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Massage Girl in Hailakandi: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Hailakandi who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Hailakandi that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Hailakandi massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Hailakandi who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Hailakandi massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Hailakandi massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Hailakandi who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Hailakandi employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Hailakandi helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Hailakandi

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Hailakandi at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Sex Stories

बात उन दिनों की है जब मैं दिल्ली में एक कंपनी Sex Stories में नौकरी करता था. हम लोगों ने एक घर किराये पर ले रखा था. घर में तीन कमरे थे. पहला कमरा एक बड़ा ड्राइंग रूम था और बाकी दो कमरे बेडरूम थे. मैं आखरी वाले कमरे में रहता था बिल्कुल अकेला.

हमने एक काम वाली रखी जो सिर्फ़ १९ साल की थी. देखने में तो वो ठीक थी, लेकिंग उसके मम्मे बहुत ही बड़े थे. उसका नाम मंजू था. मंजू आगरा की रहने वाली थी लेकिन उन दिनों वो अपने माँ बाप के पास रहती थी क्योंकि उसके पति के साथ झगडा हो गया था. उन दिनों मेरा लण्ड बहुत ही ज़्यादा परेशान करता था मुझे.

मंजू रोज़ सुबह ७ बजे आती थी और पहले झाडू पोचा करती थी और फिर वोह हम लोगो का खाना बनाती थी. मेरे मन में वो पहले दिन से ही छा गई थी, और मैं उसकी चूत मारने की सोचता रहता था.

एक रोज़ वोह सुबह सुबह जब मेरे कमरे में झाडू कर रही थी तो मैंने उसे सर दबाने के लिए कहा, उसने आने कोमल हाथों से मेरा सर दबाना शुरू कर दिया. फिर तो यह रोज़ के किस्सा हो गया. धीरे धीरे मैंने उसके हाथ पकड़ना शुरू कर दिया और जब उसने कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई. फिर एक सुबह मैंने अपना सर दबवाते हुए उसके मम्मे पकड़ लिए और वोह मुझसे अपना हाथ छुड़वा कर चली गई. मैंने सोचा कोई बात नहीं तुझे तो मैं अच्छे से चोदूंगा.

एक शाम को मेरे दोस्त ने कहा कि उसको १० दिन के लिए जयपुर जाना पड़ेगा ऑफिस के काम से. मेरी तो जैसे लॉटरी ही निकल गई.

अब बस मैं अकेला ही बचा था उस फ्लैट में. अगली सुबह जब कामवाली ने दरवाज़े की घंटी बजाई तो मैंने दरवाज़ा खोला और वो मुझे देख कर चौंक गई.
मैंने कहा- मेरा दोस्त जयपुर गया है, १० दिन बाद लौटेगा.
मंजू ने शायद यह भांप लिया था कि अब तो उसको चुदना ही पड़ेगा. खैर मैंने उसे कहा कि तुम आज खाना सिर्फ़ मेरे लिए और अपने लिए ही बनाना. फिर उसने झाडू लगना शुरू किया तो मैं वापस अपने बिस्तर पर आ कर लेट गया.

जब वोह मेरे कमरे में आई तो मैंने उसे कहा- मंजू, आज शरीर में बहुत दर्द हो रहा है, लगता है आज छुट्टी लेनी पड़ेगी।
उसने कहा- मैं आपको दबा देती हूँ.

फिर मंजू ने मुझे धीरे धीरे दबाना शुरू किया. मुझे तो लग रहा था जैसे मैं जन्नत में हूँ. मैंने उससे पूछा- मंजू, तुम अपने घरवाले के पास क्यों नहीं जाती हो?
तो उसने जवाब दिया- वो मुझे छोड़ कर चला गया था एक लड़की पैदा होने के बाद, अब आता है माफ़ी मांगने के लिए लेकिन मैं उस पर कैसे विश्वास कर लूँ?

फिर मुझे समझ में आ गया कि उसकी चूत मारने में ज़्यादा टाइम नहीं लगेगा. मैंने धीरे धीरे उसे कहा की मेरी पीठ को भी दबाओ. उसने मेरा कहना माना और वो मेरे बिस्तर पर बैठ गई. मैंने उसकी जांघ पर हाथ फेरना शुरू किया और उसने ज़्यादा आना कानी नहीं की. फिर मैंने उसकी चुचियों को उसके कमीज़ के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया और वोह कराहने लगी. मैंने ज़्यादा टाइम बर्बाद नही करते हुए उसके बिस्तर पर लेटा लिया और उसका कमीज़ निकल दिया. फिर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रखे और एक लम्बी सी किस दे दी. फिर मैंने उसकी ब्रा उतारी और मैंने उसके मम्मे चाटना शुरू कर दिया. वो तो जैसे सातवें आसमान पर थी. मैंने उसके मम्मों को दबाना भी जारी रखा. उसने कहा अब बस भी करो, अगर मैं जोश में आ गई तो गड़बड़ हो जायेगी.

मैंने उसकी सलवार उतारी और उसकी जाँघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. धीरे धीरे मैंने उसके जाँघों पर अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. वोह ” ऊउह्ह्ह आआ आआःः ऊऊऊईई कर रही थी, और मैं रुकने का नाम भी नहीं ले रहा था.

फिर मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसकी टांगें फ़ैला कर उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. उसकी चूत में से एक नमकीन सा स्वाद आ रहा था. उसकी गर्मी बढती जा रही थी उसने मेरा लण्ड ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया. मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और उसके मुँह में अपना लण्ड रख दिया. उसने मेरे लण्ड को लोलीपोप के जैसे चूसना शुरू कर दिया.

मैंने फिर उसकी चूत को ज़ोर ज़ोर से चाटना शुरू किया और वोह भी मेरे लण्ड को चूस रही थी।

फिर मैंने अपना लण्ड उसके मुँह से निकाला और उसकी चूत पर रख दिया और एक ज़ोर से धक्का मारा. मेरा ६.५” का लण्ड उसकी चूत में चला गया. उसकी तो जैसे जान जी निकल गई और बोली ” ज़रा धीरे धीरे से करो ना, बहुत दर्द हो रहा है, आपका लण्ड तो बहुत ही मोटा, और तगड़ा है, मुझे बहुत दर्द हो रहा है”

मैंने अपना लण्ड थोड़ा सा बाहर निकाला और पूछा,” अब ठीक है क्या?”
वोह बोली,” हाँ अब ठीक है”

फिर मैंने धीरे से एक और धक्का मारा और इस बार मेरा सारा का सारा लण्ड उसकी चूत में समां गया.

“ऊऊओह्ह्ह अहह्ह्छ साहब बहुत अच्छा लग रहा है! चोद दो मुझे! आज से मैं आपकी हो गई हूँ! आह्ह्ह् उफ्फ्फ उईईई आआआ! बहुत मज़ा आ रहा है!”

मैं उसकी चुदाई ज़ोर ज़ोर से करने लगा और साथ में उसके मम्मों को चूस रहा था. मुझे बहुत दिनों के बाद कोई अच्छी चूत मिली थी इसलिए मैं अपनी सारी भड़ास निकलना चाहता था. मैंने उसके मम्मे चूसने के साथ साथ दबाना भी चालू रखा था. उसकी सिसकियों से कमरे का माहौल काफ़ी गरम हो रहा था.

ऊऊऊ आआआ अह्ह् ह्ह्ह्हछ उईईई! साहब और ज़ोर से करो ना! मुझे और प्यार करो! मेरा पानी निकाल दो! आज बहुत दिनों के बाद एक असली मर्द से पला पड़ा है! आआआ आआह्ह्ह ऊऊउह्ह्ह्ह ह्ह आआआ आआआ! मैं आआअ रहीईई हून्न्न साहब!

मैंने भी ज़ोर ज़ोर से उसको पेलना शुरू रखा और थोड़ी देर के बाद मैं भी आ गया उसकी चूत में सारा माल निकाल दिया मैंने अपना.

उसने मेरा लंड अपने मुँह से साफ़ किया और फिर मेरी बांहों में आ कर लेट गई. Sex Stories

Sex Stories

एक शानदार वेबसाइट Sex Stories लॉन्च करने पर अन्तर्वासना के सभी कर्ता-धर्ता, समूचे स्टाफ व गुरु जी को सबसे ज्यादा प्यार और बधाई!

जबसे मेरी दीदी रेखा मेहरा के ज़रिये मुझे इस वेबसाइट का पता चला, मैंने उनकी बताई साईट खोली. जब कहानियाँ पढ़ी तो लोगों की बिस्तर की बातें इसमें देख मेरी तो चूत गीली हो गई थी. मैं भी अपनी जिन्दगी का पहला सेक्स आपके सामने लाकर शुरुआत करने जा रही हूँ, उम्मीद से दुनिया कायम है, मुझे आशा है कि मेरी यह चुदाई जल्द ही आप सबके सामने अन्तर्वासना के ज़रिये आपकी कंप्यूटर स्क्रीन पर होगी.

मेरा नाम सुलेखा, 5 फुट 5 इंच कद, गुन्दाज़ बदन, गोरे-चिट्टे मखमल जैसे वक्ष! मैं बारहवीं जमात की छात्रा हूँ. पहले हम एक संयुक्त परिवार में रहते थे, चाचू-चाची, बुआजी, ताया-ताई, घर इतना बड़ा नहीं था, इसलिए मैं चुदाई के लाइव सीन देख देख बड़ी हुई.

एक दिन चाचू-चाची अकेले थे. मैं तबीयत ठीक न होने की वजह से पहले घर आ गई. चाचू के कमरे से सिसकी की आवाज़ सुन मैं पिछली खिड़की की ओर बढ़ी. मैं जब मॉम-डैड के बीच सोती थी तो कई बार डैड को मॉम पर सवार होते देखा था, लेकिन अच्छी तरह से नहीं देख पाई. आज मौका था, अन्दर चाचू बेड के किनारे बैठे थे नंगे, चाची फर्श पर घुटनों के बल बैठी चाचू के लौड़े को मजे ले ले कर चूस रहीं थी. फिर चाची बिस्तर पर आई. नंगी चाची को चाचू ने लिटा अपना लौड़ा चाची की चूत में घुसा दिया. यह देख मेरी पेंटी भी गीली हो गई.

फिर डैड ने शहर में आकर अपना बढ़िया मकान बनाया और हम शहर आकर बस गए. गाँव में पंजाबी मीडियम से सातवीं जमात तक पढ़ी, वो एक कन्या-विद्यालय था. यहाँ आकर मैंने एक प्राइवेट और अंग्रेजी मीडियम लड़के-लड़कियों के स्कूल में मैंने आठवीं में दाखला लिया और मेरी सहेलियाँ भी बन गई. हमारा चार लड़कियों का ग्रुप बन गया. श्वेता, मरियम, नूरी और मैं!

उनका अभी से लड़कों में ध्यान था, नूरी का तो अफेअर भी चल निकला था. हमारे ग्रुप की चर्चा चालू लड़कियों में होती थी. अब मेरी जवानी भी अंगड़ाई लेने लगी. सबमें से मेरी जवानी की बातें लड़कों में ज्यादा होने लगी. सब जब घर से निकलती तो लड़कों की निगाहें मेरी छातियों पर रहने लगी. देख देख मुझे मजा आने लगा. तभी मुझे मेरे ही स्कूल में पढ़ने वाले अमृत नाम के एक लड़के ने मुझे परपोज़ किया. उसको मैंने कोई जवाब नहीं दिया.

जब मैं स्कूल से घर जाती तो मेरे पीछे होंडा सिटी कार में एक दूसरा लड़का आने लगा हर रोज़ सुबह और स्कूल के बाद! बहुत हैण्डसम था, बड़े घर का लड़का था. उसने मुझे एक दो बार कार पास लाकर अपना मोबाइल नंबर दिया, मेरे साथ नूरी भी रहती थी, उसने नंबर पकड़ के रख लिया और मुझे कहने लगी- पटा ले मेरी जान! और क्या चाहिए!

मैंने कहा- जो अमृत ने परपोज़ किया उसका क्या?
उसको स्कूल तक सीमित रख!
मैंने नूरी से नंबर लिया, दोनों पास की एस.टी.डी पर गई और कॉल की. उसने अपना नाम करण बताया और मुझे कहा- मैं आप पर फ़िदा हूँ प्लीज़!
मैंने उसको हाँ कर दी.
वो बोला- मैं इसी मार्केट में ही हूँ! चलिए मैं आपको घर छोड़ देता हूँ, प्लीज़ मना मत करना! मुड़ कर देखो!

मैंने केबिन से देखा, उसने हाथ हिलाया. नूरी का घर पास था, वो पैदल चली गई. मैं उसकी कार में बैठ गई. कुछ देर ऐसे ही घूमते रहे. उसने मेरा हाथ पकड़ा- आप बहुत सेक्सी हो, बहुत सुन्दर हो!
उसने हाथ पर किस किया- आई लव यू सो मच!
मैंने कहा- आई लव यू टू!

उसने पास खींचते हुए मेरे होंठों पे किस कर दी, मुझे करंट सा लगा. उसने कार साइड पर कर मेरे होंठ चूसने शुरु किये.
मैंने कहा- प्लीज़ छोड़ो न!
वो बोला- कितने दिन से आपके इन होंठों का रसपान करने का दिल था! आप कहती हैं छोड़ो!

मुझे भी कुछ होने सा लगा- मैं भी लिप-किस में उसका साथ देने लगी. पता ही नहीं चला कब उसका हाथ मेरी शर्ट में घुसता हुआ मेरे मम्मों तक पहुँच गया. उसने सीट पीछे कर दी और मेरे ऊपर बैठ गया. एक हाथ उसने मेरी स्कर्ट में डाल मेरी जांघें सहलाने लगा. मैं इतनी गरम हो गई कि सब भूल गई. बस दोनों जवानी के जोश में एक दूसरे में खोने लगे.उसने बटन खोल मेरा मम्मा ब्रा से निकाल लिया और उसको मसलने लगा. मुझे तब होश आया जब मैंने उसका हाथ अपनी पेंटी पर महसूस किया. एकदम से अलग होकर हाँफने लगी.

वो बोला- क्या हुआ?
“प्लीज़! हम सड़क पर हैं, कोई पकड़ लेगा तो आफत आ जायेगी!”
बोला- इसको तो छोड़ो!

एकदम से मैं चौंक गई, मेरा हाथ उसके लौड़े पर था. मैं शरमा सी गई.
उसने कहा- कोई नहीं आयेगा! इतनी कड़ी गर्मी में कौन आएगा!

फिर भी उसने मुझे घर छोड़ दिया. बाथरूम में जाकर अपनी पेंटी देखी जो गीली हो गई थी. अपने मम्मे पर जब उसके दांत का निशान देखा तो मुझे अजीब सी हलचल हुई. उसके बाद कुछ दिन ऐसे ही कार में मिलते रहे. घूमने के बहाने चूमा-चाटी चलती रही.

एक रोज़ जब मैंने शाम को उसको कॉल किया. उसने कहा- आज ट्यूशन मिस कर दो, एअरपोर्ट रोड की तरफ घूमने जायेंगे. वहाँ सुनसान सी एक सड़क है.
मैंने कहा- ठीक है! मुझे पिक कर लो!

हम निकल पड़े. वहाँ एक रेस्तराँ था, बिल्कुल एअरपोर्ट के कार्नर पर था, वहाँ कई लोग अपनी अपनी कार में ही बैठे थे. आज वो अपनी बड़ी कार लाया था. उसने पार्किंग की बजाये वो साथ वाली खाली सड़क पर कार मोड़ ली और रेस्तराँ के पीछे ले गया. वहीं वेटर आया. उसने अपने लिए चिल्ड बियर ली, मैंने कोल्ड काफी आर्डर की.

उसने मुझे बाँहों में लिया. अब तो हम दोनों घुल मिल चुके थे, उसने फोर्ड एंडवर की सीट फ्लैट की. लग्ज़री कार किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं थी. मैंने उसका साथ देते हुए खुद ही उसके होंठ चूसने शुरु किये. वो मेरे मम्मों को बेरहमी से मगर मजा आने वाले अंदाज़ में मसल रहा था. मैं गरम होने लगी और उसने मेरा टॉप उतार दिया. मैंने अपनी ब्रा की स्ट्रिप खोल दी जिससे मेरे दोनों कबूतर आज़ाद हो गए. उसने उड़ते कबूतर पकड़ने में वक्त न लगाया और टूट पड़ा मुझे पर. मैं भी पूरी गर्म हो चुकी थी, मैं लगातार उसके लौड़े को मसल रही थी. उसने मेरी जींस खोल कर घुटनों तक सरका दी और आज खुल कर मेरी जांघें सहलाने लगा.

उसने स्पोर्ट्स ड्रेस डाली थी, मैंने भी लोअर खींच के नीचे करके उसके लौड़े को हाथ में पकड़ लिया, पहली बार इतना खुलकर पकड़ा था. मेरे हाथ लगते ही फनफ़ना उठा उसका लौड़ा! इतने में वेटर आया. उसने कहा- खुद पी ले और बिल ले जाना! वेटर बोला- जी साहिब!

स्टार्ट कार, ए.सी ओन किया हुआ था, फिल्मिंग वाले शीशे थे, उसने सीट पूरी फ्लैट कर दी, बिस्तर सा बन गया. खींच कर मेरी जींस उतार दी और अपना लौड़ा मेरे होंठों पर रगड़ने लगा. मैंने झट से उसके लौड़े को मुँह में डाल लिया और अच्छी तरह चूसने लगी. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. उसने थोड़ा चुसवाने के बाद मुझे पीछे लिटाते हुए बीच में बैठ अपना लौड़ा मेरी सील बंद चूत पे रखा. एक बार सोचा कि पता नहीं कैसे यह घुसेगा?

कार के आस पास दूर तक कोई न दिख रहा था. उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया था खुद नीचे घुटनों तक!
मैंने सोचा- चल सुलेखा! आज तेरी लाडो रानी का उदघाटन समारोह कैसा रहेगा?!

उसने झटका दिया और लौड़े का सर मेरी चूत में फंस गया. उसको भी तकलीफ हो रही थी. मैंने कस के सीट के कपड़े को पकड़ रखा था. उसने दूसरे झटके में आधा लौड़ा अन्दर डाल दिया. मेरी जान निकल गई- निकाल लो प्लीज़! यहाँ अच्छे से नहीं होगा! जगह कम है, बहुत तकलीफ होगी! दोनों का ही पहली बार है. लेकिन उसने तीसरा ऐसा झटका मारा कि लौड़ा पूरा घुस गया. मेरी चीख निकल गई. खून टपकने लगा! आँखों में आंसू आ गए!

उसने मेरे होंठ अपने होंठो में ले रखे थे ताकि चीख न निकले. उसने फिर सारा निकाल के डाला ऐसे तीन चार बार जब किया तो दर्द की जगह मजे ने ले ली. आंखें खुद ब खुद बंद होने लगीं. उसके एक एक झटके का मुझे इतना मजा आया कि सिसकारी ले ले कर मैं चुदवाने लगी- हाय और करो! और करो!

अचानक मुझे अपने अन्दर से कुछ गरम गरम सा पानी महसूस हुआ, मैं झड़ गई और मेरी चूत की गर्मी में तीन चार मिनट बाद ही करण भी झड़ गया. दोनों हाँफने लगे. उसने कार में पड़ा एक कपड़ा मुझे दिया, जिससे मैंने अपनी चूत को साफ़ कर लिया, खून साफ़ किया!

दोनों ने कपड़े पहन लिए और सामान्य होकर एक दूसरे की बाँहों में लिपट गए. उसने मेरे होंठ चूमते हुए कहा- कैसा लगा?
बहुत अच्छा लगा!

सुबह उठने पर चूत पर सूजन सी थी, चलने में थोड़ी सी अजीब लग रही थी. नूरी इन कामों में से कई बार निकली थी, उसने मुझसे सब कुछ बकवा लिया. अन्तर्वासना पर इसके छपते ही मैं अपनी करण के अलावा किसी से चुदवाई लेकर सबके लौड़ों पर बैठने आऊँगी. Sex Stories

हेल्लो दोस्तो, मैं राजू फ़िर कोलकाता से.Sex Stories

सोनाली की चुदाई के बाद हम लोग बहुत Sex Stories थक गए थे. इसलिए सभी सो गए. जब नींद खुली तो शाम के 4 बजने वाले थे. सबको भूख लगी थी. हमने रूम सर्विस को लंच आर्डर किया लंच आने के बाद हमने खाया. शाम के करीब 5.30 बजे बाहर निकलने का प्रोग्राम हुआ. जिस रिसॉर्ट में हम ठहरे थे वो समुद्र के किनारे पर था. लड़को ने शोर्ट्स और टी शर्ट और लड़कियों ने लॉन्ग स्कर्ट पहनी थी.

होटल से निकलने के समय मेरी नजर नीतू के पिछवाडे पर गई तो मुझे लगा कि उसने पेंटी नहीं पहनी थी. खैर हम समुद्र के किनारे धीरे-धीरे टहलने लगे. ठंडी-ठंडी हवा चल रही थी. कुछ देर टहलने के बाद हम एक जगह गोलाई में बैठ गए. ऑफ़ सीजन होने के कारण बीच पर ज्यादा भीड़ नहीं थी. रात होने लगी थी. मेरे दायें तरफ़ नीतू बैठी थी, बाएं सोनाली. हम सेक्स के बारे में बातें कर रहे थे.

पहले नीतू ने अपनी सेक्स की काल्पनिक इच्छा के बारे में बताया कि मेरी इच्छा है की 3 मर्द मुझे एक साथ चोदे. हमने कहा कि तुम्हारी इच्छा जरूर पूरी होगी आज रात को.

मनु ने कहा की मेरी इच्छा है कि मेरी सोनाली नए-नए मर्द से चुदवाये कभी मेरे सामने तो कभी अकेले में.

तो मैंने कहा कि मेरी भी इच्छा कुछ ऐसी ही है, एक लड़की को कम से कम दो मर्द मिलकर चोदें.

हम जहाँ बैठे थे वहाँ अंधकार था क्योंकि उस जगह की लाईट ख़राब थी. चुदाई की बातें सुनकर हम धीरे-धीरे उत्तेजित हो रहे थे. सोनाली ने कहा कि तुम तीनो मिलकर नीतू को चोदोगे तो मुझे क्या रिसॉर्ट के वेटर चोदेंगे?

सन्नी ने कहा की नहीं मेरी जान तुम्हारी भी चुदाई होगी, सारी रात पड़ी है और चुदाने के लिए तो केवल तुम दोनों ही हो.

उस समय शाम के 7.30 बजे थे अँधेरा छा गया था. मैंने अपना हाथ नीतू के पीठ पर रख दिया. नीतू ने मेरे हाथ को सामने ले जाकर अपनी चुचियों पर रख दिया और दबाने लगी. मैं धीरे-धीरे उसकी कठोर छोटी चूचियों को दबाने लगा. उधर सन्नी सोनाली को किस कर रहा था और अपना एक हाथ उसकी स्कर्ट के भीतर घुसा कर न जाने क्या कर रहा था. मनु इधर- उधर नजर रख रहा था कि कोई आ न जाए.

समुद्र के किनारे खुले बीच पर इस तरह की हरकतें करने का ये मेरा पहला मौका था. मैंने नीतू के टॉप के भीतर हाथ घुसाकर उसकी ब्रा को ऊपर कर नंगी चुचियों पर हाथ फिराने लगा. उसके नीपल खड़े हो गए थे. मैं उन्हें चुटकियों से मसलने लगा. नीतू ने अपना मुंह मेरी तरफ़ बढ़ा दिया. मैं उसके होठों को चूसने लगा. मैंने उसके टॉप को और ऊँचा उठा दिया और उसकी निप्प्लें चूसने लगा बारी-बारी से.

फ़िर मैंने एक हाथ उसके स्कर्ट के भीतर घुसाया. मेरा अनुमान सच था! उसने भीतर पेंटी नहीं पहनी थी. मैं अपना हाथ उसके बुर पर फिराने लगा. बुर पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मैंने अपनी एक अंगुली उसकी बुर में घुसा दी उसके मुंह से आह… निकली. भीतर पूरा गर्म था. मैं उसे अंगुली से चोदने लगा. एक हाथ उसकी चुचियों को दबा रहा था.

नीतू गर्म होने पर चिल्लाने लगती है. सन्नी ने सोनाली को छोड़कर नीतू का होठ अपने होठों में दबा लिया और चूसने लगा. हम सब धीरे-धीरे उत्तेजना के शिखर पर पहुँच रहे थे. नीतू की बुर में मैंने अब दो अंगुलियाँ घुसा दी थी. उसने मेरे शोर्टस के भीतर हाथ डालकर मेरा तना हुआ करीब 5” का लंड पकड़ लिया और उसे ऊपर नीचे करने लगी. नीतू ने मेरे कान में कहा की अब मेरी बुर को भी थोड़ा चूसो तुम बहुत अच्छा चूसते हो. मैंने अपनी अँगुलियों को बहर निकालकर अपना मुंह उसकी स्कर्ट में घुसा दिया. और अपना मुंह उसकी बुर पर लगा दिया. बुर के ऊपर जीभ फिराने लगा. जीभ को सारी बुर पर फिराने के बाद उसकी बु्र के मुहाने पर लेकर जाता घुसाने की एक्टिंग करता फ़िर हटा लेता. नीतू ने आख़िर में उत्तेजित होकर मेरा सर पकड़कर बुर के मुहाने पर टिका दिया.

पहले अपने मुंह से मैंने उसकी बुर की चोंच को पकड़ कर चूसने लगा. लड़कियों का सबसे संवेदनशील पार्ट येही होता है. चोंच को रगडो या चुसो तो उनकी उत्तेजना चरमोत्कर्ष पर पंहुच जाती हैं. फ़िर मैं अपनी जीभ उसकी बुर के भीतर घुसाकर चूसने लगा नीतू ने मेरा सर पकड़कर जोर से हिलाकर जीभ से ही चोदने का इशारा किया. मैं जोर-जोर से जीभ बाहर-भीतर करने लगा. धीरे-धीरे उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ गई. मैंने अपना सर उसकी स्कर्ट से बाहर निकल लिया.

अब सन्नी ने कहा कि राजू इसे यहीं पर चोदते हैं. मैंने कहा कि नहीं रूम के भीतर चलते हैं वहीँ पर इसे बारी-बारी से चोदेंगे. सोनाली ने फ़िर कहा कि मुझे मत भूल जाना. उठकर हमने अपने कपड़े ठीक किए. रिसॉर्ट के भीतर आकर हमने बेल बॉय को बुलाकर डिनर के लिए मना कर दिया और रूम में घुस गए. घुसने के साथ ही नीतू ने अपना टॉप, ब्रा और स्कर्ट उतार कर फ़ेंक दिया और पूरी तरह से नंगी होकर बेड पर टाँगे फैलाकर लेट गई. पहले सन्नी उसे चोदने के लिए गया. कंडोम निकालने लगा तो नीतू ने कहा की आज मुझे बिना कंडोम के सब चोदो मेरे पर्स में अनवांटेड 72 है उसे ले लूंगी. हम लोगों ने भी अपने कपड़े उतार दिए. सन्नी ने पूछा कि मैं नीतू को देर तक चोदना चाहता हूँ. तो मैंने कहा कि चोदो और झड़ने के पहले तुम हट जाना फ़िर उसे मैं या मनु चोदेंगे ऐसे ही बदल- बदल कर थोडी-थोडी देर तक चोदेंगे. ऐसा करने से हम नीतू को बहुत देर तक चोद सकेंगे. सबने कहा कि ठीक है. नीतू ने कहा कि एक मर्द मुझे चोदेगा उस समय दो मर्द मेरे बगल में रहेंगे . मेरे होंठ चूसेंगे चुचियों के साथ खेलेंगे. कभी-कभी- अपने लंड को मेरे मुंह में डालेंगे. आज मेरा सपना पुरा होने वाला है

सोनाली ये सब सुन रही थी. मैंने कहा कि जब तक नीतू की चुदाई होगी तब तक सोनाली को कोई नहीं चोदेगा. नीतू के बाद सोनाली की चुदाई होगी.

सन्नी ने अपना लंड एक ही बार में नीतू के बुर में घुसा दिया. नीतू के दायीं तरफ़ मैं और बांयी तरफ़ मनु था. सोनाली मेरी बगल में थी. उसने मेरे कान में कहा कि नीतू को चोदो लेकिन मेरी बुर में भी अंगुली डालना और चूचियाँदबाना. सन्नी एक बार लंड को पूरा बाहर निकालकर एक ही धक्के में जोर से घुसा रहा था. मनु नीतू के होठ चूस रहा था, मेरा एक हाथ नीतू की चूची पर था और दूसरा सोनाली के बुर में. अब सन्नी उसे जोर-जोर से चोद रहा था.

मैंने उसे हटने को कहा और मनु को इशारा किया. मनु ने अपना लंड उसके बुर में डाला और जोर-जोर से चोदने लगा. नीतू के मुंह से आवाजें निकल रही थी…आह…आह…ओह…ओह…और जोर से… हे भगवान…चोदो… राजू…मेरी चुचियों को…और…जोर…से दबाव…सन्नी… अपना लंड मेरे मुंह में डालो…

फ़िर मनु भी हट गया और मेरी बारी आई. मैंने उसे डौगी स्टाइल में उल्टा किया यानि घुटनों पर और पीछे से अपना लंड उसकी बुर में डाल दिया. सामने सन्नी चला गया और अपना लंड नीतू के मुंह में डाल दिया. मैं जितने जोर से धक्का मारता नीतू उतनी जोर से सन्नी के लंड को मुंह में ले लेती. सोनाली ने नीतू की चुदाई देखकर कहा कि क्या चुद रही है नीतू की बुर? मेरी भी चुदाने के लिए बेकरार है.

फ़िर उल्टा बेड पर लेट गया और नीतू मुझे ऊपर से आकर चोदने लगी. उसकी आँखें बंद थी. चेहरे पर जैसे भाव थे कि चोदो मुझे…और चोदो…चोदते ही रहो…फ़िर नीतू ने कहा कि मुझे थोड़ा रेस्ट दो और सोनाली को चोदो.

मैंने नजर घुमाई तो देखा सोनाली की चुदाई चालू हो गई थी सन्नी उसकी चिकनी बुर के धुर्रे उड़ा रहा था. पास में लेटा मनु बोल रहा था कि चोद इसे, साली का चुदाई से पेट ही नहीं भरता. पता नहीं कितनी जन्मो से नहीं चुदाई है.

मैंने नीतू से पूछा कि अनवांटेड 72 कितना है तुम्हारे पास तो नीतू ने कहा कि है तो एक ही . तुम लोग ऐसा करो कि सोनाली को चोद कर झड़ने के समय मेरी बुर में झडो, मैं भी सोनाली की बगल में लेट जाती हूँ.

सन्नी अब झड़ने वाला था. सोनाली अपनी दोनों टांगे फैलाकर चुदवा रही थी. सन्नी ने उसके ऊपर से हटकर अपना लंड नीतू के बुर में डाला और 8-10 धक्के लगाकर झड़ गया.

उस समय सोनाली को मनु चोद रहा था. सोनाली की आँखें बंद थीं. केवल बुदबुदा रही थी…चोदो…और जोर से…मनु तुम्हारा लंड थोड़ा छोटा है…इसीलिए मैं दूसरो से चुदवाना चाहती हूँ…शादी से पहले मुझे मुहल्ले के तीन लड़के चोदते थे…उसी समय से मैं पक्की चुदक्कड हूँ… राजू का लंड लंबा है…उससे ज्यादा मजा आताहै… चोदते रहो…

मनु भी हट गया और नीतू की बुर में जाकर झडा.

उसके बाद मैंने सोनाली के बुर को उसी की पेंटी से पोंछकर अपना लंड घुसा दिया. सोनाली ने कहा कि हाँ…ये लंड है मेरी पसंद का…मैंने उसकी दोनों टांगो को उठाकर अपने कंधो पर रखी और जोर से धक्के लगाने लगा. सोनाली उत्तेजना से चिल्लाने लगी…चोदो…मुझे…बुर को फाड़ दो…तुमसे चुदवाने के बाद मुझे अब किसी से चुदवाने की ख्वाहिश नहीं है…

मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था…मेरा भी झड़ने का समय आ गया था. सोनाली के ऊपर से हट कर डस्टबिन यानी नीतू के बुर में घुसा दिया और -7 जोर से धक्का लगाकर झड़ गया. फ़िर बगल में लेटकर लम्बी साँसे लेने लगा. नीतू और सोनाली के चेहरों पर असीम तृप्ति का भाव था. ये सब करीब 4 घंटे तक चला था.

अंततः हम सब थक गए थे. हमलोग सो गए और अगले दिन सुबह अपने-अपने घर चले आए. बहुत मजा आया था उस दिन.

कुछ दिन के बाद मनु ने एक नया अपना अनुभव बताया उसे मैं अगली कहानी में लिखूंगा.
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Antarvasna in hindi

मेरी पिचली स्टोरी सबने पढ़ी Antarvasnaहै, आप सब का मुझे जवाब अच्छा मिला, उसके लिये धन्यवाद, मैं जो भी स्टोरी लिखुंगा सब सच लिखुंगा मैने कसम खाई है कि झूठ नहीं लिखुंगा। मैं अपनी स्टोरी शुरु कर रहा हूं।

कुछ टाइम पहले की बात है मेरी मौसी की लड़की है जिसकी उमर मुझसे कम है हम अक्सर मिलते थे पर कभी दिमाग में उसके लिये गलत ख्याल नहीं आया। कभी वो हमारे घर आती थी रहने कभी मैं जाता था एक दिन वो हमारे घर आये वो हमेशा स्कर्ट पहनती थी मैं दोपहर को बाल्कोनी मैं बैठा था वो आये बोली कि आ मैं तेरा सिर देखती हूं मैने कहा ठीक है मम्मी नीचे धूप सेकने गई ठी क्योंकि सर्दियां थी और हम दूसरी मंजिल पर रहते थे मम्मी सामने पार्क में बैठी थी जो हमारी बाल्कोनी और एक रूम से दिखता था फ़िर मैने कहा अब मैं देखता हूं तो उसने कहा ठीक है मैने कहा पहले मैं नहा लूं तो बोली ठीक है मैं नहा कर टोवल लपेट कर बाहर आ गया मैने कहा क्या मैं थोड़ी देर धूप देख लूं तो बोली ठीक है मैने कहा लाओ मैं तब तक तुम्हारा सिर देखूं मैं सामने चेयर पर बैठ गया तो वो दूसरी तरफ़ चेहरा करके बैठ गई फ़िर मैने कहा इस साइड से देख लिया है।

अब मेरी तरफ़ सिर घुमा लो अब इस साइड से भी देख लूं वो बोली कोई चीज़ भी नहीं है जिस पर मैं बैठुं नीचे ठंड चढ़ रही है क्योंकि उसने खाली स्केर्ट पहनी थी मैने कहा मैरे पैरों पर बैठ जा वो बोली ठीक है उसने मेरी तरफ़ चेहरा कर लिया मुझे ध्यान नहीं रहा कि मैं सिर्फ़ टोवल मे हूं वो घूमी तो उसने देखा कि मेरे टोवल मैं से मेरा लंड दिख रहा है पर वो चुप रही फ़िर मैने महसूस किया कि उसकी स्कर्ट मुझे चुभ रही है मैने कहा कि तेरी स्कर्ट मेरे पैरों में चुभ रही है थोड़ी ऊपर कर लो उसने कर ली थोड़ी सी जिस कारण उसकी चूत मेरे पैरों पर छूने लगी पर एक टक मेरा लंड देख रही थी

बाद में मैने देखा फ़िर वो बोली कि पैरों पर बैठ कर मैं गिर जाउंगी क्या कुरसी और तेरे पैरों को पकड़ कर बैठ सकती हूं मैने कहा हां उसको मज़ा आ रहा था उसने मैरे पैरों को पकड़ लिया फ़िर धीरे २ मेरे लंड पर हाथ रख दिया मैं हड़बड़ा कर उठा तो टोवल खुल गया मैं पूरा नंगा हो गया वो हंस पड़ी मैं एक दम टोवल बांधा और अंदर भाग गया फ़िर तो मैं आंख भी नहीं मिला पा रहा था उससे वो मेरे पास आयी और बोली अरे इसमे शरमा क्यों रहा है भाई क्या हुआ अगर मैने देख लिया तो मैने कहा अगर
मैं तुम्हारे साथ ऐसा करुं तो वो चुप हो गई

एक दिन वो नहा कर बाहर आयी तो रूम मैं छुप गया वो अंदर आयी और कपड़े चेंज करने लगी जब उसने सारे कपड़े उतार लिये तो मैं भी तब तक कपड़े उतार चुका था उसे पता नहीं लगा फ़िर मैने एक दम उसे पकड़ लिया वो हैरान हो गई और छूटने की कोशिश करने लगी मैने कहा अब क्या हुआ अपनी बारी में तो बोली अब देख लिया है न सब अब छोड़ो मुझे मैने कहा अब नहीं छूट सकोगी तो बोली अब और नहीं मैने कहा अच्छा एक बार देखने दो सब और छूने दो फ़िर कुछ नहीं कहुंगा वो खड़ी हो गई मैने एक २ चीज़ यानि चूची और चूत को छू कर देखा फ़िर मैने कपड़े पहन कर बाहर आ गया फ़िर तो हम खुल चुके थे

एक दिन रात को हम सो रहे थे तो मैने कहा आज न्यूड सोये क्या तो बोली कुछ करेगा तो नहीं मैने कहा नहीं तो वो तैयार हो गई हम पूरी रात मस्ती करते रहे कभी उसके ऊपर कभी नीचे फ़िर मैने कहा क्या पीचे से कर लूं बहुत इच्छा हो रही है तो बोली सिर्फ़ पीचे से मैने कहा हां तब मैने उसकी गांड पर खूब तेल लगाया और अपना लंड अंदर डाल दिया वो चीख रही थी पर मैं रुका नहीं फ़िर थोड़ी देर बाद शांत हो गई उसे मज़ा आने लगा फ़िर सुबह ४ बजे मैने देखा कि वो टांग खोल कर सो रही है मैने धीरे से उसके खूब तेल लगाया और अपना लंड धीरे २ अंदर डालने लगा अभी आधा ही अंदर गया था कि वो एक दम उठ गई मैने कहा कि थोड़ी देर करने दे प्लीज़ तो उसने मना किया पर फ़िर भी मैने मना लिया और उसके बाद मैने उसकी चूत में अपना मोटा सा लंड डाल दिया और अचानक उसकी चीख निकली देखा कि सील टूट गई है पर उसने साथ दिया और मैने जी भर कर चुदाई की। आप को कैसे लगी ये स्टोरी बताना Antarvasna

Hindi Porn Stories

मेरा नाम राज है और मेरी उमर १९ साल Hindi Porn Stories की है। मेरी दीदी मुझसे दो साल बड़ी है लेकिन उनका रंग काला है। पर फ़िगर के मामले में करीना कपूर है- ज़ीरो फ़िगर ! लेकिन उनके काले रंग के कारण कोई कभी उनकी तरफ़ देखता ही नहीं है। इसी कारण वे हमेशा उदास रहती और ज्यादातर घर में ही रहती हैं और पढ़ती रहती हैं।

मेरा रंग साफ़ है और शरीर भी गठीला है। मैं इन्ज़िनीयरिंग के दूसरे साल में हूँ। मेरे कॉलेज़ में कई लड़कियाँ पढ़ती हैं। मैंने कई लड़कियों से मित्रता की पेशकश की पर कोई भी घास नहीं डालती और मैं सेक्स का भूखा लड़का हूँ। मेरे घर में मैं, दीदी और और मम्मी-पापा हैं। पापा एक दवाई की कंपनी में एरिया मेनेजर हैं जो हमेशा टूर पर ही रहते हैं। मम्मी हमेशा घर और बाहर के कामों में ही लगी रहती हैं। दीदी मुझे अपना एक अच्छ दोस्त समझती हैं और हर छोटी बड़ी बात, समस्या के बारे में मुझसे बात करती हैं।

उनके रंग के कारण उनका कोई दोस्त नहीं है तो वो मुझे ही अपना बॉयफ़्रेंड समझती हैं। मैं उनको शुरू शुरू में तो दीदी के रूप में ही देखा लेकिन कुछ दिनों में मेरे अन्दर कुछ बदलाव आ गया था। मैं उनकी सेक्सी जीरो फिगर का दीवाना हो गया था इसलिए मैं उनके साथ रहने के लिए उनको अकेलेपन का अहसास नहीं होने देता था और उनके साथ साथ ही रहता था। उनको भी अच्छा लगता था इसलिए उनको जहाँ कहीं भी जाना होता तो मुझे साथ लेकर जाती हैं। दीदी मेरे साथ बाइक पर हमेशा चिपक कर बैठती हैं लेकिन मैं उनका इस तरह बैठने की अदा को समझा नहीं। उनके स्तन मेरी पीठ से हमेशा चिपके रहते थे और वो इस बात पर कभी ध्यान नहीं देती थी। इस लिए मैं भी कुछ नहीं कहता था या करता था।

दीदी काफ़ी समय से अध्यापिका की नौकरी के लिए कोशिश कर रही थी और किस्मत से उन्होंने प्रवेश-परीक्षा पास भी कर ली। जिस दिन उनको परिणाम मिला, वो बहुत खुश थी, उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। खुशी में उन्होंने मुझे अपने सीने से लगा लिया और उनके स्तन मेरे सीने में गड़ गए। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

थोड़ी देर के बाद मम्मी आईं तो दीदी ने उन्हें भी अपने सीने से लगा लिया तो मैंने इस बात को सामान्य हरकत समझा और भूल गया।

कुछ ही दिनों में उनका साक्षात्कार था, जिसके लिए उन्हें भोपाल जाना था। तो मम्मी ने मुझे उनके साथ जाने की जिम्मेदारी सौंप दी क्योंकि और कोई था ही नहीं जो उनके साथ जा सके। मैंने भी हाँ कर दी।

हमें कुल तीन दिन लगने थे। हम लोगों ने पूरी योजना बना कर अपने कपड़े वगैरह लेकर भोपाल के लिए रवाना हो गए। दीदी के साथ अकेले रहने का इससे अच्छा मौका और नहीं मिल सकता था इसलिए मेरी खुशी का कोई पारावार ना था।

हम लोग शाम के छः बजे भोपाल पहुँचे। वहाँ पहुँच कर हम कोई होटल ढूंढने लगे। करीब तीन घण्टे तक होटल खोज़ने पर भी किसी होटल में कमरा खाली नहीं मिला क्योंकि अध्यापकों की भर्ती की संख्या ज्यादा थी इसलिए बहुत अधिक लोग पहुँचे हुए थे साक्षात्कार के लिए।

अंत में हम दोनों बहुत थक चुके थे कि एक होटल में हमें एक ही कमरा मिला। मैंने दीदी को बताया तो वो कहने लगी कि यही ले लो, हम काम चला लेंगे।

मैं कमरा बुक करने लगा और मैंने दीदी को कमरे में जने को कहा क्योंकि दीदी बहुत ज्यादा थकी हुई थी। दीदी वेटर के साथ कमरे में चली गई और मैं होटल का रज़िस्टर भरने लगा।

सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जब मैं चलने लगा तो रिसेप्शन पर बैठे व्यक्ति ने कहा- मैंने रज़िस्टर देखा है कि आप दोनों भाई बहन हैं इसलिए बता रहा हूँ कि रात को साढ़े दस बजे के बाद टीवी के चैनल ५ मत चलाईएगा क्योंकि तब इस पर केवल व्यस्कों के देखने लायक कार्यक्रम चलाए जाते हैं और आपके साथ आपकी दीदी हैं !

तो मैंने कहा- ठीक है ! धन्यवाद ! मैं अपने कमरे में आ गया। वहाँ वेटर दरवाज़े पर मेरा इन्तज़ार कर रहा था। मैंने उसे टिप दी तो उसने मुस्कुराते हुए कहा- हैपी हनीमून सर ! कुछ चाहिएगा तो मुझे याद कर लीज़िएगा सर !

वेटर तो बोल कर चला गया, मैं समझ गया कि वेटर हमें पति पत्नी समझ रहा है। फ़िर मैं कमरे में आया तो दीदी पलंग पर लेटी हुई थी।

मैंने कहा- दीदी ! तुम बहुत थक गई हो ! थोड़ा फ़्रेश हो लो। फ़िर हम खाना खाएंगे।

दीदी बोली- तुम ठीक ही कहते हो !

और दीदी ने बैग खोल कर अपने कपड़े निकाले और बाथरूम में चली गई।

मेरे मन में वेटर की बात घूम रही थी और मैं दीदी के साथ अपने ही बारे में सोचने लगा। बाथरूम से दीदी के नहाने की आवाज़ आ रही थी। मैं कल्पना करने लगा कि काश मैं और दीदी साथ साथ नहाते !

मुझे लगता था कि वेटर की बात सच हो सकती है। मैं इस बारे में योजना बनाने लगा तो मुझे रिसेप्शन वाले की व्यस्क फ़िल्म वाली बात याद आई। तभी मैंने घड़ी में देखा तो सवा दस बजे थे। तो मैंने ५ नम्बर का चैनल लगाकर बैठ गया और रिमोट को तकिए के नीचे छुपा दिया, साथ में खाने का ऑर्ड्र भी दे दिया।

५ मिनट के बाद दीदी बाहर आई। उन्होंने सेक्सी फ़िगर पर सफ़ेद रंग की नाईटी पहनी थी। मैंने कभी भी उनको ऐसी नियत से नहीं देखा था। आज वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी। उन्होंने कहा- जाओ तुम भी नहा लो !

दीदी दर्पण में बाल बनाने लगी थी। उनका ध्यान टीवी पर नहीं था।

मैं तुरन्त बाथरूम में घुस गया। मैंने बाथरूम में देखा कि दीदी की पैन्टी और ब्रा वहाँ सूख रही थी और मैंने उन्हें बैग से कपड़े निकालते देखा था तो उन्होंने पैन्टी नहीं निकाली थी, सिर्फ़ ब्रा ही थी। तो मैं समझ गया कि दीदी ने पैन्टी नहीं पहनी है। मुझे लगा कि दीदी थकी हुई हैं इसलिए फ़्री होकर सोना चाहती हैं इसलिए पैन्टी नहीं पहनी।

फ़िर मैंने उनकी पैन्टी को सूंघा, उसमें से एक अजीब सी खुशबू आ रही थी। मैंने मस्तराम की किताबों में पढ़ा था इसीलिए यह सब कर रहा था। लेकिन मेरा ध्यान टीवी पर था। तभी मुझे ब्ल्यू फ़िल्म चालू होने की आवाज़ आई। मेरा ध्यान से दीदी की हरकतों पर था। मुझे कुछ देर तो टीवी की आवाज़ आई लेकिन थोड़ी देर बाद टीवी की आवाज़ बंद हो गई।

मैं समझ गया कि दीदी ब्ल्यू फ़िल्म देख रही हैं। उन्होंने रिमोट ढूंढ कर टीवी की आवाज़ बंद कर दी थी ताकि मैं ब्ल्यू फ़िल्म से आती कामुक आवाज़ें ना सुन लूँ।

बाथरूम में मैंने दीदी के नाम से मुठ मारी और उनकी चड्डी को पूरी तरह गीला कर दिया, फ़िर मैंने उसे धोया। मैं सिर्फ समय बिता रहा था ताकि दीदी अच्छे से गर्म हो जाये। करीब १५ मिनट के बाद मैं बाथरूम से बाहर निकला और कमरे में गया। मैंने देखा कि दीदी का हाथ दीदी की चूत में है उनकी नाईटी उठी हुई है। मुझे देखते ही वो घबरा गयी और तुंरत खड़ी हो गयी। जल्दी में वो चैनल भी बदल नहीं पाई। मैंने टीवी की तरफ देखा तो लड़का लड़की को पलंग पर लेटकर उसकी चूत चाट रहा था।

दीदी की ऑंखें लाल हो गई थी और शर्म से सर झुका हुआ था। शर्म तो मुझे भी आ रही थी, फिर मैंने चैनेल बदल कर दिया। दीदी चुपचाप दर्पण पर अपने बाल बनाने लगी और मैं भी कपड़े पहनने लगा। फिर मैं कोई पत्रिका पढ़ने का नाटक करने लगा। कमरे में शांति का माहौल था, न उनको और न मुझको बोलने की हिम्मत हो रही थी।

और फिर डोर-बेल बजने की आवाज़ आई मैं उठा और दरवाज़ा खोला तो देखा कि वेटर खाना ले कर आया है। उसने खाना मेज़ पर रखा, फिर खाना लगाकर कहा,“ सर मैं इसे कल सुबह ले जाऊंगा।”

मैंने उसे टिप दी और वो हंसते हुए चला गया।

मैं और दीदी खाना खाने लगे। दीदी की सहेली नहीं होने के कारण उन्होंने शायद कभी भी ब्लू फिल्म नहीं देखी थी, उनकी यह पहली बार थी इसीलिए उनका शरीर गर्म हो गया था और दीदी को सेक्स के बारे में भी खुछ खास पता नहीं था। खाना खाने के बाद हम दोनों ने पेपर-नैपकिन से हाथ पोंछा लेकिन पेपर नैपकिन के नीचे कंडोम के ४-५ पैकेट थे जो कि देखने में सौंफ के पाउच लग रहे थे। दीदी ने उसे सौंफ का पाउच समझ कर फाड़ा लेकिन उसके अंदर से कंडोम निकला।

दीदी ने कभी कंडोम देखा नहीं था इसीलिए मेरी तरफ देख कर पूछा और टीवी वाली घटना के बाद पहली बार मुझसे बात की- भाई ! यह क्या है?

“दीदी ये कंडोम है !”

तो दीदी ने टीवी पर कंडोम के बारे में सुना था तो समझ गई, फिर शर्म से चुप हो गई, फिर पूछा,”वेटर हमारे खाने के साथ कंडोम क्यों लाया है?”

तो फिर मैंने दीदी को पूरी बात बताई तो हंसने लगी और बोली- तुझे पता था कि टीवी पर ब्लू फिल्म चलेगी तो तूने जानबूझ कर उसी चैनल पर टीवी चलाया था !

दीदी थोड़ी देर में मेरे साथ खुल गई और सेक्स की बातें करने लगी। मुझे समझ में आ गया था कि वो ब्लू फिल्म देखने के बाद सेक्स के लिए तड़प रही है। दीदी ने कहा- मैंने कभी भी ब्लू फिल्म नहीं देखी है !

तो मैंने तुरंत ही टीवी पर ब्लू फिल्म लगायी। उसमें एक लड़की को लड़का डौगी स्टाईल में चोद रहा था।

दीदी- ये सेक्स का कौन सा तरीका है?

तो मैंने कहा- दीदी इसे डौगी-सेक्स कहते हैं !

दीदी- तू बहुत जानता है रे ! कभी किसी के साथ सेक्स किया है क्या?

तो मैंने कहा- दीदी कोशिश बहुत की लेकिन कोई लड़की पटी ही नहीं !

तो मैंने हिम्मत करके कहा- दीदी तुम मेरे साथ सेक्स करोगी?

तो उसने मुझे बहुत ही बुरी तरह डांटा और कहा- तुझे अपनी दीदी से ऐसी बातें करते हुए शर्म नहीं आती !

फिर मैं चुप चाप सो गया लेकिन मेरी आँखों में नींद नहीं थी और न ही दीदी की आँखों में।

रात को १ बजे दीदी ने मुझ से पूछा- क्या तुझे सेक्स करना है?

तो मैंने कहा- हाँ दीदी !

वो बोली- मैं तो काली हूँ?

मैंने कहा- दीदी सेक्स का मजा काले या गोरे से नहीं, फिगर से आता है और तुम सेक्सी हो !

मेरी बातों से वो गर्माने लगी और फिर सेक्स के लिए तैयार हो गई। मैंने दीदी को पूरी नंगी कर दिया और उनकी बिना बालों की चूत को चाटने लगा। वो ब्लू फिल्म की एक्ट्रेस की तरह चिल्लाने लगी- आ अ अह ! उ ऊ ऊउउऊ !

मैं उनको झड़ने तक चूसता रहा, फिर उनकी कुंवारी चूत के नीचे तकिया लगाकर थोड़ा ऊपर किया, फिर अपना खड़ा लण्ड उनकी चूत में घुसाया। धीरे धीरे लण्ड अंदर जाने लगा, वो दर्द से चिल्लाने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद शांत हो गई और सेक्स का पूरा मजा लेने लगी।

दीदी के साथ उस रात मैंने कई बार सेक्स किया और फिर मैं और दीदी तीन दिन तक होटल के कमरे में मियां बीवी की तरह ही रहे।

घर आकर भी हम मौका देख कर सेक्स करने लगे …… Hindi Porn Stories

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