Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Gandhi Nagar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Gandhi Nagar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Gandhi Nagar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Gandhi Nagar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Gandhi Nagar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Gandhi Nagar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Gandhi Nagar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Gandhi Nagar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Gandhi Nagar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Gandhi Nagar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Gandhi Nagar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Gandhi Nagar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

मेरी साली की चुदाई की हिंदी सेक्सी स्टोरी है सर्दियों की! Sex Stories

मैं, मेरी बीवी और मेरा छोटा Sex Stories सा करीम पाँच साल का, हम तीन लोग हमारे घर में, घर कानपुर के तल्सोयी मोहल्ले में और उसी मोहल्ले में मेरी सालीजान निकाह कर आई। अब साली और बीवी दोनों अच्छी तरह कभी उसके घर कभी हमारे घर गपशप करतीं। हाँ, मैं भी कभी कभार बात कर लिया करता!

एक दिन साली ‘फरेज़’ आई, उस समय मैं अकेला घर पर था, बीवी ‘तारेज़’ बच्चे को स्कूल ले गई थी।

फरेज़ ने मुझसे बोला- जीजू, ये चार दिनों के लिए बाहर जा रहें हैं, मैं यहाँ रह सकती हूँ क्या?

मेरे मन में कुछ भी ख़राब नहीं था, मैंने कह दिया- तेरा घर है! बस गैस की टंकी और सब्जी-भाजी का खर्चा तेरे मियाँ से ले लूँगा या वो मुझे एक दिन ‘ग्रीन लेबल’ पिला दे!

तो फरेज़ बोली- वो तो दारू-शारू छूते भी नहीं हैं! मुझसे ही ले लेना आप!

और मुँह बना कर घर के अन्दर आ गई।

मैं फिर अपने काम में लग गया, तारेज़ आई, उसे सब बताया गया।
उसने मुझसे पूछा- क्यों जी! मेरी बहन से तुम दारु पीना चाहते हो या कोई और इरादा है?
मैंने कहा- क्या फ़िज़ूल की बात करती हो? तुझे मालूम है मैं इन बातों से दूर रहता हूँ!

मेरी बीवी यह सोचती थी कि मैं उसके साथ कुछ ज्यादा करता नहीं हूँ तो मैं वो हूँ! पर बात ऐसी है कि मेरी बीवी को मैं कितना भी करूँ, मुझे कोई मजा ही नहीं आता।

दूसरे ही दिन से मेरी परीक्षा चालू हो गई जिसमें मेरा पास होना जरूरी था।

मैं सब समझ गया था!

हुआ यूँ ..

तारेज़ रोज़ की तरह हमारे छत वाले बिना कुण्डी के बाथरूम में नहा रही थी, तभी फरेज़ मेरे पास बोली- जीजू, मेरे लिए शम्पू लेकर आओ, मुझे नहाना है।

मैंने कहा- तू कहाँ नहाएगी? अभी तेरी जीजी तो नहा ले!

उसने कहा- मैं आपके बाथरूम में नहा लूंगी!

मैंने कहा- उसमें तो दरवाजा नहीं है! सिर्फ परदे से काम चलाना पड़ेगा!

उसने कहा- आप तो बस शैम्पू ले आओ!

मेरा क्या! मैं शैम्पू लेने नीचे दुकान पर गया, शैम्पू ख़रीदा और लौट कर देखा कि मेरी साली फरेज़ तो पर्दा लगाकर नहाने लगी थी। अंदर बल्ब जलने के कारण उसका छरहरा बदन साफ दिख रहा था। उसने सब कुछ उतार दिया था।
मेरी इच्छा हुई कि अंदर चला जाऊँ क्योंकि पिछले तीन महीनों से कुछ भी नहीं किया था। पर मैं सिर्फ देखता रहा।

थोड़ी देर में मैंने कहा- फरेज़, मैं शैम्पू ले आया हूँ! तुम्हें चाहिए क्या?
फरेज़ बोली- जीजू, अंदर फेंक दो!

मैंने अंदर फेंका पर बाथरूम की रेक पर जा गिरा।
फरेज़ बोली- जीजू अब क्या करूँ? वो तो ऊपर चला गया है! एक काम करो आप उसे उतार दो!

मैं इसी बात का इंतज़ार तो कर रहा था, मैं अंदर गया और बिना कुछ देखे मैंने शैम्पू उतार दिया और जब मैं शैम्पू उसके हाथ में रख रहा था तो उसने सिर्फ एक तौलिया लपेटा था ऊपर से नीचे तक!

मैंने कहा- तू तो बहुत सुंदर दिखती है अंदर से! तेरे मियाँ को तो बहुत मजा आता होगा!
उसने शरमा कर कहा- कहाँ! उनके पास मुझे देखने का समय नहीं है!
मैंने कहा- तो मेरे पास समय है ना! मैं पूरा देख सकता हूँ!

फ़रेज़ शरमा गई और मुझे बाहर धक्का दे दिया। मेरा सामान बहुत दिनों बाद एकदम कड़क हो गया था, अब मेरे पास मुठ मारने के अलावा कोई हल नहीं था।

रात को तारेज़, फरेज़ एक ही बिस्तर में सोई और मैं और बच्चा एक बिस्तर में!

मुझे नींद नहीं आ रही थी, मेरी बीवी बहुत गहरी नींद सोती है, उसके सोते समय मैंने उसे कई बार चोदा है, उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता था। मैंने सोच लिया कि फरेज़ को चोदूँगा।

मैंने धीरे से तारेज़ को उठाने की कोशिश की, मैंने कहा- करीम बार बार उठ रहा है! तू उसके पास सो जा!

तारेज़ नींद में उठ कर करीम के पास आकर सो गई और खुर्राटे मारने लगी। एक नशे की दवा मैंने एक कपड़े में मसल के फरेज़ को सुंघा दी और मैं बेफिक्र हो गया। मैंने फरेज़ को बाँहों में भरा और हाथों से उठा कर छत पर ले गया। वहाँ उसके पूरे कपड़े उतार कर देखा!
दूध तो माशा! अपने मुँह से इतने पिए कि दोनों दूध लाल हो गये, कमर चूसी, इतनी चूसी कि दांत के निशान बन गए और अपने साढ़े सात इन्च के लण्ड को उसकी गुलाबी चूत में डाल दिया।
तब फरेज़ ने थोड़ी उम-अहा की। पर उसे कहाँ पता चलने वाला था! आधे घंटे तक चोदने के बाद मैंने उसे जैसे के तैसे कपड़े पहना कर जहाँ के तहाँ सुला दिया और मैं अपनी संतुष्टि की नींद छत पर लेता रहा।

सुबह मैंने देखा कि फरेज़ जब उठी तो उसका रवैया बदला नहीं पर मेरी तरफ देखकर हंसी।
मैंने उससे पूछा- कैसी तबीयत है? कैसा लग रहा है?
उसने कहा- जीजू मेरी तबियत को क्या हुआ! और हाँ जीजू! ये परसों आ जायेंगे!

कह कर चली गई।

मैंने बिल्कुल पिछली रात की तरह तीनों रात किया।

चौथे दिन तारेज़ ने सुबह मुझसे बोला- साहब, करीम तो रोज़ अच्छा सोता है, तुम मुझे उठाते हो! मैं समझती नहीं हूँ क्या?

कल रात मैंने सब देख लिया- तुम फरेज़ को नशा देकर चोदते हो! अरे मुझसे बोल देते! मैं बिना नशे के चुदवा देती! कोई बात नहीं! फ़रेज़ को भी पता है!

कह कर फरेज़ के मियाँ के आ जाने पर वो अपने घर चली गई और तारेज़ उस दिन से रोज और फ़रेज़ भी कभी-कभी मुझसे चुदवाने लगी। Sex Stories

Sex Stories

मैं राकेश, राजस्थान से, एक Sex Stories अच्छे व्यक्तित्व वाला और अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ। मैं आप को एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ।

मेरा एक दोस्त है राहुल। राहुल और मैं साथ साथ पढ़े लिखे, मगर राहुल की शादी मुझसे पहले हो गई। राहुल एक पायलट है। उसकी शादी शिमला की निधि नाम की लड़की से हुई थी। वो जब भी बाहर जाता मुझे हमेशा कह कर जाता कि निधि का ख्याल रखना। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।

एक दिन मैं भाभी के घर गया, दरवाज़ा बन्द था, मैंने बेल बजाई मगर कुछ देर तक कोई नहीं आया। कुछ देर बाद राहुल की 3 साल की बेटी ने दरवाज़ा खोला।
मैंने उससे पूछा- मम्मी कहाँ है?
तो वो बोली- मम्मी अपने कमरे में काम कर रही हैं, मैं उसके कमरे की तरफ़ गया, मुझे वहाँ कोई नहीं दिखाई दिया। मैं वापिस आ रहा था कि इतने में मुझे बाथरूम से कुछ आवाज़ आई- आ ऽऽऽआआ आआआऽऽऽ ऊऊऊमम्म म्मम्म!

मुझे आवाज़ अजीब सी लगी और मैं बाहर चला आया। कुछ देर बाद भाभी बाथरूम से बाहर निकली बिना कपड़ों के पूरी नंगी। उनको नंगा देख कर मेरा लण्ड जो कि 8 इन्च का है खड़ा हो गया। भाभी जल्दी से बाथरूम की तरफ़ भाग गई और तौलिया लपेट कर बाहर आई। मुझे काफ़ी डर लग रहा था कि भाभी मुझ पर चिल्लाएंगी। मगर भाभी मेरे पास आई और मुझसे कहने लगी- राकेश तुम कब आये?
मैं उनकी बातें समझ नहीं पा रहा था। मैंने भाभी से कहा- मैं चलता हूँ, फ़िर आऊँगा।

मैं घर पहुँचा मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मुझे सारा दिन सारी रात भाभी का वही नंगा बदन याद आ रहा था। बार बार मेरा लौड़ा खड़ा हुए जा रहा था। मैंने उसे एक हसीन सपना समझकर भूलने की काफ़ी कोशिश की मगर भूल नहीं पा रहा था।

लेकिन एक दिन अचानक मेरे सेल पे भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे घर आने को कहा। मुझे लगा कि शायद भाभी को कोई काम होगा इसलिये बुलाया है, मैं घर पहुँचा, मैंने दरवाज़े पर घण्टी बजाई, भाभी ने गेट खोला और मुझे अंदर आने को कहा। मैंने भाभी से पूछा कि श्वेता कहाँ है?
तो वो बोली- अपनी सहेली के घर गई है।
उन्होंने मुझे अपने कमरे में आने को कहा और मैं उनके पीछे चला गया।

मैंने वहाँ एक 18-19 साल की लड़की को देखा। मैंने भाभी से पूछा- यह कौन है?
तो भाभी बोली- ये मेरे मामा की लड़की है, कल ही शिमला से आई है। उसका नाम रानी है।
मैंने भाभी से पूछा- भाभी! कुछ काम था जो आपने मुझे याद किया?
तो भाभी बोली- क्या काम होगा, तभी बुला सकती हूँ क्या?

मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि भाभी क्या चाहती हैं मुझसे। फिर मैं रानी से बातें करने लगा और धीरे धीरे वहो मेरे करीब आने लगी । उसने मेरे लण्ड पे हाथ रखा मेरा, लण्ड खड़ा हो गया। मैं बेकाबू हो गया, मैंने उसे पकड़ लिया और उसके होंठ चूमने लगा। मुझे कुछ ख्याल नहीं था कि मैं कहाँ और किसके घर में हूँ।

मुझमें और जोश आने लगा, मैं उसके स्तन जो कि काफ़ी छोटे और नरम थे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा। वो मुझसे कहने लगी- धीरे करो राकेश!

मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मेरा लण्ड बहुत तड़प रहा था। मैंने उसके कपड़े उतारने शुरु किए और सारे कपड़े उतार दिये। उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिये, बस अण्डरवीयर उतरना बाकी था।

उसमें भी काफ़ी जोश आ चु्का था, उसने मेरा अण्डरवीयर फ़ाड़ दिया और कहने लगी- जल्दी डालो राकेश जल्दी डालो! मुझसे रहा नहीं जा रहा!

मैंने उसकी छोटी सी चूत में अपना लण्ड डाला, वो ज़ोर से चिल्लाई- राकेश! आऽऽऽऽ आआ आअह्ह ह्हह बाहर निकालो!

इतने मैं भाभी आ गई और उन्होंने हम दोनों को नंगा देखा तो उनमें भी जोश आ गया और वो भी अपने कपड़े उतारने लगी। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो रहा है।

फिर उन्होंने मुझे अपने बेड पे धकेल दिया और मेरे ऊपर रानी को बैठाया और कहने लगी- अपना लण्ड इसकी चूत में डालो! मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में डाला। वो फिर ज़ोर से चिल्लाई- आआऽऽऽ ह्हह्ह ह्हह…! राकेश धीरे!

मुझसे अब नहीं रहा जा रहा था, मैंने ज़ोर ज़ोर से चूत मारना शुरु कर दिया।

वो चिल्लाने लगी- आआआअ… ह्हह् ह्ह…ई… ऊउ… हाय रे…!
मैं और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा। 10-12 शॉट के बाद मेरा माल निकल गया और उसकी चूत में से खून निकलने लगा, वो डर गई मगर भाभी ने कहा- कुछ नहीं पहली बार ऐसा ही होता है।

उसके बाद मैं अपने कपड़े पहन ही रहा था कि भाभी मुझसे कहने लगी- नहीं राकेश! रुको! अभी मैं बाकी हूँ!
मैं उस दिन काफ़ी जोश में था। अब भाभी मेरे ऊपर थी और मैं उनके होंठों पे किस कर रहा था। मुझमें काफ़ी जोश आ रहा था। वो मेरे लण्ड को चूसने लगी।

आआआआ… ह्हह्ह ह्हह… ओ… ह… ह्ह्हह्ह हह्हह्ह… प…पप्पप्पु… स्सस स्सस्स… ह्हह्ह ह्हह।
मुझे काफ़ी मजा आ रहा था। उन्होंने मुझमें और जोश ला दिया। फिर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत में डाल दिया।
वो कहने लगी- राकेश तुम में काफ़ी जोश है! मेरी प्यास बुझा दो।

मेरे दिलो-दिमाग पे भाभी छा रही थी, मैं भी बेकाबू हो गया था। मैं शॉट मारने लगा।
भाभी आआआआ आआअ…न… इ…स…ए… जी…तु… कहने लगी।

मैं और ज़ोर ज़ोर से शॉट मारने लगा। उन्हें काफ़ी मजा आ रहा था। वो कम ओन राकेश…कम ओन राकेश…डू इट! कह रहि थी और मैं पूरे जोश से शॉट मार रहा था, लेकिन इस बार मेरा माल बाहर नहीं आ रहा था। मैं और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा।
भाभी आआ…ह… ह्हह्ह… ऊऊऊओ… स…सओ… म…ए… राकेश! कहे जा रही थी।

15 बार शॉट मारने के बाद मेरा माल निकल गया और फिर कुछ देर के लिये मैं उनसे लिपट गया। उसके बाद मैंने कपड़े पहने और भाभी से कहा- मैं अब घर जा रहा हूँ!
भाभी कहने लगी- राकेश आते रहना!
और उसके बाद हमारा सिलसिला ऐसा ही चलता रहा।

लेकिन एक दिन राहुल का तबादला दिल्ली हो गया और हम दोनों जुदा हो गये।
मुझे आज भी भाभी की याद सताती रहती है और साथ साथ रानी कि भी जो शिमला वापिस चली गई।
मुझे आज भी किसी भाभी का या किसी रानी का इन्तज़ार है!

आपको मेरी कहानी कैसी लगी?
आपका यह दोस्त राकेश फिर एक कहानी लेकर आपके सामने जल्द ही हाज़िर होगा! Sex Stories

हाय दोस्तों Antarvasna

आज मैं आप के लिये कोई कहानी नहीं लाया Antarvasna लेकिन मैं आपसे केवल २ बातें करने आया हूं।और ये दो बातें केवल लड़कियों के लिये हैं।

तो लेडीज़—गौर फ़रमायें।

आप या तो कुंवारी होंगी या फ़िर शादी शुदा

शादीशुदा हो तो ठीक है, कुंवारी होंगी तो २ बातें होंगी,

या तो आप शादी करेंगी या नहीं।

शादी नहीं कि तो ठीक लेकिन अगर की तो २ बातें होंगी,

या तो आपका पति ठरकी होगा या नहीं

ठरकी हुआ तो आपको चुदाई का मज़ा आयेगा लेकिन अगर ठरकी नहीं हुआ तो २ बातें होंगी

या तो आप एक ही बिस्तर पे सोयेंगे या अलग – अलग,

अलग से सोने का तो सवाल ही नहीं उठता और अगर एक ही बिस्तर पे होंगे तो २ बातें होंगी।

या तो आप बिना चुदे ही सो जायेंगी, फ़िर पति को गालियां देंगी।

बिना चुदे तो नींद आयेगी नहीं और अगर मन में पति को गालियां देंगी तो २ बातें होंगी।

या तो आप अपने पति को छोड़ने की सोचेंगी या फ़िर किसी और से अपनी चूत मरवाने की।

एक साल से पहले तो तालाक तो होगा नहीं और अगर किसी और से चुदवाना हो तो २ बातें होंगी।

या तो आप अपने किसी पुराने यार से चुदवायेंगी या किसी और से।

किसी और को तो ढूंढना पड़ेगा लेकिन अगर यार से चुदवाना होगा तो २ बातें होंगी।

या तो उसकी शादी हो गयी होगी या नहीं,

कुंवारा होगा तो ठीक लेकिन अगर शादी शुदा होगा तो २ बातें होंगी।

या तो वो आपको चोदेगा या नहीं।

चोद देगा तो आप खुश लेकिन अगर नहीं चोदेगा तो २ बातें होंगी।

आपको या तो अपनी जवानी ऐसे ही गुज़ारनी होगी या फ़िर किसी को ढूंढना होगा जो आपको चोद सके।

ऐसे जवानी बिताना मुश्किल है अगर किसी को ढूंढना हो तो २ बातें होंगी।

या तो वो आपको चोद के खुश कर पायेगा या नहीं।

खुश किया तो ठीक लेकिन अगर खुश नहीं किया तो २ बातें होंगी।

या तो आप को वो जैसा भी चोदे खुश रहना होगा या फ़िर किसी दूसरे के लंड को ट्राई करना होगा।

उससे चुदवा के ही खुश रहना है तो पति के लंड में क्या बुराई है,

लेकिन अगर दूसरा लंड ट्राई किया तो २ बातें होंगी।

या तो दूसरा लंड मस्त होगा या फ़िस,

मस्त हुआ इसकी क्या गारंटी लेकिन अगर फ़िस हुआ तो फ़िर एक और लंड ढूंढो।

अरे तो मेरी बात आपकी समझ में क्यों नही आती है——–

बार बार लंड ढूंढ रही हो और हर एक लंड फ़िसड्डी निकल रहे हैं। दुनिया से कितना चुदवाओगी। Antarvasna

Antarvasna

अन्तर्वासना/Antarvasna के पाठकों को मेरा प्यार भरा सलाम। मैं नियमित रूप से सारी कहानियां पढ़ती हूँ और बस यही कहूँगी कि मुझे बड़ा मज़ा आता है।

अब मेरे बारे में : मैं तेईस साल की लड़की हूँ, शादीशुदा हूँ और पति भी ठीक ठाक ही है। मेरा रंग सांवला है और मेरी गोलाईयाँ और गहराईयाँ काफी अच्छी हैं। मेरी शादी अभी छः महीने पहले ही हुई है।

मुझे चुदने में बहुत मज़ा आता है, खासकर के जब मैं कुतिया बन कर चुदती हूँ। यह सब मैंने फिल्मों में ही देखा है लेकिन अजय (मेरा पति) यह सब कर नहीं पाता। मुझे लंड चूसना भी बहुत अच्छा लगता है। लेकिन अजय का लंड चूंकि छोटा है मेरे गले तक नहीं जाता। मेरी भी इच्छा है कि ब्लू फिल्मों कि लौंडियों की तरह चुदूँ- खूब गले तक लंड चूसूँ। लेकिन चूंकि अजय का लंड सिर्फ पांच इंच का है मुझे उनसे यह सौभाग्य नहीं मिल पाया।

मगर एक दिन ऊपर वाले ने मेरी सुन ली। मेरे पड़ोस में एक शादी थी। उस शादी में एक बंदा आया था। था तो वो मेरे पापा का दोस्त लेकिन पापा जितने उम्र का नहीं था। चालीस से थोड़ा ही ऊपर का होगा। पता नहीं क्यों वो मुझ पर लट्टू हो गया। हालांकि उम्र में मुझसे काफी बड़ा था लेकिन बार बार वो मुझे ही देखे जा रहा था। परिचय हुआ। उनका नाम शीशपाल था। लोग उन्हें शिशु कहकर बुलाते थे। उन्होंने घर के सारे शादी वाले काम मेरे साथ किये। हम काफी करीब आ गए। एक बार हम एक फूलों की डलिया लेने ऊपर वाले कमरे में गए। वहाँ उन्होंने मुझे भींच लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मुझे भी काफी मज़ा आया। मैंने भी उन्हें जकड़ लिया। तभी मेरे पति ने आवाज़ लगाई। मैं दौड़कर नीचे चली गई।

शादी हो गई- मैं वापस दिल्ली और वो जनाब पूना। कुछ ही दिनों में मेरी बहन के पति का ट्रान्सफर पूना हो गया। मेरी बहन गर्भवती हो गई और मायके नहीं आ पा रही थी। माँ ने मुझसे पूछा। मैं तैयार हो गई। मेरे पति ने भी इजाज़त दे दी क्योंकि वे भी अपने ऑफिस की तरफ से चार महीनों के लिए लन्दन जा रहे थे। और इसी तरह एक हफ्ते में मैं पूना पहुँच गई। और पूना के पहुँचते ही तीसरे दिन पापा का फोन आया कि शिशु पूना आ रहा है किसी काम से। कुछ सामान भेज रहा हूँ। मैं तो बस लट्टू हो गई उनसे मिलने के लिए।

शिशु जी एक सुबह साढ़े दस बजे के आसपास आये। चूंकि मेरी बहन और जीजू को एक कार्यक्रम में जाना था सो वो दोनों चले गए और मैं रह गई शिशुजी का इन्तजार करते। शिशुजी ने आते ही मुझ पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी। फिर वे आकर सोफे पर बैठ गए और मैं उनकी गोद में। उन्होंने मुझे खूब दबाया, नोंचा, चूमा, चाटा, मैं सब कुछ करवा रही थी।

फिर मैंने उनसे कहा- मैं दस मिनट में नहा कर आती हूँ।

उन्होने कहा- मैं नहला दूं?

मेरा मन तो खुश हो गया। मैंने बोला- ना, मैं अभी आती हूँ।

मैं बाथरूम में घुस गई बिना कुण्डी लगाए !

मैं नंगी शावर के नीचे खड़ी हो गई। अपने जिस्म में खूब साबुन लगाया और पूरा जिस्म में मैं हाथ फेर रही थी। इतने में दो मज़बूत हाथ मेरे हाथों के नीचे से आये और मेरे मम्मों को मसलने लगे। मैं एकदम से चौंकी और देखा तो शिशु मेरे पीछे खड़े थे। उनका कड़क लंड मेरी कमर को मार रहा था। धीरे धीरे उन्होंने मेरे गालों को चूमना शुरू किया और एक हाथ मेरी चूत पर रखकर वहाँ साबुन लगाने लगे। मेरे झांटों पर इतना साबुन लग गया कि उनका पूरा हाथ उसमें समाने लगा। मैं तो उनके हाथ लगते ही झड़ गई। मैं इनकी तरफ मुड़ी और पहली बार मैंने इनका लंड देखा। बाप रे बाप ! लंड था या एक लोहे की छड़। मैंने लंड को पकड़ा और फिर मैं इनको देखने लगी।

शिशु बोले – लवीना खूब खेलो मेरे लंड से मेरी जान।

वे मेरे मम्मों को चूसने लगे। मैं हिल सी गई। फिर उन्होंने मेरे गीले जिस्म पर अपना हाथ फेरना शुरू किया और चूत में अपनी एक ऊँगली घुसेड़ दी। मेरा हाथ यकायक उनके लंड को मसलने लगा। मैं कह नहीं सकती कि उस समय मुझे क्या हो रहा था। मैं घुटनों के बल बैठी और मैंने उनका लंड चूसना शुरू किया।

उन्होंने भी मेरा सर पकड़कर मुझे मेरे लंड पर धक्के मारना शुरु किया। क्या लंड था- खूब मोटा और लम्बा। जब भी मेरे गले से टकराता मेरी साँसें रुक सी जाती थी।

इतने में शिशु बोले- हाँ लवीना ! चूस बेबी चूस ! और चूस ! और चूस।

इतने में एक धमाका सा हुआ और मेरा पूरा मुँह उनके माल से भर गया। एक गटक में मैंने सब अपने अन्दर ले लिया। पूरा होने के बाद भी मैं लंड को चूसती रही। इतने में उन्होंने मेरे सर को अपने लंड से अलग किया। एक बात तो कहूँगी। इनका लटका हुआ लंड भी अजय के लंड से कहीं ज्यादा मोटा और कहीं ज्यादा लम्बा है।

हम फिर शावर के नीचे खड़े हो गए। मैंने अपनी चूत को और इनके लंड को खूब साबुन से धोया और अगले पड़ाव की तैयारी में लग गए। हम दोनों एक ही तौलिये में बाहर आ गए।

बाहर निकलकर शिशु बोले- लवीना, तुम्हारे पापा ने कुछ सामान भेजा है और तुम्हें ढेर सारा प्यार। अभी प्यार कर लूं, सामान बाद में देख लेना।

उन्होने मुझे पलंग पर लेटाया और मेरी चूत को निहारने लगे। उन्होंने मेरी जाँघों को खूब सहलाया और मेरी झांटों में अपनी उंगलियाँ फिराने लगे। मेरी चूत को इन्होंने नोचा और उसके दोनों होंट अलग किये।

फिर मुझसे बोले- चुदेगी लवीना? मेरा लंड लेगी अपनी इस कोमल सी चूत में?

मैं तो कब से बेकरार थी कि शिशु जी मेरी चूत को फाड़ें। उन्होने फिर झुककर मेरी चूत को चूमा और फिर अपना मुँह मेरी झांटों में घुसेड़ दिया। थोड़ी ही देर में उनकी लपलपाती जीभ मेरी चूत के अन्दर घूमने लगी। मैं तो बस उछलती रही और उनका सर पकड़कर और अन्दर करती रही। शिशु जी ने मुझे ऐसे पांच मिनट तक चाटा और मैं झड़ गई। मैं तो इसी से ही थक गई। लेकिन अभी तो सफ़र की शुरूआत थी।

फिर वे घुटनों के बल बैठे और मेरी दोनों टांगों को अलग किया। अपना लंड मेरी झांटों में खूब फिराया और एक झटके से टोप अन्दर डाला। मैं चीख उठी। और दो झटकों में उनका दस इंच का लंड मेरी चूत का ध्वंस करता रहा। मैं बस करो बस करो की रट लगा रही थी।

शिशु जी ने कहा – बेबी, पापा से कहना कि शिशु ने तुम्हें खूब प्यार किया। बोलेगी ना मेरी लौंडिया?

मैं हाँ हाँ करती रही। लेकिन अब उनका इतना बड़ा लंड मुझसे झेला नहीं जा रहा था। कहाँ मैं एक तेईस साल की लड़की जिसकी चूत अभी ढंग से खुली भी नहीं और कहाँ यह पैंतालीस साल का सांड। मेरी चूत का तो इसने भोसड़ा बना कर रख दिया। शिशु जी अब स्पीड से मुझे चोद रहे थे। मेरे दोनों हाथ ऊपर थे और मेरी दोनों टांगें इनके कन्धों पर थी और यह मेरे ऊपर उठक-बैठक लगा रहे थे। पूरे कमरे में फच-फच की आवाज़ आ रही थी। और मैं आःह्ह्ह आआह्ह मम्मीई मम्मीईई रुकोओओओओ करती रही। लेकिन एक बात की दाद देनी पड़ेगी- शिशु जी बहुत कमाल का चोदते हैं।

मैं थोड़ा उठकर देखने लगी कि इतना बड़ा लंड घुस कहाँ रहा है। और मैं देखती रह गई। ऐसे बेदर्दी से ये मेरी चूत को चोद रहे थे कि क्या कहूं। दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी। मैं खूब चुदी। इस तरह इन्होने मुझे दस मिनट तक चोदा और फिर झड़ने के समीप पहुंचे। झड़ने से पहले इन्होंने अपना लंड निकाला और मेरी चूत पे रख दिया। कम से कम सौ ग्राम माल निकला और यह मेरी सारी झांटों पर फैलाने लगे। मेरी चूत सूज कर और फूल गई। फिर वो मेरी बगल में लेट गए।

थोड़ी देर के बाद शिशु ने मेरा एक मम्मा अपने मुँह में डाल लिया। मेरे मम्मे काफी छोटे हैं। पूरा मम्मा इनके मुँह में था। खूब चूसा। इन्होने फिर मेरा एक हाथ अपने लंड पर रख दिया। वो साला फिर से उठने लगा। पूरा खड़ा हो गया तो मैं भी उसे हिलाने लगी और दबाने लगी। शिशु ने फिर मुझे कुतिया बन जाने को कहा। मैने सोचा शायद पीछे से लेंगे। लेकिन साब को तो मेरी गांड मारनी थी।

उन्होंने कहा- लवीना, मैं अब तेरी गांड मारूंगा।

हे भगवान् ! ये क्या करने की सोच रहे हैं। एक बार अजय ने डालने की कोशिश की थी तो वे नाकामयाब हो गए थे और सिर्फ उनके टोप से ही मैं चीखने लगी थी और यह तो मूसल है।

मैंने कहा- शिशु जी, आप जो कहेंगे, मैं मानूंगी मगर मेरी गांड को छोड़ दीजिये।

उन्होंने मुझे खूब चूमा और पुचकारा और कहा- दर्द होगा तो अपना लंड गांड से निकाल लूंगा।

खैर मैं तैयार हो गई- कोई और चारा भी तो नहीं था। मैं उल्टी लेट गई। उन्होने मुझे खूब चाटा और फिर मेरे दोनों चूतड़ खूब दबाये। और फिर अपनी एक ऊँगली मेरी गांड में डाल दी। मैं उचक गई। फिर वो उठे और मेरी अलमारी से एक क्रीम लेकर आये। उन्होने पूरी क्रीम मेरी गांड में डाल दी और फिर अपनी ऊँगली। अब ऊँगली आसानी से जा रही थी।

फिर मेरी दोनों टांगों को फैलाया और मेरी चूत के नीचे एक तकिया रख दिया। अपना लंड पकड़कर उसका टोप मेरी गांड के पास ले आये। फिर धीरे से उन्होने अपने टोप को मेरी गांड में डाला। मैं मर गई। इनका सुपाड़ा इतना मोटा है कि मेरी तो गांड छिल गई। मैं हिली और फिर सामान्य हो गई। शायद इसी का इंतज़ार कर रहे थे शिशु ! उन्होने एक जोर का झटका दिया और उनका आधा लंड मेरी गांड में समा गया। मैं चीख पड़ी लेकिन शिशु जी ने फिर एक और झटका मारा और फिर पूरा लंड मेरे अन्दर। ऐसा लगा जैसे पूरी धरती हिल गई हो।

और शिशु जी ने जो पेला मुझे- ऐसा लगा कि मेरी गांड के तो आज दो टुकड़े हो जायेंगे। ताज्जुब की बात तो यह है कि जब अजय कोशिश कर रहे थे तब कुछ भी नहीं हुआ और उसने कहा था कि मेरी गांड बहुत कसी है इसलिए गांड मारना मुश्किल है। अबे अजय जहां चाह वहाँ राह। अब तुझे गांड मारनी नहीं आती तो उसमे मेरी गांड का क्या कसूर। देख शिशु जी कैसे मेरी गांड का फलूदा बना रहे हैं। काश अजय मुझे शिशु के साथ देखते। मैं चीखती रही लेकिन शिशु जी तो अपना माल डालने तक कहाँ रुकने वाले थे।

इतने में वो बोले- शर्मा जी (मेरे पापा), आपकी लौंडिया को बहुत प्यार दे रहा हूँ। क्या लौंडिया पैदा की है- माँ कसम मज़ा आ गया। क्या चूसती है और क्या चुदती है। शर्मा जी देखिये तो सही, मैं कैसे आपकी बेटी की गांड मार रहा हूँ। ऐसा कहते वे और उत्तेजित हो गए और खूब जोर जोर से मेरी बुंड मारने लगे।

शिशु ने मेरी गांड को अच्छे से रौंदा। और तकरीबन बारह मिनट के बाद अपना पूरा माल मेरी गांड के अन्दर डालकर मेरे ही ऊपर गिर पड़े। एक गर्म एहसास हुआ मुझे । मेरी गांड में जो गरम लावा गिरा उससे मेरी गांड की अच्छी तरह से सिंकाई हो गई। उनका लंड अभी भी मेरी गांड में था। मैं पूरी पसीने में नहा चुकी थी। मेरे बालों को एक तरफ करके मेरे गाल को चूमकर बोले- लवीना कैसा लगा।

मैं कसमसाई और बोली- अच्छा तो लगा लेकिन काफी दर्द हो रहा है।

शिशु जी ने मुझे उस दिन तीन बार और चोदा और शाम के तीन बजे चले गए। मैं जब भी मायके जाती हूँ, उनसे ज़रूर मिलती हूँ और खूब चुदती हूँ। यह बात ना तो मेरे पति और ना ही उनकी पत्नी को पता है। जब तक मज़ा ले सको ले लो। क्या कहते हो आप लोग?

आपकी प्यारी लवीना Antarvasna

Antarvasna stories

मैं जो Antarvasna स्टोरी आपको बताने जा रहा हूं वो रियल तो है हि, साथ ही ये घटना मेरे साथ सिर्फ़ ६ दिन पहले हुई। तो हुआ ये के मैं अपने पी सी पर बैठा बी ऍफ़ देख रहा था,

तभी कुछ देर में मेरे पापा आ गये, मैने सब बंद कर दिया। बोले के चलो सबको आज घुमा कर लाते हैं। मैने सोचा अगर मैं गया तो सारा मज़ा बेकार हो जायेगा, इसलिये मैने जाने से मना कर दिया। सब चले गये। मैं घर में अकेला था। मैने फिर से बी ऍफ़ स्टार्ट कर दी। तभी मेरी बहन की दोस्त उसे पूछने आ गयी के मेरी सिस कहां है। मैने कहा के सब बाहर गये हैं। तो उसने मुझसे पूछा के तुम क्या कर रहे हो। मैने कहा के पीसी पर बैठा था। तो बोली के मैं अपना मेल चेक कर लूं। मैने हां कह दिया। मैने कहा के मैं ज़रा टॉयलेट से आता हूं।

जब मैं आया तो देखता हूं के मैने वीडियो प्लेयर बंद नहीं किया था और प्रीति सब कुछ देख रही थी। मैं उसे खिड़की से देखता रहा। उसका चेहरा कंप्यूटर की तरफ़ होने से उसने पीछे नहीं देखा के मैं खड़ा हूं। वो सब कुछ देख रही थी और बहुत गरम हो चुकी थी। इतने में उसने अपने मम्मे ऊपर से दबाने शुरु कर दिये। मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मैं तो पक्का फ़ैसला कर चुका था के हो ना हो, ये आज मुझसे चुद कर ही जायेगी। फिर मैं थोड़ा और पीछे चला गया और हल्की सी आवाज़ निकली। वो समझ गयी के मैं आ रहा हूं। उसने प्लेयर बंद कर दिया। मैं आया तो उससे कहा के मेल चेक कर लिये तो बोली के हां कर लिये।

फिर मैने हिम्मत बांध कर उससे कह ही दिया के प्रीति तुम जो देख रही थी वो मैं पीछे खिड़की के पास खड़ा होकर देख रहा था। तो वो शरमा गयी और कुछ नहीं बोली। मैं समझ गया के मामला फ़िट हो गया। मैने दोबारा बी ऍफ़ स्टार्ट कर दी। अब हम दोनो देखने लगे। वो तो गरम हो ही चुकी थी। तभी मैने कहा के देखती ही रहोगी या फिर। तो वो हल्की सी मुस्कुराहट लायी। मैने तभी बिना टाइम वेस्ट किये उसके जांघ पर हाथ रख दिया। उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया। फिर मैं अपने हाथ को धीरे धीरे उसके ऊपर की तरफ़ लाने लगा। उसके मम्मे को दबाना शुरु किया। फिर उसे किस करने लगा। फिर मैने उसका एक हाथ अपने लंड पर रख दिया। वो उसके साथ खेलने लगी। करीब ५ मिनट तक हम किस करते रहे। फिर मैं उसे बेड पर ले आया और धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने लगा।

पहले उसका सूट उतारा तो उसके ब्रा दिखने लगी। मैने उसकी ब्रा भी उतार दी। उसके मुंह से अजीब अजीब आवाज़ें निकलने लगी मानो कह रही हो के मेरी चूत को जल्दी शांत करो। उसके दूध से भरे मम्मे देख कर मैं दंग रह गया। मैने उसको चाटना शुरु कर दिया। तो बोली के पहले कपड़े तो उतार लो। फिर मैने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार उतार दी। उसने काले रंग की पैंटी पहनी थी। फिर मैने उसे मेरे कपड़े उतारने को कहा तो उसने पहले मेरी पैंट फिर कच्छा उतारा।

मैने बनियान में था। बनियान मैने खुद उतार दी। अब हम दोनो बिल्कुल नंगे थे। पहले मैने उसकी चूत चाटनी शुरु कर दी। तो वो बोली के ये क्या कर रहे हो। मैने कहा के असली मज़ा तो इसी में है। उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगी। कहने लगी, खा जाओ, फाड़ डालो मेरी चूत को और आऊऊऊउर्र्र्र्र्र ज़ोर्र्र्र्र्र्र्र्सीई …आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्म्म्म्म ….फिर मैने अपना ६” इंच का लंड उसके हाथ में दे दिया और कहा के इसे चाटो।

उसने फ़टाफ़ट अपने मुंह में ले लिया और चाटने लगी। मेरे लंड से हल्का हल्का पानी निकलने लगा। मैने कहा इसे पी जाओ। वो पीकर बोली के खट्टा खट्टा है। फिर मैं उसके पैरों के पास गया और उसकी टांगें फ़ैला दी और उससे कहा के अपनी चूत का छेद खोलो। उसने अपने चूत का छेद और चौड़ा कर दिया। फिर मैने अपना लंड जैसे ही उसकी चूत पर रखा तो उसके मुंह से आआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्ह की आवाज़ निकली। मैने एक झटका दिया और आधा लंड उसकी चुत में अटक गया। तो वो चिल्ला पड़ी और बोली के बाहर निकालो प्लीज बहुत दर्द हो रहा है।

मैं कुछ देर हल्के हल्के झटके देता रहा उसकी चूत से खून निकलने लगा, मगर उसने नहीं देखा। फिर जब वो पूरे जोश में आ गयी तो मैने १ झटका और दिया और पूरा ६” का मेरा लंड उसकी चूत में गया और वो फिर से चिल्लायी। मगर मैने उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिये और उसे चिल्लाने नहीं दिया। फिर वो और गरम हो गयी। उसके मुंह से आवाज़ निकली और घुसाओ और ज़ोर से मैने अपनी स्पीड और बढ़ा दी अब वो भी अपने चूतड़ उठा उठा कर साथ देने लगी और हमारी आवाज़ें निकलती रहीं आआअह्हह्हह्हह्हह म्मम्मम्मम्मम्मम्ममहये मार डाला।त्तत्तूऊऊम्मम्मम बाआआहूऊत्तत्तत्त आआआस्सछह्हह्हहीईईईईए हूऊऊऊऊओ और ज़ोर से। उसका पूरा छेद मैने फ़ाड़ डाला। करीब आधे घंटे बाद उसका पानी निकल गया। मगर मैं उसे ५ मिनट तक और चोदता रहा फिर मेरा भी पानी निकल गया। मैने अपना सारा कम उसके मुंह में डाल दिया और उसे पिला दिया।

फिर मैने उसे अपना लंड चाटने को कहा तो बोली के अब चुद तो मैं गयी हूं, अब क्या। तो मैने कहा के दोबारा मेरा लंड खड़ा करो। हम दोनो ६९ की पोसिशन में हो गये। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैने अब उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी गांड में १ हल्का सा झटका दिया और उसकी तो मानो जान ही निकल गयी हो मगर मैं हटा नहीं। थोड़ी देर ऐसे ही रहा। फिर थोड़ी देर बाद १ ज़बरदस्त झटका दिया और उसका मुंह अपने हाथ से बंद कर दिया। उसकी हालत तो ऐसी हो गयी मानो मरने ही वाली हो। फिर मैं ऐसे ही झटके मारता रहा। फिर वो भी मज़े लेने लगी,,,,और आआआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह आआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह घुसाओ फ़ाड़ो और अपना पूरा बम्बू मेरी चूत में घुसा दूऊऊऊऊ।।।।और ज़ोर से। करीब १० मिनट बाद मैने पानी छोड़ दिया। और सारा कम उसकी गांड में छोड़ दिया। फिर मैं उसे किस करता रहा और थोड़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे। फिर उस दिन से मैने उसे चोदने का सिलसिला रोज़ शुरु कर दिया। जो शायद अब उसकी शादी पर ही खतम हो, Antarvasna

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆