से चोदते हो.

ये कह कर वो मेरे लंड को प्यार करने लगी और मुँह में लेकर चूसने लगी. हम दोनों फिर से 69 की पोजीशन में हो गए. थोड़ी देर तक मैं उसकी चुत चूसता रहा. उसने जल्दी ही अपना पानी छोड़ दिया.

कुछ देर रुकने के बाद मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया. मैंने पीछे से उसकी चुत पर अपना लंड रखा और एक जोरदार धक्का दे मारा.

इस झटके में मेरा लंड 4 इंच अन्दर चला गया.

उसकी जोर से चीख निकल उठी- आआआह.. आऐईईइ मार ही डालोगे क्या.. धीरे धीरे करो ना..

मैं उसके मम्मों को सहलाने लगा और उसके शांत होते ही मैंने फ़िर से एक और जोरदार धक्का दे मारा. इस धक्के ने मेरे पूरे लंड को उसकी चूत के अन्दर पेल दिया था.

वो फ़िर से चीख उठी- ऊऊऊ ऊईईईईईईई म्मम्म आआआह.. मअर्रर्र गई.

मैं उसे चोदने लगा और फ़िर धीरे धीरे वो भी सामान्य हो गई और मेरा साथ देने लगी. दस मिनट चोदने के बाद उसका पानी निकल गया.

लेकिन मैं उसे इसी तरह चोदता रहा. फ़िर मैंने आसन बदला और अब उसे अपने ऊपर ले लिया. वो अपने दोनों पैर फैला कर मेरे लंड पर बैठ गई. मैंने नीचे से धक्का मार कर अपना पूरा लंड चूत के अन्दर फिट कर दिया.

उसकी फ़िर से चीख निकली- ऊऊईईईई माँआ.. मर्रर्रर्रर्र गई.

मैं उसके चूचों को सहलाने लगा और बोला- कैसा लग रहा है?
तो वो बोली- मुझे तो जन्नत की सैर होती सी लग रही है. ऐसा मज़ा तो मुझे मेरे पति कभी नहीं दिया.

मैंने अपने लंड को एक ठोकर मारी तो वो ऊह.. करते हुए मुस्कुराई और बोली- शिवा मुझे चोद डालो फाड़ दो मेरी चुत को.. आह.. और जोर से चोदो मुझे..

मैं उसे तेजी से चोद रहा था. फ़िर मैं उसके मम्मों को और होंठों को चूसते हुए चोदने लगा. उसे भी मम्मे चुसवाते हुए चुदने में मजा आ रहा था.

इसी तरह मैं उसे देर तक चोदता रहा. वो फिर से झड़ गई. मैं उसे 30-40 मिनट तक चोदता रहा और फ़िर मेरा भी रस निकल गया. मेरे रस से उसकी पूरी चुत लबालब भर गई. हम दोनों दो बार की चुदाई से थक गए थे, इसलिए थोड़ी देर नंगे ही सो गए. रात भर में मैंने उसे 4 बार चोदा.

फ़िर सुबह वो उठी तो मुझसे बोली- शिवा मैं ठीक से चल नहीं पा रही हूँ.. मुझे नहाना है.

हम दोनों ने साथ में ही नहाया. मैंने उसके पूरे बदन पर साबुन लगाया और उसने मेरे बदन पर साबुन लगाया. हम दोनों एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. वो मेरे लंड को सहलाने लगी. मैं भी उसकी चुत को सहलाने लगी. वो नीचे झुक कर मेरा लंड चूसने लगी.

थोड़ी देर तक लंड चूसने के बाद मैंने उसको बाथरूम में ही डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया और 20-25 मिनट चोदने के बाद हम दोनों झड़ गए.

फिर हम नहाए और बाहर आ गए. वो नाश्ता बनाने चली गई. उसने सिर्फ लाल रंग की ब्रा और पेंटी पहनी थी, जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मैंने उसके किचन में ही उसकी ब्रा और पेंटी निकाल कर उसको नंगा कर दिया और उसके मम्मों को चूसने लगा. वो फिर से गरम हो गई. मैंने उसे किचन की स्लैब पर बिठा दिया और फ़िर उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर उसकी चुत पर लंड रख दिया. इसके बाद 3-4 धक्कों में ही मैंने पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर पेल दिया. इस आसन में लंड ने हाहाकार मचा दिया था.

उसके मुँह से चीख निकल गई- ऊऊऊऊ उईईईई म्मम्मर गई.. आआह.. उम्मम्मा.. आआह.. धीरे शिवा धीरे करो ना..

लेकिन मैं उसे चोदता रहा और 20 मिनट तक हचक कर चोदने के बाद ही रुका. वो अब तक 3 बार झड़ चुकी थी.

फ़िर हम दोनों ने नाश्ता किया और थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं बाजार से एक ब्लू फिल्म की सीडी लाया. हम दोनों ने साथ में मूवी देखना शुरू की. मूवी चले दो मिनट भी नहीं हुए थे कि हम दोनों एक दूसरे को रोक नहीं सके. हम दोनों ने एक दूसरे को नंगा कर दिया और चूमने चाटने लगे.

खुशबू मेरे लंड को चूसने लगी. फ़िर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में उसकी गांड में अपना लंड पेलने लगा. उसे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था. वो मना करने लगी. मैंने उसे जैसे तैसे मनाया और धीरे धीरे उसकी गांड में लंड डालना चालू किया.

अभी सिर्फ मेरे लंड का टोपा ही अन्दर गया था कि वो चीखने चिल्लाने लगी और बोली- मुझे नहीं मरवाना गांड.

मैंने उसके मम्मों को पकड़ा और जोर जोर से धक्के देता चला गया. मैंने पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया

उसके मुँह से जोर से चीख निकल गई- आआआहह.. आऐईईईइ मर गई.. आआह मार डाला शिवा.. मैं मर गई.. ऊऊऊ ऊऊईईई ईईईई माँआअन्न.. मार डाला.

फिर 10-12 मिनट के बाद वो चुप हो गई और मेरा साथ देने लगी. इस तरह मैं उसकी गांड मारने लगा.

करीब 20-30 मिनट तक मैं उसकी गांड मारता रहा. फिर लंड को गांड से निकाल कर पीछे से ही चूत में लंड पेल दिया. पांच मिनट तक उसकी चुत चोदने के बाद मैंने उसकी चुत में ही पानी छोड़ दिया. दिन में 2 बजे तक मैंने उसकी गांड को 3 बार मारा.

फ़िर हम दोनों सो गए. शाम को खाना खाने बाहर चले गए. रात को 8 बजे से हम दोनों नंगे ही लेट गए और बातें करने लगे.

फ़िर कुछ देर बाद हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना चाटना शुरू कर दिया.

मैंने उस रात खुशबू को 4 बार चुत तरफ से चोदा और 2-3 बार उसकी गांड मारी. सुबह फ़िर से मेरे ऊपर चढ़ कर उसने मेरा लंड अपनी चूत के अन्दर ले लिया. लेकिन वो इतनी चुदाई के बाद ठीक से लंड अन्दर नहीं ले पा रही थी. उसे थोड़ा दर्द हो रहा था.

मैंने उसका साथ दिया और उसकी चुत पर स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए.

वो मादक सिसकारियां लेते हुए ‘स्ससीईईईई ईइस्स स्सस उफ़्फ़फ़ उफ़्फ़ क्या लंड है शिवा.. काश मैंने तुमसे शादी की होती.. उईईई माँआआन्न मार डाला शिवा.. और ज़ोर से चोदो मुझे..’

इस तरह खुशबू को चोदते चोदते मैंने रस उसकी चुत में ही डाल दिया.

हम दोनों ने साथ में नहाने के बाद आराम किया और खाना खाया.

फ़िर हम दोनों सो गए और शाम को 4 बजे हम दोनों एक दूसरे को चूमने चाटने के साथ ही फिर से चुदाई का प्रोग्राम चालू कर दिया.

खुशबू इसनी मस्त थी कि वो चुदते हुए मादक सिसकारियां ले रही थी- उफ़्फ़फ़ उफ़्फ़ क्या लंड है शिवा तुम्हारा.. दिल करता है तुमसे दिन रात चुदवाती रहूँ.

मैंने उसे शाम से लेकर सुबह तक कई बार चोदा और 3 बार उसकी गांड भी मारी.

वह बोली- आज तुमने मुझे वो मज़ा दिया है, जिसके सपने मैंने बचपन से देखे थे.. आई लव यू शिवा..

इस तरह मैं उसे 12 दिन तक चोदता रहा. उसके बाद सुनील जब भी बाहर गया हम मजा लेना शुरू कर देते.

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हैल्लो, सभी आँटियों को मेरा सलाम। Hindi Sex Stories

मेरा नाम अमित है। मैं गुजरात का हूँ। Hindi Sex Stories मेरी यह पहली कहानी है। इसलिए लिखने में अगर कोई ग़लती हो तो मुझे माफ़ करें।

तो चलिए अब कहानी पर आते हैं।

बात आज से १ साल पहले की है, जब हम सभी लोग दर्शन कर के वापस आ रहे थे। हम सभी लोग एक ट्रक में थे। नीचे गद्दे बिछाए हुए थे।

रात हो चुकी थी। बरसात का मौसम होने की वज़ह से ट्रक पूरा ढक दिया गया था। मैं सबसे पीछे लेटा हुआ था।

मेरे सामने मेरी मौसी लेटी हुईं थीं। वहाँ अँधेरा था।

मेरी मौसी बहुत मोटी है और हॉट भी।

वह विधवा है, उनके पति का देहांत १० साल पहले हो चुका था। सभी लोग सो चुके थे।

मैंने सोने के लिए जैसे ही पैर आगे किए तो मेरा पैर मौसी की झाँटों पर जा लगा।

पाँव का स्पर्श वहाँ होते ही मेरे शरीर में बिजली दौड़ गई और मेरा ७ इंच का लंड फटाक से खड़ा हो गया।

अब मैं मौसी को चोदने के बारे में सोचने लगा था।

फिर मैंने अपने पैर को और आगे बढ़ाकर अपने पाँव के अँगूठे से ही उसकी चूत को महसूस किया और दबाया।

मौसी जाग गईं।

मैं डर गया कि वो कहीं डाँटे ना, मैंने जल्दी से अपने पाँव पीछे सिकोड़ लिए।

थोड़ी देर ऐसे ही सोता रहा।

कुछ देर के बाद मैंने फिर से अपने पाँवों को उनकी चूत से लगाया तो उन्होंने कुछ नहीं कहा।

मेरी हिम्मत बढ़ी, और मैंने पाँव के अँगूठे से उनकी चूत को दबाया, उनके मुँह से सिसकारी निकल पड़ी और उन्होंने अपने पाँव और फैला दिए।

अब मैं उनके पास जाकर लेट गया और उनकी चूचियाँ ऊपर से ही दबाने लगा।

थोड़ी देर दबाने के बाद मैंने अपनी एक उँगली उनकी चूत में डाल दीं।

वह आहें भरने लगीं। तभी ट्रक में से कुछ और आवाज़ आई, तो हमने समझा कि शायद कोई और भी जाग गया है, तो मैं तो जल्दी से आँखें बन्द करके सो गया।

हम लोग जल्दी ही घर पहुँच गए।

मैंने सोच लिया था कि उन्हें अब घर में चोदना ही है। दूसरे दिन मौसी अपने घर जाने के लिए सामान बाँध रहीं थीं।

वह हमारे यहाँ से ५० किलोमीटर दूर रहतीं थीं। उन्होंने मेरी माँ को कहा कि अमित को भी साथ ले चलती हूँ। थोड़े दिन मेरे पास रहने दो, तो माँ भी राज़ी हो गईं।

मैं तो खुश हो गया था और जल्दी से अपना सामान भी बाँध लिया और मौसी के साथ चल पड़ा।

मैं आपको बता दूँ कि मौसी की दो बेटियाँ हैं। दोनों की शादी हो चुकी है, इसलिए वह अकेली ही रहतीं हैं। उनका बंगला काफी बड़ा है।

हम लोग उनके घर पहुँचे। मैं जाकर तरोताज़ा होकर बेडरूम मे आ गया और टीवी देखने लगा, मौसी किचन में खाना बनाने लगी।

थोड़ी देर के बाद मौसी की आवाज़ आई कि खाना खा लो।

हमने साथ में खाना खाया।

खाना खत्म होने के बाद मौसी ने कहा कि तुम बेडरूम में जाओ, मैं बर्तन साफ़ करने के बाद आती हूँ।

मौसी जब आईं तो वह कफ़ी सुन्दर लग रहीं थीं। उन्होंने गुलाबी रंग की नाईटी पहनी थी।

आते ही मौसी ने दरवाज़ा बन्द कर लिया और मुझे चूमने लगी।

मैं भी उन्हें चूमने लगा।

चूमते-चूमते हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े भी उतार फेंके।

अब हम दोनों पूरे नंगे थे।

मौसी मेरे लंड को देखकर हैरान थीं – शाही, तेरा तो काफी बड़ा है! तेरे मौसा जी के दो लण्डों के बराबर है।

यह कहकर उन्होंने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगीं।

चूसते-चूसते वह कभी-कभी दाँत भी गड़ा देतीं, वह पागलों की तरह चूसे जा रहीं थीं। मैंने कहा- मौसी, मौसाजी के मरने के बाद क्या तुमने कभी सेक्स नहीं किया है?

“१० साल बाद आज पहली बार मर्द का लंड ले रही हूँ” – उन्होंने बताया।

“१० साल तुमने कैसे चलाया?” – मैंने पूछा।

तो वह उठी और बिस्तर के नीचे से एक कृत्रिम लंड निकाल और कहने लगी, “यही मेरा पति है जो हर रात मुझे शांत करता था।”

अब हम दोनों 69 की मुद्रा में आ गए और एक-दूसरे को चाटने लगे। मौसी की चूत एकदम साफ थी। उसपर एक बाल भी नहीं था।

क़रीब १० मिनट चाटने के बाद मौसी को मैंने सीधा करके मैं उनके ऊपर आ गया और उनकी चूत पर अपना लंड रख कर रगड़ने लगा।

मौसी शशश्सस्सस्सससस… सिसकारियाँ भरने लगीं और कहने लगी, शाही अब रहा नहीं जाता… जल्दी डाल दे और मेरी चूत फाड़ दे।

मैंने अपना लंड मौसी की चूत में पेल दिया, और चोदने लगा।

लगभग ५ मिनट चोदने के बाद वह झड़ गईं।

फिर मैंने उन्हें कुतिया की मुद्रा में आने को कहा और उनकी गाँड दबाने लगा। उन्होंने कहा, “चूत में ही डालो ना!”

मौसी मैं तो गाँड ही मारूँगा” – मैंने कहा।

“ऐसा तो तेरे मौसा ने भी कभी नहीं किया। बहुत दर्द होगा।”

“मौसी मैं आराम से डालूँगा।” – यह कहकर मैंने अपने लंड के सुपाड़े को उनकी गाँड की छेद पर रखकर एक झटका मारा तो मौसी चिल्लाने लगी और कहने लगी, “बाहर निकाल…”

पर मैं कहाँ निकालने वाला था। दर्द की वज़ह से मौसी की आँखों से आँसू आ रहे थे। मैं थोड़ी देर रुक गया और आहिस्ता-आहिस्ता झटके देने लगा।

जब उनका दर्द कम हुआ तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी। थोड़ी ही देर बाद मैं झड़ गया और बगल में आकर लेट गया।

उस रात मौसी को मैंने ५ बार चोदा और १५ दिनों तक वहीं रहकर उनकी जमकर चुदाई करता रहा।

कई बार हमने ब्लू-फिल्में देखते हुए भी चुदाई का आनन्द उठाया। फिर मैं घर वापस आ गया।

मगर फिर भी जब भी मौका मिलता है, मैं उनके घर जाकर ज़बर्दस्त चुदाई कर आता हूँ।

तो दोस्तों, आपको मेरी पहली कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताएँ Hindi Sex Stories

मेरा नाम हेमन्त है, मैं दिल्ली से हूँ। मैंने वासना स्टोरीस पर काफी सारी कहानियाँ पढ़ी हैं, जिनमें से कुछ ही मुझे सच लगीं, बाकी नहीं। इसलिए आज में आपको अपनी बिल्कुल सच्ची कहानी बताना चाहता हूँ।

मैं एमए कर रहा था पर मैं इकोनोमिक्स की कोचिंग के लिये जाता था। हमारे बैच में 13 लड़के और 5 लड़कियाँ थीं। उसमें से एक लड़की का नाम निहारिका था। मुझे वो बहुत ही सेक्सी लगती थी।

वो रामजस कॉलेज में पढ़ती थी। उसकी हाइट 5 फ़ुट 6 इंच थी, गोरा रंग, टाइट-फिट जींस, टी-शर्ट डाल कर क्या क़यामत लगती थी !

मेरे कोचिंग में 4 लड़कों का ग्रुप था, जो थोड़े हरामी टाइप के थे, लड़कियों का पीछा करना, उनको छेड़ना, ये सब उनके शगल थे। उन्होंने एक-दो बार निहारिका का भी पीछा किया था और उसके बारे में अश्लील बातें करते थे। निहारिका इन लड़कों से काफी दु:खी थी, क्यूंकि उसे पता था कि ये लड़के उसका पीछा करते हैं।

मैं अपने काम से काम रखता था और हमेशा लड़कियों के साथ दोस्ताना रवैया रखता था, इसलिए निहारिका भी मुझसे बातें करने में कभी हिचकिचाती नहीं थी।

धीरे-धीरे हम काफी अन्तरंग मित्र बन चुके थे।
निहारिका मुझे पसंद करने लगी थी और मुझे तो वो शुरू से ही बहुत पसंद थी। वो कभी-कभी कॉलेज ‘बंक’ कर लेती थी और मुझे फ़ोन करके बुला लेती थी, फिर हम साथ खाना खाते, कभी मूवी देखते।

एक बार हम लोग मूवी देखने गए, पिक्चर हॉल में मैंने पहली बार उसके मम्मे को छुआ और वह पहले ही फिल्म के सेक्सी सीन देख कर गर्म थी और मेरे छूने से वो और भी गरम हो गई थी।

वो सिसिकारियाँ भर रही थी- ऊऊह्ह आःह्ह !

मैंने उसकी पैन्टी में हाथ डाला और उसकी चूत में अपनी उंगली डाली, पर हॉल में चुदाई का प्रोग्राम बन नहीं सकता था और निहारिका का भी मूड चुदने का था।

उसने कहा- कहीं रूम का जुगाड़ करो।

फिर मैं उसको चोदने के लिए जगह का इंतजाम करने की सोचने लगा।

वो कहते है ना… बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा !

मेरे पापा प्रोपर्टी डीलर हैं। उनके दो ऑफिस हैं, एक दिल्ली में और दूसरा गुड़गाँव में, तो उनको वहाँ भी जाना पड़ता है।

जो दिल्ली वाला ऑफिस है वो घर से लगभग एक किलोमीटर दूर है। यहाँ ऑफिस के ऊपर गेस्ट-रूम बना है। मेरे पापा हफ्ते में 3-4 बार जरूर गुड़गाँव जाते हैं।

तो एक-दो दिन बाद ही मैंने सोचा कि निहारिका को यहाँ बुला कर उसके साथ मजे किये जाएँ।

हम कोचिंग गए और वहाँ मैंने उसको यह कहा- पापा एक-दो दिन में गुड़गाँव जायेंगे, तो तुम मेरे ऑफिस पर आ जाना।

मैंने उसको अपने ऑफिस का पता बताया और एक विजिटिंग कार्ड दे दिया। वहाँ पर एक ‘छोटू’ काम करता है, जो ऑफिस की साफ़-सफाई वगैरह करता है। वो मेरा चेला है, मुझे पता था कि वो किसी को कुछ नहीं कहेगा।

अगले दिन मैं ऐसे ही बैठने ऑफिस गया, तो पापा ने कहा- मैं मानेसर जा रहा हूँ, रात 9-10 बजे तक आऊँगा, अपनी मम्मी को कह देना।

उस दिन किस्मत मेरा साथ दे रही थी, मेरा कोचिंग वीकली 3 दिन का होता है, सो आज छुट्टी थी।

मतलब जैकपॉट !

मैंने निहारिका को मैसेज किया कि तुम मेरे ऑफिस आ जाओ। वो ऑटो लेकर आई। आज निहारिका कैपरी और टॉप पहन कर आई थी। उसकी टाँगें एकदम चिकनी थी। मैंने ऑटो वाले को पैसे दिए और निहारिका को ऊपर गेस्ट रूम में लेकर गया।

और मैंने छोटू को कहा- कोई आए तो ऊपर आने मत दियो।

उसने कहा- ठीक है भैया जी।

मैंने निहारिका से कुछ खाने को पूछा, तो उसने मना कर दिया।

उसने कहा- मुझे एक घन्टे में घर वापस जाना है।

मैंने कमरा बंद किया और एसी ऑन कर दिया और फिर निहारिका बेड पर लेट गई, मैं भी उसके बगल में लेट गया।

मैंने निहारिका का हाथ पकड़ा और कहा- आज तुम बहुत हॉट लग रही हो मेरी जान।

वो शरमा गई, फिर मैंने अपना हाथ उसके जिस्म पर फेरने लगा ताकि निहारिका को मज़ा आए। मैं निहारिका को पूरी तरह संतुष्ट करना चाहता था।

मैं बहुत प्यार से उसके जिस्म पर अपने हाथ फेर रहा था, जिससे उसको काफी अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर बाद मैं उसके मम्मे चूसने लगा। उसके मम्मे बहुत ही मुलायम थे, जी कर रहा था कि खा जाऊँ।

फिर मैंने उसकी कैपरी उतारी और उसको पूरी नंगी कर दिया। उसको नंगी करते ही मेरे मुँह से निकला- ओह माय गॉड !

वो एकदम जानलेवा थी। उसका जिस्म बहुत ही आकर्षक था और उसके पूरे जिस्म पर कोई बाल भी नहीं था। फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और मैं उसके ऊपर आ गया। फिर मैं उसके अधरों का चुम्बन लेने लगा।

हमने 3-4 मिनट तक एक दूसरे के होंठों को चूमा। फिर मैं उसके पूरे जिस्म को चूमने लगा। उसके गालों को, उसकी गर्दन को, उसके पेट पर, जिससे उसको चुदाई का पूरा मजा मिले।

मैंने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि निहारिका को कहीं यह ना लगे की उसको मजा नहीं आ रहा है।

फिर मैंने उसकी चूत में उंगली की और उसकी चूत को ऐसे रगड़ने लगा जैसे कोई मटकी से घी निकालता है। थोड़ी देर बाद उसकी चूत काफी गीली हो चुकी थी और निहारिका बड़ी मादक आवाज में कह रही थी- मेरी जान… फाड़ दो इस चूत को !

मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाया। शुरू में उससे थोड़ा सा दर्द हुआ, पर मैंने 4-5 झटके मारे तो उसको और दर्द होने लगा।

मैं थोड़ी देर के लिए रुका और कहा- यह थोड़ी देर का दर्द है बस, इसके बाद बस मजा ही मजा है।

फिर मैंने धीरे-धीरे फिर झटके मारने शुरू किये। दो-तीन मिनट में उसका दर्द कम होने लगा और थोड़ी देर बाद निहारिका अपनी कमर को उठा कर झटके देने लगी। मैं समझ गया गया कि अब निहारिका को मजा आ रहा है।

फिर मैंने तेज झटके लगाने शुरू किये 4-5 मिनट में मैं झड़ गया, क्यूंकि यह मेरी पहली चुदाई थी और चुदाई की चुल्ल अधिक होने की वजह से मैं जल्दी झड़ गया।

इसके बाद मेरा लण्ड ढीला पड़ गया। मैं बाथरूम गया और अपना लण्ड साफ़ किया और निहारिका चादर ओढ़ कर टीवी देखने लगी।

मेरा लण्ड ढीला पड़ गया था लेकिन मन नहीं भरा था। मैंने निहारिका को बाथरूम में बुलाया और उसको मेरे लण्ड पर तेल लगाने को कहा।

जैसे ही निहारिका ने मेरे लण्ड पर तेल लगाना शुरू किया, मेरे लण्ड में जान आनी शुरू हो गई और वो पहले के मुकाबले ज्यादा सख्त हो गया। थोड़ी देर तेल लगाने के बाद निहारिका मेरे लण्ड को चूसने लगी। उसके 5 मिनट चूसने के बाद मैं बहुत गर्म हो गया।

मैंने निहारिका को उठाया और बेड पर ले गया। फिर मैंने उसको घोड़ी बनाकर उसकी चूत मारने लगा। मैंने उसकी 2-3 पोज से चुदाई की। इस बार मैंने निहारिका की लगातार 15 मिनट तक चुदाई की और फिर मैं दूसरी बार झड़ गया। निहारिका भी इस बार की चुदाई से काफी खुश थी।

मैंने निहारिका को ऑफिस पर आने के लिए ‘थैंक्स’ कहा और उसने मुझे जबाब में कहा- इट्स माय प्लेजर !

फिर हमने अपने कपड़े पहने और मैंने पिज्जा आर्डर किये और साथ बैठकर खाए। पिज्जा खाने के बाद मैंने निहारिका को चुम्बन किया। फिर मैंने उसके लिए ऑटो मंगाया और उसको ‘बाय’ कहा।

तो दोस्तो, यह मेरी पहली चुदाई थी

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