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Massage Girl in Chitrakoot: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Chitrakoot who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Chitrakoot that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Chitrakoot massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Chitrakoot who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Chitrakoot massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Chitrakoot massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Chitrakoot who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Chitrakoot employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Chitrakoot helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Chitrakoot

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Chitrakoot at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

स्टेप मॉम सेक्स कहानी मेरे पापा की दूसरी बीवी की चुदाई की है. एक दिन मैंने उन्हें नंगी होकर किसी लड़के संग वीडियो सेक्स करते देखा. तो मैंने भी फ़ायदा उठाया.

दोस्तो, ये चुदाई कहानी मेरी और मेरी स्टेप मॉम रश्मि की है. अगर आपको ये रिश्ता ग़लत लगता हो तो प्लीज़ इस कहानी को आगे मत पढ़ें, इसे नजरअंदाज कर दीजिए.

अगर अपने लंड का पानी निकालना है और चूत में उंगली करनी है, तो पूरी कहानी पढ़ कर मजा लें.
इसस्टेप मॉम सेक्स कहानी में सब कुछ रियल है.

मेरा नाम आर्यन है. मैं यूपी से हूँ. मेरी सगी मॉम की डेथ के बाद डैड ने दूसरी शादी कर ली थी.

मेरे डैड का अपना बिजनेस है और वो हमेशा अपने काम में लगे रहते हैं, मॉम को ज़्यादा टाइम नहीं देते हैं.
डैड अपने व्यापार के लिए सुबह से ही निकल जाते हैं और वापस आने का कोई समय निश्चित नहीं रहता है.

मेरी मॉम का नाम रश्मि है, उनकी उम्र 44 साल की है और फिगर 36-32-38 का है.
मॉम के मस्त सेक्सी बूब्स और उठी हुई गांड एकदम हॉट लुक वाली लगती है. उनका रंग भी गोरा है.

मेरी मॉम इतनी ज्यादा कामुक दिखती हैं कि उनको देखकर किसी बुड्ढे का भी लंड खड़ा हो जाए.

यह चुदाई कहानी उस समय की है, जब मेरी उम्र 23 साल की थी.

एक बार की बात है, मैं घर पर था और अपने रूम में लैपटॉप पर पॉर्न देख रहा था.
उस वक्त मेरा लंड पूरे जोश में था और मैं मुठ मार रहा था.
कान में हेडफोन लगे होने की वजह से मुझे पता नहीं चला कि मॉम मेरे रूम में कब आ गईं.

मॉम ने मुझे पॉर्न देखने के साथ साथ मुठ मारते हुए भी देख लिया.
फिर जैसे ही मेरी नज़र मॉम पर पड़ी, मेरी तो गांड फट गई कि ये क्या हुआ.
मैं एकदम से डर गया था.

लेकिन अब तक जो होना था, वो तो हो ही चुका था.

मॉम ने गुस्से में मुझसे कहा- शर्म नहीं आती, ये सब करते हो!
मैंने सॉरी बोला लेकिन वो गुस्सा होकर रूम से चली गईं.

अब मुझे बहुत डर लग रहा था.
ये सोचकर मेरी फट रही थी कि मॉम इस बात को पक्का डैड को बोलेंगी और मेरी क्लास लगने वाली है.

ऐसे ही सारा दिन निकल गया … मैं अपनी फटी हुई गांड लिए मॉम से बचता रहा.

शाम को डैड आए, उन्होंने फ्रेश होकर खाना खाया और अपने रूम में सोने चले गए.
मैं देख रहा था कि डैड ने मुझसे कुछ नहीं कहा.
इससे मुझे समझ में आया कि मॉम ने अभी तक डैड को कुछ बताया नहीं होगा.

अगले दिन मैं दोस्त के घर चला गया और जब वापस आया तो आवाज से अंदाजा लगा कि मॉम अपने रूम में हैं और मोबाइल पर किसी से बात कर रही हैं.
मैं कान लगाकर ध्यान से सुनने लगा तो ऐसा लगा कि मॉम अपनी चूत में उंगली कर रही थीं क्योंकि उनकी आवाजों में कुछ कामुक स्वर शामिल थे.

मैं धीरे से रूम के अन्दर घुस गया क्योंकि रूम लॉक नहीं था.
मम्मी एकदम नंगी थीं.
मेरी खोपड़ी सनक गई कि ये क्या माजरा है.

मैं चुपचाप अन्दर आ गया. मॉम अपनी आंखें बंद करके चूत में उंगली करने में इतनी मगन थीं कि वो मुझे नहीं देख पाईं.

मैंने मोबाइल निकाला और उनका वीडियो बनाने लगा.
वो किसी सनी नाम के लड़के से बात कर रही थीं.

मैंने पूरी वीडियो ढंग से बना लीं और चुपचाप वहां से बाहर निकल कर अपने रूम में जाकर लेट गया.
अब मैं मॉम को सोचकर मुठ मारने लगा.

पहली बार मैंने मॉम को पूरी नंगी देखा था.
क्या मस्त गोरा बदन और बड़े बड़े मिल्की एकदम टाइट मम्मे थे. एकदम चिकनी चूत, जैसे आज ही शेव की हो

मेरा तो लंड फटा जा रहा था.
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था, मन कर रहा था कि अभी जाकर मॉम को चोद दूँ लेकिन इतनी हिम्मत नहीं थी.
आज के इस सीन से एक बात तो साफ़ हो गई थी कि डैड, मॉम की प्यास सही से नहीं बुझा पाते हैं.

अब मैं अपनी मॉम को चोदने के सपने देखने लगा.
मैं चाहता था कि मॉम खुद ही मुझसे चुदवाने को बोलें इसलिए मैं प्लान करने लगा.

शाम को डैड आ गए, फिर वही रूटीन, खाना खाकर सोने चले गए.

अगले दिन मॉम किचन में काम कर रही थीं.

मैं गया और पीछे से उनसे चिपक कर उस दिन के लिए सॉरी बोलने लगा क्योंकि उस दिन के बाद मॉम मुझसे बता नहीं कर रही थीं.
मॉम ने कुछ नहीं कहा.

उन्होंने मुझे नाश्ता दिया और मैं खाने के बाद दोस्त के पास चला गया.

अब मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया कि क्यों ना मॉम को वो वीडियो भेजूं, जो मेरे पास थी.
कुछ देर तक हर बिंदु पर सोचने के बाद मैंने ठान लिया कि कुछ भी हो जाए मॉम को अब चोद कर ही रहूँगा.

फिर मैं ज़रूरी काम से कुछ दिन के लिए अपनी मौसी के घर चला गया.
मैं मॉम को मिस कर रहा था.

रात को मैंने मॉम की वीडियो देखी और लंड हिलाते हुए मॉम के नंबर पर कॉल की.
मॉम ने हैलो बोला.
मैंने हालचाल पूछे और पूछा- डैड क्या कर रहे हैं?

मॉम बोलीं- डैड सो गए हैं.
मैंने कहा- मॉम नेट खोलो, मैंने आपको कुछ भेजा है.

उन्होंने कहा- क्या भेजा है?
मैंने कुछ नहीं कहा और कॉल कट कर दी.

फिर मैंने मॉम की न्यूड वाली वीडियो उन्हें भेज दी और थोड़ी देर के लिए अपना मोबाइल ऑफ कर दिया.

शायद मॉम का मूड खराब हुआ होगा इसलिए वो कॉलबैक कर रही होंगी.
लेकिन मेरा नंबर लगा ही नहीं.

इसलिए दस मिनट बाद मॉम ने मौसी के मोबाइल पर कॉल कर दी और उनसे बोलीं- आर्यन से बात करा दो.

मौसी का मोबाइल लेकर मैंने हैलो बोला.
मॉम बोलीं- ये कहां से मिली?

मैंने जानबूझ कर बोला- क्या?
मॉम बोलीं- पहले अपना मोबाइल ऑन करो और मुझसे बात करो. मैं उसी पर बात करूंगी.

मैंने तुरंत अपने मोबाइल से कॉल लगाई.
मॉम बोलीं- बेटा प्लीज़ बताओ, ये वीडियो कहां से मिला?
मैंने कहा- आप परेशान न हों.

तब मॉम मुझसे फोर्स करके पूछने लगीं.
मैंने कहा- डैड को भी भेज दूँ क्या?

वो रोने लगीं और बोलीं- नहीं, प्लीज़ ऐसा मत करना.
मैंने कहा- मैं तो आपको बहुत सती सावित्री समझता था और आप एक ब्वॉयफ्रेंड से बात करती हो!
मॉम बस सॉरी सॉरी बोल रही थीं.

मैंने कहा- मेरी बात सुनो और बताओ. सन्नी के साथ आप कितनी बार चुदी हो?
मॉम ने मेरे मुँह से ‘कितनी बार चुदी हो …’ शब्द सुने, तो मॉम हिल गईं और बोलीं- ये क्या बकवास कर रहे हो?

मैंने कहा- ठीक है, मत बताओ. फिर खुद ही समझना.
मॉम धीमे से बोलीं- बस अब तक 3 बार … उससे मिले ज़्यादा दिन नहीं हुए हैं.
मैंने कहा- डैड क्या अच्छे से चोदते नहीं हैं?

मॉम बोलीं- बहुत सालों से मेरे साथ तेरे डैड ने सेक्स नहीं किया इसलिए ग़लती हो गयी. अब आगे से किसी के साथ कभी नहीं करूंगी. लेकिन प्लीज़ वीडियो डिलीट कर दो.
मैंने कहा- एक ही शर्त पर. जब आप मुझे खुश करोगी.

तो मॉम गुस्सा हो गईं और उन्होंने फोन कट कर दिया.
मैंने मैसेज किया- अगर मुझे भी चोदने दोगी, तो डैड को नहीं बताऊंगा … और हां सोच लो आराम से. आपके पास अभी दो दिन का टाइम है.

अब अगले दिन सुबह 10 बजे मॉम ने कॉल किया.
शायद डैड के जाने के बाद फोन किया था.

मैंने पूछा- बोलो जान क्या सोचा!
मॉम बोलीं- लेकिन ये सब एक बार होगा … और वीडियो डिलीट करनी पड़ेगी.

मैंने कहा- ठीक है, लेकिन मैं घर पर नहीं करूंगा, कहीं बाहर चलो.
मॉम फिर डरने लगीं और बोलीं- घर पर क्या दिक्कत है?

मैंने कहा- मैं अच्छे से एंजाय करूंगा.
वो बोलीं- ठीक है, सब कुछ खुद ही मैनेज करो.

अब मेरे अन्दर सेक्स की आग भड़क रही थी.
मैं उसी दिन मौसी के घर से वापस निकल आया और शाम को घर आ गया.

मॉम अभी भी मुझसे डर रही थीं.
हम दोनों ने बात नहीं की.

डैड के आने बाद मैं डैड से कहा- मैं मॉम के साथ 4 दिन के लिए मसूरी जा रहा हूँ.
मॉम एकदम से बोलीं- अरे 4 दिन क्यों?

मगर तब तक डैड ने हां कर दी- हां चार दिन से कम में मसूरी का क्या मजा आएगा.
मॉम कसमसा कर रह गईं और मैं उन्हें देख कर मुस्कुराने लगा.

फिर अगले दिन हम दोनों अपनी कार से मसूरी निकल गए.
सफ़र में हम दोनों ने कुछ ज्यादा बात नहीं की और वहां पहुंचकर होटल में चैकइन कर लिया.

मैं इस होटल में अपनी बुकिंग पहले से ही कर ली थी.
ये एक अच्छा होटल था और हिल्स पर था.

कमरे में आकर मैं फ्रेश होने चला गया.
मॉम को तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे क्या होगा.

मेरे फ्रेश हो कर आने के बाद मॉम बाथरूम में चली गईं और थोड़ी देर बाद मॉम एक काले रंग के मस्त गाउन में बाहर आ गईं.
उनको देखकर मेरा लंड टाइट हो गया.

मैंने मॉम को ज़ोर से अपनी बांहों में भर लिया.
मैं उनकी गांड दबाने लगा. मॉम के गले पर किस करने लगा.

मॉम कुछ उदास थीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ, आप घर से इतनी दूर आई हो, एंजाय करो न मेरी जानू मॉम!

मॉम बोलीं- वीडियो डिलीट करो, मुझसे ग़लती हो गयी.
लेकिन मैंने कहा- आप खुद को किसी दूसरे से संतुष्ट करवाओ, ये मुझे मंजूर नहीं है.

वो मेरी बात सुनकर चुप हो गईं.
मैं उन्हें चुप देखकर नहीं रुका और उनको किस करने लगा.
अब मैं मॉम के बूब्स भी दबा रहा था.

मॉम धीरे धीरे गर्म हो रही थीं और उनका विरोध भी ना के बराबर हो गया था.

अब मॉम ने धीरे से कहा- ये सब तो घर पर भी हो सकता था, यहां क्यों लाए हो. मेरी तुमसे रिक्वेस्ट है, प्लीज़ वीडियो डिलीट कर दो.

मैंने उनकी एक नहीं सुनी. मैं अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और किस करने लगा.
पहले तो काफ़ी देर तक मॉम ने होंठ नहीं खोले, लेकिन मेरे हाथ उनकी चूत में चलने की वजह से अब मॉम की चूत का रस निकलने लगा था.

मतलब उनका मूड बन चुका था.
तभी मॉम ने मेरे होंठों को चूसना स्टार्ट कर दिया और उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसा दी.

अब मुझसे भी सब्र नहीं हुआ. मैंने मॉम को बेड पर पटक दिया और उनके गाउन को हटा दिया.
मॉम ने कुछ नहीं बोला.

मैं उनके बूब्स ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
कुछ ही देर में मॉम मस्ती में आ गई थीं और आहें भरने लगी थीं.

मैंने अपनी दो उंगलियां चूत में एकदम से घुसा दीं.
मॉम एकदम से उछल गईं ‘आह मर गई …. ऊऊह …’
कुछ देर में मॉम ने मेरी उंगलियों से अपनी में मजा लेना शुरू कर दिया.

फिर मॉम ने मेरा लंड ज़ोर से अपनी मुट्ठी में भर लिया और दबाने लगीं.

अब मैंने भी झट से अपने कपड़े उतारे और मॉम के नंगे जिस्म पर चढ़ गया.
मैंने मॉम की ब्रा को भी फाड़ डाला.
मॉम ने कुछ नहीं कहा. मॉम ने अपनी पैंटी पहले ही उतार दी थी इसलिए अब वो मेरे सामने पूरी नंगी लेटी थीं और मस्त माल लग रही थीं.

मैं मॉम के दूध चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
मैंने मॉम के मम्मे इतने अधिक दबाए कि चूचे एकदम लाल हो गए.

मैं मॉम के दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा और उनके दूध चूसते हुए नीचे आ गया.

मैंने अपनी जीभ उनकी नाभि में घुसा दी और फिर सीधा चूत पर आ गया. मैंने अपना मुँह मॉम की चूत पर रख दिया और जीभ डालकर चूत का स्वाद लेने लगा.

एकदम रसदार नमकीन पानी बह रहा रहा था.
मेरी मॉम भी पूरे जोश में आ गई थीं. वो बोलीं- अब जल्दी से पेल दो.

मैंने दस मिनट तक मॉम की चूत को जीभ डालकर चूसा.
कुछ ही देर में मेरी मॉम ने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया था.

कुछ देर तक और चूत चाटने के बाद मैं उठा और मॉम से लंड चूसने के लिए बोला.
पहले तो मॉम ने मना किया लेकिन फिर मुँह में लंड ले लिया.

मुझे मजा आने लगा और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड मॉम के मुँह में घुसेड़ दिया.

मेरा लंड उनके गले में जाकर फंस गया था.
मॉम बुरी तरह से छटपटा रही थीं लेकिन मैं जोरदार तरीके से लंड पेलता रहा.
कुछ ही पलों में मॉम का मुखड़ा एकदम लाल हो गया.

पूरा मुझे इतना जोश चढ़ गया था कि मैंने मॉम के मुँह में ही अपना सारा माल निकाल दिया.
लंड उनके गले में था तो लंड का सारा माल मॉम के मुँह के अन्दर चला गया.

मॉम हौ हौ करने लगीं और तुरंत उठ कर थूकने के लिए जाने लगीं.
उनके मुँह में बचा हुआ माल जो उन्हें थूकने के लिए मजबूर कर रहा था.

मैंने उनके बाल पकड़े और अपना मुँह मॉम के होंठों पर रख दिया, उन्हें किस करने लगा.
मैं पहली बार अपने लंड का माल अपने मॉम के मुँह से लेकर स्वाद ले रहा था. मैं मॉम के मुँह में जीभ डालकर उन्हें किस करने लगा.

मुझे इतना मज़ा आया कि मेरा लंड फिर से फनफ़ना गया.
कुछ देर किस करने के बाद मैंने मॉम को बेड पर लिटाया और मैंने नीचे खड़े होकर अपना मोटा लंड मॉम की टाइट चूत में लगा दिया.

एक बार मैंने मॉम की तरफ देखा और ज़ोर से धक्का दे दिया.
मॉम की चूत गीली होने की वजह से सट से पूरा लंड चूत के अन्दर घुस गया.

उनके मुँह से चीख निकल गई.
वो सीत्कार करने लगी- आआहह उआहह बेटा ऊऊओह आहह ऊऊउ अया बेटा आराम से कर ना … प्लीज़ दर्द हो रहा है.

तभी मैंने मॉम के होंठों को अपने मुँह में लॉक किया और ज़ोर के झटकों के साथ उनकी चूत चुदाई करने लगा.

दो मिनट बाद बाद मॉम को भी चूत चुदवाने में मज़ा आने लगा. वो अपनी गांड उठाकर लंड लेने लगीं.

अब मैंने मॉम से कहा- मजा आ रहा है.
मॉम मुस्कुरा दीं और बोलीं- मैं चुदाई के लिए कबसे तरस रही थी … इसी वजह से मुझे सनी से अपनी चूत चुदवानी पड़ी. मगर अब मैं खुश हूँ.

मैंने कहा- अब आप लंड की सवारी करो,
मैंने लंड चूत से खींचा और बेड पर लेट गया. मॉम को मैंने अपने लंड पर बैठा लिया. मॉम भी अपनी चूत फंसा कर लौड़े पर बैठ गईं और अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी थीं.

मॉम की चूचियां मस्त हिल रही थीं और उनकी मादक सिसकारियां मुझमें जोश भर रही थीं.
कुछ मिनट तक ऐसे ही चुदाई होने के बाद मॉम अकड़ने लगीं और मेरे ऊपर गिर गईं.
वो मेरे सीने पर गिर कर निढाल हो गईं.

मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया और उनके चेहरे को चूमने लगा.
मेरा लंड अभी भी कड़क था और मॉम की चूत में घुसा हुआ था.

कुछ देर बाद मैंने मॉम को उल्टा किया और मॉम के ऊपर चढ़ गया.
एक बार फिर से मैं लंड पेल कर पूरे जोश के साथ मॉम की चूत को चोदने लगा.

मॉम बोलीं- आंह जल्दी जल्दी से चोद दे बेटा … आअह हहह बहुत मज़ा आ रहा है.

मैंने उनकी गर्दन को चूमते हुए कहा- मॉम, अब आपको लंड की कमी कभी महसूस नहीं होगी. मेरे लंड से आप जब चाहे मजा ले सकती हैं.
मॉम मुझसे चुदवा कर खुश थीं.

अब मॉम ने मुझे अपनी दोनों टांगों में दबा लिया और एकदम से मेरा सारा माल उनकी चूत में निकल गया.

मॉम ने जब तक मुझे दबाए रखा जब तक पूरा माल उनकी चूत में नहीं गिर गया.
उनकी गर्म चूत से निकल रहे लावा का अहसास भी मेरे लंड को हो रहा था.

अब मेरा लंड ढीला पड़ गया और मैं भी ऐसे ही मॉम के ऊपर लेटा रहा.
हम दोनों मां बेटा इस मधुर चुदाई से इतना थक गए थे कि पता ही नहीं चला, कब नींद आ गई.

देर शाम को करीब 9 बजे मेरी आंख खुली.
मैंने देखा मॉम नंगी ही सो रही थीं.
मेरे बगल में नंगी मॉम मुझे बहुत हॉट लग रही थीं.

तभी मैंने मोबाइल की रोशनी जलने लगी. मोबाइल साइलेंट मोड पर था. मैंने फोन उठाया और देखा कि डैड की कॉल आ रही है.

मैंने डैड से हैलो बोला.
डैड ने हालचाल पूछे और मॉम के बारे में पूछा.

मैंने मॉम को जगाया और उनके हाथ में मोबाइल थमा दिया.
मॉम अब भी शर्मा रही थीं.
वो उठ कर बाथरूम में जाने को हुईं लेकिन मैंने उन्हें उठने नहीं दिया.

मैं उनके बूब्स दबाने लगा.

मॉम डैड से फोन पर बता कर रही थीं और अपने बेटे के साथ नंगी पड़ी थी.

मेरे ज़ोर से बूब्स दबाने की वजह से मॉम की आह निकल गई.

पापा ने पूछा- क्या हुआ?
मॉम- कुछ नहीं.

फिर मॉम ने कॉल कट कर दी.
उसके बाद मैं उठकर फ्रेश होने चला गया.
मॉम भी अन्दर नंगी ही आ गईं.

मैंने मुस्कुरा कर उनकी तरफ देखा.
वो बोलीं- मुझे सुसु करना है.
मैंने कहा- हां कर लो.

तभी मुझे मस्ती सूझी. मैंने मॉम को दीवार के सहारे खड़ा किया और उनकी चूत में अपनी जीभ लगा दी.
मैंने इशारे कहा- अब मूतो.

मुझे मॉम ने बहुत रोका लेकिन मैं नहीं माना.

मॉम की चूत पानी टपकाने लगी. मॉम खुद से मेरे मुँह में झटके मारने लगीं और एकदम से बोलीं- अब हटो … सुसु आ रही है.

लेकिन मैंने पीछे से उनकी गांड को इतनी ज़ोर से पकड़ा हुआ था और जीभ अन्दर चूत में डालकर चूस रहा था कि मॉम कुछ कर ही ना सकीं और उनका मूत निकलने लगा.

मॉम की चूत से पूरी पेशाब मेरे मुँह में चली गई; कुछ बाहर भी टपक गई.

मुझे अपनी मॉम की पेशाब पीकर इतना मज़ा आया दोस्तो कि क्या बताऊं.

उधर मेरी मॉम शर्म से लाल हो गयी थीं और शरारती मुस्कान देती हुई बोलीं- पागल, ऐसे कौन करता है.
मैंने कहा- मॉम, तेरा बेटा करता है.

फिर मैं उठा और तभी मॉम ने शॉवर ऑन कर दिया.
हम दोनों पानी के नीचे नंगे खड़े थे पानी से नहाने लगे और मस्ती करने लगे.

हम दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया और चुदास भड़क गई तो फिर से एक राउंड चुदाई की.

अब मॉम मुझसे खुलने लगी थीं.
मॉम ने मुझसे कहा- इतना मज़ा मुझे अपनी लाइफ में कभी नहीं आया.

मैंने मॉम को आई लव यू बोला.
मॉम ने भी मुझे लव यू टू आर्यन बोला.

ऐसे ही 4 दिन तक हम दोनों ने बहुत मस्ती की.
मैंने मॉम को बहुत सारी हॉट सेक्सी ड्रेस भी दिलाईं.

मॉम ने मुझसे एक प्रॉमिस लिया कि ये बात डैड को पता नहीं चलना चाहिए और अकेले में मैं मॉम को उनके नाम से बुलाऊं.
मेरी मॉम मुझसे बोली- अब से तू मुझे मॉम समझ कर नहीं, बीवी बनाकर चोदेगा.

इस तरह से मॉम ने अपने बेटे के लंड को चूत की मस्ती देना शुरू कर दी थी.
आज भी डैडी को स्टेप मॉम सेक्स की बात नहीं मालूम है कि मेरी मॉम मुझसे चुदवाती हैं.

दोस्तो, आपको अगली चुदाई कहानी में लिखूँगा कि घर वापस आने के बाद मॉम ने मुझे किस किस तरह से चूत और गांड चुदाई का मजा दिया और उनकी एक ख़ास सहेली को भी बिना अपनी चुदाई की जानकारी दिए मुझसे चुदवा दिया.

Hindi Sex Stories

मास्टरजी क्योंकि पीठ की Hindi Sex Storiesमालिश में मग्न थे, सुलेखा की योनि गीली होने का दृश्य नहीं देख पाए। उनकी नज़र पीठ की तरफ और ध्यान चूतड़ों से स्पर्श करती अपनी निकर पर था जिसके कारण उनका लिंग कठोर से कठोरतर होता जा रहा था।

उन्हें याद नहीं आ रहा था कि इससे पहले उनका लंड इतनी जल्दी कब दुबारा सम्भोग के लिए तैयार हुआ हो!! उन्हें अपने आप पर गर्व होने लगा पर साथ ही चिंता भी होने लगी कि इस अवस्था से कैसे निपटें? वे नहीं चाहते थे कि सुलेखा को उनका विराट लंड दिख जाये। उन्हें डर था वह घबरा कर भाग न जाए।

स्थिति पर काबू पाने के लिए वे सुलेखा के ऊपर से हट गए और उसकी बगल में बैठ कर उसकी गर्दन और कन्धों को सहलाने लगे। उन्होंने सुलेखा के निचले शरीर पर चादर भी उढ़ा थी।

सुलेखा के कामोत्तेजन को जैसे अचानक ब्रेक लग गया। उसे थोड़ा बुरा लगा पर राहत भी महसूस की। उसे अपने ऊपर गुस्सा भी आ रहा था कि अपने ऊपर संयम क्यों नहीं रख पा रही है।
उसे लगा कि मास्टरजी क्या सोचेंगे अगर उन्हें पता लगा कि उसके शरीर में कैसी कशिश चल रही है। वे तो उसका इलाज करने में लगे हैं और वह किसी और प्रवाह में बह रही है!

अपने ऊपर सुलेखा को शर्म आने लगी और मन ही मन मास्टरजी का धन्यवाद किया कि वे उसके ऊपर से उठ गए और उसको ढक दिया। अब उन्हें सुलेखा की योनि की अवस्था का पता नहीं चलेगा, जो कि सम्भोग के लिए तत्पर हो रही थी।

थोड़ी देर में मास्टरजी का लिंग मायूस हो कर सिकुड़ गया और सुलेखा की योनि भी बुझ सी गई। दोनों को इससे राहत मिली।

सुलेखा नहीं चाहती थी कि मास्टरजी को उसकी कामोत्तेजना के बारे में पता चले। कहीं वे उसे बुरी और बदचलन लड़की न समझने लगें।
उधर मास्टरजी नहीं चाहते थे कि सुलेखा उनके लिंग के विराट रूप को देख ले। उन्हें डर था सुलेखा डर के मारे भाग ही न जाए। वे सुलेखा के साथ अपने रिश्ते को धीरे धीरे विकसित करना चाहते थे और एक लम्बा सम्बन्ध बनाना चाहते थे।

मास्टरजी को जब यकीन हो गया कि उनका लंड नियंत्रण में आ गया है और उनकी निकर के आकार को नहीं ललकार रहा तो वे उठ खड़े हुए और सुलेखा को चित लेट जाने का आदेश दे कर कमरे से बाहर चले गए।

सुलेखा एक आज्ञाकारी शिष्या कि भांति चादर के नीचे ही करवट बदल कर सीधी हो गई। हालाँकि वह चादर के नीचे थी, फिर भी सहसा उसने अपने हाथों से अपने स्तन ढक लिए ताकि उसके वक्ष की रूपरेखा चादर पर न खिंचे।

वहाँ मास्टरजी ने गुसलखाने में जाकर अपने नटखट लंड को नियंत्रण में लाने के लिए एक बार फिर मामला हाथ में लिया और हस्त मैथुन करने लगे।
वे दुबारा अपने आप को ऐसी स्थिति में नहीं लाना चाहते थे जहाँ उन्हें सुलेखा से हाथ धोना पड़े। कुछ देर के प्रयास के बाद मास्टरजी का लंड एक बार फिर लावा उगलने लगा, पर इस बार पहले की भांति का ज्वालामुखी नहीं था। एक फुलझड़ी के मानिंद था।

मास्टरजी को इस राहत से तसल्ली मिली और वे एक नए भरोसे के साथ सुलेखा के पास आ गए। उनका लिंग एक भीगी बिल्ली की तरह असहाय सा निकर में लटक रहा था और गवाएँ हुए दो मौकों का अफ़सोस कर रहा था।

सुलेखा के चित्त लेटने से एक समस्या यह खड़ी हुई कि अब दोनों एक दूसरे को देख सकते थे। पर दोनों ही एक दूसरे से आँख नहीं मिलाना चाहते थे क्योंकि दोनों के मन में ग्लानि भाव था। एक अजीब सी चुप्पी का वातावरण छा गया था।

इतने में सुलेखा ने अपने हाथ चादर से बाहर निकाल कर अपनी आँखों पर रख लिए और आँखें मूँद लीं। उसे शायद ज्यादा शर्म महसूस हो रही थी क्योंकि नंगी तो वह थी!!!

उसकी इस हरकत से दो फायदे हुए। एक तो दोनों की आँखों का संपर्क टूट गया और दूसरे सुलेखा के वक्ष स्थल से उसके हाथों का बचाव चला गया।

सुलेखा की साँसें उसकी छाती को ऊपर नीचे कर रहीं थीं जिस से उसके स्तनों के ऊपर रखी चादर ऊपर नीचे खिसक रही थी। इस चादर की रगड़ से उसकी चूचियों में गुदगुदी हो रही थी और वे उभर कर खड़ी हो गई थीं। उसके वक्ष की रूप रेखा अब चादर पर स्पष्ट दिखाई दे रही थी। मास्टरजी को यह दृश्य बहुत अच्छा लगा।

मास्टरजी ने अपने काम पांव की तरफ से आरम्भ किया। वे सुलेखा की छाती पर पड़ी चादर को नहीं छेड़ना चाहते थे। उन्होंने सुलेखा के पांव से लेकर जांघों तक की चादर उघाड़ दी और तेल की मालिश करने लगे।

तलवे तो पहले ही हो चुके थे फिर भी उन्होंने तलवों पर कुछ समय बिताया क्योंकि वे सुलेखा को गुदगुदा कर उसकी उत्तेजना को कायम रखना चाहते थे। तलवों के विभिन्न हिस्सों का संपर्क शरीर के विभिन्न अंगों से होता है और सही जगह दबाव डालने से कामेच्छा जागृत होती है। इसी आशा में वे उसके तलवों का मसाज कर रहे थे।

सुलेखा को इसमें मज़ा आ रहा था। कुछ देर पहले उसकी कामुक भावनाओं पर लगा अंकुश मानो ढीला पड़ रहा था। मास्टरजी की ऊँगलियाँ उसके शरीर में फिर से बिजली का करंट डाल रही थीं।

धीरे धीरे मास्टरजी ने तलवों को छोड़ कर घुटनों के नीचे तक की टांगों को तेल लगाना शुरू किया। यह करने के लिए उन्होंने सुलेखा के घुटने ऊपर की तरफ मोड़ दिए।
चादर पहले ही जाँघों तक उघड़ी हुई थी। घुटने मोड़ने से सुलेखा की योनि प्रत्यक्ष हो गई। सुलेखा ने तुंरत अपनी टाँगें जोड़ लीं। पर इस से क्या होता है!?

उसकी योनि तो फिर भी मास्टरजी को दिख रही थी हालाँकि उसके कपाट बिल्कुल बंद थे।

मास्टरजी ने खिसक कर अपने आप को सुलेखा के और समीप कर लिया जिस से उनके हाथ सुलेखा की जांघों तक पहुँच सकें।

सुलेखा की साँसें और तेज़ हो गईं और उसने अपने दोनों हाथ अपनी आँखों पर और कस कर बांध लिए।

मास्टरजी ने सुलेखा के घुटनों से लेकर उसकी जांघों तक की मालिश शुरू की। वे उसकी जांघों की सब तरफ से मालिश कर रहे थे और उनके अंगूठे सुलेखा की योनि के बहुत नज़दीक तक भ्रमण कर रहे थे।

सुलेखा को बहुत गुदगुदी हो रही थी और वह अपनी टाँगें इधर उधर हिलाने लगी। ऐसा करने से मास्टरजी के अंगूठों को और आज़ादी का मौका मिल गया और वे उसकी योनि के द्वार तक पहुँचने लगे।

सुलेखा ने शर्म से अपनी टांगें सीधी कर लीं और आधी सी करवट ले कर रुक गई। उसने अपनी टाँगें भी जोर से भींच लीं।

मास्टरजी ने उसकी इस प्रतिक्रिया का सम्मान किया और कुछ देर तक कुछ नहीं किया। सुलेखा की प्रतिक्रिया उसके कुंवारेपन और अच्छे संस्कारों का प्रतीक था और यह मास्टरजी को अच्छा लगा।

उनकी नज़र में जो लड़की लज्जा नहीं करती उसके साथ सम्भोग में वह मज़ा नहीं आता। वे तो एक कमसिन, आकर्षक, गरीब, असहाय और कुंवारी लड़की का सेवन करने की तैयारी कर रहे थे और उन्हें लगता था वे मंजिल के काफी नज़दीक पहुँच गए हैं।

थोड़े विराम के बाद उन्होंने सुलेखा को करवट से सीधा किया और बिना टांगें मोड़े उसकी मालिश करने लगे। उन्हें शायद नहीं पता था कि सुलेखा की योनि फिर से गीली हो चली थी और इसीलिए सुलेखा ने इसे छुपाने की कोशिश की थी।

सुलेखा ने अपने होंट दांतों में दबा रखे थे और वह किसी तरह अपने आप को क़ाबू में रख रही थी जिससे उसके मुँह से कोई ऐसी आवाज़ न निकल जाए जिससे उसको मिल रहे असीम आनंद का भेद खुल जाए।

मास्टरजी ने स्थिति का समझते हुए सुलेखा की जांघों पर से ध्यान हटाया। उन्होंने उसके पेट पर से चादर को ऊपर लपेट दिया और उसके पतले पेट पर तेल लगाने लगे।

सुलेखा को लग रहा था मानो उसका पूरा शरीर ही कामाग्नि में लिप्त हो गया हो। मास्टरजी जहाँ भी हाथ लगायें उसे कामुकता का आभास हो।
यह आभास उसकी योनि को तर बतर करने में कसर नहीं छोड़ रहा था और सुलेखा को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे!!
उसे लगा थोड़ी ही देर में उसकी योनि के नीचे बिछी चादर गीली हो जायेगी।

मास्टरजी को शायद उसकी इस दशा का भ्रम था। कुछ तो वे उसकी योनि देख भी चुके थे और कुछ वे सुलेखा के शारीरिक संकेत भी पढ़ रहे थे। उन्हें पुराने अनुभव काम आ रहे थे।

सुलेखा के पेट पर हाथ फेरने में मास्टरजी को बहुत मज़ा आ रहा था। इतनी पतली कमर और नरम त्वचा उनके हाथों को सुख दे रही थी।
वे नाभि में अंगूठे को घुमाते और पेट के पूरे इलाके का निरीक्षण करते।
उनकी आँखों के सामने सुलेखा की योनि के इर्द गिर्द थोड़े बहुत घुंघराले बाल थे जो योनि को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहे थे।
सुलेखा ने अपनी टाँगें कस कर जोड़ रखी थीं जिससे योनि ठीक से नहीं दिख रही थी पर फिर भी मास्टरजी की नज़रों के सामने थी और उनकी नज़रें वहाँ से नहीं हट रही थीं।

अब मास्टरजी ने सुलेखा की छाती पर से चादर हटाते हुए उसके सिर पर डाल दी। अब वह कुछ नहीं देख सकती थी और उसके हाथ भी चादर के नीचे क़ैद हो गए थे।

मास्टरजी को यह व्यवस्था अच्छी लगी। इसकी उन्होंने योजना नहीं बनाईं थी। यह स्वतः ही हो गया था। मास्टरजी को लगा भगवान् भी उसका साथ दे रहे हैं।

मास्टरजी ने पहली बार सुलेखा के स्तनों को तसल्ली से देखा। यद्यपि वे इतने बड़े नहीं थे पर मनमोहक गोलनुमा आकार था और उनके उभार में एक आत्मविश्वास झलकता था। उनके शिखर पर कथ्थई रंग के सिंघासन पर गौरवमई चूचियाँ विराजमान थीं जो सिर उठाए आसमान को चुनौती दे रही थीं।

सुलेखा की आँखें तो ढकी थीं पर उसे अहसास था कि मास्टरजी उसके नंगे शरीर को घूर रहे होंगे। यह सोच कर उसकी साँसें और तेज़ हो रही थीं उसका वक्ष स्थल खूब ज्वार भाटे ले रहा था।

मास्टरजी का मन तो उन चूचियों को मूंह में लेकर चूसने का कर रहा था पर आज मानो उनके लिए व्रत का दिन था।
तेल हाथों में लगाकर उन्होंने सुलेखा के स्तनों को पहली बार छुआ।

इस बार उन्हें बिजली का झटका सा लगा। इतने सुडौल, गठीले और नरम वक्ष उन्होंने अभी तक नहीं छुए थे। उनका स्पर्श पा कर स्तन और भी कड़क हो गए और चूचियाँ तन कर और कठोर हो गईं।

जब उनकी हथेली चूचियों पर से गुज़रती तो वे दबती नहीं बल्कि स्वाभिमान में उठी रहतीं। मास्टरजी को स्वर्ग का अनुभव हो रहा था।
इसी दौरान उन्हें एक और अनुभव हुआ जिसने उन्हें चौंका दिया, उनका लिंग अपनी मायूसी त्याग कर फिर से अंगडाई लेने की चेष्टा कर रहा था।
मास्टरजी को अत्यंत अचरज हुआ।
उन्होंने सोचा था कि दो बार के विस्फोट के बाद कम से कम 12 घंटे तक तो वह शांत रहेगा। पर आज कुछ और ही बात थी।
उन्हें अपनी मर्दानगी पर गरूर होने लगा।
चिंता इसलिए नहीं हुई क्योंकि सुलेखा का सिर ढका हुआ था और वह कुछ नहीं देख सकती थी।

मास्टरजी ने अपने लिंग को निकर में ही ठीक से व्यवस्थित किया जिस से उसके विकास में कोई बाधा न आये।

जब तक सुलेखा की आँखें बंद थीं उन्हें अपने लंड की उजड्ड हरकत से कोई आपत्ति नहीं थी।
वे एक बार फिर सुलेखा के पेट के ऊपर दोनों तरफ अपनी टांगें करके बैठ गए और उसकी नाभि से लेकर कन्धों तक मसाज करने लगे।
इसमें उन्हें बहुत आनंद आ रहा था, खासकर जब उनके हाथ बोबों के ऊपर से जाते थे।

कुछ देर बाद मास्टरजी ने अपने आप को खिसका कर नीचे की ओर कर लिया और उसके घुटनों के करीब आसन जमा लिया। अपना वज़न उन्होंने अपनी टांगों पर ही रखा जिससे सुलेखा को थकान या तकलीफ़ न हो।

इधर सुलेखा को यह आँख मिचोली का खेल भा रहा था। उसे पता नहीं चलता था कि आगे क्या होने वाला है। यह रहस्य उसके आनंद को बढ़ा रहा था।

मास्टरजी के मसाज से उसकी योनि में तीव्र चंचलता पनप रही थी और वह किसी तरह योनि की कामना पूरी करना चाहती थी। पर लज्जा और मास्टरजी के डर से लाचार थी।

उस भोली को यह समझ नहीं आ रहा था कि मास्टरजी से डरने की तो कोई बात ही नहीं है। वे तो खुद इसी इच्छा पूर्ति के प्रयास में लगे हैं।

लज्जा का अब सवाल कहाँ उठता है? वह इस से ज्यादा नंगी थोड़े ही हो सकती है, भला! पर उसका विवेक तो वासना के भंवर में नष्ट हो गया था।

मास्टरजी को अपना नया आसन बहुत लाभदायक लगा। यहाँ से वे पैरों को छोड़ कर सुलेखा के पूरे जिस्म को निहार भी सकते थे और ज़रुरत पड़ने पर छू भी सकते थे।

उन्होंने जानबूझ कर अभी तक सुलेखा के चरम गुप्तांगों पर हाथ नहीं लगाया था। यह सुख वे अंत में लेना चाहते थे।

अब वे सुलेखा की योनि और गुदा का मसाज करने वाले थे। इस विचार के आने से उनके लंड में फिर से रक्त भरने लगा और वह तीसरी बार उदयमान होने लगा।

मास्टरजी ने मसाज की दो क्रियाएँ शुरू कीं। एक तो वे अपने हाथ सुलेखा की जाँघों से लेकर ऊपर कन्धों तक ले जाते और वापस आने पर अपने अंगूठों से उसकी योनि के चारों तरफ मसाज करते।
पहली बार जब उन्होंने ऐसा किया तो सुलेखा उछल पड़ी। उसकी योनि को आज तक किसी और ने नहीं छुआ था।

अचानक मास्टरजी के हाथ लगने से उसको न केवल अत्यंत गुदगुदी हुई, उसका संतुलन और संयम भी लड़खड़ा गया। उसके उछलने से हालाँकि उसके चेहरे से चादर नहीं हटी पर मास्टरजी का तना हुआ लंड ज़रूर उसकी योनि और नाभि को रगड़ गया।
यद्यपि लंड निकर के अन्दर था फिर भी उसका संपर्क सुलेखा को निश्चित रूप से पता चला होगा।

मास्टरजी ने सुलेखा से पूछा- क्या हुआ सुलेखा? मुझ से कोई गलती हुई क्या?
सुलेखा ने जवाब दिया- नहीं मास्टरजी, मैं चौंक गई थी। आप इलाज जारी रखिये!

यह कह कर वह फिर से लेट गई इस बार उसकी टांगें अपने आप थोड़ी खुल गई थीं।

मास्टरजी बहुत खुश हुए। उन्हें पता था कि सुलेखा पर काम वासना ने कब्ज़ा कर लिया है। वह अब उनके हाथों की कठपुतली बन कर रह गई है।

अब मास्टरजी निश्चिंत हो कर सुलेखा की नाभि से लेकर उसकी योनि तक का मसाज करने लगे।
उन्होंने धीरे धीरे योनि के बाहरी होटों को सहलाना शुरू किया और फिर अंदरूनी छोटे होंट सहलाने लगे।
योनि का गीलापन उनको मसाज में मदद कर रहा था।

सुलेखा की देह किसी लहर की तरह झूमने लगी थी। थोड़ी थोड़ी देर में उसकी काया सिहर उठती और उसका जिस्म डोल जाता।

अब मास्टरजी ने अपनी एक ऊँगली सुलेखा की चूत में थोड़ी सी सरकाई।

सुलेखा के मुँह से एक आह निकल गई।
वह कुछ भी आवाज़ नहीं निकालना चाहती थी फिर भी निकल गई।

मास्टरजी योनिद्वार पर और उसके आधा इंच अन्दर तक मसाज करने लगे। सुलेखा एक नियमित ढंग से ऊपर नीचे होने लगी।
प्रकृति अपनी लीला दिखा रही थी। काम वासना के सामने किसी की नहीं चलती तो सुलेखा तो निरी बालिका थी।

मास्टरजी अब एक ऊँगली लगभग पूरी अन्दर बाहर करने लगे। उनकी ऊँगली किसी हद तक ही अन्दर जा रही थी।
सुलेखा के कुंवारेपन का सबूत, उसकी झिल्ली, ऊँगली के प्रवेश का विरोध कर रही थी।

मास्टरजी को इस अहसास से अत्यधिक संतोष हुआ। अगर सुलेखा कुंवारी नहीं होती तो मास्टरजी को ज़रूर दुःख होता।

अब तो उनके हर्ष की सीमा नहीं थी। वे एक कुंवारी योनि का उदघाटन करेंगे इस ख्याल से उनके लंड ने एक ज़ोरदार सलामी दी और जा कर मास्टरजी के पेट से सट गया।

मास्टरजी ने हाथ बढा कर सोफे पर से एक तकिया खींच लिया और सुलेखा के चूतड़ों के नीचे रख दिया। इस से सुलेखा की गांड भी अब मास्टरजी के अधीन हो गई।

उन्होंने दोनों हाथों में तेल लगाकर एक हाथ से चूतड़ों पर मालिश शुरू की तथा दूसरे से उसकी चूत की। वे इस बात का ध्यान रख रहे थे कि उनकी ऊँगली से गलती से सुलेखा की झिल्ली न भिद जाए।

यह सौभाग्य तो वे अपने लंड को देना चाहते थे। इसलिए चूत की मालिश बहुत कोमलता से कर रहे थे। उन्होंने अपनी ऊँगलियाँ हौले हौले योनि के ऊपर स्थित मटर के पास ले गए जो कि स्त्री की कामाग्नि का सबसे संवेदनशील अंग होता है।

उसे छूते ही सुलेखा के मुँह से एक मादक चीख निकल गई। उसका अंग प्रत्यंग हिल गया और योनि में से 2-3 बूँद द्रव्य रिस गया।

मास्टरजी ने उसके योनि-रस में ऊँगलियाँ भिगो लीं और उन गीली उँगलियों से उसकी गांड के छेद की परिक्रमा करने लगे।

एक हाथ उनका मटर के दाने के आस पास घूम रहा था। सुलेखा आनंद के हिल्लोरे ले रही थी। अब उसकी देह समुद्र की मौजों की तरह लहरें ले रही थी उसका ध्यान इस दुनिया से हट कर मानो ईश्वर में लीन हो गया था।

अब उसे किसी की परवाह नहीं थी।
वह बेशर्मी से मास्टरजी का सहयोग करने लगी थी और निडर हो कर आवाजें भी निकाल रही थी।

उसकी योनि में सम्भोग की तीव्र ज्वाला भड़क उठी थी। उसका तड़पता शरीर भरपूर शक्ति के साथ मास्टरजी की ऊँगली को चूत में डलवाने के प्रयास में लगा था।
और अगर मास्टरजी सावधान नहीं होते तो सुलेखा मास्टरजी की ऊँगली से ही अपने कुंवारेपन को लुटवाने में कामयाब हो जाती।

मास्टरजी ने अवसर का लाभ उठाते हुए एक गीली ऊँगली सुलेखा की गांड के छेद में दबा दी। जैसे ही उन्होंने दबाव डाला उनके दरवाज़े की घंटी बज गई।
वे एकदम चौंक गए।
उन्हें लगा उनके दरवाज़े की घंटी का बटन सुलेखा की गांड में कैसे आ गया!!

उधर सुलेखा भी हड़बड़ा कर उठ गई और अपने कपड़े ढूँढने लगी। उसे अचानक शर्म सी आने लगी।

मास्टरजी ने उसे इशारे से दूसरे कमरे में जाने को कहा और खुद कपड़े पहनते हुए कमरे को सँवारने लगे।
इस दौरान उनका लंड भी मुरझा गया था जो कि अच्छा हुआ।

जब कमरा ठीक हो गया वे दरवाज़े की तरफ जाने लगे पर कुछ सोचकर रुक गए और सुलेखा के पास जा कर उसे पीछे के दरवाज़े से निकाल कर घर जाने को कह दिया।

उन्होंने उसके कान में कल फिर इसी समय आने को भी कह दिया। सुलेखा ने सर हिला कर हामी भर दी और चुपचाप घर को चल दी।

वे नहीं जानते थे कौन आया है और कितनी देर रुकेगा।

इसके आगे क्या हुआ, अन्तर्वासना में पढ़िये अगले अंक में!!!

आपको यहाँ तक की कहानी कैसी लगी मुझे ज़रूर बताइए। आपके पत्रों और सुझावों का मुझे इंतज़ार रहेगा, ख़ास तौर से महिला पाठकों का क्योंकि लड़कियों के दृष्टिकोण का मुझे आभास नहीं है। उनके परामर्श मेरे लिए ज़रूरी हैं। Hindi Sex Stories

मैं अजीत, मेरी उम्र 26 साल है और मैं एक सरकारी कर्मचारी हूँ.
मुझे चूत चाटने का बेहद शौक है.

आज मैं अपनी पहली सेक्स कहानी लेकर आया हूँ Xxx बुर की चुदाई का मजा लेने की.
मैं एक सरकारी काम से जबलपुर से दिल्ली जा रहा था.
मेरी ट्रेन शाम के 7 बजे जबलपुर से चली.
मैं सेकंड एसी कोच में सफर कर रहा था.

दोस्तो, मैं आपको बता दूँ कि मैं बहुत ही अनुशासन में रहने वाला युवा हूँ.
मुझे सामने से देखने से किसी को नहीं लगेगा कि मुझे चूत का इतना चस्का हो सकता है.

कोच में अन्दर आकर मैंने नजर घुमाई तो कुछ खास नजर नहीं आया.
मैं अपनी बर्थ पर लेट गया.

रात में करीब दो बजे एक लड़की मेरे सामने वाली सीट पर आकर लेट गई.
वह उसकी रिज़र्व सीट थी.

मैंने ध्यान से देखा तो वह अपने फ़ोन में एक चुदाई वाली ब्लू फिल्म देख रही थी.
मैं चुपचाप लेटा रहा.

थोड़ी देर बाद मैंने ध्यान दिया कि वह लड़की अपनी चूत में कुछ डाल रही है.

मेरा मन तो किया कि रंगे हाथ पकड़ कर चोद देता हूँ लेकिन फिर मैं सामान्य बना रहा और मैंने सुबह होने का इंतजार किया.
सुबह उसका कोमल और फूला हुआ बदन देख कर तो लंड अन्दर ही गीला हो गया.

मैंने ठान लिया कि इसको दिल्ली पहुंचने से पहले किसी भी तरह से पटाना है.

यहां मैं आपको बताना चाहूँगा कि मेरी अंग्रेजी बहुत ही अच्छी है और जब मैं अंग्रेजी बोलता हूँ उस वक्त मुझे बोलता देख कर कई बार लोग पलट कर भी देख लेते हैं.

मैंने सोचा अपनी इसी योग्यता से इसे सैट करने की कोशिश करता हूँ.

तो मैंने मुस्कुराते हुए उससे पूछा- आपका नाम क्या है?
उसने बताया- मेरा नाम दीक्षा है.

मैं- आपको कहां तक जाना है?
दीक्षा- जी, मुझे दिल्ली जाना है.

मैं- क्या करती हैं आप दिल्ली में?
दीक्षा- मैं एक आईटी कंपनी में जॉब करती हूँ और घर से वापस जॉब के लिए जा रही हूँ.

वह मुझसे बात करने लगी थी और उसने बताया कि वह लक्ष्मी नगर में कहीं रहती है और दिल्ली में उसका एक बॉयफ्रेंड भी है, जो उसके साथ ही उसकी कंपनी में काम करता है.
अब तक उसके बूब्स को देखकर मुझसे रुका नहीं जा रहा था क्योंकि उसके दूध बहुत कामुक लग रहे थे, एकदम तने हुए थे.

मेरी नजरें बार बार उसके मम्मों पर ही टिक रही थीं.
वह टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसके थिरकते मम्मों से साफ समझ आ रहा था कि उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी हुई है.

उसके बिना ब्रा में होने का सुबूत उसकी चूचियों के कड़क निप्पल भी इशारा दे रहे थे.

फिर मैंने सोच लिया कि हिम्मत करके चुदाई की बात भी छेड़ देता हूँ.

मैं- आपको हिंदी फिल्म पसंद है?
दीक्षा- हां, मुझे अच्छी लगती है.

मैं- मेरा मतलब एडल्ट फिल्म से है, जो आप रात में देख रही थीं.
दीक्षा- जी, वह मैं … वह …

उसका ये बुदबुदाना था कि मुझे मौका मिल गया.
मैंने एक हाथ उसके पैर पर रखा और कहा- कोई बात नहीं यार, मैं भी बहुत देखता हूँ लेकिन मुझे रियल वाली ज्यादा पसंद है और बस यही जानना चाहता था कि आपको कैसी वाली पसंद है?

वह शर्माती हुए आंखें झुका कर बोली- मुझे भी रियल वाली पसंद है.
मेरा हाथ अब उसकी जांघों तक जाने लगा था.

सुबह का टाइम था तो मैं ज्यादा कुछ ना कर सका मगर उसका विरोध ना देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने उससे कहा- एक काम करो अपना नंबर दे दो, मैं एक मस्त चुदाई वाली वीडियो भेजता हूँ.

उसने नंबर दिया तो मैंने उसे व्हाट्सप्प पर एक वीडियो भेजी.
वह फिल्म उसको अच्छी लगी.

अब मैंने उससे चैट पर ही पूछा- चुदना चाहती हो?

उसने कहा कि ट्रेन में नहीं हो पाएगा और अब तो हम लोग दिल्ली पहुंचने वाले ही हैं!

मुझे भला इससे ज्यादा क्या ही चाहिए था.
मैंने पूछ लिया- तो दिल्ली पहुंच कर चुदवा लो!

उसने कहा- कहां चोदोगे?
तो मैंने कहा- जहां तुम कहो.

फिर उससे बात करके मैंने पहाड़गंज के एक होटल में एक रूम बुक कर दिया.

अब तक हम दोनों सेक्स चैट कर रहे थे तो मैंने उससे पूछा- कितनी देर तक चुदना चाहती हो मेरे लंड से?

तो वह बिंदास बोली- जितनी देर तुम चोद सकते हो, उतनी देर तक चुत चुदवाऊंगी … और अगर अच्छा चोदोगे तो रात में भी तुम्हारे साथ ही रुक जाऊंगी.
दोस्तो, उसकी ये कामुक बातें सुनकर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने ट्रेन के बाथरूम में जाकर जोर से मुठ मारी.

वह समझ गई थी तो मुझे देख कर मुस्कुरा दी और बोली- अब फ्री हो गए?
मैंने कहा- क्या करता यार … रहा ही नहीं जा रहा था.
वह खिलखिलाने लगी.

उसी समय मैंने मौका देख कर उसका दूध मसल दिया.
वह हँसती हुई आह कह कर मुझसे दूर हो गई.

अब तक हम दिल्ली पहुंच गए.
फिर मैंने एक ऊबर कैब बुक की और हम सीधा होटल पहुंच गए.

इसी बीच मैंने उसके चूचे खूब मसल लिए और वह भी मेरे लौड़े को अपने हाथ से दबा कर देख चुकी थी कि मेरा हथियार कैसा है.
वह जब लंड सहला रही थी तब बहुत गर्म हो रही थी.

मैंने कहा- कैब में ही चूसना चाहोगी.
तो वह कुछ बोली तो नहीं पर उसने मुँह से खा जाने जैसा एक्शन किया.

मैं समझ गया कि आज की सुबह मस्त चुत के नाश्ते से ही शुरू होगी.

होटल के कमरे में अन्दर आए और हमारा दरवाजा बंद हुआ ही था कि मैं उस पर टूट पड़ा.
वह भी मेरे साथ लग गई.

मैंने उसको कुछ मिनटों में ही नंगी कर दिया.
उसने भी लपक के मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया.

उसको मेरे लंड का बड़ा साइज बहुत पसंद आया.
उसने नीचे बैठ कर मेरा लंड चूसा.

दीक्षा- हाय भेनचोद, कितना मोटा लंड है रे तेरा … इसको तो मैं आज खा ही जाऊंगी.
मैं- हां बेबी, आज ये तेरी चुत के लिए फुल तैयार है … आज यह तुम्हारी चूत को रगड़ कर फाड़ देगा.

वह बोली- हां मुझे भी ऐसे ही लंड से फड़वाना है.

उसने जब जी भरके मेरा लंड चूस लिया तो वह कहने लगी- अच्छा बाथरूम में मुठ मार आए थे, इसीलिए नहीं झड़ रहा है.
मैंने कहा- यह तो तुम्हारे फायदे की बात है न!
वह हंस कर बोली- हां है तो फायदे की बात … अब देर तक चलेगा.

मैंने कहा- मुठ न भी मारता तब भी देर तक ही चलने वाला था.
वह हंस रही थी.

मैं- चलो अब कुश्ती लड़ते हैं.

अब हम दोनों बेड पर आ गए और मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी और उसे डीप किस करने लगा.
साथ ही मैं अपने एक हाथ से उसके एक मम्मे को मसलता रहा.

एक हाथ से दूध मसलना और एक हाथ से चुत रगड़ना … मेरी ये अदा उसे बहुत पसंद आयी.
वह पूरी मस्ती के साथ किस करने लगी.

कुछ देर बाद मैं उसकी चूत पर आया और चाटने लगा.
उसकी चूत तड़पने लगी थी.

वह बोली- अब और ज्यादा मत तड़पाओ … जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डालो.
लेकिन मैं ऐसे कहां उसको चोदने वाला था.

उसकी तड़प को बढ़ाने के लिए मैंने चूत में जीभ अन्दर डाल दी.
वह जोर से चिल्लाने लगी और मेरा सर चूत में घुसाने लगी.

काफी देर चूत चाटने के बाद मैंने उसके मुँह में फिर से अपना लंड दे दिया और वापस से उसकी चूत चाटने लगा.

अब हम दोनों 69 की पोजीशन में थे.
इसी दौरान मेरा पानी निकल गया और वह मेरे लंड की एक एक बून्द को चट कर गई.

वह बोली- कैसा लगा?
मैंने उसके गाल में लंड रगड़ते हुए कहा- अब तो यह और देर तक चलेगा!

वह बोली- मेरी चुत में कसावट इतनी ज्यादा है कि तेरे लवड़े को निचोड़ लेगी.
मैंने कहा- निचोड़ेगी तो तब, जब अन्दर लेगी. चल टांगें खोल रंडी … अभी देखता हूँ तेरी चुत को … आज उसे भोसड़ी बना दूंगा.

यह सुनकर वह खिलखिलाने लगी और बोली- बड़े कमीने हो … फ्री की चुत मिल गई, तब भी रंडी बोल रहे हो.
मैंने उसके एक दूध को मींजते हुए कहा- क्या हुआ बेबी, रंडी शब्द से झांटें सुलग गई क्या?

वह बोली- साले, अभी चुत चाट कर हटा है … झांटें दिखी भी थीं तुझे? मैं हर वक्त चुत साफ रखती हूँ.
मैंने हंस कर कहा- हां, तेरी तो झांटें सुलगने का कोई सीन ही नहीं है.

इसी तरह की चुहलबाजी में वह मेरे लंड को सहलाती रही और कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
अब चुदाई शुरू होने का वक्त था.

मैंने उसकी चूत चुदाई के लिए उसे चित लेटने का कहा.
दीक्षा- हां, मुझे चित लिटा कर ही चोदो … और पूरी ताकत से चोदना.

मैंने उसे लिटा दिया और चुत पर लंड सैट कर दिया

वह- आह जल्दी से लंड डालो मेरी चूत में … आह बुझा दो मेरी प्यास और मसल डालो मुझे … रगड़ डालो.

उसकी कामुक सिसकारियां सुन कर मेरा लंड और कड़क हो गया.
मैंने चुत में लंड पेल दिया और पूरी स्पीड से Xxx बुर की चुदाई करने लगा.

वह एकदम से लंड पेलने से दर्द से चिल्ला उठी और बोली- साले मादरचोद … धीरे चोद भैन के लवड़े … अभी नई नकोर चुत है … मैं ज्यादा बार नहीं चुदी हूँ.

मैंने कहा- हां तो ज्यादा बार चुदवा ले रंडी साली … कुतिया चिल्ला क्यों रही है. सारा होटल अपने कमरे में बुलाएगी क्या?
उसे एकदम से ‘होटल में हैं’ इस बात का भान हुआ और वह अपने मुँह पर हाथ रख कर कराहती हुई बोली- धीरे धीरे चोदो न … दर्द हो रहा है.

मैंने कहा- कुछ देर रगड़वा ले रानी सारा दर्द मस्ती में बदल जाएगा.

यही हुआ भी, कुछ ही देर में वह मस्त हो गई और चुत उठा उठा कर लंड से लोहा लेने लगी.
मैंने भी मस्ती से उसकी चुत में ठोकरें देते हुए उसकी एक चूची को पीना शुरू कर दिया.

वह ऊपर को उठ कर मेरे मुँह में अपना पूरा दूध देने की कोशिश कर रही थी.

कुछ ही देर में बुर की चुदाई चरम पर पहुँच गई और मैंने उससे पूछा- माल किधर लोगी?
वह बोली- चुत में नहीं छोड़ना … मेरे मुँह में दे दो.

मैंने लंड चुत से निकाला और उसके मुँह में दे दिया.
उसने लंड का माल पी लिया और लंड को चाट कर साफ कर दिया.

हम दोनों चुदाई के बाद अलग अलग होकर अपनी अपनी साँसों को नियंत्रित करने लगे.

वह मेरी छाती चूम कर बोली- मजा आ गया दोस्त … सच में तुमने चुत की मां चोद दी है.
मैं भी हंस कर बोला- अभी तो शुरुआत है बेबी … एक और राउंड के बाद बताना कि कैसा लगा मैं!

वह हंसने लगी और हम दोनों ने दूसरा राउंड शुरू कर दिया.
इस बार मैंने उसको डॉगी स्टाइल में चोदा.

उसकी Xxx बुर दो बार चुदने के बाद और रसीली हो रही थी.

मैंने उसकी गांड पर लंड झाड़ कर पूछा- आज मजा आ गया सच में … बोलो मेरी रांड, और चुदवाना है क्या?
वह भी हांफ़ती हुई बोली- हां बेबी. तुम मस्त चोदते हो.

मैंने कहा- फिर तो आज रात यहीं रुकना पड़ेगा.
तो उसने कहा- ठीक है, इसके लिए मुझे कुछ कॉल करना पड़ेंगे.

उसने किसी से कुछ बात की और रुकने का फैसला किया.
शाम को हम थोड़ा बाहर गए और फिर खा पीकर वापस आकर हमने जमकर पूरी रात चुदाई की.

Sex Stories

मेरा नाम दीप है। मैं Sex Stories जालंधर का रहने वाला हूँ। आज मैं आपको अपनी सच्ची कहानी बताउंगा। इस कहानी में मैं हीरो हूँ और मेरी गर्लफ्रेंड प्रीत हिरोइन है।

बात तब की है जब मैं इंजीनियरिंग कर रहा था और वो मास्टर की डिग्री कर रही थी। हमारा चक्कर पहले एक साल तक चला और मैंने उसे छुआ तक नहीं, चुम्बन तक नहीं था किया। पर मेरे मन में कभी भी उसके बारे में गलत ख्याल तक नहीं आया था जब तक मैंने उसे छुआ नहीं।

एक बार गलती से मेरी कोहनी उसके मम्मे में लग गई। बस फिर क्या था, मेरे तो पूरे बदन मैं आग लग गई और फिर मैं बहाने बहाने से उसे स्पर्श करता। मैं उसे चोदने के बहाने सोचने लगा।

एक बात बता दूं मैं … उसकी फ़ीगर थी- 34-30-36, क्या गज़ब की सुन्दर थी वो। जब वो चलती थी तो 71-72 होता था। क्या गज़ब के उभार थे ! उसकी गांड क्या गज़ब ढाती थी।

एक दिन मैंने उसे अपने जन्मदिन के बहाने अपने घर बुला लिया। वह आई और मेरे लिए एक सुंदर सी कमीज़ लाई। उस दिन उसने कसी हुई जीन पहनी हुई थी और कसा हुआ टॉप पहना हुआ था, जिसमें से उसके उभार एकदम मस्त लग रहे थे। वो आई, मुझे जन्मदिन की बधाई दी और हम कमरे में जाकर बैठ गए। मेरे मम्मी ने हमे चाय दी और खुद दूसरे कमरे में चली गई।

हम पास-पास ही बैठे थे। चाय पीकर मैंने उसे बहाने से चूम लिया। उसने भी मुझे मना नहीं किया। फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर लगा दिए।

क्या गर्म लड़की थी वो ! एकदम गर्म। जब उसने मुझे समूच किया, उसके होंठ एकदम गर्म थे। मेरा एक हाथ उसके वक्ष पर चला गया खुद-ब-खुद !

उसने मना नहीं किया किया, शायद मेरे जन्मदिन की वजह से। पूरे दो मिनट तक मैं उसे चूसता रहा और वो गर्म हो गई। उसने मुझे हटा दिया और जाने को कहने लगी।

मैंने उसे अगले दिन आने को मना लिया और जाने दिया।

अगले दिन मेरे घर पर कोई नहीं था, उसने कालज से बंक मारा और मेरे घर आ गई। मैंने उसे कमरे में बिठाया और चाय बना कर पिलाई। फिर हम बातें करने लगे।

बात बात में मैं उसके काफी करीब आ गया और उसे चूम लिया। फिर उसने भी मुझे किस किया। मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने उसे समूच किया, पूरे दो मिनट तक मैं उसके गर्म होंठों को चूसता रहा। मेरा एक हाथ उसके स्तन दबाने लगा। एकदम सख्त थे उसके मम्मे। उसने मुझे कस के पकड़ लिया और थोड़ी सी मेरे ऊपर आ गई मैं समझ गया था कि वह गर्म हो रही है। मैंने उसकी कमीज़ के अन्दर से हाथ डाला और उसकी ब्रा से मम्मा पकड़ लिया। एकदम सख्त था, मैंने उसे कस कर दबाया तो वह तड़प उठी। उसके मुँह से अहहहः ऊउह्ह्ह की आवाज़ें आने लगी। जब मैं उसकी कमीज़ उतारने लगा तो वो कहने लगी- ऐसे नहीं, एक चादर ले आओ, मुझे शर्म आ रही है।

मैंने बेड से ही चादर निकाल ली। अब मैं और वो चादर के नीचे थे और मैं उसकी कमीज़ उतार रहा था। उसकी ब्रा में से उसके बूब्स क्या गज़ब थे। मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके मम्मे चूसने लगा। उसकी तो हालत खराब हो गई। वह तड़पने लगी।

पाँच मिनट तक मैं उसके मम्मे चूसता रहा। फिर मैं उसके पेट को चूमने लगा, वह तो सांप जैसे मचल रही थी। मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैंने उसकी सलवार खोलने के लिए हाथ बढ़ाया तो उसने मना कर दिया। पर मैंने उसकी सलवार खोल दी और उसके पेट को चूमने लगा।

वह आह…. आऽऽह…. उह उहऽऽ … की आवाज निकालने लगी। फिर मैंने उसकी चड्डी भी उतार दी। मैं उसके नीचे अपनी जीभ से छूने लगा। उसने शेव की हुई थी अपने नीचे।

मैंने उसकी छोटी सी मोरी में अपनी उंगली डाली तो वह तड़प उठी और मुझे कस कर पकड़ लिया।

उसके दाने को मैं अपने जीभ से छू रहा था।

वह मस्त हो गई थी। उसके मुँह से अजीब अजीब सी आवाज़ें आ रही थी। वह तड़प रही थी मछली की तरह।

मैं उसके ऊपर लेट गया। वह उठ कर मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेने लगी, उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया। मुझे तो जैसे जन्नत मिल गई। पाँच मिनट तक वह मेरे लंड को चूसती रही। उसके मुँह से आवाजें निकल रही थी।

मैंने उसको नीचे लिटाया और उसकी टाँगें खोल दी।

वह कहने लगी- इस छोटी सी मोरी में इतना बड़ा कैसे जाएगा?

मैंने उसे कहा- थोड़ा सा दर्द होगा बस !

मैंने उसके मोरी के बाहर अपना लंड रखा और एक धक्का दिया। सिर्फ सुपारा ही गया उसके अन्दर और वह चीखने लगी।

मैंने उसे कस कर पकड़ा और एक ज़ोर से धक्का दिया। आधा लंड उसके अन्दर चला गया। उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। उसने भी मुझे कस कर पकड़ लिया। एक धक्के से पूरा लंड उसके अन्दर डाल दिया। वह मेरे नीचे तड़प रही थी।

मैंने उसे चोदना शुरू किया और वो सिसकारने लगी- आः अहह आःह्ह्ह अहह प्लीज़ बाहर निकाल लो ! मैं मर जाउंगी !

पर मैं धक्के मारता रहा। फिर उसे भी मज़ा आने लगा। दस मिनट तक उसे मैं चोदता रहा। फिर मैं झर गया। शायद वह भी झर गई थी। वह उठी और चादर में ही बाथरूम में चली गई।

वापस आकर उसने मुझे कहा- खून निकल रहा है।

मैंने उसे रूई दी तो उसने नीचे रख कर चड्डी पहन ली। कपड़े पहन कर वह कहने लगी- इतना दर्द उसे आज तक किसी चोट का भी नहीं हुआ।

फिर वह अपने घर चले गई। उसका फ़ोन आया और वह कहने लगी- मेरा तो बुरा हाल है, ठीक से चला भी नहीं जा रहा।

मैंने उसे आराम करने को कहा।

पर वह खुश लग रही थी। मैं भी खुश था।

इसके बाद की कहानी मैं अगली बार अन्तर्वासना पर ही सुनाउंगा।

यह मेरी सच्ची कहानी आपको कैसी लगी ? Sex Stories

हेल्लो दोस्तो, मैं संजू फ़िर कोलकाता से। Antarvasna

आप लोगों ने मेरी कई कहानियाँ, जो कि Antarvasna सच्चे अनुभवों पर आधारित थी, आप लोगों ने पढ़ा। मेरी आखिरी कहानी ग्रुप सेक्स-2 थी। अब मरे पास कोई मुझसे सम्बंधित सच्ची कहानी नहीं है। और मैं काल्पनिक कहानियाँ लिखता नहीं। मैं बहुत चैट करता हूँ। जिसमे अनेक लड़कियां/ औरतें भी होती है। पिछले दिनों एक अमेरिकन लड़की से दोस्ती हुई थी।

उसका नाम शैली है। उसी ने अपनी एक कहानी मुझे बताई। उसी कहानी को मैं प्रस्तुत करूंगा उसी के शब्दों में। यह मुझे पता नहीं कि यह कहानी सच है या झूठ लेकिन रोचक जरूर है। अब आप उसी के शब्दों में उसका एक अनुभव सुनिए :~

मेरा नाम शैली है। मेरी उम्र 29 साल है। मैं अमेरिका के एक बड़े शहर में अपने पति के साथ रहती हूँ। अभी हम लोगों को कोई बच्चा नहीं है। मैं दिखने में खूबसूरत हूँ। वैसे तो मेरा फिगर स्लिम है लेकिन मेरे बूब्स बड़े हैं। मेरा पति रोजर, और मैं दोनों ही काम करते हैं, लेकिन अलग-अलग जगहों पर।

मेरी एक सहेली है लेस्ली, मेरी ही उम्र की, जो मेरे साथ ही काम करती है। उसका पति टॉम मेरी पति के साथ काम करता है। लेस्ली भी दिखने में बहुत खूबसूरत है। उसके हिप्स मुझसे बड़े हैं। हम चरों अक्सर सप्ताहांत पर कैम्पिंग करते हैं। महानगर की भीड़-भाड़ से दूर, शांत माहौल में किसी जंगल के किनारे या किसी बड़े पार्क में अपना कैंप डालकर हम अपना सप्ताहांत मनाते हैं।

हमने इस वीकएंड में भी कैम्पिंग का प्रोग्राम बनाया था। मर्द यानि रोजर और टॉम आमने ऑफिस से सीधे वहीं चले गए थे। मैं और लेस्ली 3-4 घंटे के बाद वहां के लिए निकलीं। हम दोनों एक ही कार में थे। बियर पीते हुए हम तेजी से कैम्पिंग वाली जगह की ओर जा रहे थे। हम आपस में अपने पतियों के बारे में बातें कर रहे थे कि वे कितने मेहनती हैं। फ़िर हम लोगों की चर्चा सेक्स की होने लगी।

लेस्ली ने अकस्मात् कहा कि मेरे पति को तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूचियां बहुत पसंद हैं। और मैं और टॉम कभी-कभी तुम लोगों की कल्पना कर सेक्स करते हैं। मैं सन्न रह गई क्योंकि रोजर भी लेस्ली की गांड की तारीफ रोज करता है। मैंने बोला कि यार ! ऐसा तो हम लोग भी करते हैं, रोजर को तुम्हारी गांड बहुत पसंद है। और मुझे टॉम की बालों भरी छाती आकर्षित करती है।

लेस्ली ने ये सुनकर कहा कि आज क्यों न हम दोनों मर्दों की इच्छा को पूरी कर दें। मैं ये सुनकर रोमांचित हो गई। क्योंकि मैं कितने दिनों से टॉम की बालों भरी छाती पर हाथ फिराते हुए उसके साथ सेक्स के सपने देख रही थी। और रोजर लेस्ली की भारी गांड में लण्ड डालना चाहता था।

फ़िर मैंने कहा कि मैं अगर किसी के साथ अपने पति को बाँटने के बारे में सोच सकती हूँ वो तुम हो।

लेस्ली ने यह सुनकर कहा कि मेरा भी यही ख्याल है। हम रास्ते भर इसी के बारे में बात करते कैंप ग्राउंड पर पहुँच गए। हमने रास्ते में ही ठीक कर लिया था कि टॉम और रोजर को इसके बारे कुछ नहीं बताएँगे। तब तक रात हो गई थी। वहां पहुँच कर हमने देखा कि दोनों ने खाना बना लिया था। और कैंप फायर जला लिया था। हम दोनों ने मिलकर काफ़ी बनाई और हम चारों मिलकर काफ़ी पीने लगे। एक बड़े पार्क में, खुले में, आग के चारों ओर बैठ कर, रात के समय काफ़ी पीने का एक अलग ही रोमांच था।

फ़िर जो रात को होने वाला था उसे सोचकर ही मेरी चूत में खुजली हो रही थी। फ़िर हमने खाना खाया। दोनों मर्दों ने कहा कि अब सोने चलो। दो अलग-अलग कैंप दोनों के लिए लगे थे। उसके बगल में बाथरूम था।

इस पर हमने कहा कि तुम लोग चलो हम थोड़ा नहा कर आते हैं। दोनों अपने-अपने कैंप में चले गए। थोड़ी देर तक बात करने के बाद हम नहाने के लिए बाथरूम में घुसे। एक साथ हम नहा रहे थे। नहाकर कपड़े पहन कर हम बाहर निकले। मैंने नहाने के बाद एक पायजामा और टी-शर्ट पहना था, उसके नीचे मैं पूरी तरह से नंगी थी। फ़िर हम दोनों गले मिली। मैं टॉम यानि लेस्ली के पति के टेंट की ओर बढ़ी और लेस्ली मेरे पति की ओर।

मैंने टॉम के टेंट के पास पहुँच कर लेस्ली की ओर देखा। लेस्ली रोजर के टेंट की जिप खोल रही थी। जिप खोल कर वो भीतर घुस गई और जिप को भीतर से बंद कर लिया। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैं अपने कांपते हाथों से टेंट का जिप खोलकर भीतर घुसी। टॉम की पीठ मेरी और थी। मैंने भीतर घुसकर जिप को लगा दिया। टेंट में एक फ्लैश लाइट जल रही थी। मैंने लाइट को बुझा दिया। अब एकदम घुप्प अंधकार था।

टॉम ने मुझे लेस्ली समझकर कहा,’ कितनी देर लगा दी। मैं तुम्हारा कब से इंतजार कर रहा हूँ।’

मैं कुछ नहीं बोली और उसके पास जाकर उसके कम्बल में घुस गई और अपना एक हाथ उसके लण्ड की और बढा दिया।

हठात टॉम ने पूछा ‘ लेस्ली तुमने शैली का परफ्यूम यूज किया है क्या?”

मैंने कहा,’ तुमको शैली पसंद है?’

टॉम,’ शैली !!!! तुम यहाँ? लेस्ली कहाँ है?’

मैंने कहा,’ अगर मैं यहाँ हूँ तो लेस्ली कहाँ होगी? सोचो।’

टॉम चिल्ला उठा,’ ओ माय गाड ! किसका प्लान था ये?’

मैंने कहा,’ हम दोनों का ! हमने सुना है कि कुछ युगल आपस में बदल कर सेक्स करते हैं। और तुम मेरी बड़ी चुचियों को हसरत से देखते थे और रोजर लेस्ली की बड़ी गांड को निहारता था। तुम दोनों हम दोनों को खुश रखने के लिए कितनी मेहनत करते हो तो हमारा भी तुम्हारी इच्छा पूरी करने का फर्ज बनता है टॉम ! मैं आज पूरी रात तुम्हारे साथ हूँ !’

फ़िर मैंने एक हाथ से टॉम का लण्ड पकड़ लिया। टॉम ने अपने दोनों हाथ से मेरा चेहरा पकड़ कर गहरा चुम्मा लिया। उसने एक हाथ से मेरा टी-शर्ट एक ही झटके में उतार दिया। उसने एक हाथ से मेरी एक चूची पकड़ी और दबाने लगा और मुंह से दूसरे का निप्पल पकड़ कर चूसने लगा। मेरी आँखें उत्तेजना से बंद होने लगी। फ़िर उसने मेरे पायजामे को घुटने तक उतार दिया और अंगुली से मेरे चूत को सहलाने लगा। मैंने अपने पायजामे को पूरी तरह उतार कर कम्बल से बाहर फेंक दिया अब मैं पूरी तरह से नंगी थी।

टॉम ने भी अपने कपड़े उतार दिए। मैंने टॉम से कहा कि मैं तुम्हारा लण्ड चुसना चाहती हूँ। फ़िर मैं नीचे सरक कर लण्ड को मुंह में भर लिया। उसका लंड रोजर से थोड़ा बड़ा ही था। टॉम का एक हाथ मेरी चुचियों पर था और एक हाथ मेरी बुर पर। एक अंगुली से वो मेरी शिश्निका सहला रहा था।

मैंने टॉम का लण्ड पूरी तरह से मुंह में घुसा लिया था। और चूस रही थी। टेंट में घुप्प अंधकार था। फ़िर टॉम मेरे कान में कहा कि मैं अब तुम्हारे बुर का स्वाद लेना चाहूँगा और वह नीचे सरक गया। पहले उसने अपने मुंह को मेरी चिकनी बुर पर फिराया। फ़िर जीभ से सहलाया। हम उस समय 69 पोजीसन में थे। उसने जीभ को बुर के मुहाने पर रगड़ना शुरू किया।

मैंने उसकी सुविधा के लिए अपनी टांगो को फैला दिया और उसके लण्ड को पूर्ववत चूसती रही। बहुत मजा आ रहा था। उसने अपनी जीभ को अब पूरी तरह से मेरी बुर के भीतर घुसा दिया था। और जीभ से ही चोद रहा था। अंगुली से बुर की चोंच को रगड़ रहा था। मेरी बुर में जैसे आग लग गई थी। मैं उसी समय झड़ गई। ठीक उसी समय वो भी मेरे मुंह में झड़ गया। मैंने उसे कुछ बोला नहीं और वीर्य को बाहर फेंक दिया।

फ़िर टॉम ने कहा,’ अच्छा ! इस समय लेस्ली और रोजर क्या कर रहे होंगे?’

मैंने कहा,’ एक ही काम ! चुदाई ! चुदाई और सिर्फ़ चुदाई ! अब मेरी बुर लण्ड से चुदाई मांग रही है, चोद डालो अब मुझे।’

टॉम ने कुछ कहा नहीं और कम्बल में ही मुझको पलट दिया और जीभ को मेरी पीठ पर, हिप्स पर और जांघों पर फिराने लगा।मेरी उत्तेजना भड़कने लगी। वैसे रोजर तो मेरे साथ एनल सेक्स भी करता था कभी-कभी। रोजर को एनल सेक्स बहुत पसंद था।

तभी बगल वाले टेंट से लेस्ली की चीख सुनाई दी।

टॉम ने कहा कि क्या हुआ रोजर ने लेस्ली की बुर फाड़ दी क्या?

मैंने कहा कि नहीं ! रोजर को गांड मारना बहुत पसंद है। उसने लेस्ली की गांड में लण्ड डाला होगा इसीलिए चिल्लाई होगी। फ़िर टॉम ने मुझे पलट दिया और मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगा कर मेरी बुर को ऊँचा कर लिया। फ़िर एक झटके में ही अपना लण्ड को घुसा दिया।

मेरी चीख निकल गई। टॉम ने कहा,’ तुम तो ऐसा कर रही जैसे पहली बार तुम्हारी चुदाई हो रही है? उधर लेस्ली की गांड को तुम्हारा रोजर फाड़ रहा है।’

मैंने कहा कि दर्द हुआ इसीलिए चिल्लाई। अब तुम जोर से चोद सकते हो।

वो मुझे जोर-जोर से चोदने लगा। मेरी पतली कमर को दोनों हाथों से थोड़ा ऊपर उठाकर जोर से धक्का मर रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था। फ़िर मैंने कहा कि मेरी चुचियों को भी दबाओ।

वो चूचियां भी दबाने लगा।

थोडी देर इस स्टाइल में चुदवाने के बाद मैंने कहा कि मुझे अब कुतिया बनाकर चोदो।

फ़िर मैं नीचे उतर कर कुतिया स्टाइल में हो गई और वो मुझे पीछे से चोदने लगा। मेरी मुंह से उत्तेजना में आवाज़ें निकल रही थीं आहऽऽऽऽ आऽऽऽ ऊऽऽऽऽ उओऽऽऽ औरऽऽऽऽ जोरऽऽऽ सेऽऽऽ मैंऽऽऽऽ स्वर्गऽऽ मेंऽऽ पहुँचऽऽऽ रहीऽऽऽ हूँऽऽऽऽऽ।

अंधेरे में केवल एक ही आवाज आ रही थी- फच्च ऽऽऽऽ फच्चऽऽऽ मेरी सिस्कारियां ऽऽऽ और टॉम की हांफने की आवाजें।

माहौल में पूरी तरह से चुदास भरी थी। बगल के टेंट से भी सिसकारियों की आवाजें आ रही थी। टॉम की स्पीड बढती जा रही थी। अब वो झड़ने वाला था। मैं भी झड़ने वाली थी। टॉम ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और मेरे हिप्स पर झड़ गया। बहुत मजा आया था।

यह कहानी मुझे शैली ने बताई थी और कहा था कि ये उसका सच्चा अनुभव है।
दोस्तो, यह कहानी आपको कैसी लगी मुझे जरूर बताईगा। Antarvasna

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