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Massage Girl in Mamit: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Mamit who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Mamit that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Mamit massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Mamit who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Mamit massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Mamit massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Mamit who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Mamit employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Mamit helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Mamit

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Mamit at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Porn Stories

जीजाजी के जंगल Hindi Porn Stories की ओर जाते ही राहुल और बंटी ऊपर कमरे में आ गए।आते ही बंटी बोला – ‘ तुम तो साहब की औरत के भाई हो, उनसे यह क्या करवाते हो? ‘

‘क्या …? ‘ मैं हड़बड़ाया।

‘ बनो मत … हमें सब मालूम है कि तुमने साहब से क्या क्या करवाया है। ‘

‘ क्या करवाया है? ‘ मैं डरते हुए बोला।

‘ अभी हम बताते है… ‘ बंटी ने मेरे हाथ पकड़ लिए और राहुल ने मेरी नेक्कर नीचे खींच दी। मैं पूरी तरह नंगा हो गया। जीजाजी ने रात में चार बार गाण्ड मारी थी इसी कारण मैंने अंडरवियर पहना ही नहीं था।

‘ यह क्या कर रहे हो? ‘ मैं चिल्लाया।

‘ वही जो तुमने रात भर अपने जीजा से कराया है ! ‘ कहते हुए राहुल ने मेरे पोंड के छेद में अपनी बड़ी वाली उंगली घुसा दी। मेरी गाण्ड का छेद वैसे भी फूला हुआ था इसलिए मुझे बहुत तकलीफ हुई।

‘ इसके हाथ बाँध दो ! यह ऐसे नहीं मानेगा ! ‘ बंटी ने कहा।

राहुल ने रूमाल से मेरे हाथ बाँध दिए। मैं नंगा तो पहले ही हो चुका था, उन्होंने मेरी शर्ट भी उतार दी।

राहुल मेरी मुत्तु सहलाने लगा तथा बंटी मेरे पोंड फैला कर गाण्ड के छेद को देखने लगा।

‘ इसकी गाण्ड तो बहुत फूली हुई है ! साहब ने बड़ी बेरहमी से इसकी गाण्ड मारी है ! ‘ बंटी बोला – ‘हम इसे राहत पहुंचाएंगे !’

बंटी मेरे पीछे नीचे बैठ गया तथा मेरे पोंड पकड़ कर सहलाने लगा, राहुल मेरी मुत्तु से खेलने लगा। मेरी मुत्तु धीरे धीरे खड़ी होने लगी। जैसे ही मुत्तु बड़ी हुई, राहुल ने लपक कर उसे अपने मुंह में ले लिया और लालीपॉप सा चूसने लगा। बंटी मेरे पीछे बैठ कर मेरे पोंड के छेद में अपनी जीभ फिराने लगा। पोंड के छेद में बंटी अपनी जीभ थोड़ा अन्दर तक डालने की कोशिश कर रहा था। सामने से राहुल मेरी मुत्तु को चूस रहा था।

मुझे बड़ा आनंद आने लगा। गाण्ड का दर्द भी कम हो गया। पहली बार किसी ने मेरी मुत्तु को चूसा था। मुझे बड़ा ही मजा आया। लगभग १५ मिनट बाद मेरी मुत्तु से कुछ रस सा निकालने लगा। मैं डर गया क्योंकि पहली बार मेरे साथ ऐसा हुआ था।

राहुल ने तब मुझे समझाया – गाण्ड तो मराते हो पर लण्ड के बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसमें से यह निकलता ही है, इसके निकल जाने के बाद ही पूरा मजा आता है।

मेरी गाण्ड को चाटते चाटते बंटी का लण्ड खड़ा हो गया। उसने जल्दी से अपनी नेक्कर उतारी और अपना तना हुआ लण्ड मेरी गाण्ड में घुसा दिया। हालाँकि उसका लण्ड जीजाजी से काफी छोटा था पर मुझे काफी दर्द हुआ। वह खड़े खड़े ही मेरी गाण्ड के छेद में लण्ड घुसा कर धक्के लगा रहा था पर वह ठीक से नहीं लगा पा रहा था। उसने मुझे आधा पलंग पर और आधा नीचे लटका कर लिटा दिया।

अब उसका लण्ड अच्छी तरह से मेरी गाण्ड में अन्दर बाहर हो रहा था। मेरी गाण्ड फूली हुई थी फिर भी मुझे आनंद आ रहा था। थोड़ी देर में वह झड़ गया लेकिन मेरा लण्ड अब तन्ना गया था।मैने राहुल की गाण्ड मारने की इच्छा जताई, वह तैयार हो गया।

मैने भी उसे घोड़ी बन जाने को कहा, ऐसी पोसिशन में उसकी गाण्ड का छेद काफी खुल गया। मैने अपना लण्ड धीरे से उसकी गाण्ड के छेद में घुसाया, फिर एक धक्का मारा, मेरा लण्ड पूरी तरह अन्दर घुस गया। उसकी गाण्ड का छेद काफी बड़ा था। जब मैने पूछा तो उसने बताया कि तुम्हारे जीजाजी ने उसकी गाण्ड मार मार कर उसका भुरता बना दिया है।

अब मैं भी अपना लण्ड उसकी गाण्ड के छेद में अन्दर बाहर करने लगा। मेरे लिए किसी की गाण्ड मारने का यह पहला मौका था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मानो मैं ज़न्नत में पहुँच गया हूँ। थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया पर मुझे गाण्ड मारने में बहुत ही आनन्द आया।

दोनों के साथ मैंने तीन नए अनुभव लिए। मैंने पहली बार किसी से अपना लण्ड चुसवाया था, किसी ने पहली बार मेरी गाण्ड में जीभ फ़ेरी थी और मैंने पहली बार किसी की गाण्ड मारी थी।

जीजाजी शाम तक के लिए गए थे अतैव हम तीनों ने बारी बारी से एक दूसरे की गाण्ड मारी।

उस दिन सही मायनों में मैंने गाण्ड मारने और मराने का मजा लिया। वो दोनों मेरे दोस्त बन गए। उन्होंने बताया कि जब भी साहब यहाँ आते हैं तो वह हम दोनों की कई कई बार गाण्ड मारते हैं। हम दोनों भी आपस में एक दूसरे की गाण्ड मारते रहते हैं, बहुत मजा आता है।

उस दिन हम तीनों ने दो बार एक दूसरे की गाण्ड मारी तथा मराई, मेरी गाण्ड का दर्द भी गायब हो गया।

इसी बीच जीजाजी कब आ गए और हमारा खेल देखते रहे, हमें पता ही नहीं लगा। उन्होंने मुझे बंटी की गाण्ड मारते देख लिया था पर वह बोले कुछ नहीं। वह अनजान बने कमरे में आए और चाय बना कर लाने का आर्डर देकर लेट गए। लेकिन बाद में क्या हुआ जानने के लिए इन्तजार करें अगली कहानी का …. Hindi Porn Stories

नमस्कार दोस्तो, Hindi Sex Stories

इसके पहले की कहानी को Hindi Sex Stories आप लोगों ने बहुत सराहा तो मैंने सोचा कि अपना अगला अनुभव भी आप लोगों को बताया जाए। तो अब मेरी कहानी पढ़िये !

एक बार फिर बता दूँ, मै एक जवान लड़का हूँ। मैं जब पटना में रह कर पढ़ता था तो मेरे कमरे के नीचे एक परिवार रहता था। उस परिवार में एक आरती नाम की औरत और उसके पति रहते थे। उसके दो छोटे लड़के भी थे। उसके पति सुबह छः बजे काम पर चले जाते थे, बच्चे पास के ही एक स्कूल में पढ़ने जाते थे, तो आठ बजे के बाद बच्चे भी चले जाते थे। आरती का कमरा नीचे था और मेरा कमरा ऊपर था। आरती देखने में काफी सुंदर थी, मैं उसे भाभी कहकर बुलाता था। बात करने में वो काफी माहिर थी, ऊपर मेरे कमरे में आकर बात करने लगती थी, वो छत पर कपड़े पसारने आती थी तो उसकी चूचियाँ ब्लाऊज़ को फाड़ने पर तुली रहती थी। देखने में वो दो बच्चो की माँ कभी नहीं लगती थी। मै तो बार बार उसकी चूची को ही देखता था। शाय्द उसका पति उसको मन से कभी नहीं चोदता था इसलिए वो प्यासी प्यासी निगाहों से देखती रहती थी।

मै कभी कभी उसके कमरे में टी.वी देखने चला जाता था। दिन में अकसर वो अकेली ही रहती थी। मुझे पूरा मन रहता कि उसे चोदूँ पर मैं उसे बोल नहीं पाता था, डर लगता था।

एक दिन की बात है, मैं दोपहर में उसके कमरे में गया तो दरवाजा से आवाज दी तो कोई नहीं बोला। तो मैंने दरवाजा खोलने की कोशिश की तो देखा कि दरवाजा नहीं लगा हुआ है।

मैं अन्दर घुस गया और सीधे भाभी के टी.वी. वाले कमरे में चला गया।

जब वहाँ पहुँचा तो देखा कि भाभी पलंग पर सोई हुई हैं और टीवी चल रहा है।

वो उस समय साड़ी में थी, उनकी साड़ी उनके घुटने तक आई हुई थी। यह देखकर मेरी नीयत खराब हो गई। अब मुझे लगा कि मैं उनकी बुर में सीधे लंड पेल दूँ पर मुझे डर लग रहा था कि भाभी जग जायेगी तो शोर न मचाने लगे !

मैं बहुत हिम्मत करके उनके पास गया और उनकी साड़ी को ऊपर सरकाया। जैसे ही साड़ी को ऊपर किया, उनकी काली काली झांट नजर आने लगी। मै तो उनकी लम्बी-लम्बी झांटों को देखकर दंग रह गया।

धीरे-धीरे मैंने उनकी साड़ी को और ऊपर कर दिया, फिर उनके चेहरे पर देखा तो वो आराम से सो रही थी। मेरा साहस बढ़ गया। उनकी बुर को देख कर ऐसा लग रहा था कि काले जंगल में कोई घाटी हो। अब मुझसे रहा नहीं गया, मैं झट से अपना लंड सहलाने लगा।

इतने में भाभी जग गई और मेरे लंड को पकड़कर बोली- लाओ इसको मेरे हवाले कर दो ! कब से इस साले को मैं खोज रही थी, तुमने इसे कहाँ छुपा रखा था।

जब भाभी ने ऐसा कहा तो मेरा सब डर दूर भाग गया।

भाभी ने कहा- मैं सोई थोड़े ही थी, सब देख रही थी कि तुम क्या करने वाले हो !

भाभी ने कहा- साला मेरा पति मुझे चोदता ही नहीं है, वो बहुत थका रहता है।

भाभी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। फिर मैंने भाभी को जमकर चोदा।

तब से दो साल लगातार मैंने भाभी को चोदा, हर रोज़ दिन में उनको चोद कर मस्त कर देता।

एक बार भाभी की छोटी बहन उनके घर आई थी। भाभी ने उसको चोनने में मेरी मदद की।

इस बात को मैं अपनी अगली कहानी में लिखूंगा।

यह कहानी आपको कैसी लगी, मुझे जरुर लिखिएगा। Hindi Sex Stories

Hindi Sex Stories

मेरा नाम राहुल है, मेरी उम्र २२ Hindi Sex Stories साल है ! मेरा शरीर मजबूत है क्यूंकि मैं बॉडी बिल्डिंग भी करता हूँ। मैं अन्तर्वासना की कहानियां हर सुबह पढ़ता हूँ ! मैं अपने जीवन की एक सच्ची कहानी लिख रहा हूँ !

हमारे घर के सामने नई नई एक शादी हुई ! मैं उनकी शादी में तो नहीं गया था ! इसलिए मैं उनके घर नहीं जाया करता था, परन्तु मैं अपनी गली में किसी की बात नहीं मोड़ता था, जिसकी वजह से सब लोग मुझे ही काम के लिए बुलाते थे।

एक दिन उस नई भाभी ने भी मुझे बुलाया और मैंने उनका जो काम था कर दिया। इस तरह मेरी उनसे बातें होने लगी।

धीरे-२ मैंने उनको कहा- मेरी किसी लड़की से बात करवा दो !

तो उन्होंने कहा- किस से?

मैंने कहा- किसी से भी !

उसने कहा- ठीक है, मैं देखती हूँ !

कुछ दिनों तक मैं उनके घर नहीं गया क्यूँकि मेरे दोस्त की उनके रिश्तेदार से लड़ाई हो गई! फिर कुछ साल बीतने के बाद मेरी भाभी से बात हुई पर तब तक तो उनके दो बच्चे हो चुके थे। मैंने भाभी से कहा- मिली कोई लड़की ?

तो उसने कहा- एक थी ! पर उसका रिश्ता हो गया है !

मेरी दिल में एक बात आई और मैंने कहा- नहीं भाभी, ऐसी कोई भी लड़की नहीं है, वो सिर्फ आप हो !

तो मैंने हिम्मत करके उनका हाथ पकड़ लिया ! उसने कहा- राहुल तुम्हें यह कैसे पता लगा कि मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ?

कुछ दिन बीत गए ! मैं उनसे नहीं मिला ! एक दिन उनके घर पर कोई नहीं था ! (मैं आपको बताना भूल गया कि उनके परिवार में उनका पति, देवर, सास, देवरानी और दो बच्चे हैं !) मैंने अंदर से दरवाज़ा बंद कर लिया ! भाभी ने कहा- यह क्या कर रहे हो !

मैंने कहा- कोई हमारी बातें न सुन ले !

तो उसने कहा- ठीक है, बोलो !

मैंने कहा- बोलना क्या है, एक पप्पी तो दे दो !

उसने थोड़ा दूर होते हुए मना कर दिया। मैं उठ कर गया और ज़बरदस्ती उसे चूमने लगा। थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी !

मैंने उससे कहा- नीचे की चीज़ कब दे रही हो?

उसने कहा- मम्मी आ रही होंगी, हम यह सब किसी और दिन करेंगे।

मैं वहाँ से चला आया ! वो रोज किसी काम से मुझे अपने घर अपनी सास के सामने बुलाती और पीछे के कमरे में मेरा साथ चूमा-चाटी करती।

फिर एक दिन मैंने उससे कह दिया- जब मुझे चूत दोगी तभी मुझे बुलाना !

एक दिन उसका फ़ोन आया, उसने कहा- कोई काम है तुम आ जाओ !

मैं उसके घर गया तो उसने बोला- कापियाँ ला दे !

मैंने कहा- पहले मुझे वो दो !

उसने कहा- आकर कर लेना !

मैंने कहा- कर के ही जाउंगा !

वो लेट गई, मैंने उसकी सलवार उतारी और उसे हाथों से चोदना शुरू कर दिया ! वो सिसकियाँ लेने लगी ! मैंने उसका कमीज उतारा और उसकी चूचियाँ दबाने और चूसने लगा।

वो कहने लगी- अब जाओ !

मैंने कहा- अभी तो इसे चूसो !

उसने मना कर दिया, कहने लगी- मुझे उलटी आती है।

फिर मैंने उसे ज्यादा मजबूर नहीं किया, अपना लंड उसकी गीली चूत पर रखा, वो एक दम से अन्दर चला गया, मुझे मज़ा नहीं आया तो मैंने उसकी टांगों को एक दूसरे पर तिरछा कर दिया। अब मुझे मज़ा आने लगा और वो चिल्लाने लगी- बस अब और नहीं मारो !

मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने उसको उल्टा किया और उसके ऊपर लेट गया।

उसने कहा कि वो गांड नहीं देगी।

मैंने कहा- मैं चूत ही मारूंगा !

उसने कहा- देखो, गांड मत मारना !

मैं उसकी गर्दन आगे करके बीच में बैठ गया और एक झटके से उसकी गांड में लंड पेल दिया, वो तड़पने लगी क्यूंकि मैंने उसकी लातों को बांध दिया था जिसका उसे पता नहीं लगा। वो रोने लगी और मुझे हंसी आ रही थी, मैंने कहा- क्यूँ साली, बहुत तड़पाया है तूने !

जब मेरा छुटने को आ रहा था तो मैंने लंड बाहर निकाला और उसकी चुचियां गीली कर दी।

उसने कहा- यह तुमने ठीक नहीं किया राहुल !

मैंने कहा- कॉपी लेनी है या नहीं !

वोह कहती- यह सब करने में १ घंटा लग गया और तुमने कहा था सिर्फ पांच मिनट !

मैंने सॉरी कहा और अपने दोस्त की दुकान से कॉपियाँ लाकर दे दी।

वो मुझ से नाराज़ होने का नाटक करने कगी तो मैंने उसे मनाने के लिए ५ रुपये की चोकलेट लाकर दे दी। उसने कहा कि वो नहीं खायेगी!

मैंने कहा- तुम मुझे प्यार नहीं करती तो मैं जा रहा हूँ !

उसने मेरा हाथ पकड़ा और चोकलेट अपने मुंह में डाल कर मेरे आगे कर दी। मैंने चोकलेट खाते हुए उसे बहुत चूमा और अगली बार का कह कर घर चले आया।

अब मैं उसकी देवरानी को अपने चक्कर मैं ले रहा हूँ। Hindi Sex Stories

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बीकानेर के होटल में एक ही Hindi Sex Stories रात में तीन बार मेरी गाण्ड मारने के बाद बड़े जीजाजी को एक सप्ताह तक फ़िर मेरी गाण्ड मारने का मौका ना मिल सका। उन्होंने कई बार मौका निकाला पर वह सफ़ल नहीं हो सके।

हालांकि मुझे गाण्ड मराने में आनन्द तो आया था परन्तु मुझे यह सब अच्छा नहीं लगा था। मन में डर भी था। सेक्स के बारे में मुझे उस समय कोई जानकारी भी नही थी । पहली बार मैंने मुत्तु (लण्ड) और गांड का ऐसा उपयोग होते देखा था। गाण्ड के छेद में लण्ड घुसने पर मुझे बड़े जोर का दर्द होता था तथा टायलेट में भी तकलीफ होती थी इसलिए गांड मराने में मजा आने के बाद भी मैं बड़े जीजाजी से बच के रहता था पर वह कहाँ मानने वाले थे। उन्होंने मौका निकाल ही लिया।

जंगल की सैर कराने के बहाने वह मुझे अपने साथ जंगल ले आए। सुबह सुबह वह और मैं जीप से जंगल के लिए निकले। करीब चार घंटे के सफर के बाद हम जंगल में उनकी ड्यूटी-पॉइंट पर पहुँचे। यह बड़ी ही खूबसूरत जगह थी। बीच जंगल में उनके रहने के लिए दो वृक्षो पर जमीन से करीब दस फीट ऊपर लकड़ी का दो कमरों वाला मकान बना था, जिसमें उपयोग के लिए सभी सामान था। बड़े जीजाजी जब भी जंगल में रहते वह इसी काष्ठ-घर में रुकते थे।

उन्होंने अपनी सेवा के लिए दो छोकरे रख रखे थे उनमें से एक नेपाली था तथा एक आदिवासी, लेकिन दोनों ही चिकने और आकर्षक थे। नेपाली का नाम शिव था तथा आदिवासी लड़के का नम शायद मथारू था। उनकी चाल ढाल देख कर ही मुझे लगा कि जीजाजी ने गांड मारने के लिए ही इन्हें रख रखा है।

जंगल में पहुँच कर जीजाजी ने दोनों से खाने की व्यवस्था करने को कहा तथा मुझे लेकर वह ऊपर कमरे में आ गए। आते ही वह बोले- योगेश तुम नहा कर तैयार हो जाओ।

मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया पर वहां दरवाजा नहीं था, सिर्फ़ एक परदा लगा था। मैं नहाने लगा, तभी जीजाजी भी वहां आ गए। उन्होंने मुझे पकड़ कर मेरी चड्डी उतार दी तथा मेरी पीठ, जांघ और गाण्ड पर साबुन मलने लगे। बीच बीच में वह मेरी मुत्तु को भी सहला देते तथा मेरे गाण्ड के छेद में भी साबुन भर कर उंगली डाल देते।

मुंह पर साबुन लगा होने के कारण मेरी आँखें बंद थी। मैंने महसूस किया कि जीजाजी भी पूरी तरह नंगे हैं तथा मेरा हाथ पकड़ कर वह अपने लण्ड को सहला रहे हैं। मैंने पहली बार उनका लण्ड पकड़ा था। उसकी लम्बाई और मोटापन महसूस कर मैं डर सा गया कि इतना बड़ा और मोटा लण्ड कैसे मेरे छोटे से छेद में घुस जाता है।

जब उनका लण्ड पूरे जोश में आ गया तो उन्होंने थोड़ा और साबुन मेरे गाण्ड के छेद में लगा दिया तथा अपने लण्ड को मेरे छेद से टिका दिया।

उन्होंने एक जोर का धक्का दिया लण्ड का सुपारा अब मेरी गांड के अन्दर था। दर्द के मारे मेरी चीख निकल गई। बेरहम जीजाजी ने मेरी गाण्ड को थोड़ा सा दबाया और दोनों दोनों फांको को फैला कर छेद में अपना पूरा लण्ड घुसेड़ दिया तथा धीरे धीरे धक्के लगाने लगे।

थोड़े दर्द के बाद अब मुझे भी मजा आने लगा। जीजाजी पूरे जोश में थे। मुझे घोड़ा बनाकर लगातार लण्ड अन्दर बाहर कर रहे थे। बाथरूम फच फच की आवाज़ से गूँज रहा था। 15 मिनट बाद उन्होंने पिचकारी मेरे गाण्ड के छेद में ही छोड़ दी। उन्होंने ही मेरी गाण्ड साफ की तथा नहलाया। नहाने के बाद उन्होंने पूछा- योगी मजा आया। में शरमा गया, कोई जवाब नही दिया।

इसी बीच शिव और मथारू ने खाना तैयार कर लिया था। खाना खाने के बाद जीजाजी ने थोड़ी देर आराम किया। मुझे भी अपने पास लिटा कर मेरे लण्ड को सहलाया तथा उसे मसला भी। मेरे गाण्ड के छेद में उंगली डाली, मुझे मजा तो आ रहा था पर न जाने क्यूँ यह सब मुझे बहुत अच्छा नहीं लगा। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया। वह पूरी तरह तन्नाया हुआ था।

उन्होंने मेरे मुत्तु को मसला तथा फिर मुझे तिरछा कर मेरी चड्डी नीच खिसका दी और मेरे गाण्ड के छेद में उंगली करने लगे। फिर उन्होंने कोई तेल मेरे छेद पर मला तथा अपने लण्ड पर भी लगाया। तिरछा लेटे होने के कारण वह मेरी गांड में अपना लण्ड नहीं घुसा पा रहे थे।

उन्होंने मुझे पलट कर उल्टा कर दिया तथा वह मेरी टांगों के बीच में आकर बैठ गए। मेरे दोनों गाण्ड को मसला तथा उन्हें फैला कर मेरी गांड के छेद में एक जोर का धक्का मार कर एक ही बार में पूरा का पूरा लण्ड घुसेड़ दिया।

मैं दर्द से बिलबिला उठा। मेरी चीख निकल गई पर वह नहीं माने। वह लगातार धक्के पर धक्के मरे जा रहे थे। मुझे मजा तो आने लगा पर मेरे आंसू भी भी निकले। करीब 15 मिनट बाद वह झड़ गए और सारे का सारा रस मेरे गाण्ड के छेद में ही निकाल दिया।

जंगल में जीजाजी का चार दिन रुकने का प्रोग्राम था। दो घंटो में ही उन्होंने दो बार मेरी गांड मार ली। मैंने मन ही मन हिसाब लगाया कि यदि जीजाजी ने इसी रफ्तार से मेरी गांड मारी तो मैं तो मर ही जाऊंगा। उनका मोटा लण्ड घुसते समय बड़ा दर्द देता था तथा मेरी गांड से खून भी निकाल आता था। लेकिन मेरे पास कोई चारा नहीं था चुपचाप गांड मराते रहने के।

पहले ही दिन संध्या समय तक जीजाजी ने एक बार मेरी गांड और मारी तब वह मुझे जंगल की सैर कराने ले गए। जंगल काफी खूबसूरत था। प्राकृतिक सुन्दरता, हिरण, बारहसिंगे, नीलगाय और मोर देख कर मन खुश हो गया।

लौटते लौटते रात के आठ बज गए। खाना तैयार था। हमने खाना खाया और मैं सोने के लिए लेट गया। मैं बहुत थक भी गया था। पर जीजाजी तो मेरी गांड का भुरता बनाने पर तुले थे। उस रात उन्होंने चार बार और मेरी गांड मारी। मेरी गांड का छेद फूल कर कुप्पा हो गया। पर मैं कर भी क्या सकता था। जंगल में मेरी सुनने वाला भी कोई नहीं था। वैसे भी मैं यह सब किसी से कह भी नहीं सकता था।

अगले दिन मेरी किस्मत से ख़बर आई कि जंगल में एक वन-रक्षक पर भालू ने हमला कर दिया है। जीजाजी को सुबह सुबह ही वहां जाना पड़ा। मैंने रहत की साँस ली। पर क्या मैं सचमुच राहत की साँस ले पाया, पढ़िये अगले अंक में…Hindi Sex Stories

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हेलो दोस्तों Hindi porn stories मेरा नाम शुभम है और मैं स्पेन में काम करता हूं, प्यार से मेरे दोस्त मुझे राजा बुलाते है। मैं अंतरवासना की कहानी बड़े दिनों से पढ़ रहा हूं

तो मैंने सोचा आज मैं अपनी रियल कहानी आपको सुनाऊँ…तो कहानी क़रीब १ साल पहले की है। मेरे घर में मैं माँ और पिताजी ही थे। मेरी उमर उस समय २५ साल की थी मेरा लंड ७.५ लंबा और २.५ इंच मोटा है लेकिन मुझे सेक्स का कोई अनुभव नहीं था। हाँ, मुठ मार लेता था। मैं इंजीनियरिंग कर चुका था और अभी नौकरी के लिए प्रयत्न कर रहा था।

एक दिन सुबह ७ :०० बजे मैं जब उठा और बाथरूम जा रहा था कि घर की दरवाजे की घंटी बजी। खोल के देखा तो मेरी मौसी का लड़का राजेश और उसकी बीवी आरती आए हैं। माँ ने तुरंत देखा और कहा आओ आओ दोनों ने अपना समान अन्दर रखा और माँ को प्रणाम किया थोड़ी देर कुछ बात करने के बाद भाभी तुरंत किचन में माँ के साथ काम करने लगी पिताजी बाथरूम से निकले और कपड़े पहन कर काम पर जाने के लिए तैयार हो गए, तब राजेश और भाभी ने पिताजी को भी प्रणाम किया सबने मिल कर नाश्ता किया। फ़िर राजेश ने कहा कि गाँव में उसका कोई काम नहीं चल रहा है और घर की हालत ख़राब होती जा रही है इसलिए मौसी ने कहा है कि शहर में जाकर कोई काम ढूंढो। जब तक रहने का इंतज़ाम नही होता तब तक यहाँ रुकेंगे। अगर माँ पिताजी चाहे तो। माँ पिताजी दोनों ने कहा कोई बात नही। हमारा घर बड़ा है। एक कमरा उन्हें दे दिया मेरे बाजू वाला और कहा पहले नौकरी देखो बाद में घर दूंढ लेना नाश्ता करने के बाद राजेश भी फ्रेश होकर नौकरी की तलाश में निकल गया।

राजेश के जाने के बाद भाभी माँ के साथ घर के काम में लग गई मैं स्नान करने बाथरूम में गया और तैयार होकर बाहर आया। भाभी मेरे साथ थोड़ी देर बैठ कर बातें करने लगी। थोड़ी देर में हमारी अच्छी दोस्ती हो गई। भाभी का रंग गोरा था और चूचियां एकदम कसी हुयी, पतली कमर गोल उभरी हुई गांड कुल मिलाकर भाभी एक चोदने की चीज़ थी। लेकिन अभी मेरे दिमाग में ऐसा कुछ नही आया। मुझसे बात करते हुए वो काम भी कर रही थी

शाम को राजेश वापस आया। उसे एक नौकरी मिल गई थी किसी लेथ मशीन पर वो लेथ मशीन का ओपेरटर था और उसकी तनख्वाह थी २०० रुपये रोज की। दो दिन ऐसे ही बीत गए। मैं उनके कमरे के बाजु वाले कमरे में ही सोता हूं। दोनो कमरों के बीच की दीवार ऊपर से खुली है। रात को दोनो के बीच झगड़ा होता था। भाभी की आवाज़ मैंने सुनी। तुम फ़िर से झड़ गए। मेरा तो कुछ हुआ ही नहीं। फ़िर से करो न, लेकिन राजेश कहता था तेरी चूत कोई घोड़ा भी चोदेगा तो ठंडी नही होगी। मुझे सोने दे। ऐसा दो रात हुआ। भाभी उठ कर बाथरूम जाती थी फ़िर बड़बढ़ाते हुए वापस आ कर सो जाती थी। भैय्या कहते थे “तू बहुत चुदासी है, तुझे संतुष्ट करना मुश्किल है, ख़ुद ही अपने हाथ से आग बुझा ले”।

तीसरे दिन, पापा और राजेश नाश्ता करके अपने काम पर चले गए मैं लेटा था। भाभी मेरे कमरे में आई और कहा कि नाश्ता करने चलो। माँ शायद बाथरूम में थी। मैंने किचन में जाकर नाश्ता करना शुरू किया। भाभी मेरे एकदम से क़रीब आई और बड़े प्यार से बोली संजय। एक बात पूंछू? मैंने कहा “पूछो” भाभी बोली “किसी से बताओगे तो नहीं?” मैंने पूछा ऐसी कौन सी बात है? और आप तो जानती हो मैं चुगली नही करता। भाभी फिर से बोली मैं जानती हूं लेकिन आप प्रोमिस दो आप किसी को नहीं बताएँगे मैंने कहा हाँ मैं प्रोमिस देता हूं। तब भाभी ने धीरे से कहा मेरे और तुम्हारे भैय्या के लिए कोक शास्त्र ला दो।, मैंने पूछा “क्यों?” भाभी ने कहा तुम्हारे भाई को औरत की कैसे चुदाई की जाती है वो सीखना पड़ेगा वो मुझे संतुष्ट नहीं कर पाता। मैंने कहा ठीक है मैं ला दूंगा

मैं सुबह मार्केट में गया और एक बुक स्टोर से अच्छा कोक शास्त्र और दो चुदाई की कहानी की पुस्तक ले आया। घर आकर मैंने चुदाई की पुस्तकें पढ़ी। मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने मुठ मारी और पहली बार मुझे भाभी को चोदने का ख़्याल आया। कोक शास्त्र में चुदाई की कई तस्वीरें थी। फ़िर मैंने भाभी को तीनो पुस्तकें दे दोपहर का खाना खाने के बाद भाभी वो पुस्तकें ले कर अपने कमरे में चली गई। पुस्तक पढ़ते हुये वो गरम हो गई। मैंने दरवाजे से देखा वो अपने चूत में हाथ डाल के मसल रही थी।

रात को डिनर के बाद १० :३० बजे सब अपने बेडरूम में सोने गए मैं ड्राइंग रूम में बैठ कर भाभी और राजेश भाई जो बात कर रहे थे वो सुन रहा था, राजेश ने भाभी की चुदाई की लेकिन उसे संतुष्ट नही कर सका और रोज की तरह जल्दी ही झड़ गया। भाभी उसे समझाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वो सुनता ही नहीं था उसने कहा मुझसे फालतू बात मत कर तू कभी भी संतुष्ट नहीं होगी, आखिर में भाभी रूम से बाहर निकली और बाथरूम में गयी, बाथरूम से जब वापस आयी तब मैंने भाभी को रोका और भाभी का एक हाथ पकड़ के मेरे गरम लंड पर रख दिया, भाभी में मेरे लंड पर प्यार से हाथ फेरा और बोली ये तो बहुत बड़ा लंड है। मैंने कहा जब लंड बड़ा और मज़बूत होगा तभी ज्यादा मजा भी आयेगा।। भाभी बोली लगता है यही सच है लेकिन ये तो मेरी चूत फाड़ देगा

भाभी ने कहा आप मुठ मत मारना संजू भाई मैं राजेश के सोने के बाद तुमसे चुदाने आऊंगी, ये कह कर मेरे लंड को दबा के वो अपने रूम में चली गई, जाते ही राजेश बोला यह दूध में शक्कर डाला ही नहीं है जा के शक्कर मिला के लाओ। भाभी बिना कुछ कहे वो दूध ले के बाहर आयी और मुझे इशारे से किचन में बुलाया। मै उनके पीछे किचन में गया, भाभी धीरे से बोली कोई नींद की गोली है? मैंने कहा बहुत सी हैं , मम्मी पहले लेती थी, मैंने दो गोली निकाल के दी भाभी ने दोनो गोली पीस के दूध में डाली और शक्कर डाली फिर चम्मच से हिला के दूध तैयार किया, फिर वो बोली मुझे तुम्हारा लंड दिखाओ मैंने पाजामे से लंड बाहर निकला और भाभी के हाथ में दिया। भाभी उसे देख कर हैरान हो गई और बोली बाप रे इतना लंबा और इतना मोटा कितना सलोना और तगड़ा है आज मुझे इस लंड से चुदाना ही है। तुम आज मेरी चूत फाड़ दोगे। मेरा ७.५ इंच लंबा और २.५ इंच मोटा लंड उन्होंने हाथ में ले कर सहलाया

ये कह कर वो मेरे लंड को थपथपा के जाने लगी..मैंने उनकी चुन्ची को दबा दिया..वो उईई.कर उठी..और फुसफुसाके बोली..थोड़ा सब्र करो..सब दूंगी..राज्जा..पूरी नंगी होके चुदवाऊन्गी और वो अपने कमरे में चली गई.. जाते ही राजेश बोला यह दूध में शक्कर डाला ही नहीं है जाके शक्कर मिला के ले आओ . भाभी बिना कुछ कहे वो दूध लेके बाहर आयी और मुझे इशारा कर के किचेन में बुलाया..मैं उनके पीछे उनकी गांड से मेरा खड़ा लंड टिका के खड़ा हो गया..उन्होंने भी मेरे लंड पर अपनी गांड और चिपका दी..फ़िर बोली कोई नींद की गोली है?मैंने कहा बहुत है.. ममी पहले लेती थी मैंने दो गोली निकाल के दी भाभी ने दोनों गोली पीस के दूध में डाली और शक्कर डाल के फ़िर चम्मच से हिला के दूध तैयार किया फ़िर वो बोली मुझे तुम्हारा लंड दिखाओ , मैंने अपना पाजामा खोला और अपना मूसल बाहर निकला..उसक्? सुपाडे के छेद से अब पानी निकल रहा था. उसने अब उसे हाथ में लिया..बाप रे ये तो दुगुना लंबा और मोटा है..मेरा 7.5 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा लंड हाथ में लेने की कोशिश की..और कहा कितना सलोना है..और कितना तगड़ा है बहुत मोटा है ये..मेरी चूत फाड़ डालेगा..और झुक के मेरे लंड को चूमा और कहा मेरा इंतज़ार करो ऐसा बोल के दूध अपने साथ ले के वो बेडरूम में चली गयी.
मैं अपने बेड पर आ के पाजामा खोल के सो गया..लंड को मैं सहला रहा करीब 20 मिनिट के बाद भाभी बेडरूम का दरवाजा खोल के मेरे रूम में आई उसने आते ही मुझसे कहा संजय आज मेरी पूरी प्यास बुझा दो मेरी चूत को तुम्हारे मोटे लंड से तृप्त कर दो..मैंने भाभी को अपने बिस्तर पर मेरे ऊपर खीच लिया मैं तो नंगा ही था, भाभी ने मेरे लंड को महसूस किया मैं उन्हें चूमने लगा. उन्होंने फूस फुसते हुए कहा..इतना मोटा लंड मेरी चूत में धीरे धीरे डालना संजू. मैं उन्हें चूमते हुए उनका ब्लाउज खोलने लगा.अंडा ब्रा ऍ?ही पहना था शायद राजेश से चुदवाते हुए वो पहले ही खोल चुकी थी..मैंने उनकी साड़ी भी खोल के नीचे फेंक दिया..अब सिर्फ़ पेटीकोट में थी वो..कितनी गोरी थी..मैं उन्हें चूमे जा रहा था और चुन्चिया मेरे हाथो में थे..मस्त नर्म मख्खन जैसी चुन्चिया थी..मैंने उनके पेट को सहलाते हुए नीचे चूत पर हाथ लगाया उफ़ लगा जैसे आग लगी है मैंने उनके चूची को आटा गूंथने जैसे मसला वो आह..ओह्ह.. कर रही थी लेकिन बहुत धीरे…फ़िर मैंने उनका पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उसे नीचे खीच दिया..चड्डी भी नहीं थी..मैंने भाभी को मेरे बेड परलिटा दिया उफ़ क्या छोट थी पुस्तक में कुंवारी लड़की की जैसी चूत थी ठीक वैसी ही चूत की दरार थी..मैं तो पागल होने लगा..झुक कर चूत को चूमा..चूत गीली थी..मैंने दाने को ढूंढा उसे मसल दिया भाभी ऑफ़ कर उठी..फ़िर एक उंगली गीली चूत में दाल दी..बहुत टाईट थी चूत..मेरी उंगली भी मुश्किल से जा रही थी..भाभी ने कहा अब मुझे पहले तुम्हारे लंड से च ोद दो.. .मैंने उन्हें और तडपाने के लिए अब मेरी जीभ चूत पर लगा दी और चूसने लगा अब भाभी बेचैन हो गई..अहह संजय..क्या कर रहे हो..आह्ह..इश..ओ माँ और जीभ चूत पर लगाने से उनकी चूत से और पानी निकलने लगा ..उन्होंने कहा पहले एक बार इस लंड को अन्दर दाल के चोद डालो..फ़िर बाद में जो चाहे करना..मैंने कहा ठीक है..और मैं उनके पैरों के बीच बैठ गया.मैंने देखा उनकी चूत का सूराख बहूत छोटा है..पास ही टेबल पर फेयर न लवली करें का नया ट्यूब था उसे मेरे लंड पर अच्छे से लगाया..और उंगली से भाभी के सूराख पर भी.., भाभी ने अपने पैर अच्छे से फैला दिए मैंने अपना लंड चूत पर रखा..भाभी ने तुरंत लंड हाथ में पकड़ लिया और अपनी चूत पे रगड़ने लगी , थोड़ी देर के बाद मेरे लंड का सुपाडाअपने चूत के गुलाबी छेद पर रखा और फूसफुसाके बोली संजू ये इतना मोटा है तुम मेरी चूत का ख़्याल रखना..एकदम आहिस्ता आहिस्ता अन्दर डालो..मेरी चूत फाड़ मत देना…ये सुनकर मैं और जोश म्? आ गया..फ़िर भी मैंने लंड के सुपाड़े को अन्दर धकेला..और भाभी..उईई..माँ…कर के उछल पड़ी मैंने अब लंड को धीरे धीरे अन्दर घुसाने लगा लेकिन चूत बहुत टाईट थी..मैंने थोड़ा जोर लगाया और चुन्ची दबा के धक्का दिया आधा लंड अन्दर घुस गया और भाभी उछल पड़ी..मैंने देखा चूत से थोड़ा खून निकल आया..मैं डर गया..मैंने पूंछा भाभी ज्यादा दर्द हो रहा है क्या.
भाभी ने कहा तुम फिकर मत करो अन्दर डालो पूरा..आह्ह मजा आ रहा है..लेकिन भाभी के चेहरे पर दर्द दिख रहा था..मैंने आधे घुसे लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया.थोड़ी देर में भाभी ने कहा और तेज ..और तेज.आह..और मैं जोश में आ गया.मैंने लंड को बाहर खीचा और पुरी ताकत से अन्दर दाल दिया और इस बार भाभी जोर से चीखने जा रही थी लेकिन अपने ही हाथो को मुँह में डाला और काट लिया उनकी कलाई से खून निकल आया लेकिन वो अब कमर उछालने लगी थीं मुझे चिपक रही थीं..आह..ऊह्ह…संजू..मैं आने वाली हूँ..और जोर से..और…और फ़िर उन्होंने दो टिन झटके मारे और मुझसे चिपक गई..उनका पूरा बदन कांप रहा था पसीना निकल आया था और मेरे लंड पर भी बहुत गर्म गर्म लगा..उनका पानी..उन्होंने मेरा चुम्मा लिया और कहा…आज मेरी चूत पहली बार झड़ी है जिंदगी में..अब तुम जैसे चाहो चोदो मुझे..मैंने कहा तुम्हारी चूत से खून भी निकला है..उन्होंने कहा ..सच्च…मैंने अपना लंड निकल कर दिखाया..जो की लाल हो रहा था..वो मुझसे और जोर से लिपटी और कहा आज ही मैं सही मायने में औरत बनी हूँ.. भाभी ने जिस तरह से चूत को झटके दिए उससे मैं तो घबरा गया था..मैं उनसे कुछ पूछने जा रहा था उन्होंने मेरा मुँह हाथ से बंद किया और मेरा लंड वापस चूत में डालने का इशारा किया इस बार मैंने लंड को एक झटके में अन्दर डाला..भाही ने फ़िर से कमर उछालना शुरू किया..शायद अभी पूरी झड़ी नहीं थी..मेरे लंड को चूत में कस लिया मैं उनकी चूची चूसते हुए जोर से झटके मारने लगा’ भाभी ने कहा संजय..बहुत मजा आया रहा है..तुम सच में अच्छा चोदते हो..और तुम्हारा ये मजबूत लंड आः..अब मुझे भी मेरे लंड में से कुछ निकलेगा ऐसा महसूस हो रहा था..लंड और कड़क हो के फुल रहा था..मैंने अब धक्को की स्पीड बड़ा दी मेरे धक्को से भाभी की चुचिया उछल रही थी..और 7-8 धक्को के बाद मैंने लंड को चूत की गहराई में पेल दिया और मेरे लंड से पिचकारियाँ निकलने लगी..एक निकली..दुसरी निकली..तीसरी..चौथी…और ऐसे क़रीब 7-8 मोटी धार की पिचकारी से भाभी की चूत पूरी भर गयी..मैं उनके ऊपर ल???ट गया..वो मेरे बालों में हाथ फेरने लगी..फ़िर हमने एक दुसरे के होठों को बहुत जोर से चूमा.. ,क़रीब 5 मिनिट के बाद भाभी ने कहा अब लंड को बाहर निकाल लो..मैं उठा और लुंड जो अभी भी आधा खड़ा था..उसे बाहर निकाला..पक्क की एक आवाज़ हुयी..और भाभी की चूत से मेरा लावा और खून दोनों बह कर चादर पर गिरने लगे , मैंने देखा पहले जो चूत सिर्फ़ एक पतली दरार दिख रही थी अब वो अंग्रेज़ी के ‘ओ’ जैसी दिखने लगी थी, मैंने सोचा भाभी को अब राजेश का लंड बहुत ही छोटा लगेगा.

भाभी ने उठाते हुए आह्ह की आवाज़ की..मैंने अहिस्ता पूंछा क्या हुआ..उन्होंने कहा चूत चरपरा रही है.. मैंने उनका हाथ पकड़ कर खड़ा किया .. उसके बाद हम दोनों बाथरूम में गए..भाभी और मैं दोनों नंगे ही थे.. बाथरूम में भाभी चूत साफ करने बैठी तो मैंने देखा और भी बहुत सा माल उनकी चूत से निकला..उन्होंने कहा..कितना माल निकाला है..राजेश का तो एक चम्मच ही गिरता है…ये तो क़रीब 10 चम्मच है..फ़िर उन् होंने मेरे लंड को साबुन लगा के धोया..लंड फ़िर खड़ा होने लगा..मैंने कहा भाभी और एक बार…भाभी ने कहा..देखते है..फ़िर हम दोनों बेद पर आ कर लेट गए नंगे..और सो गए..थोड़ी देर मैंने उनकी चूची मसली चुम्बन किया..उनकी चूत सह्लायी..भाभी भी मेरे लंड को सहला रही थी.. एक घंटे के बाद फिरसे मेरा लंड खड़ा हुआ अब मैंने भाभी को जगाने लगा.. वो जाग गई थोड़ी देर चुम्बन के बाद मैंने भाभी से कहा..मेरा लंड चुसो न..उसने पहले मना किया फ़िर किस किया..मैंने भाभी को कहा चाटो..उन्होंने चाटना शुरू किया मैंने कहा सुपाडे को मुँह में लो..,उसने कोशिश की..लेकिन पूरा नहीं ले पा रही थी…मैंने भाभी से कहा तुम अपनी चूत मेरे मुँह के ऊपर रखो..वो दोनों पैर फैला के मेरे मुँह पर बैठ गई..मैंने उन्हें कहा मेरे लंड को झुक के मुँह में लो..उसने किया..और इस तरह चूत चटवाते हुए क़रीब 12-13 मिनिट में वो उह.. आह्ह..और जोर से चाटो..जीभ मेरे अन्दर तक डाल दो..आह्ह..उनकी चूत से पानी निकल के मेरे गले और चहरे पर बहने लगा था..मैं उनकी कुंवारी गांड के छेद को उंगली से टटोल रहा था..और भाभी..आह्ह..मेरा होने वाला है..संजय..पूरी जीभ अन्दर डालो.

भाभी ने चूत मेरे मुँह पर दबा दी और झटके मारने लगी..इस बार उन्होंने अपने चूत के पानी से म???रा पूरा मुँह भिगो दिया…और बदन ऐँठ कर शांत हो गई..थोड़ा चूसने के बाद मैंने भाभी को चार पाया बनाया और पीछे से चूत में लंड डाला…इस बार क़रीब 30 मिनिट से ज्यादा मैंने भाभी को चोदा..वो बिस्तर पर पेट के बल लेट गई..लेकिन मैं चोदता रहा.. इस दौरान भाभी और 3 बार झड़ी..फ़िर मैं पीछे से ही भाभी की चूत में झड़ गया.. और उनके पीठ के ऊपर लेट गया और सामने हाथ डाल कर चूची दबाता रहा.

इस तरह आधा घंटा सोने के बाद हम लोग फ़िर नंगे ही बाथरूम में गए ..तब सुबह के चार बज रहे थे..बाथरूम में साफ होने के बाद वापस आके मैंने भाभी को नंगी ही पकड़ के .बहुत…चूमा .. मम्मे दबाये..फ़िर वो अपने कपड़े पहन कर बेड रूम में राजेश के पास चली गई.

अब तो मैं भाभी को बहुत चोदता हू हपते में तीन चार रात तो भाभी मेरे ही बिस्तर पर रात गुजारती है, और चुदाई का पूरा मजा लेती है.. शायद इस बार भाभी गर्भवती है कह रही थी मासिक नहीं हुआ अभी तक…ये बच्चा मेरा ही है.. ये कहानी पढ़़ने वाली सभी भाभियों और उनकी शादी शुदा सहेलियों से मैं उम्मीद करता हू की वो भी मेरे इस अनुभव का लाभ उठाएँगी. Hindi porn stories

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