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Massage Girl in Doda: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Doda who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Doda that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Doda massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Doda who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Doda massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Doda massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Doda who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Doda employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Doda helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Doda

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Doda at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Sex Stories

हेल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम श्याम है, मैं बाड़मेर का रहने Sex Stories वाला हूँ। मैं हमेशा जब भी फ्री रहता हूँ अन्तर्वासना की कहानियाँ जरूर पढ़ता हूँ। और कहानी पढ़ने के बाद मुझे लगता है कि मुझसे कोई लड़की कयू नहीं सेक्स कराती है, मुझे में कोई कमी भी नहीं, मैं 5’10” स्मार्ट लड़का हूँ और किसी भी लड़की को सेक्स में सैटिस्फ़ाई करने में एकदम सक्षम हूँ। लेकिन मुझे लगा कि मेरे पास लड़कियों को पटाने की हिम्मत नहीं, एक डर रहता था मुझे कि कहीं कोई लड़की मुझे मना ना कर दे वरना मेरा दिल टूट जाएगा।

मेरी उमर 27 साल है एकदम हट्टा कट्टा जवान लड़का हूँ। जब मैं दस साल का था तब से किसी लड़की के साथ सेक्स करने का सपने देखा करता था। मैंने बहुत सारी सेक्स बुक्स पढ़ी और सेक्स मूवी देख कर एक ही सपने देखा करता था कि काश उस लड़की के साथ मैं सेक्स कर रहा हूँ। लेकिन सपनों को सच होने में पूरे 14 साल लगे।

यह मेरी पहली कहानी है और अब आप के सामने है जल्दी और भी कहानी आपके सामने आने वाली है तो कहानी का मजा लो दोस्तो।

मेरी यह कहानी एकदम सच्ची है जो आप लोगो को एकदम अपने करीब लगेगी। मैं पिछले 6 सालो से चैटिंग कर रहा हूं लेकिन कोई लड़की मुझसे पटती ही नहीं थी। सब लड़कियों को सेक्स चैट पसंद था जो मुझे एकदम पसंद नहीं था। तब एकदम चमत्कार हुआ एक बहुत अच्छी लड़की मेरी दोस्त बनी, वो अमेरिका रहती थी और एक भारतीय थी जिसका नाम नैना था जो दिल्ली की रहने वाली थी। वो बहुत सुन्दर और स्मार्ट लड़की थी। वो इतनी सु्न्दर थी कि जब मैंने कैम में उसको पहली बार देखा तो देखता रह गया और कब मुझे वो पसंद आने लगी मुझे पता तक नहीं चला।

वो 33 साल की एकदम बेहद सेक्सी शरीर की मालकिन थी, उसके 3 बच्चे थे लेकिन कहीं से भी वो 3 बच्चों की माँ नजर नहीं आती थी, जब वो स्टाईलिश कपड़े पहन कर कैम के सामने आती थी तो दिल करता था कैम से निकाल कर चोद दूँ। लेकिन यह सब बहुत मुश्किल था।

हम दोनों को बाते करते हुय 6 महीने हो गये।

फिर एक दिन उसने कहा- मैं अपने पति से और बच्चों से खुश नहीं ! हमेशा अकेली घर में पड़ी रहती हूं, मुझे कोई समझने वाला नहीं ! बस तुम मुझे समझ सके, मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ और सपने देखती हूं कि तुम मुझे खुश कर रहे हो !

मैंने पूछा- वो कैसे?

तो वो बोली- तुमने मुझे रात सपने में खूब चोदा और मुझे एकदम खुश कर दिया।

मेरी हिम्मत बढ़ गई ऐसा सुन कर ! मैंने कहा- मैंने तुम्हारे साथ सपने में क्या किया?

तो उसने कहा- तुम बहुत सेक्सी हो। मैं रात में सोई हुई थी एकदम अकेले अपने नाईट गाऊन में, तुम मेरे रूम में आये और मेरे पास आकर लेट गये, मैं बहुत गहरी नींद में थी। तु्म मेरे गाऊन के अन्दर हाथ डाल के मेरे चुच्चों को मसलने लगे। तुमने देखा कि मेरी नींद नहीं खुली तो तुम मुँह में लेकर मेरे उरोज चूसने लगे और दबाने लगे, मैं मदहोश होने लगी और मेरी नींद टूट गई। तुम एकदम सकपका गये लेकिन डरे नहीं और बूब्स को दबाते रहे, तुम्हें मजा आ रहा था।

मैंने कहा हां मुझे बूबस बहुत पसंद है और वो भी बड़े बड़े। वैसे तुम्हारे कितने बड़े हैं?
तो वो शरमा के बोली- तुम यकीन नहीं करोगे !
मैंने कहा- बोलो तो !
तब उसने कहा- 40 डी।
मैंने कहा- डी का मतलब?
तो वो बोली- यहां उसमें ऐसे ही साईज चलते हैं लेकिन तुम इतना जान लो यह बहुत बड़े होते हैं बस !
अंधे को क्या चाहिए दो आंखें ! मैं बहुत खुश हो गया, मैंने कहा- फिर आगे?
तो उसने कहा- तुम बहुत शैतान थे, तुमने एकदम से मेरा गाऊन पूरा खोल दिया और मैं तुम्हारे सामने एकदम नंगी लेटी थी, तुम बहुत गरम हो गये थे और तुम्हारी सांसें बहुत तेज़ चलने लगी थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था।

उसकी बातें सुन कर और सोच भी रहा था कि काश यह सब सच में हो जाये।
फिर उसने कहा- तुम मेरे पूरा बदन पर जबरदस्त किस करने लगे ऊपर से लेके नीचे तक। फिर तुम बूबस को छोड़ कर मेरी चूत में अपने मुँह को ले के चले गये और अपनी जुबान से उस को प्यार करने लगे। मैं एकदम मदहोश होने लगी और गरम होने लगी, मुझे पहली बार किसी ने चूत पर जु्बान से प्यार किया था फिर मैंने तुम्हारे सारे कपड़े निकाल दिये और तुम अब मेरे सामने एकदम नंगे खड़े थे और मैं झट से तुम्हारे लन्ड को अपने हाथ में ले के उस को अपने हाथ से हिलाने लगी फिर कुछ देर बाद मुह में डाल के चूसने लगी तुम बहुत बेताब होने लगे तो मैंने कहा मेरे राजा अब तो दिखा दे अपनी रानी की चूत पर अपने लन्ड का कमाल।
मैं सोच में पड़ गया कि जो लड़की इतने दिन तक एकदम चुप सी बातें करती थी आज एकदम बोल्ड कैसे वो भी मेरे सपने देख कर।

उसने कहा कि फिर तुम मेरे ऊपर आ गए और अपने 6″ लन्ड को मेरी चूत में रखा और जोर का झटका दिया। मैं चिल्ला पड़ी- श्याम धीरे डालो ज्यादा बेताबी मत करो क्या मेरी चूत फ़ाड़ ही डालोगे? तो तुमने कहा हां रानी अपने लन्ड का कमाल जो दिखाना है और तु्म जोर जोर से धक्के मारने लगे और मैं दर्द से छटपटाने लगी लेकिन तुमने जरा भी रहम नहीं किया जैसे तुम जन्म जन्म से प्यासे हो और कुएं का सारा पानी एक ही बार में पी डालोगे। तुम लगभग 5 मिनट तक ऐसे ही मेरे ऊपर जम के चुदाई करते रहे फिर तुम रूक गये जैसे लगा कि तुम्हारा पानी निकलने वाला हो। मैंने पूछा- तुम रूके क्यों जालिम? तो तुमने कहा कि अब तुम मेरे ऊपर आओ और सच बोलूं तो मुझे ऊपर चढ कर करवना बहुत पसंद है और मैं फ़ौरन तुमहरे लन्ड के ऊपर बैठ गई और अब मैं राजा बन गई और तुम मेरी रानी। अब सब मेरे हाथ में था, मैंने तुम्हारी जम के चुदाई शुरू कर दी।

2 मिनट ही हुए थे कि तुम जोर से बोल पड़े राजा मेरा पानी आने वाला है। तो मैंने कहा मेरे श्याम रानी मेरी चूत में ही सब जाने दो और तुम्हारा गरम गरम पानी मेरी चूत में निकल गया लेकिन तुम्हारा लन्ड अभी तक सख्त था और एकदम लोहे कि राड की तरह गरम और हार्ड। मैं लगातार तुम्हारी चुदाई में लगातर करने में लगी रही। करीब 5 मिनट बाद मेरा पानी भी निकल पड़ा, लेकिन तुम जब तक और होट हो गये फिर तुमने मुझे डोगी बना दिया और मेरे पीछे आके मेरी गाण्ड में तुमने थूक मारा और लन्ड को घुसाने की कोशिश करने लगे। लेकिन तुम्हारा लन्ड अन्दर नहीं जा सका। तब तुमने मेरी गाण्ड में तेल लगाया और फिर एक जोर का झटका मारा तो तुम्हारा थोड़ा लन्ड अन्दर चला गया। मैं बहुत जोर से चिल्लाई- आह जालिम ने मार डाला। बहुत दर्द होने लगा था। खून तक आ गया था लेकिन तुम एकदम जालिम बन गये थे। तुमने मुझे चोदना छोड़ा नहीं मेरे दर्द कि परवाह तक नहीं की उल्टा बोला कि यह दर्द तो कुछ देर का है। मजे तो फिर जन्म जन्म के हैं। बस तुम अपने काम में लगे रहे कुछ देर दर्द रहा भी। मुझे बहुत मजा आने लगा था।

करीब 10 मिनट के बाद तुम्हारा सारा पानी मेरी गाण्ड में निकल गया और तुम पसीने पसीने हो रहे थे। फिर तुम कुछ देर मेरे ऊपर ऐसे ही लेटे रहे। मुझे सच बहुत अच्छा लग रहा था।

उस का सपना सुन कर मैं सोच रहा था कि काश यह सपना सच हो जाये। मैंने उस से पूछा कि तुम सच में मेरे साथ सेक्स करना पसंद करोगी?

तो वो बोली- हाँ जालिम ! वरना मैं तुम्हें अपना यह सपना क्यों सुनाती।

बस दोस्तो ! यहां से मेरे अच्छे दिन शुरू हो गये। मैंने पूछा तुम इन्डिया कब तक आ रही हो? तो वो बोली- मेरे राजा एक हफ़्ता और इन्तजार, फिर हम दोनो एक हो जाएंगे हमेशा के लिये।

तो दोस्तो ! यह थी मेरी पहली डार्लिंग नैना की जुबानी उस की चुदाई की कहानी जो अभी तक सिरफ़ सपना है जल्दी ही सच होने वाली है और मेरी किस्मत खुलने वाली है।

नेक्स्ट वीक जब नैना आई तो उस के साथ जो कुछ भी मैंने किया वो अगली कहानी में तो ज्यादा इन्तजार नहीं कराऊंगा जल्दी ही वो कहानी आप के सामने होगी। Sex Stories

हाय दोस्तों Antarvasna

मेरा नाम रमेश है। वैसे तो मैं उत्तर Antarvasna प्रदेश का रहने वाला हूँ पर जॉब कोइम्बटोर में करता हूँ। मेरा जॉब मार्केटिंग का है जिसमें घूमना ज्यादा होता है। अब मैं आपको असली बात बताता हूँ।

एक बार मैं काम के सिलसिले में कोइम्बटोर से चेन्नई जा रहा था। मैने एसी स्लीपर बस में टिकट बुक कराई थी। मुझे बस में डबल वाली सीट मिली थी। मैंने सोचा पता नहीं कौन आयेगा मेरे साथ ! मगर जब बस चलने लगी तो एक औरत जो कि कोई ३०-३५ साल की होगी, वो मेरे साथ सीट पर आ गई और पूछा दस नम्बर की बर्थ यही है क्या?

मैंने कहा- हाँ!

वो मेरे साथ बैठ गई और इधर-उधर की बात करने लगी। वैसे वो देखने में सुंदर और गोरी चिट्टी थी। थोड़ी देर के बाद मुझे नींद आने लगी और मैं बोला- मुझे सोना है !

और मैं अपना कम्बल ले कर सो गया। वो भी मेरे साथ लेट गई।

मैं सोच रहा था कि इतना अच्छा मौका हैं, एक तो एसी बस और एक सुंदर औरत जो मेरे साथ ही लेटी हुई है !

मैं बस अपने लण्ड को पकड़ के लेटा था, कुछ कर नहीं पा रहा था, क्योंकि मुझे डर था कि यह कुछ कह न दे ! और मैं ऐसे ही सोया रहा।

मगर कोई एक घंटे के बाद मुझे लगा कि मेरी गांड पर कुछ लग रहा है। मैंने ध्यान किया तो उसका घुटना मेरी गांड से लग रहा था और बस के झटकों की वजह से मेरी गांड में लग रहा था। मैं तो एकदम से पागल हो गया और सोचने लगा कि शायद यह जानबूझ कर कर रही है।

तो मैंने यह जानने के लिए उसकी तरफ मुँह कर लिया और अब उसका पैर मेरे लंड पर लगने लगा जो कि एकदम खड़ा हुआ था। मुझे मजा आने लगा। पर धीरे-धीरे मुझे लगा कि कुछ और भी मेरे लण्ड पर लग रहा है। मैंने हाथ लगाकर देखा तो उस औरत का हाथ था जो मेरा लण्ड सहला रही थी। जैसे ही मैंने उसका हाथ पकड़ा तो उसने मेरा लंड जोर से पकड़ लिया और दबाने लगी। मैं भी अब कुछ नहीं कह रहा था और अपना हाथ हटा लिया और उसकी साड़ी पर हाथ लगाने लगा और धीरे धीरे उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा, उसकी चूत पर ऊपर से ही हाथ फिराने लगा।

फिर वो मेरे और पास सरक आई और मुझे चूमने लगी। मैं तो पहली बार किसी को चूम रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था। हम लोगों कोई २० मिनट किस करने के बाद बस के परदे इस ढंग से लगा दिए ताकि कोई देखे नहीं ! वैसे तो वोल्वो में सुविधा अच्छी होती है पर हम बेफिक्र होना चाहते थे। किस करने के बाद वो मेरा लंड पैन्ट में से निकाल कर चूसने लगी और उसने अपनी साड़ी और पेटीकोट भी उतार दी। अब वो सिर्फ चड़डी और ब्रा में थी। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अब मैं सिर्फ चड्डी में था। उसने एकदम से मेरी चड्डी उतार दी और मेरा लंड चूसने लगी।

फिर मुझे बोली- तुम भी मेरी चूत चाटो !

मैं भी बेताब था चूत चाटने के लिए और फिर मैंने उसकी ब्रा और चड्डी भी उतार दी। वो एक दम नंगी हो गई थी। मैंने तो पहली बार किसी को नंगा देखा था। मैं तो बस पागल हो रहा था और उसको चूमने लगा। फिर हम दोनों ६९ की पोसिशन में आ गये। कोई १५ -२० मिनट तक चाटने के बाद वो बोली- अब मुझे शांत कर दो !

मैंने पूछा- कैसे?

तो बोली- अपना लंड मेरी चूत में डाल दो !

मुझे अपने ऊपर लिटा लिया और मैं अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा तो लंड ढग से नहीं जा पा रहा था। उसने हाथ से लण्ड को पकड़ा और अपनी चूत पर रखकर बोली- अब करो !

मैंने जैसे ही झटका मारा तो थोड़ा सा ही लंड अंदर गया क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट थी। फिर मैं धीरे धीरे डालने लगा और जब लंड पूरा घुस गया तो मैं झटके मारने लगा। मेरे झटके और बस के झटकों से हम दोनों को अलग ही मजा आ रहा था। ४०-४५ झटकों के बाद वो झड़ने लगी तो उसने मुझे बहुत जोर से पकड़ लिया और अपने अंदर समेटने की कोशिश करने लगी।

पर मेरा अभी झड़ा नहीं था तो मैंने उसकी चूत से लंड नही निकाला और तेज-तेज करने लगा। फिर १०-१२ झटकों के बाद मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसको चूमता रहा।

इस तरह हमने पूरी रात ४ बार चुदाई की।

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी?

कृपया मुझे मेल करे !

मेरा आईडी है Antarvasna

Antarvasna

प्रेषक : राकेश
अभी तक आपने पहले दो भागों में पढ़ा Antarvasna कि प्रिया की मैंने पहली बार कैसे चुदाई की थी। वो पूरी तरह से संतुष्ट होकर मेरे घर से गयी थी। अब आगे की कहानी और जानें कि आगे की चुदाई कैसे हुई।

शाम को मैं करीब 8:30 पर खाना खा करके फ़्री हुआ और प्रिया के आने का इंतज़ार करने लगा करीब 8:45 पर अनिल प्रिया को लेकर आ गया और उसे छोड़कर चला गया और बोला मैं काम निबटाकर जल्दी से आता हूं अगर देर हो जाये तो मेरा इंतज़ार करना घबराना नहीं राजू शरीफ़ आदमी है।

प्रिया ने आज प्रिंटेड बलोउस, लाईट कलर की साड़ी और और अंदर गहरे रंग का ब्लाउज़ पहना था। उससे अंदर के कपड़े का आइडिया मुझे नहीं लग पाया।

प्रिया और मैं फ़िर पेपर तैयार करने में लग गये, पर आज मैं थोड़ा मस्ती के मूड में था तब भी हमारा काम एक घंटे में हो गया।

मैं आज बीच में दो तीन बार प्रिया की कभी जांघ पर तो कभी उसकी कमर पर और कभी उसके ब्लाउज़ के बाहर से उसके बूब्स पर छू रहा था।

प्रिया मुझे रोक देती और कहती अरे पहले काम पूरा करने दो फ़िर अगर मौका मिला तो मैं मना थोड़े ही कर सकती हूं।

जब काम पूरा हो गया तो मैं अब प्रिया के साथ मस्ती के मूड में था पर कोई सिग्नल प्रिया ने नहीं दिया तो मैं उसे एम्ब्रस नहीं करना चाहता था।

प्रिया से मैंने पूछा- आज जब अनिल तुमको छोड़ कर गये तो उसने ये क्यों बोला की राजु शरीफ़ आदमी है।

तब प्रिया बोली- कल अनिल मुझसे बोल रहे थे कि राजू बहुत ही बेवकूफ़ है अगर उसे मौका मिलता (किसी की वाइफ़ के साथ अकेले रहने का) तो वह जरूर मौके का फ़ायदा उठाता।

फ़िर प्रिया बोली- जब मैंने कहा कि अगर औरत ने गड़बड़ कर दी तो वह बोल रहे थे कि अगर वह किसी औरत को एक्साइट करे तो वह मना कर ही नहीं सकती है।

प्रिया फ़िर बोली- इसीलिये मुझे भी उनकी बात सुनकर मरदों की मानसिकता के बारे में पता चल गया और वह कोई गलती नहीं कर रही है और मैं भी ऐसा न करूं।

अब मैंने कहा- ये बात तो ठीक है पर आपको तो मालूम है न मैं भी बड़ा कमीना हूं और आज तो मैं अब तुमको इस समय नहीं छोड़ सकता हूं जब दोनों फ़्री हैं।

प्रिया कुछ ज्यादा नहीं बोली तो मैंने कहा- पर आज मैं तुमको पूरी तरह से प्यार करना चाहता हूं क्योंकि आज हमारे पास टाइम काफ़ी है।

फ़िर मैं प्रिया का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर ले आया, और उसे आराम से चूमते हुए उसकी इच्छा जानने की कोशिश करने लगा.
प्रिया बोली- हाँ राज आज मैं चाहती हूं कि तुम मुझे ऐसे प्यार करो जैसे अनिल पहले पहले किया करते थे।

मैं बोला- चलो पहले ऐसा करते हें एक दूसरे के कपड़े उतारते हैं मुझे महाभारत की दरौपदी की तरह अपनी पार्टनर के कपड़े उतारने में बड़ा मज़ा आता है और अगर वह विरोध करे तो और मज़ा आता है। क्या मैं स्टार्ट करूं,

प्रिया बोली- नहीं पहले मैं तुम्हारे कपड़े उतारुंगी, अगर मेरे कपड़े पहले उतर गये तो तुम मुझे मौका ही कहाँ दोगे, मैं मर्दों की आदत जानती हूँ।

मैंने कुरता पायजामा पहना था और प्रिया ने एक झटके मेरे कुरता और बनियान खींचकर मेरे पायजामे का नाड़ा खोल दिया और तब तक मैंने भी अपना अंडरवियर नीचे कर दिया।

प्रिया ने मेरे लंड को देखकर थोड़ा हैरान सी हुई मैं जानता था कि उसे तो अनिल के लम्बे लंड की आदत थी न और फ़िर मेरा लंड उस समय खड़ा भी नहीं था।

फ़िर मैंने प्रिया के साड़ी के पल्लू को खींचना शुरु किया और प्रिया घूम घूम कर अपनी साड़ी उतारने लगी।
जब साड़ी उतर गयी तो मैंने प्रिया को पकड़ कर उसके ब्लाउज़ के हुक एक एक करके खोलकर उसका ब्लाउज़ भी उतार दिया।

उसी समय अनिल का फोन आया तो मैं समझा कि आज तो काम का सत्यानाश हो गया पर अनिल ने पूछा कितना काम बाकी है तो मैंने कहा आधे से थोड़ा कम!

तो अनिल बोला- आराम से काम कर लो मुझे अभी एक घंटा और लगेगा मैं 11:00 बजे तक आऊँगा।

प्रिया ने कहा- ठीक है, पर जल्दी की कोशिश करना ज्यादा लेट से सभी परेशान होंगे।

अब तो हम और भी रिलेक्स हो गये प्रिया ने अंदर सफ़ेद ब्रा पहन रखी थी उसकी ब्रा एकदम टाइट थी और उसके बूब्स उसके अंदर कैद हो गये थे।

मैंने एकदम से प्रिया को पकड़ कर उसकी टांगों को पेटीकोट सहित अपनी टांगों के बीच फ़ंसाकर उसे जकड़ लिया और फ़िर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया जैसे ही उसकी ब्रा से उसके बूब्स आज़ाद हुए ऐसा लगा जैसे कोई धमाका हुआ उसके बूब उछलकर मेरे सामने आ गये।

क्या टाइट गोल एकदम क्रिकेट बाल की तरह ही लाल, मन तो कर रहा था कि एक झटके में दोनों को मसल दूं पेर मैं उसे पूरा नंगा करना चाहता था।

उसके बाद मैंने प्रिया के पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया पर उसका पेटीकोट नीचे नहीं आया।

उसके पेटीकोट में इलास्टिक लगी हुई थी इसलिये वो नीचे नहीं गिरा तो मैंने उसके पेटीकोट को नीचे को जोर से खींचा तो उसका काले रंग का पेटीकोट एकदम नीचे आ गया।

जैसे ही प्रिया का पेटीकोट नीचे हुआ मेरी तो मस्ती का ठिकाना ही नहीं रहा जब मैंने देखा कि प्रिया ने तो पैंटी पहनी ही नहीं थी।

अब हम दोनों एकदम नंगे हो गये थे, प्रिया ने आज शायद अपनी चूत साफ़ की थी इसीलिये उसके पूरी बोडी पर सर के सिवा कहीं एक बाल भी नज़र नहीं आ रहा था।

जब तक मैं प्रिया के बदन पर नज़रें फ़ेर पाता प्रिया मेरे लंड को देखकर बोली अरे ये तो बहुत छोटा है चलो मैं अभी इसे तैयार करती हूं और उन्होंने उसको धीरे से पकड़ा और उसके टोपे (टोप) पर अपनी जीभ से लिक करने लगी।

मुझे बड़ी सरसराहट सी होने लगी, प्रिया बीच में मेरे लंड के टोपे को अपने लिप्स से भी दबा देती। इससे मेरे लंड का साइज़ अब बढ़ने लगा तो प्रिया ने भी उसे अपने मुंह के अंदर लेना शुरु कर दिया और मुझे ये बड़ा अजीब लग रहा था।

ऐसा मैंने केवल कुछ ब्लू फिल्म्स में ही देखा था और मैं ये नहीं सोच सकता था कि किसी दिन मेरे साथ भी ऐसा होगा।

मैं ये भी विश्वास नहीं कर पा रहा था कि एक सीधी साधी औरत प्रिया ऐसा कर सकती है, पर उसका पति अनिल बड़ा स्मार्ट, हैंडसम और हरामी भी है उसने उसको ट्रैंड कर रखा था।

मैं तो सेक्स का मतलब बस चुदायी तक ही समझता था और जब ऐसा सीन मैंने एक ब्लू फ़िल्म में देखा था तो मुझे उल्टी सी आने लगी थी। पर आज जब मेरे साथ ये हो रहा था तो बड़ा मज़ा आ रहा था यहाँ तक कि मुझे इस में अब प्रिया की चुदायी से ज्यादा आनंद आ रहा था बेसौसे इसमे मुझे कोई ताकत नहीं लगानी पड़ रही थी।

जैसे जैसे मेरे लंड का साइज़ बढ़हा गया प्रिया ज्यादा मस्त होने लगी और अब जब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया तो वह मेरे लंड को लेमन जूस वाली टोफ़ी की तरह से चूसने लगी।

दोस्तों जब वह मेरे लंड को मुंह में लेकर आगे पीछे करती तो मुझे तो उसमें अब तक की गयी चुदायी से ज्यादा मज़ा आने लगा था। मैं जोश में कभी कभी प्रिया के मुंह को उसकी चूत समझ कर चुदायी वाले एक्शन में अपना लंड उसके मुंह में डाल देता था।

प्रिया मेरे लंड को पूरा खाने वाली स्टाइल में मुंह में लिये हुए थी और कभी मुंह से बाहर निकाल देती और फ़िर पूरा मुंह में ले लेती। मस्ती में वह कभी कभी मेरे लंड को दांतों से भी दबता देती ऐसे में मेरी तो चीख ही निकल गयी तो घबरा कर प्रिया थोड़ा ढीली हो गयी।

फ़िर प्रिया ने मेरे लंड को जड़ से पकड़ कर कभी चाटना और कभी मुंह के अंदर लेकर चूसना शुरु कर दिया।
थोड़ी देर में प्रिया ने मेरे लंड को मुंह में लेकर उसको गुब्बारे की तरह से फुलाना शुरु कर दिया और कभी उसे अंदर को चूसने लगी।
कभी वह अपने मुंह से मेरा लंड निकाल कर मेरे लंड के टोपे पर लिप्स रखकर उसे चूसने लगी।

ऐसे में तो मुझे ऐसा लगता जैसे मेरी सांसें ही बंद हो जायेंगी। पर प्रिया मेरे लंड को पूरा मुंह में लेकर चाटने और चूसने लगती।

मेरे लिये सेक्स का ये अलग एक्सपेरिएंस था पर था बड़ा मज़ेदार एक्सपेरिएंस।

प्रिया की मस्ती बढ़ती ही जा रही थी और वह मेरे लंड को कैंडी आइस क्रीम की तरह उसे कर रही थी मुझे भी थोड़ा बहुत डर के बावजूद बड़ा मज़ा आ रहा था।

यारों, सेक्स में पता नहीं क्यों दर्द में ही मज़ा आता है जैसे किसी कड़वी दवा से ही आराम मिलता है।

प्रिया की मस्ती तो बढ़ रही थी पर अब मेरे लंड के अंदर से फ़्लो बाहर को होने का अहसास सा हुआ तो मैंने चिल्लाकर कहा- प्रिया अब नहीं रुका जरा है, रुको।

प्रिया तो पुप्रिया खिलाड़ी थी, उसने लंड से मुंह हटा लिया और मेरे लंड के टोपे को हाथ से दबाकर बोली- लल्ला चिंता न करिये मैं तो तुम्हारा ये आइस क्रीम खाने के लिये पूरी तरह तैयार हूं और इसके बाद उसने मेरे लंड को पूरा मुंह के अंदर ले लिया।

इसके तुरंत बाद मेरे लंड से हुई सारी बरसात प्रिया के मुंह के रास्ते उसके पेट में चली गयी।
जब मेरा पूरा क्रीम झड़ गया तो प्रिया फ़िर से मेरे लंड को अच्छी तरह से चूसने लगी।
प्रिया ने मेरे लंड को सावधानी से चाटना शुरु कर दिया और मेरे लंड के माल का एक एक कतरा भी वह चूस लेना चाहती थी।

मेरा लंड दुबारा से सिकुड़ कर छोटा हो गया था पर उतना नहीं जितना प्रिया की चुदायी के बाद।
प्रिया को जब ये लगा कि अब मेरे लंड का सरा माल वो चाट चुकी है तो उसने अपना मुंह मेरे लंड से हटा लिया।
प्रिया को शायद बड़ा मज़ा आया था मेरी तरह से ही वह बड़ी खुश थी जैसे कोई अच्छी चीज़ बहुत दिनो के बाद मिली हो।

प्रिया बोली- लल्ला ये मेरा भी पहला तज़ुर्बा है ऐसे केरने पर बड़ा मज़ा दिया राजु तूने। मैंने तो एक बार टीवी में तेरे भैया के साथ देखी थी तो तेरे भैया मुझे छेड़ते हुए बोले थे कि उनका चूसेगी तो मैंने मना कर दिया था। पर आज तेरा लंड देखते ही मैं मचल रही थी एक बार ऐसा करके देखूं, आज़ राजु बड़ा मज़ा आया।

मैं बोला- हाँ प्रिया मुझे बड़ा अच्छा लगा पर अब बहुत देर हो गयी है अब हमें चलना चाहिये।

फ़िर प्रिया ने मेरे लंड को कभी चाटना और कभी मुंह के अंदर लेकर चूसना शुरु कर दिया और कभी प्रिया मेरे लंड को मुंह में लेकर उसको गुब्बारे की तरह से फुलाना शुरु कर दिया और कभी उसे अंदर को चूसने लगी।
फ़िर वह अपने मुंह से मेरा लंड निकाल कर मेरे लंड के ऊपर लिप्स रखकर उसे चाटने लगी।

ऐसे में तो मुझे ऐसा लगता जैसे कोई मेरे लंड को सहला रहा हो और उसका साइज़ बढ़ने लगा। पर अगले पल प्रिया मेरे लंड को पूरा मुंह में लेकर चाटने और चूसने लगती और मेरा लंड एकदम लोहे की तरह कड़ा और चुदायी के लिये तैयार होता चला गया। Antarvasna

शेष अगले भाग में और यह भी जानें कि अगली बार कैसे चुदाई और ट्रीट कैसे मिली। जानने के लिये अगला भाग अवश्य पढ़ें…

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हेल्लो दोस्तो ! आज आपका दोस्त फ़िर Sex Stories से हाजिर है चुदाई के एक नए कारनामे के साथ। मैं अब तक आपको अपने दो सेक्सी घटनाओं के बारे में बता चुका हूँ। दोस्तों आज एक ऐसी कहानी आपके सामने लेकर आ रहा हूँ जिस कहानी का हर एक मोड़ सारी लड़कियों की चूतों को मजबूर कर देगा उनकी पैंटी को गीला कर देने के लिए और हर लड़के के लंड को भड़कने के लिए।

दोस्तों गरेजुएशन कर लेने के बाद मैंने इक कंपनी में मार्केटिंग मेनेजर की जॉब जों कर ली मेरा काम होता था अपने प्रोडक्ट की प्रमोशन के लिए लोगों से मिलने का। एक बार मुझे अपने एक प्रोडक्ट प्रमोशन के लिए नैनीताल जाना पड़ा। मुझे वहां पर एक डिरेक्टर को मिलना था। मैं थोड़ा सा परेशां भी था की पता नहीं कोन होगा किस मिजाज़ का बन्दा होगा। मैं तब तक मीटिंग रूम में इंतज़ार कर रहा था मेरे सामने काफी का कप रखा था।

तभी अचानक दरवाजा खुला और एक बीस बाईस साल की छत्तीस-छब्बीस-अडतीस फिगर की सेक्स बम उस रूम में आई। फुल कटिंग हाफ स्लीव शर्ट। उसके उपर ब्लैक फैशनेबल जैकेट और ब्लैक जींस में मानो कोई क़यामत मेरे सामने आके खड़ी हो गई। रंग रूप में किसी अप्सरा को भी मात दे दे। होंट बिल्कुल गुलाब की पंखुडियों के जैसे। गालों पर जैसे किसी ने गुलाबी रंग लगा दिया हो। हेयर कट तो चेहरे पर बिजली गिरा रहा था। गर्दन में व्हाइट प्लेटिनम का बना एक डायमंड नैकलेस पहना हुआ था जो झुक कर चुचियों के बीच में बने गैप स्पॉट में फंस रहा था। मानो वो मदहोश होकर उसकी चुचियों को चूम रहा था। सच मुच उसकी चूचियां उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रही थी। लग रहा था जैसे उसने अपनी शर्ट के भीतर दो सेक्स बम्ब छुपा रखे हों और उन बोम्ब्स के बाहर आते ही चारों तरफ़ सेक्स ही सेक्स फ़ैल जाएगा।

अभी मै उसकी खूबसूरती की नदी में गोते लगा ही रहा था। तभी उसने कहा- येस मिस्टर सुनील ! वेयर अरे यू। कहाँ खो गए? हाजिर जवाबी में हम भी किसी से कम न थे, सो बिना कुछ सोचे समझे बोल दिया कि जब अचानक धूप आँखों पर पड़े तो आँखों को खुलने में थोड़ा वक्त लगता है। मेरा जवाब सुन कर वो बोली ओह्ह इट्स ग्रेट। उसने अपना नाम इशिका बताया। कुछ देर बाद हमारी मीटिंग स्टार्ट हो गई। जब मैं उसे प्रोडक्ट बता रहा था तो मेरी नज़र अचानक उसकी चुचियों पर जा अटकी शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे जिनमे से काले रंग की चोली से चूचियां बाहर आने की पूरी कोशिश कर रही थी। मगर वो काली चोली उन्हें अपनी गिरफ्त से आजाद नहीं होने दे रही थी। मेरी इस हरकत को वो पहचान चुकी थी।

आख़िर मैंने पूरा प्रोडक्ट ख़तम किया और मीटिंग ओवर कर दी।

इशिका ने कहा- योउर प्रोडक्ट इस वैरी गुड। बट आइ ऍम रेअली इमप्रेसेड बाय योउर प्रेजेंटेशन।

इशिका वहाँ से चली गई। मुझे अभी वहां बैठना था। इशिका वापस आई और बोली सुनील मैं घर जा रही हूँ, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे तुम्हारे होटल तक लिफ्ट दे सकती हूँ मैंने उसे बताया कि अभी मेरे पास मेरे होटल के बारे कोई मैसेज नहीं है। इशिका ने कहा जब तक तुम्हारा होटल कन्फर्म नहीं होता तुम मेरे घर पर रह सकते हो मैं घर में अकेली रहती हूँ.

हम गाड़ी में बैठ गए इशिका ड्राइव कर रही थी। बातों बातों में हम ओफिशिअल से पर्सनल हो गए और एकाएक इशिका का हाथ फिसल कर गियर लीवर से हट कर मेरे लंड पर आ गया। मुझे झटका सा लगा पर मैंने नज़र अंदाज़ कर दिया। इशिका ने सॉरी कह कर हाथ हटा लिया। हम घर पहुँच गए। घर जाकर इशिका ने नौकरानी को चाय लाने के लिए कहा। हमने चाय ली। इशिका नौकरानी से बोली तुम घर जा सकती हो क्योंकि हम खाना बाहर खायेंगे।

अब हम दोनों अकेले थे इशिका नहाने चली गई। तभी इशिका बोली- सुनील इफ यू डोंट माईंड, तुम मेरी ब्रा पैंटी मुझे बाहर से ला दोगे?

मैंने कहा- क्यों नहीं।

और ब्रा पैंटी उसे दे दी कुछ ही पलों में इशिका ने कहा- सुनील ! मुझसे ब्रा का हुक नहीं लग रहा तुम लगा दोगे?

मैं बाथरूम में गया और सोचा कि सुनील तुझे इतने ग्रीन सिग्नल मिल रहे हैं अब तो गाड़ी को आगे बढ़ा ले।

मैंने हुक लगाने के बहाने इशिका की गोरी और चिकनी कमर पर हाथ फेरना शुरू कर दिया।

इशिका ने कहा- सुनील, यह तुम क्या कर रहे हो?

और बाथरूम से निकल कर बाहर आ गई। मैंने उसे पकड़ कर उसकी गर्दन पर अपनी गरम साँसे छोड़ी और होंटों को अपने होंटो में लेकर चूसना शुरू किया। अब वो चाह कर भी मेरी कैद से ख़ुद को आजाद नहीं कर पा रही थी। हम दोनों अब बिल्कुल नग्न थे और दोनों एक ही टब में नहा रहे थे। मैंने इशिका की मस्त चुचियों को अपने हाथों में ले लिया। जैसे मै चुचियों को दबाता तो उसके मुंह से स ससी ईई….आ आ आह ह्ह्ह हह… ऊ ओ ऊओऊ ऊऊ ऊफ्फ फ्फ्फ्फ्फ्फ़… की सिसकियाँ निकलने लगती।

मैंने टब के अंदर ही इशिका की गुलाबी चूत में ऊँगली डाल दी। इशिका पानी में होते हुए भी गरम लग रही थी। हम पानी से बाहर आ गए बाहर आते ही इशिका मुझ से लिपट गई और कहने लगी सुनील अब और नहीं सहा जाता अपना ये मस्त लंड मेरी चूत में डालो और मुझे आज जन्नत की सैर करा दो। अब हम दोनों एक दम मजबूर हो चुके थे क्योंकि किसी में भी ख़ुद को रोक पाने की ताकत नहीं थी। मैं इशिका को अपनी बांहों में उठा कर बेडरूम में ले गया। ले जाकर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया। ऐसा लग रहा था जैसे बेड पर सजी रेशमी चादर बड़ी बेसब्री से हमारा इंतज़ार कर रही थी। मैंने उसके बदन के हर एक मदमाते और महकते अंग को अपनी नज़र से चूमा और फ़िर सीधे ही अपने होंट उसके नरम नाज़ुक होंटो पर रख दिए।

मैंने उसके माथे से लेकर उसके कदमो तक हर जगह पर बिंदास किस किए। मेरे किस करने से वो बेबस होती जा रही थी और मैं उस पर हावी हो रहा था। मुझे महसूस हुआ के इशिका अपनी गरम नरम और गुलाबी चूत को धीरे धीरे मेरे लंड से रगड़ने की कोशिश कर रही थी। मैंने उसकी चूत को हाथ से सहलाया उसकी चूत पर बाल तो क्या बाल के रोएँ भी नहीं थे। उसने अपनी चूत पर बालो के लिए लेजर ट्रीटमेंट कराया हुआ था।

ऊँगली से सहलाते सहलाते मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया लेकिन तभी इशिका साथ के साथ पलट गई और मुझे नीचे लेकर ख़ुद मेरे ऊपर आ गई और अपनी चूत को मेरे कड़क लंड पर रखा और पूरे ज़ोर से मुझ से लिपट गई मुझे महसूस हो रहा था जब धीरे धीरे मेरा लंड इशिका के अंदर जा रहा था। इशिका की गरम सांसे अब सिसकियों आ अह हह… आ आःह्ह्छ….. ओ ऊ ऊह ह्ह्ह हस सावान फक मी फ्रॉम माय डेप्थ … ओ ऊ उष श्श्श्श… आ आया हह में बदलने लगी और उस वक्त हम दोनों एक दूसरे में खो गए। जितनी गहराई से मेरा लंड उसकी चूत को चूमता उतनी ज्यादा वो सेक्सी होती जाती वो मेरे ऊपर से ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने लगी.

थोड़ी देर में ही वो मेरे ऊपर ठहर गई मैने सोचा शायद इशिका का सेक्स पूरा हो गया। मैंने इशिका को कहा कि बस इतना ही !

तो वो बड़ी अदा से बोली- नहीं मेरी जान ! लेकिन मैं थक गई।

मैंने भी पलट कर उसे नीचे कर लिया और अपना लंड चूत में डालते हुए बोला- माय सेक्सी डोल ! लड़कियों को सिर्फ़ लड़कियों के ही काम करने चाहिए। उसके बाद मैंने इशिका को काफी देर तक चोदा। और हम दोनों का सेक्स साथ साथ पूरा हुआ। हम दोनों एक दूजे पर काफी देर तक लेटे रहे।

हम दोनों की जिस्म की प्यास तो फिलहाल ठंडी हो गई लेकिन पेट की आग सताने लगी क्योंकि रात के दस बज चुके थे। सर्वेंट को भी इशिका ने जल्दी भेज दिया था और हम दोनों थक चुके थे। लेकिन हमने पिजा आर्डर कर दिया थोड़े ही टाइम में पिजा आ गया हम दोनों ने पिजा खाया। और तब तक हमारा दोबारा कपड़े उतारने का दिल हो गया। खैर दोस्तों रात अपनी थी उस वक्त इशिका अपनी थी लेकिन उस रात कमबख्त आँखों की नींद अपनी नहीं थी।

एक हफ्ते तक में इशिका के ही घर में रहा और हमारी हर एक रात सुहाग रात रही। लेकिन सोने पे सुहागा की कंपनी ने हमारे हनी-मून का भी अरेंजमेंट कर दिया मतलब कंपनी ने मुझे इशिका के साथ उनके हेड ऑफिस प्रोडक्ट ट्रायल के लिए भेज दिया। और वहां फाइव स्टार होटल में हनी-मून एक दम मस्त और बिंदास। तो वहां पर भी इशिका की चूत का मस्त मस्त मज़ा लिया आपके सुनील ने। तो दोस्तों ज़रूर लिखना कि आपको मेरा एक्सपेरिएंस कैसा लगा। Sex Stories

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एक बेहद खूबसूरत लड़की ….जिसे Hindi Porn Stories देख कर ही लण्ड पानी छोड़ दे, इतना कमसिन बदन था उसका !

मगर बहुत ही तेज मिजाज होने के कारण किसी की हिम्मत नहीं होती थी उस के नजदीक जाने की …..

कई लड़के उसके नाम से मुठ ही मार पाते थे, मैं भी उसी मुठ-मार दल का सदस्य था ….

रहती मेरे पड़ोस में थी, मगर दूर की खुशी थी …

एक दिन उसके पाँव में चोट आई ….अकेले चल फ़िर नहीं सकती थी, और उसी दौरान उसके परिवार को किसी नजदीकी रिश्तेदार की शादी में जाना था …तो दो दिन उसको मेरी मॉम की निगरानी में छोड़ के मजबूरन उनको जाना पड़ा ….

अनजाने में वो आग का गोला मेरे हाथ भी लग गया ….

मॉम ने कहा कि उस को कंपनी देना तुम्हारा काम है और ये भी ध्यान रहे कि उसका ख्याल रखने में कोई कमी नहीं आनी चाहिए क्यूंकि उसके परिवार ने हमारे भरोसे उसे अकेला छोड़ा है …

मॉम से इज़ाज़त मिलते ही में उसके घर चला गया ….

मैंने पूछा- कैसी हो मधु ?

वो बोली- ठीक हूँ पैर में दर्द है और बुखार भी है शायद !

मैंने कहा- कोई बात नहीं ! जब मैं आ गया हूँ बुखार भी गायब हो जाएगा ….मैं उस से बात करते हुए बातों में खुल रहा था और उसे भी मेरी बातों से दर्द कम होता महसूस हो रहा था …इतनी बातों में वो भी तल्लीन हो गई थी …

अचानक उसने कहा- यार मुझे पता नहीं था तुम इतने अच्छे दिल वाले हो ! मैं तुम्हें भी आम लड़कों की तरह चालू समझती थी, मगर तुम तो बड़े प्रतिभाशाली और अच्छे दिल वाले इंसान हो !

मैंने कहा- शुक्रिया मधु ….!

हमारी बाते चल रही थी कि उसने कहा- मेरे सर में दर्द हो रहा है।

मैंने कहा- अगर तू इजाजत दे तो तेरे सर का ही नहीं, तेरे पाँव का दर्द भी मैं गायब कर दूँ …

उसने कहा- कैसे ?

मैंने कहा- तू सिर्फ़ इजाजत दे, फ़िर बताता हूँ ….

उसने हामी भर दी और मैं शुरू हो गया अपनी किस्मत के दरवाजे खोलने की कोशिश में …

मैंने धीरे से उसके सर पर किस की और उसके बालों को सहलाने लगा धीरे धीरे …उसको किस कर रहा था। फ़िर भी उसके चेहरे पर नाराजगी नहीं दिख रही थी तो मैं हिम्मत करके आगे बढ़ा और उसकी आँखों को चूमा बड़े प्यार से उसकी ओर देखा और अब हिम्मत भी आ गई यह देख के कि वो प्यार से पिंघल रही है …..मैंने उसके नाक पर किस की …उसके गालों पर किस की …

इस समय भी उसके बालों को सहला रहा था मैं और किस करते हुए आगे बढ़ रहा था …

अपने गरम होठों से उसके पूरे बदन को चूमने का तय कर लिया था अब मैंने ….

अब मैं उसके गले पर किस कर रहा था और गले के आसपास भी बहुत ही प्यार से किस कर रहा था और वो भी शायद उस प्यार में डूब रही थी.. आँखें मूँद के मेरे अस्तित्व को महसूस कर रही थी …

मैंने हिम्मत करके उसके स्तन पर किस की और उसी दौरान उसने मेरे मुँह को दोनों हाथो से पकड़ कर अपने स्तनों पर दबा दिया ..

मैं उसके बदन की खुशबू लेता हुआ वहीं पड़ा रहा ….

उसने कहा- मेरे बदन में सिहरन दौड़ रही है ! प्लीज़ कुछ करो …

फ़िर मैंने उसके टॉप को निकाल दिया। मैं बहुत ही प्यार से उसके कपड़े उतार रहा था और उसे चूमे जा रहा था ..

अब उसके बदन पर सिर्फ़ ब्रा पैंटी ही थी ….

मैंने उसके बदन पर मेरी निगाह डाली तो देखता ही रह गया ..गुलाबी बदन चमक रहा था ! इतनी सेक्सी लग रही थी वो कि मुझे ख़ुद पर कंट्रोल पाना मुश्किल था, लण्ड बेहद तन गया था और दर्द कर रहा था। मगर अभी कुछ करना, बना बनाया खेल बिगड़ना सा लगता था ….

तो मैं फ़िर से उसे चुम्बनों से नहलाने लगा। स्तनों से अब थोड़ा नीचे आया, उसके समतल पेट को चूमा और अब उसकी नाभि की ओर बढ़ा।

अपनी जीभ को घुमाया उसकी नाभि में और चाटना शुरू किया हौले हौले नाभि के आस पास जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उसे चाट रहा था …उसके बदन में गर्मी बढ़ रही थी ….वो दबे मुँह सिसकियाँ ले रही थी और उसका गोरा सा बदन मचल रहा था। मगर अब भी वो चुपचाप मजे ले रही थी कोई हरकत नहीं कर रही थी ….

मैं चूमते हुए धीरे धीरे नाभि के नीचे पहुँचा और अब मेरा मुँह उसकी पैंटी के ऊपर था …पैंटी से ही उसकी चूत को चूमा और मुँह को दबाया उसकी चूत पर और तब मैंने देखा कि उसका बदन तेजी से मचल रहा है ….

मैंने धीरे से उसकी पैंटी को नीचे सरकाया …वाह क्या पिंकिश चूत थी उसकी …

बिल्कुल साफ़ सुथरी और थोड़ी सी नम ! ऐसा लगता था मानो गुलाब की पंखुड़ियों से बनी हुई है उसकी चूत जो उसकी गोरी सी चिकनी जांघों के बीच सोई पड़ी थी, आज जाग गई है …

मैंने चूत की ऊपर की किनारी से चूमना शुरू किया और गोल गोल मुँह को घुमाते हुए उसकी चूत को चूमने लगा …बहुत ही मीठी खुशबू उसकी चूत से आ रही थी और मैं पागल हुए जा रहा था …उसकी चूत के बीच के हिस्से में मैं चूम रहा था …चूत गीली हो गई थी और फ़ूल गई थी …बीच का रास्ता खुलता हुआ नजर आ रहा था और उसमें से चूत की गहराई झलक रही थी ….

मैंने अपना कंट्रोल खोते हुए दोनों हाथों से चूत को फैला दी और चूत में जीभ घुसेड़ दी और चाटने लगा और चाटते हुए उसकी गांड को सहलाने लगा। उसी वक्त मैंने मेरे लण्ड पर उसके हाथ को महसूस किया और मैं जोर जोर से चूत चाटने लगा, जीभ को पूरा चूत में घुसेड़ दिया और हिलाने लगा। …मेरा लण्ड मेरी पैन्ट से बाहर आ चुका था और अब उसके हाथों में खेल रहा था। अब मुझे कोई परेशानी नहीं थी, मेरी जान पूरी तरह बेताब और तैयार थी चुदाने को !

मैं अब धीरे से ६९ की पोसिशन में आ गया और अपने लण्ड को उसके मुँह के पास कर दिया … लण्ड को इतना करीब देख के उससे भी रहा नहीं गया और चूत को चटाती रही और लण्ड को अपने मुँह में ले लिया …ऐसे चाट रही थी मानों जन्मों की प्यासी हो और खा जाने वाली हो लण्ड को ! ….अब मैं अपनी पूरी रवानी में था, मेरा लण्ड उसके मुँह में चुदाई कर रहा था और मैं उसकी चूत को जीभ से चाट रहा था ….मैंने जीभ के साथ अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में घुसेड़ दी और चुदाई करता रह। साथ साथ एक ऊँगली उसकी गांड में भी घुसेड़ दी।

मैं मस्ती से गांड मार रहा था, चूत चोद रहा था और लण्ड चुसवा रहा था …मानो में जन्नत की सैर कर रहा था ….उसको चोदने की मुझे कोई जल्दी नहीं थी क्यूंकि एक दो बार ऊँगली से चोद के उसकी कंवारी चूत को मस्त बना के फ़िर चोदना था मुझे …. बहुत तेज रफ्तार से गांड और चूत की चुदाई हो रही थी और वो भी लण्ड को टट्टों से टिप तक चाट रही थी। कभी एकदम से लण्ड को मुँह में ले के आगे पीछे कर देती थी ….ऐसे ही कुछ पल गुजरे और हम दोनों झड़ गए …..

अब मैं उसकी बगल में आ गया और उसके साथ ही लेट गया। चँद मिनटों में मैंने उसके हाथ को अपने बदन को सहलाता पाया और मैं भी उसके बदन को सहलाने लगा ..मैं बहुत ही प्यार से उसके बदन को सहला रहा था। अपने पाँव मैंने उसके पाँव पर जमा दिए थे …. हम प्यार में डूबे जा रहे थे !

तभी उसने कहा- अब मैं सिर्फ़ तेरी हूँ ! जी भर के मेरे साथ जितना प्यार करना है कर !! मैं तेरे हवाले हूँ ….!!!

मैंने उसके बदन को जोर से सहलाना शुरू किया और उसकी ब्रा को अब निकाल दिया उसके मशरूम से बदन पर उसके स्तन क़यामत ढा रहे थे। मैं धीरे धीरे उसे सहलाने लगा, गोल गोल मालिश करते हुए उसके स्तनों को मसल रहा था।

अब उसके अनछुए होठों पर अपने गरम होठों को रख दिया और चूमने लगा, स्तन मसल रहा था और होठों का रस पी रहा था, वो भी मस्ती से साथ निभा रही थी !

हम दोनों अब होठों से होठों का रस पी रहे थे और उसके स्तनों को निचोड़ रहा था मैं ! वो भी मेरी गाण्ड को सहला रही थी। मैं उसके बूब्स और होठों पर टूट पड़ा था। धीरे धीरे बूब्स पर जोर बढ़ता गया मेरा और अब मैंने उसके चूचुकों को भी चुसना शुरू किया- चूचुकों पर जीभ घुमा रहा था, उसके बूब्स मेरे हाथो में मचल रहे थे और मैं चूचुकों के आगे पीछे गोल गोल जीभ घुमाते हुए बूब्स चाट रहा था। ….उसी दौरान मेरा लण्ड उसकी चूत पर रगड़ रहा था …उसकी चूत का गीलापन मेरे लौड़े पर महसूस हो रहा था, लौड़ा मस्त हुए जा रहा था … बूब्स गोरे से लाल होने चले थे ….

अब लण्ड को चूत पर पटकते हुए मैंने उसके बाएँ स्तन को मुँह में ले लिया चूसने लगा और दूसरे हाथ से दायाँ स्तन मसलने लगा …बारी बारी ये क्रम चलाते हुए उसकी चूत को मस्त कर रहा था मैं ……

उससे रहा नहीं गया और पहली बार वो बोली- मेरी जान ! अब मैं सहन नहीं कर पा रही हूँ ! कुछ हो रहा है मेरी चूत में !! अपने लौड़े को उसमें डाल दो …. !!!

मेरे बहुत कहने पर भी वो चूत और लण्ड नहीं बोल रही थी। मैंने सोचा- कोई बात नहीं ! काम वही है प्यार से चोदने का ! चूत हो या पस्सी…..

उसके बूब्स को छोड़ के मैंने उसके पैरो को दोनों हाथो से फैला दिए ….उसकी चूत में उसकी शिश्निका मोती सी चमक रही थी जो इस वक्त सख्त हो गई थी …

चूत से पानी निकल रहा था, मैंने इस मस्त चूत पर अपने लौड़े को रख दिया और उसको गांड से ऊपर करके धक्का दे दिया, चूत में लण्ड थोड़ा सा घुसा और रुक गया। चूत इतनी कसी हुई और रसीली थी कि मेरा लण्ड चूत की गहराई नापने के लिए उतावला हो रहा था।

मगर मुझे पता था कि कुंवारी चूत को हौले से चोदना है …मैंने लण्ड को गहराई में ना ले जाते हुए धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू किया ….

लण्ड का मजा लेते हुए वो इतनी मस्त हो गई कि बोली- अब कोक को घुसेड़ ! दो मेरे दर्द की परवाह मत करो …… !!

मैंने तुंरत लण्ड को जोर का धक्का दिया और चूत में घुसेड़ दिया ….उसका योनि-पटल फट चुका था और खून निकल रहा था।

कुछ देर मैं उसकी चूत को लण्ड से सहलाता रहा और जब लगा कि अब कोई खतरा नहीं, मैंने लौड़े की रफ्तार तेज कर दी …

गांड से चूत को लण्ड पर दबाये रखे चूत चोदने लगा ….

बूब्स को मुँह में ले के चूसने लगा और चूत की चुदाई करता रहा …..

वो चिल्लाने लगी- फ़क मी फ़ास्ट !

और मेरा लण्ड बरस पड़ा उसकी चूत पर !

घमासान जंग शुरू हो गया ! चूत और लण्ड के बीच जैसे होड़ लगी थी कि कौन ज्यादा मस्ती देगा लण्ड या चूत …

पहली बार चुदाने के बावजूद इतनी मस्ती से चुदाई करा रही थी कि मजा दुगना हो रहा था … गांड को उछाल रही थी वो !

और लण्ड तेज रफ्तार से चूत फाड़ रहा था ….

हाथ अपना कमाल दिखाते हुए बूब्स को मसल रहे थे और मुँह उसके मशरूम से बदन को चाट रहा था …..

हम दोनों मंजिल की ओर बढ़ रहे थे तब मैंने लण्ड को चूत में से बाहर निकल दिया।

वो चिल्लाने लगी- चोऽऽऽऽदोऽऽऽ मुझे ! मैं मर जाउँगी बिना लण्ड के …. !!

जैसे ही उसने लण्ड बोला, मैंने उसके पैरों को अपने कंधों पर रख दिया और लोड़े को जोर का धक्का देते हुए उसकी चूत में घुसेड़ दिया ….

क्या चूत थी उसकी ! मेरा लोहे सा गरम लण्ड उसकी चूत की गर्मी को ठंडा करने को मचल पड़ा ….

लौड़े ने चूत की गहराई नाप ली थी और जोर जोर से चूत को फाड़े जा रहा था !

बूब्स हाथो में खेल रहे थे और चूत चुदाई हो रही थी ….

मंजिल करीब आ रही थी और लोड़े की रफ्तार तेज हो गई थी ….

वो उछल उछल के चुदाई करा रही थी … और लौड़ा पूरी रवानी से चूत चोद रहा था ….

आख़िर हम दोनों ने मंजिल पा ली …निढाल सा मैं उसके बदन पर पड़ा था और वो भी निढाल सी पड़ी हुई लम्बी साँसे ले रही थी …….

हमने एक ही दिन में प्यार के साथ चुदाई का मजा लिया ……

हम दोनों एक दूसरे को सहलाते हुए चुदाई के उस स्वर्गीय आनंद को महसूस कर रहे थे …..

दोस्तों यह मेरे पहला प्यार आज मेरे घर की रानी बनकर मेरे आँगन को महका रहा है और मेरे लौड़े का हर तरह की गालियों से स्वागत करते हुए उसकी चूत चुदवा रहा है …..

जो चूत तक नहीं बोलती थी वो मेरी रानी आज मादरचोद ! चोदो मेरी चूत को ! फाड़ दो ! तक बोलने लगी है ….शादी के बाद की चुदाई का किस्सा फ़िर कभी ….

आपको मेरी ये प्यार की कहानी कैसी लगी मुझे लिखियेगा जरूर …. Hindi Porn Stories

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