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हेलो दोस्तो, मैं आपका Sex Stories दोस्त रोहित जयपुर से फिर अपनी कहानी लेकर आ गया। मुझे आप लोगों के बहुत सारे मेल मिले इसके लिए धन्यवाद। कई लड़कियों ने मेरे साथ चुदाई का ऑफर भी दिया, मैंने तीन लड़कियों की मस्त चुदाई भी की पर उन सबने इस पर कहानी लिखने को मना किया है इसलिए मैं उनका विश्वास नहीं तोड़ूंगा।
चलो अब कहानी की शुरुआत करते हैं…
मैं भाभी को हर रोज़ चोदता ! भैया को भी यह बात पता चल गई जब भाभी को गर्भ हुआ। पहले तो बहुत गुस्सा आया पर वो जल्दी समझ गए कि मुस्कान को भी तो लंड की जरुरत है, जो वो नहीं दे सकते थे।
जब भाभी को बच्चा होने वाला था तब मैं उनके साथ सेक्स नहीं कर पाता तो मुझे बहुत बुरा लगता।
कुछ समय के लिए मीनाक्षी (भाभी की बहन) आई, वो तो भाभी से भी मस्त फिगर वाली थी, देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा …
मैंने भाभी से कहा- मैं मीनाक्षी की चोदना चाहता हूँ।
तो गुस्सा होती हुई बोली- कमीने पहले मुझे ! फिर मेरी बहन को ? बहुत मस्ती आ रही है? उसकी तो अभी सील भी नहीं खुली होगी और तू उसे चोदना चाहता है? मैं नहीं चोदने दूँगी ! तुम सिर्फ मुझे ही चोदोगे ! समझ गए…?
मुझे इतना गुस्सा आया कि मैं यह कहता हुआ घर आ गया कि अब मैं तुझे भी नहीं चोदूंगा…. देखता हूँ कि कौन तुझे चोदता है…
फिर मैंने भाभी से बातचीत बंद कर दी और मीनाक्षी से दोस्ती कर ली। अब हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए। वो जींस-टॉप में क्या माल लगती थी ! हम दोनों खूब मस्ती करते …
एक दिन हम मार्केट गये, वहाँ वो लेडीज कपड़ो की शॉप पर चली गई। मैं भी उसके साथ गया। वहाँ उसे पैंटी और ब्रा पसंद आ गई, वो पहन कर देखना चाहती थी, ट्राई-रूम में चली गई और कुछ देर बाद मुझे अन्दर आने को आवाज लगाने लगी।
मैं अन्दर गया तो देखता ही रह गया। वो सिर्फ पैंटी और ब्रा में खड़ी थी, पूछने लगी- कैसी लग रही हूँ?
मैंने उसे पीछे से पकड़ते हुए कहा- बहुत मस्त ! इसी में घर चलो न !
वो हँसती हुई बोली- चल बदमाश ! इसमें तो सिर्फ तुम्हारे लिए आऊँगी ! और मुझे किस करते हुए बोली- आई लव यू !
हम दोनों ने दो मिनट तक चूमा, फिर मैंने कहा- यही पैंटी-ब्रा पहन कर चलना !( मतलब नई पैंटी-ब्रा के ऊपर कपड़े पहन कर चलना)
फिर हमने बहुत सारी शोपिंग की और शॉपिंग के बीच-बीच में मैं उसके स्तन दबा देता, लेकिन वो कुछ नहीं बोली। हमें बड़ा मजा आया।
वहाँ से हम सीधे मेरे घर गए जहाँ ताला लगा था। चाबी भाभी के पास थी, मैं चाबी मांगने गया तो बोली- मीनाक्षी कहाँ है?
तो मैं बोला- पहले चाबी ! फिर बताऊँगा !
चाबी लेने के बाद मैं बोला- आज तो हम लोग चुदाई करेंगे ! रोक सको तो रोक लो !
उन्हें बहुत गुस्सा आया पर वो तो कमरे से बाहर भी नहीं निकल सकती थी।
मैंने ताला खोला और हम दोनों अंदर चले गए। दरवाज़ा बंद करते ही मैं उसे गोदी में उठाकर अपने कमरे में ले गया और बेड पर लिटा कर चूमने लगा। वो भी साथ दे रही थी, हमें बड़ा मजा आ रहा था।
मैंने उसका गुलाबी टॉप उतारा और नई ब्रा में से ही उसके स्तन दबाने लगा, वो आहें भरने लगी- ह्य्य्य्य रोहित ! बड़ा मजा आ रहा है !
मैंने उसकी ब्रा उतारी और एक चुचूक को मुँह में चूसने लगा !
बहुत मजा रहा था दोस्तो !
फिर मैं उसकी ब्लू जींस उतारने लगा। उसकी चूत गीली हो चुकी थी, मैं पैंटी में से ही उसकी बालों वाली चूत को सहलाने लगा। सहलाते हुए ही मुझे पता चल गया कि उसकी चूत अभी कुंवारी है, तो मेरा लण्ड और फूलने लगा… और सोचने लगा- यार मैं तो बड़ा किस्मत वाला हूँ ! दो चूत मिली वो भी सील पैक !
अब वो बोली- यार तुम भी तो अपना लौड़ा मेरे मुँह में डालो ! मैं कितनी देर से इन्तज़ार कर रही हूँ !
मैं बोला- जानेमन, अभी आता है मेरा लंड !
और उसे खड़ा करके बोला- चल जान, खोल दे मेरे कपड़े और बुझा अपनी प्यास ….
फिर वो जल्दी जल्दी मेरे कपड़े उतारने लगी। तीन मिनट में मुझे नंगा कर दिया … मेरा ७.५ इंच लम्बा लौड़ा बाहर आ गया …
मीनाक्षी ने आव न देखा ताव ! मेरा लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगी …
क्या तो चूस रही थी ! कसम से बड़ा मजा आ रहा था..
कुछ देर बाद बोली- यार, अब चूत की प्यास बुझाओ !
मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में अपना लौड़ा डाला, क्योंकि उसकी सील खोलनी थी, जिसमें बड़ा दर्द होता है… इसलिए मैं पहली बार आराम से ही चुदाई करना चाहता था।
मैंने धीरे-धीरे चोदते हुए पूछा- दर्द हो रहा है?
बोली- ज्यादा नहीं ! जितना सुना था उससे काफी कम ….
कुछ देर में उसकी चूत की सील टूट गई …वो एक बार जोर से चिल्लाई- उई माँ ! मर गई..
फिर बोली- रोहित, अब मजा आ रहा है…स्पीड में चोदो यार !
फिर मैं बहुत तेज़ स्पीड में चोदने लगा। कभी घोड़ी बना कर चोदता तो कभी दोनों हाथों से गोदी में उठा कर चोदता …
हम दोनों को काफी मजा आया। हमने शर्त लगाई- देखते हैं पहले कौन पहले झड़ता है…
25 मिनट हो गए, कोई नहीं झड़ा… कुछ देर बाद मीनाक्षी की चूत गीली हो गई।
मैं बोला- तुम हार गई…
उसे गुस्सा आया और बोली- मैं तुम्हारा पानी नहीं निकलने दूंगी !
और चूत से मेरे लण्ड को निकालती हुई पीछे हट गई…
मैं बोला- यार जब तक मेरा पानी नहीं निकलेगा, सेक्स का मजा कैसे आएगा?
तो बोली- मैं क्या जानूँ ? हाथ से निकाल लो…
मैंने काफी मनाया फिर बोली- पानी मेरे मुँह में डालोगे ?
मैं बोला- ठीक है…
थोड़ी देर चोदने के बाद में झड़ गया … मैंने सारा पानी उसी के मुँह में डाल दिया …
कुछ देर आराम करने के बाद फिर से उसे चोदना शुरू किया कि बेल बज गई।
मैंने जल्दी से कपड़े पहने और मीनाक्षी को को पैंटी ब्रा में ही बेड के नीचे छुपने को कहा, साथ कपड़े भी ले जाने को …
मम्मी आई थी, बोली- क्या कर रहे हो?
मैं बोला- नींद आ रही थी !
शॉपिंग का सामान देख कर बोली- ये सब कौन लाया?
मैं बोला- फ्रेंड का है ! मुझे नींद आ रही थी इसलिए अन्दर नहीं रखा ..
मम्मी थकी हुई थी इसलिए अन्दर चली गई। मैं अन्दर गया और जल्दी से मीनाक्षी को जाकर कपड़े पहनाये और उसके घर भेज दिया।
फिर हमने खूब सेक्स किया … भाभी के बच्चा होने के बाद वो चली गई ..
फिर मुझे भाभी को ही चोदना पड़ा …
एक बार भाभी और मीनाक्षी को एक साथ चोदा !
वो कहानी बाद में !
और … मेरी गर्ल-फ़्रेन्ड के साथ चुदाई भी बताऊँगा…
मेल करते रहना Sex Stories
सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों Antarvasna को और प्यारे गुरु जी को काजल का खुली जवानी की अंगडाई लेते हुए नमस्कार !
अब मैं अंतर वासना की पक्की पाठक बन चुकी हूँ ! जबसे इस वेबसाइट से नाता जोड़ा है, मेरी जवानी की प्यास और बढ़ने लगी है ! जब लोग अपनी बिस्तर की हरक़त हकीकत में अन्तर्वासना पे ले आते हैं तो सोचा, मैं भी अपनी एक ऐसी चुदाई सबके सामने लाऊँ जो मुझे कभी नहीं भूलेगी !
दोस्तों ! मैं एक बहुत ही चुदासी औरत हूँ ! स्कूल से लेकर कॉलेज टाइम में मैंने बहुत नाम कमाया! लड़कों के साथ मेरे किस्से जुड़ने आम बात थी! कॉलेज के अच्छे से अच्छे लड़के के साथ मेरा नाम जुड़ता ! कम उम्र के लड़कों का चस्का मुझ में हवस डाल गया!
तभी मेरे कॉलेज के किस्से जब घर तक आने लगे तो माँ ने लड़का ढूंढ़ लिया और मेरी शादी का फैसला ले लिया, जिसका मैंने बहुत विरोध किया और माँ को कई खरी खोटियाँ सुनाई ! आखिर उनके ही बनाये गए माहौल में जो देख देख कर बड़ी हुई थी !
खैर, छोड़ो इस बात को !
आखिर मुझे हां करनी ही पड़ी और मैंने एक लड़के के लिए हां कर दी और शादी करवा के ससुराल आ गई ! यहाँ मेरा ज्यादा वक़्त तो घरेलू काम काज में निकल जाता! अपनी सारी शौकीनी अब काम में लगने लगी! टाइट सूट डाल कर लड़कों को बहकाना और फिर उनसे चुदवाना सब कुछ अब पीछे रह गया !
अपनी ननद के साथ मेरी बहुत पटती थी और मैं उसको उसके आशिकों से मिलने में उसकी मदद करती रहती! मेरे पति का लौड़ा इतना बड़ा नहीं था, ऊपर से मेरी रांड ननद सुन्दर – सुन्दर लड़कों से मिलती ! उसका एक आशिक उसे आधी रात को मिलने आता था और कभी कभी उसको चोद भी लेता था ! सब मिलना मिलाना मेरे राह से निकल कर जाता था ! मैंने जल्दी ससुराल में पकड़ बना ली !
मैं किसी से डरती नहीं थी! अब कोई काम-काज किस से कैसे करवाना है, जान गई थी !
उसके आशिक ने जिस रात मिलने आना होता, वो मेरे मोबाइल पे ही कॉल करता और पूछ लेता की आज गीता कहाँ सोयेगी, उसको कहना चौकन्नी रहना !
एक दिन मेरे दिमाग ने पलटी खाई, सोचा अब जब उसका फ़ोन आयेगा तो तो तो ????
वैसा ही हुआ शाम को मुझे कॉल आई ! उस दिन मेरे पति घर पे नहीं थे! मैंने उसको कह दिया कि आज गीता मेरे कमरे में होगी क्यूंकि मैं आज सासू माँ के कमरे में सो जाउंगी ! तू आराम से मिलना, पिछली खिड़की खुली होगी !
वो बोला- ठीक है भाभी !
मैंने गीता को कुछ नहीं बताया और आराम से अपने कमरे में सो गई और कमरा बंद कर लिया !
करीब रात १२ बजे उसने दस्तक दी ! बत्ती बंद थी, उसने टॉर्च से बेड ढूंढा ! मैंने भी बारीक सी कुर्ती डाली थी ! वो मेरी चादर में घुस गया, मैं भी उसके साथ लिपट गई !
उसने अपने होंठ मेरे होंठों पे रख दिए और चूसने लगा- गीता मेरी जान !
मैं भी गरम हो उसका साथ देने लगी ! उसने मेरी कुर्ती में हाथ डाल मेरे मम्मे दबाने शुरु कर दिए !
वहां से उसको शक हुआ ! मेरे मम्मे गीता से कहीं ज्यादा सेक्सी और गोल थे ! उसने टॉर्च चेहरे पर की !
मैंने आंख मारते हुए कहा,”हाय राकेश ! और मसल न !”
भाभी………. आप ??
“हां मैं ! क्यों क्या हुआ ??
वो ख़ुशी से पागल हो गया- वाह भाभी ! जिसके बारे में सोचते हुए गीता को चोदता हूँ, मुठ मारता हूँ, वो आज मेरे नीचे लेटी है !!
मैंने अपनी कुर्ती उतार फेंकी और उसको नंगा करते हुए उसका मोटा लौड़ा निकाल लिया !
“हाय ! क्या शानदार लौड़ा था उसका ! कितना मोटा लंबा !”
वो मेरे मम्मे को चूसने लगा ! मैं, हाय ! हाय ! करने लगी ! मैंने भी उसको पीछे लिटा कर उसका लौड़ा मुहं में डाल कर चूसना शुरू किया !
“ओह मेरे राजा, चोद मुझे ! हाय बहुत दमदार है ! कब से तेरा मूसल अपनी चूत में डलवाना चाहती थी!”
अभी ले, मेरी कमीनी कुतिया ! भाभी, तेरा यह देवर है न तुझे रौंदने के लिए !
“हाय रानी, तू तो साली गीता से भी ज्यादा बढ़िया माल है !”
तजुर्बा है, लल्ला जी !
“हाय……. !!!!”
उसने ६९ में ला मेरी चूत पे जैसे तपते होंठ रखें, मैं सी सी सी करने लगी और उसने अपनी ज़ुबान के खेल से मुझे मोहित कर दिया !! बोला अब चोद दूँ ?? सब जाग जायेंगे !
“हट साले, मेरे कमरे में कौन आयेगा ?
यह कह कर मैंने टांगें खोल दी और उसको बीच में आने को कहा और उसने अपना मूसल लौड़ा चूत पे रख घस्सा मारा (पंजाबी में झटके को घस्सा कहते हैं) !
“हाय और घस्से मार ना कस कस के !
“हाय ! साईं, तेरी दीवानी रांड भाभी तुझसे चुदाना चाहती है !”
“कम ओन, फाड़ डाल !” हाय !!! और और और !!!!!!!!!
वो भी ज़बरदस्त प्रहार करने लगा और और मेरे बालों को नोंचते हुए कहा,”चल बहिन की लौड़ी, बन जा घोड़ी !
” यह ले, यह ले !!”
मैंने घोड़ी बन गांड उठा ली उसने तेज़ तेज़ धक्के मारे और मैं झड़ गई !! मैंने उसे कहा- मैं झड़ गई ! हाय !!
उसने बाहर निकाला और थूक लगा कर गांड में डालते हुए करीब ५ मिनट की चुदाई में सारा माल मेरी गांड में डालते हुए मुझ से लिपट गया ! मैं भी बेल की तरह उसके बदन से चिपक गई !!
पूरी रात में मैंने उस नौजवान पट्ठे को निचोड़ दिया !!
“वो ठहरा था गीता की कभी-कभी लेने वाला और मैं थी जनम जनम से प्यासी चुदाई की हसीना !!!!”
उसका बुरा हाल हो गया ! उसने सोचा नहीं होगा कि सारी रात दम लगाना पड़ेगा ??
खैर !! अपनी ननद के आशिक से चुद गई आपकी बन्नो !!!
मेरे प्यारे पाठको, अब आपके लौड़ों का इंतज़ार रहेगा ई-मेल्स के ज़रिये! Antarvasna
दोस्तो, मेरा नाम मनोज है Sex Stories और मैं अन्तर्वासना कहानी पढ़ता हूँ तो मुझे बहुत अच्छा लगता है. तो मैंने सोचा कि क्यों न मैं भी आपनी आपबीती बात बताऊँ!
आज मेरी उम्र 21 साल की है और जो कहानी मैं आप लोगो को सुनाने जा रहा हूँ वो करीब 3 साल पुरानी है. आज तक आप लोगों ने सुना होगा कि एक लड़के ने लड़की का जबर चोदन किया तो क्या एक लड़की लड़के का जबर चोदन नहीं कर सकती?
जी हाँ! मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था!
मेरे एक दोस्त की चार बहनें है, चारों की शादी हो चुकी है पर तीन साल पहले वो चारों शादीशुदा नहीं थी. एक का नाम सोनू, दूसरी का नाम मोनू, तीसरी का नाम बबली और चौथी का नाम गीता है. गीता मेरी गर्लफ्रेंड थी और आज भी है. हम 7-8 लोग रोज़ छुपन छुपाई खेलते थे.
एक दिन हम बस पाँच लोग ही थे, मैं और वो चार लड़कियाँ!
सोनू बाजी दे रही थी और हम चार लोग छुपे हए थे, मैं और मेरी गर्लफ्रेंड एक साथ ही थे, वो बहुत ही सेक्सी थी वो मुझसे धीरे धीरे चिपकने लगी, मुझे होटों पर चूमने लगी. मुझे पहली बार किसी के होटों पर चूमा था. हम दोनों बेड के नीचे छुपे थे, वो धीरे धीरे मेरे ऊपर चढ़ने लगी, मुझे डर लगने लगा वो धीरे धीरे मेरे लंड की ओर अपना हाथ बढ़ाने लगी, मेरी पैंट की जिप खोल दी और मेरा लंड पकड़ लिया. मैं और डर गया!
मैंने उससे पूछा- यह क्या कर रही है तू?
तो वो बोली- आप चुपचाप लेटे रहो!
और उसने मेरे होटों पर आपने होंट रख दिए और मेरा मुँह बंद कर लिया. वो धीरे धीरे मेरे लंड को हिलाने लगी और मेरा लण्ड खड़ा हो गया. अब मुझे भी बहुत अच्छा लगने लगा था. उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी पर मजा भी बहुत आ रहा था. वो मेरा लण्ड चूसती रही.
तभी उसकी तीन बहनें और आ गई और मैं और वो दोनों ही बहुत डर गए थे. उसकी तीनों बहनें गुस्से से मुझे और उसे देखने लगी. अब हम पाँचों एक दूसरे की ओर देखने लगे. वो तीनों बहनें धीरे से मुस्कुराई ओर बोली- बेड के नीचे क्या कर रहे हो तुम दोनों? चलो बाहर चलो! गीता तू क्या अकेले ही सारा मजा ले लेगी! हमें नहीं लेने देगी क्या!
और चारों बहनों ने मुझे बेड पर लिटा दिया, फिर सोनू बोली- तुम तीनों मज़े लो, मैं बाहर देखती हूँ कि कोई आना जाये! ठीक है?
सोनू बाहर चली गई, गीता तो मेरे लंड से ही चिपकी रही, मोनू मुझे होटों पर किस करने लगी और बबली मेरे हाथ की बड़ी उंगली को अपनी चूत में डालने लगी पर मैं तो कुछ कर ही नहीं पा रहा था. अब गीता झड़ने वाली थी इसलिए उसने अपने कपड़े उतारे, अपनी चूत मेरे लंड पर रख दी और मेरे लंड पर ऊपर-नीचे होने लगी. उसकी चूत बहुत ही टाइट थी मेरे लंड में दर्द होने लगा था पर चुदाई में बहुत मजा आ रहा था इसलिए मैं सारा दर्द सहन कर रहा था.
मोनू जोकि मेरे होटों को चाट रही थी, अब उसने भी अपने कपड़े उतार दिए थे पर अपनी चूत के मुँह को मेरे होटों पर रगड़ने लगी. मैंने भी उसकी चूत को जीभ से चाटना चालू कर दिया. तब तक बबली भी अपने कपड़े उतार चुकी थी. बबली तो बस मेरी उंगली से ही अपनी चूत चुदवा रही थी. तीनों ने मुझे अपने नीचे दबा रखा था.
मैं बहुत परेशान हो चुका था. मैंने तीनों को अपने ऊपर से हटाया और गुस्से में कहा- साली रंडियो! एक एक कर के आओ! कुत्तियो आओ!
तब मैंने पहले अपनी गर्लफ्रेंड गीता को पकड़ा और बेड पर दोनों हाथ रखवाये और घोड़ी बना कर उसे चोदना शुरू किया. 15 मिनट तक चोदा, फिर मैं झड़ गया. सारा का सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया. वो भी झड़ चुकी थी, मैंने उसे कमरे से बाहर जाने को कहा तो वो बोली- क्यों जाऊँ?
मैंने बोला- तेरी दो बहनों को भी तो चुदना है!
तो गीता बोली- तो मेरे सामने ही चोदो न!
मैंने बोला- नहीं, तू चुदाई देखेगी तो फिर से चुदाने के लिए तैयार हो जायेगी और मुझमें इतनी ताकत नहीं है कि बार बार चोद पाऊँ!
और मैंने गीता को बाहर का रास्ता दिखाया. अब मोनू की बारी थी, वो बहुत देर से बेचैन थी. मेरा लंड ढीला पड़ गया था, मैंने मोनू से कहा- मोनू, मेरी जान! मेरे लंड को खड़ तो कर! जान, तभी तो तुझे चोद पाऊँगा!
इतना बोलने की ही देर थी कि उसने मेरा लण्ड पकड़ा और झट से मुँह में लेकर चूसने लगी. धीरे धीरे मेरा लंड खड़ा हो रहा था और बबली खड़ी खड़ी सब देख रही थी और अपनी बारी का इंतजार कर रही थी, अपनी चूत में उंगली भी कर रही थी. मैंने मोनू की एक टांग अपने कंधे पर रखी और दूसरी टांग जमीन पर ही थी, मैंने उसे एक हाथ से कमर पर पकड़ रखा था, एक हाथ से उसके चुचे दबा रहा था और जोर जोर के धक्के मरता जा रहा था. वो बहुत चिल्ला रही थी, मैंने उसके चुचे दबाना बंद कर उस हाथ से उसका मुँह बंद कर दिया और फिर 15-20 मिनट में मैं एक बार फिर झड़ गया और सारा वीर्य उसकी ही चूत में झाड़ दिया. लंड के निकलते ही उसने मेरा लंड फिर से चूसना शुरु कर दिया. मुझे लगा कि शायद वो अभी झड़ी नहीं है. फिर मैं जल्दी से उसकी चूत में उंगली करने लगा. 5 मिनट के बाद वो भी झड़ गई और बाहर चली गई.
अब बबली की बारी थी. बबली की चूत और गांड दोनों ही बहुत अच्छी थी. दोनों ही चीज बिना बाल के थी. पहले तो मैंने उसकी चूत में उंगली की, धीरे धीरे एक उंगली उसकी गांड में भी डाल दी. वो सिसकियाँ लेने लगी पर मेरे लंड पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था. वो काम वासना के अंतिम चरण पर थी इसलिए उसने मुझसे कहा- मनोज प्लीज़! मुझ से ओर देर तक रुका नहीं जायेगा, मुझे जल्दी से चोदो!
मैंने कहा- रंडी, अभी तो मेरा लंड खड़ा ही नहीं है तो कैसे चोदूँ तुझे!
तभी उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी. धीरे धीरे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने उसे बेड पर लिटाया, दोनों टाँगें अपने कंधे पर रखी और लंड उसकी चूत के मुँह पर रख कर एक जोर का धक्का मारा. वो बहुत जोर से चिल्लाई. आवाज़ सुन कर बाहर से आवाज़ आई- क्या हुआ बबली? तेरी चूत फट गई क्या?
मैं जोर जोर के धक्के लगाता रहा, वो चिल्लाती रही पर मैं तो अपने जोश में था, मैं कहाँ रुकने बाला था, धक्के मारता रहा, मारता रहा. मुझे उसकी गांड बहुत ही सुन्दर लग रही थी तो मैंने चूत को छोड़, गांड पर निशाना साधा. मैंने उसकी गांड पर बहुत सा थूक फेंका और उंगली से पूरी गांड पर लगा दिया. धीरे धीरे उंगली उसकी गांड में अन्दर बाहर करने लगा. गांड जब थोड़ी नरम हुई तो मैंने अपना लण्ड उसकी गांड में डाल दिया.
वो फिर चिल्लाई और अपनी गांड को टाइट कर लिया. मेरा लंड अब उसकी गांड में फंसा था, मुझे भी दर्द हो रहा था. मैं धीरे धीरे उसकी गांड में अपना लंड अन्दर बाहर कर रहा था. वो धीरे धीरे नर्म होती जा रही थी और मेरी स्पीड धीरे धीरे तेज़ होती जा रही थी.
अब वो पूरी तरह से नर्म हो चुकी थी, मैं जोर जोर से धक्के लगा रहा था, वो धीरे धीरे चिल्ला रही थी. मैंने उसकी गांड और चूत बहुत देर तक मारी और अलग अलग तरीकों से उसे चोदा. वो तो दो बार पहले ही झड़ चुकी थी, अब वो तीसरी बार झड़ गई और उसके साथ ही मैं भी झड़ने वाला था. मैंने अपना लंड जल्दी से बाहर निकला और उसके मुँह में डाल दिया. वो उसे चूसने लगी और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. वो मेरा सारा का सारा वीर्य पी गई. अब तीनों बहनें खुश थी, तीनों कमरे में आई और मुझे चूमने लगी. तीन ने तो मुझे चोद दिया पर चौथी का क्या? अभी तो वो भी तो बाकी है दोस्तो!
चौथी का क्या हुआ, मैं आप लोगों को जरूर बताऊँगा पर तब जब आप लोग मुझे बतायेंगे कि मेरी आपबीती कहानी कैसी लगी आपको! Sex Stories
मुझे आशा है कि आपको ये रियल हस्बैंड वाइफ ककोल्ड पोर्न कहानी अच्छी लगेगी.
मेरी उम्र 38 साल है और मेरी वाइफ की उम्र 31 साल है. उसका नाम रिया है.
शादी से पहले मेरी दो गर्लफ्रेंड थीं.
पहली गर्लफ्रेंड 7 साल तक रही और दूसरी 12 साल तक … पर किसी से भी शादी नहीं हो पाई.
मैंने उन दोनों की चुदाई बहुत की.
उन दोनों के साथ मैं बहुत चुदाई कर चुका था.
दूसरी वाली गर्लफ्रेंड जाते जाते मेरी ऐसी गांड फाड़ कर गई कि मुझे बिल्कुल बर्बाद कर गई.
साली ने पैसे से भी बर्बाद किया, मन से भी और शारीरिक तौर पर भी वह मुझे बहुत तोड़ गई.
मैं उससे बहुत प्यार करता था पर वह बहुत बड़ा धोखा देकर गई.
हर स्टोरी में सिर्फ सेक्स होता है, पर आज मैं सबको सिर्फ एक ही बात कहूंगा कि आदमी की किस्मत और औरत का चरित्र कभी भी बदल सकता है. इसलिए चूत को कभी दिमाग में मत घुसने देना. ये सिर्फ लौड़े के लिए बनी है. इसलिए इसे बस लंड तक रखना.
एक बात और कहना चाहूंगा कि लड़कियों की हमेशा इज्जत जरूर करना.
हमेशा उसूल ये होना चाहिए कि लो उसी से, जो दे खुशी से.
आपको किस चीज़ से खुशी मिलती है. ये आप तय करेंगे, इसका हक सिर्फ आपको है.
सही और गलत की क्या परिभाषा, जो आपके मन को सही लगे … वही सही है.
लाइफ आपको एक बार मिली है, आपको जो करना है … इसी लाइफ में करना है.
फिर क्या सोचना.
मैं बहुत ही सेक्सी प्रवृत्ति का इंसान हूँ.
मेरी दोनों गर्लफ्रेंड्स से रिश्ता खत्म होने के बाद मेरे मम्मी पापा ने मुझसे शादी के लिए पूछा.
मैंने कह दिया- आप जो भी कहोगे मुझे मंजूर है.
क्योंकि खुद की ढूँढी हुई लड़कियों से गांड फट चुकी थी.
जब मन की करने के बाद आदमी की गांड फट जाती है तो अंत में मां बाप ही याद आते हैं.
खैर … मेरे लिए लड़की ढूंढने का काम शुरू हुआ.
भगवान जोड़ी भी सोच कर बनाता है.
आखिर मेरे लिए भी लड़की मिल गई.
देहरादून से कुछ दूर ही मेरा रिश्ता हुआ.
लड़की मुझसे सात साल छोटी थी.
सुंदर थी, हल्की सी सांवली थी. लंबाई 5 फुट 2 इंच थी पर बॉडी बहुत मस्त थी.
उसका फिगर 36-32-38 का था, बूब्स उठे हुए थे और गांड भी गोल मटोल एकदम मस्त.
सोलह दिसम्बर सन 2015 में हमारी शादी हुई.
सुहागरात पर हमने खूब चुदाई की.
वह शादी से पहले दो चार बार चुदी हुई थी पर चूत टाइट थी.
मैंने उसकी चुदी हुई चूत को लेकर कोई शिकवा नहीं किया बल्कि उसे प्यार से चोदा और खुद की चुदाई की बातें भी उसे बता दीं.
मेरी इन बातों से उस पर यह असर हुआ कि वह मुझसे बेइंतिहा प्यार करने लगी.
शादी के दो तीन साल तो सेक्स में खूब मजा किया,
फिर उसके साथ चुदाई में मुझे कोई खास मज़ा नहीं आता था.
मैं लगातार अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ता रहता था.
वहीं मैंने वाइफ के साथ थ्री-सम की स्टोरी पढ़ी.
मेरे दिमाग में रिया को चुदते देखने का मन करने लगा.
मैंने रिया की किसी गैर मर्द से चुदाई के लिए प्लान बनाने शुरू कर दिए.
रिया की चुदाई करते समय मैंने उसकी चूत में दो उंगली डाल दीं और उसकी गांड में लौड़ा पेलना शुरू कर दिया.
वह लंड खा गई.
कसी हुई गांड चोदने में मुझे भी मजा आया.
उसने भी मुझसे अपनी कुंवारी गांड चुदवा ली.
वह शायद खुद से मुझे अपना सीलपैक छेद देना चाहती थी.
फिर एक दिन मैंने उससे बोल दिया- रिया यार, अब चुदाई में इतना मज़ा नहीं आ रहा है ना!
रिया- आप ऐसे क्यों बोल रहे हो … कुछ कमी है क्या मुझमें?
मैंने कहा- नहीं यार, वह बात नहीं है. बस कुछ नयापन नहीं है.
वह बोली- तो फिर क्या करना है?
मैंने कहा- कहीं घूमने चलते हैं और वहीं कुछ अलग मज़े करेंगे.
उसने कहा- ठीक है.
ऐसे ही कुछ दिन निकल गए.
फिर दिसम्बर में मैंने मनाली जाने का प्रोग्राम बनाया और 12 दिसंबर को हम दोनों मनाली के लिए निकल गए.
मनाली पहुंच कर हमने पूरा दिन आराम किया.
शाम के समय हम घूमने के लिए निकल गए.
मनाली के बाज़ार में घूम रहे थे पर मेरे दिमाग में बस वही रिया की चुदाई करवाने का ख्याल चल रहा था.
तभी एक लड़का हमारे पास आया.
वह शिमला का रहने वाला था.
उसका नाम रवि था और मनाली में रोहतांग पास के लिए गाड़ी चलाता था.
वह 5 फुट 7 इंच का गोरा और एकदम फिट लड़का था.
उसने हमसे कहा- सर आप रोहतांग पास घूमने चलेंगे क्या?
उससे हमारी बात होनी शुरू हुई.
मैंने उससे पैसे के लिए पूछा.
वह मेरी वाइफ की ओर देख कर बोला- 7000 रुपये दे देना.
कुछ देर बात करने के बाद वह पांच हजार रूपयों में मान गया.
अगले दिन सुबह के टाइम वह गाड़ी लेकर हमारे होटल आ गया.
उसके पास आल्टो थी.
फिर हम तीनों गाड़ी में बैठ कर चल दिए.
कुछ ही दूर जाने के बाद हम आपस में बात करने लगे.
रवि भी अब हमसे बातें कर रहा था कि हम कहां के रहने वाले हैं.
मेरी वाइफ भी उससे पूछ रही थी कि यहां घूमने के लिए और कौन सी जगह है!
रवि भी बात करता रहा.
वह शादीशुदा था.
उसकी एक लड़की थी.
वह अच्छा इंसान था.
हम काफी घुल-मिल गए थे.
मैंने गौर किया कि रवि मेरी वाइफ रिया में काफी इंटरेस्ट ले रहा था और रिया भी उससे अच्छे से बात कर रही थी.
मैं समझ गया था कि मेरी इच्छा यहां पूरी हो सकती है.
इसलिए मैं बार बार रास्ते में पड़ने वाली सामान की दुकानों पर रुक कर सामान देखने लगता था ताकि उन दोनों को बात करने का मौका मिले.
औरत हो या आदमी … अगर मौका मिले तो सब मज़ा लेने की सोचते हैं.
शायद रिया के मन में भी यही बात आई.
मैं भी यही चाहता था कि जो भी हो, खुल कर हो. क्योंकि चोरी करके रिश्ते में फूट पड़ सकती है. इसलिए मैंने दोनों को छूट दी ताकि इस काम में खुल कर मजा आए.
आखिर हम सब रोहतांग पहुंच गए.
उधर बहुत बर्फ थी.
हमने रास्ते से कपड़े ले लिए थे जो वहां किराए पर मिलते हैं.
मैं कुछ दूर बर्फ में चला तो मुझे ठण्ड लगने लगी.
मैं वहीं कॉफी पीने के लिए रुक.
उधर कॉफी के लिए गाड़ी खड़ी थी, मैं वहां चला गया.
मैंने रिया से कहा- तुम दोनों बर्फ में घूम लो.
रवि ने रिया से कहा- भाभी जी, ऊपर की तरफ काफी अच्छी बर्फ है. आप वहां चलिए.
रिया मेरी ओर देखने लगी.
मैं रिया के पास गया और उसके कान में बोल दिया- देखो रिया, हम यहां मज़ा लेने आए हैं. तुम इसके साथ दिल खोल कर मज़े लो, यहां कोई नहीं है जो हमें जानता हो.
यह बात सुन कर रिया की आंखों में चमक सी आ गई और वह रवि के साथ ऊपर बर्फ के पहाड़ों पर चढ़ने लगी.
अब वह मेरी तरफ से हरी झंडी पाने के बाद फ्री माइंड हो गई थी और रवि से खुल कर बातें करती हुई ऊपर चढ़ रही थी.
पूरे एक घंटे तक दोनों बर्फ मस्ती करते रहे और बातें करते हुए नीचे आ गए.
रिया ने रवि से बहुत सारी पिक क्लिक करवाई थीं और अब रिया ठण्ड से ठिठुर रही थी.
बर्फ के पानी से उसके कपड़े भीग चुके थे.
हम सब वापस गाड़ी में आकर बैठ गए.
रवि ने कार में हीटर चला दिया.
कुछ देर में गाड़ी गर्म हो गई तो रिया ने वे गर्म कपड़े उतार दिए जो वहां से लिए थे.
अब वह टी-शर्ट और जींस में थी और आगे रवि के पास फ्रंट सीट पर बैठी थी.
रवि गाड़ी चला रहा था.
फिर वह दुकान आ गई, जहां से हमने कपड़े लिए थे.
रवि ने मुझसे कहा- आप कपड़े वापस कर दीजिये.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं कपड़े वापस करने के लिए उतरा और जब वापस आया तो देखा रवि और रिया कुछ बात कर रहे थे.
रवि ने रिया के बालों में हाथ डाला और कुछ बोला.
तभी मैं गाड़ी के पास चला गया.
उन्होंने मुझे देखा और अलग हो गए.
मैं जाकर गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ गया.
आगे रवि और रिया बैठे थे.
मैंने अपना मोबाइल निकाला और उसे चलाने लगा.
रवि ने शीशे से मुझे देखा कि मैं मोबाइल चला रहा हूँ तो उसने फिर से अपना हाथ रिया की जांघ पर रख दिया और हल्के से दबा दिया.
रिया ने उसकी ओर देखा.
उसकी आंखों में एक नशा सा दिख रहा था.
रिया ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया.
रवि ने पीछे देखने वाले शीशे से मेरी तरफ देखा.
मैं मोबाइल में देखने का ड्रामा कर रहा था.
रवि ऐसे ही आराम आराम से रिया की जांघों को सहलाता रहा.
रिया ने अपनी आंखें बंद कर लीं और उसका हाथ हटा दिया.
शायद वह गर्म होकर पिघल गई थी.
रवि गाड़ी चलाता रहा.
फिर बीच में रिया ने कहा- मुझे भूख लगी है.
रवि ने गाड़ी मैग्गी पॉइंट पर ले ली.
मैं उतर गया.
मेरे बाहर निकलते ही रिया ने रवि से कुछ कहा और दोनों उतर कर खाने के लिए आ गए.
रिया ने आकर मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे पास बैठ गई.
कुछ देर हम दोनों ने खाना पीना किया और हम सब फिर से गाड़ी में बैठ गए.
रिया फिर से आगे बैठ गई.
अब हम लोग काफी थक चुके थे और शाम के 5 भी बज चुके थे.
मैंने रवि से कहा- सीधा होटल चलो, अब थोड़ा आराम करेंगे.
थोड़ी देर बाद हम सब होटल पहुंच गए.
मैंने रिया से कहा- अभी थोड़ा आराम कर लेते हैं. रात को पार्टी करेंगे.
रिया बोली- यहां तो हमें कहीं का कुछ भी नहीं पता. आप अपने लिए बियर और बाकी का सामान कैसे लेने जाओगे?
मैंने कह दिया- मेरे पास रवि का नंबर है. उसी को कॉल कर लूंगा.
रिया ने कहा- ठीक है, वह भी आपको कंपनी दे देगा.
मैंने कहा- हां और तुम्हें भी!
रिया ने मेरी ओर देखा और बोली- अच्छा जी … वह कैसे?
मैंने कहा- यार, हम इतनी दूर आए हैं. ये पल यादगार होने चाहिए. अगर तुम मान जाओ … तो हम तीनों खूब मस्ती कर सकते हैं.
रिया मेरी बात समझ गई और बोली- पर यार, क्या आपको ये सब अच्छा लगेगा?
मैंने कहा- मैं मिलकर मस्ती करने की बात कर रहा हूँ. मेरा बहुत मन है कि सब एक साथ बिस्तर वाला खेल खेलें.
रिया मुस्कुरा कर बोली- अगर आपकी इसमें खुशी है तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है.
यह कह कर रिया ने मेरे होंठों पर किस किया और मैंने उसके कान में कह दिया- आज तुम्हें दो लंड का मजा मिलेगा.
वह शर्मा कर मुझसे अलग हुई और वाशरूम चली गई.
बाद में मैं रिया को अपनी बांहों में लेकर सो गया और एक घंटे बाद उठा.
तब 7:30 बजे थे.
रिया मेरे बाजू में नहीं थी.
मैंने रवि को कॉल की.
उसने फ़ोन उठाया.
मैंने कहा- कहां हो रवि?
उसने कहा- यहीं दो किलोमीटर की दूरी पर हूँ.
मैंने कहा- यार थोड़ा काम कर दोगे क्या?
रवि बोला- हां बताइए क्या करना है?
मैंने कहा- थोड़ा सा सामान लेकर आना था. तुम होटल आ जाओ, फिर मुझे दिला लाओ.
उसने बोला- भैया, आप क्यों परेशान होते हो. मुझे व्हाट्सएप पर बता दो, जो सामान लाना है … वह सब मैं ला दूंगा.
मैंने कहा- ठीक है.
तब मैंने उसको सामान के लिए रेडवाइन, सिगरेट और कुछ सामान की लिस्ट सैंड कर दी.
साथ में लिख दिया कि आज रात तुम खाना हमारे साथ खाना इसलिए अपनी मर्जी से जो भी और सामान लान चाहो, ले आना.
कुछ देर बाद रिया के मोबाइल की लाइट जली.
वह अपना मोबाईल छोड़ कर गई थी.
मैंने देखा तो रवि का व्हाट्सएप मैसेज था.
उसमें लिखा था ‘आपके लिए क्या लाना है.’
ऊपर कुछ मैसेज डिलीट किए हुए थे.
मैंने रिया के मोबाइल से उसे सैंड कर दिया ‘अपनी पसंद से ले आना अच्छा सा कुछ …’
उसने रिप्लाई किया- आपको कौन से फ्लेवर पसंद है.
मैंने लिख दिया कि मुझे चॉकलेट पसंद है.
उसने लिखा- हमारा भी कुछ हो सकता है क्या?
मैंने सैंड किया- सब कुछ हो सकता है.
उसने लिखा- आपके हस्बैंड भी तो हैं.
मैंने लिखा- उन्हें सब पता है. वे भी मस्ती करना चाहते हैं.
उसने लिखा- ठीक है. मैं पूरी तैयारी करके आता हूं.
मैंने सारे मैसेज डिलीट कर दिए.
कुछ देर बाद रिया कमरे में अन्दर आई.
मैंने उससे पूछा- रवि ने तुमसे नंबर लिया था क्या?
उसने कहा- हां जब हम पहाड़ पर थे, तब लिया था.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर मैंने सोचा कि थोड़ा सेक्सी माहौल बना कर रिया के दिल की बात ली जाए.
रिया एक टॉप ओर लांग स्कर्ट पहन कर शीशे के सामने खड़ी थी.
मैं उसके पीछे गया.
मैंने कहा- क्या बात है डार्लिंग … रात के लिए तैयारी कर रही हो क्या?
ये कह कर मैं पीछे से उसकी गर्दन पर किस करने लगा और आराम आराम से उसके कान की लौ को चूसने लगा.
वह गर्म होने लगी.
मैंने रिया से कहा- जान, आज जी भर कर मस्ती करना.
रिया कहा- हम्म!
मैंने कहा- बताओ ना कैसे करना है?
उसने कहा- जैसे आपको पसंद हो.
मैंने कहा- तुम बताओ ना!
रिया ने कहा- आज मुझे मसल देना आप.
मैंने कहा- सिर्फ मैं … या हम दोनों?
रिया शर्मा गई और मेरे सीने से लग गई.
मैंने कहा- तुम तैयार हो ना दो लंड लेने के लिए!
रिया हां कह कर मेरे होंठ चूसने लगी.
वह दो लंड का सुनकर बहुत गर्म हो गई थी.
मैंने अपना लोअर नीचे किया और लंड रिया के हाथ में दे दिया.
वह लंड को मसलने लगी.
कुछ देर ऐसे ही मस्ती करने के बाद मैं वाशरूम चला गया और आराम से नहाने लगा.
मैं वाशरूम के अन्दर अपने लौड़े को सहलाते हुए अपनी बीवी की सुन्दर चूचियों को याद करके आने वाले पलों की याद करने लगा.
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