Important Notice: Mail for rent - info@tottaa.com

Massage Girl in Lower Subansiri: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Lower Subansiri who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Lower Subansiri that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Lower Subansiri massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Lower Subansiri who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Lower Subansiri massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Lower Subansiri massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Lower Subansiri who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Lower Subansiri employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Lower Subansiri helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Lower Subansiri

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Lower Subansiri at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

सभी अन्तर्वासना के Antarvasna पाठकों को मेरी तरफ से यानि कि मोनू की तरफ से प्रणाम ! मैं अन्तर्वासना का एक सच्चा पाठक हूँ जो इसकी एक एक कहानी का तुत्फ़ उठाता हूँ।

मैं कई बार अपनी एक मस्त चुदाई सबके सामने लाना चाहता था जोकि मैं लेकर आप सब के सामने आया और गुरू जी ने मेरी मस्त चुदाई की दास्तान सबके सामने रखी जिसके लिए मैं उनका अति धन्यवादी हूँ और आप सब पाठकों ने मेरी कहानी को जो प्यार दिया उसके लिए भी हर एक बन्दे का शुक्रिया !

दोस्तो, पिछली बार जैसे मैंने बताया था कि नेट के गाण्ड मारने वाले पुरुष ने मुझे यह मशवरा दिया था कि रात को कार लेकर निकलूंगा तो कोई ना कोई तो मिलेगा ही !
उसकी बात सच हुई और मुझे एक मस्त मोटा लम्बा चौड़ी छाती पर घने बालों वाला हट्टा-कट्टा मर्द भी मिल ही गया जिसने पूरी रात मेरी गांड का बैंड बजाया।

उसके बाद जैसे मैंने कहा था कि अगली रात भी मैं अकेला ही था लेकिन मेरे नेट वाले दोस्त ने मुझे एक सलाह दी थी कि एक मर्द को जो मजदूर टाइप का हो, उसको दुबारा नहीं बुलाना, और दिन में तो बिल्कुल ही नहीं !

उसकी इसी नसीहत पर मैं कायम रहा और अगली रात फिर कार से निकला और एक मस्त लंड की तलाश में था। आज मैं उस इलाके में नहीं गया हालांकि उसने मुझे आज मिलने के लिए पक्का किया था लेकिन मैंने आज अपने नेट फ्रेंड की बात मानी आज मैं रेलवे स्टेशन गया, वहां एक पेड-पार्किंग में मैंने कार पार्क की और सड़क पर पहुँच गया।

कई रिकशा वाले जाने के लिए बोले लेकिन काफी देर खड़े होने के बाद मुझे मुझे एक साफ़ सा मूंछों वाला हट्टा-कट्टा रिक्शा वाला दिखा।
उसने मुझे बड़े गौर से घूरा और मेरे पास आया। उसने मुझे भांप लिया था क्यूंकि वो दूर खड़ा देखता रहा था कि मैंने इतने रिक्शा वालों को मना क्यूँ किया था।

बोला- साहिब, इतनी महंगी कार पार्किंग में लगा कर इतनी रात को कहाँ जाने के लिए रिक्शा देख रहे हो ?

मेरी नज़र घूम फिर कर उसके पजामे पर अटक जाती कि शायद वहां कोई हरक़त दिखे।

तुम्हें कैसे पता कि मैंने कार पार्क की है? कह मेरी नज़र फिर वहीं चली गई तो आखिर उसने अपना लंड खुजलाया।

तब मैंने अपना चेहरा दूसरी तरफ किया।

अरे ओ चिकने साहिब, अब देख भी लो ! कब से कुछ देखने की कोशिश में थे !

वो मेरी तरफ बढ़ा, आसपास कोई ना था, मैं भी थोड़ा आगे बढ़ा और अपने हाथ से उसके लंड को पकड़ते हुए मसल दिया- इसके लिए खड़ा हूँ इतनी देर से !

हाँ ! मुझे मालूम था साहिब ! रोज़ रात को रिक्शा चलता हूँ, आप जैसे अमीर घर के लोग, चाहे लड़कियाँ, औरतें हां बुड्ढे तक ऐसी गलियों में रात को निकलते हैं अपनी वासना मिटाने या फिर मिटवाने के लिए !

बोला- अब कहाँ चलना है?

मैंने कहा- मेरे घर !

बोला- ज़रा रुकना, मैं स्टैंड पर रिक्शा ज़मा करवा के यहाँ आता हूँ, आप अपनी कार ले आयें।

फिर उसको बिठा मैंने तेजी से कार उल्टे सीधे रास्तों से इतने चक्कर काट कर घर ले गया। पूरे रास्ते मेरा एक हाथ उसके लंड पर था।

बत्ती बन्द कर पहले की तरह उसको अन्दर ले गया। रात के ग्यारह बजे थे। अपने लिए बियर और उसको मोटा पैग विस्की का दिया, उसका पजामा उतार दिया।

जब कच्छा उतारा तो भयंकर सा लंड फनफ़नाता हुआ बाहर निकला। रास्ते में उसका लंड पूरा खड़ा नहीं हुआ था। पूरी तरह से आज़ाद हो शराब के नशे से उसका लण्ड पूरा जोश में आ चुका था। उसने अपना एक पैग और लिया।

मैं उसको अपने बिस्तर में ले गया और खुद को नंगा कर दिया। मेरा जिस्म देख उसकी आंखें फटी रह गईं। इतने गोल-मोल मम्मे, गुलाबी चुचूक, गोरी चिकनी गांड, पूरे बदन पे एक बाल नहीं था। उल्टा उसके बाल ही बाल थे।

बहनचोद, साले, तू तो मस्त माल है रे ! हाय, मुझे गरीब को तो कभी ऐसी लड़की तक नसीब नहीं हुई !

कहते ही वो मुझ पर टूट पड़ा।

हाँ ! ऐसे ही रौंदो मुझे !

मैं ऐसा ही साथी चाहता था। मसल रहा था वो मेरे जिस्म को ! पागल हो चूका था वो ! दारु सर चढ़ कर बोलने लगी थी उसके ! मैं बता नहीं सकता कि कितना आनंद आ रहा था मुझे ! उसने मेरी छातियों को मसल कर लाल कर दिया था, दांत के निशाँ डाल दिए थे, चुचूक चूस कर सुर्ख कर दिए।

बोला- एक और पैग दे !

मैंने उसके लिए एक मोटा पैग डाला और अब उसकी छाती पर बैठ गया। उसकी तरफ कमर कर 69 का आसन सेट किया और उसके मोटे लंड को मुँह में ले लिया। वो मेरी गांड पर बियर डाल-डाल चाट रहा था।

इतनी गोरी गांड है तेरी साले ! मेरी तो आज चांदी हो गई ! मुफ्त की शराब और तेरे जैसा शबाब !
उसने बियर की बोतल खोलकर पास रखी हुई थी, गांड पे डालता और चाटता।

मैंने भी एक बियर का टिन पास रखा हुआ था, उसके लंड पर डालकर चूसता जा रहा था। अब मुँह में लेना मुश्किल सा होने लगा था क्योंकि बहुत बड़ा हो गया था। उसने अपनी जुबान गांड के छेद में डाल घुमा दी। आज तक किसी ने मेरी गांड नहीं चाटी थी, वो भी इस तरह !

मेरे मुँह से अब सिसकारियाँ निकलने लगीं। जब वो जुबान घुमाता मेरी आंखें बन्द होने लगतीं !

मैं उठा और वहां से अपने कंप्यूटर-टेबल के दराज़ से कंडोम निकाला और प्यार से उसके लंड पर डाल दिया। उसने मुझे अपने नीचे लेते हुए दोनों टांगें चौड़ी करवा लंड को छेद पर टिकाया। उसको पूरा नशा था, उसने झटका मारा तो लंड फिसल गया।

मैंने अपने हाथ से पकड़ छेद पर रख दोनों टांगों को उसकी कमर से लिपटा लिया जिससे दबाव बढ़ा तो लंड खुद ही ठिकाना ढूंढने लगा। मेरी आँखों का इशारा पाते ही उसने झटका दिया और उसका आधा लंड मेरी गाण्ड में घुस गया। थोड़ी तकलीफ हुई।

इस आसन में मुझे हमेशा शुरु में दर्द सहन करना पड़ता है। लेकिन उसके बाद जब उसका पूरा घुस गया और वो झटके पर झटका मारने लगा। मुझे बहुत मजा आने लगा।

अब उसकी कमर को मैंने और ताक़त से लपेट लिया ताकि लण्ड बाहर न आये और मुझे मजे मिलते रहें। अहऽऽ उहऽ रजा और झटको लंड को ! हाय साले फाड़ मेरी गाण्ड !

अभी बहन के लौड़े, गांडू ! बस देखता जा ! आज रात तुझे कितना मजा दूंगा !

हाय साले, तेरी रांड तेरे नीचे लेटी है, इसके अंग अंग को चाट लो ! मेरा दूध पी लो रजा ! हा कमीनी तू है ही लड़की जैसा रे !

उसने बाहर निकाल लिया और मुझे कुतिया की तरह झुका लिया और बजाने लगा मेरी गोरी गांड को ! साथ साथ थप्पड़ मारता रहा !

फाड़ मेरी ! और तेज़ !

उसकी रफ़्तार बढ़ती गई !

हाय हाय ! और, और, और ! और हाँ हाँ डालता जा !

उसने एक दम से कंडोम उतार दिया और सारा पानी गोरी गांड पर उगल दिया और रगड़ रगड़ के लाल किये हुए छेद पर महरम की तरह लगाने लगा। बाकी का माल उसने मेरे मुंह में डाल दिया। मैंने उसके लंड को साफ़ कर दिया।

फिर हम नहाने लगे। बाथरूम के टब में एक दूसरे से चिपके हुए थे- मेरा हाथ में उसका मूसल लंड था जिसे मैं बहुत प्यार से सहला रहा था और वो खड़ा होता जा रहा था। उसने पास में विस्की की बोतल रखी हुई थी। उसने दो तीन मोटे पैग वहीं ठोक लिए। मैंने भी बियर का काफी नशा कर लिया था।

उसने मुझे टब से निकाल चमचमाते फर्श पर लिटा लिया। ऊपर से शावर का पानी बरसने लगा। उसका लंड छत की तरफ तना जोश में हिल रहा था। मैं उसकी मर्जी समझ चुका था। थोड़ी देर मुँह में लेकर उसको मजा दिया फिर उसके लंड पर बैठ गया। उसकी जांघों में इतना दम था कि वो मुझे टेनिस की बाल जैसे उछाल उछाल के चोद रहा था।

जब मैं वापस लंड पर गिरता तो उसका लंड मेरी गुठली से रगड़ खाता तो में आंखें बंद कर लेता।

पूरी रात न जाने कितनी बार उसने मुझे चोदा। सुबह साढ़े पांच बजे मैंने उसको कार में बिठाया। उसने मुझे अपना नंबर दिया, बोला- यह घर के पास पी.सी.ओ का है, उन्हें कहना कि राम लुभाया को बुलवा दो !
ठीक है !

वैसे ही उल्टे-सीधे रास्ते मैंने उसको वहीं उतार दिया। उतरने से पहले उसने मुझे कहा- साइड पर लगा ले, थोड़ा सा मजा और मिल जायेगा।

वहीं उसका थोड़ा चूसा और पजामा नीचे करके सीट पर ही उसके लंड पर बैठ गया और धीरे धीरे झटके लगाता। कुछ देर वो चोदता रहा और फिर निकाल के मुँह में डाल मुठ मारने लगा। मैंने उसके हाथ से लंड लिया खुद उसकी मुठ मार उसका माल निकलवा दिया, उसने सारा मेरे जुबान से साफ़ करवाया और उतर गया।

इस बन्दे ने मुझे आज वो चुदाई का मजा दिया था जो किसी से नहीं मिला था। उसके बाद घर आया और सो गया। दोपहर तीन बजे आंख खुली जब पापा का फ़ोन आया कि वो एक-दो दिन और रुकने वाले हैं। तू अपना ख़याल रखना, खाना ठीक से बनवा के खाना !

अगली रात का सरताज कौन बना- अगली बार ही लिखूंगा।
अलविदा न कहना ! Antarvasna

Hindi Sex Stories

प्रीती की बात सुनकर मुझे उस Hindi Sex Stories पर नाज़ हो गया। ठीक है जो ज़िंदगी में गुजरा वो कुछ अजीबो गरीब था लेकिन वो सही में मुझसे प्यार करती थी।

रवि भी नाश्ते के लिये हमारे साथ हो गया, “क्यों सुनील! आबिदा और सलमा के साथ कैसा रहा?”

“रवि! तुम्हारे सुझाव के लिये शुक्रिया”, मैं हँसते हुए बोला, “सही में इतना आनंद मुझे कभी नहीं आया, उन दोनों का जवाब नहीं।”

दिन इसी तरह गुज़ार गया। चुदाई की छूट थी, जिसकी मरज़ी में जो आता उसे रूम में ले जाकर उसकी जम कर चुदाई करता। हम सब शाम को ड्रिंक्स पीने बैठे ही थे कि दरवाजे पर घंटी बजी। “आप सब रुकिये, मैं देखती हूँ”, आबिदा ने उठते हुए कहा।

“मैडम! आर्यन बाबा आये हैं!” आबिदा ने दरवाजा खोलते हुए कहा।

“ये इस समय यहाँ क्या कर रहा है”, रूही अपनी सीट से उठती हुई बोली।

“हाय मम्मी”, इतने मैं एक अट्ठारह साल का गबरू लड़का हॉल में दाखिल हुआ।

“तुम यहाँ क्या कर रहे हो?” रूही ने उसे बाँहों में भरते हुए कहा, “तुम्हें तो बोर्डिंग में होना चाहिये था।”

“मम्मी! स्कूल की छुट्टियाँ जल्दी शुरू हो गयी, इसी लिये मैं यहाँ आ गया”, आर्यन ने जवाब दिया।

“अच्छा हुआ तुम आ गये, अपने मेहमानों से मिलो!” रूही ने उसका माथा चूमते हुए कहा।

“आप सब इससे मिलें, ये मेरा बेटा आर्यन है”, रूही ने बारी-बारी हमारा परिचय कराया।

रवि को देख कर वो उनसे हाथ मिलाते हुए बोला, “अरे रवि अंकल! आप कब आये और कैसे हैं?”

रवि ने उससे हाथ मिलाते हुए कहा, “आर्यन तुमसे मिलकर खुशी हुई, आओ बैठो यहाँ। और बताओ कैसी गुजर रही है स्कूल में। तुम सही में सुंदर और जवान हो गये हो, स्कूल की लड़कियाँ तुम पर मरती होंगी।”

“नहीं अंकल! ऐसे नसीब कहाँ हैं हमारे।”

“इसका मतलब तुमने आज तक किसी लड़की की चूत नहीं चोदी है?” रवि ने कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“नहीं अंकल! कोई लड़की तैयार ही नहीं हुई।”

“ममम… मेरा बच्चा! कोई बात नहीं आज तुम्हारा कुँवारापन जरूर लुटेगा, ये मेरा वादा है”, रवि ने कहा।

“वो ठीक है अंकल! पर क्या मम्मी मानेगी इस बात को?” आर्यन ने पूछा।

“तुम उसकी चिंता मत करो! मैं सब संभाल लूँगा!” रवि ने जवाब दिया।

रात को खाने की टेबल पर रवि ने सब से पूछा, “लड़कियों! क्या तुम ये बर्दाश्त कर सकती हो कि हमारे बीच कोई कुँवारा बैठा हो?”

“नहीं!!!!” सबने जवाब दिया।

“तुम किसकी बात कर रहे हो?” रूही ने पूछा।

“किसकी क्या? मैं तुम्हारे बेटे आर्यन की बात कर रहा हूँ”, रवि ने कहा।

“तो तुम सब में से कौन इसका कुँवारापन भंग करना चाहेगा?” रवि ने पूछा।

“मैं!! मैं!!! नहीं मैं!!!!” चारों तरफ से आवाज़ आ रही थी।

“सब शाँत हो जाओ!” रूही ने अपना हाथ उठाया, “अगर आर्यन का कुँवारापन ही भंग करना है तो मैं तय करूँगी कि वो किसके साथ रात गुज़ारे…. आर्यन! तुम अपने कमरे में जाओ और इंतज़ार करो।”

आर्यन के जाने बाद सबने मिलकर पूछा, “वो नसीबदार कौन है?”

“प्रीती! क्या तुम आर्यन का कुँवारापन लेना चाहोगी?”

“आपने मुझे ही क्यों चुना?” प्रीती ने पूछा।

“वैसे तो तजुर्बे के हिसाब से मैं ही जाती, लेकिन मैं उसकी माँ हूँ, और तजुर्बे के हिसाब से मेरे बाद तुम ही आती हो!” रूही ने जवाब दिया।

“ठीक है! अगर ये बात है तो मुझे मंजूर है”, प्रीती ने कहा।

“आँटी मैं बीच में कुछ कहूँ?” अंजू बोली। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“कुछ कहने की जरूरत नहीं है, मैं जानती हूँ तुम्हारी चूत क्या माँग रही है”, रूही हँसते हुए बोली, “आज रात रवि तुम्हें और तुम्हारी बहन को चोदेगा, जाओ और मज़े लो।”

“थैंक यू आँटी, मगर आपको कैसे पता चला कि हम रवि से चुदवाना चाहते हैं?” मंजू बोली।

“मैं समझ सकती हूँ कि जब सुनील इस चीज़ में यकीन रखता है कि चुदाई में खून के रिश्तों कि इज्जत करनी चाहिये, तो इसका मतलब है कि तुम्हें सुनील ने नहीं चोदा है और तुम लंबे और मोटे लंड से चुदवाने को मरी जा रही हो”, रूही ने जवाब दिया।

रूही ने फ़िर फैसला किया कि कौन किस के साथ सोयेगा, उसने मुझे अपने लिये बचा के रखा। कुछ देर और शराब का दौर चला और फिर सब अपने-अपने कमरे में चुदाई करने चले गये।

रूही भी ऊँची पेंसिल हील के सैंडल पहने नशे में लड़खड़ाती मेरे साथ अपने बेडरूम में आ गयी। बिस्तर में नंगी कुछ ज्यादा ही हसीन लग रही थी। मैं उसे चूम रहा था और उसके बदन को सहला रहा था, उसकी सिसकरियाँ इस बात की गवाह थी कि उसको भी मज़ा आ रहा था। उसकी चूचियाँ और निप्पल चूसने के बाद मैंने उसके पैरों की तरफ बढ़ा। उसके गोरे सुंदर पैर ब्लैक कलर के हाई हील सैंडलों में बहुत ही खूबसूरत लग रहे थे और मैं उन्हें चूमने से खुद को रोक नहीं सका। उसके बाद जैसे ही मैंने अपनी ज़ुबान उसकी बिना बालों की चूत पर रखी तो रूही सिसकते हुए बोली, “ओहहहह सुनील!!! तुम्हारी ज़ुबान कितनी अच्छी लग रही है!!!! हाँ….आआआआ इसी तरह मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदते रहो!!!!” मैं उसके ऊपर लेट कर अपने लंड को उसकी चूत पर जोर से रगड़ने लगा तो वो नशे भरे स्वर में बोली “ओहहहह सुनील अब और मत तरसाओ!!!! प्लीज़ अपने लंड को मेरी चूत में डाल दो ना!!! प्लीज़ज़ज़!!!”

मैंने अपने लंड को उसकी चूत पे रख कर एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक डाल दिया। “हाँ ऐसे ही….. मज़ा आ गया!!! अब चोदो और फाड़ दो मेरी चूत को!!!” रूही फिर नशे में मस्ती से बड़बड़ायी।

अब मैं तेजी से धक्के लगा रहा था। मैंने उसके दोनों मम्मों को अपने हाथों से भींच रहा था। उसकी टाँगें मेरी कमर पे लिपटी हुए थी और वो मेरे धक्कों का जवाब धक्कों से दे रही थी। हम दोनों का शरीर एक लय और एक ताल में उछल रहा था।

“ओहहहहह सुनील!!!! हाँ चोदो….. हाय!!!! ऊईईईईईईईईईईई अल्लाह….. मेरा तो गया…आआआ”, और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो जोर-जोर से साँसें लेने लगी।

मैंने कसके उसे अपनी बाँहों में भींचा और मेरे लंड ने भी उसकी चूत में पानी छोड़ दिया।

“सुनील! मज़ा आ गया, इतनी कस के मुझे आज तक किसी ने नहीं चोदा”, कहकर रूही ने एक सिगरेट सुलगा ली और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसती हुई बीच-बीच में सिगरेट के कश लेने लगी। एक बार फिर मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया।

मैंने रूही को घोड़ी बनने को कहा और उसके पीछे आ अपना लंड उसकी चूत पर घिसने लगा।

“सुनील! मैं चाहती हूँ कि अब तुम मेरी गाँड में अपना लंड डाल कर चोदो”, रूही धीरे से बोली।

“खुशी से मेरी जान!” ये कहकर मैंने अपना लंड पहले उसकी गीली चूत में डाला और फिर बाहर निकाल कर उसकी गाँड के छेद पे रख के थोड़ा सा दबाया।

“ऊऊऊईईईई हाय अल्लाह!!!!” रूही जोर से सिसकी, “सुनील! थोड़ा प्यार से करो…… तुम्हारा लंड कितना मोटा है।अल्लाह

अब मैं उसकी गाँड में धक्के मार रहा था और साथ ही साथ उसकी चूत में अपनी अँगुली डाल अंदर बाहर कर रहा था।

“ऊऊ.ऊऊ..ओओहहहह सुनील!!!! कितना अच्छा लग रहा है, रुको मत करते जाओ…… ओहहहहह मेरा छूटने वाला है!” इसके साथ ही मैंने भी अपना वीर्य उसकी गाँड में छोड़ दिया।

थोड़ी देर बाद हमने एक और बार चुदाई की और एक दूसरे को बाँहों में लेकर सो गये।

दूसरे दिन जब हम सब नाश्ते के लिये जमा हुए तो मैंने देखा कि आर्यन का कहीं अता-पता नहीं था। रूही ने मेरी बहनों से पूछा, “तुम लोगों की रात कैसी गयी, क्या रवि के लंड में मज़ा आया?”

“ओह रूही आंटी!!!! मैं तो स्वर्ग में पहुँच गयी थी….. ऐसा लगा!” अंजू ने जवाब दिया।

“और मुझे तो ऐसा लगा कि एक बार फिर से मैं कुँवारी बन गयी हूँ, रवि का लंड वाकय में जानदार है”, मंजू बोली।

“मुझे खुशी हुई कि तुम दोनों को मज़ा आया”, रूही खुशी से बोली। “प्रीती तुम्हारी रात मेरे शैतान आर्यन के साथ कैसी रही?”

“बहुत अच्छी!!! आर्यन बहुत समझदार है, जल्दी ही चुदाई के सारे गुण सीख जायेगा….” प्रीती हँसते हुए बोली।

“ऐसे नहीं! हम सब को पूरा किस्सा सुनाओ?” रूही बोली। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

प्रीती की ज़ुबानी:

जैसा आप सबको मालूम है कि मैंने कल काफी ड्रिंक कर रखी थी। मैं जब सिर्फ हाई-हिल के सैंडल पहने नशे में गिरती-पढ़ती कमरे में पहुँची तो देखा कि आर्यन बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। वो नंगा हो अपने खड़े लंड को हाथों में पकड़े हुए था।

“तो तुम वो मेरी पहली चूत हो जिसकी मैं चुदाई करने वाला हूँ”, उसने मुझे बाँहों में भरकर संभालते हुए कहा। फिर मुझे जोरों से चूमते हुए उसने मुझे बिस्तर पर ढकेल दिया।

“आराम से आर्यन”, मैंने कहा, “मैं यहाँ चुदवाने ही आयी हूँ, कहीं भाग नहीं जाऊँगी, मुझे पहले कपड़े तो उतार लेने दो।”

“सॉरी प्रीती”, शरमाते हुए उसने मुझे छोड़ दिया।

वो मुझे देख रहा था और मैं खड़ी होकर नशे में डगमगाती हुई अपने कपड़े उतार रही थी। वो एक टक मेरे नंगे बदन को निहार रहा था, “क्या पहली बार किसी लड़की की चूत देख रहे हो?” मैंने पूछा

“न…. हाँ…” उसने जोर की साँस लेते हुए कहा।

मैं नंगी होकर, सिर्फ अपने ऊँची हील के सैंडल पहने फिर बिस्तर पर पसर गयी और अपनी टाँगें चौड़ी करके बाँहें फैला कर उससे कहा, “मेरी चूत को बाद में ठीक तरह देख लेना, अब आओ और मुझे चोदो।”

वो मेरे ऊपर गिर पड़ा और अपना लंड मेरी चूत में डाल कर तेजी से धक्के लगाने लगा। वो पहली बार किसी लड़की को चोद रहा था इसलिये मैंने उससे कुछ नहीं कहा। थोड़ी ही देर में वो अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ कर गहरी साँसें ले रहा था।

मुझे पहले तो बहुत गुस्सा आया पर मैंने ज़ाहिर नहीं किया। आखिर ये उसका पहली बार चुदाई का अनुभव था। मैंने उसे अपने ऊपर से हटाना चाहा तो वो गिड़गिड़ाते हुए बोला, “प्रीती प्लीज़! मुझे एक बार और चोद लेने दो, मेरा लंड थोड़ी देर में ही फिर खड़ा हो जायेगा।”

“वो तो खड़ा हो जायेगा….. मुझे मालूम है, लेकिन चुदाई से पहले मैं तुमसे कुछ बात करना चाहती हूँ?”

वो मेरे ऊपर से उठ कर मेरी बगल में बैठ गया। “क्या तुम्हें अपनी पहली चुदाई में मज़ा आया?” मैंने पूछा।

“प्रीती! पूछो मत….. इतना मज़ा तो मुझे आज तक मुठ मार कर भी नहीं मिला”, उसने जवाब दिया।

“लेकिन मुझे मज़ा नहीं आया”, मैंने कहा।

“तुम्हें मज़ा क्यों नहीं आया? मैंने तो सुना है कि चुदाई में लड़की को भी बराबर का मज़ा आता है।”

“हाँ! मज़ा आता है…. अगर उसकी चुदाई थोड़े प्यार और आराम सी की जाये। तुमने बड़ी जल्दी में चुदाई की और लड़कियों को झड़ने में थोड़ा वक्त लगता है”, मैंने कहा, “अब आओ और मुझे प्यार से और धीरे-धीरे चोदो।”

वो मेरे ऊपर आकर मुझे धीरे-धीरे चोदने लगा। “हाँ! ऐसे ही चोदते जाओ, हाँ! अपने धक्कों का अंदाज़ भी साथ-साथ बदलते रहो, कभी जोर से कभी प्यार से”, मैंने उसे चूमते हुए कहा।

अब वो मुझे अलग अलग-अंदाज़ में धक्के मारता हुआ चोद रहा था। मेरी नसों में खून का उबाल बढ़ने लगा। मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैं अपने कुल्हों को उठा कर उसके धक्कों का साथ देने लगी। “आर्यन तुम सही जा रहे हो!!!! ऐसे ही चोदो अब….. और तेजी से हाँ..आआआ ओहहहहह जोर से…… आआआआहहहह मेरा छूटा।” दो चार धक्के और लगा कर उसने भी अपना पानी छोड़ दिया।

“अब कैसा लगा चुदाई करना?” मैंने उससे पूछा।

“पहली बार से बहुत ज्यादा अच्छा!” उसने जवाब दिया।

“एक बात का खयाल रखना आर्यन! कि हर लड़की मेरी तरह चुदाने को तैयार नहीं आयेगी। तुम्हें उसे चुदवाने कि लिये उक्साना पड़ेगा। तुम्हें उससे प्यार करना होगा, इस अंदाज़ में को वो खुद अपनी टाँगें फैला कर तुम्हें चोदने को कहे”, मैंने उसे बताया।

वो मेरी चूचियों से खेलने लगा, मेरे निप्पल को मुँह में ले कर बड़े प्यार से उसने चूसा। मेरी टाँगें, जाँघें और यहाँ तक कि मेरे पैर और सैंडल तक उसने बड़े जोश से चाटे। फिर उसने मेरी चूत भी बड़े प्यार से चाटी और अपनी जीभ से काफी देर तक चोदी।

आर्यन जल्द ही सब कुछ सीखता जा रहा था। हम लोगों ने एक बार फिर चुदाई की।

“एक लड़की अपनी गाँड में किसी मर्द का लंड ले कर भी उसे मज़ा दे सकती है!” मैंने उसे बताया।

“क्या लंड और गाँड में?” उसने चौंकते हुए कहा।

“हाँ गाँड में! तुम सुनील और रवि से पूछ सकते हो, गाँड मारने में कितना मज़ा आता है, लेकिन हाँ गाँड पे थोड़ा तेल या क्रीम लगाना नहीं भूलना क्योंकि गाँड का छेद छोटा होता है और इससे दर्द ज्यादा होता है”, मैंने कहा।

फिर उसने मेरी गाँड मारी और हम सो गये। सुबह मैं सो कर उठी तो आर्यन गहरी नींद में सोया हुआ था। मैं नहाने चली गयी और जब लौटी तो देखती हूँ कि आर्यन अपने खड़े लंड को पकड़े बैठा था।

मुझे देख कर वो बिस्तर से उठा और मुझे बाँहों में भर कर बिस्तर की ओर घसीटने लगा। “नहीं आर्यन! अभी नहीं! अब मैं नहा चुकी हूँ!” मैंने कहा।

“प्लीज़ प्रीती!! देखो ना मेरा लंड कैसे खड़ा है, इसका तो खयाल करो”, उसने मुझे और जोरों से भींचते हुए कहा।

इसका खयाल मैं दूसरे तरीके से कर देती हूँ, कहकर मैंने उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। थोड़ी ही देर में उसके लंड ने पानी छोड़ दिया।

वो मुझे फिर भी चोदने की ज़िद करने लगा। जब मैंने मना किया तो वो गुस्से में कमरे से बाहर चला गया और मुझे नहीं पता अब वो कहाँ है।

प्रीती ने अपनी बात पूरी की।

“थैंक यू प्रीती! मैं जानती थी तुम आर्यन को सही रास्ता दिखाओगी! मैं संभाल लूँगी उस शैतान लड़के को”, रूही बोली, “आबिदा क्या तुमने आर्यन को देखा है?”

“हाँ मैडम!!! जब वो सलमा को चोद रहे थे”, आबिदा थोड़ा मुस्कुराते हुए बोली।

थोड़ी देर में आर्यन सलमा को अपनी बगल में दबाये हॉल में दाखिल हुआ।

“कुतिया!!! जा मेरे लिये नाश्ता ला!!!” आर्यन ने आबिदा से कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“आर्यन मुझे बदतमिज़ी पसंद नहीं है जरा भी!!! समझे???” रूही ने उसे डाँटते हुए कहा, “फौरन उससे माफी माँगो।”

“रहने दें मैडम! मुझे बुरा नहीं लगा”, आबिदा टेबल पर नाश्ता लगाते हुए बोली, “ये मुझे हमेशा ऐसे ही बुलाते हैं, पहले तो बुरा लगता था पर अब शायद मैं आदी हो गयी हूँ।”

“आबिदा! मुझे सच-सच बताओ कि ये सब कब से चल रहा है और क्यों चल रहा है”, रूही थोड़ा गुस्से में बोली।

“मैडम! दो साल से! जब आप घर में नहीं होती थी तो आर्यन बाबा मुझे अकेले में पकड़ लेते थे। वो मुझे चोदना चाहते थे पर मैंने उन्हें कभी चोदने नहीं दिया। हाँ मैं उन्हें अपनी चूचियों से और चूत से खेलने जरूर देती थी।”

“मेरा भी मन करता था चुदवाने को पर मैं अपने आप पर काबू रखती थी, और मैंने सलमा से भी कह दिया था कि वो आर्यन से ना चुदवाये। बस आर्यन बाबा हमारी चूचियों पर अपना लंड रगड़ कर झड़ जाते थे”, आबिदा बोली।

“हाँ मैडम! आबिदा ठीक कह रही है”, सलमा बोली, “आज भी मैं इन्हें चोदने नहीं दे रही थी पर इन्होंने कहा कि आज से इन्हें इजाज़त है।”

“नहीं! इसने इजाज़त नहीं ली थी”, रूही हँसते हुए बोली, “हाँ माँगता तो मैं जरूर दे देती। आर्यन आज से तुम आबिदा को भी जब जी चाहे चोद सकते हो।”

“मैं और इस कुतिया को चोदूँगा? कभी नहीं!” आर्यन गुस्से में बोला।

“कोई बात नहीं! समय इसका जवाब देगा”, रूही बोली।

आर्यन, आयेशा के पास जाकर बोला, “चलो कमरे में चुदाई करते हैं।”

“पहले मुझे नाश्ता तो खत्म करने दो”, आयेशा नाश्ता करते हुए बोली।

“क्या ये घटिया सा नाश्ता… इस नाश्ते से अच्छा है?” आर्यन अपना गाऊन उठा कर अपने खड़े लंड को दिखाते हुए बोला।

“हाय अल्लाह! क्या खूबसूरत लंड है तुम्हारा!” आयेशा लड़खड़ाते कदमों से उठी और उसके लंड को पकड़ कर बाहर जाने लगी, “सॉरी आँटी! मैं अपना नाश्ता बाद में कर लूँगी।”

आर्यन का लंड भी लंबा और मोटा था, एकदम राम के लंड के जैसा। दरवाजे की और घसीटने के चक्कर में आयेशा हाई-हील सैंडलों में संतुलन नहीं रख पायी और लड़खड़ा कर वहीं कार्पेट पर गिर पड़ी। शायद उसका पिछली रात का नशा पूरा उतरा नहीं था। आर्यन ने थोड़ा भी इंतज़ार किये बिना आयेशा का गाऊन उठा कर अपना लंड उसकी चूत में वहीं सबके सामने डाल दिया।

“शाबाश आर्यन! और जोर से!” जय बोला। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“हाँ… जोर से चोदो उसे!” राम ज़ुबैदा को ज़मीन पर लिटाते हुए बोला। सब लड़कियाँ ताली बज़ा कर आर्यन को उक्सा रही थीं। थोड़ी देर में तो माहोल ऐसा गर्मा गया कि जिसे जो मिला उसे ले वहीं चुदाई शुरू कर दी।

“तुम सब जितना चाहे मज़े लो, मैं अपने कमरे में जा रही हूँ”, रूही टेबल से उठती हुई बोली।

मैं भी रूही के पीछे उठा तो देखा कि अंजू और मंजू रवि के लंड से खेल रही थी।

मैंने रूही को दरवाजे पर ही पकड़ कर कहा, “रूही, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।”

“क्यों नहीं! आओ मेरे कमरे में”, वो बोली।

“कमरे में नहीं! यहीं जमीन पर!” कहकर मैंने रूही को कार्पेट पर लिटाया और उसे चोदने लगा।

जब मैं उसे दो बार चोदकर तीसरी बार चोदने की तैयारी कर रहा था तो विजय अपना लंड सहलाते हुए बोला, “साले सहाब! ये अच्छी बात नहीं है कि आप किसी को अपनी जागीर बना लें।”

सारा दिन यही सब चलता रहा। सबसे ज्यादा आर्यन ने चुदाई की। उसने हर लड़की की चुदाई की, किसी-किसी को तो दो बार चोदा। सबसे ज्यादा वो ही थक गया था और अपने कमरे में सोने चला गया।

रूही ने आबिदा और सलमा को इशारा किया तो दोनों उठीं और अपने हाथों में गरम तेल लेकर आर्यन के कमरे की ओर बढ़ गयी। मैं समझ गया कि आज आर्यन की मालिश होगी और आर्यन खुद आबिदा को चोदने की भीख आबिदा से माँगेगा।

मैंने देखा कि आयेशा रवि की गोद में बैठी थी और उसका लंड अपनी चूत में घुसा रही थी।

थोड़ी देर में फिर सब चुदाई में जुट गये। “ज़ुबैदा! तुम मेरे साथ आओ, मैं तुम्हारी गाँड चेक करना चाहता हूँ”, श्याम बोला।

“श्याम, थोड़ी देर में चलते हैं ना!”

“ज़ुबैदा डार्लिंग! इस घर में कोई चुदवाने को मना नहीं करता”, रूही बोली, “श्याम एक काम करो इसकी गाँड हमारे सामने ही मारो।”

“ज़रा धीरे-धीरे करो ना!” ज़ुबैदा सिसक कर बोली जैसे ही श्याम ने अपना लंड उसकी गाँड में पेल दिया।

जय, रूही की ओर बढ़ कर उसके मम्मे दबा रहा था। मैंने भी फातिमा को अपनी गोद में खींच लिया था। अब सब चुदाई में मस्त हो रहे थे। चारों तरफ चुदाई का माहोल था। जब सब थक गये तो अपने अपने कमरे में जाकर सो गये।

शाम को नाश्ते की टेबल पर सबने आबिदा और सलमा से पूछा कि दोपहर को क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि किस तरह मालिश के दौरान आर्यन इतना उत्तेजित हो गया कि वो अपने आपको आबिदा को चोदने की चाह से रोक ना पाया। जब आबिदा ने मना किया तो उसने वादा किया कि वो आबिदा को कुतिया कभी नहीं बुलायेगा और दोपहर भर वो फ़िर आबिदा और सलमा को चोदता रहा।

अब जबकि आर्यन और आबिदा में सुलह गो गयी थी, माहोल और खुशनुमा हो गया था। रात का खाने खाने के बाद हम सब ड्रिंक्स पीते हुए टीवी पर एक ब्लू फिल्म देखने लगे।

फिल्म काफी सैक्सी थी। वो फिल्म एक कुँवारी लड़की की पहली चुदाई की कहानी थी, सब लोग शराब का मज़ा लेते हुए वो फिल्म देख रहे थे।

“वाह क्या पिक्चर है! काश मैं उस लड़के की जगह होता और चूत को फाड़ रहा होता!” राम अपने खड़े लंड को सहलाते हुए बोला।

“हाँ सही कह रहे हो…… देखो तो उसकी चूत का छेद कितना छोटा है!” शाम भी बोला।

“काश हमें भी कोई कुँवारी लड़की की चूत मिल जाती, हमारी बीवियाँ तो पहले इन साले राम और श्याम से चुदवा चुकी थीं, इसलिये ये मौका हमारे हाथ से जाता रहा”, जय और विजय दोनों साथ-साथ बोले।

“तुम सब लोग कुँवारी चूत की बात कर रहे हो, कुँवारी चूत में ऐसा क्या है?” आर्यन ने पूछा।

“आर्यन! तुम्हें नहीं पता कि कुँवारी चूत को चोदने में कितना मज़ा आता है”, राम ने कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“यार! तुम्हें नहीं मालूम जब एक मस्ताना लंड किसी कुँवारी चूत में घुसता है तो उस कुँवारी चूत की झिल्ली उस लंड को अंदर जाने से रोक देती है। तब तुम्हें अंदर बाहर करके उस झिल्ली को फाड़ने के लिये जोर लगाना पड़ता है। और जब जोर लगाते हुए वो लंड चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ और उस झिल्ली को फाड़ता हुआ जड़ तक समाता है तो उसका मज़ा ही कुछ और होता है”, श्याम ने कहा।

“डियर! ये मज़ा ज़ुबान से बयान नहीं किया जा सकता, इसके लिये तो तुम्हें कुँवारी चूत का अनुभव करना होगा”, राम ने फिर जवाब दिया।

“मेरे प्यारे भाई! चिंता मत करो, एक दिन तुम्हें भी कुँवारी चूत चोदने का मौका मिलेगा”, फातिमा ने उसकी पीठ थपाते हुए कहा, “आप क्या कहती हैं मम्मी?” उसने रूही की ओर देखा।

“मैं अभी से कुछ नहीं कह सकती”, रूही ने आबिदा की ओर देख कर कहा, “आबिदा! सायरा के साथ तुम कहाँ तक बढ़ी हो?”

“मैडम! कुछ खास नहीं, हालांकि वो मुझे अपने मम्मे दबाने देती है और चुम्मा भी लेने देती है मगर अपनी चूत को हाथ लगाने नहीं देती”, आबिदा ने जवाब दिया।

“तो इसका मतलब है कि उसके भरोसे नहीं रहा जा सकता?” रूही ने कहा।

“हाँ मैडम! फिलहाल तो नहीं…. लेकिन वो रास्ते पे जरूर आ जायेगी, उसकी चूत बहुत गरम है”, आबिदा ने कहा।

“मम्मी! आप भी कमाल की हो! आपको पहले से ही मालूम था कि एक दिन हालात ऐसे हो जायेंगे और आपने आर्यन के लिये कुँवारी चूत पहले से ही सोची हुई थी?” फातिमा ने कहा।

“सायरा कौन? अपने माली की लड़की?” आर्यन ने चौंकते हुए पूछा।

“हाँ वही!” आबिदा ने आर्यन की बात की पुश्टी की।

“काश उसकी कुँवारी चूत मुझे चोदने को मिल जाती”, आर्यन ने हताश होते हुए कहा।

“आर्यन इतने निराश मत हो! हो सकता है वो अब भी तुम्हें मिल जाये। आबिदा! ये बताओ कि उसकी उम्र कितनी है?” प्रीती ने पूछा।

“मैडम! वो कोई बच्ची नहीं है, और जहाँ तक मेरा अंदाज़ है उसकी उम्र अपने आर्यन बाबा जितनी ही होगी”, आबिदा ने जवाब दिया।

“ठीक है! आबिदा क्या वाकय में वो बहुत गरम मिजाज़ लड़की है?” प्रीती ने पूछा।

“हाँ मैडम! वो मुझे अपने मम्मे चूसने देती है, और मेरे मम्मे भी बड़े सैक्सी अंदाज़ में चूसती है, लेकिन वो समाज की बंदिशों से शायद डरती है और इसी लिये इससे आगे नहीं बढ़ती”, आबिदा ने जवाब दिया।

“तब तो ठीक है! रूही आंटी कल आप सायरा को घर पर बुलाओ और मैं देखती हूँ कि वो अपनी चूत में लंड के लिये भीख कैसे नहीं माँगती”, प्रीती मुस्कुराते हुए बोली।

“पर ये सब कैसे होगा?” रूही ने उत्सुक्ता से पूछा।

तब प्रीती ने रूही को स्पेशल दवाई की कहानी सुनाई कि कैसे ये सब हासिल हो सकता है। पर उसने खुद को और मेरी बहनों को पर्दे में ही रहने दिया।

“इसका मतलब है तुम वो दवाई अपने साथ लायी हो?” रूही बोली।

“हाँ! ले के तो आयी थी कि पता नहीं कब इस्तमाल करने की जरूरत पड़े, पर लगता है कि आज उसकी जरूरत पड़ ही गयी”, प्रीती मुस्कुराते हुए बोली।

“तब तो ठीक है”, रूही ने कहा, “आबिदा एक काम करो! तुम उसके घर जाओ और उसके घर वालों को कहो कि मेहमान आये हैं और उसे शाम को कुछ देर भी हो सकती है काम पर से वापस आने में। लेकिन उन्हें इस बात का यकीन दिला देना कि कोई भी उसे घर तक छोड़ के जायेगा।”

आबिदा रात के खाने के थोड़ी देर बाद ही आकर बोली, “मैडम! वो सुबह नौ बजे पहुँच जायेगी।”

सुबह नाश्ते के बाद हम सब सायरा के आने का इंतज़ार कर रहे थे। “प्रीती! तुमने आबिदा को सब कुछ समझा दिया है ना?” रूही ने पूछा।

“हाँ! मैंने उसे वो स्पेशल दवाई मिले कोक कि बॉटल भी दे दी है…. और उसे कहा है कि संभल कर यूज़ करे…. ताकि सायरा को शक ना हो”, प्रीती ने कहा।

आर्यन ख्यालों में कहीं खोया हुआ था। “तुम्हें इतना चिंतित होने की जरूरत नहीं है”, प्रीती ने कहा।

“मैं चिंतित नहीं हूँ, बुस अपनी उत्तेजना को संभाल नहीं पा रहा हूँ”, आर्यन ने जवाब दिया।

“सिर्फ़ वैसे ही करना जैसा मैंने तुम्हें समझाया है, कहीं जोश में अपना लंड एक ही झटके में उसकी चूत में ना घुसेड़ देना, वर्ना वो दर्द में चिल्ला पड़ेगी और तुम्हें भी मज़ा नहीं आयेगा।”

“पहले उसे खूब प्यार करके उत्तेजित करना। और अगर वो अपने टाँगें जकड़ी रखे तो अपने लंड को प्यार से उसकी चूत पे इतना रगड़ना कि वो खुद-ब-खुद अपनी टाँगें फैला दे। फिर धीरे से अपना लंड उसकी चूत में डालना और धीरे से धक्के मारते हुए उसकी झिल्ली को फाड़ना, इससे तुम्हें भी मज़ा आयेगा और उसकी भी पहली चुदाई यादगार बन जायेगी”, प्रीती ने उसे समझाते हुए कहा।

इतने में आबिदा ने बताया कि सायरा आ गयी है और वो उसे किचन में लेकर जा रही है जहाँ सलमा उनका इंतज़ार कर रही है।

जैसे ही वो हम लोगों की नज़रों के आगे से गुज़र कर किचन की ओर बढ़ी तो मैंने देखा कि वो देखने में कोई बहुत सुंदर नहीं थी पर उसके शरीर की बनावट बहुत ही जानदार थी। उसकी छातियाँ बहुत ही बड़ी और भरी-भरी थी।

“आर्यन तुम सही में नसीब वाले हो”, जय ने कहा।

“सही में! उसकी चूत में लंड डालने में मुझे तो बहुत ही मज़ा आयेगा”, श्याम ने कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“तुम्हें किसकी चूत में लंड डालने से मज़ा नहीं आता?” अंजू बोली।

किचन में पहुँच कर सायरा बोली, “हाय अल्लाह! इतने कपड़े धोने के लिये हैं, अभी कुछ दिन पहले ही तो मैं सब कपड़े धोकर गयी थी।”

“वो क्या है कि मैडम के कुछ मेहमान आये हैं, इसलिये कपड़े कुछ ज्यादा हो गये हैं, ऐसा करो कुछ चाय नाश्ता कर लेते हैं फिर हम साथ में सब कपड़े धो देंगे”, आबिदा ने उससे कहा।

“हाँ ये ठीक रहेगा”, सायरा ने कहा।

“क्या लेना पसंद करोगी, चाय या कोक?” आबिदा ने पूछा।

“आज मुझे कोक ही दे दो, गर्मी कुछ ज्यादा है”, सायरा ने कहा।

आबिदा ने उसे कोक कि बॉटल पकड़ाई। “तुम्हें पता है कि आज मैं इस घर में दूसरी बार कोक पी रही हूँ”, सायरा ने कहा।

“दूसरी बार? लेकिन हमने तो तुझे हमेशा ही चाय पीते देखा है, पहली बार कोक कब पिया था?” सलमा ने पूछा।

“ठीक है… मैं बताती हूँ लेकिन किसी से कहना नहीं”, सायरा ने कोक का सिप भरते हुए कहा, “पिछले साल जब आर्यन सहाब छुटियों में घर आये थे तो मैं उनके कमरे में उनके कपड़े रखने गयी तो उन्होंने मुझसे अच्छी तरह बात की और कहा कि सायरा आज गर्मी कुछ ज्यादा ही है, क्या तुम कोक पीना पसंद करोगी?”

“मैंने हाँ कर दी और उन्होंने मुझे कोक की बॉटल पकड़ा दी, फिर उन्होंने मुझे बाँहों में भरके चूमने की कोशिश की लेकिन मैं वहाँ से भाग आयी, मुझे लगा कि वो मुझे तभी चोद देंगे। मैं उसके बाद उनके कमरे में कभी नहीं गयी”, सायरा ने कहा।

“तुझे वहाँ रुकना चाहिये था, आर्यन बाबा का लंड सही में जानदार है”, आबिदा ने कहा।

“क्या कह रही हो तुम? इसका मतलब है तुम ने आर्यन से चुदवाया है”, सायरा ने चौंकते हुए पूछा।

“हाँ!!! हम दोनों चुदवा चुकी हैं और सही में बहुत मज़ा आता है”, सलमा बोली, “क्या तुम्हें चुदवाने का दिल नहीं करता?”

“करता है पर डर लगता है! मैंने पढ़ा है कि चुदवाने में बहुत दर्द होता है”, सायरा बोली।

“तुमने गलत पढ़ा है, पहली बार हल्का सा दर्द होता है पर बाद में मज़ा ही मज़ा है”, आबिदा ने उसके मम्मे दबाते हुए कहा।

“पता नहीं मुझे क्या हो रहा है, ऐसा लग रहा है कि चूत में कीड़ियाँ रेंग रही हैं”, सायरा ने अपनी चूत खुजलाते हुए कहा।

हम समझ गये कि कोक ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

“लाओ…. मैं देखती हूँ तुम्हें क्या हुआ है”, कहकर सलमा ने सायरा के ब्लाऊज़ के बटन खोलने शुरू किये।

“तू एक बार चुदवा के देख ले, फिर तुझे सब समझ आ जायेगा”, आबिदा ने उसे बिस्तर पर लिटाते हुए कहा।

आबिदा ने उसकी कमीज़ खोल कर उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके मम्मे सहलाने लगी।

“ओहहहह आबिदा तुमने तो मेरी हालत और खराब कर दी है”, सायरा बोली।

“एक काम करो! सलमा को बताओ तुम्हें कहाँ तकलीफ हो रही है, वो तुम्हारी मदद करेगी”, आबिदा ने कहा।

“मुझे नीचे की ओर तकलीफ हो रही है”, सायरा अपनी चूत को और जोरों से रगड़ती हुई बोली।

“इसका मतलब तुम्हारी चूत में खुजली हो रही है?” सलमा ने उसकी चूत पे हाथ फिराते हुए कहा।

“हाँ!!! यहीं खुजली हो रही है…” सायरा अपनी चूत को और रगड़ती हुई बोली।

सलमा ने फिर उसकी सलवार भी निकाल दी और पैंटी भी उतर दी और इस तरह सायरा पूरी नंगी हो गयी।

सायरा को बिस्तर पर लिटा कर आबिदा ने उसकी चूत को चूम लिया और उसकी चूत पर अपनी ज़ुबान फ़िराने लगी।

“ओहहहहहहह तुम ये क्या कर रही हो, अच्छा लग रहा है!!! हाँआआआ, आआआ ऊँऊँऊँआआआआ…..” सायरा सिसकी।

आबिदा अब उसकी चूत को जोरों से चाटने लगी और अपनी ज़ुबान उसकी चूत में डालने लगी।

“हाँ और डाल दो!!!! यहीं खुजली हो रही है”, सायरा ने आबिदा के सिर को दबाते हुए कहा।

“पर मैं इसके आगे नहीं जा सकती! मेरी जीभ ज्यादा अंदर तक नहीं जायेगी”, आबिदा बोली।

“पर खुजली तो अंदर हो रही है, वो कैसे शाँत होगी? प्लीज़!!!! अंदर तक घुसाओ ना!” सायरा तड़पते हुए बोली।

“फिर तो कोई मोटा और लंबा लौड़ा ही तुम्हारी खुजली को शाँत कर सकता है”, आबिदा उसकी चूत को जोरों से चाटती हुई बोली।

कुछ देर सन्नाटा छाया रहा। “ठीक है लौड़ा ही सही…. पर लौड़ा कहाँ से लेकर आयें?” सायरा छटपटाते हुए बोली।

“आर्यन बाबा कैसे रहेंगे? वैसे भी वो तुझे पसंद है!” आबिदा अपनी जीभ उसकी चूत में और अंदर घुसाते हुए बोली।

“क्या आर्यन बाबा यहीं हैं!” सायरा बोली।

बिना उसकी बात का जवाब दिये, आबिदा सलमा से बोली, “सलमा! जाओ और आर्यन को बुला लाओ और बोलो कि सायरा चाहती है कि आप उसकी चूत आज फाड़ दें?”

जैसे ही सलमा ने आर्यन को आकर ये कहा, आर्यन आबिदा के रूम की तरफ भागा और बीच में अपने कपड़े भी खोलता गया। आर्यन कमरे में पहुँचा और सायरा को नंगी देख कर अपने लंड को सहला रहा था।

“इसका लंड तो बहुत ही लंबा और मोटा है, ये मेरी छोटी सी चूत में कैसे घुसेगा?” सायरा ने डर के आबिदा से पूछा।

आर्यन उसके बगल में लेट गया और उसे बाँहों में भरते हुए कहा, “डरो मत मेरी जान! मैं इतने प्यार से अपना लौड़ा तुम्हारी कुँवारी चूत में घुसाऊँगा कि तुम्हें पता भी नहीं चलेगा।”

आर्यन सायरा के ऊपर लेट कर उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा। सायरा ने अपनी दोनों टाँगें सिकोड़ रखी थी। आर्यन प्रीती की बातों को खयाल में रख कर जोर से अपने लंड को रगड़ता जा रहा था।

आर्यन के लंड ने सायरा के शरीर में गर्मी भर दी। उसकी टाँगें अब धीरे-धीरे फ़ैलने लग रही थी। “मेरी जान! अपनी टाँगें और फ़ैलाओ ना!” आर्यन ने उसके होंठों को अपने होंठों में लेते हुए कहा।

आर्यन ने अपनी टाँगें उसकी टाँगों में फंसा कर उसकी टाँगों को और फैला दिया। फिर उसने अपना लंड उसकी चूत के छेद पे रख कर धीरे से अंदर दबाया। “ओहहहह मर गय़ीईई!!!!” सायरा सिसकी।

आर्यन ने अब अपने लंड का दबाव बढ़ाते हुए धीरे से एक और धक्का मारा, “ओहहहहह बहुत दर्द हो रहा है!!!! आर्यान बाबा….. प्लीज़ निकाल लीजिये, ओहहह आहहह… आबिदा इन्हें मुझ पर से हटाओ ना!!!! नहीं सहा जा रहा है”, सायरा दर्द से चिल्ला पड़ी।

आर्यन ने उसकी बातों को अनसुना करके उसके कंधे पकड़े और एक कसके धक्का मारा। “ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईई अल्लाहआआआ मर गयीईईई”, वो जोर से चींखी, और आर्यन का लंड उसकी झिल्ली को फाड़ते हुए उसकी चूत में जड़ तक समा गया।

आर्यन अपनी खुशी को रोक ना पाया कि वो भी आज एक कुँवारी चूत को चोद रहा है, वो रुक कर आबिदा की ओर मुस्करा कर देखने लगा। “बहुत अच्छे आर्यन बाबा! अब सायरा को प्यार से चोदो”, आबिदा ने आँख मारते हुए कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

आर्यन बड़े प्यार से सायरा को चोदने में लग गया। उसके हर धक्के के साथ सायरा की आँख से आँसू बह रहे थे।

“मेरी चूत में भी बहुत जोरों की खुजली हो रही है”, आबिदा बोली।

“मुझसे से भी ये नज़ारा देखा नहीं जा रहा है”, सलमा अपने कपड़े खोल कर अपनी बाँहें फ़ैलाते हुए बोली, “आओ हम दोनों एक दूसरे की प्यास बुझाते हैं।”

थोड़ी देर में ही दोनों नंगी हो एक दूसरे की चूत चाटने लग गयी।

थोड़ी ही देर में सायरा को भी मज़ा आने लगा। अब उसकी चींखें सिसकियों में परिवर्तित हो गयी थीं। “अब दर्द कम हुआ और मुझे अच्छा भी लग रहा है”, सायरा ने आर्यन को चूमते हुए कहा।

आर्यन ने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी। “हाँ सुनीला चोदो!!! और जोर से चोदो!!! अब मज़ा आ रहा है”, सायरा अब उसके धक्कों का जवाब देती हुई बोली।

आर्यन अब पूरी ताकत लगा कर सायरा को चोद रहा था। हाँ और जोर से!!!! “ओहहहह आआआहहह चोदो सुनीला!!!!” सायरा भी अपने कुल्हे उछाल कर आर्यन की ताल से ताल मिला रही थी।

जैसे ही आर्यन ने अपनी रफ़्तार और बढ़ायी, सायरा का शरीर अकड़ने लगा। “ओहहहह और जोर से!!!! ओहहहह मेरा छूटाआआ”, कहकर सायरा ने पहली बार जीवन में झड़ने का मज़ा लिया। दो तीन धक्के और मार कर आर्यन के लंड ने भी अपनी पिचकारी सायरा की चूत में छोड़ दी।

दोनों का शरीर पसीने में लथपथ था और एक दूसरे को चूमे जा रहे थे। Hindi Sex Stories

हाय दोस्तो ! Hindi Porn Stories

मेरा नाम अजय है। मैं चण्डीगढ़ का Hindi Porn Stories रहने वाला हूँ, ५ फ़ुट ८ इंच, देखने में स्लिम और गोरा हूँ। मैंने कई कहानियाँ पढ़ी और सोचा मैं भी कुछ अपनी बातें आपको बताऊँ !

मैं अकसर चैटिंग करता रहता था और आँटी ढूँढा करता था, पर कभी कोई आंटी नहीं मिली।

एक दिन अचानक बातें करते हुए एक लड़की से चैट शुरू हुई … उस का नाम रानी था, पँजाब की रहने वाली थी .. बातें शुरू हुई फिर मेसेज से बातें होने लगी। यूँ ही कुछ महीने बाद उस का एक रात को फ़ोन आया, फिर वो धीरे धीरे प्यार की बातें करने लगी और बातों बातों में वो सेक्स चैट पे आ गई और मेरा लण्ड खड़ा हो गया। फिर तो पूरी रात मैं उससे फ़ोन पे सेक्स करता रहा।

यूँही जब भी उसका मूड करता, वो रात को सेक्स-चैट करती और पानी निकल जाने पर ही फोन काट देती। अब मैं भी उससे मिलना चाहता था। कुछ महीने बाद वो चंडीगढ़ आई और मिलने के लिए फ़ोन किया।

जब उस से पहली बार मिला, या खुदा … ! क्या लड़की थी ! पतली पतली लम्बी ५-९ होगी, वैसे मुझे मोटे मोटे मोमे बहुत पसंद हैं पर उसके छोटे-छोटे तीखे स्तन देख केर मेरा उनको छूने का दिल करने लगा ! सच में एक हसीन रानी थी, हम लोग एक होटल में मिले, खाया पिया और बातें की, फिर चले गए, पर मेरे मन में उसको चोदने को कर रहा था।

कुछ महीने बाद वो फिर चंडीगढ़ आई, इस बार मेरे घर पर कोई नहीं था, मैंने उसको मिलने के लिए अपने घर पर ही बुलाया। जब वो कमरे में आई तो उस ने कसा सूट पहना हुआ था, मेरा मन उसका जूस पीने को हो रहा था, हम लोग बिस्तर पे बैठ कर बातें करने लगा।

फिर मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया और बिस्तर पर लेट जाने को बोला वो मान गई। फिर मैंने उसकी आँखें बंद की और उसकी आँखों पर चूम लिया, फिर उसके गालों पे, फिर उसके होंटो को चूमा। उसके होंठ क्या गुलाबी थे !

कम से कम बीस मिनट तक मैं उसके होंठ चूसता रहा !

फ़िर मैंने उसके स्तनों को ऊपर से दबाना शुरू किया, वो सिसकारी भरने लगी। मैंने उसके स्तनों की नोकों को उंगलियों में पकड़ के जोर से मसल दिया, वो चीखी- क्या कर रहे हो? प्यार से करो !

फ़िर मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए, पहले शर्ट, फ़िर ब्रा खोल कर दोनों बूब्स को अपने हाथों में ले लिया और उनके साथ खेलने लगा, उसके चूचुक को प्यार प्यार से रगड़ने के बाद उसके स्तनों को चूसना शुरू कर दिया, वो एकदम गरम हो गई थी। फिर मैंने अपने प्यारे इलाके (नाभि) पेट को चूसना शुरू किया। वो तड़प रही थी और मेरे बालों में हाथ घुमा रही थी।

नाभि को चूसने के बाद मैंने उसके हिप्स को अपने हाथों में ले कर दबाना शुरू कर दिया और उसकी जांघों को सहलाना शुरू कर दिया। धीरे धीरे उसकी सलवार खोल कर उसकी पैंटी उतार कर उसकी चूत देखी। क्या छोटी सी प्यारी चूत थी ! हल्के हल्के बाल थे ! मैंने एक ऊँगली उसकी चूत पर रखी तो वो पागल सी हो गई। मैंने धीरे से एक ऊँगली उसकी चूत के अंदर डाली, ऊँगली आराम से अंदर चली गई, शायद चूत गीली थी इसलिए, फिर मैंने दो उँगलियाँ डाली, फिर तीन ऊँगली एक साथ में डाल दी।

वो बोली- बस मत करो !

मैंने फिर दो ऊँगलियों से उसको चोदना शुरू किया, अब तक वो पूरी तरह तैयार हो गई थी।

फिर उसने बोला- अब डाल भी दो !

मैंने अपना लण्ड निकला और उस के। होंटों पे रखा, उस ने किस किया और एक बार में ही पूरा लण्ड मुंह के अंदर ले लिया, फिर निकाल के बोली- अब इसको डाल दो मेरी चूत में !

मैंने लौड़ा उसकी चूत पे रखा और धीरे से चूत को रगड़ने लगा, फिर एकदम एक ही झटके से उसकी चूत में डाल दिया अपना लौड़ा। उसकी गीली गर्म चूत में पहले थोड़ी सी परेशानी हुई फिर सारा का सारा लण्ड अंदर चला गया, उसने मुझे कस के पकड़ लिया।

मैंने भी धक्के मारना शुरू कर दिया, मैं धक्के मार रहा था और लण्ड अन्दर बाहर आ जा रहा था। कम से कम २० मिनट तक चोदने के बाद मेरा रस निकलने लगा। मैंने अपना लण्ड निकाल के उसके होंटों के बीच में घुसा दिया, वो चूसती रही और सारा रस पी गई।

दोस्तों यह थी मेरी कहानी !

अब सब भाई, आंटी, लड़की से प्रार्थना है कि आप अपने विचार मेल करें : Hindi Porn Stories

Hindi Porn Stories

मेरा नाम राहुल है Hindi Porn Stories और मैं आगरा का रहने वाला हूँ। मेरे घर में तीन ही लोग हैं, मैं, पिताजी और माँ।

बात उस समय की है जब मैं पढ़ता था। मेरे पड़ोस में शर्मा जी का घर था, उनकी दो बेटियाँ थी, एक तो मेरे साथ ही पढ़ती थी। मैं पढ़ने में काफी होशियार था इसलिए कई बच्चे मुझसे सवाल पूछा करते थे और मैं भी सबकी मदद कर देता था। मैं अपने मोहल्ले का काफी सीधा लड़का था।

अब मैं आप लोगो को शर्मा जी की बेटियों के बारे में बताता हूँ। बड़ी का नाम सीमा और छोटी का अंशु था। दोनों की जवानी उभार पर थी पर छोटी वाली तो कुछ ज्यादा आगे थी। सीमा का फिगर बड़ा मस्त था 24-36-24, पर रंग थोड़ा सांवला था। अंशु तो गजब की बाला थी, गोरा रंग और गजब का फिगर ! ऐसा कि देखते ही चोदने का मन करे और कई लड़के तो खड़े-2 मुठ मार दें ! फिर भी मैं इन सब पर ध्यान नहीं देता था।

एक दिन की बात है, मैं शाम को घर के बाहर टहलने निकला, तभी अंशु दौड़ती हुई मेरे पास आई और कहा- दीदी आपको बुला रही है, उन्हें कुछ पूछना है।

मैं चलने को तैयार हो गया और उसके पीछे पीछे उसके घर चला गया। वहाँ देखा तो सीमा कुछ पढ़ रही थी। उसके मम्मी-डैडी कहीं बाहर गए हुए थे और घर पर बस वही दोनों थी।

अंशु ने मुझे एक सोफे पर बैठाया और पानी लेने चली गई। तब तक सीमा अपनी किताब लेकर मेरे पास आ गई। उसने आसमानी रंग की एकदम पतली नाइटी पहन रखी थी जिसमें से उसकी काली रंग की ब्रा-पैंटी साफ़ झलक रही थी।

पहले तो मैं थोड़ा शरमाया पर सब सही हो गया। वो मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई और सवाल पूछने लगी। सवाल पूछते-2 वो कुछ ऐसा कर रही थी कि उसके स्तन मुझे दिख जाएँ। मेरी नजरें उसके वक्ष पर अटक गई। वह अपनी सफलता पर थोड़ा मुस्कुराई और फिर आगे पूछने लगी।

तब तक अंशु पानी लेकर आ गई। वह आगे बढ़ी और एक कुर्सी से टकरा गई और पानी मेरी पैंट पर गिर गया। मैं घबरा गया। सीमा के स्तन देखते हुए मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था।

अंशु ने मुझसे माफ़ी मांगी और एक तौलिया दे दिया। मैं बाथरूम में चला गया। तभी सीमा वहाँ आ गई और मेरा हाथ पकड़ लिया।

मैं काफी डर गया और अपना हाथ खींच लिया।

वो अंशु को बुलाते हुए बोली- देख रे कैसा शरमा रहा है, जैसे कभी लड़की ही नहीं देखी।

अंशु भी आ गई और वो दोनों मुझे बेडरूम में ले गई।

मैं सिर्फ अंडरवियर और शर्ट में था।

मुझे देख कर सीमा बोली- हाय रे ! कातिल कहाँ छुपा था अब तक?

अब उन दोनों ने मुझ पर सेक्सी कमेंट्स करने शुरु कर दिए।

मैं बेचैन हो गया और उनसे कहा- मुझे जाने दो !

पर वो भला कहाँ मानने वाली थी।

अंशु ने पीछे से मुझे पकड़ लिया और मेरे शर्ट के बटन खोल दिए। सीमा भी आगे से मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने स्तनों को मेरे सीने पर दबाने लगी और मुझे बेतहाशा चूमने लगी।

मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाला और मेरे लिंग को दबाने लगी।

तभी अंशु ने पीछे से एक ब्लू फिल्म चला दी और कहा- तुम तो काफी ठंडे लगते हो, क्या पहले तुमने ये सब नहीं किया?

मैंने ना में जवाब दिया।

ब्लू फिल्म देख कर मुझे भी जोश आने लगा और मेरा लिंग तनकर 8 इंच का हो गया।

मैंने सीमा की नाइटी उतार दी और ब्रा के बाहर से ही उसके उरोजों को दबाने लगा। क्या सॉलिड बूब्स थे उसके ! मन तो कर रहा था कि काटकर खा लो।

मैंने उसकी पैंटी में ऊँगली डाली और उसकी योनि में ऊँगली करने लगा। उसकी चूत में से पानी आने लगा।

मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और पैंटी भी उतार दी, उसने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया। अब दोनों एकदूसरे के सामने नंगे खड़े थे। मैंने पहली बार चूत के दर्शन किए थे। उसकी गुलाबी रंग की चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसके बड़े-2 चूतड़ उसको और हसीं बना रहे थे।

मेरे लिंग को देखते ही वो बोली-कितने गंदे हो तुम ! कभी अपनी झांटें भी साफ़ कर लिया करो !

मैंने कहा- डर लगता है ! कहीं कट गया तो?

उसने अपनी बहन अंशु से ब्लेड मंगाया और कहा- आओ, मैं तुम्हारी झांटें बना देती हूँ।

वो मुझे बाथरूम में ले गई और झांटे साफ़ करने लगी और इस बीच मैं उसके स्तन दबाता रहा।

इसके बाद उसने शॉवर चला दिया और हम दोनों उसके नीचे भीगने लगे। एक तरफ पानी और दूसरी तरफ आग, पर आज पानी भी आग को नहीं बुझा पाया।

उसने मेरा लिंग मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं भी उसकी चूचियों को चूसता रहा और चूत में ऊँगली करता रहा।

उसका बदन जलने लगा और कहने लगी- अब और न तड़पाओ मुझे। चोद दो इस चूत को। फाड़ दो इसे अपने फौलादी लंड से।

मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसकी कमर पर हाथ लगाया और उसकी चूत पर निशाना लगाते हुए अपना लंड आगे दिया। पर मेरा लंड किनारे हो गया। उसकी योनि काफी कसी थी। उसकी गुलाबी चूत शायद अभी तक कुंवारी थी। मैंने २-३ बार कोशिश की पर सफल नहीं हुआ।

फिर उसने मेरे लंड पर शैंपू लगाया और अपनी योनि पर भी। अब धीरे से उसने मेरे लंड को योनि के मुख पर टिकाया और मुझसे धक्का लगाने को कहा, वो खुद भी धक्का लगाने लगी। शैंपू की चिकनाहट के कारण लिंग योनि में सरकता चला गया।

आधा अन्दर जाते ही वो जोर से चिल्लाईई और बाहर निकालने के लिए कहने लगी।

मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और उसके स्तन दबाने लगा। धीरे-2 उसका दर्द कम हुआ, तभी मैंने लिंग को थोड़ा बाहर खींच कर पूरी ताकत से पेल दिया। वो तड़प उठी।

मैं फिर उसके होठों को चूमने लगा। धीरे-2 वो जोश में आने लगी और अपने चूतड़ उछाल-2 कर मजे लेने लगी। मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी।

करीब दस मिनट बाद वो झड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया पर मैं अभी भी लगा रहा।

पाँच मिनट बाद मैंने भी वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी और उसके ऊपर लेट गया।

तभी उसकी बहन अंशु वहाँ आ गई और कहने लगी- अब मेरी प्यास भी मिटा दो।

मैंने देखा सीमा वहीं शॉवर के नीचे पड़ी है और उसकी चूत से पानी और खून निकल रहा है।

मैंने सीमा को वहीं छोड़ा और अंशु के पास पहुँच गया।

जैसा मैंने पहले ही बताया था कि अंशु सीमा से भी ज्यादा सेक्सी माल थी और ऊपर से उसका गोरा रंग और गजब ढा रहा था।

मुझे ऐसा लगा की कोई परी मेरे सामने खडी है और कह रही है- आओ, मुझे चोद दो, मेरी चूत की प्यास बुझा दो।

मैंने उसे उठाया और बेड पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट गया। उसने कसकर मुझे पकड़ लिया और उसकी चूचियों का नरम-2 एहसास मुझे अपने सीने पर होने लगा।

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा, धीरे से मैंने उसके होंठों को थोड़ा काट लिया। उसके पूरे बदन में आग लग गई, उसने भी मुझे चूमना शुरु कर दिया।

फिर मैंने उसे थोड़ा अलग किया और उसके स्तन दबाने लगा। वो भी मेरा लिंग दबाने लगी और लिंग को चूसना शुरु कर दिया। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैं भी उसकी चूत में ऊँगली डालने लगा और उसके स्तनों को चूसने लगा।

अंशु की योनि तो सीमा से भी मस्त और कसी थी। उसको देख कर ऐसा लगता था मानो भगवान् ने फुर्सत में उसे बनाया है।

तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने भी अपना वीर्य उसके मुँह में भर दिया, उसने पूरा वीर्य पी लिया और लिंग को चाट-2 कर साफ़ करने लगी।

मेरा लिंग एक बार फिर मैदान में आ गया और इस बार उसका निशाना सिर्फ अंशु की चूत थी। अंशु भी गरम हो गई थी और बार-2 मुझे छोड़ने का निमंत्रण दे रही थी।

मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख लिया। मुझे पता था कि अंशु की चूत भी अभी कुंवारी है इसलिए मैंने धीरे से उसकी योनि का मुँह फैलाया और उस पर लंड का सुपारा टिका दिया।

मैं उसके होंठों को चूमता रहा और एक उसके पुष्ट उरोजों को दबाते हुए हल्का सा झटका दिया और मेरा लंड आधा अंशु की चूत में पंहुच गया।

वो दर्द से चीख पड़ी पर मैंने उसे ज्यादा मौका नहीं दिया और उसके होंठों को चूसता रहा। उसकी झिल्ली फट चुकी थी, मैंने उसका कौमार्य भंग कर दिया था।

मैंने थोड़ा पीछे होते हुए पूरी ताकत से लंड उसकी चूत में डाल दिया।

वो तड़प उठी पर थोड़ी ही देर में उसे मजा आने लगा और वो चूतड़ उछाल-2 कर साथ देने लगी।

करीब 15 मिनट बाद वो झड़ गई। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसे कुतिया की पोजिशन में कर दिया और फिर उसी तरह करीब आधे घंटे चलता रहा।

तभी उसने कहा- राहुल, अब मैं झड़ने वाली हूँ।

मैं भी झड़ने वाला था, मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए। वो मुझसे चिपक गई और निढाल हो गई।

उस रात हम तीनों ने चुदाई के कई राउंड चलाये। जिसमें दो बार मैंने उन दोनों की गांड मारी और चूत को फाड़ कर भोंसड़ा कर दिया।

उसके बाद भी हमे जब भी मौका मिलता हम पूरा फायदा उठाते।

अंशु की चूत तो अब भी वैसी ही टाइट लगती है। कई बार मैंने उनकी सहेलियों के साथ भी सम्बंध बनाए।

पर यह अगली बार।

यह कहानी आप लोगों को कैसी लगी, जरूर बतायें, मुझे ईमेल करें ! Hindi Porn Stories

दोस्तो, यह बात उस समय की है जब मेरी पोस्टिंग कोटा में थी और विभाग में मैं नया था।

वहाँ मैं जवाहर नगर में किराए से रहता था। इत्तेफाक से दोस्तों वहीं पास में हमारे विभाग के एक अधिकारी का घर भी था जो दूसरे कार्यालय के अधिकारी थे।

मुझे पता नहीं था.. फिर भी मैं आते-जाते उनकी मैडम को देखा करता था।

वो देखने में तो कुछ खास नहीं थी.. फिर भी पता नहीं क्यों.. मेरी नज़र उनको ताकती रहती थी, क्योंकि उनका फिगर ही कुछ ही ऐसा था।

देखने में तो 34-28-36 के भरे-भरे से आम के जैसे चूचे थे.. जिन्हें देख कर मेरा मन करता था कि अभी जाकर सारा का सारा दूध निचोड़ लूँ और गांड तो ऐसे मटका कर चलती थी कि मुर्दों के लंड भी खड़े हो जाएँ।

इस बात को वो भी भांप चुकी थी कि मैं उसको देखता हूँ।

ऐसा करते-करते 5-6 महीने बीत चुके थे। गर्मी के दिनों की बात थी दोस्तों.. मेरी छुट्टी थी तो मैं ऑफिस नहीं गया था।

मैं अपने कमरे के बाहर कुर्सी लगा कर बैठा था.. तभी मैंने उनकी आवाज़ सुनी.. वो अपने मोबाइल पर किसी से बात कर रही थी।

थोड़ी देर बाद समझ आया कि वो सर से बात कर रही थी। बात पूरी होने के बाद उन्होंने मुझे देखा तो मुझे बुलाया।

मैं उनके पास गया तो वो मेरी ओर देखते हुए मुस्कुरा रही थी।

उन्होंने मुझसे मेरा परिचय पूछा.. तो अपने और अपनी जॉब बारे में मैंने उन्हें सब बताया।

फिर वो मुझसे बोली- हमारे बारे में जानते हो?

मैंने मना किया- नहीं…

उन्होंने मुझे बताया कि उनके पति आपके विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर हैं।

तो मैं तो बुरी तरह से डर गया और सोचा कि अब तो मेरी नौकरी गई, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने मुझे बताया कि उनका कूलर चलते-चलते ख़राब हो गया और उसे ठीक करने कोई नहीं आ रहा, क्योंकि उनकी लाइन पार्टी बिजी थी।

मैंने मन में सोचा कि आज अच्छा मौका है.. इसे मत जाने दे।

मैं बोला- मैम मैं देख लूँ कूलर को?

वो बोली- हाँ.. हाँ.. क्यों नहीं।

मैंने कूलर को अन्दर से खोल कर देखा तो उसके मेन कनेक्शन में से एक वायर निकला हुआ था.. जो मैंने जोड़ दिया और स्विच ऑन किया तो उनका कूलर चल गया।

वो बड़ी खुश हुई.. उन्होंने मुझे बिठाया और चाय बनाने चली गई।

बाद में उसने सर को भी बोल दिया कि कूलर ठीक हो गया।

जब हम चाय पी रहे थे तो मैडम मेरी ओर झुक कर बैठी हुई थी.. जिसके कारण मुझे उनके बोबे दिखाई दे रहे थे।
उनको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया।

उस समय मैंने लोअर पहन रखा था जिसके कारण वो स्पष्ट दिख रहा था। मैंने बहुत छुपाने की कोशिश की.. मगर मैडम ने इसे भांप लिया था और मुझसे बोली- तुम मुझे क्यों देखते हो?

मैं बोला- ऐसे ही।

वो फिर मेरे पास आकर बैठी और बोली- मैं सब समझती हूँ और जानती हूँ कि इस समय तुम्हारे मन में क्या चल रहा है।

मैं चुप रहा।

वो आगे बोली- अंश.. आपके सर इस काबिल नहीं है जो मुझे तन का सुख दे सकें क्योंकि शादी के बाद एक एक्सीडेंट की वजह से उनकी सेक्स करने की क्षमता कम हो गई और मैं इसके लिए तरसती रहती हूँ.. क्या तुम मेरी ये इच्छा पूरी करोगे?

मैं बोला- मैडम यह सच है कि मैं आपको देखता हूँ लेकिन मैं आपके साथ ऐसा नहीं कर सकता।

मगर उन्होंने फिर दोबारा अपनी चाहत को दोहराते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी।

फिर मैंने भी उनकी व्यथा को समझते हुए अपने आपको उनके आगे सरेंडर कर दिया।

मैंने भी देर न करते हुए उनके लबों को अपने लबों के आगोश में ले लिया और उनके होंठों का रसपान करने लगा।

वो भी मेरे लंड को लोअर के ऊपर से ही मसल रही थी और मैं उन्हें चूमते हुए उनके बोबों को बड़ी बेदर्दी से एक-एक करके मसल रहा था।

मैडम ने गाउन पहना हुआ था तो मैंने गाउन के अन्दर हाथ डाल दिया।

चूंकि उन्होंने गर्मी के कारण अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था, तो मैं उनके बोबों की घुंडियों को मसलने लगा।

मेरे ऐसा करने से वो बेचैन हो उठी और मेरे लंड को लोअर से बाहर निकालकर अपने रसीले होंठों के बीच कैद करके उसे बड़े ही प्यार से लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.. मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगा।

वो मेरे लंड को जिस तरीके से चूस रही थी, मुझे लगा कि वो कई दिनों की प्यासी हो।

फिर अंत में मेरे लंड ने उनके मुँह में ही अपना ‘सोमरस’ छोड़ दिया.. जिसे वो बड़े प्यार से गटक गई और चाट-चाट कर मेरे पूरे लंड साफ़ कर दिया।

फिर मैंने उसका गाउन उतारा तो अन्दर से वो पूरी नंगी थी।

जिन बोबों को मैं रोज़ देखने की तमन्ना रखता था, आज वो मेरे सामने थे।

मैंने बड़े ही प्यार से उनके एक निप्पल अपने दांतों से काटा तो उनके मुँह से एक ‘सी..सी..’ करते हुए एक सीत्कार निकली।

अब मैं उनके बोबों को दबाते.. मसलते हुए एक-एक करके उनको चूसने लगा और वो अपने मुँह से मादक सीत्कार निकालने लगी।

‘आह.. आह.. उह्ह.. उह्ह.. सी.. आह.. मर गई..’

दोस्तों जब मैं उनके बोबों को मसलते हुए चूस रहा था तो वो अपने ही दातों से अपने ही होंठों को काट रही थी और मेरे बालों में अपनी ऊँगलियाँ फेर रही थी।

उनके मस्त बोबों को चूसते हुए मैं अपने एक हाथ को उनके बदन को सहलाते हुए उनकी चूत के ऊपर ले जाकर चूत के दाने को मसलने लगा।
मेरे ऐसा करने से वो और भी मस्ती में चूर होकर ‘उह्ह उह्ह आह आह हाय मैं मर गई’ जैसी सीत्कारें निकालने लगी।

मैडम की चूत एकदम गीली होकर धीरे-धीरे अपनी चूत से पानी छोड़ रही थी और वो जल बिन मछली की भाँति तड़प रही थी और मस्ती में कह रही थी- मेरी जान.. इसी चीज़ का तो मुझे बड़ी बेसब्री से इंतज़ार था.. इस निगोड़ी चूत ने बड़ा परेशान कर रखा था।

फिर मैं धीरे से नीचे गया और उनकी चूत की पंखुड़ियों को अपने होंठों से चाटने व काटने लगा.. तो जैसे वो तो पागल हो गई।

मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदते हुए चाटने लगा और मैडम अपनी कमर उचकाते हुए अपनी चूत को इस तरह चटवा रही थी कि जैसे मेरे मुँह में समां जाएगी।

मैं भी कहाँ पीछे हटने वाला था, उनको जैसे चटवाने का शौक था.. तो उसी तरह मुझे चाटने का शौक था।

फिर मैडम बोली- अंश मेरे भोसड़े में अपना लंड डाल दो.. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा…

लेकिन मैं अपनी मस्ती में ही चूत चाटने में लगा हुआ था। मैडम तो जैसे पागल हो रही थी.. अपनी मस्ती के नशे में चूर होकर वो मेरे बालों को नोचते हुए अपनी चूत को मेरे मुँह पर जोर-जोर से रगड़ने लगी।

उसकी स्थिति को समझते हुए फिर मैंने अपने लंड को उसकी मुनिया(चूत) के मुँह पर लगाया और एक धीरे से धक्का लगाया।

मैडम की चूत इतनी गीली थी कि ‘गच्च’ की आवाज़ के साथ मेरा लवड़ा मैडम की चूत की गहराइयों में उतरता चला गया।

फिर धीरे से मैंने अपने लंड को बाहर खींचा और वापस मैडम की चूत में पेल दिया।

फिर मैं मैडम की चूत में अन्दर-बाहर.. अन्दर-बाहर.. लंड पेलने लगा और मैडम भी हर धक्के का जवाब अपनी कमर को उचकाते हुए दे रही थी।

मैं अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ कर उसको चोद रहा था।

मैडम मस्ती के नशे में चूर होकर कह रही थी- चोद… मेरे राजा… उम्ह्ह उम्ह्ह.. आह.. आह… हाय… चोद… मेरे राजा.. आज मेरी चूत की खुजली मिटा दे.. मेरी चूत का भोसड़ा बना दे.. बहुत परेशान कर रखा है इस निगोड़ी ने.. आज के बाद मैं सिर्फ तुमसे ही चुदवाऊँगी.. घुसा दे अपना पूरा लंड मेरे राजा.. आह.. आह .. हाय मेरी जान।

हर एक धक्के पर गीली चूत के कारण ‘फच्च.. फच्च.. फच्च..’ की आवाज़ आ रही थी, जिसकी वजह से में भी पूरे जोश के साथ मैडम की चुदाई कर रहा था।

उसको चोदते हुए मुझे 7-8 मिनट हो गए थे। अब मुझे भी लगने लगा था कि मैं अब झड़ने वाला हूँ।

चुदाई करते हुए मैंने मैडम से कहा- मेरा पानी छूटने वाला है.. तो अन्दर ही छोड़ दूँ या बाहर…

मैडम बोली- अन्दर ही छोड़ दो.. मेरे कोई बच्चा नहीं है।

फिर मैंने देर न करते हुए अपने लंड को चूत से बाहर निकाला और मैडम के दोनों पैरों को उठाते हुए अपने कन्धों पर रखा और वापस अपने लंड को उसकी चूत में पेल दिया और जोर-जोर से उसकी चूत चोदने लगा।

जैसे ही मैडम ने कहा- मेरा पानी छूटने वाला है।

उसी समय मेरा लंड भी जवाब देने वाला था तब मैंने मैडम के पैरों को पूरी तरह से उठाते हुए उनके पैरों के घुटनों को उन्हीं के कन्धों से मिला दिया।

मेरे ऐसा करने से मैडम की चूत थोड़ा और ऊपर की ओर उठ गई और मैं जोर-जोर से उसकी चूत को चोदने लगा।

फिर करीब 8-10 धक्कों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ने लगे और मेरे लंड की एक-एक बूंद उनकी चूत में उतर गई।

उस समय मैडम ने मुझे अपने शरीर से पूरी तरह चिपका लिया।
हम दोनों के शरीर पसीने से लथ-पथ हो चुके थे।

जब हम नार्मल हुए तो मैडम ने मुझे धन्यवाद दिया और मुझसे बोली- मैं आजीवन तुम्हें नहीं भूलूंगी।

उसके बाद हम दोनों साथ-साथ नहाए और नहाते हुए एक और चुदाई का राउंड लिया।

नहाने के बाद मैडम ने मुझे बिठाया और अपने हाथों से खाना बनाया और फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया।

फिर मैडम मुझे 2000 रूपये देते हुए कहा- ये आपका इनाम और फिर जरुरत पड़े तो मांग लेना.. आज से मैं अब तुम्हारी हुई।

मैंने वो पैसे लेने से इंकार कर दिया और मैडम से बोला- मैं ये काम पैसे के लिए नहीं करता बल्कि मुझे चुदाई करने का शौक है.. इसलिए करता हूँ। आप अपने पैसे अपने पास रखिए.. हाँ.. अगर कभी मुझे इनकी जरुरत पड़ी तो आप से जरुर मांग लूँगा।

फिर उसके बाद मैं चला गया। फिर मुझे जब भी मौका मिलता तो मैं उनकी चूत की भूख मिटाता।

फिर एक दिन उन्होंने मुझे अपने गर्भ से होने की बात बताई तो मैं भी बहुत खुश हुआ।

बाद में मैडम ने सारी बात सर को बताई तो उन्होंने भी परिस्थिति से समझौता करते हुए मुझे बुलाकर मेरा धन्यवाद करते हुए कहा- जीवन में जब कभी भी हमारी जरुरत पड़े तो निसंकोच आ जाना।

उसके बाद तो मेरी जैसे लाटरी निकल गई।

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆