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सभी पाठकों और आँटियों Antarvasna को राजू के लण्ड का सलाम। अन्तर्वासना में यह मेरी पहली कहानी है। मैं बचपन से ही सेक्स के लिए उतावला रहा हूँ। यह कहानी तब की है जब मैं बी. कॉम प्रथम वर्ष में पढ़ता था। मेरे पड़ोस में एक दम्पत्ति रहने आया। उनकी शादी हुए चार-पाँच साल ही हुए थे। मेरा उनसे मेल-जोल होने लगा। मैं उनको भैया और भाभी कहता था। मेरा उनके घर आना-जाना शुरू हो गया
एक बार भैया ने रात को दस बजे मुझे फोन किया कि मैं उनके घर आउँ। मैं तुरन्त उनके घर गया तो भैया ने कहा उनको बस-स्टैण्ड जाना है, उनको रात को किसी ज़रूरी काम से दिल्ली जाना था। भैया ने कहा कि तुम्हारी भाभी को डर लगता है इसलिए हो सके तो तुम रात को हमारे घर पर ही सो जाना।
मैंने कहा – ठीक है।
मैं आधे घण्टे में उनको बस-स्टैण्ड पहुँचा कर वापस भाभी के पास आ गया। भैया की माँ भी उस दिन बाहर गई हुईं थीं।
भाभी को मैंने कहा कि वो अन्दर बेडरूम में सो जाये, मैं बाहर ड्राईंगरूम में सो जाता हूँ। भाभी ने कहा कि ठीक है। भाभी ने मुझे जान-बूझकर पतली सी चादर दी ताकि मुझे ठंड लग जाए। करीब आधे घण्टे में वो पानी पीने के लिए बाहर आई तो मैं ठण्ड से सिकुड़ रहा था। भाभी ने कहा कि ठण्ड लग रही है तो अन्दर सो जाओ। मैं तैयार हो गया। अन्दर केवल एक डबल बेड पलंग था। भाभी ने कहा कि यहीं सो जाओ। मैं थोड़ा सकुचाया। फिर मैं भी वहीं सो गया। करीब आधे घण्टे बाद मैंने पाया कि भाभी की एक टाँग मेरी टाँगों पर आकर लगी। टाँग पर से साड़ी ऊपर हो गई थी और भाभी की गोरी-गोरी मादक जाँघें मुझे मखमल की तरह लग रही थीं। मैंने भी धीरे से अपनी टाँग भाभी की टाँगों पर रख दीं। मेरे आठ इंच का मूसल खड़ा होने लगा। मैंने धीरे-धीरे टाँगों को रगड़ना शुरू किया तो भाभी ने भी जवाब दिया। मुझे हरी झंडी मिल गई।
फिर धीरे-धीरे मैं भाभी के पास आता गया और मैंने भाभी की चूचियों पर अपना हाथ रख दिया तो भाभी सोने का नाटक करने लगी। अब मैंने भाभी की मादक, रसीली और भरी-भरी चूचियों को हल्के-हल्के दबाना शुरू किया। अचानक भाभी जाग गईं और कहने लगीं कि ये तुम क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि मुझे नींद में पता नहीं चला, सॉरी। मैं उठकर बाहर सोने के लिए जाने लगा तो भाभी ने कहा नहीं यहीं सोना है।
भाभी ने मुझे एक भद्दी सी गाली मादरचोद कहा और कहा कि लण्ड खड़ा करने की हिम्मत है पर डालने की नहीं। मैंने भाभी से कहा कि लण्ड तो आपने ही खड़ा किया था। भाभी हँसने लगीं। भाभी उठीं और रसोई से जाकर गरमा-गरम दूध लेकर आईं, फिर हमने दूध पिया। फिर कहा कि सर्दी बहुत है, मैंने कहा कि अभी सर्दी भगा देता हूँ।
भाभी बोली- तो देर क्यो कर रहे हो।
मैंने भाभी को पलंग पर ही पटक दिया और उनकी साड़ी को ऊपर कर दिया और उनकी पैण्टी में हाथ डाल दिया। अचानक मुझे लगा कि जैसे कि मैंने कोई भट्ठी में हाथ डाल दिया है। मैंने भाभी की फूली हुई ब्रेड की माफ़िक रसीली चूत को मसलना शुरू किया। भाभी आआआआआ… आआआआ… श्श्श्श्शस्स्स्स्ससी श्सस्स्स्सी… करने लगी। फिर मैंने भाभी की ब्लाउज़ खोल दी और उसकी चूचियों को दबाना शुरू किया। मैंने भाभी के पूरे बदन को अपनी जीभ और होठों से चूमा। फिर मैंने बाभी की चूत पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की। भाभी का पूरा शरीर अकड़ने लगा और अचानक ही उनकी चूत से कुछ रस बहने लगा।
मैंने भाभी से पूछा- ये क्या है?
भाभी ने कहा- मादरचोद, गाण्डू, चाट इसको।
मैंने रस को चाटा तो काफी गरम और टेस्टी था। भाभी ने अब मेरे मूसल को हाथ में लेकर मुट्ठ मारनी शुरू कर दी, थोड़ी देर में मुझे लगा कि अब मेरा रस निकलने वाला है तो मैंने भाभी को कहा कि मेरा निकलने वाला है तो भाभी ने उसको अपने मुँह में लिया और सारा रस पी गई।
१५ मिनट के बाद लण्ड फिर से खड़ा होने लगा क्योंकि भाभी अपनी चूत के बाल साफ कर रही थीं, और मैं उनको देख रहा था, मैंने भाभी से पूछा – कि भाभी आप तैयार हो? तो भाभी ने कहा- मेरे चोदू, आ जा ! चोद दे !
मैं सीधे ही भाभी के ऊपर चढ़ गया और अपना ८ इंच का मूसल उसकी चूत में डाल दिया, मूसल जाते ही भाभी दर्द के मारे छटपटाने लगी और बोली, भड़वे, लण्ड है कि मूसल है। भाभी की चूत काफी टाईट थी, मुझे अन्दर-बाहर करने में मज़ा आ रहा था। मैंने भाभी से इसका राज पूछा तो वह बोली कि जब तक किसी चीज़ को काम में नहीं लाओ तो वह नई-नई ही रहती है। मैं सारा माज़रा समझ गया।
मैंने भाभी की चूत को और तेज़ी से चोदने लगा, फिर १५ मिनट बाद में, मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और भाभी की चूत में पीछे से लण्ड डाल दिया और चोदने लगा, बाभी का माँसल बदन और मेरे शरीर की टकराहट से कमरे में फच्च फच्च फच्च… की आवाज़ें आने लगीं।
भाभी लगातार शस्स्स्स्सी…. श्स्स्स्सी…. उई… उई… अह्ह्ह्हहा…. अह्ह्ह्हाहा की आवाज़ें निकाल रही थी। भाभी अब ज़ोर ज़ोर से धक्के लेने लगी, मैंने भी गति बढ़ा दी। भाभी बोली- साले, बहनचोद, और ज़ोर से चोद, मेरी चूत फाड़ डाल !
मैंने भाभी को कहा, हरामज़ादी, साली, कुत्ती, तेरी चूत का तो मैं औज फौलाद बना ही डालूँगा। यह कहते-कहते भाभी का रस निकल गया और थोड़ी देर बाद में मेरा भी। हमने एक दूसरे को साफ किया और सो गये। सुबह ६ बजे में मैंने भाभी को एक बार फिर से चोदा। चुदाई के बाद भाभी ने चाय बनाई, मैंने चाय पीकर भाभी को किस किया और पूछा- “रात को सर्दी तो नहीं लगी?” तो भाभी मुस्कुराने लगी।
उसके बाद से मैं भाभी को लगातार चोद रहा हूँ…. Antarvasna
दोस्तो, मेरा Antarvasna आप सभी को प्रणाम! मैं राहुल गुप्ता भोपाल का हूँ। मैं अपनी सच्ची कहानी बता रहा हूँ।
तो बात उस समय की है जब मैं कॉलेज़ में पढ़ता था। मेरी आयु 20 साल थी। मैंने किराए पर कमरा लिया हुआ था।
मेरे मकान मलिक की एक लड़की थी 18 साल की होगी।
वो रोज़ कॉलेज़ में मिला करती थी और मैं उसे बहुत देखा करता था।
मुझे उसके सेक्सी गोल-गोल वक्ष टॉप के ऊपर से बड़े अच्छे लगते थे, स्तन 32 इन्च के तो होंगे। और उसके चूतड़ तो क्या कहिए! मानो स्वर्ग है!
एक दिन मैं उसे कॉलेज़ में बोला- आप मुझसे बात क्यों नहीं करती?
वो बोली- मेरी आदत नहीं!
मैं बोला- आदत तो बदलनी पड़ती है तभी लाइफ का मज़ा है!
वो बोली- कैसा मज़ा? मुझे समझ नहीं आया!
मैं बोला- आ जाएगा बाबा!
एक दिन उसके घर पर कोई नहीं था। मैं ऊपर गया, बोला- अंकल हैं?
तो कोई आवाज़ नहीं आई। मैं बोला- अंकल!!
तो अंदर से आवाज़ आई- घर पर नहीं हैं!
और वो दरवाजा खोल कर बाहर निकली।
मैंने कहा- क्या कर रही हो?
वो जीन्स और टाईट टॉप पहने थी, बड़ी सेक्सी लग रही थी।
मैं बोला- मैं आ सकता हूँ अंदर?
बोली- क्यों नहीं! आओ!
मैं बोला- आज सब कहाँ गये?
बोली- मार्केट!
मैं बोला- ओके! अकेले क्या कर रही थी?
बोली- कुछ नहीं! नेट पर थी!
तो मैंने देखा तो याहू मैसेन्जर खुला था और वैबकैम पर एक लड़का नंगा था।
मैं बोला- आपको यह सब पसंद है?
बोली- थोड़ा-थोड़ा!
मैं बोला- कभी किया है?
बोली- नहीं!
मैं बोला- तो आज करते हैं!
बोली- क्या बेहूदा बात करते हो!
मैं बोला- तब कैसे पता चलेगा कि कैसा लगता है?
लेकिन उसका मन तो हो ही गया था। वो बाथरूम में गई और जब लौटी तो उसके स्तन तने थे। मैं समझ गया कि लड़की गर्म हो गई है।
मैंने उसे पकड़ कर ज़ोर से अपने से चिपका लिया और चूमने लगा।
बोली- क्या कर रहे हो राहुल? मत करो! मुझे डर लग रहा है! कोई आ ना जाए!
मैं बोला- चिन्ता मत करो, दरवाजा लॉक है जी कोई नहीं आएगा।
और हम फिर बेडरूम में चले गये। मैंने उसका टॉप उतार दिया। वो गुलाबी ब्रा पहने बड़ी सेक्सी लग रही थी। उसके स्तन आज़ाद होने को तड़फ़ रहे थे।
मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी। वो नेट थोंग पैंटी पहने थी। नेट से हल्के छोटे छोटे बाल दिखा रहे थे, बड़ी सेक्सी लग रही थी पैंटी में!
मैंने अपने भी कपड़े जल्दी से उतार दिए और मैं उसके स्तन चूसने लगा। धीरे से ब्रा का हुक खोल कर मैंने ब्रा उतार दी और फ़िर पैंटी भी!
अब हम दोनों नंगे थे। वो मेरा लंड जो 8 इंच का था, उसे ऊपर-नीचे कर रही थी और चूस रही थी, मैं उसकी फुद्दी को चाट रहा था।
मैंने उसे सीधा लिटाया और जैसे ही उसकी चूत पर लण्ड पर रखा तो वो सी सी सिस सी अहहहः की आवाज़ निकालने लगी।
मैंने झटके से लंड को अंदर डाल दिया।
वो चिल्ला उठी, बोली- मत करो राहुल! दर्द हो रहा है! मैं मर जाऊँगी! अहाआआआ हाआआ अहहहहा ओह ओऽऽ!
और मैं अब उसकी चूत में ही झड़ गया और उसने भी पानी छोड़ दिया।
हम दोनों 30 मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे।
फिर उठे और दोनों बाथरूम में जाकर नहाए।
मैंने उसे ब्रा-पैंटी पहनाई और फ़िर अपने कमरे में आ गया।
अभी भी मैं वहीं रहता हूँ। अभी तक उसे मैं चार बार चोद चुका हूँ।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें! Antarvasna
हय फ्रेंड्स! मेरा नाम अजय है और मैं दिल्ली Hindi Porn Stories में रहता हूँ. मेरा लण्ड 6.5 इन्च का है और मेरी हाईट 6.2 फ़ीट शरीर सामान्य.
तो फिर बात ऐसी है कि मेरी कोई गर्ल-फ़्रेन्ड नहीं है और मैं अक्सर अपने फ्रेंड्स की गर्ल-फ़्रेन्ड को देख कर परेशान सा होया करता था कि भगवान् मेरी कब सुनेगा. लेकिन उसक घर देर है पर अंधेर नहीं है.
अचानक मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी जोकि हाईट में मुझ से बहुत छोटी थी मैंने मन ही मन कहा कि क्या माल है लेकिन फिर कहा कि यार ये तो अभी छोटी है लेकिन मैं ग़लत था उसकी हाईट ही बस छोटी थी बाकि और सब बड़े बड़े कसे हुए थे. मैंने कहा यह लड़की अगर मेरी फ्रेंड बन जाए तो क्या बात है और इतिफाक से वोह मेरे घर की तरफ़ ही आ रही थी।
मैंने देखा उसकी क्या गांड थी मानो दो ढोल. बाद में पता चला कि वोह मेरे आंटी के यहाँ काम करने आती है फिर क्या था सरदार बहुत ही खुश हुआ. और चोदने के प्लान बनाने लगा।
एक दिन वोह मेरे घर से गुजर रही थी मैंने बड़ी हिम्मत कर के उससे उसके फिगर के बारे मैं कह दिया। वोह सुनकर स्माईल देकर चली गई।फिर क्या था- जो हँसी उसकी फटी. अगले दिन मैं उसका घर के बाहर वेट कर रहा था तो मैंने पाया कि आज कुछ अलग ही लग रही थी, देखा तो पाया कि वो टाईट सूट पहने वो आ रही है. मैं मुस्कुराया और वो भी।
मैंने कहा कि एक जगह काम करना है उसने कहा कि कहाँ? मैंने कहा- मेरे घर। उसने कहा कि ठीक है। मैंने कहा कि ओके ! तुम कल से काम पर लग जाओ, कल 10:00 बजे से।
“ओके” उसने सर हिलाकर मान लिया.
फिर क्या था वो आई मैंने गेट खोला तो पाया कि एक लाल रंग का टॉप और नीले रंग की जीन्स पहने वो खड़ी थी। मैं देख कर हैरान था। उसने कहा कि अन्दर नहीं आने दोगे?
इशारा करते मैंने मन में कहा कि आज तेरी मैया चुद गई. फिर क्या था… ???
मैंने उसे घर दिखाने के बहाने अपनी गोदी में उठा लिया था। क्योंकि वो मुझ से हाईट में छोटी थी न इसी लिए। और फिर उसे कमरे में ले जाने लगा।
वो बोली क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं और जल्दी से कमरे में लाकर कुण्डी लगा दी
वो रोने लगी और उसे देख कर मेरी भी गांड फटने लगी
मैंने कहा- मैं तुम्हारे साथ कुछ भी नहीं करूँगा अगर तुम मुझ से प्यार नहीं करतीं तो!
उसने कुछ नहीं कहा और मैं समझ गया था। मैंने उसे लेट जाने को कहा और कहा मैं तुम्हारे साथ करना चाहता हूँ
फिर उसने कहा कि तो करो न…
मैंने कहा कि ले मेरी जान !
मैंने उसका टॉप के ऊपर उसके 2 रसगुल्ले जैसे बूब्स दबाने शुरू किए और वोह सिसकियां लेने लगी।
फिर क्या था मैंने अपना हाथ उसकी ब्रा में डाल दिया। क्या मजा था यारो ! मानो- या- ना -मानो ! बहुत ही अच्छा लगा।
मैंने पहली बार बूब्स का स्वाद जो लिया था न
मैंने कहा तुम मेरे सारे कपड़े उतार दो।
वो हँसी और बोली पहले मेरे तो उतार दो।
मैंने कहा लो मेरी जान। और मैंने उसे नंगी कर दिया उस बिना झांट वाली चूत क्या लग रही थी।
फिर क्या था वोह भी मेरे सारे कपड़े उतारने लगी और जब उसका हाथ मेरे लण्ड पर गया तो वो सिहर सी गई।
मैंने कहा- क्या हुआ मेरी जान वो बोली कुछ नहीं !
फिर मैंने उसे लेट जाने को कहा, और उसने ठीक वैसा ही किया। मैंने पहले तो 20 मिनट तक उसकी बिना बाल वाली चूत चाटी और फिर मैंने अपना लन उसके मुह में पेल दिया उसे भी स्वाद सा आया फिर मुझे अचानक गुस्सा सा आया और मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया और इतनी जोर से धक्के मारने लगा कि उसकी इतनी जोर से चिल्ली निकली कि मेरे दोनों कान फ़ट से गये। मैंने धक्के मारने बंद कर दिए और उसके बूब्स दबाने लगा और किस करने लगा।
फिर अचानक उसे भी मजा आने लगा। मैं समझ गया था और मैंने जोर से धक्के मारने फिर से शुरू कर दिए इतनी जोर से मैंने धक्के मारे कि सिर्फ़ 2 धक्कों में मैंने उसकी आई एस आई सर्टिफ़ाईड चूत फाड़ दी. और पूरे कमरे में फचा फच की आवाज आ रही थी। उस दिन घर वाले भी कहीं बाहर गए हुए थे। और फिर चोद-चुदाई 20 मिनट तक चली और उसके बाद हम दोनों एक साथ ही झडे मैंने अपना तेजाब उसके मुह में और उसने अपना जलजीरा मेरे मुह में छोड़ दिया. फिर हम दोनों नहाने गए और नहाते हुए हम दोनों तो बस आपस में एक दूसरे को किस करते रहे।
तो दोस्तों यह मेरी कहानी कैसी लगी? Hindi Porn Stories
मेरी हॉट एच आर गर्ल के साथ ऑफिस में मेरा चुदाई का खेल चल रहा था। एक दिन मैंने रिस्क लेने की सोची। लोगों के रहते हुए मैं एच आर के पास पहुंच गया और फिर …
अगर आप इस सेक्स स्टोरी को शुरू से पढ़ते आ रहे हैं तो आपको पता होगा कि मेरे ऑफिस में एचआर जैनब और मेरे बीच चुदाई का खेल चल पड़ा था।
हम दोनों ने कई बार चुदाई कर ली थी और इस चुदाई के खेल में अब एक कैम गर्ल रूमी भी शामिल हो चुकी थी।
ऑफिस में से जब सब लोग चले जाते थे हम दोनों ही आखिर में रह जाते थे।
मैं उसके केबिन में चला जाता था और वहीं डेस्क पर उसकी टांग उठवाकर उसकी चूत में लंड डाल देता था।
इस तरह से कई बार हम लोग चुदाई कर चुके थे।
अब धीरे-धीरे हम लोगों का डर खत्म हो चुका था।
दरअसल शुरुआत में ऑफिस में चुदाई करने के काम में डर के कारण एक रोमांच पैदा होता था जो अब कम हो गया था।
हम अब इसे थोड़ा खतरनाक बनाना चाहते थे।
कंपनी ने सभी सीनियर मैनेजर के लिए कॉन्फ्रेंस बुक की थी।
लेकिन सारे ही मैनेजर शहर से बाहर गए हुए थे।
केवल मेरे जैसे निचले कर्मचारी ही बचे थे।
तो यह हमारे लिए भी अच्छी ही बात थी।
ऑफिस के टाइम में सब लोग मस्ती करते रहते थे लेकिन मैं काम में पिसता रहता था।
मेरे काम का बोझ अब बढ़ता जा रहा था।
बावजूद इसके मैं थोड़ा रिलैक्स रहता था।
इसके पीछे भी एक वजह थी।
जो एचआर काम को चेक करती थी, वह रोज मेरी टांगों के बीच में पड़ी रहती थी, मेरा लौड़ा चूसती रहती थी।
इसलिए मुझे किसी के टोकने का डर नहीं था।
तो मैं नीचे पहुंचा और जाते ही अपने लंड पर उस हॉट ऑफिस गर्ल का मुंह दबा दिया।
उसकी सांस रुकने लगी तो उसने ताजी हवा लेने के लिए जोर से सांस छोड़ी।
इसी दौरान उसके होंठ मेरे लंड को चूस गए।
उस वक्त मेरे डिपार्टमेंट के सभी लोग रिट्रीट के लिए गए हुए थे।
दूसरी बात यह भी थी कि मेरी कंपनी साइबर सिक्योरिटी को लेकर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देती थी।
तब मैंने Dscgirls.live वेबसाइट खोली।
इस दौरान जैनब मेरा लंड चूसने में लगी हुई थी।
मैंने गहरी सांस ली और एक बार फिर से उसके गले में लंड को फंसा दिया।
उसने रंडी की तरह लंड को गले में फंसा लिया और ऊंह करके सिसकारी भरी।
जैनब हाँफती हुई- रूमी को कॉल कर रहे हो क्या?
मैं- हां, मुझे चुदाई करने का मन हो रहा है. और जब वो अपनी चुदक्कड़ चूत को हमें देखते हुए रगड़ती है तो मुझे बहुत मजा आता है।
जैनब- तुम उसका बहुत फायदा उठाते हो। याद रखो, पहले वह मेरी थी।
अब मैंने नीचे की ओर जाकर जैनब की रसीली चूत को पकड़ लिया।
एकदम से उसका मुंह खुल गया और आह्ह … निकल गई।
वह हैरानी के साथ-साथ मजे में मेरी तरफ देख रही थी।
मैंने उसे जोर से किस कर लिया।
मैं- हो सकता है कि वह पहले तुम्हारी हो … लेकिन अब तुम दोनों ही मेरी हो।
जैनब- ओह, मेरी चूत गीली हो रही है!
मैं- सही टाइम आने पर मैं इसमें उंगली भी करूंगा और इसे जमकर चोद भी दूंगा।
जैनब- ओह येस! कर दो!
अब उसने उठकर अपनी सनड्रेस को उठा दिया।
उस हॉट ऑफिस गर्ल ने नीचे से पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी।
उसने अपनी उंगली को मुंह में लिया और फिर चूत के दाने को मसलने लगी।
उसकी क्लीव शेव चूत का पूरा नजारा वो मुझे दिखा रही थी।
मैं उसे देखकर मुठ मारने लगा।
साथ ही मेरी नजर लैपटॉप पर भी थी।
तभी रूमी ने वीडियो कॉल को जॉइन कर लिया।
वह देख रही थी कि कैसे मैं अपने लंड की मुठ मार रहा हूं और जैनब तेजी से अपनी चूत को रगड़े जा रही है।
रूमी- आआ, तुम दोनों तो बड़े नॉटी हो, मेरा इंतजार कर रहे थे क्या?
उसने मुस्कराते हुए अपने टैंक टॉप के स्ट्रैप कंधों पर से हटा दिए।
उसके चूचे नंगे हो गए।
वह अपने निप्पलों को मसलने लगी।
अब जैनब भी उसकी तरफ घूम गई और अपनी चूत का पूरा नजारा उसे दिखाने लगी।
उसने चूत में उंगली दे डाली और गहराई तक चोदने लगी।
उसकी चूत कैमरा में चमक उठी थी और रूमी को यह नजारा बहुत पसंद आ रहा था।
अब रूमी बेड पर पीछे की ओर झुक कर लेट गई और अपने शॉर्ट्स भी उतार दिए।
उसकी चूत भी गीली थी।
उसने भी अपनी चूत में उंगली डाल ली और दोनों एक दूसरे को देखते हुए चूतें चोदने लगीं।
दोनों के ही मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं।
मैंने मुठ मारना रोक दिया और पीछे से जैनब के पास पहुंच गया।
उसने मेरी गर्दन पकड़ ली और गहरी सांस ली।
इतने में ही मेरी पैंट नीचे गिर चुकी थी।
मुझे नंगा देखते ही उसकी टांगें खुल गईं और वो इंतजार करने लगी कि कब मैं उसकी चूत में लंड डालूं।
लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।
मैं उसकी टांगों के बीच में झुक गया। मैं लार से सनी अपनी जीभ से उसकी गांड के छेद को चाटने लगा।
वो हैरानी में पड़ गई और उसने कैमरा में देखते हुए एक कामुक सिसकारी ली।
मैं जैसे उसकी सनड्रेस के अंदर ही घुस गया था क्योंकि उसने ड्रेस को मेरे मुंह पर ही डाल दिया था।
जैनब- ओह्ह माय गॉड, रूमी!! वह ड्रेस के अंदर जाकर मेरी गांड चाट रहा है! फक! बहुत नॉटी है ये!
रूमी जोर से अपनी चूत रगड़ते हुए- फक! ओह याह! चाटो उसकी गांड बेबी! बहुत हॉट है, मैं तो झड़ने वाली हूं!
मैंने अब जैनब की गांड को चाटना बंद कर दिया।
वह हैरानी से मेरी तरफ देखने लगी … जैसे वो निराश हो गई हो।
वो चूत में उंगली अभी भी चला रही थी।
रूमी भी अपनी दो उंगलियों को गीली चूत के होंठों पर फिराती हुई कैमरा में ही देख रही थी।
अब उसे इंतजार था कि मेरा अगला कदम क्या होगा।
मैं उठा और मैंने जैनब की ड्रेस ऊपर चढ़ा दी जिससे उसके रस में सने झांट भी मुझे दिखने लगे।
मैंने उसकी टांगें ऊपर करवा कर डेस्क पर रखवा दीं।
उसकी आह्ह निकल गई।
वो लगातार अपने बदन पर हाथ फिरा रही थी।
रूमी भी कैमरा में सामने आहें भर रही थी।
मैं- रूमी, घूम जाओ, और इस चूत में कुछ डाल लो। इसे रिसने दो!
हॉट ऑफिस गर्ल जैनब- ओह फक, और फिर?
रूमी- हां बताओ हमें!
वह घूम गई और गांड को हवा में उठा लिया और डिल्डो लेकर उसके गांड और चूत के आसपास फिराने लगी.
मैंने जैनब को अब उसके चूतड़ों से पकड़ लिया, उसकी टांगें खोल दीं।
तब मैंने लंड पकड़ा और उस हॉट ऑफिस गर्ल की चूत में पेल दिया।
मैंने उसको चोदना शुरू किया तो उसने डेस्क को पकड़ लिया और चुदास के चस्के में अपनी गंदी ड्रेस के किनारे को ही दांतों से काटने लगी।
चुदाई के धक्कों से उसके बाल बिखरने लगे।
चुदती हुई वो भी अब बहुत ज्यादा हॉर्नी लग रही थी।
उसने रूमी की तरफ देखा।
उधर रूमी भी मुझे एचआर की चुदाई करते देख उतनी ही स्पीड से डिल्डो से अपनी चुदाई करने लगी।
मैंने जैनब को घुमाया ताकि वो मुझे किस कर सके।
वह मेरी जीभ को चूसने लगी।
मैं उसे तेजी से चोद रहा था।
धक्कों के कारण केबिन के ग्लास पैनल भी हिलने लगे।
और उनके हिलने के साथ ही जैनब भी कराहने लगी।
उसकी आंखें ऊपर चढ़ने लगी थीं और वह अपने होंठ काट रही थी।
जैनब आनंद में उछलते हुए- ओह फक … रूमी देख रही हो … देखो ये … ओह फक!
रूमी रंडियों की तरह सिसकारते हुए- अम्म याह! ऐसे ही चोदो इसे!
अब मैं छूटने की कगार पर पहुंच रहा था।
उन दोनों की सिसकारियों मुझे पागल बना रही थीं।
फिर मुझे एक नॉटी आइडिया आया।
मैंने लंड में कड़ापन महसूस किया और मैं समझ गया था कि मैं छूटने वाला हूं।
उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और अंदर तक घुसा लिया।
लेकिन मैं लंड को ठोक कर रुक गया।
उसने गुस्से भरी चुदास से मेरी तरफ देखा। उसने डेस्क को पकड़ा और मेरे लंड पर अपनी गांड की जैसे चक्की चलाने लगी।
मैंने फिर से लंड देकर रोक दिया।
वह सिसकारने लगी और मेरा लंड बाहर निकाल दिया।
वो मेरा लंड देखते हुए अपनी चूत सहला रही थी और मैं अपने लंड को हाथ से हिला रहा था।
मैंने जल्द ही सारा माल जैनब की ड्रेस पर छोड़ दिया।
जैनब ने अपनी गन्दी हो चुकी ड्रेस को देखा।
माल उसके बदन को भी भिगो चुका था।
फिर उसने सारा माल चाट लिया और मेरे गाल पर हल्का तमाचा लगा दिया जैसे प्यार भरा गुस्सा दिखा रही हो क्योंकि मैंने उसकी ड्रेस खराब कर दी थी।
एचआर- तुम बहुत नॉटी हो।
मैं- तो अब क्या करोगी तुम?
उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे धीरे धीरे सहलाने लगी।
उधर रूमी भी धीरे धीरे अपनी चूत को सहला रही थी और हमारी तरफ देखते हुए मुस्करा रही थी।
रूमी- तुम दोनों हमेशा ही कुछ न कुछ ऐसा मजा करते रहते हो। मेरा इंतजार अब दूसरा क्लाइंट कर रहा है तो मुझे जाना होगा।
हमने रूमी को बाय बोल दिया।
जैनब- हमें उसे कुछ घंटे बाद फिर बुलाना चाहिए!
वह मेरे कानों में फुसफुसाई- जब यहां से हर कोई जा चुका होगा।
मैं- तो क्या तुम पूरा दिन इस सनी हुई ड्रेस में घूमोगी?
जैनब ने बदन से ड्रेस पूरी तरह हटा दी और मेरे ऊपर फेंक दी।
मैंने उसे दीवार से सटा दिया और ग्लास पैनल के सहारे लगाकर उसे चोदने लगा।
अबकी बार मेरा माल उसकी चूत में छूट गया।
उसने मेरी तरफ देखा और मुस्करा दी।
फिर वो एक तरफ गई और कुछ टिश्यू ले आई, साथ में एक नई सनड्रेस भी।
मेरे पास आकर उसने मुझे किस किया और फिर ड्रेस पहन ली।
जैनब- मैं पहले से ही तैयारी करके आई थी। मुझे अंदेशा था कि तुम अपना माल मेरी ड्रेस पर भी गिरा सकते हो।
मैं- मैं तो बार-बार तुम्हारे अंदर ही अपना माल निकालना चाहता हूं जान!
हॉट ऑफिस गर्ल जैनब मुझे चूमते हुए- थोड़े घंटे इंतजार करो, फिर मेरी गांड में भी गिरा लेना।
मुझे इस वर्चुअल थ्रीसम में बहुत मजा आ रहा था।
मस्त राइड थी यह मेरे लिए!
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