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Massage Girl in East Siang: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in East Siang who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in East Siang that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The East Siang massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in East Siang who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your East Siang massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This East Siang massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in East Siang who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in East Siang employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in East Siang helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in East Siang

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in East Siang at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

प्रेषक : राहुल  Antarvasna

हाय दोस्तों मेरा नाम Antarvasna राहुल है, और मैं सूरत में पला-बढ़ा हूँ। अन्तर्वासना के पाठकों को और उनको मैं शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ जिन्होंने इस साईट का निर्माण किया, ताकि जिससे मुझ जैसे सामान्य आदमी को भी ऐसा महसूस हो कि अपनी बात भी वो किसी को कह सकता है।

तीन दिन पहले मेरी नौकरी छुट गई और मैं रास्ते पर आ गया। बहुत उदास था मैं।

एक दिन चौपाटी में बैठकर सोच रहा था कि अब क्या काम करूँगा?

अचानक मेरी नजर एक लड़की पर गई जो मुझसे थोड़ी दूर बैठी थी। मैंने देखा कि वो मुझे घूर रही थी। हमारी नजरें लगभग पाँच-दस सैकंड तक चार रही। मैं शर्मा गया, मैंने नजरें हटा ली और अपने मोबाईल में ताक-झांक करने लगा।

वैसे दिखने में मैं भी बुरा नहीं हूँ पर बात यह थी कि आज तक कभी किसी खूबसूरत लड़की ने मुझे इस अदा से नहीं देखा था।

अचानक उसने मुझे एक कागज का टुकड़ा मारा। मैंने खोलकर देखा तो उसमें लिखा था- हाय, मैं पूजा हूँ ! ——— यह मेरा नंबर है, मुझे मैसेज़ करो !

उसकी हिम्मत देखकर मैं दंग रह गया। मैंने उसे तुरंत जवाब भेजा- मैं राहुल हूँ !

और हम मैसेज़ से बाते करने लगे।

पूजा : क्या काम करते हो?

मैंने कहा : मेरी नौकरी छुट गई है तो अभी तो मैं कुछ भी नहीं करता।

पूजा : मेरे लिए काम करोगे?

मुझे काम चाहिए था, तो मैंने संदेश से पूछा- काम क्या है?

पूजा : मुझे खुश करना होगा !

मैंने लिखा : क्या तुम्हारा कोई दोस्त तुम्हें खुश नहीं करता ?

पूजा : मेरे बॉयफ्रेंड मुझे वो नहीं दे पाते जो मुझे चाहिए।

अब मैं समझ गया था कि उसे क्या चाहिए। तो मैंने पूछा : मुझे तनख्वाह क्या दोगी?

पूजा : वो तो काम देखने के बाद पता चलेगा।

मैंने कहा : ठीक है ! तो कब और कहाँ मिलना होगा?

उसने मुझे अपने घर का पता भेजा और कहा- आज रात को नौ बजे आ जाना।

मैं बहुत खुश था क्योंकि आज तक किसी लड़की को छुआ तक नहीं था और आज कोई मुझे चुदवाना चाहती है और मुझे इस काम के पैसे भी मिलेंगे।

ठीक नौ बजे मैं उसके बताये पते पर पहुँचा। वो दरवाजे पर ही खड़ी थी, मानो मेरा इंतजार कर रही थी।

उसने सफ़ेद रंग का टी-शर्ट और हाफ-पैंट पहनी थी जो उसे और भी ज्यादा खूबसूरत बना दे रही थी।

मुझे देखते ही आँख मारते हुए बोली : राजा तू तो बड़ा वफादार नौकर निकला !

वो मुझे घर के अन्दर ले गई जहाँ पूजा के अलावा उनकी एक दादी थी। मुझसे परिचय करवाते हुए वो बोली : दादी, यह मेरा दोस्त है, हम साथ पढ़ते हैं। अब इम्तिहान आ रहे हैं इसलिए हम साथ साथ पढ़ेंगे। उसकी दादी को इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी।

फिर वो मुझे अपने कमरे में ले गई। उसने दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया। उसका घर देखकर मैं समझ गया था कि वो काफी रईस है। मेरे लिए ड्रिंक बनाते हुए वो बातें कर रही थी।

उसने कहा : मेरे माता-पिता अमरीका में रहते हैं, अरबोपति हैं, यहाँ मैं अपनी दादी के साथ रहती हूँ। मेरे एकाउंट में दो करोड़ बैलेंस है जो उनके हिसाब से अच्छी जिंदगी बिताने के लिए काफी है। मैं भारत में ही रहना चाहती हूँ।

वो अपने बारे में बता रही थी, इतने में मैं उसके पीछे पहुँच गया, पीछे से ही मैंने उनकी कमर पर हाथ लगाया। मैंने अपना पूरा शरीर उनके शरीर से चिपका दिया और दोनों हाथों से उनके दोनों स्तन दबाने लगा।

उसने कहा : चौपाटी में तुम्हें देखते ही मैंने तय कर लिया था कि मैं तुमसे जरुर सेक्स करुँगी।

मैंने कहा- क्या तुम वो महसूस करना चाहती हो जो आज तक कभी नहीं किया? मैंने कल ही एक इंग्लिश फिल्म देखी है और मैं उसके मुताबिक तुम्हें खुश करना चाहता हूँ।

वो बोली : तुम्हारी जो मर्जी !

मैंने कहा- ठीक है।

मैंने उनका टी-शर्ट निकाल दिया और अपनी थैली में से एक रस्सी निकाली और कहा- अपने हाथ मेरे हवाले कर दो !

मैंने उसके दोनों हाथ रस्सी से बांध दिए और रस्सी को दीवार के दोनों तरफ ग्रिल में बांध दिया जिससे उनके दोनों हाथ हवा में फ़ैले हुए थे। फिर मैंने उसकी आँखों पर मेरा रुमाल बांध दिया। अब उसे न कुछ दिखाई दे रहा था और वो न कुछ कर सकती थी। अब बाजी मेरे हाथ में थी.. वो पूरी तरह से मेरे वश में थी।

मैं उसके सामने गया और उसको अपनी बाहों में ले लिया, उसके होंठों को अपने होंठों में लिया और हम एक दूसरे के होंठों का रस चूसने लगे। मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में घुसा दी। वो मेरी जीभ को चूसने लगी। वो मस्त होने लगी थी। मेरे दोनों हाथ उनकी कमर को सहलाने में व्यस्त थे। वो बड़ी उत्तेजित हो रही थी, शायद इस तरह से कभी नहीं किया होगा।

मैंने उसकी पैंट उतार दी और उनके कदमो में बैठ गया। उसकी चड्डी को बगल में खींच के उसकी चूत को छूने लगा। वो गीली हो चुकी थी। मैंने उसकी चड्डी उतार ली और उसकी चूत को चाटने लगा। उसके मुँह से आवाज़ आने लगी- आ……….. ऊ…..ऊ…. रा….हु…….ल…………… आ.आ.आ.आ.आ……..ऊऊऊ……..

मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा। उससे उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हो रही थी- राहुल….. मुझे खोल दो !

पर मैं उसकी बातों पर ध्यान नहीं दे रहा था। मैंने उसकी चूत को चोदना चालू रखा। उसके दोनों हाथ बंधे हुए थे, दोनों पैर फ़ैले हुए थे। मैंने उसकी आँखों से रुमाल हटा दिया। अब वो मुझे देख रही थी, उसने कहा- मेरे हाथ खोल दो ! मैं तुम्हारे लंड को चूमना चाहती हूँ !

मैंने उसके हाथ खोल दिए, उसने मेरे कपड़े उतार दिए और मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चाटने लगी। मुझसे यह ख़ुशी बर्दाश्त नहीं हो रही थी। यह मेरा पहला अनुभव था, मुझे बहुत मजा आ रहा था। हम उसके पलंग पर 69 की अवस्था में लेट गए। मैं उसकी चूत को चाट रहा था और वो मेरे लण्ड को कुल्फी की माफिक चाट रही थी। अब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ। मैं उसकी चूत को अपनी ऊँगली से चोदने लगा, धीरे धीरे ऊँगली डाली और उसे अन्दर-बाहर करने लगा। इस पर वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हुई। मेरी ऊँगली के साथ वो अपनी कमर ताल मिलाते हुए हिला रही थी।

रा…..हु….ल……….अब मेरी चूत में अपना लण्ड डालो ना. ….

मैं सीधा हो गया और उसके दोनों पैर फ़ैला लिए। उसकी चूत फ़ूल गई थी। मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और हम दोनों मस्त हो गए।

पूजा बोल रही थी- और जोर करो, और जोर करो !

मैंने अपनी पूरी ताकत से उसे चोदा। मेरा लंड चूत में अन्दर-बाहर हो रहा था और में अपने हाथों से उसके स्तन दबा रहा था। उसे स्तन दबवाना बहुत अच्छा लगता था और मेरा तो काम ही यही था कि उसे खुश करना ! मैं वो ही करता गया जो उसे खुश कर सके !

लगभग बीस मिनट तक हम चोदते रहे, फिर वो झड़ गई। लड़कियाँ भी झड़ती हैं, यह मुझे उस दिन पहली बार पता चला था।

फिर वो मेरे पीछे आ गई और मेरे लंड को अपनी मुठ्ठी में ले कर मुठ मारने लगी। मैंने अपना सारा जिस्म उसके ऊपर डाल दिया। वो मुठ मारती गई, लगभग दो मिनट तक वो सुख भुगतने के बाद मैं झड़ गया। मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी छुटी, उसकी एक किताब पर जा गिरी। उसने मेरा वीर्य चाटा और बोली- बहुत ही अच्छा है।

मैंने कहा- क्या तुम्हारे दोस्तों से ज्यादा मजा मैंने दिया ? या नहीं?

वो बोली- आज मुझे वो मिल गया, जो मुझे चाहिए था।

हम दोनों आधे घंटे तक नंगे ही एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे।

मैंने कहा- आगे क्या हुक्म है सरकार?

वो बोली- राहुल, मैं तुम्हें हर महीने दस हजार रूपये दूँ तो क्या तुम रोज दो घंटे मेरे साथ सेक्स कर सकते हो?

मैं राजी हो गया। आज इस बात के तीन साल हो गए। हम रोज चोदते हैं। कभी नहीं भी मिलते, फिर भी पूजा मुझे हर पहली तारीख को दस हजार रूपये जरुर दे देती है। हम अच्छे दोस्त हैं। मैंने कभी भी उसका या उसके रुपयों का गलत फायदा नहीं उठाया।

आशा है कि हम हमेशा ऐसे ही दोस्त बने रहेंगे।

यह कहानी पूजा की अनुमति से ही अन्तर्वासना में भेज रहा हूँ, हमने हमारे नाम भी नहीं बदले ! यह कहानी शत-प्रतिशत सच्ची है।

मुझे अपनी राय दें ! Antarvasna

मित्रो.. नमस्कार.. मैं अंकित .. हरियाणा से हूँ.. मेरी उम्र 24 वर्ष..
यह मेरी पहली कहानी है जो मैं अन्तर्वासना पर लिख रहा हूँ। ये दरअसल मेरी जिन्दगी की एक सत्य घटना पर आधारित कहानी है।

इस घटना में मेरे साथ स्नेहा जोकि 32 साल की है.. जो उसने बताई थी, इस कहानी में नाम बदले हुए हैं।

यह 28 मई 2013 की बात है.. मैं शाम को चैटिंग कर रहा था.. तो एक औरत ऑनलाइन मिली.. उसके साथ चैटिंग शुरू हो गई। उसने अपना नाम स्नेहा बताया साथ ही उसने मुझे वेबकैम चालू करने को कहा.. मैंने अपना कैम ओपन किया और उससे भी कहा तो उसने भी अपना कैम ओपन कर दिया।

जब मैं उसे देखा.. मैं खिल उठा.. क्या मस्त माल थी.. सुपर हॉट.. एकदम बोल्ड.. बड़े-बड़े और एकदम गोरे मम्मे.. खुद दबा रही थी.. उसने सूट पहना हुआ था।

मैंने कहा- खोलो तो..

उसने मुझसे बोला- तुम भी अपना ‘टूल’ दिखाओ।

मैंने कहा- अभी तो मैं परिवार के बीच हूँ रात में सब दिखा दूँगा।

वो बोली- थोड़ी झलक तो दिखा..

मैं कमरे में अकेला था.. मैंने दरवाजा बंद किया और 2 मिनट तक अपना सामान दिखाया।

इतने में वो बोली- क्या तुम लुधियाना आ सकते हो??

मैंने कहा- अगर आप बुलाओगी.. तो क्यों नहीं..

बोली- ठीक है.. कल आ जाओ..

मैंने कहा- इतनी जल्दी ? मैं कल तो नहीं आ सकता..।

उसने कहा- मैं यहाँ पर कल तक ही हूँ.. उसके बाद दो महीने तक बाहर हूँ.. फिर बाद में ही मिल सकेंगे..

मैंने सोचा साला कोई लड़का होगा मुझे वेबकैम पर कोई ट्रिक करके पागल बना रहा होगा..

मैंने मोबाइल नंबर माँगा तो कहती हैं कल आ जाओ.. फिर वहीं देती हूँ।

मैंने कहा- ये भी कोई बात हुई?

फिर उसने कहा- तुम अपना नम्बर दो.. मैं फोन करती हूँ.. और तुम मुझे फोन मत करना..

मैंने कहा- ठीक है..

उसका फोन आया तो.. ओह.. क्या सुरीली स्वीट आवाज थी उसकी- हाय.. कैसे हो अंकित ?

मैंने कहा- वाह.. आपकी आवाज तो बड़ी प्यारी है.. मैं ठीक हूँ.. आप बताओ..

बोली- बस.. तुम कल आ जाओ..

मैंने कहा- यार कुछ समय तो दो मुझे..

अगले दिन ऑफिस में जरूरी काम था।

मैंने कहा- रात में मिलते हैं फिर बात करेंगे और आने के लिए कुछ करता हूँ।

इस तरह फोन पर कुल 2 से 3 मिनट बात हुई.. फिर चैटिंग पर आ गए।

वो बार-बार यही कहती रही- मुझे जाना है.. रात में 10 बजे मिलते हैं।

फिर मैं ऑफिस की प्लानिंग करने लगा.. रात 9 बजे तक फोन करता रहा.. तब जा कर बड़ी मुश्किल से कहीं बात बनी।
फिर रात में मैं ऑनलाइन आ गया और इन्तजार करने लगा। दस मिनट में वो भी आ गई।

फिर मैंने उसके बारे में मालूम किया.. वो शादीशुदा थी.. मैंने पति और बच्चों के बारे में पूछा तो बोली- नो पर्सनल..
मैं चुप हो गया। फिर वेबकैम चालू हो गए.. धीरे-धीरे हम नंगे होते चले गए.. बात चलती रही। उसने अपनी चूत और मम्मे साफ-साफ़ दिखाए।

मैंने भी कैपरी और चड्डी उतार दी। उस हसीन जवानी को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.. मेरा 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लवड़ा पूरा टाइट हो गया था।

वो भी बोली- हाय.. बहुत मोटा है आपका..

अब मिलने का प्लान चलता रहा.. उसने बोला- कल बस स्टैंड पर 11 बजे तक मिल जाना.. मैं 1-2 घंटे के लिए ही मिलूँगी।

फिर प्लान तय हुआ कि होटल में मिलेंगे।

उसने कहा- तुम मुझे फोन मत करना.. मैं तुम्हें 9 बजे खुद फोन करूँगी..

अब उसके साथ 1 से 1.30 घंटे चैटिंग के बाद 12 के करीब मैं सो गया। सुबह 7 बजे घर से निकला और बस पकड़ कर अम्बाला पहुँचा.. उधर से शान-ए-पंजाब ट्रेन पकड़ी।

उसका लुधियाना में मिलने का 12 बजे का टाइम था.. इतने में उसका फोन का इन्तजार करते हुए कॉल भी आ गया।

“कहाँ हो.. कैसे हो… ये मेरा नंबर चालू रहेगा… इस पर फोन कर लेना।

फिर 40-45 मिनट पहले ही फोन चालू हो गए- कहाँ पहुँचे.. कब तक आ रहे हो..

मैं 12.15 पर पहुँच गया.. मैंने फोन किया- आप कहाँ हो?

बोली- मुझे स्टेशन दूर पड़ेगा.. आप बस स्टैंड आ जाओ.. वहाँ एक ढाबा है.. बहुत बड़ा बोर्ड लगा हुआ है..

उसने पता बताया और मैं पहुँच गया.. फोन किया तो बोली- इधर ये गली है.. वहाँ आ जाओ।

मुझे गली नहीं मिली.. आगे रोड पर गया तो एक गाड़ी पास आकर रुकी.. वो पीछे गॉगल्स लगा कर बैठी हुई थी.. क्या कयामत लग रही थी यार.. पूछो मत..
उसने गाड़ी का दरवाजा खोला.. मैं अन्दर बैठ गया।

हैलो.. हाउ आर यू.. चलता रहा.. आगे गाड़ी को ड्राइवर चला रहा था।

उसकी जवानी की क्या तारीफ करूँ.. 34-30-36 का फिगर.. दूध सी गोरी जवानी.. चुस्त जीन्स और गुलाबी रंग का टॉप पहना हुआ था।

मेरी आँखों में चमक और मुँह में पानी आ गया.. मैंने मुश्किल से सब्र किया.. ड्राईवर जो साथ था।

फिर बात शुरू हुई तो बोली- कहाँ चलना है?

मैंने कहा- होटल..

तो बोली- मैं इस तरह होटल कभी नहीं गई।

मैंने भी यही कहा.. फिर मैं एक होटल में गया। उधर पूछा एसी रूम का क्या लेते हैं तो मालूम हुआ 1500 का है।
अभी बात कर ही रहा था कि इतने में उसका फोन आ गया, बोली- कमरा बुक मत करना.. यूँ ही पूछ लो बस..

फिर मैं आ गया.. वो बोली- और कहीं चलते हैं..

मैंने कहा- हाँ.. सिटी के बाहर ही ठीक रहेगा।

तो गाड़ी आगे ले ली.. फिर उससे बात होने लगी।

‘पहले कभी किया है आपने?’

मैंने धीरे से कहा- हाँ..

फिर वो बोली- ये ड्राइवर नहीं.. मेरे पति हैं..

मैं एकदम से सकते में आ गया.. मैंने कहा- झूठ??

तो बोली- कसम से..

मैं अवाक था।

फिर आगे चल कर उसके पति ने ही एक होटल बुक किया।

उसने कहा- पति के साथ एडजस्ट कर लोगे ना.. वो भी कमरे में ही रहेंगे?

मैंने कहा- ओके..

हम लोग कमरे में गए। उसका पति बोला- मैं बाथरूम में जाता हूँ.. आप लोग कर लो..

मैंने पीने का पानी मँगवाया.. गर्मी बहुत थी.. मैंने पानी पिया.. उसने मना कर दिया।

मैं मूड में आ गया वो बिस्तर पर बैठी थी मैंने कपड़े उतारे.. बस चड्डी नहीं उतारी। फिर उसे अपनी बाँहों में ले लिया- आ जाओ जान..

उसे बिस्तर पर गिरा दिया.. उसके रसभरे होंठों को ज़ोर से चूसने लगा।

वो भी मेरे होंठों को जी भर के चूस रही थी।

फिर मैंने उसका टॉप उतारा.. और मैं चूंकि लेटा हुआ था.. सो पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया.. फिर उसको बाँहों में ले लिया।

मैं उसे ज़ोरों से चूमता-चूसता रहा.. उसके मम्मे यम्मी थे.. स्वीट सेक्सी निप्पल चूसे.. बोली- दर्द होता है..

फिर हम दोनों एक-दूजे के जिस्मों से खेलते रहे और पति बाथरूम से आकर पलंग के दूसरी ओर मुँह करके बैठ गया था।

फिर मैंने कहा- जान.. जीन्स तो उतारो..

उसने कहा- लो खोल लो।

मैंने उसकी जीन्स उतारी… क्या नरम-नरम कमर और टाँगें थीं.. नीचे उसकी पैन्टी वो भी गजब की थी.. भूरे रंग की.. फिर मैं उसके होंठ.. गला.. मम्मे.. नाभि… पेट चूसते-चूसते चूत पर आया तो उसकी हसीन मखमली चूत को चुम्बन किया.. उसको खूब चूमा-चाटा.. वो भी मस्ती से मचलने लगी।

फिर तो जितना चूमता था उतनी और प्यास लगने लगती थी। बड़ी ही मीठी महक थी.. नरम साफ चिकनी खूबसूरत चूत थी.. चूसने का और ज़ोर का मन हुआ और ज़ोर से चूसता गया।

वो ‘अहहा.. आहह.. आहह..’ की सिसकारियां लेती रही। फिर उसने एकदम से मेरे बाल पकड़ कर मेरा सर चूत के ऊपर दबा दिया और बोली- और ज़ोर से चूस… ज़ोर से चूस… अहहह..

उसकी चूत का स्वाद इतना मस्त.. जिंदगी भर ना भूलूँ.. हल्का सा नमकीन.. मस्त गीली चूत.. गर्म इतनी जितना जलता हुआ कोयला.. बस मैं भी चूसता जा रहा था। इस बीच मैंने चड्डी उतारी और लंड निकाल कर उसके मुँह में लगा दिया.. वो कामातुर होकर चूसने लगी…
उसे चूसने नहीं आता था.. फिर मैंने ही उसका मुँह पकड़ कर धक्के लगाए। इतने में मैं उसके मुँह में लंड डाले हुए ही उसके पेट के ऊपर से चूत पर पहुँच गया और चूत चूसने लगा।

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उसका पति भी नंगा हो गया और मेरे कान में कहने लगा- मैं मर्द नहीं हूँ.. तुम आज इसकी चूत चोद डालो..

मैंने कहा- ठीक है..

फिर वो अपनी बीवी से कहने लगा- आज जी भर कर चुदवा ले..

हम लंड-चूत चूसते रहे चूचियों से खेलते रहे.. इस हसीन जन्नत में बहुत मजा आ रहा था। फिर मैं उसे स्मूच करने लगा.. तो बोली- तुम्हें नहीं आता.. मैं सिखाती हूँ..

फिर तो वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी बाजू पकड़ लीं.. मेरी दोनों टांगों में अपनी दोनों टांगों कर जोरों से बाँध लीं।

उसने मुझे इस कदर जकड़ लिया था कि मैं हिल भी नहीं सकता था।

फिर वो मेरे होंठों के किनारों पर धीरे-धीरे अपनी जीभ फिराती हुई चूम रही थी.. मैं अपने मुँह से उसकी जीभ पकड़ने की कोशिश करता तो सर ऊपर कर लेती।
मुझे बहुत सनसनी हो रही थी.. ऐसा लग रहा था.. जैसे वो मेरा देह शोषण कर रही हो। इस चुदाई के सबसे हसीन पल यही लगे थे मुझे।

इसके बाद वो मेरा लंड पकड़ कर मुझे चोदने लगी। फिर पोज़ बदल कर मैंने उसे लिटा कर उसकी गीली चूत चूसने लगा और उसके पति ने अपना नामर्द लंड उसके मुँह में डाल दिया।

फिर मैंने अपना लंड पकड़ कर उसकी गरम चूत में डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा।

बोलती है- और ज़ोर से चोद.. और ज़ोर के धक्के मार.. अहहा.. उउहह..

उसे पकड़ कर चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था। दस मिनट तक चोदने के बाद वो अकड़ गई और झड़ गई उसके पानी की गर्मी से मेरा भी निकलने का था।

फिर मैंने लंड निकाल कर उसके मुँह पर पर पिचकारी मारी.. उसने मुँह साइड में किया तो उसके मम्मों पर माल की पिचकारी दे मारी।

फिर पूछा- चूसोगी?

उसने सिर हिला कर मना कर दिया- नहीं..

इतने में वो मुस्करा रही थी.. क्या क्यूट लग रही थी.. और माल उसके मम्मों पर और चेहरे पर खूबसूरती बढ़ा रहा था।
इसके बाद उसके पति ने चोदा.. वो तो 2 से 3 मिनट में धक्के मार कर गिर गया। फिर हमें होटल में डर भी लग रहा था.. इस दौरान 2 घंटे तक हमने चुदाई के खूब मजे किए।

उसके बाद मैंने पूछा- मज़ा आया?

तो बोली- हाँ बहुत ज़्यादा.. तुम चूसते बहुत मस्त हो।

हम सबने कपड़े पहने और निकल गए।

उसने मुझे 2000 दिए.. बोली- रख लो कोई बात नहीं।

मैंने मना किया.. पर उसके प्यार के आगे मना नहीं कर सका।

बोली- अपने लिए कोई गिफ्ट खरीद लेना।

वो पैसे मैंने आज भी संभाल कर रखे हुए हैं।

फिर बोली- आज रात को वेबकैम पर ज़रूर मिलना..

मैंने इन्तजार किया.. पर वो नहीं मिली। मैंने एक-दो बार फोन भी किया तो अटेंड नहीं किया और मैसेज से जबाव दिया- मैं कॉल करूँगी।

उसका आज तक कोई फोन नहीं आया! मुझसे कहा था कि वो 6 से 7 हफ्ते के लिये वो बाहर जा रही है और मैं उसके बारे में कुछ भी नहीं जानता। पता नहीं शायद मेरे नसीब में उससे मिलना था।
उस दिन को कभी नहीं भुला सकता.. उसी हफ्ते मुझे एक कपल से मिलने दिल्ली जाना था.. पर मैं नहीं गया। एक सच्चे प्यार का सा एहसास था वो.. मैं उसे बहुत याद करता हूँ।

मुझे इसके बाद कई कपल और औरत तो मिलीं.. पर उसके जैसी आज तक नहीं मिली।

Antarvasna

मेरे मित्र ने मुझे कुछ ही दिन Antarvasna पहले अन्तर्वासना के बारे में कहा था। पढ़कर बहुत मज़ा आया और अपना भी अनुभव आप लोगों तक पहुँचाने का मन किया।

मुझमें एक आदत है- कोई भी लड़की मेरी तरफ़ देखती है तो दूसरे ही पल मैं उसके वक्ष को देखता हूँ और तुरन्त ही नीचे चूत की तरफ़ देखता हूँ और दांतों से होंट काटते हुए उसकी आँखों में देखता हूँ। अगर वो फ़िर मुझे देखती है तो जान जाता हूँ कि काम की है और उसी पर थोड़ा लाइन मारता हूँ।

तो दोस्तो, बात एक साल पहले की है। हमारे पड़ोस में सामने वाले घर में अपने रिश्तेदार के यहाँ एक नई लड़की रहने आई। उसका नाम रोमा है, 19 साल की पजाबी लड़की थी। दिखने में किसी हिरोइन से कम नहीं थी। जो भी देखता था तो देखता रह जाता था। पर बहुत ही घमन्डी थी। और दोस्तो, मुझे घमन्डी लड़की को चोदने को बहुत मन करता है। जब से आई, उसे चोदने का मन बना लिया था।

नसीब से हम दोनों का बेडरूम फ़स्ट-फ़्लोर पर ही था और दोनों की गैलरी भी आमने-सामने ही थी। दो तीन दिन निकल गये वो जरा भी इधर-उधर नहीं देखती थी।

एक दिन शाम को मेरी तबियत ठीक न होने के कारण मैं जल्दी ही घर आ गया था और सोने के लिये बेडरूम में आ गया तो देखा तो रोमा अपनी गैलरी में खड़ी थी। मैंने सोचा- मौका अच्छा है।फ़िर तुरन्त ही अपना पैन्ट उतार के, वो मुझे देख सके, उस तरफ़ मुँह करके अपने लण्ड को तेल लगा-लगा कर मालिश करने लगा।

जैसे ही उसने मुझे नंगा देखा, तुरन्त अपने कमरे में भाग गई। दोस्तो, मेरा लण्ड अगर किसी भी औरत या लड़की ने देखा तो चखने का मन बन ही जाता है। फ़िर मैंने खिड़की के काँच से देखा तो पता चला कि वो दरवाजे के पास कुर्सी डाल कर चुपके से मेरे कमरे में झांक रही थी। मैंने सोचा- मेरा काम हो गया।

फ़िर मैं भी कुर्सी ले कर दरवाजे के पास जाकर बैठ गया और तेल लगाकर मुठ मारने लगा। वो छुप-छुप के देख रही थी और शरमा रही थी और देख भी रही थी। उसे जरा भी पता नहीं था कि मैं जानबूझ के उसे दिखा रहा हूँ। फ़िर उसे और भड़काने के लिये ही मैंने मेरी भाभी से पानी लाने को कहा।

वो तो दंग रह गई। एक तो मैं पूरा नंगा था और भाभी को बुला रहा था। भाभी जैसे ही पानी लेकर आई, मुझे देखकर बोली- शरम नहीं आती? जब देखो तब लेकर बैठ जाते हो !

मैं उठ कर भाभी के पास गया और उसे पीछे से पकड़ लिया और मस्ती करते करते ठीक दरवाजे के पास लाकर भाभी के पीछे से ब्लाउज के उपर से ही भाभी के स्तन दबा रहा था। भाभी मुझे डाँटते हुए मुझसे छुटने की कोशिश कर रही थी और बोल रही थी- रात को आऊँगी ! जी भर के चोद लेना ! और कहने लगी- छोड़ो, कोई देख लेगा।

मुझे तो दिखाना ही था ! भाभी को कहाँ मालूम मेरी योजना। यह सोच कर मन ही मन मैं मुस्कुराने लगा और उनके बाल पकड़ के पीछे से चूमने लगा। हमारा यह नज़ारा देख कर रोमा और पगल हो रही थी और घूर घूर कर देख रही थी। मैं धीरे धीरे भाभी के स्तनों को दोनों हाथों से जोर जोर दबा रहा था। अब भाभी को मजा आ रहा था और मेरा विरोध करना बन्द कर दिया।

फ़िर मैंने एक हाथ से उसकी साड़ी को ऊपर उठाया और उसकी पैन्टी में हाथ डाल कर भाभी की चूत में उंगलियाँ डाल कर मसल मसल कर मुठ मारने लगा। थोड़ी देर में भाभी की साड़ी खुल गई तो मैंने पैन्टी भी उतार दी।

एक हाथ दरवाज़े पर टिका दिया और पीछे से अपना लण्ड भाभी की चूत के पास लाकर आगे से चूत को लगा कर ऊपर नीचे करने लगा। भाभी बेड पर ले जाने को बोल रही थी। मैंने मना किया और एक झटका मार दिया तो आधा लण्ड अन्दर चला गया। एन्गल ऐसा था कि चूत में घुसा हुआ आधा लण्ड रोमा को साफ़ दिखाई दे रहा था।

और रोमा को देख कर मैं भी जोश में आने लगा और भाभी को गपागप चोदे जा रहा था। ऊपर से दोनों हाथों से दोनों चूचियों को बेरहमी से दबा रहा था और साथ में भाभी के होंठों को चूस-चूस के मजे ले रहा था। हम दोनों के चक्कर में भाभी को मजा आ रहा था और मुँह से तरह तरह की आवाजे निकाल रही थी- आऽऽ आआ अह, या आह्ह, उफ़्फ़, बस, छोड़ो मुझे, जाने दो, कोई देख लेगा !

भाभी की आवाजों से रोमा भी उत्तेजित होने लगी। बीच बीच में लण्ड बाहर निकाल के अन्दर डाल रहा था। मलाई से लोट-पोट लण्ड देख कर रोमा से रहा नहीं जा रहा था। लण्ड अच्छा दिख रहा था। फ़िर झटके तेज करके लगा रहा था। दस मिनट तक एसे ही चोदता रहा, इतने में भाभी की चूत से पानी निकल गया तो वो मेरे हाथ से छुट गई और अपने कपड़े उठा के वहाँ से चली गई।

फ़िर मैंने रोमा के सामने आकर लण्ड हाथ में लेकर मुठ मार-मार कर पानी निकाल दिया। जैसे ही मेरे लण्ड से पानी निकला, तो पानी जैसे उसके मुँह में गिरा हो, उस तरह रोमा अपना थूक निगल रही थी। इतने में रोमा के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी तो वो उठकर गई और मैं भी छुप गया।

दूसरे दिन भाभी ने मुझसे चायनीज़ खिलौनों की दुकान से फ़ाईबर का लण्ड मंगवाया। भाभी को शादी हुई दो साल हुए, मेरे भैया से उनको चूत का सुख नहीं मिलता था। उसे अब तक भैया ने कम, मैंने ज्यादा चोदा है।

तो रात को 9-30 बजे जब मै बडरुम में गया तो देखा कि रोमा अपने कमरे में बैठकर टी वी देख रही थी और थोड़ी-थोड़ी देर बाद मेरे कमरे की तरफ़ देख रही थी। मैं समझ गया कि उसे चूत का खेल फ़िर से देख्नना है। फ़िर मुझे भी भाभी को फ़ायबर के लण्ड का मज़ा देना था।

जैसे ही मैंने भाभी को आवाज़ दी, रोमा ने अपने कमरे की लाइट बन्द कर दी और अपने बेड पे जाकर खिड़की में नजर टिका कर बैठ गई। पर टीवी चालू होने के वजह से साफ़ पता चल रहा था कि वो मुझे देख रही है।

घर पर आज भी मेरे और भाभी के अलावा कोई नहीं था। इतने में भाभी दूध ले कर ऊपर आ गई। भाभी को भी घर पर कोई न होने का पूरा मजा लेना था। आते ही वो भी सीधा बेड पे आ गई। मैंने सारे कपड़े उतार दिए और उनके बाल खुले करके लेटा दिया। फ़िर भाभी टांगें ख़िड़की की तरफ़ करके उसकी चूत चाटने लगा। फ़िर उंगलियों से मसलने के बाद जब चूत पूरी तरह गीली हो गई तो मैंने फ़ायबर का लण्ड भाभी की चूत में धीरे से घुसेड़ दिया।

घुसते ही भाभी चिल्लाई। रोमा को भी कुछ नया दिख रहा था। जैसे ही पूरा लण्ड अन्दर गया, भाभी और चिल्लाने लगी, क्योंकि वो काफ़ी मोटा था और लम्बा भी था।

मैं थोड़ी-थोड़ी देर में रोमा को देख रहा था। अब वो पूरी तरह से पलट कर हमें देख रही थी। फ़ायबर के लण्ड से थोड़ी देर चोदने के बाद मैंने भाभी को उल्टा करके कुतिया बनाया और भाभी की गाण्ड में थूक लगा के गीला कर दिया फ़िर धीरे से अपना लण्ड अन्दर घुसेड़ दिया। भाभी दर्द के मारे आहें भर रही थी। धीरे-धीरे भाभी की गाण्ड खुल गई। फ़िर मैं उठ-उठ कर चोदने लगा। तो भाभी का हाल- न कहा जाये न सहा जाये ! ऐसा था।

थोड़ी देर गाण्ड चोदने के बाद भाभी को उठा के बाल पकड़ कर मुँह में लण्ड दिया। वो लण्ड चूसने में माहिर है। मुँह से ही कभी कभी लण्ड ढीला करके पानी निकाल देती थी। थोड़ी देर बाद भाभी को सीधा करके दस बारह झटके मारते ही भाभी झड़ गई और ऐसे ही पलंग पर सो गई।

तब मैंने लाइट बंद कर दी और चुपके से दरवाजे से होकर गैलरी से कूद कर रोमा की गैलरी में गया और दरवाजे से अंदर जा के सीधा लाइट चालू किया जोर से कहा- क्या देख रही हो कब से?

रोमा एकदम डर गई। वो पूरी नंगी थी। उसकी उंगलियाँ चूत में थी। मैं उससे पास गया फ़िर भी वो उठी नहीं। उसे लगा कि उसकी चोरी पकड़ी गई। मौके का फ़ायदा उठा के मैंने उसे पकड़ लिया और उसे चूमने लगा। वो कुछ भी नहीं बोल पा रही थी।

फ़िर ज्यादा देर न करके उसे लिटा कर उसकी चूत में उँगली डाली तो पता चला चूत पूरी गीली और एकदम कंवारी थी। मैं अपना लण्ड चूत के मुख पर रख कर ऊपर-नीचे घिसाता रहा और फ़िर जोर से एक झटका दिया तो आधा लण्ड अन्दर घुस गया।

रोमा जोर से चिल्लाई- ओ…मा…॥

फ़िर रोमा ने अपनी जांघें जकड़ ली दर्द के मारे ! मुझे हिलने नहीं दे रही थी। रोमा का ध्यान दर्द से हटाने के लिये मैं उसके स्तन मसल रहा था। एक साथ दोनों जगह का आनंद लेते लेते रोमा ने अपनी टांगें थोड़ी चौड़ी कर ली। मैंने भी मौका देखकर जोर से दो चार झटके दिए तो इस बार पूरा लण्ड रोमा की चूत को फ़ाड के अंदर चला गया।

रोमा के मुँह से उप्स्स्स्स्स की आवाज निकली। फ़िर उसके चाहने पर भी ना रुका ! गपागप रोमा की मस्त चूत को चोदता ही रहा। उसके मुँह से आवाज रुक नहीं रही थी- आहाह्ह्ह्ह उईईई माँ ! और 5 मिनट में रोमा स्खलित हो गई। दस बारह झटके लगा के मैंने भी पूरा का पूरा पानी अंदर ही छोड़ दिया और चुपचाप अपनी चड्डी पहनकर अपने कमरे में आ गया।

रात को चार बजे एक बार देखने गया तो रोमा अभी भी ऐसे ही सोई हुई थी। उसका नंगा बदन देख के मेरे मन को लगा कि फ़िर मौका मिले ना मिले, एक बार और चोद लेता हूँ।

और फ़िर चालू हो गया। दस मिनट चोद के फ़िर पूरा पानी अंदर ही छोड़ कर आ गया।

तीन दिन के बाद रोमा अपने शहर चली गई। लेकिन उसने मुझे फ़िर नहीं देखा। बीस दिन के बाद अचानक वो फ़िर से आई और रात को मुझे अपने कमरे में बुलाया। मैं खुशी से गया तो पता चला कि उसका मासिक जो 15 तारीख को आता था वो नहीं आया ! वो तो डर गई थी, यही बताने खास वो यहाँ आई थी। मैंने उसे दवाई दी तो उसका मासिक हो गया।

अब हमारी अच्छी दोस्ती हो गई, अपना मोबाइल नम्बर दे गई। महीने में एक बार उसे मिलने जाता हूँ तो चोद के ही आता हूँ।

मैं यह कहानी भी उसे पूछ कर ही लिख रहा हूँ।

मेरे दोस्तो, मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताना। Antarvasna

Indian Sex Stories

हाय दोस्तों, Indian Sex Stories कैसे हैं आप सब, मैं आज अपनी पहली और सच्ची कहानी लिख रही हूं, शायद आप को पसंद आये। मैं एक शादी शुदा ४६ साल, ३६ ३२ ३६ लेडी हूं

मेरी शादी को २५ साल होने आ रहे हैं। मेरी शादी शुदा जिंदगी बड़े मजे से गुजर रही थी, मैने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी जिंदगी में ऐसा भी एक दिन आयेगा। एक महीने पहले की बात है मेरे पति एक दिन बाहर जा रहे थे उन्होंने मेरे पड़ोस में रहने वाले एक लड़के जिसकी उमर १९ साल है, को कहा कि तुम घर पर रुक जाना मैं २ दिन में वापस आ जाउंगा, आंटी को अकेले में डर लगता है। उसने कहा ठीक है, पहले भी वो कई बार मेरे यहाँ पर रुक चुका था, पर कभी भी मैने उसको गलत नजरिये से नहीं देखा था वो मुझे आंटी कहता था और मैं भी उसको बेटे के जैसा ही मानती थी।

कड़ाके की ठंड पड़ रही थी, हम दोनो हमारे डबलबेड पर ही लेटे थे और अलग अलग कम्बल से अपने शरीर को ढके हुए थे। रात में मैं जब पेशाब करने के लिये उठी तो देखा कि वो लड़का एकदम सिकुड़ कर पड़ा है और जोर जोर से काँप रहा है, मैं जब बाथरूम से वापस आई तो मैने उससे कहा कि बेटा ज्यादा ठंड लग रही है तो एक कम्बल और निकाल देती हूं, उसने कहा नही आंटी ऐसे ही ठीक है। पर मेरी नींद उड़ गई थी मैं बार बार उसको देख रही थी वो ठंड से काँप रहा था, फ़िर मैने उससे कहा कि वो मेरे कम्बल में आ जाये दोनो कम्बल से कुछ ठंड कम हो जायेगी। उसने संकोच करते हुए मेरे कम्बल के नीचे अपना आधा शरीर कर लिया, फ़िर मैने उसको पकड़ कर पूरा शरीर अपने कम्बल में खींच लिया। एक कम्बल के अन्दर दो लोग दूर दूर नहीं सो सकते थे इसलिये उसकी बोडी मुझसे टच होने लगी, मैने देखा वो अब भी काँप रहा है, मैं उसको खींच कर अपने पास कर लिया। अब उसने एक हाथ से मुझको जोर से पकड़ लिया और मैने देखा कि उसका कँपन बढ़ता ही जा रहा है तो मैं उसको अपने सीने से चिपटा लिया। थोड़ी देर में उसने काँपना बंद कर दिया।

उसके शरीर से चिपकने के कारण मुझमें सेक्स भड़क गया। मैने धीरे से उसका मुंह अपनी चूची के सामने कर दिया उसके होंठों के पास और अपना एक हाथ नीचे करके उसके लंड के पास कर दिया। थोड़ी देर के बाद मैने देखा कि वो मेरी चूचियों पर मुंह से दबाव दे रहा है और नीचे अपने लंड को मेरे हाथ से टच करने की कोशिश कर रहा है। मुझे भी मजा आने लगा था। मैने अपने ब्लाउज़ के हुक खोलकर और ब्रा को ऊपर उठकर चूची बाहर निकाल कर उसके मुंह में दे दी, वो मेरी चूची को चुभलाने लगा, फ़िर मैने धीरे से उसके लंड को पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगी, अभी उसके लंड का साइज़ बहुत बड़ा नहीं था पर मेरे ऊपर तो नशा छाया हुआ था।

फ़िर मैने उससे पूछा अच्छा लग रहा है तो उसने सिर हिलाकर हां कहा, मैने अपने ब्लाउज़ और ब्रा को निकालकर अपने कबूतरों को आज़ाद कर दिया, अब वो मेरे एक चूची को मुंह से और दूसरी को अपने हाथ से सहलाने लगा। मैं उसके लंड को जोर से पकड़कर हिलाने लगी, फ़िर मैने उसको कहा कि अपने मुंह को मेरी चूत की तरफ़ करो मैं तुम्हारे लंड को मुंह में लेना चाहती हूं। वो तुरंत ही ६९ पोजिशन में आ गया मैने उसके लंड को मुंह में ले लिया और वो मेरी चूत को जीभ से चाटने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था छोटा सा लंड मुंह में लेने में, वो तो जैसे पागल सा हो गया था, मैने उसका सिर पकड़ कर जोर से अपनी चूत पर दबाया, थोड़ी देर में वो कहने लगा आंटी मेरी पेशाब निकल रही है मैने कहा ठीक है कर दो मेरे मुंह में (मुझे पता था वो डिस्चार्ज हो रहा है) उसका शरीर एकदम से अकड़ सा गया और मेरे मुंह में झड़ गया। कुछ देर के बाद मैं भी उसके मुंह में अपना सारा पानी निकाल दी और उससे बोली चाट चाट कर साफ़ कर दो। उसे भी बड़ा मजा आ रहा था, फ़िर मैने कहा अब तुम अपने पूरे कपड़े निकाल दो और मैने भी अपने पूरे कपड़े निकाल दिये और दोनो नंगे ही चिपक कर एक दूसरे के अंगों सहलाते हुए सो गये।

दूसरे दिन न तो वो और न ही मैं एक दूसरे से आंख मिला पा रहे थे। वो दोपहर में स्कूल से बहाना बनाकर छुट्टी लेकर आ गया। मैं उसके घर पर ही उसकी माँ के साथ बैठी थी मैने पूछा आज जल्दी क्यों आ गये तो वो बोला मेरे सिर में बहुत दर्द हो रहा था इसलिये। फ़िर मैं वहाँ से उठकर अपने घर पर आ गई आते समय मैने उससे कहा बेटा जब तुम्हारी तबियत ठीक लगे तो आना थोड़ा सा बाज़ार का काम है। करीब आधे घंटे के बाद वो आया, मुझसे पूछा क्या काम है आंटी, मैने कहा कुछ नहीं मुझे ये जानना था कि तुमको क्या हो गया, तुमने किसी को ये सब बताया तो नहीं, वो बोला आप पागल है क्या ऐसी बात भी किसी को बताते हैं, फ़िर मैने पूछा कल रात में मजा आया कि नहीं, वो बहुत खुश दिख रहा था मैने उसको एक किस दी और हाथ से उसके पैंट के ऊपर से उसके लंड को हिलाते हुए पूछा जनाब के क्या हाल हैं वो शरमाते हुए बोला आंटी मेरे अंडो में बहुत मीठा मीठा दर्द हो रहा है मैने कहा रात में सब ठीक हो जायेगा। आज की रात जब वो आया तो मैने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी और पतली झिन्नी सी गाउन पहनी हुई थी, वो भी बहुत उतावला दिख रहा था, आते ही मुझसे लिपट गया, मैने कहा जल्दी मत करो तुम चलो बेड पर मैं आती हूं, और फ़िर ……………………।। Indian Sex Stories

mera naam priyanka hai. main 37 saal kee hoon, mere shareer ka aakaar 36, 34 aur 38 hai, main shaadeeshuda hoon aur teen bachchon kee maan hoon. main dillee mein rahatee hoon, aur mere pati aksar apanee naukaree mein vyast rahate hain, alag-alag shaharon kee yaatra karate rahate hain. zindagee apane saamaany rooteen mein chal rahee thee jab tak ki meree mulaaqaat mumbee ke 21 varsheey khoobasoorat moorkh kabeer se nahin huee. ham chhah maheene pahale mile the - aamane-saamane, onalain nahin - aur kuchh hee maheenon mein, ham sachche premiyon kee tarah bahut kareeb aa gae. hamane ek-doosare ko aise tareeke se samajha jo jaaduee laga. lekin is kameene ke saath ek dikkat thee: vo hamesha vyast rahata tha! jab bhee main use apanee choot kee pyaas bujhaane ke lie dillee aane ke lie kahatee, to usake paas koee na koee bahaana hota tha. vajah ye thee ki vo doosare klaints ko chodane mein vyast rahata tha. mujhe nahin pata ki vo klaints use kya khila rahe the, lekin unhonne usaka saara samay le liya tha. main bahut adheer ho rahee thee. main usaka land choosana chaahatee thee; main usase baat karana chaahatee thee; main chaahatee thee ki vo har samay meree choot kee bhookh ko pooree tarah se shaant kare. isalie, mainne use phir se kol kiya. "kabeer, tum mujhe kab tak bahaane dete rahoge?" mainne niraasha bharee aavaaz mein poochha. kameene ne kaha, "bebee, tumhen pata hai ki main aana chaahata hoon, lekin—" "lekin main apane bekaar maadarachod ko kya bataoon? kya tumhaare klaint tumhen sarakaaree naukaree de rahe hain?" mainne chidhaate hue kaha. kameene ne hansate hue kaha. "theek hai, theek hai, main aaoonga! bas mujhe mere phaikaltee kee tarah daantana band karo!" aakhirakaar, usane dillee ke lie ek phlait buk kee. main itanee utsaahit thee ki main raat ko mushkil se so paee. agalee subah, main taiyaar huee, apanee pasandeeda dres pahanee, aur use eyaraport se lene ke lie apanee skootee par chadh gaee. dillee ka traifik bahut pareshaan karane vaala tha, hamesha kee tarah duhsvapn, aur mujhe kaaron, bason aur oto-riksha ke beech se apana raasta banaana pada, jo aise horn baja rahe the jaise ki yah unake jeevan ka mishan ho. eyaraport par, "kabeer!" mainne haath hilaaya aur chillaaya. bevakooph ne mudakar mujhe dekha, aur usaka chehara divaalee kee roshanee kee tarah chamak utha. "beb!" vah meree or bhaaga. lekin isase pahale ki vah mujhe gale laga paata, meree skootee ka helamet mere haath se phisalakar usake pair par gir gaya. 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