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Massage Girl in Dibang Valley: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Dibang Valley who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Dibang Valley that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Dibang Valley massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Dibang Valley who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Dibang Valley massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Dibang Valley massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Dibang Valley who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Dibang Valley employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Dibang Valley helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Dibang Valley

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Dibang Valley at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

मेरे मित्र ने मुझे कुछ ही दिन Antarvasna पहले अन्तर्वासना के बारे में कहा था। पढ़कर बहुत मज़ा आया और अपना भी अनुभव आप लोगों तक पहुँचाने का मन किया।

मुझमें एक आदत है- कोई भी लड़की मेरी तरफ़ देखती है तो दूसरे ही पल मैं उसके वक्ष को देखता हूँ और तुरन्त ही नीचे चूत की तरफ़ देखता हूँ और दांतों से होंट काटते हुए उसकी आँखों में देखता हूँ। अगर वो फ़िर मुझे देखती है तो जान जाता हूँ कि काम की है और उसी पर थोड़ा लाइन मारता हूँ।

तो दोस्तो, बात एक साल पहले की है। हमारे पड़ोस में सामने वाले घर में अपने रिश्तेदार के यहाँ एक नई लड़की रहने आई। उसका नाम रोमा है, 19 साल की पजाबी लड़की थी। दिखने में किसी हिरोइन से कम नहीं थी। जो भी देखता था तो देखता रह जाता था। पर बहुत ही घमन्डी थी। और दोस्तो, मुझे घमन्डी लड़की को चोदने को बहुत मन करता है। जब से आई, उसे चोदने का मन बना लिया था।

नसीब से हम दोनों का बेडरूम फ़स्ट-फ़्लोर पर ही था और दोनों की गैलरी भी आमने-सामने ही थी। दो तीन दिन निकल गये वो जरा भी इधर-उधर नहीं देखती थी।

एक दिन शाम को मेरी तबियत ठीक न होने के कारण मैं जल्दी ही घर आ गया था और सोने के लिये बेडरूम में आ गया तो देखा तो रोमा अपनी गैलरी में खड़ी थी। मैंने सोचा- मौका अच्छा है।फ़िर तुरन्त ही अपना पैन्ट उतार के, वो मुझे देख सके, उस तरफ़ मुँह करके अपने लण्ड को तेल लगा-लगा कर मालिश करने लगा।

जैसे ही उसने मुझे नंगा देखा, तुरन्त अपने कमरे में भाग गई। दोस्तो, मेरा लण्ड अगर किसी भी औरत या लड़की ने देखा तो चखने का मन बन ही जाता है। फ़िर मैंने खिड़की के काँच से देखा तो पता चला कि वो दरवाजे के पास कुर्सी डाल कर चुपके से मेरे कमरे में झांक रही थी। मैंने सोचा- मेरा काम हो गया।

फ़िर मैं भी कुर्सी ले कर दरवाजे के पास जाकर बैठ गया और तेल लगाकर मुठ मारने लगा। वो छुप-छुप के देख रही थी और शरमा रही थी और देख भी रही थी। उसे जरा भी पता नहीं था कि मैं जानबूझ के उसे दिखा रहा हूँ। फ़िर उसे और भड़काने के लिये ही मैंने मेरी भाभी से पानी लाने को कहा।

वो तो दंग रह गई। एक तो मैं पूरा नंगा था और भाभी को बुला रहा था। भाभी जैसे ही पानी लेकर आई, मुझे देखकर बोली- शरम नहीं आती? जब देखो तब लेकर बैठ जाते हो !

मैं उठ कर भाभी के पास गया और उसे पीछे से पकड़ लिया और मस्ती करते करते ठीक दरवाजे के पास लाकर भाभी के पीछे से ब्लाउज के उपर से ही भाभी के स्तन दबा रहा था। भाभी मुझे डाँटते हुए मुझसे छुटने की कोशिश कर रही थी और बोल रही थी- रात को आऊँगी ! जी भर के चोद लेना ! और कहने लगी- छोड़ो, कोई देख लेगा।

मुझे तो दिखाना ही था ! भाभी को कहाँ मालूम मेरी योजना। यह सोच कर मन ही मन मैं मुस्कुराने लगा और उनके बाल पकड़ के पीछे से चूमने लगा। हमारा यह नज़ारा देख कर रोमा और पगल हो रही थी और घूर घूर कर देख रही थी। मैं धीरे धीरे भाभी के स्तनों को दोनों हाथों से जोर जोर दबा रहा था। अब भाभी को मजा आ रहा था और मेरा विरोध करना बन्द कर दिया।

फ़िर मैंने एक हाथ से उसकी साड़ी को ऊपर उठाया और उसकी पैन्टी में हाथ डाल कर भाभी की चूत में उंगलियाँ डाल कर मसल मसल कर मुठ मारने लगा। थोड़ी देर में भाभी की साड़ी खुल गई तो मैंने पैन्टी भी उतार दी।

एक हाथ दरवाज़े पर टिका दिया और पीछे से अपना लण्ड भाभी की चूत के पास लाकर आगे से चूत को लगा कर ऊपर नीचे करने लगा। भाभी बेड पर ले जाने को बोल रही थी। मैंने मना किया और एक झटका मार दिया तो आधा लण्ड अन्दर चला गया। एन्गल ऐसा था कि चूत में घुसा हुआ आधा लण्ड रोमा को साफ़ दिखाई दे रहा था।

और रोमा को देख कर मैं भी जोश में आने लगा और भाभी को गपागप चोदे जा रहा था। ऊपर से दोनों हाथों से दोनों चूचियों को बेरहमी से दबा रहा था और साथ में भाभी के होंठों को चूस-चूस के मजे ले रहा था। हम दोनों के चक्कर में भाभी को मजा आ रहा था और मुँह से तरह तरह की आवाजे निकाल रही थी- आऽऽ आआ अह, या आह्ह, उफ़्फ़, बस, छोड़ो मुझे, जाने दो, कोई देख लेगा !

भाभी की आवाजों से रोमा भी उत्तेजित होने लगी। बीच बीच में लण्ड बाहर निकाल के अन्दर डाल रहा था। मलाई से लोट-पोट लण्ड देख कर रोमा से रहा नहीं जा रहा था। लण्ड अच्छा दिख रहा था। फ़िर झटके तेज करके लगा रहा था। दस मिनट तक एसे ही चोदता रहा, इतने में भाभी की चूत से पानी निकल गया तो वो मेरे हाथ से छुट गई और अपने कपड़े उठा के वहाँ से चली गई।

फ़िर मैंने रोमा के सामने आकर लण्ड हाथ में लेकर मुठ मार-मार कर पानी निकाल दिया। जैसे ही मेरे लण्ड से पानी निकला, तो पानी जैसे उसके मुँह में गिरा हो, उस तरह रोमा अपना थूक निगल रही थी। इतने में रोमा के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी तो वो उठकर गई और मैं भी छुप गया।

दूसरे दिन भाभी ने मुझसे चायनीज़ खिलौनों की दुकान से फ़ाईबर का लण्ड मंगवाया। भाभी को शादी हुई दो साल हुए, मेरे भैया से उनको चूत का सुख नहीं मिलता था। उसे अब तक भैया ने कम, मैंने ज्यादा चोदा है।

तो रात को 9-30 बजे जब मै बडरुम में गया तो देखा कि रोमा अपने कमरे में बैठकर टी वी देख रही थी और थोड़ी-थोड़ी देर बाद मेरे कमरे की तरफ़ देख रही थी। मैं समझ गया कि उसे चूत का खेल फ़िर से देख्नना है। फ़िर मुझे भी भाभी को फ़ायबर के लण्ड का मज़ा देना था।

जैसे ही मैंने भाभी को आवाज़ दी, रोमा ने अपने कमरे की लाइट बन्द कर दी और अपने बेड पे जाकर खिड़की में नजर टिका कर बैठ गई। पर टीवी चालू होने के वजह से साफ़ पता चल रहा था कि वो मुझे देख रही है।

घर पर आज भी मेरे और भाभी के अलावा कोई नहीं था। इतने में भाभी दूध ले कर ऊपर आ गई। भाभी को भी घर पर कोई न होने का पूरा मजा लेना था। आते ही वो भी सीधा बेड पे आ गई। मैंने सारे कपड़े उतार दिए और उनके बाल खुले करके लेटा दिया। फ़िर भाभी टांगें ख़िड़की की तरफ़ करके उसकी चूत चाटने लगा। फ़िर उंगलियों से मसलने के बाद जब चूत पूरी तरह गीली हो गई तो मैंने फ़ायबर का लण्ड भाभी की चूत में धीरे से घुसेड़ दिया।

घुसते ही भाभी चिल्लाई। रोमा को भी कुछ नया दिख रहा था। जैसे ही पूरा लण्ड अन्दर गया, भाभी और चिल्लाने लगी, क्योंकि वो काफ़ी मोटा था और लम्बा भी था।

मैं थोड़ी-थोड़ी देर में रोमा को देख रहा था। अब वो पूरी तरह से पलट कर हमें देख रही थी। फ़ायबर के लण्ड से थोड़ी देर चोदने के बाद मैंने भाभी को उल्टा करके कुतिया बनाया और भाभी की गाण्ड में थूक लगा के गीला कर दिया फ़िर धीरे से अपना लण्ड अन्दर घुसेड़ दिया। भाभी दर्द के मारे आहें भर रही थी। धीरे-धीरे भाभी की गाण्ड खुल गई। फ़िर मैं उठ-उठ कर चोदने लगा। तो भाभी का हाल- न कहा जाये न सहा जाये ! ऐसा था।

थोड़ी देर गाण्ड चोदने के बाद भाभी को उठा के बाल पकड़ कर मुँह में लण्ड दिया। वो लण्ड चूसने में माहिर है। मुँह से ही कभी कभी लण्ड ढीला करके पानी निकाल देती थी। थोड़ी देर बाद भाभी को सीधा करके दस बारह झटके मारते ही भाभी झड़ गई और ऐसे ही पलंग पर सो गई।

तब मैंने लाइट बंद कर दी और चुपके से दरवाजे से होकर गैलरी से कूद कर रोमा की गैलरी में गया और दरवाजे से अंदर जा के सीधा लाइट चालू किया जोर से कहा- क्या देख रही हो कब से?

रोमा एकदम डर गई। वो पूरी नंगी थी। उसकी उंगलियाँ चूत में थी। मैं उससे पास गया फ़िर भी वो उठी नहीं। उसे लगा कि उसकी चोरी पकड़ी गई। मौके का फ़ायदा उठा के मैंने उसे पकड़ लिया और उसे चूमने लगा। वो कुछ भी नहीं बोल पा रही थी।

फ़िर ज्यादा देर न करके उसे लिटा कर उसकी चूत में उँगली डाली तो पता चला चूत पूरी गीली और एकदम कंवारी थी। मैं अपना लण्ड चूत के मुख पर रख कर ऊपर-नीचे घिसाता रहा और फ़िर जोर से एक झटका दिया तो आधा लण्ड अन्दर घुस गया।

रोमा जोर से चिल्लाई- ओ…मा…॥

फ़िर रोमा ने अपनी जांघें जकड़ ली दर्द के मारे ! मुझे हिलने नहीं दे रही थी। रोमा का ध्यान दर्द से हटाने के लिये मैं उसके स्तन मसल रहा था। एक साथ दोनों जगह का आनंद लेते लेते रोमा ने अपनी टांगें थोड़ी चौड़ी कर ली। मैंने भी मौका देखकर जोर से दो चार झटके दिए तो इस बार पूरा लण्ड रोमा की चूत को फ़ाड के अंदर चला गया।

रोमा के मुँह से उप्स्स्स्स्स की आवाज निकली। फ़िर उसके चाहने पर भी ना रुका ! गपागप रोमा की मस्त चूत को चोदता ही रहा। उसके मुँह से आवाज रुक नहीं रही थी- आहाह्ह्ह्ह उईईई माँ ! और 5 मिनट में रोमा स्खलित हो गई। दस बारह झटके लगा के मैंने भी पूरा का पूरा पानी अंदर ही छोड़ दिया और चुपचाप अपनी चड्डी पहनकर अपने कमरे में आ गया।

रात को चार बजे एक बार देखने गया तो रोमा अभी भी ऐसे ही सोई हुई थी। उसका नंगा बदन देख के मेरे मन को लगा कि फ़िर मौका मिले ना मिले, एक बार और चोद लेता हूँ।

और फ़िर चालू हो गया। दस मिनट चोद के फ़िर पूरा पानी अंदर ही छोड़ कर आ गया।

तीन दिन के बाद रोमा अपने शहर चली गई। लेकिन उसने मुझे फ़िर नहीं देखा। बीस दिन के बाद अचानक वो फ़िर से आई और रात को मुझे अपने कमरे में बुलाया। मैं खुशी से गया तो पता चला कि उसका मासिक जो 15 तारीख को आता था वो नहीं आया ! वो तो डर गई थी, यही बताने खास वो यहाँ आई थी। मैंने उसे दवाई दी तो उसका मासिक हो गया।

अब हमारी अच्छी दोस्ती हो गई, अपना मोबाइल नम्बर दे गई। महीने में एक बार उसे मिलने जाता हूँ तो चोद के ही आता हूँ।

मैं यह कहानी भी उसे पूछ कर ही लिख रहा हूँ।

मेरे दोस्तो, मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताना। Antarvasna

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Antarvasna stories

ये Antarvasna कहानी उस समय की है जब १२ में आया था हमारे एक नौकरानी थी उसकी २ बेटी थी छोटी बेटी की मस्त थी फ़ीगर देख कर किसी के मुंह में पानी आ जाये.

एक बार वो झाडू बैठ कर लगा रही थी में उसके पीछे से गुजरा और मैने अपना पैर उसके चूतड़ पे छुआ कर निकला वो चौंक गयी लेकिन कुछ नहीं बोली। इस तरह मैं हमेशा करने लगा, मुझे इस बात का डर नहीं लग रहा कि वो मम्मी से कुछ कह देगी।

एक बार सब लोग बाहर थे मैं अंदर रूम में, वो झाडू लगाने आयी मैने उसे पकड़ कर किस करने लगा वो हैरान हो गयी और कहने लगी मैं बता दूंगी मैने उसके मुंह में अपनी थूक डाल दी और उसके लिप चूसने लगा फिर मैने एक हाथ से उसके बूब्स छुआ और कसके दबाने लगा तभि किसी के अंदर आने की आवाज आयी मैने उसे छोड़ दिया।

फिर एक बार फिर वैसा मौका मिला उस दिन मैं उसे पीछे से पकड़ कर क्लोथ सेक्स करने लगा वो थोड़ा मुस्कुरा रही थी फिर वो ज़मीन पर बैठ कर पोंछा लगाने लगी फिर मैने एक हाथ उसके कुरते के अंदर गर्दन की साइड से डाल कर उसका एक बूब बाहर निकालने लगा वो छटपटा गयी वो उस समय समीज पहनती थी उसके निप्पल दिखने लगे फिर कोई आ गया।

एक बार मैं स्टोरी वाली मैगज़ीन लाया उसमे ज़्यादातर कहानी वर्जिन की थी मेरा दिमाग खराब हो गया। मैं उसे घर में कहीं भी अकेला देखता तो उसको किस करने लगता।

एक बार मैने उससे पूछा चूत के बाल बनाती हो कि नहीं?
वो बोली- ये क्या होता है?
मैने उसकी चूत पर हाथ रख कर कहा इसको वो शरमा गयी और अंदर चली गयी।

हम लोग के यहां दो बाथरूम थे जिसमे एक बाथरूम कमरे और बाहर आंगन से जुड़ा था फिर जब वो बाथरूम में कुछ लेने जाती मैं कमरे से आकर उसको पकड़ कर किस करने लगता और अपना लंड बाहर निकाल कर उसको पकड़ने की कोशिश करता। जब मैने पूरी बुक पढ़ ली मैने सोचा अगर ये बुक इसको दे दूं तो ये बात आगे बढ़ सकती है। मैने बुक घर के दरवाजे के किनारे रखे गमले के पीछे रख दी और उसको बता दिया कि वहां बुक रखी है, ले जाना।

बाद में जब वो काम करके चली गयी तो मैने सोचा किताब ले गई कि नहीं मैने बाहर जाकर देखा तो किताब गायब थी। दो दिन बाद वो आयी तो उसकी आंखें चमक रही थी और अजीब सी नशीली थी।

मैने अकेले में उससे पूछा कैसी थी किताब उसने कहा बहुत गंदी थी.
मैने कहा- तो लाओ मेरी बुक वापस?
उसने कहा- मैने फेंक दी।

मुझे गुस्सा आया मैं उसको पकड़ कर किस करने लगा और एक हाथ सो उसकी चूत दबाने लगा इस बार उसने ज्यादा प्रतिरोध नहीं किया।

एक बार घर के सब लोग बाहर गये शाम से पहले कोई नहीं आना वाला था उस समय डोर बेल बजी मैने खोल के देखा दरवाजे पर सामने वो खड़ी थी, उसने कहा- मेम साहिब हैं?
मैने कहा- हां!
वो अंदर आ गयी।

मैने दरवाजा बंद कर दिया फिर मैं अंदर आ गया और जैसे वो रूम में आयी मैं उस पर टूट पड़ा और उसको किस करने लगा वो रिसपोंस कर रही ती फिर मैं उसके बूब्स दबाने लगा और मस्त हो गयी तभी वो चौंकी और बोली मेमसाहिब आ जायेंगी.
मैने कहा- घर पर कोई नहीं हैं।
वो डर गयी और बाहर जाने लगी मैने उसे पकड़ लिया वो रोने लगी- मुझे छोड़ दो।
मैने कहा इतने दिनो बाद मौका मिला है, कैसे जाने दूं।

फिर मैने अपने हाथ उसके कुरते के अंदर डाल कर उसके नंगे बूब्स कसके दबाने लगा. वो चिल्ला रही ती मगर मुझे मजा आ रहा था फिर मैने उसका कुरता उतारा वो विरोध कर रही थी मैने कहा चुपचाप करवा लो वरना जबर करना पड़ेगा और तुम्हारे कपड़े फट जायेंगे और सबको पता चल जायेगा और तुम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगी अगर चुपचाप करवा लोगी तो किसी पता नहीं चलेगा।

उसका विरोध कम हो गया मैने उसकी सलवार उतार दी और पेंटी को चूमने लगा फिर मैं उसके बूब्स चूसने लगा जैसे मैं उसका बेटा हूं और उसका दूध पी रहा हूं वो बहुत गरम हो गयी स्सस्सशह्ह ह्हह्हह की आवाज़ आने लगी थी उसके मुंह से, फिर उसने कहा- मेरे निप्पल को और तेज चूसो.

मैं हैरान हो गया, मैने कहा- ये कहा सीखा वो बोली जो आपने किताब दी उसमे, उसने मुझे झूठ बोला था वो मेरे बोक्स में है मैने खुशी के मारे उसकी आंखों को चूम लिया।

फिर मैने उसकी पैंटी उतारी.
वो मुझसे कहा कि मुझे बाथरूम आ रहा है.
मैं उसे बाथरूम ले गया और मैने उसे अपने सामने मूतने के लिये विवश किया वो शरम से पानी-२ हो गयी। और मैने उसके पेशाब में अपने हाथ धोये मुझे लगा कि गरम पानी से हाथ धो रहा हूं फिर मैने उसे ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया और ६९ पोसिशन में अपना लंड उसके मुंह में डाला और उसकी क्लीन शेव चूत चूसने लगा. थोड़ी देर बाद वो झड़ गयी मैने उसका टेस्टी कम पी लिया. फिर मैं भी झड़ गया वो मेरा कम मुंह में लेकर गटक गयी, पर उसको थोड़ा अजीब मगर अच्छा लगा।

फिर मैने अपना लंड उसे पकड़ कर बड़ा करने को कहा वो उससे खेलने लगी। जब मेरा ६” का कड़ा हुआ तो मैने अपना लंड उसकी चूत पर रख कर धक्का मारा टोपा अंदर घुसा था वो चिल्लाने लगी ईइ मार डालाअ बाहर निकालो मैने उसका मुंह बंद करके धक्के मारने लगा उसके आंसु निकलने लगे वो मेरी तरफ़ गुस्से से देख रही थी उसका मुंह बंद था। फिर मैं तेजी से उसे पेलने लगा वो चाहते हुए भी चीख नहीं पा रही थी मैने उसकी ह्य्मेन ब्रेक का सीन अपने मोबाइल पर शूट कर लिया उसकी चूत से खून बह रहा था थोड़ी देर के बाद वो नोर्मल हुई और मजे लेने लगी उसके मुंह से आवाज आने लगी फ़ाड़ दो मेरी।

यह तुम्हारी है मुझे पता नहीं था कि इसमे इतना मजा आता है, अब मैं तुमसे रोज चुदवाउंगी ओह्हह्ह यीईईईई और वो झड़ गयी मैं उसे पेलता रहा मेरा लंड भी झड़ने वाला था, मैने धक्के तेज कर दिये और उसकी चूत में झड़ गया उसकी चूत मेरे लावा और खून से सनी थी मैने उसको बैठने को कहा उसको दर्द हो रहा था बड़ी मुश्किल में बैठी तो उसकी चूत से मेरा वीर्य निकलने लगा मैने ये भी शूट किया।

दिन में उसे ३ बार पेला फिर मैने उसे पैन किलर दी और उसकी चूत की सिकाई की उसको देख कर मेरी फट रही थी कहीं उसने किसी को बता दिया या उसे देखकर किसी को पता चल गया तो। लेकिन सब ठीक रहा.
उसके बाद उसको मौका मिलने पर चोदता उसके बाद उसकी शादी हो गयी।

शादी वाले दिन से १ दिन पहले उसने खुशखबरी दी कि वो मेरे बच्चे की मां बनने वाली है। शादी के १ साल बाद आयी तो उसके साथ मेरा बच्चा भी था वो मेरे समने ही उसे दूध पिलाने बैठ जाती थी।

पिता जी का ट्रांसफ़र हो गया और मैं उससे अलग हो गया। मेरा मन कहीं लग नहीं रहा था फिर मैने अपनी स्वीट लिटिल सिस एस (चसमिश) के ऊपर नज़र आ गयी नेक्स्ट स्टोरी में बताउंगा उसको कैसे चोदा। Antarvasna

sex stories

मेरा नाम राहुल Sex stories है। मैं अभी बंगलौर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 24 साल, ग्रेजुएट।

यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से।

जो लड़कियाँ मेरे साथ सेक्स में रात गुजारती, वो मेरे साथ शहर में घूमने के लिये भी ख्वाहिश रखती थी।

यह घटना तीन साल पुरानी है, तब अपने परिवार के साथ मैं मेडिकल कालोनी में रहता था और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था।

तभी मेरे पड़ोस में एक परिवार का आगमन हुआ। परिवार में पति, पत्नी और एक तीन साल का बच्चा। वैसे भी कालोनी में और भी कई भाभियाँ थी पर नई भाभी के सामने सब फ़ीका पड़ने जैसा लगता। चूंकि वो नये थे तो मैं कभी कभी उनका सामान मार्केट से ला लेता। मुझे घूमने का मौका मिल जाता और भाभी को देखने का और कभी कभी थोड़ा थोड़ा छूने का भी।

ऐसे ही एक महीना बीत गया और भाभी हमारे घर के सदस्यों के साथ भी घुलमिल गई। उनके पति और पापा में भी गहरी दोस्ती हो गई।

एक दिन एक शादी में हमें और भाभी को भी न्यौता मिला था पर मम्मी को कुछ काम था सो भाभी ने भी जाने के लिये मना कर दिया। सो पापा और भैया (भाभी के पति) चले गये।

पार्टी कालोनी से तीस किलोमीटर की दूरी पर थी और आते वक्त जोर की बारिश के वजह से पापा ने रात के करीब नौ बजे मम्मी को फोन करके कहा- राहुल को भाभी के घर जाकर सोने के लिये कह देना।

फ़िर क्या, मैं खाना खाकर दस बजे भाभी के घर चला गया। घंटी बजाई और भाभी ने झट से दरवाज़ा खोल दिया।

तभी मैं भाभी को देख कर दंग रह गया। गोरी चिट्टी, लम्बे घने बाल, वक्ष आगे जितना, गांड उतनी पीछे, मतलब 36-30-36 और कद होगा 5’3′, इतने सही फ़ीगर के साथ साथ काली नाइटी, जैसे लगा कि आसमान की कोई परी नीचे घूमने आई हो।

हम दोनों अंदर आ गये, भाभी ने कहा- तुम बैठो, मैं दूध लाती हूँ!

मैं वहीं सोफ़े पर बैठ गया। थोड़ी देर में भाभी दूध लेकर आई, एक गिलास मुझे दिया और एक गिलास खुद लेकर मेरे पास सोफ़े पर बैठ गई।

और हम एक अंग्रेजी फ़िल्म देखने लगे जिसमें सिर्फ़ 2-3 चुम्बन-दृश्य ही थे। अचानक उन्होंने मुझसे पूछा- क्यों राहुल, तुमहारी कोई गर्लफ़्रेंड है या नहीं?

मैं घबरा गया कि भाभी क्या पूछ रही हैं क्योंकि इससे पहले कभी ऐसी बात हमारे उनके बीच में नहीं हुई थी।

मैंने इंकार में सर हिला दिया तो कहने लगी कि तुम तो लड़कियों की तरह शरमा रहे हो।

मैंने कहा- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं है।
तो उन्होंने कहा- एक बात बताओ, तुमने आज तक कभी किसी लड़की या औरत को नंगा देखा है?
तो मैंने जान बूझकर कहा- नहीं भाभी! आज तक नहीं देखा है।

वो मेरे बगल में बैठी थी और जब बातें कर रही थी तो मैं बार बार उनके मम्मो की तरफ़ देख रहा था, भाभी ने भी मुझे देखते हुए देख लिया था।

वो बोली- अगर देखना है तो मुझसे कहो, मैं तुम्हें ऐसे ही दिखा दूँगी।
मैं घबरा गया कि भाभी क्या बोल रही है।

उसके बाद भाभी ने मेरे चेहरे पर हाथ रखते हुए बोला- कभी किसी के साथ कुछ किया है या नहीं?

तभी मेरे अंदर का जानवर जाग गया तो मैंने भाभी से कहा- कि मैं आपको चूमना चाहता हूँ।

और कहते हुए उनके चेहरे को अपने तरफ़ खींच कर उनके होंठों पर चुम्बन करने लगा।

उनके होंठों बहुत ही नशीले थे, मैं उनके होंठों को चूसने लगा और भाभी मेरे होंठों को चूसने लगी। दोनों करीब दस मिनट तक ऐसे ही चूमा-चाटी करते रहे।

उसके बाद भाभी बोली- तुम तो कह रहे थे कि तुमने कभी कुछ नहीं किया है लेकिन तुम्हें देखकर लगता नहीं है कि तुमने कभी कुछ नहीं किया है?

मैं कुछ नहीं बोला और भाभी की नाइटी एक बटन को खोलकर उनके मम्मे को हल्का हल्का दबाने लगा। उनको भी अच्छा लग रहा था इसलिये कुछ नहीं बोली।

फिर मैंने उनकी नाइटी को पूरा खोल दिया तो भाभी कहने लगी- तुम तो बहुत तेज हो, पहले तो तुमने चुम्बन करने को कहा और अब मेरे मम्मे दबाने लगे?

मैंने कहा- भाभी, आप बहुत खूबसूरत हो और मैं आपको चोदना चाहता हूँ।

कह कर भाभी के एक मम्मे पर अपना मुँह लगाकर चूसने लगा और दूसरे मम्मे को अपने हाथ से दबाने लगा। भाभी भी मस्ती में आकर ऊऊउह्हहाआआ.. और जोर से चूसो.. सीतु .. बहुत अच्छा लग रहा है.. चूसते रहो.. ऊऊऊह्हाआआआ… मजा आ रहा है.. जोर से चूसो… और जोर से।

मैं अपने पूरे जोश से भाभी के मम्मे को चूसने लगा, तब तक वो सिर्फ़ पैंटी में ही रह गई थी, मम्मे चूसते हुए मैंने अपने हाथ से उनकी जांघों को सहलाने लगा। तब तक भाभी मस्त हो चुकी थी, भाभी की जांघों को सहलाते हुए मैं उनकी चूत को भी हल्के हल्के सहलाने लगा, भाभी मस्ती में आअह्हह ह्हहह्ह ऊऊउफ़्फ़फ़ जैसी आवाजें निकाल रही थी।

एक तरफ़ उनके एक मम्मे से दूध निकल रहा था और दूसरी तरफ चूत में ऊँगली डालने से उनकी चूत गीली हो गई थी।

फ़िर मैंने उसको लिटा कर उसके पेट पर चूमना शुरू किया और उनके चूत के अंदर अपनी जीभ को डालने लगा और उनकी चूत को मैंने अच्छी तरह चाटा।

भाभी मेरे होंठों से अपने योनिरस को चाट कर कहने लगी- तुमने तो अपना काम कर दिया, अब देखो मैं क्या करती हूँ।

भाभी ने मेरे कपड़े खोल कर लण्ड की टोपी पर ज़ुबान फेरनी शुरू की, फिर धीरे धीरे पूरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपोप की तरह चूसने लगीं। भाभी बहुत अच्छा लण्ड चूस रही थी। मैं तो उस वक्त मज़े और आनन्द की ऊँचाई पर था।

भाभी ने पहले आहिस्ता और फिर तेज़ी से लण्ड चूसना शुरू कर दिया।

फ़िर भाभी ने मेरा लण्ड अपनी चूत पर रखा मैंने एक हल्के झटके के साथ अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिया। उनकी चूत पहले ही गीली हो रही थी इसलिये पूरा लण्ड बड़ी आसानी से उनकी चूत में चला गया। पहले तो मैं भाभी को आहिस्ता आहिस्ता चोदता रहा फिर मैंने अपनी चोदन-गति तेज़ कर दी और भाभी को शक्ति से चोदने लगा।

भाभी चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थीं और आआअह्ह.. ऊओह्हह्ह.. ऊउफ़्फ़फ़्फ़.. ह्हहयययईए.. और तेज़.. प्लीज़ ..तेज़ ..उफ़्फ़फ़्फ़ ऊऊह्हह्ह की आवाज़ें निकाल रही थीं।

उनके स्तन हर झटके के साथ हिल रहे थे जो एक हसीन और दिलकश नज़ारा था।

कुछ देर के बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनाया तो उनकी खूबसूरत और चौड़ी गांड ऊपर को उठ आई और उनके चूचे किसी आम की तरह लटकने लगे। मैंने भाभी की गांड पर हाथ फेरते हुये लण्ड उनकी चूत में डाल दिया और उनके चूचे पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने लगा। मैं भाभी को जी-जान से चोद रहा था और भाभी भी चुदाई में भरपूर साथ दे रही थी।

काफ़ी देर चुदने के बाद भाभी ठंडी पड़ गई, मैं भी अपने चरम पर था, मैंने भाभी को कहा- मैं छूटने वाला हूँ।

तो उन्होंने कहा- कोई बात नहीं, तुम मेरे अंदर ही निकालो।

मेरे लण्ड से वीर्य का फ़व्वारा निकला और भाभी की चूत वीर्य से भर गई। मैं थक कर भाभी के ऊपर लेट गया।

थोड़ी देर बाद मैंने लण्ड भाभी की चूत से निकाला जो वीर्य और भाभी के रस से सना हुआ था। भाभी ने फिर मेरे लण्ड को चाटना शुरु कर दिया और इसे बिल्कुल साफ़ कर दिया।

अब भाभी ने कहा- राहुल, तुम तो बहुत एक्सपर्ट लगते हो, मुझसे पहले कितनी के साथ चुदाई कर चुके हो?

मैंने कहा- भाभी चुदाई तो 14-15 के साथ की है लेकिन जैसे मम्मे आपके हैं वैसे मम्मे मैंने आज तक नहीं चूसे हैं, आपके मम्मे बहुत टेस्टी हैं।

यह कहते हुए मैंने झटके से अपनी ऊँगली फ़िर से उनकी चूत में डाल दी और भाभी स्ससा आआआ करती रही, बहुत अच्छा लग रहा है।

और फिर मैंने भाभी की तरीफ़ की कि सच में आप बहुत खूबसूरत हो तो भाभी ने मुझसे कहा- यह क्या भाभी-भाभी लगा रखा है, पहले यह बताओ कि तुम मुझे रात भर चोदोगे या नहीं?

यह सुनकर तो मुझे और भी खुशी महसूस हुई। इसका मतलब यह नहीं कि मैंने और किसी के साथ रात नहीं गुजारी है। मैंने तो पिछले चार सालों से कितनी अपनी क्लासमेट के साथ रात गुजारी है पर भाभी के जैसा जोश और किसी में मैंने नहीं देखा था इसलिये मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही थी।

मैंने उनसे कहा- मैं आपको दूसरे आसन से चोदना चाहता हूँ।
तो बोली- कौन से तरीके से चोदोगे अब मुझे?
मैंने कहा- आप ज़मीन पर लेट जाइए और अपने पैरों को उठा लीजिये।

उन्होंने ऐसे ही किया, मैं उनके पैरों के बीच में गया और उसको फ़ैला कर अपने दोनों कंधों पर रख कर उनकी फ़ुद्दी के छेद पर अपना लण्ड रखकर धक्के मारने लगा। इस तरीके से उन्हें भी अच्छा लगा, बोली- बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा, जैसे चोदना हो चोदो मुझे!

मैंने करीब दस मिनट तक चोदने के बाद चूत से लण्ड को निकाल कर गांड में डाल दिया और चोदने लगा।

मैं इसी तरह हर पाँच मिनट के बाद चूत और गांड की चुदाई करता रहा। लगभग 25-30 मिनट तक इसी तरह चोदने के बाद मैं बोला- मैं अब झड़ने वाला हूँ। तुम बताओ कि मेरे लण्ड का पानी कहाँ लेना चाहती हो, अपनी चूत में या गांड में?

उन्होंने कहा- तुम मेरी गांड में ही पानी निकाल दो, चूत में तो तुम पहले भी निकाल चुके हो।

फ़िर मैंने अपना सारा अनमोल रतन उनकी गांड में डाल दिया और बेड पर आकर लेट गया। तभी उन्होंने मेरे होंठों पर जोर से किस किया और कहने लगी- जो मजा तुम्हारे साथ आया है वो मुझे उनके साथ नहीं आता है।

सुबह को भाभी ने कहा- मेरी चूत और गांड में दर्द बहुत हो रहा है लेकिन इस चुदाई से जो मज़ा मिला उसके आगे यह दर्द कुछ भी नहीं।

फ़िर मैं अपने घर आ गया और जब भी मुझे मौका मिलता मैं भाभी की चुदाई करता रहा।

भाभी की चुदाई करके हर बार मुझे एक अलग सा खुशी मिलती थी क्योंकि भाभी है ही इतनी सेक्सी! Sex stories

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मेरा नाम राहुल है Hindi Porn Stories और मैं आगरा का रहने वाला हूँ। मेरे घर में तीन ही लोग हैं, मैं, पिताजी और माँ।

बात उस समय की है जब मैं पढ़ता था। मेरे पड़ोस में शर्मा जी का घर था, उनकी दो बेटियाँ थी, एक तो मेरे साथ ही पढ़ती थी। मैं पढ़ने में काफी होशियार था इसलिए कई बच्चे मुझसे सवाल पूछा करते थे और मैं भी सबकी मदद कर देता था। मैं अपने मोहल्ले का काफी सीधा लड़का था।

अब मैं आप लोगो को शर्मा जी की बेटियों के बारे में बताता हूँ। बड़ी का नाम सीमा और छोटी का अंशु था। दोनों की जवानी उभार पर थी पर छोटी वाली तो कुछ ज्यादा आगे थी। सीमा का फिगर बड़ा मस्त था 24-36-24, पर रंग थोड़ा सांवला था। अंशु तो गजब की बाला थी, गोरा रंग और गजब का फिगर ! ऐसा कि देखते ही चोदने का मन करे और कई लड़के तो खड़े-2 मुठ मार दें ! फिर भी मैं इन सब पर ध्यान नहीं देता था।

एक दिन की बात है, मैं शाम को घर के बाहर टहलने निकला, तभी अंशु दौड़ती हुई मेरे पास आई और कहा- दीदी आपको बुला रही है, उन्हें कुछ पूछना है।

मैं चलने को तैयार हो गया और उसके पीछे पीछे उसके घर चला गया। वहाँ देखा तो सीमा कुछ पढ़ रही थी। उसके मम्मी-डैडी कहीं बाहर गए हुए थे और घर पर बस वही दोनों थी।

अंशु ने मुझे एक सोफे पर बैठाया और पानी लेने चली गई। तब तक सीमा अपनी किताब लेकर मेरे पास आ गई। उसने आसमानी रंग की एकदम पतली नाइटी पहन रखी थी जिसमें से उसकी काली रंग की ब्रा-पैंटी साफ़ झलक रही थी।

पहले तो मैं थोड़ा शरमाया पर सब सही हो गया। वो मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई और सवाल पूछने लगी। सवाल पूछते-2 वो कुछ ऐसा कर रही थी कि उसके स्तन मुझे दिख जाएँ। मेरी नजरें उसके वक्ष पर अटक गई। वह अपनी सफलता पर थोड़ा मुस्कुराई और फिर आगे पूछने लगी।

तब तक अंशु पानी लेकर आ गई। वह आगे बढ़ी और एक कुर्सी से टकरा गई और पानी मेरी पैंट पर गिर गया। मैं घबरा गया। सीमा के स्तन देखते हुए मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था।

अंशु ने मुझसे माफ़ी मांगी और एक तौलिया दे दिया। मैं बाथरूम में चला गया। तभी सीमा वहाँ आ गई और मेरा हाथ पकड़ लिया।

मैं काफी डर गया और अपना हाथ खींच लिया।

वो अंशु को बुलाते हुए बोली- देख रे कैसा शरमा रहा है, जैसे कभी लड़की ही नहीं देखी।

अंशु भी आ गई और वो दोनों मुझे बेडरूम में ले गई।

मैं सिर्फ अंडरवियर और शर्ट में था।

मुझे देख कर सीमा बोली- हाय रे ! कातिल कहाँ छुपा था अब तक?

अब उन दोनों ने मुझ पर सेक्सी कमेंट्स करने शुरु कर दिए।

मैं बेचैन हो गया और उनसे कहा- मुझे जाने दो !

पर वो भला कहाँ मानने वाली थी।

अंशु ने पीछे से मुझे पकड़ लिया और मेरे शर्ट के बटन खोल दिए। सीमा भी आगे से मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने स्तनों को मेरे सीने पर दबाने लगी और मुझे बेतहाशा चूमने लगी।

मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाला और मेरे लिंग को दबाने लगी।

तभी अंशु ने पीछे से एक ब्लू फिल्म चला दी और कहा- तुम तो काफी ठंडे लगते हो, क्या पहले तुमने ये सब नहीं किया?

मैंने ना में जवाब दिया।

ब्लू फिल्म देख कर मुझे भी जोश आने लगा और मेरा लिंग तनकर 8 इंच का हो गया।

मैंने सीमा की नाइटी उतार दी और ब्रा के बाहर से ही उसके उरोजों को दबाने लगा। क्या सॉलिड बूब्स थे उसके ! मन तो कर रहा था कि काटकर खा लो।

मैंने उसकी पैंटी में ऊँगली डाली और उसकी योनि में ऊँगली करने लगा। उसकी चूत में से पानी आने लगा।

मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और पैंटी भी उतार दी, उसने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया। अब दोनों एकदूसरे के सामने नंगे खड़े थे। मैंने पहली बार चूत के दर्शन किए थे। उसकी गुलाबी रंग की चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसके बड़े-2 चूतड़ उसको और हसीं बना रहे थे।

मेरे लिंग को देखते ही वो बोली-कितने गंदे हो तुम ! कभी अपनी झांटें भी साफ़ कर लिया करो !

मैंने कहा- डर लगता है ! कहीं कट गया तो?

उसने अपनी बहन अंशु से ब्लेड मंगाया और कहा- आओ, मैं तुम्हारी झांटें बना देती हूँ।

वो मुझे बाथरूम में ले गई और झांटे साफ़ करने लगी और इस बीच मैं उसके स्तन दबाता रहा।

इसके बाद उसने शॉवर चला दिया और हम दोनों उसके नीचे भीगने लगे। एक तरफ पानी और दूसरी तरफ आग, पर आज पानी भी आग को नहीं बुझा पाया।

उसने मेरा लिंग मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं भी उसकी चूचियों को चूसता रहा और चूत में ऊँगली करता रहा।

उसका बदन जलने लगा और कहने लगी- अब और न तड़पाओ मुझे। चोद दो इस चूत को। फाड़ दो इसे अपने फौलादी लंड से।

मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसकी कमर पर हाथ लगाया और उसकी चूत पर निशाना लगाते हुए अपना लंड आगे दिया। पर मेरा लंड किनारे हो गया। उसकी योनि काफी कसी थी। उसकी गुलाबी चूत शायद अभी तक कुंवारी थी। मैंने २-३ बार कोशिश की पर सफल नहीं हुआ।

फिर उसने मेरे लंड पर शैंपू लगाया और अपनी योनि पर भी। अब धीरे से उसने मेरे लंड को योनि के मुख पर टिकाया और मुझसे धक्का लगाने को कहा, वो खुद भी धक्का लगाने लगी। शैंपू की चिकनाहट के कारण लिंग योनि में सरकता चला गया।

आधा अन्दर जाते ही वो जोर से चिल्लाईई और बाहर निकालने के लिए कहने लगी।

मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और उसके स्तन दबाने लगा। धीरे-2 उसका दर्द कम हुआ, तभी मैंने लिंग को थोड़ा बाहर खींच कर पूरी ताकत से पेल दिया। वो तड़प उठी।

मैं फिर उसके होठों को चूमने लगा। धीरे-2 वो जोश में आने लगी और अपने चूतड़ उछाल-2 कर मजे लेने लगी। मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी।

करीब दस मिनट बाद वो झड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया पर मैं अभी भी लगा रहा।

पाँच मिनट बाद मैंने भी वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी और उसके ऊपर लेट गया।

तभी उसकी बहन अंशु वहाँ आ गई और कहने लगी- अब मेरी प्यास भी मिटा दो।

मैंने देखा सीमा वहीं शॉवर के नीचे पड़ी है और उसकी चूत से पानी और खून निकल रहा है।

मैंने सीमा को वहीं छोड़ा और अंशु के पास पहुँच गया।

जैसा मैंने पहले ही बताया था कि अंशु सीमा से भी ज्यादा सेक्सी माल थी और ऊपर से उसका गोरा रंग और गजब ढा रहा था।

मुझे ऐसा लगा की कोई परी मेरे सामने खडी है और कह रही है- आओ, मुझे चोद दो, मेरी चूत की प्यास बुझा दो।

मैंने उसे उठाया और बेड पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट गया। उसने कसकर मुझे पकड़ लिया और उसकी चूचियों का नरम-2 एहसास मुझे अपने सीने पर होने लगा।

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा, धीरे से मैंने उसके होंठों को थोड़ा काट लिया। उसके पूरे बदन में आग लग गई, उसने भी मुझे चूमना शुरु कर दिया।

फिर मैंने उसे थोड़ा अलग किया और उसके स्तन दबाने लगा। वो भी मेरा लिंग दबाने लगी और लिंग को चूसना शुरु कर दिया। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैं भी उसकी चूत में ऊँगली डालने लगा और उसके स्तनों को चूसने लगा।

अंशु की योनि तो सीमा से भी मस्त और कसी थी। उसको देख कर ऐसा लगता था मानो भगवान् ने फुर्सत में उसे बनाया है।

तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने भी अपना वीर्य उसके मुँह में भर दिया, उसने पूरा वीर्य पी लिया और लिंग को चाट-2 कर साफ़ करने लगी।

मेरा लिंग एक बार फिर मैदान में आ गया और इस बार उसका निशाना सिर्फ अंशु की चूत थी। अंशु भी गरम हो गई थी और बार-2 मुझे छोड़ने का निमंत्रण दे रही थी।

मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख लिया। मुझे पता था कि अंशु की चूत भी अभी कुंवारी है इसलिए मैंने धीरे से उसकी योनि का मुँह फैलाया और उस पर लंड का सुपारा टिका दिया।

मैं उसके होंठों को चूमता रहा और एक उसके पुष्ट उरोजों को दबाते हुए हल्का सा झटका दिया और मेरा लंड आधा अंशु की चूत में पंहुच गया।

वो दर्द से चीख पड़ी पर मैंने उसे ज्यादा मौका नहीं दिया और उसके होंठों को चूसता रहा। उसकी झिल्ली फट चुकी थी, मैंने उसका कौमार्य भंग कर दिया था।

मैंने थोड़ा पीछे होते हुए पूरी ताकत से लंड उसकी चूत में डाल दिया।

वो तड़प उठी पर थोड़ी ही देर में उसे मजा आने लगा और वो चूतड़ उछाल-2 कर साथ देने लगी।

करीब 15 मिनट बाद वो झड़ गई। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसे कुतिया की पोजिशन में कर दिया और फिर उसी तरह करीब आधे घंटे चलता रहा।

तभी उसने कहा- राहुल, अब मैं झड़ने वाली हूँ।

मैं भी झड़ने वाला था, मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए। वो मुझसे चिपक गई और निढाल हो गई।

उस रात हम तीनों ने चुदाई के कई राउंड चलाये। जिसमें दो बार मैंने उन दोनों की गांड मारी और चूत को फाड़ कर भोंसड़ा कर दिया।

उसके बाद भी हमे जब भी मौका मिलता हम पूरा फायदा उठाते।

अंशु की चूत तो अब भी वैसी ही टाइट लगती है। कई बार मैंने उनकी सहेलियों के साथ भी सम्बंध बनाए।

पर यह अगली बार।

यह कहानी आप लोगों को कैसी लगी, जरूर बतायें, मुझे ईमेल करें ! Hindi Porn Stories

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