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हाय Antarvasna ! आइ एम संगीता डूइंग सीए फ़्रोम जोधपुर।आज मैं आपको अपनी एक रियल स्टोरी बताने जा रही हूं जो लास्ट वीक मेरे साथ हुई मेरी होबीज़ चैट करने की है
मैं रोज चैट करती हूं। पर एक दिन मेरी मुलाकात एसकुमार से हुई। बातों बातों मैं ना जाने हम दोनो कब दोस्त बन गये। हम रोज घंटो बातें करने लगे। उसके साथ बात करना मुझे भी अच्छा लगने लगा। फ़िर वो सेक्स की बातें करने लगा। पहले तो मुझे बुरा लगता पर धीरे धीरे अच्छी लगने लगी। जब वो सेक्सी बातें करता तो मुझे कुछ कुछ होने लगता। फ़िर हम रोल प्लेयिंग करने लगे और नेट पर ही सेक्स करते।
फिर एक दिन मुझसे रहा नहीं गया तो मैने उसको अपने घर बुला लिया देखने में तो वो ऐवरेज था। पहले तो मैने सोचा कि क्या ये वही लड़का है जो नेट पर सेक्सी बातें कर कर के ही मुझे फ़्री कर देता है।
फ़िर वो मेरे करीब आया और उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया। एक पल के लिये मेरी सांसे थम गयी कि अब क्या होने वाला है मेरे साथ पर दूसरे ही पल मुझे अच्छा लगने लगा जब उसके लिप्स मेरे लिप से जा मिले उसके हाथ जब मेरे बूब्स को दबाने लगे तो मुझ पर नशा छाने लगा। और मैं उसकी भाहों में सिमटने लगी। उसके हाथों में जादू सा लगने लगा जो मुझे पागल करने लगा। तब मुझे लगा कि सिम्पल सा दिखने वाला ये लड़का कमाल का काम करेगा। फिर मैं भी उसका साथ देने लगी। उसको अपनी बाहों में कसने लगी उसके जादू भरे हाथ मेरे बदन पर फ़िरने लगे और मुझको बेहाल करने लगे।
पता नहीं उसमें क्या जादू था कि मैं बस बिखरती जा रही थी ।।मेरा मन कर रहा था कि बस मुझे फ़क कर दे जब वो अपने हाथ मेरे बदन के ऊपर से लेकर नीचे तक ले जता तो बस मेरे मुंह से आह्हह्हह्ह आअह्हह्हह्ह ऊउफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ की आवाज़ ही निकलती। फ़िर उसने मेरे कपड़े उतारने शुरु किये तो मुझे कुछ पता ही नहीं चला कि कब मैं उसके सामने नंगी हो गयी।। क्योंकि उसके हाथों और उसके लिप्स के जादू में मानो मैं खो गयी थोड़ी देर तक मुझे पता ही नहीं चला कि वो मेरे बदन से अलग होकर मुझे नंगा देख रहा है। जब मैं होश में आयी तो मुझे पता चला तो मुझे बहुत शरम आने लगी। मैने उसको पास आने को कहा तो वो नहीं आया।
मैं पागल तो हो चुकी थी उसकी सो मैं ही नंगी उठकर उसको पकड़ने लगी। वो रूम में इधर उधर भागने लगा। पर उसने मुझे पागल कर दिया था सो मैं भी नंगी ही उसको पकड़ने लगी। जब उसने फ़िर मुझे अपनी बाहों में लेकर प्यार करने लगा तो मैं फ़िरसे मदहोश होने लगी फ़िर थोड़ी देर बाद मुझे होश आया तो मैने पाया कि अब वो भी नंगा है। मुझे तब पता चला जब प्यार करते करते उसने मेरा एक हाथ पकड़ कर नीचे ले जा कर अपना पेनिस मेरे हाथ में दे दिया। तब एक दम मुझे होश आया कि ये क्या है उसको देख कर मुझे थोड़ा डर लगने लगा कि मैं कैसे लूंगी इसको। पर मुझे नहीं पता था कि आगे क्या होने वाला है।
उसने मुझे फ़िर बेड पर लिटा कर मेरे पूरे बदन पर अपने लिप्स का जादू डाल दिया मैं उसके प्यार से पागल हो गयी थी। कब मैने उसके लिये अपनी लेग्स खोल दी मुझे पता ही नहीं चला। उसका गरम पेनिस जब मेरी चूत पर लगा तो एक पल के लिये मुझे होश आया पर थोड़ी देर बाद जब उसने अपने लिप्स मेरे लिप्स से मिला कर।
मुझे फ़क करने लगा तो बस मुझे पता ही नहीं चला कि कब उसका गरम लंड मेरी चूत में समा गया। जब वो मुझे फ़क करने लगा तो मुझे पता चला कि अब मेरा कुवारापन टूट गया है।।मैं तो ये सोचने लगी कि मुझे दरद क्युं नहीं हुअ। कब उसका मेरे अंदर चला गया पर मुझे पता ही नहीं चला। सच मियां ही इज़ ए नाइस प्ले इन सेक्स। उसके सेक्स स्टाइल ने मुझे इतना मस्त कर दिया कि मुझे दर्द का भी अहसास नहीं हुअ। उसके लिप्स और हैंडस में अच्छा जादू था सच में अगर कोइ लड़की सेक्स करने से डरती हो तो एस कुमार से मिलना चाहिये उसको सच में ऐसा पार्टनर मिल जाये तो सेक्स का डर भी छू हो जाये।
उस दिन से मेरा सेक्स से डर बिल्कुल भी दूर हो गया थोड़ि देर बाद वो फ़्री हो गया। मैं हैरान थी कि इश बीच मैं चार बार फ़्री हो चुकी हूं पर ये सिर्फ़ एक बार फ़्री हुआ है जब वो मुझसे अलग हुआ तो मैने देखा कि उसका लंड मेरे चूत के खून में नहाया हुआ है। देख कर मैं डर गयी पर मुझे अच्छा लगा कि मुझे दर्द का एहसास नहीं हुआ मैने उसको अपनी बाहों में लेकर प्यार करना शुरु किया।
सच में पता नहीं क्या जादुगर है वो फ़िर उसने ३ बार और फ़क किया मुझे। वो सिर्फ़ ३ बार ही फ़्री हुआ पर मैं ना जाने कितनी बार फ़्री हो चुकी थी। फ़िर थोड़ी देर बाद हम दोनो नहा धो कर बैठ गये और थोड़ी देर बाद वो चला गया। आज भी जब भी मुझे मौका मिलता है तो मैं उसको बुला लेती हूं और सेक्स का मज़ा लूटती हूं।।सच में वो इतने प्यार से करता है कि मुझे पता ही नहीं चलता। बस मैं खुद को हेवेन में पाती हूं। उसके चले जाने के बाद भी उसके हाथों और उसके लिप्स का जादू मेरे बदन पर छाया रहता है। हम दोनो रोज फोन पर सेक्स करते हैं। उसकी बातें सुन सुन कर ही मैं फ़्री हो जाती हूं और उसको रियल में करने के लिये बेताब। जब मौका मिलता है तो रियल करने में खूब मज़ा आता है। उसके कारण आज मैं हर पल खुश रहती हूं। मैं आपसे ये नहीं कहूंगी कि आप भी एस कुमार से सेक्स करवायें, क्योंकि मैं खुद उनके साथ सेक्स करके बहुत खुश होती हूं, फिर भी अगर एस कुमार चाहे तो आप भी उनके साथ एक बार Antarvasna सेक्स करके देखो खुद पता चल जायेगा कि वो कितने अच्छे फ़कर हैं.
देसी भाभी पोर्न स्टोरी में एक भाभी को अपने पति से पूरा चुदाई सुख नहीं मिल रहा था. तो जैसे ही मौक़ा मिला, उसने गैर लंड को अपनी चूत में ले लिया.
मेरा नाम जागृति है और मैं 28 साल की हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.
हालांकि मैंने कई कहानियां लिखी हैं … पर किसी न किसी संकोच की वजह से कभी पोस्ट नहीं की.
पहले मैं खुद के बारे में बता दूँ.
मैं काफी हॉट दिखती हूँ.
लोग मुझे पसंद करते हैं, पर मैं कोई हूर की परी नहीं हूँ.
मैं झूठ बोलकर अपनी कहानी को नकली नहीं बनाना चाहती हूँ.
इस देसी भाभी पोर्न स्टोरी में मैं सब सच लिखने की कोशिश करूँगी.
मैं एक आम लड़की हूँ, बस मेरे ‘आम’ किसी आम लड़की जैसे नहीं हैं.
वे बहुत ही ख़ास हैं!
मैं बड़े गर्व से बताना चाहूँगी कि मेरी ब्रा का साइज़ 36 है.
अगर आपको ब्रा की साइज़ का ज़रा भी अंदाज़ा होगा तो आप समझ चुके होंगे कि मेरे ‘आम’ किसी बड़े खरबूजों से कम नहीं हैं.
अब मैं अपनी निजी जिंदगी के बारे में भी कुछ बता देती हूँ.
मेरी शादी हुए कुछ साल हो गए हैं और मेरे पति काफ़ी बोरिंग इंसान हैं.
उन पर लानत है कि मेरी जैसी लड़की को शादीशुदा होते हुए भी अपनी प्यास बुझाने के लिए यहां वहां जाना पड़ता है.
वैसे तो मेरी रंगरेलियों के कई किस्से हैं.
मैं आपके साथ धीरे धीरे सब शेयर करूँगी.
पर यह एक किस्सा जो आज बता रही हूँ, वह बड़ा ही रोमांटिक हैं और कामुक कर देने वाला वाकिया है.
एक बार मैंने ब्यूटी सैलून की होम सर्विस देने वाले को ऑनलाइन बुक किया था.
मैंने सोचा था कि लड़की आएगी.
पर एक लड़का आ गया.
शुरू में थोड़ा अजीब सा लगा, पर फिर मैंने सोचा कि कई बार यूनिसेक्स सैलून में जाती हूँ तो उधर लड़के ही बेसिक ब्यूटी सर्विसेज देते हैं.
तो अजीब लगने की कोई बात नहीं लगी.
फिर मुझे सिर्फ़ पैडीक्योर और मैनीक्योर ही करवाना था.
मेरे घर पर सिर्फ़ मैं, मेरे पति और मेरे ससुर ही रहते हैं.
उस वक़्त मेरे पति ऑफिस गए हुए थे और मेरे ससुर ड्राइंग एरिया में टीवी देख रहे थे.
अब क्योंकि मुझे ब्यूटी सर्विसेज लेनी थी तो ज़ाहिर था कि उसे मैं अपने रूम में ही ले जाकर सेवा लूँगी.
हमारा घर एक ड्यूप्लेक्स है और मेरा रूम ऊपर की मंजिल में है.
नीचे ड्राइंग एरिया है और मेरे ससुर का कमरा है.
मैं उस लड़के को अपने कमरे में ले गयी.
मेरे ससुर अच्छी पोस्ट से रिटायर्ड हैं और काफ़ी खुले ख्यालों के हैं.
तो उनकी तरफ से कोई प्राब्लम नहीं थी.
मैंने अपने कमरे का दरवाज़ा बंद नहीं किया क्योंकि किसी के आने की कोई उम्मीद थी ही नहीं.
उसने अपना नाम आकाश बताया और सैटअप करना शुरू किया.
वह सामान निकाल रहा था और मैं उसकी तरफ देख नहीं रही थी.
पर मेरा ध्यान उसी की तरफ था क्योंकि काफ़ी अच्छी कद-काठी का था.
मेरे बेडरूम में एक अंजान आदमी का इस तरह होना, वह भी जब मेरे ससुर घर पर थे, मेरे लिए थोड़ा असहज कर देने वाला था.
मैं एक लड़की ब्यूटीशियन के आने की उम्मीद कर रही थी तो मैंने एक आरामदायक वन पीस पहना हुआ था.
इस वन पीस की स्लीव्स बहुत ही छोटी और ढीली थीं ताकि मैनीक्योर के बाद पूरे हाथ पर अच्छे से मसाज ले पाऊं.
साथ ही पैडीक्योर में भी आराम से घुटनों तक मसाज हो जाए.
उस लड़के ने सैटअप जमाया और मुझसे पूछा- मैम, शुरू करें?
मैंने कहा- हां श्योर!
मैं बेड के किनारे पर बैठ गयी.
उसने फ्लोर पर पैडीक्योर मशीन लगा दी थी.
मेरे पैर उठा कर उसने मशीन में रख दिए और मशीन को चालू कर दिया.
तभी उसने अचानक से मेरा गाउन ऊपर उठाया और घुटनों से भी ऊपर कर दिया.
एक लड़के के हाथ यह सब करवाना मुझे काफ़ी अजीब महसूस हुआ.
एकदम से नीचे वाले छेद में गुदगुदी सी होने लगी, पर मैंने सोचा कि यह तो उसका तो रोज़ का ही काम है, क्या शर्माना.
मैं अपनी जांघों को कसके एक दूसरे से चिपकाई हुई थी क्योंकि नीचे पैंटी पहन रखी थी, पैंट्स या ब्लूमर नहीं पहना था.
उसने मुझसे सहज रहने को कहा, पर मैं वैसे ही अपनी टांगों को छिपा कर बैठी रही.
उसने अचानक से मेरी एक टांग उठाई और अपने घुटने पर रख ली.
फिर मेरी टांग में क्रीम लगाने लगा.
अब इस तरह से करने से मेरी जांघें खुल चुकी थीं और मुझे पता था कि उसे मेरी पैंटी दिख रही थी.
यह सोच कर ही मैं थोड़ी गीली होने लगी कि एक आदमी मेरे बेडरूम में मेरी टांग पकड़ कर बैठा है और मेरी पैंटी भी देख पा रहा है.
इतने में उसने दूसरी टांग उठाई और उस पर क्रीम लगा कर दोनों टांगें विपरीत दिशा में फैला कर पैडीक्योर टब के दोनों तरफ रख दीं.
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि वह मेरी टांगें फैला कर ऑलमोस्ट उनके बीच में बैठा है और मेरी चड्डी देख रहा है.
शायद मेरी चूत को सूंघ भी रहा है और मैं चुपचाप बैठी हूँ.
उसकी हरकतें मुझे अब कुछ ठीक नहीं लग रही थीं.
ऐसा लग रहा था कि उसके दिमाग़ में कुछ चल रहा है.
पर मुझे न जाने क्यों … यह सब कुछ थोड़ा अच्छा भी लग रहा था.
तभी उसने मुझसे पूछा- फुल बॉडी मसाज, फुल बॉडी वैक्सिंग के पैकेज पर काफ़ी डिस्काउंट चल रहा है, आप लेंगी मैम?
यह सुन कर जैसे मैं सुन्न सी हो गयी, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या बोलूं.
तभी उसने एक ऐसी बात कही कि मेरी आँखों के आगे अंधेरा सा छा गया.
‘बिकिनी वैक्स भी फुल बॉडी में इंक्लूडेड है!’
यह सुन कर मुझे लगा कि मैं कहां छुप जाऊं.
मेरी चूत पर काफ़ी घने बाल थे क्योंकि मैंने बहुत दिनों से हेयर रिमूवल नहीं किया था.
पति के साथ चुदाई किए हुए भी दो महीने हो चुके थे.
शायद मेरी पैंटी लाइन से उसने वह बाल देख लिए थे और तभी वह यह कह रहा था.
मैंने एकदम से उससे कह दिया- नहीं, मैं ऐसी सर्विसेज घर पर नहीं ले सकती … क्योंकि मेरे ससुर घर पर हैं.
यह कहने के बाद मुझे लगा कि यह क्या कह दिया मैंने … मैं सीधा मना भी कर सकती थी.
पर मैंने ऐसे कहा, जैसे मुझे उससे कुछ भी करवाने में आपत्ति नहीं होती … अगर मैं घर पर अकेली होती.
उसने कुछ नहीं कहा और बहुत कामुक तरह से मुझे छूते हुए मेरा पैडीक्योर करता रहा.
ऐसा लग रहा था कि वह मुझे उत्तेजित करने की कोशिश कर रहा हो.
मैं हो भी रही थी.
ऊपर से वह बार बार मेरी पैंटी की तरफ भी देख रहा था.
मुझे महसूस हो रहा था कि मैं गीली हो रही हूँ, पर मैं चुपचाप अपने मोबाइल में देखती रही.
उसने पैडीक्योर पूरा किया बस मसाज होना बाकी था.
तभी उसने मैनीक्योर शुरू किया और पहले मेरे एक कंधे की मसाज करने लगा.
यह अजीब था क्योंकि अक्सर मैनीक्योर के बाद मसाज होती है.
पर उसने पहले शुरू कर दी थी.
वह मेरी कोहनियों से ऊपर मेरे कंधों तक आता … फिर अपनी उंगलियां मेरी स्लीव्स के अन्दर तक ले जाता.
फिर मेरी गर्दन पर मसाज करता और अपना हाथ लगभग मेरी छाती तक ले जाता.
ऐसे लग रहा था जैसे वह मुझसे आज्ञा माँग रहा हो कि उसे मम्मे छूने की पर्मिशन दे दी जाए.
मैं चुपचाप मोबाइल ही देख रही थी कि तभी नीचे से आवाज़ आई- जागृति, घर का दरवाज़ा बंद कर लो, मैं स्टेशन जा रहा हूँ.
मुझे याद आया कि मेरे ससुर के दोस्त आज कहीं जाने वाले थे और वह उन्हें ड्रॉप करने जा रहे थे.
यह सुन कर जैसे उस लड़के के हाथों में एक अलग ही जोश आ गया.
इस बार मेरी छाती के और अन्दर हाथ ले जाते हुए उसने धीरे से मेरे कान में कहा- दरवाजा बंद करके आ जाइए, मैम!
उसकी गर्म सांसें जैसे मुझसे कह रही थीं कि वह मेरा पूरा बदन टटोलना चाहता है.
मैं चुपचाप गेट बंद करके आ गयी.
मेरी सांसें अब काफ़ी तेज़ थीं और उसने यह बात नोटिस कर ली थी.
उसने कहा- मेम फुल बॉडी वैक्सिंग ले लो … मैं मसाज कॉंप्लिमेंटरी दे दूँगा.
इस बार उसने मेरे मम्मे छू लिए थे.
बस वह मेरी चूचियों के निप्पल तक नहीं पहुंच पाया था.
मैंने फिटिंग की ब्रा पहनी थी, तो वह मेरे एक दूध की ऊपरी चमड़ी को सहला कर वापस आ गया था.
मेरी चूत अब पहले से फड़फड़ा रही थी.
मैं दिमाग़ से नहीं, अब चूत से ही सोच रही थी.
अंतत: मैंने कह दिया- ठीक है कर दो वैक्सिंग!
यह सुन कर उसने मुझे ब्रा उतरने को कहा ताकि वह अच्छी तरह मसाज दे पाए.
असल में वह मुझे गर्म कर रहा था.
मैंने ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को ढीली करके चूचों से नीचे कर दी.
उस गैर मर्द ने पहली बार मेरी चूचियों पर अपनी उंगलियां फिराईं.
‘आह … मज़ा आ गया … बिल्कुल कड़क हो चुकी थीं.’
बस ऐसा लग रहा था कि मेरी चूचियां वन पीस फाड़ कर बाहर निकल जाएंगी.
मैं चाहती थी कि वह अपने मुँह में लेकर इनको अब चूस ले.
उसने जैसे मेरे दिल की बात सुन ली, उसने मेरे सामने के बटन्स खोल दिए और मुझे शीशे के सामने बैठने को कहा.
शीशे के सामने लाकर उसने कहा- मसाज का आनन्द लेना है तो शरीर को ढीला छोड़ दो और सब खोल दो.
उसके मेरे दोनों दूध सहज भाव से खींच कर बाहर निकाले और उन्हें देख कर हैरान हो गया.
बहुत मुश्क़िल से मेरे पूरे मम्मे बाहर आ पाए थे, दरअसल मेरे ऐसे लग रहे थे मानो दूध फँस गए हों.
इतने बड़े दूध उसने पहले असलियत में देखे नहीं होंगे.
उस पर मेरे निपल्स भी बहुत बड़े बड़े हैं. कड़क होकर जामुन से कम छोटे नहीं लगते हैं.
उसके मुँह से सच में पानी टपकने लगा, पर वह अभी भी ब्यूटीशियन का चोला पहले हुए था.
वह कहने लगा- बाहर से हमेशा पता नहीं चलता कि थैले के अन्दर कितना बड़ा फल है.
मैंने कुछ नहीं कहा.
पर वह शायद मुझे हंसाना चाहता था.
उसने कहा- मैं पहले नीचे की वैक्सिंग कर देता हूँ.
वह फिर से मेरी टांगें फैला कर मेरी पैंटी के बहुत करीब आकर बैठ गया और जोर जोर से सूंघने लगा.
जब तक वैक्स गर्म हो रहा था, उसने मेरी पैंटी बहुत प्यार से उतारी.
उस पर लगे मेरे पानी को देखा और कहा- बहुत सुंदर पैंटी है लेकिन अन्दर की चीज़ इससे भी सुंदर है.
मैं शर्मा गयी और नीचे देखने लगी.
उसने कहा- शीशे में देखती रहिए कि मैं क्या कर रहा हूँ, बाद में शिकायत ना हो.
मुझे दिखा दिखा कर उसके मेरी गीली चूत एक वेट वाइप से पौंछ दी और फ़ुद्दी के ऊपर टिश्यू लगा दिया.
फिर उसने वैक्स लिया और मेरे नीचे लेफ्ट साइड अच्छे से वैक्स लगा दिया.
जब वह वैक्स पर कपड़ा लगा रहा था, मुझे घबराहट हो रही थी क्योंकि मैंने इससे पहले कभी वहां पर वैक्स नहीं करवाई थी.
उसने मुझसे आश्वासन दिया और कहा- कुछ नहीं होगा, आपकी झांटों की सफाई अब मेरी ज़िम्मेदारी है.
यह कर उसने एक झटके से कपड़ा खींच दिया.
मैं जैसे ही दर्द से चिल्लाने वाली थी, उसने अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और चाटने लगा.
मुझे झांटों के खिंचने से दर्द तो हो रहा था पर उसके चाटने से मुझे इतना सुकून मिला जैसे सालों से सूखी धरती पर बारिश आ गयी हो.
मैंने अपनी दोनों टांगें और ज्यादा फैला दीं और उसे उसके मन की करने दी.
उसने मेरी चूत को चाट चाट कर मुझे ठंडक दे दी और जैसे एक साइड में झांटों के साथ किया था.
वैसे ही उसने दूसरी तरफ भी वैक्स करके झांटें खींच कर चूत चिकनी कर दी और पुन: चाटने लगा.
शायद ही कभी किसी ने मेरी इतनी अच्छी चूत चाटी थी.
दर्द कब गायब हुआ और मज़ा आने लगा … कुछ पता ही नहीं चला.
उसके चाटने से मैं और गीली होने लगी और अब वह मेरी फ़ुद्दी भी चाट रहा था.
मैं कामुक आवाज़ें निकालने लगी थी.
वह बार बार मेरा ध्यान शीशे की तरफ ले जाता ताकि मैं देख पाऊं कि वह क्या कर रहा है.
शीशे में अपनी चूत के साथ सब होता देख कर मैं और भी ज़्यादा गर्म होती गयी.
उसने अपनी जीभ मेरी चूत में डाल डाल कर मुझे गर्म कर दिया.
जैसे वह मेरी चूत को अपने मुँह से ही चोदने की कोशिश कर रहा था.
वह कुछ देर रुक कर मेरी आंखों में देखने लगा और फिर से चूत चाटने लगा.
इस बार उसने धीरे से एक उंगली भी मेरी चूत के अन्दर घुसेड़ दी और दाने को मसलने लगा.
मैं महीनों से नहीं चुदी थी और यह सब मुझे इतना मज़ा दे रहा था कि मुझे कोई याद ही नहीं रहा था कि मैं शादीशुदा हूँ और अपने बेडरूम में एक अंजान मर्द से अपनी चूत चटवा रही हूँ.
अब मैं कराह रही थी- आह आह आकाश … रूको मत प्लीज करते रहो.
उसने ऐसे ही मेरी फ़ुद्दी चाट-चाट कर एक बार मुझे चरम सुख का आनन्द दे दिया.
मैं झड़ गयी और मेरा शरीर ढीला पड़ने लगा.
तभी वह खड़ा हो गया और वापस मेरे पीछे खड़ा होकर मुझे मसाज देने लगा.
अब वह बहुत अच्छी तरह मेरे मम्मे दबा रहा था.
जैसे कोई आम को चूसने से पहले पिलपिला करता है, ठीक वैसे ही वह मेरे दूध मसल रहा था.
मैं मज़े ले रही थी, अपने दूध मसलवाती हुई शीशे में देख रही थी.
वह मेरी चूचियां ऐसे भींच रहा था जैसे उनमें से दूध निकालने की कोशिश कर रहा हो.
उसने मेरे दूध दबा-दबा कर खूब मज़े लिए और मुझे दिए भी.
फिर सामने आकर बैठ गया और मेरे एक दूध को चूसने लगा.
वह मेरे मम्मों पर ऐसे टूट पड़ा था, जैसे कोई भूखा बछड़ा अपनी गाय के थन पर टूट पड़ता है.
उसने हाथों से दबा दबा कर जो मेरी चूचियां चूसी, उससे मैं निहाल हो गई.
पहले एक-एक, फिर दोनों को मिला कर एक साथ चूसीं.
ऐसा लग रहा था कि वह सारा रस पीकर इनको चूसे हुए आम की तरह लटका देगा.
उसने मेरी चूचियां ऐसी लाल की कि कई दिनों तक मुझे उन पर क्रीम लगानी पड़ी.
आख़िर में उसने कहा- हाथ और मुँह से बहुत मसाज दे दी, अब मैं अपना ख़ास यंत्र निकालता हूँ, उससे मैं तुम्हारा बचा हुआ रस निकालूँगा.
वह बेदर्दी मुझे एक भूखी रांड समझ कर अपनी सभ्यता भूल कर तुम तुम्हारी करने लगा था.
सच तो यह है कि बॉस बन कर चूत चुदवाने से ज्यादा मजा एक दासी बन कर चुदवाने में आता है.
चुदाई के वक्त जब मर्द औरत को गाली देकर चोदता है और उसे कुचलता है तभी तृप्ति मिलती है … कम से कम मेरे साथ तो ऐसा ही है.
उसने मुझे खड़ा कर दिया और आगे की तरफ झुका दिया.
फिर अपनी जीन्स की ज़िप खोली और अपने तने हुए फड़फड़ाते लंड को बाहर निकाला.
मैं घूम कर लंड देखा तो लगा कि आज मेरी चूत की खैर नहीं.
फिर उसने मुझे पकड़ कर मेरी चूत में पीछे से अपना लंड पेला तो मेरी आह निकल गई.
उसने एक बार भी मेरी आह कराह पर ध्यान नहीं दिया और वह किसी मदांध सांड की तरह चूत फाड़ता चला गया.
बड़ी लंबी रेस का घोड़ा था वह … देसी भाभी पोर्न चुदाई करते हुए करीब चालीस मिनट के बाद उसने अपना पानी मेरी ड्रेसिंग टेबल पर छोड़ा.
इन 40 मिनट में उसने मुझे झटके मार मार कर मेरे हिलते हुए दूध दिखा दिखा कर और खुद देख कर जो तोड़ा है, उससे मेरी महीनों की सेक्स की प्यास बुझ गई थी.
उसने मेरे बदन का हर एक हिस्सा खोल दिया था.
खड़ा करके, घोड़ी बना कर, कुतिया बना कर … ऐसे अलग अलग आसनों में मेरी गांड पर थप्पड़ मार मार कर और मेरे दूध दबा दबा कर मेरे ही बेडरूम में मुझे चोदा.
उसने उस दिन ड्रेसिंग टेबल पर ही मुझे घोड़ी बना कर मेरी चूत फाड़ दी, बहुत सारा पानी निकाला.
जो सुख मेरे पति ने सालों में नहीं दिया, वह उसने अपनी कुछ घंटों की सर्विस में मुझे दे दिया.
इस घटना ने मेरी चूत की प्यास को जगा दिया था.
अब मेरी फुद्दी अकेली और सूखी नहीं रह सकती थी.
चुदाई के बाद कुछ मिनट तक हम दोनों बेड पर पड़े आराम करते रहे.
फिर उसने एक पेन से मेरे एक दूध पर अपना नाम और दूसरे पर अपना नंबर लिख दिया.
मैं मुस्कुरा दी.
वह मुझे चूम कर वापस चला गया.
उसे मैंने वापस बुलाया या नहीं, यह मैं फिर कभी बताऊंगी, तब तक के लिए बाय … चुदाई करते और करवाते रहें.
हॉट मौसी सेक्सी कहानी में मैंने रात को अपनी मौसी को पापा के साथ जाती देखा तो मुझे लगा कि दोनों चुदाई करने जा रहे हैं. बाद में जब मौसी ने मुझसे भी सेक्स किया तो …
मेरा नाम प्रशांत है.
मेरे पापा का नाम रमेश है.
पापा की उम्र 45 साल है.
मेरे मौसा की उम्र 50 साल है क्योंकि मेरे मौसा जी ने दो शादी की हैं.
पहली मौसी शांति जो कि बड़ी है और दूसरी मौसी का नाम रीतिका है, मेरी छोटी मौसी की उम्र 33 साल है.
छोटी मौसी अभी बहुत जवान है इसलिए उनके अंदर गर्मी बहुत है.
यह हॉट मौसी सेक्सी कहानी तब की है जब मैं 22 साल का था और वाराणसी में रहकर पढ़ाई करता था.
एक बार 2 दिन की छुट्टी हुई तो मैं घर गया.
घर पर मौसी भी आई थी.
हम सबसे मिले उसके बाद खेत में काम करने चले गए.
जब शाम हुई तो सब लोगों ने खाना खा लिया.
उसके बाद मैं खेत में बने कमरे में सोने चला गया.
कुछ देर बाद पापा भी आए सोने के लिए, मेरे पास लेट गए.
उनको लगा होगा कि मैं सो रहा हूं तो वे मुझसे कुछ नहीं बोले.
उसके आधा घंटा बाद छोटी मौसी आई पानी लेकर!
तो पापा बोले- तुम क्या करने आ गई यहां पर?
मौसी बोली- पानी लेकर आई हूं आपके पास!
तो पापा बोले- पानी पिलाओगी या कुछ और भी पिलाओगी?
तब मौसी बोली- और क्या पिएंगे? साथ में बेटा लेटा हुआ है!
तो पापा बोले- यह तो सो गया.
तब पापा ने मुझे आवाज दी, मैं कुछ नहीं बोला.
तो उनको लगा कि मैं सो गया हूं.
उसके बाद मौसी पानी रख कर चल दी.
तो पापा भी उसके पीछे पीछे गए.
तो मैंने सोचा कि पता नहीं ये दोनों कहां जा रहे हैं.
थोड़ी दूर तक तो मैंने देखा, वे ज्यादा दूर निकल गये, अंधेरा होने कारण मैं कुछ देख नहीं पाया.
उसके बाद पापा कब आये पता नहीं … मैं सो चुका था.
बीच्ग रात मेरी नींद खुली तो पापा मेरे पास थे, मौसी नहीं थी, मेरे ख्याल से मौसी घर चली गई थी सोने उसके बाद!
सुबह हुई तो मेरे दिमाग में वही बात घूम रही थी.
मुझे लगा कि पापा ने मौसी को रात में जरूर चोदा होगा.
लेकिन मुझे पक्का तो पता था नहीं!
उसके बाद शाम तक मैं निकल आया वाराणसी फिर पढ़ाई करने के लिए!
तो मेरे मन में मौसी और पापा की चुदाई देखने का मन हुआ.
परंतु कैसे … यह तो संभव नहीं था क्योंकि क्योंकि मैं वाराणसी में था.
मैं सोच रहा था कि कैसे करूं … क्या करूं!
तो कुछ समझ में नहीं आया.
2 दिन बाद पापा का फोन आया.
पापा बोले- तुम्हारे मौसा घर बनवा रहे हैं तो उसमें उनको कुछ हेल्प चाहिए; उनका फोन आया था.
तो मैं बोला- अच्छा!
उन्होंने बोला- घर में काम है इसलिए हम लोग जा नहीं पाएंगे.
तो मैंने बोला- ठीक है, मैं कोशिश करता हूं.
दूसरे दिन मैं तैयार हुआ और मौसी के घर पहुंचा.
सब लोग घर पर थे.
मैं बड़ी मौसी से मिला, उनके पैर छुइ.
उसके बाद मौसा मिल गए, उनके पैर छुइ.
फिर छोटी मौसी रीतिका मिल गई.
उसके पैर छूने का मेरा मन नहीं कर रहा था क्योंकि उसके लिए मेरे दिमाग में बहुत गलत विचार बन गया था.
फिर खाना पीना हुआ शाम को!
खाने के बाद सोने की व्यवस्था कम थी तो मौसा जी वहां चले गए सोने जहां पर मकान बन रहा था.
और अब बड़ी मौसी अपनी बेटी को लेकर बाहर सो रही थी.
उसके बाद छोटी मौसी और उनका लड़का कमरे में चले गए सोने!
तभी छोटी मौसी ने बोला- कमरे में दो बैड हैं, वही तुम भी सो जाओ!
मैंने कहा- ठीक है!
तो मेरे मन में तो खुशी के लड्डू फूटे.
मैं गया.
गर्मी का मौसम था तो लेट गया.
कुछ देर बाद देखा तो मौसी की साड़ी ऊपर उठी हुई थी, उसकी जांघें दिख रही थी और दूध भी आधे आधे दिख रहे थे.
मेरा लन्ड खड़ा हो गया तुरंत!
पर मेरे मन में डर था.
कुछ देर बाद जब मौसी गहरी नींद में सो गई तो मैंने उनकी साड़ी उठाकर देखी.
पेंटी नहीं पहनी थी मौसी ने!
मुझे कुछ शक हुआ.
पर उसके बाद मैं सो गया.
सुबह हुई तो हम सब नाश्ता कर रहे थे.
मैंने देखा कि रीतिका मौसी नहा कर आ रही थी.
जब वह कपड़े रस्सी पर डालने गई तो उनमें पेंटी भी थी.
मैंने सोचा कि रात में तो पेंटी नहीं थी, अभी कैसे आ गई?
पर मैंने ज्यादा कुछ नहीं सोचा.
हम लोग काम पर लग गए.
फिर रात हुई तो फिर सोने गए.
तो जब मौसी सो गई तो मैंने उसकी साड़ी के अंदर अपना पैर डाल दिया और हॉट मौसी की सेक्सी चूत को हल्के से सहलाया.
मुझे लगा कि मौसी सो गई हैं.
तो फिर मैंने और जोर से सहलाया तो मौसी ने हल्के से आह आह की.
उसके बाद मेरी गांड फटी तो मैंने अपना पैर अपने बेड पर कर लिया.
लेकिन मौसी अब गर्म हो चुकी थी क्योंकि मेरे मौसा चोदते नहीं है क्योंकि वो अब बुड्ढे हो चुके हैं लेकिन मौसी तो अभी जवान है.
थोड़ी देर बाद जब मौसी को लगा कि मैं डर गया हूँ और अब कोई हरकत नहीं करूंगा तो मौसी ने खुद कहा- बेटा, तू मेरे पास आ जा, मुझे तुमसे बातें करनी हैं.
मैं मौसी के पास गया तो मौसी और मैं इधर उधर यहाँ वहाँ की बात करने लगे.
मौसी का हाथ मेरे लंड के एकदम पास था. मैं कुछ नहीं कर रहा था.
तभी मौसी का हाथ मेरे लंड से टकरा गया और वे हल्के हलके मेरे लंड को सहलाने लगी.
इतने से ही मेरा लंड में खड़ा होना शुरू हो गया था.
मैं अभी भी दारा हुआ था तो मैं पीछे हटने लगा.
पर तभी सेक्सी मौसी ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और बोली- प्रशांत बेटा, मेरी एक बात मानेगा क्या तू?
इस पर मैंने कहा- मौसी, आप बोलिए, मैं जरूर मानूँगा!
‘तो बेटा, तू मेरी प्यास बुझा दे बेटा … अपनी मौसी को इस्ल्न्द से चोद दे … तेरा लंड बहुत लम्बा है. तेरा लंड बहुत मजा देगा मुझे!
तभी मौसी ने मेरे लंड को हाथ से जोर से दबाया.
मैंने हटना चाहा तो मौसी मुझ से लिपटकर मेरे लबों को चूमने लगी.
मौसी के स्तन मेरी छाती पर रगड़ रहे थे.
मुझे इसमें बहुत अच्छा लग रहा था.
तब मैं अपना हाथ मौसी की गांड पर ले गया और मौसी के चूतड़ दबाने लगा.
उसके मुख से कामुक सीत्कारें निकलने लगी.
तब मैंने मौसी से पूछा- मौसी, ज़रा बताओ कि मेरा लंड आपने कब देखा? जो बोल रही हो तुम्हारा लंड बहुत बढ़िया है?
मौसी- जब तुम्हारे घर गई थी और तुम खेत में सोये थे, तब!
मैं हैरान हो गया कि उस समय मुझको तो पता ही नहीं चला.
मौसी बोली- पहले प्यास बुझाओ, बाद में सब बताऊंगी.
मैं बोला- ओके!
फिर मैंने मौसी के चूचे दबाना शुरू किया, वे काफी बड़े थे.
मैंने मौसी की साड़ी निकाली और उसके ऊपर लेट गया.
तो मौसी ने कहा- बेटा, मेरे चूचों को चूस ले. बहुत समय से किसी ने इनको नहीं चूसा है बस एक मर्द को छोड़कर! वे भी जब मौका मिलता है तो सिर्फ चोद लेते हैं. क्योंकि उनके पास इतना टाइम नहीं होता!
मैं- किस मर्द को छोड़कर?
मौसी- तेरा बाप!
मैं चकित नहीं हुआ क्योंकि शक तो मुझे पहले ही था.
तो मैं बोला- बताओ कैसे तुम चुदी पापा से?
मौसी- बाद में बताऊंगी.
मैं मौसी के चूचे ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
मौसी के चूचे और फूलने लगे थे.
फिर मैंने मौसी का साया उतार कर उसकी चूत को ज़ोर से मसल दिया.
तब मौसी ने चड्डी नहीं पहनी हुई थी.
मौसी बोलेन लगी- आआह ऊह ऊओ … और ज़ोर से मसल … फाड़ दे इसको!
तब मैंने अपनी मध्यमा उंगली उसकी चूत में घुसा दी.
तो उसके मुंह से गर्म सीत्कारें निकलने लगी.
मौसी ने कहा- बेटा जल्दी कर … चोद दे मुझे!
तो मैं बोला- अरे मौसी जल्दी क्यों करती हो, पूरी रात है हमारे पास!
मौसी ने हाथ में मेरा लंड पकड़ लिया.
मैंने कहा- यार मौसी, इसे अपने मुंह में लेकर चूस ना!
मौसी मेरा लंड चाटने लगी.
इससे मैं बहुत गरम हो गया तो मैंने अपना लंड सीधे मौसी की चूत में घुसा दिया.
तब मौसी के मुख से चीख की आवाज़ निकली- आआ ईई ईई उम्म्हां … अह … हांह… ओ!
मैं मौसी के उरोज मसलने लगा और थोड़ी देर बाद मौसी सामान्य हो गई.
मैं अविरत छोटी मौसी की चुदाई में लगा था.
और मैं झाड़ें लगा तो मुझसे रुका नहीं गया, मैंने अपना सारा रस मौसी की गर्म फुद्दी में डाल दिया.
मौसी बोली- यार प्रशांत, तू तो बड़ा चोदू निकला रे … मेरी जवानी की आग एक बार में ही ठण्डी कर दी.
लेकिन मौसी नहीं जानती थी कि यह मेरा प्रथम यौन सम्बन्ध अनुभव है.
उसके बाद मैंने कहा- पहले बताओ तुम पापा कब और कैसे चुदी? और मेरा लन्ड कब देखा? उसके बाद मैं तुम्हारी गान्ड मारूंगा.
मौसी- जब मैं तुम्हारे घर गई थी, तब तुम खेत में सो रहे थे. मैंने तुम्हारी चड्डी उतार कर तुम्हारा लंड देखा था.
मैं बोला- जब मैं और पापा सो रहे थे तब?
मौसी- हाँ!
मैं बोला- मैं जान नहीं पाया था.
मौसी- मैं पानी लेकर आई थी. तब मैं तुम्हारे पापा के साथ वहां से दूर दूसरे खेत में चुदवाने गयी थी.
मैं- अच्छा मतलब तुम उसी दिन पापा से चुदाई करवाने गई थी.
मौसी- तुम जानते हो क्या?
मैं- मैं जग रहा था जब तुम आई थी.
मौसी- अच्छा!
मैं- मुझे पता चला होता तो उसी दिन मैं आपको चोद लेता!
मौसी- तेरे पापा से चुदवा कर भी मेरी प्यास नहीं बुझी थी क्योंकि तुम्हारे पापा भी बुड्ढे हो रहे हैं. उस वक्त मैंने तुम्हारे पापा के सामने तुम्हारा लंड देखा था. फिर तुम्हारे पापा बोले थे कि इसे भी लेने का इरादा है क्या?
मैं- अच्छा?
मौसी ने कहा- तो मैंने तुम्हारे पापा को तुम्हारे लंड से चुदाई की इच्छा बताई थी.
इस तरह से मौसी ने ये सब कहानी मुझे बताई.
फिर मैं बोला- मुझे पापा और आपकी चुदाई देखनी है.
मौसी- चलो, अब जब तुम्हारे घर आऊंगी तो तुम्हें फोन कर दूंगी. तुम भी घर आ जाना. फिर हम साथ में चुदाई करेंगे.
मैं बोला- साथ में कैसे?
मौसी- वो मैं सब जुगाड़ कर लूंगी.
उसके बाद मैं 3 दिन मौसी के यहां रुका और उसकी खूब चुदाई की.
अगले दिन तो मैंने मौसी की गांड भी मारी.
लेकिन वो बोल रही थी- मैंने आज तक गान्ड नहीं मराई थी.
यह मेरी पहली कहानी है। जब Hindi Sex Stories मेरी उम्र 18 साल की थी, मैं अपने गाँव में शादी में गया हुआ था। वहां पर रजनी भी आई हुई थी लेकिन उससे मेरी कभी बात नहीं होती थी। उसके स्तन मुझे बहुत हो प्यारे लगते थे जो मैंने नहाते समय देख लिए थे- जब वो नहाने के लिए बाथरूम में गई तो थोड़ी देर बाद में ही घुस गया क्योंकि बाथरूम के गेट में कुण्डी नहीं थी वो केवल पैंटी में ही थी।
मई का महीना चल रहा था, गर्मियों के दिन थे। सभी लोग रात में छत पर सोते थे। घर में भी मेहमान आये हुए थे। एक दिन रजनी अनजाने में मेरे बगल में आकर लेट गई। तब रात के 11 बज रहे थे, मुझे अब नींद नहीं आ रही थी। एक बज चुका था, सभी लोग सो चुके थे, वो भी सो गई थी। उसने फ़्रॉक पहनी हुई थी और सोते समय उसकी फ़्रॉक काफी ऊपर आ गई थी। अब उसे देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा। मैंने डरते हुए उसकी पैंटी को छुआ तो कोई हलचल नहीं हुई क्योंकि वो सो रही थी। अब मेरी हिम्मत और बढ़ गई। अब मैंने उसकी चूत को पैन्टी के ऊपर से सहलाना शुरू कर दिया। उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने उसकी पैन्टी के अन्दर हाथ डाला। उसकी चूत के ऊपर बाल थे। अब मैं उसकी चूत को सहला रहा था और उसके छेद में ऊँगली डालने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसकी चूत बहुत कसी हुई थी।
तभी उसने एकदम करवट ली, मैं एकदम डर गया और सोने का नाटक करने लगा। लेकिन वो अब भी सो ही रही थी। थोड़ी देर बाद मैं मुठ मार कर सो गया।
सुबह जब मेरी नींद खुली तो वो मुझसे पहले उठ चुकी थी। अब मेरा दिन नहीं कट रहा था और रात का इंतजार कर रहा था।
जब रात हुई तो वो कल की तरह ही सोने के लिए आई लेकिन उसके और मेरे बीच में मेरे ताउजी की बेटी राधा आकर लेट गई। राधा मुझसे एक साल बड़ी थी। मैं रात को सोना नहीं चाहता था। रजनी सो चुकी थी और राधा भी।
तभी मैंने राधा के ऊपर से हाथ डाल कर जैसे ही रजनी को छुआ तो राधा के स्तन मेरे हाथ से दब रहे थे। इसी वजह से राधा की नींद खुल गई और वो सोने का नाटक करने लगी थी। अब मैंने जैसे ही रजनी की पैन्टी में हाथ डाला तो राधा ने अपनी आँखे खोल दी। उसे जगता देखकर मैं डर गया लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और थोड़ी देर बाद वो उठकर मेरी दूसरी तरफ आ गई अब मैं समझ गया कि वो क्या कहना चाहती है। उसने मेरा रास्ता साफ कर दिया। अब मैं आसानी से रजनी की चूत सहला रहा था।
लेकिन थोड़ी देर बाद राधा ने अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर रख दिया। मुझे यह समझते देर नहीं लगी कि वो क्या चाहती है। अब राधा मुझसे चिपक गई थी और वो काफी गरम लग रही थी। उसने अपना कमीज़ खुद ही ऊपर कर दिया लेकिन वो मेरी बहन थी इसलिए मुझे बहुत डर लग रहा था। पर उस वक्त मुझे केवल चूत ही दिख रही थी। मैं राधा की चूत को सलवार के ऊपर से सहला रहा था और उसके स्तन चूस रहा था क्योंकि उसने अपना कुर्ता खुद ही ऊपर कर लिया था।
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला तो राधा ने पैन्टी नहीं पहनी थी। उसने कहा कि वो सूट के साथ पैन्टी नहीं पहनती है। उसकी भी चूत पर बहुत बाल थे। अब मैं उसकी चूत के दाने को सहला रहा था, बीच बीच मैं उसके छेद में उंगली भी डाल देता था। उसकी चूत रजनी की तरह कसी हुई नहीं थी। तो उसने बताया कि वो चुपचाप मोमबत्ती अन्दर डालती थी।
थोड़ी देर बाद उसकी चूत में से पानी निकलने लगा। अब उसने मुझसे कहा कि उसकी चूत को अब लंड की जरुरत है।
राधा ने अपनी सलवार और नीची कर दी और अब मैं उसके ऊपर था और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ रहा था लेकिन वो बहुत ही उतावली हो रही थी चुदने के लिए !
मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला तो उसके मुँह से अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह की आवाज निकली और मैं उसको लगातार चोदने में लगा हुआ था। थोड़ी देर बाद वो झड़ गई और मैंने भी अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया। फिर हम लोगों ने अपने कपड़े सही किये और बातें करने लगे। रात के तीन बज चुके थे।
अचानक रजनी ने करवट बदली और उसका एक पैर मेरे ऊपर था वो भी बहुत गरम हो रही थी। मैंने फिर रजनी की चूत को सहलाना शुरू कर दिया।
तब राधा ने कहा- मैं तुझे रजनी की चूत भी दिलवाऊंगी।
अब तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। थोड़ी देर तक हम लोग चूमा-चाटी करके सो गए।
सुबह राधा ने मुझे कहा- मैं रजनी को दोपहर में ऊपर के कमरे में ले आऊअगी और तुम कमरे में छुप जाना। जब मैं इशारा करूं तो तुम बाहर निकल आना !
वही हुआ। दोपहर में मैं कमरे में छुप गया तो वो दोनों कपड़े बदलने लगी। यह सब राधा का नाटक था।
उसने रजनी को कहा- हमें कहीं जाना है इसीलिए ऊपर कमरे में कपड़े बदल ले !
जब रजनी ने अपने कपड़े उतारे तो मैं उसका बदन देखकर दंग रह गया। उसका शरीर तो मानो एकदम मक्खन की तरह लग रहा था। वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी में ही थी।
तभी राधा ने उसकी एक चूची को दबा किया। इस पर उसने भी राधा की दोनों चूचियां मसल दी। राधा तो यही चाहती थी कि रजनी यह सब करे।
अब वो दोनों एक दूसरे के स्तन दबा रही थी कि तभी राधा ने रजनी की पैन्टी उतार दी और खुद भी नंगी हो गई। अब वो दोनों एक दूसरे की चूत में ऊँगली डाल रही थी।
तभी रजनी ने कहा- काश ! यहाँ कोई लड़का होता तो कितने मजे आते !
तो राधा ने मुझे इशारा किया तो मैं बाहर आ गया। मुझे वह देखकर रजनी को शर्म आने लगी और अपनी चूत को अपने हाथों से छुपाने लगी। लेकिन तब तक वो मेरी बाहों में थी और मैं उसको गालों और होंठों को चूम रहा था। मेरा एक हाथ रजनी के वक्ष पर था और दूसरा उसकी चूत पर !
उसकी चूत से पानी निकल रहा था। मैं समझ गया कि वो चुदाने के लिए तैयार है।
अब मैंने उसको बेड पर लिटाया और उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा। फिर जैसे ही मैंने अपने लंड को झटका दिया तो वो थोड़ा सा उसकी चूत में चला गया। वो रोने लगी और बोली- प्लीज, बाहर निकालो बहुत दर्द हो रहा है !
मैं उसकी एक नहीं सुन रहा था। थोड़ी देर में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था। मैं बिल्कुल शांत था ताकि उसका दर्द कुछ कम हो जाये।
जब वो कुछ शांत हुई तो मैंने उसको चोदना शुरू किया। उसे भी अब अच्छा लग रहा था। राधा भी अपनी चूत में उंगली डाल के शांत हो गई थी।
थोड़ी देर में मैंने वीर्य से उसकी चूत भर दी थी। जब मैंने देखा तो वहाँ पर खून पड़ा था और रजनी की चूत भी खून से लाल थी।राधा ने बाद में यह सब साफ किया।
फिर जब भी मौका मिलता तो मैं अपनी बहन राधा की चुदाई करता।
2-3 दिन में रजनी अपने घर जा चुकी थी लेकिन उसको मैंने 3-4 बार चोद लिया था।
हम लोग भी अपने घर पर आ गए। राधा और मेरा चुदाई का सिलसिला आज भी है।
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