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Massage Girl in Budgam: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Budgam who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Budgam that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Budgam massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Budgam who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Budgam massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Budgam massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Budgam who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Budgam employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Budgam helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Budgam

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Budgam at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Indian Sex Stories

मेरा नाम कुसुम है, मैं पंजाब की Indian Sex Stories रहने वाली हूँ। मैं एक बहुत धनी परिवार से ताल्लुक रखती हूँ। मेरे पापा एक नामी बिज़नेस-मैन हैं और उनका एक दोस्त है जिनको मैं बड़े काका कहती हूँ। वैसे तो अमरीका में ही उनका सारा बिज़नेस है, उनका परिवार भी वहीं है, वो बिज़नस के सिलसिले में ही भारत आते।

इस बार वो आए तो वो पापा को चौंका देना चाहते थे तो वो बिना पापा को बताये ही भारत आ गए। मुंबई में अपनी मीटिंग में होकर कर के वो सीधा अमृतसर चले आए। हवाई अड्डे से बाहर निकल वहां से टैक्सी कर वो सीधा हमारे घर आ गए। पापा और माँ दोनों मेरी मासी की बेटी की शादी में पठानकोट गए हुए थे।

नौकर ने दरवाज़ा खोला और वो उनको अन्दर ले आया। मेरे पेपर चल रहे थे इसीलिए मैं और दादी घर रुक गए। दादी से मिलने के बाद उन्होंने जब पूछा- मां जी ! पुरुषोत्तम कहाँ है?

दादी ने बताया कि वो शादी में गए हैं। इतने में मैं भी बाहर आ गई, उनको देख मैं बहुत खुश हुई। मैंने उन्हें कमरा दिखाया और फ्रेश होने के बाद चाय वगैरा पिलाई।

बातों में समय क्या हो गया, पता ही नहीं चला। मां जी उनको बचपन से जानती थी। मुझे भी मालूम था कि वो विह्स्की के शौकीन हैं, आज पापा नहीं थे तो मैंने नेपाली को विह्स्की सर्व करने के लिए कह दिया।

काका बोले- तू कितनी बड़ी हो गई है !

दादी हंसने लगी और बोली- मैं बाथरूम जा कर आई !

तभी अंकल ने पैग पीते हुए कहा- तू भी बड़ी हो गई है और ऊपर से नीचे तक हर चीज़ में परफेक्ट निकली है !

उनकी यह बातें सुन मेरी चूत में कुछ होने लगा, मैं थोड़ा शरमा गई।

दादी बोली- भाई, में खाना लगवा रही हूँ!

मुझे तो खाना खा कर सोना है, तुम बातें करो !

अंकल की नज़रें बार बार मेरी चूचियों पे अटक जाती थी।

तीन पैग पीने के बाद अंकल ने कहा- कम्पनी नहीं दोगी?

नहीं अंकल ! मैं नहीं पीती !

आज पी लो थोडी !

नहीं अंकल ! मुझे पढ़ना है !

तभी उनका सेल बजा, वो फ़ोन पे बातें करने लगे। इस बीच दादी बोली- बेटा मुझे सुबह उठना है, मैं सोने चली ! तू खाना खा ले !

अंकल ने अपना पाँचवां पैग बनाया और इस बार मेरे साथ सोफ़े पे बैठते हुए बोले- लो ना एक पैग ! प्लीज़ ! कम ओन ! तुम जवान हो चुकी हो !

उनके ज़ोर देने पे मैंने ग्लास पकड़ा और एक दम सारा ख़त्म कर दिया। उन्होंने पास में पड़े चिप्स का टुकड़ा मेरे मुँह में डाल दिया।

कैसा लगा?

वो उठे और अब दो पेग बना लाये। मेरे मना करने पे अब वो बिल्कुल मेरे साथ सट कर बैठ गए, अपना हाथ मेरी जांघ पे रख दिया और अपने हाथ से पैग पिला डाला।

मुझे नशा होने लगा ! फ़िर अपना पैग भी मुझे पिला डाला !

मुझे नशे में करना उनका मकसद था। अब हाथ मेरी कमर से लिपट लिया दूसरे हाथ से मेरी छाती को दबा दिया। मैं गरम हो गई वहां से उठी, जल्दी से मेज़ पे बैठ थोड़ा खाना खाया और अपने कमरे में भाग आई। मैंने किताबें बंद कर साइड पे रख बत्ती बुझा कर चादर ले सोने की कोशिश करने लगी। अंकल की कामुक हरक़तें मुझे नींद नहीं आने दे रहीं थी।

१० मिनट बाद दरवाज़ा खुला अंकल अन्दर आए, बिजली का बटन ढूंढने लगे, तभी ट्यूब-लाईट जला कर उन्होंने कुण्डी लगा ली। मैं सोने की एक्टिंग कर रही थी। बेडलाइट जला कर, ट्यूब बुझा कर वो मेरे बिस्तर पर आए, मेरे ऊपर से चादर हटा कर बोले- जग जाओ कुसुम ! मुझे मालूम है कि तुम सो नहीं रही हो !

जब मैं कुछ न बोली तो उन्होंने अपने हाथ से मेरा पजामा खींच उतार डाला, फ़िर मैं पासा पलट के सो गई। वो मेरी पैन्टी के ऊपर से मेरे दोनों नितम्ब मसलने लगे। मुझे नितम्ब मसलवाने में बहुत मजा आ रहा था। अंकल ने मेरी पैंटी खींच के उतारी तो मैं उठ गई और उनके साथ लिपट गई।

उन्होंने मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए। दूसरे हाथ से मेरी चूत के दाने को रगड़ने लगे।

ओह्ह्ह यसऽऽ ! अंकल ! छोड़ो ! कुछ कुछ होता है ! प्लीज़ ! आप मुझसे कितने बड़े हो ! छोड़ दो मुझे ! मेरा दिल घबरा रहा है !

साली जवान हो गई है तू ! कह कर अंकल ने मेरी ब्रा ऊपर सरका दी और वो मेरे चूचुक चूसने लगे।

हाय ! क्या कर रहे हो अंकल !

अंकल बोले- मजा आया?

मैंने उनकी छाती में मुँह छुपा लिया, मैं शरमा गई।

अब मेरी ब्रा खोल फेंकी और खुले मैदान पर आराम से हाथ फेरते, सहलाते मेरा पूरा मम्मा अपने मुंह में डाल लिया।

तू अपनी माँ पे गई है ! वो बहुत सॉलिड माल है ! अभी पिछले दिनों जब अमरीका आई थी तो जम के चोदा था !

हाय अंकल ! मुझे छोड़ दो !

वो दबा दबा के मम्मे चूसते हुए मेरे निप्पल को काट देते।

अंकल बोले- रुक !

बाहर पड़ी बोतल में बची दारू ग्लास में डाल लाये और बोले- यह लवली-लवली होगा !

आधे से ज्यादा मुझे पिला दिया और ६९ की हालत में आ कर मेरी चूत चाटने लगे। मैंने भी अब शर्म छोड़ दी, खुलके उनका लौड़ा अपने मुंह में डाल लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।

हाय अंकल ! बहुत सॉलिड लण्ड पाल रखा है ! कितना बड़ा है !

बेटा, यह ९ इंच का होगा ! तू चूसती जा !

तेरी मां बहुत मजे देती है साली ! मुझे क्या पता था माँ की जगह बेटी मिलेगी ! हाय और चूस ! जुबान से चाट इसके सर को ! जुबान से चाट कमीनी ! कुतिया बन ! हाय !

मैं अब नशे में थी और कौन सा मैं पहली बार चूस रही थी। मेरा अंदाज़ देख कर अंकल बोले- लगता है तू माहिर है ! साली तेरी चूत भी बजी हुई है।

मुझे गरम करने के लिए ऐसी बातें करते हए बोले- कितनों से चुदी हो ?

अंकल ! तीन लड़कों से !

गाजर, मूली कितनी लेती हो?

कभी कभी !

अब उन्होंने मुझे सीधा लिटा कर मेरी जांघों के बीच में बैठ अपने लण्ड का अग्र भाग मेरी चूत के मुँह पे रख कर धक्का मारा, लेकिन उनका लण्ड इतना मोटा था कि अन्दर नहीं गया। वैसे भी मैंने साँस थोड़ी अन्दर खींच कर चूत को कस डाला ताकि उनको जोर लगाना पड़े।

वो बोले- चल साली साँस छोड़ ! तेरा बाप हूँ मैं ! मुझे बनाएगी !

फ़िर उन्होंने एक ज़ोर का झटका मार पूरा लण्ड मेरी चूत के अन्दर पेल दिया और तेजी से चुदाई करने लगे। इतनी तेज चुदाई इतनी उमर में !

लगता था सेक्स के मास्टर हों !

ओह ! ओह ! कर वो मेरे दोनों मम्मे दबा दबा के मेरी चूत मारने लगे। मैं नीचे से अपने कूल्हे उठा-उठा के उनका साथ दे रही थी। अंकल ! तेज ! बहुत अच्छा है आपका लण्ड ! आज तक मेरी ऐसे चुदाई नहीं हुई !

बोले- आ गई न रांड जुबान पे ! ले खा !

हाय ! खा जाउंगी !

फ़िर एकदम से लण्ड बाहर निकाल, मुझे उल्टा कर पीछे से मेरी चूत में डाल दिया और तेजी से चोदने लगे। साथ में अपनी ऊँगली मेरी गाण्ड में डाल गोल गोल घुमाने लगे। मैं चुदाई में इतनी दीवानी हो चुकी थी कि कब अंकल ने दो ऊँगलियाँ अन्दर डाल दी।

फ़िर अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल लिया, मुझे उठाया, लण्ड सीधा खड़ा था, अंकल बोले- गोदी में आजा बेटे ! हमारी गोदी में खेल कर ही तू बड़ी हुई है !

उन्होंने मुझे अपनी जाँघों पर बैठाया और पदाच की आवाज़ के साथ लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस गया, मेरे दोनों कूल्हों को नीचे से पकड़ के गोल गोल घुमाते हुए उछालने लगे। मेरे दोनों मम्मे बिल्कुल उन्के चेहरे पर के घिस रहे थे। उनके हाथ नीचे थे।

मैंने एक हाथ उनकी गर्दन मे डाल रखा था, दूसरे हाथ से ख़ुद अपना मम्मा पकड़ उनके होंठो से लगाते हुए उनके मुँह में डाल दिया। वो पूरा मम्मा चूसते, मैं ख़ुद बारी बारी दोनों मम्मों को चुसवा रही थी।

बहुत एक्सपर्ट है बेटी !

अंकल अब तेजी से उठा उठा के मारने लगे मेरी चूत। मम्मे मुँह में ले कर निप्पल पर काट देते !

अह ऽऽआह ! मैंने अब दूसरी बार पानी छोड़ दिया।

अंकल ने बिना लण्ड निकाले एक दम से ऐसी करवट ली कि मैं नीचे आ गई और वो फ़िर ऊपर !

फ़िर अंकल ज़ोर ज़ोर से हांफने लगे ! उनकी तेजी बढ़ गई ! तेज तेज धक्कों में एक दम स्टाप लग गया और उनका गरम माल मेरी कोख में छुटने लगा, जैसे कोई नहर बह रही हो ! पूरी चूत गीली करके भर दी ! अंकल मेरे ऊपर लुढ़क गए। मैंने जल्दी से लण्ड निकाला और घुटनों के पास बैठ कर मुँह में ले लिया, मुझे लण्ड का पानी पीना, चाटना पसंद है।

अंकल बोले- पहले कहती तो सारा मुँह में झाड़ देता !

मैंने चाट चाट के लण्ड साफ़ कर दिया और अंकल मेरे अंगों से खेलने लगे, बोले- कुसुम ! कहीं दारू पड़ी हो तो ला !

मैंने चादर लपेटी और लॉबी में बार से बोतल निकाल ली। हम दोनों ने दो दो मोटे पैग लगाये, मैं फ़िर से उनका लण्ड चूसने लगी। ६९ में आकर अबकी बार वो मेरी गांड चाटने लगे थूक डाल डाल के मेरी गाण्ड के छेद को ढीला करते हुए। उनका लण्ड तन के खड़ा मेरे मुँह में मस्ती कर रहा था। मैं ख़ुद उठ कर अंकल की जाँघों पर बैठ गई। पहले तो अपनी चिकनी गोरी जांघें उनकी जांघों से रगड़ने लगी, तभी ख़ुद ही उनके लण्ड को गांड के छेद पे रखते हुए उस पर बैठ गई और पूरा लण्ड अन्दर ले गई।

वो हैरानी से देख रहे थे, बोले- माल है तू ! घोड़ी बन जा !

इतना कह वो मेरे ऊपर छा गए, ताबड़तोड़ वार से मेरी गांड फाड़नी चालू की। मैंने रोका मगर वो नहीं रुके और फाड़ डाली मेरी गांड !

इस तरह झटकों से इस बार झड़ने के करीब आए तो मुंह में डाल दिया। मैंने मुठ मारते हुए उनका सारा माल अपने मुँह में ले लिया। उसके बाद उन्होंने पूरी रात मुझे ४ बार चोदा।

मैंने कहा- माँजी पॉँच बजे उठ जायेंगी !

ठीक साढ़े चार बजे वो अपने कपड़े पकड़ चादर लपेट गेस्ट रूम में चले गए। आंख खुली तो दोपहर के १२ बजे थे अंकल भी अभी तक सोये हुए थे। माँजी बोली- चाय दे आ अपने अंकल को !

मैं चाय देने गई, अंकल को उठाया, चाय साइड पे रख वो मुझे अपनी ओर खींचने लगे और गरम करने लगे।

दादी बाहर है !

अंकल बोले- चूस दे थोड़ा बस ! कपड़े नहीं उतारना ! नाड़ा खोल कर सलवार घुटनों तक सरका के डाल लूँगा। देखना डर की चुदाई में अलग ही मजा आता है ! रानी जब डर सा लगा हो तब !

उनकी बात सही थी, कपड़े पहने ही मुझे अलग फीलिंग आ रही थी। मैंने नाड़ा खोल कर सलवार घुटनों तक उतार दी। उन्होंने लोअर की जिप खोल लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं सहलाने लगी, दो चार चूपे मारे और मुझे बेड के कोने पे ला उन्होंने डाल दिया और १० मिनट चोदने के बाद सारा माल निकाल दिया और एक दूसरे को चूमने चाटने लगे।

बाद में अंकल माँ जी से बोले- माँ जी ! अब मैं होटल रह लूँगा !

माँ जी बोली- बिल्कुल नहीं ! अगर पुरुषोत्तम को मालूम हुआ न तो वो हम दोनों की वाट लगा देगा ! तू अपना काम कर ! तू रात को घर आयेगा।

रात को अंकल ने ८ बजे मां जी को कहा कि वो आज लेट हो जायेंगे, खाना बाहर से ही खा के आएंगे, आप सो जाना, मैं ख़ुद दरवाज़ा खोल लूँगा।

मैं अंकल के कमरे में लेट गई और सिप कर कर के दारू पी रही थी। इंतजार में मैंने ३ पेग डाल लिए। तभी अंकल को कोई कार से छोड़ने आया, दोनों बातें करते हुए गेट बंद कर अन्दर आ गए। मैंने सोचा कि अंकल अकेले आयेंगे इसलिए मैं सिर्फ़ पैंटी टी-शर्ट में थी। अंकल बोले- यह मेरा पार्टनर है, बहुत बढ़िया चोदेगा।

वो दोनों मेरी तरफ़ बढ़े, बेड पे एक एक ओर से, दूसरा दूसरी ओर से।

अंकल मेरी जांघें सहलाते हुए बोले- इतनी खूबसूरत हसीन लड़की क्या चीज़ है यार गुप्ता ! अपनी माँ से ज्यादा आग लिए घूमती है।

ओह वो मेरे होंठ चूसने लगा। पास में बोतल देख अंकल बोले- पी ली?

चल एक एक पैग लगायें !

नशे मे मैंने कब उनका लण्ड निकाल चूसना शुरू कर दिया.

उसके बाद क्या क्या हुआ, जरूर बताऊंगी, अगर मेरी यह चुदाई अन्तर्वासना वाले छापते हो तब !

दोस्तों ! चुदाई का किस्सा जारी रहेगा।

उम्मीद है इस बार अन्तर्वासना अपनी इस नियमित पाठक को नजरअंदाज़ नहीं करेगी !

बाय बाय ! Indian Sex Stories

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मेरा नाम नवीन है। मैं 26 साल Hindi Porn Stories का हूँ और एक प्राईवेट फ़र्म में सेल्स मैंनेजर हूँ। मेरी शादी नहीं हुई है, अकेला दिल्ली में रह रहा था।

दो महीने पहले मेरी ममेरी बहन 12वीं की परीक्षा के बाद मेरे साथ रहने आ गई। उसको अभी स्पोकन ईंग्लिश का एक कोर्स करना था फ़िर दिल्ली युनिवर्सिटी से बी.ए.. उसके मम्मी-पापा उसे मेरे घर छोड़ कर चले गए और मुझे उसका गार्जियन बना गए।

बी.ए. में एड्मिशन के बाद उसे होस्टल मिलने पर उसे होस्टल जाना था।

उसका नाम काजल था, 18 साल की काजल की जवानी एक दम से खिली हुई थी। 5’5′ की काजल का रंग थोड़ा सांवला था, पर इकहरे बदन की काजल की फ़िगर में गजब का नशा था, 34-22-34 की!

काजल को जब भी मैं देखता मेरे लंड में हल्का हल्का कड़ापन आना शुरु हो जाता। हालाँकि मैं दिखावा करता कि मुझे उसके बदन में कोई दिलचस्पी नहीं है, पर मुझे पता था कि काजल को भी मेरी नज़र का अहसास है। करीब एक सप्ताह में हम लोग काफ़ी घुल-मिल गए।

मेरे दोनों करीबी दोस्तों सुमित और अनवर से भी काजल खूब फ़्रेंड्ली हो गई थी। वो दोनों लगभग रोज़ मेरे घर आते थे।

मई के दूसरे शनिवार के एक दोपहर की बात है। काजल कोचिंग क्लास गई थी और हम तीनों दोस्त बैठ कर बीयर पी रहे थे। बात का विषय तब काजल ही थी। मेरे दोनों दोस्त उसकी फ़िगर और बॉडी की बात कर रहे थे, पर मैं चुप था।

अनवर ने मुझे छेड़ा कि मैं एकदम बेवकूफ़ हूँ कि अब तक उसकी जवानी भी नहीं देखी है।
मेरे यह कहने पर कि वो मुझे भैया बोलती है, दोनों हंसने लगे और कहा कि ठीक है, हम लोग उपाय करके उसको थोड़ा ढीठ बनाएंगे, पर उन दोनों ने शर्त रखी कि मैं भी मौका मिलते ही उसे चोद लूंगा और फिर उन दोनों से अपना अनुभव कहूँगा।

फिर अनवर बोला- यार उसकी एक पैंटी ला दो, तो मैं अभी मुठ मार लूँ।

तभी दरवाजे की घण्टी बजी और काजल घर आ गई। सफ़ेद सलवार और पीले चिकन के कुर्ते में वह गजब की सेक्सी दिख रही थी।

हम सब को बीयर के मजे लेते देख वो मुस्कुराई, सुमित ने उसको भी बीयर में साथ देने को निमन्त्रण दिया। मेरे उम्मीद के विपरीत वो हम लोगों के साथ बैठ गई।

हम लोग इधर-उधर की बात करते हुए बीयर का मजा ले रहे थे। काजल भी खूब मजे ले रही थी।

एक-एक बोतल पीने के बाद सुमित बोला- क्यों न हम लोग ताश खेलें, समय अच्छा कटेगा।

सब के हाँ कहने पर मैं ताश ले आया और तब सुमित बोला- चलो अब आज के दिन को फ़न-डे बनाया जाए।

काजल ने हाँ मे हाँ मिलाई।

सुमित अब बोला- हम सब स्ट्रीप-पोकर खेलते हैं, अगर काजल हाँ कहे तो! वैसे भी अब आज फ़न-डे है।

काजल का जवाब था- अगर भैया को परेशानी नहीं है तो मुझे भी कोई परेशानी नहीं है।

अब अनवर बोला- काजल, हम लोगों के बदन पर चार कपड़े हैं, तुम अपना दुपट्टा हटाओ नहीं तो तुम्हारे पाँच कपड़े होंगे।

काजल मजे के मूड में थी, बोली- नहीं, अकेली लड़की खेलूंगी, तीन लड़कों के साथ मुझे इतनी छूट मिलना चाहिए।

सुमित फ़ैसला करते हुए बोला- ठीक है, पर हम लड़कों के कपड़े तुमको उतारना होगा, और तुम्हारा कपड़ा वो लड़का उतारेगा जिसके सबसे ज्यादा अंक होंगे।

मैं सब सुन रहा था, और मन ही मन में खुश हो रहा था। अब मुझे लग रहा था कि मैं सच में बेवकूफ़ हूँ, काजल तो पहले से मस्त लौंडिया थी।

मेरे सामने अनवर था, काजल मेरे दाहिने और सुमित मेरे बाँए था। पहला गेम अनवर हारा और नियम के मुताबिक काजल ने अनवर कि कमीज उतार दी।

दूसरे गेम में मैं हार गया, और काजल मुस्कुराते हुए मेरे करीब आई और मेरा टी-शर्ट उतार दी। पहली बार काजल का ऐसा स्पर्श मुझे अच्छा लगा।

तीसरे गेम में काजल हार गई और सुमित को उसका एक कपड़ा उतारना था। सुमित ने अपने दाहिने हाथ से उसका दुपट्टा हटा दिया और अपने बाँए हाथ से उसकी एक चुची के हल्के से छू दिया। मेरा लंड अब सुरसुराने लगा था।

अगले दो गेम सुमित हारा और उसके बदन से टी-शर्ट और बनियान दोनों निकल गये।

इसके बाद वाली गेम मैं हारा और मेरे बदन से भी बनियान हट गया और फिर जब सुमित हारा तो अब पहली बार किसी का कमर के नीचे से कपड़ा उतरा।

काजल ने खूब खुश होते हुए सुमित की जींस खोल दी। मैक्रोमैन ब्रिफ़ में सुमित का लंड हार्ड हो रहा है, साफ़ दिख रहा था।

एक नई बीयर की बोतल तभी खुली। उसके मजे लेते हुए पत्ते बंटे, और इस गेम में काजल हार गई, और अनवर को उसके बदन से कपड़ा हटाना था।

काजल अब मेरे सामने अनवर की तरफ़ पीठ करके खड़ी हो गई, जिससे अनवर को उसके कुर्ते की ज़िप खोलने में सुविधा हो।

अनवर ने पहले अपने दोनों हाथ को पीछे से उसकी चुची पे ला कर दो-तीन बार चुची मसला, और फिर उसके कुर्ते की ज़िप खोल करके कुर्ते को उसके बदन से अलग कर दिया।

एक बार हमारी नज़र मिली, वह मुझे देख कर मुस्कुराई।

गुलाबी रंग की ब्रा में कसे उसकी शानदार छाती किसी को भी मस्त कर सकती थी। उसका एकदम सपाट पेट और गहरी नाभि देख हम तीनों लड़कों के मुँह से एक ईईईससस निकलते-निकलते रह गया।

वो एकदम सामान्य दिख रही थी। उसकी नाभि के ठीक नीचे एक काला तिल देख सुमित बोल उठा- ब्यूटी स्पॉट भी शानदार जगह पर है काजल। इतनी जानदार फ़िगर है तुम्हारी, थोड़ा अपने बदन का ख्याल रखो।

काजल बोली- कितना डायटिंग करती हूँ नवीन भैया से पूछिए।

सुमित अब बोला- मैं तुम्हारे अंडर-आर्म के बालों के बारे में कह रहा हूँ।

सच काजल के काँख में खूब सारे बाल थे, काफ़ी बड़े भी। ऐसा लगता था कि काजल काफ़ी दिनों से उसको साफ़ नहीं किया है।

पहली बार मैं एक जवान लड़की की काँख में इतना बाल देख रहा था और अपने दोस्तों को दिल में थैंक्स बोल रहा था कि उनकी वजह से मुझे काजल के बदन को देखने क मौका मिल रहा था।

काजल पर बीयर का मीठा नशा हो गया था और वो अब खूब मजे ले रही थी हम लड़कों के साथ। वैसे नशा तो हम सब पर था बीयर और काजल की जवानी का।

काजल मुस्कुराई और बोली- चलिए अब पत्ते बाँटिए भैया। पत्ते बाँटने की मेरी बारी थी।

ब्रा में कसे हुए काजल की जानदार चुचियों को एक नज़र देख कर मैंने पत्ते बाँट दिए। यह गेम मैं हार गया। मुझे थोड़ी झिझक थी।

पर जब काजल खुद मेरे पास आकर बोली- भैया खड़ा हो ताकि मैं तुम्हारी पैंट उतारूँ!

तब मैं भी मस्त हो गया।

मैंने कहा- ओके, जब गेम का यही नियम है तब फ़िर ठीक है, खोल दो मेरा पैंट, और मैं खड़ा हो गया।

काजल ने अपने हाथ से मेरे बरमुडा को नीचे खींच दिया और जब झुक कर उसको मेरे पैरों से बाहर कर रही थी तब मेरी नज़र उसके ब्रा में कसी हुई चुचियों पर थी, जो उसके झुके होने से थोड़ा ज्यादा ही दिख रही थी।

अनवर ने अपना हाथ आगे किया और उसके चूतड़ पर एक हल्का सा चपत लगाया। वो चौंक गई, और हम सब हंसने लगे।

मेरा लंड फ़्रेंची में एकदम कड़ा हो गया था और काजल को भी यह पता चल रहा था।

अगली बाजी अनवर हारा, और उसकी भी बनियान उतर गई। पर जब तक काजल उसका बनियान खोल रही थी, वो तब तक उसके पेट और नाभि को सहलाता रहा था।

अगली बाजी मैं जीता और काजल हार गई। पहली बार मुझे काजल के बदन से कपड़ा उतारने का मौका मिला। काजल मेरे सामने आकर खड़ी हो गई। मेरे दिल में जोश था पर थोड़ी झिझक भी थी। मुझे काजल की सलवार खोलनी थी।

मैंने अभी सलवार की डोरी पकड़ी ही थी कि अनवर बोला- थोड़ा सम्भल के! जवान लड़कियों की सलवार के भीतर बम रहता है, ध्यान रखना नवीन।

मैं झेंप गया, काजल भी थोड़ा झेंपी, पर फ़िर सम्भल गई और बोली- मैं आत्मघाती दल की सदस्या नहीं हूँ, सीधी-साधी लड़की हूँ भाई, ऐसा क्यों बोलते हैं अनवर भैया।

मैं तब तक उसके सलवार को नीचे कर चुका था, और वो अपने पैरे उठा के उसको पूरी तरह से निकालने में सहयोग कर रही थी। वो अपने दोनों हाथ से मेरे कन्धे को पकड़ कर अपने पैर ऊपर कर रही थी, ताकि मैं सलवार पूरी तरह से उतार सकूँ।

अब जब मैंने काजल को देखा तो मेरा लंड एक बार पूरी तरह से ठनक गया। गुलाबी ब्रा और मैरून पैंटी में काजल एक मस्तानी लौंडिया लग रही थी। उसका सांवला-सलोना बदन मेरे दोस्तों के भी लंड का बुरा हाल बना रहा था।

इसके बाद की बाजी अनवर फ़िर हारा और काजल ने उसका पैंट खोल दिया। इस बार काजल के चूतड़ पे सुमित ने तबला बजाया, पर अब काजल नहीं चौंकी, वह शायद समझ गई थी कि अकेली लड़की होने की वजह से उसको इतना लिफ़्ट हम लड़कों को देना होगा।

अब जबकि हम सब अपने अंडरगार्मेंट में थे, सुमित बोला- क्या अब हम लोग गेम रोक दें, इसके बाद नंगा होना पड़ेगा।

उसने अपनी बात खत्म भी नहीं की थी कि अनवर बोला- कोई बात नहीं, नंगा होने के लिए ही तो स्ट्रीप-पोकर खेला जाता है।

मैं दिल से चाह रहा था कि खेल ना रुके और मैं एक बार काजल को नंगा देखूँ।

सुमित ने काजल से पूछा- बोलो काजल, तुम अकेली लड़की हो, आगे खेलोगी?

उस पर तो मजे का नशा था। वो चुपचाप मुझे देखने लगी, तो अनवर बोला- अरे काजल तुम अपने इस भैया की चिंता छोड़ो। अगर तुम मेरी बहन होती, तो जितने दिन से तुम इसके साथ हो, उतने दिन में ये साला तुमको सौ बार से कम नहीं चोदता। देखती नहीं हो, इसका लंड अभी भी एकदम कड़ा है, सुराख में घुसने के लिए।

और उसने अपना हाथ बढ़ाया और अंडरवीयर के उपर से मेरे लंड पे फ़ेर दिया।

मैं इस बात की उम्मीद नहीं कर रहा था, चौंक गया। और सब लोग हँसने लगे, काजल भी मेरी हालत पे खुल कर हँसी। बीयर का हल्का नशा अब हम सब पर था।

अगली बाजी अनवर हार गया और काजल मुस्कुराते हुए उसको देखी। अनवर अपनी ही मस्ती में था बोला- आओ, करो नंगा मुझे। तुम्हारे जैसी सेक्सी लौन्डिया के हाथों तो सौ बार मैं नंगा होने को तैयार हूँ।

और जब काजल ने उसका अंडरवीयर खोला तो उसका 7′ का फ़नफ़नाया हुआ लंड खुले में आ कर अपना प्रदर्शन करने लगा।

अनवर भी काजल को अपने बाँहों में कस कर उसके होठ चूमने लगा और उसका लंड काजल की पेट पे चोट कर रहा था। तीन-चार चुम्बन के बाद उसने काजल को छोड़ा तब वो अपनी सीट पे बैठी।

अनवर साइड में बैठ कर अपने लंड से खेलने लगा। वह साथ में अपना बीयर का ग्लास भी ले गया।

अगले गेम में काजल हार गई और मुझे उसकी ब्रा खोलनी थी। वो आराम से मेरे सामने आ कर मेरी तरफ़ पीठ करके खड़ी हो गई, और पीठ से अपने बाल समेट कर सामने कर लिए, ताकि मैं अराम से उसके ब्रा की हुक खोल सकूँ।

मैंने प्यार से ब्रा का हुक खोला, और वो अब सीधी हो गई, ताकि मैं उसकी चुचियों पर से ब्रा निकाल सकूँ।

अनवर पे सच थोड़ा नशा हो गया था, बोला- अबे साले नवीन, अब तो छू ले उसको। तेरी बहन है, बार बार चूची नंगी करके नहीं देगी तेरे को।

उसकी बात सुन मुझे खूब मजा आया, पर काजल को पता नहीं क्या लगा, बोली- मन है तो छू लीजिए नवीन भैया।

मैं समझ गया कि अब वह भी हल्के नशे में थी। मैंने दो-चार बार उसकी चूची पे हाथ फ़ेरा।

अगली बाजी मैं हार गया। काजल खुब खुश हुई और जोर से बोली- हाँ अब करुँगी आपको नंगा नवीन भैया।

मैं खड़ा हो गया और उसने मेरे फ़्रेन्ची को नीचे कर दिया।

मेरा फ़नफ़नाया हुआ लन्ड आजाद हो कर खुश हो गया। मेरा आधा सुपाड़ा मेरे फ़ोरस्कीन से बाहर झांक रहा था।

अनवर कैसे चुप रहता, बोल पड़ा- काजल खेल लो उस लन्ड से, तुम्हारे भैया का है, हमेशा नहीं मिलेगा देखने के लिए।

सुमित भी बोला- क्यों, मियाँ-बीवी राजी तो क्या करेगा काजी।

और दोनों हँसने लगे।

काजल मेरे लन्ड को ले कर सहलाने लगी कि सुमित बोला- हाथ से लन्ड के साथ तो लड़के खेलते हैं काजल! लड़की तो लन्ड का लॉलिपॉप बना कर चूसती है।

काजल से मैं यह उम्मीद नहीं कर रहा था।

पर वो मेरे लन्ड को अपने मुँह में ले कर चूसने लगी। दो-चार बार के बाद उसने बुरा सा मुँह बनाया, शायद उसको अच्छा नहीं लगा तो वो मेरा लन्ड छोड़ कर सुमित के सामने बैठ गई।

सुमित बोला- अब की बाजी में खेल खत्म हो जायेगा। इसलिए जो दूसरे को नंगा करेगा वो एक मिनट तक उसके प्राइवेट पार्ट को चूसेगा। मंजूर है तो बोलो वरना यहीं पे खेल समाप्त करते हैं।

काजल की आंखे लाल हो गई थी। वो अब नशे में थी। उसने पत्ते उठा लिए और आखिरी बाजी बंट गई। मैं दिल से दुआ कर रहा था कि काजल हार जाए ताकि उसकी चूत का भी आज दर्शन हो जाए।

और मेरी दुआ कुबूल हो गई। सुमित जीत गया और काजल हार गई।

सुमित ने अब काजल हो अपनी बांहो में उठा करके उसको सेन्टर टेबल पे लिटा दिया और उसके दोनों पैरों के बीच आ गया।
खूब प्यार से उसके मखमली जांघों को सहलाया और फिर मुझे और अनवर को पास आने का न्योता दिया- आ जाओ भाई लोगो, अब काजल की चूत का दीदार करो।

मैं तो कब से बेचैन था इस पल के लिए।

हम तीनों दोस्त मेज को घेर कर खड़े हो गये। काजल अब तक मुस्कुरा रही थी। सुमित ने काजल की पैंटी के ऊपर की इलास्टिक से फ़ोल्ड करना शुरु कर दिया। दूसरे फ़ोल्ड के बाद काजल की झांट की झलक मिलने लगी। धीरे-धीरे उसकी चूत की झलक भी मिलने लगी।

सुमित ने उसके पैरों को ऊपर की तरफ़ करके पैंटी नीचे से पैरों से निकाल दी और फ़िर धीरे-धीरे उसके टांगों को थोड़ा साइड की तरफ़ खोल दिया और अब काजल की चूत की फ़ाँक एकदम सामने दिख रही थी।

काजल की चूत पे 2-2′ के बाल थे और इन बड़ी-बड़ी झांटों की वजह से उसके चूत की घुंडी साफ़ नहीं दिख रही थी।

सुमित ने उसकी चूत पे हाथ फ़ेरा और फ़िर उसके झांटों को साइड करके हम दोनों को उसकी पूरी चूत के दर्शन कराए।

जब काजल की नज़र मेरे से मिली तब उसने अपने हाथों से अपना चेहरा ढ़क लिया। पर अब मुझे उसकी शर्म की परवाह नहीं थी। हम में से किसी को नहीं थी।

काजल बोली- अब छोड़ दीजिए।

पर सुमित ने उसको याद कराया कि अभी 35 सेकेंड वो उसकी चूत चूसेगा।

इसके बाद वो काजल की चूत चूसने में लग गया, अनवर मूठ मारने लगा और मैं सब चीज़ समेटने लगा। काजल के मुँह से सिसकारी निकलने लगी थी।

नई-नई जवानी चढ़ी थी बेचारी पे, इसलिए वो इतना मजा पा कर के शायद झड़ गई और बोली- अब बस, अब मुझे पेशाब आ रही है।

पर सुमित रुकने का नाम नहीं ले रहा था। काजल ने दो-तीन बार अपने बदन को सुमित की पकड़ से छुड़ाना चाहा, फ़िर उसी मेज पर ही सुमित के चेहरे पे सु-सु करने लगी। सुमित ने अब अपना चेहरा हटा लिया।

काजल ने अपना बदन एकदम ढीला छोड़ दिया और खूब मूती, फ़िर शांत हो गई।

दो मिनट ऐसे ही रहने के बाद उसे कुछ होश आया और तब वह उठी और फ़िर अपने कपड़े उठा कर अपने बेडरूम में चली गई।

हम लोगों ने भी अपने कपड़े पहन लिए।

सुमित बोला- अब थोड़ी देर उसको अकेला छोड़ वरना वो रोने लगेगी, जब उसको लगेगा कि क्या-क्या हुआ है।

हम लोग अब पास की मार्केट की तरफ़ निकल गये, काजल तब बाथरूम में थी।

आप सब को यह कहानी कैसी लगी? बताना!

साथ ही यह भी बताना कि मुझे काजल के साथ किये गये मजे के बारे में भी लिखना चाहिए या नहीं। Hindi Porn Stories

अन्तर्वासना के सभी पाठको को मेरा नमस्कार ! Indian Sex Stories

मेरा नाम Indian Sex Storiesसुनील है और मैं हरियाणा के कुरूक्षेत्र का रहने वाला हूँ।

मैं अपनी कहानी पर आता हूँ!

सपना जिसकी उम्र १९ साल है उसके सेक्सी होंठ, कातिल जवानी, भरी हुई गांड और मोटे मोटे चुचे किसी भी लंड को खड़ा कर दें। सपना हमारे ही पड़ोस में ही रहती है और उसका हमारे घर आना जाना है।

एक दिन मैं घर में अकेला था और टी वी पर सेक्सी मूवी देख रहा था। तभी बेल बजी, मैंने जल्दी-जल्दी टीवी बंद किया और दरवाजा खोला तो सपना थी।

वो बोली- मेरे कंप्यूटर में कुछ प्रॉब्लम है, तुम ठीक कर दो!

तो मैं उसके साथ उसके घर चला गया। उसके घर पर कोई नहीं था। मैंने कंप्यूटर स्टार्ट किया तो देखा कि उसमें वाइरस की वजह से कुछ प्रॉब्लम थी। इतने में सपना मेरे लिए पानी लेकर आई।

मेरी नजर तो उसके चुचों पर थी। क्या बड़े बड़े चुचे थे ! देख कर किसी के भी मुँह में पानी आ जाये ! मैंने घर से विन्डोज़ की सी डी लाकर इन्सटाल करना शुरू कर दिया और उससे बातें करने लगा। मेरा ध्यान तो उसके चुचों और होठों पर था। थोड़ी देर बाद विन्डोज़ हो गई तो मैंने कंप्यूटर रिस्टार्ट किया और उसके कंप्यूटर पर फ़ाईलें चेक करने लगा तो मैंने देखा कि एक फोल्डर में कुछ हिडेन फ़ाइलें थी। जब मैंने उनको खोला तो देखा कि उसमें सेक्सी फिल्में और वाल-पेपर थे।

तभी सपना वहाँ आ गई।

कंप्यूटर पर चुदाई का सीन चल रहा था। तीन अंग्रेज एक लड़की तो चोद रहे थे। सपना कंप्यूटर बंद करने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और वहीं पर बिठा लिया अपने गोद में, उसके चुचे पकड़ लिए और मसलने लगा। कंप्यूटर पर चुदाई का सीन चल रहा था। पहले तो उसने विरोध किया पर बाद में वो भी गरम होने लगी और उसे भी मजा आने लगा। मैंने उसे पास में सोफे पर गिरा दिया और उसके होठों पर होंठ रख दिए। उसकी कमीज ऊपर कर दी और उसके फिर उसकी ब्रा भी खींच दी। उसके बड़े बड़े चूचों को आजाद कर दिया और मुँह में भर कर उसके तने हुए निप्पलों को चूसने लगा। उसके मुँह से आहें निकलने लगी।

मेरा लंड भी तन कर पैंट से बाहर आने को बेताब था और उसकी टांगों में चुभ रहा था। सपना पूरी तरह से तड़प उठी और उसने हाथ डाल कर मेरे लंड बाहर निकाल लिया।

६ इंच लम्बा लंड देख कर सपना बोली- हाय राम ! कितना बड़ा और मोटा है !

मैंने भी उसकी सलवार और पैन्टी उतार दी और उसको उठा कर बेड पर ले गया और उसकी फुदी को सहलाने लगा। उसकी फुदी पर हल्के हल्के बाल थे। क्या कसी चूत थी ! देख कर मुँह में पानी आ गया।

अब मैं उसके टांगों के बीच आ गया और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी। वो सीत्कार कर उठी। उसकी चूत पानी छोड़ रही थी और चुदने के लिए तैयार थी, पर मैं चाहता था कि वो तड़पे ! मैं उसकी चूत तो चाटने लगा तो उसके बदन में तो जैसे आग ही लग रही थी।

फिर मैंने उसके बाल पकड़े और अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया। पहले तो वो मना करने लगी पर बाद में उसे भी मजा आने लगा।

१५ मिनट के बाद मैंने अपना सारा माल उसके मुँह में छोड़ दिया जिसे वो पी गई।

थोड़ी देर बाद फ़िर मैंने उसे 69 की पोजिशन में लिटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा और सपना मेरा लौड़ा मुँह में भर कर फिर से चाटने लगी। थोड़ी देर बाद लंड फिर से खड़ा हो गया।

मैंने उसकी दोनों टाँगे उठा कर अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक जोर दार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में फंस गया और वो चिल्लाने लगी। मैंने उसकी परवाह न करते हुए एक और जोर का धक्का मारा तो आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी और उसकी चूत से खून भी आने लगा।

उसकी चूत की झिल्ली फट चुकी थी और वो कलि से फ़ूल बन गई थी। मैंने एक जोर का धक्का और मारा तो सारा लंड उसकी चूत में चला गया। मैं उसको किस करने लगा और उसके चुचे रगड़ने लगा। कुछ देर में जब वो शांत हो गई तो मैंने फिर से धक्के मारने चालू कर दिया। अब उसका दर्द काफी कम हो गया था। उसे भी मजा आने लगा और वो नीचे से चूतड़ उठा उठा कर मजे लेने लगी।

मैंने भी जोर जोर से धक्के मारने शुरू कर दिया। उसे बहुत मजा आ रहा था। १५ मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो उसकी चूत खून से लाल हो चुकी थी। उसे काफी दर्द भी हो रहा था और उससे चला भी नहीं जा रहा था तो मैं उसे बाँहों में उठा कर बाथरूम में ले गया।

शॉवर चालू कर दिया मैंने और उसकी चूत पर साबुन लगा कर साफ़ कर दिया और फ़िर हम शॉवर का मजा लेने लगे।

वो फिर से गर्म हो गई और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। लंड खड़ा हो गया !

मैंने उसे डौगी स्टाइल में कर दिया, एक ही बार में अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और मैंने उसे जोर से चोदना शुरू कर दिया। 15 मिनट बाद उसने पानी छोड़ दिया पर मेरा लंड अभी भी खड़ा था।

मैंने कहा- अब मैं तुम्हारी गांड मारूंगा !

क्या मस्त गांड थी उसकी! पर वो मना कर रही थी। पर मैंने उसे मना लिया और उसकी गांड में काफी सारा तेल लगाया और अपना लंड उसकी गांड पर रख कर एक जोर कर धक्का मारा और मेरा आधा लंड उसकी गांड में चला गया। वो चिल्लाने लगी!

मैंने कुछ देर रुक कर एक ही झटके में सारा लंड उसकी गांड में घुसेड़ दिया और 20 मिनट तक उसकी गांड मारने के बाद सारा वीर्य उसके मुँह और स्तनों पर डाल दिया।

इसके बाद तो मैंने उसे जब भी मौका मिला मैंने उसे और उसकी कई सहेलियों को भी चोदा।

पर वो सब अगली बार !

उम्मीद है कि आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आई होगी।

मुझे मेल कर सकते हैं ! Indian Sex Stories

प्रेषिका : नीना Sex Stories

हाय दोस्तो ! सभी Sex Stories अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरी तरफ से यानि कि गौरी की तरफ से गीली चूत के साथ प्रणाम !

मैंने अन्तर्वासना पर लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं और आज मैं आपके सामने अपनी एक मस्त चुदाई लेकर आई हूँ।

नाम गौरी है, उम्र उन्नीस साल, गोरा रंग, कसा हुआ बदन, गोल गोल वक्ष, पतली कमर !

वैसे तो मैं छोटी ही थी जब मैंने अपनी चूत का चीरहरण करवा डाला था।

उसके बाद कई लड़कों ने मुझे चोदा- स्कूल में, स्कूल जाते रास्ते में पड़ने वाले बाग़ में, जहाँ मेरे आशिक मेरी इन्तज़ार करते और छुट्टी के बाद उन बागों में रासलीला रचाई।

उसके बाद मुझे वो स्कूल छोड़ना पड़ा क्यूंकि वो दसवीं तक था। माँ ने मुझे शहर मामा जी के घर भेज दिया। एक तो मामी के बच्चा होने वाला था दूसरा स्कूल घर की बग़ल में था बस यही बात ठीक नहीं थी। ऊपर से रात को जब मामा मामी मजे लेते तो मैं छुप कर देखती।

मामी मुँह में लेकर, मुठ मारकर मामा का पानी निकालती। यह देख मेरी चूत गीली हो जाती, सोचती कि मामा को ही पटा लूँ !

लोहा गर्म तो था ही, चोट मारनी रह गई थी।

तभी मेरा स्कूल शुरू हो गया। कुछ ही दिनों में मेरा श्याम नाम के लड़के के साथ अफेयर चल पड़ा। आधी छुट्टी में खाली क्लास में उसकी मुठ मारती, कभी चूस भी लेती।

वो तो मुझे अपने दोस्त के घर में ले जाना चाहता था। उसके दोस्त के मम्मी पापा ऑफिस में जॉब करते थे, बहन हॉस्टल में रहती, घर खाली होता। दोनों मेरी चूत मारने के लिए उतावले थे। मैं चाहते हुए भी नहीं जा पा रही थी। मेरे न जाने से वो मुझसे खफा रहने लगा।

आखिर एक दिन मैंने मन बना ही लिया। सुबह स्कूल जाने के लिए निकली लेकिन आगे निकल गई। शहर था, मुँह पर चुन्नी डाल उसके साथ चिपक गई और हम सीधा उसके दोस्त के घर चले गए।

जाते ही उसने मुझे दबोच लिया, पागलों की तरह मुझे चूमने लगे। दोनों ने मुझे बिस्तर पर लिटा कर नंगी कर दिया।

मैंने श्याम का तो कई बार चूसा था, विपन का लौड़ा उस से भी ज्यादा मस्त निकला।

भूखे भेड़िये को मांस मिला हो उसी तरह एक ने मेरा एक मम्मा मुँह में डाला दूसरे ने दूसरा ! हाय !

मैंने दोनों के लौड़े पकड़ रखे थे। हाय क्या मजा था एक साथ श्याम और विपन के नीचे लेटकर !

इतने में डोर-बेल बजी। विपन की फटने लगी, उसने रसोई में से देखा- उसकी मामी, मासी, उसका लड़का खड़े थे।

सारा स्वाद ख़राब हो गया। अब क्या करते वो कपड़े पहन कर बोला- तुम दोनों पीछे वाले हिस्से में चले जाओ, चाबी ले लो !

वहीं दरवाज़ा खोल कर चले जाना, उधर कोई नहीं आयेगा। हम दोनों ने कपड़े उठाये, पीछे चले गए। ऊपर से खुला हुआ था, कोई भी अपनी छत से देख सकता था। एक बाथरूम था, मैं उसमें घुस गई, श्याम भी वहीं आ गया। उसने विपन को मोबाइल पर कहा कि पीछे कोई न आये, वरना तुझे इसकी चूत कभी नहीं मारने दूंगा। हम बाथरूम में हैं।

कह कर हम फिर चिपक गए। जगह काफी थी, मैंने उसको सीट पर बिठा खुद नीचे बैठ कर उसके लौड़े को चूसने लगी। वो आहें भरने लगा- हाय रानी और चूस चूसती जा ! साली रंडी !

मैं उठी, उसको वहीं बैठे रहने को कहा। उसका लौड़ा छत की तरफ तना हुआ खड़ा था। मैंने टांगे खोली और उसके ऊपर गई, चूत पे रखते हुए उसपर बैठती गई और उसका पूरा लौड़ा अन्दर डलवा लिया। पहली बार उसने अन्दर डाला था, उसको बहुत मजा आने लगा। मैं उठ उठ कर चुदने लगी- हाय ! चोरी का गुड़ कहते हैं कि ज्यादा मीठा लागे ! वोही बात थी ! वहां बहुत मजा आने लगा।

फिर मैंने इंग्लिश सीट पर बैठ गई।श्याम मेरी टांगें उठा मेरे ऊपर आते हुए बीच में आ गया और मैंने पकड़ कर निशाने पर लगा दिया। उसने अन्दर डाल दिया- बहन की लौड़ी ! साली ! पक्की रंडी है ! सब जाने तू !

उसने तेज़ धक्के देने शुरू किये।

हाय मैं झड़ने वाली हूँ ! उह अह उह !

वो और तेजी से ठोकने लगा।

हाय हाय ! जोर दे कर ! हाय फाड़ दे कमीने ! इतने दिन से नाराज़ बैठा था ! लगा दम ! हाय साईँ ! मार, मेरी मार ! करते हुए दोनों लगभग एक साथ ढीले पड़ गए उसने मेरा मम्मा मुँह में लेकर निपल काट दिया।

और जैसे उसने अपना लौड़ा मेरी फ़ुद्दी से बाहर निकाला, मैंने झट से मुँह में डाल सारा रस चाट लिया।

तभी विपन ने दरवाज़ा खटकाया- मैं हूँ !

अबे साले रुक !

दरवाज़ा खोला, मैं सलवार पहन चुकी थी, ब्रा बंद करने वाली थी कि उसने रोक दिया- छोड़ो !

मुझसे वो बोला- सब गए ! अब आओ, आराम से अन्दर बैठते हैं ! कोल्ड ड्रिंक पियो !

अभी छुट्टी में काफी वक्त था, मैंने सोचा दोहरा मजा ले ही लिया जाये !

मौका तो था ही !

ठीक है विपन ! छुट्टी के टाइम तक मैं यहीं हूँ !

उसके बाद क्या क्या हुआ ? मैंने खूब मजे लूटे !

यह मैं आप सब के सामने जल्दी ही लाने वाली हूँ !

इतंजार का फल मीठा होवे, समझे ना !

आपके जवाबों का इंतज़ार रहेगा Sex Stories

प्रेषक : साकेत गुप्ता Hindi Porn Stories

बात उस वक्त की है जब मैं १९ साल Hindi Porn Stories का था, और कॉलेज में पढ़ता था। मेरे पड़ोस में एक लड़की थी, वह भी मेरे ही कॉलेज में पढ़ती थी। उसका नाम आंचल था, वो बहुत ही सुन्दर थी। मैं जब भी उसको देखता तो मेरा लण्ड जोश में आ जाता। मैं मन ही मन उसे चोदने की इच्छा रखता था, वो भी मुझे अक्सर देखा करती थी।

एक दिन उसके घर कोई नहीं था, वो छत पर खड़ी थी, तो मैं भी उसकी छत पर जा पहुँचा, और सीधे जाकर उससे बोला “मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ, अगर तुम बुरा न मानो तो…”

“जो भी कहना चाहते हो बोल दो,” उसने प्रत्युत्तर में कहा।

“तुम मुझे अच्छी लगती हो, और मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ,” मैंने पहले थोड़ा सकुचाते हुए कह ही डाला।

यह सुनकर वो मेरे चेहरे को गौर से देखने लगी। मैं डर गया कि पता नहीं वह क्या करेगी।

उसने कहा – “चलो, नीचे चलो, आज घर पर कोई भी नहीं है,” तो मैं उसके साथ नीचे आ गया।

नीचे आते ही वह मुझसे लिपट गई और बोली, “मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन चाहती थी कि तुम्हीं पहले बोलो।”

मुझे तो मानों जन्नत मिल गई, मैं समझ गया कि वो भी चुदासी हो रही है। फिर मैंने देर न करते हुए अपने होंठ उसके होठों पर रख दिये। उसने कुछ नहीं कहा, बल्कि वो मेरा साथ देने लगी। उसके हाथ अब मेरी गर्दन पर लिपट गये, इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने झट से अपना एक हाथ उसकी एक चूची पर डाला और धीरे-धीरे दबाने लगा। वो भी गरम होती जा रही थी। मैंने उससे कहा कि जब हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते ही हैं तो क्यों ना एक दूसरे में समा जाएँ। तो उसने उत्तर दिया, “हाँ, चलो दो जिस्म, एक जान हो जाएँ।”

इतना कह कर वो मेरी पैंट खोलने लगी, और मैंने उसकी सलवार खोल दी। अब हम लोग बिस्तर पर आ गए, फिर मैंने खुद ही अपनी कमीज भी उतार दी, और उसका सूट भी। अब मैं सिर्फ बनियान और अण्डरवियर में था और वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी में। वो थोड़ा शरमाने लगी, मैंने कहा नहीं जान, शरमाना नहीं, और यह कहते हुए मैंने अपनी बनियान और अण्डरवियर भी उतार फेंकी।

चूँकि मैं काफी से देर से उसके होठों को चूस रहा था तो मेरा ७ इंच का लण्ड पूरी तरह से खड़ा था जिसे देखते ही वो बोली कि नहीं इसे मैं नहीं ले पाऊँगी, मैं दर्द से मर जाऊँगी। मैंने उसे समझाया कि नहीं कुछ नहीं होगा। काफी समझाने के बाद वह तैयार हो पाई। अब मैंने अपना लण्ड उसके हाथ में दे दिया, वो सहलाने लगी, और इधर मैंने उसकी चूचियाँ चूसनी शूरू कर दीं।

वह भी अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी, मैंने एक ऊँगली उसकी चूत में डाली, वो काफी चिकनी-चिकनी थी। मैं समझ गया कि वो चुदने को बिल्कुल तैयार है। मैंने उसे अपना लण्ड चूसने को कहा तो वह मना करने लगी। लेकिन मैंने जब बहुत मनाया तो वह मान गई और मेरा लण्ड उसने अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा, मुझे काफी आनन्द आ रहा था।

थोड़ी बाद जब मुझे लगा कि मैं उसके मुँह में ही झड़ जाऊँगा तो मैंने अपना लण्ड निकाल लिया, और उसे सीधा लिटा दिया और उसकी दोनों जाँघों के बीच आ गया, और अपने लण्ड का टोपा उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी। मैंने मौका देख कर एक जोर का धक्का मारा तो मेरा लण्ड उसकी चूत में तीन इंच अन्दर उतर गया, वो चिल्लाई… निककककककाकालललोओओओओ…. फट गईईईईईईई… हाय मैं मगर गईईईईईई। लेकिन मैंने उसकी कमर कस के पकड़ रखी थी। एक मिनट रूकने के बाद मैंने फिर जोर से धक्का मारा तो मेरा पूरा 7 इंच का लण्ड उसकी चूत में धँस गया, और मैं उसके ऊपर लेट गया। वह मुझे अपने ऊपर से उतारने का प्रयास करने लगी। उसकी आँखों में आँसू छलक पड़े, लेकिन मैं उसके होठों को अपने होठों में लेकर पीने लगा।

थोड़ी देर ऐसे ही उसके होठों को पीता रहा और जब वो सामान्य लगी तो धीरे-धीरे धक्के मारने चालू कर दिये। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि उसके हाथ मेरी कमर पर कसने लगे हैं तो मैंने अपने धक्कों की गति बढ़ानी शुरू कर दी, अब वह भी बोलने लगी कि हाय मेरे सरताज़… डालो… और थोड़ा सा अन्दर करो… बहुत अच्छा लग रहा है… तो मैंने भी धक्कों की गति और बढ़ा दी।

जब मैंने देखा कि वह बहुत मज़े ले रही है, तो मैंने अपना लण्ड एकदम से बाहर खींच लिया, तो वह पूछने लगी, क्यों निकाल लिया, मेरी जान डाल भी दो ना अच्छे से…, तो मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा, तो वह तुरन्त ही घोड़ी बन गई। अब मैंने पीछे से लण्ड उसकी चूत में डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा।

थोड़ी देर बाद ही वह कहने लगी… हायययययय…. मैं गईईईईईईईई… हाययययययय्य्य डाल दो पूरा अन्दर। मैंने भी ज़ोरों के धक्के मारने जारी रखे। अचानक मैंने देखा कि उसका शरीर अकड़ गया और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। लेकिन मैं अभी झड़ने के करीब नहीं आया था, मैंने फिर से उसे सीधा लिटाया और उसकी चूत की सवारी करने लगा। मैं धक्के मारता रहा, अब वो मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने धक्के लगाने चालू रखे, तो दो मिनट के बाद ही वो फिर से मेरा साथ देने लगी। अब उसे दुबारा से मज़ा आने लगा था।

मैंने अपनी गति फिर से बढ़ा दी, अब वह फिर से बोलने लगी कि और डालो जानूँ… और डालो। मैं भी से अच्छे से पेलता रहा, फिर थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने उसे यह बताया, तो वह बोली कि अन्दर ही झड़ना, आज हमारी सुहागरात है, और मैं तुम्हारा रस अपने अन्दर ही डलवाना चाहती हूँ। तो मैं जोश में आ गया, और ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत की गरमी निकालने लगा। इसके एक मिनट बाद ही उसकी बाँहें फिर से मेरी कमर पर कस गईं, और मैं समझ गया कि वह फिर से झड़ गई है। अब मैंने भी आठ-दस लम्बे-लम्बे से धक्के मारे और मैं भी उसके ऊपर निढाल होकर गिर गया। मेरे लण्ड ने भी उसके अन्दर पिचकारी छोड़ दी।

उस दिन दोस्तों, मैंने उसे पाँच बार चोदा, और हमारा चुदाई का यह सिलसिला चालू हो गया। मैं उसे आज तक चोद रहा हूँ, हालाँकि उसकी शादी हो चुकी है, लेकिन फिर भी जब भी मौका मिलता है, वह मुझसे चुदवा लेती है।

दोस्तों आप सब को मेरी यह कहानी कैसी लगी, अपने विचार ज़रूर भेजें Hindi Porn Stories

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