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Massage Girl in Porbandar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Porbandar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Porbandar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Porbandar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Porbandar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Porbandar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Porbandar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Porbandar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Porbandar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Porbandar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Porbandar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Porbandar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

मैं अभी 47 साल का हूँ और मेरे दो बेटे हे. एक तो शहर में रहते हे और वही पर पढ़ाई करते हे. और बड़े बेटे की शादी अभी बस तिन महीने पहले ही करवाई हे मैंने. खेतो का सारा काम मेरा बड़ा बेटा अमित ही देखता हे. घर में बहु के के आने के बाद अब घर सूना नहीं लगता हे. बहु का नाम कमला हे. मैं कमला को बहु कह के ही बुलाता हूँ, और वो मुझे पिताजी कहती हे. अमित को कुछ काम से शहर जाना हुआ और बस उसके जाते ही बहुत के ऊपर मेरी नजर पड़नी शरु हुई. रमंन के जाते ही शाम को बहु अपने कमरे में सो रही थी और करवट बदलते हुए उसका लहंगा उसकी जांघो तक ऊपर आ गया था. मेरी नजर उसके ऊपर पड़ी तो ऐसे लगा जैसे लौड़े में नहीं जान आ गई हो.

थोड़ी देर के बाद बहु उठी तो मैं हर पल उसके साथ ही रहा. वो जब खाना बना रही थी तब भी मैं उसको ही देखता रहा. मैं नजरें उसके बूब्स और गांड के ऊपर टिका के बैठा हुआ था. खाने बैठे तब मैंने उसके मम्मों के ऊपर ही अपनी नजरें चिपका डाली थी जैसे. अब उसको भी पता चल गया था की मैं उसकी तरफ ही देख रहा था और वो भी बुरी नजरों से! खाने के बाद मैं बहु के साथ बातें करने लगा.

मैं: बहु मुझे आज आधी रात को खेत पर जाना होगा. नहर में पानी आया हुआ हे उसे खेतों में छोड़ के सिंचाई करनी हे. क्या तुम भी मेरे साथ चलोगी?

बहु: पिताजी इतनी रात को जाना क्या ठीक होगा? वैसे मुझे अँधेरे से बहुत डर लगता हे. और वो कह रहे थे की हमारे खेत जंगल से सटे हुए हे. रात में जा कर खतरे को मोल लेने जैसा हे. सुबह को नहीं जा सकते हे पिताजी?

मैं: नहीं बहु सुबह बहुत देरी हो जायेगी. अगर रात को पानी छोड़ा नहीं तो पानी किसी और के खेत में ले लेगा वो. और फिर हमें उसके खेत की सिंचाई पूरी ख़त्म होने की राह देखनी पड़ेगी. वैसे मैं साथ में हूँ फिर तुम्हे किसी से भी डरने की जरूरत नहीं हे. मेरी तो पूरी लाइफ ही निकल गयी इन खेतो में मैं चप्पे चप्पे से वाकिफ हूँ!

बहु: ठीक हे पिताजी, जैसे आप को ठीक लगे. मैं आप के साथ चलूंगी.

अब हम दोनों रात को घर से निकले खेतों की तरफ. 5 मिनिट चलने के बाद रास्ता और भी संकड़ा होता गया. रास्ते के दोनों तरफ जंगल था. मेरे हाथ में एक लालटेन थी.

बहु: पिताजी मुझे डर लग रहा हे.

मैं:डरो मत बहू मैं हूँ ना तुम्हारे साथ में ही. आओ मेरा हाथ पकड लो तुम.

ये कह के मैंने उसका हाथ पकड़ लिया. हम दोनों थोड़ी दूर गए थे की मैं रस्ते में रुक गया.

बहु: क्या हुआ पिताजी आप रुक क्यूँ गए?

मैं: श्हह्हह्ह चूप रहो बहु. लगता हे यहाँ आसपास कोई सांप हे!

बहु को ये कहा तो वो और भी डर गई और मैंने मौके का फायदा उठाया और उसको अपने सिने से लगा लिया. अब उसके मम्मे मेरी छाती पर प्रेस हो रहे थे. मैंने दोनों हाथ उसकी पीठ पर रख दिया और हाथों को पीठ पर रगड़ने लगा.

फिर मैन्स बहु के कान में कहा: बहु बस ऐसे ही शांत खड़ी रहो.

बहु: पिताजी मुझे सच में बहुत ही डर लग रहा हे.

बहु ने दबी हुई आवाज में कहा. अब मैंने अपने दोनों हाथ को उसकी गांड पर रख दिए. और मैं हाथ की हथेलियों और उँगलियों से उसकी गांड को दबाने लगा. बहु के मुहं से अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म की आवाज की और वो मेरे सिने से और भी लिपट गई.अब मैं बहु की गांड की क्रेक को अपनी ऊँगली से सहलाने लगा. ऊँगली को लहंगे के ऊपर से गांड की क्रेक मैं ऊपर से निचे तक फेरने लगा. बहु अब और मेरी पीठ पर अपने हाथ फेरने लगी, ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह पिताजी अप ये क्या कर रहे हो? सांप गया की नहीं?

मैं: लगता हे की सांप चला गया हे.

बहु: पिताजी मुझे बहुत जोर से पेशाब आया हे, लेकिन यहाँ तो सब तरफ जंगल ही जंगल हे.

मैंने अपने हाथ को उसकी गांड से हटाते हुए कहा, जंगल हे तो क्या हुआ तुम पेशाब कर लो यही पर. यहाँ पर कौन देखनेवाला हे!

बहु ने दबे हुए आवाज में कहा, जी पिताजी. और फिर उसने अपने लहंगे को उतारा और वो वही पर बैठ गई रस्ते के किनारे. उसकी चूत से निकलते हुए पेशाब की धार से मेरे लंड में जैसे और भी मस्ती चढ़ी हुई थी. उसकी धार स्टार्ट हो के रुक गई और वो 30 सेकंड तक उठी नहीं.

मैं: क्या हुआ बहुत पेशाब हुआ की नहीं?

बहु: नहीं पिताजी, डर की वजह से आधा ही हुआ और रुक गया.

मैं बहु के करीब गया और लालटेन के उजाले को उसकी चूत के ऊपर मारा. और फिर अपनी ऊँगली को मैंने बहु की चूत के ऊपर रख दिया और उसे सहलाने लगा. मैंने उसे कहा, अब कोशिश करो बहु. बहु ने अपनी आँखे बंद कर दी. मैं अपनी ऊँगली उसको चूत के ऊपर से निचे तक ररगड़ने लगा. वो सहम गई थी और ओह अहह पिताजी अच्छा लगा रहा हे ऐसे कहने लगी.

और फिर बहु का पेशाब मेरी ऊँगली के ऊपर फव्वारे के जैसे छुट गया. मैंने ऊँगली चूत पर रगड़ना चालु रखा. उसका पेशाब होते ही मैंने गमछा निकाला और उसकी चूत को पोंछ दिया. मैंने फिर उँगलियों कस दी उसकी चूत पर और जोर से मसल दिया उसकी चूत को. बहु चिल्ला उठी, अह्ह्ह्हह पिताजी! मैंने उसको साइड में लेट जाने को कहा. उसके करीब लेटकर मैंने उसके होंठो पर अपने होंठो को लगा दिया और चूसने लगा.

उसके निचे के होंठो को मैंने अपने दांतों से काट लिया. फिर मैंने उसे कहा, तुम अपनी जीभ बहार निकालो ना बहु. बहु ने अपनी जीभ बहार निकाली और मैंने अपने होंठो से उसकी जीभ का बेसवादा स्वाद चखा और फिर उसे चूसने लगा. बहु ने भी अपने दोनों हाथो को मेरी गर्दन पर डाल दिया. अब मैंने उसकी जीभ को अपने मुहं में ले लिया और अपने होंठो को जोर से बंद किया और उसकी जीभ को बहुत प्यार देने लगा. अब मैं और बहु दोनों ही अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्म्म्म करने लगे थे. अब बहु ने कहा, पिताजी आप का थूंक बड़ा ही स्वादिष्ट हे. मैंने कहा, मेरा तो सब कुछ स्वादिष्ट हे बहु रानी.

बहु ने कहा, तो फिर आज अपनी बहु को सब कुछ का सवाद दे दीजिये पिताजी.

मैंने अब बहु की चोली खोल दी. अब उसकी गर्दन को चुमते हुए मैं उसको जीभ से चाटने लगा. उसके मम्मो पर दोनों हाथ रगड़ने लगा. उँगलियों को कसने लगा उसके मुलायम मम्मो के ऊपर. ओह्ह्ह्ह फ्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह पिताजी और जोर से दबाओ ना, बहु ऐसे कहने लगी चुदासी आवाज में. ये सुनकर मैंने उसके मम्मो को जोर जोर से दबाना चालू कर दिया. मम्मे दबाते हुए मैंने अपनी थूंक उसके मुहं में डाल दी.

बहु ने अपनी जीभ से थूंक को स्वेलो कर लिया, अह्ह्ह अह्ह्ह पिताजी बड़ा मजा आ रहा हे!

मैंने अब उसके निपल्स को उँगलियों के बिच में रगड़ने लगा. उसके निपल्स पर चिमटी लगाने लगा. वो आह्ह्हह्ह अह्ह्ह कर के चिल्लाने लगी. अब मैंने उस से कहा, बहु जरा उठकर थूंक दो अपने मम्मो पर! उसने उठकर अपने मम्मो के अपने मुहं के करीब किया और दोनों मम्मो के ऊपर थूंक दिया. मैंने उसको फिर से लिटा दिया और अब मैं उसके दोनों मम्मो को चुसने लगा अपने होंठो से. अपने मुह को खोलकर मम्मो पर जोर से प्रेस किया और फिर मुहं को बंद कर के उसके मुलायम मम्मो को काटने लगा धीरे धीरे से. मेरे दांतों को निशान पड़ गए थे उसके मम्मो पर. उसने मुझे अपनी छाती पर जकड़ लिया जोर से. ऐसे जैसे मुझे जाने ही नहीं देना चाहती हो. फिर मैंने उसके एक निपल को चुसना चालू कर दिया, ओह पिताजी अह्ह्ह्ह चूस लो अपने बहु की चुचियों को!

मैंने उसे कहा, चूस रहा हूँ रंडी!

बहु ने कहा, आप को अच्छी लगी अपनी रंडी बहु की जवानी पिताजी?

अब मैं उसकी चुचियों पर अपनी जीभ फेरने लगा सर्कल्स में. फिर जीभ पूरी मम्मो पर फेरकर मैंने उसकी थूंक चाट ली उसके मम्मो के ऊपर से.

अब मैं थोड़ा निचे आ गया और मैंने उसके पेट को चूमना शरु कर दिया. मैंने उसके नावेल में जीभ डालकर जीभ को घुमाया सर्कल्स में और फिर नावेल पर दांत कसकर उनको काटने लगा. अह्ह्ह्हह औह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म पिताजी आप को रंडियों से खेलना खूब अच्छी तरह से आता हे. अब मैंने बहु का लहंगा निकाल लिया और उस से कहा की वो कुतिया बन जाए! बहु तुरंत अपने घुटनों के और हथेलियों के ऊपर खड़ी हो गई. मैंने उसकी कच्छी निकाली और उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा. वो मुडकर मुझे देखकर हौले से हंस पड़ी. और बोली, पिताजी कैसी लगी आप को आप की रंडी की गांड? मैंने उँगलियों को कस कर उसकी गांड पर दबाया और कहा, बहुत अच्छी गांड हे तेरी मेरी छिनाल बहुत दिनों से तेरे मम्मे और गांड ही देख रहा था मैं.

बहु ने कहा, अब से ये रंडी आप की ही हे पिताजी!

मैं उसकी गांड को दबाने लगा. फिर गांड पर जोर जोर से मुहं दबाया और उसको चूमने लगा. अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह मुआअहाआअ. फिर मैंने अपने दांत गाड़ दिए उसकी मांसल गांड के ऊपर. अब मैंने उसके चुत्त्ड खोले और उसकी गांड की छेद के ऊपर थूंक दिया. वो कांपने लगी थी. मैंने अब अपनी ऊँगली से उसकी गांड के छेद के ऊपर के थूंक को मलना चालू कर दिया.

बहु ने गांड को थोडा हिला के कहा, पिताजी मेरी गांड में अपनी ऊँगली डाल दो ना! मैंने ऊँगली को जोर जोर से छेद पर पुश किया और फिर ऊँगली डाल दी अपनी बहु की गांड में. ऊँगली को बेंड किया उसकी गांड में और फिर हिलाने लगा उसको जोर जोर से. अब ऊँगली को गांड से अन्दर बहार करने लगा था मैं.

मैंने फिर उसे कहा, अब तेरी चूत की बार हे बहु.

इतना सुनते ही उसने दोनों पैरों को फैला लिया और मेरा हाथ लेकर अपनी चूत पर रखवा दिया.

फीर वो बोली, आप की छिनाल आप के लिए सब कुछ करेगी पिताजी! जो चाहे कर लो आप मेरे स्वामी.

मैंने ऊँगली को बहु की चूत में डाली और जोर जोर से धक्का दिया अन्दर घुसाते हुए.

वो तडप उठी और अपने जिस्म को एकदम टाईट कर लिया उसने. मैंने ऊँगली को अन्दर बहार मूव किया उसकी चूत में. ऊँगली को जोर जोर से हिलाया उसकी चूत में. फिर मैंने ऊँगली उसकी क्लाइटोरिस के ऊपर रगड़ी. उसकी क्लाइटोरिस जोर से प्रेस की और ऊँगली को हिलाने लगा क्लाइटोरिस के ऊपर प्रेस करते हुए. वो आह्ह्ह अह्ह्ह ओह अह्ह्ह्हह ह्म्म्म कर के मोअन करने लगी थी. मैंने ऊँगली निकाली और उसके मुहं में डाल दी. वो मेरी ऊँगली को जोर जोर से चूसने लगी. फिर मैंने उसके पैरो में झुक के उसकी चूत को चाटना चालू कर दिया. चूत पर मुहं प्रेस कर के जोर जोर से चूसने लगा मैं. वो बोली, पिताजी और जोर जोर से चाटो अपनी इस रंडी के बुर को. अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह मजा आ गया पिताजी इसको चटवा के!

अब मैंने अपना मुह खोल दिया और चूत पर जोर से प्रेस किया. मुह को बंद करते ही मेरे होंठो ने उसकी चूत को स्क्विज किया मुहं में. आह्ह्ह मर गई अह्ह्ह्हह ओह पिताजी आप बहुत बड़े चोदु हो अह्ह्ह्ह. मैंने अब उसकी चूत को दांतों से काटना शरु किया धीरे धीरे से. बहु आह्ह्ह अह्ह्ह्हह ओह ओह उईई माँ कह के अपनी चूत को मेरे मुहं पर घिस के चूस सेक्स का मजा ले रही थी. फिर मैंने अपनी धोती खोली. अपना लोडा निकाला और अपने टोपे के ऊपर हाथ घुमाया. लौड़े का टोपा गिला हो गया था प्री-कम से. मैंने टोपा बहु की चूत पर रगड़ा. अह्ह्ह उम्म्मम्म पिताजी मैं अब इस लौड़े की दीवानी हूँ, रोज पूजा करुँगी इस लंड की.

मैंने लौड़े को चूत में पुश किया और फिर जोर से धक्का दिया बहु की कमर को पकड़ कर.

बहु दर्द से चिल्ला उठी, अह्ह्ह्ह पिताजीईईईईईईइ अह्ह्ह्हह आप का तो बहुत बड़ा हे बाप रे, मेरी उतनी नहीं चूदी हे अह्ह्ह्ह. धीरे से करो पिताजी.

मैंने उसके बाल पकड़ के के कहा चूप कर साली हरामजादी.

मैंने अब उसकी चूत को चोदना चालू कर दिया. लौड़ा अन्दर बहार हो रहा था. सन्नाटे में चुदाई की आवाज साफ़ साफ सुनाई दे रही थी. ठप ठप ठप, जांघो के लड़ने से और चूत और गांड के संगम स्थान से चिपचिपी आवाजें आ रही थी. मेरा पूरा लोडा उसकी चूत में घुस के बहार होता था जिसे मैं फिर से वापस अपनी बहु की चूत में डाल देता था. बहु ने निचे जमीने के ऊपर की सुखी हुई घास को पकड़ा था और वो भी अपनी गांड को हिला के मेरा लंड ले रही थी अपनी चूत के अन्दर. वो अपनी कमर हिला रही थी मेरे झटको के साथ में. मैंने लौड़ा अन्दर तक डाल के उसे एकदम जोर जोर से चोदा. मेरे लौड़े का टोपा उसकी चूत के मसल को हिट कर रहा था एकदम जोर से. वो अब मजे से चिल्ला रही थी, और जोर जोर से चोदो मुझे पिताजी! मैंने उसके ऊपर झुक गया थोडा सा और उसके मम्मो को पकड कर दबाने लगा जोर जोर से. फिर मैं रुक गया और जोर से पुश किया अपने लौड़े को बहु की चूत के अन्दर. उसके मम्मे एकदम जोर से मसल दिए और मेरा लावा उड़ेल दिया उसकी चूत के अंदर ही मैंने!

कुछ देर तक बहु की चूत में लंड को रहने दिया. फिर मैंने अपना लोडा बहार निकाला और बहु को दे दिया. उसने मुझे खींचकर अपने ऊपर लिटा दिया. कुछ सेकंड्स के बाद वो बोली, बाबु जी आप मेरी चूत में ही झड़ गए हो, कहीं मैं पेट से हो गई तो? मैं बोल पड़ा, तो क्या तुम मेरे लंड से संतान नहीं चाहती हो! वो बोली, आप को कोई दिक्कत तो नहीं हे ना इसमें? मैंने कहा, मैं तो अब तुझे रोज चोदुंगा घर पर और अपने पोते को खुद पैदा करूँगा! वो बोली, फिर तो मैं आप के वीर्य से ही बालक पेदा करुँगी पिताजी.

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वैसे तो मेरे कई सारे सुखद अनुभव रहे हैं और आज मैं आपके सामने उनमें से ही एक सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ।

इस यूनिवर्सिटी प्रोफेसर सेक्स कहानी को मैं अपनी एक प्रशंसिका ऋतु नामक लड़की के आग्रह पर लिख रहा हूँ।
कहानी शुरू करने से पहले मै अपने बारे में आपको बता दूं, मेरा नाम अमित (बदला हुआ) है और मैं एक मार्केटिंग प्रोफेशनल हूं।

मैं 29 वर्ष का अविवाहित युवक हूँ और मेरे लंड का साइज़ भी इतना मस्त है कि ये किसी भी लड़की या भाबी को चुदाई का पूरा मज़ा देता है।

मैं वाराणसी, उत्तर प्रदेश मैं रहता हूं और मेरी यह हॉट टीचर फक़ स्टोरी भी यहीं की है।

मुझे लड़कियों से ज्यादा भाभियों और शादी-शुदा महिलाओं की चुदाई करनें में ज्यादा मजा आता है।
मेरा आपसे यह अनुरोध है कि कृपया कोई भी पाठक मुझसे किसी भाभी या लड़की का नंबर या आइडी ना मांगे।

किसी भी भाभी या लड़की के लिए उसकी प्राइवेसी और गोपनीयता बनाए रखना बहुत ज़रूरी होता है और मैं हमेशा ऐसा ही करता हूं।
इसलिए ये देखते हुए मैंने कहानी में नाम बदल दिए हैं।

पहले मैं आपको अपनी कहानी की नायिका यानि कि उस खूबसूरत प्रोफेसर के बारे में बता देता हूं.
वे इसी शहर की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाती हैं,

मेरी उनसे मुलाकात एक प्रोग्राम के दौरान हुई जिसमें मैं अतिथि बनकर गया हुआ था।

हालांकि उस दिन मेरा ध्यान उन पर ज्यादा नहीं गया लेकिन उनका ध्यान मुझ पर ही था.
और यह मुझे प्रोग्राम खत्म होने के बाद मिले उनके पर्सनल व्हाट्सएप से पता चला जिसमें उन्होंने मेरी स्पीच के साथ-साथ मेरी भी तारीफ की थी।

उसके बाद से जब भी मैं यूनिवर्सिटी में जाता तो उनसे जरूर मिलता था.
और वे भी मुझसे उतनी ही खुशी के साथ मिलती थी.

धीरे-धीरे हमारी बात व्हाट्सएप पर होने लगी.
और कई बार मैं बिना काम के भी उनसे बातें करने लगा.
वे भी मुझसे सहर्ष बातें करती थी.
जिससे मुझे यह समझ में आने लगा कि वे भी मुझ में रूचि ले रही हैं।

बातों ही बातों में उन्होंने मुझे बताया था कि यहां पर स्टाफ क्वार्टर में वे अकेली ही रहती हैं. उनके पति और बच्चे दूसरे शहर में रहते हैं।

तो बस मैंने एक योजना बनाई और फिर एक दिन बातों ही बातों में मैंने उनसे कहा- कभी अपने घर चाय पर बुलाइए!
पहले तो उन्होंने मना किया.
लेकिन फिर मैंने कहा- यूनिवर्सिटी में तो साथ में चाय नहीं पी सकते. तो अच्छा होगा कि आपके घर पर ही चाय पी जाए!

इस पर वे मान गईं … शायद उनका भी मन मुझसे मिलने का था।

लेकिन अब अगली समस्या यह थी कि उनके घर किस समय जाया जाए क्योंकि स्टाफ क्वार्टर की बिल्डिंग में और भी लोग रहते थे.
और वे नहीं चाहती थी कि मुझे उनके यहां आते हुए लोग देखें.
नहीं तो बातें बनना शुरू हो जाएंगी।

गर्मी का मौसम का और सभी लोग सुबह 9:00 बजे तक अपने ऑफिस चले जाते थे.
इसलिए उन्होंने मुझे अपने घर 9:15 बजे तक बुलाया क्योंकि वे 11:00 बजे तक अपने ऑफिस जाती थी.

बस फिर क्या था … मुझसे भी इंतजार नहीं हो रहा था और मैं सुबह 9:00 बजे ही उनकी कॉलोनी के बाहर पहुंच गया.

फिर उनका फोन आया तो उन्होंने बताया कि दरवाजा खुला रहेगा.

9:15 बजते ही तुरंत मैं उनकी बिल्डिंग में दाखिल हुआ और उनके घर में घुस कर दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.

पहले तो उन्होंने मुझे पानी, फिर चाय ऑफर की.
फिर हम बैठकर बातें करने लगे.

अब क्योंकि हम इस तरह पहली बार मिल रहे थे तो दोनों ही थोड़ा शर्मा रहे थे.

लेकिन मेरी नजर उनके मस्त गोरे बदन और चूचों पर थी.
उनके मस्त फिगर की बात करूं तो गोरा कसा हुआ बदन, चूचे 32″, कमर 30″, और गांड 32″ रही होगी.

उन्होंने स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था जिसमें से झांकती उनकी ब्रा मेरा तापमान बढ़ा रही थी.

उनको देखकर बातों ही बातों में मैं उन्हें चोद चुका था.
लेकिन अब असल में चुदाई होनी थी।

जब घड़ी में 10:00 बजे तो मैंने उनसे कहा- मुझे थोड़ा पानी चाहिए.
जिसके लिए वे रसोई में गई.

मैं यही चाहता था। मैं भी उनके पीछे किचन में गया और जाकर उनको पीछे से पकड़ लिया.
पहले तो वह थोड़ा शर्माई और मना करने लगी.
लेकिन मैंने उनकी बात नहीं सुनी और पीछे से ही उनकी गर्दन और गालों पर किस करने लगा और मेरे हाथ उतनी ही तेजी से उनके मम्मों और पेट पर चलने लगे।

मैंने उनके कानों पर किस किया और धीरे से अपनी गर्म सांस उनके कानों में छोड़ी जिससे वे और उत्तेजित हो गई और मेरी तरफ को घूम कर मुझे किस करने लगी.

किचन का तापमान अब हमारी गर्मी से बढ़ने लगा था.

वे मेरे होठों को चूसती और मैं उसके चूचों को दबाता.

इसी बीच मैंने अपना हाथ उनकी पैंटी में डाला तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि उन्होंने पहले से अपनी चूत के बाल साफ कर रखे थे.

मेरा हाथ एक नर्म मुलायम सी चूत पर चलने लगा.

फिर धीरे से मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाली तो वे अचानक से सिहर उठी और मेरे होठों को और जोर जोर से चूसने लगी.
उन्होंने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और हाथ रखते ही बोली- हाय राम, कितना बड़ा है … तुम्हारा जल्दी से दिखाओ मुझे!

कहते ही कहते मेरी बेल्ट खोलकर मेरी पैंट भी खोल दी और फिर मेरा अंडरवियर निकालकर मेरा लंड अपने हाथ में लेकर खेलने लगी।

अब हम किचन से निकलकर ड्राइंग रूम में आ गए थे.

रूम में चल रहा AC मानो कह रहा था कि कमरे का तापमान थोड़ा बढ़ाया जाए और हमने भी वैसा ही किया.

अब मैंने उनकी ब्रा उतार कर उनके चूचों को अपने हाथों में ले लिया और आहिस्ता आहिस्ता सहलाने लगा.
उनके चूचुक सहलाने से वे और उत्तेजित हो उठी.
उसकी उत्तेजना मेरे होठों पर साफ पता चलती।

देर ना करते हुए मैंने तुरंत उनके चूचों को चूसना शुरू कर दिया; कभी बायां तो कभी दायां!
एक अलग ही मजा था उनके चूचों को चूसने में!

और फिर बेड पर बैठ कर मैंने उनके सर को अपने लंड के ऊपर रखा और उसे इशारे से उसे चूसने को कहा.

पहले तो वे थोड़ा डरी कि कैसे मैं इतना बड़ा लंड चूस पाऊंगी.
लेकिन फिर अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए उन्होंने चूसना शुरू किया.

और सच बताऊं दोस्तो, ऐसा लंड चूसा उम्होंने कि मुझे लगा जैसे मैं जन्नत में हूं.

10 मिनट के बाद वे बेड पर लेट गई और अपने पैर फैला कर कहने लगी- डाल दो अंदर, अब रहा नहीं जाता, जल्दी से डालो जान!

मैंने भी लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर उसे गीला किया क्योंकि वह कॉन्डम इस्तेमाल नहीं करना चाहती थी.
फिर मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा.

पर वे उतनी ही तेज मचल रही थी- जल्दी से डालो मेरी चूत में!
फिर मैंने झटका दिया तो लंड थोड़ा साइड में हो गया.

उसने अपने हाथ से पकड़ कर लंड सेट किया और धक्का लगाने को कहा.
मैंने भी उसकी हां मिलते ही पहले अपने होंठ उसके होंठों पर रखे क्योंकि मुझे पता था कि वे चिल्लायेंगी.

फिर पूरी ताकत से मैंने उनकी चूत में अपना लंड पेल दिया.
वे बहुत जोर से चिल्लाई.
लेकिन उसके होंठ मेरे होंठो से दबे हुए थे जिससे उनकी आवाज बाहर नहीं आई।

वे मुझे नाखून गड़ाने लगी और गालियां देने लगी.

मैं भी और तेज उसे चोदता गया और कोई 5 मिनट बाद वो थोड़ा नॉर्मल हुई और कहने लगी- तुमने तो फाड़ दी पूरी चूत मेरी! बहुत बड़ा है तुम्हारा!

वे यही सब बोले जा रही थी और मैं मस्त चुदाई में व्यस्त था।

अब थोड़ी देर बाद हमने पोजिशन बदली और अब वे मेरे ऊपर आ कर बैठ गई.
उन्हें लंड पर बैठ कर चुदना बहुत पसंद था तो मैंने उन्हें इस तरह भी खूब चोदा।

और फिर थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें लेटा कर जोर जोर से चोदना शुरू किया.
चुदाई के दौरान वे गंदी गालियां भी देती जा रही थी.

बातों ही बातों में उन्होंने बोला- और किसे चोदना चाहते हो?
तो मैंने उनकी पड़ोसन रश्मि ( बदला हुआ नाम) का नाम बताया.

वे बोली- उसकी तो चूत ही फट जायेगी तुम्हारे लंड से!

रश्मि की बातें करते करते मैं उन्हें चोदता रहा और इस बीच वो दो बार अपने चूत का पानी निकल चुकी थी और उसका तीसरी बार निकलने वाला था.

अब मेरा माल भी निकलने वाला था तो मैंने पूछा उनसे- कहां निकालूं?
तो बोली- अंदर नहीं!

मैं मान गया.

फिर उन्होंने कहा- पहले मेरा पानी निकल जाए तो फिर तुम निकालना!
मैंने कहा- ठीक है.

और फिर वे दोबारा से मेरे ऊपर आकर मुझे पेलने लगी.
यह उनकी फेवरेट पोजिशन थी।

फिर मैंने अपने दिमाग को थोड़ा इधर उधर किया ताकि मेरा माल तुरंत न निकल जाए.
दोस्तो, यह ट्रिक होती है जल्दी झड़ने से रोकने की।

फिर अचानक से उन्होंने बहुत जोर से मुझे पकड़ा और चिल्लाते हुए 5-6 जोरदार झटके मारते हुए मेरे ऊपर ही लेट गई.
तो मैं समझ गया कि इन्होंने अपने चरम सुख को प्राप्त कर लिया है.

अब बारी मेरी थी।

मैंने तुरंत उनकी गांड को हाथ लगा कर हल्के से उठाया और उनकी पोजिशन में जोर जोर से पेलने लगा.
वे बोली- बस करो!

लेकिन मैं कहां रुकने वाला था, मैंने पेलना जारी रखा और कुछ मिनटों में मेरा माल बाहर आ गया जो मैंने उसके बिस्तर पर गिरा दिया.

और फिर उसे अपने ऊपर ही लिटाए हुए धीरे धीरे चूमता रहा।

ऐसा लग रहा था मानो मेरे शरीर से पूरा मैं खुद बाहर आ गया हूं.

हॉट टीचर फक़ के बाद मैं एकदम निढाल हो चुका था.
हमारी यह चुदाई का खेल लगभग 40 मिनट चला था जिसके बाद हम दोनों ही एकदम से ढीले हो चुके थे.

लेकिन फिर भी उसकी चूचियों को देख कर मेरा मन नहीं माना, मैं उन्हें पीने लगा.
वे मेरा सर सहलाने लगी.

फिर उन्होंने मुझसे वादा किया- अगली बार मैं रश्मि की चुदाई का भी जुगाड़ करने की कोशिश करूंगी जिससे हम तीनों ही चुदाई का मजा ले पाएं।

दोस्तो, यह तो थी मेरी और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर की चुदाई की कहानी.
उम्मीद करता हूं कि मेरा पहला लेख आपको पसंद आया होगा और मैं आग्रह करता हूं कि कॉमेंट में आप अपने विचार बताएं इस हॉट टीचर फक़ स्टोरी पर.

दोस्तो में रोहित एक बार फिर आपका स्वागत करता हु अपनी इस सच्ची कहानी में। मेरी कहानी का पहला पार्ट ‘ बहन की सील तोड़ी मुस्लिम दोस्त ने ’ पढ़ कर आप में से बहुत लोगों ने मेल पर तारीफ करी। कुछ लोगों को इसकी सत्यता पर शक भी था, तो उनको में बता दूं ये बिलकुल सच्ची कहानी है और किसी के नहीं मानने से कोई झूठ नहीं हो जाएगा। ये कहानी उसके आगे का भाग है तो जिन लोगों ने पहला पार्ट नहीं पढ़ा वो पहले जाकर उसको पढ़े ताकि उनको पात्रों एवं अब तक की कहानी की जानकारी मिल जाए। अब तक आपने पढ़ा कैसे फैजान ने हिमानी की सील तोड़ी ओर सलीम ने मुझे अपना लन्ड चुसाया। अब अगले दिन जब हिमानी वापस अपने हॉस्टल आई, तब से उसकी चाल ही बदल गई और अब वह फैजान के प्यार में पागल सी हो गई थी। क्योंकि फैजान ने उसको चरमसुख जो दे दिया था। वो दिन भर फैजान से बाते करती उसके साथ घूमने जाती। उसके साथ जो भी बाते होती, फैजान वो सब मुझे बताता। फैजान ने हिमानी से उसकी न्यूड फोटो मांगी, उसने वो खुशी खुशी दे दी। मैने फैजान से पूछा, कि अब आगे क्या करोगे तुम हिमानी के साथ तो वो बोला तेरी बहन को तो में छिनाल बनाऊंगा। उसको चुदाई कि इतनी आदत लगा दूंगा कि जिससे बोलूं, उससे चुदाने को राजी हो जाएगी अब ये सुन कर में भी उत्सुक हो गया, की आगे क्या होगा। 2–3 दिन बाद जब हिमानी फैजान से कॉल पर बात कर रही थी तब फैजान ने उसको बताया कि फ्लैट का मालिक सलीम खान वापस अपने फ्लैट पर आ रहा है, ये सुन कर हिमानी उदास हो गई और बोली कि अब चुदाई कहा करेंगे, तो फैजान बोला कि सलीम भाईजान मेरे बहुत खास हैं और मैने उनको तुम्हारे बारे मे बता दिया है, हम लोग बिंदास उनके होते हुए उनके फ्लैट पर जा सकते है, कोई दिक्कत नहीं होगी। हिमानी थोड़ा हिचकिचाई लेकिन फैजान के ज़ोर देने के बाद और अपनी चूत में खुजली होने की वजह से वह मान गई। में तो हैरान हो गया कि हिमानी की चूत में इतनी खुजली है कि वह सलीम की मौजूदगी में भी वहा जाने को तैयार हो गई। फैजान ने जादू कर दिया था उसके ऊपर। अगले दिन वो शाम को मिले और घूमने निकले, हिमानी ने कट स्लीव का छोटा टॉप और नीचे जींस पहनी थी। उस जींस में उसकी गांड़ बहुत उभर कर आ रही थी। दोनो कार में बैठ कर निकल गए , थोड़ी देर बाद फैजान ने हिमानी को चलती कार में लन्ड चूसने को बोला, हिमानी ने मना कर दिया लेकिन फैजान कहा मानने वालों में से था, उसने अपना लन्ड पैंट में से बाहर निकाला और हिमानी का मुंह अपने लन्ड पर दबा दिया, हिमानी अब उसका लन्ड चूसने लगी। शाम को घूमने के बाद दोनों लोग सलीम भाईजान के फ़्लैट पर पहुंचे, जहां पर में पहले से पहुंच चुका था, उनके आते ही मैने सलीम भाईजान को बोला कि चलो अपन पास वाले रूम में चले जाते है , वरना हिमानी देख लेगी। सलीम भाईजान हंसे और बोले कि तू जाके रूम में छुप जा, में तो यही रुकूंगा, और तेरी रण्डी बहन से मिलकर फिर रूम में आऊंगा। दोस्तो उस समय सलीम ने सिर्फ लूंगी पहनी हुई थी, उसका चौड़ा शरीर पूरा दिख रहा था, ये उसके प्लान का हिस्सा था, वो हिमानी को अपनी बॉडी दिखाना चाहता था। में जल्दी से रूम में आ गया, फैजान ओर हिमानी जैसे ही फ्लैट में आए, फैजान ने सलीम से हिमानी की मुलाकात करवाई। हिमानी उसको देख कर शर्मा रही थीं क्योंकि सलीम ने सिर्फ लूंगी पहनी हुई थीं। सलीम उसको देखते ही बोला, कि तुम बहुत सुंदर ओर सेक्सी हो। हिमानी ने समझ नहीं आया कि क्या बोले तो उसने सर झुका कर थैंक यूं कहा। सलीम हिमानी से बोला तुम कभी भी बेझिझक यहां आ सकती हो, इसे अपना ही घर समझो। सलीम ने फैजान में बोला दोनों लोग बैठो थोड़ी देर बाते करते है और शराब का दौर जमाते है, आज काफी दिन हो गए। फैजान ने बोला बिल्कुल भाईजान हम तीनों पियेंगे। इस बात पर हिमानी ने बोला कि में दारू नहीं पीती, तो सलीम ने कहा तुम बीयर पी लेना, उसमें बिल्कुल भी नशा नहीं होता और उसके बाद सेक्स करने का मज़ा भी दुगुना हो जाएगा। हिमानी का चेहरा शर्म से लाल हो गया, तो सलीम बोला इसमें शर्माने जैसा कुछ नहीं है, यही उम्र है मज़े करने की, खुल कर अपनी इच्छा पूरी करो, क्योंकि शादी के बाद तुमको इतना मज़ा कभी नहीं मिलेगा। हिमानी ने धीरे से पूछा ऐसा क्यों तो सलीम बोला रहने दो तुम शर्मा जाओगी अगर मैं बताऊंगा तो। हिमानी को अब जानना था कि सलीम ने ऐसा क्यूं बोला। उसने जोर दिया की आप बताओ कि शादी के बाद मजा क्यों नहीं मिलेगा। सलीम ने बोला, देखो बुरा मत लगाना लेकिन तुम्हारे हिन्दू लोगों का लन्ड बहुत छोटा होता है और उनका बहुत जल्दी झड़ भी जाता है। तुम जब तक गरम होगी तब तक तो तुम्हारा पति झड़ कर सो जाएगा। हिन्दू आदमी सिर्फ औरत पर चिल्ला सकता था, न तो वो बाहर हम मुल्लों से लड़ सकता था और ने ही वह घर में अपनी औरतों को चुदाई से संतुष्ट कर सकता है। कुछ लोग तो शादी के थोड़े समय बाद चुदाई करना ही छोड़ देते है।जबकि हम मुल्लों का लन्ड बहुत बड़ा होता है हम लोग बहुत देर तक चुदाई कर सकते है। हमारा लन्ड कटा हुआ होने की वजह से वह देखने में भी बहुत अच्छा लगता हैं। औरते मरती हैं हमारे साथ सोने के लिए क्योंकि हम 50–60 की उम्र के बाद भी उसी जोश में चुदाई करते हैं। हिमानी यह सब बहुत ध्यान से सुन रही थी, तभी फैजान बोला कि चलो पीते है, तो दोनों लोग दारू पीने लगे और फैजान ने हिमानी को भी ज़ोर देकर एक बियर पीला दी। हिमानी पहली बार पी रही थीं तो उसको हल्का हल्का सुरूर चढ़ने लगा। सलीम ने मौका देख दिया बोला कि हिमानी तुम बहुत खुश नसीब हो कि तुम्हारा मुस्लिम बॉयफ्रेंड है, हिमानी ने पूछा ऐसा क्यों तो सलीम बोला कि फैजान तुम्हे चुदाई का पूरा सुख देता है और वह देखने में भी मर्द लगता है। सभी मुस्लिम लोग बहुत ताकतवर होते हैं, मुझे ही देख लो। ये सुनकर हिमानी ने पहली बार 2 मिनिट के लिए सलीम को घूर कर देखा तो उसको लगा कि सलीम कितना चौड़ा और बड़ा मर्द है। सलीम ने ये भाप लिया और उसने मौके पर चौका लगाते हुए कहा कि एक बात पुछूं क्या, बुरा तो नहीं मानोगी। हिमानी ने कहा बिलकुल पूछिए, इस समय हिमानी को सलीम की बाते सुन कर अच्छा लग रहा था। सलीम बोला कि मुझे देख कर तुमको क्या लगता है कि तुम्हारे घर का कौनसा मर्द मुझसे लड़ाई कर जीत सकता है, हिमानी कुछ नहीं बोली क्योंकि उसको पता था कि हमारे घर का कोई आदमी सलीम से जीत नहीं पाएगा। अब वो भी थोड़ा थोड़ा मुस्लिम की और झुकने लगी। फैजान बस मुस्करा रहा था। सलीम बोला मैने बहुत सी हिन्दू औरतों को चोदा है क्योंकि वह सब अपने हिंदू पतियों से असंतुष्ट हैं। मेरा शरीर देख कर वे मुझ पर फ़िदा है जाती हैं। हिमानी ने अब दूसरी बियर भी खत्म कर दी थी और वो सलीम की बातों में आने लगी थी। फैजान ओर सलीम को लगा आज के लिए बहुत है इतना फिर फैजान बोला चलो अन्दर रूम में जाते है, तो सलीम बोला कि ठीक है दोनों लोग मज़े करना ओर कुछ भी काम हो तो बता देना में पास के रूम में ही हु। दोनो लोग अंदर गए और फैजान झट से हिमानी पर टूट पड़ा, हिमानी भी बियर के नशे में थी और सलीम की बातों से बहुत उत्तेजित हो गई थी तो वह भी फैजान का पूरा साथ दे रही थी। दोनो ने अपने कपड़े उतार कर फेक दिए और फैजान ने हिमानी को अपना लन्ड चूसने बोला, हिमानी भी बिना किसी देर के, उसका लन्ड किसी पोर्नस्टार की तरह चूसने लगी। आज वो फैजान के लन्ड को बार बार देख रही थीं, क्यूंकि सलीम ने मुस्लिम लन्ड की बहुत तारीफ की थी। इसी बीच सलीम अंदर आया और लूंगी खोल कर मेरे सामने खड़ा हो गया। में समझ गया मुझे क्या करना है , में बिना कुछ बोले उसका लन्ड चूसने लगा। आज मुझे भी मज़ा आ रहा था, क्योंकि बाहर सलीम की बाते सुन कर में भी मुस्लिम मर्द की तरफ आकर्षित हो गया था। सलीम मुझे बोला, क्या मस्त चूस रहा है तु आज, बहुत जल्दी तेरी रण्डी बहन को चुसाऊंगा अपना ये मूसल लन्ड। उधर रूम में अब फैजान हिमानी की चूत चाट रहा था और हिमानी बहुत जोर जोर से सिसकारियां ले रहीं थी। उसने फैजान का मुंह अपनी चूत पर दबा रखा था। अब फैजान उठा और अपना लन्ड हिमानी कि चूत पर रगड़ने लगा, हिमानी बोली जान अब मत तड़पाओ, ज्लदी से अंदर डाल दो। लेकिन फैजान ने उसे मना कर दिया और बोला कि नहीं चोदूंगा। में हैरान हो गया कि वह ऐसा क्यों बोल रहा है, तभी हिमानी ने बोला क्या हुआ जान कुछ गलती हो गई क्या मुझे। तभी फैजान बोला में अपना लन्ड तुम्हारी चूत में तभी डालूंगा जब तुम मुझसे भीख मांगोगी चुदाई की और बोलोगी की अपना ये मूसल मेरी चूत में डाल कर फाड़ दो इसको। हिमानी हवस के नशे में चूर होकर बोली कि फैजान में तुमसे हाथ जोड़ कर भीख मांगती हूं कि अपना ये मूसल लन्ड मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत को फाड़ दो। ये सुन कर सलीम हंस पड़ा और बोला देख रहा है अपनी रण्डी बहन को कैसे चूदने के लिए बेताब हैं, में सर झुका कर उसका लन्ड चूसने लगा। उसने जोर से मेरी गांड़ पर एक थप्पड़ मारी और मेरी सिसकारी निकल गई। उसने 2–3 बार और मारा, मुझे भी अच्छा लगा। उधर फैजान हिमानी को बोला की बोल तू मेरी रांड़ है, तो हिमानी बोली फैजान में तुम्हारी रण्डी हु, जल्दी से अपना मूसल लन्ड मेरी चूत में घुसा दो। अब फैजान ने भी देर न करते हुए उसकी चूत में लन्ड डाल दिया और उसको चोदने लगा। पूरे रूम में सिर्फ हिमानी की चीखने की आवाजे आ रही थीं। इधर सलीम ने मुझसे अपने निपल्स चूसने को बोला और वो बिस्तर पर लेट गया, में उसके ऊपर चढ़ कर उसके छाती को चूमने लगा। उसका मर्दाना शरीर छूने के बाद मुझे एहसास हुआ कि क्यों हिन्दू औरते उससे चुदाने के लिए राजी होती है। वहां फैजान ने लगातार हिमानी को चोद रहा था और करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद फैजान ने अपना माल हिमानी के मुंह पर निकाल दिया जिसमे से थोड़ा हिमानी ने पी लिया। हिमानी इस चुदाई में करीब 3 बार झड़ गई थी। उसके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ दिख रही थी। अब हिमानी को सलीम की बाते वापस याद आने लगी़, उसका बियर का नशा भी उतर गया था। उसने फैजान को पूछा कि सच में सब मुस्लिम मर्द ताकतवर होते है। फैजान बोला बिल्कुल, तुमने देखा नहीं सलीम भाईजान को कितना ताकतवर शरीर है उनका। हिमानी बोली वो तो बिल्कुल सांड जैसे मजबूत लगते है, में तो उनके सामने बिल्कुल नन्हीं बच्ची लग रही थीं। हिमानी बोली कि सच में हिन्दू लोग सेक्स में औरत को संतुष्ट नहीं कर पाते है तो फैजान को मन में लगा यहां तो शिकार सामने से हलाल होने आ रहा है, उसने हिमानी को अपना ट्विटर अकाउंट खोल कर कुछ हिंदू लोगों के लन्ड के फोटोस दिखाए। वो सब लन्ड बहुत छोटे और बेकार दिख रहे थे, हिमानी बोली इतने से ही होते हैं क्या ओर ये बोल कर उसने फैजान के हाथ से फोन ले लिया और बाकी पोस्ट्स देखने लगी। हिमानी मूसल लन्ड देख कर पागल हो गई साथ ही उसको हिन्दू लन्ड देख कर हसी आ रही थी। फैजान को अपनी मंजिल पास आती दिखाई देने लगी। हिमानी ने बोला कि अगर सभी हिन्दू लोगों का लन्ड ऐसा होता है तो में हमेशा तुम्हारे साथ ही रहूंगी और जो बोलोगे वो करुंगी।हमारे पूरे परिवार तुम्हारे जैसी बॉडी किसी की नहीं सब लोग दुबले हैं है या तो पेट निकला हुआ है। ये बोल कर वो फैजान से लिपट गई। हिमानी को प्यास लग रही थीं तो वो बाहर पानी पीने के लिए उठी और अपना टॉप और पेंटी पहनी, वैसे भी रात के 3 बज रहे थे बाहर कोई नहीं होगा तो उसने जींस पहनना ठीक नहीं समझा, सिर्फ़ टीशर्ट और पेंटी पहन कर बाहर जाने लगी इधर सलीम ने भी अपना सारा माल मुझे पिला दिया और लूंगी पहन कर जान बुझ कर हिमानी के सामने बाहर जाने लगा। हिमानी टीशर्ट और पेंटी में बाहर किचन में पहुंची और सलीम भी वहा आ गया और उसके पीछे खड़ा हो गया जैसे ही हिमानी पानी पीकर पीछे मुड़ी और सलीम से टकरा गई। हिमानी गिरने को हुई लेकिन सलीम ने उसकी कमर को पकड़ कर अपने पास खींच लिया। हिमानी सलीम के आगोश में थी और वो भूल गई कि उसने नीचे सिर्फ पेंटी पहनी हुई है। सलीम ने उसे छोड़ा और बोला कैसी रही रात। तुम्हारी सिसकारियों से तो लग रहा था कि फैजान ने बहुत खुश कर दिया तुमको। हिमानी शर्म से लाल हो गई और वहां से जाने लगी तभी फैजान बाहर आ गया और हिमानी से पानी मांगा। वो सलीम को देख कर बोला आप सोए नहीं भाईजान अभी तक। तो सलीम बोला तेरी गर्लफ्रेंड की चीखों ने सोने ही नहीं दिया। दोनो इस बात पर ठहाके लगाने लगे। सलीम ने फैजान को शाबाशी दी कि ऐसे ही हिमानी को मज़े दो ओर खुद भी मज़े करो। फैजान बोला सब आपसे ही सीखा है भाईजान। तभी फैजान ने कहा कि काफी पीने का मन कर रहा है, हिमानी तुम बना दोगी क्या अपन तीनों के लिए। हिमानी ने बिलकुल बना दुगी ये भी कोई पूछने की बात है, उसी समय हिमानी को एहसास हुआ कि उसने नीचे सिर्फ पेंटी पहनी हुई है और वह सलीम के साथ खड़ी है। वो शर्मा कर जल्दी रूम कि तरफ भागने लगी तो सलीम ने उसे रोका और बोला कि मुझे पता है तुम रूम में जींस पहनने जा रही हो लेकिन आधी रात में टाइट जींस पहनोगी तो खुद ही अनकंफर्टेबल हो जाओगी । तुम्हे शर्माने की जरूरत नहीं है और वैसे भी मैने तुमको पेंटी में देख लिया है और मैने खुद ने भी सिर्फ लूंगी ही पहनी हुई है। फैजान बोला कि सलीम भाईजान सही कह रहे हैं, ये तुम्हारा हिन्दू घर नहीं हैं जहां तुमको पूरा ढक कर रहना पड़ता हैं, इस घर में तुमको किसीसे शर्माने की जरूरत नहीं है। हिमानी को उसकी बात ठीक लगी वो बोली आप लोग सोफे पर बैठे में कॉफी बनाकर लाती हु और वो अंदर जा कर काफी बनाने लगी। हिमानी कॉफी लेकर बाहर आई और टेबल पर रखी लेकिन सलीम ओर फैजान सोफे पर इस तरह बैठे थे कि हिमानी को उन दोनों के बीच में बैठना पड़ा। सलीम ने काफी की सीप ली और हिमानी की तारीफों के पुल बांधने लगा। हिमानी बोली इतनी भी अच्छी नहीं है कॉफी आप भी बस मजाक करते हैं। में अंदर से सब देख रहा था और सोच रहा था कि पहली मुलाकात में हिमानी सलीम से इतना गुल मिल गई। तभी फैजान हिमानी को छेड़ते हुए बोला कि वैसे हिमानी इस टीशर्ट और पेंटी में तुम बहुत सेक्सी लग रही हो। हिमानी शर्मा गई और उसने फैजान के कमर पर चुटकी करी और चुप रहने का इशारा किया। हिमानी बोली में अन्दर जाती हूँ तो सलीम बोला कि अरे हिमानी शरमाओ मत, फैजान बिलकुल सच बोल रहा है, तुम तो बिल्कुल बॉलीवुड हीरोइन से भी ज्यादा सेक्सी लग रही हो। हिमानी ने कहा कि इतनी भी सुंदर नहीं हु में लेकिन मन ही मन वो अपनी तारीफ सुन कर खुश हो रही थी। अब हिमानी सलीम से काफी खुल गई थी। सलीम उसकी गोरी गोरी टांगों को घूर रहा था जिसे हिमानी ने भाप लिया और वो बोली कि आपने तो इतनी औरतों के साथ मज़े किए है, मेरी टांगें इतनी अच्छी है क्या जो आप बार बार देख रहे हों, हिमानी ने ये बात हस कर मजाक में कही। सलीम बोला मैने बहुत औरतों को संतुष्ट किया है लेकिन तुम्हारी जैसी चिकनी टांगें किसी की नहीं है, फैजान के तो मज़े है। फैजान बोला ये बात तो आपने सही कही भाईजान और ये बोलते हुए फैजान ने हिमानी को लिप्स पर किस किया, हिमानी भी सलीम के सामने खुल गई थी तो उसने भी फैजान को खुल कर किस किया। काफी खत्म कर सब अपने रूम में चले गए और थोड़ी मस्ती करने के बाद फैजान ओर हिमानी भी सो गए। तो दोस्तो आज की ये कहानी यही खत्म होती है। कहानी के अगले भाग में लिखूंगा कैसे हिमानी ओर सलीम आपस मे खुलने लगें ओर हिमानी मुस्लिम को ही असली मर्द समझने लगी। ये भी लिखूंगा कि कैसे हिमानी को मेरे और सलीम के बारे मे पता चला और उसने मुझे साड़ी पहना कर सलीम के साथ सुहागरात मनाने के लिए तैयार किया ओर मेकअप किया। कहानी में ओर भी मज़ा आने वाला है ये बिलकुल सच्ची कहानी है, इसे पढ़ कर अपना फीडबैक जरूर दे। आपके मेल से ही अगली कहानी अपलोड करने का प्रोत्साहन मिलता है Mail I'd - jainhimangi306@gmail.com

गरम लड़की की गरम चूत का मजा लिया मैंने मेरे साथ ट्यूशन पढ़ने वाली सेक्सी सांवली लड़की को चोद कर. उसने खुद से पहल की और बाइक पर बैठकर मेरे लंड पर हाथ रख दिया.

भाइयो और भाभियो, मेरा नाम सिद्धांत है.
मैं नया नया जवान हुआ हूँ.

यह गरम लड़की की गरम चूत का मजा लेने की कहानी अभी कुछ दिन पहले की ही है.

मैं ट्यूशन गया था.
उस दिन उधर एक नई लड़की आई.
वह मुझे दिखने में इतनी ज्यादा अच्छी दिख रही थी कि क्या ही बोलूँ.

लड़की थोड़ी दबे से रंग की जरूर थी लेकिन उसका बदन का ग्लैमर इतना मस्त था कि कोई भी देख कर सोचेगा कि अभी पटक कर चोद दूँ.

उस दिन उसने काले रंग का सूट पहना था, बड़ी ही मस्त माल लग रही थी.

मैं शुरू से बहुत बड़ा ठरकी था, किसी भी लड़की या भाभी को देख कर चोदने का मन करने लगता था.

उसको देख कर ही मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.
मेरा मन कर रहा था कि इसको चोद दूँ.
मैंने खुद पर कंट्रोल किया और बैठ गया.

फिर ट्यूशन वाले सर आए और उसका परिचय करवाया.
उसका नाम सोनी था.

अब सर ने पढ़ाई शुरू की.
मैं सर के घर में उनके बेड पर बैठा था.
वह मेरे सामने कुर्सी लगा कर बैठी थी.

जब वह झुक कर लिख रही थी, तो उसके बड़े बड़े संतरों का दीदार हो रहा था.
उसके दूध देख कर मुझसे रहा न गया और मेरे लंड ने हल्का सा पानी छोड़ दिया.
मैंने सर से कहा- मैं वॉशरूम से आता हूँ.

वह लड़की मुझे देखने लगी.
मैंने बाथरूम के अन्दर जाते ही अपना लंड निकाला और हिलाने लगा.

जब लंड की छूट हो गई, तब मैं शांत हुआ और पढ़ाई खत्म होने के बाद घर आ गया.

घर आकर भी मुझे बहुत बेचैनी सी हो रही थी, मन कह रहा था कि अब मुझे उसको चोदना ही है.

मैंने उस दिन घर आते ही सेक्स वीडियो देखना शुरू किया.
मुझे हर वीडियो में बस उसका ही चेहरा दिख रहा था.

मैंने उस दिन हर घंटे में बार बार लंड हिलाया.

मैंने आज तक किसी लड़की में इतना ग्लो नहीं देखा था.
मेरी यह ट्यूशन हफ्ते में 3 दिन ही रहती थी.

मैं बहुत परेशान हो गया क्योंकि उस दिन ट्यूशन का आखिरी दिन था.
उसके बाद दो दिन की छुट्टी थी.

खैर … कुछ कर ही नहीं सकता था.

सोमवार को मैं ट्यूशन पर बहुत जल्दी चला गया.
लेकिन सोनी दीदी थोड़ी देरी से आई.

आज वह फिर से एक दूसरी ब्लैक ड्रेस में थी.
मैं उसे देख कर एकदम से पागल हो गया.

सोनी के आते ही सर ने कहा- तुम दोनों पढ़ाई करो, मुझको कुछ काम है, मैं अभी आता हूँ.

मेरी किस्मत बहुत ज्यादा अच्छी थी क्योंकि सर के जाते ही बारिश होने लगी.

अब हम दोनों कमरे में बिल्कुल अकेले थे.
मेरा मन कर रहा था कि मौका अच्छा है … इसकी बुर फाड़ देता हूँ.
पर वह थोड़ी शर्मीली थी.

मैं कुछ देर के बाद उससे थोड़ा बात करने लगा और मैंने उससे उसका नंबर मांगा.
उसने एकदम से सीधा मना कर दिया और बोली- नहीं, मैं किसी को नंबर नहीं देती.

मुझको थोड़ा गुस्सा आया.

फिर मैंने कहा- क्या आप इंस्टाग्राम पर हैं?
वह बोली- हां हूँ.

मैंने कहा- उसकी आईडी ही दे दीजिए. आपसे कभी बात करना हुई तो मैसेज भेज दूंगा.
वह बोली- हां ठीक है.

उसने अपनी इंस्टाग्राम की आईडी दे दी.
मैंने तुरंत मोबाईल में इंस्टाग्राम खोला और उसकी आईडी सर्च की.

जैसे ही उसकी प्रोफाइल को देखा, आह क्या बोलूँ … उसकी एक से एक फ़ोटो उधर लगी थी.
मैंने उसकी तारीफ की तो वह खुश हो गई.

उस दिन उससे अलग होकर एक अजब सी खुशी थी कि जाने क्या मिल गया हो.

मैंने घर आते ही उसको एक मैसेज भेजा.
कुछ देर बाद उसका जवाब आया कि रात को बात करूंगी.

मैं और ज्यादा खुश हो गया कि बंदी रात को बात करने की कह रही है.
उस दिन रात को उससे बात शुरू हुई तो एक बजे तक बात चलती रही.

फिर वह गुड नाइट बोल कर सोने चली गई.
अब हम दोनों लगभग रोज ऑनलाइन होते तो बात करते.

ट्यूशन में भी अकेले होते तो बात करते, वह सर के सामने बिल्कुल बात नहीं करती थी.

एक दिन यह हुआ कि ट्यूशन में ही उसकी चूत टपकने लगी, उसको माहवारी शुरू हो गई.
वह बहुत परेशान लग रही थी.

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वह कुछ नहीं बोली.

बस धीमे से बोली- मेरी तबीयत ठीक नहीं है. तुम मुझे मेरे घर तक छोड़ सकते हो?
मैं बाइक लेकर आता था तो झट से रेडी हो गया.

सर ने भी उसकी तबियत के चलते उसे छुट्टी दे दी.
वह पहली बार मेरे साथ बाइक पर बैठी थी.

जब से मैं जवान हुआ तभी से यह चाहता था कि कोई सुंदर सी लड़की मेरे साथ बाइक पर बैठे.
मैं बहुत तेज रफ्तार पर बाइक को दौड़ा कर चलाता था.

जब वह मेरे साथ बाइक पर बैठी तो मेरे साथ चिपक गई.
चूंकि ठंड का मौसम था तो मैं भी उसकी चूचियों का मजा लेने लगा.

मैंने अपना बैग आगे रख लिया था.
मैं तेज बाइक चला रहा था.
मुझे नहीं पता था कि सोनी को भी तेज रफ्तार पसंद थी.

मैं फुल स्पीड में था कि तभी सामने एक गड्डा आया और मुझे ब्रेक लगाने पड़े.
वह झटका खाकर एकदम से मेरे ऊपर गिर पड़ी, उसके बूब्स मेरी पीठ पर लड़ गए.

कुछ समय तक तो मैं वैसे ही उसकी चूचियों से लगा रहा.
उसके बाद वह अलग हुई.
लेकिन मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था.

कुछ देर यूं ही चलने के बाद सामने एक ब्रेकर आ गया था.
मैंने फिर से एकदम से ब्रेक लगाए.

उसका हाथ एकदम से मेरे लंड पर आ गया.
जहां तक मुझे पता था कि माहवारी के दौरान लड़कियों का चुदने का बहुत मन करता है.

शायद यही वजह थी कि उसका शरीर एकदम से गर्म होने लगा.
वह बोली- सिद्धांत, तुम मुझे यहीं उतार दो … आगे मैं ऑटो से चली जाऊंगी.

मैंने भी कुछ नहीं कहा.
उसे वहीं उतार कर मैं आगे बढ़ गया.

अब मैं सोचने लगा.
उसका एकदम से मेरे लंड पर हाथ आना मुझे थोड़ा अजीब सा लगने लगा.

हालांकि मुझे मज़ा भी बहुत आया था.

वह दो दिन ट्यूशन नहीं आई और ना ही हमारी ऑनलाइन कोई बात हुई.

फिर जब उसकी माहवारी खत्म हो गई तब वह ट्यूशन आई.

वह बोली- सिद्धांत तुम मुझे रोज घर तक छोड़ सकते हो क्या?
यह सुन कर मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा.

मैंने खुद को कंट्रोल करके कहा- अरे क्यों नहीं … ज़रूर दीदी.
वह मेरे मुँह से दीदी सुन कर थोड़ा गुस्सा सी हो गई और उसने मेरे पैर में एक घूंसा मारते हुए कहा- मुझे सोनी बोल.
मैंने कहा- ठीक है सोनी.

अब ट्यूशन से वापस घर की तरफ चले, तो दस किलोमीटर दूर चलना था.
उस रास्ते में एक सुनसान इलाका आता था.

उधर उसने एकदम से मेरी कमर में हाथ डाल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी.

मैंने कहा- अरे यह क्या कर रही हो?
वह बोली- सिद्धांत, मैं जानती हूँ कि तुम भी मुझे चोदना चाहते हो. मैं तो जिस दिन आई थी, उस दिन ही तुम्हारे खड़े लंड को देख कर तुमसे चुदवाना चाहती थी.

उसके मुँह से इतनी साफ बात सुन कर मैं खुश हो गया.
मैंने उधर ही तय किया और बाइक को अपने एक दोस्त के कमरे की तरफ मोड़ दी.

मैं सोनी को उधर ले गया और दोस्त से कह कर उससे बाहर जाने के लिए कह दिया.
वह सोनी को देखता हुआ चला गया.

मुझे बिना कंडोम के चोदना पसंद था तो किसी बात की चिंता नहीं थी.
वह रूम खाली होते ही मुझे किस करने लगी.

मैंने कहा- एक मिनट तो रुक जा मेरी जान … जरा दरवाजा तो लगा लेने दे.
मैं जल्दी से उठ कर गया और दरवाजा बंद कर आया.

मैंने आते ही अपने लंड को सहलाया और कहा- आज मैं तुमको नहीं छोड़ूँगा.
उसने कहा- हां मुझे भी नहीं बचना है. जल्दी बता कि कैसे चोदेगा?

मैंने कहा- तुम पहले पूरी नंगी हो जाओ.
उसने कहा- बस इतनी सी बात. चल तू भी अपने कपड़े खोल.

वह पूरी नंगी हो गई.
मैं भी पूरा नंगा हो गया.

हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना चालू कर दिया और काफी देर तक चूमाचाटी करने के बाद मैंने उससे कहा- मेरे लंड को चूस रंडी!
वह बोली- नहीं यार, मैं मुँह में नहीं लूँगी.

मैंने ज़बरन उसके मुँह में लंड दे दिया.
उसको पहले तो लंड का स्वाद अच्छा नहीं लगा.
उसने जीभ से सुपारा चाट कर एक बात थूक दिया.

फिर उसने खुद से मेरे लंड को मुँह में भर लिया और पूरा अन्दर तक लेकर चूसने लगी.
मैं उसके बूब्स दबा रहा था.

भाई सच बता रहा हूँ कि इतना सॉफ्ट मामला था कि मजा ही आ गया.

मेरा मन उसकी बुर चाटने का हुआ, मैंने कहा- चल 69 में आ जा. मैं लेट रहा हूँ, तू अपनी चुत मेरे मुँह पर टिका कर ऊपर चढ़ जा.

जैसे ही मैंने उसकी बुर को चाटना शुरू किया, वह कामुक सिसकारियां लेने लगीं ‘आह उहह …’

जब मेरे लंड से न रहा गया तो मैंने एकदम से उसके मुँह में ही पिचकारी मार दी.

वह मुँह हटाने लगी तो मैंने उससे कहा- पी जा रण्डी … प्रोटीन है … तेरे चेहरे का ग्लो बढ़ जाएगा.
उसने वीर्य पी लिया.

फिर मैंने उससे लंड को फिर से चूस कर खड़ा करवाया.

मैंने कहा- साली, तेरा भोसड़ा तो फटा हुआ लगता है.

वह बोली- हां भोंसड़ी के मादरचोद … मैं चुदाई करवाती हूँ.
उसके अन्दर की रंडी जाग गई थी.

मेरे लंड को कुछ मिनट चूसने के बाद वह बोली- ले साले तेरा खड़ा हो गया.
मैंने उससे कहा- हां तो चल अब कुतिया बन जा.

वह बन गई.
मैंने उसकी बुर से थोड़ा दूर को लंड रखा ओर एकदम से एक ज़ोरदार शॉट दे मारा.

अभी मेरा आधा लंड भी अन्दर नहीं गया था कि वह दर्द से बहुत तेज रोने लगी.
वह बोली- आह साले मादरचोद ने मार दिया.

मैंने कहा- अरे रंडी साली, चुप हो जा बहन की लौड़ी … क्या सारा मुहल्ला बुलाएगी.
वह चुप हो गई.

कुछ मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ, तो वह मस्ती से चुत चुदवाने लगी.
फिर मैंने लंड चुत से बाहर खींचा और उसके मुँह में लंड घुसेड़ दिया.

वह बोली- अभी और चोद कमीने.
मैंने उसको कुतिया बना दिया और बुर में लंड सैट करके एक ज़ोरदार शॉट दे मारा.

पर गजब हो गया. इस बार मेरा लंड न जाने कैसे उसकी गांड में घुस गया.
मैंने शॉट इतनी ज़ोर का मारा था कि उसकी गांड फट गई और एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में घुसता चला गया.

वह बहुत ज्यादा रोने लगी.
पर मैंने उसकी गांड में से लंड नहीं निकाला.

मैं उसकी गांड फाड़ने में बिज़ी बना रहा.
वह चिल्ला रही थी और मैं उसकी सुन ही नहीं रहा था.
दस मिनट बाद उसको भी गांड मरवाने में मज़ा आने लगा.

मैं 10 मिनट तक गांड मारता रहा.
उसके बाद मैं उसकी गुलाबी बुर चोदने लगा.

लंड चुत में पेलते ही उसका पूरा रस निकल गया.

उस वजह से मेरा लंड पूरा चिकना हो गया था.
धकपेल चुदाई के बाद मैंने अपने लंड का माल उसके पेट पर निकाल दिया.

उस दिन मैंने उस गरम लड़की की गरम चूत को 2 घंटे में 3 बार चोदा.
उसके बाद हम दोनों के घर से कॉल आने लगा.

मैंने उससे कहा- चूत का खून आदि साफ कर लो.
उसने सब साफ करना शुरू किया.
मगर वह ठीक से हिल ही नहीं पा रही थी तो उससे चूत साफ करते नहीं बन रहा था.

मैंने ही उसका सब कुछ साफ किया और उसको कपड़े पहनाए.
फिर उसको उसके घर तक छोड़ दिया.

इस बीच मैं उसकी मम्मी से भी मिला.
यार उनका परिवार बहुत ज्यादा रिच था.

अब मेरा उसके घर आना जाना शुरू हो गया.
मैं जब भी उसके घर जाता और उसके घर में सुनसान होता तो मैं उसको उसके कमरे में ले जाकर चोद देता.

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