Low price ✅ New 🎉 model ✨100% 🔝💋 genuine sarvice ❣️🔝✨ call girl sa
Low price ✅ New 🎉 model ✨100% 🔝💋 genuine sarvice ❣️🔝✨ call girl saLow price ✅ New 🎉 model ✨100% 🔝💋 genuine sarvice ❣️🔝✨ call girl saLow price ✅ New 🎉 model ✨100% 🔝💋 genuine sarvice ❣️🔝✨ call girl saLow price ✅ New 🎉 model ✨100% 🔝💋 genuine sarvice ❣️🔝✨ call girl saLow price ✅ New 🎉 model ✨100% 🔝💋 genuine sarvice ❣️🔝✨ call girl saLow price ✅ New 🎉 mo
Our site can help you find a professional massage girl in Kupwara who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Kupwara that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Kupwara massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Kupwara who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Kupwara massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Kupwara massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Kupwara who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Kupwara employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Kupwara helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Kupwara
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Kupwara at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
हाय ! मेरा नाम अजय है Sex Stories और मेरी उम्र 21 साल है, मैं मुम्बई में रहने वाला एक सुन्दर लड़का हूँ। मैं अन्तर्वासना के माध्यम से अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।
मेरा मन कामुक कथाएं पढ़ने का बहुत करता है इसलिए मैं बहुत सारी सेक्स-कहानियों की किताबें अपने साथ रखता हूँ।
अब कहानी शुरू करता हूँ..
यह करीब एक साल पहले की बात है, मेरी कक्षा में एक सेक्सी लड़की ने प्रवेश लिया। वो एक सेक्सी शरीर की मालकिन थी।
सारे लड़के उसे देखते तो उनके मुंह से आह निकलती थी।
उसके स्तन तो ऐसे थे कि ब्रा में समाते ही नहीं थे और हमेशा उसके अन्दर चहकते रहते..और काजल की टाईट जींस के अन्दर उसकी तरबूज़ जैसी गाण्ड ऐसी लगती थी कि अभी इसकी चुदाई कर दूँ…
क्लास के सभी लड़के काजल के पीछे पड़े थे..मैं एक शर्मीला लड़का हूँ इसलिए मैं दूर रहता था। लेकिन क्लास में होने की वज़ह से हमारी दोस्ती हो गई। लेकिन मैं भी उसे चोदना चाहता था और मुझे मौका मिल ही गया।
वो मेरे घर की तरफ़ ही रहती थी, इस वज़ह से वो मेरे साथ ही आती जाती थी। मैं रिक्शे में हमेशा हमेशा चांस मारता था, कभी उसके बूब्स पे हाथ मार देता तो कभी मज़ाक में उसकी गाण्ड पे हाथ मार देता। वो भी कुछ नहीं बोलती थी।
बारिश का मौसम था। उस दिन बारिश की वज़ह से हम काफ़ी भीग चुके थे। गीले कपड़ों में उसके स्तन पूरे आकार में दिख रहे थे और मेरा लण्ड खड़ा हो गया था।
मैंने उसे आज ही चोदने का मन बना लिया था।
वो मुझे अपने घर ले गई। हम दोनों को ठण्ड लग रही थी, वो अपने कपड़े बदल कर आई, तब तक मैं अपना शर्ट निकाल चुका था..
काजल जैसे ही बाहर आई तो मैं उसे पकड़ के किस करने लगा। वो कुछ समझी ही नहीं पाई या फ़िर ना समझने का नाटक कर रही थी।
मैं किस करते करते उसके बूब्स को दबाने लगा, वो कुछ नहीं बोली।
मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैंने उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिया। अब तक वो भी पूरी आपे से बाहर हो चुकी थी, उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया, मैं समझ गया कि काजल को मेरा लण्ड चाहिए।
मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। मैं अपना लण्ड उसके मुँह में देने लगा, पहले तो उसने मना किया लेकिन बाद में वो राज़ी हो गई। वो मेरे लण्ड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी।
हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए। मैं उसकी गुलाबी चूत को जीभ से चाटने लगा। उसके मुंह से ..ऊह या पंकज़ याह ऊऊह प्लीज़ चोदो मुझे… मुझे तुम्हारा… बड़ा सा लण्ड चाहिए ओ येस की आवाज़ निकाल रही थी।
हम दोनों बेकाबू हो गए और एक दूसरे के मुँह में झड़ गए।
15 मिनट तक हम एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे, उसके बाद वो फ़िर से चुदाई के लिए तैयार हो गई, लेकिन इस बार जीभ से नहीं मेरे लण्ड से चुदाने के लिए तैयार थी।
मैं उसे कुतिया स्टाईल में चोदने के लिए तैयार हो गया लेकिन वो पहली बार चुदाने जा रही थी इसलिए उसकी चूत काफ़ी टाईट थी।
मैंने उसे क्रीम लाने को बोला, और उस पे लगाया, फ़िर एक जोर का झटका दिया और वो चिल्लाने लगी- निकालो-निकालो !
फ़िर मैं रुक गया, थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ और वो भी मचलने लगी।
फ़िर मैंने और एक झटका दिया और मेरा लण्ड पूरी तरह उसकी चूत के अन्दर हो गया और उसके मुँह से अजीब आवाज़ें निकलने लगी- ओह अजय ! प्लीज़ मेरी चूत को फ़ाड़ दो प्लीज़ ओ ओह यस… मैं ज़न्नत में हूँ… तुम पहले क्यों नहीं मिले..आई लव यू पंकज़ !
और मैं तो जैसे स्वर्ग में था, अब हम दोनों पूरे जोर से एक दूसरे को चोद रहे थे।
अब हम दोनों झड़ने वाले थे, वो बोली-अन्दर मत गिराना… मैं तुम्हारे पानी को पीना चाहती हूँ..
मैंने बाहर निकाल के उसके मुंह में गिरा दिया… वो सारा पानी पी गई… उसके बाद हम दोनों ने अलग अलग ढंग से दो बार और चुदाई की।
वो मेरे साथ एक साल रही, लेकिन अब वो कोलकाता चली गई है.. और मैं अकेला पड़ गया हूँ..
मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें! Sex Stories
प्यारे दोस्तो, Sex Stories कैसे हैं आप!
अब मैं अपनी स्टोरी शुरु करता हूं
अगले दिन मेरी बहन मुझ से और मैं बहन से आंख नहीं मिला पा रहे थे.
तब मेरी मम्मी आयीं और बोली- अरे सुबह से उठे हो नहाये नहीं अभी कोई भी चलो सब नहाते हैं!
मैंने और सिस्टर ने कहा- ठीक है।
हम नहाने अंदर चले गये, हमने अपने कपड़े उतार दिये मुझे, मेरी बहन और मम्मी को कोई झिझक नहीं हुई तब मम्मी ने देखा मैं अपनी बहन से बात नहीं कर रहा हूं तो बोली क्या हुआ? बात क्यों नहीं कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं!
तब मम्मी बोली- कल की वजह से?
मैंने कहा- हाँ!
मम्मी ने कहा- क्या हुआ? इतना समझ कर भी ऐसे हो? चलो नहाओ रोज़ की तरह तब।
मेरी बहन ने मेरे ऊपर पानी डाला और मैंने भी फ़िर साबुन लगाया उसने मेरे पैर और मेरा लंड पकड़ लिया और मस्त हो गई फ़िर मैंने लगाया और उसकी चूचियाँदबाने लगा और अपना लंड उसकी चूत पर लगा दिया.
वो भी एक्साइटेड हो गई और बोली- अब शरम छोड़ो क्या हम नहीं कर सकते चुदाई?
तो मैंने कहा- कर सकते हैं, पर मम्मी से परमीशन ले लो!
तब मम्मी कहा- कर लो… पर कंडोम जरूर लगाना!
मैंने कहा- ठीक है!
तब मैंने पूछा- रात मजा आया था?
तो बोली- बहुत… अब मैं बाहर किसी और से नहीं चुदाई करवाऊँगी! जब घर में 2-2 लंड हैं तो मैंने फ़ैसला कर लिया है शादी के बाद भी पापा से और आप से चुदाई करवाती रहुंगी.
मैंने कहा- मैंने भी फ़ैसला किया है कि मैं भी मम्मी और तुम्हारी शादी के बाद भी करता रहुंगा.
मम्मी ने कहा- तुम्हारे पापा और मैंने भी फ़ैसला किया है, जब चाहो चुदाई करेंगे मिल कर!
तब मैंने अपनी बहन की चूत में तेल लगाया और मम्मी के…
फ़िर पहले मैंने अपनी बहन की चूत में अपना लंड डाला और उसकी चुदाई की और चुदाई से पहले उसने मेरा लंड चूसा और मैंने उसकी चूत को फ़िर मैंने मम्मी की चुदाई की.
मेरी बहन की चूत अभी भी बहुत टाइट थी और एक दम गर्म।
मेरी मम्मी ने कहा कि अब कभी बाहर मत करना किसी और लड़के से और किसी और लड़की से फ़िर थोड़ी देर बाद।
मैं बाहर घूम कर आया और मैंने फ़िर अपनी बहन को बोला की मुझे आज तुम्हारी गांड मारनी है!
वो बोली- दर्द होगा!
तो मैं बोला- आराम से करुंगा दर्द होगा एक बार पर फ़िर आदत हो जायेगी और दर्द भी नहीं होगा मज़ा भी खुब आयेगा.
तब मैंने अपनी बहन की गांड पर तेल लगाया और पहले ऊँगली डाली फ़िर अपना लंड लगा दिया.
वह चिल्ला पड़ी- फ़ट गई मेरी गांड बहुत टाइट है आराम से डालो!
मैंने फ़िर धीरे 2 अंदर डाला और फ़िर खूब चुदाई की फ़िर उसे भी मज़ा आया तब उस रात हमने खूब चुदाई की.
एक दिन हम कहीं घूमने गये हमारे बेग में कपड़े थे पर बाहर बड़ी बारिश हो रही थी हमारे सारे कपड़े भीग गये बेग के भी हमने एक रूम ले लिया हमे 4-5 दिन रुकना था रात को हमने फ़ैसला किया कपड़े तो भीग गये हैं सब बिना कपड़ों के एक ही रज़ाई में सोयेंगे क्योंकि कोई और रास्ता नहीं है.
तब पापा मेरी बहन के साथ मैं मम्मी के साथ सोया और रात भर खूब चुदाई की कभी चूत मारी कभी गांड और फ़िर हमने चेंज किया मम्मी पापा के साथ और मैं मेरी बहन के साथ उसकी गर्म 2 चूत बड़ा मज़ा आया फ़िर मैंने गांड भी मारी और रात को ऐसे ही अंदर डाल कर सो गये हमने वहाँ 5 दिन रुकना था हम बाहर घूमने नहीं गये बस दिन रात चुदाई की। Sex Stories
अंश और अभिनव दोस्त हैं. अंश अपनी बहन उषा के साथ Antarvasnaअभिनव के गाँव गया है वहाँ अभिनव की छोटी बहन सपना उन से मिलती है अभिनव सुमन नाम की नौकरानी को अक्सर चोदता आया है अंश भी सुमन को चोदना चाहता है दीवाली के दिन होने से अभिनव की माताज़ी ने महेमान घर की सफ़ाई का काम निकाला है महेमान घर गाँव से बाहर है उषा और सपनासुमन के साथ वहाँ गयी है. अभिनव और अंश महेमान घर जा पहुँचते हें और उषा और सपना को चाय नाश्ता लेने बड़े घर भेज देते हें.सुमन अकेली रह जाती है दोनों दोस्त एक साथसुमन को चोदते हें.
चुदाई चालू है आगे पढ़िए:
अभिनव सुमन के सर के पास बैठ गया और अपना लंड उस के मुँह में धर दिया.सुमन को अपना मुँह पूरा खोलना पड़ा अभिनव का मोटा लंड अंदर लेने के लिए इधर मैंने उसकी जांघें फैला के लंड भोस पर टिका दिया और एक धक्के से सारा का सारा लंड चूत में घुसेड़ दिया. उधर अपने हिप्स हिला कर अभिनव सुमन का मुँह चोदने लगा तो मैं धीरे धक्के से उस की टाइट चूत चोदने लगा.सुमन के मुँह से उन न न न न आवाज़ आने लगी और उसके चुतड़ घूमने लगे.
थोड़ी ही देर में उसकी चूत ने फटाके मारने शुरू किया. मैंने लंड को पूरा बाहर निकल कर क्लाइटोरिस पर रगडा. अचानक सुमन का बदन अकड़ गया और रोएँ खड़े हो गये मैंने झट से लंड चूत में डाला और तेज़ रफ़्तार से चोदने लगा.सुमन की चूत ने सिकोड़ कर मेरा लंड निचोड़ लिया. जब उस का ओर्गेज़्म शांत हुआ तब हमने लंड निकाले. दोनों लंड कड़े ही थे क्योंकि हममें से कोई झड़ा नहीं था.
पद्मा बोली : हाय दईया, ऐसी चुदाई तो कभी नहीं करवाई.
हम दोनों ने कन्डोम लगाए. मैं पलंग पर लेट गया. अभिनव ने सुमन को मेरी जांघों पर बिठाया. मैंने लंड सीधा पकड़ रखा.सुमन ने लंड के मत्थे पर चूत टिकाई. जैसे उसने नितंब गिराए मेरा लंड स र र र करता चूत में घुसने लगा. जब मोन्स से मोन्स टकराई तब मूल तक का लंड चूत में पैठ गया था.
अभिनव ने कहा: अंश, अभी ज़रा रुकना, धक्के मत देना.सुमन, तू आगे झुक और गांड उधर कर.
मैं देख नहीं पाता था लेकिनसुमन के कराहने की आवाज़ से समझ गया कि अभिनव उसकी गांड में लंड डाल रहा था. जब पूरा लंड डाला गया तब अभिनवसुमन की पीठ पर झुका और बोला: अंश, मैं गांड मार रहा हूँ औरसुमन भी हिप्स हिलाएगी वैसे ही तेरा लंड चूत में आता जाता रहेगा तुझे धक्के लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
अभिनव उपर से सुमन की गांड मारने लगा. उस के धक्के सेसुमन के नितंब आगे पीछे हिलते थे. बिना कुछ किए मेरा लंड चूत में आता जाता था. जब सुमन गांड सिकॉड़ती थी तब साथ साथ चूत भी सिकुड़ती थी और मेरा लंड दब जाता था. अभिनव ने शुरुआत धीरे धक्के से की थी लेकिनसुमन की उत्तेजना तेज़ी से बढ़ने लगी अभिनव ने धक्के की रफ़्तार बढ़ाई पीछे से हाथ डाल कर अभिनव नेसुमन के स्तन थाम लिए थे. मैं उसका मुँह चूम रहा था. मैंने एक हाथ हमारे बदन बीच से भोस पर लगा दिया.सुमन की सारी भोस गीली हो गयी थी. जैसे मैंने उसकी कड़ी क्लाइटोरिस को छुआ वैसे उसको ओर्गाज़्म हो गया. हमने धक्के लगाने रोक लिए.
ओर्गाज़्म के फटाके शांत हुए तब अभिनव ने कहा :सुमन, प्यारी, तू कहे तो हम दोनों जगह बदल कर चुदाई करें?सुमन मुँह से बोली नहीं, छूट सिकोड़ कर जवाब दिया.
हमने जगह की अदला बदली की. गांड मारने का ये मेरा पहला अनुभव था. चूत के बजाय गांड इतनी टाइट होती है वो मैंने पहली बार जाना.
गांड में लंड डालने की तकनीक अलग है जो मुझे अभिनव ने सिखाई. जब मेरा लंडसुमन की गांड में पूरा बैठ गया तब अभिनव ने मुझे फिर चित लेटाया. अपनी गांड में मेरा लंड लिएसुमन ऊपर आ गयी उसने जांघे चौड़ी कर दी. अभिनव उपर चढ़ गया. एक ही धक्के से उसने अपना लंड चूत में घुसेड़ दिया. पाँच सात धक्के मार कर वो रुक गया और बोला : अंश, अब तेरी बारी. तू धक्के लगाएगा तब मैं स्थिर रहूँगा.
मैंने धीरे धक्के से गांड मारनी शुरू की. दोस्तो, चूत और गांड में बहुत फ़र्क है उसे चोदने का आनन्द भी अलग अलग है हाथ की मुट्ठी में पकड़ा हो वैसेसुमन की गांड ने मेरा लंड पकड़ा था, मानो कि वो गांड से मुठ मार रही थी. जब वो चूत सिकॉड़ती थी तब उसकी गांड भी सिकुड़ जाती थी और लंड और ज़ोर से भिंच जाता था. लंड में इतनी गुदगुदी होती थी कि वहाँ से निकल कर सारे बदन में फैल जाती थी.
थोड़ी देर बाद मैंने और अभिनव ने एक साथ धक्के लगाने शुरू किए. मैं अब पूरी ताक़त सेसुमन की गांड मारने लगा. अभिनव भी ऐसे ही उसकी चूत मार ने लगा. दूसरी दस मिनट तक चुदाई चली तबसुमन बोली : मैं तीन बार झड़ चुकी हूँ अब तो बस कीजिए.
हम दोनों ने तेज़ी से धक्के लगाए और एक साथ झड़े.सुमन भी एक बार और झड़ी.. लंड निकाल कर हम उतरे.
थकी हुईसुमन थोड़ी देर पड़ी रही, बाद में उठ कर बाथरूम में चली गयी हमने भी सफ़ाई की और कपड़े पहन लिया. आगोश में ले कर अभिनव नेसुमन को किस किया और पूछा : तुझे लगा तो नहीं न? मजा आया?
वो बोली : बहुत मजा आया
अभिनव : कैसा लगा मेरे दोस्त का लंड? फिर से चुदवायेगी?
धत्त कह केसुमन ने हलकी चपत लगाई और अपने आपको छुड़ा कर भाग गयी
पद्मा के जाने के बाद हम अगले कमरे में गये वहाँ सपना और उषा चाय नाश्ता साथ हमारी राह देख रही थी. हमें देख वो खिल खिल हँसने लगी अभिनव ने पूछा : कब की आई हो तुम? और ऐसे हँस क्यों रही हो?
एक दूजे की ओर देख कर वो दोनों फिर से हँसने लगी
मैं: चाय लाई हो या नहीं?
जवाब में उषा ने चाय नाश्ता लगाया. हम चारों ने नाश्ता किया. बाद में बातें चली.
उषा : अभिनव भैया, सपना कहती है कि आप दोनों को दूध पीना चाहिए.
अभिनव :क्यूं भला?
अपने मुँह पर हाथ रख कर सपना हँसती हुई बोली: इतना जो दूध अभी आपने निकाल दिया वो दूध पीने से नया बन जाएगा.
उषा : सपना, भैया ने जो निकाला वो दूध कहाँ था? क्रीम था क्रीम, दूध इतना खट्टा कहाँ होता है?
थोड़ी देर अभिनव सोच में पड़ गया, बोला: कितना क्रीम निकाला ये तुम्हें कैसे मालूम?
उन दोनों की हँसी बढ़ गयी.
अभिनव: समझा, अब मैं समझा. तुम दोनों ने हमारी चुदाई देख ली है सही ना? सपना?
सपना शर्म से हमसे नज़र नहीं मिला सकती थी. बोले बिना उस ने हाँ कही.
अभिनव: अंश, इन दोनों ने हमारी चुदाई देख ली है क्या करेंगे उनका?
सपना : दूध ले आ?
सपना ज़ोर से हँस पड़ी.
अभिनव : उषा, दूध की ज़रूरत नहीं है जहाँ क्रीम बनता है वो फेक्टरी ओवर टाइम काम करती है अभी काफ़ी क्रीम पड़ा है चाहिए तुझे?
उषा ने अपना चेहरा ढक दिया. आश्चर्य से सपना की आँखें फट गयी वो बोली : मैंने कहा था ना? अभिनव भैया को मत उकसाना? सुन लिया जवाब?
मैं: मेरे पास भी काफ़ी क्रीम है किस को चाहिए?
लड़कियों के मुँह से सेक्स की बातें सुन कर हमारे लौड़े खड़े होने लगे थे. उन दोनों की नज़रें बार बार उस तरफ़ जाती थी. दोनों के चेहरे लाल लाल हो गये थे.
मैं बनावटी मुँह लंबा कर के बोला : अभिनव ये तो बुरा हुआ. उषा तो कँवारी नहीं है उस के लिए चुदाई नयी चीज़ नहीं है लेकिन सपना?
अब की बारी थी अभिनव की खड़ खड़ हँसने की. वो बोला: सपना, तू कँवारी है?
सपना नज़र नीची कर बोली: ऐसे भी क्या पूछ रहे हैं भैया? आप जानते तो हैं.
ज़ाहिर हुआ कि सपना को भी किसी ने चोदा था. मैं मन ही मन ख़ुश हुआ कि चलो इस लड़की को चोदना आसान होगा. मैंने प्रार्थना की हे! भगवान एक मौक़ा दे दे मुझे इस कुड़ी को चोदने का.
अभिनव : उषा, ये बता कि तुझे किसने चोदा पहली बार?
सपना ने मेरी ओर इशारा कर दिया. अभिनव बोला: अच्छा तो ये है बहन चोद. कहाँ और कब?
उषा: मंजुला भाभी के घर उसी वक़्त.
अभिनव: उसी वक़्त? वाह रे मेरे शेर, तूने दो दो चूत मार दी एक साथ. लेकिन बदमाश, तू तो कहता था कि तूने अकेली भाभी को चोदा था.
मैं: मैं क्या करता? मुझे भाभी को चोदते देख उषा गर्म हो गयी और…
अभिनव: …और तूने उसे भी चोद लिया. शाबाश.
मैं: बात ये है कि… बताऊँ उषा?
उषा ने हाँ कहा.
मैं: बात ये है कि बचपन से ही उषा जल्दी गर्म हो जाती है मैंने तो तब जाना जब एक दिन…
एक दिन उषा के घर कुछ मेहमान आए तांगा लिए जैसे तांगा रुका, घोड़े ने अपना दो फुट लंबा लंड निकाला और पेशाब किया. अंश और उषा वहाँ मौजूद थे. बारह साल की उषा घोड़े का लंड देख उत्तेजित होने लगी उसकी पीकी गीली हो गयी वो अपनी पीकी खुजलाने लगी. रात को जब माताज़ी और पिताजी सो गये तब वो अंश के पास जा कर बोली : भैया, मेरी पीकी तो देखो, कितनी सूज गयी है और गीली भी हो गयी है.
अंश ने उस दिन पहली बार अपनी बहन की भोस देखी. उषा के बदन में जवानी खिल रही थी. सीने पर बड़े नींबू की साइज़ के स्तन उभर आए थे. भोस पर काले झांट उग निकले थे. अंश को मालूम था क्या करना. उषा को लेटा कर उसने उगालियों से भोस सहलाई और क्लाइटोरिस मसली. उषा बोली : भैया बहुत गुदगुदी होती है दो पाँच मिनट में उषा को ओर्गेज़्म हो गया. इसके बाद बैठकर अंश ने उसे समझाया कि लंड क्या है चूत क्या है चुदाई क्या है वग़ैरह.
मैं : याद है उषा तेरा वो पहला ओर्गेज़्म?
अभिनव : तब से ओर्गेज़्म का मजा लेती हो तुम?
उषा : शुरू शुरू में इतने ज़ोरदार नहीं होते थे.
अभिनव : अब कैसे होते हैं?
उषा : मैं क्या कहूँ? आप ही देख लीजिए न.
अभिनव ख़ुश हो गया. उसके लंड ने पाजामा का तंबू बना दिया.
अभिनव : सपना तो लंबे अरसे तक बेख़बर रही थी, क्यूं सपना?
मैं : आख़िर किस ने ज्ञान करवाया?
अभिनव : एक बार ऐसा हुआ कि…
एक बार सपना को साइकिल पर बिठा कर अभिनव कहीं जा रहा था कि रास्ते में एक गधी दौड़ आई. उसके पीछे गधा पड़ा था. जैसी गधी उनके पास आकर खड़ी हो गयी वैसे ही गधा ऊपर चढ़ गया और चोदने लगा. उसका दो फुट का लंड गधी की चूत में आता जाता सपना और अभिनव दोनों देखते रहे. सपना घबरा गयी और बोली : ये क्या कर रहा है? गधी मर जाएगी?
अभिनव ने सपना के कान में कहा : घर जा कर सब समझाऊँगा.
गधे गधी की चुदाई देख कर अभिनव का लंड तो खड़ा हो गया लेकिन सपना पर कोई असर पड़ा नहीं. घर पहुँचे तब घर में कोई था नहीं. अभिनव बहुत एक्साइट हो गया था. सपना की मौजूदगी की परवाह किए बिना वो बाथरूम में गया और मुठ मारने लगा. ताज्जुब हो कर सपना देखती रही. उस ने पहली बार बालिग लंड देखा था, बोली : भैया इतना तेज़ी से घिसते हो तो कहीं लग जाएगा.
अभिनव जवाब देने के मूड में नहीं था. फ़च्छ फ़च्छ करती वीर्य की चार पाँच पिचकारियाँ छोड़ कर वो झड़ा. अभिनव ने उस वक़्त सपना को समझाया कि चुदाई क्या है लोग क्यों करते हैं. सुनकर सपना बोली: चलो ना भैया, हम दोनों चुदाई करें?
अभिनव: न, अभी तू छोटी हो. तेरी चूत सिकुड़ी है तू ज़रा बड़ी हो जाए, तेरी महवारी शुरू हो जाए बाद में तू चुदवा सकेगी, इनसे पहले नहीं.
सपना: ऐसा? लेकिन भैया, जब मैं बड़ी हो जाऊँ तब आप ही मुझे पहली बार चोदना!
अभिनव: ऐसा हुआ भी सही, क्यों सपना?
उषा: अभिनव भैया, पूरी कहानी कही ये. कब, कहाँ, कैसे? आपने हमारी तो सुन ली है अब आपकी सुनाईये.
अभिनव: वक़्त आने पर कहूँगा. फिलहाल मैं देख रहा हूँ कि अंश के बदन में क्रीम का प्रेशर बढ़ गया है उसका कुछ करना पड़ेगा वरना बेचारे की गन फट जाएगी
अभिनव सच कह रहा था. मेरा लंड तन कर लोहे जैसा हो गया था.
मैं: उषा, हमारी चुदाई देख तुझे कुछ नहीं हुआ?
उषा: भैया, कैसी बात करते हैं आप? मैं पत्थर की बनी हूँ क्या?
मैं: तो अब तक तू राह किसकी देख रही है? निमंत्रण चाहिए तुझे? देखती नहीं है अभिनव का…
अभिनव बीच में बोला: अंश, उषा लड़की है बुलाए बिना नहीं आएगी, क्यूं उषा?
अभिनव उठकर उषा के पास गया. उसने बाहें लंबी की, उषा ने उसके हाथ पकड़ लिए खींचकर उषा को उसने खड़ा कर दिया और अपनी बाहों में भर लिया. उन दोनों के मुँह किस में जुट गये.
मैं सोफ़े पर बैठा था. हाथ लंबे करके मैंने सपना को बुला लिया. सपना मेरे पास चली आई और खड़ी हो गई. वो शरमा रही थी. दाँत से उंगली काट रही थी. उसका चेहरा लाल लाल हो गया था. दो तीन बार मुझसे आँख चुरा कर उसने अभिनव और उषा की ओर देखा. उन दोनों को चुंबन में लगे हुए देख सपना ज़्यादा शरमाई. बहुत प्यारी लग रही थी वो. उसने रेशमी चोली, घाघरी और ओढ़नी पहनी थी. चोली छोटी होने से उसकी गोरी गोरी कमर और सपाट पेट का काफ़ी हिस्सा खुला था. मैंने उसे कमर से थाम लिया. उसने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दी. मैंने उसे पास खींच लिया. मेरा सिर उसके सीने से दब गया. सिर हिला कर मैंने उसके स्तन टटोला. ऐसे में ओढ़नी का पल्लू थोड़ा खिसक गया. खुले हुए गोरे पेट पर मैंने किस कर दिया. गुदगुदी से वो छटपटाई. उसे पकड़ कर मैं किस करता रहा.
आख़िर मेरे बाल पकड़ कर उसने मेरा सिर हटा दिया. बोली: मुझे बहुत गुदगुदी होती है
मैं: ये तो तेरा पेट है यहाँ (भोस पर हाथ रखते हुए) किस करूँगा तब क्या होगा?
उसने तुरंत मेरा हाथ हटा दिया. एक उंगली मेरे होठों पर रख कर बोली: धत्त, ऐसा नहीं बोलते.
मैंने होंठ खोल उंगली मुँह में ली और चूसने लगा. मेरा दूसरा हाथ कमर पर से उतार कर उसके भरे भरे नितंब पर जा पहुँचा. मैंने कूल्हे सहलाए और दबाए. उसने मेरे मुँह से उंगली निकाल ली और सिर झुकाकर अपने होंठ मेरे होंठ से लगा दिए जांघें चौड़ी कर मैंने उसे मेरी बाई जाँघ पर बिठा दिया. हमारे होंठ किस में जुटे हुए थे. बंद होंठ से ही मैंने उसके कोमल होंठ रगड़े. मुँह खोल मैंने उसके होंठ मेरे होंठ भींच लिए और जीभ से चाटे. फूल की पंखुड़ी जैसे कोमल उसके होंठ मुझे इतने मीठे लगे कि मेरा लंड अकड़ने लगा.
जीभ से मैंने होंठ टटोले तब वो फिर छटपटा गयी.
मैंने कहा : मुँह खोल तो ज़रा.
थोड़ी हिचकिचाहट के बाद उसने मुँह खोला. मेरी जीभ अंदर जाकर चारों ओर घूम चुकी और उसकी जीभ से खेलने लगी. मैंने जीभ लंड जैसी कड़ी बनाई. कड़ी जीभ अंदर बाहर करके मैंने सपना का मुँह चोदा. जब मैंने मेरी जीभ वापस ले ली तब उसने अपनी जीभ से वो सब किया जो मैंने किया था. हम दोनों एक्साइट होने लगे.
उधर अभिनव ने उषा को पलंग की धार पर लेटाया था और ख़ुद ज़मीन पर बैठ उसकी भोस सहला रहा था. भोस के होठ चौड़े करके वो जीभ से क्लाइटोरिस टटोल रहा था. उसकी दो ऊँगलियाँ उषा की चूत में डाली हुई थी जो उस के जी स्पोट का मर्दन कर रही थी. अचानक अभिनव ऊँगलियाँ तेज़ी से अंदर बाहर करके उषा की चूत को चोदने लगा. उषा के कूल्हे हिलने लगे. वो मुँह से सी सी सी आवाज़ करने लगी, अभिनव क्लाइटोरिस चूसता रहा और ऊँगलियों से चूत मारता रहा. किस चालू ही थी कि मेरा हाथ सपना के पेट पर चला गया. ओढनी का पल्लू हटा कर मैंने पेट सहलाया. उसकी बाहें मेरे गले में थी इसलिए दोनों स्तन खुले थे. पेट पर से मेरा हाथ चोली में क़ैद सपना के स्तन पर गया. पहले मैंने हलके स्पर्श से स्तन सहलाया, बाद में दबाया. चोली पतले कपड़े की थी और लो कट भी थी. मेरी ऊँगलियों ने कड़ी निप्पल ढूँढ निकाली. दो ऊँगलियों से टटोलने के बाद मैंने निप्पल चिपटी में ली.
सपना ने मेरी कलाई पकड़ ली और हाथ हटाने का प्रयत्न किया. मुट्ठी में स्तन भर के मैंने हटाने दिया नहीं. उधर फ़्रेंच किस की मस्ती में वो अपना स्तन भूल गयी चिपटी में पकड़ी हुई निप्पल मैंने मसली और खींची. उसकी बाहों की पकड़ ज़्यादा ज़ोरदार हो गयी निप्पल छोड़ मेरी ऊँगलियों स्तन के खुले हिस्से पर घूमने लगी मैंने चोली के अंदर उगली डालने का प्रयत्न किया लेकिन डाल न सका क्योंकि चोली छोटी और टाइट थी. किस करते करते मैंने एक एक कर चोली के सब हुक खोल डाले. चोली हटते ही उसके नंगे स्तन मेरी हथेलियों में क़ैद हो गये. सपना के स्तन इतने बड़े तो नहीं थे जितनेसुमन के थे. लेकिन संपूर्ण गोल और कठोर थे. दबाने से दबे नहीं जाते थे. अनजाने में मुझसे ज़रा ज़ोर से स्तन दब गया. सपना कराह उठी. किस छोड़ कर उसने अपना सिर मेरे कंधों पर रख दिया और बोली: मुझे दर्द होता है
मैंने स्तन सहलाया और कहा: जब तक तेरे स्तन बढ़ते रहेंगे तब तक उसे दबाने से दर्द होता रहेगा. पूरे विकसित हो जाने पर दर्द नहीं होगा.
अब मैंने उसकी ओढनी और चोली निकाल दिए उसने शर्म से आँखें बंद कर दी. उसके प्यारे प्यारे स्तन मैं अच्छी तरह देख सका. क्या स्तन पाए थे उस लड़की ने? इतने ख़ूबसूरत स्तन की मुझे उम्मीद नहीं थी. गोरे गोरे गोल गोल छोटे श्रीफ़ल की साइज़ के उसके स्तन कड़े थे. चिकनी मुलायम चमड़ी के नीचे ख़ून की नीली नसे दिखाई दे रही थी. स्तन की चोटी पर बादामी कलर की दो इंच की एरोला थी. एरोला के मध्य में कि के दाने जैसी कोमल छोटी सी नीपल थी. उस वक़्त एक्साइटमेंट से एरोला उभर आई थी और निप्पल कड़े हो गये थे. मैंने पहले हलके स्पर्श से सारा स्तन सहलाया, बाद में मुट्ठी में लिया. निप्पल को चिपटी में लेकर मसला. सपना के मुँह से आह निकल पड़ी.
स्तन साथ खेलते हुए मैंने सपना का हाथ लंड पर रख दिया. पाजामा के आर पार मेरे तने हुए लंड को छूते ही उसने हाथ हटा लिया.
मैं: पकड़ ले, डरती क्यूं हो? काटेगा नहीं.
उसे हँसी आ गयी मैंने फिर लंड पकड़ाया. इस वक़्त उसने मुट्ठी में लिया और होले से दबाया. लंड ने ठुमका लगाया.
मेरे आश्चर्य की हद न रही जब वो मेरे कान में बोली: इतना बड़ा और मोटा? मुझे मुँह में लेना है ले सकती हूँ?
इसके बाद क्या हुआ? कैसे सपना और उषा की चुदाई हुई? ये जानने के लिये अगला भाग अवश्य पढ़ें…
कहानी का अगला भाग : हम पाँच : बहनों की अदला बदली-2 Antarvasna
दोस्तों मेरा नाम बिट्टू है Antarvasna और मैं भोपाल में रहता हूं। ये कहानी उस समय की है जब हमारे घर में किराये पर नये किरायेदार आये।
हमारे किरायेदार की बीबी बहुत ही सुन्दर थी, वो पंजाब की रहने वाली थी और जब पंजाब की है तो सुन्दर तो होगी ही। उसका नाम पायल था। उमर होगी करीब २६-२७ साल, रंग एकदम दूध की तरह सफ़ेद। एकदम गोल-२ स्तन थे उसके। उन दिनो मैं बहुत सी व्यस्क पुस्तकें पढ़ता था। इसी वजह से मुझे छोटी सी उमर में की सेक्स का काफ़ी ज्ञान हो गया था। बस हर समय चूत मारने का दिल करता रहता था। और जब पायल आंटी को देख लेता था तो मेरा लंड पैंट फाड़कर बाहर आने को हो जाता था। पायल को कहने में भी डर लगता था क्योंकि वो तो मुझे कम उम्र समझती थी। इसलिये मुट्ठी मार कर ही काम चलाना पढ़ता था।
मैं तो पायल के स्तन देखने के लिये बेचैन रहता था। जब वो अपने कमरे में झुककर झाड़ू लगाती थी तो मुझे उसके सेक्सी स्तनों के दर्शन हो जाते थे। दोस्तो अभी तक तो मैं उसके चूचे ही देखता था लेकिन एक दिन मेरी किस्मत खुली और मैंने पायल को बिल्कुल नंगा देखा।
हुआ क्या कि मैं अक्सर उसके कमरे में जाता था ताकि मैं उसको देख सकूँ।
एक दिन मम्मी ने मुझे पायल को कुछ देने के लिये भेजा, मैं दरवाजे को बिना खटखटाये ही पायल के कमरे में घुस गया, उस समय पायल अपने कपड़े बदल रही थी और वो बिल्कुल नंगी थी। मैंने जैसे ही उसको देखा तो मेरे सारे शरीर में एक करेंट सा दौड़ गया, वो घबराकर किचन में चली गई और मैं भी कमरे से बाहर आ गया। मेरा दिल जोर-२ से धड़क रहा था क्योंकि ऐसा हसीन नजारा मैंने पहली बार जो देखा था। मुझे थोड़ा खुद पर शरम भी आई कि मैं बिना खटखटाये कमरे में चला गया, लेकिन दिल में एक खुशी भी थी कि चलो इसी बहाने मैंने पायल को नंगा तो देख लिया।
जिस दिन से मैंने पायल आंटी को नंगा देखा, तब से तो उसको चोदने की तम्मना और ज्यादा बढ़ गई। रात को बस वो ही सपनों में आती थी। पायल के पति प्रेस में थे। उनकी एक सप्ताह दिन की ड्यूटी होती थी और एक सप्ताह रात की। जब उनकी रात की ड्यूटी होती थी तो वो मुझे अपने कमरे में सोने के लिये बुला लेती थी, उन्हें अकेले सोने में डर लगता था। वो तो मुझे बच्चा समझकर सोने के लिये बुलाती थी लेकिन उन्हें क्या पता कि मैं रोज़ उनको ही सपनों में देखकर मुट्ठी मारता हूँ। रात को जब वो गहरी नींद में होती थी तो मैं धीरे-२ उनके स्तनों और कूल्हों पे हाथ फेर लेता था। दिल तो करता था कि अभी के अभी चोद दूं लेकिन डरता था कि कहीं ये मेरे घर में न बता दे।
एक दिन मैं उनके साथ कमरे में सो रहा था, पायल साड़ी पहन कर सो रही थी। ब्लाउज़ में से उनके सेक्सी स्तन बाहर आने को हो रहे थे। बूब्स को देखकर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था, जब मेरे से कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और मुट्ठी मारने लगा तो पायल आंटी नींद खुल गई और बोली- क्या कर रहा है?
मैं डर गया और बोला- मैं तो कुछ नहीं कर रहा !
फिर मैं चुपचाप सो गया। सुबह मेरे से आंटी से नजर नहीं मिलाई जा रही थी, मुझे डर था कि कहीं ये किसी को बता न दे।
अगले दिन वो मेरे से बोली- रात को क्या कर रहा था?
मैं कुछ नही बोला, पायल बोली- मुट्ठी मार रहे थे न?
मैंने कहा- हां !
वो बोली- किसके बारे में सोच रहे थे?
मैंने कहा- आपके बारे में !
पायल ने कहा- अच्छा चल ठीक है, तुझे मुट्ठी मारने की जरूरत नहीं है, तुम मेरे साथ कर लो जो करना है। आज रात को जब तू मेरे साथ सोयेगा तो हम मज़े करेंगे।
मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था कि चलो चूत का जुगाड़ तो हुआ। इन्तजार के पल तो वैसे भी बहुत मुश्किल से कटते हैं, तो सारा दिन मैं रात होने की प्रतीक्षा करता रहा। रात को सोने के लिये उनके कमरे पे गया तो वो भी तैयार बैठी थी। मेरे मन में थोड़ी हिचकिचाहट भी थी क्योंकि एक तो मैंने कभी सेक्स नहीं किया था और दूसरे वो मेरे से उमर में काफ़ी बड़ी थी।
वो बोली- इतना क्यों शरमा रहा है?
फिर मैं बिल्कुल पायल के पास बैठ गया। उनको छूते ही मेरी नस-२ में आग सी लग गई। मेरा लंड एकदम तनकर पैंट फाड़ने को हो गया, आंटी बोली कि तेरे लंड को बहुत जल्दी लगी हुई है चूत में घुसने की?
मैं बोला- हां बेचारे ने कभी चूत का मजा नहीं लिया है ना !
अब मेरी शरम भी खत्म हो गई थी, मैंने पायल के ब्लाउज़ में हाथ डाल दिया और उनके स्तनों को दबाने लगा, साथ ही उनके रसीले होंठों को अपने होंठों में ले कर चूसने लगा। वो भी बहुत बुरी तरह से मेरे होंठों को चूस रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। काफ़ी देर तक हम एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे।
मैंने उनके ब्लाउज़ के हुक खोल कर उनके बूब्स को आज़ाद कर दिया, पायल के मोटे-२ बूब्स ऐसे लग रहे थे जैसे कश्मीर के सेब हों, उसके एक बूब को मैंने अपने मुँह में लिया और दूसरे को हाथ से दबाने लगा, वो सिसकियां ले रही थी। दिल तो कर रहा था कि इसके बूब्स को खा जाऊँ। पायल बोली- अकेले ही चूसते रहोगे कुछ मुझे भी चूस लेने दो !
मैं उनका इशारा समझ गया कि वो मेरे लंड को चूसना चाहती है, मैंने अपनी पैंट खोल दी। पैंट खोलते ही मेरा लंड एक झटके से बाहर आकर ऐसे खड़ा हो गया जैसे कुतुब मीनार।
उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ा और बोली- मैं तुझे बच्चा समझती थी पर तुम्हारा लंड तो तगड़ा है !
वो मेरे लंड को मुँह में लेकर ऐसे चूस रही थी जैसे कि आइस-क्रीम चूस रही हो। मैं अपना लंड उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगा, मुझे भी लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था।
लंड चुसवाने के बाद मैंने उसे बेड पे लेटा लिया और फ़िर से उसके बूब्स को चूसने लगा। बूब्स चूसते-२ मैंने बूब्स पे जोर से काट लिया वो चिल्ला पड़ी, बोली- क्या कर रहे हो इन्हें?
मैंने कहा- तुम्हारे बूब्स हैं ही एकदम कश्मीरी सेब की तरह, दिल तो यही कर रहा है कि इन्हें खा ही जाऊँ !
पायल को मैंने अब सीधा लेटा लिया, उसने अपनी टांगे फ़ैला ली, मैं अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ने लगा वो बोली- अब क्यों तड़पा रहे हो लंड को, अब मेरी चूत में डाल भी दो !
मैंने अपना लंड उसकी चूत पे लगा कर एक झटका मारा, मेरा पूरा लंड अब पायल की चूत में घुस गया। मैं धीरे-२ झटके मारने लगा, वो भी नीचे से गांड उठा-२ कर झटके मार रही थी। उसके मुँह से आह्ह ऊह्ह ह्हह की आवाजें आ रही थी। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर-२ से झटके मारने लगा। पूरे कमरे में फ़च-२ की आवाज आ रही थी, थोड़ी देर के बाद हम दोनो डिस्चार्ज हो गये और १5 मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे। फिर हम दोनो अलग हो गये और दोनों ने अपने कपड़े पहन लिये।
वो बोली- क्यों ! चूत का मजा आया या नहीं?
मैं बोला- हां सच में बहुत मजा आया ! ऐसे लग रहा था जैसे कि मैं स्वर्ग में आ गया हूं। Antarvasna
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.