Our site can help you find a professional massage girl in Lawngtlai who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Lawngtlai that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Lawngtlai massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Lawngtlai who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Lawngtlai massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Lawngtlai massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Lawngtlai who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Lawngtlai employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Lawngtlai helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Lawngtlai
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Lawngtlai at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
आप ने पढ़ा
मैं इन्ही सोचो मे गुम था कि खाला कुछ देर बाद रूम मे एंटर हुई… मैने जब खाला की तरफ देखा तो देखता ही रह गया.. .क्योंकि खाला जो लग रही थी ना.. कमाल लग रही थी. खाला ने वाइट कपड़े पहने हुए थे.. रेशमी कपड़े थे ट्रॅन्स्परेंट टाइप के.. खाला का ब्रा भी सॉफ ऑर क्लियर नज़र आ रहा.. ब्रा तो छोड़ो मुझे खाला का पूरा जिस्म सॉफ नज़र आ रहा था.. ऑर उपर से खाला का गीला जिस्म…. वो रेशमी कपड़े भी खाला के जिस्म से चिपके हुए थे….
मेरी नज़रें तो जैसे खाला से चिपक गई थी.. खाला ने मेरी नज़रो को समझा तो खाला बोली.. अयान,,,,,, क्या देख रहे हो..
अब आगे…
मैं सटपटा गया ऑर बोला: खाला आप बहुत प्यारी लग रही हो..
खाला: अच्छा मैं कैसे प्यारी लग रही हूँ. अभी तो मैं तैयार भी नही हुई..
मैं: खाला आप इन कपड़ो मे बहुत प्यारी लग रही हो.. ये कलर आप पर बहुत सूट कर रहा है.. मगर एक प्राब्लम है..
खाला: प्राब्लम???? केसी प्राब्लम ऑर खाला अपना कपड़ों की तरफ देखने लगी….
मैं: ये कपड़े बहुत ट्रॅन्स्परेंट हैं… सब कुछ नज़र आ रहा है..
खाला: क्या नज़र आ रहा है….. सिर्फ़ ब्रा ही नज़र आ रही है ना.. ऑर ब्रा तो तुम पहले ही देख चुके हो.. ऑर ब्रा से काफ़ी एंजाय भी कर चुके हो..
मैने शरम के मारे सिर झुका लिया ऑर खाला हँसने लगी….
फिर खाला मेरे पास आ कर बेड पर लेट गई.. ओर मैं खाला को देखता रहा ऑर खाला मुझे देखती रही..
मैं बेड पर खाला के साथ लेटा हुआ था. पर हम दोनो एक दूसरे को देख रहे थे.
खाला: यार मैं तो बहुत ज़्यादा थक गई हूँ.
मैं: खाला आप थोड़ा रेस्ट कर लो. आज आप ने अकेले ही सारे घर का काम किया है. थकना तो लाज़मी था.
खाला: ह्म्म मुझे हल्की हल्की नींद आ रही है.
खाला: अयान, जान एक काम करो गे..
मैं: जी,, बोलो.
खाला: जान ज़रा मेरा सिर दबा दो. सिर मे बहुत दर्द हो रहा है.
मैने कहा ठीक है. मैं खाला के सिरहाने बैठ गया ऑर उनका सिर दबाने लगा..
खाला की आँखें खुमार था. उन्हे नींद आ रही थी. मैने खाला की आँखे मे देखा तो उनकी आँखे लाल हो रही थी.
मैं: खाला मैं आप का सिर दबा रहा हूँ.. आप सो जाओ..
खाला के फेस पर हल्की सी स्माइल आई ऑर उन्होने मेरे हाथ पकड़ कर उस पे किस की..
खाला: थॅंक्स मेरी जान..
मैने खाला के गाल पर एक किस की. तो खाला ने मुझे एक स्माइल पास की ओर अपनी आँखे क्लोज़ कर ली.
मैं उनका सिर दबा रहा था. तक़रीबन 10 मिंट तक मैं खाला का सिर दबाता रहा.
फिर मैने खाला को हल्की सी आवाज़ दी… खाला… खाला….
खाला ने मेरी बात का कोई जवाब नही दिया. मैं समझ गया कि वो सो गई है.
मैं भी उनके साथ ही लेट गया ऑर लेटे लेटे उनका सिर दबाने लगा… सिर दबाते दबाते मुझे पता नही क्या हुआ ऑर मैं खाला के फोर्हेड पर हाथ फेरने लगा..
फोर्हेड पर हाथ फेरने के बाद मैने डरते डरते खाला के फोर्हेड पर किस कर दी..
मुझे डर भी लग रहा के कहीं वो जाग ना जाए.
जब मैने उनके फोर्हेड पर किस की तो मैने एक दम से उनके फेस की तरफ देखा.. मगर उनका फेस उसी तरह नॉर्मल था.
मुझे यक़ीन हो गया कि खाला सच मे सो रही है.. क्योंकि ऐसा हो ही नही सकता कि एक लड़की जाग रही हो. ऑर एक लड़का उसके इतने क़रीब हो एक दूसरे की गरम गरम साँसे आपस में मिल रही हों ऑर लड़की के फेस एक्सप्रेशन्स चेंज ना हो.
मैने अपना यक़ीन पक्का करने के लिए खाला के गाल पर किस की…
खाला को कुछ भी फील नही हो रहा था. अब मुझे पक्का यक़ीन हो गया कि वो सो रही हैं.
मैं उनके पास ही लेट गया ऑर उनको देखने लगा.. मेरी खाला सोते हुए बहुत प्यारी लग रही थी. बहुत मासूम सी..मुझे अपनी खाला पर बहुत प्यार आ रहा था.. ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई परी उड़ते उड़ते थक गई हो ऑर फिर वो नींद की आगोश मे चली गई हो..
मेरी खाला बहुत खूबसूरत थी या फिर शायद मेरे प्यार की नज़र मे वो दुनिया की सब से हसीन लड़की थी..
खाला के बारे मे सेक्स फीलिंग्स से पहले भी मेरी खाला मेरे लिए ऐसी ही थी. बहुत प्यारी मेरी दोस्त भी ऑर खाला भी… बट सेक्स फीलिंग्स के बाद तो वो मुझे ऑर भी प्यारी लग रही थी..
मैं खाला को सोते हुए देख रहा था. ऑर सोच रहा था कि काअस्स्स्स्शह अगर ये मेरी खाला ना होती तो मैं इन से शादी कर लेता….
ये सोचते सोचते एक ख़याल आया कि क्या हुआ अगर शादी नही हो सकती तो… शादी वाले काम तो हो सकते हैं ना… ये ख़याल आते ही मेरे फेस पर एक स्माइल आ गई..
मैने खाला के राइट गाल पर हाथ रखा ओर उनके सॉफ्ट सॉफ्ट गाल फील करने लगा… मैं उनके फेस पर हाथ फेरने लगा.. तब मेरी नज़र उनके लिप्स पे पड़ी.. उनके पतले पतले गुलाबी होन्ट बहुत अच्छे लग रहे थे.. मैने अपनी एक उंगली उनके लिप्स पर टच की ऑर देखा के खाला को कुछ भी फील नही हुआ तो उस से मेरी हिम्मत बढ़ गई.
मैं खाला के लिप्स पर अपनी उंगली मूव करने लगा.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. दिल कर रहा था कि अभी उनके होंठो का सारा रस चूस लूँ.. मगर डर भी तो लग रहा था..
मैं अपने जज़्बात पर क़ाबू नही कर पाया ऑर मैं ने अपना सिर उपर उठा कर अपने लिप्स उनके लिप्स पर एक या 2 सेकेंड के लिए रख दिए.
जिस से खाला के जिस्म मे हल्की सी हरकत हुई तो मैं एक दम से सीधा हो कर लेट गया..
खाला ने नींद मे ही हरकत की थी. ऑर मेरे उपर हाथ रख दिया. एक पल के लिए मुझे लगा कि शायद खाला जाग गई है. मगर मेरा अंदाज़ा ग़लत साबित हुआ. खाला सो रही थी ऑर ये हरकत भी उन्होने नींद मे की थी…
hindi sex stories
अब खाला का हाथ मेरे उपर था. ऑर खाला ने मेरी तरफ करवट ली हुई थी. मैने खाला का हाथ अपने उपर पड़े रहने दिया ऑर खाला के उपर हाथ रख दिया ऑर उनको हग कर लिया.
जब मैने खाला को हग किया तो उनके बूब्स मेरे साथ टच हो रहे थे. मैं थोड़ा सा पीछे हुआ ऑर उनके बूब्स को देखने लगा..
उनके 36 साइज़ के बूब्स ब्लॅक ब्रा मे क़ैद बहुत खूबसूरत लग रहे थे.. मैने खाला की आँखो की तरफ देखा तो वो तो गहरी नींद मे थी ऑर सो रही थी..
मैं थोड़ा सा उपर हुआ ऑर खाला के लिप पर हल्की सी किस की.. जब कोई रेस्पॉन्स ना मिला तो मैं आहिस्ता आहिस्ता खाला के लिप्स पर किस करने लगा… मेरी ये किस ज़्यादा से ज़्यादा 3 सेकेंड की होती थी…. क्योंकि मुझे डर भी था कि कहीं खाला उठा ना जाएँ.. जब मैने कोई 10 बार किस कर ली तो मैने अपनी ज़ुबान निकाल कर खाला के लिप्स से टच की…
मुझे अब ज़ुबान टच करते हुए मज़ा आ रहा था. ऑर उधर मेरा लंड खड़ा हो गया था….
मैने लेग्स पर खाला का दुपट्टा लपेटा हुआ था.. जिस से मेरा खड़ा लंड साफ तोर पर नज़र आ रहा था…
मैं अब लंड को सुलाने की फिकर मे लग गया ऑर अब मेरा मूठ मारने का कोई इरादा भी नही था. क्योंकि मैं सुबह से 2 बार मूठ मार चुका था……
मैं खाला के साथ लेट गया ऑर अपना सिर उनके सीने पर रख दिया.. खाला की हार्ट बीट मुझे सुनाई दे रही थी…. मैने खाला को टाइट हग किया ऑर उनके जिस्म की खुश्बू को सूंघने लगा.. मुझे उनकी खुश्बू से कुछ कुछ होने लगा..
मैं एक बार फिर थोड़ा सा पीछे हुआ… ऑर खाला के बूब्स को देखने लगा… मैने हिम्मत कर के खाला के बूब्स के उपर हाथ रख ही दिया ऑर अपनी आँखे क्लोज़ कर ली..
मैं ये ज़ाहिर कर रहा था कि मैं सो रहा हूँ.. मगर दूसरी तरफ से कोई हरकत ना हुई….. मैने हिम्मत कर के खाला के एक बूब को हल्का सा दबाया. मेरे दबाने से खाला के जिस्म मे हल्की सी हरकत हुई तो मैने अपनी आँखे बंद कर दी… खाला ने अपनी आँखे खोल कर मुझे देखा ऑर मेरी बंद आँखो को देख कर खाला समझी कि मैं सो रहा हूँ. तो खाला ने मुझे हग कर लिया ऑर मेरा सिर अपने सीने पर रख दिया…मेरा फेस उनकी कमीज़ के गले के उपर नंगे सीने पर था…
मैं उनके जिस्म को स्मेल करने लगा….. उनके जिस्म को स्मेल करते करते मुझ पर भी नींद छाने लगी ऑर मैं भी खाला को हग कर के नींद की आगोश मे चला गया
मैं जब खाला के साथ चिपक कर सोया हुआ था तो उस टाइम 1 बज रहा था.. मैं तक़रीबन 2 घंटे सोया था तो मेरी आँख खुल गई थी…. मैने खाला की तरफ देखा तो वो अभी तक सो रही थी.. शायद वो बहुत ज़्यादा थक गई थी……
मैने वॉल क्लॉक पर टाइम देखा तो 3:30 हो रहे थे.. मगर मुझे रूम मे कुछ अंधेरा अंधेरा सा लगा.. दोपहेर का टाइम था ऑर रूम की लाइट तो ऑफ थी.. मगर दिन के टाइम धूप की वजह से रूम मे रोशनी होती है.. मुझे वो रोशनी कम लग रही थी..
मैं रूम से बाहर निकला ऑर सहन मे आ कर देखा तो आसमान पर बादल छाए हुए थे ऑर ठंडी हवा चल रही थी.. मौसम बहुत प्यारा हो गया था ओर बारिश होने के आसार थे… मैं सहन मे ही चारपाई पर बैठ कर हवा को एंजाय करने लगा..
मैं कुछ देर वहाँ बैठा रहा तो माइंड मे ख़याल आया कि क्यू ना खाला को भी उठा दिया जाए ता कि वो भी मोसम एंजाय कर सके….. ये सोचते ही मैं रूम की तरफ गया, खाला अभी भी सो रही थी.. मुझे उन पर बहुत प्यार आया ऑर मैने झुक कर खाला के गाल पर एक किस की.. ऑर उनको हल्का सा हिलाया..
खाला ने नींद मे एक करवट ली ऑर आहिस्ता आहिस्ता अपनी आँखे खोल दी.. पहले तो वो कुछ देर नींद की खुमारी मे रही.. मैने एक बार फिर से आवाज़ दी तो खाला नींद की खुमारी से बाहर निकली ओर मुझे अपने सामने खड़ा हुआ पाया.. उन्होने मुझे देख कर एक स्माइल पास की ऑर मेरी तरफ देख कर बोली:
खाला: क्या हुआ जान, मुझे क्यू जगा दिया..
मैं: खाला, देखो बाहर इतना प्यारा मोसम हो रहा है.. चलो बाहर चल कर एंजाय करते हैं
खाला: नही यार मुझे नींद आ रही है..
मैं: ओहो खाला अब उठ तो गई हो.. चलो ना बाहर जा कर बैठ ते हैं…
ये बोल कर मैने खाला का हाथ पकड़ा ऑर उनको बाहर ले आया.. खाला बाहर निकली तो उनको भी मोसम बहुत अच्छा लगा…
खाला: अयान, रियली यार मोसम तो बहुत अच्छा हो रहा है..
मैं: हाँ जी इसी लिए तो आप को जगाया है मैं ने..
खाला: अयान क्यो ना आज आइस क्रीम खाने चलें…
मैं: हाँ, हाँ चलो… क्यू नही..
खाला ने कहा ओके मैं तैयार हो कर आती हूँ. ऑर ये बोल कर वो कपबोर्ड से कपड़े निकालने चली गई ऑर कपड़े ले कर निकली तो नहाने के लिए चली गई..
जब खाला नहा कर निकली तो मैने खाला से कहा कि आप हल्का सा मेकप भी कर लो.. खाला ने स्माइल पास की ऑर बोली…. क्यू जी, मैं मेकप क्यू कर लूँ…
मैने कहा कि मेकप मे अच्छी लगो गी..
खाला: तो क्या मैं मेकप के बिना अच्छी नही लगती..
मैं: खाला जान, ये बात नही है.. आप मेकप करो या ना करो.. आप तो मुझे दुनिया की सब से हसीन लड़की लगती हो.. आप बहुत अच्छी लगती हो मुझे.. आइ लव यू खाला
खाला: अच्छााआअ,,, ऐसी क्या बात है मुझ मे..
मैं: ज़रूरी तो नही है कि अच्छा लगने के लिए कोई वजह हो.. बिना किसी वजह के ही आप मुझे अच्छी लगती हो..
खाला: अच्छा ये बताओ, तुम्हे मुझ मे क्या अच्छा लगता है,???????
मैं खाला की बात सुन कर थोड़ा सा सटपटा गया कि अब क्या जवाब दूं खाला को…
मैने एक मिंट के लिए सोचा ऑर बोला: मुझे आप का सब कुछ बहुत अच्छा लगता है…
खाला: सब कुछ मे क्या क्या?????
वो शायद मुझे टीज़ करने का प्रोग्राम बनाए बैठी थी..
मैं: सब कुछ मे तो सब कुछ आ जाता है ना.. आप के बालों, आँखे, चीक्स एट्सेटरा एट्सेटरा
खाला: ऑर क्या क्या????
मैं: शरमाते हुए.. सब कुछ ना
ओर मैं उठ कर वॉशरूम जाने लगा तो खाला ने मेरा हाथ पकड़ लिया ऑर मुझसे बोली…
खाला: तुम ऐसे नही जा सकते,,,, पहले मेरी बात का जवाब दो….
मैं: अंजान बनते हुए,, कौनसी बात का…??????
खाला: यही कि तुम्हे मुझ मे क्या क्या अच्छा लगता है..????
मैं: बताया तो है कि मुझे आप का सब कुछ अच्छा लगता है.. बल्कि आप मुझे पूरी की पूरी अच्छी लगती हो…
खाला: यही तो मैं पूछ रही हूँ कि क्या क्या अच्छा लगता है….
खाला ने मेरा हाथ पकड़ा हुआ था.. ऑर वो मेरी तरफ देखते हुए हल्के गुस्से से बोली..
देखो अयान तंग ना करो ऑर सच सच बोलो कि तुम्हे मुझ मे क्या क्या अच्छा लगता है.. वरना मैं नाराज़ हो जाउन्गी…
मैं: देखो खाला…. मुझे आप के बाल बहुत अच्छे लगते हैं.. आप के सिल्की सिल्की बाल मुझे बहुत अच्छे लगते हैं ऑर जब आप नहा कर बाहर निकलती हो तो मुझे आपके बालों की स्मेल बहुत अच्छी लगती है..
Hindi Sex kahaniya
खाला शायद अपनी पूरी तारीफ सुन,ने के मूड मे थी.. वो मुस्कुराते हुए..
खाला: ऑर….????
मैं: मुझे आप की आँखे भी बहुत अच्छी लगती है.. जब आप नहा कर निकलती हो तो आप की आँखे लाल होती हैं.. बिल्कुल ऐसा लगता है कि आप नशे मे हो.. ऑर इन नशीली आँखों मे डूब जाने को दिल करता है..
मैं एक फिल्मी हीरो की तरफ फिल्म के डाइयलोग मार रहा था ऑर खाला मेरा डाइयलोग सुन कर हँसने लगी… ऑर पूछा..
खाला: अच्छा ऑर भी बताओ ना..
मैं: अगर ऑर बताया तो आप नाराज़ हो जाओगी …
खाला: अरे नही नाराज़ होती..
मैं: प्रॉमिस…?????
खाला: अरे य्ाआआरररर,,, चलो प्रॉमिस बाबा…
ये बोल कर खाला ने मेरी तरफ दूसरा भी हाथ बढ़ाया ऑर मैने उनका हाथ पकड़ लिया..
मैं: खाला मुझे आप के ये पतले पतले होन्ट (लिप्स) बहुत अच्छे लगते हैं..
खाला के फेस एक मासूम मुस्कुराहट आई..
खाला: क्यू ऐसा क्या है मेरा होंठो मे..
मैं: खाला पता नही बस मुझे आप के ये होन्ट बहुत अच्छे लगते हैं… दिल करता है कि इनको भी एक बार किस करूँ….
खाला ने मेरी बात सुनी तो बहुत हैरान हुई.. ऑर फिर प्यार भरे अंदाज़ मे बोली:
खाला: तो क्या हुआ अगर तुम चाहते हो तो तुम किस भी कर सकती हो.. तुम तो मेरी जान हो..
मैं: शरमाते हुए.. नही खाला बस छोड़ो , मैं तो ऐसे ही बोल रहा था..
खाला: नही…… अब तो तुम मुझे मेरे लिप्स पर किस करो गे….
ऑर ये बोल कर खाला ने अपना फेस मेरे फेस के बिल्कुल क़रीब कर लिया ऑर बोली: लो,,,, किस करो इनको…
मैने आज से पहले कभी किसी लड़की को किस नही की थी.. ये मेरी फर्स्ट किस थी जो मैं अभी करने वाला था..
मेरा गला खुश्क हो गया था.. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे के सेहरा ( रेगिस्तान ) मे भागता रहा हूँ ऑर बहुत प्यास लगी है.. मैं अपने लिप्स पर ज़ुबान फेरने लगा..
दिल तो कर रहा था कि अभी खाला के होंठो का सारा रस चूस लूँ मगर पता नही क्यू,, मुझ मे हिम्मत नही हो रही थी…..
मैं तो खुद भी यही चाहता था कि खाला के लिप्स को चूसू मगर अब जब खाला खुद मुझे बोल रही थी तो मुझ से नही हो पा रहा था.. मैने बहुत हिम्मत पैदा करने की कोशिश की मगर नही कर पाया…
खाला मेरी तरफ देखते हुए बोली: अरे क्या देख रहे हो.. अभी तो बोल रहे थे कि किस करना चाहते हो.. ऑर अब, जब कि मैं खुद तुम्हे बोल रही हूँ तो तुम नही कर रहे हो…
खाला: चलो मैं अपनी आँखे बंद कर लेती हूँ फिर तुम मुझे किस करो..
ये बोल कर खाला ने अपनी आँखे बंद कर ली… मैने हिम्मत की ऑर खाला के लिप्स के क़रीब अपने लिप्स ले कर गया.. ऑर खाला के लिप्स पर अपने लिप्स रख कर एक दम से हटा दिए.. कोई 2 सेकेंड तक के लिए मैने लिप्स रखे थे..
खाला ने झट से अपनी आँखें खोली ऑर मुझे कहा: ये क्या????????
मैने कुछ नही कहा क्योंकि मेरी तो आवाज़ ही नही निकल रही थी..
खाला ने मेरी हालत को नोट किया ऑर मेरा हाथ पकड़ कर रूम मे ले आई, ऑर मुझे बेड पर बिठा दिया ऑर खुद मेरे साथ ही बैठ गई…. खाला ने बहुत प्यार भरे अंदाज़ मेरे बालों मे उंगलियाँ मूव की ऑर बोली…
खाला: तुम्हे तो किस करना भी नही आती.. क्या पहले कभी किसी को किस नही की…
मैं: मैने अपना सिर नही मे हिला कर इनकार किया..
खाला: तो पहले नही की तो क्या हुआ.. आगे तो कोई ना कोई गर्ल फ्रेंड तुम्हे मिल जाए गी तो उसको तो करोगे ना…
मैने सिर उठा कर खाला की तरफ देखा मगर मुँह से कुछ नही बोला..
खाला: चलो मैं तुम्हे किस करना सिखाती हूँ..
मैं: नही खाला अभी नही… फिर कभी.. क्योंकि सोचने ऑर रियल मे करने मे बहुत फ़र्क़ होता है.. ऑर जब कि आप का फर्स्ट टाइम हो तो फिर आप कुछ कर ही नही सकते….
खाला: नही अभी ही…
मैने थोड़ी बहुत बहस की मगर फिर खामोश हो गया.. खाला मेरी खामोशी को समझ गई ऑर मेरा हाथ पकड़ के अपने क़रीब किया…
खाला ने मेरे दोनो हाथ पकड़ के अपनी कमर पर रखे ऑर अपने दोनो हाथ मेरी कमर पर रखे…
वो अपने फेस को मेरे क़रीब लाती गई ऑर मुझे पसीना आ रहा था.. खाला मेरी आँखे मे देखती देखती अपने फेस को स्लोली स्लोली मेरे फेस के क़रीब ला रही थी..
खाला की साँसे मुझे फील होने लगी थी ऑर मेरे बॉडी टेंपॅरेचर हाइ होने लगा था.. नीचे शलवार मे हल्की हल्की सी हरकत होने लगी थी..
खाला अपने लिप्स को मेरे लिप्स के क़रीब लाई…
ऑर मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए.
खाला ने जैसे ही मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रखे. मैने अपनी आँखे क्लोज़ कर लीं.
खाला को भी शायद ठीक तरह से किस्सिंग नही आती थी. वो अपने लिप्स को मेरे लिप्स पर स्लोली स्लोली रगड रही थी.. हम दोनो की आँखे बंद थी. वो कभी मेरे अपर लिप को अपने लिप्स मे ले कर चूस्ति ऑर कभी मेरे लोवर लीप को.. मैने अपनी आँखे एक लम्हे के लिए खोली तो देखा कि खाला की आँखे क्लोज़ थी… मुझ पर अब सेक्स का नशा चढ़ने लगा था.
नीचे शलवार मे मेरे लंड साहिब पूरी तरह खड़े हो गये थे. ऑर मेरा लंड खाला की थाइस को टच कर रहा था.. ये पहली बार ऐसा हुआ था क्य जागते हुए मेरा लंड खाला से टच हो रहा था.. उन्होने भी मेरे खड़े लंड को महसूस कर लिया ऑर थोड़ा क़रीब हो गई.
मैं खाला की थाइस से अपने लंड को रगड़ने लगा जिसकी वजह से मुझ पर मुकम्मल तौर् पर सेक्स का नशा छा गया.
मुझे किस्सिंग करनी तो नही आती थी मगर जो कुछ पॉर्न मूवीस मे देखा वोही अप्लाइ करने का सोचा..
मैं भी खाला के लिप्स पर अपने लिप्स रगड़ने लगा उधर वो भी मुकम्मल तौर पर मेरा साथ दे रही थी…. मैने खाला के अपर लिप्स को अपने लिप्स मे लिया ऑर चूसने लगा… मेरी इस हरकत पर खाला ने भी मुझे जल्दी जल्दी किस्सिंग स्टार्ट कर दी..
मेरा लंड मुकम्मल तौर पे खड़ा हो गया था ऑर मैं खाला की थाइस से अपना लंड मुसलसल रगड़ रहा था..
खाला ने मेरी कमर से एक हाथ हटाया ऑर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी लेग्स के बीच मे पुश कर दिया.. इसके बाद उन्होने फिर से मेरी कमर पर हाथ रखे ऑर मेरी कमर को अपनी तरफ पुश करने लगी.. मैने भी अपना लंड खाला के लेग्स के बीच मे पुश किया जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी चूत को लगने लगा..
मैं अपना लंड बार बार खाला के लेग्स के बीच मे पुश करता.. ऑर खाला के लिप्स को चूस्ता रहा. फिर मैने अपनी ज़ुबान से खाला के मुँह पर दस्तक दी…. पहले तो खाला नही समझी.. मगर जब मैने अपनी ज़ुबान खाला के मुँह मे पुश करने लगा तो खाला ने अपना मुँह खोल दिया. ऑर मैं अपनी ज़ुबान उनके मुँह के अंदर मूव करने लगा… मेरे मुँह का थूक खाला के मुँह मे जा रहा था ऑर उनके मुँह का थूक मेरे मुँह मे आ रहा था…
मेरा लंड खाला की चूत को टच हो रहा था. मैं अपने लंड को बार बार उनकी लेग्स के अंदर पुश कर रहा था… जब मेरा लंड खाला की चूत के एंड वाले हिस्से पर लगा तो खाला ने अपनी लेग्स बंद कर ली…. ऑर मेरे लंड को अपनी चूत पर टाइट कर लिया…..
किस करते करते मुझे ऐसा फील हुआ कि शायद मेरा लंड हल्का हल्का गीला हो रहा है.. मैं समझा कि शायद मैं फारिघ् हो गया हूँ…
मगर मेरा लंड अभी भी टाइट था ऑर खाला की लेग्स आहिस्ता आहिस्ता ओपन होने लगी ऑर खाला की साँसे तेज होने लगी.
कहानी जारी रहेगी………….
हाय दोस्तो, मेरा नाम विजय Antarvasna कुमार है और मैं एक काल बॉय हूँ। मैंने अन्तर्वासना की बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी, मेरा मन भी करा कि मैं भी एक कहानी लिखूं जो कि काल्पनिक नहीं हकीकत है!
मेरा रंग साफ, कद 5 फीट 8 इंच, एकदम स्लिम हूँ। मैं दिल्ली में रहता हूँ।
दोस्तो अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ!
बात उन दिनों की है जब मैं नया नया दिल्ली आया था, पर कहीं पर नौकरी मिल नहीं पा रही थी।
मैं बहुत परेशान हो गया और मैं अपने एक दोस्त सुरेश के पास गया तो उसने मुझे कहा कि आप नौकरी के लिए परेशान क्यों होते हो, मैं आपको एक नम्बर देता हूँ, आप मेरे बताये पते पर जाना और पैसे भी बहुत ज्यादा मिलेगें।
मैं सुरेश की बात से सहमत हो गया।
उसके अगले दिन मैंने उस नम्बर पर फोन किया तो उस नम्बर पर मुझे एक महिला की आवाज सुनाई दी जिसे मैं सुनकर घबरा गया और मैंने फोन रख दिया।
फिर शाम को मैं अपने दोस्त से मिलने के लिए उसके घर गया तो उसने मुझे समझाया कि तुम्हार पास कोई नौकरी तो है नहीं तो फिर क्या करेगा भीख मांगेगा क्या। आप कल फोन करके उसके उसके बताये पते पर चला जाना और उनको कहना कि सुरेश ने आपका नम्बर दिया है, और पूछना कि मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ।
फिर अगले दिन मैंने 12.30 पर मैंने फोन किया तो उसी महिला ने फोन उठाया, तो मैंने कहा कि मुझको सुरेश ने आपका फोन नम्बर दिया है।
तो उसने कहा- आपका नाम क्या है?
मैंने कहा- मेरा नाम विजय जे है।
उसने मेरी उम्र पूछी तो मैंने कहा कि मेरी उम्र 22 साल है। तब उसने मुझे अपना नाम शिवानी बताया और पता जी. के. फेस-2 में रहती हूँ आप मुझसे शाम को 9.00 बजे मिलना।
मैं शाम को 9.00 बजे उसके घर जी. के.फेस-2 पर पहुँचा और उसके घर की बैल बजाई, तो उसके घर पर उसकी नौकरानी ने दरवाजा खोला।
मैंने कहा- मुझे शिवानी मैडम से मिलना है!
उसने मेरा नाम पूछा तो मैंने अपना नाम विजय जे बताया। उसने कहा- मैं मैडम से पूछ कर आती हूँ आप तब तक यहीं ठहरो।
मुझे बहुत ज्यादा डर रहा था और दिल धक धक कर रहा था। उसकी नौकरानी दो मिनट बाद आई और मुझे अन्दर आने को कहा।
मैं अन्दर जाकर उसके घर को देख कर और भी ज्यादा धबरा गया क्योंकि उसका घर बहुत ज्यादा ही आलीशान था।
नौकरानी ने मुझे पानी पिलाया और कहा कि मैडम अभी आती है, आप थोड़ी देर तक आराम से बैठो और उनका आने का इन्तजार करों।
10 मिनट बाद मैडम शिवानी आई तो मैं तो उसे देखकर घबरा ही गया क्योकि वह तो बहुत ही खूबसूरत थी, हूर की परी।
उसकी फिगर तो बस बहुत ही कमाल की थी उसकी लम्बाई 5 फीट 3 इंच, कमर 28, हिप्स 34 और चेस्ट 32 और रंग दूध जैसा सफेद।
वो क्रीम रंग का कुर्ता और काले रंग का शलवार पहने हुए थी।
मैडम ने आते ही कहा- हाय विजय! क्या हाल है?
मैंने कहा- ठीक है मैडम।
मैडम ने पूछा कि आपको मेरा फोन नम्बर कहाँ से मिला तो मैंने सुरेश का नाम बाताया और कहा कि वो मेरा दोस्त है।
फिर हम दोनों बैठकर बात करने लगे फिर उसने नौकरानी को चाय लाने का कहा तो नौकरानी 5 मिनट बाद चाय लेकर आई और हम दोनों ने साथ बैठकर चाय पी।
मैडम शिवानी ने मुझे देखकर कहा- आप घबरा क्यों रहे हो?
मैंने कहा- आज मैं पहली बार किसी मैडम से मिला हूँ!
तो वो मेरी बात सुनकर हँसने लगी और कहने लगी- आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
उसके बाद उसने अपनी नौकरानी को घर जाने के लिए कह दिया कि सेवेरे आ जाना। नौकरानी अपने घर चली गई।
शिवानी मैडम मुझको अपने ड्रांईग रूम में ले गई वहाँ पर उसने एक वाईन की बोतल, सोडा, पानी, दो गिलास और कुछ नमकीन निकाली और मुझको उसने कुर्सी पर बैठने के लिए कहा और फिर उसने दो पैग वाईन के बनाये तो मैंने कहा कि मैं तो ड्रिंक नहीं करता तो उसने कहा कि आप हमारा साथ तो दो आप कम से कम लेना।
उसने मुझको बहुत ही लाईट ड्रिक्स के दो पैग दिये मैंने पहले कभी पी तो नहीं थी, मुझको हल्का सा नशा होने लगा।
मैडम ने कहा- चलो बैडरूम में चलते हैं।
मैं मैडम के साथ उसके बैडरूम में चला गया। मैडम ने कहा- पहले आपने किसी के साथ सम्भोग किया है?
मैंने कहा- हाँ! एक दो बार अपनी गर्लफ्रैड के साथ किया है।
मैडम ने कहा- आपको मेरे साथ सम्भोग करना है।
मैं उसकी बात सुनकर घबरा गया और कहने लगा- नहीं मैडम! मैं नहीं कर सकता!
मैडम ने कहा- फिर आप मेरे पास क्यों आये हो!
मैंने कहा- मैं तो आपके पास नौकरी के लिए आया हूँ।
उसने कहा- आपको सुरेश ने नहीं बताया कि आपको क्या करना है?
मैंने कहा- नहीं! उसने तो यही कहा था कि आप मैडम से मिल लेना।
मैडम गुस्से से लाल-पीली होने लगी और सुरेश को गाली देने लगी, कहने लगी- पता नहीं किस को भेज दिया।
यह सुनकर मैं तो बहुत ही ज्यादा घबरा गया, मैंने कहा- मैडम आप नाराज मत हो, आप जो भी कहोगी, मैं वही करने को तैयार हूँ।
तो मैडम ने कहा- ठीक है!
मेरी जान में जान आई और मैडम ने हँसकर कहा- ठीक है चलो बैड पर बैठो।
मैं बैठ गया। उसने कहा- मैं चेंज करके आती हूँ, आप यहीं पर बैठो।
मैडम शिवानी थोड़ी देर बाद आई तो उसको देखकर मैं तो हैरान रह गया। वह केवल बहुत हल्की नाईटी पहने हुए थी और उसके अन्दर सब कुछ दिखाई दे रहा था।
वो मुझको देखकर मुस्कराई और कहने लगी- आपने पहले किसी औरत को ऐसे नहीं देखा क्या?
मैंने कहा- मैडम! नहीं! देखा तो है, पर आप जैसी अप्सरा को नहीं देखा, आप तो परियों से भी सुन्दर दिखती हो।
मेरी बात सुनकर वह खिलखिला के हँसने लगी।
अब मेरी भी जान में जान आ गई, उसने मुझे कहा- आप मुझे मैडम मत कहो, मुझे सिर्फ शिवानी कहो।
मैंने कहा- जी अच्छा।
शिवानी अपनी दोनों टांगों को ऐसे करके बैड पर मेरे सामने बैठ गई कि उसकी मुझे पैंटी दिखाई देने लगी और मैं उसकी टांगों के बीच में से उसकी पैंटी को देखने लगा।
मेरा लण्ड जो की साईज में 8 इंच लम्बा और 2.5 इंज मोटा था पैंट के अन्दर दहाड़ मारने लगा।
शिवानी ने कहा- विजय तुम क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं!
वो हँस कर बोली- विजय! जब तुम कुछ नहीं देख रहे हो तो तुम्हारी पैंट क्यों उपर की तरफ उठ रही है। चलो, अपनी पैंट उतार कर दिखाओ कि इसमें क्या सामान है जो कि बार बार पैंट फाड़ने के लिए तत्पर है।
मैंने सोचा कि कही मैडम गुस्सा ना करने लगे तो मैंने पैंट उतार दी।
मैडम ने कहा- आप अपने सारे कपड़े भी उतारो!
मैंने शर्ट और बनियान भी उतार दिया अब मेरे शरीर पर सिर्फ अन्डरवीयर था।
तो शिवानी के चेहरे पर अजीब सी मुस्कुराहट दिखाई देने लगी और मेरा शर्म के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था क्योंकि मैंने पहले कभी भी किसी के सामने कपड़े नहीं उतारे थे।
शिवानी ने कहा- विजय! अब अपना अन्डरवियर भी उतारो!
मैंने कहा- शिवानी जी! आपने मेरे तो सारे कपड़े उतरवा दिये हैं, पर आपने अपने कपड़े तो पहने हुए है आप भी तो अपने कपड़े उतारो शिवानी जी। शिवानी ने कहा- आप ही उतार दो ना!
पहले मैंने उसकी नाईटी उतार दी, नाईटी उतारते ही उसके बदन को देखकर मैं तो चकित ही रह गया कि उसका बदन तो संगमरमर की तरह से बिल्कुल चमकीला और सफेद था।
और उसके फिगर तो किसी भी परी से कम नहीं थी उसकी फिगर को देखकर मैं तो पागल ही हो गया और सोचने लगा कि यह शादीशुदा होने के बाबूजूद अपने शरीर की आग किसी और से बुझवाती है?
शिवानी ने कहा- विजय आप सोचते बहुत ज्यादा हैं, काम कुछ कम करते हो!
मैंने कहा- नहीं मैडम, ऐसा कुछ भी तो नहीं!
शिवानी ने मझे अपनी बाँहो में भर लिया और कहने लगी- आप मुझे ऐसे मजा दो कि हम दोनों सब कुछ भूल जाएँ!
मैंने कहा- शिवानी जी! आप जो कह रही हैं, वह ठीक है।
और मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और शिवानी के होठों को चूसने लगा। तो शिवानी ने अपनी जीभ में मुँह के अन्दर डाल दी।
मैं भी उसकी जीभ को चूसने लगा।
अब वो मस्त होती जा रही थी, कहने लगी- विजय, तुम मेरे अन्दर समा जाओ! आप जैसा जवान मर्द मुझे अभी तक मिला नहीं!
मैंने कहा- शिवानी जी! आप तो शादीशुदा हो, तो फिर क्या आपके पति आपको सन्तुष्ट नहीं कर पाते हैं?
शिवानी ने कहा- मेरी शादी को 6 साल हो गये और मुझे आज तक कभी भी वो शारिरिक सुख नहीं दे पाए हैं, बस उसके पास तो पैसा ही पैसा है और उसी के पीछे लगा रहता है, हफ्ते दस दिन में ही आता है, मैं अकेली ही रहती हूँ और जब भी आता है बस उसको काम ही काम नजर आता है। कभी मैं उनको कहती भी हूँ तो वो इस काबिल ही नहीं हैं कि वह कुछ कर पायें! मैं चाहे कुछ भी कहीं भी करूँ उसको तो इस बात से भी एतराज नहीं है। मैं बस अपनी प्यास ऐसे ही आज आपसे बुझवा रही हूँ। विजय आप भी अपने बारे में बताओ कि इस लाईन में तुम कैसे आये?
मैंने कहा- मैं नौकरी की तलाश में भटक रहा था तो सुरेश ने इस काम के बारे में मुझे बताया और आज मेरी पहली कॉल है।
तो वो यह सुनकर और भी ज्यादा खुश हो गई और मेरे से लिपट गई।
मैं एक हाथ उसकी ब्रा के ऊपर ले गया और धीरे-2 हाथ उसकी चूचियों पर फेरने लगा।
अब वो मस्त होने लगी और मैंने उसकी ब्रॉ के हुक खोल दिये, शिवानी के मम्मे आजाद हो गये।
उनको देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता था कि वो 28 साल की होगी।
उसकी चूची 16 साल की लड़की की तरह सिर्फ 32 साइज की थी और बिल्कुल कसी हुई जो कि आराम से हाथ में आ जाये।
मैं अपने को बहुत ही खुशनसीब मानने लगा कि पहली ही कॉल पर ऐसा माल मिल गया जिसके लिए मैं क्या कोई भी कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाये।
मैं उनको धीरे-धीरे सहलाने लगा और वो सिसकने लगी। फिर मैंने अपने होठों को उसके होंठ से हटाकर उसकी चूची को चूसने लगा जो कि एकदम से टाईट हो चुकी थी और उसके निप्पल तो एक दम से तन चुके थे।
मैं एक हाथ से उसकी बाँई चूची को सहलाने लगा और दाँई चूची को मुँह से चूसने लगा। वो बुरी तरह से सिसकने लगी। मैं बुरी तरह से, पागलों की तरह उसकी चूची को चूसे और मसले जा रहा था।
वो बुरी तरह से तड़पने लगी, उसने मेरे अन्डरवीयर में हाथ डाल दिया और मेरे लण्ड को बाहर निकाल कर उसको पागलों की तरह से मसलने लगी।
मैं तो दीवानों की तरह उसकी चूचियों को मसल व चूस रहा था और वो बुरी तरह से मदहोश होकर मेरे लण्ड से खेलने लगी।
हम दोनों 5-6 मिनट तक ऐसे ही करते रहे।
फिर एक ही झटके में उसने मेरे अन्डरवियर को निकाल फेंका और मुझसे अपने आप को छुड़ाकर वो मेरे लण्ड को चूसने लगी।
मैं बुरी तरह से हाँफने लगा और उसके मुँह में ही अपने लण्ड को अन्दर बाहर करने लगा।
थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लण्ड को उसके मुँह से बाहर निकाल लिया और उसकी पैंटी को निकाल दिया। वाह क्या चूत थी उसकी! बिल्कुल गुलाबी! मानो गुलाब की पँखुड़ियों से बनी हुई और उसमें से निकलता हुआ उसकी टाईट चूत का पानी जो कि उसकी बिल्कुल सफेद टांगों के बीच में ऐसे लग रही थी कि बरसों से आज ही जागी हो, और उसका गुलाबी दाना!
मैंने उसकी चूत को मैंने ऊपर से ही चूमना शुरू किया और मुँह को चारों तरफ घुमाने लगा उसकी चूत से मीठी मीठी गंध आ रही थी जिसको मैं सूंघकर मदहोश होता जा रहा था। उसकी गीली चूत फूल गई थी।
अब मैंने उसकी टांगों को चौड़ा किया और उसकी चूत एकदम खुलकर मेरे सामने थी, मैं उसकी चूत की गहराई देख रहा था। अब मैंने दोनों हाथ से उसकी चूत को फैलाकर उसके अन्दर अपनी जीभ घुसा दी।
वो बुरी तरह से सी सी सी करने लगी और मैं अब उसकी चूत के अन्दर बाहर अपनी जीभ को करने लगा और उसकी गोले गोल गांड को बुरी तरह से सहलाने लगा।
वो बुरी तरह से तड़पने लगी और मेरे लण्ड को सहलाने लगी। मैं तो उसकी चूत को चाट चाट कर मदहोश होता जा रहा था, अचानक उसने अपने हाथों से मेरे मुँह को पकड़ लिया और कहने लगी- विजय! और ज्यादा ना तड़फाओ, मेरे से रूका नहीं जा रहा है, बस अब अपने लण्ड को मेरी चूत में घुसा दो! दो ना विजय!
और अपने ऊपर से मुझको धकेलने लगी। मैं भी उसकी चूत से हटकर उसके ऊपर 69 की पोजीशन में आ गया।
अब मैं उसकी चूत को चाट रहा था और शिवानी मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चाटने और हाथ से मसलने लगी और 6-7 मिनट के बाद शिवानी का शरीर बुरी तरह से अकड़ गया और उसने मुझको कस के पकड़ लिया और बुरी तरह से तड़पने लगी और कहने लगी- जोर जोर से! ऐसे चूसो! जीभ को पूरी अन्दर डाल दो! विजय वैरी वैरी फास्ट! तेजी से मैं मर जाउँगी! आ आ ई ई!
और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, सारा पानी मैं अपने मुँह के अन्दर ले गया। उसने मेरे लण्ड को कस के पकड़ लिया और बुरी तरह से मसलने लगी और कहने लगी- विजय बस अब तो अपना लण्ड मेरी चूत में डालो जल्दी से! जल्दी डालो! नहीं मैं तो मर जाउँगी!
मैंने उसको छोड़कर अपनी पैंट की जेब से कन्डोम का पैकेट निकाला और कन्डोम को निकाल कर अपने लण्ड के ऊपर चढ़ाने लगा तो शिवानी ने कहा- नहीं! कन्डोम के बगैर करो!
मैंने कहा- नहीं शिवानी जी! मैं ऐसा नहीं कर सकता।
शिवानी नाराज हो कर कहने लगी- मेरी शादी को 6 साल हो गये हैं और मेरी आज तक एक भी औलाद नहीं है, इसलिए ही तो मेरे पति ने मुझे इतनी छूट दे रखी है और आज पहली बार किसी पराये मर्द से चुद रही हूँ, प्लीज कन्डोम नहीं! मेरी सहेली ने मुझको सुरेश का नम्बर दिया था, इसलिए ही तो आपको बुलाया है, और आप भी कन्डोम लगाकर करेंगे? नहीं नहीं! विजय।
इतना कह कर उसने मुझको बाँहो में भर लिया और कहने लगी- बस मुझे एक बच्चा ही तो चाहिए और क्या! मुझको अपनी प्यास नहीं बुझानी! बस एक बार मेरी कोख भर दो विजय! मुझे बस एक बच्चा चाहिए।
वो रोने लगी, मैंने उसको बाँहों में भर लिया, उसके सर को सहलाने लगा और धीरे धीरे उसकी कमर पर हाथ फेरने लगा। वो भी मेरे लण्ड को सहलाने लगी और तड़पने लगी, कहने लगी- विजय मेरी चूत में अपना लण्ड जल्दी से डालो! मुझसे रूका नहीं जा रहा है, मैं तो मर ही जाउँगी!
फिर मैंने उसको बैड पर लिटाया, उसकी टांगों को ऊपर उठाकर अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत के उपर रखा और एक जोर से धक्का मारा, वो बुरी तरह से तडफने लगी और जोर से चीखी- विजय आपका लण्ड तो बहुत मोटा है! आप धीरे से अन्दर करो, नहीं तो मैं तो मर ही जाउँगी!
मैंने कहा- ठीक है!
फिर मैंने उसकी चूत पर खूब सा थूक लगाया और उसने मेरे लण्ड पर थूक लगाया, मैंने उसकी चूत पर अपना लण्ड टिका कर धीरे धीरे दबाव लगाना शुरू किया तो शिवानी बोली- विजय, धीरे धीरे से अन्दर करते रहो!
मैं भी धीरे धीरे लण्ड को अन्दर करने लगा लेकिन जैसे से मेरा लण्ड उसकी चूत में 3 इंच गया तो वो कहने लगी- विजय, और अन्दर मत डालो, मेरा तो बुरा हाल हो रहा है, मैं ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पाउँगी!
मैं धीरे-धीरे अपने लण्ड को ऐसे से अन्दर बाहर करने लगा तो कुछ ही देर बाद उसको मजा आने लगा और कहने लगी- थोड़ा और अन्दर डालो!
मैंने फिर एक जोर का धक्का मारा, मेरा लण्ड 6 इंच तक उसकी चूत में घुस गया, वो दर्द से बुरी तरह हाँफने लगी और कहने लगी- रूको, थोड़ी देर के लिए!
मैं रूक गया और उसकी चूचियों को दबाने लगा और उसके होठों को चूसने लगा।
थोड़ी देर के बाद मैं अपने लण्ड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा, उसका भी दर्द कम होने लगा और उसको मजा आने लगा।
उसने कहा- विजय अब अपने लण्ड को थोड़ा और अन्दर करो!मैंने एक जोर का धक्का मारा, मेरा लण्ड उसकी चूत में जड़ तक उसके अन्दर घुस गया, शिवानी बुरी तरह से तड़पने लगी और कहने लगी- विजय बाहर निकालो, नहीं तो मैं तो मर ही जाउँगी!
मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और उसकी चूचियों को बुरी तरह से मसलने लगा।
कुछ ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और अब मैं अपने लण्ड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा।
शिवानी का दर्द धीरे धीरे कम होने लगा। 3-4 मिनट बाद शिवानी ने कहा- विजय धक्कों की स्पीड बढ़ाओ!
मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। अब शिवानी को मजा आने लगा और अपनी गाँड को उपर नीचे करने लगी। धक्कों की धप धप की आवाज आने लगी। शिवानी के मुँह से आआआअ ऊऊऊऊ इइइइइ आआआऽऽ अआआआ ऊऊऊऽऽ ईईईईर्ई सीसीसीसी की आवाजों के साथ मुँह से सिसकारी निकलने लगी और जोर जोर से चिल्लाने लगी- मार दे मुझे! आऽऽआ आह सी सी सीऽऽऽइ इ इऽऽइ!
और कुछ ही देर में उसने मुझको जोर से जकड़ लिया और उसका पानी छूट गया जोकि मेरे लण्ड पर और उसकी जाँघों पर फैलने लगा।
उसके बाद मैंने उसको कुतिया की तरह पैरों और हाथों के बल खड़ा किया, पीछे से अपना लण्ड उसकी चूत में पेल दिया और दनादन धक्के पे धक्के मारने लगा।
वो मजे में बड़बड़ाने लगी- विजय! ओ विजय! खूब तेजी से करो! मेरी चूत को फाड़ डालो! आज तक आप जैसा मर्द मुझे नहीं मिला! काश आप मेरे पति होते मुझको जन्नत की रोज सैर करा देते! नहीं! फाड़ दो मेरी चूत को विजय! वेरी फास्ट! जल्दी जल्दी विजय! तेजी से!
मैंने भी अपने धक्कों की स्पीड दुगनी कर दी। मैं बड़ी बेरहमी से चूचियाँ पकड़ के उसको मसलने लगा और धक्कों की भी स्पीड और भी ज्यादा कर दी। कुछ ही देर में मेरा छूटने का आ गया और मेरे मुँह से आ आहा आ हा सी सी ई ई ई आई की आवाज आने लगी।
शिवानी कहने लगी- विजय लण्ड को बाहर मत निकालना! अपना पानी अन्दर ही छोड़ना! अन्दर ही छोड़ना! मैं आपके ही बच्चे की माँ बनूंगी विजय!
मैंने अपना लण्ड शिवानी की चूत से बाहर निकाल लिया और उसको लेटने के लिए कहा, वो सीधा लेट गई और फिर मैंने उसकी टांगों को ऊपर उठाकर अपना लण्ड शिवानी की चूत पर रखा और एक ही धक्के में पूरा अन्दर उतार दिया। वो थोड़ा करहाई।
फिर मैंने अपना लण्ड पूरा बाहर खींचा, जबरदस्त धक्के पे धक्के मारने लगा और 2-3 मिनट के ही बाद मेरे लण्ड ने अपना पानी उसकी चूत के अन्दर छोड़ दिया और मैं अपना लण्ड उसकी चूत के ही अन्दर डाल कर उसके ऊपर लेट गया। दो तीन मिनट तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे।
मैंने शिवानी से पूछा- बाथरूम कहाँ पर है?
तो शिवानी मुझको बाथरूम में छोड़ कर आई।
मैंने बाथरूम में जाकर अपना लण्ड पानी से साफ किया और फिर मैं नहाने लगा तो कुछ ही देर में बाथरूम के दरवाजे पर ठक ठक की आवाज हुई और साथ में शिवानी की आवाज आई- विजय मैं आपके लिए तौलिया लेकर आई हूँ, प्लीज दरवाजा खोलो!
मैंने दरवाजा खोला तो शिवानी नंगी ही तौलिया लेकर दीवार के सहारे खड़ी हुई थी।
मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने शर्म से सिर झुका लिया और अन्दर आ गई, कहने लगी- विजय अकेले ही अकेले नहा रहे हो? क्या मैं भी आपके साथ नहाउँ?
मैंने कहा- हाँ हाँ क्यों नहीं!
और हम दोनों साथ साथ नहाने लगे। एक दूसरे के अंगों से छेड़छाड़ करने लगे, कुछ ही देर में मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया तो शिवानी ने कहा- विजय तुम्हारा औजार तो बहुत शानदार है, बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा! मेरे पति का तो आपसे दो इंच छोटा है! कह कर शिवानी पीछे की तरफ को घूम गई।
मैंने शिवानी को पीछे से बाँहो में भर लिया और उसकी गोले गोल गांड को देखकर सोचने लगा क्यों ना लगे हाथ साली की गांड भी आज ही मार लूँ!
मैं शिवानी की चूचियों को पीछे से पकड़ के धीरे धीरे दबाने लगा और वो फिर से गर्म होने लगी। शिवानी ने मरे लण्ड को हाथ पीछे करके पकड़ लिया और लण्ड को धीरे धीरे सहलाने लगी।
मेरा लण्ड लोहे की रॉड की तरह से खड़ा हो गया।
शिवानी कहने लगी- बाप रे बाप! आपका लण्ड तो रॉड की तरह से अकड़ गया और बहुत ही ज्यादा सख्त हो गया है विजय!
तो मैं उसकी चूचियों का छोड़ कर उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा, मैंने शिवानी से कहा- शिवानी! आप की फिगर तो बहुत ही शानदार है, पर आप की गांड तो उससे भी सुन्दर है, क्या मैं आपकी गांड की भी भूख मिटा दूँ?
नहीं! नहीं विजय! शिवानी ने कहा- जब तुम्हारे लण्ड से मेरी चूत की यह हालत हो गई तो मेरी गांड की क्या हालत होगी। नहीं नहीं माँ रे! विजय आज तो आप मेरी चूत की ही प्यास बुझाओ, आओ, जल्दी से मेरी प्यास एक बार और बुझा दो ना, बुझाओ ना! विजय आपने जो मजा मुझे दिया है आज तक मेरा पति कभी भी नहीं दे पाया है और ना ही दे पायेगा। मैं तो आज आपकी गुलाम हो गई। ये देखो मेरी चूत से अभी भी खून निकल रहा है। विजय मुझे तो आपसे चुदने पर ऐसा लगा कि जैसा आज ही पहली बार चुद रही हूँ, ओ विजय, एक बार बस प्यास बुझा दो ना विजय!
मैंने शिवानी का बाँहो में भर लिया और उसको चूमने लगा। कभी मैं उसके होटों को चूसता तो कभी उसकी गर्दन को चूमता!
और पागलों की तरह से शिवानी मदहोश होने लगी। फिर मैं उसकी चूची को एक हाथ से पकड़ के मसलने लगा और दूसरी चूची को चूसने लगा। कुछ ही देर में शिवानी कहने लगी- विजय! अपना लण्ड मेरी चूत में डालो ना जल्दी से!
मैं उसकी चूचियों को छोड़कर, नीचे झुक कर, उसकी एक टांग को ऊपर उठाकर उसकी चूत को चाटने लगा, जिसमें से पहले ही मेरे लण्ड और उसकी चूता का पानी निकल रहा था। मैंने उसको चाट-चाट के साफ किया।
लेकिन थोड़ी ही देर में शिवानी ने तड़प कर कहा- विजय ज्यादा मत तड़फाओ! बस जल्दी से अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ो ना विजय!
मैंने उसकी एक टांग को थोड़ा और ऊपर किया और अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रखा ही था कि शिवानी ने शावर चला दिया। ऊपर से पानी की बारिश होने लगी।
एक ही धक्के में मैंने अपना लण्ड शिवानी की चूत में आधे से ज्यादा अन्दर कर दिया और वो दर्द के कारण जोर से करहाई।
फिर मैंने एक और धक्का जोर से मारा, मेरे पूरा का पूरा लण्ड शिवानी की चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया और शिवानी बुरी तरह से तड़फने और चिल्लाने लगी- मार ही डालोगे क्या? आराम से नहीं कर सकते क्या?
मैंने अपना लण्ड आधा बाहर निकाला और फिर धीरे धीरे से अन्दर बाहर करने लगा और उसकी चूचियों को मसलने लगा और उसके होंठों अपने होंट से बन्द कर दिया।
कुछ ही देर में उसको मजा आने लगा, शिवानी कहने लगी- विजय धीर धीरे अन्दर बाहर करो अपने लण्ड को! मुझे मजा आ रहा है विजय!
मैंने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किये और कुछ ही देर में अपनी स्पीड फुल कर दी।
सात आठ मिनट के ही बाद शिवानी की चूत ने पानी छोड़ दिया।
अब मैंने उसको नीचे झुकने के लिए कहा, वो झुक गई तो मैंने अपना लण्ड पीछे से उसकी चूत में अन्दर घुसा दिया और थोड़ा सा करहाई और फिर उसको मजा आने लगा।
मैं फिर दनादान धक्के पे धक्के मारने लगा और दस बरह मिनट में मेरे भी लण्ड ने पानी उसकी चूत में ही अन्दर छोड़ दिया। शिवानी इस दौरान दो बार झड़ी।
फिर मैंने शावर के पानी से उसकी चूत को साफ किया और उसने मेरे लण्ड को साबुन लगा कर अच्छी तरह से साफ किया। नहा कर हम दोनों नंगे ही वापस शिवानी के बेडरूम में आ गये, हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और मैंने शिवानी से जाने की इजाजत माँगी तो शिवानी ने मुझसे कहा- विजय! जब भी मैं आपको फोन करूँ तो आपको जरूर आना पड़ेगा!
मैंने शिवानी से कहा- मेरे पास तो फोन ही नहीं है।
तो शिवानी कहा- कोई बात नहीं फोन हम आपको दे देते हैं!
और शिवानी ने मेरी फ़ीस के मुझे आठ हजार रूपये दिये और चार हजार रूपये फोन के लिए दिए। मैंने शिवानी का धन्यवाद किया और मैं अपने घर चला आया।
उसके बाद शिवानी मुझे हफ्ते में कम से कम एक बार बुलाती और उसके दो महीने ही बाद ही शिवानी गर्भवती हो गई। अब शिवानी के दो बच्चे है। वो मेरा बड़ा ही अहसान मानती है और बहुत ही ज्यादा इज्जत करती है। अब महीने में कम से कम एक बार जरूर बुलाती है।
शिवानी ने मुझे अपने परिवार के हर सदस्य से मिलाया है और तो और उसने अपने पति से भी।
शिवानी का पति मेरी बहुत इज्जत करता है और उसने मुझे नौकरी भी अपनी कम्पनी में दिलाई।
अब शिवानी और उसका परिवार बहुत खुश है, खुश भी क्यों ना हो भरा-पूरा परिवार है, किसी भी चीज की कमी नहीं है, मैं भी उनकी बहुत ही इज्जत करता हूँ क्योंकि वो मेरे जरूरत के दिनों में काम आई।
मेरे और शिवानी के बीच जो भी हुआ, और है, एक राज है और राज ही रहेगा।
मैं विजय, जो ना चाहते हुए भी यह कहानी लिख रहा हूँ जो कि एक हकीकत है, आप लोग मानो या ना मानो, सिर्फ नाम बदल रहा हूँ। Antarvasna
Antarvasna, मेरा नाम सुमित है, मैं कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर का काम करता हूँ, मेरा ऑफ़िस है गुजरात में !
मैं और मेरे घर वाले बहुत ही साधारण हैं इसलिए मेरा स्वभाव एक अच्छे लड़के की तरह है, पर क्या पता था कि एक दिन मेरी ज़िंदगी ही बदलने वाली है।
मेरी ज़िंदगी एक भाभी और उसकी सहेली ने बदल दी। उस भाभी का नाम सुषमा है। मैंने कभी उसे नहीं देखा था पर सुषमा भाभी सब कुछ मेरे बारे में जानती थी।
एक दिन शाम को मेरे ऑफ़िस में उसका फोन आया और कहने लगी- यू आर सुमित?
मैंने कहा- यस, हाँ बोलिए क्या काम है?
उसने कहा- मेरे घर का कंप्यूटर खराब हो गया है।
पहले मैंने उनसे पूछा- मेरा नंबर कैसे मिला आपको?
तब उस भाभी ने कहा- कभी कभार मैं तुम्हारे ऑफ़िस के रास्ते से जाती हूँ, तब तुम्हारे ऑफ़िस का नंबर मुझे तुम्हारे ऑफ़िस के बोर्ड पर से मिला और मैंने कॉन्टेक्ट किया तुमसे !
मैंने कहा- अच्छा। कल मैं आ जाता हूँ।
भाभी बोली- नहीं अभी आना होगा !
मैंने कहा- जी अभी नहीं आ सकता, अभी रात के आठ बज रहे हैं तो मैं कल आ जाऊँगा।
तब वो कहने लगी- मुझे आज कंप्यूटर में कुछ ज़रूरी काम है इस लिए तुम्हें अभी ही आना होगा।
मैंने कहा- जी अभी नहीं ! मैं कल सुबह जरूर आ जाऊँगा।
पर वो भाभी नहीं मानी, कहने लगी- मुझे आज कंप्यूटर में कुछ ज़रूरी काम है।
फिर मुझे भी उसकी बात माननी पड़ी और कहा- ओके, अपना एड्रेस बताओ?
उसने अपना पता बताया तो वो मेरी बिल्डिंग के ठीक पास वाली बिल्डिंग थी।
मैं उस पते पर गया, मैने कंप्यूटर को देखा तो उसका पीछे का तार ढील था, मैंने उसे ठीक कर दिया, वो कंप्यूटर चालू हो गया।
तब मैंने कहा- अब मैं चलता हूँ, मुझे घर जाना है, काफ़ी देर हो गई है।
पर भाभी ने मुझे कहा- अब घर नहीं जाओ, यहाँ ही सो जाओ आज, और मैं भी अकेली हूँ आज तो !
मैंने ना कह दिया- नहीं मैं यहाँ नहीं सोऊँगा।
पर उसने मुझसे ज़्यादा रिक्वेस्ट किया और कहने लगी- मेरे पति 15 दिन के लिए आउट ऑफ स्टेट गये हैं, मुझे अकेलापन महसूस हो रहा है और मुझे अकेले सोने में डर भी लगता है।
उसने मुझे अपने घर सुलाने के लिए बहुत मनाया, पर मैंने कहा- नहीं, मेरे घर वाले भी मेरा इंतजार करते होंगे।
भाभी कहने लगी- तुम घर पर फोन कर के कह दो कि आज ऑफीस में काम होने के कारण आज नहीं आ पाऊँगा।
तो मैंने घर पर फोन कर दिया और मैंने भाभी से कहा- मेरे पास तो नाइट ड्रेस भी नहीं है।
और भाभी अपने कमरे में जाकर पज़ामा लेकर आई और कहने लगी- यह पहन लो।
मैं बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर पज़ामा पहन कर बाहर आया। भाभ्हि ने खाना लगा लिया था, हम दोनों ने खाना खाया।
तभी मैंने देखा कि कंप्यूटर चालू है तो भाभी से कहा- कंप्यूटर चालू है, उसे बंद कर दो, इतनी देर से क्यों चालू रखा है।
भाभी कहने लगी- मुझे उस पर अभी काम है।
मैंने कहा- क्या काम है?
उसने कहा- मैं रोज़ रात को ब्लू फिल्म देखती हूँ।
और भाभी मुझसे पूछने लगी- क्या तुम्हें पसंद है ब्लू फिल्म?
मैंने कहा- नहीं, मुझे बिल्कुल नहीं पसंद है ब्लू फिल्म।
मैंने नींद का बहाना कर के कहा- मुझे नींद आने लगी है, मुझे सोना है, तुम बताओ कि कहाँ सोऊँ।
भाभी मुझे सोने का बेड दिखाया और कहा- यहाँ सो जाओ !
मैं बेड पर लेट गया। बाद में ज़रा उठ कर देखा कि आख़िर भाभी क्या कर रही है तो सच में भाभी एक एडल्ट ब्लू सेक्सी फिल्म देख रही थी। मुझे उसमें इंटरेस्ट नहीं था इसलिए मैं वापस बेड पर आकर लेट गया।
थोड़ी देर के बाद मैं देखा कि मेरे पज़ामे पर कुछ है, कोई मेरे लंड को सहला रहा है. मैंने आँखें खोल कर देखा तो भाभी मेरे पास आकर सोई हुई थी और उनका हाथ मेरे लण्ड पर था। मैं घबरा गया, मैं सोने की एक्टिंग करता रहा।
तब थोड़ी देर देखता रहा तो वो और भी जोश में आकर मेरा लंड को ज़ोर ज़ोर से सहलाने लगी। थोड़ी देर बाद वो धीरे धीरे मेरे पज़ामे में हाथ डालने लगी। मैंने उठने की कोशिश की, भाभी को कहने लगा- यह क्या कर रही हो?
भाभी कहने लगी- मुझे बहुत सेक्स चढ़ गया है, मुझे तुमसे चुदवाना है। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मैंने कहा- नहीं, मैं यह काम नहीं करूँगा। मैंने किसी को यह न करने का वादा किया है।
उस पर भाभी कहने लगी- ओके, मुझे मत चोदना पर मुझसे खेल तो सकते हो?
तब मैंने कहा- प्लीज़, मुझे यह सब भी पसंद नहीं है।
तब भाभी ने थोड़ा गुस्सा करके कहा- अगर तुमने यह मुझसे नहीं किया तो मैं पूरे बिल्डिंग वालों को जगा दूँगी कि तुम मेरे घर जबरदस्ती आए हो और मुझे परेशान कर रहे हो।
तब मैं और घबरा गया पर भाभी सेक्सी फिल्म देख कर बहुत ही गर्म हो गई थी, इसलिए वो नहीं मान रही थी।
मैंने भाभी को कहा- अगर तुमने मुझे अब छुआ तो मैं यहाँ से चला जाऊँगा।
भाभी भी कहने लगी- ओके !
तब मैंने कहा- ओके, तुम मेरे साथ खेल सकती हो पर मैं तुम्हें नहीं चोद सकता।
उसने कहा- ठीक है।
भाभी ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मेरा टी-शर्ट उतार दिया, वो मुझसे कहने लगी- अब मेरे ये बूब्स के निप्पल को थोड़ा अपने हाथ की उंगली से मसल दो !
और मैं मसलने लगा।
फ़िर उसने कहा- अपना मुँह ज़रा मेरे मुँह के पास लाओ।
जब मैं मेरा मुँह उसके करीब ले गया तो उसने अपने हाथ से मेरा सर पकड़ कर मुझे किस करने लगी, वो ज़ोर ज़ोर से स्मूच करने लगी।
मैंने कहा- अब बस करो, मेरा दम घुट रहा है।
तब भी जोश में आकर उसने करीबन दस मिनट तक स्मूच किया।
तब भाभी ने मेरा हाथ लेकर अपने वक्ष पर रख दिया और कहने लगी- अब अपने हाथ से मेरे बूब्स और उसके निप्पल को दबाओ।
फिर उसने अपना हाथ मेरे पज़ामे में धीरे धीरे हाथ डाल दिया और मेरे लंड को हिलाने लगी, कहने लगी- यह तुम्हारा लंड कितना छोटा है।
पर मैंने सच में यह सब कभी नहीं किया था, इसलिए मैं घबरा रहा था, मेरा लंड खड़ा नहीं हो रहा था।
पर भाभी ने कहा- अच्छा, इसे मैं अभी ठीक कर देती हूँ।
उसने मेरा पजामा उतारा और ज़ोर ज़ोर से मेरे लण्ड को मसलने लगी। फिर भाभी मुझसे कहने लगी- तुम अब मेरी चूचियाँ मुँह में लो और एक हाथ से मेरी चूत के ऊपर उंगली फिराओ।
और थोड़ी उंगली फिराने के बाद वो और भी गर्म हो गई, मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और कहने लगी- थोड़ा तो करो अभी !
मैंने कहा- नहीं, मैंने किसी को वादा किया है ! मैं नहीं करूँगा।
फिर वो अचानक मेरे मुख पर अपनी चूत रगड़ने लगी और कहा- अब मैं अपनी हवस ऐसे ही पूरी करूँगी।
बस फिर वो ज़ोर ज़ोर से मेरे मुँह से चूत को रगड़ रही थी, मैंने कहा- इसमें से तो पानी आ रहा है।
भाभी ने कहा- यह मेरी चूत का पानी है।
मेरा पूरा चेहरा उसकी चूत के पानी से भर गया था, फिर भाभी मेरे लंड को चूसने लगी और कह रही थी- तुम मेरी चूत को ज़ोर ज़ोर से चूसो, नहीं तो मैं तुम्हारे लंड को खा जाऊँगी।
मैं मजबूर होकर थोड़ा थोड़ा चूसता रहा और भाभी मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से मुँह में हिला रही थी। और क्या पता मेरे लंड में एक गर्मी महसूस हुई और मेरे लंड से गर्म पानी निकला और सुषमा भाभी हँसने लगी, कहने लगी- तुम्हारा इतना ज्यादा गाढ़ा पानी निकला।
फिर मैंने कहा- अब मुझे नींद आ रही है, मैं सो रहा हूँ।
पर भाभी मेरे ऊपर पूरे रात तक पड़ी रही और मुझे चूमती रही।
सुबह किसी तरह मैं उनसे पीछा छुड़ा क अपने घर आया।
Antarvasna कहानी जारी रहेगी !
कैसे हैं आप सब? एक बार फ़िर से आरज़ू Hindi porn Stories अपनी अधूरी कहानी पूरी करने आप सबके सामने हाज़िर है.
मेरी कहानी का पहला भाग जिसका टाइटल था
भाई और बहन की आपस में चुदाई-1
तो हाज़िर है इसी कहानी का पार्ट 2
उस दिन छत पर जब हम दोनों चुदायी लीला कर रहे थे तब ही मेरी मुमानी की बड़ी लड़की अफ़रोज़ छत पर आ गयी थी और चुपके से छुप कर हमारी बातें सुन रही थी और देख भी रही थी.
भाई ने मुझे बांहों में भर लिया और अपना तना हुआ लंड मेरी चूत से रगड़ने लगे. मैं अफ़रोज़ को दिखाने के लिये मादक सिसकियां निकाल रही थी मुंह से- आआययीई … भाई जान, बहुत गुदगुदी हो रही है … आआह्हह प्लीज़ … अब घुसा दीजिये अपना लंड मेरी चूत में!
और मैंने अपने दोनों हाथ से भाई का लंड पकड़ लिया और मसलने लगी.
भाई भी अफ़रोज़ को दिखाने के लिये ज़ोर ज़ोर से कराह रहे थे ताकि इसकी चूत में भी खुजली होने लगे और वो भाई की टांगों के नीचे खुद ब खुद चूत फ़ैला कर पसर जाये. अब उन्होंने अपने हाथ से मेरी चूत को फ़ैलाया और अपने लौड़े का मुहाना मेरी चूत पर रख कर मुझसे धीरे से बोले देखो- इस तरह की एक्टिंग करना कि अफ़रोज़ पूरी तरह से चुदासी हो जाये! पता है कि तुम्हारी चूत ढीली हो चुकी है मगर फ़िर भी नाटक करना कुंवारी होने का!
इतना कहकर भाई ने जरा सा लंड ही अंदर ठेला था कि मैं चिल्ला पड़ी- आआह्हह भाईईजान … बहुत दर्द कर रहा है प्लीज़ आहिस्ता आहिस्ता कीजिये आराम से!
भाई ने अपने होठों में मेरी चूची भर ली और चूसने लगे और एक धक्का और मारा. इस बार उनका करीब 5″ लंड अंदर समा गया. मैंने उनकी कमर जोर से पकड़ ली और अपनी दोनों टांगें उनकी पीठ से किसी कैंची की तरह फ़ंसा ली और अपने चूतड़ को ऊपर की तरफ़ उछालने लगी- आआआ आह्हह्ह ह्ह भाई … बहुत मज़ा आ रहा है. अब तो घुसा दीजिये अपना पूरा बाकी का बचा हुआ लंड भी! अययीईई आअह्हह … कसम से जवानी में चुदवाने का मज़ा ही अलग है!
ये सब मैं अफ़रोज़ को सुनाने के लिये कह रही थी जिसे वो सुन भी रही थी और बहुत मज़े लेकर हम दोनों को देख भी रही थी. उसे नहीं पता था कि हम लोग उसे देख चुके हैं.
तब ही भाई ने अपना पूरा लंड मेरी चूत में जोरदार धक्के के साथ घुसेड़ दिया. मैं आआय यययीईई इस्सस्स इस्सस्स अम्मी माआअर्रर डालाआआअ भाईईइ बहुत दर्द हो रहा है. आप ज़रा भी तरस नहीं खाते अपनी बहन पर … पूरे जल्लाद बन जाते हैं. चोदते वक्त कहीं इतनी जोर से भी धक्का मारा जाता है?
और तब ही भाई मेरी निप्पल को दांत से दबाते हुए बहुत ही आराम से धक्के मारने लगे. अब मैं ऊऊओफ़्फ़ ऊऊओफ़्फ़ फ़्फ़फ़ कर रही थी और अब इस तरह दर्शा रही थी कि मुझे बहुत मस्ती मिल रही है.
“आअहाआ भाई … बहुत मज़ा आ रहा है. थोड़ा और जोर से धक्का मारो ना प्लीज़! तुम्हें अपनी बहन की कसम है … आज सारी ताकत झोंक देना मेरी चूत में! ज़रा भी तरस ना खाना! साली बहुत कुलबुलाती रहती है.”
फ़िर तो भाई ने धक्कों की झड़ी लगा दी, फ़चा-फ़च की आवाज़ निकल रही थी और मैं भी अपने चूतड़ को उछाल रही थी.
तब ही भाई का लंड झड़ने के करीब आया और भाई ने कहा- आरज़ू बहन, अब मैं झड़ने वाला हूँ. तुम्हारी क्या पोजिशन है?
मैंने कहा- क्या बात है, आज आप मुझसे पहले डिस्चार्ज हो रहे हैं? वरना तो मेरा पानी दो बार निकलता था तब कहीं आप झड़ते थे?
भाई ने कहा- बहुत दिन बाद आज चुदायी कर रहा हूँ ना, इसलिये ऐसा हो रहा है. क्या बतायें, वहां घर की बात ही और थी यहां तो साला मौका ही नहीं मिलता है.
तब मैंने कहा- यहां किसका डर है?
भाई ने कहा- कहीं मुम्मानी की लड़कियां न देख लें! या मामुजान को पता न चल जाये.
अब हम लोग काम की बात पर आये थे. तब मैंने भाई से कहा- भाई अफ़रोज़ भी तो जवान है, उसका भी तो मन करता होगा अपनी जवानी का मज़ा लेने का! रही मुमानी की बात … तो उनको तो मैं अकसर मामुजान से चुदाते हुए देखती हूँ. वो अब भी टांगें उठा उठा कर बहुत मज़े से चुदवाती हैं मामुजान से … और मामु जान भी कम नहीं हैं बहुत दम है उनके लौड़े में … इस उमर में भी थका डालते हैं मुमानी को! उस दिन तो मैंने देखा कि वो मुमानी की गांड मार रहे थे और मुमानी चिल्ला रही थी.
भाई ने बड़ी हैरत से पूछा- अच्छा, मामूजान भी गांड मारते हैं? शकल से तो बहुत शरीफ़ नज़र आते हैं.
तब मैंने कहा- भाई, पता है मैंने मुमानी की बातें भी सुनी थी, वो कह रही थी मामु से कि अब आप में पहले की तरह मज़बूती नहीं रह गयी. पहले तो सारी रात ही पड़े रहते थे मेरी ओखली में अपना मूसल डाले … अब पता नहीं क्या हो गया है आपको. तब मामू ने कहा ‘क्या बतायें बेगम, अब बच्चियां जवान हो गयी हैं, डर लगा रहता है कहीं हम दोनों की चुदायी देख कर बहक ना जायें. तब मुमानी ने कहा ‘अरे वो अपने रूम में सो रही हैं तुम उनकी फ़िकर क्यूं करते हो, जम कर मारो आज मेरी गांड!’ और फ़िर मामू ने बहुत जोरदार गांड चोदी थी मुमानी की!
मैं आगे बोली- मुझे तो अफ़रोज़ और आज़रा पर तरस आता है कि बेचारी इतनी कातिल जवानी लेकर भी प्यासी हैं.
तब भाई ने कहा- क्या किया जा सकता है?
तब मैंने कहा- भाई अगर अफ़रोज़ तुमसे चोदने को कहे तो क्या तुम चोदोगे उसे?
तब भाई ने कहा- हां क्यूं नहीं, कहीं न कहीं तो वो अपनी चूत की प्यास बुझायेगी ही तब घर में ही क्यूं नहीं. अम्मी का कहना भी यही है कि चुदायी की पहल हमेशा घर से ही करनी चाहिये. तभी तो मैं हमेशा तुम्हारा ख्याल रखता हूँ.
तभी मैं भी झड़ने के करीब आ गयी और भाई से कहा- अब बातें बाद में चोदना, मैं झड़ रही हूँ, पहले मुझे सम्भालो!
भाई बातें भूल कर फ़िर से मुझे चोदने लगे और मैं झड़कर एक तरफ़ लेट गयी.
मैंने भाई से कहा- भाई, मैं अफ़रोज़ से बात करुंगी. हो सकता है काम बन जाये, बेचारी को तरसना ना पड़े!
और फ़िर धीरे से दरवाज़े की तरफ़ देखा तो अफ़रोज़ नीचे जा चुकी थी.
तब ही मैंने हंस कर कहा- साले बहुत मज़ेदार नाटकबाज़ हो तुम! खूब जोरदार चुदायी का नाटक करते हो.
तब भाई ने कहा- साली रण्डी, तू भी किसी कुतिया से कम नहीं है. ऐसे चिल्ला रही थी जैसे पहली बार मरवा रही हो चूत! अच्छा ये बताओ कि अब क्या अफ़रोज़ की चूत में खलबली हुई होगी?
तब मैंने कहा- 100% खलबली हुई होगी. अरे तुम्हारा हलब्बी लंड देखकर अफ़्फ़ो क्या उसकी तो अम्मी भी अपनी चूत पसार देगी तुम्हारे आगे! ये तो अच्छा ही हुआ कि उसने हमारी चुदायी देख ली अब मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी. काम आसान हो गया है साली खुद ही राज़ी हो जायेगी.
तब भाई ने कहा- ये तो अच्छा हुआ कि अफ़रोज़ ही आयी थी. अगर कहीं मामु जान आय होते तो क्या होता?
मैंने कहा- तुम्हारा क्या होता? जो होता मेरा होता वो अपना बम पिलाट लंड लेकर आ जाते और मेरी खुली चूत में डाल देते. हालत मेरी खराब होती!
तब भाई ने कहा- हालत क्यूं खराब होती मेरी जान? तुम्हें तो मैं इतना एक्सपर्ट कर चुका हूँ कि तुम तो चार लंड एक साथ अपनी चूत में ले चुकी हो. फ़िर भला मामू किस खेत की मूली हैं.
मैंने कहा- साले मूली नहीं, पूरा बांस है उनका लंड मैंने देखा है कितना लम्बा है. अगर तेरी गांड में डाल दे तो बरदाश्त नहीं कर पायेगा. बातें चोद रहा है!
तब भाई ने हंसते हुए कहा- अच्छा अच्छा मेरी छिनाल बहन, अब कपड़े पहन लो क्योंकि मामू को तो तुम्हारी चूत झेल लेगी. अगर कहीं अफ़रोज़ अपनी अम्मी और बहन दोनों के साथ आ गयी तो मेरा लंड अभी इस हालत में नहीं है कि मैं उन तीनों को एक साथ झेल जाऊँ.
मैंने कहा- सिर्फ़ तीन क्यों? मुझे नहीं गिन रहे हो? चारों को चोदना पड़ेगा तुम्हें!
और ये कह कर मैं हंसने लगी और भाई भी हंसने लगे.
मैंने पहले वहीं छत की नाली पर जाकर पेशाब किया तो भाई भी वहीं खड़े हो कर मूतने लगा.
तब मैंने कहा- यार आराम से बैठ कर मूतो, अभी अभी नहा कर आयी हूँ तुम्हारी छींटें आ रही हैं.
तब भाई भी वहीं बैठ कर मूतने लगा. हम दोनों ने साथ में मूतकर अपने अपने कपड़े पहने.
वह तो पूरे कपड़े पहन कर नीचे चला गया पर चूंकि मैं सिर्फ़ तौलिये में थी और अब तक नीचे मामूजान आ चुके थे तो मैंने अफ़रोज़ को अवाज़ दी कि मेरे कपड़े लेकर ऊपर चली आये और जब अफ़्फ़ो उपर आयी तो मुझे देख कर शरमा रही थी. मैं समझ रही थी कि ये साली क्यूं शरमा रही है. उसकी आंखें अभी भी गुलाबी हो रही थी और होंठ थरथरा रहे थे.
वो कांपते हाथों से मुझे कपड़े देकर नीचे जाने लगी तो मैंने कहा- जरा रुको, मैं भी चेंज कर लूं तो साथ साथ चलते हैं.
और उसके सामने मैंने तौलिया वहीं उतार दिया. वो बहुत गौर से मेरे दोनों बूब्स देखने लगी जो उसकी चूची से काफ़ी बड़े थे और मेरी बुर को भी अज़ीब नज़रों से निहार रही थी.
तब मैंने उसकी जम्पर के ऊपर से हाथ रखते हुए कहा- क्या देख रही हो इतने गौर से?
वो घबरा गयी पर खामोश रही. मैं उसकी चूची पर थोड़ा सा जोर देकर फ़िर से बोली- आखिर देख क्या रही थी तुम? जो मेरे पास है वो तुम्हारे पास भी तो है.
तब उसने झिझकते हुए कहा- पर आपा आपकी तो हमसे बहुत बड़ी हैं?
मैंने कहा- बतायेगी भी क्या?
तब उसने मेरी चूची पर हाथ रख कर कहा- ये!
मुझे हंसी आ गयी उसके भोलेपन पे, मैंने कहा- नाम नहीं पता है इसका?
उसने शरमाते हुए कहा- दुधू है!
तब तो मुझे बहुत जोरदार हंसी आयी फ़िर मैंने उसकी चूची को कपड़े के ऊपर से ही जोर से दबा कर कहा- धत्त बेवकूफ़ लड़की, दुधू नहीं चूची कहते हैं इसे! इतनी बड़ी हो गयी है, अभी तक नाम नहीं पता, क्या देखती है तू टीवी वगैरह में?
तब उसने कहा- आपा यहां कहां टीवी देखने देते हैं अब्बु जान … उन्हें तो सिर्फ़ न्यूज़ ही पसंद है.
मेरा चूची मसलना उसे शायद अच्छा लग रहा था, वो कुछ बोल नहीं रही थी और मैं अपना काम कर रही थी.
मैंने कहा- मैं तेरी चूची सहला रही हूँ तो कैसा लग रहा है?
उसने शरमाते हुए कहा- अच्छा लग रहा है.
तब मैंने कहा- अभी तो कपड़े के ऊपर से ही मसल रही हूँ. अगर पूरी नंगी होकर चूची दबवाओगी तो बहुत मज़ा आयेगा.
अब वो थोड़ी थोड़ी खुल रही थी और अपने हाथ धीरे से मेरी चूची पर रखते हुए बोली- आपा, आपकी चूची इतनी बड़ी कैसे हो गयी? जबकि आपकी उमर भी मेरे बराबर ही है.
तब मैंने कहा- ये सब मेरे अब्बु और भाई की करतूत है.
उसने चौंकते हुए पूछा- क्या मतलब?
मैंने कहा- मेरी नन्ही जान, जब जवानी की प्यास लगती है तब चुदवाने का मन करता है. और जब घर में लंड मौजूद हों तो बाहर का रुख नहीं करना चाहिये. ज़माना बड़ा खराब चल रहा है. हमारी अम्मी का कहना है कि भले ही घर में चुदवा लो, पर बाहर वालों से नहीं क्योंकि साला आजकल एड्स का बहुत लफ़ड़ा है.
मेरे मुंह से चूत और लंड की बात सुनकर उसका मुंह खुला का खुला ही रह गया, वो बोली- हाय आपा, आप कैसे गंदी बात करती हो? आपको शरम नहीं आती?
तब मैंने कहा- जो लड़की अपने भाई और अब्बु से चुदवा चुकी हो, वो भी अपनी अम्मी के सामने … उसे शरम कहां आयेगी. शरम तो तुझ ऐसे कुंवारी कमसिन छोकरियों को आती है. अब देख तू भी मज़े लेना चाहती है पर शरमा भी रही है. अगर तू शरमा न रही होती तो तुझे थोड़ा सा मज़ा तो मैं ही दे देती.
उसे लाइन पर लाने की गरज़ से मैंने कहा तो वो एकदम से बोली- कहां शरमा रही हूँ आपा आप दबाइये न मेरी चूची … बहुत मज़ा आ रहा है मुझे. प्लीज़ दबाइये न!
मैं समझ गयी अब साली भाई से चुदवा लेगी!
और मैंने उसकी समीज़ भी उतार दी उसकी छोटी छोटी संतरे की तरह चूची एकदम टाइट थी और उसके निप्पल तने हुए थे. मुझे उसकी चूची देखकर अपनी पुरानी चूचियों की याद आ गयी जब मेरी चूची भी कड़ी हुआ करती थी. एक तरह से मुझे उससे जलन का एहसास होने लगा था मगर मैं उसकी निप्पल को मसलते हुए बोली- पता है लड़कियों की जब निप्पल लड़के लोग मसलते है तब उनकी जवानी फ़ड़क उठती है.
और फ़िर मैंने सोचा कि आज तक मैंने कभी किसी लड़की के साथ सेक्स का मज़ा नहीं लिया है क्यों ना आज इसका भी अनुभव कर लिया जाये!
यही सोच कर उसके हाथ अपनी चूची पर रखे और उससे कहा- इन्हें मसल डालो, जोर जोर से दबाओ मेरी चूची को!
वो मेरी चूची दबा रही थी, तब ही मैंने उसकी सलवार की तरफ़ हाथ बढ़ाया तो उसकी सलवार मुझे भीगी भीगी सी लगी. मैं समझ गयी कि साली अभी थोड़ी देर पहले भाई और मेरी चुदायी का नज़ारा देख कर झड़ी है.
मैंने उसकी बुर को सलवार के ऊपर से सहलाते हुए कहा- ये गीली कैसे है अफ़रोज़?
पहले तो उसने वहां से मेरा हाथ हटाया और फ़िर अपने पैर सिकोड़ते हुए बोली- पता नहीं!
तब मैंने उसकी सलवार का इजारबंद (नाड़ा) खोलते हुए कहा- अभी बताती हूँ कि ये गीली क्यों है.
वो अपने दोनों हाथ से मेरा हाथ पकड़ते हुए बोली- नहीं आपा, मैं नंगी हो जाऊँगी. प्लीज़ इसे मत खोलो!
मैंने हंसते हुए कहा- मेरी रानी, मुझे देख, मैं भी तो नंगी हूँ.
और उसके इजारबंद को खोल डाला, उसकी सलवार सरसरा कर पैरों में आ गिरी जिसे मैंने निकाल दिया.
उसकी बुर पे अभी हल्के हल्के सुनहरे बाल थे जो बहुत खूबसूरत लग रहे थे. मुझे इस तरह से अपनी बुर को निहारते देख कर उसने अपने दोनों हाथ से अपनी बुर छुपा ली. मैंने उसकी दोनों चूची को मसलते हुए एक निप्पल मुंह में भर ली और चुभलाने लगी. वो सिसकियां लेने लगी और अपने हाथ अब बुर से हटा कर मेरे सर को अपने सीने पर दबाने लगी.
मैं तो यही चाहती ही थी, मैंने उसकी चूची की चुसायी कायदे से करना शुरु कर दी. मैंने अपने हाथ उसकी बुर की तरफ़ सरकाना शुरु कर दिया और जब हाथ को उसकी बुर पर रख कर सहलाया तो वो बहुत जोर से सिसक पड़ी- ईईस्स स्सस्सस्स आपा … क्या कर रही हैं आप? बहुत गुदगुदी हो रही है!
उसकी बुर बहुत फ़ूली हुई थी और गोल्डन बाल तो कयामत का मंज़र लग रहे थे.
मैंने उसकी झांटें सहलाते हुए उसकी बुर की फ़ांक फ़ैलायी तो अंदर का गुलाबी हिस्सा देख कर मेरा भी मन उसकी बुर चाटने का करने लगा. मैंने सोचा कि आज पहली बार किसी लड़की की बुर चाट कर मज़ा लिया जाये.
और फ़िर उसकी चूची मुंह से बाहर निकाल कर अपने चेहरे को उसकी जांघों के बीच में लकर उसकी बुर की खुशबू लेने लगी. मैंने उससे कहा- अफ़्फ़ो, तुम ऐसा करो कि लेट जाओ, तब ज्यादा मज़ा आयेगा.
मैंने ऐसा इसलिये कहा क्योंकि मुझे अपनी भी चूत तो उससे चुसवानी थी.
और ये कह कर अफ़रोज़ वहीं फ़र्श पर लेट गयी. मैंने उसके बुर की तरफ़ अपना मुंह ले जाकर पहले अपनी जबान से उसकी बुर की फ़ांक को सहलाया, फ़िर धीरे से अपने होंठों में उसकी बुर की फ़ांकों को रख कर चूसने लगी और अपनी चूत को उसके मुंह पर रखते हुए उससे कहा- अफ़्फ़ो, तुम भी ऐसे ही करो मेरे साथ!
उसने कहा- नहीं आपा, मुझे घिन आती है.
तब मैंने उसकी बुर की चिकोटी काट कर कहा- वाह मेरी चुद्दो रानी, मैं चूस रही हूँ तेरी गीली बुर और तुझे शरम आ रही है? चल जल्दी से चुम्मा ले चूत का!
और ये कह कर अपनी चूत को ज़बरदस्ती उसकी मुंह पर अड़ा दिया. वो न चाहते हुए भी चूमने लगी मगर मैं तो बहुत चाव से उसकी छोटी सी बुर को चूस रही थी और अब वो आह आह करने लगी थी, उसकी बुर से बहुत ढेर सारा रस बाहर निकल पड़ा जिसे मैं चूस कर चाट गयी. फ़िर जब उसकी बुर पूरी तरह से चिकनी हो गयी तब उसमे मैंने अपनी एक उंगली घुसेड़ दी.
वो कराह उठी- आआआह आपाजान … क्या कर रही हैं? बहुत दर्द हो रहा है.
तब मैंने कहा- मेरी रानी, अभी बहुत अच्छा लगेगा तुम्हें जरा बरदाश्त करो!
और फ़िर दो उंगली एक साथ उसकी बुर में डाल दी और आगे पीछे करने लगी. अब तो अफ़्फ़ो को भी मज़ा आने लगा, वो मेरी चूत को जोर से शिप करते हुए अपनी चूतड़ को उछालने लगी. मैं भी अपनी अपनी उंगली को बहुत तेज़ी के साथ डालने लगी थी.
तभी वो एक बार और झड़ी और फ़िर सुस्त हो गयी.
तब मैंने पूछा- क्यों रानी मज़ा आया?
उसने कहा- अल्लाह कसम आपा, बहुत मज़ा आया!
तब मैंने कहा- रानी, अगर तुम थोड़ी देर पहले आ जाती तो भाई से चुदवा भी देती तुझे! अभी थोड़ी देर पहले ही तो मैंने चुदवाया है.
वो बोली- मैं देख चुकी हूँ आपा आपकी चुदायी! मेरी सलवार तभी गीली हुई थी.
मैंने कहा- हां मुझे पता है तू छुप कर सारा तमाशा देख रही थी. मैंने देखा था. ऐ तुझे आ जाना चाहिये था न! चलो कोई बात नहीं, अब तो तू खुल ही गयी है. मैं भाई से कह दूंगी वो तुझे मज़ा देगा
तब अफ़रोज़ ने कहा- आपा बहुत दर्द होता है क्या चुदवाने में?
मैंने कहा- नहीं, पहले तो थोड़ा सा होगा बाद में सब ठीक हो जायेगा.
“पर आपा, भाई का हथियार भी तो बहुत मोटा ताज़ा है!”
तब मैंने कहा- देख अफ़रोज़, अगर हमारे साथ रहना है तो सब बात खुल कर करनी होंगी. बता उसको क्या कहते हैं?
तब वो शरमाते हुए बोली- लौड़ा कहते हैं आपा.
मैंने कहा- ये हुई न बात! चल अब जल्दी से कपड़े पहन लेती हूँ, भूख भी बहुत लगी है.
तब अफ़रोज़ ने कहा- किस चीज़ की भूख लगी है आपा?
मैं उसकी शरारत समझ गयी, बोली- ज्यादा शरारत न करो. वरना भाई से कह कर तेरी नन्ही सी बुर की धज्जियां उड़वा दूंगी.
तब वो माफ़ी मांगते हुए बोली- रहम करना मेरी आपा, अपनी बहन की इस नाजुक सी चूत पर!
और फ़टाफ़ट हम लोग कपड़े पहन कर नीचे चले आये.
उसके बाद की कहानी मैं अगली बार बताऊँगी.
ओ के तो फ़्रेंड्स … हर बार की तरह इस बार भी मुझे बताइयेगा की कैसी रही मेरी कहानी! Hindi porn Stories
मैं, मेरी बीवी और मेरा छोटा Sex Stories सा करीम पाँच साल का, हम तीन लोग हमारे घर में, घर कानपुर के तल्सोयी मोहल्ले में और उसी मोहल्ले में मेरी सालीजान निकाह कर आई। अब साली और बीवी दोनों अच्छी तरह कभी उसके घर कभी हमारे घर गपशप करतीं। हाँ, मैं भी कभी कभार बात कर लिया करता!
एक दिन साली ‘फरेज़’ आई, उस समय मैं अकेला घर पर था, बीवी ‘तारेज़’ बच्चे को स्कूल ले गई थी।
फरेज़ ने मुझसे बोला- जीजू, ये चार दिनों के लिए बाहर जा रहें हैं, मैं यहाँ रह सकती हूँ क्या?
मेरे मन में कुछ भी ख़राब नहीं था, मैंने कह दिया- तेरा घर है! बस गैस की टंकी और सब्जी-भाजी का खर्चा तेरे मियाँ से ले लूँगा या वो मुझे एक दिन ‘ग्रीन लेबल’ पिला दे!
तो फरेज़ बोली- वो तो दारू-शारू छूते भी नहीं हैं! मुझसे ही ले लेना आप!
और मुँह बना कर घर के अन्दर आ गई।
मैं फिर अपने काम में लग गया, तारेज़ आई, उसे सब बताया गया।
उसने मुझसे पूछा- क्यों जी! मेरी बहन से तुम दारु पीना चाहते हो या कोई और इरादा है?
मैंने कहा- क्या फ़िज़ूल की बात करती हो? तुझे मालूम है मैं इन बातों से दूर रहता हूँ!
मेरी बीवी यह सोचती थी कि मैं उसके साथ कुछ ज्यादा करता नहीं हूँ तो मैं वो हूँ! पर बात ऐसी है कि मेरी बीवी को मैं कितना भी करूँ, मुझे कोई मजा ही नहीं आता।
दूसरे ही दिन से मेरी परीक्षा चालू हो गई जिसमें मेरा पास होना जरूरी था।
मैं सब समझ गया था!
हुआ यूँ ..
तारेज़ रोज़ की तरह हमारे छत वाले बिना कुण्डी के बाथरूम में नहा रही थी, तभी फरेज़ मेरे पास बोली- जीजू, मेरे लिए शम्पू लेकर आओ, मुझे नहाना है।
मैंने कहा- तू कहाँ नहाएगी? अभी तेरी जीजी तो नहा ले!
उसने कहा- मैं आपके बाथरूम में नहा लूंगी!
मैंने कहा- उसमें तो दरवाजा नहीं है! सिर्फ परदे से काम चलाना पड़ेगा!
उसने कहा- आप तो बस शैम्पू ले आओ!
मेरा क्या! मैं शैम्पू लेने नीचे दुकान पर गया, शैम्पू ख़रीदा और लौट कर देखा कि मेरी साली फरेज़ तो पर्दा लगाकर नहाने लगी थी। अंदर बल्ब जलने के कारण उसका छरहरा बदन साफ दिख रहा था। उसने सब कुछ उतार दिया था।
मेरी इच्छा हुई कि अंदर चला जाऊँ क्योंकि पिछले तीन महीनों से कुछ भी नहीं किया था। पर मैं सिर्फ देखता रहा।
थोड़ी देर में मैंने कहा- फरेज़, मैं शैम्पू ले आया हूँ! तुम्हें चाहिए क्या?
फरेज़ बोली- जीजू, अंदर फेंक दो!
मैंने अंदर फेंका पर बाथरूम की रेक पर जा गिरा।
फरेज़ बोली- जीजू अब क्या करूँ? वो तो ऊपर चला गया है! एक काम करो आप उसे उतार दो!
मैं इसी बात का इंतज़ार तो कर रहा था, मैं अंदर गया और बिना कुछ देखे मैंने शैम्पू उतार दिया और जब मैं शैम्पू उसके हाथ में रख रहा था तो उसने सिर्फ एक तौलिया लपेटा था ऊपर से नीचे तक!
मैंने कहा- तू तो बहुत सुंदर दिखती है अंदर से! तेरे मियाँ को तो बहुत मजा आता होगा!
उसने शरमा कर कहा- कहाँ! उनके पास मुझे देखने का समय नहीं है!
मैंने कहा- तो मेरे पास समय है ना! मैं पूरा देख सकता हूँ!
फ़रेज़ शरमा गई और मुझे बाहर धक्का दे दिया। मेरा सामान बहुत दिनों बाद एकदम कड़क हो गया था, अब मेरे पास मुठ मारने के अलावा कोई हल नहीं था।
रात को तारेज़, फरेज़ एक ही बिस्तर में सोई और मैं और बच्चा एक बिस्तर में!
मुझे नींद नहीं आ रही थी, मेरी बीवी बहुत गहरी नींद सोती है, उसके सोते समय मैंने उसे कई बार चोदा है, उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता था। मैंने सोच लिया कि फरेज़ को चोदूँगा।
मैंने धीरे से तारेज़ को उठाने की कोशिश की, मैंने कहा- करीम बार बार उठ रहा है! तू उसके पास सो जा!
तारेज़ नींद में उठ कर करीम के पास आकर सो गई और खुर्राटे मारने लगी। एक नशे की दवा मैंने एक कपड़े में मसल के फरेज़ को सुंघा दी और मैं बेफिक्र हो गया। मैंने फरेज़ को बाँहों में भरा और हाथों से उठा कर छत पर ले गया। वहाँ उसके पूरे कपड़े उतार कर देखा!
दूध तो माशा! अपने मुँह से इतने पिए कि दोनों दूध लाल हो गये, कमर चूसी, इतनी चूसी कि दांत के निशान बन गए और अपने साढ़े सात इन्च के लण्ड को उसकी गुलाबी चूत में डाल दिया।
तब फरेज़ ने थोड़ी उम-अहा की। पर उसे कहाँ पता चलने वाला था! आधे घंटे तक चोदने के बाद मैंने उसे जैसे के तैसे कपड़े पहना कर जहाँ के तहाँ सुला दिया और मैं अपनी संतुष्टि की नींद छत पर लेता रहा।
सुबह मैंने देखा कि फरेज़ जब उठी तो उसका रवैया बदला नहीं पर मेरी तरफ देखकर हंसी।
मैंने उससे पूछा- कैसी तबीयत है? कैसा लग रहा है?
उसने कहा- जीजू मेरी तबियत को क्या हुआ! और हाँ जीजू! ये परसों आ जायेंगे!
कह कर चली गई।
मैंने बिल्कुल पिछली रात की तरह तीनों रात किया।
चौथे दिन तारेज़ ने सुबह मुझसे बोला- साहब, करीम तो रोज़ अच्छा सोता है, तुम मुझे उठाते हो! मैं समझती नहीं हूँ क्या?
कल रात मैंने सब देख लिया- तुम फरेज़ को नशा देकर चोदते हो! अरे मुझसे बोल देते! मैं बिना नशे के चुदवा देती! कोई बात नहीं! फ़रेज़ को भी पता है!
कह कर फरेज़ के मियाँ के आ जाने पर वो अपने घर चली गई और तारेज़ उस दिन से रोज और फ़रेज़ भी कभी-कभी मुझसे चुदवाने लगी। Sex Stories
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.