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Massage Girl in Kulgam: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Kulgam who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Kulgam that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Kulgam massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Kulgam who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Kulgam massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Kulgam massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Kulgam who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Kulgam employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Kulgam helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Kulgam

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Kulgam at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Sex Stories

 अधिकांश में पाठकों ने मुझे Hindi Sex Stories लड़की मानकर चोदने की इच्छा तक जाहिर कर दी। यहाँ मैं यह बता दूँ कि “मैं लड़की नहीं हूँ !” और मैंने वे कहानियाँ सीमा की तरफ़ से उसी के शब्दों में पेश की थी। आज मैं उसी कहानी को आगे बढ़ा रहा हूँ।

गुरू के घर पे उस दिन सीमा की जो कमर-तोड़ चुदाई हुई, उससे उसका रोम-रोम दर्द करने लगा। दूसरे राउंड में जब उन्होंने अपने लौड़े उसके मुँह में खाली किये तो वह निढाल हो चुकी थी और काफ़ी देर तक तो वह उठ ही नहीं पाई, ऐसे ही नंगी पड़ी रही। उनका वीर्य उसके मुँह से नीचे टपक रहा था और उसकी चूत भी रिस रही थी।
उन्होंने उसे उठाया और बाथरूम में ले जाकर कुल्ला कराया और अपने लौड़े भी धोकर उसे अपने बीच में लिटा लिया। फ़िर कुछ देर अच्छी तरह से सहलाया तो वह कुछ होश में आई। तीन बजे के करीब उसे घर छोड़ गये। जब वह घर पहुँची तो लड़खड़ा रही थी। उसने जैसे तैसे कपड़े बदले और नाइटी में अपने बिस्तर पे जा पड़ी। मैं भी पहुँच गया।

क्या हुआ … ?

राजन और रमेश ने मुझे पूरी तरह से खोल कर बता तो दिया ही था और मुझसे कुछ भी छुपा नहीं था।

कुछ नहीं … बहुत थक गई हूँ … उसने आँखें बन्द कर लीं। मैं उसके सर पर हाथ फ़ेरने लगा।

ज्यादा हो गया क्या …

हाँ यार ! गुरुबचन और अकील अंकल ने दो-दो बार चोदा … …

तू इतनी कमजोर हो गई क्या … राजन व रमेश ने भी तो एक साथ ही चोदा था … … मैंने सर दबाते हुए कहा।

अरे वे तो इनके सामने बच्चे हैं … ये दोनों तो … हे भगवान! मार ही डाला …

इस उमर में भी … …

यार पैरों में दर्द हो रहा है … मालिश कर देगा क्या …

हाँ अभी लाया … और जब मैं तेल लेकर आया तो … उसने नाइटी ऊपर कर ली। वह पैंटी भी नहीं पहने थी। अभी अभी चुदी हुई चिकनी चूत मेरे सामने थी। मैं पूरे पैरों पर मालिश करने लगा। थोड़ी देर बाद वह बोली- तेल का हाथ जरा चूत पर भी फ़ेर दे … बेचारी बहुत पिटी है आज …

मैंने चूत पर भी थोड़ा तेल लगा दिया …

उल्टी लेट जाओ तो पीछे भी लगा दूँ !

तो एक मिनट रुक … उसने नाईटी उतार दी और औंधी लेट गई। मैंने भी पजामा उतार दिया ताकि चिकना न हो जाये।

वाह ! क्या बदन है … मेरा लंड कच्छे से बाहर आने लगा। टांगो पर तो पहले लगा ही चुका था सो मैं उसकी जांघों पर, गांड के पास दोनों ओर पैर करके, बैठ गया और फ़िर दोनों हाथों से उसकी गर्दन से चूतड़ों तक मालिश करने लगा। उसे कुछ आराम मिला।

मालिश करते हुए मैंने कहा- दीदी कई दिनों से एक बात मेरे मन में आ रही है?

क्या?

डरता हूँ कि तू नाराज न हो जाये …

बोल ना … तुझसे क्या छिपा है मेरा …

इतना सैक्सी बदन है तेरा … तो इसे क्यों ऐसे ही लुटा रही है …

क्या करूँ … सिंह अंकल ने ऐसी आग लगाई कि अब रहा नहीं जाता। वरना सोच पापा के दोस्तों से … वो भी एक बार में पटती क्या …

मालिश करते समय जब में झुकता तो मेरा लंड उसकी गांड की दरार से रगड़ खा रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था …

पर तू कुछ और कहना चाह रहा है …

हाँ और तू चाहे तो …

उसने चेहरा उठाया और मुस्कराकर बोली- अपना अन्डरवियर भी उतार ले … ।

मैं शरमा गया फ़िर बोला- दरअसल दीदी !!

बोल ना यार शरमा मत … तू भी चोदना चाहता है मुझे …

नहीं वो बात नहीं है … पर डर लगता है कि तू नाराज न हो जाये …

नहीं आराम से कह …

मैंने कुछ सोचा फ़िर बोला- राजन भैया की एक मौसी है, जिसका अपना पेईंग-गैस्ट हाऊस है।

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राजन की दीदी भी जाती है। दीदी ने मुझे उठाया और सीधी हो गई और मेरी ओर देखने लगी।

उसकी मौसी को लड़कियों की जरूरत पड़ती है …

अपनी बहन को रंडी बनाना चाहता है ?

नहीं मेरा वो मतलब नहीं है पर …

साफ़ साफ़ बोल ना यार … … उसने मुझे खींचकर अपने बगल में लिटा लिया तो मैं उसके हाथ पर सर रखकर लेट गया और बोला- इतना सुन्दर और सैक्सी बदन है तेरा तो इसे ऐसे ही क्यों लुटा रही है …

इसमें रिस्क बहुत होता है … वह मेरी ओर घूमी और गाल पर चूमते हुए बोली।

राजन की दीदी तो कई साल से कर रही है … राजन कह रहा था कि उसकी मौसी बिलकुल सेफ़ गेम रखती है …

???????

वो सिर्फ़ चुनिन्दा लोगों से ही सम्पर्क रखती है जिसमें शहर के कुछ बड़े लोग और विदेशी मेहमान होते हैं। मैंने उसकी कमर में हाथ डालकर कहा।

आइडिया बुरा तो नहीं है … ये लोग भी कौन सा मेरा लिहाज करते हैं … साले रन्डी की तरह ही तो चोदते हैं …

चोदेंगे तो वे भी रन्डी की तरह ही …

चल सोचूंगी … और फ़िर उसने अपना एक हाथ मेरी कच्छी के उपर रखा और लंड पकड़ लिया।

यह बड़ी देर से खड़ा है …

इतनी सुन्दर लड़की को नंगी देखकर भी खड़ा नहीं होगा क्या …

तो खाली कर ले ना … और उसने मेरा अन्डरवियर खिसका दिया और लण्ड को बाहर निकाल लिया …

छोड़ ना तू बहुत थकी हुई है … वैसे भी अभी तेरे लायक हुआ भी नहीं है …

कोई बात नहीं … ला मुँह से खाली कर देती हूँ … मैं रोमांचित हो गया … घुटनों के बल बैठ गया। उसने दो तकिये लगाये तो उसका मुँह लंड तक आ गया। मैंने उसकी एक चूची पकड़ी तो उसने मुँह खोल दिया। मैंने लंड मुँह में डाल दिया और धीरे धीरे चोदने लगा। उसने भी मुँह चलाना शुरू कर दिया।

आह्ह्ह दीदी … बहुत मजा आ रहा है … वो जोर जोर से लपालप चूसने लगी। मैं काफ़ी देर से भरा तो था ही सो 10 मिनट में ही झड़ गया।

मजा आया?

हाँ … बहुत …

चल हट अब कुल्ला करके आऊँ … फ़िर हम ऐसे ही साथ ही सो गये। Hindi Sex Stories

Antarvasna stories

लेखक: जतीन, हाय Antarvasna, अपनी पहली कहानी में मैंने बताया की मेरा दोस्त नवीन रसोई में मेरी भाभी के मम्मे दबा रहा था, किस भी कर रहा था लेकिन उन्होंने ज्यादा कुछ नही किया मै घर में था। मुझे पता था कि वो भाभी को खूब दबा के चोदेगा। मैं देखना चाहता था कि वो यह सब कैसे करता है, मैने एक योजना बनाई और उन दोनों को मूवी देखने जाने के लिये कहा। पहले तो वो मना करने लगी पर जब मैने बताया कि नवीन भी है तो मान गयी।

भाभी ने गहरे गुलाबी रंग का स्लीव्लैस सूट पहना। उनके बूब्स उस तंग सूट में काफ़ी उभर आये थे और वो बहुत प्यारी और सेक्सी लग रही थी। नवीन अपनी बाइक पर आया तो मैने भाभी से कहा कि मेरे स्कूटर में हवा कम है इसलिये वो सनी के बाइक पर बैठ जायें। वो मान गयी औरतके पीछे बैठ गयी। मैं आराम से पीछे आ रहा था, तो मैने देखा कि वो बार बार ब्रेक मार रहा था और भाभी उसके ऊपर झुकी हुई थी और उसके मोटे मम्मे उसकी पीठ पर गड़े जा रहे थे। वूऊऊओ, साले को कितने मजे आ रहे होंगे मैं सोच कर ही एक्साइट हो रहा था। दोनो पता नहीं क्या बात कर रहे थे पर भाभी हंस रही थी। प्लान बना कर मैं ने ऐसी मूवी का टिकट लिया जिसमे कम भीड़ थी। हम मूवी देखने लगे। थोड़ी देर बाद मैं ने महसूस किआ कि भाभी जो हम दोनो के बीच में बैठी हुई थी थोड़ी बेचैन हो रही है।

मैं ने अंधेरे में नजर घुमाई तो देखा उसने एक हाथ भाभी के मम्मे पे रखा हुआ है और दबा रहा था। ऊऊऊऊऊओ। यहां भी वो कोई मौका नहीं छोड़ रहा था धीरे धीरे वो अपने हाथ नीचे ले गया और सूट के अंदर डाल दिआ, उसका हाथ उनकी टांगो के बीच था। वो उसका हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी पर शायद उन्हे मजा भी आ रहा था। मैं समझ गया कि मेरे रहते कुछ नहीं होगा सो मैं ने फोन आने का बहाना बनाया। उनहे बताया कि मुझे अर्जेन्ट काम से जाना पड़ रहा है और वो मूवी देख के घर चले जायें मैं बाद में आ जाउंगा।

मैं हाल के बाहर पहुंचा और एक कोने से उन्हे देखने लगा थोड़ी देर मैं दोनो के बाहर आते देखा। दोनो बाइक पर बैठ कर निकल गये। मैं ने पीछा किया तो देखा कि वो एक होटल में चले गये। मैं ने सोचा था कि शायद वो घर ले जायेगा पर होटल में नहीं सोचा था। मैं अंदर गया और रिसेप्शन पे थोड़ी पूछ ताछ करने की कोशिश करी पर कुछ हाथ नहीं आया मैं मायूस हो रहा था उन्हे करीब २० मिनट हो गये थे और मैं सोच कर परेशान हो रहा था कि वहां क्या चल रहा होगा। जब मुझसे नहीं रुका गया तो मैं ने नवीन का फोन लगाया। बेल जाती रही पर उसने नहीं उठाया। वो ऐसी कंडीशन में थे कि उस समय फोन नहीं उठा सकता हो। मै बहुत बेचैन हो उठा।

मैं काल पे काल करता रहा आखिर उसने उठाया तो मैं ने बोला कहां हो यार।

पूछने लगा क्या हुआ, उसकी आवाज़ मेँ गुस्सा था। मैं ने बोला मेरा प्रोग्राम केन्सल हो गया है और मैं हाल के बाहर उनका इंतजार कर रहा हूं।वो कुछ देर चुप रहा मैं ने पूछा क्या हुआ? तो बोला यार मूवी अच्छी नहीं थी इसलिये हम बाहर आ गये और अब मार्केट में हैं, भाभी को शोपिंग करनी थी मेरी भाभी को किस चीज़ की शोपिंग करा रहा था मैं सब समझ रहा था। मैं ने कहा मुझे शोप बताओ मैं वहीं आता हूं, गुस्से में उसने भाभी को फोन दिया और बोला भाभी बतायेंगी।

जब मैं भाभी से बात कर रहा था उनकी सांसे फ़ूली हुई लग रही थी। बीच बीच में रुक रही थी, शायद मेरे से बात करते वक्त वो उनके साथ कुछ कर रहा था, अंतत: उन्होने मुझे एक शोप पे बुला लिया। थोड़ी देर में दोनो तेजी से होटल के बाहर आये जब वो घर से गयी थी उनके बाल बंधे हुए थे और अब बाल खुल गये थे मुझे वो एक शोप में मिले तो नवीन नाराज सा दिख रहा था और भाभी बहुत बेचैन और परेशान थी पर मुझे उनके चेहरे के भाव देख कर मजा आ रहा था लेकिन और मजा आता अगर दोनो को एक्शन में देखता। इसके लिये मैं ने एक और प्लान सोचा है जो जल्दी ही पूरा होगा, जब दोनो को एक होता हुआ देखुंगा। Antarvasna

Indian Sex Stories

दोस्तों, मेरा नाम अमन है, मैं दिल्ली Indian Sex Stories मैं नौकरी करता हूँ। मेरी उम्र २४ वर्ष है, यानि कि जवान हूँ। मैं अपने बारे में कुछ बता देना चाहता हूँ। मैं सेक्सी दिखता हूँ, ग़लती से या सही से, भगवान ने मुझ ग़रीब को अच्छे व्यक्तित्व का मालिक बनाया है। मेरा क़द ५.७ फीट है, देखने में कोई बॉडी-बिल्डर तो नहीं पर एक अच्छे बद़न का मालिक ज़रूर हूँ। मैं अन्तर्वासना में प्रकाशित हुई लगभग सारी कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ। यह साईट मुझे काफ़ी अच्छी लगती है। आज मैं भी आप लोगों को अपनी आपबीती में शामिल करता हूँ।

बात तब की है जब मैं अपने चाचा-चाची और भाई-भाभी के पास रहने और नौकरी तलाश करने के लिए दिल्ली आया था। उस समय मेरे चाचा के घर में किरायेदार के रूप में मेरे ही गाँव का एक परिवार रहता था। उस परिवार में एक लड़की रेखा, जिसकी उम्र १८ वर्ष है और दूसरी उसकी छोटी बहन जो १० साल की है और उनके एक छोटा भाई है जिसका नाम अमित है और वह ६ साल का है।

बात रेखा की है, जो मुझसे प्यार करती थी, और मुझे पता भी नहीं था, पर एक दिन क्या हुआ… यह आप ख़ुद ही जान जाएँगे।

जब मैं रहने के लिए वहाँ गया था, तो शुरू-शुरू में तो वह मुझसे बात भी नहीं करती थी, सोचती थी मैं पहल करूँ। पर मैं तो ठहरा गाँव का आदमी, भला कहाँ से पहल करूँ? वैसे तो मुझे गाँव में काफी अवसर मिले पर मैं एक बार भी कर नहीं पाया क्योंकि डर रहता था कि अगर मैं कुछ ग़लत करता हूँ तो बद़नामी मेरे घरवालों की होगी। आप को तो पता ही होगा कि गाँव में अगर कुछ ग़लत करो तो बद़नामी घरवालों के सिर आती है। वैसे तो गाँव में मेरे काफी दोस्त ये सब काम मेरे सामने भी करते थे पर मैं मना कर देता था, इसलिए गाँव में काफी कम ही दोस्त थे। जो थे मेरी ही तरह के थे जो खीर देख तो सकते थे, पर खा नहीं सकते।

अब कहानी पर आता हूँ। तो दोस्तों काफी समय तक ना तो वो मुझसे कुछ कहती, ना ही मैं उसमें दिलचस्पी लेता, क्योंकि उस समय वहाँ कुछ बनने के लिए आया था। ऐसे ही दिन-महीने गुज़रते रहे। बात तो हो ही जाती पर कभी प्यार वाली बात नहीं होती। एक दिन शाम को मैं ऑफिस से घर आया और हाथ-पैर धोकर छत पर चला गया। वहाँ पर वह, उसका भाई और मेरी २ साल की भतीजी वहाँ खेल रहे थे। इतने में वे तीनों आकर मुझे च्यूँटी काटने लगे, तो मैंने भी रेखा की चुटकी ली। मेरे चुटकी काटने से वह रोने लगी और छत से नीचे चली गई। मैंने सोचा कि कहीं उसने नीचे जाकर सब को बता दिया तो मेरा जीना हराम हो जाएगा, क्योंकि मेरा भाई बड़ा हरामी है, साले ने मेरा जीना मुश्किल कर रखा था।

थोड़ी देर बाद वह फिर से ऊपर आई और आकर मेरे साथ खड़ी हो गई, तो मेरी जान में जान आई, वरना मैं तो सोच रहा था कि बेटा अमन, आज पिटने के लिए तैयार हो जा। कुछ ही देर बाद उस के मुँह से अपना नाम सुनकर मैं चौंक गया। उसकी वह आवाज़ आज भी मुझे याद आती है। आए भी क्यों नहीं, आख़िर पहली बार मैं किसी के मुँह से ‘आई लव यू’ सुन रहा था। मेरा तो माथा ही ठनक गया। और वह यह बोलकर चली गई, फिर मैं काफी देर तक सोचता रहा कि मैं क्या करूँ। अन्त में बिना किसी निर्णय पर आए हुए मैं भी नीचे आ गया।

रात को खाना खाकर सोने के लिए अपने बिस्तर पर चला गया। मैं जहाँ सोता था वहाँ पर बर्तन धोने जाने का रास्ता था। मैं सो रहा था या यों कहें कि मैं उसी के बारे में सोच रहा था कि तब तक वह हाथ में बर्तन लेकर धोने के लिए वहाँ आकर खड़ी हो गई और मुझे देखने लगी। मैं आँखें बन्द करके सोच रहा था, तो उसने आराम से बर्तन नीचे रखे और मेरे होठों को किस कर लिया, वह मेरा किसी लड़की द्वारा किया गया पहला किस था। तो मैं उठ पड़ा और सोचा कि अगर यह एक लड़की होकर इतना कर सकती है, तो मैं लड़का होकर क्यों शान्त सोया पड़ा हूँ। मैंने भी उसी स्टाईल में लगभग १५-२० मिनट तक उसे किस किया। फिर मैंने जाना कि किस क्या होता है। फिर वह वहाँ से चली गई। अब ना तो मैं ठीक से काम कर पाता था, ना ही ठीक से पढ़ पाता था, दिन-रात उसी के बारे में सोच-सोच कर मैं ५४ से ४८ किलो का हो गया था। मेरे चाचा-चाची कहते कि द़िल लगाकर पढ़ाई कर रहा है तो बीमार हो गया है, एक काम कर यो तो तू काम कर या पढ़ाई कर, थोड़ा बोझ हल्का हो जाएगा।

पर उनको तो पता नहीं था कि मेरा द़िल तो कहीं और ही लगा हुआ है, तो पढ़ाई में कहाँ से लगेगा। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था इसलिए मैं जहाँ भी उसे अकेले में देखता था या पाता तो तुरन्त ही जाकर उसके होठों को चूमने लगता। वह भी मना नहीं करती, क्या करूँ कुछ समझ में नहीं आ रहा था, तब तक होली भी नज़दीक आ रही थी। हमारे चाचा-चाची ने घर जाने का फैसला किया कि इस बार गाँव में ही होली मनाएँगे।

मैं तो जा नहीं सकता था। अगर मैं जाता तो मेरी कमाई, पढ़ाई, और चुदाई तीनों पर कोई और होली खेल जाता। तो वे लोग गाँव चले गए, घर में मैं रह गया, साथ में मैं मेरी भाई-भाभी और मेरी दो भतीजियाँ। और वह तो पहले से ही अपने पूरे परिवार के साथ वहाँ थी ही।

एक रात हम सब छत पर सो रहे थे कि तेज़ बारिश शुरू हो गई, सब नीचे भाग आए सोने कि लए। मौसम तो ऐसा था कि जिनकी शादी हो गई थी वो तो बीवी के साथ लगे होंगे, जिनकी नहीं हुई वह लण्ड पकड़कर सो रहे होंगे, मेरी तरह। उस रात मैं भगवान को कोस रहा था, आप को अगर पता न हो तो एक बात बता दूँ कि दिन में एक बार आप जो भी बोलते हैं, वह सच हो जाता है, शायद वही हुआ।

रात के लगभग २ बज रहे थे, मैं बरामदे में ही अकेला सो रहा था, भाई-भाभी अन्दर कमरे में कुण्डी लगाकर सो रहे थे। अचानक मुझे पायल की आवाज़ सुनाई पड़ी, मैंने आँखें खोली तो देखा कि बुलुबल आराम से नीचे उतर रही है। वह सीधा मेरे बिस्तर पर आई और मेरे साथ लेट गई। मैं तो अचानक हवा में उड़ने लगा, हे भगवान, आख़िर वह दिन आ ही गया ! मैंने उसकी तरफ मुँह किया और उसे किस करने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी। मैंने उसे सिर से लेकर पाँव तक किस किया, वह तो जाने कितने जन्मों की प्यासी लग रही थी पता नहीं।

जब मैं उसे किस कर रहा था तो इतने में उसने मेरा लण्ड पजामे में से बाहर निकाल लिया और हिलाने लगी। मैं तो हैरान रह गया, ये सब इसने कहाँ से सीखा? मैंने उसके होठों को जी-भर चूसा और लाल कर दिया। फिर उसकी शमीज खोलकर मस्त हो रहीं चूचियों को जी भरकर चूसा। उसकी ओओओओओओ… उउउउउउउ… आआआआआआ आआआआआआहहहह की आवाज़ मेरे जोश भर रही थी। मैं ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूचियों को दबा व चूस रहा था। फिर मैं धीरे से एक ऊँगली उस कभी खत्म न होने वाली गहराई यानि उसकी योनि के ऊपर घुमा रहा था, अचानक वह ज़ोर-ज़ोर से अपने चूतड़ों को ऊपर-नीचे करने लगी और कुछ देर बाद शान्त हो गई। फिर मैंने अपना लण्ड उस के मुँह में दे दिया और वह दनादन चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाट रहा था कि कहानी में ट्विस्ट आ गया।

मुझे लगा कि कोई अन्दर से कुण्डी खोल रहा है। हम शान्त हो गए। फिर धीरे-धीरे कुण्डी खुलने की आवाज़ हुई तो हमारी जान ही निकल आई, वह वहाँ से उठकर सीढ़ियों से ऊपर चली गई, और मैं शान्ति से सो गया। फिर पाया कि काफी देर तक कोई अन्दर कमरे से नहीं आया फिर भी कुण्डी जैसी कुछ आवाज़ रह-रहकर आतीं, तो मैंने ध्यान दिया तो पाया कि हवा के कारण गाँधी की तस्वीर दरवाज़े में रगड़ खाकर आवाज़ पैदा कर रही थी। मैंने मन ही मन सोचा क्या यार सही में तुम गाँधी हो, अच्छी खासी चुदाई में तुमने आन्दोलन कर दिया। मैं लण्ड पकड़कर सो गया। थोड़ी ही देर में वह आई और अपना दुपट्टा लेकर जाने लगी तो मैंने उसे ज़बरदस्ती लिटा लिया, वो मना करती रही फिर भी मैं नहीं माना और उसे फिर से नंगा कर दिया, फिर से उसको चूमा-चाटा फिर कुछ देर तक ना-ना करने के बाद वह मान गई और साथ देने लगी।

फिर मैंने उस को उसकी कच्छी उतारने के लिए कहा तो वो बोली- सब तो तुमने उतार ही दिया है, अब ये मैं क्यों उतारूँ, तुम ही उतार दो।

मैंने फिर वह भी उतार दी और अपनी छोटी ऊँगली को ओ बना के घुमाने लगा तो मुझे ऐसा लगा कि वह अभी मझे धक्का देकर गिरा देगी, लेकिन मैंने धीरे-धीरे ही घुमाना उचित समझा और उसकी चूचियों को एक-एक करके चूसता भी रहा। फिर मैंने ऊँगली निकाल कर अँगूठा डाला और फिर ओ की तरह घुमाने लगा तो वह उछलने लगी और सिसकारियाँ लेने लगी। अब ना तो मुझ से रहा जा रहा था ना ही उससे सहा जा रहा था।

मैंने उससे कहा- यार ! कब तक ये चूसते रहेंगे?

तो वह बोली- मैं तो कब से कहना चाह रही हूँ पर तुम हो कि चूस-चूस कर ही निकालते जा रहे हो।

तो मैंने कहा कि पहले बताना चाहिए था ना, मैं यह काम पहली बार कर रहा हूँ।

तो वह बोली- तो मैं कौन सी मास्टर हूँ, मेरा भी तो पहली बार ही है।

फिर मैं उसे चित लिटाकर उसके ऊपर आ गया और सारा काम अपने लण्ड के भरोसे छोड़ दिया। वह अन्दर जाने के लिए बेताब़ हो रहा था और रास्ता था कि लाख ढूंढने पर भी नज़र नहीं आ रहा था, फिर मैंने भी कोशिश की, पर बेकार। जब भी झटका मारता, लण्ड अन्दर जाने की बजाए पेट की तरफ निकल भागता।

फिर उसने कहा- कि किचन से थोड़ा तेल ले लो।

मैं किचन से तेल ले आया और उसकी चूत और अपने लण्ड पर खूब मालिश करवाई और की। फिर उसने लण्ड अपने हाथ में ले लिया और कहा- अबकी बार मैं कोशिश करती हूँ, पर धीरे-धीरे करना।

मैंने कहा- मुझे पता है जानम कि तुम और मैं दोनों ही नए हैं इस खेल में ! पर चिन्ता मत करो, मैं ख़्याल रखूँगा।

फिर उसने अपने हाथों से मेरा लण्ड अपने चूत की छेद के पास रखा और बोली- जानेमन थोड़ा रहम करना मेरे ऊपर और धीरे से धक्का लगाना !

तो मैंने पहला धक्का धीरे से लगाया, मुझे पूरा महसूस हो रहा था कि मेरे लण्ड का कितना हिस्सा बाहर है, और कितना अन्दर जा चुका है। मैंने अपने पहले ही झटके में अपना पूरा सुपाड़ा अन्दर पेल दिया तो वह तिलमिला उठी और अपने दाँतों को ज़ोर-जो़र से चबाने लगी फिर बोली- मुँह में कुछ दो नहीं तो मैं चिल्ला उठूँगी।

फिर मैंने अपनी जीभ उसे चूसने के लिए दी और वह चूसने लगी। इस बार मैंने एक और ज़ोरदार झटका मारा और मेरा आधा लण्ड अन्दर समा गया और वह इतनी ज़ोर से छटपटाई कि मैं घबरा गया, कि कहीं कुछ हो तो नहीं गया। उसने लाख़ छूटने का प्रयास किया पर मैंने छूटने नहीं दिया और फिर मैं वहीं रूक गया। उसकी जुबान को चूसने लगा, जब उसे थोड़ा आराम मिला तब उसने खुद ही कहा कि अब क्या चूस रहे हो, अब तो पूरा ही डाल दो, तो मैंने एक आख़िरी ज़ोरदार झटका मारा और वह उछल कर शान्त हो गई, फिर मैंने उसे हर कोण से चोदा और वह आ आआआआ आइ…. आआआआआ… आआआआआ उउउउउउ आआआहहह… उउउउभभभ… आआआआहहहह आआआआआ करती रही।

मैंने उसे अपने ऊपर आने के लिए कहा। यारों अगर आप चुदाई का असली मज़ा लेना चाहते हैं तो फिर आप ख़ुद लेट जाइए और उसे करने के लिए बोलें, फिर देखेंगे कि चुदाई क्या चीज़ होती है। और फिर वह मेरे ऊपर आकर पहले तो धीरे-धीरे फिर ज़ोर-ज़ोर से आटे की चक्की चलाने लगी। मेरा तो मत पूछिए, मैं तो जैसे हवाओं में था। तभी वह बोली- अब ज़रा ज़ोर-ज़ोर से कर दो, मैं आने वाली हूँ।

फिर मैंने उसे लिटा के जो झटके मारे, १०-१५ में ही उसने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और मुझे भी एक ऐसी सुखदायक कँपकँपी लगी जैसे कोई मुझे स्वर्ग की सैर करवा रहा हो। फिर शुरू से लेकर अन्त तक कर मैंने उसके एक पल का भी मज़ा खराब न करके वो मुझमें और मैं उसमें समाने की कोशिश करते रहे और वह मेरा हौसला बढ़ाती रही। मैंने ज़ोरदार शाट्स मारे, फिर हम शान्त होकर वहीं पड़े रहे। १५ मिनट बाद हम उठे, बाथरूम में साथ-साथ गए, एक-दूसरे को साफ़ किया। उसने मुझे गुडनाईट किस दिया और चली गई।

१५ दिन बाद मेरी नौकरी फ़रीदाबाद में डेवेलपमेन्ट में एक कैड ऑपरेटर के रूप में लग गई और मैंने दिल्ली छोड़ दी।

उसके बाद आज तक कभी सेक्स करने का दुबारा मौका नहीं मिला, उसके बाद ना तो उसने कभी मुझे फोन किया, ना मैंने उसे ही। उसकी शादी हो चुकी है, और वह काफी खुश है। Indian Sex Stories

Sex Stories

मेरा नाम नरेश, उमर Sex Stories बाईस साल, मैं अबोहर, पंजाब का रहने वाला हूँ।
मैं अपनी कहानी आप सभी को बताना चाहता हूँ। यह कहानी मेरी पहली सच्ची कहानी है।

आज चार साल पहले अपने पड़ोस में रहने वाले परिवार के घर आता जाता था उस परिवार में पति, पत्नी और उनके चार बच्चे रहते थे।
पति मजदूरी करता था, उसकी पत्नी का नाम नीरजा था।

नीरजा की उमर तीस साल थी। मेरी उमर अट्ठारह साल की थी।

धीरे धीरे मैं उनके घर ज्यादा आने जाने लगा मैं उनकी छोटी बच्ची खिलाता रहता था।
नीरजा मुझे पसन्द करने लगी थी। मैं भी उसे पसन्द करने लगा था।

नीरजा से बातें करते करते काफी खुल चुका था और उससे सेक्स के बारे में भी बातें करने लगा था।

एक दिन ऐसा हुआ, नीरजा ने कुछ सामान मंगवाने के लिए बुलाया, वह सन्दूक में से पैसे निकालने लगी और मैं पलंग पर बैठ गया।

अचानक नीरजा ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया।
मैं हक्का बक्का रह गया, नीरजा ने मुझसे कहा- मैं तुमसे प्यार करती हूँ।

उस समय मैं कुछ नहीं बोला पर जब मैं सामान लेकर वापस आया तो उसने मुझे फिर से गले से लगा लिया।

इस बार मैंने उसकी चूचियों को सहलाना शुरु कर दिया। पर कोई देख न ले, इस डर से मैं उस समय वहाँ से चला गया।

हम सदा सेक्स करने के लिए मौका ढूंढते रहते थे।
एक दिन हमें मौका मिल ही गया।

हमारे घर मेरे दोस्त आए हुए थे इसलिए हम छत पर सोने के लिए गए।
नीरजा भी छत पर सोने के लिए आ गई।

उस समय नीरजा का पति शहर से बाहर गया हुआ था।

मैंने उससे इशारे कह दिया आज मैं आऊँगा।
वह समझ गई।

जब मेरे दोस्त सो गये, तब मैं तीन फुट की दीवार पार करके उसके पास गया।

वो मेरा इंतजार कर रही थी।
मैं धीरे से उसकी चारपाई पर लेट गया उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया।

नीरजा मुझे ज़ोर ज़ोर से चूमने लगी मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया और चूसने लगा।
नीरजा भी पूरी मस्ती में थी, उसने मेरा लंड सहलाना शुरु कर दिया।

मेरा लंड अब पूरा तन चुका था, नीरजा ने मेरा लंड पैन्ट में से बाहर निकाल लिया।
नीरजा ने मुझसे कहा- मैं तो तुमको बच्चा समझती थी, तुम्हारा लंड तो पूरा जवान हो चुका है।

मैंने उसके कुर्ते को उतार दिया और उसको बूब्स चूसने लगा, नीरजा के मुंह से अहहहा अहहहा की आवाज़ निकलने लगी।
नीरजा पूरी मस्ती में थी, उसने अपनी सलवार भी उतार दी।

मैंने उसकी ब्रा पैंटी भी उतार दी और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा। उसने चूत के बाल साफ किये हुए थे, उसका शरीर काफी सुन्दर और फिट था।

नीरजा मुझे चूम रही थी, वो बोली- मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा है, जल्दी अपना लंड मेरी चूत में डालो अब मेरे से रहा नहीं जा रहा!
मैं नीरजा के ऊपर हो गया और अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया, मैंने एक जोर से झटका मारा मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया।

नीरजा ने मेरी पीठ के ऊपर से हाथ डाल कर अपनी छाती से लगा लिया, बोली- और डालो!
मैंने एक झटका और मारा अब मेरा लंड पूरा उसकी चूत के अन्दर चला गया।

मैं अपनी कमर हिला हिला कर अपना लंड उसकी चूत में आगे पीछे करने लगा।
नीरजा मजे से अहहहा अहहह हहा हायय हाययय कर रही थी, मैं उसकी चूत का पूरा मजा ले रहा था।
जिन्दगी में पहली बार किसी को चोद रहा था।

15 मिनट बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया।
नीरजा एक बार स्खलित हो चुकी थी लेकिन मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला, धीरे धीरे चूत चोदता रहा, दो मिनट बाद मैं फिर से मस्ती में आ गया, दोबारा नीरजा को चोदने लगा।

नीरजा मुझसे बोली- जान बहुत मजा आ रहा है जितनी जोर से चोदते हो उतना ज्यादा मजा आता है!
कहकर वो अपनी कमर नीचे से जोर जोर हिलाने लगी।

नीरजा भी पहली बार चुदाई का इतना मज़ा ले रही थी क्योंकि उसका पति जल्दी ही स्खलित हो जाता था, नीरजा तरसती रहती थी।
मैं उसे धीरे धीरे चोदता रहा मैंने उसे तीन घण्टे में कई बार चोदा।
उसके बाद हम इकट्ठे लेटे रहे और उसके बाद वहां से उठ के धीरे अपनी छत पर चला गया।

यह कहानी सच्ची है मुझे विश्वास है कि आप मेरी इस कहानी को जरुर पसन्द करेंगे।

यह कहानी अन्तर्वासना पर पूर्व प्रकाशित पीडीऍफ़ कहानी है। इसे दोबारा प्रकाशित किया गया है। Sex Stories

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हैलो दोस्तो, कैसे हैं!

अब मैं अपनी Sex stories शुरु करता हूं। मेरा मन अपनी मां और चाची की चूत मार मार कर अब उकता चुका था, गांव वाली बहु की भी चूत का भोसड़ा बना चुका था मैं!

हां, मगर उनकी दोनों लड़कियों की प्यास अभी अधूरी ही थी।

मैं चाहता तो बड़े आराम से उन्हे चोद सकता था बल्कि बुआ खुद ही मेरा लंड पकड़ कर अपनी दोनो बेटी की चूत में घुसेड़ती।

पर मेरा उनकी बेटियों में कोई इंट्रेस्ट नहीं था पर अब कोइ और चूत भी मेरी नज़र में नहीं थी और लंड था कि उतावला हो रहा था उसे तो चाहिये ही चाहिये।

खैर उस दिन तो मैंने अपनी मम्मी को ही चोदा मगर फ़िर दूसरे दिन मैं बिना इरादा ही सड़क पर टहल रहा था कि अचानक कोई मुझसे टकराया मैंने नज़र उठा कर देखा तो करीब 45-46 साल की एजेड लेडी रही होंगी, मगर मैंटैन बहुत थी.

मैं भी ख्याल में था और वो पता नहीं कैसे मुझसे टकरा गयी. मुझे अचानक होश आया तब मैं हड़बड़ा कर उनसे सोरी बोला.
उनके पोली बेग से कुछ सामान गिर गया था और वो बैठ कर उठा रही थी. उनका ब्लाउज़ काफ़ी टाइट था जिसके अंदर उनकि बड़ी-बड़ी चूचियाँ बाहर निकलने को बेताब थी।

हालांकि उन्होंने पल्लू डाल रखा था मगर पिंक कलर की झीनी सी साड़ी से सब साफ़ नज़र आ रहा था, मैं खड़े-खड़े उनके बूब्स का नज़ारा देख रहा था तब ही जैसे मैं नींद से जागा और मैं भी उनका सामान उठाने में मदद करने लगा।

तभी मैंने कहा- सोरी आंटी, मेरी वजह से आपका सामान बिखर गया.
वो बोली- कोई बात नहीं बेटा!

और सारा सामान रखने के बाद वो मुझसे बोली- बेटा तुम नयी जेनेरेशन की यही एक प्रोब्लम है, हर कोई कहीं ना कहीं खोया रहता है।
मैं शर्मिंदा होते हुए बोला- नहीं आंटी ऐसी बात नहीं है आप गलत सोच रही है।

फ़िर उन्होंने मुझसे पूछा- बेटा, क्या तुम कोफ़ी पीना पसंद करोगे?
मैंने तुरंत ही हां में जवाब दिया।

और फ़िर हम लोग वहीं पास के कोफ़ी शोप पर बैठ गये वहां ज्यादा तर स्कूली लड़के और लड़कियाँ ही थे।

वो उन सबको देख रही थी, फ़िर अचानक मेरी तरफ़ देख कर पूछा बेटा आप क्या करते हो?
मैंने कहा- आंटी, मैं ला कर रहा हूं।
वो बोली- बहुत खूब मगर तुम्हारा ध्यान किधर था? क्या तुम भी इन सब स्कूली लड़कों की तरह नयी तितलियों को ताक रहे थे?

उन्होंने जिस अंदाज़ में ये बात कही मुझे अज़ीब सा लगा मैंने हड़बड़ाते हुए कहा- नहीं आंटी, ऐसी कोई बात नहीं है खैर आप बतायें आप कहां से आ रही थी?
तब वो हंसते हुए बोली- क्या बेवकूफ़ी भरा सवाल करा? अरे भाई शौपिंग कर के आ ही रही थी कि तुमने धक्का मार दिया… अच्छा ये बताओ घर में और कौन-कौन है आपके बेटा?

मैंने कहा- मम्मी, पापा और एक छोटी बहन है और आंटी आपके घर में?
‘मैं और मेरी बेटी!’ उनका छोटा सा जवाब मिला।
मैंने पूछा- और अंकल?
वो बोली- बेटा, वो ऐयरफ़ोर्स में हैं और मेरा बेटा भी वहीं ट्रेनिंग कर रहा है।
बहुत उदासी भरी थी उनकी बातों में!

तब ही अचानक मौसम खराब हो गया और बारिश होने लगी हम लोग बहुत देर तक इधर-उधर की बातें करते रहे करीब 2 घंटे बाद भी पानी नहीं रुका तो आंटी कुछ परेशान हो गयी.
मैंने पूछा- क्या बात है आंटी? आप कुछ परेशान सी हैं?
तब उन्होंने घड़ी देखते हुए कहा- बेटा 8 बज रहे हैं और पानी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा… और कोई साधन भी नहीं मिलेगा अब तो!

मैंने कहा- आंटी, मेरा घर करीब में ही है, आप चाहें तो चल सकती हैं!
तब वो बोली- बेटा, असल मे घर पर पिंकी अकेली होगी और आजकल का माहौल तो तुम जानते ही हो, जवान लड़की को अकेला नहीं छोड़ना चाहिये!
मैंने कहा- आंटी, आप यहीं रुकें, मैं अभी कार ले आता हूं.
तब वो बोली- बेटा, तुम भीग जाओगे!
मैंने कहा- आंटी, जवान लोगों पर बारिश का असर नहीं होता!

और मैं भाग कर घर गया और मम्मी को बताया कि एक दोस्त के घर जा रहा हूं कोई ज़रूरी काम है.
मम्मी रोकती रह गयी कि बेटा बारिश हो रही कल चले जाना!
मगर मैं रुका नहीं और कार लेकर कोफ़ी शोप पहुंच गया.

पानी अभी भी बहुत तेज़ था वो जैसे ही शोप से बाहर मेरी गाड़ी तक आयी, काफ़ी हद तक भीग चुकी थी और मैं तो पहले ही तर था क्योंकि घर तक जाने में काफ़ी भीग चुका था.

खैर थोड़ी ही देर बाद मैं एक बड़ी सी कोठी के सामने रुका कोठी देख कर मैं हैरान रह गया.
तभी वो कार से उतरते हुए बोली- बेटा, कार पार्किंग में पार्क करके घर में चले आओ, बहुत भीगे हो, चेंज कर लो, नहीं तो सर्दी लग जायेगी.
मैंने कहा- नहीं आंटी, ऐसे कोई बात नहीं, आपको घर तक छोड़ दिया, अब मेरा काम खत्म, मैं चलता हूं, इजाजत दीजिये!
तब आंटी ने थोड़ा डांट कर कहा- जितना कह रही हूं, उतना करो! आखिर मैं तुम्हारी मां कि तरह हूं जाओ गाड़ी पार्क करके आओ!

इतनी देर की बहस में आंटी बिल्कुल तर हो चुकी थी, मैं गाड़ी पार्क करने के बाद जब आया तो आंटी वहीं खड़ी थी. उनकी साड़ी बिल्कुल भीग कर उनके शरीर से चिपक चुकी थी, पिंक साड़ी के नीचे उनकी ब्लैक डिजाइनर ब्रा साफ़ नज़र आ रही थी.

हालांकि मेरे मन में अभी तक उनके लिये कोई गलत विचार नहीं थे मगर आखिर कब तक अंदर का शैतान सोया रहता… उनको इस पोज़ में देख कर मेरे औज़ार में सनसनी होने लगी.
मैं कुछ देर तक उनको निहारता रहा, तब ही वो मेरी आंखों के आगे चुटकी बजाते हुए बोली- कहां खो गये बेटे? तुम किसी डाक्टर को दिखाओ तुम्हारे में कोई मरज़ लगता है ये!
और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर ले जाने लगी.

अंदर दाखिल होते ही मुझे एक बहुत ही खूबसूरत लड़की नज़र आयी जिसकी उम्र करीब 18 साल की रही होगी. वो मिडी पहने हुए थी और सूरत से बहुत परेशान नज़र आ रही थी, आंटी को देखते ही उनसे लिपट गयी- मम्मी कहां चली गयी थी आप? मैं घबरा रही थी!
आंटी ने उसको अलग करते हुए कहा- मेरी रानी बेटी, बाहर पानी बरसने लगा था इस लिये देर हो गयी और मैं फोन लगा रही थी तो एंगेज जा रहा था. खैर कोई बात नहीं अब तो मैं आ गयी हूं. मेरी बहादुर बच्ची तुमने खाना खाया?
उसने कहा- जी मम्मी अभी थोड़ी ही देर पहले रामू काका खाना दे कर अपने घर चले गये हैं. अब मुझे भी बहुत नींद आ रही है मैं भी सोने जा रही हूं.

अचानक मुझे देख कर वो थोड़ा सम्भलते हुए बोली- मम्मी, ये साहब कौन हैं?
उसकी मम्मी ने कहा- बेटा, आज मैं कार नहीं ले गयी थी और आज ही पानी को बरसना था तो इसने ही मुझे लिफ़्ट दी है, इनका नाम राजेश है!

और तब वो मुझे नमस्ते कर के अपने रूम में सोने चली गयी.

अब रूम में मैं और आंटी ही रह गये. आंटी ने मुझे एक लुंगी देते हुए कहा- लो ये पहन लो!
मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये और लुंगी बांध ली. मैंने गंजी और जोकी नहीं उतारी थी.
आंटी बोली- बेटा, सारे कपड़े उतार दो, अभी थोड़ी ही देर में सूख जायेंगे, तब पहन लेना! और बनियान भी उतार कर निचोड़ लो बहुत भीगी है.

तब मैंने झिझकते हुए बनियान उतार कर निचोड़ कर अलगनी पर टांग दी और वहीं वाशरूम में जाकर अपनी जोकी भी उतार कर सूखने को डाल दी. अब मैं सिर्फ़ लुंगी में था और अभी तक आंटी ने अपनी साड़ी नहीं उतारी थी.

अब मैं रूम में आया तब देखा कि वो अपना साड़ी का पल्लु निचोड़ रही थी और आंचल हटा होने की वजह से पिंक बलाउज़ के अंदर ब्लैक डिजाइनर ब्रा साफ़ नज़र आ रही थी जिसे मैं अपलक निहार रहा था.
मुझे एक टक इस तरह देखते हुए आंटी ने कहा- क्या देख रहे हो बेटे? तुमने अपने तो कपड़े उतार लिये, अब मैं भी चेंज कर लूं!

मेरा मन अब तक आंटी को चोदने के बारे में सोचने लगा था पर हिम्मत नहीं हो पा रही थी.

तभी थोड़ी देर बाद आंटी एक बहुत ही झीनी सी नाइटी पहन कर आयी और वहीं सोफ़े पर बैठ गयी और कोफ़ी बनाने लगी.
वो कोफ़ी बना रही थी और मैं ललचायी नज़रों से उनकी उभरी हुई चूची देख रहा था और दिल ही दिल में सोच रहा था कि काश ये आंटी मुझसे चुदवा ले तो कितना मज़ा आयेगा!
यही सब सोच सोच कर मेरा लंड अपनी औकात में आ चुका था और मुझे इस बात का एहसास ही नहीं हुआ कि कब वो मेरी लुंगी को 2 पाट करके बीच से उसकी टोपी बाहर झांक रही थी और आंटी चोर नज़रों से उधर ही देख रही थी.

मेरा पूरा ध्यान आंटी की चूची की तरफ़ था और आंटी का ध्यान मेरे औज़ार की तरफ़!
तभी मैंने आंटी की नज़रों की तरफ़ देखा तो उनकी नज़र अपने औज़ार पर टिकी देख कर अंदर ही अंदर खुश हो गया और धीरे से अपनी टांगें और खोल दी ताकि आंटी और अच्छी तरह से लंड का दीदार कर सकें!
उसके बाद हम दोनों ने कोफ़ी पी.

और उसके बाद मैं अपने कपड़े पहनने लगा और दिल ही दिल में सोच रहा था कि साली अगर आज रोक कर चुदवा ले तो क्या हो जायेगा. तड़प तो इसकी भी चूत रही है पर हाय रे इंडियन नारी लाज़ की मारी लंड खायेगी गज़ भर के… मगर चुदवाने से पहले शरमायेगी इतना कि पूछो ही मत।

और जब मुझे कपड़े पहनते हुए आंटी ने देखा, तब वो करीब आयी और बोली- बेटा, अभी कपड़े पूरी तरह से सूखे नहीं हैं, तुम ऐसा करो कि आज यहीं रुक जाओ, घर पर काल कर दो मम्मी को!
तब मैंने नाटक करते हुए कहा- नहीं आंटी, जाना है मुझे!
तब वो मेरे हाथ से कपड़े छीन कर बोली- बेटा, मैं तेरी मां जैसी हूं, जैसा कह रही हूं वैसा करो! कहीं बीमार पड़ गये तो तेरी मम्मी को कौन जवाब देगा।
फ़िर मैंने घर पर काल कर दी कि आज पानी बहुत बरस रहा है, मैं आज यहीं दोस्त के घर रुक जाऊँगा.

और फ़िर थोड़ा बहुत खाना खाने के बाद आंटी ने मुझसे कहा- बेटा, तुम यहां बेड पर सो जाना, मैं सोफ़े पर लेट जाऊँगी. वरना अगर चाहो तो गेस्ट रूम में भी सो सकते हो!
तब मैंने कहा- आंटी, मैं वहां अकेला बोर हो जाऊँगा, आप ऐसा कीजिये, आप बेड पर सो जाइयेगा, मैं सोफ़े पर सो जाता हूं।
यह कह कर मैं वहीं सोफ़े पर लेट गया और आंटी बेड पर लेट गयी.

मेरे अरमान अब धीरे धीरे ठंडे हो रहे थे और मैं आंटी की उभरी हुई चूची और फ़ूले हुए चूतड़ आंखों में बसाये कब नींद की गोद में गया मुझे पता नहीं चला।

रात को अचानक मुझे अपनी जांघ पर कुछ सरकता हुआ महसूस हुआ तो मेरी नींद खुल गयी. फ़िर मुझे आभास हुआ कि ये किसी का हाथ है और घर में 2 ही जन थे आंटी या फ़िर उसकी जवान बेटी!

थोड़ी देर मैं उसी पोज़ में लेटा रहा, तब तक हाथ सरसराता हुआ मेरी लुंगी को सरकाता हुआ ऊपर मेरी जांघों की जड़ तक पहुंच चुका था. मैं भी अब उस हाथ की सहलाहट का आनंद लेना चाहता था चाहे कोई हो, भले ही उस वक्त उसकी युवा लड़की भी होती तब भी मैंने तय कर लिया था कि उसकी कुंवारी चूत चोद ही डालूंगा.

मगर अब तक मैं जान गया था कि ये हाथ आंटी का है और अब मैं पूरी तरह से उसकी सहलाहट का मज़ा लेना चाहता था. मैं सोफ़े पर सीधा होकर लेट गया और वो मुझे करवट लेते हुए देख कर कुछ हड़बड़ा गयी मगर फ़िर नोर्मल हो गयी और मुझे नींद में देख कर उसने मेरी लुंगी के अंदर हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ लिया जो अभी तक शांत अवस्था में था, उसे प्यार से सहलाने लगी.

अब मेरे लंड में धीरे धीरे तनाव आने लगा और मैं भी उत्तेजित होने लगा था, मेरा मन कर रहा था कि अभी साली को बाहों में भर कर इतनी जोर से चांपू कि इसकी हड्डी तक पिस जाये. पर मैं ऐसा कर नहीं सकता था, मैं बस चुपचाप पड़ा रहा और आंटी की कार्यवाही देखता रहा।

और फ़िर आंटी का हाथ थोड़ा कड़ा हो गया था वो मुझे सोया जान कर पूरी तरह निश्चिंत हो गयी थी. मेरे लंड को जोर जोर से सहलाने के बाद जब वो पूरी तरह से खड़ा हो गया, तब अपने होंठ से मेरी जांघों को चूमने लगी.
मेरे मुंह से सिसकी निकलने को हुई मगर मैंने दांत भींच कर सिसकी नहीं निकलने दी मगर अब बरदाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था।

तभी मैंने अपने लंड पर कुछ लिबलिबा सा महसूस किया कयोंकि रूम में नाइट लैम्प जल रहा था तो कुछ साफ़ नज़र नहीं आ रहा था और मैं अपनी आंख भी बंद किये था पर इतना तो अंदाज़ा हो ही गया था कि ये साली इसकी जबान होगी जो मेरे लंड पर फ़िरा रही है.
और जबान फ़िराते फ़िराते उसने गप्प से मेरा लंड मुंह में ले लिया. अब तो मैं बरदाश्त नहीं कर पाया और झटके के साथ उठ कर बैठ गया और बोला- कौन है?

तभी आंटी ने मेरे मुंह पर हाथ रखा और धीरे से बोली- बेटा मैं हूं!
उन्होंने फ़ट से लाइट जला दी.

मैं देख कर हैरान रह गया, आंटी पूरी तरह से नंगी थी. मैंने उनको नंगी देख कर चौकने का ड्रामा करते हुए कहा- हाय आंटी, आप तो नंगी हैं.
तब उन्होंने मेरा लौड़ा पकड़ते हुए कहा- बेटा, तुम भी तो नंगे हो!
मैंने अपने दोनों हाथ झट से लंड पर रख लिये और छुपाने का नाटक करने लगा. मगर जानता था कि अब ये साली चुदवायेगी तो ज़रूर!
मगर फ़िर भी मैंने अपना नाटक चालू रखा, बोला- आंटी, आपको ऐसा नहीं करना चाहिये था, ये गंदी बात है.

तभी आंटी मेरे लौड़े को मसलते हुए बोली- और तुम जो शाम से मेरी चूचियाँ निहार रहे थे, मेरे ब्लाउज़ के ऊपर से ही इस तरह देख रहे थे कि बस खा ही जाओगे. वो अच्छी बात थी? और जब मैं कोफ़ी बना रही थी तब तुम्हारी नज़रें कहां थी मुझे पता है. मुझे चोदना सिखा रहे हो? अभी कल के बच्चे हो तुम बेटा… मैं तुम्हारे जैसे ना जाने कितनों को अपनी चूत में समा कर बाहर कर चुकी हूं.

आंटी की ये सब बातें सुन कर तो मुझे बहुत ही जोश चढ़ गया. उसने यकीनन मुझे भड़काने के लिये ही ऐसे भाषा प्रयोग की थी मगर मुझे तो शुरु से ही चोदने में गाली गलौच पसंद थी और आंटी इतनी सभ्य नज़र आ रही थी कि उनके मुंह से इस तरह की बात सुनना मेरे लिये एक नया अनुभव था.
और उसके बाद हम लोगों में इस तरह से घमासान Sex stories चुदायी हुई इसका ज़िक्र अगले पार्ट में करूंगा.

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