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Massage Girl in Jammu: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Jammu who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Jammu that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Jammu massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Jammu who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Jammu massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Jammu massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Jammu who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Jammu employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Jammu helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Jammu

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Jammu at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

हैलो फ्रेंड्स, सेक्स स्टोरी की इस दुनिया में मेरा आप सभी को नमस्कार। मेरा नाम समीरा है, मुझे लाइफ एन्जॉय करना पसंद है। मैं बॉलीवुड हीरोइन बनना चाहती हूँ.. मैं दिखने में ईशा गुप्ता जैसी हूँ और उसी की स्टाइल कॉपी करती हूँ।

कभी-कभी घर में तो सिर्फ़ बिकिनी पहने रहती हूँ.. वैसे भी मैं बाहर भी शॉर्टस और टॉप पहने घूमती हूँ। मेरे इस उन्मुक्त रवैये के कारण सभी लौंडे मुझे घूर-घूर कर देखते रहते हैं। मुझे भी अपनी बॉडी एक्सपोज़ करने में मजा आता है।

चलो सेक्स स्टोरी पर आती हूँ।
जैसे कि मैंने बताया कि मुझे हीरोइन बनना है पर मैं बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के किसी भी इंसान को नहीं जानती थी।

इसके लिए मैंने एक लड़के को पटाया जो मीडिया से जुड़ा हुआ है और उसके साथ पार्टीज और बाकी फंक्शन में जाना शुरू किया। वैसे तो सभी मुझे देखते थे पर कोई बात नहीं करता था। सो मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे कुछ लोगों से इंट्रोड्यूस किया, जिनमें से कुछ डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स थे।

एक दिन ऐसे ही एक पार्टी में एक मध्यम सा आदमी मेरी तारीफ़ करता हुआ बोला- तुम्हारा फिगर काफी अच्छा है.. फिगर का साइज़ क्या है?
मैंने नॉटी सी स्माइल देते हुए कहा- साइज़ 36-26-38 का है।
वो- वाह क्या मस्त फिगर है.. तुम हमारी बॉलीवुड में ट्राय क्यों नहीं करती हो?
मैं- करना तो चाहती हूँ, पर..
वो- पर क्या..! एक काम करो कल मेरे ऑफिस आ जाना.. वहीं स्टूडियो में तुम्हारा ऑडिशन ले लेंगे।
मैं- ओह्ह थैंक यू सर.. थैंक्स अ लॉट.. आय विल कम टुमारो।
वो- यू वेलकम और हाँ मेरा नाम दिनेश कपूर है.. सो कॉल मी दिनेश।
मैं- ओके..

फिर उन्होंने मुझे अपना नंबर और ऑफिस का एड्रेस दिया और वो चले गए।
दूसरे दिन मैं ऑफिस के एड्रेस पर पहुँच गई, रेसिप्शन पर नाम बोला और थोड़ी देर में एक लड़का आया, वो बोला- मैडम आपको सर ने बुलाया है।
मैं अन्दर गई तो उन्होंने मुझे वेलकम किया और कुर्सी देकर कहा- देखो तुम एक सुंदर चेहरा हो और हमारी फिल्म इंडस्ट्री में तुम्हारी जरूरत है.. पर तुम्हें एक्टिंग भी आनी जरूरी है।
मैं- यस सर..
दिनेश- तो ऑडिशन रूम में चलें??
मैं- यस सर..
और हम दोनों एक रूम में चले गए।

वहां बहुत लोग थे शायद किसी हीरो के रोल का ऑडिशन चल रहा था.. दिनेश ने मुझे अपने बाकी टीम से इंट्रो करवाया और एक एक्टर को बुलाकर उसे एक सीन दिया। वो सीन मुझे उस लड़के के साथ करना था।

सीन था कि प्रेमी अपने प्रेमिका को छोड़ कर जा रहा है और प्रेमिका को उसे रोकना है।
सीन शुरू हुआ।
मैं पहले 4 बार चूक गई.. सभी लोग अपसेट हो गए क्योंकि कुछ भी रोमांटिक और मसालेदार नहीं था।

अब दिनेश ने मुझसे कहा- ये तुम्हारा लास्ट चांस है।
मैंने सोचा इस बार सब भूल जाती हूँ और उसके साथ दमदार शॉट देती हूँ।

दिनेश सर ने एक्शन बोला…
मैं- रुक जाओ अभी.. मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।
अभी- नहीं अगर तुम मुझसे प्यार करती तो मुझे अपने से दूर नहीं करती।
मैं- मैंने कभी तुम्हें अपने से दूर नहीं किया।
अभी- तुम झूठ बोल रही हो और अब मैं एक पल के लिए भी नहीं रुकना चाहता।
तभी मैं उस एक्टर को अपने ओर खींच कर किस करने लगती हूं और अपनी शर्ट के बटन खोल के उसके सर को अपने उभार पर दबाने लगती हूँ।

तभी दिनेश सर कट बोलते हैं और खड़े होकर ताली बजाने लगते है।

दिनेश- वाह… तुमने तो सीन में गर्मी और जान दोनों डाल दी समीरा.. वाह.. चलो कम विद मी।

ऑडियो सेक्स स्टोरी- नेहा की बस में मस्ती सेक्सी लड़की की आवाज में सेक्सी कहानी का मजा लें!

मैं बड़ी खुश थी। हम दोनों वापस उनके ऑफिस में आ गए।

दिनेश मेरे साथ सोफे पे बैठ गए और उन्होंने अपने सेक्रेटरी को बुलाया और कहा- देखो मैं मैडम के साथ डिस्कशन में हूँ.. स्क्रिप्ट और रोल फायनालाइज करना है.. सो डोन्ट डिस्टर्ब अस।
सेक्रेटरी ‘हाँ’ कह कर वहाँ से चला गया।

अब दिनेश मेरे पास आए और कहा- तुम्हारे एक्टिंग में दम तो है.. पर मेरे पास इस रोल के लिए कई सारी हिरोइनों के फ़ोन आ चुके हैं.. तो तुम इस रोल के लिए और क्या कर सकती हो??
ये कहते हुए दिनेश मेरे चेहेरे पे से हाथ फेरते हुए मेरे उभारों पर ले गए।
मैंने झट से उनके होंठों पे किस किया। मेरी इस प्रतिक्रिया से वो एकदम से खुश हो गए और कहा- गुड.. तुम काफी समझदार हो.. तरक्की करोगी।
मैं- थैंक यू सर।
‘ओके कैरी ऑन..’

मैंने अपने कपड़े उतारे तो वो मेरी बॉडी को देख कर एकदम पागल हो गए। अब दिनेश मेरी बॉडी को किस करते हुए मेरे शरीर से खेलने लगे।
मैंने उनकी पैंट के ऊपर से ही उनके लंड को मसल दिया।

अगले कुछ पलों में हम दोनों पूरी तरह सेक्स में डूब गए थे। दिनेश सर ने भी अपने कपड़े उतार दिए और मुझे लंड चूसने बोला.. मैंने वैसा ही किया।

अब उन्होंने मुझे चोदना शुरू किया.. मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हुई.. क्योंकि मैं पहले भी कई बार चुद चुकी थी। उन्होंने मेरी चूत में लंड डाला और अन्दर-बाहर करने लगे। मैं भी कामुक सिसकारियां भरने लगी और चुत चुदाई के मजे लेने लगे।

हम दोनों बिल्कुल नंगे एक-दूसरे से लिपटे हुए थे.. वो मुझे चूम रहे थे और साथ में धकापेल चोदे जा रहे थे।
‘आह्ह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… सर अह्ह्ह लव यू.. आह्ह्ह..’ मैं सिसकारियां भर रही थी और दिनेश सर अपने लंड का सारा पानी मेरी चुत के अन्दर छोड़ कर मेरे ही ऊपर निढाल हो गए।

दिनेश सर मेरे ऊपर पड़े-पड़े मुझे किस करने लगे। 2 घंटे में उन्होंने मुझे 3 बार चोदा।

इसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहन लिए थे। तभी बेल बजी और उनका सेक्रेटरी आकर बोला- मैडम सैट पर पहुँच गई हैं.. शूट शुरू करना है।
दिनेश- हाँ मैं आता हूँ।
मैंने दिनेश की ओर देखा तो उसने स्माइल दी और बोला- क्या करूँ तुम्हें देखा तो चोदने का मन हुआ.. इसी लिए ये सब नाटक किया.. सॉरी।
दिनेश ने मेरे हाथ में 50000 रुपये दिए और सैट पर चला गया।

मेरी चुत की चुदाई की कीमत मुझे अब समझ आ रही थी।

Oral Sex

शाम के सात बज रहे थे, मौसी Oral Sex ने मुझे बगल में बुला कर बिठा लिया, मैं मौसी के पास जाकर बैठ गई। रंडियों का नाच चालू था, कोठे पर भीड़ बढ़ गई थी।

मौसी बोली- 30 लड़कियाँ चुदने जा चुकी हैं। 25-30 और बच रही हैं, आठ बजे तक सब बिक जाएँगी। उसके बाद तो दूसरा राउंड शुरू हो जाएगा, नाच-वालियाँ 10 बजे तक नाचती हैं, उसके बाद इनको चुदवाती हूँ।’

तभी एक ग्राहक आकार सोना नाम की रंडी का दाम पूछने लगा। सोना, मौसी के पीछे ही बैठी थी। मौसी बोली- 5000 हैं, चूत और गाँड दोनों चुदवाएगी।’

‘3000 दूँगा, पुराना ग्राहक हूँ।’

‘हरामी तुझे बहुत अच्छी तरह जानती हूँ, 8 इंच लंबा लंड है तेरा, गाँड फाड़ कर रख देता है। पिछली बार रेशमा को चोदा था साली एक घंटे तक उठ नहीं पाई थी, चल 4000 दे और ले जा इसे। सोना, गाण्ड में क्रीम लगा लियो… वरना रोएगी, यह बहुत बड़ा चोदू है। और तू जरा आदमी की तरह चोदियो, वरना घुसने नही दूँगी कोठे पर… हरामी। सोना के अभी मुझे दो राउंड और कराने हैं’

मौसी मुस्कुराई, ग्राहक भी मुस्कुराते हुई सोना को लेकर चला गया। सस्ती रंडियों ( 100 से 300 वालियों) की बिक्री राजू मुस्टंडा देख रहा था। मौसी ने उसे बुला कर पूछा- ‘कितने जमा हो गए?’

‘सस्ती वालियों में से 20 धंधे पे बैठी हैं मौसी। 30 मर्दों को निपटा चुकी हैं, 15 से चुदवा रहीं हैं। 5 उधर बैठी हुई हैं, 2 बीमार हैं। कुल 14,000 रुपये जमा हुए हैं’- राजू ने जानकारी दी।

‘टॉप पर कौन चल रही है?’

‘अंगूरी टॉप पर है, 2 बार चुदवा चुकी, 1 को निपटाने में लगी हुई है। 1200 रुपये उसी के नाम के हैं।’

‘ठीक है, आज 30000 से कम की रक़म जमा नहीं होनी चाहिए। जा धंधा देख।’

पप्पू 500 से 1000 वालियों की दलाली कर रहा था। मौसी ने उस से पूछा- धंधा कैसा चल रहा है?’

‘मौसी, 24 लौंडियाँ धंधे पे हैं, 20 बार बिक चुकी हैं, 19 अन्दर लगवा रही हैं, 5 चुदने का इंतज़ार कर रही हैं। कुल 16000 रूपये जमा हुए हैं।’- पप्पू ने उत्तर दिया।

मौसी ने नज़र लड़कियों की तरफ़ घुमा कर देखी और कहा- यह रेखा और सीमा आजकल कम बिक रही हैं। कल भी सालियों ने एक-एक बार ही चुदवाया था। कम से कम साली 3-4 बार तो चुदें। ये रंडीबाज़ी ठीक से नहीं कर रही हैं। कल से सस्ती वालियों में बैठाती हूँ, जब रिक्शे वाले चोदेंगे तब मज़ा आएगा इन्हें। तू आज 50000 रुपये कलेक्ट कर दियो, कुत्तियों को चाहे 8-8 बार चुदवाना पड़े।’

मौसी के पास बैठी 12 रंडियों में से 8 चुदने जा चुकी थीं। मुझे मिला कर 4 रंडियाँ बची थीं तभी वहाँ दो लड़के मौसी की तरफ़ आए और मुझे देख कर बोले- ‘मौसी नया माल लग रहा है, कितने में दोगी?’

‘तू बता कितने में चोदेगा? पुराना ग्राहक है’- मौसी बोली

‘दो-दो हज़ार ले लेना, इसके और मोनी के!’

‘चोदू चोद तो बहुत चुका, लेकिन माल की समझ नहीं है तुझे, इसके संतरे देख ज़रा’- यह कहकर मौसी ने मेरे ब्लाउज़ का एकमात्र हुक खोल दिया।

मेरी गोल-गोल चूचियाँ फरफरा कर निकल पड़ीं। मैं एक दम से शर्मा गई, मैंने दोनों चूचियाँ अपने हाथों से छिपा लीं। मौसी डपट कर बोली- ‘हरामिन, ज्यादा नखरे किए तो यहीं सबके सामने चुदवा दूँगी मुस्टंडों से, चल हाथ हटा और मौसी ने मेरे हाथ को हटा दिया।’

अब मेरी चूचियों के दर्शन वो लड़के कर रहे थे, लड़कों के मुँह से निकल गया- ‘मौसी वाह, इसके संतरे तो बड़े लाजवाब हैं।’

मेरी चूत में खुजली बढ़ गई थी, मेरा मन अब चुदने का ज़ोरों से करने लगा था। मैं मन ही मन सोच रही थी की मौसी मुझे चुदने भेज दे इन लड़कों के साथ।

लड़के बोले- मौसी हम तो 5000 रुपये लाये हैं, इसे दे दो दो घंटे को 5000 में। हम-दोनों एक से ही काम चला लेंगे।

मौसी बोली- 10000 रुपये से कम में नहीं उठेगी। नयी रंडी है, तू कल चोद लियो इसे। तेरे बाप ने तो 20-20,000 में रंडियों को चोदा है, ज़रा चूचियाँ मसल कर तो देख इसकी! ख़ुद ही कहेगा भाव अधिक नहीं है।’

मौसी ने मुझसे कहा- जरा खड़ी हो कर चूची मसलवाने का मज़ा ले, पुराने ग्राहक हैं, यहाँ की हर बढ़िया रंडी चोद चुके हैं।

मैं खड़ी हो गई, मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी। एक लड़के ने मेरी दोनों चूचियों को हाथ में पकड़ कर कस-कस कर मसल दिया। मेरे मुँह से आह… ऊह… की आवाज़ निकल गई, इसके बाद वहाँ खड़े मुस्टंडे ने उसे हटा दिया। अब दूसरे वाले ने एक हाथ से मेरी एक चूची मसली और दूसरे से मेरी दूसरी चूची की घुंडी कस कर घुमा दी, मेरी चूत पानी-पानी हो गई।

मौसी ने मुझे हाथ पकड़ कर नीचे बैठा लिया। लौण्डों के लंड टनक चुके थे, मौसी ने बगल में बैठी दोनों लड़कियाँ उनकी तरफ़ बढ़ा दीं और बोली- कल तेरे लिए इसे बुक करती हूँ, अभी तू इन दोनों की चूत फाड़’- और मौसी ने वे दो रंडियाँ उन्हें सौंप दीं।

अब मैं और मोनी, दो ही लड़कियाँ मौसी के पास रह गईं थीं। मौसी मेरी तरफ़ देखते हुए मुस्कुरा कर बोली- मज़ा आया? देख तेरी चूचियाँ दिखा कर दोनों 2-2 हज़ार में उठा दीं, वरना साली आज 1000 में भी नही उठ रहीं थीं।

मैंने कहा- मौसी मस्ती तो बहुत आई।

डर नही मज़े कर, अभी तो तूने लौड़ा पकड़ कर भी नही देखा। फुल्ल मस्ती कर। चूत और गाँड तो तेरी तभी चुदेगी, जब तू ख़ुद कहेगी कि मौसी मुझे चुदवाओ।’ मौसी ने मेरे चूतङों पे हाथ फिरा कर कहा

मौसी बोली- 6 बजे से धंधा शुरू करवाती हूँ। पहला राउंड 6-9 चलता है, दूसरा 9-11 चलता है, तीसरा 11-2 चलता है। सस्ती वालियों को छोड़, बाकी सब 1-1, 2-2 घंटे के लिये उठतीं हैं। कुछ रंडियाँ एक राउंड में 2-3 बार भी चुद लेती हैं, वरना एक-एक बार तो सबको चुदना ही पड़ता है। अगर कोई रात भर में तीन बार नहीं चुदती हैं तो उसको दिन में पेलवाती हूँ। दूसरे राउंड में 7-8 रंडियों को नंगा करा के मुस्टंडों और ग्राहकों की गोद में बिठाती हूँ। मुस्टंडे और ग्राहक उनकी चूचियों और चूत की मसलाई करते हैं और रंडियाँ उनके लौड़े निकाल कर मुट्ठ मारतीं हैं, जिन्हें दूसरे ग्राहक बड़े मस्त होकर देखते हैं। आज मोनी और तुझे ग्राहकों की गोद में उनके लौ़ड़ों पर बिठाऊँगी। जब वो तेरी चूचियाँ और चूत मसलेंगे, तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा। आधे घंटे में यह मसलाई वाला शो कराती हूँ, ताकि ग्राहकों के लंड टनटनाएँ और सारी रंडियाँ जल्दी-जल्दी बिकें।’

मौसी की बात सुनकर मेरी चूत बुरी तरह सनसना गई और मेरी चूत में से पानी निकल गया। मौसी बोली- अब तू एक काम कर, जा ज़रा कोठा घूम कर आ…’ मोनी की तरफ़ इशारा करते हुई मौसी ने कहा- मोनी, अब तो कोठे पे चुदाई का माहौल होगा। ज़रा हमारी नई रंडी रानी को कोठे की चुदाई तो दिखा के ला।’ मेरी तरफ़ देखते हुआ मौसी ने कहा- जा ज़रा चुदाई देख कर आ, अभी 7:30 बज रहे हैं, 8:30 बजे तक आ जाना। तुम दोनों की चूत और चूची का मुज़रा भी तो करना है मुझे।’ और इतना कह कर मौसी मुस्कुरा दी

मोनी ने मुझे साथ लिया और बोली- ‘चल घुमा कर लाती हूँ।’

सबसे पहले हम एक बड़े से हॉल में पहुँचे- वहाँ सस्ती वाली रंडियों की चुदाई हो रही थी

बग़ल में बहुत से गद्दे पड़े थे, जिन पर रंडियाँ लेटी हुईं थीं। सब मोटी और भद्दी सी थीं और कुछ रिक्शे वाले जैसे लोग उनके ऊपर चढ़े हुए थे। मोनी बोली- ‘सब की चूत भोंसड़ा हो रहीं हैं। 20-20 साल से चुदवा रहीं हैं, मौसी तो इन्हें भोंसड़ी वाली कह कर बुलाती हैं। सालियाँ एक दिन में 10-10 को निपटा देतीं हैं। आ पास से दिखाती हूँ।’

मैंने पास जाकर दखा तो एक भैंस जैसी मोटी औरत पर एक 50 साल का कमज़ोर सा बुड्ढा चढ़ा हुआ था, औरत की चूचियाँ पेट से चिपक रहीं थीं, बुड्ढा धक्के लगा रहा था। मोनी ने कहा- ‘जरा इस रसिया का लौड़ा तो देख, झड़ा पड़ा है, फिर भी यह साला चूत पर चढ़ा पड़ा है।’

हम दोनों हँसते हुए आगे बढ़ गए। सब जगह एक सा ही हाल था। मोनी बोली- ‘इनमें से कई तो ऐसी हैं, अगर 10 मिनट से ज्यादा अगर कोई चोदे, तो यह एक झपकी नींद की भी मार लेतीं हैं।’ हम दोनों खिलखिला कर हँस पड़े।

अब मोनी मुझे ऊपर वाली मंजिल पर ले गई। वहाँ कई कोठरी जैसे कमरे बने हुए थे।

इस मंजिल पर 500 से 1000 वाली चुदती थीं।
मोनी ने कहा- जितने कमरे बंद हैं, वहाँ लड़कियाँ चुद रहीं हैं, जो खुले हैं वो खाली हैं। एक कमरे में दो या दो से अधिक भी चुद सकती हैं।

मोनी बोली- हर कमरे के दरवाज़े पर एक छेद बना हुआ है, अंदर का नज़ारा देखने के लिए। आ… ज़रा झाँक कर लड़कियों की चुदाई देखते हैं।

मोनी एक-एक छेद में झाँक-झाँक कर देखती जा रही थी। एक जगह उसने कहा- यहाँ झाँक कर देख, मज़ा आएगा।

मैंने जब झाँक कर देखा तो मैं देख कर दंग रह गई। अंदर एक लड़की मुँह में लौड़ा लेकर बड़ी मस्ती से लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी और लड़का उसके चूतड़ दबा रहा था। कुछ देर बाद लड़के ने लौड़ा मुँह से निकलवा दिया और बोला रानी ज़रा घोड़ी बनो, तुम्हारी चूत पीछे से चोदता हूँ। उसने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में अपना लंड एक झटके में घुसा दिया। लड़की के मुँह से ‘आह मर गई…’ की तेज़ आवाज़ निकली। लड़के ने कमर से पकड़ कर उसकी चूत में तेज़-तेज़ धक्के मारने जारी रखे। लड़की ज़ोरों से चिल्ला रही थी। कुछ देर बाद लड़के ने धक्के मारना धीमा कर दिया और उस पर झुक कर उसकी चूचियाँ बेदर्दी से मसलने लगा। लेकिन रंडी चिल्लाये जा रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे उसे बहुत दर्द हो रहा हो।

मोनी बोली- यह 1000 वाली रंडियाँ ऐक्टिंग करने में बहुत तेज़ होतीं हैं। साले का 5 इंच का ही लौड़ा है और यह कुतिया ऐसे चिल्ला रही है जैसे चूत में से बच्चा निकल रहा हो।

फिर एक और कमरे में मैंने झाँका। अंदर दो लड़के एक लड़की पर चढ़े हुए थे। लड़की सीधी लेटी हुई थी, एक लड़की की जाँघें पकड़ कर फैलाए हुए था और उसकी चूत में सटासट लंड आगे-पीछे कर उसे चोद रहा था, तो दूसरा बगल से रंडी का मुँह तिरछा कर अपना लौड़ा चुसवा रहा था। क़रीब 2 मिनट तक लगातार लड़की की चूत चुदती रही। फिर चूत में से लड़के ने लंड खींच लिया उसका लंड झड़ने वाला था। लौण्डे ने कंडोम उतार कर दो झटके लंड पर मारे और ढेर सारा वीर्य लड़की की चूचियों पर गिरा दिया। फिर उसने अपने हाथों से लड़की की चूचियाँ कस-कस कर मसली और अपने गाढ़े लंड-रस से लड़की की मालिश कर दी। दूसरे वाले ने रंडी के मुँह से लंड निकाल लिया था। रंडी बोली तू भी चोद राजा कब तक लंड खड़ा रखेगा। दूसरे वाले का लंड काफ़ी अच्छा था, मेरा मन भी उसके लंड से चुदवाने का करने लग रहा था। दूसरे वाले ने रंडी को घोड़ी बना दिया और उसकी गाण्ड पर ढेर सारा थूक डाल दिया था। रंडी घबरा गई बोली- ‘राजा गाँड रहने दो, चूत मार लो, बहुत दर्द होगा। आपका लौड़ा बहुत बड़ा है।’ लड़का बोला- ‘गाँड थोड़े ही न मार रहा हूँ, थोड़ा चेक कर रहा हूँ।’ कह कर उसने अपनी ऊँगली उसकी गाँड में डाल दी और कस-कस उसे घुमाने लगा।

मुझे यह सब देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर में लड़के ने ऊँगली निकाल कर एक झटके में उसकी गाँड में अपना लंड घुसा दिया… लड़की एक दम से चिल्ला पड़ी… ऊही… मर गई…, मर गई…। लड़के ने सटासट उसकी गाँड मारनी जारी रखी। रंडी के चिल्लाने की आवाज़ बाहर तक आ रही थी। मोनी ने पीछे से मेरा पेटीकोट उठा कर मेरी गाँड में अपनी पूरी ऊँगली घुसा दी। मेरे मुँह से एक दम से ‘उई… मर गई’ की आवाज़ निकल गई।

मोनी बोली- दूसरे की गाँड चुदाई देखने में बड़े मज़े आ रहे हैं। रात को जब तेरी मारी जाएगी, तब देखती हूँ।

मैंने शरमाते हुए एक मुस्कान भरी… मैंने कहा- मोनी, चुदने का अब बहुत मन कर रहा है।

मोनी बोली- चुदेगी, तू भी चुदेगी… और आज रात ही चुदेगी… और मोटे लंड से चुदेगी। मौसी तुझे ऐसे ही नही छोड़ेगी।

मोनी ने आगे बताया- ये सब रंडियाँ ठेके पर 20-20 दिनों के लिए आतीं हैं। 20 दिनों के बाद यह दूसरे कोठे पर चली जाएँगी। इनकी जगह नई आ जाएँगी, ताकि कोठों की रौनक बनी रहे। केवल 5-6 ही यहाँ की परमानेंट रंडियाँ हैं। चल, अब सबसे ऊपर की मंजिल पर चलते हैं, जहाँ मँहगी वाली लड़कियाँ चुदती हैं।

ऊपर वाली मंजिल पर भी कमरे बने हुऐ थे। मोनी ने बताया कि यहाँ मँहगी वाली रंडियाँ चुदतीं हैं। यहाँ कुछ वातानुकूलित कमरे भी हैं, हर कमरे में वीडियो और टीवी है। ग्राहक xxx देखते हुए चोदते हैं। मैं अभी तक हर बार यहीं चुदी हूँ। तू भी इन्ही में से किसी एक कमरे में चुदेगी। अंदर एक कमरे में मैंने झाँक कर देखा तो एक आदमी रंडी को गोद में बिठाए हुए था और उसका लौड़ा उसकी चूत में घुसा हुआ था। दारू का गिलास लड़की के हाथ में था जिससे वह हल्की-हल्की चुस्कियाँ ले रहा था और लड़की के चूची की घुंडियों को नोच रहा था। शायद कोई xxx देख रहा था। बाकी कमरों के छेदों से कुछ लोगो की गाँड के सिवा कुछ नही दिखा।

यह सब देख मैं काफ़ी गरम हो गई थी। राजू और कालू वहाँ चौकीदारी कर रहे थे। मुझे देखकर राजू बोला- जब से तु्म्हें देखा है, मेरा लंड तो नीचे बैठ ही नहीं रहा है रानी। चूत नही तो एक बार चूचियों का दूध तो पिला दो। इस कालू ने तो फिर भी एक बार तुम्हारी दबा रक्खी हैं।’

राजू की बात सुन कर मैं और मोनी हल्के से मुस्कुरा दिए। मोनी बोली- क्यों मैडम एक बार इन्हें दूध पिला दें?

मैंने कहा- चल, थोड़ा सा दूध इन्हें पिला देते हैं।

हमलोग एक खाली कमरे में आ गए। मेरी चूत चुदने को चुनमुना रही थी। मैंने अपनी ब्लाउज़ का हुक खोल दिया। अब मेरे दोनों संतरे बाहर थे। मैं बोली- लो राजू, दूध पियो, तुम भी क्या याद रखोगे।

राजू ने कस-कस कर मेरी दोनों चूचियाँ एक-दूसरे से चिपका दीं और मेरी घुँडियाँ ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। मुझे गज़ब की मस्ती छाने लगी थी। राजू कस-कस कर मेरे दूध दबा रहा था और मेरी घुँडियाँ जम कर चूसे जा रहा था। मेरी चूत से बुरी तरह से पानी बहने लगा था।

मैंने कहा- राजू डार्लिंग, मेरी चूत फाड़ो, मेरे होंठ चूस डालो… मुझे आज तुम चोद कर ही छोडना।

राजू ने मेरी चूचियाँ छोड़ कर, मुझे कस कर अपने से भींच लिया और मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी और मेरे होंठों को चूसने लगा। राजू का मोटा लंड मेरी चूत से चिपक रहा था, उसने मुझे जोरों से भींच रखा था। मेरे होंठ ज़बर्दस्त तरीके से वो चूस रहा था। तभी मौसी उधर आ गईं और मेरे चूतड़ों पर कस कर हाथ मारती हुई बोली- अरे मेरे रंडी रानी तुम तो यहाँ रंडीबाज़ी कर रही हो!’

मैं और राजू अब हट गए थे। मोनी मुस्कुरा रही थी। मुझसे रहा नहीं गया, मैंने कहा- मौसी… अब मुझे चुदवाओ, मैं चुदना चाहती हूँ। मेरी चूत चुदने के लिए फड़क रही है।’

राजू मुस्कुरा रहा था, मौसी ने कहा- अभी थोड़ी रंडीबाज़ी तो सीख। लंड से तो तू खेली भी नही है> अभी तूने ढंग से लंड देखा भी नहीं है। पहले तू लंड से तो थोड़ा खेलना सीख, चुदवा तो मैं तुझे एक मिनट में दूँगी।’ राजू मुस्कुराए जा रहा था।

मौसी बोली- ‘राजू, पहले तू इसे अपना लंड दिखा।’ राजू ने एक झटके से अपना पाजामा उतार दिया। राजू का 8 इंच लंबा और मोटा लंड मेरे सामने था। मैं अपने होठों पर जीभ फिरने लगी थी। मैं इतना मोटा-नंगा लंड इतने क़रीब से आज पहली बार देख रही थी। मौसी पलंग पर बैठ गईं और मुझे भी बगल में बिठा लिया।

राजू को मौसी ने बुलाया और कहा- ‘जरा इसकी चुचियों पर लंड फिरा।’

मैं पलंग पर बैठी थी और राजू अब मेरी चूचियों पर अपना लंड हाथ से पकड़ कर फिराने लगा। उसने मेरी घुंडियों पर लंड का सुपाड़ा दबा-दबा कर फिराया। मैं पूरी मस्ती में आ गई थी।

मौसी ने राजू का लंड अपने हाथ से पकड़ कर मेरे हाथ में पकड़ा दिया और बोली- ले जरा इसे मसल और जरा मुट्ठ मार।’

जैसे ही मैंने लौड़ा हाथ में पकड़ा, मैं सनसना गई। लौड़ा बहुत गरम था, मेरी बुर पनिया रही थी। मैं कस-कस कर लौड़ा मसलने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। राजू मेरे बालों को सहला रहा था।

थोड़ी देर बाद राजू ने मुझे खड़ा कर दिया। मुझे लग रहा था शायद राजू मुझे अब चोद देगा, लेकिन राजू ने एक बार मुझे फिर भींच लिया। अब वह और कस-कस कर मेरे होंठों के बीच से अपनी जीभ डाल कर चूसे जा रहा था।

तभी राजू ने मुझे पीछे की तरफ़ मोड़ दिया, अब मेरा मुँह मौसी की तरफ़ था। राजू ने जोर से मेरी घुँडी नोच ली और मेरी चूचियाँ दबाईं। पीछे से राजू का मोटा लंड कस कर मेरी गाँड दबा रहा था। मौसी आगे बढीं और मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। राजू ने मुझे ढीला छोड़ दिया। मेरी पेटीकोट अब ज़मीन पर थी।

नंगी गाँड पर राजू का नंगा लंड लगते ही मैं उचक पड़ी। अब मैं चुदवाने की उत्तेजना की चरम सीमा का अनुभव करने लगी थी। दो मिनट बाद मौसी के इशारे पर राजू हट गया। मेरी बुर का पानी जाँघों तक आ रहा था। मैं चिल्ला सी पड़ी- मौसी मुझे चुदवाओ ना… मेरी चूत में आग लगी पड़ी है, राजू से कहो मेरी चूत चोदे और मेरी प्यास बुझाए।’

मौसी बोली- गाँड मरवाएगी… तो तुझे चुदवाऊँ?

में पगला सी रही थी। मैंने कहा- ‘गाँड, चूत एक से नहीं 6-6 से मरवा लूँगी… प्लीज़ मौसी मुझे चुदवाओ, जल्दी चुदवाओ। राजू से बोलो कि वो अपना लंड जल्दी से मेरी चूत में डाल दे।’

मौसी मुस्कुराई- ‘ले ज़रा इसे पहले कंडोम पहना अपने हाथ से।’

मैंने कंडोम लेकर राजू के सुपाड़े पर लगाया। एक बड़ा रोमांचकारी अनुभव था।

मौसी बोली- ‘नीचे तो सरका दे।’

नीचे सरकाने के लिए मुझे एक हाथ से नीचे उसका लंड पकड़ना पड़ा और दूसरे हाथ से मैंने उसे नीचे सरका दिया। मेरी चूत की जलन बढ़ती जा रही थी, मुझे अब लग रहा था कि मेरी चुदाई शुरू होने वाली है।

मौसी राजू से बोली- ‘जरा इसकी चूत पर दो तीन बार लंड फिरा दे, फिर जरा नीचे चल के इसकी चूत के दर्शन ग्राहकों को कराते हैं।’

राजू ने मुझे पलंग पर लिटा दिया और कस-कस कर मेरी चूत पर अपना लंड फिरा दिया। एक बार उसने आधा इंच लौड़ा मेरी चूत में घुसाया लेकिन मौसी ने उसे डपट कर लौड़ा हटवा दिया।

मौसी ने राजू को हटा दिया और बोली- ‘चलो अब नीचे चलते हैं, वहाँ इसे ग्राहकों की गोदी में उनके लौड़े पर बिठाती हूँ।’

मैं चुदने को पागल हुई जा रही थी… मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने कहा- ‘मौसी मुझे चुदवाओ, मेरी चूत में जलन हो रही है, मैं पगला सी रही थी।’

मौसी ने मेरी तरफ़ देखा और बोली- ‘चूत में तो इसके वाक़ई आग लगी हुई है, राजू तू एक काम कर, इसकी चूत को चूस। 2-3 मिनट में यह पानी छोड़ देगी फिर इसे थोड़ी सी शान्ति मिलेगी।’

राजू ने अब मेरी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और कस-कस कर मेरी चूत चूसने लगा। मौसी के इशारे पर कालू ने मेरा सिर अपनी गोद में रख लिया और मेरी चूचियाँ ज़ोरों से दबाने लगा। राजू कुत्ते की तरह मेरी चूत चाट रहा था। उसने बुरी तरह से मेरी चूत के मुहाने को चाटना जारी रखा।

कुछ देर बाद उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी और उसकी 1 इंच लम्बी जीभ अब मेरी चूत में फिर रही थी। मेरी मस्ती से कमरा उह… आह… उह… आह… ऊह… आह… से गूँज उठा। थोड़ी देर में मेरी चूत से बड़ी तेजी से चूत-रस निकला जिसे राजू लपालप पीने लगा।

मुझे चूत में कुछ शान्ति सी लगी। मौसी ने इसके बाद राजू और कालू को नीचे भेज दिया और बोली- ‘चल इधर बहुत मस्ती ले ली अब नीचे मस्ती करियो। ये मेरा वादा है कि 12 बजे तक तेरी चूत के अंदर मोटा लंड मैं घुसवा दूँगी और आज रात तेरी गाँड भी ठुकवा दूँगी।’

मैं उठ गई थी, मोनी ने मुझे पेटीकोट और ब्लाउज़ पहना दिया। ९ बजने वाले थे, मौसी ने कहा- ‘आओ मेरी रंडियों, अब तुम नीचे चलो और थोड़ा धंधा शुरू करो। Oral Sex

आज मैं एक कहानी बताने जा रहा हूँ जो मेरी अपनी है। Sex Stories

मेरी शादी हुए दस Sex Stories साल हो गये हैं और हम दोनों का यौन-जीवन बहुत बढ़िया है। पर मेरे मन में इसके अलावा भी कुछ और करने की इच्छा थी।

मैंने रात को सेक्स करते हुए बीवी को बोला- अगर तुम्हें एक ओर लंड मिले तो कैसे लगेगा?
यह सुन कर वह नाराज हो गई और बोली- तुम बस अभी चूत मारो ! मुझे इसमें मजा आ रहा है।
मैंने पूछा- अगर मेरा लंड और बड़ा होता तो कैसा लगता?
तो वो बोली- तब तो मेरी चूत को मजा आ जाता और मैं आसमान में पहुँच जाती।
मैंने पूछा- अगर एक और लंड का इन्तजाम हो जाये जैसे कि डिल्डो?
वो बोली- मजा आ जायेगा।
मैंने बोला- अगर इस डिल्डो की जगह अगर एक आदमी बड़े लौड़े वाला हो तो? हम दोनों मिल कर तुम्हें जम कर चोदेंगे।

तो वह इसे सुन कर हल्का मुस्कराने लगी।
मैंने बोला- तुम्हारा भी मन है !
अब वह खुल कर बोली- हाँ !
वह पूछने लगी- तुम्हारा मन भी किसी और चूत के लिये करता है क्या?
मैं तो इस भी ज्यादा चाहता हूँ !
वह बोली- तो और क्या?
मैंने बोला- दो लण्ड पहले तुम्हें चोदेगे और फिर वही लण्ड मुझे चोदेगा।
यह सुन कर वह बोली- तुम अपनी गाण्ड में लण्ड लोगे?
मैं बोला- हाँ मेरी जान ! दोनों एक लण्ड को चूसेंगे ओर मजे लेंगे।

उसकी आँखों में एक चमक आ ग़ई। अब हम दोनों सेक्स करते हुए यही बात करते और सेक्स का मजा लेते। अब मुझे एक ऐसे आदमी की ख़ोज थी जो मुझे और मेरी बीवी दोनों को चोद सके। हमारी यह ख़ोज भी जल्दी पूरी हो ग़ई। वह तो हमारा पुराना पड़ोसी ही था जिसे मेरी बीवी भी पसंद करती थी। एक दिन मेरी बीवी ने उसे मूतते हुए देखा था जब वह छत पर घूम रही थी। सामान्य अवस्था में भी उसका लण्ड 5 इन्च का था। अब बस उसे पटाना था और घर तक लाना था।

एक दिन मैंने उसे बोला- कभी बैठ कर पैग लगाते हैं।
वो बोला- इस शनिवार को बैठते हैं।

मेरे मन की और मेरी बीवी की इच्छा अब बस पूरी होने वाली थी। अब हम दोनों शनिवार का इन्तज़ार करने लगे।
शनिवार को सुबह ही मेरी बीवी ने मुझे बोला- आज तबीयत से तैयार होने वाली हूँ और मुझे काफ़ी समय लगेगा।
उसने पूरी वैक्सिंग करी और चूत को हेयर रिमूवर से साफ़ किया। मैंने भी अपने सारे झान्ट साफ़ किये और अपनी गाण्ड के बालों को हेयर रिमूवर से साफ़ किया।

शीशे में अपनी गाण्ड देख कर मुझे कुछ होने लगा। फिर मैंने अपनी गाण्ड में खूब तेल लगाया। जिससे कि मेरी गाण्ड चिकनी हो जाये। शाम को वह हमारा पड़ोसी आ गयाँ और हम दोनों इसके लिये पहले से तैयार थे। मैंने एक शॉर्ट और टीशर्ट पहनी थी ओर मेरी बीवी ने एक टॉप जिसका गला बहुत खुला था और इसके साथ उसने एक टाईट कैप्री पहनी थी जिसमें उसके कूल्हे एक दम गोल-गोल नजर आ रहे थे। टॉप के नीचे उसने ब्रा नहीं पहनी थी। उस के 38-सी कप के स्तन एक दम मस्त लग रहे थे और तने हुए चुचूक गजब ढा रहे थे।

जब वह कोल्ड ड्रिंक देने आई तो हम दोनों उसे देख़ते ही रह गये। जैसे ही उसने झुक कर सामान रखा हमारा पड़ोसी मेरी पत्नी के वक्ष देख़ने लगा। यह देख़ कर हम दोनों मुस्करा दिये क्योंकि आज रात वह हम दोनों को खुश करने वाला था। फिर मैंने ड्रिन्क ग्लास में डाला और उसे दिया। मैंने जानबूझ कर उसके पैग बड़े बनाए ओर दो पैग में वह सुरुर में आ गया।
अब हम दोनों अश्लील चुटकले सुनाने लगे।

इतने में रितु (मेरी बीवी) भी वहीं आ गई और हमारे साथ बैठ कर बातें करने लगी। रितु बोली- मुझे भी चुटकले सुनने हैं।
तो मैंने एक चुटकला सुनायाँ जो इस तरह से था :
राम लाल : ठाकुर साहब, ग़ब्बर ने बहू की इज्जत लूट ली है।
ठाकुर : तो मैं क्या करुँ?

रामलाल : बहूरानी पूछ रही है कि बब्बर से बदला लेना है या पेमेन्ट?
इस दौरान जब हम सब हंस रहे थे तो चौधरी (हमारा पड़ोसी) रितु के स्तन और चुचूक देख रह था।
और इस तरह से हमारी अश्लील बातचीत आगे चलने लगी। हम धीरे धीरे पूरी तरह से व्यस्क चुटकले सुनाने लगे।

मैंने चौधरी से पूछा- क्या कभी तुमने भाभी के अलावा किसी और से सेक्स कियाँ है?
वो बोला- मन तो बहुत करता है पर कियाँ नहीं है।
मैंने पूछा- किसी पर तुम्हारा दिल आयाँ है?
तो वो बोला- आप नाराज नहीं होना ! मुझे रितु भाभी बहुत सैक्सी लगती है।
मैंने बोला- तुम्हारी नजरें ही बता रही हैं क्योंकि तुम इसके स्तनों को ही घूरते जा रहे हो।
वो बोला- इनकी गाण्ड तो और भी सेक्सी है। मै तो अपनी बीवी को चोदते हुए भी इनके बारे में सोचते हुए चोदता हूँ।

यह सुन कर रितु हंसने लगी और बोली- तो क्या मैं इतनी सेक्सी हूँ?
तो हम दोनों एक साथ बोले- हाँ।
मैंने पूछा- चौधरी सच में इसे चोदना चाहते हो क्या?
वो बोला- अगर मौका मिले तो जरुर चोदूंगा।
मैंने बोला- आज तुम मेरे सामने ही चोद लो ! बाद में कुछ और हरकत मत कर बैठना।
वो बोला- तुम अपने सामने चोदने दोगे?
मैंने बोला- मैं भी तो चोदूंगा।

यह सब सुन कर रितु भी जोश में आ गई थी। अब हम तीनों अपने बैडरूम की तरफ़ चल दिए। रितु ऐसे मटक कर चल रही थी कि हम दोनों के लण्ड ख़ड़े हो गये। जैसे ही हम बैडरूम में पहुँचे, रितु ने बैड पर लेट कर एक जोरदार अंगड़ाई ली और उसके स्तन एक दम ख़ड़े हो ग़ये। मैंने आगे बढ़कर दोनों कबूतरों को पकड़ लिया और मसलने लगा। वह जोर से आह आह करने लगी और चौधरी अपने लण्ड को पकड़ कर हिलाने लगा।

मैंने रितु का टॉप उतार दिया और दोनों कबूतर बाहर आ गये। चौधरी ने आगे बढ़कर एक चूची को पकड़ लिया और मसलने लगा। मैंने चुचूक को मुँह में ले लिया और चूसने लगा। अब हम दोनों के बीच में रितु थी और हम दोनों उसके स्तनों से ख़ेल रहे थे। उसने हमारे लण्ड पकड़ लिये और हिलाने लगी। अब हमने मिल कर उसे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी नंगे हो गये। अब कमरे में एक चूत और दो लण्ड थे जो कि धमाल मचाने वाले थे।

चौधरी ने बोला- मैं तो रितु की चूत को चूसूंगा।
और रितु ने टांगें खोल कर उसे बुलाया। वो उसकी टांगें उठा कर चूत को चाटने लगा और रितु की सिसकारियां निकलने लगी। वह भी उसे जोर से चूसने को कह रही थी और क्यों ना कहे, उसे आज मनचाहा दिलदार मिला था जो उसे चोदने वाला था।

चौधरी भी पूरी जोर से चूत चाटे जा रहा था। उसने दोनों हाथों से चूत को फ़ैला रख़ा था और पूरी जीभ अन्दर पेल रहा था। रितु ने उस के सिर को दोनों हाथों से पकड़ कर चूत पर दबा दिया और वो बोल रही थी- चूसो मेरे जानू और जोर से चूसो !
और इसको सुनकर चौधरी भी पूरा दम लगा कर चूसे जा रहा था। अब चूत में से पानी टपकने लगा था और चपर-चपर की आवाज भी आने लगी थी। मैं बड़े गौर से रितु को चूत चटवाते हुए देख रहा था। वह बहुत सैक्सी लग रही थी।

अब मैंने आगे बढ़कर उसे अपना लण्ड पकड़ा दिया और उसे चूसने को बोला। उसने मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी। अब कमरे में हमारी सिसकारियाँ निकल रही थी। रितु ने अचानक मेरे लण्ड को चूसना बन्द करके जोर जोर से सिसकारियाँ भरने लगी और चौधरी के सर को जोर से चूत पर दबा दिया। वोह बोलने लगी- चूस जा इस चूत को ! चूस जा ! निकाल दे मेरा पानी ! मजा आ रहा है ! आ रहा है ! और जोर से चूस ! और जोर से।

चौधरी को भी जोश आ गया और पूरी जीभ अन्दर डाल कर चूसने लगा। इतने में रितु ने चूत को उछालना शूरु कर दिया और आअह्ह्ह, औह्हह, आआअह्ह्ह् करने लगी। और फिर थोड़ी ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरु कर दिया। चौधरी मजे ले ले कर चूत का पानी पीने लग़ा। रितु की भी सिसकारियाँ तेज होती जा रही थी और फिर वह प्यार से चौधरी के सर पर हाथ फेरने लगी। अब
मैंने चौधरी को बोला- बहुत हो गया चूसना ! अब जरा इस चूत को चोदना शुरु करो।
वह बोला- इसके लिए तो मैं कब से तड़प रहा हूँ।

फिर वह रितु की टांगों के बीच आ गया और अपने लण्ड को रितु की चूत पर फ़ेरने लगा। रितु ने भी दोनों टांगें फैला दी ताकि वह आराम से उसे चोद सके। अब चौधरी ने लण्ड को चूत पर रख कर एक जोरदार धक्का लगाया तो उस का आठ इन्च का लण्ड पूरा अन्दर तक घुस गया और रितु जोर से बोली- फ़ाड दी मेरी भैन चोद !

यह सुन कर चौधरी को और जोश आ गया और उसने एक बार फिर लण्ड को बाहर निकाल कर पूरे जोर से पूरा लण्ड अन्दर पेल दिया। इस बार रितु ने बोला- मजा आ गया मेरी जान ! और पेलो जोर से पेलो।

मैं रितु को इस तरह से चुदते देख कर जोश से भर गया और बोला- आज इसकी चूत को फ़ाड दो और खूब दम लगा कर चोदो।
मैंने फिर से अपने लण्ड को रितु के मुँह में डाल दिया।
अब वह मेरे लण्ड को चूस रही थी और उधर से उसकी चूत में चौधरी लण्ड पेले जा रहा था। मैं दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को मसल रहा था।।

थोड़ी देर जब चौधरी ने चोद लिया तो मैंने बोला- तुम इसे अपना लण्ड चुसाओ, मैं तब तक चूत का स्वाद लेता हूँ।

अब हम दोनों ने पोजीशन बदल ली। मैंने चूत में अपना लण्ड डाल दिया और चौधरी ने अपना लण्ड रितु के मुँह में दे दिया। बड़ा लण्ड देख कर वह भी उसे जोश से चाटने लगी। चौधरी का लण्ड किसी ने पहली बार चूसा था और वह हवा में उड़ने लगा। उसके मुँह से आवाजें आने लगी- वाह मेरी जान, आज पहली बार इस लण्ड को किसी ने चूसा है, मेरी बीवी तो चूसती ही नहीं है, आह्ह्ह्ह, आह्ह्ह्ह्ह, वाह्ह्ह्ह्ह्ह, हो हो !

और रितु ने उसे और जोर से चूसना शुरु कर दिया। यह सब देख कर मैंने भी चूत को जोर से चोदना शुरु कर दिया। इधर रितु की चूत से पानी निकलने लगा और चूत में चिकनाई और बढ़ गई, इसके साथ ही फच फच की आवाज भी आनी शुरु हो गई। अब मैंने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को पकड़ रखा था और चोदे जा रहा था। जबकि चौधरी ने उसके सिर को पकड़ कर मुँह को चोदना शुरु कर दिया।

मैंने चौधरी को बोला- तुम इसकी चूत में आ जाओ और मैं थोड़ी देर तुम लोगों को देखता हूँ।
चौधरी ने फिर से चूत पर मोर्चा जमा लिया और उसकी दोनों टागों को कन्धे पर रख लिया। दोनों हाथों से उसकी चूचियों को पकड़ कर जोर जोर से चोदने लगा। रितु भी नीचे से गाण्ड उठा उठा कर साथ दे रही थी।

अब दोनों के मुँह से आवाजें आने लगी- आऽऽ चोदो ! और जोर से चोदो ! फाड़ दो इस चूत को ! वह भी बोल रहा था- आज इस चूत का तो मैं बैन्ड बजा दूंगा।
और फिर रितु बोलने लगी- मैं झड़ने वाली हूँ, आईईईई, आह्ह्ह्ह्ह, और और और आह्ह्ह्ह्ह आईईईईई !

और फिर उसने कस कर चौधरी को पकड़ लिया। चौधरी अभी भी उसे पूरा जोर लगा कर चोदे जा रहा था। इतने में चौधरी की आवाज भी आने लगी- मैं खाली हो रहा हूँ, मेरा छुटने वाला है।

और रितु ने उसे और कस कर पकड़ लिया और फिर चौधरी भी उस से चिपक गया और हांफने लगा। उसके लण्ड ने रितु की चूत में अपना माल छोड़ दिया जो चूत से रिस कर बिस्तर पर गिरने लगा। अब तक मैं अपने लण्ड को सहला रहा था और ख़डा हो गया और बोला- अब इस चूत का पानी मैं निकालता हूँ।
चौधरी बोला- मैं इन मस्त चूचियों से दूध निकालता हूँ।

अब चौधरी ने एक चूची को मुँह में लेकर चूसना शुरु कर दिया और दूसरे हाथ से दूसरी चूची को मसलने लगा। रितु ने एक हाथ से उसके लण्ड को हिलाना शुरु कर दिया।मैंने रितु की चूत में अपना लण्ड डाल कर अन्दर-बाहर करना शुरु कर दिया। फिर से कमरे में चूत से फच फच की आवाज आने लगी और माहौल और सैक्सी हो गया। कुछ ही देर में चौधरी का लण्ड फिर से खड़ा हो गया।

मैं जोर जोर से रितु को चोद रहा था पर मेरा ध्यान चौधरी के लण्ड पर था क्योंकि आज मुझे भी तो अपनी गाण्ड का उदघाटन करवाना था। चौधरी से अपने लण्ड का ताव सहा नहीं जा रहा था और मेरी चिकनी गाण्ड देख कर वो भी उत्तेजित हो रहा था जिसे मैंने सुबह ही साफ किया था और उसका परिणाम आने ही वाला था।

अब चौधरी ने उठ कर मेरी गाण्ड पर हाथ फेरना शुरु कर दिया जो कि मुझे भी उत्तेजित कर रहा था। इतने में वह मेरे पीछे आ गया और अपनी दो अन्गुलियाँ मेरी गाण्ड में पेल दी। मेरी गाण्ड में जोर से दर्द हुआ, मैं बोला- भैन्चोद ! तेल तो लगा ले।

यह सुन कर चौधरी ने ड्रैसिंग टेबल से तेल की शीशी उठाई और बहुत सा तेल लेकर मेरी गाण्ड में लगाने लगा। अब उसने दो अन्गुलियाँ मेरी गाण्ड में डालनी शुरु कर दी और मुझे अजीब सा मजा आने लगा। इधर चूत मारने का और उधर गाण्ड में अन्गुलियाँ, इससे ऊपर की थोड़ी ही देर में एक आठ इन्च लम्बा लण्ड मेरी गाण्ड में घुसने वाला है।

अब रितु फिर से उह आह करने लगी थी।
अब चौधरी ने बोला- मैं तुम्हारी ग़ान्ड मारने वाला हूँ, तैयार हो जाओ।

उसने मेरी कमर को पकड़ लिया और मेरी गाण्ड पर अपना लण्ड रगड़ने लगा। मैंने रितु को चोदना बन्द कर दिया ताकि वह अपना लण्ड मेरी गाण्ड में डाल सके। उसने फिर से बहुत सा तेल अपने लण्ड पर लगाया और मेरी कमर पकड़ कर लण्ड को गाण्ड के छेद पर लगाया। मेरी गाण्ड में झुरझुरी सी दौड़ गई। अब उसने एक जोर का धक्का लगाया और उसका दो इन्च लण्ड मेरी गाण्ड में घुस गया।
मेरी गाण्ड में लण्ड घुसते ही दर्द हुआ पर मै आगे का मजा सोच कर और उत्तेजित हो गया और इतनी ही देर में दूसरा झटका लगा और उसका पूरा लण्ड मेरी गाण्ड में घुस गया और मेरा पूरा लण्ड रितु की चूत में। और इस के साथ ही हम तीनों की आवाज आई।
अब मै सैन्डविच की तरह से था। मैं रितु की चूत मार रहा था और चौधरी मेरी गाण्ड मार रहा था। पहले चौधरी मुझे धक्का मारता और मैं रितु की चूत में लण्ड पेलता।
इधर रितु कह रही थी- चोदो !
और उधर मै कह रहा था- चोदो।

चौधरी तो मेरी गाण्ड मारते हुए मजे से दीवाना हुआ जा रहा था और कह रहा था- क्या टाइट गाण्ड है !
मेरे को भी मजा आने लगा था और फिर चौधरी ने एक दम रफ़्तार बढ़ा दी। लगता था कि टाइट गाण्ड की वजह से वह जल्दी ही खाली होने वाला था। मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी। अब रितु, मैं और चौधरी एक साथ ही झड़ने वाले थे और वह क्षण शीघ्र ही आ गया जब हम तीनों ने बोलना शुरु किया- मैं झड़ने वाला हूँ ! और तीनों कि रफ़्तार तेज हो गई।
इसके साथ ही चौधरी ने मेरी गाण्ड में अपना वीर्य छोड दिया और उसके गर्म गर्म वीर्य को महसूस करते ही मैंने भी रितु की चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया। रितु पहले ही झड़ना शुरू हो चुकी थी। मैंने कस कर रितु को पकड लिया और चौधरी ने मुझे।

तीनो ही हांफ़ रहे थे और एक जोरदार चुदाई से तीनों के चेहरे चमक रहे थे।
थोड़ी देर बाद ही हम तीनों फिर से एक और चुदाई के लिये तैयार थे। अब मै नीचे लेटा और मेरे लण्ड पर रितु मेरी तरफ मुँह करके अपनी चूत ख़ोल कर बैठ गई। फिर मैंने उसे अपनी तरफ झुका लिया जिससे उसकी गाण्ड ऊपर की तरफ निकल आई। चौधरी ने फिर से अपने लण्ड को रितु की गाण्ड में डालने की तैयारी कर ली।

उसने अपने लण्ड पर तेल लगाया और अपनी अन्गुलियों पर तेल लगा कर रितु की गाण्ड में पेल दी और वह जैसे ही आगे हुई, मेरा लण्ड उसकी चूत में पूरा घुस गया। चौधरी ने अपने लण्ड को रितु की गाण्ड पर टिकाया और जोर से धक्का मारा। उसका लण्ड आधे तक गाण्ड में घुस गया और वह चिल्लाने लगी।

चौधरी ने हाथ आगे बढ़ा कर उसके दोनों स्तन पकड़ लिये और मसलने लगा। मैं उसके होठों को चूस रहा था। अब चौधरी ने एक और जोर से धक्का मारा और इसके साथ ही पूरा लण्ड अन्दर तक पेल दिया।

अब हमने मिल कर चोदना शुरु कर दिया और एक बार फिर से रितु की सुख भरी सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगी। इस बार हमने पाँच मिनट तक ऐसे ही चोदा और फिर हमने अपनी पोजीशन बदल ली।
अब चौधरी चूत में लण्ड घुसा रहा था तो मै गाण्ड की मरम्मत कर रहा था।
और फिर कुछ ही देर में रितु ने बोलना शुरु किया- आज चोद डालो इस चूत को और गाण्ड को ! मजे आ गये ! जोर से चोदो ! और जोर से !

इतना सुनते ही हम दोनों की स्पीड बढ़ गई। और हम जोर जोर से चोदने लगे।
रितु की सिसकारियाँ निकलने लगी और वह और बोलने लगी- और तेज ! तेज-तेज !
इधर चूत और गाण्ड दोनों से ही आवाज आ रही थी- फ़्च, फ़च, फ़च !

और इसके साथ ही रितु ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया और हमने अपने धक्को की रफ्तार और तेज कर दी ताकि हम भी एक साथ ही खाली हो जायें। अब मेरे चिल्लाने की बारी थी, आह निकला, आह निकला !
इतने में चौधरी की भी आवाज आई- मेरा भी निकला !

और हम दोनों ने अपना वीर्य छोड़ना शुरू कर दिया। मैंने रितु की गाण्ड में सारा वीर्य छोड़ दिया और चौधरी ने चूत में।
तीनों के चेहरे पर सन्तोष झलक रहा था और इस तरह हम सबकी इच्छा पूरी हो गई। Sex Stories

मेरी चुदाई की अन्तर्वासना कहानी पढ़ें...

मेरी उम्र जब जवानी की अठखेलियाँ लेने लगी तब पहली बार मैंने अपने पापा को मम्मी की चुदाई करते देखा तब मेरे मन में अपने ही पापा से चुदवाने की इच्छा जाग उठी.

दोस्तो, मेरा नाम शिवानी है और मैं पूरी 20 साल की हो चुकी हूँ और मैं औरत मर्द के रिश्ते को समझती थी.

मैं मेरे घर में सबके साथ चुदाई कर चुकी हूँ.


मैं मेरे घर में और ससुराल में भी सबसे बहुत चुद चुकी हूँ.

एक बार मैंने पापा को मम्मी को चोदते देखा तो इतना मज़ा आया कि रोज़ देखने लगी.

मैं पापा की चुदाई देख इतनी मस्त हुई थी कि अपने पापा को फंसाने का जाल बुनने लगी और आख़िर एक दिन कामयाबी मिल ही गई.

पापा को मैंने फंसा ही लिया. अब जब भी मौक़ा मिलता, पापा की गोद में बैठ उनसे चूचियाँ दबवा दबवा मज़ा लेती.
पर अभी तक केवल चूचियों को ही दबवा पाई थी, पूरा मज़ा नही लिया था.

मेरे मामा की शादी थी इसलिए मम्मी अपने मायके जा रही थी. रात में पापा ने मुझे अपनी गोद में खड़े लण्ड पे बिठाकर कहा था- बेटी कल तेरी मम्मी चली जाएगी फिर तुझे कल पूरा मज़ा देकर जवान होने का मतलब बताएँगे.

मैं पापा की बात सुन ख़ुश हो गई थी.
पापा अब अपने बेडरूम की कोई ना कोई विंडो खुली रखते थे जिससे मैं पापा को मम्मी को चोदते देख सकूँ. ऐसा मैंने ही कहा था.

फिर उस रात पापा ने मम्मी को एक कुर्सी पर बिठाकर उनकी चूत को चाटकर दो बार झाड़ा और फिर 3 बार हचक कर चोदा फिर दोनो सो गए.

अगले दिन मम्मी को जाना था. आज मम्मी जा रही थी. पापा ने मेरे कमरे में आ मेरी चूचियों को पकड़कर दो तीन बार मेरे होंठ चूमे और लण्ड से चूत दबा कर कहा- तुम्हारी मम्मी को स्टेशन छोड़कर आता हूँ, फिर आज रात तुमको पूरा मज़ा दूंगा.
मैं बड़ी ख़ुश थी.

पापा चले गए तो मैं घर में अकेली रह गई.
मैं अपनी चड्डी उतार पापा की वापसी का इंतज़ार कर रही थी.

मैंने सोचा कि जब तक पापा नही आते अपनी चूत को पापा के लण्ड के लिए उँगली से फैला लूँ.

तभी किसी ने दरवाज़ा खटखटाया.
मैंने चूत में उँगली पेलते हुए पूछा- कौन है?

‘मैं हूँ रमेश.’ रमेश का नाम सुन मैं गुदगुदी से भर गई.

रमेश मेरा 20 साल का पड़ोसी था.
वो मुझे बड़े दिनों से फांसना चाह रहा था पर मैं उसे लाइन नही दे रही थी.

वह रोज़ मुझे गंदे गंदे इशारे करता था और पास आ कभी कभी चूची दबा देता और कभी गांड पर हाथ फेर कहता- रानी, बस एक बार चखा दो.

आज अपनी चूत में उँगली पेल मैं बेताब हो गई थी. आज उसके आने पर इतनी मस्ती छाई कि बिना चड्डी पहने ही दरवाज़ा खोल दिया.

मुझे उसके इशारों से पता चल चुका था कि वो मुझे चोदना चाहता है.
आज मैं उससे चुदवाने को तैयार थी.

रमेश के आने पर सोचा कि जब तक पापा नहीं आते तब तक क्यों ना इसी से एक बार चुदवाकर मजा लिया जाए.
यही सोचकर दरवाजा खोल दिया.

मैंने जैसे ही दरवाजा खोला रमेश फ़ौरन अन्दर आया और मुझे देखकर खुश हो मेरी चूचियों को पकड़कर बोला- हाय रानी बड़ा अच्छा मौका है.

मैं उसकी हरकत पर सनसना गई.

उसने मेरी चूचियों को छोड़कर पलटकर दरवाजा बंद कर दिया और मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूसने लगा और बोला- हाय रानी, तुम्हारी चूचियाँ तो बहुत टाइट हैं. हाय बहुत तड़पाया है तुमने, आज जरूर चोदूंगा.

‘हाय भगवान, छोड़ो पापा आ जाएंगे.’
‘डरो नहीं मेरी जान, बहुत जल्दी से चोद लूँगा. मेरा लण्ड मोटा नहीं है दर्द नहीं होगा.’
वो मेरी गांड सहला बोला- हाय, चड्डी नहीं पहनी है, यह तो बहुत अच्छा है.

मैं तो अपने पापा से चुदवाने के जुगाड़ में ही नंगी बैठी थी पर यह तो एक सुनहरा मौका मिला गया था.

मैं पापा से चुदवाने के लिए पहले से ही गर्म थी.

जब रमेश मेरी चूचियों और गालों को मसलने लगा तो मैं पापा से पहले रमेश से मजा लेने को तैयार हो गई.
उसकी छेड़छाड़ में मजा आ रहा था. मेरी चूत लण्ड खाने को बेताब हो गई थी.

अपनी कमर लचकाती मैं बोली- हाय रमेश, जो करना हो जल्दी से कर लो, कहीं पापा ना आ जाएँ!
मैं पागल होती बोली.

तो रमेश मेरा इशारा पा कर मुझे बेड पर लिटा अपना पैंट उतारने लगा, नंगा हो बोला- रानी बड़ा मजा आएगा.

‘तुम एकदम तैयार माल हो. देखो मेरा लण्ड छोटा है ना!’

उसने मेरा हाथ अपने लण्ड पर रखा तो मैं उसके 4 इंच के खड़े लण्ड को पकड़ मस्त हो गई.
इसका तो पापा से आधा था.

मैं उसका लण्ड सहलाती बोली- हाय राम, जो करना है जल्दी से कर लो.

रमेश के लण्ड पकड़ते ही मेरा बदन तड़पने लगा.
पहले मैं डर रही थी पर लण्ड पकड़ मचल उठी.

मेरे कहने पर वो मेरी टांगों के बीच आया और मेरी कसी कुंवारी चूत पर अपना छोटा लण्ड रख धक्का मारा, सुपारा कुछ अन्दर गया. फिर 3-4 धक्के मारकर पूरा अन्दर पेल दिया.

कुछ देर बाद उसने धीरे धीरे चोदते हुए पूछा- मेरी जान दर्द तो नहीं हो रहा है. मजा आ रहा है ना?
‘हाय, मारो धक्के, मजा आ रहा है.’

मेरी बात सुन वो तेज़ी से धक्के मारने लगा.

मैं उससे चुदवाते हुए मस्त हो रही थी, उसकी चुदाई मुझे जन्नत की सैर करा रही थी.

नीचे से गांड उचकाती मैं सिसयाते हुए बोली- हाय रमेश, जोर जोर से चोदो, तुम्हारा लण्ड छोटा है. जरा ताक़त से चोदो राजा.

मेरी बात सुन रमेश जोर जोर से चोदने लगा.
उसका छोटा लण्ड सटासट मेरी चूत में आ जा रहा था.

मैं पहली बार चुद रही थी इसलिए रमेश के छोटे लण्ड से भी बहुत मजा आ रहा था.

वो इसी तरह चोदते हुए मुझे जन्नत का मजा देने लगा.

15 मिनट के बाद वो मेरी चूचियों पर लुढ़क गया और कुत्ते की तरह हांफने लगा.
उसके लण्ड से गरम-गरम पानी मेरी चूत में गिरने लगा.

मैं पहली बार चुदी थी और पहली बार चूत में लण्ड की मलाई गिरी थी इसलिए मजे से भर मैं उससे चिपक गई.
मेरी चूत भी टपकने लगी.

कुछ देर हम लोग अलग हुए.
वो कपड़े पहन कर चला गया.

मेरी चूत चिपचिपा गई थी.

रमेश मुझे चोद कर चला गया पर उसकी इस हिम्मत भरी हरकत से मैं मस्त थी.
उसने चोदकर बता दिया कि चुदवाने में बहुत मजा है.

रमेश ठीक से चोद नहीं पाया था, बस ऊपर से चूत को रगड़ कर चला गया था पर मैं जान गई थी कि चुदाई में अनोखा मजा है.

उसके जाने पर मैंने चड्डी पहन ली थी.
मैं सोच रही थी कि जब रमेश के छोटे लण्ड से इतना मज़ा आया है तो पापा अपना मोटा तगड़ा लण्ड पेलेंगे तो कितना मजा आएगा.

रमेश के जाने के 6-7 मिनट बाद ही पापा स्टेशन से वापस आ गए.

अन्दर आते ही वे मेरी कड़ी कड़ी चूचियों को फ्रॉक के ऊपर से पकड़ते हुए बोले- आओ बेटी, अब हम तुमको जवान होने का मतलब बताएँगे.

‘ओह पापा आपने तो कहा था कि रात को बताएँगे.’
‘अरे अब तो मम्मी चली गई हैं अब हर समय रात ही है. मम्मी के कमरे में ही आओ. क्रीम लेती आना.’ पापा मेरी चूचियों को मसलते हुए बोले.

मैं रमेश से चुदकर जान ही चुकी थी. मैं जान गई कि क्रीम का क्या होगा पर अंजान बन बोली- पापा क्रीम क्यों?
‘अरे लेकर आओ तो बताएँगे.’ पापा मेरी चूचियों को इतनी कसकर मसल रहे थे जैसे उखाड़ ही लेंगे.

मैं क्रीम और तौलिया ले मम्मी के बैडरूम में पहुँची. मैं बहुत खुश थी, जानती थी कि क्रीम क्यों मंगाई है. रमेश से चुदने के बाद क्रीम का मतलब समझ गई थी. पापा मुझे लड़की से औरत बनाने के लिए बेकरार थे. मैं भी पापा का मोटा केला खाने को तड़प रही थी.

कमरे में पहुँची तो पापा बोले- बेटी, क्रीम टेबल पर रखकर बैठ जाओ.
मैं गुदगुदाते मन से कुर्सी पर बैठ गई तो पापा मेरे पीछे आये और अपने दोनों हाथ मेरी कड़ी चूचियों पर लाये और दोनों को प्यार से दबाने लगे.

पापा के हाथ से चूचियों को दबवाने में बड़ा मजा आ रहा था.

तभी पापा ने अपने हाथ को गले की ऊपर से फ्रॉक के अन्दर डाल दिया और नंगी चूचियों को दबाने लगे.
मैं फ्रॉक के नीचे कुछ नहीं पहनी थी.
पापा मेरी कड़ी कड़ी चूचियों को मुट्ठी में भरकर दबा रहे थे साथ ही दोनों घुन्डियाँ को भी मसल रहे थे.
मैं मस्ती से भरी मजे ले रही थी.

तभी पापा ने पूछा- क्यों बेटी तुमको अच्छा लग रहा है?
‘हाय पापा, बहुत मजा आ रहा है.’

‘इसी तरह कुछ देर बैठो, आज तुमको शादी वाला मजा देंगे. अब तुम जवान हो गई हो.’
‘हाय तुम लेने लायक हो गई हो. आज तुमको खूब मजा देंगे.’

‘आहह्ह् ऊऊह्ह् पापाआआ.’
‘जब मैं इस तरह से तुम्हारी चूचियों को दबाता हूँ तो तुमको कैसा लगता है?’

पापा मेरी कड़ी चूचियों को निचोड़कर बोले तो मैं उतावली हो बोली- हाय पापा, उह्ह ससीए इस तरह तो मुझे और भी अच्छा लगता है.
‘जब तुम कपड़े उतारकर नंगी होकर मजा लोगी तो और ज्यादा मजा आएगा. हाय तुम्हारी चूचियाँ छोटी हैं.’

‘पापा मेरी चूचियाँ छोटी क्यों हैं. मम्मी की तो बड़ी हैं.’
‘घबराओ मत बेटी. तुम्हारी चूचियाँ को भी मम्मी की तरह बड़ी कर दूंगा.’

‘हाय बेटी कपड़े उतारकर नंगी होकर बैठो तो बड़ा मजा आएगा.’
‘पापा चड्डी भी उतार दूँ.’ मैं अनजान बनी थी.
‘हाँ बेटी चड्डी भी उतार दो.’
‘लड़कियों का असली मजा तो चड्डी में ही होता है.’

‘आज तुमको सारी बात बताएँगे. जब तक तुम्हारी शादी नहीं होती तब मैं ही तुमको शादी का मजा दूंगा. तुम्हारे साथ में ही सुहागरात मनाऊँगा.’
‘तुम्हारी चूचियाँ बहुत टाइट हैं.’
‘बेटी नंगी हो जाओ.’ पापा फ्रॉक के अन्दर हाथ डाल दोनों को दबाते बोले.

जब पापा ने मेरी चूचियाँ को मसलते हुए कपड़े उतारने को कहा तो यकीन हो गया कि आज पापा के लण्ड का मजा मिलेगा.

मैं उनके लण्ड को खाने की सोच गुदगुदा गई थी. मैं मम्मी की रंगीन चुदाई को याद करती कुर्सी से नीचे उतरी और कपड़े उतारने लगी.
कपड़े उतार नंगी हो मम्मी की तरह ही पैर फैला कुर्सी पर बैठ गई.
मेरी छोटी छोटी चूचियाँ तनी थी और मुझे जरा भी शरम नहीं लग रही थी.

मेरी जाँघों के बीच रोएंदार चूत पापा को साफ़ दिख रहे थे.
पापा मेरी गदराई चूत को गौर से देख रहे थे.
चूत का गुलाबी छेद मस्त था.

पापा एक हाथ से मेरी गुलाबी कली को सहलाते बोले- हाय राम, बेटी तुम्हारी चूत तो जवान हो गई है.

‘अरे बेटी तुम्हारी चूत.’ पापा ने चूत को दबाया.
पापा के हाथ से चूत दबाये जाने पर मैं सनसना गई.
मैं मस्ती से भरी अपनी चूत को देख रही थी.

तभी पापा ने अपने अंगूठे को क्रीम से चुपड़ मेरी चूत में डाला.
वो मेरी चूत क्रीम से चिकनी कर रहे थे.

अंगूठा जाते ही मेरा बदन गनगना गया.

तभी पापा ने चूत से अंगूठा बाहर किया तो उस पर लगे चूत के रस को देख बोले- हाय बेटी यह क्या है, क्या किसी से चुदकर मजा लिया है?

मैं पापा के अनुभव से धक्क से रह गई.
मैं घबराकर अनजान बनती बोली- कैसा मजा पापा?
‘बेटी यहाँ कोई आया था?’
‘नहीं पापा यहाँ तो कोई नहीं आया था.’

‘तो फिर तुम्हारी चूत में यह गाढ़ा रस कैसा?’
‘मुझे क्या पता? पापा जब आप मेरी चूचियाँ मसल रहे थे तब कुछ गिरा था शायद.’ मैं बहाना बनाती बोली.

‘लगता है तुम्हारी चूत ने एक पानी छोड़ दिया है. लो तौलिया से साफ़ कर लो.’
पापा मुझे तौलिया दे चूचियों को मसलते हुए बोले.

पापा से तौलिया ले चूत को रगड़ रगड़कर साफ़ किया.
पापा को रमेश वाली बात पता नहीं चलने दी.

मैं चूचियाँ मसलवाते हुए पापा से खुलकर गन्दी बाते रही थी ताकि सभी कुछ जान सकूं.
‘बेटी जब तुम्हारी चूचियों को दबाता हूँ तो कैसा लगता है?’
‘हाय पापा, तब जन्नत जैसा मजा मिलता है.’

‘बेटी तुम्हारी चूत में भी कुछ होता है?’
‘हाँ पापा गुदगुदी हो रही है.’ मैं बेशर्म हो बोली.

‘जरा तुम्हारी चूचियाँ और दबा लूँ तो फिर तुम्हारी चूत को भी मजा दूँ.’
‘बेटी किसी को बताना नहीं.’
‘नहीं पापा बहुत मजा है, किसी को नहीं पता चलेगा.’

पापा मेरी चूचियों को मसलते रहे और मैं जन्नत का मजा लेती रही.

कुछ देर बाद मैं तड़प कर बोली- ऊओह्हछ पापा अब बंद करो चूचियाँ दबाना और अब अपनी बेटी की चूत का मजा लो.’

अब मैं भी पापा के साथ खुलकर बात कर रही थी. इस समय हम दोनों नहीं बाप-बेटी थे. पापा मेरी चूचियों को छोड़कर मेरे सामने आये. पापा का खड़ा लंड मोटा होकर मेरी आँखों के सामने फुदकने लगा.

लण्ड तो पापा का पहले भी देखा था पर इतनी पास से आज देख रही थी. मेरा मन उसे पकड़ने को ललचाया तो मैंने उसे पकड़ लिया और दबाने लगी. चूत पापा के मस्त लण्ड को देख कर लार टपकाने लगी.

मैं पापा के केले को पकड़कर बोली- शश पापा आपका लण्ड बहुत मोटा है. इतना मोटा मेरी चूत में कैसे जाएगा?
‘अरे पगली मर्द का लण्ड ऐसा ही होता है. मोटे से ही तो मजा आता है.’

‘पर पापा मेरी चूत तो छोटी है.’
‘कोई बात नहीं बेटी. देखना पूरा जाएगा.’
‘पर पापा मेरी फ़ट जाएगी.’
‘अरे बेटी नहीं फटेगी. एक बार चुद जाओगी तो रोज चुदवाने के लिए तड़पोगी.’

‘अपने पैर फैलाकर चूत खोलो पहले अपनी बेटी की चूत चाट लूँ फिर चोदूँगा.’

मैं समझ गई कि पापा मम्मी की तरह मेरी चूत को चाटना चाहते हैं.
मैंने जब मम्मी को चूत चटवाते देखा था तभी से तरस रही थी कि काश पापा मेरी चूत भी चाटे.

अब जब पापा ने चूत फैलाने के लिए दोनों हाथ से चूत की दरार को छेड़कर खोल दिया.

पापा घुटने के बल नीचे बैठ गए और मेरी रोएंदार चूत पर अपने होंठ रख कर चूमने लगे.

पापा के चूमने पर मैं गनगना गई.

दो चार बार चूमने के बाद पापा ने अपनी जीभ मेरी चूत के चारो ओर चलाते हुए चाटना शुरू किया. वो मेरे हलके हलके बाल भी चाट रहे थे. मुझे गज़ब का मजा आ रहा था.

पापा चूत चाटते हुए तीत (क्लिट) भी चाट रहे थे.
मैं मस्त थी.

रमेश तो बस जल्दी से चोदकर चला गया था, चूची भी नहीं दबाया था मजा नहीं आया था.
लेकिन पापा तो चालाक खिलाड़ी की तरह पूरा मजा दे रहे थे.
पापा ने चूत चाटकर गीला कर दिया था. अब पापा चूत की दरार में जीभ चला रहे थे.

कुछ देर तक इसी तरह करने के बाद पापा ने अपनी जीभ मेरी गुलाबी चूत के लस लसाए छेद में पेल दिया.
जीभ छेद में गई तो मेरी हालत खराब हो गई. मैं मस्ती से तड़प उठी.
पहली बार चूत चाटी जा रही थी. इतना मज़ा आया कि मैं नीचे से चूतड़ उछालने लगी.

कुछ देर बाद पापा चाटकर अलग हुए और मेरी चूत पर लगे लण्ड से चूत रगड़ने लगे.

चूत की चटाई के बाद लण्ड की रगड़ाई ने मुझे पागल बना दिया और मैं उतावलेपन में पापा से बोली- पापा अब पेल भी दो मेरी चूत में … आह हहह ऊऊहह!

पापा ने मेरी तड़पती आवाज़ पर मेरी चूचियों को पकड़कर कमर को ऊठाकर धक्का मारा तो करारा शॉट लगने पर पापा का आधा लण्ड मेरी चूत में समा गया.

पापा का मोटा और लम्बा लण्ड मेरी छोटी चूत को ककड़ी की तरह चीरकर घुसा था.
आधा जाते ही मैं दर्द से तड़पकर बोली- आआ हहह ऊऊईई ममआ मररर!! गई पापा. धीरे धीरे पापा बहुत मोटा है पापा … चूत फट गई.

पापा का मोटा और लम्बा लण्ड मेरी चूत में कसा था. मेरे कराहने पर पापा ने धक्के मारना बंदकर मेरी चूचियों को मसलना शुरू किया.
अब मजा आने लगा.
6-7 मिनट बाद दर्द ख़त्म हो गया.

अब पापा बिना रुके धक्के लगा रहे थे. धीरे धीरे पापा का पूरा लण्ड चूत की झिल्ली फाड़ता हुआ घुस गया.
मैं दर्द से छटपटाने लगी. ऐसा लगा जैसे चूत में चाकू धंसा है.

मैं कमर झटकती हुई बोली- हाय पापा मेरी चूत फ़टट गई. निकालो मुझे नहीं चुदवाना.

पापा अपना लण्ड पेलते हुए मेरे गाल चाट रहे थे. पापा मेरे गाल चाट बोले- बेटी रो मत अब तो पूरा चला गया. हर लड़की को पहली बार दर्द होता है फिर मजा आता है.

कुछ देर बाद मेरा कराहना बंद हुआ तो पापा धीरे धीरे चोदने लगे. पापा का कसा कसा लण्ड आ जा रहा था. अब सच ही मजा आ रहा था. अब जब पापा ऊपर से धक्का लगाते तो मैं नीचे से गांड उछालती. रमेश तो केवल ऊपर से रगड़ कर चोदकर चला गया था. असली चुदाई तो पापा कर रहे थे.

पापा ने लण्ड पूरा अन्दर तक पेल दिया था. पापा का लण्ड रमेश से बहुत मजेदार था. जब पापा शॉट लगाते तो सुपाड़ा मेरी बच्चेदानी तक जाता. मुझे जन्नत के मजे से भी अधिक मजा मिल रहा था.

तभी पापा ने पूछा- बेटी, अब दर्द तो नहीं हो रही है.’
‘हाय पापा अब तो बहुत मजा आ रहा है. आहहहछ पापा और जोर जोर से चोदिये पापा.’

इसी तरह 30 मिनट बाद पापा के लण्ड से गरम गरम मलाईदार पानी मेरी चूत में गिरने लगा. जब पापा का पानी मेरी चूत में गिरा तो मैं पापा से चिपक गई और मेरी चूत भी फलफलाकर झड़ने लगी. हम दोनों साथ ही झड़ रहे थे.

पापा ने फिर मुझे रात भर चोदा.

सुबह 10 बजे सोकर उठे तो मैंने पापा से कहा- पापा आज फिर चोदेंगे?
‘अरे मेरी जान अब मैं बेटीचोद बन गया हूँ. अब तो रोज ही चोदूँगा.’
‘अब तू मेरी दूसरी बीवी है पर पापा जब मम्मी आ जाएंगी तो?’

‘मेरी जान उसे तो बस एक बार चोद दूंगा और वो ठंडी हो जाएगी फिर तेरे कमरे में आ जाया करूंगा.’
मैं फिर पापा के साथ रोज सुहागरात मनाने लगी.

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Antarvasna

चुदाई की ढेर Antarvasna सारी कहानियाँ अन्तर्वासना में पढ़ने के बाद मैंने भी सोचा कि एक सेक्सी कहानी पाठकों के साथ बाँट लूँ !

यह बात उस समय की है जब मैं भिलाई में रह कर आईटीआई की ट्रेनिंग कर रहा था।

मेरे आईटीआई का एक मित्र हमेशा अपने घर ले जाता और उसके घर वाले भी बहुत अच्छे से पेश आते थे।

घर से दूर रहने के कारण परिवार के माहौल में बहुत अच्छा लगता था। मेरे दोस्त का एक भाई था, उसके पापा अच्छी नौकरी में थे।

उनकी मम्मी भी बहुत अच्छी थी, जब भी घर जाता तो नाश्ता चाय के बगैर आने ही नहीं देती थी।

मलयाली परिवार से होने के कारण खाने में ढेर सी अच्छी चीजें मिलती थी। टीवी देखने के नाम पर ही मेरा वहाँ जाना ज्यादा होता था क्योंकि उस समय मुझे फिल्मों का बहुत शौक था।

एक बार मेरे दोस्त के भाई की नौकरी के लिए उनके पापा और भाई को चार दिनों के लिए पूना जाना पड़ा। दोस्त ने मुझे तब तक के लिए अपने घर पर ही सोने के लिए कहा।

उस रात का खाना भी दोस्त के ही घर पर हमने खाया। दस बजे दोस्त सोने अपने बेडरूम में चले गया, मैं टीवी देखने के नाम पर ड्राइंग रूम में ही सोने के लिए रूक गया।

रात के साढ़े ग्यारह बजे चैनल बदलते समय अचानक ही टीवी में ब्लू फिल्म आने लगी।

मैं बहुत ही खुश हो गया क्योंकि मुझे ब्लू फिल्म देखने में बहुत ही मजा आता है। दस मिनट बाद ही मेरा लण्ड सनसनाने लगा।

एक आदमी एक औरत की चूत को चाट रहा था और साथ ही में उसकी गाण्ड के छेद में अपनी एक उंगली डाल आगे पीछे कर रहा था।

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैने चड्डी उतार दी और लंड को पकड़ के सहलाने लगा। थोड़ी ही देर में सारा माल मेज़ के ऊपर ही गिर गया।

मैं बाथरूम में गया और लंड साफ कर लिया।

तभी मेरी नजर दोस्त की मम्मी की ब्रा और पैन्टी पर पड़ी।

मुझे फिल्म का सीन याद आ गया मैंने पहले कभी दोस्त की मम्मी के बारे में ऐसा गन्दा ख्याल नहीं किया था।

ब्रा और पैन्टी को छूते ही मेरा लंड फिर से तैयार होने लगा। ब्रा को सहलाते हुए आंटी को याद कर मैं मुठ मारने लगा।

जोश में आंटी की सेक्सी तस्वीर मन में आने लगी। मलयाली आंटी की मोटी गांड और मस्त बड़े बड़े दूध को याद करके मैं जोर जोर से मुठ मार ही रहा था कि आहट सी हुई पर जोश की अधिकता में मेरा माल आने ही वाला था और मैं अपने को रोक नहीं पाया और सारा माल आंटी की पैन्टी में ही निकल गया।

तभी बाहर से बाथरूम का दरवाजा खुल गया आंटी शायद बाहर खड़ी थी अचानक ही वो अन्दर आ गई। मैं हड़बड़ा गया।

आंटी मेरा हाथ पकड़ कर बोली- यह क्या कर रहा था?

मेरी आवाज़ ही नहीं निकल पा रही थी, मैं नज़रें नीचे झुकाए थर-थर कांप रहा था। आँटी ने गुस्से में पैन्टी छीनते हुए कहा- मादरचोद, मेरी फ़ुद्दी को याद कर लौड़ा घोंट रहा था !

मैं लगभग रोते हुए बोला- मुझे माफ़ कर दो आंटी !

आंटी ने कहा- बाहर टीवी में ब्लू फिल्म तूने ही लगाई है न ? कैसेट कहाँ से मिली ?

मैं हकलाते हुए बोला- वो तो केबल पर !

और चुप हो गया।

आंटी ने ओ..ह्ह्ह… कहा और चुप हो गई। मेरा लौड़ा आंटी की बदन की गरमी को महसूस कर अब ऊपर-नीचे होने लगा था।

मैं अभी तक नंगा था और आंटी अपने पैन्टी में लगे वीर्य की बूंदों को सूंघते हुए बोली- यह तूने मेरी पैन्टी को ख़राब किया है?

मैं इसे साफ़ कर देता हूँ आंटी !

और उनके हाथ से पैन्टी ले कर मैं उसे पानी में डुबा कर धोने लगा। आंटी मेरे हाथ पकड़ कर मुझे उसे धोने में मदद करते हुए बोली- जरा सी भी गन्दगी नहीं रहनी चाहिए !

और अपने बड़े बड़े दूधों को मेरे पीठ में रगड़ने लगी। मेरा लंड अभी भी नंगा था और पूरी तरह से तन कर तैयार हो गया था।

वो मुझसे बोली- लौड़े को हिलाने में बहुत मजा आता है क्या ?

मैं अ..ह…. ही कर पाया था। आंटी के झुके होने से उनके बड़े बाटलों की झलक साफ दिख रही थी।

अब मैं भी नंगे होने के बावजूद उनके बाटलो को घूर रहा था। आंटी समझ गई और बोली- दूध को क्या घूर रहा है बे ?

मैं एक पल को सकपका गया और नजर नीचे कर ली।

तभी आंटी मेरे लौड़े को अन्डकोषों के नीचे से सहलाते हुए बोली- वाह… कितना मस्त है रे.. !

मेरा लंड जैसे सलामी मारता हुआ उनकी चूत के नीचे जा कर रूक गया। वो हाथों से मेरे लंड को सहलाने लगी और बड़बड़ाने लगी- मादरचोद, इतना मस्त लौड़ा है और तू घोंट-घोंट कर गिरा रहा है !

अब मेरे से बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था, मैं आंटी से लिपट गया और “अ..ह… आंटी मस्त लग रहा है” मेरे हाथ बिजली की तेजी से उनके शरीर को मसल रहे थे।

दो मिनट बाद ही आंटी अपने को कंट्रोल करते हुए मुझे खींचते हुए अपने बेडरूम की ओर ले चली।

बेडरूम अन्दर से बंद कर वो अपने कपड़े उतारने लगी। चंद पलों में ही वो पूरी नंगी मेरे सामने अपने दूध को मसल रही थी।

मैं उनकी गाण्ड से लेकर जान्घों तक पप्पियों की बरसात करने लगा।

उन्होंने मेरे मुँह को अपनी चूत के पास किया और गरजदार लहजे में कहा- चूस.. इसे …. !

मैं यंत्रचालित सा उनके चूत की ओर झुकता चला गया। पहली बार चूत की मादक खुशबू मुझे मदहोश कर दे रही थी।

मैं कस कर उनकी चूत को चूसते हुए उनकी गाण्ड को सहलाने लगा और जाने कब मेरा हाथ उनकी गांड के बीच की घाटी में घुस गया।

वो सिसकने लगी और मुझ पर झुकती हुई मेरे गांड को सहलाने लगी। उनके हाथ लगाने से मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने एक उंगली उनकी गांड के छेद में घुसा दी और अन्दर बाहर करने लगा।

वो सी.. अह..ह… जान और जोर से छोड़ पूरा हाथ घुसा दे जान…. मेरी जान…. कह अपनी एक उंगली मेरे गांड के छेद में घुसाने लगी।

मुझे अनायास ही असीम आनंद की अनुभूति होने लगी। एक हाथ से आंटी गांड में उंगली कर रही थी और दूसरे हाथ से वो लौड़े को पकड़ कर जोर जोर से हिला रही थी …….

शेष अगले भाग में ! अभी मैं मुठ मार लेता हूँ आंटी की पहली चुदाई को याद कर ! अब रहा नहीं जा रहा है ! Antarvasna

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