Our site can help you find a professional massage girl in Dibang Valley who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Dibang Valley that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Dibang Valley massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Dibang Valley who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Dibang Valley massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Dibang Valley massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Dibang Valley who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Dibang Valley employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Dibang Valley helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Dibang Valley
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Dibang Valley at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
आप लोगों ने याद किया और मैं Sex Stories हाज़िर हो गया आप लोगों के लिए फिर से एक नया अनुभव लेकर!
दोस्तो, फिर एक नया अहसास, सेक्स से भरा, मज़े से भरा और साथ ही ढेर सारी मस्ती, जो मैंने महसूस की वही मस्ती लेकार आया हूँ आप सभी के लिए!
कसम खुदा की क्या वो हसीं सूरत थी,
चढ़ती उसके हुस्न पे जवानी की मस्ती थी,
छलक गया यौवन उसकी नज़र से वो कातिल,
कि जिसमें डूब गई मेरी जवानी की कश्ती थी!
दोस्तो, अबकी बार मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ राजस्थान घूमने गया था।
जाते वक़्त हम भरतपुर से होकर गुजरे थे तो सभी ने योजना बनाई कि भरतपुर पक्षी अभयारण्य देख कर ही आगे जायेंगे।
इसलिए हम लोगों ने टिकेट लिए और अंदर चले गए।
अभयारण्य का दायरा कई किलोमीटर में फैला हुआ था।
चलते चलते हमारा ग्रुप बिखर गया और मोबाइल से हम एक दूसरे के संपर्क में रहे।
मज़े की बात, मैं अपने ग्रुप से अकेला अलग हो गया। काफी दूर चलकर एक परिवार के कुछ लोग वहां से निकले, वो अलग साइकलों पर थे।
वहां घूमने के लिए साईकलें मिलती हैं। उन लोगों में से एक लड़की पीछे रह गई।
मैंने देखा उसकी साईकल के पैडल फ्री हो गए थे। वो थोड़ी आगे तक बढ़ी और रुक कर चेन को देखने लगी।
इतने में उसका फॅमिली परिवार आगे निकल गया।
मैं पास से गुजरा तो उसने कहा- अगर आप को बुरा न लगे तो कृपया मेरी साईकल की चेन लगा दोगे?
मैंने उसे एक नज़र भर देखा तो देखता ही रह गया! हुस्न इतना कातिल कि किसी को फनाह करने के लिए किसी और चीज़ कि जरूरत ही न पड़े!
नीली जींस उस पर लाल टॉप!
माशा अल्लाह! शरीर का हर एक अंग अलग अलग दिखाई दे रहा था। टॉप के ऊपर के खुले बटन मानो उसकी छुपती खूबसूरती को बेशर्मी से जग-जाहिर कर रहे थे। गोरे से चेहरे पर ऊपर से ढलते हुए सुनहले बाल उसके हुस्न की बिजली को मेरे अंग अंग पे गिरा रहे थे। कमर इतनी नाजुक कि अगर जोर से पकड़ लूँ तो लचक जाये, बिलकुल हल्की फुल्की! लेकिन एक उत्तम बदन की मलिका!
खैर मैंने अपनी हसरतों को काबू किया और बिना कुछ बोले उसकी चेन लगा दी हाथ चेन पर और नज़र उस हुस्न की परी पे!
और इसी गुस्ताखी में दब गई मेरी ऊँगली चेन में। ऊँगली में मामूली सी चोट लगी थी, थोड़ा सा खून निकल आया, मैंने सोचा अब फ़िल्मी स्टाइल में ये दुपट्टा फाड़ेगी और मेरी ऊँगली पर बांधेगी, लेकिन यहाँ तो सीन ही उल्टा हो गया, उंगली से खून बहता देख कर वो तो गश खाकर बेहोश हो गई। वो गिरने लगी तो मैंने सीधे ही उसे अपनी बाँहों में ले लिया।
हमने तो खुदा से माँगा कि
उसके हाथों का छूना नसीब हो जाये,
हम देख लें उसे नज़र भर के,
तेरी हम पर इतनी रहामत हो जाये,
के वो बेखौफ आ गए बाँहों में मेरी,
के न अब उनसे दूर रहा जाये!
न उनको खुद से दूर किया जाये!
वो मेरी बाँहों में बेहोश थी और मैं सर से लेकर पाँव तक उसे देखे जा रहा था। दिल में डर था कि वो होश में आते ही मुझसे दूर हो जायेगी।
लेकिन मैंने उसके गालों को छुआ और उसके चेहरे को हिला कर उसे बेहोशी से जगाया। उसने आँख खोली और मेरी बाँहों में लेटी हुई एक टक मुझे देख रही थी। उसके चेहरे पर सर्दी में भी पसीना छलक आया। मैंने अपने रूमाल से उसका चेहरा साफ़ किया। उसके गोरे गालों को छूकर मेरी उँगलियाँ मदमस्त हो रही थी।
खैर वो मेरी बाँहों से अब दूर हो गई और उसने सॉरी कहा।
उसने कहा- मेरी वजह से आप को चोट लग गई!
मैंने भी बिना सोचे समझे कह दिया- अगर मुझे चोट ना लगती तो आप को बाँहों में लेने का मौका कहाँ मिलता!
वो इस बात पर नाराज़ भी हो सकती थी लेकिन वो शरमा गई और मेरी हिम्मत बढ़ गई।
तभी उसकी मम्मी का फ़ोन आ गया, उसने अपने बेहोश होने की बात छोड़ कर बाकी सब अपनी मम्मी को बता दिया।
उसने मुझसे कहा- मेरे घर वाले आगे मेरा इंतज़ार कर रहे हैं और वो आपसे भी मिलना चाहते हैं।
मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम मधु बताया।
उसने मेरा नाम पूछा, मैंने भी अपना नाम बता दिया।
उसने कहा- अपनी उंगली दिखाओ!
मैंने कहा- रहने दो तुम बेहोश हो जाओगी।
तो उसने कहा- कोई बात नहीं तुम मुझे थाम लेना!
चलते चलते हम बात करते रहे और एक दूसरे को अपने नंबर दे दिए।
कुछ दूरी पर उसके परिवार वाले मिल गए।
उसके घर वाले बिल्कुल आजाद विचारों वाले थे। उनसे बात करके मैं अपने दोस्तों के पास जाने लगा।
जाते जाते मधु ने अपना रूमाल मेरी उंगली पे लपेट दिया।
वो रूमाल मैंने अपने दोस्तों से छुपाया, कह दिया- यार मेरी तबियत ठीक नहीं है, मैं यही बैठता हूँ, तुम घूम आओ!
वो लोग चले गए।
मैंने मधु को फ़ोन किया और काफी देर तक उससे बात की। वो लोग भरतपुर में ही होटल पार्क में ठहरे थे।
मैंने शाम को अपने दोस्तों से कहा- यार! मेरी तबियत ठीक नहीं है, इसलिए मैं आज यहीं रुकना चाहता हूँ, तुम लोग जयपुर पहुँचो, मैं कल आकर तुमको मिलूँगा।
वो लोग वहाँ से निकल गए।
अब मैंने भी जाकर होटल पार्क रेज़िडेन्सी में एक कमरा बुक कराया।
मधु और उसका परिवार पहली मंज़िल पर थे और मैं दूसरी मंज़िल पर!
मैंने मधु को इसके बारे में बताया कि मैंने भी तुम्हारे होटल में ही कमरा ले लिया है, तो यह सुन कर मधु कुछ उत्साहित सी हो गई।
मुझे लगा शायद मधु भी यही चाहती थी।
एक बार फिर हमारी मुलाकात डिनर के समय पर हुई।
अब की बार मधु ने एक जामुनी रंग की साड़ी पहनी हुई थी। कसम से क्या कयामत थी वो उस वक्त!
और उस पर बैक-लैस ब्लाऊज़ उस कयामत को और भी भड़का रहा था।
भोजन के बाद उसके घर वालों ने मुझे फ़िर अपने साथ बुला लिया और हम सभी पार्क में टहलने लगे।
अब मैंने मौका देख कर टहलते टहलते मधु की नंगी कमर पर हाथ रख दिया।
चलते चलते मधु ठहर सी गई लेकिन कुछ ही पलों में मैं मधु से दूर हो गया।
फ़िर हम लोग अपने अपने कमरों में चले गए।
मैं बिस्तर पर था लेकिन कमबख्त नींद किस की सगी थी जो आ जाती।
मैं सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन मधु की जवानी के परदे एक-एक करके मेरी आँखों पर पड़ते जा रहे थे जिन्होंने नींद को मेरी आँखों से दूर कर दिया।
रात के लगभग 11 बजे होंगे, मैंने मधु को फ़ोन किया, एक दो बार रिंग बज़ते ही उसने फ़ोन उठा लिया, ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे फ़ोन का इन्तज़ार कर रही थी।
दिन में ज्यादा घूमने के कारण उसके घर वाले थक कर सो रहे थे।
मैंने उसे अपने कमरे में बुला लिया।
मधु ने आने में जरा भी देर नहीं की।
दो तीन मिनट में वो कयामत उसी लिबास में मेरे कमरे में आ गई।
कसम से, मानो, किसी दुल्हन की तरह शरमाई सी वो बेड के पास खड़ी हो गई।
मैंने भी पहले उसका अंग अंग जी भर कर देखा फ़िर धीरे से बाहों में भर लिया। मानो कोई फ़ूल मेरी बाहों में सिमट आया हो।
मैंने उसे बिस्तर पर बैठा लिया और उसके चेहरे को साड़ी के पल्लू से ढक दिया।
उसने भी पल्लू को दुल्हन की तरह थामे रखा फिर धीरे से मैंने उस चाँद से घूँघट के बादलों को हटाया और उसके मदमाते होटों पर एक किस कर दिया तो वो एकदम ही मुझसे लिपट गई।
मैंने उसकी सांसों की गर्मी को अपने सीने पर महसूस किया।
वो बिलकुल तैयार थी, मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसकी साड़ी में डालना शुरू किया, वो नीचे की तरफ झुकती सी चली गई।
मैंने एक हाथ उसकी मदमस्त कर देने वाली चूचियों पे रख दिया और उन्हें दबाने लगा।
वो टूट कर अब मेरी बाँहों में बिखरने लगी थी, उसने अपनी आँखें बंद कर ली और अपना नरम नाज़ुक शरीर मुझे सौंप दिया।
मेरा एक हाथ अब उसकी नरम, गरम और गुलाबी चूत पर पहुँच कर उसके साथ शरारत कर रहा था।
शायद वो अब सहन नहीं कर पा रही थी।
मैंने एक एक करके उसके शरीर से सारे कपडे अलग कर दिए।
अब वो गुलाब की गुलाबी कली मेरे सामने अपनी सारी पंखुडियों से बाहर आ चुकी थी।
उसके पूरे नंगे बदन को देख कर तो कोई भी अपना आप खो दे!
मैंने अपने कपड़े उतार दिए। हम दोनों एक दूसरे की बाँहों की गिरफ्त में जाने के लिए बेताब थे।
मैंने बिस्तर पर जाकर मधु को कस के अपनी बाँहों में ले लिया।
उसके जिस्म का अंग अंग सेक्स की आग में जल रहा था।
अब इस सावन को मधु के जिस्म पर बरस कर उसके जिस्म की प्यास को बुझाना था।
मैंने मधु की खामोशी तोड़ी और उससे पूछा कि क्या कभी पहले सेक्स किया है तो उसने चेहरे को हाथों से ढक लिया और इन्कार में सर हिला दिया।
यानि कि मधु बिल्कुल अनछुई थी।
अब मुझे उसके साथ थोड़ी ऐहतियात बरतनी थी क्योंकि उसकी चूत बिल्कुल कोमल थी।
मैंने ऊँगली से उसकी चूत को धीरे धीरे से सहलाया तो मधु कि सिसकियाँ सी छूटने लगी।
उस कमरे का माहौल आऽऽ आहऽहऽहऽ ऊऽउऽ उफ़ऽफ अऽअऽ आ स ओऽऽऊहऽ नऽऽनाऽ सावन करोऽ हम्मऽ … ऊऽऽऊफ ओ ओह येसऽस स से और भी सेक्सी हो गया।
मैंने उसके शरीर पर हर जगह चूमा, उस कली को हर तरफ से चूमा।
अब मैंने उसकी हालत को समझते हुए धीरे से अपना लण्ड उसकी चिकनी और मुलायम चूत पर रख दिया और धीरे धीरे उसके अंदर लण्ड को डालने लगा।
मधु अपने पैरों को भींचने लगी और कहा- दर्द हो रहा है!
मैंने उस से कहा- अगर टांगें भींचोगी तो दर्द होगा!
अब उसने अपने पैर खोल लिए।
मैंने एक झटके से जोर से लण्ड चूत के अंदर डाला तो मधु की चीख निकल गई और लण्ड चूत के अंदर था।
मधु बेहाल सी हो गई, मैंने उसे थोड़ा शांत किया, उसका चेहरा पसीने से भीग गया।
अब मैंने लण्ड को थोड़ा बाहर निकाला तो लण्ड पर खून लगा था, उसे देख कर मधु बोली- कुछ होगा तो नहीं?
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा!
मैंने धीरे धीरे लण्ड को हिलाना शुरू किया तो मधु सिसकियाँ अब सेक्स की आवाजों में बदलने लगी थी और उसका चेहरे का डर एक चमक में बदल गया था।
फिर तो उल्टा मधु सेक्स करने में मेरा साथ देने लगी।
मैंने उसे धीरे से चोदा, अपने लण्ड को उसकी गहराइयों तक उतारा, जितना गहरा लण्ड चूत में जाता, उतनी ही मधु मुझसे चिपक जाती और उतनी ही जोर से उसकी सिसकी आती थी।
उसके बाद तो पता नहीं हम दोनों इतना समय खींच गए कि इतने गरम होने के बावजूद हम लगभग 25 मिनट तक सेक्स करते रहे।
काफी देर बाद मैं मधु के ऊपर निढाल सा हो गया और साथ ही साथ मधु ने भी खुद को मुझसे जकड़ लिया।
अरे! यानि कि यारो उसका भी सेक्स पूरा हो गया था।
अब हम दोनों काफी देर एक दूजे पर निढाल लेटे रहे और आधे घंटे बाद दोबारा से एक बार फिर एक दूजे में समां गए।
और फिर मधु अपनी साड़ी पहन कर थके से कदमों से वहां से अपने कमरे में चली गई। खैर एक दूजे की कुछ मिठास दिल में लिए नींद के आगोश में समां गए।
अगली सुबह जब हम उठे और नाश्ते के लिए नीचे आए तो मैंने मधु की आँखों में एक अजीब सी चमक और चेहरे पर एक मुस्कान देखी।
सुबह 11 बजे तक मुझे होटल से चेक आउट करना था।
मैंने मधु को यह बताया तो वो बोलने लगी- हम शाम 4 बजे यहाँ से चेक आउट करेंगे!
सुबह मधु के घर वाले भरतपुर घुमने के लिए निकलने लगे तो मधु ने उनसे बहाना कर दिया कि उसके सर में बहुत दर्द है।
मधु की मम्मी उसके पास रुकने लगी लेकिन मधु ने कहा कि मैं थोड़ा सोना चाहती हूँ, फिर आप मेरे पास अकेली बैठी बोर हो जाओगी, इसलिए आप भी थोड़ी देर घूम आइये!
उसकी मम्मी मान गई।
अब मधु अकेली ही कमरे में थी।
कुछ देर बाद मैं मधु के कमरे में गया।
मेरे वहां जाते ही मधु भागकर मुझसे लिपट गई और नज़रें नीचे करके कहने लगी- सावन! क्या रात वाला अहसास तुम मुझे अभी करा सकते हो?
उसने मेरे दिल की बात कह दी।
फिर क्या था हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और बेड पर बैठ गए।
मैंने मधु के तन के हर हिस्से को किस किया। जैसे मैं उसे किस करता तो मधु उतनी ही उत्तेजित होती जाती।
फिर हमने आधे घंटे तक एक दूसरे को वो अहसास कराया, जिस अहसास को आप मेरे इस अनुभव को पढ़ने के बाद करना और पाना चाहते हो।
उसके बाद मैंने मधु को कपड़े पहनाये और उसके नरम नाज़ुक होटों पे एक प्यारा सा “गुड बाय किस” किया और मैं होटल से चेक आउट कर गया।
दोस्तो, ये थे मधु के साथ बिताये कुछ हसीं पल!
आपको मेरा ये अनुभव कैसा लगा?
मुझे मेल कर के जरूर बताना! Sex Stories
कैसे हो दोस्तों !मैं सूरत से Antarvasna मनजल
वैसे मैं बड़े लंबे समय से यह वेबसाईट को पढ़ रहा हूँ।
मैंने सबसे पहले इस वेब को ऑरकुट से एक के प्रोफाइल में से लिया था।
सब बातो को साईड पर रखते हुए असली बात पे आता हूँ वरना आप लोगों को मजा नहीं आने वाला है।
मैं २९ साल का हूँ मगर आज तक किसी लड़की को चोदा नहीं है।
यहाँ परले पॉइंट नाम से एक जगह है, मैं अक्सर वहाँ घूमने जाता हूँ।
लड़कियाँ और भाभियों के बॉल ( स्तन ) और गाण्ड को देखता रहता हूँ और फ़िर घर आकर मोहल्ले की सबसे बढ़िया भाभी के बारे में सोच कर ६१-६२ कर लेता हूँ और निकलने के बाद सोचता हूँ कि मेरे जीवन में कब कोई बढ़िया सी भाभी आकर मेरे लण्ड की ओपनिंग करेगी?
दोस्तों आप लोगों से क्या छुपाना अभी तक बस सबकी गांड और बॉल देख देख कर गांडू हो गया हूँ।
किसी भाभी के साथ दिल बहलाना चाहता हूँ !
अगर कोई भाभी हो और इसको मेरे साथ मजे करने हैं तो मुझे बता दे और मेरे लण्ड को १ लड़के से मरद बनने में मदद करे !
मेरी जवानी नर्क के समान गुजर रही है, इसको स्वर्ग जैसा बनाये थोड़ा ! मुझे मालूम है कि कैसे लण्ड और चूत को मिलाते हैं।
और कोई बढ़िया सी भाभी हो जो मुझे थोड़ा ट्रेनिंग दे दे ताकि आगे अपने लण्ड को सही रास्ता बता सकूं !
इसलिए मुझे कोई भी भाभी और लड़की को चोदना है !
मुझे एक लड़के की जिंदगी से आजाद होना है !
किसी भाभी के शरीर से खेलना चाहता हूँ !
जिंदगी का असली मजा लेना चाहता हूँ !
मगर मुझे किसी की मज़बूरी का फ़ायदा नहीं उठाना !
और जो मजा प्यार से चोदने में आता होगा वो पैसा देकर नहीं !
मुझे एक दोस्त ने बताया था कि औरत जो प्यार से चोदने दे, उसमें जो मज़ा है वो किसी रांड को चोदने में मजा नहीं आने वाला है ! इसलिए तू अपना लण्ड की सील सम्भाल कर ऱख ! जब कभी कोई बढ़िया सी भाभी से सेटिंग होगी तो उस दिन तेरा सील उसके पास खुलवा दूंगा !
मगर आज ११ महीने हो गए इस बात को ! ना ही कोई भाभी से सेटिंग हो पाई और ना ही मेरी सील टूटी !
बस ६१-६२ करके जिन्दगी गुजार रहा हूँ ! पैसा दे कर तो मैं सेक्स ले सकता हूँ पर मेरा एक दोस्त है उसने भी पैसा देकर सेक्स के मजे लेने को बोला, मगर दिल नहीं माना !
कि बेड पर कोई निर्जीव पुतले की तरह पड़ा हो और उसके ऊपर चढ़ कर जो करना हो वो कर लो !
मुझे दिल से मजा लेना और देना है !
और मैं जिस प्रोफ़ैशन में हूँ, इसमें आराम से किसी भी भाभी को चोद सकता हूँ !
मगर डर लगता है कि किसी दिन इसके पति को पता लग गया तो बिजनस में से एक ग्राहक कम हो जाएगा !
इसलिए इस वेब का सहारा ले रहा हूँ !
विशेष : इस प्रविष्टि के साथ ई-मेल आई डी नहीं दिया जा रहा है। Antarvasna
मेरा नाम डा. मीनू वर्मा है। मैं विज्ञान के कोलेज Hindi Sex Stories में रीडर हूं। मेरी उम्र अभी 33 वर्ष की है। मेरी शादी हो चुकी है मेरे दो बेटे भी हैं। मेरे पति एक बिजनेस मैन है। हमारा एक सुखी परिवार है।
शादी के हमें लगभग 12 वर्ष बीत चुके हैं। अब सेक्स का वो पहले जैसा जोश नहीं रह गया है… पर कभी कभी ऐसा लगता है कि कोई मुझे पहले जैसा मजा दे। मन भटकने लगता है … मचलने लगता है… जिस्म टूटने लगता है। फिर नजरें किसी मर्द की ओर उठने लगती है। शायद किसी नये मजे के लिये … नये मोटे और लम्बे लन्ड से नयी चुदाई का मजा लेने के लिये। ऐसे ही एक बार मेरा मन भटक गया था … और फिर मेरा बांध टूट गया। मैं चुदने को आतुर हो उठी।
मेरे कोलेज में विजय नाम का एक सहायक प्रोफ़ेसर था। नया ही आया था। भोपाल में सेमिनार आयोजित की गयी थी। उसमें मेरा भी पेपर था। मुझे और मेरे सहायक रूप में विजय को मेरे साथ जाना था। हम दोनों ने रात की गाड़ी में रिजर्वेशन करवा लिया था। मेरे पति ने मेरा वहां पर एक अच्छे रेस्ट हाऊस में रिजर्वेशन करवा दिया था।
वहीं पर दूसरे वैज्ञानिक भी रुके थे। मुझे पता था कि विजय नया है और उसे रिजर्वेशन के बारे में कोई अनुभव नहीं था। मेरे मन में चूंकि बेईमानी थी इसलिये मैंने चुपचाप से अपने ही कमरे में उसका रिजर्वेशन करवा दिया था। मैंने अपना नाम डा. के. सक्सेना और साथ में विजय का नाम लिखवा दिया था।
सवेरे भोपाल में यूनिवर्सिटी की तरफ़ से गाड़ी आ गयी थी। हम सभी रेस्ट हाऊस में पहुंचे। मैंने जानबूझ कर तुरन्त गाड़ी से उतर कर रेस्ट हाऊस के कमरे की चाबी ले कर कमरे में आ गई। थोडी देर में विजय भी आ पहुंचा। कमरे में मुझे देख कर चौंक गया। मैंने उसे बताया कि डा. के. सक्सेना मैं ही हूँ।
विजय हंस पडा… ‘मैंने सोचा कि जाने ये डा. के. सक्सेना कौन है… ‘
‘क्यों… मेरा नाम नहीं पता था क्या?’
‘नहीं… मुझे किसी पुरुष का नाम लगा… पर ये तो आप ही निकली… लेकिन आप ओर मैं एक ही कमरे में… ?’
‘कोई कमरा खाली नहीं है … इसलिये मैंने मेरे साथ ही आपका नाम लिखवा दिया… ‘
थोड़ी ही देर में चाय नाश्ता आ गया। हम दोनों ने नाश्ता करके थोड़ा आराम किया… विजय इतनी देर में नहा कर आ गया… वो सफ़ेद पाज़ामे और कुर्ते में अच्छा लग रहा था। उसका कसा हुआ शरीर मुझे आकर्षित कर रहा था। मैं भी फ़्रेश हो गयी… और फिर हम दोनों पेपर चेक करने लगे।
सेमिनार में मेरा पेपर 1 बजे पूरा हो गया था। विजय मेरे पेपर सम्हालने के बाद मेरे पास आ कर बैठ गया। 2 बजे लन्च ब्रेक हुआ … हम दोनों वापस कमरे में आ गये।
शाम को खाना खा कर हम बाहर यूं ही टहलने लगे। मैंने धीरे से शुरूआत की… और मै उसके हाथ से हाथ को छूने लगी। बात बात में उसके बाहों में हाथ मारने लगी। मुझे पता चल गया था कि उसे भी छूने में मजा आ रहा था।
मैंने मौका देख कर शादी की बात छेड़ दी… विजय अपनी गर्ल फ़्रेंड की बातें बताने लगा। मैंने उससे उसकी गर्ल फ़्रेंड के साथ सेक्स के बारे में पूछा… तो उसने बताया कि वो उसे कुछ भी नहीं करने देती है। मुझे लगा कि विजय सेक्स की बातों से कुछ उत्तेजित हो गया था। मैं तो यही चाहती थी। अब हम दोनों ऊपर वापस कमरे में आ गये।
मैंने रात को पहनने वाला अपना हल्का सा पज़ामा पहन लिया और उस पर एक छोटा और ऊँचा सा कुर्ता डाल लिया। विजय ने भी अपना सफ़ेद पाज़ामा पहन लिया था। मैंने कमरे की लाईट बन्द कर दी और हम दोनों बाहर बालकनी पर आकर खड़े हो गये। हल्की हल्की हवा चल रही थी।
विजय भी पास में खड़ा था, पर उसका मूड कुछ और ही था। उसके पज़ामे में से उसका जोर मारता हुआ लन्ड नजर आ रहा था। मैं भी बहाने से हाथ हिला कर कभी कभी उसके लन्ड को छू लेती थी । कुछ देर हम बातें करते रहे फिर विजय से रहा नहीं गया… वो अटकते हुये कुछ कहने की कोशिश करने लगा । मै सब समझ रही थी। उसका लन्ड पज़ामे में से उठा हुआ साफ़ दिख रहा था।
‘मैं आपसे कुछ कहूं… बुरा तो नहीं मानेंगी ना… ‘ उसके कहने के अन्दाज़ से ही लग रहा था की अब वो मुझे पटाने की कोशिश करेगा…
‘हां… हां… कहो… ऐसा क्या है… ‘ वो कुछ और मेरे नजदीक आ गया। मुझे भी लगा कि अब कुछ होने वाला है। मैं मन ही मन मुस्करा उठी… लगा कि फ़ंसा… ।
‘वो… आप मुझे बहुत अच्छी लगती है… ।’ मैं सुन कर मन ही मन आनन्द से भर गयी।
‘अच्छा… क्या अच्छा लगता है… ?’ मैंने उसे और उकसाया। मेरे मन की धड़कन बढने लगी। उसने मेरी कमर में हाथ डाल दिया। मुझे लगा कि लोहा गरम है … पिघल रहा है… अभी मौका है… । उसने मुझे थोड़ा सा अपनी ओर खींचा… मैं जान करके उसके पास सट गयी। मेरा दिल धक से रह गया… उसका लन्ड मेरे कूल्हे से टकरा गया, एक दम कड़क और तना हुआ।
मेरी सांसे बढ़ गई… दिल की धड़कने तेज हो गयी। चेहरा लाल होने लगा। उसने मुझे कमर से दबाया… मैं बिना कोई मौका खोये उससे लिपट गयी… विजय के होंठ मेरे नरम होंठों से छूने लगे… और फिर धीरे से दोनों आपस में मिल गये।
मेरी चूत को साथी मिलने वाला था। मैं उसे पीछे धक्का देते हुये बालकनी से कमरे में ले आई। उसने मेरे बोबे दबाने शुरू कर दिये। मेरे शरीर में सनसनी फ़ैलने लगी… मेरे उरोज कड़े हो गये … चूत पानी छोड़ने लगी। मेरी हालत उत्तेजना से बुरी हो गयी … तभी उसने मेरी चूत रगड़नी चालू दर दी… अब सब कुछ मेरी सहनशक्ति से बाहर हो गया… मैंने हाथ बढ़ाकर उसका लन्ड पकड़ लिया।
एकबारगी उसका मोटा और लम्बा लन्ड देख कर मेरा मन चुदाने को करने लगा। मैंने उसका पजामा नीचे खींच दिया … अब उसका लन्ड मेरे गिरफ़्त में आ गया। मैं उसका लन्ड जोर जोर से दबाने लगी। वो मेरी चूत को मसले जा रहा था…
‘आऽऽऽह विजय… मैं मर गयी… हाय रे… … धीरे… मेरी छूट जायेगी… ‘ मैं आनन्द के मारे झुकने लग गई।
‘मेरा लन्ड मसल डालो… सीऽऽऽ आआऽऽऽ … मजा आ रहा है… ‘ उसका मैंने मस्ती में जोर से मसल दिया। उसने मेरी गान्ड की गोलाईयां मसल डाली। मेरी चूतड़ों की दरारों को घिस डाला। चूत को अब भी मसले जा रहा था… मेरा दाना पिघल उठा… मेरी चूत ने अब जोर मारना शुरु कर दिया।
मुझे लगा कि मैं झड़ने वाली हूं। पर उत्तेजना चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी। मैं विजय से चिपकती जा रही थी। हाय रे… मेरा पानी छूटने लगा … मैं झड़ने लगी… । पर ये क्या… अचानक मेरे हाथ भीग गये… विजय के लन्ड ने थोडा जोर लगाया और उसका वीर्य निकल पड़ा। उसके वीर्य की पिचकारी मेरी चूत पर पडी… और फिर मेरे पजामे को गीला कर दिया।
कुछ देर हम दोनो ऐसे ही लिपटे और चिपके रहे… फिर अलग हो गये। मै शरम के मारे वहीं बैठ गयी। मैंने अपना मुँह छुपा लिया। विजय ने तुरन्त अपना तौलिया लपेटा… और मेरा तौलिया मेरे ऊपर डाल दिया।
मैं उठी और भाग कर बाथरूम में चली गयी… मैंने सफ़ाई की और मन ही मन अपनी सफ़लता पर खुश हो उठी। मुझे मालूम था कि इतना कुछ होने के बाद अब चुदने में समय नहीं लगेगा… सबसे पहले मैंने अपनी गान्ड में क्रीम लगा ली… क्योंकि मर्द से गान्ड मरवाने मुझे बहुत मजा आता है। चूत को भी पानी से अच्छी तरह से साफ़ कर लिया।
मैंने तौलिया लपेटा और बाहर आ गयी… विजय भी बाथरूम में साफ़ होने को चला गया। रात के 11 बज रहे थे। मैं बिस्तर पर आकर लेट गयी और तौलिया खोल कर पास में रख लिया। टोप भी उतार दिया और नंगी हो कर सो गयी। चादर ऊपर तक ओढ़ ली। विजय भी सिर्फ़ तौलिया लपेटे हुये बाहर आया और सोफ़े पर लेट गया।
मैंने उसे बडी अदा से मुस्करा कर कहा,’बिस्तर बहुत बड़ा है, यहीं पर सो जाओ।’
उसे तो शायद बुलावे का इन्तेज़ार ही था। वो तुरन्त उठा और लपक कर आ गया। पहले तो वो मेरे पास लेटा रहा… फिर बोला,’थोडी सी चादर मुझे भी दे दो… ‘
‘अच्छा… एक ही चादर में आओगे … इरादे तो नेक है ना… ‘ मुझे तो चुदने की लग रही थी… मैंने अपनी चादर उसके ऊपर डाल दी। उसने अपना तौलिया पता नहीं कब उतार दिया था। हम दोनों के नंगे शरीर का स्पर्श हो गया…
‘विजय… हाय … तुम तो नंगे हो… ‘
‘तुम भी तो नंगी हो… ‘
‘हाय रे … मै मर गयी… विजय… ‘
… एक बार मैं फिर उससे चिपकने लगी। उसके हाथ मेरे शरीर पर रेन्गने लगे। मेरे शरीर में उत्तेजना भरने लगी। मेरे अंग कड़े होने लगे… फिर से वासना भड़क उठी। मै उसके जिस्म को सहलाती जा रही थी… और लन्ड को भी मसलती जा रही थी। नंगे बदन एक दूसरे से रगड़ खाने लगे… दो जवान जिस्म सुलग उठे। विजय का लन्ड कठोर होता जा रहा था… उसका उफ़नता हुआ लन्ड मेरे शरीर में घुसने को बेकरार हो उठा।
मेरी चूत पानी छोड़ने लगी। विजय ने करवट बदली। मेरी पीठ से उसका जिस्म सट गया। जैसा सोचा था वही हुआ … मेर मन खुशी से नाच उठा… उसका लन्ड मेरी गान्ड चोदने के लिये बेकरार हो रहा था। मुझे गान्ड चुदवाना बहुत ही अच्छा लगता है… क्योकि देर तक चुदाई कराना मुझे अच्छा लगता है।
उसका लन्ड मेरी चूतड़ों की दरारों में फ़िसल रहा था। शायद गान्ड के छेद को ढूंढ रहा था। मुझे तेज सिरहन होने लगी थी। चूतड़ों की दोनों गोलाईयां खुलने को तैयार थीं… उसके हाथ धीरे से मेरी चून्चियो पर कब्जा जमा चुके थे। मेरी चूंचिया कड़ी हो गयी थी।
उसने मेरी चूंचियो को दबाते हुए लन्ड का दबाव मेरी चूतड़ों कि दरारों में डाला… मेरी चिकनी दरारों के बीच लन्ड सरकता हुआ मेरे गान्ड के द्वार पर आ पहुंचा था। मैंने बेचैनी से उसे देखा। विजय ने प्यार से मेरी चूंचियों को जोर से दबा कर गाण्ड का दरवाजा खोल दिया और सुपाड़ा अन्दर घुसा दिया। मेरे मुख से सिसकारी निकल पड़ी। मैंने अपने चूतड़ों को और पीछे की ओर उभार दिया और उसके लन्ड के साथ साथ जोर लगाने लगी…
उसका लन्ड मेरी सिस्कारियों के साथ आगे बढ चला। फिर एक और धक्का और लन्ड पूरी गहराईयों तक उतर गया। मैंने अपनी एक टांग उपर उठा दी और उसकी टांगों पर रख कर गान्ड को और खोल दी। अब उसका लन्ड मेरी गान्ड को सरलता से चोद रहा था। उसका हाथ अब चूंचियों पर से हट कर चूत पर आ गया था।
उसने अपनी एक उन्गली चूत में घुसा दी और लन्ड के धक्कों के साथ उंगली भी अन्दर बाहर कर रहा था। उसके धक्के तेज होने लगे। मेरी चिकनी गान्ड में भी मीठा मीठा सा मजा आने लगा था। मेरी चूतड़ भि हिल हिल कर गान्ड चुदाने में मेरा साथ दे रहे थे। मेरा अंग अंग उत्तेजना से भर उठा था। विजय की सिसकारियां बढ गयी।
अचानक उसने अपना लन्ड गान्ड में से निकाल लिया। मुझे उल्टा लेटा कर मेरे नीचे तकिया लगा दिया। मैं अपनी बाहों की कोहनियों पर हो गयी और सामने से ऊपर उठ गयी। तकिया लगाने से मेरी चूत थोड़ी सी ऊपर हो गयी। मेरी टान्गों के बीच में आकर उसने अपना लन्ड मेरी चूत के छेद पर लगा कर उसे दबा दिया।
मैं चिहुंक उठी। लन्ड का स्पर्श पाते ही चूत का द्वार अपने आप ही खुल गया… लन्ड का स्वागत हुआ … और सुपाड़ा फ़क से अन्दर घुस गया। चूत पूरी गीली थी… । एक दम चिकनी … मैंने भी जोश में चूतड़ उछाल दिया। नतीजा ये हुआ कि लन्ड फ़च की आवाज करता हुआ पूरा अन्दर तक पहुंच गया।
खुशी और आनन्द के मारे मैं चीख उठी… ‘मेरे राजा… मजा आ गया … पूरा घुसेड़ दो अपना लन्ड… हाऽऽऽय… ‘
उत्तर में विजय ने मेरी दोनों चूंचिया दोनों हाथों से दबा दी। और अपनी तेजी बढा दी। उसका लन्ड इंजिन के पिस्टन की तरह फ़काफ़क अन्दर बाहर चलने लगा। स्तनो को अच्छी तरह से दबा कर चोद रहा था।
‘मर गयी राजा… चोद दे रे… हाय ओऽऽऽह … मां चोद दे मेरी…’
‘हां… मेरी रानी… तुझे छोड़ूगा नहीं … पूरा चोद डालूंगा… मेरी कुतिया…’
‘हां रे ऽऽऽऽ… मेरी चूत का भोसड़ा बना दे … मेरे राजा… हाय रे… ‘
‘आऽऽऽह्ह्ह… रे… तेरी चूत मारूं… बहन चोद… कुतिया… रन्डी… ले… और ले… लन्ड्… ‘
‘राजा… चूत फ़ाड़ डाल… मां के लौड़े … मार लन्ड को चूत पे… तेरी भोसड़ी… के ‘
दोनो तरफ़ से वासना भरी गालियों की बौछारों के बीच चुदाई चरमसीमा पर पहुन्च रही थी। मेरे से तो अब नहीं रहा जा रहा था … लग रहा था कि अब गयी… अब गयी… मै रोकना चाह रही थी पर… वासना की तेजी… उत्तेजना की तेजी… उबल रही थी… ।
‘मादरचोद… भोसड़ी के … मैं तो गयी रेऽऽऽऽऽ … चोद … चोद… जोर लगा… फ़ाड़ दे… बहनचोद… ‘
‘अभी रुक जा छिनाल … मेरी भी मां चुदने वाली है… मै भी आया… मां की लौड़ी… ‘
‘हाऽऽऽय रे… मरीऽऽऽ … निकला पानी रे… हाय रे चुद गयी… चुद गयी… निकल गया रे… ‘
मैं धीरे धीरे झड़ने लगी… पर उसके झटके चूत में चलते रहे। मैं निढाल होने लगी। मैंने अपनी चूंचियों से उसका हाथ हटा दिया। अब विजय ने भी अपना मोटा और लम्बा लन्ड चूत से बाहर निकाल लिया।
उसने मुझे सीधा किया और अपना लन्ड मेरे मुंह पर रख दिया। मैं हंस पड़ी,’अब एक छेद तो छोड़ दो…’
‘प्लीज… थोड़ा सा रह गया है…’
और उसने अपना लन्ड मेरे मुख में घुसा दिया। पहले मैं उसे चूसती रही पर उसने मेरे मुँह को ही चोदना चालू कर दिया। उसका लन्ड मेरे गले तक को छू रहा था। मैंने तुरन्त उसका लन्ड अपनी मुठ मे ले कर… उसे जोर से भीन्च कर मुठ मारने लगी…
बस इतना तो उसके लिये काफ़ी था… उसके लन्ड ने वीर्य की पिचकारी मेरे मुख में ही छोड़ दी। चूतड़ों और लन्ड के जोर से पिचकारी… जोर से छूट रही थी… मुझे पता नहीं कितना पी गयी और कितना मेरे चेहरे पर बिखर गया। लन्ड पूरा चूस कर साफ़ कर दिया…
अब विजय बिस्तर से उतर गया। हम एक बार फिर बाथरूम में गये… पानी से साफ़ करके बाहर आये… बाथरूम के बाहर हम आपस में एक दूसरे को नंगे निहारने लगे… मुझसे रहा नहीं गया… मुझे उस पर प्यार आने लगा, मैंने अपनी बाहें फ़ैला दी… हम फिर से एक दूसरे के गले लग गये…
रात के 12 बज रहे थे। हम दोनों बिस्तर पर नंगे ही लेट गये। एक दूसरे से लिपट कर प्यार किया और उसकी बाहों पर सर रख कर और उसकी कमर पर अपनी टांगे डाल कर चिपक कर सो गयी।
अचानक रात को मेरी नीन्द फिर खुल गयी… मेरी चूत में विजय का लन्ड घुसा हुआ था… मैं चुपचाप सोने का बहाना करती रही… वो चोदता रहा… मैं अपने आपको ज्यादा देर नहीं रोक सकी… उसके बदन को कसती गयी… उसने मेरी चूंचियां फिर से कस कर दबा दी… अब मैंनें भी उससे लिपट कर चूत के झटके मारने चालू कर दिये… Hindi Sex Stories
जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स कहानी में मैं अपनी बीवी, साली और उसके पति के साथ भ्रमण पर गए. होटल में हम दोनों साढू एक दूसरे की बीवी की चुदाई करना चाहते थे.
फ्रेंड्स, मैं आज आपको अपने जीवन की एक सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ.
आगे बढ़ने से पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ.
मैं अभी 36 साल का हूँ और मेरी बीवी 33 साल की है.
उसका फिगर 34-30-36 का है. वह बड़ी ही कामुक है.
यह जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स कहानी कुछ 4 साल पुरानी उस वक्त की है जब मैं, मेरी बीवी, मेरी साली और उसका पति एक साथ किसी फैमिली फंक्शन में शामिल होने जा रहे थे.
उसी दौरान हमने सोचा कि आते जाते में थोड़ा बहुत कुछ पिकनिक जैसा कर लेते हैं.
यही सब सोच कर हमने एक स्विफ्ट कार बुक की.
उसमें हम 4 लोग थे.
मेरी बीवी वीना और साली रानी ने शादी अटेंड करने के बाद साड़ी ही पहनी हुई थी.
वे दोनों नेट की साड़ियां पहनी थीं और गजब की सेक्सी माल लग रही थीं.
मेरी साली का पति शशिकांत आगे ड्राइवर के बाजू वाली सीट पर बैठा था.
मैं पीछे की सीट पर अपनी बीवी के बाजू में था.
हम लोगों ने अम्बोली में जांघल रिसॉर्ट में दो दिन रुकने का प्लान बनाया हुआ था.
हम लोग अम्बोली लगभग 7 बजे शाम को पहुंचे.
उधर हमें रुकने के लिए एक छोटा सा फ्लैट जैसा कॉटेज मिला.
हमारे दो रूम बुक थे पर उन्होंने बताया कि एक रूम हमको सुबह मिलेगा.
अब हम सभी को यह रात उस एक रूम में ही रुक कर किसी तरह से मैनेज करनी थी.
उस दौरान लगातार छुट्टियां पड़ी थीं तो और कहीं भी रूम भी नहीं मिल रहे थे.
मेरी बीवी और साली के कहने पर हम सबको एक ही कमरे में अड्जस्ट करना पड़ा.
रूम ज्यादा महंगा भी नहीं था तो रूम भी नहीं छोड़ा जा रहा था.
अब मेरी बीवी और साली ने अपने कपड़े बदल लिए.
वे दोनों फर्श पर सोने के लिए राजी हो गई थीं.
मैं और मेरी साली का पति शशिकांत, हम दोनों बेड पर सो गए.
जब रात को लगभग एक बजे मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि मेरी साली और मेरी बीवी दोनों गहरी नींद में सो रही हैं और दोनों के कपड़े थोड़ा ऊपर की ओर हो गए थे.
मेरी बीवी का फिगर तो मैंने आपको ऊपर बता ही दिया है.
अब साली का फिगर भी आपको बता देता हूँ.
मेरी साली रानी का फिगर 36-30-38 का है.
उन दोनों ने शर्ट पहनी हुई थी.
मेरी बीवी ने शर्ट के नीचे लैगिंग्स पहनी थी जबकि रानी ने लोंग स्कर्ट पहना हुआ था.
मैंने जब रात को उन्हें देखा तो दोनों की ढीली-ढाली शर्ट्स ऊपर हो गई थीं जिससे उनके दूध दिखने लगे थे.
मैं रानी के टाइट बूब्स देख कर पागल हो गया.
उसका स्कर्ट भी जांघों तक ऊपर आ गया था.
मैं लंड सहलाते हुए सोच रहा था कि इसके ऊपर चढ़ ही जाऊं.
उसके मादक फिगर देख कर मैं एकदम से पागल हो गया था.
मैं उठा और बाथरूम जाकर आया.
उतने में मैं देखा कि शशिकांत जो मेरे बाजू में सोया था वह नींद में मेरी जगह आ गया था.
मैं उसकी जगह जाकर सो गया.
थोड़ी देर बाद मैंने देखा तो शशिकांत अपने बरमूडा में हाथ डाल कर लंड हिला रहा था.
मैंने थोड़ा ऊपर को उठ कर देखा तो बेड के नीचे पहले मेरी बीवी वीना सोई थी.
उसकी शर्ट भी लगभग पेट के ऊपर और मम्मों से ठीक नीचे तक आ गई थी.
मेरी आहट सुनकर शशिकांत ने आंख बंद कर लीं और वह सीधा लेट कर सोने की एक्टिंग करने लगा.
इधर मैं अपनी साली रानी की जांघें और उसके कसे हुए दूध देख कर पागल सा हो रहा था.
शशिकांत भी शायद मेरी बीवी वीना के मम्मों को शर्ट के ऊपर देख कर गर्मा रहा था.
मैं फिर से उठ कर बाथरूम गया और वापस आते ही देखा तो शशिकांत दीवार की ओर मुँह करके सो गया था.
मैंने इधर उधर देखा और रानी का स्कर्ट थोड़ा सा और ऊपर कर दिया.
फिर धीरे से उसकी शर्ट के भी एक बटन को खोल दिया जिससे उसका आधा दूध बाहर आ गया.
अब मैं जाकर लेट गया.
पांच मिनट के बाद मैंने सोने का नाटक किया और देखा कि शशिकांत वीना की तरफ देख कर फिर से अपने लंड को सहलाने लगा.
वीना सीधी होकर सो गयी थी, जिससे उसका दूध बाहर लटकने लगा.
यह देख कर शशिकांत पागल हो गया और उसका हाथ तेज तेज चलने लगा.
फिर उससे रहा न गया तो वह बाथरूम में चला गया और उधर मुठ मारने लगा.
जब शशिकांत बाथरूम के अन्दर मुठ मार रहा था.
तब मैंने रानी के स्कर्ट को उठाकर एक बार उसकी चूत में उंगली की और उंगली को सूंघा.
उसकी चूत की महक से मुझे नशा सा चढ़ने लगा.
उतने में ही बाथरूम से निकलने जैसी आवाज आई, तो मैं सोने का नाटक करने लगा.
जल्दबाजी में हुई गड़बड़ी में रानी का स्कर्ट ऊपर किया हुआ वैसे ही रह गया.
अपनी बीवी की खुली चूत देख कर शशिकांत समझ गया कि कुछ गड़बड़ हुई है.
मेरे ख्याल से शशिकांत को समझ आ गया था कि मैंने ही उसकी बीवी की चूत के साथ कुछ किया है.
वह कुछ नहीं बोला और अपनी बीवी की चूत ढक कर मेरे बाजू में आकर सो गया.
उसके कुछ देर बाद मैं भी सो गया कि खामखा में लफड़ा न हो जाए.
सुबह उठ कर हम सब तैयार हो गए.
वीना ने टी-शर्ट और जीन्स पहनी थी.
रानी ने शॉर्ट कुर्ती ओर लैगिंग्स पहनी थी, जिसमें से उसकी जांघें मस्त दिख रही थीं.
मैं कार में पीछे वीना के साथ बैठा था.
वीना के बाजू में रानी थी.
शशिकांत बात करने के बहाने वीना के मम्मों को घूर रहा था.
वापस आते वक़्त मुझे उसकी मनोदशा का पता चल गया था कि इसका बस चलेगा तो यह मेरी बीवी को चोद देगा.
हम सबको कमरे तक पहुंचने में अभी भी एक घंटा का रास्ता तय करना शेष था.
रानी कार में ही सो गयी थी.
मैंने अपने घुटने दर्द होने का बहाना किया और आगे ड्राइवर के बाजू वाली सीट में बैठने का कहा.
शशिकांत राजी हो गया तो मैंने उसको पीछे भेज दिया.
रानी सो रही थी, तो शशिकांत को वीना के बाजू में बैठ जाने के लिए बोल दिया.
वीना भी थकान की वजह से थोड़ी नींद में थी.
कुछ मिनट बाद वह भी गहरी नींद में सो गयी.
मेरी बीवी वीना और रानी दोनों ही भरे बदन की हैं, तो पीछे तीनों के बैठने से वे सब बहुत चिपक कर बैठे थे.
मैं चुपके से शशिकांत को देख रहा था.
वह वीना की जांघ पर हाथ रख कर बैठा था.
कमरे पर पहुंचने में अभी भी 45 मिनट का वक्त बाकी था लेकिन कुहरे की वजह से मैंने ड्राइवर से स्लो चलाने को बोला था.
वीना शशिकांत के कंधे पर सिर रख कर सो गई जिससे उसके बूब्स शशिकांत के हाथ को लग रहे थे.
वीना का हाथ भी शशिकांत की जांघ पर आ गया था.
हम दोनों ने शॉर्ट्स पहने थे.
हम जिस स्पॉट पर गए थे, वहां वॉटर स्पॉट था.
शशिकांत का लंड टाइट हुआ था.
मैंने भी एक तरफ मुँह करके सोने का नाटक करना शुरू किया.
साथ ही मैं उन दोनों की हरकतों को भी देख रहा था.
शशिकांत ने वीना के हाथ को धीरे धीरे से अपने शॉर्ट्स के ऊपर लंड पर ले लिया.
वीना नींद में थी और बाहर का मौसम ठंडा था तो उसने भी लंड की गर्मी पाकर अपने हाथ को शशिकांत के लौड़े पर रख दिया था और शायद लंड को पकड़ लिया था.
थोड़ी देर बाद शशिकांत ने धीरे से अपने शॉर्ट्स को ऊपर किया और वीना के हाथ को अपने शॉर्ट्स में डलवा लिया.
वीना ने पोलो टी-शर्ट पहनी थी.
शशिकांत धीरे से उसकी टी-शर्ट के ऊपर से वीना के एक दूध को रगड़ रहा था.
मैंने देखा कि अभी भी हमारा होटल 30 किलोमीटर दूर था और मौसम के हिसाब से हम को अभी भी 30-35 मिनट का समय लग सकता था.
शशिकांत ने अपने अंडरवियर को साइड करके धीरे से अपना लंड वीना के हाथ में दे दिया और वीना नींद में ही उसे पकड़ कर सोई थी.
इधर रानी भी गहरी नींद में थी.
मुझे भी ये सब देख कर उत्तेजना हो रही थी.
वीना लंड छोड़ कर एक तरफ होकर सो गई.
शशिकांत ने भी अपना लंड अन्दर कर लिया.
मैं सोने का नाटक करता हुआ सब देख रहा था.
शाम के अंधेरे के कारण थोड़ा अंधकार सा हो गया था.
वीना अभी भी सीधी बैठ कर सो रही थी.
शशिकांत ने बैठे हुए ही उसकी ओर मुँह कर लिया था और वह सोने का नाटक करते हुए उसकी जांघों पर हाथ रखे था.
इतने में हमारी कार होटल के नजदीक आ गई थी.
शशिकांत सही होकर बैठ गया.
हम सब कमरे में पहुंचे और मैंने सबको जगा कर उतरने के लिए कहा.
जब हम सब कमरे में पहुंचे, तो होटल वालों ने हमारे लिए उसी रूम में दो डबल बेड्स और लगा कर व्यवस्था कर दी थी.
शशिकांत को मैंने लेडीज को रेडी होने तक ड्रिंक्स के लिए बुलाया.
हम दोनों ने उस दिन रूम में ही ड्रिंक्स लिए.
मैंने शशिकांत को पूरा क्वॉर्टर पिला दिया था, जिससे वह टाइट हो गया था.
अब मैंने उससे कहा कि रानी में जो बात है, वह बात वीना में नहीं है.
ड्रिंक्स के नशे में शशिकांत ने कहा- नहीं, जो कोऑपरेशन वीना देती है … वह बात रानी में नहीं है.
मैंने कहा- तुम झूठ कह रहे हो. रानी एक सेक्सी माल है और फुल कॉपरेटिव है.
हम दोनों ने नशे की टुन्नी में तय किया कि आज इन दोनों को वोदका पिला देते हैं और चैक कर लेते हैं कि कौन सही है.
उसे भी मेरा आइडिया समझ में आ गया.
दरअसल हम दोनों ही एक दूसरे की भावना को समझ गए थे कि आज हम दोनों एक दूसरे की बीवियों को चोदने का मजा ले लेते हैं.
शशिकांत ने मेरी राय से इत्तफाक जताते हुए हामी भर दी और कहा- हां चलो, इनको भी मस्त कर देते हैं.
हम दोनों को अपनी बीवियों को खाने के लिए बाहर ले जाना था.
पर मैंने शशिकांत से कहा कि इनको नहीं ले जाते हैं. बल्कि इनको कोल्डड्रिंक की दो लीटर की बोतल में दारू मिक्स करके बड़ा पैग बना कर पिला देते हैं और रात को मजा लेते हैं.
शशिकांत राजी हो गया.
अब हम दोनों यह सब सामान लेकर होटल आ गए.
जब होटल पहुंचने को हुए, तब मैंने बाहर से ही वीना को और शशिकांत ने रानी फोन करके बोला कि यहां सब बंद हो रहा है. हम लोग खाने पीने का सामान पार्सल बनवा कर ला रहे हैं.
रानी ने ओके बोल दिया.
जब हम कमरे में पहुंचे तो रानी का मुँह किसी बात पर फूला हुआ था.
शायद वह डिनर के लिए बाहर जाना चाहती थी, मगर हम दोनों के न होने के कारण वह जा नहीं सकी थी.
शशिकांत ने उससे कहा- रानी अब मान भी जाओ. लो तुम स्पेशल वाली कोल्डड्रिंक पियो … अन्दर तक झनझनी आ जाएगी.
यह कह कर उसने रानी को आंख मार दी.
वह भी मुस्कुरा दी.
मैं समझ गया कि रानी ड्रिंक करती है और इसलिए ही वह मुस्कुराई है.
अब रानी और वीना ने कोल्डड्रिंक पीनी शुरू की.
वीना को कोल्डड्रिंक का टेस्ट कुछ अलग सा लगा, तो रानी ने उससे कह दिया- बढ़िया स्वाद है. आप बिंदास पियो.
वे दोनों चिप्स ख़ाती हुई कोल्डड्रिंक पीने लगीं.
उन दोनों में मस्ती चढ़ने लगी.
उन्हें थोड़ा नशा सा महसूस होने लगा था.
मैं रानी के पास बैठा था और शशिकांत वीना के पास.
उन दोनों ने ब्रा नहीं पहनी थी.
वे दोनों लेग्गिंस और ढीली सी टी-शर्ट में थीं.
मैं ओर शशिकांत सिगरेट पीने लगे.
मैंने खुल कर कहते हुए कहा- शशिकांत, तुम वीना के साथ इन्जॉय कर सकते हो … मैं भी रानी के साथ मस्ती कर लूँगा.
उसने ओके कहा.
अब हमारे बीच सब खुलासा हो गया था कि हम दोनों वाइफ स्वाइप करने को राजी हैं.
हम दोनों अन्दर गए.
देखा तो वे दोनों नशे में थीं.
मैं रानी के साथ बैठ गया और शशिकांत वीना के साथ बैठ गया.
शशिकांत बची हुई ड्रिंक्स वीना को पिला रहा था और मैं रानी को.
जब रानी पी रही थी तो मैंने अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया और सहलाने लगा.
उसने नशे में कुछ विरोध नहीं किया तो मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रखा और उसकी चूत को कुरेदने लगा.
उसने अब भी कुछ नहीं कहा.
मैंने उसे धीरे से किस किया और शशिकांत को भी इशारा कर दिया.
उसने बॉटल नीचे रख कर वीना को किस किया और अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डाल कर उसके मम्मों को मसलने लगा.
मैंने अपनी टी-शर्ट को निकाल दिया और रानी से कहा- बहुत पसीना निकल रहा है.
वह हंस दी.
मैं अब सिर्फ़ अंडरवियर में था.
मुझे देख कर शशिकांत ने भी अपना सब निकाल दिया.
वह भी सिर्फ़ अंडरवियर में हो गया.
हम दोनों ने आंखों में इशारा किया और एक दूसरे की बीवियों को बेड पर ले गए.
मैंने एक सिगरेट सुलगाई और रानी को दो पफ पिलाए.
उधर शशिकांत ने भी वीना को दो पफ पिलाए, जिससे नशा और चढ़ गया.
मैं रानी किस करने लगा और शशिकांत ने वीना को स्मूच करना शुरू कर दिया.
शशिकांत अब आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था.
उसने वीना को चूमते हुए उसे पूरी नंगी कर दिया.
साथ ही उसने खुद को भी पूरा नंगा कर दिया.
मैं उसका लंड देख कर दंग रह गया.
उसका लंड काला था और 8 इंच से कुछ ज्यादा लंबा व मोटा था.
जबकि मेरा सात इंच का था.
हालांकि मेरा लंड शशिकांत के लंड से मोटा था.
मैंने भी रानी के कपड़े निकाल दिए और देखा कि उसने अपनी चूत को पूरा साफ किया हुआ था.
मैंने बिना कुछ सोचे अपना मुँह रानी की चूत में लगा दिया.
उसकी चूत पूरी रसीली थी.
मैं समझ गया कि यह भी चुदासी है.
वह मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी.
उधर शशिकांत वीना के मम्मों को मसल कर चूस रहा था.
उसने अपना लंड वीना की चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा.
वीना चुदासी होकर उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी.
इधर रानी की चूत चाटने के बाद मैंने उसकी चूचियों का रुख किया.
रानी ने पलट कर मेरा लंड मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगी.
मेरे लंड को चूसने के साथ साथ वह मेरे दोनों बॉल्स भी चूस रही थी.
मैं इसी सुख के लिए वीना से शादी से ही उसके पीछे पड़ा था.
अब रानी उठ खड़ी हुई और वह अपनी टांगों को फैला कर अपनी चूत में मेरे मुँह घुसवा कर चटवाने लगी.
मैंने अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में पेल दी.
वह मस्ती में आह आह करने लगी और मेरे मुँह में ही झड़ गयी.
उधर वीना ने शशिकांत का लंड अपनी चूत में ले लिया था और उसे अपने सीने से चिपका कर चुदवाना शुरू कर दिया था.
वह अति उत्तेजित होकर जोर जोर से चीखने लगी थी- आह चोदो … मजा आ गया … आह और जोर से चोदो!
मैं भी मूड में आ गया और मैंने भी रानी की चूत में लंड घुसेड़ दिया.
रानी भी कामुक सिसकारियां निकालने लगी- आअह हम्म्म डार्लिंग प्लीज … चोदो … हम्म्म आअह.
हम दोनों ने एक दूसरे की बीवियों को हचक हचक कर देर तक चोदा.
शशिकांत ने अपने लंड का माल वीना की चूत में ही छोड़ दिया और वह उसके ऊपर ही लुड़क गया.
फिर जब मैं झड़ रहा था तो रानी ने मुझसे लंड निकलवाने का कहा.
उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.
वह मेरे लंड की रबड़ी को खा गई और उसने लंड चाट कर साफ कर दिया.
हम चारों बिना कपड़ों के ही लेट गए.
मैंने रानी की चूत पर स्केच से लिख दिया- राजा के लिए रानी की चूत.
शशिकांत ने लिखा कि वीना की चूत शशिकांत के लिए!
हम सभी ने एक एक पैग और लिया और सिगरेट पीकर वैसे ही नंगे सो गए.
एक घंटा बाद फिर से सेक्स का नंगा नाच शुरू हो गया.
जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स का हम लोगों एक एक राउंड और लिया.
इस राउंड में मैंने अपना माल रानी की चूत में ही छोड़ दिया.
शशिकांत ने भी अपना माल वीना की चूत में टपका दिया था.
अपनी अपनी बीवियों की चूत में गैर मर्द के लंड का पानी टपकने का यह नतीजा निकला कि आज मेरी बेटी सांवली है और रानी का बेटा गोरा है.
हम चारों को बहुत मजा आया तो हम लोग तीन दिन तक वहीं रुके रहे.
उन तीन दिनों में हमें पूरा चुदाई का खेल किया.
दोनों लेडीज को सैंडविच चुदाई का मजा भी दिया.
रानी ने वीना को लंड चूसना सिखा दिया.
उस सबका वर्णन मैं आपको अपनी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स कहानी पर आप अपने विचार हमें जरूर भेजें.
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.