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Massage Girl in North East Delhi: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in North East Delhi who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in North East Delhi that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The North East Delhi massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in North East Delhi who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your North East Delhi massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This North East Delhi massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in North East Delhi who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in North East Delhi employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in North East Delhi helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in North East Delhi

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in North East Delhi at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Best sex stories

आज मैं आपको अपनी एक सहेली की Sex stories सुनाने जा रही हूं। मेरी एक कहानी
सपनों की बारात के नाम से आ चुकी है

लेकिन उस पर किसी ने कोई रिएक्शन नहीं मिला तो बहुत दुख हुआ। प्लीज इस बार अपने रिएक्शन ज़रूर भेजें।

इस कहानी की शुरुआत हम दो दोस्तों से हुई है और आगे जाकर इसमे कई मोड़ आते हैं जिसे आप लोग पसंद करेंगे। मैं क्योंकि एक लड़की हूं इस लिये ये चाहूंगी कि लड़कियां अपनी रिएक्षन ज़रूर लिखें, क्योंकि शायद लड़कियां एक दूसरे को अच्छे से समझ पाती हैं।

मेरी एक बहुत ही प्यारी सहेली है बरखा।

उसकी उमर मेरे बराबर कोई २८ साल, हाइट ५.६, फ़ीगर ३४ सी-२८-३६ , गुलाबी रंग, बड़ी-२ आंखें, गुलाबी होंथ, खूब फूले हुए बूब्स, भरे-२ चूतड़ और उनसे नीचे उतरती सुडौल जांघें। बहुत ही प्यारी और सेक्सी लड़की है वो। हम दोनो कोलेज से एक साथ हैं और कोई बात एक दूसरे से छुपी हुई नहीं है। और हो भी कैसे सकती है क्योंकि कोलेज के ज़माने मैं ही हम दोनो के बीच एक रिश्ता और बन गया।

एक रोज़ मैं उसके साथ उसके घर गयी तो घर मैं कोई नहीं था। हम दोनो मज़े से बातें कर रहे थे और मैं उसे सता रही थी कि संडे को तुम अविनाश से मिली थी तुम दोनो ने क्या किया था बताओ न मुजे और वो शरमा रही थी। अविनाश उसका कजिन था और दोनो एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। दोनो अक्सर घूमने और पिक्चर देखने जाते थे।

मेरे आग्रह करने पर उसने बड़े शरमाते हुए बताया कि उस दिन अविनाश ने उसे किस किया था। मैं ने उसे लिपटा कर उसका गुलाबी गाल चूम लिया, हे बेईमान अब बता रही हो, तो वो शरमा कर हंस दी। हे शालु बता न और क्या किया था तुम दोनो ने।

बस न, सिर्फ़ किस किया था उसने, वो शरमा कर मुस्कराई। ऐ शालु बता न प्लीज कैसे किया था। हट बदतमीज़ वो प्यार से मुझे धक्का दे कर हंस दी। मैं उसकी भरी-२ जांघों पर सिर रख कर लेट गयी उसके गोल गोल दूध मेरे चेहरे के ऊपर थे, मैं ने धीरे से उसके राइट दूध पर उंगली फेरी, क्यों शालु ये नहीं दबाये अविनाश ने? तो उसके चेहरा शरम से लाल हो गया और धीरे से बोली – हां, तो मैं ने उसका खूबसूरत गुलाबी चेहरा अपने दोनो हाथों मैं लेकर गाल चूम लिये। कैसा लगा था शालु, है सुमन क्या बताउं मेरी तो जैसे जान निकल गयी थी जब उनकी गरम-२ ज़बान मेरे मुंह मैं आयी मैं मदहोश हो गयी उन्होंने मुझे अपनी बाहों मैं ले लिया और एक दम से अपना हाथ यहां रख दिया वो सुमन का हाथ अपने राइट दूध पर रख कर सिसकी। मैं तड़प उठी और बहुत मना किया पर वो न माने और दबाते रहे।

फिर शालु?

सुमन बड़ी मुश्किल से उन्होंने मुझे छोड़ा। शालू की बातें सुनकर मेरी हालत अजीब होने लगी ऐसा लग रहा था जैसे पूरे जिस्म मैं चीटियां दौड़ रही हों। मेरा ये हाल देख कर शालू मुस्कुराई और मेरे गाल सहला कर बोली तुमको क्या हो गया सुमन? तो मैंने शरमा कर उसकी जांघों मैं मुं ह छुपा लिया। वो मेरी पीठ सहला रही थी और मेरी हालत खराब हो रही थी क्योंकि मेरा चेहरा बिल्कुल उसकी चूत के ऊपर था जो खूब गरम हो रही थी और महक रही थी।

मैंने धीरे से उसकी चूत पर प्यार कर लिया तो वो सिसक उठी आह आह आह सुमन उफ़ नहीं न प्लीज मत करो और मेरे चेहरा उठाया। हम दोनो के चेहरे लाल हो रहे थे। शालु के थे। शालु के गुलाबी होंठ कांप रहे थे, मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेकर वो सिसकी सुमन, और मैं भी ना रोक सकी और उसके गुलाबी कांपते होंठ चूम लिये।

एक आग सी लगी हुई थी हम दोनो के जिस्मों में। मैं उसके होंठ पर होंठ रख कर सिसक उठी, शालू प्लीज मुझे बताओ न अविनाश ने कैसे चूमे थे ये प्यारे-२ होंठ। तो अपने नाज़ुक गुलाबी होंठ दातों में दबा कर मुस्कुराई, सुमन उसके लिये तो तुमको शालू बनना पड़ेगा। मैं हंस दी उसके गाल तोर कर, चलो ठीक है तुम अविनाश बन जाओ। शालू ने अपनी बाहें फैला दी तो मैं उनमे समा गयी और वो मेरे गाल, होंठ, आंखें, नाक और गर्दन पर प्यार करने लगी तो मैं तड़प उठी आह आआह शा शाआलु ऐए मा नहीं ओह ओह ओह ऐ री उफ़ ये अह ओह ऊओम्म ऊऊम अह अह क्या कर रही हो अह है है बस बस नहीं न ऊफ और उसके होंठ मेरे होंठों से चिपक गये और उसकी गुलाबी ज़बान मेरे होंठों पर मचलने लगी। उसके एक हाथ जैसे ही मेरे दूध पर आया मेरी चीख निकल गयी नाआहि आअह अह शाअलु ऊफ़ मत करो प्लीज ये आअह क्या कर रही हो, तो मेरे होंठ चूसतुइ हुई सिसकिउ वो ही जो अविनाश ने मेरे साथ किया था।

वो मुझ से जूम गयी और उसकी ज़बान मेरे होंठ खोल रही थी धेरे-२ और फिर अंदर घुस गयी तो मैं उसकी ज़बान की गरमी से पागल हो उठी और उस से लिपट गयी, शालू ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे दोनो दूध दबाते हुए मेरे होंठ चूसने लगी ऊफ़ उसकी ज़बान इतनी चिकनी, गरम और इतनी लम्बी थी के मेरे पूरे मुंह में मचल रही थी और मेरे गले तक जा रही थी। हम दोनो के चेहरे पूरे लाल हो रहे थे और थूक से भीग चुके थे। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं भी उसका साथ दे रही थी और उसका प्यारा सा गुलाबी चेहरा हाथों में लेकर उसके होंठ और ज़बान चूस रही थी और सिसक रही थी आह अह शालु अह अह हां अह सुमन मेरी जान, ऊफ़ शालु कितनी मज़े की ज़बान है तेरी इतनी लम्बी ऊफ़ सच्ची अविनाश को मज़ा आ गया होगा, आअह ही धीरे सुमन अह आअह सच्ची सुमन बहुत मज़ा आया था क्या बताउं तुझे आह धीरे से मेरे होंठ।

आह सुमन उठो न प्लीज अब, तो हम दोनो उठे तो फिर से मुझे लिपटा कर मेरे होंठ चूसने लगी और मेरे कुरते की ज़िप खोली और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे मुंह में सिसकी उतारो न सुमन प्लीज और मेरे हाथ ऊपर करके मेरा कुरता अलग कर दिया, आअह शालु ये आह तो मेरे होंठ चूम कर सिसकी कुछ न बोलो सुमन सच्ची बहुत मज़ा आ रहा है मैं उसके सामने टोपलेस बैठी थी शरम से मेरी बुरी हालत थी। मैं ने अपने दोनो हाथों से अपने भरे भरे दूध छुपा लिये और देखा तो शालु ने भी अपना कुरता और ब्रा अलग कर दी और मैं देखती रह गयी। उफ़ कितने प्यारे दूध हैं शालु के खूब बड़े बड़े बिल्कुल गुलाबी रंग, तनी हुई लम्बी चूचियं जिनके आस पास लाल रंग का गोल घेरा उस ने मुझे अपनी तरफ़ देखते हुए पाया और मेरी आंखें चूम लीं और मेरे दोनो हाथ मेरे दूधों पर से हताये और अपने दूधों पर रखे और होंठ चबा कर सिसकी ऊई मां आह आह और फिर मेरे दूध पकड़े तो मेरी जान निकल गयी आऐए आआऐर अह्ह अह आआअह ऊओह ऊऊम आआआआअह नहीं शाल्लल्ललु और मैं ने भी उसके दूध ज़ोर से दबाये तो शालु भी मुझे से लिपट कर सिसक उठी आईईए ऊऊउइ ऊऊउइ अह अह अह धीएरे आह निक्कक्ककि धीएरे आह मेरे दूधु और मेरे होंठों पर होंठ रखे तो एक साथ हम दोनो की ज़बाने मुंह के अंदर घुस पड़ी।

उसकी लम्बी चिकनी और गरम ज़बान ने मुझे पागल कर दिया और फिर मुझे लिटा कर वो भी मेरे ऊपर लेट गयी। हमारे दूध आपस में जैसे ही टकराये तो दोनो की चीखें निकल पड़ी और हम दोनो झूम गये और मेरी चूत रस से भर गयी। मैं ने उसे लिपटा लिया और उसकी पीठ और चिकनी कमर और नरम-२ चूतड़ सहलानी लगी तो वो मेरे जिस्म पर मचलने लगी मैं ने उसका गुलाबी चेहरा उठाया तो उसकी आंखें नहीं खुल पा रही थीं बहुत हसीन लग रही थी शालु मैं उसके गाल और होंठ चूसने लगी उसके गोल नरम नरम दूध मेरे सांसों से टकराते तो जैसे आग लग जाती मैं ने उसको थोड़ा उपर किया तो उसके खूबसूरत चिकने गुलाबी दूध मेरे सामने थे मैं अपने आप को रोक न सकी और उसकी लाल चूची पर ज़बान फेरी वो मस्ती में चिल्ला पड़ी आईईई मा मर जाउंगी मैं आह अह ओह ऊओफ़ अह सुमन आह अह्ह हान ये ये ये भी किया था अश… अह अश्वनि ने।

और मैं ने उसका पूरा का पूरा दूध मुंह में ले लिया तो मज़ा आ गया और शालु ने मेरा चेहरा थाम कर अपने दूधों में घुसा लिया और सिर झटक कर मचलने लगी आआइए सुमन धीरे प्लीज ऊफ़ ऐई री मा धीर से न आअह बहुत अच्छा लग रहा है आह पूरा पूरा चूसो न ऊफ़ मेरा दूध आह सुमन सची ऐईए ऐसे नहीं न काटों मत प्लीज उफ़ तुम तो अह अविनाश से अच्छा चूसती हो आअह आराम से मेरी जान और वो मेरे दूध दबाने लगी है सच्ची कितनी नरम दूध हैं तेरे सुमन मुझे दो न प्लीज सुमन तो मैं ने होंठ अलग किये उसके दूध से और देखा तो उसका दूध मेरे चूसने से लाल और थूक से चिकना हो रहा था तो मैं ने जैसे ही दूसरा दूध मुंह में लेना चाहा वो सिसक उठी आह सुमन प्लीज मुझे दो न अपनी ये प्यारी-२ चूचियां कितनी मुलायम हैं उइ सच्ची मैं और मेरी चूचियां मसलने लगी तो मैं ने उसके गीले लाल होंठ चूम लिये अह आअह शालू आराम से मेरी जान आह और और क्या किया था अविनाश ने बताओ न तो मेरे दूध पर अपने चिकने गुलाबी गाल रख कर मुस्कुरायी और धीरे से बोली और कुछ नहीं करने दिया मैं ने। क्यों शालु दिल नहीं चाहा तुम्हारा।

वो मेरे उपर से उतर कर अपने पैर फैला कर बैठी और मुझे भी अपने से चिपका कर बिठा लिया और मेरे दूधों से खेलते हुए बोली- सुमन सच दिल तो बहुत चाहा लेकिन मैने अपने को बड़ी मुश्किल से रोका। क्योंकि डर लग रहा था। तो मेरे दूधों पर ज़बान फेरने लगी तो मेरी आंखें बंद हो गयी मज़े में और मेरा हाथ उसकी चिकनी मुलायम पेट पर आया और उसकी गोल नाभि में उंगली घुमाने लगी। आह शाल्लु सच्ची कितनी लम्बी ज़बान है तुम्हारी और मैं क्या करूं आह मेरे दूध आऐए मा अह्ह धीरे न इतनि ज़ोर से मत नोचो मेरे दूध आह आह ओह ऊओफ़ शालू प्लीज नहीं न। आअह हन हाअन बस ऐसे ही चूसे जाओ बहुत मज़ा आ रहा है। सुमन मेरी जान सच्ची कहां छुपा रखे थे येह प्यारे-२ दूधु। तो मैं शरम से लाल हो गयी उसकी बात सुनकर और उसकी एक चूची ज़ोर से दबाई तो वो चिल्ला कर हंस पड़ी ऊऊउइ मा सुमन। तो मैं ने उसके होंठ चूम लिये। शालु, हूं, तुम ने बताया नहीं अविनाश और क्या कर रहा था तो वो शरमा कर मुसकराई सुमन वो तो, हां बोलो ना शालु प्लीज तो शालू ने मेरा हाथ अपने शलवार के नाड़े पर रखा और धीरे से बोली वो तो ये खोलने के मूड में थे, फिर शालू, मैं ने रोक दिया उसे। क्यों शालू क्यों रोक दिया बेचारा अविनाश, तो मेरे गाल पर ज़ोर से काट कर हंस दी बड़ी आयी अविनाश वाली। मैं भी ज़ोर से चिल्ला कर हंस दी ऐ शालू बताओ ना क्यों रोक दिया तो वो मुसकराई, मैं ने कह दिया ये सब अभी नहीं, शादी के बाद।

और वो फिर मेरे दूध चूसने लगी ज़ोर ज़ोर से तो मैं पागल हो उठी- आह शालू आराम से मेरी जान
और मैं ने उसकी शलवार खोल दी तो वो चोंक गयी और मेरा हाथ पकड़ कर बोली- ये ये सुमन क्या कर रही हो?
तो मैं ने उसके गीले रस भरे होंठ चूम लिये मेरी शालू जान शादी तो अविनाश से होगी मुझे तो दिखा दो तो वो मुझसे लिपट कर मेरे पूरे चेहरे पर प्यार करने लगी हाय मेरी सुमन कब से सोच रही थी मैं आह मेरी जान और एकदम से उसने मेरी शलवार भी खोल दी और उसक हाथ मेरी चिकनी जांघों पर था मैं मज़े में चिल्ला पड़ी ऊऊउइ शाआलु नाआहि

और वो मेरे होंठ चूस रही थी और मेरी जांघें सहला रही थी और मैं मचल रही थी नहीं शालु प्लीज मत करो आइए ऊऊओफ़ नाआहि न ओह मैं क्या करूं!

उसने एकदुम से मेरी जलती हुई चोर पर हाथ रखा तो मैं उछल पड़ी, हाय रे आह ये ये क्या कर दिया शालु, मुझे कुछ होश न था उसका एक हाथ अब मेरी चूत सहला रहा था जो बुरी तरह गरम हो रही थी दूसरे हाथ से वो मेरा दूध दबा रही थी और उसकी लम्बी गरम ज़बान मेरे मुंह में हलचुल मचा रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चूत झड़ने वाली है.

मैंने उसे लिपटा कर उसके चूतड़ों पर हाथ फेरा तो वो मचल उठी और मैं भी मस्त हो गयी उसकी शलवार भी उतर चुकी थी अब हम दोनो बिल्कुल नंगे थे और बेड पर मचल रहे थे। आह सुमन ऊओफ़ सच्ची बहुत गरम चूत है उफ़ कितनी चिकनी है छोटी सी चूत सच्ची बहुत तरसी हूं इस प्यारी चूत के लिये मैं, दे दो न प्लीज सुमन ये हसीन छोटी सी चूत।

हाय शालू मैं ऐन निकल रही हूं प्लीज आह मैं क्या करूं मेरा पूरा जिस्म जल उठा और मैं ने शालु के नरम गरम चूतड़ दबाए और एकदम से उसकी चूत पर हाथ रखा तो वो तड़प उठी ऊऊउइ नीईइकि और मैं तो जैसे निहाल हो गयी.

उसकी चूत बिल्कुल रेशम की तरह मुलायम और चिकनी थी खूब फूली हुई मैं एकदम से उठी और उसकी चूत पर नज़र पड़ी तो देखती रह गयी बिल्कुल चिकनी चूत जिस पर एक बाल भी नहीं था और शालु की चूत लाल हो रही थी, क्या देख रही हो सुमन ऐसे तो मैं अपने होंठों न पर ज़बान फेर कर सिसकी शालू और एक दम से मैं ने उसकी चूत पर प्यार किया तो वो उछल कर बैठ गयी हम दोनो एक दूसरे की चूत सहला रहे थे। शालू, हूं, अविनाश को नहीं दी ये प्यारी सी चीज़, तो वो शरमा कर मुस्कुराई ऊन हूनह। क्यों? तो वो शरारत से मुस्कुरा कर बोली तुम्हारे लिये जो बचा कर रखी है। तो मैं हंस दी हट बदतमीज़। सच्ची सुमन, वो मेरी चूत धीरे-२ दबा कर सिसकी हमेशा सोचती थी के तुम्हारी ये कैसी होगी। तो मैं अहरमा कर मुसकुराई मेरे बारे मैं क्यों सोचती थीं तुम। पता नहीं बस तुम मुझ बहुत अच्छी लगती हो दिल चाहता है कहां प्यार करूं। तो मैं मुस्कुरा कर उस के होंठ चूम लिये, तो फिर आज से पहले क्यों नहीं किया ये सब। तो मेरे दूधों पर चेहरा रख कर बोली डर लगता था के तुमको खो न दूं कहीं।

मैंने उसे लिपटा कर उसके होंठ चूस लिये और आहिस्ता से उसे लिटा दिया और झुक कर चूत के उभार पर प्यार किया तो वो मचल उठी आअह्ह आआह सुमन मुझे दे दो न अपनी हसीन सी चूत मेरी जान मेरे प्यार और मैं ने घूम कर अपनी चूत उसकी तरफ़ की तो मेरे नरम चूतहर पकड़ कर नीचे किये और चूत पर होंठ रखे तो मैं कांप गयी आह आह आह ऊऊऔइ शालु.

और जैसे ही उसकी ज़बान मेरी चूत पर आयी मैं नशे में उसकी चूत पर गिर पड़ी और उसकी चूत पर प्यार करने लगी और चूसने लगी। हम दोनो की चीखें निकल पड़ी. दोनो के चूतड़ उछल रहे थे.
शालु मेरे चूतड़ दबा रही थी और अचानक उसकी ज़बान मेरी चूत के छेद में घुस पड़ी तो ऐसा लगा जैसे गरम पिघलता हुआ लोहा मेरी चूत में घुस गया हो, मैं चिल्ला पड़ी उसकी चूत से झूम कर आऐईए माअ मर जाआअओनगि नाआअहि शलु अर्रर्र आह ऊओम ऊमफ ऊऊओह्ह ओह ओह ह्हह्है ह्हह्हिअ आआइ मैं निकल रही हूऊऊओन शालु मेरे चूतड़ उछलने लगे और शालु के चूतड़ भी मचले और वो भी मेरी चूत में चिल्लाने लगी सुमन चूसो अ आआइउ अयययो मा अर्रर्रर रीईईए आआआअह ऊऊओमफ आआह्ह ह्हाआआआ आआअह्हह ह्हाआआअ!

मुझे ऐसा लगा जैसे चूत से झड़ना बह निकला हो रोकते-२ मेरे गले से नीचे उतर गया यही हाल शालू का भी था हम दोनो के चेहरे लाल हो रहे थे सांसें तेज़ तेज़ चल रही थीं और हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर पता नहीं कब सो गये। Sex stories

(Internet Ki Mast dost) Hindi sex stories

हाय ! गर्ल्स ! भाभी ! आंटी ! यंग लडिस ! कॉलेज गर्ल्स !! दोस्तों आज मैं आपको अपनी सच्ची Hindi sex stories बताने जा रहा हूँ. मैं यशवन्त अक्सर इन्टरनेट पर चाटिंग करता रहता हूँ. मैंने कई फ्रिएंड्स बनाये पर एक बार मेरे एक फ्रेंड बना जो की मेरे हे शहर का था. वो फ्रेंड एक २३ साल की शादीशुदा लेडी थी वो मुझसे बातें करने में इन्टरेस्टिड थी. हम काफ़ी टाइम तक एक दूसरे के फ्रेंड बने रहे.

फिर एक दिन उसने मुझे मिलने के लिए कहा. मैं मिलने के लिए तैयार हो गया. उस दिन बहुत तेज़ बारिश हो रही थी.
मैं उनके घर पहुँचा और बेल बजाई तो मैंने देखा के सामने एक सेक्सी फीगर की लड़की खड़ी उसने ब्लैक कलर की शोर्ट नाईटी पहन रखी थी जिसमे से उसकी व्हाइट कलर की ब्रा साफ़ दिख रही थी उसके बूब्स तो ऐसे लग रहे थे जैसे अभी ब्रा फाड़ के बाहर निकल जायेंगे.
मैंने अपना नाम बताया और अन्दर आ गया. मैं तेज़ बारिश के कारण बिल्कुल भीग चुका था. मेरे अंडरवियर मैं भी पानी चला गया था. मैं पहली बार किसी अजनबी लेडी के घर गया था इसलिए थोड़ा घबरा रहा था.

फ़िर उन्होंने मुझे चेंज करने के लिए कहा. मैं उनके पति के कपड़े पहन लिए. फिर हम दोनों ने काफ़ी बातें की. उसने बताया के उनके पति एक मल्टी नेशनल कम्पनी में काम करते हैं. जिस की वजह से काफ़ी दिनों तक बाहर ही रहते हैं. पर मेरा ध्यान तो उनकी जाँघों के बीच था जिसमे से उनकी ब्लैक कलर की पैंटी दिख रही थी उन्होंने मुझे देख कर कहा ये क्या देख रहे हो तुम में एक दम से डर गया.
मैंने कहा- कुछ नही.
उसने मुझे बड़े प्यार से कहा- नौटी बॉय.
ऐसा सुनते ही मेरी हिम्मत बढ गयी. मैंने उसे कह दिया मैडम आपका फिगर बहुत सेक्सी है. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा तो इसकी प्यास बुझा दो न मेरे पति पर तो टाइम नहीं है.

मैंने इतना सुनते ही उसके बूब्स पर हाथ रख दिया. हाथ रखते ही मेरा ८ इंच का लंड खड़ा हो गया. उसने मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगी. में एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था और दूसरा हाथ मैंने उसकी पैंटी में डाल दिया. उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी. मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और ख़ुद भी नंगा हो गया.

मैंने पागलों की तरह उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. उसकी चूत गीली हो गयी थी. मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. क्या रसीली चूत थी वो. मुझे ऐसा लगा जैसे जन्नत में आ गया हूँ.

फिर में खड़ा हो गया और उसके मुंह में अपना लंड डाल दिया. वो मेरे लंड को जोर जोर से चूसने लग गयी. मैं अब पूरे जोश मैं आ गया. मैंने उसे बेड पर लिटा लिया और उसकी चूत मैं लंड डालने की कोशिश करने लगा उसकी चूत अभी भी बहुत टाईट थी पहली बार ज़ोर लगाने पर उसकी चीख निकल पड़ी- आआअ आआअ आऐइ ईईईइ ऐईईइऊ ऊऊऊईइ ईईईई माआ आआआ.

मैंने दूसरी बार फिर ज़ोर लगाया जैसे ही मेरा आधा लंड उसकी चूत मैं गया वो जोर से चीख पड़ी फिर धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी और उसे भी मजा आने लगा.
मैं उसे ४० मिनट तक अलग अलग पोसिशन में चोदता रहा जब मेरे डिस्चार्ज होने वाला था तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और सारा माल उसके मुंह पर निकाल दिया. वो मेरे लंड को चूस चूस कर सारा माल पी गयी.

Hindi sex stories पर सॉरी दोस्तों में आपको उसका नाम नहीं बता सकता क्योंकि उसने मुझे इस बात को छुपाने के लिए कहा था!

(Sangita Ki Kunvari Tight Bur) Antarvasna

मेरी Antarvasna कहानी बरसात की रात आप लोगों को कैसे लगी? क्योंकि अभी तक मुझे कोई मेल नहीं मिला है खैर जल्दी से पढ़ कर मुझे मेल करें.


और जिन लोगों ने बरसात की रात के दोनों भाग पढ़े हैं वो लोग जानते ही होनगे कि जिस आंटी को मैंने चोदा था उसकी एक लड़की भी थी जिसका नाम संगीता था.

अब मैं अपनी कहानी शुरु करता हूं जब करीब हफ़्ता भर मैंने आंटी को कायदे से चोद लिया तब मेरा मन उनसे भी उकता गया और जैसा कि मैं पहले कह चुका हूं कि उनकी 18 साल की बेटी संगीता पर मेरे लंड का दिल आ गया था लिहाजा अब किसी भी तरह से उसकी सील तोड़ना चाहता था मैं, पर आंटी को बुरा न लगे ये भी ख्याल था.

तब एक दिन मैं दिन में दो बजे आंटी के घर गया. इत्तेफ़ाक से आंटी घर में नहीं थी, सिर्फ संगीता ही थी और अब तो वो भी मुझसे अच्छी तरह परिचित हो चुकी थी. हेलो हाय होने के बाद जब मैंने उससे पूछा कि आंटी कहां है?
तब उसने कहा कि वो मार्केट गई है और शाम तक आयेंगी.

यह कह कर वो मेरे लिये चाय बनाने चली गई क्योंकि राजू भी नहीं था.
आज वो बहुत ही छोटी सी फ़्रोक पहने थी उसे देख कर मेरी तमन्नायें जाग उठी थी उसकी गोरी गोरी टांगें मुझे बहकाने के लिये काफ़ी थी.

जब वो चाय बना कर लाई तब वहीं सामने सोफ़े पर बैठ गई और हम दोनो चाय पीने लगे.

अभी वो बहुत नादान थी, उसे फ़्रोक पहन कर किस तरह बैठा जाता है, ये भी शायद नहीं पता था, जब वो सोफ़े पर बैठी तब उसकी पिंक पैंटी मेरी आंखों में गड़ गई और मैं उसकी पैंटी के अंदर कुंवारी टाइट बुर के बारे में सोच कर ही टन्ना गया.
वो बहुत आराम से चाय पी रही थी और मैं उसकी चड्डी का नज़ारा देखते हुए उसको चोदने की प्लानिंग कर रहा था.

तब मैंने कहा- संगीता, चलो कोई सी डी ही देखी जाए?
वो बोली- मुझे कोई ऐतराज़ नहीं, आपका घर है, जो जी में आये करिये!

उसकी बात सुन कर मैंने तुरंत टी.वी. ओन किया और एक गर्म सेक्सी मूवी लगा दी.

उसमें जब रोमांटिक सीन आया तब मैंने देखा कि संगीता कुछ सकपका रही है और नज़रें नीचे किये हुए ज़मीन की तरफ़ देख रही थी जब कि टी.वी. पर बहुत ही उत्तेजक शोट चल रहा था.
तब मैंने उससे कहा- जब तुमको पिक्चर नहीं देखनी थी तब किस लिये लगवाई है पिक्चर?
वो बोली- राज, ऐसी बात नहीं है, ये सीन बहुत गंदा है, मुझे शरम आ रही है, प्लीज, इसे फ़ोरवर्ड कर दो.
तब मैंने कहा- अरे पगली, इसमें शरम किस लिये… ये सब तो देखा ही जाता है. और अगर देखा न जाता होता तो ये मूवी बनती ही क्यों?
तब वो बोली- राज, ये अडल्ट मूवी है जब कि मैं अभी छोटी ही हूं, अभी मैं सिर्फ़ 18 साल की ही हूं, अगर मम्मी को पता लगा तो बहुत डाटेंगी प्लीज़!

उसकी बात सुन कर मुझे हंसी आ गई और मैंने उसकी ठोड़ी पर हाथ लगा कर कहा- देखो, ये लड़की जो मूवी में है वो भी कितनी छोटी है करीब तुम्हारी ही उमर की होगी, ध्यान से देखो!
और वो गौर से टी.वी. पर देखने लगी जिसमें एक बहुत ही छोटी लड़की को एक हट्टा कट्टा आदमी अपनी बाहों में भरे हुए था और उसकी छोटी छोटी चूचियों को उसकी फ़्रोक के उपर से ही मसल रहा था.

संगीता ने मुझसे पूछा- राज, ये आदमी क्या कर रहा है?
मैंने कहा- इस लड़की की चूची दबा रहा है.
तब उसने कहा- क्या लड़की को दर्द नहीं हो रहा होगा? देखो ये कैसे सिसिया रही है?

मैंने कहा- धत्त, दर्द नहीं बल्कि लड़की को बहुत मज़ा आ रहा होगा.

और तब ही उस आदमी ने उसकी फ़्रोक की ज़िप खोल कर झट से उस लड़की को नंगी कर दिया. अब वो लड़की पूरी तरह से नंगी थी, सिरफ एक छोटी सी पैंटी पहने थे.
ये शोट देख कर संगीता ने सर झुका लिया उसका चेहरा लाल हो गया था.

मैंने उससे कहा- अभी आगे देखो, यही लड़की जो अभी सिसिया रही है कैसे मादक सिसकियां निकालेगी.
और फ़िर उस आदमी ने अपने सारे कपड़े उतार दिये.

तब संगीता ने कहा- हाय राज, कितनी गंदी पिक्चर है अब तो आदमी भी पूरा नंगा हो गया है.
तब मैंने कहा- अभी पूरा नंगा कहां हुआ है अभी तो ये अपनी अंडरवीयर भी उतारेगा, देखो उसकी निक्कर कितनी तनी हुई है.

तब संगीता ने कहा- हां राज, इसकी निक्कर इतनी तनी हुई क्यों है?
मैंने कहा- अभी देखती जाओ, सब समझ में आ जायेगा.

और तभी उस आदमी ने अपनी निक्कर भी उतार दी जिससे उसका लंड पूरी तरह फ़न्नाया हुआ था.

उसे देखते ही संगीता ने अपना चेहरा झुका लिया और अपनी आंखों पर हाथ रख लिया.
तब मैंने उसका हाथ हटाते हुए कहा- देखो, आज सब सीख लो कि कैसे लड़कियां जवानी के मज़े लेती हैं आज मौका भी अच्छा है मम्मी भी नहीं है तुम्हारी, इस लड़की की उमर भी तुम्हारी ही तरह है ऐसे शरमाओगी तो कुछ भी नहीं सीख पाओगी क्योंकि तुम्हारी मम्मी तुमको अभी बच्ची समझती है और 5-6 साल बाद ही तुम्हारी शादी करवायेंगी क्योंकि उनको तो अभी अभी खुद ही ये सब करने से फ़ुरसत नहीं मिलती.
तब संगीता बोली- हां, मैं जानती हूं कि मम्मी अकसर तुम्हारे साथ सोती हैं.
तब मैंने कहा- सिर्फ़ सोती ही नहीं रानी, वो जम कर चुदवाती है.

जब मैंने ये कहा तो संगीता बोली- धत्त, कितनी गंदी बातें करते हो तुम? राज तुम तो ज़रा भी नहीं शरमाते!
तब मैंने कहा- तुम्हारी मम्मी ने मुझे बिल्कुल चुदक्कड़ बना डाला है. अरे यार ये तो कुछ भी नहीं, जब रात को वो मुझसे चुदवाती है तब उसकी बातें अगर तुम सुन लो तो जान जाओगी कि तुम्हारी मम्मी कितनी चुदक्कड़ हैं।

और फ़िर हम लोग मूवी देखने लगे. उसमें उस आदमी ने अपनी निक्कर उतारने के बाद लड़की की कच्छी भी उतार दी और उसकी चिकनी चूत पर हाथ फ़ेरने लगा और उसकी चूची के निप्पलों को मुंह में डाल कर चुबलाने लगा.
ये सब देख कर जहां मेरा लौड़ा पैंट में अकड़ रहा था, वहीं संगीता का चेहरा भी शर्म से लाल हुआ जा रहा था मगर अब वो बहुत गौर से मूवी देख रही थी.

मैं भी सोच रहा था कि आज अगर इस पर हाथ भी फ़ेर दिया तो लड़की झट से चूत चुदवाने को राज़ी हो जायेगी मगर एक दिक्कत ये थी कि मैं चूत के चक्कर में उसकी माँ की बम भोसड़ा चूत नहीं कुर्बान कर सकता था.
तो मैंने सोच लिया था कि आज रात को आंटी को चोदते वक्त संगीता को चोदने की बात कर ही लेता हूं क्योंकि बता कर चोदना सही रहता है और मेरा तजुर्बा भी कहता था कि बुढ़िया फ़ौरन चुदवा देगी अपनी लड़की को क्योंकि उसको अपनी प्यास भी तो बुझवानी थी.

तब ही एक जोरदार आवाज़ ने मेरा ध्यान अपनी तरफ़ खींच लिया, आवाज़ टीवी से लड़की के चीखने की आई थी जिसकी छोटी सी चूत को उस आदमी ने अपना लम्बा सा औजार एक ही बार में डाल दिया था.
लड़की ‘आआययईई आआहह्ह आआअहह ऊऊओहह गोड’ कर रही थी, बहुत ही दर्द भरी चीखें निकाल रही थी, उसकी आंख से भी आंसू बह रहे थे मगर वो पहलवान बिना किसी बात की परवाह करे बगैर उसकी कुंवारी टाइट चूत में पूरा पूरा लंड घुसाए हुए दना दन धक्के लगा रहा था और थोड़ी ही देर में उस लड़की की दर्द भरी कराह की जगह आनन्द भरी आवाज़ निकलने लगी.

तब संगीता ने कहा- राज, अभी तो ये लड़की नो नो कर रही थी, रो भी रही थी, और अब तो मोर मोर कर रही है ये क्या चक्कर है?
मैंने कहा- संगीता, ये चुदाई का चक्कर ऐसा ही होता है, पहले तो लड़की चुदवाती नहीं और जब चुदवाती है, तब एक लंड भी कम पड़ जाता है.

और फ़िर थोड़ी ही देर बाद वो आदमी अपने लंड का रस उस लड़की की चूत में उड़ेलने के बाद अपने रस से भरे लंड को उस लड़की के मुंह में डालने लगा.

तब संगीता ने कहा- हाय राम राज, ये लड़की तो इसका लंड मुंह में ले रही है छी, कितनी गंदी लड़की है.
मैंने कहा- यार, रात को आज तुम अपनी मम्मी की करतूत देख ही लेना, जब अपनी आंख से देखोगी तब यकीन मानोगी कि तुम्हारी मां भी ऐसे ही मेरा लंड चूसती है.

और फ़िर मैंने धीरे से उसकी फ़्रोक के उपर से उसकी चूची पर हाथ रख कर सहला दिया.
वो सिहर गई और पीछे हट गई.
मैं जानता था कि साली चुदासी तो हो ही चुकी है अगर अभी पटक कर चढ़ जाऊँ तो कुछ ज्यादा बोलेगी नहीं मगर मैं अभी इसको सिर्फ़ ऊपरी मज़ा देकर छोड़ देना चाहता था क्योंकि काफ़ी वक्त हो चुका था और आंटी के आने का भी वक्त हो चुका था.

तब मैंने संगीता को गोद में खींच लिया और उसकी छोटी छोटी चूची को बहुत प्यार से सहलाने लगा, वो मेरी बाहों में कसमसा रही थी और हल्का सा विरोध भी कर रही थी.
तभी मैंने अपना एक हाथ उसकी चिकनी चिकनी जांघों से फ़िराते हुए नीचे उसकी चड्डी के पास ले गया.
अब तो उसने अपनी दोनों टांगें एकदम भींच ली और मेरी तरफ़ बहुत दयनीय नज़रों से देखने लगी. मगर मैं तो आज उसको पूरा जवानी का पाठ पढ़ा ही देना चाहता था, मैंने उसकी चड्डी के ऊपर से उसकी बुर कुरेदनी शुरु कर दी.

अब संगीता को थोड़ी मस्ती चढ़नी शुरु हो गई, उसने धीरे से अपनी टांगें खोल दी और मैंने उसकी चड्डी उतार दी. अब वो सिर्फ़ ऊपर से फ़्रोक पहने हुए थी और मैं फ़्रोक के ऊपर से ही उसके निप्पलों को होंठ में भर कर दूसरे हाथ से उसकी बुर को कुरेदने लगा और फ़िर अपनी एक उंगली गैप से उसकी कोरी कोरी बुर में घुसा दी.

वो आआह्ह से चिल्ला उठी और मैं धीरे धीरे उसकी कुंवारी बुर में अपनी उंगली आगे पीछे करने लगा.

संगीता के चेहरे पर दर्द की लकीर साफ़ नज़र आ रही थी और वो अपने होंठों को दांतों से दबा रही थी. तभी मैंने उसकी बुर के और अंदर तक अपनी उंगली घुसा दी अब तो वो बकायदा रोने ही लगी थी ‘आआहह आआईईई प्लीज़्ज़ राआज्ज… आअईई बहुत दर्द कर रही है… निकाल लो प्लीज़ आआहह ऊऊफ़्फ़्फ़ प्लीज़्ज़ राज निकाल लो अपनी उंगली… बहुत दर्द कर रही है आआह्हह देखो अगर तुम नहीं मानोगे तो मैं मम्मी से कह दूंगी प्लीज़ राज!’

अब तो मेरी हवा खराब हो गई, मैंने सोचा कहीं बना बनाया खेल ना बिगड़ जाये और ये बुढ़िया से न कह दे, तब मैंने अपनी थोड़ी सी उंगली उसकी बुर के बाहर निकाल ली और उसके बूब्स को फ़्रोक के ऊपर से बहुत आराम से दबाने लगा.

अब उसे कुछ राहत मिल रही थी और थोड़ी ही देर बाद वो अपने चूतड़ को नीचे से उचकाने लगी.
जब मैंने देखा कि अब इसको थोड़ा मज़ा आने लगा है तो मैंने अपनी उंगली उसकी बुर से निकाल ली अब वो मेरी शक्ल देखने लगी और जब उससे रहा नहीं गया तो खुद ही कहने लगी- अब जब मुझे मज़ा आने लगा तो तुमने उंगली बाहर निकाल ली? प्लीज़ डालो न उंगली इसमें… बहुत अच्छा लग रहा था.

तब मैंने कहा- अभी तो नखरे कर रही थी?
संगीता ने कहा- नहीं नखरे वाली कोई बात नहीं, जब तकलीफ़ हो रही थी तब ही तुमसे निकालने को कह रही थी, अब डालने को भी तो कह रही हूं प्लीज़ डाल दो न उंगली!
तब मैंने कहा- आज बहुत देर हो गई है, अभी तुम्हारी मम्मी आने ही वाली है, तुम ऐसा करना आज रात को पहले खूब अच्छी तरह से अपनी मम्मी की चुदाई देख कर सीख लेना कि कैसे चुदवाया जाता है, तब कल मैं तुम्हें चोदूँगा!
ओ के!

मगर संगीता तो पूरी तरह चुदासी हो चुकी थी, फ़िर मैंने उस वक्त अपनी उंगली से ही उसका एक पानी झाड़ा और फ़िर उसको चड्डी पहनने को बोला और बताया कि आज रात को मैं जब तुम्हारी मम्मी की चुदाई करुंगा तब एक खिड़की खोल दूंगा ताकि तुम आसानी से सब नज़ारा देख सको.

और उसके बाद मैंने उस रात आंटी की दो बार गांड मारी और एक बार चूत!

और उसके बाद संगीता की कोरी कोरी बुर कैसे फ़ैलाई, इसका जिक्र अगली कहानी में करुंगा.
तो दोस्तो, आप सबकी दुआ आखिर रंग ले ही आई और संगीता को मैंने कैसे जवान और बालिग किया..
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Sex Stories

फ़िर जब मैं भाभी के घर गया तो उस समय लगभग दिन Sex Stories के २ बज रहे थे भाभी ने मुझे देखते ही कहा, कितनी देर से मैं तुम्हारी ही प्रतीक्षा कर रही थी, चलो मेरी आज मालिश करो। ये कह कर भाभी ने एक बोतल निकाली और मुझे दे कर कहा चलो अपना चेहरा घुमा लो, जिससे मैं अपने कपड़े उतार दूँ, मैने भाभी को अपनी तरफ़ खींचते हुए कहा अब किससे शरम कर रही हो? मैं उसके ब्लाउज़ को खोलने लगा। मैने धीरे धीरे उसका ब्लाउज़ को उतारा, भाभी ने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी जो भाभी के गोरे बदन पर काफ़ी जँच रही थी। भाभी ने अपनी आँखें बंद कर दी थी अब मैने उनसे अपने दोनो हाथों को उठाने के लिए कहा, मेरी नजर भाभी की आर्मपिट पर पड़ी वहाँ पर एक भी बाल नहीं थे वो जगह काफ़ी सेक्सी लग रही थी मुझसे रहा नहीं गया मैने भाभी की आर्मपिट पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा भाभी भी सिसकारियां भरने लगी और बोली पहले मालिश कर लो उसके बाद ये सब करेंगे।

मैने भाभी की ब्रा निकाल दी ओह क्या चूचियाँ थी गुलाबी रंग की चूचियों पर गहरे रंग के निप्पल सितम ढा रहे थे, मैने तुरन्त ही अपने हाथों से एक को पकड़ लिया और दूसरी को अपने जीभ से सहलाने लगा। ५ मिनट के बाद भाभी ने कहा चलो लेट जाती हूँ अब तुम मेरी मालिश करो, भाभी ने समझाया कि तेल निकाल कर सीधे चूचिओं पर गिराओ और क्लोकवाइज़ अपनी हथेलियों से मालिश करो, मैं अपनी हथेलियां फ़ैला कर कुछ तेल उस पर डाला और भाभी के बूब्स पर मालिश करने लगा। भाभी लेटी हुई थी और मैं उसकी बगल में बैठा था मेरे लंड में तनाव आने लगा, मैं बूब्स की तेजी से मालिश करने लगा भाभी बोली एक समान दबाव बना कर ठीक तरह से मालिश करो लेकिन थोड़ी देर बाद मैं फ़िर तेजी से मालिश शुरु कर देता, अब भाभी ने कहा मुझे समझ में आ गया है ऐसा क्यों हो रहा है, भाभी ने कहा तुम अपनी पैंट उतार दो मैने तुरन्त ही आज्ञा का पालन किया, भाभी ने मेरे लंड की तरफ़ देखते हुए कहा चलो मैं तुम्हारे लंड की मालिश करती हूँ तुम मेरे बूब्स की करो जिस तेजी से मैं करूंगी उसी तरह तुम भी करना, अब एक हाथ से भाभी मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी और मैं भाभी की चूचियों की मालिश कर रहा था अचानक मुझे लगा कि मेरे लंड से वीर्य निकलने वाला है और जब तक मैं कुछ समझता सारा वीर्य निकल कर भाभी की चूचियों पर फ़ैल गया.

भाभी ने आँखें खोल कर पूछा क्या झड़ गया क्या? मैं कुछ नहीं बोला तो भाभी ने कहा अब इससे भी मालिश कर दो मैने भाभी की चूचियों पर लग भग २५ मिनट तक मालिश की। उसके बाद भाभी ने कहा चलो लेट जाओ मैं जब लेट गया तो भाभी ने अलमारी से एक क्रीम निकाली और मेरे लंड और मेरे बाल्स पर लगा दिया मैने भाभी से कहा ये क्या लगाया है तो उसने कहा अभी थोड़ी देर में पता चल जाएगा करीब आधे घंटे तक भाभी मेरे लंड से खेलती रही उसके बाद उसने मेरे लंड को कपड़े से पोंछ दिया, आश्चर्य, मेरे लंड के चारों तरफ़ के बाल गायब हो गये थे भाभी ने कहा कल ये मेरे मुंह में घुसे जा रहे थे इस लिए मैने इन्हें साफ़ कर दिया है। अब मेरी समझ में आया कि भाभी की चूत पर कोई बाल क्यो नहीं थे।

भाभी ने मेरी नाभि और लंड पर उपर से तैल डाल दिया और मालिश करने लगी भाभी के मुलायम हाथ और जैतून के तैल ने मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ा दी मेरा लंड भाभी को सलामी देने लगा, मैं भी एक हाथ से भाभी की चूत खोजने लगा वातावरण गरम हो चुका था अब भाभी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया, मैं भाभी की चूत को पैंटी के ऊपर से ही चूमने लगा, ओह क्या खुश्बू आ रही थी। साइड से मैने जीभ घुसाने का प्रयास करने लगा तो भाभी ने अपने से ही पैंटी निकाल दी अब मेरे सामने दुनिया की सबसे खूबसूरत सृष्टि थी

भाभी ने कहा इसकी मालिश नहीं करोगे? मैने कहा क्यों नहीं, यह कह कर मैने चूत की मालिश शुरु कर दी चूत के दोनो भाग खोल कर देखे तो उनसे रस बह रहा था मैने उसका स्वाद चखने के लिए अपने होंठों को सही जगह फ़िट कर दिया वाह! क्या स्वाद था दुनिया की किसी चीज में ऐसा नशा नहीं होता जो मुझे मिल रहा था नमकीन स्वाद मेरे मुंह में भर गया और तभी भाभी ने अपने हिप्स को आगे पीछे ढकेलना शुरु कर दिया करीब ७ मिनट बाद भाभी ने मेरे सिर को पीछे ढकेल दिया और निढाल हो गई मैने उनके बूब्स छूने चाहे तो उन्होंने मना कर दिया, कुछ देर तक हम उसी तरह रहे फ़िर भाभी ने कपड़े पहनने शुरु कर दिये मैने भी अपने कपड़े पहन लिए फ़िर मैने कहा मेरा मन तुम्हारी चूत को चोदने को कर रहा है भाभी ने कहा फ़िर किसी दिन करेंगे मैं जब चलने लगा तो भाभी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया हम दोनो एक दूसरे को पकड़ कर काफ़ी देर तक खड़े रहे तभी घड़ी ने ४ बजे की घंटी बजाई तो भाभी ने छूटते हुए कहा अब घर जाओ कल मैं नहीं रहूंगी जब मैं आ जाउंगी तो तुम आना। दूसरे दिन मुझे भाभी की याद आती रही। आगे की कहानी बाद में। Sex Stories

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हाय! रीडर्स मेरा नाम मनीष है। sex stories और मैं मनीषकोट (गुजरात) में रहता हूं, मेरे घर में तीन लोग हैं, मैं,पापा और मां मेरी मां बहुत खूबसूरत हैं और कोई भी मर्द उसे देखे तो उस का दीवाना हो जाये उसके। उसके दोनों दूध इतने बड़े है कि कभी भी उसके ब्लाउज़ में नहीं आते और बाहर से उसकी सत देखती है

हमारा जो भाजी वाला है वो मां से पैसे भी नहीं लेता क्योंकि जेब मां सब्जी खरीद ने जाती है तो वो झुकती है और उसके दोनों चूची बिल्कुल उसके सामने देखते है और उसकी धोती में उसका डंडा खड़ा हो जाता है… ये तो हुई रोज़ की बात लेकिन में अब आप को जो कहानी सुनाने जा रहा हूं वो सब कुछ मेरी आंखों के सामने हुआ है…

मैंने 12वीं पास कर लिया है अब मुझे बोम्बे की युनिवर्सिटी मे पढ़ाना था वहाँ मेरे अंकल रहते हैं, पापा ने उनसे बात की वो घर आये और सब कुछ समझने के बाद पापा ने मुझे वहाँ जाने के लिये हाँ कहा मैं वहाँ चला गया और थोड़े दिनों बाद घर से मां का फोन आया और मुझसे पूछा कि तु खुश है तो मैंने कहा हाँ फ़िर मां ने कहा जरा अंकल को फोन देना तो मैंने दिया और चला गया

तभी मुझे याद आया कि मुझे अपने दोस्त को फोन करना था मैंने दूसरी लाइन से फोन करने वाला था मैंने जैसे ही रिसीवर उठाया अभी मां और अंकल बातें कर रहे थे मैं वो बातें सुनने लगा

अंकल ने मां से पूछा तुम कब आ रही हो तो मां बोली थोड़े दिनो में!

तब अंकल ने कहा- तुम्हारी गांड, पिकी और बोबले केसे हैं?
ये सुनकर मैं सुन्न हो गया.

तब मां ने जवाब दिया वहाँ आ रही हूं तब सब देख लेना तो अंकल ने कहा तुम्हारा पति नहीं आ रहा?
तो मां मुस्कुरा कर बोली- नहीं।
मां ने कहा- मेरे आने के बाद मुझे मौज कराओगे?
अंकल ने कहा हाँ क्यों नहीं तुम देखना तुम्हारी चुदाई में कोई कसर नहीं होगी!
फ़िर दोनों ने फोन रख दिया…

थोड़े दिनो में मां वहाँ आयी और अंकल उनको देख कर खुश हो गये वो तो मैं वहाँ खड़ा था इसलिये अंकल में कुछ रिएक्शन नहीं देखा था थोड़ी देर के बाद अंकल ने मां के सामने देख कर अपने लौड़े पर हाथ फ़िराया मां ने हाँ में सिर हिलाया फ़िर मां ने मुझसे कहा तुम ऊपर जाओ मुझे अंकल से कुछ बातें करनी है

मैं भी समझ गया था कि आज मां अपनी चुदाई करवाने वाली है
जैसे ही मैं गया दरवाजा बंद हो गया तो मैं वापस आया और की होल में से देखने लगा और बात चीत सुनने लगा…।

मां: क्या आप रात तक नहीं रुक सकते, आज लड़के को पता चल गया तो वो आप के भाई को बता देगा,

अंकल: मेरी रानी उसे कुछ नहीं पता चलेगा, तू चल अपने कपड़े उतार

मां: मुझे शरम आती है,

अंकल:अरे कितनी बार तो तुझे चोद चुका हूं मुझसे कैसी शरम डार्लिंग

मां: अगर मेरा बेटा नीचे आया तो…

अंकल: नहीं आयेगा चलो चलो…

फ़िर अंकल मां के पीछे आये और पीछे से मां की साड़ी और पेटीकोट कमर तक ले गये मैंने देखा कि मां की गांड दिख रही थी थोड़ी देर अंकल ने उसे सहलाया मां के मुंह से अजीब आवाज आ रही थी आअह्हह… आअह्हहा आह्हहा अह्हह ऊऊउह्ह हहाआआ…

मां के कहा- चलो ना डाल दो ना’ तो देर तक मुझे समझ नहीं आया क्या डाल दो फिर अंकल ने अपनी लुंगी में से अपना बड़ा लौड़ा निकाला और मां को देखते हुए बोले ले चाट ले…… मां बिना कुछ कहे चाट ने लगी जब मां चाट रही थी तब अंकल ने उनकी ऊँगली मां की गांड में घुसा दी मां उछल पड़ी और मुंह से आवाज निकल गयी आआहह ह्हहाह और बोली ‘क्या कर रहे हो, बता ना तो चाहिये’ तो अंकल मुस्कुराते हुए बोले ‘बता तो तुम यूं थोड़ी उछलती’ फ़िर अंकल बहुत उत्तेजित हो गये थे और उसने मां के कपड़े उतारने के बदले फ़ाड़ने शुरु कर दिये मां भी उत्तेजित हो चुकी थी फ़िर उस ने मां को आगे की तरफ़ झुकाया और मां की गांड में अपना लौड़ा डालने लगे लेकिन जा नहीं रहा था तब मां ने उनकी हेल्प की, अपने दोनों हाथों से अपनी गांड फ़ैलाते हुए बोली ‘चलो ये रास्ता क्लीयर है’ अंकल ने एक ही झटके में अपना लौड़ा डाल दिया और मां के मुंह से आआअ… अ…अअ…ह ह्हह्हह हह मार डाला आअ आआ आआअ… ह्ह दर्द कर रहा है आअ अहहहहा अह…अह… अह… अहह…अ हा अहा ह

फ़िर अंकल अपना लौड़ा अंदर बाहर करने लगे और तेजी से मुंह से आआअ… अ… अअ…ह ह्हह्हह की आवाज चल रही थी 15 मिनट के बाद दोनों शांत पड़ गये

तब मुझे लगा कि अंकल ने अपना वीर्य मां की गांड में छोड़ दिया है फ़िर दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे फ़िर 5 मिनट के बाद अंकल उठे और अपना लौड़ा मां के मुंह में रख दिया और मां भी उसे लोलीपोप समझकर चूस ने लगी 15 मिनट तक ऐसा ही हुआ फ़िर शायद अंकल फ़िर तैयार हो गये उसने मां की चूत पर हाथ फ़िराते हुए कहा ‘अब इस की बारी है’

तो मां बोली- हाँ, चलिये!
अंकल ने कहा ‘काफ़ी साफ़ है’
तब मां बोली ‘कल ही साफ़ की है’

फ़िर अंकल मां के ऊपर चढ़ गये और अपने लौड़े को अंदर डाल दिया और मां मुंह से आआअ… अ…अअ… ह्हह की आवाज शुरु हो गयी और बोली थोड़े देर रुकिये दर्द हो रहा है
लेकिन अंकल ने सुना नहीं और शोट लगाते गये और मां चिल्लाती गयी, मां के मुंह से आआअ… अ…अअ…ह ह्हह्हह हहह… हहह

आधे घंटे तक ऐसा चला फ़िर दोनों शांत पड़ गये 15 मिनट के बाद दोनों ने कपड़े पहने मां ठीक से चल भी नहीं पा रही थी लेकिन अंकल को और चोदने की इच्छा थी वो मां को पकड़ कर चूमने लगे

तब मां ने कहा- अब रात के लिये तो कुछ रखो, रात को मैं तुम्हारे पास ही आऊँगी!
अंकल ने कहा- ठीक है!
और वो दोनों दरवाजे की तरफ़ आये तो मैं ऊपर चला गया फ़िर मां ऊपर आइ मां कोई गीत गा रही थी मैंने मां को इतना खुश कभी नहीं देखा जब पापा मां की चुदाई करते हैं… और उस रात कि चुदाई sex stories फ़िर कभी बताऊँगा बाय बाय!!

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