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Massage Girl in Patan: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Patan who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Patan that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Patan massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Patan who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Patan massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Patan massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Patan who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Patan employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Patan helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Patan

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Patan at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

मैं जयपुर का Antarvasna रहने वाला 21 साल का नौजवान हूँ। हमारे जयपुर में 14 जनवरी (मकर संक्रान्ति ) के दिन पतंगें उड़ती हैं। हम लोग पूरी जनवरी महीने में छत पर ही रहते और पतंगें उड़ाते थे।

हम पतंग उड़ाते हुए बहुत मजे करते थे। मैं इस बार अपने दोस्त तरुण के घर की छत से ही पतंगे उड़ा रहा था। उसका घर मेरे घर से एक किलोमीटर दूर है। तरुण के छत के पीछे वाली छत पर रोज़ एक खूबसूरत लड़की आती थी।

मैंने तरुण से उसका नाम पूछा तो बोला- इसका नाम रक्षिता है।
और साथ में यह भी बताया कि यह किसी को लाइन नहीं देती है।
मैंने कहा- मैं इस खूबसूरत रक्षिता से दोस्ती करना चाहता हूँ !
तो वो बोला- तू पागल तो नहीं हो गया? जिस लड़की ने आज तक हमसे दोस्ती नहीं की, वो तुझ से क्या करेगी?

मैं बोला- चल लगी हज़ार की शर्त ! मैं इससे दोस्ती करके रहूँगा।
वो बोला- ठीक है…
अब आप लोगों को उसका आकर्षक फिगर बताता हूँ… उसके वक्ष का आकार 36 और शक्ल मानो करीना सामने आ गई हो…
मैं उसके नाम पर रोज़ मुठ मारता था।

बात 11 जनवरी 2009 की है, उस दिन में पतंग उड़ा रहा था। किस्मत से उस दिन हवा भी रक्षिता के घर की तरफ थी। मैंने देखा कि वो कपड़े सुखाने छत पर आई है तो मुझे एक आईडिया आया और मैंने उसके छत पर रखे गमलों में अपनी पतंग अटका दी।
और आवाज लगाई- मैडम, मेरी पतंग सुलझा दो…
उसने पहले तो मेरी तरफ गुस्से से देखा फिर पतंग हटाती हुई बोली- मिस्टर, मेरा नाम रक्षिता है !

मैं बोला- अच्छा नाम है ! और मेरा नाम रोहित है… और मैंने यह पतंग जानबूझ कर अटकाई थी क्योंकि मुझे आपसे दोस्ती करनी है…

फिर वो गुस्से भरे लाल चेहरे से बोली- तुमने सिर्फ दोस्ती करने के लिए मुझे परेशान किया? दोस्ती के बारे में सोच कर बताउँगी।
मैं बोला- ठीक है…

अगले दिन में छत पर उसका इन्तज़ार कर रहा था, करीब दो बजे छत पर आई। तब मैं अकेला ही छत पर था।
वो आकर बोली- मुझे लगता है कि तुम एक अच्छे इन्सान हो क्योंकि तुमने उसी समय सच्चाई बता दी… इसलिए मैंने निर्णय लिया है कि मुझे तुमसे दोस्ती करना मंजूर है…
मैं ख़ुशी से उछल पड़ा…फिर मैंने उससे उसका फ़ोन नंबर लिया…

बाद में मैंने तरुण से पूछा- रक्षिता के घर में कौन कौन है?
वो बोला- यह अपने भाई और भाभी के साथ रहती है।

मुझे लगा कि मुझे इसके भाई से दोस्ती करनी चाहिए जिससे रक्षिता के घर में घुस सकूँ !
मैं तरुण से बोला- यार, मुझे रक्षिता के भाई से मिला दे…
तरुण बोला- मिला तो दूंगा, पर आगे बात तुझे ही संभालनी पड़ेगी..
मैंने कहा- ठीक है।

शाम को जब उसका भाई आया तो तरुण ने उससे मुझे मिलवाया…
अगले दिन 13 जनवरी थी तो मैंने रक्षिता के भाई से पूछा- कल मैं आपके साथ आपकी छत पर पतंग उड़ा सकता हूँ?
तो बोले- हाँ क्यों नहीं ! मुझे भी कोई साथी मिल जाएगा..

अगले दिन हम दोनों 9 बजे छत पर पतंग उड़ाने चले गए…
हमने 2-3 पतंगें उड़ाई, तब रक्षिता हमारे लिए कुछ खाने के लिए ले आई…
जब वो आई, तब उसका भाई पतंग उड़ा रहा था, उसका ध्यान हमारी तरफ नहीं था।

मैंने उसे आँख मार दी और उसने मुस्कान दिखाई…
अब तो मैं उसी चोदने के बारे में सोचने लगा…
फिर वो नीचे चली गई।

उसका भाई साढ़े दस बजे ऑफिस जाने के लिए तैयार हो कर चला गया और जाते हुए बोल गया- जब तक इच्छा हो, उड़ा लेना और किसी चीज की जरुरत हो तो मांग लेना !
मैंने कहा- ठीक है…

भैया के जाने के करीब एक घंटे बाद रक्षिता ऊपर आई, बोली- जल्दी पतंग उतारो ! मुझे तुम्हें कुछ दिखाना है जल्दी नीचे आओ…
मैंने जल्दी से पतंग उतारी और बोला- क्या दिखाना है?
बोली- अंदर तो चलो !

और वो मुझे अपने कमरे में ले गई और मेरा हाथ पकड़ कर बोली- रोहित, मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो ! मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ।

ऐसा एकदम से सुनकर मैं तो दंग रह गया। फिर सोचा कि अब जल्दी चूत मिल जाएगी।
मैं बोला- मुझे भी तुम्हें देखते ही प्यार हो गया था ! चलो, अब मैं ऊपर जा रहा हूँ, भाभी ने देखा तो मुश्किल हो जाएगी।
वो बोली- वो पड़ोस में गई हैं…
मुझे एक मस्त किस कर ना…
मैं बोला- ले मेरी जान !

और कसके उसे पकड़ा और एक लम्बा किस दिया.. किस देते देते मैं उसके स्तन भी दबा रहा था। अब वो गर्म हो चुकी थी। मैंने उसकी गांड दबाना शुरू किया।
तभी अचानक घंटी बजी, मैं तो सीधे छत पर भाग गया और पतंग उड़ाने लगा।
अगले दिन मकर संक्रान्ति थी..

मैं अगले दिन सुबह 8 बजे छत पर जाने वाला था पर कोहरा होने के कारण मैं 9-30 पर छत पर गया…अपनी नहीं रक्षिता की..

उस दिन उसने गहरे नीले रंग की कसी जींस पहनी थी और गुलाबी रंग का कसा टॉप पहना था। क्या मस्त लग रही थी ! मुझे तो इच्छा हो रही थी अभी बाहों में लेकर चोदना शुरू कर दूँ..

वहाँ पर करीब 12 बजे तक रक्षिता के भैया पतंग उड़ा कर अपने दोस्त के घर चले गए साथ में भाभी को भी लेकर गए…
मुझे तो मजा आ गया…

मुझे अब रक्षिता को चोदने का मौका मिलने वाला था..
भैया के जाते ही मैं रक्षिता से लिपट गया…और उसे बहुत लम्बा किस दिया… और गांड पकड़ कर उसे अपने हाथों से उठा लिया…

थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया .. उसकी जींस में से ही चूत को सहलाने लगा…उसे मजा आने लगा और वो आहें भरने लगी…
मैं अब उसके स्तनों को भी टॉप में से ही दबाने लगा थोड़ी देर में उसकी चूत गीली हो गई…

वो बोली- जानू ! मेरी चूत में से मस्त माल निकल चुका है… अब आप अपने मस्त से लौड़े से मेरी चूत का उदघाटन करोगे…
मैं बोला- जानेमन, इतनी जल्दी भी क्या है… पहले पूरे मजे तो ले लो ! फिर तेरी चूत का भी उदघाटन करेंगे…
वो बोली- आप जैसा कहें मेरे जानू…

फिर मैंने उसे फिर से किस किया और..उसके वक्ष को उसके टॉप से आज़ाद किया… उसके स्तन क्या तो मस्त थे ! मैंने उसके चुचूक को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया…
उसे बहुत मजा आया और वो आहें भरने लगी- जानू, तुम तो बहुत मस्त चूसते हो… चूसते रहो…

फिर मैंने उसकी जींस को उतार फेंका, अब वो सिर्फ पैंटी में थी और बहुत मस्त लग रही थी उसकी काली पैंटी ! वो बिल्कुल अप्सरा लग रही थी…

फिर मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत को चूमने लगा… उसकी चूत में से मस्त खुशबू आ रही थी… वो आहें भरने लगी- अआहछ आह्ह
फिर मैंने उसे कहा- जान अब मुझे भी तो इन कपड़ों से आजाद करो !
बोली- ये लो जानू…

फिर उसने मेरा टी-शर्ट उतार फेंका और मेरे सीने पर चूमने लगी…
मुझे काफी मजा आ रहा था, साथ साथ मैं उसकी चूचियाँ भी दबा रहा था..
फिर उसने मेरी जींस उतारी और बोली- अब यह मस्त लंड आज़ाद होगा…

और उसने मेरा अन्डरवीयर उतारा और मेरे फड़फड़ाते साढ़े सात इंच के लंड को निकाला और मुँह में ले लिया और उसे मजे से चूसने लगी।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था…15 मिनट बाद मेरा पानी निकला और वो चूसने लगी… मुझे काफी मजा आया..

फिर 10 मिनट में हमने कुछ खाया और फिर मैंने उसकी चूत में अपना लौड़ा डाला ..
वो पहली बार चुद रही थी इसलिए मैंने उसकी चूत में आराम से अपना लंड डाला। थोड़ा अन्दर जाने के बाद वो चिल्लाई- रोहित, निकालो इसे ! मुझे दर्द हो रहा है !
मैं बोला- थोड़ी देर बाद अच्छा लगेगा…थोड़ा सहन कर लो इसे…
वो बोली- ठीक है…

फिर मैंने चुदाई चालू रखी… थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वो बोली- रोहित, और तेज़ चोदो ! फाड़ दो मेरी चूत को…
मैंने और तेज़ चोदना शुरू किया। थोड़ी देर में वो झड़ गई .. मुझे काफी मजा आ रहा था, मैं लगातार चोदता रहा… थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया। उसने मेरा पानी अपने मुँह में पी लिया। फिर मैंने उसकी गांड भी मारी। हमने काफी मजा किया…

पर उसकी भाभी ने हमें पकड़ लिया और फिर मैंने उसे भी लंड का स्वाद चखाया…उसकी भाभी की चुदाई अगली कहानी में…
मुझे मेल करना मत भूलना… Antarvasna

Hindi Sex Stories

चतुर्थ भाग में मैंने लिखा था कि Hindi Sex Stories किस प्रकार मैं सीमा दीदी की ससुराल गया और वहाँ रीना और टीना के साथ मस्ती की !

बाथरूम से आने के बाद मैं तो एक तरह से निढाल हो चुका था पर वो दोनों एक दम चुस्त लगती थी ! हो क्यों ना ? मेहनत तो मुझे ही करनी पड़ी थी !

वो कह रही थी- देख बहनचोद, अब क्या हालत होती है तेरी !

उनके मुँह से गाली सुनकर अजीब सा लगा पर अच्छा भी लग रहा था ! इतनी बिंदास थी दोनों कि गाली पर गालियाँ दिए जा रही थी। अब मेरे से भी नहीं रहा गया, मैंने भी कहा- साली रंडियों, देख तेरा भाई कैसे आराम से सो रहा है और तुम दोनों ने मुझको ही मुर्गा बना रखा है ! साली अपने भाई का भी कुछ ख्याल करो !

टीना ने कहा- उससे तो हम रोज ही चुदते हैं और भाभी आने के बाद भी चुदेंगी पर तू कहाँ फिर मिलेगा !

मैंने कहा- यह कोई समस्या नहीं है, जब भी तुम लोग याद करोगे, मैं हाज़िर हो जाऊंगा !

फिर दोनों ने मिलकर पाउडर लेकर मेरे सारे बदन पर ढेर सारा लगा दिया केवल लंड और मेरे निपल को छोड़ कर !

मैं कुछ समझ नहीं पाया कि वो क्या कर रही हैं ! इस तरह वो दोनों मुझसे लिपट कर लेट गई ! मैं फिर से उत्तेजित होने लगा क्योंकि टीना मेरे चुचूक को चूस रही थी और रीना मेरा लंड चूस रही थी! हम लोगों के बदन पावडर की वजह से इस तरह रगड़ रहे थे कि मालूम ही नहीं होता था कि बदन से बदन रगड़ रहे हैं ! मैं मन ही मन सोच रहा था कि हम लोगों ने इतने दिन बेकार ही किये ! जो मजा आज मिला मानो मुझे स्वर्ग ही मिल गया ! मैंने सोच लिया कि आगे हम लोग भी इसी तरह का लुफ्त उठाएंगे !

इसके बाद हम लोगों ने एक बार जमकर चुदाई की। तब तक तीन बज चुके थे और हम सो गए !

दूसरे दिन जीजू ऑफिस नहीं गए, हम लोग मस्ती कर ही रहे थे कि जीजू ने कहा कि वो अभी आते हैं, और चले गए !

जब वापस आये तो साथ में बीयर की बोतलें और एक बोतल व्हिस्की की थी। जीजू ने कहा कि चलो सब बीयर पीते हुए चुदाई का मजा लेते हैं, रात को व्हिस्की पीकर चुदाई करेंगे!

फिर क्या था- बीयर की बोतल खुल गई और हम सब बीयर पीते हुए आपस में छेड़खानी करते करते एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे। सबसे ज्यादा पहल टीना कर रही थी !

जैसे ही कपड़े उतरे, टीना मेरी गोद में और रीना जीजू के गोद में बैठ गई ! दोनों लंड से खेल रही थी हम उनकी चूचियों से !

अचानक टीना को क्या हुआ मेरी गोद से उतर गई, मैंने पूछा- क्या हुआ ? कहने लगी- साले, चुप भी रहेगा कि नहीं ! देख मैं क्या करती हूँ !

कहकर मेरे लंड पर बीयर डालकर चूसने लगी। मैं भी कहाँ कम था, तुंरत उसकी चूचियों पर बीयर डाल कर मजा लेने लगा !

इधर जीजू और रीना क्या कर रहे थे, उसका हमें होश नहीं था !

और हमे करना भी क्या था ! बीयर पीते पीते एक राउंड चुदाई का हुआ ! फिर कुछ देर आराम करके फिर चुसाई-चुदाई में लग गए !

टीना और रीना कह रही थी- संजय, तेरा लौड़ा इतना मस्त है कि जी चाहता है हर समय चूत में घुसाकर ही रखूँ !

मैंने कहा- हम तो आपके गुलाम हैं ! आप जैसा चाहेंगी, वही होगा !

उन्होंने कहा- साले यहीं आकर रह जा और दिन रात हम लोगों की चूत की सेवा कर !

पर यह मुश्किल था, मैंने कहा- दीदी के आ जाने बाद तो आना जाना लगा ही रहेगा तुम लोगों की सेवा करने !

इसके बाद एक जबरदस्त चुदाई का राउंड हुआ और हम सब सो गए ! रात को जीजू ने अपने पापा मम्मी को कहा- आप लोग खाना खाकर सो जाओ, हम देर से खाना खायेंगे !

वो बेचारे क्या समझते, खाना खाकर सो गए ! फिर चालू हुआ हम लोगों का प्रोग्राम ! फिर व्हिस्की की बोतल खुली, एक एक पैग सबने आपस में चुहलबाजी करते हुए पिया। फिर तो थोड़ा सरुर आते ही एक दूजे से भिड़ गए !

फिर व्हिस्की पीते हुए लंड चुसाई और चुदाई चालू हो गई ! टीना ने कुछ जायदा ही पी ली थी इसलिए वह बहुत मस्ती से बढ़-बढ़ कर चुदवा रही थी, साथ ही साथ कह रही थी- ऐसा कोई मर्द नहीं जो टीना को ठंडी कर सके !

मुझे गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर कोई उपाय नहीं था !

खैर रात भर चुदाई के बाद सुबह रवाना होने के पहले मैंने टीना को कहा- इस बार जब आऊंगा तो ऐसा चोदूंगा दोनों को कि दोनों जिन्दगी भर याद रखोगी !

उसने कहा- तेरे जैसे बहुत देखे हैं !

जाते जाते दोनों ने मुझे चुम्मियों से भर दिया और एक बार मेरा अमृतरस पीने की इच्छा प्रकट की। भला मैं उन्हें निराश कैसे कर सकता था !

दोनों ने चूस चूस कर मेरा रस मजे ले ले कर पिया और मैं उनकी चूचियाँ दबा कर चल पड़ा।

उन्होंने कहा- संजय, तुम्हारी बहुत याद आएगी !

मैंने कहा- मैं तुम दोनों को कैसे भूल सकता हूँ, जल्द ही आने की कोशिश करूँगा !

इस प्रकार दो दिन मस्ती से गुजार कर घर लौट आया ! घर आकर मैंने सीमा दीदी और विजय भैया को सारी बातें बताई और हम तीनों ने कई दिनों तक उसी तरीके से काफी मजे किये !

आपको कैसी लगी कृपया मुझे मेल करें ! Hindi Sex Stories

Antarvasna

दोस्तो, यह जिस्म, यह Antarvasna जवानी, यह नाज़ुक-नाज़ुक अंग सदा नहीं रहेंगे। आज हो कल नहीं ! यह किसने जाना है ! अगर भगवान् ने औरत और मर्द बनाए हैं, हर औरत एक जैसी नहीं होती, हर मर्द एक जैसा नहीं होता। लेकिन लौड़े की चाहत, चूत की चाहत किसको नहीं होती?

कौन कहता है कि कामवासना अपने हाथ में होती है ! जी नहीं ! मेरी थोड़ी कुछ अलग है। लगभग हर औरत की होगी।

मैं ऐसे माहौल में बड़ी हुई, बहुत उच्च वर्ग के परिवार से ताल्लुक रखती हूँ। मैं बी.सी.ए प्रथम वर्ष की छात्रा हूँ। मेरे माँ-बाप के पास मेरे लिए समय नहीं है। असल में किसी भी बच्चे के लिए समय नहीं था, पैसा अँधा था, होना भी चाहिए।

सोलहवें ही साल में मैंने सेक्स का सुख पा लिया था। अपनी मॉम, बहनों, पापा को अपने-अपने दोस्तों के प्रति चाहत थी। सातवीं कक्षा में थी जब मैंने अपने ही घर में अपनी मॉम को गैर-मर्द की बाँहों में झूलता देखा, वो भी पापा के बेस्ट फ्रेंड से ! उसके इलावा भी मैंने कई बार अपनी मॉम को अलग-अलग मर्दों की बाँहों में देखा था।

अपनी ही बहन को रात उसके बेडरूम, में आधी रात को चुदाई करते देखा।

पापा ज्यादातर घर से बाहर ही रहते थे, बिज़नस ही धर्म-करम सब कुछ था।

ऊपर से मेरी दोस्ती मध्यम वर्ग की कुछ लड़कियों से, जिनके एक नहीं, कई बॉय फ्रेंड थे। यह सब कुछ देख देख कर मेरा दाना भी फड़कने लगा, जवानी यार मांगने लगी, खुद को दबवाने के लिए, शांत करवाने के लिए ! लड़कों के गंदे-गंदे कटाक्ष अब अच्छे लगने लगे। उसके बाद शुरु हुआ मेरी जवानी का लुटाना ! पसंद के लड़कों से शुरु हुई जो अब बंद नहीं करना चाहती !

आखिर अपने इर्द-गिर्द मंडराने वाले भंवरों को अपना रस चखाने का फैंसला कर लिया और एक बहुत बड़े ट्रांस्पोर्टर के लड़के को मैंने हाँ कह दी। अपने लेवल, अपने स्टैण्डर्ड के ही लड़के को हाँ कही थी मैंने भी !

उसके साथ लॉन्ग-ड्राइव पर जाना, रात को डिस्को लेकर जाना ! आखिर एक दिन उसने मुझे अपना फार्म हाउस दिखाने लेकर गया। आलिशान सा फार्म हाउस मेरे लिए आम सा था। सीधा कार से उतर उसके बेडरूम में गए और उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया। मैं भी बेल की तरहं उससे लिपट गई, वो पीछे से मेरे भरे-भरे गोल-मोल चूतड़ों को दबाने लगा और मेरे होंठ चूसने लगा। मैं भी गरम होती गई और नीचे से हाथ डाल उसके लौड़े को मसलने लगी। उसका खड़ा हो चुका था और मेरे हाथ में था।

उसने झट से मेरी टॉप उतार फेंका और फिर जींस खींच कर उतार दी।मेरी गोरी-चिट्टी जांघें देखकर उसका लौड़ा सख्त हो गया। उसने मेरी ब्रा उतार मेरा मम्मा मुँह में ले लिया और फिर मेरे चुचूक को चूसने लगा। जिससे में भड़क उठी और जोर से उसके लौड़े को मसलने लगी और फिर उसकी पेंट उतार ऊपर से उसका लौड़ा मसलने लगी। उसने मुझे नीचे दबाते हुए अपना लौड़ा मेरे होंठों पर टिका दिया और मैंने उसको मुँह में डाल दिया, उसके लौड़े को चूसने लगी।

अब उसने मेरी चड्डी उतार मेरी कोरी चूत पर जैसे ही मरदाना हाथ फेरा, वो पल मेरी जिंदगी का हसीन पल बन गया। वाह वाह ! क्या नज़ारा आया !

उसको मालूम हो गया कि चूत कोरी है ! उसने 69 में लिटा कर अपने होंट उसपर रख दिए जिससे वासना और भड़क उठी। मैं जोर-जोर से उसका लौड़ा चूसने लगी, वो मेरे दाने से खेल रहा था।

मैं अब आपे से बाहर होने लगी। यह देख उसने मुझे लिटाते हुए मेरी टांगें चौड़ी करवा दी और बीच में बैठ अपना लौड़ा चूत पे टिका दिया।

प्लीज़ घुसा दो इसको मेरे अन्दर !

उसने मेरी दोनों बाहें पकड़ ली और मेरे होंठ अपने होंठों में ले लिए और ज़बरदस्त झटका दिया। लौड़ा चूत चीरता हुआ अन्दर घुसने लगा। मैं चिल्लाना चाहती थी लेकिन वो खिलाड़ी था इस खेल का ! उसने पूरी मर्दानगी सीख रखी थी, पूरा घुसा कर उसने पूरा निकाल दिया, फिर से डाला, फिर निकाला ! मेरे खून से उसका लौड़ा भीगा पड़ा था।

यह देख मैं रोने लगी पर उसने मेरे होंठ नहीं छोड़े। जैसे ही मैं नीचे से चूतड़ उठाने लगी, उसने मेरे होंठ छोड़ दिए। मैंने चैन की सांस ली और उसकी छाती पर मुक्के मारे- अब और करो ! जोर-जोर से करो ! फाड़ डाली मेरी चूत ! लूट ली मेरी सील बंद चूत !

बोला- अच्छा लग रहा है?

मैंने कहा- बहुत अच्छा ! और मारो मेरी !

वो पटक पटक कर मेरी चूत मार रहा था, मैं नीचे से उठ-उठ कर उसे उकसा रही थी- आह !

उसने मुझे कुतिया की तरह घुटनों के बल कर पीछे से मेरी चूत में लौड़ा डाल कुत्ते की तरह चोदने लगा।

वाह ! इतना मजा आता है इस खेल में !

हां ! मजा आ रहा है ना ?

बहुत अच्छा लग रहा है ! फक मी ! फक मी फास्ट, यू रास्कल ! फक माय पसी फास्ट ! यः टेक इट ! अह अह उह उह !

उसने फिर से मुझे नीचे डाल लिया और मेरे ऊपर सवार होता चला गया। पम्प की तरह मेरी चूत चुद रही थी- यह ले साली, कुतिया ! गश्ती ! तू आज से मेरी हुई ! तोड़ डाली सील तेरी फुद्दी की !

हाय, मार मार मेरी लाल कर दे ! चोद हरामी चोद ! हरामी माँ बना दे मुझे ! कुंवारी माँ !

ले ! ले ! करते करते उसने अपना माल मेरे अंदर छोड़ दिया। उसका गरम-गरम माल वो भी इतना निकला कि बाहर गिरने लगा। उसने लौड़ा निकाल मेरे मुँह में डाल दिया, मैंने साफ़ कर दिया। उस पूरे दिन उसने मुझे तीन बार चोदा और मुझे कच्ची कली नहीं रहने दिया। मुझे भी सेक्स का इतना स्वाद आया और अब मौका मिलते हम दोनों चुदाई का मजा लेने लगे।

फिर वो इंग्लैंड में पढ़ने चला गया और मेरी चूत प्यासी रहने लगी।

मेरा अफेयर एक और लड़के के साथ चल निकला और मैंने उसको अपने घर बुलाया, वो बोला- रात को अकेला नहीं आऊंगा ! अपने कज़िन को साथ लाना पड़ेगा, तभी घरवाले रात को बाहर आने देंगे।

मैं मान गई। उसके बाद दो दो लौड़े मिले, उसके बारे में लिखूंगी अगली बार ! Antarvasna

सेक्स शब्द मात्र से ही तन मन में रोमांच पैदा हो जाता है तो सोचिये जिसने एक बार ये स्वाद चख लिया हो तो वो इसके बिना कैसे तड़पता होगा?
मैं निशा मल्होत्रा हरियाणा के कुरुक्षेत्र शहर से 34 28 36 फिगर की 28 वर्षीय नटखट अल्हड़ जवान शादीशुदा उच्च शिक्षित महिला आप सभी सेक्स दीवानों का अभिवादन करती हूँ.

मेरी शादी आज से तीन वर्ष पहले एक काफी अमीर परिवार में हुई थी. मेरे पतिदेव का अपना बिज़नस है और उनका कारोबार भारत के कई प्रदेशों में फैला हुआ है. इसलिए वो अक्सर अपने बिज़नस टूर की वजह से काफी काफी दिनों तक बाहर भी रहते हैं. शादी के बाद सुहागरात पर पहली बार सेक्स का आनन्द लेने का मौका मिला था मुझे जीवन में! सुहागरात की चुदाई मेरी पहली चुदाई थी.
मेरे पतिदेव बहुत सेक्सी भी हैं और पावरफुल भी इसलिए उन्होंने मुझे सेक्स का अपार सुख दिया. मुझ में ऐसी काम वासना जागृत कर दी थी उन्होंने कि अक्सर जब वो घर नहीं होते थे तो मैं पीछे से सेक्स के लिए तड़पती हुई कभी डिल्डो से तो कभी अपनी प्यारी उंगलियों से अपनी चूत का रस निकलकर उसे शांत करती थी.

पर शादी के तीन साल बाद अब ये प्यास कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी मुझमें और दूसरी तरफ मेरे पति अपने कारोबार की तरक्की के लिए कुछ ज्यादा ही व्यस्त रहने लगे थे.

फिर एक दिन वो हुआ दोस्तो… जिससे मुझे मेरी काम इच्छाओं को पूरी करने वाला एक नया साथी मिल गया.

उस दिन मैं हमेशा की तरह बाथरूम में नहा रही थी, मैं कभी भी कपड़े अपने साथ अन्दर लेकर नहीं जाती. नहाते वक़्त मैं अपने खूबसूरत जिस्म को निहारते हुए अपनी ही कामवासना में खोई हुई अपनी चूत को सहलाये जा रही थी.
मेरी ब्रा पैंटी और टॉवल सब बाहर मेरे बेड पर ही पड़े थे.

मेरे मामाजी का लड़का जिसके साथ बचपन से ही मैं काफी खुली हुई थी, हम दोनों भाई बहन हर तरह की बातें कर लेते थे, वो घर आया और मेरी सास ने उसे ऊपर मेरे रूम में भेज दिया मिलने!

वो मेरे बेडरूम में आकर बेड पर बैठा और मेरे अंदरूनी कपड़ों को देखकर उसका मन भी डोलने लगा शायद… वो मेरी ब्रा हो हाथ में लेकर चूमते हुए मेरे 34 साइज़ के भरे हुए बूब्स को फील करके उन्हें चूसने का अनुभव करने लगा.

इधर मैंने अपनी चूत को सहलाकर उसका रस निकाला और अच्छे से नहाकर अपने जिस्म की खूबसूरती को निहारकर मटकती हुई अपने बाथरूम का दरवाजा खोलते हुए बेडरूम में आई तो देखती हूँ कि मेरे बेड पर तरुण (मेरे मामा का लड़का) बैठा हुआ है और उसका तक़रीबन 8 इंच का एकदम कसा हुआ लंड जो काली घुंघराली झांटों से भरा हुआ था, उस पर मेरी पैंटी को रगड़ रहा था.

मैं उसे इस हालत में देखकर कुछ पल के लिए मानो मन्त्र मुग्ध सी हो गई थी. मैं ये भी भूल गई कि मैं खुद एकदम नग्न अवस्था में उसके सामने हूँ. वो भी मेरी जैसी अप्सरा को अपने सामने इस नग्न कामुक अवस्था में देख खो सा गया था.
इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती, वो एकदम से मेरे करीब आ गया. हम दोनों अब एक दूसरे के बिल्कुल समीप थे, दोनों एक दूजे की आँखों में खोये हुए थे कि इतने में कब उसने मेरे होंठों को अपने लबों में ले लिया, पता ही नहीं चला यारो!

मेरे अन्दर भी सेक्स की अधूरी कामनायें पूरी तरह से जाग चुकी थी और वो भी आज मुझे पूरी तरह से भोगने के लिए तैयार था. उसने फटाफट अपने सारे कपड़े निकाले और मुझे चूमते हुए बेड पर लिटा दिया, फिर मेरे कोमल पर सख्त, मुलायम पर कसे हुए बूब्स को जोरों से चूसने लगा, मेरे पेट को चूमते हुए मेरी चूत तक पहुँच गया और फिर एकदम से टूट पड़ा मेरी भीगी हुई चूत पर…

उफ अशश्स आह्ह्ह आह्ह ह्ह की आहें बरबस ही मेरे मुख से निकलने लगी.

उसने चूस चूस कर ही मेरी प्यासी चूत का कामरस निकाल दिया और फिर अपने तनतनाते हुए लंड को मेरे मुख के करीब ले आया. मैं समझ गई थी उसका इशारा और मैं खुद उसके कसे हुए लंड को चूसना चाहती थी इसलिए मैंने अपना मुंह पूरा खोलते हुए उसके लंड को गप्प से निगलना शुरू किया.

अभी कुछ ही पल हुए थे उसका लंड चूसते हुए मुझे कि इतने में उसने मेरे मुँह से अपना लंड निकाला और बेड पर लेट गया. मैं उसका इशारा समझते हुए उसके ऊपर चढ़ गई और अपनी भीगी प्यासी चूत में उसका लंड सेट करने लगी.
वो मेरे 34 साइज़ के रसभरे बूब्स को दबाने लगा जोर से और मैं उसके लंड पर कूदने लगी. उस वक़्त हम दोनों सेक्स के नशे में चूर हो चुके थे.

जल्दी ही मैं झड़ गई और थक कर नीचे उतर गई फिर वो मेरे ऊपर आ गया. उसने मेरी चूत को चूमा और फिर अपना लंड मेरी चूत में डालते हुए दस मिनट तक मेरी ज़बरदस्त चुदाई की.

हम दोनों थक कर कुछ देर यूँ ही साथ नंगे ही लेटे रहे.

वैसे पहले हमारे बीच बातें तो सभी हो जाती थी मज़ाक मजाक में… पर दोनों के बीच सेक्स का यह पहला अवसर था.

उस दिन से मुझे मेरी तनहाई को मिटाकर प्यार और सेक्स का आनन्द देने वाला साथी मिल गया.

मित्रो, यह थी मेरे पहले पर पुरुष के साथ सेक्स भाई बहन की चुदाई की कहानी.
मैं आशिक राहुल का दिल से और अपनी भीगी चूत से धन्यवाद करती हूँ कि उन्होंने मेरी कहानी को हिंदी में लिखा और अन्तर्वासना पर प्रकाशित करने में मेरी मदद की और साथ ही आशिक राहुल से गुजारिश भी करती हूँ कि वो जल्दी ही उनके और मेरे बीच हुए सेक्स संगम की रोचक कहानी भी आप सबके सामने पेश करें!
और साथ ही अन्तर्वासना प्लेटफ़ॉर्म को धन्यवाद करना चाहूंगी जिसकी वजह से ऐसे प्यारे दोस्त से मुलाकात हुई और अपनी सेक्स कामनाओं के पूर्ति के लिए एक विश्वसनीय दोस्त मिला.

दोस्तो! यह भाई बहन की चुदाई की कहानी थी निशा मल्होत्रा की उन्ही की जुबानी. जैसाकि निशा ने कहा है कि मैं उनके और मे

Sex Stories

मेरा नाम राहुल है, मैं Sex Stories द्वितीय वर्ष का छात्र हूँ। मैं आपको जो कहानी बताने जा रहा हूँ वह गत वर्ष ग्रीष्मकाल की है।

मैं गर्मी की छुट्टियों में मुम्बई गया था। मुम्बई में मेरी चाची रहती हैं। वह वहाँ पर चेम्बुर में रहती हैं। मैं जब मुम्बई गया था तब चाची के पास मेरी चचेरी बहन भी आई हुई थी। उसका नाम रीना है। उसकी शादी हो चुकी है। उसकी उम्र चौबीस वर्ष की है। वो दिखने में बहुत ही सेक्सी है। उसके कपड़े पहनने के ढंग और रहन-सहन भी बहुत सेक्सी हैं। उसे कोई भी देखे तो उसका लण्ड खड़ा होना ही होना है।

एक दिन चाची को गाँव जाना पड़ा। वह गाँव चली गई। घर पर मैं और रीना दीदी दोनों ही थे। उस दिन शाम को मैं बोर हो गया था, इसलिए मैंने दीदी से कहा- क्यों ना फिल्म देखने चलते हैं।’

वह भी राजी हो गई, और हम फिल्म देखने चले गए। उस दिन हमने मर्डर फिल्म देखी। फिल्म में काफी गरम दृश्य थे। फिल्म देखने के बाद हम घर आए। हमने रात का खाना खाया। रात काफ़ी हो चुकी थी।

आपको तो पता ही होगा, मुम्बई में घर बहुत छोटे होते हैं। उस पर मेरी चाची एक कमरे के घर में रहती हैं। वहाँ सिर्फ एक ही बिस्तर के बाद, थोड़ी और जगह बचती थी। अब हमें सोना था। सो मैंने अपनी लुँगी ली और दीदी के सामने ही अपने कपड़े बदलने लगा।

मैंने मेरी शर्ट खोली, बाद में पैन्ट भी। मेरे सामने अब भी मर्डर फिल्म के दृश्य घूम रहे थे, इसलिए मेरे लंड खड़ा था। वो अण्डरवियर में तम्बू बना रहा था।

मेरे पैन्ट निकालने के बाद मेरे लण्ड की तरफ़ दीदी की नज़र गई, वह यह देखकर मुस्कुराई। मैंने नीचे देखा तो मेरे अण्डरवियर में बहुत बड़ा टेन्ट बना हुआ था। मैं शरमाया और मैंने मेरा मुँह दूसरी ओर घुमा लिया, फिर लुँगी बाँध ली।

पर लुँगी के बावज़ूद मेरे लंड का आकार नज़र आ रहा था। उस हालत में मैं कुछ भी नहीं कर सकता था। फिर मैंने यह भी सोचा कि दीदी यह सब देखकर मुस्कुरा रही है, उसे शर्म नहीं आ रही है, तो फिर मैं क्यों शरमाऊँ?

मैं बिस्तर पर जाकर सो गया। फिर दीदी ने आलमारी से अपनी नाईटी निकाली और कमरे का दरवाज़ा बन्द कर लिया, उसने साड़ी उतारी। वाऊ… क्या बद़न था। वह देखकर तो मैं पागल ही हो गया और मेरा लंड उछाल मारने लगा। उसने अपनी ब्लाऊज़ निकाली और बाद में अपनी पेटीकोट भी निकाल दी। वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैन्टी में खड़ी थी।

उसे उस हालत में देखकर तो मैं पागल ही हो रहा था। लेकिन वह मेरी दीदी थी, इसलिए नियंत्रण कर रहा था। मुझे डर भी लग रहा था कि मैं कुछ कर ना बैठूँ और दीदी को गुस्सा आ गया तो मेरी तो शामत आ जाएगी। उसने नाईटी पहन ली। उसकी नाईटी पारदर्शी थी, जिसमें से उसका सारा जिस्म नज़र आ रहा था।

वह मेरे पास आकर सो गई। हम दोनों एक ही बिस्तर पर सोए थे। लेकिन उस रात मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरे सामने उसका नंगा जिस्म घूम रहा था। और उसके मेरे पास सोने के कारण मेरा तनाव और बढ़ा हुआ था। लेकिन कुछ करने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी।

आधे घंटे तक तो मैं वैसे ही तड़पता रहा। लेकिन बाद में मैंने सोचा कि ऐसा मौक़ा बार-बार नहीं आने वाला। अगर तूने कुछ नहीं किया तो हाथ से निकल जाएगा। मैंने सोच लिया थोड़ा रिस्क लेने में क्या हर्ज़ है। और मैं थोड़ा सा दीदी की ओर सरक गया।

दीदी मेरी विपरीत दिशा में मुँह करके सोई थी। मैंने मेरा हाथ उनके बदन पर डाला। मेरा हाथ दीदी के पेट पर था। मैंने धीरे-धीरे मेरा हाथ उनके पेट पर घुमाना चालू किया। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उनकी चूचियों पर रखा। उसकी चूचियाँ काफ़ी बड़ी और नरम थीं।
मैंने उसकी चूचियाँ धीरे-धीरे दबानी चालू कीं। उसने कुछ भी नहीं कहा, ना ही कोई हरक़त की। मेरी हिम्मत काफ़ी बढ़ गई। मैंने अपने लंड को उसके चूतड़ पर दबाया और उसे अपनी ओर खींचा और फिर धीरे-धीरे मैं अपना लंड उसके दोनों चूतड़ों के बीच की दरार में दबाने लगा। वह मेरी ओर घूम गई। मेरी तो डर के मारे गाँड ही फट गई।

लेकिन वह भी मेरी ओर सरकी, तो मेरा लंड उसकी चूत पर दब रहा था और उसकी चूचियाँ मेरी छाती पर। मैं समझ गया कि वह सो नहीं रही थी, बस सोने का नाटक कर रही थी और वह भी चुदवाना चाहती है। अब तो मेरे जोश की कोई सीमा ही नहीं थी। मैंने उसे मेरी ओर फिर से खींचा, तो वह मुझसे थोड़ा दूर सरक गई। मैं डर गया, और चुपचाप वैसे ही पड़ा रहा।

थोड़ी ही देर बाद उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और मसलने लगी। मैं बहुत खुश हुआ।

उसने अपने हाथों से मेरी लुंगी निकाल दी और अण्डरवियर भी, और मेरे लंड को मसलने लगी, फिर उसने मेरे कान में कहा- वीजू, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है। तुम्हारे जीजू का तो बहुत छोटा है।’

मैंने भी दीदी की नाईटी निकाल दी और उनको पूरा नंगा कर दिया। फिर मैं उनके ऊपर लेट कर उन्हें चूमने लगा। मैं उनके पूरे बदन को चूम रहा था। वह सिसकियाँ भर रही थी। मैं उसे चूमते-चूमते उसकी चूत तक चला गया और उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए। उसके मुँह से सीत्कार निकल गई। फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डालनी शुरु की, वह अपने चूतड़ उठाकर मुझे प्रतिक्रिया दे रही थी।

मेरा लंड अब लोहे जैसा गरम हो गया था। मैं उठा और उसकी छाती पर बैठ गया और मैंने लंड उसके मुँह में डाल दिया। वह भी मेरा लंड बड़े मज़े से चूसने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

मैंने बाद में अपना लण्ड उसकी दोनों चूचियों के बीच में डाला और उसे आगे-पीछे करने लगा। वाऊ… क्या चूचियाँ थीं उसकी, मैं तो पागल हुआ जा रहा था।

थोड़ी देर बाद उसने कहा- वीजू, प्लीज़, अब रहा नहीं जाता, लंड मेरी चूत में डाल दो और मुझे चोदो।

मैं उसके ऊपर फिर से लेट गया और मैंने मेरा लंड हाथ में पकड़ कर उसकी चूत के ऊपर रखा और एक ज़ोर का झटका दिया तो मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया।

मैंने दीदी से पूछा- दीदी, तुम तो कह रही थी कि जीजू का लण्ड मेरे लण्ड से काफी छोटा है, तो तुम्हारी चूत इतनी ढीली? एक ही झटके में आधा लण्ड अन्दर चला गया।’

इस पर वह मुस्कुराई और बोली- अरे वीजू, तुम्हारे जीजू का लण्ड छोटा तो है, पर मेरी चूत ने अब तक बहुत से लण्ड का पानी चखा है।’

फिर मैंने दूसरा झटका दिया और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में चला गया। फिर मैंने उसकी चुदाई शुरु कर दी।

वह भी अपनी कमर उठाकर मेरा साथ दे रही थी. उसके मुँह से आवाज़ें निकल रही थीं, वह कह रही थी- वीजू… चोदोओओओ… और ज़ोर से चोदोओओओओ… अपनी दीदी की चूत आज फाआआआड़ डालो… ओह.. वीजू… डालो और ज़ोर से और अन्दर डालो… बहुत मज़ा आ रहा है।’

उसकी ये बातें सुनकर मेरा जोश और भी बढ़ जाता और मेरी रफ़्तार भी बढ़ती जा रही थी। फिर मैं झड़ गया और वैसे ही उसके बदन पर सो गया और उसकी चूचियों के साथ खेलने लगा। उस रात मैंने दीदी की ख़ूब चुदाई की। Sex Stories

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