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Massage Girl in Upper Siang: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Upper Siang who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Upper Siang that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Upper Siang massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Upper Siang who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Upper Siang massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Upper Siang massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Upper Siang who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Upper Siang employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Upper Siang helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Upper Siang

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Upper Siang at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Antarvasna

अन्तर्वासना के एक एक Antarvasna पाठक को मेरी यानि कि गौरी का प्रणाम !यह मेरी आप सब के सामने पहली कहानी है, कहानी नहीं एक हकीकत है !

शादी से पहले से ही मेरा कई लड़कों के साथ अफेअर था और कई लड़कों से मैं चुदी थी। शादी हुई ससुराल चली गई, पहली रात निराशा हुई जब देखा पति का लौड़ा कोई खास नहीं था। दारु के नशे में था, मेरी चोरी पकड़ी नहीं गई थी, लेकिन वो मुझे ठंडी न कर पाया।

रोज़ रात को नशे में आता और पाँच-छह मिनट की चुदाई होती ! मुझे लौड़ा चूसना बहुत पसंद है लेकिन वो ज्यादा नहीं चूसने देता, जैसे ही खड़ा हो जाता, सीधा चूत में डाल देता। कुछ समय बाद उसने और ज्यादा पीनी शुरू कर दी, पीकर घर आकर वो मुझे पीट देता, गाली-गलौच करता। जिससे तंग आकर ससुर जी ने हमें अलग कर दिया। इस झटके से कुछ देर ठीक चला उसके बाद उसने फिर और ज्यादा पीनी शुरू कर दी।

मैं उससे बिल्कुल खुश नहीं थी। अब तो उनको उनके दोस्त घर छोड़ने के लिए आने लगे। उसको कोई होश ना रहती। उसको छोड़ने के बहाने वो मेरे दर्शन करने आते, मैं भी उनसे खुलने लगी। मुझे लौड़े के ज़रुरत थी।

वो तीनों बहुत हट्टे-कट्टे मर्द थे। उनके आने के समय पर मैं सेक्सी कपड़े पहनती, जिससे उनकी वासना भड़के। वो भी आने-बहाने मुझे छूने की कोशिश करते। मुझे देख तीनों के लौड़े खड़े हो जाते होंगे। मुझे उनमें से मनोहर जी सबसे अच्छे लगते। मैं उनकी ओर झुकने लगी, लेकिन वो जब भी आते तीनों इकट्ठे आते। मैं उन्हें हासिल करने के लिए मचलने लगी।

मेरी मुराद एक दिन पूरी होती दिखने लगी जब वो अकेले ही आये।

मैंने उसको बैठने को कहा और पानी देने के बहाने झुक कर अपने मम्मे दिखा दिए। उनकी नज़रें उनमें गड़ गई। मैं ग्लास रखने रसोई में गई, वो चाहते हुए भी कुछ नहीं बोल पाए, बस इतना कहा- मैं चलता हूँ भाभी !

वो मुड़े ही थे कि मैंने उनकी बांह पकड़ ली और बोली- बस ऐसे ही चले जाओगे? पहली बार अकेले मिले हो ! कह मैं उनसे लिपट गई।

उन्होंने भी मुझे कस कर बाँहों में भरते हुए कहा- मेरी जान ! मैं तो कई दिनों से इस पल के इंतजार में हूँ !

कहते ही उसने मुझे गोदी में उठाया और सीधा बिस्तर पे ले गए। वो मुझे जगह जगह चूमने लगे। एक एक करके हम दोनों नंगे हो गए उनका फौलादी लौड़ा देख मैं खुश हो गई। मैंने कहा- कुण्डी चढ़ा दो ! कहीं उनकी उतर गई और हम पकड़े गए?

मैंने उनके लौड़े को मुँह में भर लिया और पागलों की तरह चूसने लगी। वो आहें भर रहे थे। इतना मोटा लण्ड कसम से कभी नहीं पकड़ा था। कुछ देर में इतना सख्त हो गया कि चूसने में परेशानी होने लगी। फिर भी मैंने नहीं छोड़ा। उन्होंने तो मेरे मम्मों को मसल मसल कर चूस चूस कर लाल कर डाला फिर मुझे लिटा लिया और अपना फौलादी लौड़ा मेरी चूत में डालने के लिए चूत पे रख अन्दर किया।

दर्द से मैं कराहने लगी, इतने दिनों बाद इतना मोटा लौड़ा अंदर गया था। मैंने सब सहन कर लिया और देखते ही देखते उसने अपना नौ इंच का लौड़ा झड़ तक घुसा दिया।

हाय क्या माल हो भाभी जान !

फिर वो मुझे चोदने लगे।

हाय ! जोर से करो भाई साब ! फाड़ डालो ! कितने महीनों से आपसे चुदने को बेकरार थी, आज अपने नाकारा दोस्त की बीवी को अपनी रंडी बना कर चोदो ! मारो मेरी और जोर से मारो फाड़ डालो ! चूत फट जाने दो कामिनी को ! क्या मोटा लौड़ा है आपका !

ले कुतिया ! फाड़ डालूँगा ! कमीनी, तेरी माँ की चूत ! बहन की लौड़ी ! मादरचोद ! गली की कुत्तिया ! कुत्तों से चुद्वाऊंगा तुझे ! चल बहन चोद घोड़ी बन जा !

ले हरामी जात के ! बन गई घोड़ी ! घुसा दे अपना डंडा मेरे अन्दर !

ले साली !

दिल करता है एक साथ आगे से, पीछे से लौड़े ले लूँ !

बहन की लौड़ी ! तीन लौडे रोज़ तेरे पास आते हैं, पहले कहती तो रंडी, तुझे मिलकर चोद देते ! हाय !

मार अब !

आधे घंटे की चुदाई के बाद उसने अपने पानी को मेरे अन्दर डाल दिया। वो रात के तीन बजे तक मुझे चोदता रहा।

इस तरह मुझे लौड़ा मिल ही गया। कुछ दिन तक वो अकेला ही मेरी लेता रहा, लेकिन फिर मेरे कहने पर वो बाकी के दो को भी मेरे ऊपर चढ़ाने के लिए राज़ी हो गया और फिर एक रात ऐसी आई कि मेरे पति को उन्होंने सुला दिया फिर हम चारों ने दारु पी।

उसके बाद क्या हुआ?

वो आप सबके जवाब मिलने के बाद Antarvasna

Antarvasna

ऑफिस का एक कमरा बतौर गेस्टAntarvasna -रूम इस्तेमाल होता था जिसमें बाहर से आने वाले कंपनी अधिकारी रहा करते थे। उधर रहने की सब सुविधाएँ उपलब्ध थीं। प्रगति, अमन का हाथ पकड़ कर, उसे गेस्ट-रूम की तरफ ले जानी लगी। कमरे में पहुँचते ही उसने अन्दर से दरवाज़ा बंद कर लिया और अमन के साथ लिपट गई।

उसकी जीभ अमन के मुँह को टटोलने लगी। प्रगति को जैसे कोई चंडी चढ़ गई थी। उसे तेज़ उन्माद चढ़ा हुआ था। उसने जल्दी से अपने कपड़े उतारने शुरू किए और थोड़ी ही देर में नंगी हो गई। नंगी होने के बाद उसने अमन के पांव छुए और खड़ी हो कर अमन के कपड़े उतारने लगी। अमन हक्का बक्का सा रह गया था। सब कुछ बहुत तेजी से हो रहा था और उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे।

वह मंत्र-मुग्ध सा खड़ा रहा। उसके भी सारे कपड़े उतर गए थे और वह पूरा नंगा हो गया था। प्रगति घुटनों के बल बैठ गई और अमन के लिंग को दोनों हाथों से प्रणाम किया। फिर बिना किसी चेतावनी के लिंग को अपने मुँह में ले लिया। हालाँकि अमन की शादी को 20 साल हो गए थे उसने कभी भी यह अनुभव नहीं किया था।

उसके बहुत आग्रह करने के बावजूद भी उसकी पत्नी ने उसे यह सुख नहीं दिया था। उसकी पत्नी को यह गन्दा लगता था। अर्थात, यह अमन के लिए पहला अनुभव था और वह एकदम उत्तेजित हो गया। उसका लिंग जल्दी ही विकाराल रूप धारण करने लगा।

प्रगति ने उसके लिंग को प्यार से चूसना शुरू किया और जीभ से उसके सिरे को सहलाने लगी। अभी 2 मिनट भी नहीं हुए होंगे कि अमन अपने पर काबू नहीं रख पाया और अपना लिंग प्रगति के मुँह से बाहर खींच कर ज़ोरदार ढंग से स्खलित हो गया। उसका सारा काम-मधु प्रगति के स्तनों और पेट पर बरस गया। अमन अपनी जल्दबाजी से शर्मिंदा था और प्रगति को सॉरी कहते हुए बाथरूम चला गया।

प्रगति एक समझदार लड़की थी और आदमी की ताक़त और कमजोरी दोनों समझती थी। वह अमन के पीछे बाथरूम में गई और उसको हाथ पकड़ कर बाहर ले आई। अमन शर्मीला सा खड़ा था। प्रगति ने उसे बिस्तर पर बिठा कर धीरे से लिटा दिया। उसकी टांगें बिस्तर के किनारे से लटक रहीं थीं और लिंग मुरझाया हुआ था। प्रगति उसकी टांगों के बीच ज़मीन पर बैठ गई और एक बार फिर से उसके लिंग को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मुरझाये लिंग को पूरी तरह मुँह में लेकर उसने जीभ से उसे मसलना शुरू किया।

अमन को बहुत मज़ा आ रहा था। प्रगति ने अपने मुँह से लिंग अन्दर बाहर करना शुरू किया और बीच बीच में रुक कर अपने थूक से उसे अच्छी तरह गीला करने लगी। अमन ख़ुशी के मारे फूला नहीं समा रहा था। उसके हाथ प्रगति के बालों को सहला रहे थे। धीरे धीरे उसके लिंग में फिर से जान आने लगी और वह बड़ा होने लगा। अब तक प्रगति ने पूरा लिंग अपने मुँह में रखा हुआ था पर जब वह बड़ा होने लगा तो मुँह के बाहर आने लगा। वह उठकर बिस्तर पर बैठ गई और झुक कर लिंग को चूसने लगी। उसके खुले बाल अमन के पेट और जांघों पर गिर रहे थे और उसे गुदगुदी कर रहे थे।

अब अमन का लिंग बिल्कुल तन गया था और उसकी चौड़ाई के कारण प्रगति के दांत उसके लिंग के साथ रगड़ खा रहे थे। अब तो अमन की झेंप भी जाती रही और उसने प्रगति को एक मिनट रुकने को कहा और बिस्तर के पास खड़ा हो गया। उसने प्रगति को अपने सामने घुटने के बल बैठने को कहा और अपना लिंग उसके मुँह में डाल दिया। अब उसने प्रगति के साथ मुख-मैथुन करना शुरू किया। अपने लिंग को उसके मुँह के अन्दर बाहर करने लगा। शुरू में तो आधा लिंग ही अन्दर जा रहा था पर धीरे धीरे प्रगति अपने सिर का एंगल बदलते हुए उसका पूरा लिंग अन्दर लेने लगी। कभी कभी प्रगति को ऐसा लगता मानो लिंग उसके हलक से भी आगे जा रहा है।

अमन को बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। उसने अपने धक्के तेज़ कर दिए और मानो भूल गया कि वह प्रगति के मुँह से मैथुन कर रहा है। प्रगति को लिंग कि बड़ी साइज़ से थोड़ी तकलीफ तो हो रही थी पर उसने कुछ नहीं कहा और अपना मुँह जितना ज्यादा खोल सकती थी खोल कर अमन के आनंद में आनंद लेने लगी।
अमन अब दूसरी बार शिखर पर पहुँचने वाला हो रहा था, उसने प्रगति के सिर को पीछे से पकड़ लिया और जोर जोर से उसके मुँह को चोदने लगा। जब उसके लावे का उफान आने लगा उसने अपना लिंग बाहर निकालने की कोशिश की पर प्रगति ने उसे ऐसा नहीं करने दिया और दोनों हाथों से अमन के चूतड पकड़ कर उसका लिंग अपने मुँह में जितना अन्दर कर सकती थी, कर लिया।

अमन इसके लिए तैयार नहीं था। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह किसी लड़की के मुँह में अपने लावे का फव्वारा छोड़ पायेगा। इस ख़ुशी से मानो उसका लंड डेढ़ गुना और बड़ा हो गया और उसका क्लाइमेक्स एक भूकंप के बराबर आया। प्रगति का मुँह मक्खन से भर गया पर उसने बाहर नहीं आने दिया और पूरा पी गई।

अमन ने अपना लिंग प्रगति के मुँह से बाहर निकाला और झुक कर उसे ऊपर उठाया। प्रगति को कस कर आलिंगन में भर कर उसने उसका जोरदार चुम्बन लिया जिसमे कृतज्ञता भरी हुई थी। प्रगति के मुँह से उसके लावे की अजीब सी महक आ रही थी। दोनों ने देर तक एक दूसरे के मुँह में अपनी जीभ से गहराई से खोजबीन की और फिर थक कर लेट गए। अमन कई सालों से एक समय में दो बार स्खलित नहीं हुआ था। उसका लिंग दोबारा खड़ा ही नहीं होता था। उसे बहुत अच्छा लग रहा था।

दिन के डेढ़ बज रहे थे। दोनों को घर जाने की जल्दी नहीं थी क्योंकि ऑफिस शाम 5 बजे तक का था और वैसे भी उन्हें ऑफिस में देर हो ही जाती थी। आमतौर पर वे 6-7 बजे ही निकल पाते थे। दोनों एक दूसरे की बाहों में लेट गए और न जाने कब सो गए।

करीब एक घंटा सोने के बाद अमन की आँख खुली तो उसने देखा प्रगति दोनों के टिफिन खोल कर खाना टेबल पर लगा रही थी। उसने अपने को तौलिये से ढक रखा था। अमन ने अपने ऑफिस की अलमारी से रम की बोतल और फ्रीज से कोक की बोतलें निकालीं और दोनों के लिए रम-कोक का ग्लास बनाया। प्रगति ने कभी शराब नहीं पी थी पर अमन के आग्रह पर उसने ले ली। पहला घूँट उसे कड़वा लगा पर फिर आदत हो गई। दोनों ने रम पी और घर से लाया खाना खाया। खाने के बाद दोनों फिर लेट गए।

अमन को अचानक ध्यान आया कि अब तक उसने प्रगति को ठीक से छुआ तक नहीं है। सारी पहल प्रगति ने ही की थी। उसने करवट बदलकर प्रगति की तरफ रुख़ किया और उसके सिर को सहलाने लगा।

प्रगति ने तौलिया लपेटा हुआ था। अमन ने तौलिये को हटाने के लिए प्रगति को करवट दिला दी जिस से अब वह उल्टी लेटी हुई थी। अमन ने उसके हाथ दोनों ओर फैला दिए और उसकी टांगें थोड़ी खोल दीं। अब अमन उसकी पीठ के दोनों तरफ टांगें कर के घुटनों के बल बैठ गया और पहली बार उसने प्रगति के शरीर को छुआ। उसके लिए किसी पराई स्त्री को छूने का यह पहला अनुभव था।

कुछ पाप बड़ा आनंद देते हैं। उसके हाथ प्रगति के पूरे शरीर पर फिरने लगे। प्रगति का स्पर्श उसे अच्छा लग रहा था और उसकी पीठ और चूतड़ का दृश्य उसमें जोश पैदा कर रहा था।

प्रगति एक मलयाली लड़की थी जो नहाने के लिए साबुन का इस्तेमाल नहीं करती थी। उसे पारम्परिक मुल्तानी मिट्टी की आदत थी जिससे उसकी काया बहुत चिकनी और स्वस्थ थी। वह बालों में रोज़ नारियल तेल से मालिश करती थी जिस से उसके बाल काले और घने थे। इन मामलों में वह पुराने विचारों की थी।

उसके पुराने विचारों में अपने पति की आज्ञा मानना और उसकी इच्छा पूर्ति करना भी शामिल था। यही कारण था की इतने दिनों से वह अपने पति का अत्याचार सह रही थी। अमन प्रगति के शरीर को देख कर और छू कर बहुत खुश था। उसे उसके पति पर रश्क भी हो रहा था और गुस्सा भी आ रहा था कि ऐसी सुन्दर पत्नी को प्यार नहीं करता था।

अमन ने प्रगति के कन्धों और गर्दन को मलना और उनकी मालिश करना शुरू किया। कहीं कहीं गाठें थी तो उन्हें मसल कर निकालने लगा। जब हाथ सूखे लगने लगे तो बाथरूम से तेल ले आया और तेल से मालिश करने लगा। जब कंधे हो गए तो वह थोड़ा पीछे खिसक गया और पीठ पर मालिश करने लगा। जब वह मालिश के लिए ऊपर नीचे होता तो उसका लंड प्रगति की गांड से हलके से छू जाता।

प्रगति को यह स्पर्श गुदगुदाता और वह सिहर उठती और अमन को उत्तेजना होने लगती। थोड़ी देर बाद अमन और नीचे खिसक गया जिस से लंड और गांड का संपर्क तो टूट गया पर अब अमन के हाथ उसकी गांड की मालिश करने लगे। उसने दोनों चूतडों को अच्छे से तेल लगाकर मसला और मसाज करने लगा। उसे बहुत मज़ा आ रहा था। प्रगति भी आनंद ले रही थी।

उसे किसी ने पहले ऐसे नहीं किया था। अमन के मर्दाने हाथों का दबाव उसे अच्छा लग रहा था। अमन अब उसकी जाँघों तक पहुँच गया था। अमन की उंगलियाँ उसकी जाँघों के अंदरूनी हिस्से को टटोलने लगी। प्रगति ने अपनी टांगें थोड़ी और खोल दीं और ख़ुशी से मंद मंद करहाने लगी। अमन ने हल्के से एक दो बार उसकी योनि को छू भर दिया और फिर उसके घुटनों और पिंडलियों को मसाज करने लगा।

प्रगति चाहती थी कि अमन योनि से हाथ न हटाये पर कसमसा कर रह गई। अमन भी उसे जानबूझ कर छेड़ रहा था। वह उसे अच्छी तरह उत्तेजित करना चाहता था। थोड़ी देर बाद प्रगति के पांव अपने गोदी में रख कर सहलाने लगा तो प्रगति एकदम उठ गई और अपने पांव सिकोड़ लिए। वह नहीं चाहती थी कि अमन उसके पांव दबाये। पर अमन ने उसे फिर से लिटा दिया और दोनों पांव के तलवों की अच्छी तरह से मालिश कर दी। प्रगति को बहुत आराम मिल रहा था और न जाने कितने वर्षों की थकावट दूर हो रही थी। अब प्रगति कृतज्ञता महसूस कर रही थी।

अमन ने प्रगति को सीधा होने को कहा और वह एक आज्ञाकारी दासी की तरह उलट कर सीधी हो गई। अमन ने पहली बार ध्यान से प्रगति के नंगे शरीर को सामने से देखा। जो उसने देखा उसे बहुत अच्छा लगा। उसके स्तन छोटे पर बहुत गठीले और गोलनुमा थे जिस से वह एक 16 साल की कमसिन लगती थी। चूचियां हलके कत्थई रंग की थी और स्तन पर तन कर मानो राज कर रही थी। अमन का मन हुआ वह उनको एकदम अपने मुँह में ले ले और चूसता रहे पर उसने धीरज से काम लिया।

हाथों में तेल लगा कर उसने प्रगति की भुजाओं की मालिश की और फिर उसके स्तनों पर मसाज करने लगा। यह अंदाज़ लगाना मुश्किल था कि किसको मज़ा ज्यादा आ रहा था। थोड़ी देर मज़े लेने के बाद अमन ने प्रगति के पेट पर हाथ फेरना शुरू किया। उसके पतले पेट पर तेल का हाथ आसानी से फिसल रहा था। उसने नाभि में ऊँगली घुमा कर मसाज किया और फिर हौले हौले अमन के हाथ उसके मुख्य आकर्षण की तरफ बढ़ने लगे।

प्रगति ने पूर्वानुमान से अपनी टांगें और चौड़ी कर लीं। अमन ने हाथों में और तेल लगाकर प्रगति की योनि के इर्द गिर्द सहलाना शुरू किया। कुछ देर तक उसने जानबूझ कर योनि को नहीं छुआ। अब प्रगति को तड़पन होने लगी और वह कसमसाने लगी। अमन के हाथ नाभि से लेकर जांघों तक तो जाते पर योनि और उसके भग को नहीं छूते। थोड़ी देर तड़पाने के बाद जब अमन की उँगलियाँ पहली बार योनि की पलकों को लगीं तो प्रगति उन्माद से कूक गई और उसका पूरा शरीर एक बार लहर गया। मसाज से ही शायद उसका स्खलन हो गया था, क्योंकि उसकी योनि से एक दूधिया धार बह निकली थी।

अमन ने ज्यादा तडपाना ठीक ना समझते हुए उसकी योनि में ऊँगली से मसाज शुरू किया और दूसरे हाथ से उसकी भगनासा को सहलाने लगा। प्रगति की योनि मानो सम्भोग की भीख मांग रही थी और प्रगति की आँखें भी अमन से यही प्रार्थना कर रही थीं। उधर अमन का लिंग भी अंगडाई ले चुका था और धीरे धीरे अपने पूरे यौवन में आ रहा था।

अमन ने प्रगति को बताया कि वह सम्भोग नहीं कर सकता क्योंकि उसको पास कंडोम नहीं है और वह बिना कंडोम के प्रगति को जोखिम में नहीं डालना चाहता, इसलिए वह प्रगति को उँगलियों से ही संतुष्ट कर देगा। पर प्रगति ने अमन को बिना कंडोम के ही सम्भोग करने को कहा। उसने कहा- अगर कंडोम होता भी तो भी वह उसे इस्तेमाल नहीं करने देती। जबसे उसके बेटे की मौत हुई है उसे बच्चे की लालसा है और अगर बच्चा हो भी जाता है तो उसके घर में खुशियाँ आ जाएँगी। उसने भरोसा दिलाया कि वह कभी भी अमन को इस के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराएगी और ना ही कभी इसका हर्जाना मांगेगी।

उसने अमन को कहा कि अगर उसे प्रगति पर भरोसा है तो हमेशा बिना कंडोम के ही सम्भोग करेंगे। उसने यह भी कहा कि जितना सुख उसे आज मिला है उसे 14 साल की शादी में नहीं मिला और वह चाहती है कि यह सुख वह भविष्य में भी लेती रहे। उसने कहा कि शायद वह एक निम्न चरित्र की औरत जैसी लग रही होगी पर ऐसी है नहीं और उसके लिए किसी गैर-मर्द से साथ ऐसा करना पहली बार हुआ है।

अमन ने उसे समझाया कि कई बार जल्दबाजी में लिए हुए निर्णय बाद में पछतावे का कारण बन जाते हैं इस लिए अच्छे से सोच लो।

प्रगति ने कहा कि कोई भी औरत ऐसे निर्णय बिना सोचे समझे नहीं लेती। वह पूरे होशो-हवास में है और अपने निर्णय पर अडिग है और शर्मिंदा नहीं है।

अमन को प्रगति के इस निश्चय और आत्मविश्वास पर गर्व हुआ और उसने तेल से सनी हुई प्रगति को उठा कर सीने से लगा लिया। इस दौरान अमन का लिंग मुरझा गया था। प्रगति ने लिंग की तरफ देखते हुए अमन को आँखों ही आँखों में आश्वासन दिलाया कि वह उस लिंग में जान डाल देगी।
उसने अमन को लिटा दिया और उसके ऊपर हाथों और घुटनों के बल आ गई। पहले उसने अपने बालों की लटों से उसके मुरझाये लिंग पर लहरा कर गुदगुदी की और फिर अपने स्तनों से लंड को मसलने लगी। अपनी उभरी हुई चूचियों से उसने लंड को ऊपर से नीचे तक गुलगुली की। अमन का बेचारा लिंग इस तरह के लुभाने का आदि नहीं था और जल्दी ही मरे से अधमरा हो गया।

प्रगति ने अमन के लंड की नींव के चारों तरफ जीभ फिराना शुरू किया और उसकी छड़ चाटने लगी। एक एक करके उसने दोनों अण्डों को मुँह में लेकर चूस लिया। अपनी गीली जीभ को लंड के सुपारे पर घुमाने लगी और फिर उसके अधमरे लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी। इस बार चूसते वक़्त वह लंड को निगलने की कोशिश कर रही थी और हाथों से उसके अण्डों को गुदगुदा रही थी। अमन को इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था। उसका लंड एक बार फिर अपनी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हो गया।

उसके पूरे तरह से तने हुए लंड को प्रगति ने एक बार और पुच्ची दी और अमन को बिना बताये उसके लंड पर अपनी योनि रखकर बैठ गई। अमन का मुश्तंड लंड उसकी गीली चूत में आसानी से घुस गया। प्रगति ने अपने कूल्हों को गोल गोल घुमा कर अमन के लंड की चक्की चलाई और फिर ऊपर नीचे हो कर मैथुन के मज़े लूटने लगी।

अमन भी अपनी गांड ऊपर उछाल उछाल कर प्रगति के धक्कों का जवाब देने लगा। प्रगति के स्तन मस्ती में उछल रहे थे और उसके चेहरे पर एक मादक मुस्कान थी। थोड़ी देर इस तरह करने के बाद अमन ने प्रगति को अपनी तरफ खींच कर आलिंगनबद्ध कर लिया और उसे पकड़े हुए और बिना लंड बाहर निकाले हुए पलट गया।

अब अमन ऊपर था प्रगति नीचे और चुदाई लगातार चल रही थी। प्रगति उसके प्रहारों का जमकर जवाब दे रही थी और अपनी तरफ से अमन के लंड को पूरी तरह अन्दर लेने में सहायता कर रही थी। दोनों बहुत मस्त थे। यकायक प्रगति के मुँह से आवाजें आने लगीं- .. ऊऊह आः हाँ हाँ .. और ज़ोर से… हाँ हाँ .. चलते रहो… और .. और… मुझे मार डालो… मेरे मम्मे नोंचो… ऊऔउई…’

अमन यह सुन कर और उत्तेजित हो कर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। चार पांच छोटे धक्कों के बाद लंड पूरा बाहर निकाल कर पेलने लगा। जब वह ऐसा करता तो प्रगति ख़ुशी से चिल्लाती ‘ हाँ ऐसे… और करो…और करो .. ‘

अमन का स्खलन आम तौर पर 4-5 मिनटों में हो जाया करता था पर आज चूंकि यह उसका तीसरा वार था और उसे प्रगति जैसी लड़की का सुख प्राप्त हो रहा था, उसका लंड मानो चरमोत्कर्ष तक पहुंचना ही नहीं चाहता था। यह जान कर अमन को अपने मर्दानगी पर नया गर्व हो रहा था और वह दुगने जोश से चोद रहा था।

उसने प्रगति को अपने हाथों और घुटनों पर हो जाने को कहा और फिर पीछे से उसकी चूत में प्रवेश करके चोदने लगा। उसके हाथ प्रगति के मम्मों को गूंथ रहे थे। अब हर बार उसका लंड पूरा बाहर आता और फिर एक ही झटके में पूरा अन्दर चला जाता। अमन ने एक ऊँगली प्रगति की योनि-मटर के आस पास घुमानी शुरू की तो प्रगति एक गेंद की तरह ऊपर नीचे फुदकने लगी। उस से इतना सारा मज़ा नहीं सहा जा रहा था।

उसकी उन्माद में ऊपर नीचे होने की गति बढ़ने लगी तो अचानक लंड फिसल कर बाहर आ गया। इस से पहले कि अमन लंड को फिर से अन्दर डालता प्रगति ने करवट लेकर उसको अपने मुँह में ले लिया और अपने थूक से अच्छे से गीला कर दिया। और फिर अपनी चूत लंड की सीध में करके चुदने के लिए तैयार हो गई। अमन ने प्रगति को फिर से पीठ के बल लेटने को कहा और आसानी से गीले लंड को फिच से अन्दर डाल दिया।

प्रगति आराम से लेट गई और अमन भी उसके ऊपर पूरा लेट गया। लंड पूरा अन्दर था और अमन का वज़न थोड़ा प्रगति के बदन पर और थोड़ा अपनी कोहनियों पर था। अमन के सीने के नीचे प्रगति के सख्त बोबे पिचक रहे थे और तनी हुई चूचियां अमन को छेड़ रहीं थीं। रह रह कर अमन अपने कूल्हे ऊपर उठा कर अपने लंड को अन्दर बाहर करता रहता पर ज्यादातर बस प्रगति पर लेटा रहता। वह बस इतनी ही हरकत कर रहा था जिस से उसका लंड शिथिल ना हो। उसने प्रगति से पूछा कि वह ठीक है या उसे तकलीफ हो रही है? जवाब मैं प्रगति ने ऊपर हो कर उसके होटों पर पुच्ची दे दी।

अमन अब बहुत आराम से सम्भोग का मज़ा ले रहा था। उसने प्रगति की भुजाओं को पूरा फैला दिया था और उसकी टांगों को जोड़ दिया था जिस से उसके लंड को योनि ने और कस लिया। जब अमन मैथुन का धक्का मरता तो उसे तंग और कसी हुई योनि मिलती।
अमन को ऐसा लग रहा था मानो वह किसी कुंवारी बाला का पहला प्यार हो। उधर प्रगति को टांगें बंद करने से अमन का लंड और भी मोटा लगने लगा था। दोनों के मज़े बढ़ गए थे। कुछ देर इसी तरह मगरमच्छ की तरह मैथुन करने के बाद अमन ने प्रगति कि टांगें एक बार फिर खोल दीं और नीचे खिसक कर उसकी योनि मटर पर जीभ फेरने लगा।

प्रगति को मानो करंट लग गया.वह उछल गई। अमन ने उसके मटर को खूब चखा। प्रगति की चूत में पानी आने लगा और वह आपे से बाहर होने लगी। यह देखकर अमन फिर पूरे जोश के साथ चोदने लगा। पांच-छः छोटे धक्के और दो लम्बे धक्कों का सिलसिला शुरू किया।

एक ऊँगली उसने प्रगति की गांड में घुसा दी एक अंगूठा मटर पर जमा दिया। अमन को यह अच्छा लग रहा था कि उसे स्खलन का संकेत अभी भी नहीं मिला था। उसे एक नई जवानी का आभास होने लगा। इस अनुभूति के लिए वह प्रगति का आभार मान रहा था। उसी ने उसमें यह जादू भर दिया था। वह बेधड़क उसकी चुदाई कर रहा था।

प्रगति अब चरमोत्कर्ष की तरफ बढ़ रही थी। उसका बदन अपने आप डोले ले रहा था उसकी आँखें लाल डोरे दिखा रही थी, साँसें तेज़ हो रहीं थीं। स्तन उफ़न रहे थे और चूचियां नई ऊँचाइयाँ छू रहीं थीं। उसकी किलकारियां और सिसकियाँ एक साथ निकल रहीं थीं। प्रगति ने अमन को कस के पकड़ लिया और उसके नाखून अमन कि पीठ में घुस रहे थे।

वह ज़ोर से चिल्लाई और एक ऊंचा धक्का दे कर अमन से लिपट गई और उसके लंड को चोदने से रोक दिया। उसका शरीर मरोड़ ले रहा था और उसकी आँखों में ख़ुशी के आँसू थे। थोड़ी देर में वह निढाल हो गई और बिस्तर पर गिर गई।

अमन ने अपना लंड बाहर निकालने की कोशिश की तो प्रगति ने उसे रोक दिया, बोली कि थोड़ी देर रुक जाओ। मैं तो स्वर्ग पा चुकी हूँ पर तुम्हें पूरा आनंद लिए बिना नहीं जाने दूँगी। तुमने मेरे लिए इतना किया तो मैं भी तुम्हें क्लाइमेक्स तक देखना चाहती हूँ। अमन ने थोड़ी देर इंतज़ार किया।

जब प्रगति की योनि थोड़ी शांत हो गई तो उसने फिर से चोदना शुरू किया। उसका लंड थोड़ा आराम करने से शिथिल हो गया था तो अमन ने ऊपर सरक कर अपना लंड प्रगति के मम्मों के बीच में रख कर रगड़ना शुरू किया। कुछ देर बाद प्रगति ने अमन को अपने तरफ खींच कर उसका लंड लेटे लेटे अपने मुँह में ले लिया और जीभ से उसे सहलाने लगी।

बस फिर क्या था। वह फिर से जोश में आने लगा और देखते ही देखते अपना विकराल रूप धारण कर लिया। अमन ने मुँह से निकाल कर नीचे खिसकते हुए अपना लंड एक बार फिर प्रगति की चूत में डाल दिया और धीरे धीरे चोदने लगा।
उसकी गति धीरे धीरे तेज़ होने लगी और वार भी पूरा लम्बा होने लगा। प्रगति भी साथ दे रही थी और बीच बीच में अपनी टांगें जोड़ कर चूत तंग कर लेती थी। अमन ने अपने शरीर को प्रगति के सिर की तरफ थोड़ा बढ़ा लिया जिससे उसका लंड घर्षण के दौरान प्रगति के मटर के साथ रगड़ रहा था। यह प्रगति के लिए एक नया और मजेदार अनुभव था।

उसने अपना सहयोग और बढ़ाया और गांड को ज़ोर से ऊपर नीचे करने लगी। अब अमन को उन्माद आने लगा और वह नियंत्रण खोने लगा। उसके मुँह से अचानक गालियाँ निकलनी लगीं,’ साली अब बोल कैसा लग रहा है?… आआअह्ह्ह्हाअ अब कभी किसी और से मराएगी तो तेरी गांड मार दूंगा… आह्हा कैसी अच्छी चूत है !!… मज़ा आ गया… साली गांड भी मराती है क्या?… मुझसे मरवाएगी तो तुझे पता चलेगा… ऊओह .’

कहते हैं जब इंसान चरमोत्कर्ष को पाता है तो जानवर हो जाता है। कुछ ऐसा ही हाल अमन का हो रहा था। वह एक भद्र अफसर से अनपढ़ जानवर हो गया था। थोड़ी ही देर में उसके वीर्य का गुब्बारा फट गया और वह ज़ोर से गुर्रा के प्रगति के बदन पर गिर गया और हांफने लगा। उसका वीर्य प्रगति की योनि में पिचकारी मार रहा था। अमन क्लाइमेक्स के सुख में कंपकंपा रहा था और उसका फव्वारा अभी भी योनि को सींच रहा था। कुछ देर में वह शांत हो गया और शव की भांति प्रगति के ऊपर पड़ गया।

अमन ने ऐसा मैथुनी भूकंप पहले नहीं देखा था। वह पूरी तरह निढाल और निहाल हो चुका था। उधर प्रगति भी पूरी तरह तृप्त थी। उसने भी इस तरह का भूचाल पहली बार अनुभव किया था। दोनों एक दूसरे को कृतज्ञ निगाहों से देख रहे थे। अमन ने प्रगति को प्यार भरा लम्बा चुम्बन दिया। अब तक उसका लिंग शिथिल हो चुका था अतः उसने बाहर निकाला और उठ कर बैठ गया। प्रगति भी पास में बैठ गई और उसने अमन के लिंग को झुक कर प्रणाम किया और उसके हर हिस्से को प्यार से चूमा।

अमन ने कहा- और मत चूमो नहीं तो तुम्हें ही मुश्किल होगी।

प्रगति बोली कि ऐसी मुश्किलें तो वह रोज झेलना चाहती है। यह कह कर उसने लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसा मानो उसकी आखिरी बूँद निकाल रही हो। उसने लंड को चाट कर साफ़ कर दिया और फिर खड़ी हो गई।

घड़ी में शाम के छः बज रहे थे। उन्होंने करीब छः घंटे रति-रस का भोग किया था। दोनों थके भी थे और चुस्त भी थे। प्रगति अमन को बाथरूम में ले गई और उसको प्यार से नहलाया, पौंछा और तैयार किया। फिर खुद नहाई और तैयार हुई। अमन के लिंग को पुच्ची करते हुए उसने अमन को कहा कि अब यह मेरा है। इसका ध्यान रखना। इसे कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए। मैं चाहती हूँ कि यह सालों तक मेरी इसी तरह आग बुझाये।

अमन ने उसी अंदाज़ में प्रगति की चूत और गांड पर हाथ रख कर कहा कि यह अब मेरी धरोहर हैं। इन्हें कोई और हाथ ना लगाये। प्रगति ने विश्वास दिलाया कि ऐसा ही होगा पर पूछा की गांड से क्या लेना देना? अमन ने पूछा कि क्या अब तक उसके पति ने उसकी गांड नहीं ली?

प्रगति ने कहा- नहीं ! उनको तो यह भी नहीं पता कि यह कैसे करते हैं।

अमन ने कहा कि अगर तुम्हे आपत्ति न हो तो मैं तुम्हें सिखाऊंगा। प्रगति राजी राजी मान गई। अमन ने अगले शुक्रवार के लिए तैयार हो कर आने को कहा और फिर दोनों अपने अपने घर चले गए।

अगर आप जानना चाहते हैं कि अगले शुक्रवार को क्या हुआ तो मुझे ज़रूर लिखें।
आपके विचार मुझे भेजिए ! Antarvasna

लेस्बियन वाइफ देसी कहानी में पढ़ें कि मेरी शादी हुई तो मेरी दुल्हन को चुदाई में ज़रा भी रूचि नहीं थी. वह मेरे सामने लेट जाती, मैं उसे चोद देता. तो मैंने अपनी एक दोस्त की मदद ली.

मेरे एक दोस्त संतोष ने अपने जीवन की यह कहानी मुझे बताई।
उसकी अनुमति से मैं यह कहानी अन्तर्वासना पर प्रकाशित करवा रहा हूँ पात्रों के नाम बदलकर!

लेस्बियन वाइफ देसी कहानी संतोष के शब्दों में:

मैं संतोष … जब से जवान हुआ बहुत सेक्सी था।
मेरे छोटे शहर में अच्छा कॉलेज नहीं था तो मैंने पुणे में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की.

22 वर्ष की उम्र में मुझे पुणे में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी मिली।
23 साल की उम्र में मैंने तय किया मैं शादी करूँगा.

मेरी कोई प्रेमिका नहीं थी।
शादी के लिए लड़की ढूँढने ले लिए घर वालों को कैसे बोलूं, समझ नहीं आ रहा था।

तब मुझे अपने बचपन की दोस्त मोना का ख्याल आया.
मोना मेरे शहर की थी, बचपन में उसके साथ खेल कर बड़ा हुआ।
बाद में मैं पुणे चला गया।

मोना की शादी हो गयी थी, आजकल मोना अपने पति के साथ पुणे में रहती है.
मैं अक्सर उसके घर जाता हूँ, उसके पति से भी मेरी बनती है।

मैंने मोना का अपनी समस्या बताई तो मोना ने मेरे घर वालों को मेरी शादी के लिए मना लिया।

तब मैंने घर वालों की मदद से कुछ लड़कियां देखी।
मुझे रति पसन्द आयी, मेरी शादी हो गयी।

रति पढ़ी लिखी, सुन्दर, भरे बदन की थी।
हमारी शादी हमारे पुश्तैनी शहर में हुई.

अपने दोस्तों से मैंने उनकी सुहागरात की रोमांटिक कहानी सुनी हुई थी.
मेरे दोस्तों ने मुझे सलाह दी थी कि पत्नी से जबरदस्ती मत करना। पहले थोड़ी बात चीत करना, फिर धीरे धीरे चुम्बन से शुरु करना और आगे बढ़ना.

सुहागरात को रति घागरा चोली में सजकर पलंग पर बैठी थी.
मैंने उसका घूंघट उठाकर उसकी सुंदरता की तारीफ की, उसे उपहार दिया।

उसे मैंने अपने बारे में, मेरे कॉलेज, काम और परिवार के बारे में बताया।
मेरी बीवी रति ने भी उसके बारे में बताया।

जब मुझे लगा हमारा सही समय आ गया है आगे बढ़ने का तो मैंने रति के गाल और मस्तक चूमे।
रति ने विरोध नहीं किया.

मैं रति के होंठ चूमने लगा.
रति मुट्ठी भींचकर बैठी थी, मुझे लगा शर्मा रही है

मैंने रति को लिटा दिया, उसके चूचे चोली के ऊपर से दबाने लगा.
मैं बहुत उत्तेजित हो गया।

मैंने चोली उतारने की जल्दबाजी में चोली के कुछ हुक तोड़ दिए, चोली सामने से हटाकर ब्रा के ऊपर चूचे दबाने लगा, साथ ही मैं घागरे में हाथ डालकर रति की जाँघों पर हाथ फेरने लगा।
रति बिना विरोध किये लेटी थी.

जब मैंने घागरा उतारने की कोशिश की तो रति ने घागरा अपनी कमर तक ऊँचा करके कहा- पूरे कपड़े मत उतारिये. मैं थक गयी हूँ, आप ऐसे ही कर लीजिये, आपका हक़ बनता है।

मैंने रति की पैंटी उतार दी.
उसकी चूत पर हाथ फेरकर महसूस किया तो चूत एकदम सूखी थी।

लेकिन मैंने पढ़ा था और दोस्तों से सुना थाकि जब स्त्री गर्म हो जाती है तो उसकी चूत से रस निकलता है, गीली हो जाती है.
पर मेरी दुल्हन रति की चूत सूखी थी.

मैंने अपना पजामा उतारा और खड़ा लंड चूत में डालने की कोशिश की.
लंड चूत में नहीं जा रहा था.

रति मुट्ठी भींचकर मुँह साइड में करकर चित लेटी थी, जैसे झेल रही हो.

इसी कोशिश में मैं झड़ गया, मेरा वीर्य रति की जाँघों पर गिरा।

मैंने रूमाल से वीर्य साफ़ किया, रति ने घागरा अपने पैरों की तरफ किया, चोली पहनी और करवट लेकर सो गयी।

तब मैंने अपना पजामा पहना और निराश सा सो गया.

सुबह मैंने अपने शादीशुदा दोस्त से सब कहा।
दोस्त बोला- पहली बार ऐसा बहुतों के साथ होता है। संतोष, तू आज रात बीवी के पास जाने से पहले हस्तमैथुन करके जाना. इससे तुझे जोश देरी से आएगा और तू जल्दी नहीं झड़ेगा. और डालने से पहले लंड पर नारियल का तेल लगा लेना.

रात को जब मैं बैडरूम में गया तो रति ने नाइटी पहनी थी।

मैं रति को चित लिटाकर उसके होंठ चूमने लगा.
सिर्फ मैं ही चूम रहा था, रति नहीं!
उसने अपना मुँह बंद कर रखा था, मैं उसके होंठ अच्छे से चूस नहीं सका।

रति की नाइटी सामने से खुलती थी, मैंने नाइटी खोल दी, उसका पूरा बदन ब्रा पैंटी में दिख था, सिर्फ कंधों पर और पीछे नाइटी थी.

मेरी देसी वाइफ ने नाइटी पूरी नहीं उतारने दी.
मैं ब्रा के ऊपर चूचे दबाने लगा.

फिर मैंने उसकी पैंटी उतार दी.

मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और चूत में डालने की कोशिश की.
परन्तु मुझे चूत का छेद नहीं मिल रहा था.
तब रति ने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत की छेद पर रखा.
मैंने झटके से लंड चूत में डाल दिया।

रति आ आ करने लगी, उसकी आंखों में आंसू आ गए।
मैंने कहा- ज्यादा दर्द हो रहा है तो थोड़ा रुकता हूँ।

रति बोली- मेरी फ़िक्र मत करिये, आप कर लीजिये, पति का हक़ बनता है।

मैं चुदाई करने लगा.
रति मुर्दे की तरह लेटी रही, ना मना किया न सम्भोग में उत्साह दिखाया।

मैं थोड़ी देर में चूत में झड़ गया.

कुछ पल बाद मैं रति के ऊपर से उतर गया.
चादर में रति की सील टूटने से खून लगा था।

रति ने चादर बदली, बाथरूम से आकर कपड़े पहनकर सो गयी।
मुझे अपनी दुल्हन की पहली चुदाई में उतना मजा नहीं आया जिसकी मैंने कल्पना की थी।

मैं और रति पुणे चले गए, जंहा मैं नौकरी करता था।

मेरे बचपन की दोस्त मोना और उसके पति ने मेरे फ्लैट को सजा रखा था, उन्होंने हमारा स्वागत किया।

मैंने शादी के समय रति की मुलाकात मोना से कराई थी।
मोना ने छोटी सी पार्टी का इंतजाम किया था, पार्टी के बाद दोनों चले गए.

रति ने फ्लैट सलीके से सजाया, वह अच्छा खाना बनाती।
रात को रति सामने से खुलने वाला नाइटी पहनती थी पर सम्भोग के समय वह नाइटी सामने से खोलकर कहती- जल्दी कर लीजिये।
रति मोना ब्रा भी नहीं उतारती, नाइटी भी पूरी नहीं उतारती.
मैं उसकी पैंटी उतारकर बेमन से सम्भोग करता।

रति की चूत से कभी रस नहीं निकलता, हर बार मुझे लंड पर तेल लगाना पड़ता.

ऐसे ही एक महीना बीत गया.

मैंने रति के सेक्स में ठंडी होने की समस्या की बात मोना को बताने का निर्णय किया यह सोच कर कि शायद मोना कोई हल निकाल सके।

मेरे और मोना के बीच कोई पर्दा नहीं था।
मैं और मोना बचपन में डॉक्टर डॉक्टर खेलते थे। कभी मैं डॉक्टर बन जाता और मोना के जनन अंगों ( चूत, चूची ) की जाँच करता, कभी मोना डॉक्टर बनकर मेरे लुल्ली की जाँच करती।

थोड़ा बड़ा होने पर जब मेरा लंड खड़ा होने लगा, मोना सोये लंड को सहलाकर कहती- जादू से बड़ा हो जा!
लंड बड़ा होने पर वह खुश होती।

मोना के चूचे जब बड़े होने लगे, वह मुझे दिखाती।

हम इससे आगे नहीं बढ़े.
बाद में मैं कॉलेज में पढ़ने पुणे चला गया.

एक दिन मैंने मोना को फ़ोन किया, कहा कि मैंने उससे अकेले में मिलना है।

मैं ऑफिस से जल्दी छुट्टी लेकर मोना के घर गया।
वहां उसे मैंने रति के सेक्स में ठंडी होने की बात विस्तार से बताई।

जब मोना ने सुना कि रति की चूत कभी गीली नहीं होती, कामरस नहीं निकलता तो मोना बोली- शायद रति को किसी कारण उत्तेजना नहीं आती, मैं रति से निकटता बढ़ाकर कारण जानने की कोशिश करुँगी। यदि इससे बात नहीं बनी तो डॉक्टर से सलाह करना।

मोना ने पूछा- संतोष क्या मोना ने हॉस्टल में रहकर पढाई की?
मैंने कहा- हाँ, रति कॉलेज हॉस्टल में रहती थी. पर इसे मोना के ठंडी होने का क्या सम्बंध?
मोना बोली- ऐसे ही पूछ लिया!

अगले दिन से जब मैं ऑफिस में होता मोना रोज रति से मिलने आने लगी.
कभी रति मोना के घर जाती, दोनों मिलकर बाजार जाती, नए नए खाने बनाती, घूमती, मूवी देखती।

यह सब मुझे रति ने बताया।

एक हफ्ते बाद रति कुछ ज्यादा ही खुश दिखने लगी.

ऐसे ही दो सप्ताह बीत गए.
मोना ने मुझे अकेले मिलने बुलाया।

मिलने पर मोना बोली- संतोष, तुम अपनी पत्नी रति को बिस्तर पर गर्म करने के लिए उसकी चूत चूमा करो, चूत में जीभ डालकर चूसा करो, भगनासा पर उंगली फिराओ।

मैंने कहा- मुझे चूत चूसनी नहीं आती।
मोना बोली- सीख जाओगे, मुझे विश्वास है रति तुम्हें सिखा देगी।

मैंने पूछा- मोना तुमको कैसे मालूम हुआ?
मोना बोली- यह नहीं पूछो, जैसा कहा वैसा करो!

रात को मैंने रति को चूमना शुरू किया.
उसने नाइटी सामने से खोल दी, मुट्ठी भींचकर अकड़ कर चित लेट गयी।

मैंने रति की पैंटी उतारी और उसकी चूत चूमने लगा.
रति ने अपने बदन को ढीला छोड़ दिया, पैर और फैला दिए।

मैं चूत में जीभ डालकर चूत चूसने लगा, भगनासा पर उंगली फेरने लगा।

रति सी सी सीत्कारी लेने लगी, मेरे सर को चूत की तरफ दबाने लगी, मचलने लगी।

उसकी चूत से पहली बार कामरस की धार बहने लगी।

रति ने अपनी ब्रा उतार दी, वह अपने चूचे दबाने लगी.

रति बुदबुदा कर बोली- अब रहा नहीं जा रहा, जल्दी से डाल दो!
उसने पहली बार नाइटी पूरी उतार दी।

मैंने लंड बिना तेल लगाए डाला, चूत गीली होने से आसानी से लंड चूत में चला गया।
मैं धीरे धीरे चोदने लगा, चूचे दबाने लगा, चूचे चूसने लगा।

रति कमर उछालकर साथ देने लगी।
वह बोली- और जोर से!

मैंने चोदने की गति बढ़ा दी.
करीब 15 मिनट बाद रति की चूत से रस का फव्वारा निकला.
इसके बाद वह निढाल लेट गयी.

मैंने अपनी पत्नी की चुदाई जारी रखी, थोड़ी देर में मैं रति की चूत में झड़ गया।

रति लेटे लेटे मुस्कुरा रही थी, उसके चेहरे पर संतुष्टि की मुस्कान थी।

मुझे पहली बार सम्भोग में इतना आनंद आया.

रति बाथरूम से होकर आयी और नंगी ही लेट गयी.
मैं बाथरूम से लंड धोकर आया।

रति के पास लेटकर मैंने उसके ओठों पर चुम्बन लेकर कहा- कैसा रहा?
उसने मेरी छाती में मुँह छिपा लिया, मेरे बालों पर हाथ फेरने लगी.

मैं रति की पीठ पर हाथ फेरने लगा।

मुझे लगा कि रति की एक बार फिर सम्भोग की इच्छा हो रही है.

मैंने रति के कान में कहा- मेरा चूसोगी?
रति ने हाँ में सर हिलाया.

हम 69 पोजीशन में आ गए, मैं रति की चूत चूस रहा रहा था, रति मेरा लंड।

रति की चूत फिर से गीली हो गयी।
वह बोली- अब मेरी बारी है.

उसने मुझे चित लेटने को कहा, मेरा लंड चूत में लेकर रति उछलने लगी।
उसके भरे चूचे उछल रहे थे, मैं चूचे दबाने लगा।

थोड़ी देर बाद रति मेरे ऊपर से उतरकर बोली थक गयी।
मैंने रति को घोड़ी बनाकर पलंग के किनारे खड़ी किया, फर्श पर खड़े होकर उसकी चूत में लंड डाला, उसकी कमर पकड़कर घमासान चुदाई की।

करीब आधा घंटे बाद हम दोनों झड़ गए और थककर नंगे ही सो गए.
दूसरे दिन मैंने ऑफिस से मोना को फ़ोन करकर कहा- मोना धन्यवाद! तुम्हारा बताया तरीका काम आया।

मोना बोली- दोस्ती में धन्यवाद नहीं! ऐश करो।

छुट्टी के दिन मैंने मोना और उसके पति को खाने पर बुलाया.

मैं और रति रोज सम्भोग का आनंद लेते। मैं और रति साथ में सेक्स वीडियो देखते, नए नए आसान में सम्भोग करते।

मोना और रति दिन के समय अक्सर मिला करती।

दो महीने बाद एक दिन बाजार में मेरी मुलाकात मोना से हुई, हम दोनों चाय पीने बैठे।

मोना ने पूछा- संतोष, तुम दोनों का सेक्स जीवन कैसा चलो रहा है?
मैंने कहा- बहुत बढ़िया, सब तुम्हारे कारण ठीक हुआ.

मोना- तुम दोनों कभी साथ में सेक्स वीडियो देखते हो?
मैं बोला- अक्सर देखते हैं. बहुत कुछ सीखा उससे!

मोना- कभी BDSM वीडियो भी देखो साथ? जिसमें लड़की के हाथ पलंग से बांध कर, उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर, उसकी चूत चूसी जाती है, सम्भोग किया जाता है। लड़की को घोड़ी बनाकर सम्भोग के समय उसके कूल्हों पर चांटे मारे जाते है। मैं तुम्हे लिंक भेज दूंगी, तुम वीडियो डाउनलोड कर लेना।

मैंने पूछा- मोना, तुम और तुम्हारे पति सेक्स वीडियो देखते हो?
मोना बोली- हाँ!

मैंने वीडियो पेन ड्राइव में डाउनलोड किया, उसे कई बार अकेले में देखा।

फिर मैंने रस्सी खरीदी, कपड़े का काला चश्मा मेरे पास था जो मुझे हवाई जहाज में मिला था।
रात को मैंने रति को कहा- कल छुट्टी है, साथ में बैठकर सेक्स वीडियो देखें?

मैंने पेन ड्राइव टीवी पर लगा दिया।
BDSM का वीडियो देखकर रति अपने जाँघों और चूत पर हाथ फेरने लगी।
मैंने पूछा- करके देखें?

रति मेरा हाथ पकड़कर पलंग पर ले गई

मैंने रति के कपड़े उतार दिए, उसे चित लिटाकर उसके हाथ पलंग पर बाँध दिए, काले कपड़े का चश्मा पहना दिया।

मैं रति को जांघ चूमने के बाद उसकी चूत चूसने लगा.
रति आनंद से मचल रही थी, उसकी चूत से रस निकलने लगा.

वह बोली- अब शुरू करो।

मैंने रति की घमासान चुदाई की.
फिर रति के हाथ खोलकर उसे घोड़ी के समान खड़ा किया।

मैं पीछे से उसकी चुदाई कर रहा था और उसके कूल्हों पर चांटे मार रहा था।
हर चांटे के बाद रति को और जोश आता, वह कमर हिलाकर लंड और अंदर लेने की कोशिश करती.

कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गए.

सुबह नाश्ते के बाद रति बोली- सन्तोष, तुम कपड़े उतारकर घोड़ा बन जाओ।
मैं घोड़ा बनकर पलंग पर खड़ा हो गया।

रति ने अपनी चुन्नी मेरे पीठ पर बाँधी, नंगी होकर मेरे पीठ पर चुन्नी को लगाम के समान पकड़कर बैठ गयी, उसके हाथ में लकड़ी का स्केल था।
उसने कहा- आइने में देखो।

मैंने देखा कि रति स्केल को तलवार के समान पकड़कर मेरे पीठ पर बैठी है, उसके चूचे तने थे, बहुत सुन्दर सेक्सी दिख रही थी।

रति ने स्केल मेरे कूल्हे पर मारकर कहा- चल मेरे लौड़े … ओह सॉरी घोड़े!
मैं चलने लगा.
हम दोनों हंस रहे थे.

थोड़ी देर बाद मैंने कहा- घोड़ा थक गया है.
रति उतर गयी।

उसने मुझे चित लिटाकर मेरे हाथ पलंग पर बांध दिये, काला चश्मा पहना दिया.
मुझे कुछ दिख नहीं रहा था।

रति मेरा लंड चूसने लगी.
मेरा लंड उछलने लगा।

रति ने चूत मेरे मुँह पर रखकर कहा- चूसो!
मैं पत्नी की चूत चूसने लगा.
उसका कामरस मेरे मुँह के अंदर जा रहा था।

कुछ देर बाद रति मेरे लंड को चूत में लेकर मेरी सवारी करने लगी.
काफी देर बाद वह झड़कर मेरे ऊपर लेट गयी।

मेरा लंड अभी भी खड़ा था।
रति ने लंड तब तक चूसा जब तक मैं नहीं झड़ा, उसने मेरा वीर्य पी लिया।

मैंने फ़ोन करके मोना को बताया- BDSM का वीडियो रति को बहुत पसन्द आया, हमने करा भी!

मैं- मोना, तेरी सलाह से मेरी जिंदगी बदल गयी. मैं तुझे उपहार देना चाहता हूँ, क्या चाहिए? और एक बात, तुझे कैसे मालूम पड़ा कि रति को सेक्स में क्या पसंद है?

मोना बोली- मैंने उपहार ले लिया है। संतोष, तूने बताया था कि हॉस्टल में तूने अपने रूम पार्टनर के साथ गे सम्भोग का मजा लिया. ठीक उसी तरह लड़कियां भी लेस्बियन सेक्स का आनंद हॉस्टल में लेती हैं. मैंने इसीलिए पूछा था रति ने क्या हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की? मैं भी हॉस्टल में रहती थी। मैंने रति से दोस्ती की, तेरी वाइफ लेस्बियन थी. मैंने उसके साथ लेस्बियन सेक्स का आनंद लिया, यही मेरा उपहार है। रति को क्या अच्छा लगता है, यह मालूम हो गया, मैंने तुझे बता दिया। इस बात की चर्चा रति से मत करना। रति यदि लेस्बियन नहीं होती तो भी मालूम हो जाता! पर समय लगता, हम औरतें अपने से जीवन की बातें एक दूसरी को बताती हैं.

मेरी ठंडी बीवी अब सेक्सी बीवी हो गयी है.
तब से अक्सर हम BDSM का खेल खेलते हैं.
हम खूब मजे करते हैं.

हेलो ! Indian Sex Stories

आप सब भाभियों और औरतों को चूतों Indian Sex Stories को मेरे नौ इंच के लौड़े का खड़े हो कर प्रणाम !

आप सबने मेरा पहला सेक्स, मेरी सच्ची कहानी को बहुत पसंद किया, मुझे बहुत सारी मेल भी आई, बहुत अच्छा लगा कि आप सबने मेरी कहानी को बहुत पसंद किया। वैसे मैं पंजाब का रहने वाला हूँ लेकिन परिवार शिफ्ट होने की वजह से मुझे भी दिल्ली आना पड़ा। मैं दक्षिण-दिल्ली में रहता हूँ। अब मैं आपको एक और सच्ची कहानी बताना चाहता हूँ, जो तब की है जब मैं दिल्ली में नया-नया आया था, हमने नया घर लिया था, आस-पास का माहौल बहुत अच्छा था, आस-पास के घर सरदारों के थे, मेरा घर वालों का दिल लगा रहता था, सब लोगों से अच्छी दोस्ती हो गई थी मेरी माता की।

मैं घर से बहुत कम बाहर निकलता था, मेरे घर के आस पास बहुत लड़कियाँ रहती थी पर मैं बहुत शरमीला था इसलिए मैं सिर्फ़ उन्हें दूर से निहार ही सकता था और कुछ नहीं कर सकता था। कुछ महीनों के बाद मेरी जॉब पास में ही (ओखला) में एक इंटरनॅशनल कॉल सेंटर में लग गई थी। मेरी जॉब नाइट शिफ्ट की थी और सारा दिन मैं घर में रहता था। हर रोज़ मैं शाम को छः बजे के बाद ही उठता था।

एक दिन मेरी छुट्टी होने की कारण मैं थोड़ा जल्दी उठा तो देखा घर के कोई लड़की मेरी माता से बात कर रही है, बाहर आया तो देखा वो एक शादीशुदा औरत थी। क्या मस्त चीज़ थी यार ! वो देख कर खड़ा हो गया उसे। ज़्यादा से ज़्यादा पच्चीस साल की होगी, क्या मस्त फिगर थी ! उसके स्तन होंगे कोई 34 इंच के, कमर होगी 30 इंच और उसकी गाण्ड 36 इंच और उभरी हुई गाण्ड देख कर कोई भी पागल हो जाए।

मैने अपनी माता से पूछा तो वो हमारे घर के सामने वाले घर मे किराए पर रहती थी, उस का पति मेट्रो में काम करता था वो भी नाइट शिफ्ट। मैं उसके बारे मैं ही सोच रहा था तभी वो फिर मेरे घर आई और मुझे अपना देवर बोल कर बातें करने लगी।

अब मैं उसके लिए हर रोज़ जल्दी उठ जाता था, वो रोज़ मेरे घर आती और हम बातें करते, कभी कभी मैं उसे छू भी लेता था, हर रोज़ बातें करता रहता था तो वो मेरे से खुलने लगी, रोज़ मज़ाक करती मेरे साथ मेरी गर्ल-फ्रेंड के बारे मैं पूछती तो मैं मना कर देता कि मेरी कोई गर्ल-फ्रेंड नहीं है।

तो वो मेरा मज़ाक उड़ाती !

मैं बोलता- आप मेरे गर्ल फ्रेंड बन जाओ।

कई बार तो मैं उसके बारे में सोच के मूठ मार लेता था। कई बार वो मेरे साथ बाज़ार भी जाती थी, मुझे वो बहुत अच्छी लगने लगी थी। मैं रोज़ उसकी चूत मारने की सोचता था।

अब गर्मियाँ शुरू हो गई थी। कई बार मैं घर में निकर पहन कर ही सो जाता था।

उस दिन मेरी माता कहीं गई हुई थी शाम तक आने का बोल कर। मैं सोते हुए भी उसी के बारे में सोचता था। मुझे पता नहीं चला कि कब वो मेरे घर में आ गई और मेरे ऊपर से चादर उतारने लगी, उतारते हुई उसका हाथ मेरे आधे खड़े लौड़े पर लग गया। वो एक दम धक से रह गई। मैं थोड़ी नींद में था, उसने अपना हाथ मेरी निकर के ऊपर ढाल लिया और मेरे लौड़े को महसूस करने लगी। अब मेरा लौड़ा भी तैयार होता जा रहा था। मेरी आँखों से नींद बहुत दूर थी। उसने लाल रंग की सलवार कमीज़ पहन रखी थी मैंने अपनी आँखें खोली तो उसने एक दम हाथ उठा लिया लेकिन उस की साँस चढ़ी हुई थी।

मैने अंजान बन कर कहा- क्या हुआ भाभी जी ?

वो बोली- कुछ नहीं, माता जी कहाँ है आपकी?

मैंने कहा- वो तो कहीं गई हैं, कल आएँगी !

तो उसने अपने आप को संभाल कर बोला, “आप आज काम पर जाओगे या नहीं?

मेरी उस दिन छुट्टी थी, मैने कहा,” नहीं आज नहीं जाना, क्यूँ क्या हुआ? आप क्यूं पूछ रही हैं?”

नहीं वैसे ही ! आज आप शाम को फ्री हो क्या?

मैने कहा,”हां जी !”

बोली,”आप का सामान बहुत बड़ा है !” उसने शर्माते हुए कहा।

मैं भी एकदम हैरान हो गया।

मुझसे बोली- बाहर निकाल के दिखाओ !

मैने कहा- खुद ही निकाल लो !

उसने झट से मेरी निकर में हाथ डाला और मेरे लौड़े को पकड़ कर बाहर निकाल लिया। एकदम उसकी आंखें हैरान रह गई इतना बड़ा देख कर !

वो हाथ से लंड को हिलाने लग गई और वो और भी टाइट होता चला गया। मैंने अपनी आँखें बंद कर ली। मेरे लंड पर मुझे थोड़ी गर्मी महसूस हुई तो मैंने आंखें खोली तो देखा कि उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया था।

मुझे मज़ा आने लगा, वो मेरे लंड को चाटती हुई मुँह में ले रही थी, मुझे मज़ा आ रहा था, मेरा लंड उसके मुँह में आधा ही जा रहा था। अब मैं खड़ा हुआ और उसको घुटनों के बल नीचे झुका दिया और उसके बाल पकड़ के अपना लंड उसके मुँह में देने लगा। मैं भी काफ़ी दिनों से उसकी चूत मारने की सोच रहा था। मुझे मज़ा आ रहा था।

मैं उसके बड़े बड़े मुम्मे पीना चाहता था। मैने अपनी निकर पूरी नीचे कर दी, वो भी काफ़ी खुश थी कि आज वो इतना बड़ा लौड़ा लेगी।

मैंने उससे बेड पर लिटा लिया और ऊपर चढ़ कर उसके होंठ पीने लगा। वो मेरे लंड को अपनी चूत पर घिसा रही थी सलवार के ऊपर से। अब मैने उसका सूट उतार दिया। उसने सफ़ेद रंग की ब्रा पहन रखी थी, मैने जोश में उसकी हुक तोड़ दी, वाउ ! वाऽऽवाहह क्या बूब्स थे उसके बिल्कुल सफ़ेद दूध जैसे ! इतने बड़े कि जितने मैंने सोचा नहीं था।

मैं उसके निप्पल मुँह से काटने लगा, उसके मुँह से आवाज़ें निकलने लगी- आअहह अहहा हाहः अहहा प्लीज़ मत करो !

मैने और ज़ोर से काटा, फिर चूसने लग गया उसके बूब्स।

अब उसकी हालत खराब हो गई थी। उसने अपनी सलवार खोल दी थी और मेरे लंड को अपनी पैन्टी के ऊपर से चूत पर हिला रही थी। मुझे भी मज़ा आ रहा था मेरे लोड्‍ा लोहा बन चुका था, अब मैं भाभी की चूत चूसना चाहता था मैं बेड के नीचे उतरा, नीचे बेत कर पनटी नीचे करी भाभी जी की और चूत पर अपनी जीव रगड़ने लगा, आअहह अहहा अहह अहह अहह प्लीज़ अपना लंड मुझे दो ना, पर मैं उसे अच्छी सी तरह चूसना चाहता था, मैं उसकी चूत के होंठों को चूस रहा था।

अब हम 69 पोज़ में आ गये। मैंने अपना खड़ा खंभा उसके मुँह में दे दिया और उसकी चूत चाटने लगा। वो बोलने लगी- प्लीज़ मेरे अंदर डाल दो ! प्लीज़ प्लीज़ !

मैंने उसे डॉगी स्टाइल में किया उसकी गाण्ड पर ज़रा सा अपना लंड रखा, वो डर गई, बोली- नहीं ! चूत में प्लीज़, गाण्ड नहीं ! मैने पहले कभी नहीं मरवाई !

उसके 36 इंच के कूल्हे क्या लग रहे थे ! डॉगी स्टाइल ऐसा लग रहा था कि एक साथ तीन लण्ड खा जाएगी।

मैने उसकी चूत के छेद पर अपना लण्ड रखा और एक ज़ोर का ज़टका दिया, कसम से उसका रोना निकल गया क्यूँकि पूरा लंड एक ही झटके में अंदर था, उसकी आँखों से आँसू आ गये। लेकिन बोल रही थी- और ज़ोर से मज़ा आ रहा है, अहह अहह अहह अहह अहह ज़ोर से !

मैने उसकी कमर पकड़ी और ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा। मेरा लंड पूरा बाहर और फिर अंदर जाता, मेरा लंड उसकी चूत को पूरा भर रहा था।

वो बोली- जल्दी झटके मारो ! मैं आने वाली हूँ ! आहह आह अहह अहह अहह अहह अहह मर गई !

मैने उसे कन्धे से पकड़ा और लंड अंदर करके साथ में खड़ा कर लिया, मैं उसके मम्मे दबा रहा था और मेरा लंड अपना काम तो कर ही रहा था। अब वो झड़ गई थी। मैंने लौड़ा बाहर निकाला और उसके मुँह में भर दिया और मम्मे दबाने लगा तो कुछ समय बाद वो फिर तैयार हो गई। अब मैं उसकी गाण्ड मारना चाहता था, मैंने उसे खड़ा किया, उसके हाथ दीवार के साथ लगाए, उसकी गाण्ड का छेद खोला और लंड अंदर डालने लगा। छेद टाइट था, लंड अंदर नहीं जा रहा था। मैंने उसे डॉगी स्टाइल में किया, छेद पर लौड़ा रखा और अंदर घुसा दिया।

खूब दबा के चोदा उसे ! वो चिल्ला रही थी दर्द और आनन्द से ! मैं साथ ही उसके मम्मे दबा रहा था।

अब मैने उसे बेड पर लिटा लिया, उसकी चूत के नीचे तकिया रखा और उसकी बुर में लंड दे दिया फिर से ! अब मैं उसके होंठों पर चूम रहा था और ले रहा था उसकी !

अब मैंने झटकों की गति बढ़ा दी और उसके बूब्स खींचने लगा और मैं उसके अंदर झड़ गया। उसने मेरा लंड निकाला और चूसने लगी।

फ़िर उस रात मैने उसे बिना लाइट जलाए चोदा, बहुत मज़ा किया।

अब जब भी मेरा दिल करता है उसे चोदता हूँ !

मुझे भाभी और थोड़ी बड़ी उमर की औरतें बहुत पसंद है। Indian Sex Stories

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मैं अन्तरवासना की कहानियों को कई दिनो से पढ़ Sex Stories रहा हूं, मुझे पता नहीं ये कहानियां सच्ची हैं या नहीं, फ़िर भी मैं अपने बारे में लिख रहा हूं, मैं रोहतक (हरियाणा) का रहने वाला हूं, मेरा नाम राहुल है, मैं एक मैकेनिकल इंजीनियर हूं।

मेरी उमर 23 साल है, ये आज से 2 साल पहले की बात है कि मैं एक लड़की को रोज़ देखता था उस लड़की का नाम आरती था, वो रोहतक की रहने वाली थी, वो गर्ल्स कोलेज में पढ़ती थी, देखने में उसका फ़ीगर इतना मस्त नहीं लगता था।

एक दिन की बात है वो मुझे देखकर मुस्करा कर चली गई, कई दिन ऐसे ही चलता रहा। हम धीरे धीरे मिलने लगे

एक दिन उसने कहा कि मेरे घर पर कोई नहीं है आप आज आ जाओ, मुझ अकेली को डर लगता है।

रात 11 बजे मैं उसके घर गया और उसने अपना दरवाजा खोला, कुछ देर हम दोनो एकदम चुपचाप बाते रनहे, इधर उधर की बात करते – २ हम दोनो नजदीक आ गई थे।

मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा था, मैं जल्दी से उसको किस की और कपड़े उतारने लग गया।

वो मना नहीं कर रही थी, मैने जल्दी से अपने कपड़े भी उतार दिये और हम दोनो बेड पर लेट गये, मैने अपनी १ उंगली उसकी चूत में डाल दी, धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, थोड़ी देर में उसको सेक्स चढ़ गया उससे रुका नहीं जा रहा था, वो बार बार कहने लगी मेरे अंदर अपना डालो, मैं उसको और तड़पाना चाहता था।

थोड़ी देर में उसका पानी निकल गया, फ़िर मैने उसको अपना लंड चूसने को कहा, वो मना करती रही बाद में मान गई।

मेरा कुछ देर में पानी निकल गया और वो सारा पानी पी गई, थोड़ी देर हम ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे, कुछ देर बाद मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया, मैने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और थोड़ा धक्का लगाया वो चिल्लाने लगी, मैं थोड़ी देर उसकी चूचियों को दबाता रहा और वो शांत हो गई।

मुझसे रुका नहीं जा रहा था मैने दोबारा जोर लगाया लंड थोड़ा और अंदर चला गया, वो फ़िर से चिल्लाने लगी, मैं अब उसके मुँह पर हाथ रख कर २–३ झटकों में सारा लंड अंदर कर दिया और ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया और चूचियों को मसलता रहा।

मैने उसकी आंखों की तरफ़ देखा तो उसकी आंखों से आँसू आ रहे थे, थोड़ी देर ऐसे ही रहने से उसका दर्द कम हो गया और मैं थोड़ा-२ हिलना शुरु कर दिया कुछ देर बाद उसको मज़ा आने लगा, उसके मुँह से स्सस की आवाज आ रही थी और बार – २ आई लव यू कह रही थी, १० – १५ मिनट बाद मैं झड़ गया।

उस दौरान वो भी मेरे साथ ही झड़ गई, उसके बाद हम दोनो बात करते रहे, बाद में वो बोली की मुझे नींद आ रही है, मैं सोना चाहती हूं, मेरा सारा बदन दुख रहा है, कुछ देर बाद हम सो गये।

सुबह ३ बजे का टाइम हुआ था कि मैं सो रहा था कि मुझे लगा कि मेरा लंड कोई चूस रहा है, मैने आंख खोल कर देखा तो वो बड़ी जल्दी मुँह के अंदर बाहर कर रही थी।

वो बोली कि मुझे दोबारा चुदाई करवानी है प्लीज़ करो, मैने दोबारा पोज़िशन बदल कर के उसकी चूत में लंड डाल दिया और दोबारा चुदाई करने लगे, २५ मिनट बाद मैं झड़ गया उस दौरान वो २ बार ड़ चुकी थी, मैने पूरी रात इसी तरह ४ बार चुदाई की और एक बार उसकी गांड भी मारी. Sex Stories

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