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लीजिए एक और नई कहानी Indian Sex Stories आपकी खिदमत में पेश है। यह कहानी मुझे मेरी एक सहेली ने सुनाई थी, सो मैं आपको सुनाता हूँ।
बात कोई ज्यादा पुरानी नहीं है, मैं नेहा अग्रवाल, मेरी शादी मई, 2006 में कवीश से हुई थी। कवीश एक सजीला मर्द था और कामयाब बिज़ेनेस्मैन भी। दो साल तक उसने मुझे शादी का भरपूर सुख दिया, एक मासूम सी बेटी भी दी और मेरी कोई भी तमन्ना
उसने अधूरी नहीं छोड़ी थी।
मैं अपनी ज़िन्दगी से बहुत खुश थी कि अचानक एक दिन कार दुर्घटना में कवीश की मौत हो गई।
मेरे लिए यह ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सदमा था। 2-4 महीने तो रोते-रोते बीत गए पर असली परेशानी तो उसके बाद शुरू हुई। दिन तो जैसे तैसे बीत जाता था पर रात को तो नींद ही नहीं आती थी। कवीश की कमी अब मुझे सबसे ज़यादा महसूस हो रही थी। सिरहाने को बाँहों में भरने से भी मज़ा नहीं आता था।
अब मैं क्या करूँ ! किससे अपने दिल का हाल बयां करूँ ! अपनी बड़ी बहन को बताया तो उसने भी कन्नी काट ली के कहीं मैं अपनी प्यास बुझाने के लिए उसके पति को ही न पटा लूं। सारा दिन घर में रह कर भी काम नहीं चलता था। अपनी ऊँगली से या और चीज़ों से खुद को संतुष्ट करना चाहा पर मज़ा नहीं आया। हालात इतने बिगड़ गए कि मैं अक्सर अपने कमरे में नंगी घूमती रहती थी, पर इस से भी कोई लाभ नहीं हुआ।
एक बार तो घर में आने वाले सेलमैन को पटाने के लिए मैं सिर्फ एक पतली सी नाइटी में उस से कितनी देर बातें करती रही। वो भी मेरे बदन को घूरता रहा पर साले ने ज़रा भी हिम्मत नहीं दिखाई। मैंने उसे खुली बात भी कही कि मुझे तुम्हारा सामान नहीं कुछ और दमदार चीज़ चाहिए जो तुम्हारी पैंट में है, पर वो बोला- सॉरी मैडम मैं सिर्फ सामान ही बेचता हूँ !
मैं सोच कर हैरान रह गई कि कोई कैसे एक भरपूर जवान, गोरी चिट्टी, सुंदर औरत की पेशकश ठुकरा सकता है। खैर जब कहीं बात नहीं बनी तो एक दिन मैं अपने चाचा ससुर के घर गई।
उनका एक बेटा सुरेश था जो करीब मेरी ही उम्र का था पर था भोंदू राम। वो जिस तरह होते हैं न बुद्धू किस्म के बड़े ही सीधे साधे से, वैसा ही था। इसी वजह से उसकी अभी तक शादी भी नहीं की थी कि यह घर गृहस्थी का बोझ कैसे उठा पायेगा, इसे तो दो और दो चार करने भी नहीं आते।
खैर एक हट्टे कटते मर्द को देख कर चाहे वो भोंदू ही सही, पर मेरे मन में कुछ हुआ। दो तीन दिन रहने के बाद जब मैं वापिस आने लगी तो मैंने अपने चचिया ससुर से कहा- अगर कुछ दिन के लिए सुरेश मेरे साथ रहने चले तो मुझे अच्छा लगेगा।
तो उन्होंने खुशी खुशी उसे मेरे साथ भेज दिया, बिना यह जाने कि मेरे दिल में क्या है।
मैंने रास्ते में ही सारी योज़ना बना ली थी। जिस दिन हम घर पहुँचे, रात का खाना खा कर मैंने उसे अपने साथ ही सुला लिया।
एक गहरे गले वाली पतली सी नाईटी पहन कर मैं उसके सामने लेट गई। मैं चाहती थी कि वो मेरा बदन देखे। अपनी बेटी को दूध पिलाने के बहाने मैंने जानबूझ कर अपनी भरी पूरी चूची निकाल कर उसे दिखाई। पर वो तो ऐसे शरमा रहा था जैसे छोटा बच्चा हो।
खैर मैंने बातों बातों में उस से पूछा- सुरेश ! क्या मैं तुम्हें अच्छी लगती हूं?
वो बोला- हाँ भाभी ! आप बहुत अच्छी हो !
मैं बोली- कहाँ से? यहाँ से ! यह कह कर मैंने अपने गाल पर उंगली रखी।
वो बोला- जी भाभी !
और यहाँ से भी? यह कह कर मैंने अपने स्तन पर उंगली रख कर उससे पूछा।
तो वो शरमा कर बोला- भाभी ! आप बड़ी वो हो !
जब मेरी बेटी सो गई तो मैंने कहा- देख सुरेश ! ज़ीजिया तो दूध पीकर सो गई ! क्या तू भी सोने से पहले दूध पीना चाहेगा?
पर वो बदतमीज़ बोला- नहीं भाभी ! मैं ऐसे ही सो जाऊँगा !. आप मुझे तंग मत करो।
और यह कह कर वो मेरी तरफ़ पीठ करके सो गया। मुझे लगा कि यार मेरी तो सारी योजना ही चौपट हो गई। खैर ! मैं भी सो गई।
सुबह उठी तो देखा की सुरेश अभी सो रहा था मगर उसके पायजामे से उसका तना हुआ लण्ड ऊपर उठा हुआ था। यह तो मेरे सब्र की इन्तहा थी। मैं चुपके से उठ के उसके पास गई और धीरे धीरे से उसके पायजामे का नाड़ा खोला। पायजामे के नीचे उसने चड्डी पहन रखी थी, मैंने धीरे से उसकी चड्डी हटाई तो अंदर एक कुल्हाड़ी के दस्ते जैसा मोटा लम्बा लण्ड खड़ा था।
मैंने बड़े प्यार से उसका लण्ड अपने हाथ में पकड़ कर बाहर निकाला, उसे चूमा। उसके बाद कब मेरी आँखें बंद हो गई और कब उसका लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी, मुझे कुछ पता नहीं चला।
मैं चूसती गई, चूसती गई, मैंने सुरेश के जिस्म में हलचल महसूस की पर मैं आँखें खोल कर देखने की हालत में नहीं थी और तभी बिजली सी कौंध गई, सुरेश ने पानी छोड़ दिया जिससे मेरा सारा मुंह, सर के बाल गर्दन, छातियाँ भीग गए। जैसे कोई बांध टूटा है ऐसे सुरेश झड़ा।
उसका कुछ माल तो मेरे मुंह के अंदर भी चला गया। मैंने नज़र उठा कर देखा, सुरेश बड़ा परेशान सा लग रहा था।
वो बोला- भाभी आप बड़ी गन्दी हो, मेरे साथ गन्दा काम करती हो !
मैंने कहा- तुम्हें किसने कहा कि यह गन्दा काम है? देखो तुम्हें मज़ा आया ! आया या नहीं?
उसने सर हिला कर हाँ कहा।
मैंने कहा- आओ चलो, नहा कर आते हैं।
मैंने उसका हाथ पकडा और बाथरूम में ले गई। वहां मैंने उसको खुद नहलाया और जानबूझ कर उसके सामने पूरी नंगी हो कर नहाई। उससे अपने जिस्म पर साबुन लगवाया ताकि उसमें औरत के जिस्म के लिए चाहत पैदा हो। नहाकर हम बाहर निकले। फिर दिन में मैं उसे बाज़ार भी घुमा कर लाई, उसकी पसंद की चीजें भी उसे लेकर दी। दोपहर का खाना खा कर जब हम आराम कर रहे थे तो मेरी बेटी सोने के लिए जिद करने लगी। मैंने बिना किसी संकोच के सुरेश के सामने ही अपनी शर्ट उतारी और अपनी ब्रा में से एक स्तन बाहर निकल कर उसे दूध पिलाने लगी। सुरेश मेरे सामने बैठा ये सब देख रहा था। मैंने उससे पूछा- अरे सुरेश, क्या देख रहा है?
कुछ नहीं भाभी, वो बोला।
मैंने पूछा- दूध पिएगा?
तो वो शरमा गया। मैंने उसे अपने पास बुलाया और अपनी ब्रा हटा कर अपनी दूसरी चूची उसके सामने करके बोली- ले पीकर देख !
पहले तो वो शरमा गया, पर जब मैंने उसका सर पकड़ कर अपने स्तन से लगाया तो उसने धीरे धीरे चूसना शुरू कर दिया। जब ज़ीनिया सो गई तो मैंने अपनी ब्रा भी उतार कर फ़ेंक दी और सुरेश से कहा- ऐसे मज़ा नहीं आएगा, मैं बताती हूँ कि कैसे पीना चाहिए।
यह कह कर मैंने उसे अपनी दोनों टांगों के बीच में ले लिया और उसके दोनों हाथ में अपने स्तन पकड़ा कर कहा- अब इन्हें चूसो !
उसने ऐसे ही किया। मैंने नीचे से अपनी कमर हिलानी शुरू की मैंने महसूस किया कि उसका लण्ड अकड़ने लगा था। जब उसका लण्ड पूरा तन गया तो मैंने कहा- सुरेश और मज़ा लेगा?
तो वो शरमा गया पर सर हिला कर उसने हाँ कह दी। मैंने अपनी सलवार उतारी और अपनी चूत उसके सामने खोल कर दिखाई और उसके लण्ड को पकड़ कर बोली- इसको इसमें डाल कर आगे पीछे करते हैं तो बहुत मज़ा आता है, बोल करेगा?
उसने फिर सर हिलाया तो मैंने झट से उसकी पैंट, शर्ट, बनियान और चड्डी उतार दी। मैंने उसका लण्ड पकड़ कर अपनी चूत पे रगड़ा तो वो बोला- भाभी ! वैसे करो जैसे सुबह किया था।
मैंने हंस कर कहा- क्यों मज़ा आया था न !
वो बोला- हाँ !
तो मेरे राजा अगर सुबह वाला काम करवाना है तो तुम्हें भी कुछ करना पड़ेगा, अगर मैं तुम्हारा चूसूंगी तो तुम्हें भी मेरी चाटनी पड़ेगी !
वो तैयार तो हो गया पर जब उसने मेरी चूत में मुंह लगा कर चाटा तो बोला- थू ओ ! ये तो गन्दा स्वाद है !
खैर मैंने उसे मजबूर नहीं किया, कुछ देर उसका लण्ड चूसने के बाद मेरी अपनी हालत बड़ी ख़राब हो रही थी सो मैंने उसकी पोसिशन अपने ऊपर सेट की और उसका लण्ड अपनी चूत पर रख कर उसे अंदर डालने को कहा।
उसने सी सी करते हुए अपना लण्ड मेरी चूत में डाला मगर वो ढंग से चोद नहीं पा रहा था।
मैंने सोचा- ऐसे तो मज़ा नहीं आएगा। यह चोद कम रहा है और हाय तौबा ज्यादा मचा रहा है।
फिर मैंने कमांड संभाली, उसे नीचे लिटा कर खुद ऊपर आ गई। चूत में लण्ड लेकर मैंने खुद ही चुदाई शुरू की। वो नीचे से हाय तौबा करने लगा तो 2 चांटे लगाये उसके और पूरे जोर से चुदाई करती रही और तब तक करती रही जब तक मैं झड़ नहीं गई। पर वो मर्द का बच्चा अभी खड़ा था सो मैंने अपनी तसल्ली होते ही नीचे उतार कर उसका लण्ड अपने मुंह में ले लिया और अपनी चूत 69 बनाते हुए उसके मुंह पर रख दी। बेशक उसने मेरी चूत नहीं चाटी पर मैं अपनी चूत उसके मुंह पर रगड़ती रही और उसका लण्ड चूसती रही और तब तक चूसती रही जब तक वो झड़ नहीं गया।
जोश ही जोश में मैं उसका सारा माल चट कर गई और संतुष्ट हो कर बेड पर लुढ़क गई क्योंकि आज मेरी तमन्ना पूरी हो गई थी। उसके बाद सुरेश मेरे पास 15 दिन और रहा और हमने तकरीबन रोज 2-3 बार सेक्स किया और हर स्टाइल से किया। मेरी इस सेक्स-शिक्षा का असर यह हुआ कि भोंदू राम को अकल आ गई और आज वो अपनी शादी शुदा ज़िन्दगी जी रहा है। Indian Sex Stories
मैं संजू जगदलपुर, बस्तर, छत्तीसगढ का Sex stories रहने वाला हूं। मैं कुछ माह से या कहें कि साल भर से शहर में नहीं हूं, इसलिये मैं अपने साथ बीते कुछ हसीन पल आप लोगों के समक्ष नहीं रख पा रहा था। मगर इस बीच मैंने दूसरे शहर में खूब मज़ा लिया। हर दूसरे तीसरे दिन कोई ना कोई नया माल मिल जाता था, जिसकी मैं जम कर चुदाई करता था।
मगर मेरे शहर में जो भाभी मेरे लन्ड का सपना देख रही थी, उससे मैं वाकिफ़ नहीं था। आज से १७ दिन पूर्व में ९ माह १० दिन तथा १२ घण्टे पूरे कर जब मैं जगदलपुर अपने घर पहुंचा तो मेरे पड़ोस में रहने वाली रजनी भाभी मुझे देख कर मुस्कुराने लगी। मैं भी उनकी खुशी के लिये थोड़ा मुस्कुराया।
अगले दिन सुबह जब घर के बाहर ब्रश कर रहा था तो वो मुझे देख देख कर मुस्कुराने लगी। मैं रजनी भाभी को कभी उस नज़र से नहीं देखता था। मगर मैं एक नम्बर का चोदरा तो जरूर हूं। न जाने ९ महीने बाद भाभी ने मुझ में ऐसा क्या देख लिया। लम्बी छुटटी के बाद मैं सुबह १० बजे आफ़िस के लिए निकला। महज १६० मीटर की दूरी पर रजनी भाभी का घर है। उन्होने मुझे रोका और कहा कि अब तक कहां थे? मैंने बताया कि भाभी मैं टरेनिंग पर था। भाभी ने कहा- ठीक है। लम्बा समय बाहर बिता कर आ रहे हो, किसी दिन खाने पर आओ। मैंने हामी भर दी मगर ये नहीं कहा कि कब। एक सप्ताह बीत गया, रोज जब मैं सुबह ब्रश करता, वो मुझे खिड़की से देख देख कर मुस्कुराती। चूंकि मेरी आदत है कि ब्रश मैं घर के बाहर ही करता हूं। मेरे जहन में यह सवाल उठता था कि वो क्यों मुस्कुराती है जबकि मैं उसे उस नज़र से नहीं देखता।
रविवार का दिन था। मैं तैयार हो कर आफ़िस के लिए निकला। रजनी भाभी मुझे देख कर अपने घर के मेन गेट के सामने खड़ी हो गई और मुझे आवाज़ देकर बुला कर खाने पर आने को कहा। मैने जवाब दिया कि भाभी मैं कुछ काम पूरा कर के आता हूं।
लगभग ११:३० बजे होंगे जब मैं भाभी के घर पहुंचा। भाभी गेट पर ही खड़ी थी और उन्होने मुझे अन्दर चलने को कहा। मैने चलते चलते भाभी से पूछा कि घर में कौन कौन है, तो भाभी भावुक होकर बोली कि घर में कोई नहीं है हम दोनो को छोड़ कर।
फ़िर भाभी ने अपना फ़िगर दिखाना शुरू किया तो मैं उत्तेजित हो गया और बिना दरवाजा बंद किए भाभी के बूब्स मसलने लगा। काफ़ी बड़े बड़े बूब्स हैं उनके। उसके बाद से तो मैं उन पर टूट पड़ा। जिस महिला को कभी उस नज़र से नहीं देखा था, वो इतनी सेक्सी होगी, मुझे मालूम नहीं था। कुछ देर बाद हम शांत हुए और दरवाजा बंद करके उनके बेडरूम में चले गये। वहां भाभी ने बताया कि उनके पति दो हफ़्ते के लिए बाहर गए हैं और मेरा लन्ड लेने की उनकी इच्छा कब से है।
खैर उस दिन भाभी के बेडरूम में जाने के बाद खाना खाने की भूख तो नहीं लगी, जिस्म की ही भूख ज्यादा थी तब।
भाभी अपने आप पूरी तरह नंगी हो गई, मैं कपड़े पहने था। मैं कुछ जल्दी में था तो फ़टाफ़ट अपने कपरे उतार कर भाभी की जम कर चुदाई की और निकल गया वहां से। उसके बाद मेरा रास्ता हमेशा के लिए खुल गया और अकसर हम मज़ा करते हैं कभी दिन तो कभी रात को। आगे की कहानी फ़िर कभी। Sex stories
ये राहुल और उसके दोस्त की बीवी की चुदाई की सच्ची कहानी Hindi porn stories है। राहुल जब बैंक में काम करता था।
उसका वह एक दोस्त बन गया मिस्टर आर (वास्तविक नाम नहीं) और वो भी पक्का। अब वो एक साथ खाते और एक साथ पीते थे।
कुछ दिनों के बाद राहुल अपने दोस्त के घर पर गया, मिस्टर आर ने उसकी मुलाकात अपनी बीवी से करवाई।
फ़िर उसका हर सन्डे को उनके यह आना जाना हो गया। राहुल ने उसकी बीवी को बहुत बार गुमसुम देखा जैसे वो अपने पति से खुश नहीं है।
उसने एक दिन जान बूझ कर ओफ़िस से छुट्टी ले ली। और मिस्टर आर के घर पर दिन में अकेले गया। उसकी बीवी उनको अकेला देख चौंक गयी।
राहुल ने कहा अंदर तो बुलाओ भाभी जी। वो अंदर गया और चाय पानी पिया। फ़िर कुछ देर बाद राहुल ने बात शुरू की और कहा भाभी आप के चहरे पर वो मुस्कान नहीं दिखाई देती।
उसने कहा- कुछ नहीं बस ऐसे ही।
उसने कहा- देखो मैं आपके दोस्त की तरह हूँ आप मुझे बताओ क्या मैं आपकी कुछ हेल्प कर सकता हूँ। उसने कहा ऐसी कोई बात नहीँ। फ़िर दुबारा उसने पूछा तब उसने कहा कि वो मुझे डांटते रहते हैं और ठीक से प्यार भी नहीं करते। मेरे दोस्त ने कहा मैं जानता था कि यही बात होगी।
उसने कहा- भाभी अब आप साफ साफ बताओ कि क्या वो आपको वो ख़ुशी पूरी तरह नहीं दे पाते।
फ़िर वो रोने लगी और कहा कि क्या बताऊँ वो ठीक तरह से नहीं कर पाते।
राहुल ने कहा कि आज कल ऐसी बहुत सी औरतें है जिनके साथ यह प्रॉब्लम है पर वो तो ऐसे नहीं रोती।
‘तो तुम ही बताओ कि मैं क्या करूं?’
राहुल ने कहा- मैं आपको वो प्यार दे सकता हूँ।
वो चौंक गई, राहुल ने कहा- इसमें कोई बुराई नहीं है सभी ऐसे ही करती हैं। आप का कोई दोष नहीं।
फ़िर उसने कहा आप बेफ़िक्र हो जाइये किसी को कानो कान खबर नहीं होगी।
उसने कहा- ऐसा पोसिबल है?
राहुल ने कहा- क्यों नहीं। दूसरे सप्ताह मैं आपके घर पर आऊँगा और आपको वो सब प्यार दूंगा बस आप तैयार रहना।
अगले सप्ताह ठीक उसी दिन वो घर पर ओफीस से छुट्टी ले कर आया। उसने हमें बताया कि मैंने नहाया और केवल पाजामा और टी शर्ट पहन कर उसके घर गया। अंदर अंडरवियर भी नहीं पहना था।
उसकी बीवी ने गेट खोला और उसे अंदर बुला लिया। फ़िर धीरे धीरे दोनों में प्यार की बातें होने लगी। फ़िर राहुल ने उसकी चुम्मी ली। वो सहम गयी पर फ़िर उसने उसकी होंठो की दुबारा चुम्मी ली, उसने अपनी आँखे बंद कर ली। दोनों चुम्मा चाटी में मस्त हो गए। एक दो मिनट तक वो दोनों चुम्मा चाटी करते रहे।
राहुल ने उसके चूचों को मसला और वो आहें भरने लगी। फ़िर कुछ देर बाद राहुल ने उसकी ब्रा उतारी और उसके चूचों को चूसने लग गया, दबाने लग गया। अब वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी।
अब उनसे उसका पेटीकोट और फ़िर चड्ढी उतार दी वो पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। राहुल ने भी अपने सारे कपडे उतार दिये। फ़िर दोनों में कुछ देर तक चुम्मा चाट, चूचे दबाना और उन्गल बाजी करना होता रहा।
अब दोनों का जोश उफान पर था और वो चूत की चुदाई के लिये तड़प रही थी। वो उसको पलंग पर ले गया और कोहीनूर डोट्ड नीरोध लगा कर उसकी छूत मे अपना लंड घुसेडा। वो आह ऊह करती रही, फ़िर क्या था दोनों में चूत की चुदाई का काम जोरों से चलने लगा।
राहुल ने उसकी पत्नी को पूरी तरह से चूत के चुदाई के मजे दिला दिये।
पर बाद में वो रोने लगी।
फ़िर राहुल ने उसे समझाया कि कुछ नहीं होगा और वह से चला गया। Hindi porn stories
फ़िर तो महीने में उसके दो चक्कर होने लगे उसके घर के और वो खूब चूत की चुदाई के और भाभी की चूत के चुदाई के मजे लेने लग गया। ये काफी दिनों तक चला और फ़िर एक दिन वो उसका दोस्त अपनी बीवी के साथ दूसरी जगह चला गया।
3सम कैम सेक्स का मजा मुझे दिलाया मेरी सुपरवाइजर ने! मेरी जॉब में उसके साथ मेरा टांका फिट हो गया। एक रात मैं उसके रूम पर था। वह सेक्स करना चाहती थी। फिर वहां पर कुछ ऐसा हुआ कि मजा आ गया!
मैं एक जॉब की तलाश में था और मैंने अपने शहर की कई कंपनियों में इसके लिए आवेदन भी दिया था।
लेकिन मेरे पास कोई कॉल नहीं आ रही थी जिससे मैं उम्मीद खोने लगा था।
एक दिन की बात है कि सुबह-सुबह ही मेरा फोन बजा।
फोन पर दूसरी तरफ एक बहुत ही मीठी आवाज सुनाई दी।
वहां से कोई महिला बोल रही थी जो ऑनलाइन इंटरव्यू के लिए समय तय करने की बात कर रही थी।
मैंने भी तुरंत हां बोल दिया।
वही महिला मेरे इंटरव्यू पैनल में भी थी।
वह काफी स्वीट और खूबसूरत थी।
इंटरव्यू के दौरान बार बार मेरा ध्यान भटक रहा था।
मुझे तो यह भी पता नहीं चल रहा था कि मैं इस दौरान वासना की ठोकरें खाते हुए भी कैसे संभला रहा।
फिर बाद में पता चला कि ये महिला मेरी सुपरवाइजर निकली।
जल्द ही हम दोनों बहुत करीब आ गए।
उसका नाम मीरा था।
मीरा के बारे में बताऊं तो उसके लाल रंग के छोटे छोटे बाल थे।
उसका रंग एकदम से गोरा था और त्वचा ऐसी कि दुनिया के सबसे रेशमी रेशम से भी मुलायम।
उसके होंठ काफी रसीले थे जिनको देखकर चूसने का मन कर जाता था।
हम दोनों साथ में काफी समय बिता रहे थे।
एक दिन मैंने उसे बाहर ले जाने के लिए पूछा और वो मान गई।
हमने उस रात साथ में डिनर करने का प्लान किया।
प्लान के मुताबिक हमने खाना खाया और फिर वापस आते समय उसके घर पर आ पहुंचे।
हमने वाइन पी ली थी और रूम में पड़े हुए हम हंसते खिलखिलाते ऑफिस की बातें कर रहे थे।
हमारे दफ्तर में हमरे बारे में उड़ रही अफवाहों के वर्णन से अचानक से रूम में खामोशी छा गई।
हम दोनों एक तनाव सा महसूस करने लगे।
मैं बोला- मुझे अब जाना चाहिए।
मीरा- तुम चाहो तो रुक भी सकते हो … मुझे अच्छा लगता है जब तुम पास रहते हो।
मैं- रुकना तो मैं चाहता था, लेकिन हम करेंगे क्या?
मीरा- मतलब हम दोनों अभी थोड़े सुरूर में भी हैं, और आज डेट बड़ी कमाल थी … हमें कुछ करना चाहिए!
मैं- हां मुझे भी लगता है!
मीरा- तुम घबरा तो नहीं रहे हो?
मैं- तुम मेरे साथ समय बिताना चाहती हो पर मैं अभी कुछ टेंशन में आ गया हूँ … मैं माहौल ख़राब करना नहीं चाहता।
मीरा- तो हम आराम से शुरू करते हैं ना … देखते हैं क्या होता है।
कहकर वो मेरे पास आ गई और मुंह मेरी तरफ कर लिया।
मैंने धीरे से उसकी गर्दन पर किस कर दिया।
वह थोड़ी झुक गई और अपनी गर्दन मेरे होंठों के लिए परोस दी।
मैं उसे चूमने लगा और कुछ ही पल बाद उसने मेरा चेहरा पकड़ कर मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया।
एकदम से हम दोनों के बीच जैसे आग सी जलने लगी, जीभ एक दूसरे से टकराने लगीं।
मैंने उसकी गांड से उसको थामकर अपनी तरफ खींच लिया।
वह मेरी गोद में बैठ गई और मुझे जोर से किस करने लगी।
मैं उसकी ड्रेस को उतारने लगा।
मैंने उसकी जांघों पर हाथ फिराया तो उसकी गहरी आह … निकल गई।
मैं उसकी गर्दन पर जीभ से चाटने लगा, चूसने लगा, उसकी गले पर चूमने लगा।
उसका टॉप अब उसके कंधों से नीचे गिर गया।
उसने मुझे पास खींचा और मेरा मुंह अपनी चूचियों की क्लीवेज में दे दिया।
मेरी गर्म आहें अब उसकी चूचियों पर लग रही थीं।
मीरा गहरी सांसें लेते हुए- मेरी रूममेट के उठने से पहले दूसरे रूम में चलते हैं। वह पहले भी मुझे चुदाई करते हुए पकड़ चुकी है।
मैं- ओह शिट!
मीरा बीच बीच में मुझे किस करते हुए- कुछ बताऊं तुम्हें? मैंने उसको देखते हुए देखा तो ये देखकर मेरे अंदर की चुदास और भड़क गई और मैं और जोर से लंड पर कूद कूदकर चुदी!
मैं- ओह्ह ये तो बड़ी सेक्सी बात बताई तुमने!
मीरा- लेकिन मेरी दोस्त को शायद इसमें मजा नहीं आएगा। तो मेरे पास एक बेहतर आइडिया है, अगर तुम कहो तो?
मैं बोला- तो जरूर चाहूंगा।
फिर वह मुझे अपने रूम में ले गई और अपना लैपटॉप चला लिया। उसने एक वेबसाइट खोली जो DscGirls.Live नाम से थी।
मीरा- मुझे इस तरह से दूसरों के सामने चुदाई करवाना बहुत पसंद है। मैं इसके लिए इसी वेबसाइट पर कैम सेक्स के लिए आती हूं।
मैंने उसके हाथ से लैपटॉप ले लिया और स्क्रॉल करने लगा।
उसने कहा- इनमें से कोई भी एक क्यूट सी मॉडल चुन लो 3सम कैम सेक्स के लिए … जो हमें चुदाई करते हुए देख सके और हमें मजा भी आए।
तो मैंने पूजा नाम की एक मॉडल को चुन लिया।
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मीरा ने पूजा से चैट पर बात की और तुरंत यूपीआई के माध्यम से क्रेडिट खरीद लिए।
इस दौरान मैं पीछे से उसकी गर्दन पर चुम्बनों की बरसात किए जा रहा था।
कॉल पर बात करते हुए उसकी आहें निकल रही थीं।
फिर हमने वीडियो सेशन सेट कर लिया।
पूजा ऑनलाइन आ गई।
मीरा ने उसे घूमने के लिए कहा ताकि हम उसकी पूरी फिगर का जायजा ले सकें।
मैं बहुत उत्तेजित हो रहा था.
मीरा ही चैट को कंट्रोल कर रही थी और मैं पीछे बैठकर ये सब देख रहा था।
पूजा ने अपनी साड़ी का पल्लू हटाया और अपनी बड़ी सी वक्षरेखा के दर्शन करवा दिए।
वह अपने बदन पर कामुक तरीके से हाथ फिरा रही थी।
उधर ये देखकर मैंने मीरा की चूचियों को हाथों में भर लिया।
उनको दबाते हुए मैंने ब्रा के एक कप को हटा दिया जिससे उसकी चूची बाहर निकल आई।
मैं उसके निप्पलों को मरोड़ने लगा और गर्दन को चाटने लगा।
मीरा सिसकारियां भरते हुए- ओह फक! मजा आ रहा है! तुम्हें सामने का नजारा मजा दे रहा है?
पूजा अपनी गर्दन से नीचे की ओर क्लीवेज पर हाथ फिराते हुए- ओह येस! वो जानता है कि उसे क्या करना है, है न?
मीरा- हां मुझे लगता है हम पता लगा लेंगे!
मेरी सुपरवाइजर ने अब मेरा हाथ पकड़ लिया और उसे नीचे की ओर ले जाने लगी।
मेरा हाथ उसके पेट पर से होता हुआ उसकी पैंटी में सरकता चला गया।
मेरी हथेली उसकी ट्रिम की हुई झांटों को महसूस कर रही थी।
जैसे ही उसकी गीली चूत का अहसास मेरे नीचे वाले हाथ को हुआ, मैंने ऊपर वाले हाथ से जोर से उसकी चूचियों को भींच दिया।
मीरा ने मेरी हथेली पर चूत को रगड़ना शुरू कर दिया.
उधर पूजा अपने होंठों को काटने लगी।
वह भी इस नजारे का पूरा मजा ले रही थी।
मीरा की चूत टपकने लगी थी जिसका गीलापन मेरी उंगलियों पर आ रहा था।
इतने में ही मुझे उसकी क्लिट महसूस हुई और मैंने उसको रगड़ दिया।
मेरे लंड ने उसकी कमर पर झटका दिया और उसकी मजे में आह्ह … निकल गई।
वह मेरे हाथ पर लगातार अपनी चूत को रगड़े जा रही थी और स्क्रीन पर पूजा की तरफ देख रही थी।
मैं- पूजा, तुम्हें ये सब देखने में मजा आ रहा है?
पूजा मुझसे- तुम्हारी डेट (मीरा) तो सच में बड़ी नॉटी है। है न?
कहते हुए उसने अपना ब्लाउज और ब्रा उतार दिए.
मीरा- फक! ये तो बड़े हॉट हैं!
मैं- ये उससे भी ज्यादा हॉट होगा जो मैं करने जा रहा हूं!
उसने मेरी तरफ देखा।
मैंने दो उंगलियां उसकी चूत के अंदर सरका दीं।
उसे एकदम से झटका लगा और मुंह खुल गया।
लेकिन साथ ही मजे में आह भी निकल गई।
वह मेरी उंगलियों की तरफ चूत को चलाने लगी जिससे उसकी गांड एकदम से उठने लगी।
उसकी पैंटी अब चूत के पानी से गीली हो चुकी थी.
उधर पूजा भी कैम सेक्स करती हुई सिसकारियां भर रही थी।
पूजा- डैम! तुम तो बहुत ज्यादा गीली हो गई हो, चूत तो दिखाओ हमें अपनी!
मीरा ने अपनी पैंटी खींच दी और अपनी चूत को कैमरा की ओर दिखा दिया।
अब बदले में पूजा ने भी अपनी पैंटी उतार फेंकी।
उसकी चूत रस में चमकने लगी थी, शायद मीरा की चूत में मेरी उंगली जाते देख वो भी उतनी ही गर्म हो चुकी थी।
अब वह चाहती थी कि हम कुछ और ज्यादा करें।
पूजा- अब तुम दोनों को चुदाई करनी चाहिए। मैं भी तुम्हें देखते हुए अपने अंदर एक डिल्डो घुसाना चाहती हूं!
मीरा को भी यह आइडिया पसंद आया।
वह स्क्रीन के सामने ही घोड़ी बनकर झुक गई।
मैंने अपनी पैंट उतारी और नंगा हो गया।
मीरा ने मेरी आंखों में देखा और मेरे फनफनाते लंड के टोपे पर किस करते हुए चाट लिया।
इस अहसास से मेरे लंड में जोर का झटका लगा।
जब मैंने पूजा की तरफ देखा तो वह आहिस्ता-आहिस्ता अपनी क्लिट को रगड़ रही थी।
उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
इतने में ही मीरा ने मेरे लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी।
लंड चूसते हुए मीरा इतना सेक्सी लग रही थी कि कुछ देर में मेरा माल छूट ही जाता।
मगर मैंने उसे दूसरी तरफ घुमा लिया और डॉगी पॉजीशन में चुदाई के लिए तैयार कर दिया।
मीरा- आखिरकार! ये लंड मैं लेने जा रही हूं। तुम्हें मजा आ रहा है पूजा?
पूजा- जब तुम इस लंड से चुदोगी, मैं तुम्हारे ये रसीले चूचे हवा में झूलते हुए देखना चाहती हूं।
मैं- बस अब तुम्हें और कुछ कहने की जरूरत नहीं है।
मैंने मीरा की गांड पर एक थपका मारा और लंड को उसकी चूत में पेल दिया।
जैसे ही लंड मीरा की चूत में गया, वह गर्राहट के साथ अकड़ सी गई।
फिर मैंने चुदाई शुरू कर दी और उसकी सिसकारियां छूटने लगीं।
कैमरा में हम चुदाई करते हुए बहुत सेक्सी लग रहे थे, उधर पूजा भी ऐसी ही लग रही थी।
पूजा भी अब चारों पंजों पर आ गई थी और डिल्डो चूत में लेकर अंदर बाहर कर रही थी।
वह बोली- तुम दोनों बड़े हॉट हो!
मीरा- तो तुम्हें हमें चुदाई करते हुए देखने में बड़ा मजा आ रहा है?
पूजा- आह्ह … हां, बहुत!
दोनों ही सेक्सी लेडी सिसकारियां भर रही थीं और मेरे अंदर का लावा उबलने लगा था।
मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और मीरा की चूत पच-पच करने लगी।
मुझे लगा अब मैं छूट जाऊंगा।
मैंने मीरा की गांड को कस कर पकड़ लिया और थपाथप धक्के देते हुए माल उसकी गर्म चूत में गिरा दिया।
चुदाई थम गई।
मीरा अब पूजा को देखते हुए अपनी चूत को सहला रही थी और मेरा माल उसकी चूत से बाहर निकल कर बहना चालू हो गया था।
मैं उसके करीब गया और उसकी चूचियों को भींचते हुए दूसरे हाथ से उसकी चूत में उंगलियां चलाने लगा।
अपने माल को मैं उसकी चूत में चारों ओर रगड़ रहा था जिससे मीरा हर बार उंगली अंदर जाने पर जोर से सिसकार रही थी।
पूजा- ओ येह! मैं भी छूटने वाली हूं!
मीरा- फक! मैं भी! ओह माय गॉड।
मीरा का बदन दोहरा होने लगा और फिर वो ढीली होती हुई आगे पड़े तकिया की ओर ढेर हो गई।
वह अपनी चूत की क्लिट को धीरे धीरे रगड़ रही थी और उस वक्त उसकी गांड में हल्के झटके लग रहे थे।
उसकी पीठ जैसे कांप रही थी।
पूजा भी डिल्डो से चुदते हुए झड़कर पीछे लेट चुकी थी।
उसकी चूत से सफेद रस बाहर निकल रहा था।
मीरा अब मेरे ऊपर लेटी हुई थी।
हम तीनों शांत हो चुके थे।
फिर हमने 3सम कैम सेक्स के बाद पूजा को विदा कहा।
उसके बाद रातभर मीरा और मेरी चुदाई का खेल चला।
उस दिन के बाद से अब हम दोनों के लिए यह रोज का खेल हो गया है।
हमें इसमें बड़ा मजा आता है।
मुझे लगता है कि सभी को अपनी लाइफ में एक बार ऐसा मजा लेकर जरूर देखना चाहिए।
इसमें थ्रीसम सेक्स जैसा ही मजा आता है।
लेकिन किसी के साथ भी किसी तरह की कोई जोर जबरदस्ती नहीं होती।
मेरा नाम सुरेश है मैं कटनी का Hindi Porn Stories रहने वाला हूँ. आज मैं आप सबको मेरी माँ की चुदाई के बारे में बताता हूँ.
बात उन दिनों की है जब मैं भोपाल पढ़ाई करने गया था इन्जिनीयरिंग में दाखिले के बाद. मेरे घर में मेरे पापा, मेरी माँ और मैं ही रहते हैं क्योंकि मेरे पापा सरकारी अध्यापक हैं और गाँव में रहते हैं, उनका कटनी आना कम ही होता है, महीने में 3 बार. इसलिए मेरी माँ की चूत प्यासी ही रह जाती है, उनकी उम्र 37 साल की होगी क्योंकि कम उम्र में ही उनकी शादी हो गई थी, पर उनका किसी 28 साल की लड़की जैसा ही शरीर था. उनके दूध बड़े बड़े और गाण्ड तो आफत ही है. मोहल्ले के कई मर्द मेरे माँ को चोदना चाहते थे. यह बात, जब मैं छोटा था, तब से ही मुझे मालूम थी.
दोस्तो, एक बार जब मैं कॉलेज़ की छुट्टी में घर गया, तो हम खाना खा कर सो गए. रात का 1 बज रहा था, मुझे नींद नहीं आ रही थी, क्योंकि मुझे नींद नहीं आती जल्दी से तो अचानक मैंने दरवाजे पर किसी की दस्तक सुनी और चूंकि मेरा कमरा माँ के कमरे के साथ ही है तो मैंने देखा- मेरी माँ चुपके से बिस्तर से उठ कर दरवाजे के तरफ जा रही थी. मैं चुपचाप उनको देखता रहा.
दरवाजा खुलते ही मेरे मोहल्ले का एक लड़का महेश जिसकी उम्र 32 साल होगी, अंदर आया. माँ ने चुपके से दरवाजा बंद कर दिया, दरवाजा बंद करते ही महेश ने मेरे माँ के स्तनों को दबाना चालू कर दिया. लग रहा था दोनों प्रेमी एक दूसरे को पहले से जानते थे. माँ ने उससे जल्द से अपने कमरे के अंदर बुला लिया, नाईट-लैंप की रौशनी में उसकी मैक्सी चमक रही थी. महेश जो कि थोड़ा नशे में लग रहा था, अब अपना हाथ मेरे माँ की गाण्ड पर फिराने लगा और मेरी माँ अपना हाथ उसके लण्ड पर फिरा रही थी.
फिर अचानक मेरी माँ मेरे कमरे की तरफ आई. वो तसल्ली करना चाह रही थी कि मैं सो गया हूं. मैं झट से बिस्तर में लेट गया. वो भरपूर तसल्ली करके चली गई और मैं फिर से उनकी रास-लीला देखने लगा.
अब महेश ने अपना जिप खोल दिया और माँ जमीन पर घुटने के बल बैठ कर उसका 8 इंच का लण्ड चूसने लगी और महेश उसके दूधों को दबा रहा था. अब महेश ने मेरी माँ की मैक्सी उतार दी. वो उसके लण्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसे जा रही थी. उसकी गोरी गाण्ड मुझे साफ़ दिखाई दे रही थी और मेरी माँ अपनी चूत भी सहला रही थी.
अब महेश ने अपना लण्ड मेरी माँ के मुँह से निकाला और उसे खड़ा करके चूमने लगा. मेरी माँ उसका पूरा साथ दे रही थी. अब मेरी माँ की गाण्ड मुझे मस्त लग रही थी. मेरा लण्ड भी अब खड़ा हो गया था और मेरी माँ को चोदना चाह रहा था. लेकिन मैंने चुप रहना बेहतर समझा.
अब महेश उसके दूध को अपने मुँह से पी रहा था. दोनों ही मंझे हुए खिलाड़ी लग रहे थे. अब महेश ने मेरी माँ को बिस्तर में लेटा दिया और मेरी माँ अपनी दोनों टाँग ऊपर करके बोलने लगी- आओ महेश, आज फाड़ दे मेरे चूत और गाण्ड! आज बरसा दे अपनी जवानी मुझ पर!
महेश अपना लण्ड मेरी माँ की चूत पर रगड़ रहा था और एक हाथ से उसके बड़े-2 दूध सहला रहा था. कभी कभी वो उसकी चूची को पकड़ कर चूस लेता था और मेरी माँ आह्ह्ह्ह ह ह्ह कर रही थी.
तभी महेश का लण्ड जो के 6 इंच का होगा, 8 इंच का कड़ा लौड़ा बन गया था. उसने मेरी माँ की चूत के अंदर डाल दिया और थाप मारने लगा. मेरी माँ भी खूब साथ दे रही थी उसका अपनी गाण्ड उछाल उछाल कर! उसने अपने पाँव से महेश की कमर को जकड़ लिया था. महेश भी जोर जोर से उसे चोद रहा था. कुछ देर बाद मेरे माँ का पानी छूट गया पर महेश अब भी उसे चोद रहा था.
कुछ देर बाद महेश ने अपना लण्ड निकाला, शायद वो झड़ने वाला था, वो अपना लण्ड मेरे माँ के मुँह में डाल कर खड़ा हो गया, वो उसका लण्ड का पानी ऐसे पी रही थी जैसे शरबत!
अब दोनों निढाल होकर एक दूसरे पर सो रहे थे, मेरी भी अब हालत काबू से बाहर थी, मैंने जल्दी से दरवाजा खोला और उनके सामने पहुँच गया. यह देखते ही मेरी माँ घबरा गई, उसके मुँह से आवाज भी नहीं निकली, महेश चुपचाप कपड़े पहन कर चला गया और कमरे में मैं और मेरे नंगी माँ जो बिस्तर पर बैठी थी, रह गए.
मैंने पूछा- कब से चल रह है यह सब?
तो वो घबरा गई और कहने लगी- अपने पापा को मत बताना, चाहे जो मांग लो!
मैंने कहा- जो भी?
उसने हामी भर दी.
मैंने उसके दूध पर हाथ रख दिए.
वो मुस्करा कर रह गई, बोलने लगी- आजकल बेटा बड़ा हो गया है!
और बोली- आज तू भी चोद ले पर किसी को बताना मत!
यह कह कर उसने अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया और बोलने लगी- अरे तेरा लण्ड तो बहुत बड़ा है!
अब मैंने भी अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया. वो उसे भी मज़े से चूसे जा रही थी. कुछ देर बाद वो बोली- चल आ जा! चोद ले मुझे!
और मैंने इशारा पा कर उसकी बुर में अपना लण्ड फंसा दिया.
वो बोल रही थी- धीरे! आह्ह्ह्ह्ह्! अव्वो! आराम से!
कुछ देर बाद वो छूटने वाली थी और मैं भी.
मैंने अपना पानी उसके बुर में डाल दिया और उसके ऊपर ही निढाल हो कर गिर गया- आआ आआ आ आ आअ!
सुबह हुई तो मेरे सामने मेरी माँ मुस्कराते हुए कहने लगी- कैसी कटी रात?
अब जब भी हमें मौका मिलता है तो मैं उसे चोदता हूँ.
कहानी कैसे लगी? Hindi Porn Stories
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