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Massage Girl in West Kameng: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in West Kameng who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in West Kameng that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The West Kameng massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in West Kameng who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your West Kameng massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This West Kameng massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in West Kameng who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in West Kameng employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in West Kameng helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in West Kameng

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in West Kameng at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

मैं अपना लंड हाथ में पकड़ कर Antarvasna उसके होठों को छुआने लगा और जैसे ही वो कुछ बोलने लगी मैंने झट से उसका मुँह पकड़ कर लंड अंदर डाला और उसको बोला- प्लीज़ एक बार इसको चूसो!

और मैं निर्मला के बाल को पकड़ कर धक्का मारने लगा और मैं भी खुद आगे पीछे होने लगा. मैंने उसकी मुँह चुदाई चालू कर दी. करीब दस मिनट के बाद मैंने सारा लंडरस उसके मुँह में डाल दिया और उसके पास लेट गया.

करीब पाँच मिनट के बाद उसका एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख मैं खुद उसका हाथ पकड़ कर आगे पीछे करने लगा और उसकी चूत को मसलने और उंगली से चोदने लगा.

तो उसने कहा- भैया प्लीज़ मुझे जाने दो.
मैंने कहा- निर्मला, असली काम अब चालू होगा!
तो वो बोली- क्या?
हाँ, मैं तुझे अब चोदूँगा!
उसने कहा- नहीं आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते!

मैंने कहा- निर्मला, ऐसा हर लड़की और लड़का चोदते हैं और चुदवाते हैं जैसे कि तुम्हारी मम्मी पापा से चुदवाती है, तुम्हारी भाभी भैया से चुदवाती है, मेरी पत्नी मेरे से चुदवाती है, फिर तुम क्यों मना कर रही हो!

उसका हाथ मेरे लंड पर रखते ही मेरा लंड टाइट होने लगा था और वो भी गरम हो गई इन सब बातों से, और बोली- भैया मैंने पहले कभी भी नहीं किया है!

(दोस्तो, मैं उसकी शरम मिटाना चाहता था और मैंने कल की तरह उस टॉपिक छेड़ दिया)

मैंने उससे पूछा- कल तो तुमने इतना नाटक नहीं किया, आज अचानक इतना नाटक क्यों?
वो बोली- भैया, कल जो हुआ वो एक हादसे की तरह था!
मैंने कहा- ठीक है!
मैंने उससे पूछा- कल तुमने अपनी मम्मी-डैडी की चुदाई देखी या नहीं?
तो बोली- भैया, नहीं!
मैंने कहा- क्यों?
बोली- मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ!

मैंने उसको कहा- मैंने कब कहा कि तुम ऐसी लड़की हो! मैं तो तुझे बता रहा था कि तुम सिर्फ एक बार देखो और तुमको सीखने को भी मिलेगा! खैर कल नहीं देखी तो तुम आज देखना और मुझे बताना कि कैसी है! ठीक है? और मैंने चूत में उंगली आगे पीछे करना ज़ाऱी रखा और वो मेरे लंड को हिलाने लगी.

मैं अब उसके ऊपर आया और उसकी टाँगों को थोड़ा अलग किया और उसकी गीली चूत पर लंड को और मुँह पर मुँह को रख कर दोनों हाथों को उसकी गांड के नीचे रख कर एक ज़ोऱ का धक्का मारा, उसकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई और लंड एक इन्च अंदर चला गया. मैं दोनों हाथों को नीचे से निकाल कर उसकी दोनों चूची के चूचुक मसलने लगा, साथ में चुम्बन भी कर रहा था. लंड अंदर रखा और धीरे धीरे उसको चोदने लगा.

थोड़ी देर के बाद मैंने फिर एक ज़ोऱ का झटका मारा और लंड 3 इंच अंदर घुस गया और वो मेरी पीठ पर मारने लगी क्योंकि उसकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई और उसकी झिल्ली भी फट गई. वो एक दम कुंवारी थी, खून निकलने लगा और वो तड़पने लगी, मेरे बालों को खींचने लगी. मैंने मुँह को हटाया और बोला- क्या हुआ?

वो बोली- भैया! मुझे बहुत दर्द हो रहा है!
मैंने कहा- निर्मला, मुझे भैया मत कहो और मेरे नाम से ही पुकारो! ऐसा दर्द पहली बार करने से होता है, तुम घबराओ मत, मैं हूँ ना!

और मैंने लंड बाहर निकाला और उसके मुँह पर हाथ रखा और एक हाथ से लंड को पकड़ कर उसकी चूत पर रख और ज़ोऱ का झटका मारा, इसके साथ ही मेरा लंड 6 इंच उसकी चूत में चला गया.

मैंने उसके मुँह से हाथ हटाया और चूची मसलने लगा- निर्मला, तेरी चूत तो कमाल की है!
वो बोली- भैया, प्लीज़ आप बाहर निकालो, मुझे बहुत जलन हो रही है और दर्द भी बहुत हो रहा है!
मैंने कहा- क्या निकालूँ रानी?
भैया, आप इतने गंदे हो, इधर मैं मरी जा ऱही हूँ और आप मज़ाक के मूड में हो!
मैंने कहा- निर्मला, प्लीज़ एक बार कहो कि क्या निकालूँ!
वो बोली- प्लीज़ भैया! मैं नहीं कहूँगी, आप बाहर निकालो!
मैंने कहा- ठीक है, जब तक तुम नहीं कहोगी, मैं बाहर नहीं निकालूँगा!

और इसके साथ ही उसको धीरे धीरे चोदने लगा और उससे बोला- तुम कितनी अच्छी हो, तुम्हारे बूब्स कितने प्यारे हैं, तुम्हारी चूत का कोई जवाब नहीं!

इतना कहने के बाद मैं उसकी चूची चूसने लगा साथ में धीरे धीरे चोदने लगा. थोड़ी देर के बाद उसको मजा आने लगा तो बोली- भैया प्लीज़ आप और अंदर मत डालना! नहीं तो मैं मर जाऊँगी!

मैंने कहा- क्या अंदर नहीं डालूँ?

और मैंने लंड को बाहर निकाला और एक झटका मारा, मेरा फिर 6 इंच तक अंदर गया. निर्मला सिसकारी लेने लगी- ऊऊऊवीई ईईईई ईम्म्म्म् म्म्म्मा आआआ! मार डाला इस पागल ने! मैंने कहा था कि अंदर मत डालो! फिर डाल दिया!

मैंने कहा- क्या डाल दिया?
तो बोली- भैया, मैं सिर्फ एक बार ही कहूँगी!
मैंने कहा- ठीक है, बोलो!

इसके साथ ही मैं उसको धीरे धीरे चोदने लगा और वो भी पूरी गरम हो गई और बोली- भैया, आप भाभी के साथ भी ऐसे ही करते हैं?
मैंने कहा- नहीं!
तो मेरे साथ में ऐसा क्यों?
मैंने कहा- मेरी बीवी तो मेरे साथ खुलकर पेश आती है, तुम्हारे जैसे नहीं है, जब मैं चोदने के मूड में नहीं होता हूँ तो मेरे पास आकर बोलती- जी आप मुझे चोदिए ना! देखो मेरी चूत कितनी तड़प रही है तुम्हारे लंड के लिए!

भैया आप झूठ बोल रहे हैं!
मैंने कहा- तुम एक काम करो, मेरी पत्नी से कभी भी पूछ लेना!
भाभी को शरम नहीं आती?
मैंने कहा- तुमको कल ही बता दिया था- सब तेरी मम्मी ने ही सिखाया है, जब चुदाई करते हैं तो हम लोगों को गंदी भाषा बोलनी चाहिए, इससे प्रेम बढ़ता है और जीवन भर प्यार रहता है आपस में!

अब मैंने लंड को पूरा बाहर निकाला और फिर जोर का झटका मारा तो मेरा पूरा लंड चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया और मैं उसके ऊपर लेट गया.
निर्मला बोली- भैया प्लीज़ बाहर निकालो! बाहर निकालो!
मैंने कहा- जब तक तुम नहीं कहोगी मैं तुझे ऐसे ही चोदता रहूँगा और रगड़ता रहूंगा!
तो बोली- भैया, मुझे शरम आती है!
मैंने कहा- अपनी आंख बंद करके एक बार कहो- प्लीज़ लंड को बाहर निकालो!
तो बोली- भैया मैं नहीं कह पाऊँगी!
मैंने कहा- एक बार बोल लोगी तो टईक रहेगा, नहीं तो जिंदगी भर नहीं बोल पाओगी! और कुछ नहीं जल्दी से बोल दो!
तो बोली धीरे से- भैया प्लीज़ लंड को बाहर निकालो!
मैंने कहा- क्या निकालूँ?
तो बोली- लंड को!

मैंने लंड को बाहर निकाला और वापस ज़ोऱ से अंदर डाला और धीरे धीरे से चोदने लगा साथ में चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा.
मैंने उससे पूछा- कैसा लग रहा है?
तो बोली- प्लीज़ आप मुझे मत पूछो!
मैंने उससे कहा- निर्मला, तुमको आज मैंने एक बहन से पत्नी बना दिया है, तुम्हारी आज प्रमोशन हुई है, तुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा है, ऐसा मजा तो मुझे कभी नहीं आया!
मैं ऐसे ही उसे गरम करके चोद रहा था और वो भी मेरा खुल्लम-खुल्ला साथ देने लगी थी.

दोस्तो मुझे इसको चोदने में इतना मजा आया कि आपको नहीं बात सकता! आप समझ लीजिए कि मुझे जन्नत मिल गई थी!
मैं उसकी चूत से धीरे धीरे लंड बाहर निकालता और अंदर चूत में डाल कर चोद रहा था, बीच बीच में ज़ोऱ से शॉट भी लगाता था और वो हर शॉट के साथ वो सिहर उठती और मुझे बोलती -भैया, मुझे कुछ हो रहा है!
मैंने उसकी चूची को रगड़ते हुए पूछा- क्या हो रहा है रानी?
तो बोली- मैं नहीं बता सकती!

मैं अब उसे ज़ोऱ ज़ोऱ से चोदने लगा और दोनों हाथों से उसकी चूची को मसलते हुए बोला- ले मेरी रानी, मेरा लंड ले! और ले! अभी तेरी चूत को भी मजा आ रहा है! तू मुझे नहीं बताएगी तो तेरी चूत बताएगी!
मेरे हर शॉट का जवाब उसकी ओओ… आआईईई! जल्दी! प्लीज़ जल्दी करो! ओओ आआआ! में था.

मैं उसे ऐसे ही चोदने लगा और पूरे कमरे में पच पच और उसकी आवाज़ें गूंज रही थी. मैंने निर्मला को करीब़ 10 मिनट और चोदा!
वो कितनी बार झड़ी, मुझे नहीं मालूम! जब मैं झड़ने को हुआ तो मैंने पूछा- निर्मला, मैं अब झड़ने वाला हूं, कहाँ निकालूं मेरा प्रेम रस? तेरी चूत में या फिर तेरे मुँह में?
वो बोली- भैया चूत में मत डालना! आप बाहर ही निकाल लो!

मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और उसके मुँह के पास लेकर उसको बोला- रानी मुँह खोलो!
वो ना करने लगी और अपने मुँह पर हाथ रख लिया. मैंने उसका हाथ हटाया और लंड को मुँह में डालकर मुँह चोदने लगा और कुछ ही देर में मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ी और मैंने उसे प्रेम-रस पिला दिया. जब मेरा लंड सिकुड़ गया तो मैंने बाहर निकाला. निर्मला के मुँह से लंड निकालते ही वो बेड पर निढाल हो गई और मैंने बाथरूम ज़ाकऱ शॉवर लिया और बाहर निकल अपने कपड़े पहनने लगा, साथ में निर्मला को आवाज़ लगाई- निर्मला, उठो!

तो वो उठ नहीं पा रही थी, मैंने उसको सहारा दिया और बाथरूम ले गया और उसको मूतने के लिए बोला. वो बैठ कर मूतने लगी और मुझसे बोली- भैया तुम बाहर बैठो!
मैंने कहा- अब मेरे से शरम कैसी! अब तो हम पति-पत्नी की तरह हैं!

कैसी लगी मेरी कहानी, अपनी राय मुझे लिखें! Antarvasna

प्रेषक : राहुल गुप्ता Antarvasna

तृतीय भाग से आगे : अगले Antarvasna दिन रविवार था। सभी लोग जल्दी ही उठ गए थे क्योंकि विशाल भैया लखनऊ मेल से सुबह आठ बजे ही आ गये थे। हम लोग विशाल भैया से कोई एक साल के बाद मिल रहे थे। विशाल भैया को मेरे इलाज के बारे में कुछ पता नहीं था। सभी लोग खुश थे, चाय नाश्ते के साथ हंसी मजाक चल रहा था। मैं कुछ जादा ही उत्साहित थी, यह सोच कर कि आज विशाल भैया मुझे चोदेंगे।

अचानक विशाल भैया मेरी तरफ देखते हुए मम्मी से बोले- लगता है रश्मि छोटी की छोटी ही रह जाएगी, बढ़ेगी नहीं।

इस पर मम्मी ने मेरे इलाज के बारे में विशाल भैया को विस्तार से, गम्भीरता से बताया।

ठीक है ! मैंने भी डाक्टर लाल का नाम सुना है काफी मशहूर हैं, उन्होंने जो राय दी है वह ठीक है। जब तक मैं यहाँ हूँ। मैं ही अपना वीर्य पिला दूंगा !

और फिर हंसी मजाक चलने, होने लगा।

विशाल भैया चाय नाश्ता करने के बाद मम्मी से बोले- बुआ जी ! मुझे नींद आ रही है मैं रात को सो नहीं पाया।

मम्मी बोलीं- ठीक है, तुम स्लीपिंग सूट पहन कर कुछ देर आराम कर लो, जब खाना तैयार हो जाएगा, तब मैं तुमको उठा दूंगी।

इसके बाद मेरे फूफा अपने काम से बाहर चले गए, मम्मी और मैं खाने की तैयारी में लग गए।

खाना एक बजे तैयार हो गया। मम्मी ने मुझ से कहा- जाकर विशाल को जगा कर खाने के लिए बुला लो।

मैं भैया को उठाने के लिए उनके कमरे में गई। विशाल भैया सो रहे थे लेकिन उसका लंड पजामे के अन्दर पूरी तरह से खड़ा दिख रहा था। तभी मेरे दिमाग में सुबह की डोज लेने का खयाल आया और मैं उनके लंड को पजामे के ऊपर से ही पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी। इतने में भैया की आँख खुल गई हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ सामान्य तरीके से देखा।

मैंने अपना हाथ लंड पर से हटा लिया और बोली- आप जब सोए हुए थे तो आप का लंड पूरी तरह से खड़ा था, देखिए अभी भी खड़ा है ! यह बताइये कि आप सपने में किसको चोद रहे थे? इतने में मम्मी भी कमरे में आ गईं, उन्होंने मेरी बातें सुन ली और भैया के पजामे की तरफ देखने लगी जिसमें भैया का लंड अभी भी ठुनकी मार रहा था और भैया उसको बैठाने की कोशिश कर रहा था …

हाँ विशाल ! बताओ… कोई लड़की है जिसकी तुम लेते हो?

विशाल भैया थोड़ा सा शरमाते हुए बोले- रेनू ! मेरी क्लास-मेट है !

अच्छा तो तुम उसी को नींद में चोद रहे थे… मम्मी ने व्यंग्य में कहा।

भैया मुस्कराने लगा।

फिर मम्मी ने कहा- चलो, अभी तुम्हारा मूड है ! रेनू समझ कर अपनी फुफेरी बहन को सुबह की डोज दे दो फिर आकर खाना खा लेना।

यह कहते हुए मम्मी कमरे से बाहर निकल गई।

विशाल अभी भी लेटा था उसने मेरी तरफ सेक्सी निगाहों से देखा और बोला- चल रश्मि पहली बार चुदने के लिए तैयार हो जा।

मैं बोली- मैं तो सुबह से ही तैयार हूँ…

तो आ जा ! मेरा लंड पजामे के बाहर निकाल ! इसने भी बहुत दिनों से चूत के दर्शन नहीं किये हैं, तेरी अनचुदी चूत को चोद कर यह मस्त हो जाएगा।

फिर मैने विशाल का पजामा पूरा उतार दिया. उसका लंड अभी भी खड़ा था, मैं गप्प से मुँह में ले कर चूसने लगी। भैया का लंड और कड़ा हो गया। मैं लंड के सुपारे को कस कर चूस रही थी, भैया मेरे मुँह को कायदे से चोद रहा था।

पांच मिनट के बाद वह बोला- तुम अपने सारे कपड़े उतार दो ! अब मैं तुम्हारी चूत को चोदूँगा।

मैंने सारे कपड़े उतार दिए। फिर भैया ने मुझे बिस्तर पर लिटाया, मेरी टांगें फैलाई और फिर 69 की अवस्था में मेरी चूत को चाटने लगा। मैं उसके लंड को कस कर चूसने लगी। जैसे जैसे भैया मेरी चूत को चूस रहा था, वैसे-वैसे मेरी चूत में चुदाई की चाहत बढ़ती जा रही थी, मेरी चूत ने पानी का फव्वारा छोड़ना शुरू कर दिया था। भैया का पूरा चेहरा मेरी चूत के पानी से भीग गया था।

भैया ने कहा- तुम तो बहुत जबरदस्त झड़ती हो ! लगता है तुम्हारी चूत अब चुदने के लिए तैयार है।

मैंने कहा- जी भैया… !

और फिर विशाल उठ कर बैठ गया और मेरी टांगें फैलाकर अपना फनफनाता हुआ लंड मेरी चूत के मुँह पर रख कर धीरे से अन्दर की तरफ ठेला।

हालांकि भैया का लंड थोड़ा पतला था लेकिन लम्बा था। फिर भी सुपारा घुसते ही मेरा चेहरा दर्द के मारे लाल हो गया।

भैया ने मेरी तरफ देखा और बोले- दर्द हो रहा है?

मैंने कहा- हाँ… बहुत दर्द हो रहा है।

भैया बोले- बस थोड़ा सा सह लो ! अभी यह दर्द मस्ती में बदल जएगा।

और भैया लगा कस कर पेलने।

भैया ने सही कहा था ! करीब 5मिनट के बाद मेरा सारा दर्द गायब हो गया था और मैं भैया से चिपटने लगी। विशाल मुझे कस कर चोदे जा रहा था !

मेरे मुँह से अनायास ही निकलने लगा- … ओह्ह्ह्ह्ह……आह्ह्ह्ह्… और कस कर चोदो मेरे अच्छे भैया… ओह माई गॉड प्लीज और अन्दर तक पेलो, मेरी बुर को चोद चोद कर भक्काड़ा कर दो प्लीज भैया… प्लीजऽऽऽ !

इस अलौकिक आनन्द से जैसे मैं पागल हुई जा रही थी और कई बार मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरे बुर से पानी का फव्वारा निकला हो।

इतने में भैया ने झट से अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और मुझसे बोले- ले मेरे लंड को जल्दी से चूस ले ! माल निकलने वाला है !

मैंने तुरन्त उनका लन्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। थोड़ी ही देर में भैया का ढ़ेर सारा वीर्य मेरे मुँह में भर गया, मैं तुरन्त वीर्य को गटक गई भैया का वीर्य काफी स्वादिष्ट था।

इसके बाद हम लोग खाना खाने चले गए।

क्रमश: ………….. Antarvasna

Sex Stories

इसे आप मनघड़ंत स्टोरी कहे या और Sex Stories कुछ पर सच बात तो ये है कि सेक्स मतलब सेक्स है वो किसी से भी किया जा सकता है या हो जाता है।

अब मैं 24 साल का हूँ और अपनी ऐम.ई. की पढ़़ाई कर रहा हूँ दिल्ली में अपनी फॅमिली से दूर।

पता नहीं वो सब कैसे क्या हुआ सब एक सेक्स कहानी की तरह लगता है पर ये कोई कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटना है जो मैं अन्तर्वासना के मध्यम से आपके सामने रख रहा हूँ।

बात उस वक्त की है जब मैं 18 साल का था।
एक दिन हम किसी बर्थडे पार्टी में जा रहे थे, मेरी माँ को तैयार होने में काफी वक्त लगता था इसलिए पापा हमेशा ही गुस्सा हुआ करते थे, उस दिन पापा गुस्से में अकेले ही चले गए, माँ आज बहुत ही खूबसूरत लग रही थी, माँ ने सिल्क की साडी पहनी थी और बाल स्टेप कट किए हुए थे, होंटो पे ब्राउन लिपस्टिक, और क्या कहूँ ऐसा लग रहा था जैसे मानो वो किसी मूवी की एक्ट्रेस हो. बस वो थोडी मोटी थी बाकी फिगुर तो 36-30-36 है।

ड्रेसिंग रूम से आवाज़ आई बेटे ज़रा इधर तो आना, मैं रूम में गया तो माँ आइने के सामने खड़ी हाथ पीछे कर के ब्रा का हूक लगा रही थी, मुझसे कहा ये हूक तो लगा दे, मैंने हूक लगाया तब पहली बार मैंने मेरी माँ को ब्रा में देखा था. आइने में माँ के 36 साइज़ के बूब्स साफ़ दिखाई दे रहे थे .फिर मैं और माँ दोनों पार्टी के लिए निकल पड़े.

इस वक्त मुझे कुछ समझ में नहीं आता था पर ये जान चुका था कि मेरी माँ बहुत सेक्सी है. तबसे मैं कभी कभी माँ की ब्रा और पैंटी पहन कर देखता था. 2 -3 सालों बाद पापा का प्रमोशन हो गया.
अब पापा हमेशा ऑफिस के काम से वीकली बाहर गांव जाते थे, तब घर में हम 4 लोग होते थे छोटा भाई, बहन, मैं (सबसे बड़ा) और हमारी खूबसूरत माँ जिसे सजना- संवरना काफी पसंद था और कुछ हद तक बेशरम भी थी.

जब भी घर में कोई नहीं होता तब माँ हमेशा सिर्फ़ ब्रा और निक्कर में ही बाथरूम से बाहर आती और अपनी साड़ी पहनती. माँ की उमर 36 साल होते हुए भी वो बहुत ही नशीली लगती थी, मैंने कई बार माँ को ब्रा और पैंटी में देखा था कपड़े पहनते हुए, कई बार तो नहाते हुए भी देखा था पर छुप छुप के, जब भी दरवाजा खुला छोड़ नहाती थी.

तब मेरी हालत कैसी होती होगी आप महसूस कर सकते हो.

वो गर्मी के दिन थे. घर में कूलर था पर बिजली कभी भी जाती थी आती थी रात को कभी कभी तो 1 -2 घंटे आती ही नहीं थी. उस रात से तो मेरी जिंदगी ही बदल गई। उस रात मैं और मेरी माँ पास में ही सोये हुए थे भाई और बहन बाजू में थे।

रात के करीब 11 बजे बिजली चली गई मेरी भी नींद खुल गई।
मैंने देखा की माँ मोमबत्ती लगा रही है मुझे नींद नहीं आ रही थी गर्मी भी काफी हो रही थी.थोडी ही देर में देखा तो माँ अपना ब्लाउज उतार रही है, माँ ने काली ब्रा पहनी थी इसलिए उन्हें ज्यादा गर्मी लग रही थी, ब्रा भी जालीदार थी इसलिए उनके नीपल साफ नजर आ रहे थे. ब्रा के ऊपर से उनके बड़े बड़े बूब्स आधे से भी ज्यादा नजर आ रहे थे.

मैं तो देखता ही रह गया. वैसे तो मैंने कई बार माँ को इस हालत में देखा था, पर आज करीब से देखने का मौका मिला था. मैंने कभी सोच भी नहीं था कि मेरी माँ इतनी खूबसूरत है.

अब मैं काफी समझदार हो गया था। माँ ने फिर अपने बालों को उपर करके बाँध दिया। तब मैंने माँ की ब्रा के हूक को देखा लगा कि खोल दूँ इसे। थोडी ही देर में बिजली आ गई और कूलर शुरू हो गया। माँ बिना ब्लाउज के ही सो गई.

मुझे नींद नहीं आ रही थी मैं सोच रहा था कि काश मुझे आज रात को माँ को चोदने का मौका मिलता!!!

पर किस्मत ने साथ नहीं दिया…

कब सुबह हुई पता ही नहीं चला. अब मैं हमेशा माँ को चोदने की नज़र से ही देखता रहता। आज मैं स्कूल नहीं गया था. माँ जैसे ही नहाने गई मैं चेंजिंग रूम जाकर सोने का नाटक करने लगा. माँ आई आज वो सिर्फ़ तौलिया ही ओढे थी फिर उन्होंने वो भी हटा दिया माँ सिर्फ़ ब्रा और पैंटी

ही पहने थी, माँ की जांघें बहुत ही चिकनी और गोरी थी और पैंटी से उनकी गांड उभर कर आई थी और ब्रा के अंदर से बड़े बड़े और काले निप्पल के बूब्स तो मानो बाहर निकलने को बेकरार थे .. मैं माँ की खूबसूरती देखते ही झड़ गया ..

फिर माँ आईने में अपनी बगलों के बालों को निहार रही थी. माँ ने पापा का रेजर निकला और बालों को निकालना शुरू किया. मैं सोच रहा था काश

मेरी शादी मेरी माँ से हुई होती…!!!!

आज फिर रात हो हो गई .. सोचा आज तो किस्मत साथ दे दे। मैं सेक्स में ये भी भूल गया था कि वो मेरी माँ है। हम सोने की तय्यारी कर रहे थे .

भाई बहन सो चुके थे, पापा भी घर में नहीं थे. माँ ने मेरे सामने ही अपना ब्लाउज उतारा और अपनी पीठ खुजाने लगी. माँ ने आज सफेद ब्रा पहनी थी, धीमी रोशनी की वजह से माँ और भी सेक्सी लग रही थी, मैंने कहा क्या हुआ?

माँ बोली- कुछ नहीं! खुजली हो रही है जरा गर्मी का पाउडर तो ले आ!

मैं पाउडर लाया.
माँ ने कहा अब लगा भी दे.
मैं माँ के पीठ पर पाउडर लगाने लगा पर ब्रा का बेल्ट उँगलियों में फँस जाता था.
माँ ने कहा जरा बगल में भी लगा दे माँ ने हाथ उपर उठाया मैंने देखा कि आज सुबह जो माँ ने बाल निकाले थे वो जगह काफी चिकनी हो चुकी थी
मैंने कहा ये हूक निकाल दूँ तो माँ बोली क्यों?

मैंने कहा ताकि पूरी पीठ को पाउडर लगा सकूँ.

माँ ने कहा ठीक है पर पूरी ब्रा मत निकालना.
फिर मैंने माँ की ब्रा का हूक खोला। माँ की चिकनी पीठ काफी सुंदर लग रही थी. मैं कभी कभी अपना हाथ आगे की और भी ले जा रहा था जिससे मैं माँ के बूब्स को टच कर सकूँ.

फिर माँ ने ख़ुद ही अपनी ब्रा उतार दी और कहा जरा इधर भी पाउडर लगा दे .मैं माँ के बूब्स सहलाने लगा. माँ के बूब्स काफी बड़े और नर्म थे, माँ के बूब्स इतने टाइट थे कि ब्रा की जरुरत नहीं थी।

मैं माँ के नीपल को दबाने लगा तभी माँ ने कहा क्या करते हो .. माँ की धड़कने बढ़ रही थी .. फिर माँ ने कहा तेरा भाई उठ जाएगा .. हम चेंजिंग रूम में चलते हैं। माँ के बूब्स चलते हुए हिल रहे थे।

फिर मैंने कहा अब तुम मुझे पाउडर लगा दो.
माँ ने कहा क्यों तुझे भी खुजली हो रही है?
मैंने कहा हाँ.
माँ ने कहा ठीक है. मैं शर्ट और बनियान निकाल बेड पर लेट गया. माँ मेरे पीठ पर पाउडर लगा रही थी।

अब माँ ने मुझे पलट जाने को कहा ताकि वो मेरे सीने पर भी पाउडर लगा सके मैं अब पीठ के बल लेट गया और माँ मेरे बाजु में थी माँ जब मुझे पाउडर लगाती मैं उनके बूब्स की और देखता था।
वो बहुत ही रसीले लग रहे थे मैं बड़ी हिम्मत से माँ के बूब्स को हाथ लगाया माँ ने कुछ नहीं कहा

फिर मैंने उन्हें दबाना शुरू किया, मैं उन्हें धीरे धीरे दबा रहा था।

माँ ने कहा जरा देख तो लो तेरे भाई बहन सोये कि नहीं?

मैं देख आया दोनों सोये हुए थे .. माँ को बताया।

माँ ने कहा हम इधर ही सो जाते हैं .. मैं भी मान गया माँ ने अपनी साड़ी उतारनी शुरू की।

मैंने कहा साड़ी क्यों निकाल रही हो,
तब माँ ने कहा आज मैं तेरे साथ रात गुजारना चाहती हूँ और माँ ने अपनी साड़ी उतार दी अब वो सिर्फ़ पैंटी में थी, माँ की चूत के बाल जालीदार पैंटी से साफ नज़र आ रहे थे.

क्यों आज क्या तू पहली बार मुझे नंगी देख रहा है ..

मैंने कहा मैं कुछ समझा नहीं.

मुझे सब पता है तू रोज़ मुझे नंगी देखता है जब मैं नहा कर आती हूँ, क्यों सच है न?????

मैं एकदम ही डर गया, डर मत माँ ने कहा देख मैं ये बात तेरे पापा को नहीं बताऊँगी पर एक शर्त है.

मैंने कहा कौन सी शर्त? माँ ने कहा तुझे मेरे साथ नंगा सोना पड़ेगा.

मैं डर के मारे तैयार हो गया ..मैंने अपने कपड़े उतार दिए। फिर हम दोनों बेड पर आ गए. माँ सिर्फ़ अपनी पैंटी में ही थी और मैं अंडरवियर में. माँ मुझसे लिपट गई और चूमने लगी, मैंने कहा ये सब ठीक नहीं और बेड से उठ गया ..

तब माँ ने गुस्से में कहा जो तू करता है क्या वो ठीक है अपनी माँ को नहाते हुए देखता है!

माँ ने मुझे समझाया बेटे ये कोई ग़लत बात नहीं है ..तू भी अब जवान हो गया है और मेरी भी कुछ इच्छाएं हैं जो तेरे पापा समय की वजह पूरी नहीं कर सकते, तब तू मेरी इच्छाएं पूरी करे तो इसमे ग़लत क्या है? आह्किर मैं तेरी माँ हूँ .. और बेटा ही माँ को समझ सकता है ..

मैंने कहा अगर पापा को पता चला तो…

माँ बोली यह बात हम दोनों के बीच ही रहेगी… टॉप सीक्रेट… और जब कि तूने मेरे बूब्स को दबाया और सहला भी दिया है तो फ़िर अब चोदने में क्यों घबराते हो? बात सिर्फ़ आज रात की तो है ..

तब मैं मान गया , आख़िर मैं भी तो यही चाहता था. माँ ने कहा चलो बेटे आज हम सुहागरात मानते हैं , आज की रात तुम ही मेरे पति हो ..

फिर माँ ने मुझे अपनी बाँहों में कस के पकड़ लिया और मुझे चूमने लगी मैंने भी माँ को चूमना शुरू किया, माँ मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहला रही थी, मैं भी माँ की चूत को पैंटी के ऊपर से सहला रहा था।

फिर माँ ने मेरी अंडरवियर उतार दी और मेरे लौडे को हाथ से सहलाने लगी ताकि वो और बड़ा और टाइट हो जाए।फिर माँ ने अपनी कच्छी उतारी और मेरे लौडे को अपनी चूत में डाल दिया अब हमने खड़े खड़े ही चोदना शुरू कर दिया था।

मैंने अपना दायाँ पैर बेड पर रखा और जोरों से धक्के दे रहा था ..माँ के मुंह से आह ..!! आह ..!! आह ..!! आवाज़ निकाल रही थी ..माँ ने भी मुझे जोरों से अपनी बाहों में पकड रखा था।

फिर हम बेड पर आ गए और मैं माँ के नीपल को मुंह में लिए चूस रहा था, माँ एक हाथ से मेरे लौडे को सहला रही थी। फिर मैंने माँ को बेड पर पीठ के बल लेटाया और माँ की चूत को चूमने लगा। माँ सेक्स के मारे पागल हो रही थी, फिर माँ ने मेरे लौडे को चूमना शुरू किया,वो उसे मुंह में ले रही थी।

फिर माँ ने मेरा लौड़ा अपने हाथों से अपनी चूत में डाला और कहा- ले अब छोड़ अंदर तक ले जा… माँ ने अह्ह्ह… भरी, कहा ऐसे ही करते रह, मैं भी माँ की जांघों को पकड़ पकड़ कर चोदता रहा…

बहुत अच्छा लग रहा था. मेरा गिरने ही वाला था माँ ने कहा अंदर मत गिरा फिर माँ ने मुझे बेड से दूर कर के नीचे गिराने को कहा।

हमने फ़िर एक दूसरे को चूमना शुरू किया और उत्तेजित हो गए। मां बिस्तर पर लेट गई और मुझे कहा कि मेरी गाण्ड में लौड़ा डाल दे। मैंने मां की गाण्ड मारना शुरू किया।

फ़िर हम सीधे हो कर एक दूसरे को चोदते रहे। रात भर हम सब कुछ भूल कर बस चोदते ही रहे। मां को कई तरह से चुदवाना आता था। उन्होंने मुझसे 10-12 अलग अलग तरीकों से चुदवाया।

मां का बदन काफ़ि नर्म और खूशबूदार था। मैंने मां को पूरी तरह से सन्तुष्ट कर दिया।

इस बीच मैं दो बार झड़ गया। रात के तीन बजे हम कपड़े पहन कर सोने चले गए। मां खुश लग रही थी। सुबह जब मैं नाश्ते के किए बैठा तब मेरी मां से बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थ

मां ने कहा- क्या हुआ? मैंने कहा है ना तुमसे कि यह बात सिर्फ़ हम दोनों के बीच रहेगी। और फ़िर भी तुम्हें शरम आती है तो मुझे अपनी वाईफ़ समझ सकते हो, वैसे भी हम सुहागरात तो मना ही चुके हैं

मां ने हंसते हुए मेरे होंठो को चूमा। मैं भी मां को अपनी बाहों में लेकर चूमता रहा।

फ़िर उस दिन से जब भी हमारा मूड होता और पापा घर में नहीं होते, हर रात हम सुहागरात मनाते रहे। कभी कभी तो दिन में भी बिना कपड़ों के साथ रहते।

एक दिन तो मैंने मां के नीचे वाले बालों की शेव कर दि थी और मां ने मेरी। अब चुदाई में बहुत मज़ा आता था। कभी कभी हम ब्लू फ़िल्म देख कर वैसे ही चुदाई करते थे।

मैं अब मां को नाम से पुकारता था। अब हम ऐसे रहते थे जैसे कि मानो हम सच में पति-पत्नी हों। ड्रेसिंग रूम को ही हमने अपना बेड-रूम बना लिया था। भाई और बहन दूसरे कमरे में सोते थे और हम पूरी रात बिना कपड़ों के साथ में सोते थे।

मां को अभी भी मेक-अप का शौंक था। वो मेरे लिए ही अब सजती संवरती थी। मैं कभी कभी स्कूल नहीं जाता और पूरा दिन मां के साथ चुदाई करता। जब भी मैं मां को किसी शादी, पार्टी में ले जाता तो लोग भी हमें पति-पत्नी समझते थे।

एक दो बार तो पापा घर में होते हुए भी मैंने मां को चोदा। मां तब नहा रही थी और पापा टी वी देख रहे थे।

मैंने बाथरूम के पास जाकर मां को आवाज़ दी, मां ने कहा- अभी नहीं, अभी तेरे पापा घर में हैं, जब मैं नहीं माना तो मां ने मुझे बाथरूम में बुला लिया और हमने चुदाई कर ली।

बहन ने एक दिन पापा को बताया कि मां हमारे साथ नहीं सोती, भैया के साथ सोती है तब मां ने गुस्से से कहा- कुछ भी कहती है नालायक, तेरे भैया को पढ़ाते हुए कभी कभी नींद आ जाती है तब वहीं सो जाती हूं।

पापा ने कुछ नहीं कहा क्योंकि पापा तो हमारे इस रिश्ते से बिल्कुल ही अनजान थे ना…॥ Sex Stories

बिजनेस बढ़ाया चुदाई से नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम नीलम हैं। मेरी उम्र अभी 43 साल हैं। मैं कई सालों से दिन में टाइम पास करने के लिए हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ती हूं। मुझे इसके बारे में मेरे मोहल्ले की ही पड़ोसनों ने बताया था शाम को जब हम लेडिस आपस में बैठकर बातें करते तो रात के सेक्स को लेकर भी चर्चा करते थे तो सभी अपने-अपने अनुभव बताती थी कि उनके पति उनके साथ कैसे-कैसे क्या-क्या करते हैं उनमें से ही एक पड़ोसन प्रीती ने इसके बारे में हमें जानकारी दी। मैं पहले अपने परिवार के साथ गांव में ही रहती थी और मेरे पति शहर में रहकर काम करते थे। वह सप्ताह में एक दिन घर आते हैं और फिर वापस शहर चले जाते हैं। शहर में भी उनको खान और रहने में काफी परेशानी होती थी क्योंकि वह खुद बनाते हैं फिर सारा काम खुद करते हैं तो काफी टाइम लग जाता ऐसे फिर एक बार उन्होंने बोला कि क्यों नहीं तुम शहर चलती हो मैंने कहा कि शहर में खर्चा ज्यादा होगा तो बोले कि हम कुछ काम कर लेंगे और सब ठीक हो जाएगा। फिर मेरे पति ने शहर से थोड़ा बाहर की तरफ एक प्लॉट खरीदा और वहां पर छोटा सा मकान बना दिया वह कॉलोनी अभी नई-नई बस रही थी इस कारण आदि से ज्यादा प्लाट खाली पड़े थे और कुछ मकान बने हुए थे हम लोगों ने वार है ना शुरू कर दिया। वहां पर 8-10 मकान और बने हुए थे और उन में भी सब गांव से ही आकर लोग रहना शुरू हुए थे जो शहर में काम करते थे। मैंने मेरे दोनों बेटों को हॉस्टल में एडमिशन करवा दिया और हम दोनों पति-पत्नी वहां रहने लगे। मैं पूरा दिन खाली रहती थी तो मैंने पति को कहा कि आप गांव से गाय भैंस या लेकर आ जाओ तो काम भी हो जाएगा आमदनी भी होगी तो मेरे पति गांव से दो भैंसे और दो गाय लेकर आ गए। गांव में हमारे बहुत सी गाय भैंस थी। तो पति कुछ लेकर के यहां शहर आ गए। शहर में हमने पास वाले प्लॉट में गाय भैंस रखनी शुरू कर दी। मैं सुबह 5:00 उठाती और गाय भैंसों का दूध निकाल कर उन्हें चार वगैरा दे देती और मेरे पति हमारे घर से ही एक दो किलोमीटर दूर बड़ी पोश कॉलोनी में दूध सप्लाई करके आ जाते। शाम का दूध देने में परेशानी होती थी तो मेरे पति ने एक सेकंड हैंड एक्टिवा खरीद ली और मुझे एक्टिवा सीखा दी। अब मैं शाम को खुद ही दूध सप्लाई करने जाती थी। रात में जब हम मोहल्ले की सभी औरतें इकट्ठा होती तो वह सब मेरे गाय भैंस के बारे में ही बैठकर बातें करती थी क्योंकि वहां पर हम सब अकेले आराम से बैठ कर बातें कर सकते थे तो वह सब अपनी सारी बातें बताती थी उनमें से रजनी किसी बड़े बंगले में काम करती थी तो वह महंगे महंगे कपड़े पहनती थी बाकी औरतें उससे पूछता की रजनी इतना कैसे खर्च कर लेती है पहले तो वह बताती नहीं थी लेकिन फिर वह धीरे-धीरे बताने लगी की बंगले का जो साब है वह उसके साथ सेक्स करता है और बदले में उसे यह सब देता हैं। वह हम सब में बहुत तेज थी तो हम सबको ब्यूटी पार्लर भी साथ लेकर जाती थी वैक्स वगैरा करवाती थी और कहती थी कि तुम लोग अपनी वजाइना को एकदम क्लीन रखा करो ताकि तुम्हारा पति जब शाम को आए तो तुम्हारी पैंटी हटाकर सीधा उसे चाटने लग जाए। वह बोली कि शहर की औरतें तो रात में नाइटी और शर्ट पहनती है हम लोग भी अब ऐसे कपड़े पहनेगी तो हम सब लोगों को मार्केट लेकर गई और वहां से हम लोगों ने नाइटी टाइट योग पैंट टी-शर्ट लोवर टी-शर्ट जैसे नाइट वियर खरीद लिए अब हम लोग भी रात में नाइटी वियर यानी योगा पेट और टी-शर्ट लोवर टी-शर्ट पहनते थे। एक बार रजनी ने बताया कि उनके साहब के यहां पर कोई बड़ी पार्टी है और कैटरिंग के लिए महिलाओं की जरूरत है जो भरे पूरे मांसल बदन की हो। तो हमने कहा कि हम सभी का शरीर बहुत भरा पूरा हैं। रजनी बोली कि सब के यहां पर जो पार्टी है उसमें सब को महिला वेटर की जरूरत पड़ेगी रात में 9:00 से लेकर 1:00 तक पार्टी है और आप सबको दो ₹2000 मिलेंगे सभी महिलाओं ने हां कर दी की चार घंटे में ₹2000 तो अच्छे ही हैं। फिर रजनी बोले कि तुम ऐसे ही मत चलना पहले तुम ब्यूटी पार्लर जाकर अपना वैक्स वगैरा करवा लेना और अच्छे से तैयार हो जाना दिन हम लोग ब्यूटी पार्लर गए और वैक्स वगैरह कराया और अच्छे से तैयार हो गए हम लोग अपने घरों का काम खत्म कर रात 8:30 सब के फार्म हाउस पर पहुंच गए। वहां पर हम लोगों को वेटर की ड्रेस दी गई जो हेयर कलर का शर्ट और काले कलर की टाइट पेंट थी हम लोगों ने वह पहन लिए। वेटर की ड्रेस में हमारे बड़ी-बड़ी बस और बड़ी-बड़ी गांड बहुत ज्यादा ही दिख रही थी। पार्टी के मेहमान अभी हमें घूर-घूर कर देख रहे थे। उसने बड़े-बड़े लोग आए थे और करीब 100 तरह का खाना पीना था। रात 1:00 बजे पार्टी खत्म हो गई और जब हम लोग जाने लगे तो सब हमारे पास आया और बोला कि आप सब लोग मुझे बहुत अच्छे लगे हो आपने बहुत अच्छा काम भी किया है तो मैं तुम्हें खुश होकर दो ₹2000 ज्यादा दे रहा हूं मुझे इनाम समझ कर रख लेना। फिर वह बोला की पार्टी मेंखाने में भी बहुत बचा हुआ है आप लोगों को जितना चाहिए उतना ले जाओ तो काफी महिलाओं ने वहां से पैक भी करवा लिया और उसे साहब ने हम सबको अपने घर तक अपनी गाड़ी से भी छोड़ दिया। उसे दिन हम सभी महिलाएं बहुत खुश थी क्योंकि हमें चार-पांच घंटे काम करने के ही ₹4000 मिल गए थे। हम सब लेडिस ने अपने पतियों को बताया तो वह भी बहुत खुश हुए। अगले दिन शाम को जब हम बातें करने इकट्ठा हुई तो रजनी आकर के बोली की एक और काम हैं। उसके बदले और ज्यादा पैसे मिल सकते हैं तो हमने पूछा क्या काम है तो वह बोली कि सब के यहां आने वाले मेहमान को खुश करना हैं इसके बदले वो अच्छा पैसा देंगे। पहले तो हम लोगों ने सोचा पर बाद में हां कर दिया। उसके बाद रजनी रोज किसी ना किसी महिला को लेकर जाती वो वहां सेक्स करवाती और उसे अच्छे पैसे मिलते। एक बार रजनी मुझे भी लेकर गई वहां पर कोई सातवां आठवां साल का आदमी था जिसे मेरे साथ सेक्स करना था। मैं उसे आदमी के साथ कमरे में चली गई। अंदर जाते ही उसे आदमी ने मुझे कहा कि तू तू बहुत बड़ी रैंड लगती है तेरे बड़े-बड़े बस और गांड ही बता रहे हैं कि तू कितनी बड़ी रंडी है। मैंने कहा कि मैं तो गाय भैंस पालती हूं और दुध पीती हूं इस कारण मेरे बड़े हैं। वो मेरे 38-34-42 के फिगर को घूरकर देखा रहा था। फिर उसने मुझे बोला कि अब तू तेरे कपड़े उतार और पूरी नंगी हो जा तो मैं मेरे सारे कपड़े निकाल कर रख दिए वह मेरे नंगे बदन को देखता रहा फिर खुद भी नंगा हो गया उसका पेनिस 7 इंच लंबा और 2 इंच के बराबर मोटा था उसका एकदम काला काला पेनिस उठा हुआ था वह बोला कि अब मेरे पेनिस को मुंह में लेकर चूस। फिर मैं उसका पेनिस मुंह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी देर तक चूसने के बाद उसने मुझे सोफे पर बैठा दिया और मेरे दोनों टांगों को फैला कर खुद भी मेरी वजाइना को चाटना शुरू कर दिया मेरा पति कभी मेरी वजाइना जाता नहीं था तो मुझे बहुत मजा आया और मेरा पानी भी छूट गया। फिर उसने सोफे पर ही मेरे साथ पहली बार सेक्स किया। दूसरी बार उसने मेरे साथ गांड में सेक्स किया वह बहुत जल्दी ही फ्री हो गया। उसने मेरे से फोन नंबर लिए और बोला कि मुझे जरूरत पड़ेगी तो तुझे फोन करूंगा फिर वह वहां से चला गया और हमें भी रजनी के साथ घर आ गई। उसे दिन मुझे बहुत मजा आया क्योंकि उसने मेरी वजाइना कुछ इस तरह जाता था वैसा मजा मुझे पहली बार मिला। उसके एक-दो दिन बाद मेरे घर पर कुछ मेहमान आए और उसी दिन शाम को सब ने फोन किया कि नेहा कहां हो मिलोगी क्या तो मैंने कहा कि मैं मिल नहीं सकती हूं तो कहा कि आधे घंटे के लिए ही टाइम निकाल दे मैं बोली घर पर मेहमान आए हैं कैसे निकाले तो बोले कि हो तो मैनेज कर मेरे से अब नहीं रह जा रहा है या तो तू यहां आज या फिर मैं तेरे वहां आता हूं मैं बोली कि मेरे घर पर मेरा पति और मेहमान है मैं कहां मिलेगी तो वह बोली की तो कहीं भी मिल भले जंगल में मिलने आ जाना लेकिन एक बार मिलना पड़ेगा। फिर थोड़ी देर मैंने सोचा और मैं वापस फोन करके कहा कि मेरी गाय भैंस के बारे में ही जगह है वहां मिल सकते हो साहब बोला मैं तो तेरे लिए कहीं भी आ सकता हूं फिर वह रात को 12:00 बजे वह आया और मुझे फोन किया उसने अपनी कर हमारे घर से आधा किलोमीटर दूर खड़ी कर दिया और पैदल ही वहां तक आया फिर उसने मुझे फोन किया तो मैंने उसे बोला कि तुम वहीं रुको मैं आ रही हूं फिर मैं अपने पति को बताया कि रजनी मुझे बार-बार फोन कर रही है वह घर पर अकेली है तो मैं चली जाती हूं मेरा पति बोला ठीक है सुबह टाइम पर आ जाना मैंने कहा ठीक है आ जाऊंगी फिर मैं वहां से निकल गई और मैंने रजनी को फोन करके कहा कि रजनीबंगले वाला सब सेक्स के लिए आया है मैं गाय भैंस के बारे में उसके साथ करूंगी मैं तेरे घर का बोला है तू थोड़ा ध्यान रखना रजनी बोली कि तू चिंता मत कर तू मजे कर मैं संभाल दूंगी। फिर मैं सब को लेकर बड़े में चली गई वहां पर पूरा अंधेरा था और सब को तो पूरे कपड़े उतार कर करने की आदत थी मैंने बोला साहब आज आपको जल्दी-जल्दी करना पड़ेगा सब बोला कि जल्दी तू मेरे से होता नहीं है तरीका तो मेरा वही रहेगा हमें मुश्किल में पड़ गई कि अब क्या करूं तभी सब बोला कि इंतजार किसका कर रही है रंडी कपड़े उतार और नंगी हो जा हमें बोली कोई देख लेगा तब बोला कोई नहीं देखेगा तूने फोन तो कर दिया है रजनी को या कोई नहीं आएगा। फिर मैं सब को बड़े में एक कोने में लेकर गई जहां पर कई सारी बोरियां पड़ी थी और ऊपर भी छठ बनी हुई थी उसे कमरे में मैंने पर्दा लगा दिया और गेट बंद कर दिया अंदर मैंने लाइट ऑन कर दी वहां पर सिर्फ एक गड्ढा जमीन पर पड़ा था जहां पर हम सभी औरतें बैठकर बातें करते थे सब वहां बैठ गया और मैं कपड़े उतारने लगी साहब भी खड़ा होकर अपने कपड़े उतारने लगा फिर उसने जल्दी ही मेरे मुंह में अपना पेनिस डाल दिया और मैं चूसने लगी थोड़ी देर चूसने के बाद में गधे पर सो गई और सब मेरे ऊपर आ गया और अपना पेनिस मेरी वैजाइना में डाल दियामैंने सब को कहा कि क्या बात है साहब आज आपने मेरी वजाइना छाती नहीं साहब बोले रुक जा नेहा अभी एक बार करने दे फिर देख क्या-क्या करता हूं फिर सब ने जोर-जोर से झटका मारना शुरू कर दिया और 6 7 मिनट तक करीब 100 डेढ़ सौ झटका लगाया और अंदर ही स्पर्म छोड़ दिया। फिर सब ने किसी को फोन लगाया मैंने कहा किसी फोन कर रहे हो तो सब बोले कि मेरा एक दोस्त है वह भी है मैंने कहा आप कर क्या रही हो किसी को पता चल जाएगा बोला किसी को पता नहीं चलेगा फिर थोड़ी देर में सब का दोस्त नवीन भी पर आ गया। और अंदर जाकर वह भी पूरा नंगा हो गया। आप कमरे में हम तीन लोग थे नवीन मेरे बड़े-बड़े बूब्स को दबाने और चूसने लगा सब मेरी वजाइना को अच्छे से चैट रहे थे नवीन का पेनिस भी 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था थोड़ी देर के बाद नवीन बोला कि नीलम मेरा मुंह में ले ले यार तो मैं नवीन का पेनिस अपने मुंह में लिया और थोड़ी देर चुस्ती रही फिर नवीन बोला कि अब मैं तेरे साथ करूंगा तू घोड़ी बन जा तो मैं वहीं पर घोड़ी बन गई नवीन पीछे से मेरी वैजाइना में पेनिस डालकर सेक्स करने लगा और सब आगे आए और उन्होंने अपना पेनिस मेरे मुंह में दे दिया अब मैं एक साथ दो लोगों से सेक्स करवा रही थी। 10 मिनट तक दोनों लगातार करते रहे फिर उनके स्पर्म निकल गए तो उन्होंने मुझे छोड़ दिया मैं बोली अपने घर जा सकती हूं क्या तो बोले अभी कहां जाओगी आधा घंटा तो रुको फिर वह खड़े-खड़े ही मेरे बस और बड़ी-बड़ी गांड को दबाने लगे आज मुझे बहुत मजा आ रहा था क्योंकि अमीर घरों के दो बड़े-बड़े साहब मुझे सेक्स का बहुत मजा दे रहे थे जितना मेरे पति ने कभी नहीं दिया था। फिर सब गधे पर सो गया और मैं उनके पेनिस पर अपनी वजाइना रखकर सेक्स करवाने लगी तभी नवीन ने मेरी गांड हमें क्रीम लगाई और अपना पेनिस मेरी गांड में डाल दिया अब मैं एक साथ दो लोगों से अपने दोनों छेदों को चुदवाने का मजा ले रही थी। वह दोनों अमीर घरों के बड़े-बड़े आदमी थे पर वह मुझे बहुत मजा दे रहे थे। 6 7 मिनट बाद उन्होंने मुझे सीधा खड़ा कर दिया और नवीन मेरी वैजाइना में सेक्स करने लगा और सब मेरी गांड में अपना पेनिस डालकर सेक्स करने लगे इस पोजीशन में 10 मिनट तक उन्होंने मुझे खड़े-खड़े ही सेक्स का मजा दिया और उसके बाद वह बोली की अब तो डॉगी स्टाइल में बन जा तो मैं गद्दे पर डॉगी स्टाइल में बन गई नवीन मेरी वैजाइना में पीछे से झटका करने लगा और सब मेरे मुंह में झटका देने लगे दो-तीन मिनट बाद सब ने मेरे मुंह में ही अपना स्पर्म गिरा दिया जबकि नवीन 15 मिनट तक लगातार तेज तेज झटके मारता रहा 15 मिनट तक उसने करीब 300 से ज्यादा झटका मेरी वैजाइना में लगाए थे मैं उसकी ताकत देखकर बहुत खुश थी कि 55 साल से ज्यादा की उम्र में भी यह दोनों लोग कितने ताकतवर हैं जो इतने अच्छे से सेक्स कर रहे हैं। फिर उन्होंने सेक्स के बाद मुझे कहा कि नेहा तू तो बहुत बड़ी मस्त और सेक्सी औरत है तेरे साथ हमें बहुत मजा आता है फिर सब बोले की यह बैग पकड़ इसमें तेरा गिफ्ट है तो मैंने वह छोटा सा बैग रख लिया सब मेरे लिए कोई महंगा लेडिस बैग लेकर आए थे जिसने मेरा गिफ्ट था फिर वह लोग चले गए। मैं भी घर जाकर सो गई। दूसरे दिन सब मेहमान चले गए और रात में हम सभी लेडिस रात में बातें करने के लिए करता हुए और 9:00 बजे वह सब अपने-अपने घर चली गई। फिर मैं अपने कमरे में आ गई और सोने लगी तो पति ने कहा कि रजनी के घर कल क्या काम था मैं बोली कि वह अकेली थी तो मुझे बुला लिया था। मेरा पति बोला कि मैं कल रात में रजनी के पति को फोन करके पूछा कि तुम कहां पर हो तो उसने मुझे बताया कि मैं तो घर पर ही हूं फिर मैं एक बार जब रात में गाय भैंस के बारे में चेक करने के लिए आया था कि सब ठीक-ठाक तो है तो मैं कमरे में लाइट चलती हुई देख ली तो मैं वहां बाहर खड़ा होकर देखने लगा कि अंदर कौन है तो मुझे तुम्हारी और दो लोगों की आवाज सुनाई दे रही थी फिर मैं खिड़की में से सब कुछ देखा है जो कल रात तू करके आई है। मैंने मेरे पति को कहा कि आप मुझे माफ कर दो वह मुझे अच्छा पैसा देते हैं और मैं तो हम सबके लिए ही यह कर रही हूं पति बोला कि वह लोग अब तुझे यहां घर आकर भी छोड़ रहे हैं मैं बोली कि आगे से मैं ऐसा नहीं करूंगी और मैं तो यह सब आपके लिए ही कर रही हूं आप अगर मना करेंगे तो मैं आगे से नहीं करुंगी फिर मैं पति को थोड़ी देर समझती रही तो वह मान गए वह थोड़ा गुस्से में भी थे उन्होंने अपना हाथ मेरे बस पर रखा और बोले कि कल तो दो लोगों के साथ कर रही थी आज मेरे साथ भी वैसा ही कर फिर वह बोले अब तू पूरी नंगी हो जा फिर मैं नंगी हो गई और मेरे पति भी पूरे नंगे हो गए पहली बार उन्होंने मेरे साथ घोड़ी बनाकर सेक्स किया और 4 मिनट में इस पर में गिरा दिया थोड़ी देर बाद और फिर से सेक्स के लिए तैयार हो गए फिर उन्होंने मुझे बोला तू लेट जा और अपनी टांगों को अपने कंधों के बराबर फैला कर उठा ले फिर मैं लेट गई और मैं मेरी दोनों टांगें उठा ली और कंधों के बराबर कर लिया अब मेरी वजाइना ऊपर की और उठी हुई थी और मेरे पति उसमें अपना पेनिस डालकर सेक्स करने लगे वह पूरा अंदर तक झटका दे रहे थे इस कारण मुझे बहुत दर्द हो रहा था मैं बोली धीरे करो दर्द भी होता है मुझे तो बोले कि कल दो-दो लोगों ने तीन-तीन बार किया तब दर्द नहीं हो रहा था। अब तेरा अपना पति कर रहा है तो तुझे दर्द हो रहा हैं। फिर उन्होंने अपना स्पर्म मेरी वैजाइना में ही गिरा दिया और मेरे पास सो गए। फिर सुबह जब मैं उठी और जाने लगी तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने पास बुलाया और सुबह-सुबह ही 15 मिनट तक फिर से सेक्स किया। मैं बोली आप मेरे से नाराज तो नहीं है मेरे पति बोले नहीं मैं तुझसे नाराज नहीं हूं तू बहुत सेक्सी हैं और मजा देती है। आप लोग पढ़ कर बताना कि मैं कैसा लिखा हैं। neelamexpert@outlook.com

दोस्तो, Hindi Sex Stories

मै 35 साल का युवक हूँ, मेरा नाम Hindi Sex Stories राजेश है और अन्तर्वासना की कथाओं का नियमित पाठक हूँ। दोस्तों मै आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी भेज रहा हूँ।

बात करीब दो वर्ष पहले की है, मै अपने एक दोस्त की शादी में लखनऊ गया था। वहां मैंने एक खूबसूरत लड़की को देखा जिसकी उम्र 28 साल की होगी और उसका फिगर भी गजब का था, स्तन और गांड तो देखने लायक थे, उसको देखते ही मेरे मन में उसको चोदने का ख्याल आने लगा। फिर मैंने पता किया कि ये है कौन? पता चला कि ये मेरे दोस्त के बड़े भाई की साली है।

मैंने सोचा फिर तो ठीक ही है और उसको पटाने के लिए उसके पास जाकर उससे मेल जोल बढ़ाने के लिए बातचीत शुरू की और उसको बताया कि राजू जिसकी शादी हो रही है मेरा दोस्त है। और उससे उसका नाम पूछा तो उसने बताया- मेरा नाम प्रियांसी है।

मैंने कहा- मुझ को मालूम है कि तुम राजू के बड़े भाई की साली हो।
और पूछा कि तुम्हारा पति भी शादी में आया है?
तो प्रियांसी ने बताया- वो नहीं आए हैं ऑफिस के काम से बाहर जाना पड़ा है इसलिए नहीं आ सके।

बात करता हुआ मै प्रियांसी के बूब्स को देख रहा था। प्रियांसी भी समझ रही थी कि मै उसके स्तनों का जायजा ले रहा हूँ। तब प्रियांसी ने कहा- राजेश तुम बात तो हमसे कर रहे हो लेकिन नजरें तुम्हरी कहीं और हैं इरादा नेक है कि नहीं?

मै समझ गया कि प्रियांसी की भी इच्छा कुछ करने की है, मैंने कहा कि प्रियांसी तुम्हारी चूचियों के निप्पल तो बड़े बड़े लग रहे हैं तुम्हारे ब्लाउज के अंदर से निप्पल निकलने को बेकरार हैं।
तो प्रियांसी ने कहा- कैसी बातें करते हो?
मैंने कहा- जैसे तुमने पूछा कि नजरे कहाँ हैं तो मैंने बता दिया कि क्या देख रहा हूँ !

उसने हंस दिया तो मैंने कहा कि प्रियांसी तुमको देख कर चोदने का मन कर रहा है ! मै भी यहाँ अकेला ही आया हूँ, रात को शादी में शामिल होने के बाद कुछ मस्ती करने का इरादा है क्या?

तो प्रियांसी ने कहा कि किसी को मालूम हो गया तो हमारा घरवाला हमको निकल देगा !

मैंने कहा कि ऐसा करते हैं कि शादी की अगवानी की रस्म होने के बाद मेरे होटल में चलते हैं। मैंने लखनऊ जाकर एक होटल में कमरा ले लिया था क्योंकि शादी के घर में जगह नहीं होती है और मुझको बाथरूम में नंगे हो कर नहाने की आदत है, इसलिए कमरा लेना पड़ा था।

मैंने प्रियांसी से कहा कि रात में हमारे कमरे में रूक जाना, ऐसे समय में किसी को ध्यान नहीं होता कौन कहाँ है।

प्रियांसी ने कहा- देखा जायेगा !

फिर हम लोग अपने अपने काम से लग गए लेकिन मन ही मन सोच रहा था कि प्रियांसी चलेगी या नहीं?
लेकिन यह भी लग रहा था कि प्रियांसी का भी मन शायद चुदाई का है, नहीं तो वो दूसरे सुर में बात करती। खैर किसी तरह से शादी की अगवानी की रस्में पूरी हुई तो मैंने प्रियांसी से कहा- चलो जानेमन ! आज की रात हमारे लण्ड का भी मजा ले लो ! अभी तक तो तुमने अपने पति के लण्ड का ही मजा लिया होगा !

प्रियांसी भी चुदाने के पूरे मूड में थी, उसने कहा- बाहर चलो ! हम आते हैं !

और फिर 5 मिनट में ही प्रियांसी भी बाहर आ गई। हम और प्रियांसी एक ऑटो में बैठ कर होटल आ गए। कमरे में आते ही मैंने टीवी चालू कर दिया। रात का 1 बजा होगा, टी वी के चैनल बदलने में एक चैनल पर ब्लू फिल्म चल रही थी।

प्रियांसी ने कहा- यह क्या है?
मैंने कहा- ब्लू फिल्म ! अक्सर रात में डिस्क वाले लगा देते हैं, वही चल रही है।
तो उसने कहा- हमने तो कभी ब्लू फिल्म देखी ही नहीं है !

तो मैंने कहा- बड़े मौके से आ रही है, देख लो ! और टीवी चालू करके मैं बाथरूम में घुस गया, दरवाजा अंदर से बंद नहीं किया और नंगे होकर नहाने लगा।

उधर प्रियांसी ब्लू फिल्म देख कर गरम हो रही थी। फिल्म में एक लड़की को पॉँच आदमी चोद रहे थे, एक आदमी उसकी चूत में लण्ड डाले हुए था, दूसरा गांड में लण्ड डाले था, तीसरा मुंह में लण्ड डाले था और दो आदमी उसकी चुचियों को दबा रहे थे और वो लड़की उन दोनों आदमियों का लण्ड अपने हाथ में लेकर मुठ मारने में लगी थी।

यह सीन देख कर प्रियांसी बहुत गरम हो गई थी और उसने अपनी साड़ी खुद ही उतार दी। मेरा लण्ड भी यह देख कर डंडे जैसा तन गया और फिर मैं तौलिया लपेट कर बाहर आ गया। मेरा लण्ड तौलिये को फाड़कर बाहर आने को बेताब था।

प्रियांसी ने भी देखा कि मेरा लण्ड तना हुआ है, उसने उठ कर तुंरत मेरा तौलिया खींच दिया। अब मैं बिल्कुल नंगा हो गया, मेरा 8′ का लण्ड देख कर प्रियांसी तो ख़ुशी से उछल पड़ी, बोली- इतना लम्बा और मोटा लण्ड है? हमारे आदमी का तो 5′ का ही है ! आज पूरा मज़ा आयेगा !

मैंने कहा- जानी ! आज जैसा मज़ा तुमको पहले कभी नहीं मिला होगा !

और यह कह कर मैं उसको उठा कर बिस्तर पर ले गया और उसको किस करना शुरू कर दिया। मैंने उसके होंठों को किस करना शुरू किया तो उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में दे दी। मैं उसको चूसता रहा और हाथों से उसके बूब्स को सहलाने लगा। और फिर धीरे धीरे उसका ब्लाउज उतार दिया, फिर उसके पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया। अब प्रियांसी सिर्फ पैंटी और ब्रा में थी। उसकी चड्डी गीली हो रही थी, चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था।

मैं तो उसके बदन को देख कर दंग रह गया। बिल्कुल दूध की तरह गोरी थी प्रियांसी !उसको देख कर तो किसी का भी मन चोदने का हो जायेगा। मैंने तुंरत ही उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी चूचियों को धीरे धीरे सहलाने लगा। फिर एक चूची को मुंह से चूसने लगा और फिर धीरे धीरे किस करते हुए उसकी नाभि तक आ गया।

प्रियांसी बहुत गरम हो रही थी उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया था और उसको हिला रही थी। मैंने उसकी चड्डी भी उतार दी, लगता था कि उसने अपनी बुर के बाल कुछ दिन पहले ही साफ किए थे।

प्रियांसी ने बताया कि अभी 3 दिन पहले ही महीना ख़तम हुआ है इसलिए मन तो चुदवाने का कर ही रहा था क्योंकि महीना समाप्त होने के बाद चूत की प्यास बढ़ जाती है, लेकिन शादी में आना पड़ा।

मैंने कहा- मेरी जान ! आज मैं तुम्हारी चूत की पूरी प्यास बुझा दूंगा !
और फिर मैं उसकी बुर को चाटने लगा तो वो बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- क्या तुम्हारे आदमी ने कभी तुम्हारी बुर नहीं चाटी?
उसने कहा- नहीं तो !

मैंने कहा कि तब तो तुमने अभी तक चुदाई का असली आनंद लिया ही नहीं ! आज ले लो मेरी जान पूरा आनंद !

और यह कह कर मैं उसकी बुर को थोड़ा फैला कर जीभ से चाटने लगा। प्रियांसी के मुंह से सिसकारी निकल रही थी और बड़बड़ा रही थी- ऐसा तो पहले कभी मज़ा नहीं आया !

मैं फिर उसकी बुर की तिकोन को मुंह में भर कर चूसने लगा और फिर उसको जीभ से ही चोदने लगा। मैं अपने हाथों से उसकी चूचियों को मसलता रहा और गांड पर भी हाथ फिराता रहा।फिर मैंने 69 की पोसिशन बनाई और अपना लण्ड उसके मुंह के पास ले गया और प्रियांसी से कहा- इसको भी तो चूसो !

उसने कहा- लण्ड भी चूसा जाता है क्या?
मैंने कहा- चूसो मेरी जान ! आज चुदाई का पूरा मज़ा लो !

तब प्रियांसी ने मेरे लण्ड का सुपाड़ा खोल कर जीभ से चाटना शुरू किया। मैंने उसका सर पकड़ कर पूरा लण्ड उसके मुंह में डाल दिया और उसकी बुर चूसने लगा। उसकी बुर बहुत गीली हो रही थी और फिर थोडी देर में ही प्रियांसी कि बुर ने पानी छोड़ दिया।

मेरा लण्ड भी तन कर डंडा बना हुआ था तो फिर मैंने अपना लण्ड उसके मुंह से निकाला और उसको घोड़ी बनने को कहा तो वो बोली- घोड़ी बना के क्या करोगे?
मैंने कहा- पहले तुम्हारी गांड मारूंगा !
वो बोली- हमने कभी गांड नहीं मरवाई है, उसमें तो बहुत दर्द होगा !

मैंने कहा कि पहली बार बुर चुदाई में भी तो दर्द हुआ होगा बस वैसा ही होगा फिर मज़ा आने लगेगा।

उसने कहा- धीरे धीरे डालना ! कहीं मेरी गांड न फट जाये !

मैंने उसकी गांड पर थूक लगाया और फिर अपने लण्ड का सुपाडा उसकी गांड के छेद पर लगा कर हलके से धक्का दिया मेरा सुपाड़ा उसकी गांड में घुस गया।

वो धीरे से चिल्लाई- लग रहा है !
मैंने कहा- बस अब नहीं लगेगा ! और फिर एक धक्का दे दिया मेरा आधा लण्ड उसकी गांड में घुस गया।
उसको कुछ ज्यादा ही दर्द हुआ और बोली- लण्ड बाहर निकालो प्लीज़ ! लग रहा है !

मैं फिर उसकी पीठ पर चुम्बनों की बौछार करने लगा और लण्ड डाले डाले ही उसकी चूचियों को हाथ से पकड़ कर सहलाने लगा। थोड़ी देर में उसका दर्द कुछ कम हुआ। फिर मैंने अपने लण्ड का एक धक्का जोर से मारा, मेरा पूरा लण्ड उसकी गांड में घुस गया और फिर मैंने अपने धक्के तेज कर दिए अब तो प्रियांसी को भी मज़ा आने लगा और वो भी अपने चूतड़ उठा उठा के मेरा पूरा लण्ड अन्दर लेने लगी।

थोड़ी देर बाद मैंने अपना लण्ड निकाल कर उसकी चूत में पीछे से ही डाल दिया चूत बिल्कुल गीली थी आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। फिर मैंने थोड़ा सा लण्ड बाहर निकाल कर एक जोर का धक्का मारा, मेरा पूरा लण्ड उसकी बुर में जड़ तक घुस गया।

वो चिल्लाई- मर गई ! धीरे धीरे करो ! तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है !

मैंने फिर धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए। अब प्रियांसी को भी मज़ा आने लगा था और वो भी चूतड़ उठा उठा कर धक्के लगाने लगी। करीब आधे घंटे की चुदाई में प्रियांसी दो बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी पानी निकलने वाला था। मैंने अपने लण्ड को प्रियांसी की बुर से बाहर निकाला और उससे कहा- मुंह खोलो !मेरा पानी पी लो ! मज़ा आ जायेगा !

और फिर उसने मेरा सारा पानी पी लिया और लण्ड को चाट चाट कर साफ़ कर दिया।

उस रात हम लोगों ने चार बार चुदाई की। प्रियांसी बहुत खुश थी, बोली- जिन्दगी में पहली बार ऐसा चुदाई का मज़ा आया है, अब हम कानपुर तुमसे मिलने जरुर आया करेंगे।

दोस्तो, मेरी कहानी कैसी लगी जरूर लिखियेगा। Hindi Sex Stories

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