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Massage Girl in Pithoragarh: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Pithoragarh who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Pithoragarh that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Pithoragarh massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Pithoragarh who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Pithoragarh massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Pithoragarh massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Pithoragarh who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Pithoragarh employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Pithoragarh helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Pithoragarh

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Pithoragarh at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Porn Stories

मैं आमिर Hindi Porn Stories अलाहाबाद से हूँ, उम्र चौबीस साल है, मेरा लंड सात इन्च लम्बा है तीन इन्च मोटा है।

यह जो कहानी लिखने जा रहा हूँ वो कल की ही बात है। मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती है उसकी कहानी है। मुझे यह आंटी बहुत अच्छी लगती थी। क्या माल था। उसकी फ़ीगर 38-30-38 है। बड़े-2 चूतड़ और इतनी सेक्सी गाँड थी कि मेरा लंड उसको देख कर तन जाता था। गाँड का पूछो मत, मोटी मोटी गाँड ! जब जब वो चलती थी तो गाँड हिलती रहती। जब जब मैंने आंटी की गाँड देखा करता था मेरा लंड जोश में आ जता। आंटी बहुत ही सेक्सी थी। बेचारी आंटी अंकल के काम की वजह से एंजोय भी नहीं करती थी। उसके पति आर्मी ओफ़िसर थे, अक्सर बाहर ही रहते थे।

एक दिन मैं उनके घर गया, सोनिया आंटी अकेली थी। मैंने आंटी से पूछा कि सब लोग कहाँ है?

आंटी ने जवाब दिया कि अंकल का तो तुमको पता ही है और सभी बच्चे मामा के घर गये हैं। आज रात को नहीं आयेंगे।

फिर मैंने आंटी को कहा- ओके आंटी, मैं चलता हूँ।

आंटी ने मुझे रोक लिया और कहा- अभी रुक जाओ, मुझे नहाना है, तब तक तुम मेरे घर का ख्याल रखना। मैं अभी नहा कर आती हूँ।

आंटी नाइटी में थी, पिंक नाइटी में उनके वक्ष बड़े सेक्सी लग रहे थे, बोली- तू मेरा पीसी भी ठीक करके जाना ! खराब है !

मुझे नहीं पता था कि आंटी भी पीसी चलाना जानती हैं। मैं रुक गया आंटी नहाने चली गई।

मैं इनके बेडरूम में आंटी का इन्तज़ार कर रहा था कि अचानक मेरी नज़र बेड पर पड़ी, बेड पर तौलिया, पैंटी और ब्रा पड़ा था। ब्रा और पैंटी बहुत बड़ी थी। तकरीबन 15 मिनट बाद आंटी ने आवाज़ दी और कहा- तौलिया दे दो मुझे।

मैंने आंटी को तौलिया दिया फिर आंटी ने कहा- प्लीज़ मेरी पैंटी और ब्रा भी दे दो।

मैंने आंटी को पैंटी और ब्रा भी दे दी। अब आंटी नहा कर निकली। आंटी ने सफ़ेद रंग का सूट पहना हुआ था। आंटी की काली ब्रा नज़र आ रही थी।

अब मैंने आंटी को कहा- आंटी अब मैं चलता हूँ।

आंटी ने कहा- तुम्हें कुछ काम से जाना है क्या?

मैंने जवाब दिया- नहीं !

फिर आंटी ने मुझे कहा- रुक जाओ ! मैं अकेली बोर हो जाऊंगी। कुछ बातें वगैरह करते हैं।

मैं बैठ गया और आंटी अपनी लाइफ़ के बारे में बता रही थी। अब आंटी कुछ खुल कर बातें करने लगी। मेरे से पूछने लगी- तुम्हारी गर्लफ़्रेंड्स हैं या नहीं, कभी सेक्स किया है या नहीं।

मैं ऐसी बात सुन कर हैरान हो गया।

अब मैं भी खुल गया था। मैंने आंटी से पूछा- आंटी, आप को सेक्स पसंद है?

आंटी ने जवाब दिया- सेक्स हर किसी को पसंद होता है पागल।

क्या तुम्हें पसंद नहीं है आंटी ने कहा?

मैंने जवाब दिया- कभी किया ही नहीं है।

आंटी ने कहा- झूठ मत बोलो, मुझे मालूम है, तुम बहुत बुरे हो ! तुमने अपनी काम वाली को चोदा है और नेहा को भी, मुझे सब पता है और तुमने उन पर कहानी भी लिखी, मैंने भी तुम्हारी कहानी कल रात को पढ़ी थी और मेरी चूत गीली हो गई थी, जी करता था कि तुमको रात को ही अपने घर बुलाकर अपनी प्यास बुझा लूँ, लेकिन बच्चे घर पर थे। झूठ बोलता है, तूने अपना मोबाइल नम्बर भी दे रखा है, लेकिन मैंने सोचा जब घर आओगे तब ही बात करूंगी तुमसे। तेरी माँ को बोलना पड़ेगा कि तेरा विवाह कर दे।

मैं अचानक डर गया।

आंटी ने कहा- डरो मत, मैं कुछ नहीं कहूँगी ! मैंने तो तुमको नंगा भी देखा है।

मैंने आंटी से पूछा- कब देखा आप ने मुझे नंगा?

आंटी ने जवाब दिया- जब तुम मेरे घर के बाथरूम में पेशाब कर रहे थे। मैंने कुछ नहीं कहा। मेरी भी चूत प्यासी है क्या अपनी आंटी की प्यास नहीं बुझाओगे? कहानी में तो लिख रखा है गुलाम हाज़िर है, अब चुप क्यों बैठे हो? बोलो, अब तुम्हारा लंड प्यास बुझायेगा मेरी चूत की प्यास को?

मैं सोनिया आंटी की बातों से मन ही मन खुश हो रहा था, सोचा नहीं था कभी कि आंटी खुद तैयार हो जायेगी। मैं उनसे डरता भी था क्योंकि वो बहुत गुस्सेवाली है।

आंटी ने अब अपना हाथ मेरे लंड पर रखा तो मुझे तब बहुत अच्छा लगा। मेरी आंटी बहुत प्यासी थी वो बिल्कुल गोरी थी। उनकी उमर 38 की थी लेकिन अभी भी बिल्कुल जवान लगती थी। ज़िंदगी में आज पहली बार 38 साल की औरत के साथ सेक्स करने जा रहा था।

अब आंटी ने मुझसे कहा- अपनी पैंट उतारो ! मैं भी देखूँ तुम्हारा प्यारा सा लंड।

मैंने अपनी पैंट उतार दी। मैंने उस दन अंडरवियर नहीं पहना हुआ था। मैं अब नीचे से नंगा था।

आंटी मेरे पास आई और मेरी शर्ट भी उतार दी और मुझे पूरा नंगा कर दिया। आंटी को मेरा लंड बहुत अच्छा लगा। आंटी ने मेरा हाथ अपने वक्ष पर रखा और कहा दबाते रहो प्लीज़।

मैंने खूब दबाये आंटी के स्तन। आंटी को मज़ा आ रहा था। फिर आंटी ने अपनी कमीज़ उतारी फिर सलवार उतारी। फिर मेरे लंड को चूसने लगी। फिर मैं आंटी की ब्रा खोलने की कोशिश कर रहा था तो आंटी मुस्करा कर बोली- बेटा, मैं खोल देती हूँ।

फिर आंटी ने ब्रा खोल दी और पैंटी भी उतार दी। अब आंटी का गोरा गोरा जिस्म मेरे सामने पूरा नंगा था।

आंटी ने अपने बड़े बड़े स्तन मेरे लंड पर रख दिये और अपने वक्ष से मुझे चुदाई का मज़ा दे रही थी। कुछ देर बाद मैं आंटी की चूत को चाटने लगा। आंटी की सेक्सी सेक्सी आवाज़ें निकल रही थी आआआआह्हहह्हह्ह ऊऊऊह्ह्हह बेटा आआआह्हह्हह्हह्हह ज़ोर से बेटा आआआह्हह्हह्हह्ह तेरी आंटी प्यासी है मेरी प्यास बुझा दे बेटा। आआआअह्हह्हह्ह।

आंटी ने कहा- अब अपना लंड मेरी चूत में डालो ! प्यासी है मेरी चूत, प्यास बुझाओ जल्दी।

मैंने आंटी की दोनों टांगों को अपने हाथों से अपने कंधों पर रखा और चूत पर लंड रखा। आंटी की चूत टाइट हो रही थी। मैंने हल्का सा धक्का दिया तो आंटी की चीख निकल गई और आंटी ने कहा- आराम से डालो ! क्या जल्दी है तुमको?

मैंने कहा- आंटी, अब आराम से डालूँगा।

फिर मैंने हल्के हल्के झटके लगाने शुरु कर दिये। मेरे धक्कों से आंटी को मज़ा आ रहा था। आंटी की आवाज़ें निकल रही थी- ऊओह्हह्ह्ह ऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ हाआआ। और डालो और डाल आज मेरी चूत को मज़ा दे दो प्लीज़। तेज़ करो।

मैंने तेज़ कर दिया।

आंटी ने मुझे बेड पे मुझे सीधा लिटा दिया और मेरे लंड के ऊपर अपनी चूत रख दी और ज़ोर-2 से हिलने लगी और चिल्लाने लगी- आह्हह्हह्हह्हह बेटा बेटा आआआआह्हह्हह्हह्हह्ह मज़ा आ गया तुम्हारा लंड अब मेरी प्यास बुझा देगा !

और ज़ोर-2 से ऊपर नीचे होने लगी, ऐसे में मेरे लंड को भी दर्द हो रहा था। आंटी और मैं दोनों पागल हो गये और मैंने आंटी को उठा लिया और नीचे लिटा कर उनकी टांगें खोल दी और फिर से चुदाई शुरु कर दी, आंटी झड़ने वाली थी। हमको 15-20 मिनट हो गये थे और मेरा भी पानी निकलने वाला था।

आंटी ने कहा- अंदर नहीं निकालना।

मैंने कहा- ठीक है आंटी।

अब मैंने अपना लंड निकाल लिया और आंटी के स्तनों पर पानी निकाल दिया। फिर आंटी ने मेरा लंड चूसा और पानी पी गई। 15 मिनट तक हम नंगे ही बेड पर लेटे रहे।

फिर मैंने आंटी से कहा- आंटी। मुझे आप की गाँड मारनी है।

आंटी ने जवाब दिया- आज से सब कुछ तुम्हारा है बेटा ! यह गाँड भी तुम्हारी है ! जब बोलोगे, दे दूंगी।

मैंने कहा- अभी मिल सकती है?

आंटी ने कहा- अभी क्यों नहीं।

आंटी ने फिर मेरे लंड को चूसना शुरु किया, 5 मिनट के बाद मैं आंटी की मोटी मोटी गाँड पर अपनी ज़बान फेरने लगा।

आंटी ने कहा- यह क्या कर रहे हो? आज तक किसी ने मेरी गाँड पर ज़बान नहीं फेरी !

मैंने जवाब दिया- आंटी एक ब्लू मूवी में मैंने देखा था।

आंटी ने कहा- तुमको तो बहुत कुछ पता है सेक्स के बारे में। अब आंटी कुतिया स्टाइल में थी और मेरा लंड बेचैन था मोटी गोरी गोरी मोटी मोटी गाँड में जाने के लिये।

आंटी ने कहा- आराम आराम से डालना ! यह चूत नहीं है गाँड है। बहुत दर्द होता है।

मैंने कहा- आंटी, आप फ़िक्र नहीं करें, मैं आराम से करूंगा।

मैंने अब आंटी की गाँड में हल्का सा झटका दिया, आंटी को दर्द हुआ, चीख निकल गई- आआआह्हह्ह हरामी बाहर निकाल ! फट जायेगी ! रहम कर आआआह्हह नो बेटा प्लीज़्ज़ अह्हह्ह ऊऊऊईईए माआ मम्मी आअह्हह्ह बाहर निकाल।

फिर मैंने अपनी स्पीड हल्की कर दी। अब हल्के हल्के मेरा पूरा लंड आंटी की गाँड में जा चुका था और आंटी को भी मज़ा आ रहा था। आंटी को भी बहुत मज़ा आया गाँड में लंड ले कर। मैंने आंटी को कहा- आंटी, पानी निकलने वाला है !

आंटी ने कहा- निकाल लो।

फिर आंटी ने सारा पानी फिर से पिया और लंड को चूसने लगी।

अब जब भी मौका मिलता है मैं आंटी की प्यास बुझाता हूँ।

इसे कहानी मत समझना ! यह हकीकत है ! Hindi Porn Stories

प्रेषक : रमेश Sex Stories

मैं रमेश हरियाणा फ़िर Sex Stories से हाज़िर हूँ आपके लिए एक रोमांच और सेक्स से भरपूर कहानी ले कर !

सभी मर्द अपने लंड को हाथ में दबा के और लड़कियाँ और औरतें अपने स्तनों को दबा के और अपनी चूत में ऊँगली दे कर बैठें …………

आज अपनी कहानी शुरू करने से पहले मैं पाठकों को बता दूँ कि मेरी कहानी कोई झूठी या मन से बनाई हुई नहीं है, यह उतनी ही सच्ची है जितनी कि सेक्स की जरुरत……

और एक बात ! प्लीज़, कोई भी पाठक ग़लत नाम से मुझे मेल ना भेजे !

मेरी पिछली कहानी को पढ़ के कुछ लड़कों ने लड़कियों के नाम से मुझे मेल भी भेजी, सिर्फ़ यही जानने के लिए कि मैं सच बोल रहा हूँ या झूठ?

तो दोस्तो, मैं आपको अपनी कहानी बता रहा हूँ तो इसका ग़लत मतलब नहीं निकालें …………

और सभी पाठकों को धन्यवाद !

तो कहानी ऐसे है :

अभी कुछ दिन पहले जब मेरी कहानी ‘पड़ोस की कुवांरी छोकरी’ अन्तर्वासना पर आई तो कुछ दिन बाद मुझे एक मेल आई……… मेल एक लड़की ने भेजी थी, लड़की का नाम था जसमीत कौर जो कि एक पंजाबी परिवार से थी। उसने अपनी मेल में कहा कि वो एक घरेलू लड़की है और कॉलेज में पढ़ती है। उसने मेरी कहानी पढ़ी और उसे सेक्स करने की इच्छा हुई !

यह उसका पहली बार था…..वो अपने घर वालों से भी डरती है लेकिन सब कुछ करना भी चाहती है… इस तरह हमने २-३ दिन मेल से ही बात की। उसने मुझसे मेरा सेल नम्बर लिया और फ़िर मुझे एक दिन काल किया.. उसकी आवाज में क्या जादू था दोस्तों…… मैं तो दीवाना हो गया उसकी आवाज का ही…… उसने मुझे अपने बारे में सब कुछ बताया और कहा कि उसके पास कोई जगह नहीं है और वो करना भी चाहती है। लेकिन उसकी एक शर्त थी कि सब कुछ गुप्त और सुरक्षित होना चाहिए।

तो फ़िर क्या था जैसे कि मेरे नियम है हि कि सब कुछ गुप्त और सुरक्षित होगा।

मैंने उसे विश्वास दिलाया और फ़िर उसने मुझे अपने शहर का नाम बताया, वो जालंधर सिटी की रहने वाली थी।

उसने मुझसे अगले ही दिन आने को कहा।

मैं भी उसके कहे अनुसार सुबह ६ बजे ही वहाँ पहुँच गया और पहुँच कर मैंने एक होटल में कमरा बुक किया, उसे फ़ोन से सम्पर्क किया।

उसने मुझे कहा कि वो कॉलेज टाइम में मेरे पास आएगी। उसने मुझे १० बजे का टाइम दिया, मैं फ्रेश हुआ और कुछ देर आराम किया।

उसने मुझे १० बजे कॉल की और एक पार्क में आने को कहा। मैं उसके बताये हुए स्थान पर गया। वो एक पार्क में एक बेंच पर अकेली बैठी थी, उसने जींस और टॉप पहना हुआ था, उसका कद ५’४” होगा और उसके बाल बहुत लंबे और काले नागिन की तरह, आँखे काली काली और बड़ी बड़ी, गाल कश्मीर के सेब की तरह लाल लाल, लिप्स गुलाब की पंखुडियों की तरह पिंक पिंक और उसके बूब्स पुरे भरे हुए टॉप फाड़ कर बहार आने को थे……..अगर ठीक से कहू तो उसका फिगर कुछ ३६-३०-३६ रहा होगा…..

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मैं तो देखते ही उसे फ्लैट हो गया और काफी देर तक उसे देखता ही रहा……. फ़िर मैं उसके पास गया, बैठ कर हमने कुछ देर बात की और उसके बाद हम दोनों होटल की तरफ़ चल दिए। होटल पहुँच कर हम दोनों कमरे में गए। वहाँ हमने कुछ देर बात की और धीरे धीरे मैं उसकी आँखों में मदहोश हो गया। फ़िर मैंने उसके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए और काफी देर तक उसे समूच किया।

इसी दौरान मेरे हाथ उसके बड़े बड़े और नर्म नर्म स्तनों पर चले गए। मैं उसके वक्ष बड़ी ही आराम से दबा रहा था और उसकी आँखों में मदहोशी साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी। मैंने उसके टॉप के अन्दर हाथ डाला और उसके कबूतरों को ब्रा की कैद से आजाद कर दिया। अब मेरे हाथ उसके आजाद कबूतरों को बड़ी ही जोरों से दबा रहे थे। फ़िर मैंने देर ना करते हुए उसके टॉप को उतार दिया……व्वाऊऊ ऽऽ ऊऊऊ उसके स्तन जितने कोमल थे उतने ही तने हुए भी थे और उसके चुचूक भी कड़े और हल्के गुलाबी थे।

फ़िर मैंने उसके एक वक्ष को मुँह में लिया और छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा और दूसरे को हाथ से दबाने लगा। वो बहुत ही मदहोश हो चुकी थी और सेक्सी सेक्सी आवाजें निकाल रही थी …….ऊऊऊऊऊह्ह्ह्ह्ह आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह् म्म्म्म्म्म्म्म्म्मूऊऊउस्स्स्स् !

इतने में मुझे अपने लंड पर कुछ महसूस हुआ, उसका हाथ मेरे लंड को टटोल रहा था। मैंने अपनी जींस उतार दी और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया। फ़िर उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और नीचे झुक कर मेरे लंड को चूम लिया और उसे मुँह में ले लिया। वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई छोटा बच्चा लॉलीपॉप को चूसता है।

मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।

काफी देर तक उसने मेरा लंड चूसा, जब तक मेरा वीर्य नहीं निकल गया।

उसके बाद मेरी बारी आई, मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी जींस को उतारा। उसने अपने पूरे बदन की वैक्सिंग की हुई थी, शायद आज के दिन के लिए खासतौर से !

उसने अन्दर एक काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी, मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया। वाह क्या सेक्सी और मधुर चूत थी ! उसकी चूत को देखते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और उसके चूत के लब भी गुलाबी थे। मैंने जैसे ही उसकी चूत को छुआ, वो एक दम से सिसक उठी। मैंने धीरे से उसकी चूत में ऊँगली डाली और उसके लबों को रगड़ा, उसकी चूत तो बहुत टाइट थी, वो सही थी कि वो अभी तक कुंवारी है।

फ़िर मैंने उसकी चूत को चूम लिया, मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसकी चूत को चूसने लगा।

वो पागलों की तरह आवाजें निकालने लगी, पूरा कमरा सेक्सी आवाजों से गूंज रहा था कुछ इस तरह- ऊऊऊऊऊह्ह्ह्हह्ह आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़ मम्मम्म्म्म्स्स्स्स्स प्ल्ज्ज्ज्ज्जज्ज्ज्ज़ धिरेऽऽए !

फ़िर हम दोनों ६९ की पोसिशन में हो गए और एक दूसरे को चूस रहे थे। वो २ बार झड़ चुकी थी…..फ़िर उसने मुझसे कहा- रमेश प्लीज़, अब बर्दाश्त नहीं होता ! मुझे चोद दो जोर से ……… अपना लंड मेरी प्यासी चूत में घुसा दो …….. !

अब मेरा लंड उसकी चूत में घुसने के लिए तैयार था। मैंने एक तकिया उठा कर उसकी गांड के नीचे रखा और अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर लगा कर जोर से धक्का दिया। मेरा लंड अभी थोड़ा सी ही अन्दर गया था कि वो चिल्लाने लगी।

मैंने उसके अधरों को अपने लबों में दबा लिया और फ़िर से एक धक्का दिया। मेरा आधा लंड उसकी चूत में जा चुका था। उसकी चूत में से शायद खून निकल रहा था, वो चिल्ला नहीं पा रही थी। थोड़ी देर तक मैं उसके बूब्स के साथ खेलता रहा, कुछ देर में वो शांत हुई तो मैं फ़िर एक जोर से धक्का दिया और पूरा लंड उसकी चूत में। था इस बार वो थोड़ा सा तड़पी लेकिन सब कुछ ठीक ही था। फ़िर मैंने अपना खेल शुरू किया …… मेरे लंड के धक्को से पूरे कमरे में फ़्फ़्फ़्फ़्कक्क्क्क्कह्ह फ़्फ़्फ़्फ़्क्क्क्क्क्कक्क्ह्ह्ह्ह् की आवाजें आ रहे थी और वो अपनी गांड उठा उठा के मेरा साथ दे रही थी, साथ में कह रही थी- रमेश डार्लिंग ! चोदो ! मेरी चूत की प्यास बुझा दो …….. जोर लगा कर चोदो मुझे !

कुछ देर तक चोदने क बाद वो एक झटके क साथ मेरे से चिपक गई, शायद वो झड़ चुकी थी और ४-५ झटकों के बाद मैं भी झड़ गया। फ़िर हम कुछ देर तक बेड पर एक दूसरे के साथ चिपक कर लेटे रहे। उसके बाद उसने मुझे एक जोर से किस किया और कहा- आज मैं बहुत खुश हूँ …. लेकिन अभी कुछ और करो…..!

फ़िर मैं उसे अपने गोद में उठा के बाथरूम में ले गया और वहाँ शॉवर के नीचे हमने एक बार और यौनानन्द लिया।

उस दिन हमने ३ बार चुदाई की। शाम को जब वो जाने लगी तो मेरे को कस के लिपट कर के बोली- रमेश डार्लिंग ! यू आर सो स्वीट… ! टुडे आई ऍम वैरी हैप्पी…. ! मैं तो वैसे ही डरती थी………इसमें तो बहुत मजा आया….. !

उसने मेरी फीस मुझे दी और अपने घर चली गई। मैं भी कुछ देर आराम कर के अपने घर के लिए निकल लिया।

तो दोस्तों यह थी मेरी जालंधर सिटी की दास्ताँ.. ! अब आप इसे सच समझे या झूठ ! यह तो आप पर है …… लेकिन मेरे एक एक लफ्ज में सच्चाई है …….. Sex Stories

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सबसे पहले तो मैं Sex Stories अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज साईट को धन्यवाद कहना चाहूँगा कि उन्होंने हमें अपने उदास और वीरान जीवन में अन्तर्वासना की रंगीनियाँ भरने का मौका दिया. मैं पिछले दो सालों से अन्तर्वासना को रोज़ ही देखता हूँ. कुछ कहानियाँ तो अच्छी होती हैं पर कुछ तो बिल्कुल ही बकवास होती हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ समय की बर्बादी ही कहा जा सकता है. खैर जो भी हो, सब चलता है…

मैं अपना परिचय करवा दूँ! मेरा नाम कुमार है, उम्र अभी 26 साल है. वैसे तो मैं कोलकाता का रहने वाला हूँ पर जॉब की वजह से अभी दिल्ली में हूँ. मैं साधारण कद काठी का हूँ पर बचपन से ही जिम जाता हूं इसलिए अभी भी मेरी बॉडी अच्छे आकार में है . बाकी बॉडी के बारे में धीरे धीरे पता चल जायेगा.

मैं जो कहानी आपसे बाँटने जा रहा हूँ वो सच्ची है या झूठी, यह आप ही तय करना.

बात उन दिनों की है जब मैंने अपनी स्नातिकी पूरी की थी. उस वक़्त मेरी उम्र 21 थी. मैं अपने मम्मी-पापा और अपनी बड़ी बहन के साथ कोलकाता में एक किराये के मकान में रहता था. मेरे पापा उस वक़्त सरकारी जॉब में थे. माँ घर पर ही रहती थीं और हम भाई-बहन अपनी अपनी पढ़ाई में लगे हुए थे. मेरी और मेरी बहन की उम्र में बस एक साल का फर्क है. इसलिए हम दोस्त की तरह रहते थे. हम दोनों अपनी सारी बातें एक दूसरे से कर लेते थे, चाहे वो किसी भी विषय में हो.

मैं बचपन से ही थोड़ा ज्यादा सेक्सी था और सेक्स की किताबों में मेरा मन कुछ ज्यादा लगता था. पर मैं अपनी पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता था इसलिए मुझसे सारे लोग काफी खुश रहते थे.

हम जिस किराये के मकान में रहते थे उसमें दो हिस्से थे, एक में हम और दूसरे में एक अन्य परिवार रहता था, जिसमें एक पति-पत्नी और उनके दो बच्चे रहते थे. दोनों काफी अच्छे स्वभाव के थे और हमारे घर-परिवार में मिलजुल कर रहते थे. मेरी माँ उन्हें बहुत प्यार करती थीं. मैं भी उन्हें अपनी बड़ी बहन की तरह ही मानता था और उनके पति को जीजा कहता था. उनके बच्चे मुझे मामा मामा कहते थे.

सब कुछ ठीक ठाक ही चल रहा था. अचानक मेरे पापा की तबीयत कुछ ज्यादा ही ख़राब हो गई और उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा. हम लोग तो काफी घबरा गए थे पर हमारे पड़ोसी यानि कि मेरे मुँहबोले जीजाजी ने सब कुछ सम्हाल लिया. हम सब लोग अस्पताल में थे और डॉक्टर से मिलने के लिए बेताब थे. डॉक्टर ने पापा को चेक किया और कहा की उनके रीढ़ की हड्डी में कुछ परेशानी है और उन्हें ऑपरेशन की जरूरत है. हम लोग फ़िर से घबरा गए और रोने लगे. जीजाजी ने हम लोगों को सम्हाला और कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है सब ठीक हो जायेगा. उन्होंने डॉक्टर से सारी बात कर ली और हम सब को घर जाने के लिए कहा. पहले तो हम कोई भी घर जाने को तैयार नहीं थे पर बहुत कहने पर मैं, मेरी बहन और अनीता दीदी मान गए, अनीता मेरी मुँहबोली बहन का नाम था.

हम तीनों लोग घर वापस आ गए. रात जैसे तैसे बीत गई और सुबह मैं अस्पताल पहुँच गया. वहाँ सब कुछ ठीक था. मैंने डॉक्टर से बात की और जीजा जी से भी मिला. उन लोगों ने बताया कि पापा की शूगर थोड़ी बढ़ी हुई है इसलिए हमें थोड़े दिन रुकना पड़ेगा, उसके बाद ही उनकी सर्जरी की जायेगी. बाकी कोई घबराने वाली बात नहीं थी. मैंने माँ को घर भेज दिया और उनसे कहा कि अस्पताल में रुकने के लिए जरूरी चीजें शाम को लेते आयें. माँ घर चली गईं और मैं अस्पताल में ही रुक गया. जीजा जी भी अपने ऑफिस चले गए.

जैसे-तैसे शाम हुई और माँ सारी चीजें लेकर वापस अस्पताल आ गईं. हमने पापा को एक निजी कमरे में रखा था जहाँ एक और बिस्तर था परिचारक के लिए. माँ ने मुझसे घर जाने को कहा. मैं अस्पताल से निकला और टैक्सी स्टैंड पहुँच गया. मैंने वहाँ एक सिगरेट ली और पीने लग. तभी मेरी नज़र वहीं पास में एक बुक-स्टाल पर चली गई. मैंने पहले ही बताया था कि मुझे सेक्सी किताबें, खासकर मस्त राम की किताबों का बहुत शौक है. मैं उस बुक-स्टाल पर चला गया और कुछ किताबें खरीदी और अपने घर के लिए टैक्सी लेकर निकल पड़ा.

घर पहुंचा तो मेरी बहन ने जल्दी से आकर मुझसे पापा के बारे में पूछा और तभी अनीता दीदी भी अपने घर से बाहर आ गईं और पापा की खबर पूछी. मैंने सब बताया और बाथरूम में चला गया. सारा दिन अस्पताल में रहने के बाद मुझे फ्रेश होने की बहुत जल्दी पड़ी थी. मैं सीधा बाथरूम में जाकर नहाने लगा. बाथरूम में जाने से पहले मैंने मस्तराम की किताबों को फ़्रिज पर यूँ ही रख दिया. हम दोनों भाई बहन ही तो थे केवल इस वक़्त घर पर, और उसे पता था मेरी इस आदत के बारे में. इसलिए मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

जब मैं नहा कर बाहर आया तो मेरी बहन को देखा कि वो किताबें देख रही है. उसने मुझे देखा और थोड़ा सा मुस्कुराई. मैंने भी हल्की सी मुस्कान दी और मैं अपने कमरे में चला गया. मैं काफी थक गया था इसलिए बिस्तर पर लेटते ही मेरी आँख लग गई.

रात के करीब 11 बजे मुझे मेरी बहन ने उठाया और कहा- खाना खा लो!

मैं उठा और हाथ मुँह धोकर खाने के लिए मेज़ पर गया, वहाँ अनीता दीदी भी बैठी थी. असल में आज खाना अनीता दीदी ने ही बनाया था. मैंने खाना खाना शुरू किया और साथ ही साथ टीवी चला दिया. हम इधर उधर की बातें करने लगे और खाना खा कर टीवी देखने लगे.

हम तीनों एक ही सोफे पर बैठे थे, मैं बीच में और दोनों लड़कियाँ मेरे आजू-बाजू . काफी देर बात चीत और टीवी देखने के बाद हम लोग सोने की तैयारी करने लगे. मैं उठा और सीधे फ़्रिज की तरफ गया क्यूंकि मुझे अचानक अपने किताबों की याद आई. मुझे वहाँ पर बस एक ही किताब मिली जबकि मैं तीन किताबें लेकर आया था. सामने ही अनीता दीदी बैठी थी इसलिए कुछ पूछ भी नहीं सकता था अपनी बहन से. खैर मैंने सोचा कि जब अनीता दीदी अपने घर में चली जाएँगी तो मैं अपनी बहन से पूछूंगा.

थोड़ी देर तक तो मैं अपने कमरे में ही रहा, फिर उठ कर बाहर हॉल में आया तो देखा मेरी बहन अपने कमरे में सोने जा रही थी, मैंने उसे आवाज़ लगाई- नेहा, मैंने यहाँ तीन किताबें रखी थीं, एक तो मुझे मिल गई लेकिन बाकी दो और कहाँ हैं?”
“मेरे पास हैं, पढ़कर लौटा दूंगी मेरे भैया!” और उसने बड़ी ही सेक्सी सी मुस्कान दी.
मैंने कहा- लेकिन तुम्हें दो दो किताबों की क्या जरूरत है? एक रखो और दूसरी लौटा दो, मुझे पढ़नी है.

उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया और बस कहा कि आज नहीं कल दोनों ले लेना.

मैं अपना मन मारकर अपने कमरे में गया और किताब पढ़ने लगा. पढ़ते-पढ़ते मैंने अपना लण्ड अपनी पैन्ट से बाहर निकला और मुठ मारने लगा. काफी देर तक मुठ मारने के बाद मैं झड़ गया और अपने लण्ड को साफ़ करके सो गया.

रात को अचानक मेरी आँख खुली तो मैं पानी लेने के लिए हॉल में फ़्रिज के पास पहुंचा. जैसे ही मैंने फ़्रिज खोला कि मुझे बगल के कमरे से किसी के हंसने की आवाज़ सुनाई दी. मैंने ध्यान दिया तो पता लगा कि मेरी बहन के कमरे से उसकी और किसी और लड़की की आवाज़ आ रही थी. नेहा का कमरा हॉल के पास ही है. मैं उसके कमरे के पास गया और अपने कान लगा दिए ताकि मैं यह जान सकूँ कि अन्दर कौन है और क्या बातें हो रही हैं.

जैसे ही मैंने अपने कान लगाये मुझे नेहा के साथ वो दूसरी आवाज़ भी सुनाई दी. गौर से सुना तो वो अनीता दीदी थी. वो दोनों कुछ बातें कर रहे थे. मैंने ध्यान से सुनने की कोशिश की, और जो सुना तो मेरे कान ही खड़े हो गए.

अनीता दीदी नेहा से पूछ रही थी- हाय नेहा, ये कहाँ से मिली तुझे? ऐसी किताबें तो तेरे जीजा जी लाते थे पहले, जब हमारी नई-नई शादी हुई थी!
“अच्छा तो आप पहले भी इस तरह की किताबें पढ़ चुकी हैं?”

“हाँ, मुझे तो बहुत मजा आता है. लेकिन अब तेरे जीजू ने लाना बंद कर दिया है. और तुझे तो पता है कि मैं थोड़ी शर्मीली हूँ इसलिए उन्हें फिर से लाने को नहीं कह सकती, और वो हैं कि कुछ समझते ही नहीं.”

“कोई बात नहीं दीदी, जब भी आपको पढ़ने का मन करे तो मुझसे कहना, मैं आपको दे दूंगी.”
“लेकिन तेरे पास ये आई कहाँ से?”
“अब छोड़ो भी न दीदी, तुम बस आम खाओ, पेड़ मत गिनो.”
“पर मुझे बता तो सही!”
“लगता है तुम नहीं मानोगी!”
“मैं कितनी जिद्दी हूँ, तुझे पता है न. चल जल्दी से बता!”

“तुम पहले वादा करो कि तुम किसी को भी नहीं बताओगी!”
“अरे बाबा, मुझ पर भरोसा रखो, मैं किसी को भी नहीं बताऊँगी.”
“ये किताबें सोनू लेकर आता है.”
“हे भगवान्…” अनीता दीदी के मुँह से एक हल्की सी चीख निकल गई- तू सच कह रही है? सोनू लेकर आता है?
नेहा उनकी शकल देख रही थी- तुम इतना चौंक क्यूँ रही हो दीदी?”

अनीता दीदी ने एक लम्बी साँस ली और कहा- यार, मैं तो सोनू को बिल्कुल सीधा-साधा और शरीफ समझती थी. मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा कि वो ऐसी किताबें भी पढ़ता है.”
“इसमें कौन सी बुराइ है दीदी, आखिर वो भी मर्द है, उसका भी मन करता होगा!”
“हाँ यह तो सही बात है!” दीदी ने मुस्कुराते हुए कहा- लेकिन एक बात बता, ये किताब पढ़कर तो सारे बदन में हलचल मच जाती है, फिर तुम लोग क्या करते हो? कहीं तुम दोनों आपस में ही तो…??”

अनीता दीदी की आवाज़ में एक अजीब सा उतावलापन था. उन्हें शायद ऐसा लग रहा था कि हम भाई-बहन आपस में ही चुदाई का खेल न खेलते हों.

इधर उन दोनों की बातें सुनकर मेरी आँखों की नींद ही गायब हो गई. मैंने अब हौले से अन्दर झांका और उन्हें देखने लगा. वो दोनों बिस्तर पर एक दूसरे के साथ लेटी हुई थी और दोनों पेट के बल लेट कर एक साथ किताब को देख रही थीं.

तभी दीदी ने फिर पूछा- बोल न नेहा, क्या करते हो तुम दोनों?” अनीता दीदी ने नेहा की बड़ी बड़ी चूचियों को अपने हाथो से मसल डाला.

“ऊँह, दीदी…क्या कर रही हो? दर्द होता है..” नेहा ने अपने उरोजों को अपने हाथों से सहलाया और अनीता दीदी की तरफ देख कर मुस्कारने लगी.

अनीता दीदी की आँखों में एक शरारत भरी चमक थी और एक सवाल था… नेहा ने उनकी तरफ देखा और कहा- आप जैसा सोच रही हैं वैसा नहीं है दीदी. हम भाई-बहन चाहे जितने भी खुले विचार के हों, पर हमने आज तक अपनी मर्यादा को नहीं लांघा है. हमारा रिश्ता आज भी वैसे ही पवित्र है जैसे एक भा बहन का होता है.”

यह सच भी है, हम भाई-बहन ने कभी भी अपनी सीमा को लांघने की कोशिश नहीं की थी. खैर, अनीता दीदी ने नेहा के गलों पर एक चुम्बन लिया और कहा- मैं जानती हूँ नेहा, तुम दोनों कभी भी ऐसी हरकत नहीं करोगे.”

“अच्छा नेहा एक बात बता, जब तू यह किताब पढ़ती है तो तुझे मन नहीं करता कि कोई तेरे साथ कुछ करे और तेरी चूत को चोद-चोद कर शांत करे, उसकी गर्मी निकाले?” अनीता दीदी के चेहरे पर अजीब से भाव आ रहे थे जो मैंने कभी भी नहीं देखा था. उनकी आँखे लाल हो गई थीं.

“हाय दीदी, क्या पूछ लिया तुमने, मैं तो पागल ही हो जाती हूँ. ऐसा लगता है जैसे कहीं से भी कोई लंड मिल जाये और मैं उसे अपनी चूत में डाल कर सारी रात चुदवाती रहूँ!”
“फिर क्या करती हो तुम?”

नेहा ने एक गहरी सांस ली और कहा- बस दीदी, कभी कभी उंगली या मोमबत्ती से काम चला लेती हूँ!”

दीदी ने नेहा को अपने पास खींच लिया और उसके होठों पर एक चुम्मा धर दिया. नेहा को भी अच्छा लगा. दोनों ने एक दूसरे को पकड़ लिया और सहलाना शुरू कर दिया.

यहाँ बाहर मेरी हालत ऐसी हो रही थी जैसे मैं तेज़ धूप में खडा हूँ, मैं पसीने पसीने हो गया था और मेरे लंड की तो बात ही मत करो एक दम खड़ा होकर सलामी दे रहा था. मैंने फिर उनकी बातें सुननी शुरू कर दी.

तभी अचानक मैंने देखा कि अनीता दीदी ने नेहा की टी-शर्ट के अन्दर अपना हाथ डाल दिया और उसकी चूचियों को पकड़ लिया और धीरे धीरे सहलाने लगी. नेहा को बहुत मजा आ रहा था. उसके मुँह से प्यार भरी सिस्कारियाँ निकल रही थी.

“ऊफ दीदी… मुझे कुछ हो रहा है… आपकी उँगलियों में तो जादू है.”
फिर अनीता दीदी ने पूछा- अच्छा नेहा एक बात बता, तूने कभी किसी लण्ड से अपनी चूत की चुदाई करवाई है क्या?”

“नहीं दीदी, आज तक तो मौका नहीं मिला है. आगे भगवान् जाने कौन सा लण्ड लिखा है मेरे चूत की किस्मत में.” नेहा अपनी आँखें बंद करके बाते किये जा रही थी- दीदी, तुमने तो खूब चुदाई करवाई होगी अपनी, बहुत मज़े लिए होंगे जीजाजी के साथ… बताओ न दीदी कैसा मजा आता है जब सचमुच का लण्ड अन्दर जाता है तो…?”

“यह तो तुझे खुद ही महसूस करना पड़ेगा मेरी बन्नो रानी… इस एहसास को शब्दों में बताना बहुत मुश्किल है…”

“हाय दीदी मुझे तो सच में जानना है कि कैसा मजा आता है इस चूत की चुदाई में… तुमने तो बहुत मज़े किये है जीजाजी के साथ, बोलो न कैसे करते हो आप लोग? क्या जीजा जी आपको रोज़ चोदते हैं?”

तभी अनीता दीदी थोड़ा सा उदास हो गई और नेहा की तरफ देख कर कहा- अब तुझे क्या बताऊँ, तेरे जीजा जी तो पहले बहुत रोमांटिक थे . मुझे एक मिनट भी अकेला नहीं छोड़ते थे. जब भी मन किया मुझे जहाँ मर्ज़ी वहा पटक कर मेरी चूत में अपना लंड डाल देते थे और मेरी जमकर धुनाई करते थे.”

“क्या अब नहीं करते?” नेहा ने पूछा.

“अब वो पहले वाली बात नहीं रही, अब तो तेरे जिज्जाजी को टाइम ही नहीं मिलता और मैं भी अपने बच्चों में खोई रहती हूँ. आज कल तेरे जिज्जाजी मुझे बस हफ़्ते एक या दो बार ही चोदते हैं वो भी जल्दी जल्दी से, मेरी नाइटी उठा कर अपना लंड मेरी चूत में डाल कर बस 10 मिनट में ही लंड का माल चूत में झाड़ देते हैं.”

यह बात सुनकर मेरा दिमाग ठनका. मैंने पहले कभी भी अनीता दीदी को सेक्स की नज़रों से नहीं देखा था. अब मेरे दिमाग में कुछ शैतानी घूमने लगी. मैं मन ही मन उनके बारे में सोचने लगा… ऐसा सोचने से ही मेरा लंड अब बिल्कुल स्टील की रॉड की तरह खड़ा हो गया.

अनीता दीदी को उदास देख कर नेहा ने उनके गालों पर एक चुम्मा लिया और कहा- उदास न हो दीदी, अगर मैं कुछ मदद कर सकूँ तो बोलो. मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करुँगी, मेरा वादा है तुमसे.”

दीदी हल्के से मुस्कुराई और कहा- मेरी प्यारी बन्नो, जब जरूरत होगी तो तुझसे ही तो कहूँगी, फिलहाल अगर तू मेरी मदद करना चाहती है तो बोल!”
“हाँ हाँ दीदी, तुम बोलो मैं क्या कर सकती हूँ?”
“चल आज हम एक दूसरे को खुश करते हैं और एक दूसरे का मजा लेते हैं…” नेहा थोड़ा सा मुस्कुराई और अनीता दीदी को चूम लिया.

अनीता दीदी ने नेहा को बिस्तर से उठने के लिए कहा और खुद भी उठ गई. दोनों बिस्तर पर खड़े होकर एक दूसरे के कपड़े उतारने लगी. नेहा की पीठ मेरी तरफ थी और अनीता दीदी का चेहरा मेरी तरफ. नेहा ने अनीता दीदी की नाईटी उतार दी और दीदी ने उसकी टी-शर्ट.

हे भगवान्! मेरे मुँह से तो सिसकारी ही निकल गई, आज से पहले मैंने अनीता दीदी को इतना खूबसूरत नहीं समझा था. वो बिस्तर पर सिर्फ अपनी ब्रा और पेंटी में खड़ी थी. दूधिया बदन , सुराहीदार गर्दन, बड़ी बड़ी आँखें, खुले हुए बाल और गोरे गोरे जिस्म पर काली ब्रा जिसमे उनके 36 साइज़ के दो बड़े बड़े उरोज ऐसे लग रहे थे जैसे किसी ने दो सफेद कबूतरों को जबरदस्त कैद कर दिया हो. उनकी चूचियाँ बाहर निकलने के लिए तड़प रही थीं. चूचियों से नीचे उनका सपाट पेट और उसके थोड़ा सा नीचे गहरी नाभि, ऐसा लग रहा था जैसे कोई गहरा कुँआ हो. उनकी कमर 26 से ज्यादा किसी भी कीमत पर नहीं हो सकती. बिल्कुल ऐसी जैसे दोनों पंजो में समां जाये. कमर के नीचे का भाग देखते ही मेरे तो होंठ और गला सूख गया. उनकी गांड का साइज़ 36-37 के लगभग था. बिल्कुल गोल और इतना ख़ूबसूरत कि उन्हें तुंरत जाकर पकड़ लेने का मन हो रहा था. कुल मिलाकर वो पूरी सेक्स की देवी लग रही थीं…

हे भगवान् मैंने आज से पहले उनके बारे में कभी भी नहीं सोचा था.

इधर नेहा के कपड़े भी उतार चुकी थी और वो भी ब्रा और पेंटी में आ चुकी थी. उसका बदन भी कम सेक्सी नहीं था. 32 / 26/ 34…वो भी ऐसी थी किसी भी मर्द के लंड को खड़े खड़े ही झाड़ दे.

“हाय नेहा, तू तो बड़ी खूबसूरत है रे, आज तक किसी ने भी तुझे चोदा कैसे नहीं. अगर मैं लड़का होती तो तुझे जबरदस्ती पटक कर तुझे चोद देती.”
“ओह दीदी, आप के सामने तो मैं कुछ भी नहीं, पता नहीं जिज्जाजी आपको क्यूँ नहीं चोदते ..”
“उनकी बातें छोडो, वो तो हैं ही बेवकूफ!” अनीता दीदी ने नेहा की ब्रा खोल दी और नेहा ने भी हाथ बढ़ा कर दीदी की ब्रा का हुक खोल दिया.

मेरी तो सांस ही रुक गई, इतने सुन्दर और प्यारे उरोज मैंने आज तक नहीं देखे थे. अनीता दीदी के दो बच्चे थे पर कहीं से भी उन्हें देख कर ऐसा नहीं लगता था कि दो-दो बच्चों ने उनकी चूचियों से दूध पिया होगा…

खैर, अब नेहा की बारी थी तो दीदी ने उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया और साथ ही साथ उसकी पेंटी को भी उसके बदन से नीचे खिसकाने लगी. दीदी का उतावलापन देख कर ऐसा लग रहा था जैसे उन्हें कई जन्मों की प्यास हो.

नेहा ने भी वैसी ही फुर्ती दिखाई और अनीता दीदी के पेंटी को हाथों से निकालने के लिए खींच दिया. संगेमरमर जैसी चिकनी जांघों के बीच में फूले हुए पावरोटी के जैसे बिल्कुल चिकनी और गोरी चूत को देखते ही मेरे लंड ने अपना माल छोड़ दिया.

मेरे होठों से एक सेक्सी सिसकारी निकली आर मैंने दरवाज़े पर ही अपना सारा माल गिरा दिया…मेरे मुँह से निकली सिसकारी थोड़ी तेज़ थी, शायद उन लोगों ने सुन ली थी, मैं जल्दी से आकर अपने कमरे में लेट गया और सोने का नाटक करने लगा. कमरे की लाइट बंद थी और दरवाज़ा थोड़ा सा खुला ही था. बाहर हॉल में हल्की सी लाइट जल रही थी जिसमें मैंने एक साया देखा. मैं पहचान गया. यह नेहा थी जो अपने बदन पर चादर डाल कर मेरे कमरे की तरफ ये देखने आई थी कि मैं क्या कर रहा हूँ और वो सिसकारी किसकी थी.

थोड़ी देर वहीं खड़े रहने के बाद नेहा अपने कमरे में चली गई और उसके कमरे का दरवाजा बंद हो गया, जिसकी आवाज़ मुझे अपने कमरे तक सुनाई दी. शायद जोर से बंद किया गया था. मुझे कुछ अजीब सा लगा, क्यूंकि आमतौर पर ऐसे काम करते वक़्त लोग सारे काम धीरे धीरे और शांति से करते हैं. लेकिन यह ऐसा था जैसे जानबूझ कर दरवाजे को जोर से बंद किया गया था. खैर जो भी हो, उस वक़्त मेरा दिमाग ज्यादा चल नहीं पा रहा था. मेरे दिमाग में तो बस अनीता दीदी की मस्त चिकनी चूत ही घूम रही थी.

थोड़ी देर के बाद मैं धीरे से उठा और वापस उनके दरवाज़े के पास गया, और जैसे ही मैंने अन्दर झाँका…

दोस्तो, अब मैं ये कहानी यहीं रोक रहा हूँ. मुझे पता है आपको बहुत गुस्सा आएगा, कुछ खड़े लण्ड खड़े ही रह जायेंगे और कुछ गीली चूत गीली ही रह जायेगी. पर यकीन मानिये अभी तो इस कहानी की बस शुरुआत हुई है. अगर मुझे आप लोगों ने मेरा उत्साह बढ़ाया तो मैं इस कहानी को आगे भी लिखुंगा और सबके सामने लेकर आऊँगा.
वैसे भी यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर, तो मुझे यह भी देखना है कि मेरी कहानी छपती भी है या नहीं और लोगो को कितनी पसंद आती है. मुझे इन्तज़ार रहेगा आपके जवाब का. अगर आपको लगे कि यह कहानी आगे बढ़े तो मुझे अपने विचार भेजें. Sex Stories

प्रेषक : राहुल सिंह Hindi Sex Stories

मेरा नाम राहुल है, उम्र २१ साल, मैं Hindi Sex Stories पंजाब का रहने वाला हूँ। मैं काफी स्मार्ट और हैण्डसम हूँ, मेरे व्यक्तित्व पर काफी लड़कियां फ़िदा हैं। मैंने काफी लड़कियों के साथ सेक्स किया है पर मैं आपको सोनिया शील नाम की लड़की के बारे में बताता हूँ।

सोनिया एक बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लड़की थी और उसकी फिगर भी मस्त थी। हम एक ही क्लास में पढ़ते थे। जब मैंने स्कूल ज्वाइन किया तभी से मैं उसके हुस्न का दीवाना हो गया। मैंने उस पर काफी लाइन मारी। मैं काफी होशियार भी हूँ इस लिए वो मुझसे गणित के कुछ सवाल पूछ लिया करती थी।

एक दिन मैं लंच-ब्रेक में अकेला बैठा था, वो मेरे पास आई और एक सवाल पूछने लगी।

जब वो जाने लगी तो मैंने हिम्मत करके बोल दिया- आई लव यू !

वो शरमा गई और बोली- मैंने ऐसा कुछ सोचा नहीं है, सोच कर बताउंगी !

मैं बोला- जब तक मर्जी सोच लो ! मैं तुम्हारे जवाब का इंतज़ार करूँगा।

एक दिन मैंने उससे पूछा- क्या सोचा?

तो उसने हाँ कह दी। मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था। हमारी प्रेम कहानी यूँ ही चलती गई। एक दो हफ्ते में ही हम काफ़ी खुल गए थे आपस में ! और मैंने उससे सेक्स के बारे में पूछ लिया तो वो बोली- अभी तक किसी के साथ किया नहीं है।

मैं और खुश हो गया।

फिर एक दिन हम मूवी देखने गए। अँधेरे में मैंने उसके वक्षों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, उसने मेरे हाथ पकड़ कर साइड पे रख दिया। मैंने कुछ नहीं कहा और मूवी देखने लगा। मूवी के बाद हम पार्क में घूमने चले गए और उसने मेरी उस हरकत के बारे में पूछा तो मैंने कहा- हमें भी तो करना चाहिए !

तो उसने कहा- जगह भी तो होनी चाहिए !

तो मैंने कहा- उसका इंतजाम हो जाएगा ।

दो दिन बाद मैंने होटल में कमरा बुक करवाया और उसे बुलाया। वो आ गई पर थोड़ी घबराई हुई थी।

मैंने पूछा- क्या हुआ?

वो बोली- पहली बार है ! कुछ होगा तो नहीं? और अगर किसी को पता चल गया तो?

मैंने कहा- घबरा मत ! कुछ नहीं होगा और किसी को भी पता नहीं चलेगा।

हम बेड पर लेट गए। हम दोनों एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे। हम दोनों इस विषय पर खुल कर बात करने लगे थे, अब उसकी घबराहट दूर हो गई थी। मेरा लंड उसकी टाँगों को छू रहा था। मेरा लंड ९ इंच लम्बा और काफी मोटा है। वह पूरी तरह से अकड़ चुका था। उसे मेरे लंड की गर्मी महसूस हो रही थी। पर उसके मन में घबराहट थी। मैंने उसके हाथ अपने लंड पर रख दिया और थोड़ा सा दबा दिया। उसे भी अच्छा लगा। फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ में मेरी पैन्ट के ऊपर से पकड़ लिया और मसलने लगी। अब मुझे भी मज़ा आने लगा। फिर मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया। वो बहुत गरम हो चुकी थी। मैंने उसकी पैन्ट उतार दी, पैन्टी के अन्दर हाथ डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा। वो बिल्कुल साफ थी।

अब मैंने उसकी पैन्टी भी निकाल दी। अब वो नीचे से नंगी थी। मैंने अपना पाँव उसके ऊपर रख दिया और उसकी टॉप उतारने लगा। उसके बाद मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी। उसने कई बार मेरा हाथ रोका, पर धीरे-धीरे मज़ा उसे भी आने लगा था। फिर बाद में वह साथ देने लगी। मैंने उसके चुचूकों को चूसना शुरु कर दिया। वो मदहोश हो रही थी और मेरे लंड को और मस्त कर रही थी।

धीरे-धीरे उसकी आँखें बन्द होने लगी थी। मैं नीचे उसकी चूत पर उसके दाने को मसल रहा था। वो एक बार झड़ गई। उसका पानी निकल चुका था। उसकी सिसकियाँ निकल रही थी। फिर उसने मेरी पैन्ट और अन्डरवियर उतार दी और कहने लगी- मेरी जान, मुझे कुछ हो रहा है। कुछ करो। मेरी चूत को फाड़ दो। जल्दी से इस मोटे लण्ड को डाल दो। मुझसे रहा नहीं जा रहा।

ऐसे नहीं, अभी तो बहुत कुछ करना है, मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया और उसकी चूत पर अपनी जीभ से फिराई और जीभ से उसकी चूत को चोदना शुरु कर दिया। वह बहुत गरम हो गई। मैं कभी उसे अपनी जीभ से तो कभी उँगली से चोद रहा था। वो एक बार फिर से झड़ गई। मैंने उसका सारा रस पी लिया। अब मैंने अपना लंड उसके मुँह की तरफ कर दिया, और उसने झट से उसे अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। वो ऐसे चूसे जा रही थी, जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा होता है। मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था। मैं भी उसके मुँह को चोद रहा था। मैं भी झड़ गया। मेरा सारा वीर्य उसके मुँह में जा गिरा। पहले उसे अच्छा नहीं लगा, पर जब एक बार उसने स्वाद चखा तो वह सारा वीर्य पी गई।

हम एक-दूसरे के शरीर से खेल रहे थे। वो मेरे लंड को मसल रही थी, और वह फिर से खड़ा हो रहा था। वह चुदवाने के लिए तड़प रही थी, मिन्नतें कर रही थी। मैं झट से उसकी टाँगों के बीच आ गया और अपना लंड उसकी चूत में रगड़ने लगा। अपने लंड से उसके दाने को रगड़ने लगा।

वह बहुत गरम हो गई, बोली- अब ना तड़पाओ, मुझसे रहा नहीं जा रहा। डाल दो मेरे अन्दर।

मैं लंड को उसकी चूत पर रख कर धक्का लगाने लगा। मेरा लंड मोटा होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था और उसकी चूत भी सँकरी थी। पहली बार किसी लंड का स्वाद ले रही थी। मैंने उसकी टाँगों को थोड़ा और खोला और अपने लंड को उसकी चूत पर सेट करके थोड़ा ज़ोर से अन्दर डाला, तो वो कोई दो इंच अन्दर चला गया। उसे मज़ा आया। उसे नहीं मालूम था कि अभी उसकी फटने वाली है। मैंने थोड़ा और ज़ोर लगाया तो उसकी चीख निकल गई। मेरा लंड लगभग छः इंच अन्दर जा चुका था और उसकी झिल्ली फट चुकी थी। वह कहने लगी- बाहर निकालो मुझे दर्द हो रहा है।

मैंने उससे कहा- जो होना था वो हो चुका है, अब दर्द नहीं होगा, बस मज़ा आएगा।

पर वो मान ही नहीं रही थी। मैं उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर उसे किस करने लगा, और नीचे वहीं पर रुक गया। जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने मुझे पीछे से कस लिया और मेरे होंठ चूसने लगी। अब मैं धीरे-धीरे नीचे अन्दर-बाहर करने लगा। अब उसे मजा आने लगा था। कोई पच्चीस-तीस झटकों के बाद वो भी नीचे से कमर उछाल-उछाल कर साथ देने लगी। दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था। फिर उसका झड़ने वाला था तो उसने अपनी चूत को टाईट करना शुरु कर दिया और मुझे एक गहरा चुम्मा देकर शांत हो गई।

थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने वाला था, मैंने उसे बताया तो उसने कहा- बाहर मत निकालो, अन्दर ही डाल दो। मैं भी उसका मज़ा लेना चाहती हूँ।

मैंने अन्दर ही सारा डाल दिया। हम दोनों झड़ चुके थे, वो मेरे ऊपर लेट गई। हम ऐसे ही सो गए फिर जागने क बाद हमने फिर से सेक्स किया तीन बार। फिर कपड़े पहन कर मैंने उसे उसके घर तक छोड़ा और मैं अपने घर आ गया।

हम दो साल तक इकट्ठे रहे फिर मैं जालंधर आ गया और हमारा रिश्ता ख़त्म हो गया।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी ?

कृपया मुझे बताइए। Hindi Sex Stories

चीटिंग वाइफ सेक्स कहानी में मेरी बीवी एक गैर मर्द से चुदी और उसने अपनी चूत का भोसड़ा बनवा लिया. मेरी बीवी ने एक नौकरी कर ली और वहां उसे एक आदमी ने पटा कर चोद दिया.

दोस्तो,
मेरा नाम शुभम है.

मेरी बीवी नेहा बहुत सेक्सी लगती है. उसकी उम्र 25 साल है और फिगर 34-28-36 का है.

मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ और वह भी मुझे बहुत चाहती है.
पर जब समय बदलता है तो यही प्यार किस तरह से नफरत में बदल जाता है और उसी नफरत के चलते इंसान अपना काफी कुछ नुकसान कर लेता है.

ये सब हम दोनों के जीवन में भी हुआ और उसी के बाद से जीवन में क्या बदलाव आ गया. वह सब मैं आपके सामने लिख रहा हूँ.

वैसे तो मेरी बीवी एक बहुत ही सीधी-सादी औरत है. वह मेरी मर्जी के बिना किसी गैर मर्द से बात तक नहीं करती थी.

हुआ यूं कि एक दिन हम दोनों पति पत्नी के बीच आपस में किसी बात को लेकर पैसों के लिए झगड़ा हो गया.

तब मैंने क्रोध में उससे कह दिया- तुम अपने लिए कोई जॉब तलाश कर लो और तुम अपना खर्च खुद ही निकाल लिया करो.
उसने भी उस समय तैश में आकर कह दिया- हां मैं खुद ही अपना जीवन चला सकती हूँ. मुझे तुम्हारे सहारे की कोई जरूरत नहीं है.

ये जरा सी बात इतनी ज्यादा बढ़ गई कि हम दोनों में बोलचाल बंद हो गई.
वह दूसरे दिन से अपने लिए जॉब ढूंढने लगी.

किस्मत से उसे दो ही दिन में जॉब भी मिल गयी.
वह घर से दूर कहीं ‘डी मार्ट …’ में काम करने लगी.

इस चीटिंग वाइफ सेक्स कहानी की नींव इसी जॉब से पड़ी.

कुछ दिन बाद उसके साथ जो वाकया हुआ, वह उसने मुझे बताया और उसी के बताए अनुसार मैं इस सेक्स कहानी को आपके साथ साझा कर रहा हूँ.

जब मेरी बीवी की जॉब लगी तो मुझे कुछ अहसास हुआ कि यार ये मेरी बीवी ही तो है … और ये एकदम सीधी सादी भी है, कहीं किसी हरामी के चक्कर में पड़ गई तो चूत की मां चुदवा लेगी.

मेरी सोच गलत नहीं निकली; उसके साथ यही हुआ.
अब उसने मुझे जो बताया वह लिख रहा हूँ.

एक दिन वह अपने ऑफिस में कुछ सामान रख रही थी.
वहीं एक अजनबी आदमी से टकरा गयी और उसका पैर फिसल गया.
परंतु उस आदमी ने उसकी कमर पकड़ कर उसे गिरने से बचा लिया.
मेरी बीवी उसे थैंक्स बोल कर चली गयी.

वही आदमी दूसरे दिन उससे फिर से मिला.
मेरी वाइफ ने उससे पूछा- आप यहां?
उसने बताया कि वह यहीं ऊपर की फ्लोर पर काम करता है.

अब मेरी पत्नी उससे बात करने लगी, उसके साथ उसकी दोस्ती परवान चढ़ने लगी.

वह आदमी जब भी आता, मेरी बीवी से बात करने लगता और हालचाल पूछने लगता.
ऐसे ही उनके बीच मामला बढ़ने लगा.

एक दिन उस आदमी ने फ़ेसबुक पर मेरी वाइफ को फ्रेंड लिस्ट में जोड़ने का मैसेज किया.
मेरी वाइफ उसकी रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली और अब उन दोनों में रोज बात होने लगी.

उस समय तक मेरी बीवी मुझसे नाराज चल रही थी … और मैं भी उससे बात नहीं कर रहा था.

हम दोनों की अनबन का नतीजा ये निकला कि जहां हम दोनों हफ्ते में पाँच दिन चुदाई करते थे, वहीं हमारी चुदाई को लड़ाई ने खत्म सा कर दिया था.
उसी के परिणाम स्वरूप हमारे अन्दर भी चुदास चरम पर थी और लग रहा था कि कोई भी चुदाई के लिए साथी मिल जाए.

वही स्थिति मेरी बीवी की भी थी, तो जैसे ही उस आदमी ने मेरी बीवी को लाइन मारना शुरू की, मेरी बीवी धीरे धीरे उसकी तरफ झुकने लगी.
उन दोनों में फेसबुक के जरिए लंबी लंबी बातें होने लगीं.

उसने मेरी बीवी से उसका नंबर भी ले लिया और अब सीधे फोन पर बात होने लगी; व्हाट्सैप के जरिए फ़ोटो शेयर होने लगीं, हल्के फुल्के जोक्स से बात शुरू होकर एडल्ट जोक चलने लगे.

अब उन दोनों में देर रात तक बातें होने लगीं और इस सबका नतीजा ये निकला कि वीडियो चैट चालू हो गयी.
धीरे धीरे वह अपने सेक्सी पोज वाले फोटो भेजने लगा.

चूंकि वह जिम जाता था, इसलिए उसका शरीर काफी गठीला और भरा हुआ था.
मेरी बीवी भी उससे खुलने लगी थी और उसके साथ ऑफिस में खुल कर घूमने लगी थी. उन दोनों का लंच साथ में होने लगा था.

उसी दौरान उन दोनों में एक दूसरे को छूना चूमना भी शुरू हो गया था.

ये सब इतनी तेजी से हुआ था कि कुछ ही दिनों में मेरी बीवी उस आदमी से सैट हो गई थी.

अब जब भी वे ऑफिस में मिलते तो वह मेरी बीवी के पास चला जाता और लोगों की निगाहों से छुप कर उसके बूब्स दबा देता.
मेरी बीवी भी साइड में होकर उससे अपने दूध मसलवा लेती और खुद भी उसका लंड मसल देती.

एक दिन उसने मेरी बीवी को अकेले में मिलने के लिए अपने केबिन में बुला लिया.
परंतु उसके ऑफिस में सभी थे, इसलिए वह उससे नहीं मिल सकी.

दूसरे दिन रविवार था तो मेरी बीवी की छुट्टी थी.
उसने मेरी बीवी को मिलने आने के लिए बुलाया.

मेरी बीवी भी किसी मर्द का सानिध्य पाने के लिए बेचैन थी.

उस दिन शनिवार था.
मेरी बीवी ने शनिवार की शाम को मेरे सामने फोन पर बात करते हुए मुझे ये जताया कि संडे को वह ऑफिस आ जाएगी.

हालांकि उसने फोन पर बड़ी नाराजगी जताते हुए आने की हामी भरी थी कि हफ्ते में एक ही तो दिन मिलता है, उस दिन भी चैन नहीं लेने देते आप लोग!
मैंने भी यही समझा कि वाकयी में मेरी बीवी को ऑफिस जाना है इसलिए मैंने भी कुछ नहीं कहा.

फिर उसने व्हाट्सैप पर अपने उस ब्वॉयफ्रेंड बन चुके आदमी से कहा- आप मेरे घर के पास वाले पार्क के आगे वाले मोड़ पर आ जाना.
उसने कहा- ठीक है, मैं आ जाऊंगा और तुमको मैं वहीं से ले लूँगा.

मेरी बीवी भी उससे मिलने को लेकर बड़ी खुश थी.

दूसरे दिन सुबह से ही मेरी बीवी ने कुछ अलग सा मेकअप किया और वह एक हॉट माल बन कर उसको बताए पते पर पहुँच गयी.

उधर से वह आदमी मेरी बीवी को अपनी बाइक पर बिठा कर रेस्टोरेंट में ले गया.
वहां उन्होंने नाश्ता करते हुए बातें की और किसी दूसरी जगह के लिए जाने लगे.

रास्ते में उसने अपनी बाइक रोक कर मेरी बीवी को रुकने का कहा.
वह एक मेडिकल स्टोर की दुकान पर गया.
वहां से उसने सेक्स की गोली और कंडोम का पैकेट ले लिया.

अब वे दोनों फिर से आगे निकल गए.
रास्ते में ही उसने पानी लेकर वह गोली खा ली और बाइक से जाकर एक होटल के सामने रुक गए.

उसके बाद उसने मेरी बीवी की कमर में हाथ डाल कर उसे पकड़ा और अन्दर आ गए.

वहां उसने काउंटर पर आईडी दिखाई और 500 का नोट देकर कमरे की चाभी हासिल की.
वह चाभी लेकर मेरी बीवी के साथ रूम में आ गया.

उधर मेरी बीवी बाथरूम गयी, तब तक उसने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और अपनी पैंट उतार कर एक तौलिया लपेट लिया.

कुछ देर बाद मेरी बीवी बाथरूम से बाहर आई तो उसने मेरी बीवी को गोद में उठा लिया.
मेरी बीवी उसकी गोद में आकर बड़ी खुश थी.

वे दोनों एक दूसरे को चूमने लगे थे.

उसने मेरी बीवी को बेड पर ले जाकर लेटा दिया और वह मेरी बीवी के ऊपर चढ़ कर उसके मम्मों को दबाने लगा.
मेरी बीवी पहले से चुदासी थी, उसके मम्मों को मर्द के हाथ से दबने से वह गर्म होने लगी.

फिर उस आदमी ने मेरी बीवी का ब्लाउज और ब्रा उतार दिया.
वह उसके एक दूध को पकड़ कर दबाने लगा और दूसरे दूध को पीने लगा.

मेरी बीवी आह आह करने लगी.

फिर उसने मेरी बीवी की साड़ी और पेटीकोट भी निकाल दिया.
वह मेरी बीवी की पैंटी की साइड से उसकी चूत में अपनी उंगली पेलने लगा और चूत के दाने को रगड़ने लगा.

कुछ ही पलों के बाद उसने मेरी बीवी की पैंटी भी उतार दी और उसके पैर फैला कर उसकी चूत के पास जाकर उसकी चूत चाटने लगा.

मेरी बीवी कामुक सिसकारियां लेने लगी और अपना सर इधर उधर पटकने लगी.
जब तक मेरी बीवी झड़ नहीं गयी, तब तक वह चूत चाटता रहा.

फिर उसने मेरी बीवी को पास में बिठाया और उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया.
मेरी बीवी उसका लंड हिलाने लगी.
उसने मेरी बीवी को अपनी चड्डी उतारने को कहा.

मेरी बीवी ने उसकी अंडरवियर उतार दी.
चड्डी हटते ही उसका फनफनाता हुआ लंड बाहर आ गया.
उसके लौड़े को देख कर मेरी बीवी डर गयी. क्योंकि उसका लंड ज्यादा लंबा और गोलाई में मोटा था.

मेरी बीवी अपने आपको उससे दूर हटाने लगी.
उसने मेरी बीवी को खींच कर अपने सीने पर लेटा लिया.

मेरी बीवी कुछ देर में उसके नीचे सरकने लगी और उसका मूसल जैसा लंड देखने लगी.
वह मेरी बीवी के मुँह में अपना लंड डालने लगा.

परंतु मेरी बीवी ने मुँह नहीं खोला.
तो उस आदमी ने मेरी बीवी की नाक दबा दी, जिसके कारण सांस लेने के लिए जैसे ही बीवी ने मुँह खोला, उसने तुरंत अपना लंड मुँह में पेल दिया.

उसी के साथ वह ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा.
मेरी बीवी गों गों करती हुई उसका लंड चूसती रही और दस मिनट में वह मेरी बीवी के मुँह में ही झड़ गया.

फिर उसने दुबारा से मेरी बीवी की चूत चाटी और मेरी बीवी उसके लंड के साथ खेलने लगी.

थोड़ी ही देर में उसका लंड वापस खड़ा हो गया.

अब उसने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया … परन्तु कंडोम भी उसके लंड के आधा ही कवर कर पा रहा था.

उसने गुस्से में कंडोम को निकाल कर फेंक दिया और बाथरूम में रखी तेल की शीशी उठा लाया.

उसने अपने लंड पर बहुत सारा तेल लगा लिया और मेरी बीवी की चूत पर भी लगा दिया.

मेरी बीवी की डर के मारे हालत खराब हो रही थी.

अब सब सैट हो गया था, उसने अपना लंड मेरी बीवी की चूत पर लगा कर उसके पैरों को अपने पैरों से जकड़ लिया, उसका हाथ अपने हाथों में लेकर एक धक्का मारा.

मेरी वाइफ की चूत में उसका लंड घुस गया और वह ज़ोर से चिल्लाने लगी.
उसकी आंखों से आंसू आ गए थे.

तभी उसने एक धक्का और मार दिया, जिससे उसका 4 इंच लंड घुस गया.

मेरी बीवी अपने आपको छुड़ाने लगी, परन्तु उसने जकड़ कर रखा था.
अगला धक्का उसने और ज़ोर से मारा, तो उसका लंड 5 इंच अन्दर घुस गया.
मेरी बीवी तड़पने लगी.

अब उसने अंतिम धक्का मारा, तो पूरा लंड चूत में चला गया.
वह उसके ऊपर लेटकर चोदने लगा.

मेरी बीवी चिल्लाती रही, रोती रही मगर वह कुछ नहीं सुन रहा था.
दस मिनट बाद मेरी बीवी भी उसका साथ देने लगी और वह ज़ोर ज़ोर से चुदाई करने लगा.
फिर मेरी बीवी झड़ गयी.

उसने उसे अपनी गोद में उठाया और झूला झूलते हुए चोदने लगा.
वह पोज बदल बदल कर मेरी बीवी को चोद रहा था, कभी उसकी टांग उठा कर चोदता, तो कभी घोड़ी बना कर पेलता.

उसने दवाई भी खायी हुई थी तो उसका लंड झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था.

बहुत देर तक उसने मेरी बीवी की चूत चुदाई की और उसके बाद उसने पूरा माल मेरी बीवी की चूत में भर दिया.

झड़ने के बाद वह मेरी बीवी के ऊपर ही गिर गया और धीरे धीरे उसका लंड ढीला होकर चूत से बाहर आ गया.

बीवी की चूत में से उसका पानी और खून निकल रहा था.
उसके बाद वह दोनों बाथरूम गए. वहां भी उसने मेरी बीवी को खूब चोदा.

मेरी बीवी थक कर बिस्तर पर गिर गयी और उसकी चूत फट कर भोसड़ा बन गयी.

चार घंटे बाद वे दोनों कपड़े पहन कर घर की ओर निकल गए.

अब जब भी उस आदमी का मन करता है तो वह मेरी बीवी को चोदता है; कभी होटल में, कभी अपने घर ले जाकर वह उसकी चुदाई करता है.

यह थी मेरी बीवी की चुदाई की कहानी, जो मेरी बीवी ने बाद में मुझे बताई.

अगली सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊँगा कि मेरी बीवी किस तरह से बड़े लंड से चुदने की आदी हो गई और कैसे दूसरे मर्दों से चुदवाने लगी.

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