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Massage Girl in South Delhi: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in South Delhi who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in South Delhi that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The South Delhi massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in South Delhi who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your South Delhi massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This South Delhi massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in South Delhi who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in South Delhi employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in South Delhi helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in South Delhi

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in South Delhi at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Antarvasna

सभी पाठकों को मेरा प्रणाम, मेरा Antarvasna नाम मोहित है मैं रतलाम में रहता हूँ और अंतर्वासना का नियमित पाठक हूँ।

दोस्तो, यह बात फ़रवरी के महीने की हैं, रतलाम मे मेरी दूर के रिश्ते की मासी के लड़के की शादी थी उसमे मुझे एक भाभी मिली जिसका नाम सोनम था। बात करने पर पता चला कि वो दूर के किसी रिश्ते मे मेरी भाभी लगती है। उसका रंग सांवला था हाइट करीब 5’5′ होगी दिखने में एक दम सेक्सी थी उसका फिगर 34-28-32 का था।

मैंने गौर किया कि वो सुबह से ही मुझमें रुचि ले रही है। साथ में घूमना, खाना, इधर उधर की बातें करना।

दिन की बात है वो मुझे घूर रही थी, तभी अचानक मैंने उनसे कहा- भाभी देखते हैं कौन बाद में पलक झपकता है!
तो उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली तो मैंने कहा- लो आप तो हार गयी लाओ मेरा इनाम!
तो उसने कहा- माँग लो आपको जो भी माँगना हो!

उसकी इस बात से मेरा नज़रिया थोड़ा बदल गया लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई, मैंने उनसे कहा- रहने दो आप नहीं दे पाओगी!
मेरा ऐसा कहने पर उसने कहा- मुझे पता है आपको क्या चाहिए!
मैंने कहा- क्या?
तो वो बोली- आपको किस चाहिए ना!

उसके मुख से ऐसी बात सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने उसे अपनी बाहों में लेकर किस कर दिया। उसने मेरा पूरा साथ दिया लेकिन तभी कमरे का दरवाजा बजा और हम अलग हो गये, लेकिन अब हमारी तड़फ़ बढ़ने लगी थी । फिर शाम को रिसेपशन के समय उसने लाल रंग का लांचा पहना था। वो बहुत सेक्सी लग रही थी।
उन्होंने मुझसे कहा- आज से मैं आपकी भाभी नहीं बीबी हूँ, आप मुझे जैसे चाहो खा सकते हो!

फिर हमने जल्दी जल्दी खाना खाया और मेरे दोस्त की गाड़ी लेकर हम घूमने चले गये और फिर एक होटेल में मैंने उसे 5 बार अलग अलग तरीके से चोदा।

फ़िर उस रात मेरे एक दोस्त की बाइक लेकर मैं और सोनम शादी में से निकल गए। उसने मुझे पीछे से पकड़ रखा था और जब हम थोडी सुनसान जगह पहुंचे तो उसने उसका हाथ मेरे शर्ट के अन्दर डाल दिया, उसके स्पर्श से मेरे तन में गर्मी आ गई और मैं उसे एक होटल में ले गया।

होटल में मैंने एक कमरा बुक करना चाहा तो मैनेजर ने कहा- सर, मेडम! नॉन एसी रूम चलेगा?
मैंने कहा- ठीक है!
उसने होटल में 17 नम्बर का कमरा खुलवा दिया और हम दोनों कमरे में आ गए। मैंने कमरे में आते ही सोनम को कहा- सोनम आज मैं तुम्हें अपना बना के रहूँगा!

तो उसने कहा- आप की जो मर्जी हो वैसा करो लेकिन में आपसे बहुत प्यार करती हूँ इसलिए मुझे भी आप अपना पूरा प्यार देना!
उसकी इस बात ने मेरी वासना को और भड़का दिया, मैंने उसका लांचा खोल दिया और वो मुझसे लिपट गई।
मैंने भी कुरता पहना था, उसने उसे खोल दिया, फिर उसने मुझे बेड पर बिठा दिया और कहा- मोहित! आज हमारी सुहाग रात है!
मैंने कहा- जानेमन आ जाओ! तुम्हें अपने प्यार का स्वाद चखाता हूँ!

फ़िर हम दोनों एक दूसरे को पागलों जैसे किस करने लगे। उसने अपना हाथ मेरे पजामे में डाल दिया, मेरा लंड जो खड़ा था, उसने उसे पकड़ लिया और मेरे सुपाड़े की चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगी। मेरी हालत ख़राब हो रही थी। लग रहा था मानो मेरा लंड फट जाएगा।

फ़िर मैंने उसके स्तन मसलने चालू कर दिए और कुछ ही समय में हम दोनों प्राकृतिक अवस्था में थे। सोनम ने कमरे की लाईट बंद कर दी और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।
2 या 3 मिनट ही हुए थे और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
उसने कहा- मोहित! आपका टेस्ट कितना अच्छा है! क्या आप मुझे नहीं चखोगे?

मैंने उसके बूब्स को मुँह में लेकर चूसना चालू किया और कुछ ही देर में मैं उसकी चूत पर था। उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल बड़े सेक्सी लग रहे थे।
मैंने उसकी चूत को चाटना चालू किया तो उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी और वो मेरा सर पकड़ कर अपने चूतड़ उठा उठा कर अपनी चूत चटवा रही थी और अचानक उसने मेरा मुँह हटा दिया और कहा- अब आप मुझे खा जाओ!
उसके इन शब्दों ने मुझे पागल बना दिया और मैंने एक सेकंड में अपना लंड उसकी चूत पर रख कर धक्का लगाया..

वो इसके लिए तैयार नहीं थी और अचानक ऐसा होने से वो एक दम डर सी गई और अगले ही झटके में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था।
दोस्तों उसकी चूत इतनी टाइट नहीं थी जितनी मेरी गर्ल फ्रेंड की थी।
और इसी तरह मैंने उससे 2-3 अलग अलग आसनों में चोदा और हम दोनों झड़ गए…

ऐसे 3 दौर पूरी रात चले और फिर हम एक दूसरे को बाहों में जकड़ के सो गए..

सुबह वो उठी और रोने लगी।
मैंने पूछा- सोनम! क्या हुआ?
तो वो मेरे गले लग के बोली कि मोहित! शायद हमने अच्छा नही किया… मैं शादी शुदा हूँ और मैंने ये सब…बस वो ये बोल ही रही थी कि मैंने उसके होठों पर अपने होठ रख दिए और किस करने लगा..
और उससे कहा- सोनम! इस जन्म में ना सही पर अगले जन्म में मैं तुम्हारा ही रहूँगा .. मेरे मुँह से ऐसी बात सुन कर वो खुश हो गई और फिर हम दोनों होटल से शादी की धर्मशाला आ गए…

उसके बाद आज तक वो मुझे नहीं मिली.
लेकिन एक बात तो अभी कहना चाहता हूँ कि भाभी को चोदने में जितना मज़ा आता है उतना तो गर्ल फ्रेंड को चोदने में भी नहीं आता!

पर दोस्तो, आप के ईमेल तो मिलना चाहिए इसलिए मुझे मेल करें… Antarvasna

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मेरा नाम नवीन है। मैं 26 साल Hindi Porn Stories का हूँ और एक प्राईवेट फ़र्म में सेल्स मैंनेजर हूँ। मेरी शादी नहीं हुई है, अकेला दिल्ली में रह रहा था।

दो महीने पहले मेरी ममेरी बहन 12वीं की परीक्षा के बाद मेरे साथ रहने आ गई। उसको अभी स्पोकन ईंग्लिश का एक कोर्स करना था फ़िर दिल्ली युनिवर्सिटी से बी.ए.. उसके मम्मी-पापा उसे मेरे घर छोड़ कर चले गए और मुझे उसका गार्जियन बना गए।

बी.ए. में एड्मिशन के बाद उसे होस्टल मिलने पर उसे होस्टल जाना था।

उसका नाम काजल था, 18 साल की काजल की जवानी एक दम से खिली हुई थी। 5’5′ की काजल का रंग थोड़ा सांवला था, पर इकहरे बदन की काजल की फ़िगर में गजब का नशा था, 34-22-34 की!

काजल को जब भी मैं देखता मेरे लंड में हल्का हल्का कड़ापन आना शुरु हो जाता। हालाँकि मैं दिखावा करता कि मुझे उसके बदन में कोई दिलचस्पी नहीं है, पर मुझे पता था कि काजल को भी मेरी नज़र का अहसास है। करीब एक सप्ताह में हम लोग काफ़ी घुल-मिल गए।

मेरे दोनों करीबी दोस्तों सुमित और अनवर से भी काजल खूब फ़्रेंड्ली हो गई थी। वो दोनों लगभग रोज़ मेरे घर आते थे।

मई के दूसरे शनिवार के एक दोपहर की बात है। काजल कोचिंग क्लास गई थी और हम तीनों दोस्त बैठ कर बीयर पी रहे थे। बात का विषय तब काजल ही थी। मेरे दोनों दोस्त उसकी फ़िगर और बॉडी की बात कर रहे थे, पर मैं चुप था।

अनवर ने मुझे छेड़ा कि मैं एकदम बेवकूफ़ हूँ कि अब तक उसकी जवानी भी नहीं देखी है।
मेरे यह कहने पर कि वो मुझे भैया बोलती है, दोनों हंसने लगे और कहा कि ठीक है, हम लोग उपाय करके उसको थोड़ा ढीठ बनाएंगे, पर उन दोनों ने शर्त रखी कि मैं भी मौका मिलते ही उसे चोद लूंगा और फिर उन दोनों से अपना अनुभव कहूँगा।

फिर अनवर बोला- यार उसकी एक पैंटी ला दो, तो मैं अभी मुठ मार लूँ।

तभी दरवाजे की घण्टी बजी और काजल घर आ गई। सफ़ेद सलवार और पीले चिकन के कुर्ते में वह गजब की सेक्सी दिख रही थी।

हम सब को बीयर के मजे लेते देख वो मुस्कुराई, सुमित ने उसको भी बीयर में साथ देने को निमन्त्रण दिया। मेरे उम्मीद के विपरीत वो हम लोगों के साथ बैठ गई।

हम लोग इधर-उधर की बात करते हुए बीयर का मजा ले रहे थे। काजल भी खूब मजे ले रही थी।

एक-एक बोतल पीने के बाद सुमित बोला- क्यों न हम लोग ताश खेलें, समय अच्छा कटेगा।

सब के हाँ कहने पर मैं ताश ले आया और तब सुमित बोला- चलो अब आज के दिन को फ़न-डे बनाया जाए।

काजल ने हाँ मे हाँ मिलाई।

सुमित अब बोला- हम सब स्ट्रीप-पोकर खेलते हैं, अगर काजल हाँ कहे तो! वैसे भी अब आज फ़न-डे है।

काजल का जवाब था- अगर भैया को परेशानी नहीं है तो मुझे भी कोई परेशानी नहीं है।

अब अनवर बोला- काजल, हम लोगों के बदन पर चार कपड़े हैं, तुम अपना दुपट्टा हटाओ नहीं तो तुम्हारे पाँच कपड़े होंगे।

काजल मजे के मूड में थी, बोली- नहीं, अकेली लड़की खेलूंगी, तीन लड़कों के साथ मुझे इतनी छूट मिलना चाहिए।

सुमित फ़ैसला करते हुए बोला- ठीक है, पर हम लड़कों के कपड़े तुमको उतारना होगा, और तुम्हारा कपड़ा वो लड़का उतारेगा जिसके सबसे ज्यादा अंक होंगे।

मैं सब सुन रहा था, और मन ही मन में खुश हो रहा था। अब मुझे लग रहा था कि मैं सच में बेवकूफ़ हूँ, काजल तो पहले से मस्त लौंडिया थी।

मेरे सामने अनवर था, काजल मेरे दाहिने और सुमित मेरे बाँए था। पहला गेम अनवर हारा और नियम के मुताबिक काजल ने अनवर कि कमीज उतार दी।

दूसरे गेम में मैं हार गया, और काजल मुस्कुराते हुए मेरे करीब आई और मेरा टी-शर्ट उतार दी। पहली बार काजल का ऐसा स्पर्श मुझे अच्छा लगा।

तीसरे गेम में काजल हार गई और सुमित को उसका एक कपड़ा उतारना था। सुमित ने अपने दाहिने हाथ से उसका दुपट्टा हटा दिया और अपने बाँए हाथ से उसकी एक चुची के हल्के से छू दिया। मेरा लंड अब सुरसुराने लगा था।

अगले दो गेम सुमित हारा और उसके बदन से टी-शर्ट और बनियान दोनों निकल गये।

इसके बाद वाली गेम मैं हारा और मेरे बदन से भी बनियान हट गया और फिर जब सुमित हारा तो अब पहली बार किसी का कमर के नीचे से कपड़ा उतरा।

काजल ने खूब खुश होते हुए सुमित की जींस खोल दी। मैक्रोमैन ब्रिफ़ में सुमित का लंड हार्ड हो रहा है, साफ़ दिख रहा था।

एक नई बीयर की बोतल तभी खुली। उसके मजे लेते हुए पत्ते बंटे, और इस गेम में काजल हार गई, और अनवर को उसके बदन से कपड़ा हटाना था।

काजल अब मेरे सामने अनवर की तरफ़ पीठ करके खड़ी हो गई, जिससे अनवर को उसके कुर्ते की ज़िप खोलने में सुविधा हो।

अनवर ने पहले अपने दोनों हाथ को पीछे से उसकी चुची पे ला कर दो-तीन बार चुची मसला, और फिर उसके कुर्ते की ज़िप खोल करके कुर्ते को उसके बदन से अलग कर दिया।

एक बार हमारी नज़र मिली, वह मुझे देख कर मुस्कुराई।

गुलाबी रंग की ब्रा में कसे उसकी शानदार छाती किसी को भी मस्त कर सकती थी। उसका एकदम सपाट पेट और गहरी नाभि देख हम तीनों लड़कों के मुँह से एक ईईईससस निकलते-निकलते रह गया।

वो एकदम सामान्य दिख रही थी। उसकी नाभि के ठीक नीचे एक काला तिल देख सुमित बोल उठा- ब्यूटी स्पॉट भी शानदार जगह पर है काजल। इतनी जानदार फ़िगर है तुम्हारी, थोड़ा अपने बदन का ख्याल रखो।

काजल बोली- कितना डायटिंग करती हूँ नवीन भैया से पूछिए।

सुमित अब बोला- मैं तुम्हारे अंडर-आर्म के बालों के बारे में कह रहा हूँ।

सच काजल के काँख में खूब सारे बाल थे, काफ़ी बड़े भी। ऐसा लगता था कि काजल काफ़ी दिनों से उसको साफ़ नहीं किया है।

पहली बार मैं एक जवान लड़की की काँख में इतना बाल देख रहा था और अपने दोस्तों को दिल में थैंक्स बोल रहा था कि उनकी वजह से मुझे काजल के बदन को देखने क मौका मिल रहा था।

काजल पर बीयर का मीठा नशा हो गया था और वो अब खूब मजे ले रही थी हम लड़कों के साथ। वैसे नशा तो हम सब पर था बीयर और काजल की जवानी का।

काजल मुस्कुराई और बोली- चलिए अब पत्ते बाँटिए भैया। पत्ते बाँटने की मेरी बारी थी।

ब्रा में कसे हुए काजल की जानदार चुचियों को एक नज़र देख कर मैंने पत्ते बाँट दिए। यह गेम मैं हार गया। मुझे थोड़ी झिझक थी।

पर जब काजल खुद मेरे पास आकर बोली- भैया खड़ा हो ताकि मैं तुम्हारी पैंट उतारूँ!

तब मैं भी मस्त हो गया।

मैंने कहा- ओके, जब गेम का यही नियम है तब फ़िर ठीक है, खोल दो मेरा पैंट, और मैं खड़ा हो गया।

काजल ने अपने हाथ से मेरे बरमुडा को नीचे खींच दिया और जब झुक कर उसको मेरे पैरों से बाहर कर रही थी तब मेरी नज़र उसके ब्रा में कसी हुई चुचियों पर थी, जो उसके झुके होने से थोड़ा ज्यादा ही दिख रही थी।

अनवर ने अपना हाथ आगे किया और उसके चूतड़ पर एक हल्का सा चपत लगाया। वो चौंक गई, और हम सब हंसने लगे।

मेरा लंड फ़्रेंची में एकदम कड़ा हो गया था और काजल को भी यह पता चल रहा था।

अगली बाजी अनवर हारा, और उसकी भी बनियान उतर गई। पर जब तक काजल उसका बनियान खोल रही थी, वो तब तक उसके पेट और नाभि को सहलाता रहा था।

अगली बाजी मैं जीता और काजल हार गई। पहली बार मुझे काजल के बदन से कपड़ा उतारने का मौका मिला। काजल मेरे सामने आकर खड़ी हो गई। मेरे दिल में जोश था पर थोड़ी झिझक भी थी। मुझे काजल की सलवार खोलनी थी।

मैंने अभी सलवार की डोरी पकड़ी ही थी कि अनवर बोला- थोड़ा सम्भल के! जवान लड़कियों की सलवार के भीतर बम रहता है, ध्यान रखना नवीन।

मैं झेंप गया, काजल भी थोड़ा झेंपी, पर फ़िर सम्भल गई और बोली- मैं आत्मघाती दल की सदस्या नहीं हूँ, सीधी-साधी लड़की हूँ भाई, ऐसा क्यों बोलते हैं अनवर भैया।

मैं तब तक उसके सलवार को नीचे कर चुका था, और वो अपने पैरे उठा के उसको पूरी तरह से निकालने में सहयोग कर रही थी। वो अपने दोनों हाथ से मेरे कन्धे को पकड़ कर अपने पैर ऊपर कर रही थी, ताकि मैं सलवार पूरी तरह से उतार सकूँ।

अब जब मैंने काजल को देखा तो मेरा लंड एक बार पूरी तरह से ठनक गया। गुलाबी ब्रा और मैरून पैंटी में काजल एक मस्तानी लौंडिया लग रही थी। उसका सांवला-सलोना बदन मेरे दोस्तों के भी लंड का बुरा हाल बना रहा था।

इसके बाद की बाजी अनवर फ़िर हारा और काजल ने उसका पैंट खोल दिया। इस बार काजल के चूतड़ पे सुमित ने तबला बजाया, पर अब काजल नहीं चौंकी, वह शायद समझ गई थी कि अकेली लड़की होने की वजह से उसको इतना लिफ़्ट हम लड़कों को देना होगा।

अब जबकि हम सब अपने अंडरगार्मेंट में थे, सुमित बोला- क्या अब हम लोग गेम रोक दें, इसके बाद नंगा होना पड़ेगा।

उसने अपनी बात खत्म भी नहीं की थी कि अनवर बोला- कोई बात नहीं, नंगा होने के लिए ही तो स्ट्रीप-पोकर खेला जाता है।

मैं दिल से चाह रहा था कि खेल ना रुके और मैं एक बार काजल को नंगा देखूँ।

सुमित ने काजल से पूछा- बोलो काजल, तुम अकेली लड़की हो, आगे खेलोगी?

उस पर तो मजे का नशा था। वो चुपचाप मुझे देखने लगी, तो अनवर बोला- अरे काजल तुम अपने इस भैया की चिंता छोड़ो। अगर तुम मेरी बहन होती, तो जितने दिन से तुम इसके साथ हो, उतने दिन में ये साला तुमको सौ बार से कम नहीं चोदता। देखती नहीं हो, इसका लंड अभी भी एकदम कड़ा है, सुराख में घुसने के लिए।

और उसने अपना हाथ बढ़ाया और अंडरवीयर के उपर से मेरे लंड पे फ़ेर दिया।

मैं इस बात की उम्मीद नहीं कर रहा था, चौंक गया। और सब लोग हँसने लगे, काजल भी मेरी हालत पे खुल कर हँसी। बीयर का हल्का नशा अब हम सब पर था।

अगली बाजी अनवर हार गया और काजल मुस्कुराते हुए उसको देखी। अनवर अपनी ही मस्ती में था बोला- आओ, करो नंगा मुझे। तुम्हारे जैसी सेक्सी लौन्डिया के हाथों तो सौ बार मैं नंगा होने को तैयार हूँ।

और जब काजल ने उसका अंडरवीयर खोला तो उसका 7′ का फ़नफ़नाया हुआ लंड खुले में आ कर अपना प्रदर्शन करने लगा।

अनवर भी काजल को अपने बाँहों में कस कर उसके होठ चूमने लगा और उसका लंड काजल की पेट पे चोट कर रहा था। तीन-चार चुम्बन के बाद उसने काजल को छोड़ा तब वो अपनी सीट पे बैठी।

अनवर साइड में बैठ कर अपने लंड से खेलने लगा। वह साथ में अपना बीयर का ग्लास भी ले गया।

अगले गेम में काजल हार गई और मुझे उसकी ब्रा खोलनी थी। वो आराम से मेरे सामने आ कर मेरी तरफ़ पीठ करके खड़ी हो गई, और पीठ से अपने बाल समेट कर सामने कर लिए, ताकि मैं अराम से उसके ब्रा की हुक खोल सकूँ।

मैंने प्यार से ब्रा का हुक खोला, और वो अब सीधी हो गई, ताकि मैं उसकी चुचियों पर से ब्रा निकाल सकूँ।

अनवर पे सच थोड़ा नशा हो गया था, बोला- अबे साले नवीन, अब तो छू ले उसको। तेरी बहन है, बार बार चूची नंगी करके नहीं देगी तेरे को।

उसकी बात सुन मुझे खूब मजा आया, पर काजल को पता नहीं क्या लगा, बोली- मन है तो छू लीजिए नवीन भैया।

मैं समझ गया कि अब वह भी हल्के नशे में थी। मैंने दो-चार बार उसकी चूची पे हाथ फ़ेरा।

अगली बाजी मैं हार गया। काजल खुब खुश हुई और जोर से बोली- हाँ अब करुँगी आपको नंगा नवीन भैया।

मैं खड़ा हो गया और उसने मेरे फ़्रेन्ची को नीचे कर दिया।

मेरा फ़नफ़नाया हुआ लन्ड आजाद हो कर खुश हो गया। मेरा आधा सुपाड़ा मेरे फ़ोरस्कीन से बाहर झांक रहा था।

अनवर कैसे चुप रहता, बोल पड़ा- काजल खेल लो उस लन्ड से, तुम्हारे भैया का है, हमेशा नहीं मिलेगा देखने के लिए।

सुमित भी बोला- क्यों, मियाँ-बीवी राजी तो क्या करेगा काजी।

और दोनों हँसने लगे।

काजल मेरे लन्ड को ले कर सहलाने लगी कि सुमित बोला- हाथ से लन्ड के साथ तो लड़के खेलते हैं काजल! लड़की तो लन्ड का लॉलिपॉप बना कर चूसती है।

काजल से मैं यह उम्मीद नहीं कर रहा था।

पर वो मेरे लन्ड को अपने मुँह में ले कर चूसने लगी। दो-चार बार के बाद उसने बुरा सा मुँह बनाया, शायद उसको अच्छा नहीं लगा तो वो मेरा लन्ड छोड़ कर सुमित के सामने बैठ गई।

सुमित बोला- अब की बाजी में खेल खत्म हो जायेगा। इसलिए जो दूसरे को नंगा करेगा वो एक मिनट तक उसके प्राइवेट पार्ट को चूसेगा। मंजूर है तो बोलो वरना यहीं पे खेल समाप्त करते हैं।

काजल की आंखे लाल हो गई थी। वो अब नशे में थी। उसने पत्ते उठा लिए और आखिरी बाजी बंट गई। मैं दिल से दुआ कर रहा था कि काजल हार जाए ताकि उसकी चूत का भी आज दर्शन हो जाए।

और मेरी दुआ कुबूल हो गई। सुमित जीत गया और काजल हार गई।

सुमित ने अब काजल हो अपनी बांहो में उठा करके उसको सेन्टर टेबल पे लिटा दिया और उसके दोनों पैरों के बीच आ गया।
खूब प्यार से उसके मखमली जांघों को सहलाया और फिर मुझे और अनवर को पास आने का न्योता दिया- आ जाओ भाई लोगो, अब काजल की चूत का दीदार करो।

मैं तो कब से बेचैन था इस पल के लिए।

हम तीनों दोस्त मेज को घेर कर खड़े हो गये। काजल अब तक मुस्कुरा रही थी। सुमित ने काजल की पैंटी के ऊपर की इलास्टिक से फ़ोल्ड करना शुरु कर दिया। दूसरे फ़ोल्ड के बाद काजल की झांट की झलक मिलने लगी। धीरे-धीरे उसकी चूत की झलक भी मिलने लगी।

सुमित ने उसके पैरों को ऊपर की तरफ़ करके पैंटी नीचे से पैरों से निकाल दी और फ़िर धीरे-धीरे उसके टांगों को थोड़ा साइड की तरफ़ खोल दिया और अब काजल की चूत की फ़ाँक एकदम सामने दिख रही थी।

काजल की चूत पे 2-2′ के बाल थे और इन बड़ी-बड़ी झांटों की वजह से उसके चूत की घुंडी साफ़ नहीं दिख रही थी।

सुमित ने उसकी चूत पे हाथ फ़ेरा और फ़िर उसके झांटों को साइड करके हम दोनों को उसकी पूरी चूत के दर्शन कराए।

जब काजल की नज़र मेरे से मिली तब उसने अपने हाथों से अपना चेहरा ढ़क लिया। पर अब मुझे उसकी शर्म की परवाह नहीं थी। हम में से किसी को नहीं थी।

काजल बोली- अब छोड़ दीजिए।

पर सुमित ने उसको याद कराया कि अभी 35 सेकेंड वो उसकी चूत चूसेगा।

इसके बाद वो काजल की चूत चूसने में लग गया, अनवर मूठ मारने लगा और मैं सब चीज़ समेटने लगा। काजल के मुँह से सिसकारी निकलने लगी थी।

नई-नई जवानी चढ़ी थी बेचारी पे, इसलिए वो इतना मजा पा कर के शायद झड़ गई और बोली- अब बस, अब मुझे पेशाब आ रही है।

पर सुमित रुकने का नाम नहीं ले रहा था। काजल ने दो-तीन बार अपने बदन को सुमित की पकड़ से छुड़ाना चाहा, फ़िर उसी मेज पर ही सुमित के चेहरे पे सु-सु करने लगी। सुमित ने अब अपना चेहरा हटा लिया।

काजल ने अपना बदन एकदम ढीला छोड़ दिया और खूब मूती, फ़िर शांत हो गई।

दो मिनट ऐसे ही रहने के बाद उसे कुछ होश आया और तब वह उठी और फ़िर अपने कपड़े उठा कर अपने बेडरूम में चली गई।

हम लोगों ने भी अपने कपड़े पहन लिए।

सुमित बोला- अब थोड़ी देर उसको अकेला छोड़ वरना वो रोने लगेगी, जब उसको लगेगा कि क्या-क्या हुआ है।

हम लोग अब पास की मार्केट की तरफ़ निकल गये, काजल तब बाथरूम में थी।

आप सब को यह कहानी कैसी लगी? बताना!

साथ ही यह भी बताना कि मुझे काजल के साथ किये गये मजे के बारे में भी लिखना चाहिए या नहीं। Hindi Porn Stories

Antarvasna

मैं रेखा अपनी पहली Antarvasna चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ! उस समय मैं 18 साल की थी।

मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ और अभी इन्जिनियरिन्ग अन्तिम वर्ष की छात्रा हूँ। मेरे पिताजी बिजनेस मैन हैं। हम दो बहनें हैं, बड़ी बहन की शादी हो चुकी है, वो अपने ससुराल में रहती है। मेरा कोई भाई नहीं है। मैं अपने मम्मी-पापा के साथ ही रहती हूँ। पापा भी बिजनेस के सिलसिले में ज्यादातर घर से गायब ही रहते हैं।

हमारे घर के सामने वाले मकान में मेरे पापा के एक दोस्त कुछ ही दिनों से रह रहे थे। उनके एक लड़का और एक लड़की है। लड़की तो तब छोटी थी लेकिन लड़का बाईस साल से कम का नहीं था। क्योंकि वो मेरे पापा के दोस्त का लड़का था इसलिये हमारे घर में आता-जाता रहता था। उसका नाम सुरेश था, देखने में काफी हैन्डसम था और बहुत अच्छी बॉडी थी उसकी !

मैं भी काफी जवान हो चुकी थी और बहुत सुन्दर दिखती थी। सबके सोने के बाद मैं बेड पर लेट कर अकसर ब्लू फ़िल्में देखा करती थी और अपनी उन्गलियों से ही अपनी चूत को शान्त कर लिया करती। मेरे स्तन उस समय भी बहुत बड़े थे।

मैं तो सुरेश पर लट्टू हो गई थी और उसके साथ सोने के सपने देखने लगी और सोचती रहती कि कैसे अपनी चूत की प्यास शान्त करूँ !

वो भी मेरे गदराये जिस्म को चोरी-चोरी निहारा करता था। मेरे बड़े बड़े स्तन किसी भी लड़के को पागल कर देने के लिये काफी थे। धीरे धीरे मेरी उससे बात होने लगी।

एक बार वो किसी काम से हमारे घर में आया। उस समय मम्मी बाजार गई हुई थी और मैं टीवी देख रही थी। वो भी मेरे कहने पर बैठ कर टीवी देखने लगा। अब मेरा मन टीवी में बिल्कुल भी नहीं था और सोचने लगी कि इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा चुदवाने का !

मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था ! उसकी हालत भी मेरे जैसी ही थी ! सुरेश के अन्दर भी खलबली मची हुई थी, उसका लंड खड़ा हो गया था और उसकी पैंट से निकलने के लिये कुलबुला रहा था !

हम दोनों धीरे धीरे पास आने लगे और दिल की धड़कने जोर जोर से चल रही थी हम दोंनो की !

मैने हिम्मत करके उसकी जान्घों पर अपना हाथ रख दिया और धीरे धीरे सरकाते हुए उसके लंड को पकड़ लिया। सुरेश का पूरा शरीर कांप रहा था। हम दोनों ही जल रहे थे और अपनी आग बुझाने के लिये आतुर हो रहे थे। हम बहुत करीब आ गये और गरम सासें आपस में टकराने लगी ! उसने झट से मेरी चूचियों को पकड़ लिया और दबाने लगा। उसके होंठ मेरे होठों का रस चूस रहे थे। मैंने उसकी पैन्ट की चैन खोलकर उसके लंड को अपने हाथों में ले लिया और सहलाने लगी।

मैं आपको कैसे बताऊँ कि क्या हालत हो रही थी मेरी उस समय !

मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी ! लेकिन उसी समय दरवाज़े पर घण्टी बज उठी !

मम्मी बाज़ार से लौट चुकी थी !

मेरी इच्छा अधूरी रह गई !

लेकिन मैने भी ठान लिया कि अब बिना चुदवाये नहीं रह सकती !

एक बार जब पापा किसी काम से बाहर गये हुये थे और घर में सिर्फ मैं और मम्मी ही थे, मैंने सोचा यह अच्छा मौका है अपनी चूत की प्यास शान्त करने का !

मौका देखकर मैंने उसका नम्बर ले लिया !

सोते समय जब मम्मी ने पीने के लिये दूध माँगा तो मैंने उसमें नीन्द की दवा मिला दी ताकि वो सुबह से पहले नहीं उठ सके और सुरेश को सारा कुछ बता दिया !

जब मम्मी सो गई तो मैंने उसे मिसकाल कर दिया !

रात काफी अन्धेरी थी और करीब 11 बज चुके थे, उसके घरवाले भी सो चुके थे।

उसे मैं अपने बेडरूम में ले गई। सिर्फ दो ही बेडरूम थे, एक में मम्मी पापा सोते थे और एक में हम !

मम्मी के बेडरूम का दरवाजा मैंने बाहर से लॉक कर दिया ताकि वो अचानक उठकर आ न जायें !

अब मेरी चुदाई का रास्ता साफ़ था !

हमने भी अपना दरवाजा अन्दर से लॉक कर लिया और एक दूसरे की बाहों में समा गये !

रात के 11 बज रहे थे और काली रात ! दो प्यासे बदन !

यह मौका मैं कैसे चूक सकती थी !

एक दूसरे से उलझ गये हम दोनों ! हम दोनों ही नंगे हो गये। काली रात थी तो कुछ दिखाई नहीं दे रहा था ! वो मेरे वक्ष मसलने लगा और मैं उतेजना के मारे छटपटाने लगी !

वो कह रहा था कि तेरे गदराए हुए जिस्म के बारे में सोचकर मैंने न जाने कितनी बार मुठ मारी है !

वो मेरे ठीक उपर था और बिल्कुल नन्गा !

उसका लण्ड मेरी जान्घों और चूत को छू रहा था, मैं कह नहीं सकती कि कितनी उत्तेजित हो चुकी थी मैं !

वो भी होश में कहाँ था !

उसकी सांसें बहुत जोर जोर से चल रही थी !

मैं उसके लंड को अपने दोनों हाथों से सहलाने लगी और वो अपने काबू से बाहर होने लगा !

काफी देर सहलाने के बाद मैं उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी !

बहुत बड़ा था उसका गरम लंड और मेरे मुँह में ठीक से नहीं आ पा रहा था !

बहुत देर तक चूसती रही मैं ! कैसे कहूँ कि कितना मजा आ रहा था मुझे !

वो नीचे खड़ा था और मैं बेड पर लेट कर चूसे जा रही थी !

वो अपने लंड को मेरे मुँह में ही आगे पीछे करने लगा ! बहुत बड़ा होने के कारण मेरे मुँह में पूरा समा नहीं पा रहा था लेकिन वो धक्के मार मार कर मेरे कंठ तक उतार दे रहा था और मैं अकबका जाती थी !

तीन चार मिनट तक वो मेरे मुँह को ही चूत समझकर पेलता रहा !

मुझसे अब नहीं रहा जा रहा था और उसे मैंने बेड पर खींच लिया अपने ऊपर !

और बोली- अब नहीं रुक सकती, चोदना शुरु करो !

मेरे कहते ही सुरेश ने अपना लंड मेरी बुर में धीरे से उतार दिया !

मैं दर्द से छटपटा उठी और कराहने लगी और उसका लंड अपने चूत से निकाल दिया !

बहुत खून भी निकल गया !

सुरेश ने मुझसे पूछा- पहले कभी किसी से भी नहीं चुदवाई?

मैंने कहा- नहीं ! पहली बार मुझे तुम ही चोद रहे हो !

मैंने उससे पूछा- क्या तूने इससे पहले किसी लड़की को चोदा है?

तो उसने कहा- हाँ मैं पहले भी लड़की की चूत का मजा ले चुका हूँ !

उसने मुझे समझाया कि शुरु में दर्द होगा लेकिन बाद में सही हो जायेगा।

सुरेश ने फिर से अपना कड़ा लण्ड मेरी चिकनी चूत में धकेल दिया। मुझे रोना आ गया लेकिन उस दर्द को मैं सह गई। सुरेश ने धीरे धीरे चोदना शुरु किया और मुझे मजा आने लगा। सारा दर्द गायब हो गया और मुझे असीम आनन्द आने लगा।

वो मेरे ऊपर लेट गया और अपने छाती से मेरे वक्ष को रगड़ने लगा। फिर वो मेरे चुचूक को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा और हौले हौले अपने दांत मेरी मुलायम चूचियों में गड़ाने लगा।

सुरेश का लंड मेरी बुर में घुसा हुआ था और आगे पीछे हो रहा था। वो अपने चूतड़ उछाल उछाल कर मुझे चोदे जा रहा था ! मैं भी अपने चूतड़ उचका उचका कर चुदवा रही थी !

मैं पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी ! कभी मैं उसे नीचे पटक देती तो कभी वो मुझे अपने नीचे ले लेता था !

बुरी तरह से एक दूसरे से उलझे हुए थे हम दोनों !

सुरेश के चोदने की रफ्तार धीरे धीरे तेज होने लगी। उसका बड़ा और कठोर लण्ड मेरी मुलायम चूत को फाड़े जा रहा था। सुरेश अपने लंड को मेरी चूत की पूरी गहराई में उतार उतार कर पेल रहा था और बहुत जोर जोर से धक्का लगा रहा था।

मैं उई उई कर रही थी और अपनी पहली चुदाई का पूरा मजा ले रही थी।

वो भी अनछुई चूत का जमकर मजा उठा रहा था।

वो बीच-बीच में पूछता भी कि मजा आ रहा है?

और मैं कहती- पूछो मत क्या हाल है मेरा ! आह आह ! बस चोदते रहो नॉन स्टॉप !

वो और तेजी से चोदने लगता !

वो कहता- रेखा तेरी कुँवारी चूत का स्वाद मैं बयान नहीं कर सकता !

एकाएक उसके चोदने की रफ्तार बहुत तेज हो गई, पूरा बेड हिलने लगा, मेरी सिसकारियाँ निकलने लगी और उसने मेरा मुँह ढांप दिया।

मैं बेड में धंसी जा रही थी और उसका सारा बोझ उठाये हुए थी !

मैं उतेजना में जोर जोर से चोदो ! उई उई ! फाड़ डालो चूत को ! ओह बहुत मजा आ रहा है ! पेलते रहो ! रुको मत ! और ना जाने क्या क्या बड़बड़ाती रही और वो पेलता रहा मुझे नॉन-स्टॉप !

अन्त में सुरेश ने मुझे जोर से पकड़ लिया और मेरी चूत में झड़ गया !

अभी करीब रात के बारह बज रहे थे और मेरी चूत पूरी तरह से शान्त नहीं हुई थी। वो भी मेरी मस्त मस्त चूत और चूचियों का फिर से मजा उठाना चाहता था और रात भी बहुत बची हुई थी !

वो फिर से तैयार हो गया और एक बार फिर से चोदने लगा !

वो कह रहा था- रेखा, मैं तेरी बड़ी बड़ी रसीली दूधिया चूचियों और चिकनी चूत का स्वाद कभी नहीं भूल पाऊँगा ! मुझसे शादी कर लो डार्लिंग ! और फिर मैं तुम्हें दिन रात चोदता रहूंगा ! हम दोनों ही रात गंवाना नहीं चाहते थे !

उस रात मैं करीब तीन बजे रात तक चुदवाती रही और फिर सुरेश अपने घर चला गया !

मेरी दोनों चूचियाँ फ़ूल कर लाल हो गई थी और मेरी चूत अन्दर से छिल सी गई थी !

यह थी मेरी पहली चुदाई !

इसके बाद तो मैं काफी चुदक्कड़ हो गई थी !

सुरेश ने पता नहीं कितनी बार मेरी चिकनी चूत का आनन्द उठाया और मैंने उसके गरम कठोर लंड का !

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अन्तर्वासना डॉट कॉम पर Hindi Sex Stories पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मुश्ताक और अंजुम दोनों ने मेरा एक एक मम्मा मुंह में लिया हुआ था जिससे मस्त हो कर मैं स्खलित हो गई थी और उनके बालों में हाथ फिराते हुए सिमटते हुए उनको अपने सीने में भींच रही थी।

उन्हें भी पता चल गया कि मैं झड़ गई हूँ, मेरी सांसें तेज़ हो गई थी और हल्की सी आवाज़ें भी निकाल रही थी और जोर जोर से उनके बालों को सहलाने लगी थी। पहली बार ऐसा एहसास हुआ था, इससे पहले मैंने खुद ही अपने मम्मे सहलाये थे पर आज दो व्यक्ति एक साथ मेरे चूचियों से खेल रहे थे, चूस रहे थे, मैं जन्नत की सैर कर रही थी।

अब अंजुम ने वहां से मुंह हटाया और नीचे की तरफ ले जाने लगा। मुश्ताक ने मेरे मम्मे चूसते हुए हाथ को नीचे ला मेरी सलवार के नाड़े को खोल दिया। उसका कठोर हाथ में सलवार के अंदर मेरी पेंटी के ऊपर घूमने लगा।

मेरी योनि मचलने लगी, मेरी कामवासना बढ़ने लगी, मैं फिर से गर्म होने लगी। तभी अंजुम ने मेरी सलवार नीचे खिसका दी और नीचे से टांगों चूमता हुआ ऊपर आने लगा। मुश्ताक पेंटी से हाथ हटा कर फिर मम्मे पर ले आया। अंजुम ने अपना मुँह मेरी पेंटी पर रख दिया।

मैं अपनी हालत बता नहीं सकती!
तेज़ सांसों के साथ सिसकरियाँ भी निकलने लगी थी। एक व्यक्ति मेरे दोनों मम्मो से खेल रहा था दूसरा मेरी योनि में हलचल पैदा कर रहा था।

तभी अंजुम ने अपने दांतों से मेरी पैन्टी नीचे सरका दी और चूत पर हाथ फिराने लगा। मैं गनगना उठी, ऊपर से नीचे तक सिहर उठी और कांपने लगी।उसने एकदम से अपनी ऊँगली मेरी चूत में डाल दी, मेरी चीख निकल गई।

फिर उसने मुझसे पूछा- रीना तुमने पहले किसी से चुदवाया है?
मैंने न में सर हिला दिया।
“तब तो बड़े प्यार और आराम से चोदना पड़ेगा!”

मुश्ताक मेरी ऊपर सरकी ब्रा का हुक खोल रहा था। ब्रा के खुलते ही उसने मेरे ऊपर के कपड़े उतार दिए, मैं उनके सामने पूरी नंगी पड़ी हुई थी।

अंजुम ने मुश्ताक से कहा- भाई, क्या करें? यह अभी कुंवारी है, कहीं पंगा न पड़ जाए?
“इसी से पूछ लो! अगर शोर न मचाये तो ले लेंगे!” मुस्ताक ने कहा।
उसने मुझसे पूछा- करवाने का मन है?
मैंने कहा- तुम्हारी मर्ज़ी!
“चीखोगी तो नहीं ना?”
मैंने ना में सर हिला दिया।

मुश्ताक ने कहा- हम जरा देख लें कि कितनी कसी है!
उसने अपनी ऊँगली मेरी चूत में डाल दी, मैंने होंठों को भींच लिया, मेरी चूत गीली हो गई थी पर फिर भी दर्द हुआ था।

अंजुम ने अपने कपड़े उतार दिए थे और अपने लिंग को मुझे दिखाता हुआ पूछने लगा- इसे ले लोगी?
मैंने हाँ में सर हिलाते हुए उसे स्वीकृति दे दी क्योंकि मै अब पूरा मज़ा लेना चाहती थी।

अब अंजुम ने मेरी टाँगें फैला दी और धीरे से ऊँगली डाली और थोड़ी देर तक उसे अंदर बाहर करता रहा।

मुश्ताक ने अपना पजामा उतार दिया और अपने लिंग को मेरे हाथ में दे दिया। बीच-बीच में वो मेरे मम्मे भी मसल देता था और चूस भी लेता था और फिर अपना लिंग पकड़ा देता था।
मेरी आँखों में नशा सा छा गया था, मदहोश होती जा रही थी मैं!

इसी बीच अंजुम ने अपना लिंग मेरी योनि के ऊपर रखा और एक धीरे से झटका मार कर योनि में प्रवेश कर दिया।
मैंने आवाज़ को दबाते हुए हल्की चीख मारी- आ हह हह हाय मर गई, बहुत दर्द हो रहा है अंजुम! छोड़ दो!
उसने कहा- अभी ठीक हो जायेगा रानी! थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो!

और उसके तीन चार झटकों ने ही मुझे फिर चरमसीमा पर ला दिया। मैंने मुश्ताक का लिंग जोर से भींच दिया और सिमटती चली गई पर अंजुम मेरी लिए जा रहा था, मेरा दर्द पहले से हल्का हो गया था पर इस दर्द में भी बहुत मज़ा आया। अंजुम के झटके भी पहले से तेज़ हो गए थे।

कुछ देर में उसने मेरी चूत को कुछ गर्म सा एहसास करवाया यानि कि उसने अपना वीर्य मेरी योनि में उड़ेल दिया। थोड़ी देर मेरे ऊपर लेटने के बाद वो हटा, मैं भी उठ कर बैठ गई। तभी मेरी नज़र उसके लिंग पर पड़ी जिस पर खून लगा हुआ था।
मैंने कहा- अंजुम देखो, तुम्हारे वहाँ से खून बह रहा है!
वो बोला- रानी, यह मेरा नहीं है, तुम्हारी चूत से बह रहा है, तुम्हारी सील टूट गई है!

मैं यह देख कर रोने लगी तो दोनों मुझे समझाने लगे- बेबी, पहली बार सब के साथ होता है! घबराओ मत!
मुश्ताक मुझे प्यार करने लगा, पहले मेरे बालों को सहलाया फिर मुझे लिटा दिया।

अंजुम बगल में लेट गया, मुश्ताक मेरे नंगे बदन पर हाथ फेरता मुझे गर्म कर रहा था। रह रह कर वो मेरे गालों को, गले को, मम्मों को चूसता जा रहा था। अंजुम बगल में लेटा रहा, मुश्ताक ने तो मेरे मम्मे चूस चूस कर लाल कर दिए थे, मेरे चुचूक तन गए थे जिससे मुश्ताक को एहसास हो गया कि लड़की गर्म है।

अब उसकी बारी थी मेरी लेने की, उसने कहा- मेरे ऊपर आओगी?
मैंने कहा- जैसी तुम्हारी मर्ज़ी!
उसने मुझे उठा दिया और नीचे लेट गया। फिर अपने लिंग की और इशारा कर के कहने लगा- बेबी इसको थोड़ी देर के मुँह में डाल लो और चूसो!
मैंने मना किया तो कहने लगा- इससे अंदर डालने पर तुम्हें कम दर्द होगा!

इसका लिंग अंजुम से ज्यादा बड़ा लग रहा था, मैंने फिर उसका लिंग मुँह में डाल लिया कुछ देर तक चूसती रही।
फिर उसने कहा- अब इसे अपनी फुद्दी में ले लो!

उसने मुझे अपनी टांगों पर बिठाया और लिंग मेरी योनि में डाल दिया।
मैं चीख पड़ी, इसमें ज्यादा दर्द हुआ था क्योंकि एक ही बार में सारा का सारा लंड मेरी चूत में समां गया था। पर थोड़ी देर में मैं दर्द के साथ मजे भी लेने लगी थी। रात के ढाई बज चुके थे, ऊपर से चुदते हुए मैंने कहा- अब मुझे जाने दो, बहुत समय हो गया है!
बस थोड़ी देर! मेरा हो लेने दो!

मैं मस्ती से भरी हुई थी, हल्की आवाज़ें निकालती हुई फिर झड़ने वाली थी। मुश्ताक ने तो बुरा हाल कर दिया था।
मैं झड़ गई, उसके सीने पर गिर गई और लिपट गई पर उसके झटके नीचे से चालू थे।

फिर उसने मुझे नीचे गिरा लिया और मेरी टाँगें फैला कर ऊपर से मेरी लेने लगा। यह बहुत बुरी तरह से मुझे चोद रहा था। अंजुम साथ में लेटा सब कुछ देख रहा था। अब उसने भी मेरी चूचियों के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी थी।

तीन बजने वाले थे पर वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। मैं एक बार फिर स्खलित हो गई तब कही थोड़ी देर में जाकर उसने तेज़ झटको के साथ मेरी चूत में फव्वारा मारा और निढाल हो कर मुझसे लिपट गया।
मैंने कहा- अब मुझे जाने दो! घरवालों के जागने का समय हो गया है।

दर्द बहुत हो रहा था, मुश्ताक से ब्रा की हुक लगवाई और किसी तरह सलवार कमीज़ पहनकर लंगड़ाती हुई नीचे अपने कमरे में आ गई।
कमरे में आकर मैंने देखा कि मेरी योनि से अभी भी खून निकल रहा था।

उसके कुछ दिन बाद तक यानि कि 3-4 दिन तक मैंने उनसे बात भी नहीं की। वो नज़रें मिलाने की कोशिश करते रहे।

लेकिन चौथे दिन मेरा मन फिर मचलने लगा और इशारों में रात का आमंत्रण दे दिया।
करीब दो महीने वो हमारे यहाँ रहे और मैं हर दूसरे-तीसरे दिन उनसे चुदवाने चली जाती थी।
जाने से पहले वो कह कर गए कि हम अगले साल भी आपके यहाँ आयेंगे पर वो फिर कभी नहीं आये।

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