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Massage Girl in Pulwama: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Pulwama who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Pulwama that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Pulwama massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Pulwama who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Pulwama massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Pulwama massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Pulwama who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Pulwama employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Pulwama helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Pulwama

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Pulwama at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi sex stories

कहानी का पिछला भाग : दोस्त की माँ, बुआ और बहन की चुदाई-2 Hindi sex stories कुछ देर बाद होश आया तो मैंने उनके रसीले होंठों के चुम्बन लेकर उन्हें जगाया.

माँ ने करवट लेकर मुझे अपने ऊपर से हटाया और मुझे अपनी बाहों मे कस कर कान मे फुस-फुसा कर बोली- बेटा तुमने और तुम्हारे मोटे, लम्बे लण्ड ने तो कमाल कर दिया!

क्या गजब की ताकत है तुम्हारे मोटे लण्ड मे!

मैंने उत्तर दिया- कमाल तो आपने कर दिया है! आज तक तो मुझे मालूम ही नहीं था कि अपने लण्ड को कैसे काम में लिया जाता है?

यह तो आपकी मेहरबानी है! जो कि आज मेरे लण्ड को आपकी चूत की सेवा करने का मौका मिला.

अब तक मेरा लण्ड उनकी चूत के बाहर झांटो के जंगल मे रगड़ मार रहा था. माँ ने अपनी मुलायम हथेलियों मे मेरा लण्ड को पकड़ कर सहलाना शुरु किया.

माँ खड़े लण्ड देख दुबारा चुदवाई

उनकी उंगली मेरे आण्ड से खेल रही थीं. उनकी नाजुक उंगलियाँ के स्पर्श की पकड़ से मेरा लण्ड भी जाग गया और एक अंगड़ाई लेकर माँ की चूत पर ठोकर मारने लगा.

माँ ने कस कर मेरे लण्ड को कैद कर लिया और बोली- बहुत जान है! तुम्हारे लण्ड में, देखो फिर से साला कैसा फ़ड़क रहा है अब मैं इसको नहीं छोड़ने वाली.

हम दोनों अगल बगल लेटे हुए थें. माँ ने मुझको चित लेटा दिया और मेरी टांग पर अपनी टांग चढ़ा चढ़ा कर लण्ड को हाथ से उमेठने लगीं.

साथ ही साथ अपनी गाण्ड हिलाते हुए अपनी झांट और चूत मेरी जाँघ पर रगड़ने लगी.

उनकी चूत पिछली चुदाई से अभी तक गीली थीं और उसका स्पर्श मुझे पागल बनाये हुए था. अब मुझसे रहा नहीं गया और करवट लेकर माँ की तरफ़ मुँह करके लेट गया.

उनकी चूची को मुंह मे दबा कर चूसते हुए अपनी उंगली चूत मे घुसा कर सहलाने लगा.

उन्होंने एक सिसकारी लेकर मुझसे कस कर लिपट गईं, और जोर जोर से कमर हिलाते हुए मेरी उंगली से चुदवाने लगीं. अपने हाथ से मेरे लण्ड को कस कर जोर जोर से मुठ मार रही थीं.

मेरा लण्ड पूरे जोश मे आकर लोहे की तरह सख्त हो गया था. अब माँ की बेताबी हद से ज्यादा बढ गई थीं और, खुद ही चित हो कर मुझे अपने ऊपर खींच लिया.

मेरे लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत पर रखती हुई बोलीं- आओ मेरे राजा! दूसरा राउंड हो जाए.

मैंने झट कमर उठा कर धक्का दिया और, मेरा लण्ड उनकी चूत को चीरता हुआ जड़ तक धंस गया.

माँ चिल्ला उठी और बोलीं- जियो मेरे राजा! क्या शॉट मारा? अब मेरे सिखाए हुए तरीके से शॉट पर शॉट मारो और फ़ाड़ दो मेरी चूत को.

माँ का आदेश पाकर मैं दोगुने जोश मे आ गया और, उनकी चूची को पकड़ कर हुमच हुमच कर माँ की चूत में लण्ड पेलने लगा.

उंगली की चुदाई से उनकी चूत गीली हो गई थीं और, मेरा लण्ड सटासट अन्दर-बाहर हो रहा था. वो भी नीचे से कमर उठा उठा कर हर शॉट का जवाब मेरा पूरा लौड़ा लेकर जोश के साथ दे रही थीं.

माँ ने दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़ रखा था और जोर जोर से अपनी चूत मे लण्ड घुसवा रही थीं.

वो मुझे बस इतना उठाती थीं कि बस लण्ड का सुपाड़ा अन्दर रहता और, फिर नीचे से जोर लगा कर घप से लण्ड चूत मे घुसवा लेती थीं.

पूरे कमरे में हमारी साँस और घपा-घप!फचा-फच! की आवाज गूंज रही थीं.

माँ ने चुदाई का नया तरीका बताया

जब हम दोनों की ताल से ताल मिल गईं, तब माँ ने अपने हाथ नीचे लकर मेरे चूतड़ को पकड़ लिया और कस कस कर दबोच कर चुदाई का मज़ा लेने लगीं.

कुछ देर बाद माँ ने कहा- आओ एक नया आसन सिखाती हूँ! और मुझे अपने ऊपर से हटा कर किनारे कर दिया. मेरा लण्ड पक्क! की आवाज साथ बाहर निकल आया.

मैं चित लेटा हुआ था और मेरा लण्ड पूरे जोश के साथ सीधा खड़ा था. माँ उठ कर घुटनों और हथेलियों पर मेरे बगल मे बैठ गईं.

मैं लण्ड को हाथ मे पकड़ कर उनकी हरकत देखता रहा.

माँ ने मेरे लण्ड पर से हाथ हटा कर मुझे खींचते हुए कहा- ऐसे पड़े पड़े क्या देख रहे हो?

चलो अब उठ कर पीछे से मेरी चूत मे अपना लण्ड को घुसाओ!

मैं भी उठ कर उनके पीछे आकर घुटने के बल बैठ गया और लण्ड को हाथ से पकड़ कर उनकी चूत पर रगड़ने लगा.

क्या मस्त गोल गोल गद्देदार गाण्ड थीं?

माँ ने नए तरीके में दमदार चुदाई

माँ ने जाँघ को फैला कर अपने चूतड़ ऊपर को उठा दिए, जिससे कि उनकी रसीली चूत साफ़ नज़र आने लगी.

उनका इशारा समझ कर, मैंने लण्ड का सुपाड़ा उनकी चूत पर रख कर धक्का दिया और मेरा लण्ड उनकी चूत को चीरता हुआ जड़ तक धंस गया.

माँ ने एक सिसकारी भर कर अपनी गाण्ड पीछे कर के मेरी जाँघ से चिपका दीं. मैं भी माँ की पीठ से लिपट कर लेट गया, और बगल से हाथ डाल कर उनकी दोनों चुची को पकड़ कर मसलने लगा.

वो भी मस्ती मे धीरे धीरे चूतड़ को आगे-पीछे करके मज़े लेने लगीं.

उनके मुलायम चूतड़ मेरी मस्ती को दोगुना कर रही थी. मेरा लण्ड उनकी रसीली चूत मे आराम से आगे-पीछे हो रहा था.

कुछ देर तक चुदाई का मज़ा लेने के बाद माँ बोलीं- चलो रज्जा! अब लण्ड आगे उठा कर शॉट लगाओ, अब रहा नहीं जाता.

मैं उठ कर सीधा हो गया, और माँ के चूतड़ को दोनों हाथों से कस कर पकड़ कर, चूत मे हमला शुरु कर दिया.

जैसा कि माँ ने सिखाया था, मैं पूरा लण्ड धीरे से बाहर निकाल कर जोर से अन्दर कर देता.

शुरु में तो मैंने धीरे धीरे किया लेकिन जोश बढ़ गया और धक्को की रफ़्तार भी बढती गई.

धक्का लगाते समय मैं माँ के चूतड़ को कस के अपनी ओर खींच लेता, ताकि शॉट करारा पड़े. माँ भी उसी रफ़्तार से अपने चूतड़ को आगे-पीछे कर रही थीं.

हम दोनों की साँसें तेज हो गई थीं. माँ की मस्ती पूरे परवान पर थी. नंगे जिस्म जब आपस में टकराते तो घप-घप की आवाज आती.

काफ़ी देर तक मैं उन्हीं की कमर पकड़ कर धक्का लगाता रहा. जब हालात बेकाबू होने लगा, तब माँ को फिर से चित लेटा कर उन पर सवार हो गया और चुदाई का दौर चालू रखा.

हम दोनों ही पसीने से लथपथ हो गए थे पर, कोई भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था.

तभी माँ ने मुझे कस कर जकड़ लिया और अपनी टांगे मेरे चूतड़ पर रख दिया और कस कर जोर जोर से कमर हिलाते हुए चिपक कर झड़ गईं.

उनके झड़ने के बाद मैं भी माँ की चूची को मसलते हुए झड़ गया और हाँफ़ते हुए उनके ऊपर लेट गया.

हम दोनों की साँसें जोर जोर से चल रही थीं और हम दोनों काफ़ी देर तक एक-दूसरे से चिपक कर पड़े रहे.

कुछ देर बाद माँ बोलीं- क्यों बेटा, कैसी लगी हमारी चूत की चुदाई?

मैं बोला- हाय मेरा मन करता है कि, जिंदगी भर इसी तरह से तुम्हारी चूत में लण्ड डाले पड़ा रहूँ.

माँ को दूसरी बार चुदने को बोला

माँ बोलीं- जब तक तुम यहाँ हो, यह चूत तुम्हारी है! जैसे मर्जी हो, मज़े लो! अब थोड़ी देर आराम करते हैं.

नहीं माँ, कम से कम एक बार और हो जाए!

देखो! मेरा लण्ड अभी भी बेकरार है.

माँ ने मेरे लण्ड को पकड़ कर कहा- यह तो ऐसे रहेगा ही, चूत की खुशबू जो मिल गई है.

पर देखो, रात के तीन बज गए है! अगर सुबह समय से नहीं उठे तो तुम्हारी बुआ जी को शक जाएगा.

अभी तो सारा दीनू सामने है, और आगे के इतने दीनू हमारे पास है. जी भर कर मस्ती लेना!

मेरा कहा मानोगे तो रोज नया स्वाद चखाऊँगी! माँ का कहना मान कर, मैंने भी जिद्द छोड़ दी और माँ भी करवट ले कर लेट गईं और मुझे अपने से सटा लिया.

मैंने भी उनकी गाण्ड की दरार में लण्ड फंसा कर चूचियों को दोनों हाथों में पकड़ लिया और माँ के कंधे को चूमता हुआ लेट गया.

नींद कब आई? इसका पता ही नहीं चला.

सुबह जब अलार्म बजा तो, मैंने समय देखा, सुबह के सात बज रही थी!

माँ ने मुझे मुस्कुरा कर देखा, और एक गर्मा-गर्म चुम्बन मेरे होंठों पर जड़ दिया.

मैंने भी माँ को जकड़ कर उनके चुम्बन का जोरदार का जवाब दिया. फिर, माँ उठ कर अपने रोज के काम काज में लग गईं. वो बहुत खुश थीं!

मैं उठ कर नहा, धोकर फ़्रेश होकर आँगन में बैठ कर नाशता करने लगा.

तभी बुआ जी आ गईं और बोलीं, बेटा खेत चलोगे?

मैंने कहा- क्यों नहीं! और रात वाला उनका ककड़ी से चोदने का सीन मेरे आँखों के सामने नाचने लगा.

इतने में सुमन (दोस्त की बहन) बोलीं, मैं भी तुम्हारे साथ खेत मैं चलूँगी और हम तीनों खेत की ओर चल पड़े.

रास्ते में जब हम एक खेत के पास से गुजर रहे थें, तो देखा की उस खेत में ककड़ियाँ उगी हुई थी.

मैंने ककड़ियों को दिखाते हुए बुआ जी से कहा, बुआ जी देखो! इस खेत वाले ने तो ककड़ियाँ उगाई है. ककड़ियों में काफ़ी गुण होते हैं.

बुआ जी लम्बी साँस भरती हुई बोलीं, हाँ बेटा ककड़ियों से काफ़ी फ़ायदा होता है और कई कामों में इसका उपयोग किया जाता है. जैसे सलाद में, सब्जियों में, कच्ची ककड़ी खाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है!

मैं बोला- हाँ! बुआ जी इसे कई तरह से उपयोग में लाया जाता है. इस तरह की बातें करते करते हम लोग अपने खेत में पहुँच गए.

ख्यालों में सुमन की मदमस्त चुदाई

वहाँ जाकर, मैं मकान में गया और लुंगी और बनियान पहन कर वापस बुआ जी के पास आ गया. बुआ जी खेत में काम कर रही थीं और सुमन (दोस्त की बहन) उनके काम में मदद कर रही थीं.

मैंने देखा! बुआ जी ने साड़ी घुटनों के ऊपर कर रखी थीं और सुमन स्कर्ट और ब्लाऊज़ पहने हुए थीं. मैं भी लुंगी ऊँची करके (मद्रासी स्टाईल में) उनके साथ काम में मदद करने लगा.

जब सुमन झुककर काम करती तो मुझे उसकी चड्डी दिखाई देती थी!

हम लोग करीब 1 या 1:30 घण्टे काम करते रहे.

फिर मैं बुआ जी से कहा, बुआ जी मैं थोड़ा आराम करना चाहता हूँ!

तो बुआ बोलीं, ठीक है! और मैं खेत के मकान में आकर आराम करने लगा.

कुछ देर बाद कमरे में सुमन आई और कहने लगी, दीनू भैया आप वहाँ बैठ जाए क्योंकि, कमरे में झाड़ू मारनी है और मैं कमरे के एक कोने में बैठ गया. वो कमरे में झाड़ू मारने लगी.

झाड़ू मारते समय जब सुमन झुकी तो, मुझे उसकी चड्डी दिखाई देने लगी और मैं उसकी चुदाई के ख्यालों में खो गया.

थोड़ी देर बाद फिर वो बोली- भैया, जरा पैर हटा लो झाड़ू देनी है.
मैं चौंक कर हकीकत की दुनिया में वापस आ गया! देखा सुमन कमर पर हाथ रखी मेरे पास खड़ी है.

मैं खड़ा हो गया और वो फिर झुक कर झाड़ू लगाने लगी. मुझे फिर उसकी चड्डी दिखाई देने लगी. आज से पहले मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया था.. पर आज की बात ही कुछ और थी.

रात माँ से चुदाई की ट्रैनिंग लेकर, एक ही रात में मेरा नज़रिया बदल गया था. अब मैं हर औरत को चुदाई की नज़रिए से देखना चाहता था.

सुमन की चूचियों के दर्शन

जब वो झाड़ू लगा रही थी तो मैं उसके सामने आकर खड़ा हो गया. अब मुझे उसके ब्लाऊज़ से उसकी चूची साफ़ दिखाई दे रही थी. मेरा लण्ड फन-फना गया.

रात वाली! माँ जैसी चूची मेरे दिमाग के सामने घूमने लगी कि, तभी सुमन की नज़र मुझ पर पड़ी. मुझे एकटक घूरता देख पकड़ लिया.

उसने एक दबी सी मुस्कान दी और अपना ब्लाऊज़ ठीक कर, अपनी चूचियों को ब्लाऊज़ के अन्दर छुपा लिया. अब वो मेरी तरफ़ पीठ कर के झाड़ू लगा रही थी.

उसके चूतड़ तो और भी मस्त थे. मैं मन ही मन सोचने लगा कि, इसकी गाण्ड में लण्ड घुसा कर चूची को मसलते हुए चोदने में कितना मज़ा आएगा!

बेख्याली में मेरा हाथ मेरे तन्नाए हुए लण्ड पर पहुँच गया और, मैं लुंगी के ऊपर से ही सुपाड़े को मसलने लगा.

तभी सुमन अपना काम पूरा कर के पलटी और, मेरी हरकत देख कर मुँह पर हाथ रख कर हँसती हुई बाहर चली गई.

थोड़ी देर बाद बुआ जी और सुमन हाथ पैर धोकर आए और मुझे कहा कि, चलो दीनू बेटे खाना खालो. अब हम तीनों खाना खाने बैठ गए.

बुआ जी मेरे सामने बैठी थीं और सुमन मेरे बाईं साईड की ओर बैठी थी. सुमन पालथी मारके बैठी थी और बुआ जी पैर पसारे बैठी थीं.

खाना खाते समय मैंने कहा, बुआ जी आज खाना तो जायकेदार बना है.

बुआ जी ने कहा, मैंने तुम्हारे लिए खास बनाया है. तुम यहाँ जितने दीनू रहोगे गाँव का खाना खा खा कर और मोटे हो जाओगे!

मैं हँस पड़ा और कहा, अगर ज्यादा मोटा हो जाऊँगा तो मुश्किल हो जाएगी. बुआ जी और सुमन हँस पड़ीं!

थोड़ी देर बाद बुआ जी ने कहा, सुमन तुम खाना खा कर खेत में खाद डाल आना. मैं थोड़ा आराम करूँगी. हम सबने खाना खाया.

सुमन बरतन धोकर खेत में खाद डालने लगी. मैं और बुआ जी चटाई बिछा कर आराम करने लगे. मुझे नींद नहीं आ रही थी.

आज मैं बुआ जी या सुमन को चोदने का विचार बना रहा था. विचार करते करते कब नींद आ गई! पता ही नहीं चला.

कहानी जारी रहेगी.

कहानी का अगला भाग : दोस्त की माँ, बुआ और बहन की चुदाई-4

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(Padhai Ke Sath Chut Chudai)अन्तर्वासना

हाय, अन्तर्वासना के सभी पाठकों और पाठिकाओ, आपकी सेवा में मैं विक्की मित्तल एक बार फिर से अपनी चुदाई के तजुर्बे के साथ हाजिर हूं, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार।

लगता है मेरी कहानी ‘शीतल की चुदाई’ काफ़ी पाठको ने पढ़़ी है, क्योंकि मेरे पास बहुत से पाठक पाठिकाओ के जवाब आये है जिनमे लिखा है उन्हे मेरी कहानी बहुत पसन्द आई है और मैं अपनी दूसरी कहानी भी जल्द ही भेजूं। इसके लिये आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद। लगता है कि पढ़ने वालों में लड़कियों और औरतों की संख्या अधिक है, क्योंकि लिखने वालो में लड़किया अधिक है। कुछ लड़कियों ने तो यहां तक लिखा है कि अपनी नई कहानी में उनको लेकर यानि उन्हे नायिका बना कर कहानी लिखूं।

यहां पर मैं बताना चाहूंगा कि शीतल की चुदाई मेरी कोई कल्पना मात्र नहीं है बल्कि ये वास्तव में मेरा पहला तजुर्बा है, और आज भी है। बस अन्तर इतना है कि उसकी अब शादी हो चुकी है। वह ससुराल में अपने पति के साथ बहुत ही खुशहाली का जीवन व्यतीत कर रही है।

आगे भी मैं जो कहानी भेजूंगा वो भी कोई कल्पना नहीं होगी बल्कि वास्तविक घटना होगी जो कि मेरे साथ घट चुकी होगी। मैं अपनी पाठिकाओं का दिल तोड़ना नहीं चाहता हू, इसलिये मैं उनसे विनती करूंगा कि जो ये चाहती कि मैं उन पर कहानियाँ लिखू वो अपने शरीर का विवरण अवश्य ही भेजे जिससे मुझे कहानियाँ लिखने में सहूलियत होगी।

सम्पूर्ण विवरण से तात्पर्य है कि वे अपनी बॉडी की बनावट, कद काठी, कूल्हे भारी हैं या हल्के, चूचियो का साईज़, छोटी है या बड़ी, उनका रंग, चूत क्लीन शेव्ड है या झांटों से भरपूर है। आपकी खास आदते और पसन्द वगैरह। जब आप अपना शरीर का पूरा परिचय दे देंगी तो तो अवश्य ही आपके लिये एक बहुत ही सेक्सी और बहुत ही एक सुन्दर सी कहानी लिख पाऊंगा।

हां तो मैं आज अपनी जीवन का दूसरा तजुर्बा कहानी के रूप में लिख कर भेज रहा हूं। कुछ लड़के और लड़कियाँ या महिलाये ऐसी भी होंगी जिन्होने ने मेरी पहली कहानी नहीं पढ़़ी होगी या इस साईट में अभी सम्मिलित हुये हो तो मैं उन्हे अपना परिचय देना जरूरी समझता हूँ। मेरी उम्र लगभग 29 वर्ष, रंग एक दम गोरा है, मेरी हाईट पांच फ़ुट दस इन्च है। हालांकि मेरी बॉडी थोड़ी भारी है पर लम्बाई के कारण मैं मोटा नहीं लगता हूं। मेरी पर्सनाल्टी बहुत ही चार्मिंग है, मैं बहुत सुन्दर हू, लड़किया मेरी तरफ़ आसानी से आकर्षित हो जाती है।

बचपन से लेकर अब तक काफ़ी लड़कियाँ मेरी दोस्त बन चुकी है। मैंने आई आई टी रुड़की से इन्जीनियरिंग करने के बाद आई आई एम अहमदाबाद से एम बी ए किया है। और अब में दिल्ली में अपनी ही एक पारिवारिक ओर्गेनाईजेशन में काम करता हूं। हां तो दोस्तों, लगता हैकि अब आप काफ़ी बोर होने लगे है इसलिये मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ।

बात उन दिनो की है जब मैं ग्यारहवीं में पढ़़ता था। और उस समय मेरी उमर 18 वर्ष की थी पर मेरी कद काठी की वजह से मैं 18-20 वर्ष का लगता था। हमारी ही कोलोनी में एक लड़का और रहता था जो बचपन से ही मेरा पक्का दोस्त था। हम दोनो लगभग हर समय ही एक साथ रहते थे। उसके पिताजी एक सरकारी अफ़सर थे उस परिवार में उसकी माताजी के अलावा उसके अलावा एक बड़ी बहन और तीन छोटे भाई भी थे।

मेरे दोस्त का नाम मनोज है और उसकी बहन का नाम कोमल था। वो बी एस सी पार्ट फ़र्स्ट में पढ़़ रही थी।

कोमल बहुत ही खूबसूरत थी। उसका रंग एकदम गोरा चिट्टा था। उसकी हाईट लगभग 5 फ़ुट चार इन्च होगी। आँखें एकदम काली और बड़ी बड़ी, मानो हर समय उसकी आंखे कुछ कहना चाहती हो। जब वो आंखो में काजल लगा कर उसकी लाईन साईड में से बाहर निकालती थी तो वो गजब ही ढा देती थी।

शरीर 36-24-38 का रहा होगा और देखने में उसका बदन बहुत सेक्सी लगता था। उसकी चूंचियाँ काफ़ी बड़ी थी। उसका साईज तो लगभग 36/38 रहा होगा पर एकदम कठोर और कसी हुई थी। चूतड़ तो बस क्या कहने एकदम भरे भरे और सुडौल।
जब चलती थी तो उसकी चूतड़ों को देख कर लगता था कि मानो दो बड़ी बड़ी गेंद या फ़ुटबॉल आपस में रगड़ खा रहे हो।

वो आम तौर पर टाईट सलवार कमीज या चूड़ीदार पजामा और कुर्ती पहनती थी, जिसमे उसकी जवानी फ़ूटती सी लगती थी। खास तौर पर तो उसके चूतड़ों उभार तो मस्त नजर आता था। कभी कभी वो स्कर्ट और टॉप भी पहन लेती थी तो वो छोटी सी लगती थी, उसकी उमर का तो पता ही नहीं चलता था।

मैं तो शुरू से ही पढ़़ने में बहुत होशियार था खास कर गणित तो मेरा फ़ेवरेट विषय था। मनोज गणित में बहुत कमजोर था तो वो मेरे साथ ही पढ़़ाई करता था। साथ में कोमल भी आकर पढ़़ाई करती थी।

अधिकतर पढ़़ाई तो रात को हमारे घर पर ही होती थी, क्योंकि उसके परिवार में काफ़ी सदस्य थे। इसलिये मनोज और कोमल रात को मेरे घर ही आ जाया करते थे। हम सभी काफ़ी देर तक पढ़़ाई करते रहते थे। एक साथ पढ़़ाई करने की वजह से मैं और कोमल काफ़ी घुल मिल गये थे और एक दूसरे के साथ फ़्री हो कर बातें भी करते थे। वैसे भी पड़ोस में रहने के कारण एक दूसरे के परिवार में मेरा काफ़ी आना जाना रहता था।

क्योंकि मैं बहुत सुन्दर और स्मार्ट था, लड़कियाँमेरी तरफ़ सहजता से आकर्षित हो जाती थी और मेरे साथ दोस्ती करने की इच्छा रखती थी। कोमल भी मेरी तरफ़ बहुत ही आकर्षित थी और कई बार मम्मी से मजाक में कहा करती थी कि मेरा दूल्हा तो विक्की है ना। मैं तो विक्की से ही शादी करूंगी। मम्मी हंस देती थी। कोमल मुझसे भी कहती थी कि विक्की आज तो तू बड़ा स्मार्ट और सुन्दर लग रहा है, है ना बिल्कुल दूल्हे राजा जैसा। आजा मेरे साथ शादी करले और मैं जोर से हंस देता था।

मैं भी उसको पसन्द करता था और अनेकों बार रात में उसको ध्यान में रख कर जोर से हस्त मैथुन भी कर लेता था। मैं तो मन ही मन उसको चोदना चाहता था पर कहने से डरता था कि कहीं वो सुन कर बुरा ना मान जाये और मेरे साथ रात को पढ़़ना बन्द ना कर दे। बस वैसे ही दिन कट रहे थे। दशहरा आने वाला था, दशहरे की छुट्टियाँचल रही थी।

एक बार मनोज से मेरी कुछ कहा सुनी हो गई और बात यहां तक बढ गई कि उसकी और मेरी बोल चाल बन्द हो गई। लड़ाई के बाद मनोज रात को पढ़़ने भी नहीं आया, केवल कोमल ही आई। पर उसने कोमल को ये नहीं कहा कि मेरा उसका झगड़ा हो गया है, बल्कि कहा कि उसकी तबियत खराब है इसलिये वो रात को पढ़़ने नहीं जायेगा।

कोमल को उस रोज कुछ समझ नहीं आया लेकिन जब दूसरे दिन भी जाने मना कर दिया और कोमल को भी जाने से रोकने लगा तो उसका माथा ठनका और फिर कोमल ने कह दिया कि तू जाये या ना जाये वो तो विक्की के यहां ही पढ़़ाई करेगी। फिर वो मेरे घर आ गई। हम दोनो लगभग एक घन्टे पढ़़ते रहे, कोई एक दूसरे से कुछ नहीं बोला। हम दोनो ही आमने सामने बैठ कर पढ़़ रहे थे कि अचानक उसने आंखे उठा कर मेरी तरफ़ देखा।

‘क्या तेरे और मनोज की लड़ाई हुई है’

मैं चुप ही रहा और मेरी आंखो में पानी आ गया। इस पर वो उठ कर मेरे पास आ गई। मेरी दाईं तरफ़ बैठ कर अपने दोनो हाथों से मेरी कोहली भर ली और मेरा सर अपने सीने से लगा लिया, पहले तो मैं चौंक गया फिर मैं समझा कि मेरी आंखो में पानी आने के कारण वो मुझे दुलार रही है। मेरा सर उसकी बाईं चूंची के ऊपर रखा था। मैं उसकी नर्म चूंची का गुदगुदापन उसके कुरते के ऊपर से महसूस कर रहा था जिससे मेरा लण्ड खड़ा हो गया।

पहले तो कुछ पल हम चुप बैठे रहे फिर वो बोली कि जब तुम एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते तो लड़ते क्यूं हो, वो भी तुम्हारे बिना तुम्हारी ही तरह उदास है। चिन्ता ना करो कल को मैं तुम्हारी बोलचाल फिर से करवा दूंगी। यह कहकर उसने मुझे जोर से अपनी बाहों में भींच लिया। फिर बोली चलो अब मुस्करा दो। जैसे ही उसने मुझे कस कर भींचा उसकी बाईं चूंची पर मेरा गाल आ गया। वो उसे दबाने लगी जिससे मेरा लण्ड बहुत तेजी के साथ सख्त हो कर फ़नफ़नाने लगा।

उन दिनों हालांकि थोड़ी सी गर्मी थी सो मैंने निकर और बनियान ही पहना हुआ था। जब मेरा लण्ड ऊपर नीचे होकर फ़ड़फ़ड़ाने लगा और वो निकर के ऊपर से ही उसकी जांघ या हल्का सा ऊपर उसको लग गया तो वो बोली कि तेरी जेब में क्या है जो मुझे चुभ रहा है। मैंने हंसते हुये कहा कि कुछ नहीं। लेकिन वो बोली कि कुछ तो जरूर है जो जेब में हिल रहा है, ला मैं भी देखूं। यह कह कर उसने मेरे लण्ड को निकर के ऊपर से ही पकड़ लिया और सहलाने लगी।

अब तो मैं भी सब कुछ समझ गया और मैंने भी जोश में आकर कोमल के होंठ के ऊपर अपने होंठ रख दिये और तेजी के साथ चूसने लगा। फिर मैंने अपनी जीभ कोमल के मुंह में डालने की कोशिश करने लगा जिस पर उसने अपना मुंह खोल कर अपने मुंह में आने दिया। वो भी मेरी जीभ बड़े जोश के साथ चूसने लगी। हमारी सांसे बहुत तेज चलने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे में खोये हुये थे। थोड़ी देर बाद हम अलग हुये तो कोमल ने पूछा इधर अंकल या आण्टी तो नहीं आयेंगी।

मैंने कहा नहीं आयेंगी क्योंकि वो जानते है कि हम तीनों यहां पढ़़ाई कर रहे हैं और उन्हे मनोज के नहीं आने की बात मालूम नहीं है जो चिन्ता करे और दूसरे यह कि वो जल्दी सो जाते हैं। अब तक तो वो सो गये होंगे।

फिर भी कोमल बोली कि दरवाजे की कुण्डी लगा लो और मैंने कुण्डी लगा दी। अब वो एक दम से मुझसे लिपट गई और बोली कि विक्की मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। मैंने भी कहा कि प्यार तो मैं भी करता हूं। पर तुम मेरे से 1-2 साल बड़ी हो इसलिये लगता है कि शादी नहीं हो पायेगी!

तो कोमल बोली कि हर प्यार की आखिरी मंजिल शादी नहीं होती है कई बार कुर्बानी भी देनी होती है। शादी नहीं होगी तो क्या हुआ हम एक दूसरे को प्यार तो कर सकते है ना। और ये कह कर उसने अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिये और उन्हे चूसने लगी। हम दोनो खड़े हुये थे और एक दूसरे को बाहों में जकड़े हुये थे। एक दूसरे का चुम्बन ले रहे थे। कभी कोमल की जीभ मेरे मुंह में होती तो कभी मेरी जीभ उसके मुंह में होती।

अब उसने एक हाथ नीचे करके निकर के ऊपर से ही मेरा सख्त लण्ड पकड़ लिया था। वो उसे सहलाने लगी और बोली कि बहुत उछल कूद मचा रहा है। अब देखती हू इसमें कितना दम है।

अब मैंने भी अपना हाथ उसके बदन पर फ़ेरना चालू कर दिया था। एक हाथ से मैं उसकी चूंची दबा रहा था तो दूसरे से मैं उसके गोल गोल नर्म चूतड़ो को दबा रहा था। सच में उसके चूतड़ बहुत ही गठीले थे। मेरे मेरे हाथ उसकी चूंचियों और चूतड़ों के गोलो को जोर से द्बा रहे थे और उसके मुंह से सिसकारियाँ निकल रही थी वो ऊऊओह्हह ऊऊओह्हह आआह्ह अह्ह हह्हह आआअय ययययिईईए स्ससीईईइ स्स स्सस्ससी ईई कर रही थी और ये सुन सुन कर मेरा लण्ड फ़टा जा रहा था। लगता था कि कुछ देर अगर यूं ही हाल रहा तो लण्ड मेरी निकर फ़ाड़ कर बाहर आ जायेगा।

मैंने उसकी गाण्ड पर हाथ फ़ेरते हुये ऊपर से ही उसकी गाण्ड में अंगुली कर दी, कोमल एक दम चीख पड़ी और बोली- ऐसा मत करो मुझे दर्द होता है।

मैंने कहा कोई बात नहीं मैं सिर्फ़ हल्के हल्के से करूंगा दर्द नहीं होगा। मुझे ऐसा करना अच्छा लगता है। हम दोनो थोड़ी देर तक यूं ही एक दूसरे का शरीर टटोलते रहे और चुम्बन लेते रहे। जब बरदाश्त करना मुश्किल हो गया तो हमने एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू कर दिये। कोमल बोली कि ओफ़्फ़ोह पहले लाईट तो बुझा दो तो मैंने मना कर दिया और कहा कि मैं तुम्हारा शरीर रोशनी में देखना चाहता हूँ। वो बोली मुझे शरम आती है।

तो मैंने उसे कहा कि जिसने की शरम उसके फ़ूटे करम और जो भी कुछ हो मैं लाईट ऑफ़ नहीं करूंगा। रोशनी में हीं चोदूंगा। यह कह कर मैंने उसके कुर्ती के बटन खोलने शुरू कर दिये। बटन खोलने के बाद मैंने उसकी कुरती झटके से उतारनी शुरू कर दी। कोमल बोली कि कि क्या मेरे कपड़े उतारने का इरादा है, जरा आराम से उतारो ना। ये कह कर उसने अपने हाथ उठा कर उसे उतार दी।

अब उसने सिर्फ़ शमीज, उसके नीचे ब्रा, पजामा और पेन्टी पहनी हुई थी। मैं तो पहले ही बनियान और निकर में था। कोमल ने निकर में नीचे से हाथ डाल कर मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली मैं जानती हू कि तुम्हारा लण्ड काफ़ी लम्बा और मोटा है, इसलिये शुरू में जरा आहिस्ता आहिस्ता करना। मैंने पूछा तुम्हे कैसे पता कि मेरा लण्ड लम्बा और मोटा है। तो बोली मैंने तुम्हे कई बार छिप कर तुम्हे लण्ड को पकड़ कर पेशाब करते हुये देखा है तो मैं हंस पड़ा।

फिर मैंने उसकी शमीज उतार दी। जोश के कारण उसकी शमीज फ़टते फ़टते बची। कोमल बोली कि कपड़े जरा आराम से उतारो ना, इस तरह बेसबर हो कर कपड़े ना फ़ाड़ो। मैंने हंसते हुये कहा कपड़े तो नहीं पर चूत जरूर फ़ाड़ने का इरादा है। वो भी चेलेन्ज देती हुई बोली कि देखते है कौन किसकी फ़ाड़ता है। यह कह कर उसने मेरी निकर उतार दी और मेरे तन्नाते हुये लण्ड को हल्के से दबा दबा कर सहलाने लगी। इधर मैंने भी उसका पजामा उतार दिया था और अब वो भी काली पेण्टी और ब्रा में खड़ी थी।

उसका दूधिया बदन ट्यूब लाईट में चांदी की तरह चमक रहा था। और अब मुझे अपने ऊपर संयम रखना मुश्किल होने लगा॥ मैंने उसका सारा बदन चाटना आरम्भ कर दिया और अपने हाथों से उसकी चूंचियाँऔर चूतड़ दबाता रहा। और कोमल आअह्ह्ह ऊऊओह्ह ऊऊह्ह्ह ह्हहा आआयईईए सस्सीईईइ करते हुये सिसकारी भरती रही।

अब मैंने उसको कहा कि मेरा लण्ड अपने मुंह में डाल कर चूसो परन्तु उसने बिल्कुल मना कर दिया और कहा कि उसे लण्ड चूसने में बहुत घिन आती है मैंने उसे अपना लण्ड दिखाया और कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है मेरा लण्ड ये देखो बिल्कुल साफ़ सुथरा है। मैं रोज नहाते समय और तुम्हारे आने के पहले इसे अच्छी तरह से सफ़ाई करता हूं फिर मैं भी तो तुम्हारी चूत मस्ती से चूसूंगा। इसमें बड़ा मजा आता है।

विक्की तुम तो बड़े एक्सपर्ट लगते हो लगता है कि पहले भी तुम कई लड़कियाँचोद चुके हो। मैंने सर हिलाते हुये मना किया और बताया कि ये मैंने पोन्दी [मस्त राम की सेक्स पुस्तक] में पढ़़ा है और ब्ल्यू फ़िल्मों में भी ऐसा दिखाया जाता है। फिर वो तैयार हो गई और बोली कि एक शर्त है तुम अपना लण्ड मेरे मुंह में मत झाड़ना वर्ना मुझे उल्टी हो जायेगी और जैसे ही लण्ड झड़ने को आये तुम अपना लण्ड मेरे मुंह में से फ़ौरन निकाल लेना। ये कह कर वो मेरा लण्ड चूसने लगी।

अभी तक मैंने उसकी चूंचिया। और चूतड़ ही दबा रहा था। वो बोली कि तुम भी मेरी चूत को चूसो।
अब मैंने उसकी ब्रा और पेण्टी भी उतार दी। वाकई में उसकी चूंचियाँ बहुत बड़ी थी, मगर थी एक दम सुडौल, बिल्कुल दो छोटे से पहाड़ की तरह से तनी हुई, जिसके निपल एकदम सीधे कड़े और तने हुये थे, एक दम दूधिया रंग के थे। उसके निप्पले गुलाबी थी बिल्कुल वो अनार के दाने के बराबर मोटे थे। हम दोनो वहीं पर लेट गये और 69 की पोजीशन में आ गये। मैंने कोमल की चूत देखी तो मैंने कहा कि कोमल ये क्या है तुमने चूत के बाल क्यों बढा रखे है इन्हे शेव क्यों नहीं करती हो।

तो वह बोली कि मैं झाण्ट शेव तो करती हू लेकिन काफ़ी दिनो में, बात ये है कि मुझे रेजर से शेव करते हुये डर लगता है और फिर काफ़ी समय जो लगता है ना। इसलिये काफ़ी दिनों के बाद मैं शेव करती हूं। चलो आगे से मैं तुम्हारी झांटे शेव कर दिया करूंगा तो कोमल इस बात के लिये सहमत हो गई।

मैंने जैसे ही उसकी चूत पर हाथ फ़िराया तो वो गीली गीली सी लगी और हल्का सा पानी उसकी झांटो पर भी लगा हुआ था॥ पहले तो मैंने अपनी अंगुली उसकी चूत में अन्दर डाल कर अन्दर बाहर करनी चालू की तो वो तेजी के साथ आआअह्ह ऊओह्हह ऊऊहह आययईई आअयईई स्सस्ससीईई करने लगी और बोली कि बस अब चूसना शूरु करो ना।

मैंने भी उसकी चूत के होंठ खोल कर अपना मुंह उसकी गुलाबी चूत से लगा दिया और तेजी के साथ चाटने लगा। जैसे ही मैं उसकी चूत चाटने लगा वो अपनी गाण्ड उठा उठा कर अपनी चूत को मेरे मुंह से सटाने लगी और कहने लगी कि ह्हह्हा अन्नन ह्हहाआ आन्नन्न ह्हाआआ स्सस्सश ह्हआ आबआअस शह्हह ऐसेय ही ह्हहाआ आअन्नन्न आईस्ससीई ययई ह्ह्हहीईई और अपनी कमर तेजी के साथ हिलाने लगी और गाण्ड को ऊपर उछालने लगी।
अभी उसकी चूत को चाटते हुये पांच मिनट ही हुये होंगे कि वो जोर जोर से चिल्लाने लगी कि ह्हआन्नन्न ब्बाहहूउत आस्सछहआ लल्लाआह्ह आग्गग रर्रहाआ हहाआऐईइ मम्मीईर्रर्रा न्नीइकलने व्वाआल्लाअ है ऊययईईए म्ममी ईरर्रराआ न्ननीकआल्ल रर्रराआआ अहाआआ ह्हाआआ आआऐईई ल्लूऊऊओ मम्माऐईईन्न ज्ज्झ हह्हा रर्रआह्हीई ह्हूऊन और यह कहते हुये उसकी चूत ने गर्म गर्म पानी छोड़ दिया और मैंने अपना मुंह एक दम हटा लिया।

इधर कोमल भी काफ़ी जोर शोर से मेरा लण्ड चूस रही थी। मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हू तो मैंने उसको बता दिया तो उसने भी फ़ौरन अपने मुंह से मेरा लण्ड बाहर निकाल दिया। फिर अपने हाथ से ही चार पांच झटके मारे कि मेरा भी वीर्य भी निकल गया और इतने जोरो से निकला कि काफ़ी वीर्य उसकी टांगो और चूत के आस पास गिरने से उसे गीला कर दिया।

फिर हम दोनो साथ साथ उठ कर बाथरूम में गये और मैं वहां पेशाब करने लगा तो कोमल ने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया और सुपाड़े पर से चमड़ी हटा कर बोली कि अब पेशाब करो।
वो हाथ में पकड़े रही तो मेरा कुछ पेशाब उसके शरीर पर भी पड़ा। इसके बाद वो मेरे सामने उकड़ू बैठ गई और पेशाब करने लगी, तो मैंने भी अपनी अंगुलियों से उसकी चूत के होंठ फ़ैला दिये और कहा कि वो अब पेशाब करे। उसने भी बहुत मोटी धार के साथ पेशाब करना शुरू कर दिया, उसकी धार भी काफ़ी दूर तक जा रही थी।

फिर हम दोनों ने एक दूसरे के शरीर को टॉवेल से साफ़ किया और बाहर आ गये। इस छेड़खानी की वजह से मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा और कोमल भी गर्माने लगी थी। हम फिर से एक दूसरे को चूमने चाटने लग गये और कोमल मेरा लण्ड सहलाने लग गई। बीच बीच में वो मेरा सुपाड़ा निकाल कर मुठ भी मार देती थी। फिर जल्दी ही एक बार और 69 की पोजीशन में आ गये और अब कोमल मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं कोमल की चूत को चाट रहा था।

थोड़ी देर बाद कोमल बोली कि विक्की अब आ जाओ, मुझ पर चढ जाओ और मुझे चोद दो। अब बर्दाश्त नहीं होता है।
ये सुन कर मैं उसकी दोनो टांगो के बीच में आ गया और उसकी गाण्ड के नीचे एक तकिया रख दिया जिससे कि उसकी चूत थोड़ी सी और ऊपर को उठ गई। अब मैंने अपने लण्ड पर थोड़ा सा थूक लगा कर छेद पर रख कर थोड़ी सी ताकत के साथ दबाया तो उसके मुंह से एक चीख निकल गई। आअयईई म्म्माआआरर ग्गयईए ववीइक्कयई म्मीएर्रर्रीईइ सह्हूऊओत प्पप्फहात ग्ग्गयई।

मैंने अपने होठो को कोमल के होंठो पर कस कर रख दिया ताकि वो फिर से ना चीख सके और बोला कोमल इस तरह से मत चीखो नहीं तो कोई उठ ज़ायेगा और हम पकड़े जायेंगे। वो बोली कि बहुत जोर से दर्द हो रहा है मैंने कहा कि पहली बार ऐसा ही होता है और बाद में बड़ा मज़ा आता है मैं यह कह कर उसकी चूचियाँ दबाने लगा और होंठ चूसने लगा।

इस तरह से उसको कुछ आराम सा मिला और बोली कि हां अब दर्द कुछ कम हो रहा है। मैं 4-5 मिनट यूं ही पड़ा रहा और उसकी चूचियाँचूसता रहा और दबाता रहा जिस से उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरु कर दिया था और चूत काफ़ी चिकनी हो गई थी। अब मैंने उसके होंठो को अपने होंठो में दबा कर एक बहुत ही जबरदस्त धक्का मारा और मेरा लण्ड लगभग 6-7 इन्च उसकी चूत में घुस गया और उसकी चीख घुट कर रह गई। मैं फिर रुक गया और उसकी चूची चूसने और दबाने लगा।

कोमल को अभी काफ़ी दर्द हो रहा था और वोह कह रही थी कि विक्की अपना लण्ड अब निकाल ले मेरी तो चूत फटी जा रही है। मैंने कहा कि बस थोड़ी देर बरदाश्त करो फिर तुम्हे मज़ा ही मज़ा मिलेगा और यह कह कर उसकी चूचियाँचूसने लगा और एक हाथ से मैं उसकी चूत का दाना भी मसलने लगा जिस से उसको कुछ मज़ा आया और वो बोली कि अब फिर से दर्द कुछ कम होने लगा है। यह सुन कर मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शूरु कर दिये। अब उसको मज़ा सा आने लगा था और अब कोमल ने अपनी गाण्ड को उछालना शुरु कर दिया था कि अचानक वो सारी की सारी तेजी के साथ हिलने लगी और झड़ गई।

अब कोमल की चूत काफ़ी चिकनी हो गई थी और लण्ड भी आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था। बस मैंने कस कर एक धक्का और मारा और सारा का सारा लण्ड कोमल की चूत में घुस गया और फिर से उसके मुंह से एक चीख निकल गई। इस बार मैं उसके होंठो को अपने होंठो से दबाना भूल गया था सो मैंने फ़ौरन हाथ उसके होंठ पर रख दिया और चीख घुट कर रह गई। मैं 5-7 मिनट यूं ही उसके उपर पड़ा रहा और कभी उसकी चूचियाँ चूसता तो कभी होंठ चूसता या फिर हाथों को उसकी जांघो पर फेरता जिस से कि कोमल को कुछ आराम मिल सके। थोड़ी देर में उसका दर्द गायब हो गया और वो नीचे से उपर को गाण्ड उछालने लगी तो मैं समझ गया कि अब उसको मज़ा आ रहा है इस लिये मैंने भी उसको आहिस्ता आहिस्ता धक्के मारने शुरु कर दिये।

जब मैं कुछ देर यू ही आहिस्ता आहिस्ता धक्के मारता रहा तो कोमल एकदम से उत्तेजित हो कर बोली कि अब उसे मज़ा आ रहा है और अब जोर जोर से धक्के लगाओ। यह सुन कर मैंने अपने धक्को कि रफ़्तार बढानी शुरु कर दी और कुछ ही समय में मैं कोमल को तेजी के साथ चोदने लगा।

अब कोमल पूरा मज़ा ले रही थी और मुंह से बड़बड़ा रही थी हाय बड़ा मजा आ रहा है विक्की जोर से चोदो। फ़ाड़ दो मेरी चूत को पेल दो अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में हहाय …स्ससीईइ सस्सीईई ऊऊफ़्फ ऊफ़्फ़फ़्फ़ हहाआऐईई मैईइ आस्ससम्म आन्न मेन्नन ऊऊद्दद्ददीई ज्जाआ र्ररह्हहि ह्हूओन म्म्माआररी और यह कहते हुये कोमल ने अपनी कमर और गाण्ड को तेजी से हिलानी शुरू कर दी और स्सस्सीईई स्सस्ससीईई करते हुये झड़ गई।

मैं अभी तक जोर शोर के साथ धक्के मार रहा था। कमरे में फचा फच की आवाज आ रही थी और मैं धमाधम धक्के मारे जा रहा था। थोड़ी देर बाद कोमल फिर से स्सस्सीईइ स्सस्सीईइ स्ससीईईइ करते हुये झड़ गई और मैं अभी तक डटा हुआ था और फ़ुल स्पीड से धक्के मार रहा था। मैं पूरा का पूरा पसीने पसीने हो गया लेकिन धक्के लगाता ही रहा। लग भग 20 -25 मिनट तक फ़ुल स्पीड से धक्के लगने के बाद मुझे लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हूं और मेरे मुंह से भी अनाप शनाप निकलने लगा कि हाय म्ममेर्ररि र्राअन्ननि म्ममीर्रराअ न्नीइकल्लने ययई व्वाआआलआ हैईई तो कोमल एक दम बोली कि अपना लण्ड बाहर निकाल लो इसे चूत के अन्दर नहीं झाड़ना है वरना गड़बड़ हो सकती है सो मैंने फ़ौरन ही लण्ड को चूत से बाहर निकाल लिया और कोमल से कहा कि हाथ से तेजी के साथ लण्ड को आगे पीछे करो तो उसने ऐसा ही करना शुरु कर दिया और मैं उसके होंठ बहुत ही ज़ोर जोर से चूसने लगा और एक हाथ से उसकी चूचियाँ दबाता रहा तो दूसरा हाथ उसके चूतड़ों और गाण्ड पर फेरने लगा। कभी-2 जोश के कारण मैं अपनी अंगुली उसकी गाण्ड में भी अन्दर करने लगा। कोमल तेजी के साथ झटके देने लगी और मैं ऊऊफ़्फ़ ऊऊफ़्फ़ ह्हाआऐई ह्हाआआऐई करता हुअ झड़ गया।

मैंने झड़ते-2 जोश में अपना मुंह उसकी चूचियों में जोर से दबा दिया और उसकी गाण्ड में अपनी पूरी अंगुली अन्दर कर दी तो वो चिल्ला पड़ी और बोली कि क्या मेरी चूचियों को ही काट खाओगे और यह कह कर मेरा सिर अपनी चूचियों में जोर से दबा लिया। हम कुछ देर यूं ही पड़े रहे और फिर उठे तो देखा कि कोमल की चूत से खून निकल आया था जो उसकी चूत और झाण्टों पर लगा था। खून को देख कर कोमल डर गई और बोली कि विक्की लगता है कि मेरी चूत फट गई है और अब क्या होगा।

तो मैंने समझाया कि डरने की कोई बात नहीं है सभी को पहली बार ऐसा ही होता है और यह कह कर मैंने एक रूमाल से उसकी चूत और झांटो से खून साफ़ कर दिया और उसके बाद हम दोनो उठ कर बाथरूम में गये जहां पर पहले तो कोमल ने मेरा लण्ड पकड़ कर मुझ को पेशाब कराया और फिर मैंने कोमल को अपने सामने उकड़ू बैठा कर अपनी अंगुलियों से उसकी चूत को चौड़ाया और पेशाब करने को कहा। जब वो पेशाब करने लगी तो पता नहीं मुझे क्या सूझा कि मैंने उसकी चूत के अन्दर अपनी अंगुली करनी शूरु कर दी और वो पेशाब करती रही। फिर हम लोगो ने अपने-2 कपड़े पहने और कोमल को उसके घर छोड़ आया।

कोमल को छोड़ने से पहले यह वायदा लिया कि अगली बार हम दोनो इकट्ठे ही बगल के बाल और झांटे साथ साथ बनायेंगे जिससे उसने कबूल कर लिया। दोस्तों, यह एक घटना है और वो रूमाल जिस से मैंने कोमल कि चूत का खून सफ़ किया था आज भी मैंने सम्भाल कर रखा हुआ है। तो यह था मेरा चुदाई का दूसरा तज़ुरबा। अब आप पढ़़ कर फ़ैसला करे कि ये आपको कैसी लगी। आप अपने कमेण्ट्स मुझे ई मैल अवश्य करे।

अखिर में मैं एक बात और कहूंगा कि मैंने बहुत सी लड़कियों की चूत चोदी है और उन्होंने भी बड़े मजे ले कर चुदवाई भी करवाई है परन्तु आज तक किसी लड़की ने अपनी गाण्ड नहीं मरवाई है। मेरी बहुत ही इच्छा है कि मैं किसी लड़की की गाण्ड मारूं पर कोई भी तैयार नहीं होती है और कहती है कि बहुत दर्द होता है। हमें गाण्ड नहीं मरवानी है। एक बार तो मैंने ही एक कॉल गर्ल बुलवाई और उससे कहा कि मैं उसकी गाण्ड मारना चाहता हूं और 5000 रुपये तय रात से अधिक दूंगा सिर्फ़ गाण्ड मारने के लिये। तो वो राजी नहीं हुई। पर जब मैंने उसे 5000 का लालच और दिया तो वो तैयार हो गई और गाण्ड मरवाने के लिये झुक गई।

जैसे ही मैंने गान्ड पर थूक लगाया और लण्ड को उसकी गाण्ड पर रख कर धक्का लगाया तो लण्ड उसकी गाण्ड में घुसते ही वो जोर जोर से चिल्लाने लगी कि हाय मैं मर गई। मेरी तो गाण्ड ही फ़ट गई। मुझे नहीं मरवानी अपनी गाण्ड मुझे नहीं चाहिये तुम्हारे 5000 रुपये अगर चूत चोदनी है तो चोद लो मगर मैं गाण्ड नहीं मरवाऊंगी।

लेकिन जब मैं अन्तर्वासना पर गाण्ड मराने की कहनियाँ पढ़़ता हूं तो देखता हू कि लड़कियाँ और औरते बड़ी खुशी से गाण्ड मरवाना पसन्द करती हैं और गाण्ड मरवा कर पूरा मज़ा लेती है। ऐसे ही आज तक किसी भी लड़की या औरत ने मेरा लण्ड तो जरूर चूसा है पर उसका वीर्य किसी ने भी नहीं पिया और तो और मुंह में भी नहीं झड़वाया और झड़ने से पहले ही लण्ड को अपने मुंह से बाहर कर दिया।, जब कि कहानियों में लड़कियाँ और औरते लण्ड चूसती हुई झड़ने पर बड़े स्वाद के साथ वीर्य को पी जाती हैं और उन्हे कतई घिन नहीं आती है।

प्रेषिका/प्रेषक ?: सिया सोनी/सुनील Hindi Porn Stories

मेरी पिछली कहानी “माला की चुदाई” पर बहुत से Hindi Porn Stories पत्र मिले। मेरे कई पाठकों ने अपने दिमाग का इस्तेमाल किया और मुझसे जानकारी मांगी कि मैं नर हूं या नारी?

तो दोस्तो- हकीकत यह है कि मैं नर हूं, मेरा नाम सुनील है और राजस्थान के अजमेर ज़िले का रहने वाला हूं। आज मैं आपको नई कहानी बत रहा हूं जो करीब चार माह पुरानी है।

मैं शार्टकट के चक्कर से पुलिया पार करता हुआ बाईक से कालोनी में जाने वाला था मगर उससे पहले ही मुझे एक शानदार २६-२७ साल की नई शादीशुदा युवती नज़र आई जो अपने आप में बहुत ही खूबसूरत थी। उसके बूब्स तो माशा अल्लाह बहुत ही नज़ाकत लिए हुए थे। उसने मुझे आवाज़ लगाते हुए कहा कि क्या आप मुझे आगे कालोनी तक लिफ़्ट देंगे? मुझे तो मानो बिन मांगे मुराद मिल गई। मैंने बड़े सलीके से जवाब दिया- जी बैठिए ! मैं आपको आपके घर तक छोड़ दूंगा। वो मेरी बाईक पर बैठ गई।

अब मैं बाईक चलाता और हल्के से भी ब्रेक लगने से वो मुझसे जैसे ही स्पर्श करती, कसम से बहुत गहरा झटका लगता, क्योंकि हए झटके के साथ उसके बड़े बड़े बूब मेरी कमर से टकरा जाते और मेरी हालत खराब हो जाती। खैर जैसे तैसे मैं उसके घर पहुंच कर उसे घर के बाहर छोड़ कर जाने लगा तो उसने मुझे बड़े प्यार से अन्दर बुलाया तो मैं इंकार ना कर सका, चूंकि दोपहर का समय था और गर्मी का मौसम भी, शरीर से पसीना चू रहा था।

मैं अन्दर गया तो वहां मात्र एक उसकी नौकरानी थी, मुझे पानी पिलाने के बाद उसे भी घर भेज दिया। अब घर में हम दोनों ही थे। बातों बातों में मैं उससे पूरी तरह खुल गया था क्योंकि मुझे आए करीब एक घण्टा हो गया था। उसने बताया कि उसका नाम स्वीटी है और उसके पति की मार्बल की तीन चार फ़ैक्ट्रियाँ हैं जिसमें वह इतने व्यस्त रहते हैं कि सवेरे सात बजे के निकले रात दस ग्यारह बजे आते हैं और आते ही सो जाते हैं।

देर हो जाने के कारण उसने मुझे अपना सैल नम्बर देकर फ़िर आने को कहा और जैसे ही मैं जाने लगा, वह मेरे पीछे गेट पर आई और मुझे पीछे से पकर कर किस किया और मैं कुछ समझता इससे पहले ही उसका एक हाथ मेरी पैन्ट पर रेंग गया। मगर वह ज्यादा कुछ करती और मैं ज्यादा कुछ समझता, उससे पहले कालबेल चिंघाड़ उठी, और मेरा मूड बनता उससे पहले ही बिगड़ गया। खैर स्वीटी ने मुझे फ़िर आने को कहा और मैं चला आया।

दो तीन दिन बाद सुबह अचानक स्वीटी का फ़ोन आया और मुझे घर बुलाया। मैं गया तो उसी नौकरानी ने दरवाज़ा खोला और मुझे सोफ़े पर बैठा कर पानी पिलाया और चली गई। मैं स्वीटी का इन्तज़ार करने लगा। थोड़ी देर में स्वीटी आई, मुझे अन्दर अपने बेडरूम में ले गई। दरवाज़ा बंद करने के बाद स्वीटी ने मुझे कस के पकड़ लिया और ऊपर से नीचे तक चूमती रही। मुझे लगा कि आज मेरा देह शोषण होना है। मगर नहीं, उसने मुझे १५-२० मिनट चूमने के बाद अपने बेड पर बिठाया और फ़्रिज़ से बीयर निकाल कर लाई, दो ग्लास बनाए, एक उसने मुझे दिया और मेरे पास बैठ कर दूसरा खुद पीने लगी।

धीरे धीरे मैंने अपना हाथ बढ़ाया और उसके बूब्स को सहलाने लगा। उसका मुंह अपनी ओर करके मैंने एक लम्बा किस लिया और एक हाथ से उसका ब्लाऊज़ उतारा। ब्लाऊज़ के अन्दर उसने काली ब्रा पहन रखी थी जो मेरी एक खास पसन्द है। काली ब्रा में कैद दोनों कबूतर कब आज़ाद हो गए पता ही नहीं चला। इधर स्वीटी ने मेरी पैन्ट की ज़िप खोल कर मेरा लण्ड पने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी। फ़िए बड़े प्यार से मेरे लण्ड को चूमने, चूसने लगी। उसके चूसने से मेरा लण्ड एक दम सख्त हो गया और उसके बाल पकड़ कर उसके मुंह में ही चुदाई करने लगा। थोड़ी देर में ही मेरे लण्ड ने उसके मुंह में रुक रुक कर फ़व्वारा छोड़ दिया जिसे स्वीटी ने बड़े प्यार से गटक लिया और अपनी जीभ से दीवानों की तरह मेरे पूरे लण्ड को चाटने लगी।

इधर मैंने उसके चूतड़ों में अपनी उंगलियों से चुदाई कर कर के उसको भी झाड़ दिया। अब मैंने उसको बेड पर पीठ के बल लिटाया और उसकी टांगों को चौड़ी करके रसीली चूत को चाटने लगा। हकीकत में, दोस्तो, जितना आनन्द चूत चटाई में आता है उतना आनन्द तो ओर कहीं नहीं मिल सकता। चूत चटाई के दौर में स्वीटी दो बार झड़ चुकी थी। उसने मेरे बाल कस के पकड़ लिए और उसके मुंह से लगातार आवाज़ें आ रही थी… आह्… संजू… चाटो आज जी भर कर चाटो ! मैं भी स्वर्ग का आनन्द प्राप्त कर रहा था। उसकी चूत गोरी-चिट्टी व चिकनी थी और साथ ही मामूली बालों का भी पहरा था जिससे चूत चटाई का आनन्द दुगना हो गया।

अब मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत के दरवाज़े पर रखा, सुपाड़ा अपने आप फ़िसल कर आधा अन्दर चला गया क्योंकि मेरी चूत चटाई से उसकी बुर एकदम गीली और चिकनी हो गई थी। स्वीटी डार्लिंग इतनी गर्म हो चुकी थी कि उसके मुंह से अनाप शनाप आवाज़ें आ रही थी कि संजू डार्लिंग ! मैंने तुम्हें चुन कर गलत नहीं किया, वाकय में तुम्हारा लण्ड माशाअल्लाह है।

मैंने अपने लण्ड को एक धक्का दिया तो वह चिल्ला उठी- आह ! मार डालोगे क्या ! मेरी चूत का सत्यानाश कर दोगे, मुझे नहीं चुदवाना, मुझे छोड़ो, मगर अब संजू यानि आपका चोदू दोस्त कहां रुकने वाला था। मैं उसके दोनों उरोज़ों को सहलाने लगा और अपने होठों से उसके रसीले होठों को चूसने लगा जिससे वो थोड़ी शांत हुई।

मैं लण्ड को स्वीटी की चूत में धीरे धीरे पेल रहा था। अब वो भी जोश में आ गयी थी और नीचे से अपने चूतड़ हिला हिला कर मेरा साथ दे रही थी। स्वीटी बके जा रही थी- चोदू ! आज मुझे पूरी कर दो संजू, आज फ़ाड़ दो मेरी चूत को…वगैरह वगैरह्। जिस पर मेरा हौंसला और बुलन्द हुए जा रहा था और मैं अपनी चोदने की गति को बढ़ाए जा रहा था।

अब स्वीटी चिल्लाने लगी- संजू ! मैं गई ! मैं गई संजू !

और वह झड़ गई। मैं दस पन्द्रह धक्कों के बाद आह्…आह की आवाज़ करता उसकी चूत में ही झड़ गया।

हमने पहला दौर ही करीब २०-२५ मिनट में पूरा किया। फ़िर दूसरे, तीसरे, चौथे दौर में देर नहीं लगाई क्योंकि स्वीटी थी ही इतनी शानदार चीज़ ! हमारा चुदाई का दौर शाम तक चलता रहा।

स्वीटी को कभी कुतिया बना कर चोदा तो कभी सोफ़े पर तो कभी अपनी खुद की चुदाइ कराता। मैंने जाते जाते स्वीटी की गाण्ड मारने के लिए उसकी गाण्ड में उंगली की तो वह समझ गयी। उसने कहा- अभी नहीं ! अगली बार।

सच ! स्वीटी को चोदने का मज़ा किसी भी नायाब हीरे मिलने की खुशी से कम नहीं था क्योंकि जब मैं जाने लगा तो उसने मुझे ५००० रूपए दिए और मुझे लेने पड़े।

तो कैसी लगी मेरी स्वीटी संग चुदाई की कहानी Hindi Porn Stories

हाय दोस्तो! Hindi Sex Stories

सबसे पहले तो मैं अन्तर्वासना Hindi Sex Stories का धन्यवाद करना चाहता हूँ मेरी नियमित रूप से कहानी छापने के लिये!

मैं कहानियाँ लिखता भी रहा हूँ और पढ़ता भी रहा हूँ पर नेहा वर्मा की कहानी मुझे बहुत अच्छी लगती है।

मैंने अपको अपनी पिछली कहानी
लव स्टोरी 2008
में बताया कि किस तरह से उस लड़की ने मुझे मिलने के लिये तड़पाया और मुझे बाद में छोड़ के भी चली गई उसे भुला तो मैं नहीं पाया था लेकिन जिन्दगी जीना सिखा ही देती है।

उसके बाद मैं कई दिनों तक चूत की तलाश में बेचैन रहा और किसी को पाना चाहता था।

ऐसे में मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया कि आजकल तो लड़कियाँ पैसे देकर करवाती हैं और तू ऐसे तड़प रहा है!
तो मैं उसके सुझाव को सही मान कर उसकी बातों में आ गया और लौट गया मस्ती की दुनिया में फिर से!

उसने मुझे एक शादीशुदा अमीरजादी का नम्बर दिया जो पैसे देकर करवाती थी।
मैंने भी हिम्मत कर के उससे फोन पे बात की।
उसने मुझे अपने घर पर मौज-मस्ती के लिये बुला लिया।

वो दिल्ली के एकदम पॉश इलाके में रहती थी, शानदार गाड़ी उसके घर के बाहर देख कर मैंने सोचा कि बहुत ही मालदार और सेक्सी होगी।

खैर मालदार तो थी लेकिन सेक्सी के नाम पर धब्बा! देखने में एकदम लटकी हुई काया उसकी!

मेरा तो मुंह जैसे एकदम से उतर ही गया कि चूत की तलाश में मैं कहाँ फंस गया.
मैंने मन ही मन अपने दोस्त को बहुत ही गालियाँ दी- साले ने कहाँ फँसा दिया!

उसने मुझे बहुत ही प्यार से अन्दर बुलाया।
उसका घर बहुत शानदार था, देख के मैंने उसके घर की तारीफ की।

इस पर उसने मुझे अजीब से तरीके से देखा जैसे वो कुछ और चाहती थी और मैने बोल दिया कुछ और!

तब मुझे एकाएक याद आई कि किसी भी औरत के सामने उसके अलावा और किसी भी चीज की तारीफ नहीं करनी चाहिए।
मुझे उस लड़की के प्यार ने जैसे पागल ही बना दिया था (लव स्टोरी २००८ वाली) कि मैं उसकी तारीफ ही करना भूल गया।

तो मैंने बात को सम्भालते हुए कहा- लेकिन आपकी साड़ी से कम!
तो इस पर वो हँस पड़ी।
पता नहीं- पहली बार मुझे सेक्स करने का मन नहीं कर रहा था मगर सेक्स मेरी जरुरत भी बन गया था।

लेकिन उसके बेडौल शरीर के बावजूद गजब की अदाएँ थी उसकी।
वो बहुत बल खा के चल रही थी और बहुत ही हंसमुख भी थी, बात बात पर हंसती थी और मेरी तो चुटकुले छोड़ने की तो आदत है ही बात बात पर चुटकुले!

उसने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी थी जो मुझे बेचैन कर रही थी। मैं ये सब सोच ही रहा था कि वो मेरे लिए शेक बना लाई।

मैंने जान कर खुश होकर शेक उसके हाथ से पीने की इच्छा जाहिर की।
वो झट से मान गई, जैसे वो तो यही चाहती हो और अब तक उसके हाथों में थोड़ी सी हलचल भी होने लगी थी।

मेरा जबरदस्त शरीर देख कर वो बहुत ही लालयित हो गई थी और शायद थी बहुत बेचैन कुछ पाने के लिये!

मैंने झट से शेक खत्म किया और उसके गुंदाज बदन को ध्यान से देखा तो लगा कि शायद यह मेरा एक अनमोल अनुभव रहने वाला है।

उसे देख कर मैं एक दम से जंगली हो गया।
मैं उसे नीचे बैठा कर उसके बाल पकड़ कर एकाएक उसके उभारों को दबाने लगा।
उसकी आँखों में गजब की प्यास थी, एकदम भूखी शेरनी की तरह!

अब मुझे कुछ महसूस हो रहा था कि जैसे अब मैं तैयार हो गया हूँ कुछ करने के लिये! मेरे अंदर एक वहशीयत सी आ गई है, मैं उसे रौंदना चाहता हूँ अपने पूरे जोर से, ताकत से, मस्ती से!

यह एक नये एहसास जैसा था कि मैं एक अपने से बड़ी उमर की औरत के साथ अपनी हवस पूरी करने जा रहा हूँ।

पर मैं यह सब सोच ही रहा था कि मेरी पैंट की जिप खुल चुकी थी।
मैंने यह सब करने से पहले उसे उठा कर अपनी ओर खींचा और उसके होठों को चूमना शुरु कर दिया और उसका बालों को खोल दिया।
मुझे उसके साथ खेलने में मजा आ रहा था।
उसके स्तन क्या बताऊँ, एकदम कप साइज के थे।

मुझे यह सब महसूस करके अच्छा लग रहा था।

वो अब तक मेरे लण्ड पर कब्जा बना चुकी थी उसकी साड़ी देख कर मेरे अन्दर का दुःशासन जाग गया और मैंने एकाएक उसकी साड़ी खींचनी शुरु कर दी।

हा हा हा वो एक दम सविता भाभी डॉट काम की हीरोइन लग रही थी सिर्फ़ चड्डी में!

मुझे यह देख कर एक मस्ती सूझी, मैंने उसकी लिपस्टिक पौंछ दी और अपने लण्ड पे लिपस्टिक लगा कर उसे चूसने के लिये कहा।
मैंने देखा कि वो भी इन सब चीजों का मजा ले रही है और बहुत हंस भी रही है।

तुम अज़ीब दीवाने तो हो ही, मूडी भी हो! अभी थोड़ी देर पहले तक मूड खराब सा लग रहा था और अब मस्ती सूझ रही है?

मैंने चुपके से उसकी पैंटी खींच दी … हहह हहह हहहह! मस्त चिकनी चूत थी उसकी एकदम! मक्खन जैसी नाजुक!
उसे मैंने हल्के से चिकोटी काटी, वो झट से मेरी गोद में आकर बैठ गई।

अब मुझे भी मस्ती छाने लगी थी। मैंने पास में रखा हुआ बनाना-शेक उसके ऊपर थोड़ा उलटा दिया और उसे बेतहाशा चूमने चाटने लगा। उसे मेरा ये स्टाइल अच्छा लगा और उसने भी अपनी आह उह से मेरा स्वागत किया। मुझे इस बात पर जोश छाया और मैंने उसे औंधा लेटा दिया और उसके ऊपर सारा बनाना-शेक पलट दिया उसे ठंडक का एहसास होने लगा और वो मेरी बाहों में आकर लिपट गई। मैं अब उसके सांसों की गरमी महसूस कर सकता था।

मैंने अब उसे धक्का देकर बेड पर लेटा दिया वो अब मेरे इरादे समझ चुकी थी तो उसने भी देर ना करते हुए अपनी टांगें फैला दी.
मैं सीधा आकर उसकी टांगों के बीच बैठ गया और कुछ करने से पहले उसकी गांड में उंगली घुसा दी।
वो सिहर उठी।

अब मैंने देर ना करते हुए जल्दी से काँडम चढ़ा लिया और उसके यौन-मंडल पर अपना लिंग रख दिया और धीरे से अंदर सरका दिया।

उसके मुख-मंडल पर नशे की लहर दौड़ उठी।
मैं थोड़ी देर वैसे ही रहा और उसके मुँह में उँगली घुसा दी वो मेरी उँगली को चूसने लगी।

मुझे और उसे दोनों को मजा आने लगा।

मैंने उँगली उसके मुंह से निकाल कर फिर से उसकी गाँड में डाल दी और धीरे धीरे उसकी चूत को चोदने लगा।
वो अब एकदम मदहोश हो गई।

मैंने एक हाथ उसकी गरदन के नीचे लगा दिया और जोर से धक्के लगाने लगा। वो जल्दी ही झड़ गई। थोड़ी देर में मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी और झड़ गया।

अब मैं उसके साइड में आकर लेट गया, वो काफी खुश लग रही थी।
मुझे नहीं पता था कि एक औरत मुझे इतना मजा दे सकती है।
उसकी कोमलता एक लड़की से ज्यादा थी और गरमी एक आग की भट्टी से ज्यादा!

मैंने उसके अंदर अपने प्यार को तलाशना चाहा और आशिकों की तरह ही उसे प्यार किया लेकिन बावजूद इसके, उसने मुझे पैसो में तोलना चाहा। पर क्या प्यार का कोई मोल हो सकता है?

मैंने उससे पूछा- क्या तुम्हें मजा आया?

उसने हामी भर दी तो मैंने कहा- सपनों में आकर तो सब चोद जाते है, हम तो वो है जो खुली आँखों में चुदने के सपने छोड़ जाते हैं। अगर खुशी हुई है तुझे तो पैसो में ना तोल मेरी मुहब्बत को! हम वो नहीं जो नोटों के लिये पैमाने छोड़ जाते हैं।

बस यह कह कर मैं वहाँ से चला आया फिर से नई चाह में, नये साथी की तलाश में!

अब मैंने भी ठान लिया है कि तेरे हसीन चेहरे को दूसरों में खोजता रहूंगा और अगर ना मिली तू तो तेरी चाह में दूसरी को चोदता रहूँगा।
तू इस जहाँ में नहीं तो उस जहाँ में मुझे मिलेगी और ना मिली तो तेरी बातें सोचता रहूँगा। Hindi Sex Stories

(Delhi Ki Aunty Ki Chudai Ki Kahani)
-चुदाई की कहानी

हैलो फ्रेंड्स, आज मैं आपको जो चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरी एक पाठिका और मेरी चुदाई की कहानी है. पहले मैं आपको मेरा परिचय दे देता हूँ. मैं दिल्ली से हूँ मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है.

मेरी सेक्स स्टोरी पढ़ कर एक दिन मेरे पास एक ईमेल आया, जिसमें लिखा था मुझे आपकी कहानी बहुत अच्छी लगी. मैं आपसे सम्पर्क करना चाहती हूँ.

उसने मुझे अपना कांटेक्ट नम्बर दे दिया. मैंने उस कांटेक्ट नम्बर पे कांटेक्ट किया तो कुछ इस तरह से बात हुई.

विशाल- हैलो
पाठिका- हाय आप कौन बोल रहे हैं?
विशाल- मैं विशाल बोल रहा हूँ क्या आपने मुझे ईमेल किया था?
पाठिका- ओह यस आप विशाल बोल रहे हैं, मुझे आपकी स्टोरी बहुत अच्छी लगी. मैं आपसे मिलना चाहती हूँ. मैं 38 साल की हूँ और मेरा नाम वनिता है.
विशाल- अच्छा तो मुझे आपका एड्रेस और टाइम दे दो.

बाद में उसने मुझे अपना एड्रेस दिया वो भी दिल्ली से ही थी. उसने मुझे डेट और टाइम दे दिया.

मैं उसके बताई हुई डेट, टाइम और एड्रेस पर पहुँच गया. मैंने डोरबेल बजाई तो दरवाजा खुला और सामने 38 साल की खूबसूरत आंटी खड़ी थी. उसे मालूम था कि मैं आने वाला था इसलिए उसने नई साड़ी पहनी थी और मेकअप भी किया था. उसके बदन से खुशबू आ रही थी शायद उसने परफ्यूम लगाया था. उसके मम्मे बहुत बड़े और तने हुए थे. उसके होंठ बहुत गुलाबी थे. उसके मस्त रूप को मैं थोड़ी देर तक यूं ही एकटक देखता रह गया.

फिर उसने मुझे अन्दर आने को कहा तो मैं उसके घर के अन्दर चला गया. अन्दर कोई नहीं था. वनिता ने मुझे पानी दिया, मैंने गिलास लेते वक्त उसकी उंगली को छू लिया. वो मुस्कुराई फ़िर मेरे पास सोफ़े पर बैठ गई. मेरा लंड तो पहले से ही टाईट हो गया था.

वनिता ने मुझसे कहा- मैं तो समझ रही थी कि आप बड़ी उम्र के होंगे लेकिन आप तो बहुत हैंडसम हैं.
मैंने पूछा- आपके घर में कौन कौन रहता है?
वनिता ने कहा- मैं और मेरे पति, लेकिन अभी वो बाहर गए हुए हैं. तुम तब तक मेरे साथ जो चाहे कर सकते हो.

मैं उसके थोड़ा करीब हो गया और उसके हाथों को पकड़ लिया.. वो चुपचाप थी.

धीरे धीरे मैंने उसके हाथों को मसलना शुरू किया. फिर धीरे धीरे मैं ऊपर को बढ़ रहा था, मेरा हाथ उसके पेट पर फिरने लगा और ब्लाउज के ऊपर से उसके मम्मों पर हाथ फ़िराया. उसने नशे से आँखें भर कर मेरी तरफ देखा तो मैं उसके मम्मों को दबाने लगा. उसकी साँसें जोर से चल रही थीं और आँखें मस्ती से बंद हो गई थीं.

मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोलना शुरू किए और ब्लाउज को निकाल दिया. अब मैं उसकी ब्रा के ऊपर से उसके तने हुए मम्मों को मसल रहा था.

फिर उसकी साड़ी निकाल दी और उसका पेटीकोट ऊपर उठाकर उसकी जांघ पर हाथ फिराया. इसके बाद उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चुत पर हाथ फ़िराने लगा. अब उसके मुँह से आवाज आने लगी थी.

‘अह्हह्हह उहहह्हह..’

मैंने उसका पेटीकोट निकाल दिया, अब वो सिर्फ पेंटी और ब्रा में ही थी.

कुछ पल बाद उसने मेरी शर्ट निकाल दी और मेरी चौड़ी छाती पर हाथ फ़िराने लगी.

उसने कहा- तुम्हारी बॉडी तो बहुत स्ट्रोंग है.

मैंने उसके होंठों को चूम लिया. फ़िर उसने मेरी पेंट भी उतार दी. मेरा लंड तो निक्कर फाड़ कर बाहर आने की कोशिश कर रहा था. निक्कर टेंट की तरह फूल गया था. उसने मेरा लंड निक्कर में से निकाला तो उसकी आँखें फ़ट गई. पूरा 8” इंच का खड़ा लंड था, शायद इतना बड़ा लंड उसने पहली बार देखा था. अब वो मेरे लंड को चूसने लगी.

इसी समय मैंने भी उसकी ब्रा निकाल दी और उसके बड़े बड़े मम्मों को चूसने लगा. उसके निप्पल बहुत कड़क थे.

कुछ ही देर में मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने उसकी पेंटी उतार दी. उसकी चुत एकदम चिकनी थी. मुझे बड़ी मस्त चुत लग रही थी.

मैंने अपना 8” इंच का लंड उसकी चुत की फांकों में लगा दिया. मैं लंड डालने की पोजीशन में आ गया था.

वो बोली- धीरे पेलना.. मेरी चुत फ़ट जाएगी. मैंने लंड को उसकी चुत में धीरे धीरे पेलना शुरू कर दिया. कुछ ही पलों में मैं पूरे जोश में आ गया था. मैं उसे जोर जोर से धक्के देने लगा.

वो भी कुछ देर की पीड़ा के बाद मेरा साथ देने लगी.

करीब आधे घंटे की चुदाई में वो दो बार झड़ चुकी थी. अब मेरी स्पीड बहुत तेज हो गई थी, थोड़ी देर बाद मेरे लंड से भी सफ़ेद दही निकल गया.

थोड़ी देर बाद जब हम दोनों शांत हो गए तो मैंने उससे कहा- हम जब तक साथ हैं. हम कपड़े नहीं पहनेंगे, पूरे नंगे ही रहेंगे.
वो बोली- जो तुम कहो मैं वैसा ही करूँगी. एक दिन के लिए मैं तुम्हारी बीवी हूँ.. तुम जो चाहे करो.

हम शाम तक एक दूसरे की बांहों में नंगे पड़े रहे और एक दूसरे के बदन से खेलते रहे.

करीब 8 बजे वो खड़ी हुई और खाना बनाने चली गई. इस वक्त मुझे उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी. उसकी गांड चलते वक्त ऊपर नीचे हो रही थी. वो बिल्कुल नंगी खाना बना रही थी.

इधर मैं नंगा पड़ा टीवी देख रहा था. मैं बार बार उसकी तरफ़ भी हसरत भरी निगाहों से देख रहा था. उसके गोरे कूल्हे बहुत खूबसूरत लग रहे थे. जैसे ही वो कुछ लेने आगे बढ़ती उसके कूल्हे और चूचे ऊपर नीचे डोलने लगते थे.

मेरा लंड फ़िर से एकदम टाईट हो गया. मैं खड़ा हुआ और उसके पीछे जाकर उसकी गांड में अपना लंड रगड़ने लगा. साथ ही उसे अपनी बांहों में भर लिया.

वो मुस्कुराने लगी. वो रोटी बना रही थी और मैं उसके मम्मों को पीछे से मसल रहा था.

क्या सॉफ्ट चूचे थे.

फ़िर मैंने उसके मम्मों पर तेल लगाया और उसकी चूचियों की मसाज करने लगा. उसके चूचे चमकने लगे थे.

फ़िर मैंने उसकी गांड पर तेल लगाया. कुछ देर तक मैं उसकी गांड के छेद में तेल लगाता रहा और उसे मसलता जा रहा था. फ़िर उसकी पीठ पर, उसकी जाँघों पर.. व उसके पूरे बदन पर तेल लगा दिया.

अब वो भी पूरी कामुक हो उठी थी. उसने गैस को बंद किया और पलटकर मुझे बांहों में लेकर मेरे होंठों को चूसने लगी. उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी. शायद हम दोनों 10 मिनट तक दूसरे के होंठों को चूसते रहे. फ़िर उसने मेरे लंड पर तेल लगाना शुरू किया. वो मेरे पूरे बदन पर तेल लगाने लगी और मसाज करने लगी. हम दोनों का बदन पूरा चिकना हो गया था.

अब मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और उसको उठाकर बाथरूम में ले गया. मेरा लंड तो पहले से ही पूरा तना हुआ था.

वनिता लंड हिलाते हुए बोली- इसको अभी तो खाना खिलाया था, फ़िर से भूखा हो गया.
मैंने कहा- इसकी भूख तो एक दिन के बाद ही मिटेगी.

वो मेरी गोदी में बैठ गई. मैं उसके मम्मों पर पीछे से साबुन लगा रहा था और मेरा लंड उसकी गांड के छेद को छू रहा था

कुछ देर बाद वो खड़ी हो गई और उसने मेरे लंड को हाथ में ले लिया. मेरे लंड का का सुपारा बाहर निकाल कर उस पर साबुन लगाने लगी और उसको आगे पीछे करने लगी.

मैं उसके गोरे गोरे मम्मों पर साबुन लगा रहा था और उन्हें मसल रहा था.

फिर मैं उसके एक निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. उसके मुँह से आवाज निकालने लगी- उह्हह्ह.. अह्हह्ह.. चूसो मेरे राजा पूरा चूस लो.

मैं उसके निप्पल पर अपनी जीभ रगड़ रहा था. अब उसने मेरे पूरे बदन पर साबुन लगाया. मैंने भी उसके पूरे बदन पर साबुन लगाया और फोम के गुच्छे से रगड़ा ताकि झाग ज्यादा हो जाए.

इसके बाद मैंने उसको बाथरूम में लेटा दिया. बाथरूम काफी बड़ा था.

मैंने अपना लंड उसके मम्मों पे रगड़ने लगा. वो मादक आवाज निकाल रही थी- उईईईमा.. अब मुझसे नहीं रहा जाता.. डाल दे पूरा लंड मेरी चुत में..

मैंने अपना खड़ा लंड उसकी चुत पर रख दिया. लंड में साबुन लगा हुआ था इसलिए फ़टाक से चुत के अन्दर चला गया.

साबुन लगाकर चुत चुदाई करने का मजा ही कुछ और होता है.

मैं उसको धकापेल धक्के दे रहा था और वनिता आँखें बंद करके लंड का पूरा मजा ले रही थी.

करीब एक घंटे तक चुदाई चलती रही.

फ़िर वो झड़ गई और बोली- बहुत मज़ा आया..

उसने मेरे गाल पर चुम्मी ले ली.

रात का डिनर भी हम दोनों ने नंगे ही किया. वो मेरी गोद में नंगी बैठी थी और मैं भी नंगा ही डाइनिंग टेबल पर बैठा था. हम दोनों एक दूसरे को खिला रहे थे.

मेरा लंड इस वक्त ढीला था.. लंड ने दो बार जो मजा ले लिया था.

खाना खाने के बाद उसने बरतन भी नंगे हो कर ही धोये. मैं ये सब देख रहा था. अब मेरा लंड धीरे धीरे फ़िर टाईट हो रहा था. वो बरतन धोकर मेरे पास बेड पर आई और लेट कर टीवी देखने लगी.

अचानक वो खड़ी हुई और अल्मारी में से सीडी निकाली और सीडी प्लेयर में लगा दी. वो नंगी पिक्चर की सीडी थी.

अब हम वैसा ही करने लगे जैसे उस ब्लू फिल्म में आ रहा था.

मैंने वनिता की चुत में उंगली डाली और अन्दर बाहर करने लगा. इसके साथ साथ मैं उसकी चुत को चाट भी रहा था. वनिता को बहुत मजा आ रहा था.

फिर उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और टीवी में जैसा आ रहा था, वैसे ही उसने अपना थूक मेरे लंड पे लगाया और अन्दर बाहर करने लगी.

फ़िर मैं सीधा हो गया और वो मेरे ऊपर घुटनों के बल चढ़ गई और मेरा लंड अपनी चुत में डाल लिया. वो ऊपर नीचे होने लगी.. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैं उसके थिरकते हुए मम्मों को दबा रहा था.

करीब 15 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा फ़िर वो कुतिया की तरह हो गई और मैं पीछे से उसकी चुदाई करने लगा. पहले मैंने उसकी चुत में लंड पेला और बाद में उसकी गांड में डाल दिया.

वो चिल्ला पड़ी- उईईमा मेरी गांड फट गई अह्हह्हह.. उह्हह्ह..

जैसे पिक्चर में आवाज़ आ रही थी, वो भी वैसे ही आवाज निकाल रही थी.

अब मैं जोर जोर से उसकी गांड की चुदाई करने लगा. वो भी मज़े में आ गई थी. करीब एक घंटे बाद चरम आ गया और मैं झड़ गया.

फ़िर हम दोनों नंगे ही एक दूसरे को बांहों में लेकर सो गए.

दूसरे दिन हम करीब 10 बजे उठे, दोनों ने एक साथ स्नान किया और वो नंगी ही नाश्ता लाने चली गई.

उसने कहा- आज करीब 3 बजे मेरा पति आ जाएगा, तुम 12 बजे चले जाना.
मैंने कहा- ठीक है..

नाश्ता में ब्रेड और बटर था. अब वो मेरी गोद में आकर बैठ गई. मैंने चाकू में मक्खन लिया और उसके मम्मों पर लगाने लगा, उसके निप्पल पर लगाया. अब वो घूम गई और मेरी गोद में मेरे सामने मुँह करके बैठ गई. मैंने उसके निप्पल से और मम्मों से मक्खन चूसना शुरू किया. वो पूरी मदहोश हो रही थी.

फ़िर उसने भी मेरी छाती पर मक्खन लगाया, मेरे निप्पल पे मक्खन लगाया और निप्पल चूसने लगी.

इसके बाद उसने मेरे लंड पे मक्खन लगाकर पूरा लंड अपने मुँह में डाल दिया और चूसने लगी.

मैं उसकी चुत को चाटने लगा. अब उसकी चुत पूरी मुलायम हो गई थी. उसने बैठे बैठे ही मेरा लंड अपनी चुत में डाल दिया. मक्खन लगा होने से उसकी चुत चिकनी हो गई थी. मेरा लंड झट से अन्दर घुस गया. वो धक्के देने लगी.. मैं उसके होंठों को चूसने लगा. फिर उसने मेरे लंड को बाहर निकाला और लंड का सुपारा मुँह में डाल लिया.

मैंने प्लेट से केला लिया और उसकी चुत पर रगड़ने लगा. फ़िर केले को उसके मुँह पर रखा तो वो केले को लंड जैसे चूसने लगी.. उसको मजा आ रहा था तो वो ऊपर से नीचे की तरफ़ पूरे केले को चूसने लगी.

केला काफी बड़ा था करीब 9 इंच का होगा. मैंने केले को कंडोम पहनाया और उसकी चुत में डाल दिया.

उसके मुँह से आवाज निकल गई- उईईईईईएमा…

उसकी आँखें फटने को हो गईं.

मैं केले को चुत में अन्दर बाहर करने लगा. उसने कहा- इसमें मजा नहीं आ रहा है.. मुझे तो तुम्हारा केला पसंद है.

मैंने अपना पूरा लंड उसकी चुत में डाल दिया और अन्दर बाहर करने लगा. करीब एक घंटे बाद वो झड़ गई.

फ़िर मैंने लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया.. वो मेरे लंड को चूसने लगी. मैंने पूरा लंड मुँह में डाल दिया और अन्दर बाहर करने लगा.

थोड़ी देर बाद मेरे सफ़ेद दही निकल गया वो सारा दही पी गई.

कुछ देर बाद हम दोनों ने कपड़े पहन लिए. उसने मुझसे कहा- तुमने मुझे जन्नत के मजे करा दिए.. मुझे ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया. अब हम कभी एक दूसरे को कांटेक्ट करने की भी कोशिश नहीं करेंगे. हम दोनों एक दूसरे को भूल जाएंगे.
मैंने कहा- ठीक है, मैं तुम्हें कभी कांटेक्ट नहीं करूँगा.

वो जोर से मेरे गले लग गई और हम दोनों ने लिप किस किया. एक दूसरे के होंठों को मुँह में भर लिया और जीभ को चाटने लगे.

फ़िर मैं वहाँ से चला आया. इसके बाद मैंने कभी उससे कांटेक्ट करने की कोशिश नहीं की. मैंने उसका मोबाइल नम्बर भी मेरे मोबाइल से डिलीट कर दिया.

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