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Massage Girl in Thoubal: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Thoubal who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Thoubal that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Thoubal massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Thoubal who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Thoubal massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Thoubal massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Thoubal who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Thoubal employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Thoubal helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Thoubal

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Thoubal at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

मैं कहने लगा- वन्दना, मुझे बहुत भूख लगी है ! (Antarvasna) वन्दना ने कहा- हाँ क्यो नहीं ! अभी दो मिनट में खाना लगाती हूँ।

और फिर हम दोनो ने बैठकर खाना खाया।

खाने खाने के बाद मैंने कहा- वन्दना जी आप इस घर में अकेली ही रहती हैं या फिर साथ में और भी कोई रहता है?

वन्दना ने कहा- जय आप मुझे वन्दना ही कहो। चलो बेडरूम में चलते हैं !

हम दोनों वन्दना के बेडरूम चले गये, बेड पर बैठकर बातें करने लगे।

वन्दना ने कहा- जय मैं जिन्दगी मैं बिल्कुल अकेली हो गई हूँ, जब से शादी हुई है पहले तो पति साथ रहता था, हम दोनों बहुत ही खुश थे, पर धीरे-2 सब कुछ इतना बदल गया कि मैं आपको क्या बताऊँ !

यह कहकर वन्दना रोने लगी। मैंने वन्दना से कहा- जो भी कुछ हुआ, उसमें आपका क्या कसूर है ! जो भी होना था, वो हो गया, आपके पति घर आते तो होगें?

तो कहने लगी- हाँ, 15-20 दिन में आता हैं और एक दो दिन रहकर चला जाता है। मेरे साथ जब तक रहता है, बहुत खुश रहता है और मुझे भी हर खुशी देता है। पर हमारे बच्चा ना होने की वजह से थोड़ा दुखी रहता है और कहता है कि शायद हमारे नसीब में भगवान ने सारी खुशी नहीं लिखी है।

मैंने कहा- वन्दना इसमें दुखी होने की क्या बात है, 5 साल आपकी शादी को हुए हैं, फिर इतनी जल्दी से आप लोग घबरा गये, मैं आज आपको अपनी तरफ से वादा करता हूँ कि आपके घर की खुशियों को दोबारा से वापस लाने में आपकी अपनी तरफ से पूरी-पूरी कोशिश करुँगा।

और इतना कहकर मैंने वन्दना को बाहों में भर लिया और मैं अपना हाथ वन्दना की पीठ पर चलाने लगा। वन्दना भी मेरा साथ देने लगी। मैंने अपने होंठ वन्दना के होठों पर रख दिये तो वन्दना ने सहयोग करते हुए मुझे भी बाहों मे भर लिया और हम दोनों एक दूसरे के शरीर से खेलने लगे। उसके बाद मैं वन्दना की चूचियों को ऊपर से ही दबाने लगा। वन्दना की गोल गोल चूचियों को मसलता रहा। फिर मैंने वन्दना की साड़ी उसके बदन से अलग की और वन्दना अब केवल काले पेटीकोट और ब्लाउज में मेरे सामने थी।

मैंने वन्दना की फीगर के बारे में तो बताया ही नहीं। वन्दना की फीगर 23-28-34 रंग साफ और लम्बाई 5 फीट 4 इंच और वजन 45-48 किलो होगा और उम्र 29 साल, दिखने में काफी अच्छी लगती थी, किसी का भी दिल वन्दना पर पहली ही नजर में आ जाये।

उसके बाद मैंने वन्दना का ब्लाउज भी उतार दिया और अब वन्दना केवल काली ब्रा और काले पेटीकोट में रह गई। मैंने उसके बाद वन्दना का पेटीकोट और ब्रा भी उतार दी। वन्दना अब केवल पैन्टी में मेरे सामने खड़ी थी।

वन्दना ने कहा- जय, आपने मेरे तो कपड़े एक एक करके उतार दिये, लाओ, मैं आपके कपड़े उतार देती हूँ।

और वन्दना ने मेरे शरीर से सारे कपड़े उतार कर अलग कर दिये। मैं अब वन्दना के सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था। मैंने वन्दना को बिस्तर पर लिटाया और उसके होंठों को चूसने लगा। वन्दना ने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और हम दोनों एक दूसरे को काफी देर तक चूमते रहे।

8-10 मिनट के बाद मैं वन्दना की चूचियों को दोनों हाथों से दबाने और मसलने लगा। वन्दना की चूचियाँ थोड़ी सख्त होने लगी। 3-4 मिनट तक दबाने के बाद मैं वन्दना के एक चुचूक को मुँह में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से वन्दना की एक चूची को दबाने लगा। वन्दना के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। मैं कभी एक चूची को मुँह से चूसता तो कभी दूसरी को !

8-10 मिनट तक मैं ऐसे ही चूसता तो कभी मसलता और वन्दना परम आन्न्द में गोते लगा रही थी। फिर मैं वन्दना की चूचियों को छोड़कर वन्दना के पेट पर हाथ फिराने लगा और धीरे धीरे अपना हाथ नीचे ले जाने लगा। फिर मैं वन्दना की पैन्टी उतराने लगा और वन्दना ने भी मेरा साथ देते हुए अपने चूतडों को ऊपर उठा दिया। मैंने पैन्टी को उतार कर एक तरफ फ़ेंक दिया और वन्दना की क्लीन शेव की हुई चूत पर हाथ फेरने लगा। वन्दना के शरीर में जैसे कोई करंट लगा हो और मेरे हाथ फेरने से वन्दना का शरीर अकड़ने लगा, आँखें भी बन्द होने लगी। वन्दना चूत में से सफेद सफेद पानी निकलने लगा और वन्दना झड़ गई।

मैंने वन्दना की चूत को अपनी अँगुलियों से खोला और अपनी जीभ वन्दना की चूत पर चलाने लगा तो वन्दना के शरीर में उत्तेजना होने लगी। मैं अपनी जीभ को वन्दना की चूत में अन्दर तक डाल कर चोदने लगा तो वन्दना की उत्तेजना बहुत ही ज्यादा बढ़ गई और वन्दना ने मेरा लन्ड अपने मुँह में डाल लिया और मुँह से मेरे लन्ड से खेलने लगी। मेरा लन्ड लोहे की छड़ की तरह से अकड़ गया। वन्दना भी मेरे लन्ड को अपने मुँह से चोदने लगी लेकिन कुछ ही देर के बाद वन्दना ने मेरे लन्ड को मुँह से निकालकर मुझे अपने से अलग किया, मेरे ऊपर सवार हो गई, मेरे लन्ड को अपनी चूत पर रखा और चूत तो वन्दना की गीली थी ही, वन्दना ने ऊपर से एक ऐसा धक्का मारा कि एक ही बार लन्ड पूरा अन्दर पहुँच गया। वन्दना को कुछ भी नहीं हुआ।

बस फिर क्या था वन्दना के धक्कों की रफ्तार बढ़ने लगी और मेरे मुँह से भी सिसकारियाँ निकलने लगी। मैं भी मजे में बड़बड़ाने लगा और वन्दना और जोर से जोर से आ आ आ ईईईईईईईइ आइऐइ आऐ ऐअ करने लगी!

मुझे पूरा मजा देना वन्दना के बस की बात नहीं थी, थोड़ी ही देर 5-7 मिनट में वो झड़ गई और बोली- अब आप मेरे ऊपर आ जाओ !

तो मैं कहाँ रुकने वाला था, मैंने वन्दना को नीचे डाला और अपना लन्ड वन्दना की चूत पर रखा और एक ही बार में पूरा का पूरा अन्दर तक डाल दिया। वन्दना ने उफ तक नहीं की और मैं भी वन्दना की चूत में जबरदस्त धक्के पे धक्के लगाने लगा।

वन्दना कहने लगी- जय, और जोर से ! जोर आ आ म्म्म्म म एम अम मेमेमे मेए आ अ अ !

पता नहीं क्या क्या कहने लगी। फिर मैंने कहा- वन्दना जी आप बिस्तर से नीचे आ जाओ।

वन्दना अपने दोनों हाथ बिस्तर पर रख कर झुक गई और मैंने अपना लन्ड वन्दना की चूत में पीछे से डाल दिया। पहले धक्के धीरे-धीरे से मारने शुरु किये तो वन्दना को भी मजा आने लगा, फिर मैंने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ानी शुरु कर दी। वन्दना अपने मजे से मदहोश होने लगी और पता ही नहीं क्या-क्या बड़बड़ाने लगी। मुझे मजा तो आ रहा था पर पता ही नहीं मैं चरम सीमा तक नहीं पहुँच पा रहा था।

वन्दना अपने मजे में पूरी मदहोश होती जा रही थी और एक ही झटके मे वन्दना की आवाज तेज हुई और वन्दना की चूत और मेरे लन्ड ने एक साथ पानी छोड़ दिया। उसके बाद हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे।

3-4 मिनट के बाद वन्दना मेरे लन्ड पर फिर हाथ फेरने लगी और कुछ ही देर के बाद मुँह से चूसने लगी तो मेरा लन्ड फिर से खड़ा होने लगा।

मैंने कहा- वन्दना, अब क्या विचार है ?

तो वन्दना बोली- जय, आप चुदाई करने में तो माहिर हो ! मैं तो आज सन्तुष्ट हो गई ! काफी दिनों के बाद इतनी सन्तुष्टि मुझे मिली है।

मैंने कहा- वन्दना, अब मैं चलता हूँ !

वन्दना कहने लगी- नहीं जय ! एक बार और हो जाये, फिर चले जाना।

मैंने कहा- हाँ ठीक है पर अबकी बार मैं आपकी पिछ्ली लूँगा !

तो वन्दना ने कहा- जय, तुमको मेरी अगली में मजा नहीं आया क्या ?

मैंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं वन्दना जी ! मुझे आपकी पिछ्ली बहुत ही अच्छी लग रही है ! वैसे आपकी मर्जी, आप जैसा कहेंगी, मुझे तो वही करना पड़ेगा। बोलो वन्दना जी!

मैंने जैसे दबी सी जुबान में कहा- बोलो वन्दना, मुझे क्या करना है?

तो वन्दना ने कहा- जय, ऐसे अपना दिल छोटा नहीं करते ! आपको जो भी आपको चाहिए, वो कर लो ! मुझे कोई एतराज नहीं !

तो मैंने कहा- वन्दना जी कोई क्रीम है?

वन्दना ने कहा- हाँ, मैं अभी लाकर देती हूँ !

वन्दना ने क्रीम लाकर मुझे दी, मैंने अच्छी तरह से अपने लन्ड और वन्दना की गान्ड पर क्रीम लगाई, उसके बाद मैंने वन्दना को कहा- वन्दना जी आप बिस्तर से नीचे आ जाओ !

वन्दना अपने दोनों हाथ बिस्तर पर रख कर झुक गई और मैंने अपना लन्ड वन्दना की गाण्ड पर रख कर जोर से धक्का मरा। मेरा आधा से ज्यादा लन्ड वन्दना की गान्ड में पहुँच गया। वन्दना थोड़ी कसमसाई पर ज्यादा कुछ नहीं बोली।

फिर मैं अपने लन्ड को वहीं पर आगे पीछे करने लगा और थोड़ी सी देर के बाद में मैंने एक जोर से धक्का मारा और मेरा लन्ड पूरा का पूरा वन्दना की गान्ड में पहुँच गया जड़ तक। वन्दना को थोड़ा दर्द हुआ पर ज्यादा नहीं !

मैंने वन्दना से कहा- दर्द तो नहीं हो रहा?

वन्दना बोली- जय, आप अपना काम करते रहो ! मुझे कोई परेशानी नहीं हैं !

और मैंने पहले धीरे धीरे से धक्के लगाने शुरू किये और फिर रफ्तार तेज कर दी। वन्दना भी आ ईईईईइ आआईइआई एएइएइएऐइदिदिदल्ल् ग्ग्ग्गएएए करके मेरा पूरा साथ देती रही।

जैसे ही मेरा छुटने को हुआ तो मैंने कहा- वन्दना मेरा निकलने वाला है, कहाँ निकालूँ?

वन्दना ने कहा- जय ! आप मेरी ही चूत में छोड़ना !

मैंने कहा- ठीक है वन्दना जी आप बिस्तर पर चलो।

वन्दना बिस्तर पर लेट गई और मैंने वन्दना की दोनों टांगों को ऊपर उठा कर अपनी कमर के ऊपर रखा और जोर से धक्का मारा। पूरा लन्ड वन्दना की चूत में ऐसा गया कि पता ही नहीं चला। मैं भी जोर जोर से धक्के लगाने लगा और वन्दना भी मेरा पूरा उत्साह बढ़ाने लगी। उसने अपनी दोनों टांगों को मेरी कमर पर कस लिया और अपने मुँह से सिसकारियाँ निकालने लगी- जय ओ जय आ आ एए ए ए अ अएए ई इ ईईईईईई इआएएआअ एएएएए ! पता ही नहीं क्या-क्या बड़बड़ाने लगी।

3-4 मिनट में ही मैं भी वन्दना की चूत में झड़ गया और वन्दना के ही उपर लेट गया। 6-7 मिनट के बाद मैंने वन्दना से कहा- वन्दना जी, मैं अब चलता हूँ ! आप सन्तुष्ट हैं या नहीं?

वन्दना ने कहा- जय, आपने क्या बात कर दी ! आपने तो मुझे जन्नत की सैर करा दी ! और मुझे क्या चाहिए था।

वन्दना जी मेरी फीस दो और मैं निकलता हूँ !

वन्दना ने मेरी फीस दी और मैं अपने घर चला आया।

उसके दो दिन बाद फिर वन्दना का फोन आया, कहने लगी- जय, अब कब आ रहे हो ?

मैंने कहा- वन्दना जी, जब आप बुलाओ, मैं हाजिर हो जाऊँगा।

तो कहने लगी- आज शाम को ?

मैंने कहा- नहीं कल !

तो वन्दना कहने लगी- नहीं, आज ही !

तो मैंने कहा- ठीक हैं पर रात को 2 बजे !

तो वन्दना ने कहा- नहीं !

मैंने कहा- आज मेरी शिफ्ट बदल गई है, इससे पहले मैं नहीं आ सकता।

तो कहने लगी- मैं आपक इन्तज़ार करूँगी, आप जरूर आना !

मैंने कहा- हाँ मैं समय से पहुँच जाऊँगा !

और मैंने ठीक दो बजे वन्दना की बैल बजाई। वन्दना ने दरवाज़ा खोला और मेरे गले लग कर कहने लगी- जय, इतना इन्तज़ार मत करवाया करो !

मैंने कहा- क्यों वन्दना, मुझे भी तो काम होता है।

तो वन्दना ने कहा- जय, मेरे लिये भी टाईम नहीं?

तो मैंने कहा- आपके लिये ही तो आया हूँ ! फिर भी ऐसी बात करेंगी तो मैं आगे फिर कभी नहीं आऊँगा।

मेरे यह कहते ही वन्दना ने मुझे बाहों में भर लिया और हम दोनों ने आपस में चुम्बन लिया। फिर मैंने कहा- वन्दना जी, पहले कुछ खाने को !

तो वन्दना कहने लगी- जय, मुझे मालूम था कि आप आते ही खाने को कहोगे ! इसलिये मैंने पहले ही आपके बताये समय के हिसाब से ही लगा के रखा है।

हम दोनों ने खाना शुरू किया तो वन्दना कहने लगी- जय यार कुछ पीने को हो जाये?

मैंने कहा- जैसी आपकी मर्जी।

वन्दना ने कहा- फिर ठीक है ! सिर्फ दो दो पैग !

मैंने कहा- चलो जल्दी करो, मुझे बहुत ही तेज भूख लगी है !

वन्दना ने दो पैग विस्की के बनाये, हम दोनों ने आपस में चियर्स किया, अपने अपने पैग खत्म किये, एक दूसरे के गले लगे और फिर हम दोनों ने मिलकर खाना खाया।

उसके बाद वन्दना ने दो और पैग बनाये और हम दोनों ने अपने अपने पैग खत्म किये और फिर हम दोनों ने अपना चुदाई का कार्यक्रम शुरु किया।

उसके बाद हमारा यही सिलसिला हफ्ते में कभी दो दिन कभी 3-4 दिन चलता रहा जब तक कि वन्दना को बच्चा नहीं हो गया।

तो दोस्तो, मेरी यह Antarvasna कहानी आपको कैसे लगी, मुझे मेल करना।

Antarvasna stories

हैलो Antarvasna, मैं विक्रम सिंह इंदौर से हूँ. आप सभी को मेरा नमस्कार. मैं इस साईट का बहुत पुराना पाठक हूँ. मुझे लगा कि मुझे भी अपने अन्य अनुभव आप लोगों से साझा करना चाहिए.

मेरी एक कहानी पहले भी आ चुकी है. दोस्त की बीवी की चुदाई. ये मेरी दूसरी सेक्स स्टोरी है.

मैं 23 साल का जवान लौंडा हूँ. मेरी हाईट 5 फिट 6 इंच है. मैं आकर्षक, गोरा हूँ.. भरा हुआ शरीर है.. पूरे 7 इंच का लम्बा और 2.5 इंच मोटा लंड है.

मेरे पास वाले फ्लैट में एक नई फैमिली आई है. उस फैमिली में सिर्फ पति पत्नी दो ही बन्दे रहते हैं. उनकी शादी अभी हाल में हुई है. मेरी उनसे बहुत अच्छी पहचान हो गई है. पति का नाम सुनील है और वो एक सेल्स मैनेजर है.. भाभी का नाम खुशबू है. सुनील भैया मुझे अपने भाई की तरह मानते हैं. उनका कोई भी सगा भाई या बहन नहीं है. खुशबू की और मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई है. हम कई बार अकेले रहते थे. सुनील भैया तो अपने काम के सिलसिले में महीने में कम से कम 15-18 दिन आउट ऑफ़ सिटी रहते थे. वो मेरे भरोसे पर खुशबू को अकेले रहने देते थे.

मैं और खुशबू एक दूसरे से हंसी मजाक भी खूब करते हैं. खुशबू बहुत ही शरारती लड़की है. खुशबू की उम्र अभी केवल 20 साल है और उसका फ़िगर 34-28-36 का है. एकदम दूध सा गोरा रंग और गुलाबी होंठ है. खुशबू बहुत ही सेक्सी लगती है. मैं कभी उसे छू भी लेता तो वो मुझे कभी मना नहीं करती थी.

एक बार खुशबू ने मुझे शाम को खाना खाने बुलाया. उस समय सुनील भैया दस दिनों के लिए टूर पर गए थे. मैं शाम को करीब 6:30 खाना खाने गया तो खुशबू खाना बना रही थी. उसने क्रीम कलर का गाउन पहना हुआ था, जिसमें उसकी ब्रा और पेंटी साफ़ नजर आ रही थी.

मैंने तो जिस दिन से उसे देखा था, उसे चोदने के लिए बेकरार था, लेकिन बस मौक़ा न मिल पाने के कारण अब तक कुछ नहीं कर पाया था.

उसने मुझसे बोला कि शिवा तुम कपड़े चेंज कर आओ, फिर आराम से बैठो.. अभी खाने में 30 मिनट लगेंगे.

मैं अपने फ्लैट में गया और कपड़े चेंज करके आ गया. फ़िर मैंने उससे पूछा कि मैं कोई मदद करूँ?
तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि आज तो मुझे तुम्हारी हेल्प की ज्यादा जरूरत पड़ने वाली है.
मैंने पूछा- हां बताओ मुझे क्या करना है?
तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि बता दूंगी.

मैं समझ गया कि आज तो ये चुदवाने के मूड में दिख रही है.

मैं टीवी ऑन करके मूवी देखने लगा. थोड़ी देर के बाद वो खाना लेकर टेबल पर लगा गई और मुझसे बोली- बस दो मिनट और.. मैं कपड़े चेंज करके आती हूँ.

वो अन्दर गई और ब्लू कलर का एक स्लीवलेस गाउन पहन कर आ गई, जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. इस गाउन में ऐसा लग रहा था कि उसके मम्मे ब्रा फाड़कर बाहर आना चाहते हों.

मैं उसे ललचाई नजरों से देखने लगा. वो मुस्कुरा दी. फिर दोनों ने खाना शुरू किया.. खाना खाते समय मैं उसके मम्मों को तिरछी निगाहों से देख रहा था. ये उसे भी समझ आ रहा था कि मैं उसके मम्मों को देख रहा हूँ. वो थोड़ी सी और झुकी तो उसके आधे मम्मे दिखने लगे. मेरी तो जैसे सांस हलक में आ गई.

वो मुस्कुराते हुए बोली कि ऐसे क्या देख रहे हो?
तो मैंने बोला- कुछ भी नहीं.
फ़िर वो बोली- मैं सब जानती हूँ.

ये कह कर वो मुस्कुराने लगी. हम दोनों ने खाना खाया और फ़िर थोड़ी देर टीवी देखने के बाद 8 बजे मैंने अपने कमरे में जाने का बोला.

तो वो बोली कि आज यहीं सो जाओ मुझे अकेले डर लगता है और आज सुनील भी नहीं है.. प्लीज़ यहीं सो जाओ ना.
मैंने कहा- ठीक है, लेकिन मैं कहां सोऊंगा?
तो वो बोली कि तुम यहीं इसी बेड पर मेरे साथ सो जाना.
मैंने बोला- ठीक है.

हम दोनों 10 बजे तक टीवी देखते रहे और बातें करते रहे. फ़िर मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई. रात को मुझे बाथरूम लगी तो मैं जाने के लिए उठा. तो मैंने देखा कि खुशबू भी मेरे पास ही सो गई है.

ये देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने सोचा कि आज तो इसे चोद कर ही रहूँगा. मैं बाथरूम से आने के बाद वापस लेट गया और एक हाथ उसके मम्मे पर रख दिया. वो सो रही थी, फ़िर मैं उसके मम्मों को सहलाने लगा. वो तब भी नहीं जागी तो मैं उसकी जाँघों को सहलाने लगा. अब उसने मुझे देख लिया.

उसकी आँखें खुलते ही मैं चुपचाप सो जाने का नाटक करने लगा. तो वो कुछ नहीं बोली और फ़िर से सो गई.

थोड़ी देर के बाद उसने मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और लंड सहलाने लगे. मैं ऐसे ही लेटा रहा और जब उसे लगा कि मैंने सो गया हूँ तो जरा मस्ती से लंड पर अपना हाथ चलाने लगी.

अब मैं अपने आप को रोक नहीं पाया. उसे अपनी बांहों में ले लिया और उसके गुलाबी होंठों को चूमने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.

थोड़ी देर के बाद वो बोली- मुझे तुमसे प्यार हो गया है.. मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद है.

हम दोनों एक दूसरे को चूमते चाटते रहे. उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए. सिर्फ मेरी अंडरवियर रह गई थी. मैंने उसे मना कर दिया. फ़िर मैंने भी उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया. उसके कमरे के नाईट लैम्प के रोशनी में मैंने उसका गोरा बदन देखा, बिल्कुल हीरे की तरह चमक रहा था. उसने भी मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे लंड देख कर बोली- तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा और लम्बा है. मेरे पति का लंड तो आपके लंड से आधा ही होगा. वो मुझे कभी भी संतुष्ट नहीं कर पाया शिवा.. आज तुम मेरी प्यास बुझा दो.

ये कहते हुए उसने मेरा लंड पकड़ लिया और प्यार करने लगी. मैंने भी उसके दोनों दूध थाम लिए और दूध चूसते हुए खुशबू को प्यार करने लगा. हम दोनों बिल्कुल मदहोश हुए जा रहे थे. उसके 34 इंच के दूध बड़े मस्त थे. एक दूध मेरे मुँह में था और एक हाथ में था. वो मेरे लंड को सहलाए जा रही थी. हम दोनों ने काफी देर तक चूमा चाटी की. उसने मेरा लगभग पूरा बदन चूमा. मैंने भी उसके पूरे बदन बड़ी बेताबी से चूमा.

इसके बाद जब चुदास चरम पर आने लगी तो मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चुत को चाटने लगा. उसकी चुत पर एक भी बाल नहीं था. मैंने उसकी चुत को चाट चाट कर गुलाबी कर दिया. वो भी चूत चटवाने से एकदम गरम हो गई थी और उसने अकड़ते हुए अपना पानी छोड़ दिया. मैं उसकी चूत का पूरा रस पी गया.

वो कुछ देर के लिए ठंडी हो गई थी. लेकिन लगातार चूत चाटते रहने से वो फिर से भड़क उठी और बोलने लगी- प्लीज़ शिवा जल्दी करो.. मैं अब और नहीं रुक सकती.

मैंने कहा- यार मैंने चूत चाटी है.. प्लीज़ तुम भी एक बार मेरा लंड चूसो न.
वो बोली- मैंने आज तक कभी लंड को मुँह में नहीं लिया है.
मैंने कहा कि आज मेरे लंड को अपने मुँह में ले लो.

उसने मेरे लंड मुँह में ले लिया. धीरे धीरे उसे भी लंड चूसने में मज़ा आने लगा. अब तो वो लंड को बड़े मजे से चूसने चाटने लगी. थोड़ी देर के बाद मैंने अपना सारा रस उसके मुँह में डाल दिया.

वो भी लंड चूसने में इतनी मस्त थी कि वो पूरा का पूरा रस पी गई और फ़िर मुस्कुराते हुए बोली- मुझे तुम्हारा रस बहुत ही अच्छा लगा.

अब हम दोनों फ़िर से 69 की पोजीशन में हो गए. मैं उसकी चुत को चूसने लगा और वो मेरे लंड को फ़िर से चूसने लगी. कुछ ही देर के बाद मेरा लंड फ़िर से खड़ा हो गया. मैंने सीधे होकर उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चुत पर अपना लंड रख दिया.

मेरे लंड का सुपारा बड़ा मोटा है और इसलिए सुपारे को चूत की फांकों में लगाने से ही उसकी चुत ढंक चुकी थी. कुछ पल मैं उसकी आँखों में आँखें डाल कर उसकी चुत पर अपना लंड ऐसे ही रगड़ता रहा.

दो पल में ही वो बेचैन होकर बोली- शिवा प्लीज़ जल्दी से मेरी चुत में अपना लंड डाल दो.

मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और थोड़ा सा ही जोर लगाया तो मुझे समझ आ गया कि उसकी चुत एकदम कसी हुई है. अब मैंने थोड़ा जोर लगाया और लंड के अन्दर जाने के बाद उसको देखा तो वो थोड़ा दर्द झेलती हुई सी लगी. मैंने उसे पकड़ा और एक जोरदार धक्का मार दिया. मेरे इस तगड़े शॉट से भी उसकी चुत में मेरा लंड सिर्फ 3 इंच ही घुस पाया.

उसी वक्त उसके मुँह से जोरदार चीख निकल पड़ी- आआह.. ऐईईईईइ मार डाला.. प्लीज़ निकाल लो.. मैं मर जाऊंगी.

लेकिन मैं नहीं रुका और मैंने जोर जोर से 3-4 धक्के दे मारे. इस कारण मेरा लंड उसकी चूत में 5 इंच तक अन्दर कर दिया.

वो और जोर से चीख पड़ी- आआआह.. आईईई.. माँआ.. माआअर डाला शिवा.. मेरी चुत फट गई.
मैंने बोला- कोई बात नहीं डार्लिंग.. थोड़ी देर रुको.
लेकिन वो दर्द से तड़फ रही थी. वो बोली- प्लीज़ निकालो पहले.

उसकी चुत से खून बाहर आ रहा था. मैं एक बार तो चौंक गया कि क्या इसके पति के पास लंड ही नहीं है. फिर मैंने सोचना बंद कर दिया. अब मैं उसके मम्मों को सहलाने लगा और उसके होंठों को चूमने लगा. थोड़ी देर तक मैं इसी तरह से शांत लेटा रहा.

फ़िर मैंने धीरे धीरे लंड को उसकी चुत के अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. बस थोड़ी देर के बाद वो सामान्य हो गई और मेरा साथ देने लगी. अब वो भी अपनी गांड नीचे से उछाल उछाल कर चुदवाने लगी.

मैंने उसको आँख मारी तो फिर वो मुस्कुराते हुए मुझसे बोली- तुमने तो मुझे मार ही डाला था.. तुम्हारा लंड तो बहुत ही मोटा और लम्बा है.
फ़िर मैंने बोला- अभी पूरा अन्दर नहीं गया है.. अब पेल रहा हूँ.

अभी वो कुछ कहती कि मैंने उसको पकड़ा और एक जोरदर धक्का दे मारा. वो फ़िर से चीख पड़ी- ऊऊईईई माँआ मर्रर्रर्रर्र गई.. फाड़ दी मेरी चुत.. शिवा धीरे करो ना..

मैंने कहा- अब पूरा चला गया.

फ़िर मैं लंड को अन्दर बाहर करने लगा. थोड़ी देर के बाद उसे भी मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. थोड़ी देर चोदने के बाद उसका पानी निकल गया. चिकनाई हो जाने के कारण बड़े मजे से लंड अन्दर बाहर सटासट हो रहा था. मैंने उसको चोदने को रफ्तार बढ़ा दी.

फ़िर 20-25 मिनट के बाद मैंने भी अपना पूरा का पूरा रस उसकी चुत में ही छोड़ दिया. हम दोनों एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. मैं उठा और बाथरूम में जाने लगा.

वो बोली- शिवा मुझसे भी साथ ले चलो क्योंकि मैं चल नहीं पा रही हूँ.

मैं उसे अपनी गोद में उठाकर बाथरूम में ले गया. उसकी चुत पूरी खून से लथपथ थी. मेरा लंड भी लाल हुआ पड़ा था. उसने मेरे लंड को पानी से साफ़ किया और मैंने उसकी चुत को साफ़ किया.

हम दोनों फ़िर से बिस्तर पर जाकर लेट गए. थोड़ी देर के बाद वो मुझे चूमने चाटने लगी. मुझसे कहने लगी- शिवा मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद आया है.. और तुम बहुत अच्छे से चोदते हो.

ये कह कर वो मेरे लंड को प्यार करने लगी और मुँह में लेकर चूसने लगी. हम दोनों फिर से 69 की पोजीशन में हो गए. थोड़ी देर तक मैं उसकी चुत चूसता रहा. उसने जल्दी ही अपना पानी छोड़ दिया.

कुछ देर रुकने के बाद मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया. मैंने पीछे से उसकी चुत पर अपना लंड रखा और एक जोरदार धक्का दे मारा.

इस झटके में मेरा लंड 4 इंच अन्दर चला गया.

उसकी जोर से चीख निकल उठी- आआआह.. आऐईईइ मार ही डालोगे क्या.. धीरे धीरे करो ना..

मैं उसके मम्मों को सहलाने लगा और उसके शांत होते ही मैंने फ़िर से एक और जोरदार धक्का दे मारा. इस धक्के ने मेरे पूरे लंड को उसकी चूत के अन्दर पेल दिया था.

वो फ़िर से चीख उठी- ऊऊऊ ऊईईईईईईई म्मम्म आआआह.. मअर्रर्र गई.

मैं उसे चोदने लगा और फ़िर धीरे धीरे वो भी सामान्य हो गई और मेरा साथ देने लगी. दस मिनट चोदने के बाद उसका पानी निकल गया.

लेकिन मैं उसे इसी तरह चोदता रहा. फ़िर मैंने आसन बदला और अब उसे अपने ऊपर ले लिया. वो अपने दोनों पैर फैला कर मेरे लंड पर बैठ गई. मैंने नीचे से धक्का मार कर अपना पूरा लंड चूत के अन्दर फिट कर दिया.

उसकी फ़िर से चीख निकली- ऊऊईईईई माँआ.. मर्रर्रर्रर्र गई.

मैं उसके चूचों को सहलाने लगा और बोला- कैसा लग रहा है?
तो वो बोली- मुझे तो जन्नत की सैर होती सी लग रही है. ऐसा मज़ा तो मुझे मेरे पति कभी नहीं दिया.

मैंने अपने लंड को एक ठोकर मारी तो वो ऊह.. करते हुए मुस्कुराई और बोली- शिवा मुझे चोद डालो फाड़ दो मेरी चुत को.. आह.. और जोर से चोदो मुझे..

मैं उसे तेजी से चोद रहा था. फ़िर मैं उसके मम्मों को और होंठों को चूसते हुए चोदने लगा. उसे भी मम्मे चुसवाते हुए चुदने में मजा आ रहा था.

इसी तरह मैं उसे देर तक चोदता रहा. वो फिर से झड़ गई. मैं उसे 30-40 मिनट तक चोदता रहा और फ़िर मेरा भी रस निकल गया. मेरे रस से उसकी पूरी चुत लबालब भर गई. हम दोनों दो बार की चुदाई से थक गए थे, इसलिए थोड़ी देर नंगे ही सो गए. रात भर में मैंने उसे 4 बार चोदा.

फ़िर सुबह वो उठी तो मुझसे बोली- शिवा मैं ठीक से चल नहीं पा रही हूँ.. मुझे नहाना है.

हम दोनों ने साथ में ही नहाया. मैंने उसके पूरे बदन पर साबुन लगाया और उसने मेरे बदन पर साबुन लगाया. हम दोनों एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. वो मेरे लंड को सहलाने लगी. मैं भी उसकी चुत को सहलाने लगी. वो नीचे झुक कर मेरा लंड चूसने लगी.

थोड़ी देर तक लंड चूसने के बाद मैंने उसको बाथरूम में ही डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया और 20-25 मिनट चोदने के बाद हम दोनों झड़ गए.

फिर हम नहाए और बाहर आ गए. वो नाश्ता बनाने चली गई. उसने सिर्फ लाल रंग की ब्रा और पेंटी पहनी थी, जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मैंने उसके किचन में ही उसकी ब्रा और पेंटी निकाल कर उसको नंगा कर दिया और उसके मम्मों को चूसने लगा. वो फिर से गरम हो गई. मैंने उसे किचन की स्लैब पर बिठा दिया और फ़िर उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर उसकी चुत पर लंड रख दिया. इसके बाद 3-4 धक्कों में ही मैंने पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर पेल दिया. इस आसन में लंड ने हाहाकार मचा दिया था.

उसके मुँह से चीख निकल गई- ऊऊऊऊ उईईईई म्मम्मर गई.. आआह.. उम्मम्मा.. आआह.. धीरे शिवा धीरे करो ना..

लेकिन मैं उसे चोदता रहा और 20 मिनट तक हचक कर चोदने के बाद ही रुका. वो अब तक 3 बार झड़ चुकी थी.

फ़िर हम दोनों ने नाश्ता किया और थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं बाजार से एक ब्लू फिल्म की सीडी लाया. हम दोनों ने साथ में मूवी देखना शुरू की. मूवी चले दो मिनट भी नहीं हुए थे कि हम दोनों एक दूसरे को रोक नहीं सके. हम दोनों ने एक दूसरे को नंगा कर दिया और चूमने चाटने लगे.

खुशबू मेरे लंड को चूसने लगी. फ़िर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में उसकी गांड में अपना लंड पेलने लगा. उसे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था. वो मना करने लगी. मैंने उसे जैसे तैसे मनाया और धीरे धीरे उसकी गांड में लंड डालना चालू किया.

अभी सिर्फ मेरे लंड का टोपा ही अन्दर गया था कि वो चीखने चिल्लाने लगी और बोली- मुझे नहीं मरवाना गांड.

मैंने उसके मम्मों को पकड़ा और जोर जोर से धक्के देता चला गया. मैंने पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया

उसके मुँह से जोर से चीख निकल गई- आआआहह.. आऐईईईइ मर गई.. आआह मार डाला शिवा.. मैं मर गई.. ऊऊऊ ऊऊईईई ईईईई माँआअन्न.. मार डाला.

फिर 10-12 मिनट के बाद वो चुप हो गई और मेरा साथ देने लगी. इस तरह मैं उसकी गांड मारने लगा.

करीब 20-30 मिनट तक मैं उसकी गांड मारता रहा. फिर लंड को गांड से निकाल कर पीछे से ही चूत में लंड पेल दिया. पांच मिनट तक उसकी चुत चोदने के बाद मैंने उसकी चुत में ही पानी छोड़ दिया. दिन में 2 बजे तक मैंने उसकी गांड को 3 बार मारा.

फ़िर हम दोनों सो गए. शाम को खाना खाने बाहर चले गए. रात को 8 बजे से हम दोनों नंगे ही लेट गए और बातें करने लगे.

फ़िर कुछ देर बाद हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना चाटना शुरू कर दिया.

मैंने उस रात खुशबू को 4 बार चुत तरफ से चोदा और 2-3 बार उसकी गांड मारी. सुबह फ़िर से मेरे ऊपर चढ़ कर उसने मेरा लंड अपनी चूत के अन्दर ले लिया. लेकिन वो इतनी चुदाई के बाद ठीक से लंड अन्दर नहीं ले पा रही थी. उसे थोड़ा दर्द हो रहा था.

मैंने उसका साथ दिया और उसकी चुत पर स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए.

वो मादक सिसकारियां लेते हुए ‘स्ससीईईईई ईइस्स स्सस उफ़्फ़फ़ उफ़्फ़ क्या लंड है शिवा.. काश मैंने तुमसे शादी की होती.. उईईई माँआआन्न मार डाला शिवा.. और ज़ोर से चोदो मुझे..’

इस तरह खुशबू को चोदते चोदते मैंने रस उसकी चुत में ही डाल दिया.

हम दोनों ने साथ में नहाने के बाद आराम किया और खाना खाया.

फ़िर हम दोनों सो गए और शाम को 4 बजे हम दोनों एक दूसरे को चूमने चाटने के साथ ही फिर से चुदाई का प्रोग्राम चालू कर दिया.

खुशबू इसनी मस्त थी कि वो चुदते हुए मादक सिसकारियां ले रही थी- उफ़्फ़फ़ उफ़्फ़ क्या लंड है शिवा तुम्हारा.. दिल करता है तुमसे दिन रात चुदवाती रहूँ.

मैंने उसे शाम से लेकर सुबह तक कई बार चोदा और 3 बार उसकी गांड भी मारी.

वह बोली- आज तुमने मुझे वो मज़ा दिया है, जिसके सपने मैंने बचपन से देखे थे.. आई लव यू शिवा..

इस तरह मैं उसे 12 दिन तक चोदता रहा. उसके बाद सुनील जब भी बाहर गया हम मजा लेना शुरू कर देते.

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प्रेषक : सनी Hindi Sex Stories

यह तब की कहानी है Hindi Sex Stories जब मैं २४ साल का था। घर वालों ने मेरी शादी एक शहर की लड़की से तय की जिस शहर में मैं काम कर रहा था। लड़की के पिता साठ साल के थे और वो बीमार थे, माता सैंतालीस साल की थी और काफी सेहदमंद थी, बड़ी बहन माया सत्ताइस साल की शादीशुदा थी, उसकी शादी को तीन साल हुए थे लेकिन अभी उसकी कोई संतान नहीं थी और सबसे छोटी बहन अट्ठारह साल की थी जो पढ़ रही थी।

शादी के बाद मैं उन्हीं लोगों के साथ रहने लगा, क्योंकि घर में कोई जवान पुरुष नहीं था और पिताजी की देख-भाल के लिए वहाँ होना जरूरी था।

बड़ी साली माया दिखने में काफी सुन्दर थी लेकिन हमेशा चुपचाप रहती थी, उसके पति गाँव में अध्यापक थे और वो महीने में तीन या चार दिन ही आते थे।

मेरे साथ वो घुल मिल के रहती थी लेकिन कुछ पूछ्ने पर नहीं बताती थी। एक दिन दोपहर मैं घर पे अकेला था तो मैंने खिड़की से देखा कि माया स्कूल से घर आ रही थी, वो भी स्कूल टीचर थी, उसे देखते ही मुझे एक कल्पना सूझी और मैंने उसे पटाने की तरकीब निकाली।

मैंने अपनी चड्डी निकाल के सिर्फ लुंगी पहनी जोकि सामने से खोल सकते थे, और बेडरूम में सो गया। उसके विचार से मेरा लण्ड तन के दस इंच का हो गया था और लुंगी में खडा हुआ था।

थोड़ी देर में माया ताला खोल कर अन्दर आई और मुझे अन्दर उस स्थिति में देखकर मुस्कुराई। वो बड़े प्यार से मेरे तने हुए लिंग को देख रही थी। शायद उसने पहली बार इतना बड़ा हथियार देखा था।

अब उसने अपने कपड़े उतारने शुरू किये। उसने अपनी साड़ी उतार कर बाजू में रखी और फिर ब्लाऊज़ निकाला। वो मुझे सोया हुआ समझकर बिंदास अपने कपड़े बदल रही थी या सब कुछ जानते हुए अनजान बन रही थी।

फिर उसने पेटीकोट उठाकर अंदर से अपनी चड्डी निकाल कर बाजू में रखी। उसी कारण मुझे उसके बड़े बड़े गोरे कूल्हे नजर आये और मेरा लंड और तन गया।

फिर उसने अपनी ब्रा भी निकाली और वो घर में पहनने के कपड़े लेने के लिए मुड़ी तब मैंने उसके बड़े-बड़े गोरे आम जैसे स्तनों के दर्शन किये। उसका पेटीकोट आगे से थोड़ा फटा हुआ था इसलिए पेट के नीचे के बाल भी साफ़ नजर आ रहे थे।

अब मैंने आहिस्ते से अपनी लुंगी सरका दी ताकि मेरा पूरा का पूरा लंड उसको दिखे। जब उसने मेरा दस इंच का लंड खुला देखा तो उसके होश उड़ गए। लगता है उसको नजदीक से देखने की उसको लालसा हुई और वो थोड़ा नीचे झुक गई।

मैं उसी वक़्त उठकर खड़ा हुआ जैसे कि मुझे बाथरूम जाना है। सामने ही उसे देखकर मैंने आश्चर्य से उसे पूछा कि वो कब आई। लेकिन वो बिना कुछ बोले अपनी छाती पर हाथ रखकर खड़ी थी और मेरे नीचे वाले को देखकर मुस्करा रही थी।

मैंने नीचे देखा और उसे कहा- माफ़ करना, सपना देख रहा था, इसीलिए यह हालत हुई है।

तो उसने हंसते हुए कहा- कौन है वो जो सपने में इस सुन्दर चीज से खेल रही थी?

तो मैंने उससे कहा- बुरा नहीं मानना लेकिन वो तुम्हीं हो जो सपने में मुझे सताती हो !

ऐसा कहते हुए मैंने उसको अपनी तरफ खींचा और उसके मुख को चूमा और उसके स्तन अपने हाथ में लेकर कुचलने लगा। लेकिन उसने मुझे जोर का धक्का देकर दूर धकेला और बेड पर बैठकर रोने लगी और कहने लगी- नहीं, मुझे माफ़ करो लेकिन मैं ये सब तुम्हारे साथ नहीं कर सकती, यह पाप है, तुम मेरे बहन के पति हो, यह पाप मैं नहीं कर सकती।

थोड़ी देर उसको रोने देने का बाद मैंने उसे कहा- कैसा पाप ? तुम तो मेरी साली हो और साली तो आधी घरवाली होती है और क्या मुझे मालूम नहीं कि शादी को तीन साल होने के बाद भी तुम्हारी संतान नहीं है क्योंकि तुम्हारा पति तुम्हें यह सुख नहीं दे पाता। क्या तुम नहीं चाहती कि तुम मेरे इस लंड की मालकिन बनो और इसका मजा लूटो ! क्या तुम मुझसे संतान होना पसंद नहीं करोगी? अगर मेरी शादी छाया (मेरी पत्नी) के बजाए तुम से हो जाती तो कितना अच्छा होता ! तुम्हें पता है कि मेरा ये दस इंच का हथियार छाया नहीं पेल पाती और वो मुझे संतुष्ट नहीं कर पाती।

वो मेरी तरफ देखने लगी, मेरी नजर में अपार करुणा थी, मैंने उसे कहा- क्या महाभारत में कितनी औरतों के दो या पाँच पति नहीं थे? कितनी औरतों ने दूसरे पुरुष से संतान नहीं पाई थी? यहां तो मैं तुम्हारे घर का पुरुष हूँ और अगर तुम्हारा पति तुम्हें यह सुख और सन्तान नहीं दे पाता तो सबसे पहले ये मेरा अधिकार और कर्त्तव्य है कि मैं तुम्हें यह सुख और संतान दे दूँ ! अब यह तुम्हारे हाथ में है कि हम सब दुखी रहे या तुम मेरी पत्नी बन के यह सुख भोगो और मुझसे संतान प्राप्त करो ! इस कारण मैं छाया को भी ज्यादा परेशान नहीं करुंगा और वो भी सुखी रहेगी। क्या तुम नहीं चाहती कि तुम, मैं, तुम्हारी बहन और संतान पाकर तुम्हारे पति सब खुश हो और घर ही घर में तुम्हें यह सुख मिले?

उसको चुपचाप खड़ी पाकर मैं समझ गया और उसको अपनी ओर खींचकर उसके चुम्बन लेने लगा और उसके बड़े बड़े आम जैसे उरोज कुचलने लगा।

अब वो मेरी बदन से चिपक गई। मैंने बिना समय गँवाए उसको बेड पे डाला और उसके पेटीकोट का नाड़ा खोलकर उसे दूर फेंक दिया। अब वो पूरी नंगी मेरे नीचे थी और मैं उसके पूरे बदन को चूम रहा था।

फिर मैंने 69 की पोजीशन ली और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और मैं उसकी चूत को अन्दर जीभ डालकर चूसने लगा। मुझे औरतो की चूत चूसना बहुत पसंद है, उनकी चूत से बहता हुआ पानी मुझे बहुत अच्छा लगता है।

दस मिनट तक एक दूसरे की चाटने के बाद मैं उसकी टाँगों के बीच में आया और उसकी एक टांग अपने कंधे पर लेकर अपना लंड का सुपारा उसकी चूत की दरार पे टिका दिया. और एक जोर का धक्का दिया।

वो जोर से चिल्लाई तो मैंने अपने हाथ से उसका मुँह बंद किया। वो रोने लगी और मैंने नीचे देखा तो उसकी चूत में से खून बह रहा था। मैं जान गया कि उसकी चूत की झिल्ली मैंने तोड़ दी है।

शादी के तीन साल बाद भी वो कुंवारी ही थी। मैंने उसके पति को मन ही मन धन्यवाद दिया कि उसका सील तोड़ने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने दूसरा जोर का धक्का दिया और इस बार मेरा पूरा दस इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा लंड उसकी चूत में घुस गया।

फिर आहिस्ते- आहिस्ते मैं लंड को अन्दर बाहर करने लगा। थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी। दस मिनट बाद उसने मुझे जोर से पकड़ लिया मैं समझ गया कि उसने अपना पानी छोड़ दिया है।

लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था और 15 मिनट तक लगातार धक्के मारने के बाद मेरा लावा गिरने को आया तो मैंने उसको पूछा कि वो क्या चाहती है, मैं मेरा वीर्य उसकी चूत में गिराऊं या वो उसे अपने मुँह में लेना पसंद करेगी?

वैसे मैं अपने वीर्य को बहुत कीमती मानता हूँ और उसे जमीन पे गिराना मुझे पसंद नहीं है। लेकिन उसने कहा कि वो मेरे वीर्य को पवित्र मानती है और वो उसे अपनी चूत में लेना चाहती है ताकि उसे संतान प्राप्त हो। वो चाहती है कि छाया की बड़ी बहन होने के नाते वो उससे पहले माँ बनना चाहती है।

मैंने भी उसे कहा कि मैं उसे अब मेरी बड़ी पत्नी के रूप में देखता हूँ और मेरे बच्चे की माँ बनना उसका ही पहला अधिकार है और मैं उसे पूरा करूँगा।

ऐसा कहकर मैंने 10-12 पिचकारी वीर्य उसकी चूत में छोड़ा और फिर हम दोनों उसी पोजीशन में दस मिनट तक पड़े रहे। फिर बाथरूम जाकर हमने एक दूसरे को साफ़ किया और भगवान की तस्वीर के सामने खड़े होकर मैंने उसके साथ गन्धर्व विवाह किया।

जिंदगी भर मैंने उसे पत्नी मानने की कसम खाई और उसे बच्चे देने का अधिकार प्राप्त किया।

उसके दो दिन बाद मेरे जीवन में क्या तूफ़ान आया ये आप सोच भी नहीं सकते !

वो सब अगली कहानी में बताऊंगा, मेरी अगली कहानी का इंतजार करिए। तब तक के लिए नमस्कार ! Hindi Sex Stories

Antarvasna

अन्तर्वासना के प्यारे पाठको और सभी आंटियों और लड़कियों को मेरा प्यार…Antarvasnaआप लोगों को मेरी पहली कहानी मकान मालिक की बीवी को चोदा अच्छी लगी होगी ! मैं आज फिर एक नई कहानी लेकर आया हूँ…

ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए मैं कहानी शुरू करता हूँ…….

मेरी उमर २२ साल हैं.मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ। मैं बचपन से ही लड़कियों और आंटियों से शरमाता था। मेरे पड़ोस में एक नई लड़की गुंजन आई हुई थी। उसकी उमर भी १९-२० के आस पास होगी, देखने में वो एकदम मस्त थी। जब मैंने उससे पहली बार देखा था तो तभी से उसे चोदने की सोचने लगा। उसे देखते ही मेरा लण्ड खडा हो जाता था। आख़िर में भगवान ने मेरी सुन ही ली। मेरे घर के सारे लोग सर्दियों की छुट्टी में गाँव चले गए। मेरे पेपर चल रहे थे सो मैं नहीं गया। खाना खाने के लिए पड़ोस में बोल गई थी मेरी मम्मी।

एक दो दिन तो सब कुछ सामान्य रहा।

तीसरे दिन दोपहर को वो घर में अकेली थी। मैं दोपहर का खाना खाने के लिए उनके घर गया। उसने खाना लगा दिया, मैंने कहा- तुम नहीं खाओगी क्या?

तो वो बोली- मैं पहले नहा कर फिर खाना खाऊँगी ! और वो नहाने चली गई। मुझे पेट की नहीं चूत की भूख लग रही थी सो मैं भी उसके पीछे हो लिया।

मैंने बाथरूम के दरवाज़े के छेद से देखा- उसने एक-एक करके सारे कपड़े उतार दिए।

मेरे शरीर में अजीब सा करंट दौड़ गया। यह सब देख कर मुझे मजा आ रहा था और डर भी लग रहा था कि कहीं कोई आ ना जाए। मेरा लण्ड एक दम ९० डिग्री पर सीधा खडा हो गया था और ऐसा लग रहा था कि पैन्ट को फ़ाड़ कर बाहर निकल आएगा। कुछ देर बाद गुंजन ने कपड़े पहनने शुरू कर दिए। मैं जल्दी से आकर खाने के पास बैठ गया।

नहाने के बाद गुंजन एकदम परी की तरह लग रही थी। उसने पूछा कि तुमने अभी तक खाना क्यों नहीं खाया?

मेरा लण्ड अभी भी खड़ा था। उसकी निगाह उस पर पड़ गई। मैं अब उससे नज़र नहीं मिला पा रहा था। मैंने बात बदलते हुए कहा कि दोनों मिलकर खाना खा लेते हैं।

पर वो मेरा लण्ड खडा देख कर मुझसे मज़े लेना चाहती थी। पर पहल मेरी तरफ से हो, इसके लिए उसने कहा कि खाना ठंडा हो गया हैं, तुम इसे गरम कर लाओ, मैं अभी नहा कर आई हूँ।

मैं अपने लण्ड को दुबका कर बिठा था। गुंजन बोली- यह क्या छुपा रहे हो?

मैं पूरी तरह झेंप गया था। मैंने कहा- कुछ नहीं !

तो वो बोली- यह छुपाने के लिए नहीं होता !

इतना कहते ही मैंने उसे पकड़ लिया और किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा।

धीरे -२ उसे भी मज़ा आने लगा। वो मेरे लण्ड को हाथ से सहलाने लगी। हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े एक-२ करके उतार दिए। मैंने जैसे ही उसकी चूत में ऊँगली की, उसके मुँह से उह आह उह्ह आह्ह्ह की आवाजें निकलने लगी। मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा था कि जिसे मैं चोदने के सपने देखता था, आज उसे चोद रहा हूँ।

वो पूरे जोश में आ गई थी और तेज़-२ बोल रही थी- चोद दो मु्झे आज ! जी भर कर चोदो !

मैंने भी लण्ड उसके छेद पर रख कर एक जोरदार धक्का लगाया !

लण्ड का सुपारा अंदर जाते ही वो ज़ोर से चिल्लाई और बोली- थोड़ा धीर करो !

मैंने उसकी एक ना सुनी और एक और जोरदार धक्का लगते हुए लण्ड को पूरा घुसेड़ दिया उसकी चूत में।

फिर धीरे-२ धक्के लगाने शुरू किए। अब वो भी गांड हिला कर मेरा साथ दे रही थी।

२०-३० धक्कों के बाद वो और मैं दोनों झड़ गए।

मुझे पहली बार एहसास हुआ कि पृथ्वी पर स्वर्ग सिर्फ़ चूत मारने में हैं।

आगे भी मैंने कई बार गुंजन को चोदा !

वो कहानी बाद में !

आप लोगों को यह कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर मेल करें.. Antarvasna

Antarvasna

अन्तर्वासना में अपनी कहानियाँ भेजनेAntarvasnaवालों को एक बार फिर से गीता का प्रणाम! खुली फुद्दी से मेरी कहानी पढ़ने वालों को प्रणाम! सो दोस्तो अब तक चुदाई का सफ़र में मैं अब शादीशुदा हूँ लेकिन चुदाई का सफ़र में मेरी ज़िंदगी में पड़ोसी के बाद दूसरा लौड़ा किसने डाला?

मैंने बताया था कि पड़ोसी ने मेरे साथ अवैध संबंध बनाए वैसे भी मुझे शादीशुदा मर्दों से चुद कर मजा आता है पड़ोसी के ऑस्ट्रेलिया जाने से अब मेरी फुद्दी प्यासी थी तड़फ़ रही थी। एक दिन घर में मेरी बड़ी बहन का नंदोई आया था, मम्मी घर नहीं थी और वो किसी काम से शहर आया था। रात हो जाने के कारण उसको रुकना पड़ा।

मैं डिनर तैयार करने लगी। पापा उसको बिठा कर खुद बाहर ठेके से दारू की बोतल लेने गये। मैं किचन में काम करते वक्त चुन्नी नहीं लेती थी और वैसे भी मैं डीप-नेक और पीछे ज़िप वाले सूट पहनती हूँ।

वो किचन में ग्लास, पानी, नमकीन लेने आया, बोला- नमकीन दे दो!

मैं डिब्बे से नमकीन निकालने लगी जो उपर वाली शेल्फ पे था। मैंने कहा- रुकना! मैं स्टूल ले कर आती हूँ।

वो बोला- उसकी क्या ज़रूरत? उसने पीछे से आकर उठा दिया और बोला- लो डिब्बा उतार लो उसकी इस हरक़त में उसने मेरे चूतड़ों को हल्के से दबा डाला। जाते जाते मेरे मम्मों को भी दबा गया।

फिर पापा और वो बैठ कर पीने लगे। उसकी क्षमता काफ़ी लगती थी पापा को चढ़ गई लेकिन दूसरी बोतल भी खुल गई। पापा थोड़ा नमकीन और पानी लाने के लिए उठने लगे। वो बोला- प्लीज़ अंकल जी! आप बैठो मैं लाता हूँ।

रसोई में आकर उसने मुझे पीछे से दबोच लिया और मेरी गर्दन पे अपने होंठ रख दिए। मुझे गरम करने के लिए उसने मेरे मम्मों को दबाया और बिना बोले वहाँ से चला गया। उसकी मजबूत बाहों से मेरी प्यासी फुद्दी गीली होने लगी।

थोड़ी ढेर में पापा को ज्यादा चढ़ गई। तभी भाई का फोन आया कि वो आज अपने ससुराल में ही रुकने वाले है। मैंने गेस्ट रूम में बिस्तर लगा दिया। उसके लिए खाना लगाने लगी।

तभी वो एक पेग हाथ में लेकर मेरी तरफ आया और मुझे पिलाने लगा। मैंने मना किया लेकिन उसने पेग पिला ही दिया। सरूर जल्दी ही चढ़ने लगा। दोनों खाना खाने डाइनिंग टेबल पे बैठ गये। वो उठा और दो पेग बना लाया, बोला- गीता जी! एक जाम और मेरे नाम का!

मैं वो पेग गटक गई। खाना खाने के बाद मैं उठी, बर्तन वगैरा रख के अपने कमरे में चली गई और नशे में सरूर सा आने लगा। तभी वो कमरे में आया और कुण्डी चढ़ा दी।

उसने आते ही मुझे दबोच लिया, ज़िप खोल मेरा कमीज़ उतार दिया, ब्रा उतार कर मेरे मम्मों को मसलने लगा, बोला- गीता! तुम बहुत मस्त माल हो ,कैसी गोल-मोल गाण्ड! उफ़फ्फ़! कायल कर दिया तूने!

कहते ही मैंने भी उसके गले में बाहें डाल दी और बोली- आप भी असली मर्द हो। आपकी यह चौड़ी छाती, घने बाल, मर्दानगी की कायल तो मैं हो गई आपकी!

वो मेरी दोनों टांगों के बीच बैठ कर अपनी ज़ुबान से मेरी फुद्दी चाटने लगा। जब वो मेरे दाने को चबाता, कसम से आग मच जाती! अहह उह!!!

मैंने उसको धकेलते हुए पीछे किया और जल्दी से उसका लंड पकड़ लिया और घुटनो के बल बैठ कर चूसने लगी।

वो बोला- हाय जान! रानी! राण्ड! माँ की लौड़ी! चूस!

वो अपने पैर से नीचे मेरी गाण्ड के छेद में अंगूठा डालने की कोशिश करने लगा। फिर दारू में टल्ली उसने मुझे सीधा लिटाते हुए अपना मोटा लंड मेरी फुद्दी में धकेल दिया।
अहह धीरे!
बोला- कमीनी! चुप साली रंडी!

मैं ज़ोर ज़ोर से चुदने लगी। जब जब उसका लंड मेरी बच्चेदानी से रग़ड़ ख़ाता, मानो स्वर्ग बिस्तर पे आ गया लगता था।
अब मैं खुद नीचे से बोली- हाए मेरे ख़सम! फाड़ डाल! छोड़ना मत!

और मैं गाण्ड उठा उठा के चुदने लगी। उसने मुझे घोड़ी बना लिया और पेलने लगा। मैं झड़ गई लेकिन वो थमा नहीं। करीब 25 मिनट यूँ ऐसे ही गैर मर्द की बाहों में झूलती हुई जो चुदी।

उसने अपना गरम गरम पानी जब मेरी बच्चेदानी के पास में छोड़ा, मैं पागल हो गई। कितना लावा निकालता था उसका लंड!

सो दोस्तो था वो मेरी बहन का नंदोई लेकिन सारी रात उसके नीचे मैं सोई।
उसने मुझे 3 बार चोदा, 1 बार गाण्ड में!

यह था मेरी जिन्दगी का दूसरा लंड!उसके बाद वो मुझे मोबाइल से फ़ोन करता, जब हमारे शहर में आता तो मुझे कॉलेज से लेकर करके होटल में ले जाता और खूब चोदता।
2 महीने मेरा उसके साथ सम्बंध रहे। फिर मैंने उसे मुँह लगाना छोड़ दिया।

फ़िर भी अब कभी जब घर आता है तो मौका देख 1 बार चोद ही लेता है मुझे!
अगले गैर मर्द की बाहों की दास्तान! सफ़र चुदाई का लेकर जल्दी रुबरू हो जाऊँगी।

खाओ लंड, लो आनन्द, जाए चूत में लंड!
जय चूत लण्ड की! Antarvasna

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