Our site can help you find a professional massage girl in Pauri Garhwal who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Pauri Garhwal that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Pauri Garhwal massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Pauri Garhwal who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Pauri Garhwal massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Pauri Garhwal massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Pauri Garhwal who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Pauri Garhwal employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Pauri Garhwal helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Pauri Garhwal
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Pauri Garhwal at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
मैं दिल्ली में रहने वाला Hindi Sex Stories एक कॉलेज गॉय हूँ …मेरा नाम प्रेम है, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है।अब शुरू करता हूँ मैं अपनी कहानी !
उस दिन मुझसे यह यह सब कैसे हुआ, किन हालातों में हुआ, मैं इससे बिलकुल अनजान था।
बात कुछ ही दिन पुरानी है, भावना से मेरी पहली मुलाकात तब हुई थी जब मैं बी ए प्रथम में था। मैं उसे शुरू से ही पसंद करता था। शायद वो भी मुझे पसंद करती थी। उसके पापा भी मेरे पापा के अच्छे मित्र हैं इसलिए अंकल भी मुझे अच्छे से जानते थे।
पिछले महीने ही हमारी अर्धवार्षिक परीक्षा समाप्त हुई हैं
२७ नवम्बर को हम (मैं, भावना, रोहित, आशीष, अनुज, नीतिश, के के) लोगों ने पार्टी रखी थी।
हम सब लोग सही समय पर पहुच गए थे। भावना आज कुछ ज्यादा ही सुन्दर लग रही थी। उसके कसे हुए बूब्स वाकई में बहुत अच्छे लग रहे थे। मैं तो बार बार उन्हीं को देख रहा था। शायद वो समझ गयी थी कि मैं उसके बूब देख रहा हूँ।
खैर हम लोगों की पार्टी रात १० बजे तक चली। खूब मज़ा किया हम सबने !
गाड़ी सिर्फ मेरे पास ही थी इसलिए सबको घर छोड़ने मुझे ही जाना था। आखिर में सिर्फ मैं और भावना ही रह गए थे।
मैंने गाड़ी उसके घर की तरफ मोड़ दी।
जैसे ही मैंने उसको उसके घर पर उतारा तो वो बोली-अन्दर आ जाओ !
मैंने मना तो बहुत किया पर वो मुझे अन्दर ले ही गई। शायद उसका मन भी चुदने का था।
फ़िर धीरे से उसने मुझे अपने पास बिठाया और मुझसे बातें करने लगी।
सच में, मादरचोद, उसकी चूचियाँ देखकर तो मेरे मुँह में पानी आ गया। उसने मुझे देख लिया और बोली- प्रेम ! तुम मुझे पसंद करते हो ना?
मैंने भी हाँ कह दिया।
वो बोली- मैं तो कबसे तुमसे अपने को चुदवाना चाहती हूँ, पर कभी मौका ही नहीं मिला ! आज प्लीज़ !मेरी प्यास बुझा दो !
मैंने मन ही मन कहा- नेकी और पूछ पूछ !
मैंने भी ठीक पलटवार करते हुए कहा- भावना ! तुम तो ना जाने कितनी बार मेरे सपनों में चुद चुकी हो ! आज पहली बार असल में मौका मिला है, मैं इस मौके को हाथ से जाने नहीं दूंगा।
फ़िर मैंने आव देखा ना ताव ! उसकी चूचियों पर हाथ रख कर उन्हें पकड़ लिया। सच में मज़ा आ गया।
क्या स्तन थे नरम नरम !
लेकिन वो भी कम नहीं थी, उसने मेरी तीसरी टांग को पकड़ लिया था। इससे पहले मैं कुछ करता, वो मेरी ज़िप खोल चुकी थी और मेरा लण्ड चूस रही थी।
वाकई में क्या मज़ा आ रहा था !
दस मिनट तक लण्ड चुसवाने के बाद मैंने उसकी ब्रा को खोल कर उसके सेक्सी बूब्स को आज़ाद कर दिया।
कैसी मासूमियत के साथ हिल रहे थे वो !
फ़िर मैंने उसके सारे कपड़े उतार कर फ़ेंक दिए।
उसकी हल्के बालों वाली बुर देख कर तो मैं उस पर टूट पड़ा।
वो अब सिसकियाँ ले रही थी और गर्म हो रही थी।
फ़िर मैंने अपना ७.६ इन्च लम्बा लण्ड उसकी बुर में डाल दिया। शुरूआत में थोड़ा खून जरूर निकला पर ५ मिनट बाद सब ठीक हो गया।
उसको कुतिया बना कर मैं चोदे जा रहा था। १५ मिनट तक उसकी बुर मार मार कर उसकी फ़ाड़ डाली मैंने। फ़िर उसने पानी छोड़ दिया।
लेकिन मैंने उसकी गाण्ड को फ़िर मारा और १० मिनट के बाद अपना लावा उसके बूब्ज़ पर डाल दिया। फ़िर मैंने उसको एक लम्बा चुम्बन दिया और मैं अपने घर लौट आया। Hindi Sex Stories
कहानी की शुरुआत महाराष्ट्र के एक शहर से होती है, जहां अवंतिका नाम की एक महिला एक कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाती है.
उसमें वह महिलाओं को अलग अलग विषयों पर क्लास देती है.
लेकिन अवंतिका अब इस इंस्टीट्यूट को बड़ा करना चाहती थी और इसके लिए उसे किसी से आर्थिक मदद की तलाश थी.
इसी चीज को लेकर वह कई दिनों तक प्रयास करती रही.
एक दिन उसे किसी परिचित ने एक युवा नेता का संपर्क सूत्र दिया और कहा कि यह व्यक्ति आपकी मदद करेगा और आपको कोई न कोई रास्ता जरूर दिखाएगा.
अवंतिका एक शादीशुदा महिला थी.
उसकी उम्र 37 साल की थी और वह एक गदराए जिस्म की मालकिन थी.
उसके जिस्म के सबसे आकर्षित अंग उसके बूब्स थे जिन्हें देख कर कई लंड शहीद हो चुके थे.
अवंतिका की भी कामना थी कि कोई ऐसा मर्द आए जो उसकी वासना को शांत कर सके.
चूंकि अवंतिका एक मॉडर्न ख्यालात की महिला थी, जिसका पति एक शांत स्वभाव वाला व्यक्ति था.
उसके शांत स्वभाव वाले पति के बस में इतनी गर्म बीवी को संभालना संभव नहीं था.
अवंतिका भी अपने जिस्म की जरूरत को भली भांति समझती थी और उसे जिस वक़्त सुख की जरूरत होती, वह सुख प्राप्त करना जानती थी.
अपने पति के और समाज की नजरों में सभ्य और संस्कारी बने रहना भी उसे खूब अच्छे से आता था.
एक प्रकार अवंतिका एक बहुत शातिर किस्म की और मॉडर्न महिला थी.
अवंतिका ने अपने इंस्टीट्यूट को अपने अनुसार चलाने के लिए उस युवा नेता से मिलने का तय किया.
उस नेता का नाम अमन था.
वह एक 26 वर्ष का नौजवान युवा था, जो काफ़ी जुझारू और आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक था.
अवंतिका ने अमन को कॉल किया और अपनी समस्या बताई.
अमन ने उसकी सब बात सुनकर उसे अपने ऑफिस मिलने के लिए बुलाया.
अगले दिन अवंतिका एक नीली साड़ी और काले ब्लाउज को पहन कर गई.
उसका यह ब्लाउज बहुत ज्यादा चुस्त था, जिसमें से अवंतिका के गुब्बारे जैसे बूब्स उभर कर सामने आ रहे थे.
अपने पेट को नाभि तक खुला रखने की अवंतिका की हमेशा की आदत है, इसी सेक्सी लुक के साथ अवंतिका अमन के ऑफिस में गई.
जैसे ही अवंतिका अमन के ऑफिस में गई, अमन इतनी सेक्सी औरत को देख मन्त्रमुग्ध हो गया.
पोलिटिकल सेक्स का वह अपने सामने अवंतिका के पूरे जिस्म को एकटक होकर निहारने लगा.
अवंतिका के लिए यह आम बात थी क्योंकि वह जानती थी कि मर्द उसे घूरते हैं और आंखों से चोदते हैं.
हालांकि अमन भी एक आकर्षक नौजवान था.
उसे देख कर अवंतिका को वह पहली ही नजर में भा गया था.
लेकिन अवंतिका को अपना काम ज्यादा जरूरी था इसलिए उसने अपनी वासना पर संयम रखते हुए हल्की सी मुस्कुराहट होंठों पर लाई.
उसने अमन को हैलो कहा.
अमन ने भी उसकी हैलो का जवाब दिया और उसे बैठने के लिए कहा.
अवंतिका ने सामान्य औपचारिकता के बाद अमन के सामने अपनी समस्या को बताना शुरू किया.
अमन भी पूरे ध्यान से उसे सुनता रहा; साथ ही वह उसके जिस्म की महक को महसूस करता रहा.
अमन को समझ में यह आ गया था कि अवंतिका को किसी सरकारी फंड की जरूरत है, जिसे कैसे लिया जाए … इसका उसे कोई इल्म नहीं था.
जबकि अमन के लिए ये सब कराना कोई बड़ी बात नहीं थी.
अवंतिका ने अमन से कहा कि मुझे 25,00,000/- का फंड मिल जाए, तो मेरा सपना पूरा हो जाएगा.
अमन बोला- अवंतिका जी आप चिंता ना करें. आप सही जगह आई हैं. अब आपका काम कराने का मैं पूरा प्रयास करूँगा.
ये सुनकर अवंतिका बहुत खुश हो गई और बोली- अमन जी, आपका ये अहसान होगा मुझ पर … मैं कई सालों से प्रयत्न कर रही हूँ लेकिन हो नहीं रहा था. आप अगर मेरा काम करवा दोगे, तो मैं आपकी पूरा जीवन आभारी रहूंगी.
अमन ने कहा- आपका काम बहुत जल्द हो जाएगा. आप बस मेरे संपर्क में रहें. चूंकि अब आप मेरे संपर्क में रहेंगी, तो आपके बाकी के भी काम यदि कोई होने हैं, तो वे भी पूरे हो जाएंगे.
अमन की बातों से अवंतिका काफ़ी प्रभावित हो गई थी.
कुछ देर बातें करने के बाद वह घर आ गई.
उसी रात अवंतिका ने व्हाट्सप्प पर अमन को गुडनाईट का मैसेज किया.
उसे देख अमन ने जबाव दिया- कैसी हैं अवंतिका जी?
अवंतिका- जी, सब बढ़िया है. आप बोलिए … कहां हैं?
अमन- जी, बस घर पर ही हूँ.
अवंतिका- जी, आप पूरा दिन व्यस्त होते हैं, तो काफी थक जाते होंगे!
अमन- हां जी, वह तो है.
अवंतिका- अमन जी, आपने आज किया कुछ मेरे काम का?
अमन- जी बिल्कुल किया, उस विभाग का प्रमुख मेरा काफ़ी करीबी है. उसने कहा है कि वह आपका काम करा देगा. आपको अपने कागज लेकर 4 दिन बाद उसके ऑफिस चलना होगा.
अवंतिका- शुक्रिया अमन जी, आपने मेरा बहुत बड़ा काम किया है. आपका अहसान कैसे चुकाऊं, समझ नहीं आता है.
अमन- कोई आपसे भी हमारा काम हुआ, तो आप वह कर देना … बस इतनी सी इच्छा है!
अवंतिका- आपके लिए मैं कुछ भी करूँगी अमन जी!
अमन- शुक्रिया अवंतिका जी.
अवंतिका- आपको कल रात मेरी दावत कबूल करनी होगी. आप आएंगे ना?
अमन- जी, आप बुलाएं और हम ना आएं … मैं जरूर आऊंगा.
अमन अगले दिन पूरी तरह तैयार होकर अवंतिका के घर चला गया.
वहां अवंतिका घर में काली साड़ी के साथ मैचिंग का काला ब्लाउज पहने हुई थी.
उसके साथ उसके पति और उसका 6 साल का बेटा भी था.
पूरे परिवार ने अमन का स्वागत किया.
अमन अवंतिका को देख देख कर पागल हुआ जा रहा था लेकिन वह खुद को संभाल कर अन्दर आ गया.
अमन ने अवंतिका के परिवार के साथ खाना खाया.
खाने के बाद वह परिवार के साथ कुछ देर बात करता रहा.
अवंतिका के पति को अमन का स्वभाव काफ़ी अच्छा लगा और अमन से वह काफ़ी घुल-मिल गया.
फिर अमन ने अवंतिका से कहा- आपका घर काफ़ी बड़ा और अच्छा है.
अवंतिका का पति बोला- अवंतिका, तुमने अमन जी को घर दिखाया ही नहीं. तुम इन्हें घर दिखा लाओ, तब तक मैं बच्चे का होमवर्क कराता हूँ.
अवंतिका अमन को अपना घर दिखाने लगी.
और देखते देखते दोनों घर के दूसरी मंजिल पर आ गए जहां अवंतिका ने अमन को अपने रूम दिखाया.
कमरे में अवंतिका की कुछ बड़ी बड़ी फोटोज लगी थीं जिनमें अवंतिका काफ़ी सेक्सी दिख रही थी.
दो तस्वीरें तो एकदम नंगी थीं, जिनमें अवंतिका ने खुद को कुछ फूलों से छिपाया हुआ था.
अमन उन दोनों तस्वीरों को काफ़ी ध्यान से देखता रहा और बोला- अवंतिका जी, आपको बुरा ना लगे, तो एक बात कहूँ?
अवंतिका- अरे अमन जी आप कहिए ना … आपकी बात का क्या बुरा मानना भला!
अमन- आप काफ़ी खूबसूरत और मनमोहक लगती हो. आपकी तस्वीरें किसी हीरोइन से कम नहीं हैं.
अमन की इस बात पर अवंतिका शर्मा गई और उसने अमन को शुक्रिया कहा.
उस वक्त अमन अवंतिका के इतने करीब था जिससे उसे अवंतिका के जिस्म की गर्मी महसूस हो रही थी.
बातों बातों में किसी बात पर जोर से हंसी आने पर अमन ने अवंतिका की पीठ पर हाथ फेर दिया.
अवंतिका ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, उसने हंस कर अमन से बातें करना जारी रखा.
अब अमन अवंतिका की खूबसूरती की तारीफ करने लगा.
यह सब बात करते हुए वह अवंतिका की मुलायम गांड को भी अनजान बनते हुए एक दो बार छू लेता है.
उसके इस स्पर्श को अवंतिका ने गहराई से महसूस किया लेकिन वह अभी भी सामान्य बनी रही.
अवंतिका को अमन से बातें करना अच्छा लग रहा था, तभी अवंतिका के पति ने आवाज़ दी और दोनों नीचे चले आए.
उस रात अमन अपने घर वापस आया और अवंतिका के सेक्सी बदन को याद करते हुए अपना लंड मसलने लगा.
रात के बारह बजे थे … अमन से न रहा गया और उसने अवंतिका को मैसेज कर दिया ‘दावत के लिए शुक्रिया!’
अवंतिका ने तुरंत जवाब दिया- अरे आप तो अब हमारे परिवार के सदस्य हो, आप आए … ये हमारे लिए ख़ुशी की बात है.
फिर थोड़ी इधर उधर की बातें करते हुए अमन ने कहा- मैं तो सोच रहा था कि आप सो गई होंगी. आप अभी तक क्यों नहीं सोईं … साहब जगाए हुए हैं क्या?
अवंतिका- अरे नहीं बाबा, वे तो कब के सो गए. मुझे ही देर से सोने की आदत है.
अमन- क्या … वे सो गए? इतनी खूबसूरत बीवी होते हुए उन्हें नींद कैसे आ सकती है!
अवंतिका- क्यों नहीं आती नींद, खूबसूरत बीवी होने पर क्या होता है?
अवंतिका भी अमन के ख़ुशी के लिए उसके मन के हिसाब से बातें करने लगी.
अमन- अब आपको नहीं पता क्या?
अवंतिका- जी नहीं.
अमन- प्यार करते हैं … और उनके पास आपके जैसी बीवी है तो क्या ही कहूँ?
अवंतिका- कहिए ना!
अमन- आपको बुरा लगेगा!
अवंतिका- अमन जी आप कहिए, जो भी कहना हो. मुझे कुछ भी बुरा नहीं लगता.
अमन- सच बात तो यह है अवंतिका जी कि आप बहुत सेक्सी दिखती हैं. आपका पूरा हुस्न देख कर न …
अवंतिका- अरे रुक क्यों गए, खुल कर बोलिए ना … मेरा हुस्न देख … क्या?
अमन- मेरे अन्दर हलचल शुरू हो जाती है.
अवंतिका- अन्दर कहां, दिल में?
अमन- नहीं, कहीं और …
अवंतिका- कहां, बोलिए ना अमन जी?
अमन- छोड़िए … कल क्या कर रही हैं आप?
अवंतिका- आप बोलिए, कुछ काम है?
अमन- कल आपको दावत मेरी ओर से होटल में!
अवंतिका- जी जरूर, मैं मेरे पति को कहती हूँ … हम आ जाएंगे.
अमन- अरे अवंतिका जी, ये दावत सिर्फ आपके लिए है. हमारी दोस्ती के लिए … पति के साथ किसी और दिन!
अवंतिका- ओके जी, फिर कल कहां आना है?
अमन- आप मेरे ऑफिस के पास जो होटल है. वहां आइए … कल दोपहर को मिलते हैं.
अवंतिका- जी जरूर.
दूसरे दिन अवंतिका लाल साड़ी में पूरी सेक्सी लुक में तैयार होकर होटल आ गई.
वहां जाकर वह अमन को खोजने लगी.
लेकिन उसे अमन नजर नहीं आ रहा था.
कुछ देर बाद अवंतिका ने अमन को कॉल करके पूछा- कहां हो?
अमन ने उसे होटल के ही ऊपर एक कमरे का नंबर बताया और आने का कहा.
अवंतिका तो पहले ही समझ गई थी कि अमन के लौड़े में आग लग चुकी है और वह कमरे में बुला कर क्या चाहता है.
पर अवंतिका को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था.
उसके लिए अमन हीरो था जो उसके काम आ रहा था.
अवंतिका उस रूम में चली गई.
यह कमरा काफ़ी रोमांटिक तरीके से सजा कर तैयार किया गया था.
अमन ने अवंतिका को देख लंड पर हाथ फेरा और उसे अन्दर बुलाकर बेड पर बैठने को कहा.
अवंतिका पूरे आत्मविश्वास से वहां बैठ गई.
दोनों बातें करने लगे.
कुछ ही देर में खाना आ गया तो वे दोनों खाना खाने लगे.
अमन अवंतिका से बातें करते हुए बोला- अवंतिका जी, आप इस साड़ी में बहुत हॉट लग रही हो!
अवंतिका- अच्छा जी … सच्ची!
अमन- सच्ची मुच्ची … आपका पूरा जिस्म में ही लाजवाब है.
अवंतिका- हम्म … वह तो है!
अमन- क्या आप मेरा एक काम करेंगी?
अवंतिका- आप बस हुकुम करो.
अमन- क्या मैं आपको एक बार गले लगा सकता हूँ!
अवंतिका- क्यों?
अमन- जब से आपको देखा है, तब से इच्छा है कि आपको एक बार गले से लगा सकूँ.
अवंतिका- अब आपने मेरे लिए इतना किया है, तो एक दोस्त के नाते गले लगना क्या बड़ी बात है!
अमन खुश हो गया और वह अवंतिका के करीब आ गया.
उसने अवंतिका का हाथ पकड़ कर उसे खड़ा कर दिया और उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपने सीने से चिपका लिया.
अपने सीने से चिपका कर उसने अवंतिका की गदराई हुई गांड को जोर से दबा कर खुद के दोनों हाथों में भर लिया.
इससे अवंतिका की चीख निकल गई.
चीख निकलने के बावजूद भी अमन अवंतिका की गांड को इसी तरह जोरों से दबाए रहा.
साथ उसने अपने होंठ अवंतिका के गले पर रख दिए और उसे चूमना शुरू कर दिया.
अवंतिका की चूत में भी अब आग भड़क गई थी.
वह अमन से बोली- अमन जी, क्या कर रहे हो यार … दर्द हो रहा है. आपको तो बस गले लगना था. पर आप तो कुछ और ही कर रहे हैं!
अमन- शहहह् …
अमन अवंतिका के पूरे जिस्म को चूमने लग गया और इसी तरह से वह उसके होंठों को चूमने लगा.
अवंतिका भी अब उसका साथ देने लगी.
वह पूरे जोश में अमन को चूमने लगी और उसके कपड़े उतारने लगी.
फिर अमन ने भी अवंतिका की कमर को चूमते हुए उसकी साड़ी को खोल दिया.
देखते ही देखते दोनों एक दूसरे के सामने नंगे हो गए.
अमन अवंतिका को पलंग पर लिटा कर उसके नर्म रसीले होंठों को चूसने लगा.
वह अपना लंड अवंतिका की चूत पर घिसने लगा.
इससे अवंतिका तड़प उठी और सिसिया कर बोली- आह अमन जी … प्लीज चोदिए ना अपनी अवंतिका की चूत को … आह पेल दीजिए अपना मूसल.
बस अमन ने अपना लंड अवंतिका की चूत में घुसा दिया और वह घप … घपाघप घप … अवंतिका की चुदाई करने लगा.
लंड की रफ़्तार और अवंतिका की कड़क चूत का घमासान चालू हो गया था.
अवंतिका जोर जोर से आहें भरने लगी थी. इससे अमन में और जोश आ गया था.
इसी तरह से अमन ने अवंतिका को पूरे 40 मिनट तक चोदा.
उसकी मदमस्त चुदाई के बाद अमन ने अपने लंड के झरने को अवंतिका की चूत में छोड़ दिया.
वे दोनों जोर जोर से सांसें भरते हुए एक दूसरे को तृप्त करने लगे.
चुदाई के बाद वे दोनों एक दूसरे की बांहों में यूं ही नंगे सो गए.
एक घंटा बाद उठने पर अवंतिका अमन के होंठों को चूसने लगी.
उसने कहा- अमन, तुमसे चुदाई करवा कर बहुत मजा आया. मालूम है, जब मैं तुमसे पहली बार मिली थी न … मैं तभी समझ गई थी कि तुम मेरा काम करो या ना करो लेकिन मेरी चुदाई जरूर करोगे!
अमन- तो तुम भी चुदना चाहती थी?
अवंतिका- नहीं, लेकिन जितना तुमने किया है … उसके लिए ये इनाम तो मैं तुमको देती ही. पर आज तुमने खुद ले लिया.
इसी तरह की बातों के साथ वे दोनों फिर से चुदाई के दूसरे राउंड को तैयार हो गए.
चुदाई करने के बाद अवंतिका अपने कपड़े पहन कर जाने लगी.
तब अमन ने कहा- अवंतिका अब कब चुदाई कर पाऊंगा तुम्हारी?
अवंतिका- अब ये चूत हमेशा के लिए तुम्हारी ही है, ज़ब चाहे अपने लंड से चोद लेना.
ये कहकर वह अपनी गांड मटकाती हुई चली गई.
पोलिटिकल सेक्स का मजा लेकर अमन ने उसको अपने लंड के साथ फंड भी दिला दिया.
अब अमन जब मन होता, तब वह उसको चोद लेता.
अवंतिका की मदद से अमन उसकी इंस्टीट्यूट की भी कई लड़कियों को भी चोद चुका है.
मेरा नाम Hindi Sex Stories रवि है, मैं आपको अपनी एक कहानी बताता हूँ।
जब मैं स्कूल में पढ़ता था तब मेरे साथ मेरी एक दोस्त थी जिसका नाम ऋतु था वो मेरे घर क पास ही रहती और हम एक साथ स्कूल जाया करते थे। एक बार किसी कारण से मुझे स्कूल जाने में देर हो गई तो ऋतु मेरा इन्तज़ार करते करते मेरे घर आ गई। उस दिन बारिश हो रही थी, वो भीगती हुई आई। उसकी स्कूल ड्रेस भीग चुकी थी उसे देख कर मेरी मम्मी ने कहा- थोड़ी देर रुको, रवि नहा कर आ रहा है, फिर तुम दोनों उसके पापा की कार लेकर स्कूल चले जाना। लेकिन उससे पहले अपने घर जाकर अपने कपड़े बदल लेना।
तो वह मान गई। जब मैं नहा कर आया तो देखा कि वो दरवाजे पर खड़ी मम्मी से बात कर रही थी। उसकी शर्ट एक दम गीली थी उसके स्तन और चुचूक एकदम मस्त लग रहे थे।
मैं पास गया तो देख कर हैरान हो गया। चूचियाँ देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था। वो भांप गई कि मेरी नज़रें उसके वक्ष पर हैं लेकिन वह कुछ नहीं बोली। फिर मैं जल्दी से तैयार होकर आया तो पापा से कार की चाबी लेकर कार स्टार्ट करने लगा और होर्न बजा कर ऋतु को बुलाने लगा। ॠतु होर्न सुन कर जल्दी से मेरे पास आई और बोली- रवि, तू आज मरवा देगा बक्शी मैडम से !
मैंने कहा- तू जल्दी से गाड़ी में बैठ ! पहले तेरे घर चलें, तू ड्रेस बदल, फिर स्कूल जायेंगे।
वो बोली- नहीं, हम लेट हो रहे हैं, मैं घर नहीं जाउंगी, सीधे स्कूल चलते हैं।
और वो कार में बैठ गई। उसका स्कूल बैग उसकी पीठ पर था तो वह ठीक से बैठ नहीं पा रही थी।
मैंने कहा- ऋतु, अपना बैग उतार कर पीछे सीट पर रख दे !
तो वह बैग उतारने लगी। जब वह बैग उतार रही थी तो उसके कंधे पीछे की ओर हो गए और स्तन बाहर की ओर आ गए। उसके चुचूक एकदम कड़क थे पानी में भीगने की वजह से !
मेरा मन कर रहा था कि बस स्कूल न जाकर उसे घर ले जाकर चोद दूँ।
तभी उसकी नज़र मुझ पर पड़ी और बोली- क्या देख रहे हो ?
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस ऐसे ही !
उसने कहा- तुम मेरी चूचियाँ देख रहे हो ना ?
गलती से मेरे मुँह से हाँ निकल गया और वो बोली- कितने गंदे हो तुम रवि ! मुझे इतनी गन्दी नज़रों से देखते हो !
मैंने कहा- इसमें गुस्सा होने की क्या बात है? यह चीज़ ही ऐसी है कि किसी की नज़र ना पड़े तो वह अँधा है !
यह बात सुन कर वह मुँह दूसरी तरफ करके बैठ गई। मैं तो बस उसके वक्ष के बारे में ही सोच रहा था। थोड़ी देर में हम स्कूल पहुँच गए। मैं अपना बैग लेने के लिए पीछे मुड़ा, इतने में वो भी मुड़ी, उसके होंठ मेरे गालों से छू गए। फिर मेरे अन्दर एक करंट सा लग गया और उसे बोला- एक और प्लीज़ ! एक और !
वो बोली- तो बहाना चाहिए बस?
मैंने कहा- तू चीज़ ही इतनी मस्त है ! मैं क्या करूँ !
तो वह हँस पड़ी और हम दोनों बैग उठा कर स्कूल जाने लगे। स्कूल की सीढ़ी चढ़ते वक़्त मैंने देखा कि उसके स्तन ऊपर-नीचे उछल रहे हैं। मेरा तो लंड खड़ा हो रहा था देख-देख कर !
ना जाने कैसे उसकी शर्ट का बटन खुल गया था, अंदर से उसकी सफ़ेद रंग की ब्रा चमक रही थी लेकिन किसी तरह मैंने अपने आप को संभाल लिया और क्लास में चले गए।
फिर स्कूल ख़त्म होने के बाद हम फिर मिले और कार की तरफ बढ़ चले। कार में बैठ कर मैं कार स्टार्ट करने लगा तभी उसने कहा- आज कितनी बारिश हो रही है ! देखना, तुम्हारी कार स्टार्ट नहीं होगी !
उसका तो कहा ही हुआ और मेरी कार ने जवाब दे दिया, वो स्टार्ट नहीं हो रही थी। ऊपर से ऋतु खिलखिला कर हँस रही थी।
पास के टेलीफोन बूथ से मैंने पापा को फोन किया और बताया कि कार स्टार्ट नहीं हो रही है।
पापा ने कहा- कोई बात नहीं, मैं मकेनिक भेज कर कार ठीक करा दूंगा।
मैंने कार की चाबी स्कूल के चौकीदार को दे दी और हम पैदल घर की तरफ़ चल पड़े। रास्ते में काफी बारिश थी सो हम काफी भीग चुके थे। ऋतु के घर पहुँच कर देखा कि उसके घर पर ताला लगा है। पड़ोसी से पता लगा कि उसकी मम्मी मेरी मम्मी के साथ कीर्तन में गई है।
मैंने कहा- कोई बात नहीं ऋतु ! मेरे पास मेरे घर की दूसरी चाबी है, वहीं चलो !
उसने कहा- ठीक है !
और मेरे मन की मुराद पूरी हो गई कि आज तो रितू की चूचियाँ दबा कर ही रहूँगा। घर पहुँच कर मैंने ऋतु को तौलिया दिया और बोला- तुम अपना सर पौंछ लो, नहीं सर्दी लग जाएगी !
मैं उसे मम्मी के कमरे में ले गया- तुम यहाँ करो, मैं चाय बना कर लाता हूँ।
और मैं दरवाज़ा बंद कर के चला गया। लेकिन मैं गया कहीं नहीं था, दरवाज़े के पास खड़े होकर देख रहा था कि ऋतु क्या कर रही है।
पहले उसने शीशे के पास जाकर अपने आप को देखा और अपना सर पौंछने लगी। तभी उसकी नज़र अपने वक्ष पर पड़ी तो देखा कि उसकी शर्ट का बटन खुला है। (जिसे मैं सुबह देख रहा था) फिर उसने अपनी शर्ट क ऊपर से ही अपने स्तन दबाने चालू कर दिए। उसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं पैंट से बाहर निकाल कर सहलाने लगा। पता नहीं हल्की सी आहट से उसे पता चल गया कि मैं उसे देख रहा हूँ।
तभी उसने आवाज़ लगाई- रवि, बाहर क्यों खड़े हो ? अंदर आओ !
मेरे मन में तो लड्डू फूट गए। लंड को अंदर किये बिना मैं दरवाज़ा खोल कर अंदर चला गया। मेरा लंड देख कर वो चौंक गई और बोली- यह क्या है?
मैंने कहा- यह नागराज है ! गर्म लड़कियों को देख कर खड़ा हो जाता है विष छोड़ने के लिए !
उसने पास आकर मेरे लंड को पकड़ कर कहा- रवि सच बताओ, सुबह तुम मेरे स्तन को क्यों देख रहे थे?
मैंने कहा- तेरी चूचियाँ हैं ही इतनी मस्त चीज़ कि दबाने को, चूसने को मन करता है।
यह सुन कर उसने मेरे हाथ अपने वक्ष पर रख दिए और कहा- लो ! जो करना है करो !
बस फिर क्या था, मैंने उसकी शर्ट के सारे बटन खोल दिए और उसकी चूचियों की लाइन पर अपना मुँह रख कर महसूस कर रहा था कि यह कोई सपना तो नहीं है !
तभी उसने मेरे लंड को जोर से दबा दिया और कहा- सिर्फ महसूस करोगे या चूसोगे भी ?
फिर क्या था, मैंने झट से उसकी शर्ट उतारी, ब्रा उतारी और जोर से दबा दिया। उसके मुँह से आह निकल गई- रवि, और जोर से !
मैंने और जोर से दबा कर उसके स्तनों को अपनी मुट्ठी में लेकर उसके चुचूक चूसने लगा। वो मेरे लंड पर जोर से हाथ आगे पीछे कर रही थी। फिर धीरे धीरे मैं अपने हाथ उसकी स्कर्ट के अन्दर डाल उसके चूतड़ों को भी दबाने लगा, उसकी पैंटी नीचे करने के बाद उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा। वो एक दम गीली थी। मैं नीचे झुक कर उसकी स्कर्ट के अन्दर अपना मुँह डाल कर चूत को चाटने लगा।वो पूरी मस्ती में आ गई और मुझे पलंग पर धक्का दे कर मेरी पैंट खोल कर मेरे लंड को चूसने लगी। मैं उसके वक्ष दबाये जा रहा था।
इतने में मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी।
वो बोली- देखो नागराज ने विष छोड़ दिया !
और वो पूरा चूस गई।
फिर मैं उसे पलंग पर लिटा कर उसकी चूत को चाटने लगा। वो पूरी तरह गर्म थी और मेरे बाल नोच रही थी, कह रही थी- रवि मत तड़पाओ ! डाल दो अपना नागराज मेरी सुरंग में !
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख कर एक जोर से झटका मारा और लंड अन्दर चला गया। मैं थोड़ी देर उसके ऊपर लेट कर उसके स्तन चूसने लगा और नीचे नागराज अपना काम करने लगा। दस मिनट बाद मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी। मैंने कहा- नागराज ने तेरी सुरंग में विष छोड़ दिया !
तो वह घबरा गई- अब क्या होगा ! मैं गर्भवती हो जाउंगी !
मैंने कहा- कोई बात नहीं ! मैं आई-पिल ला दूंगा, वो खा लेना, सब ठीक हो जायेगा !
और हम फिर पूरी मस्ती से फिर चुदाई में लग गए……….. Hindi Sex Stories
सबसे पहले मैं दोनों हाथों का समागम Hindi Sex Stories करते हुए गुरूजी का धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने मेरी कहानी ‘बुलबुल के साथ सेक्स’ प्रकाशित की और उन तमाम लड़के-लड़कियों, दोस्तों का भी धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने मुझे ई-मेल किए।
तो दोस्तो पेश है मेरी नई कहानी !
सुनीता !
उसके रूप के बारे में बस इतना ही कहूँगा कि लगता है भगवान ने गलती से उसे नीचे भेज दिया। वो तो वो मेनका है कि अगर एक बार जिसे देख ले बेहोश हो जाए ! एक अट्ठारह साल की लड़की जो बला की खूबसूरत हो, आपको तो पता ही है उसके चाहने वाले कितने होंगे।
तो दोस्तो बात तब की है जब मै दसवीं मे पढ़ता था और वो जब वो स्कूल में आती थी तो ऐसा लगता था कि मानो बहार आ गई हो ! मैं उसे दिल ही दिल में प्यार करता था पर क्या कहूँ यार हम सब की यही परेशानी है कि हम कहने से डरते हैं !
एक बार मैने उसे पत्र लिखा और उसे कैसे दूँ, यही सोच रहा था कि तब तक वो मेरे पास आ गई, और मैंने झट से पत्र को अपनी किताब में रख लिया। फिर मुझ से बात करके वो चली गई, मै उस पत्र की बात भूल गया। फिर वो मुझसे वही पुस्तक मांगने आई। मुझे याद न रहने की वजह से मैंने वो किताब उसे दे दी।
थोड़ी देर बाद उसने मुझे जब किताब वापस की तो मुझे याद आया- यार ! उसमें तो मेरा पत्र था !
मैंने जब किताब को खोला तो देखा कि वो पत्र वैसे ही है जैसे था, पर मुझे डर सा लगने लगा कि कुछ गड़बड़ ना हो जाए।
अगले दिन मैं स्कूल नहीं गया। मुझे शक था कि उसने मेरा पत्र पढ़ लिया है।
वो मेरे घर आई मेरी बहन से मिलने के लिए !
मुझे थोड़ा बुखार था, मैं सो रहा था। वो आई और मुझसे पूछा- पूनम कहाँ है?
मैंने बोला- अंदर है !
वो बोली- आज स्कूल क्यूँ नहीं आए?
मैंने कहा- यार, देखने से भी नहीं पता चल रहा क्या?
तो बोली- बुखार सच का है या झूठ मूठ का बहाना बना रखा है !
तब तक मेरी बहन आ गई और फिर दोनों अंदर चली गई। जब थोड़ी देर बाद वो जाने लगी तो मेरे पास आकर बैठ गई।
मेरी बहन भी बोली- आज मनीष बहुत बीमार है, इसीलिए स्कूल नहीं गया।
फिर उसने अपना हाथ मेरे सर पे रखा और बोली- बुखार तो अभी तक है ! दवाई ली या नहीं? कल फिर स्कूल नहीं जाना !
यार मुझे बहुत जोर से गुस्सा आ रहा था। मैंने मन ही मन सोचा- साली डाँट तो ऐसे रही है जैसे मेरी घरवाली हो !
फिर जब वो दोनों आपस में बातें करने लगे। तो मैं कंबल के नीचे से उसका हाथ दबाने लगा। उसने मेरी तरफ देखा और इशारे करने लगी कि पूनम यहीं है।
पर मैं कहाँ मानने वाला था। मैंने उसका हाथ कंबल के अंदर करके दबाने लगा तो वो भी अपना हाथ टाईट कर के मेरा साथ देने लगी मेरी तो मानो मैं तो यही सोच रहा था कि मुझे यूँ ही कुछ दिनों तक बुखार रहे और मैं उसके हाथ के साथ खेलता रहूँ, पर कुछ देर बाद वो चली गई और मै बिस्तर पे पड़ा रहा।
उसके जाने के बाद मैं बिस्तर से उठा और थोड़ा टहलने लगा। फिर सुबह मैं ठीक हुआ तो स्कूल जाने के लिए तैयार होने लगा कि इतने में मेरे मामा जी आए और बोले कि चलो आज सब बाहर चलते हैं !
मेरा भी मूड हो रहा था बाहर जाने का पर मैने मना कर दिया।
यार कैसे-कैसे तो पटी है और ये मौका अगर हाथ से गया तब तो मैं लण्ड पकड़े ही रह जाऊँगा और कोई नहीं मिलेगा चोदने को !
तो दोस्तो, मैं उस दिन, जब घर वाले बाहर चले गए, तो मैं स्कूल के लिए तैयार हो के निकलने लगा और घर में ताला लगाने लगा, तो मैंने देखा- सुनीता इधर ही आ रही है।
आते ही बोली- आज तुम्हारे घर वाले कहाँ गए?
मैंने कहा- यार ! वो आज घूमने गए हैं !
उसने कहा- तुम नहीं गए?
मैंने कहा- तुम्हारे बगैर क्या फायदा जाने का कहीं !
तो हंसने लगी और बोली- अच्छा चलो, मुझे पानी पीना है ! पिलाओगे?
मैने कहा- बस पानी?
तो वो हंसने लगी। मेरी तो नियत खराब हो रही थी और वो हंस रही थी। मैने सोचा- बेटा, आज मौका अच्छा है ! लग जा काम पे।
मैने उसे बिठाया और किचन में पानी लाने चला गया। मैं जब अंदर आया तो वो भी साथ आने लगी। मैंने कहा- मैं लाता हूँ न यार !
तो बोली- नहीं ! तुम कुछ मिला के पिला दोगे तो?
मैंने कहा- अरे नहीं यार ! तुम्हें पिला के नहीं बिना पिलाए सब कुछ करने का इरादा है !
तो बोली- क्या-क्या ?
मैने कहा- कुछ नही !
नहीं ! आपने कुछ बोला था !
मैंने कहा- तुम पानी पियो ! कुछ खाओगी ?
तो बोली- क्या खिलाओगे?
मैंने कहा- कहाँ से खाओगी?
तो बोली- कहाँ से खिलाओगे?
मैं बोला- जहाँ से तुम खाना चाहो !
तो बोली- ठीक है ! तो फिर चले?
मैने कहा- कहाँ?
तो बोली- खाने !
यार, मैं तो बस बातों से मजा ले रहा था, पर यह तो सच में मजा देने आई थी !
फिर कहती- आज सिर्फ चूमना!
मैने कहा- क्यो जी? आज व्रत है क्या?
तो बोली- नहीं तो !
मैंने कहा- तो क्या बात है?
बोली- कौन्डम है? तो अभी करते हैं ! नहीं तो कल !
तो मैंने कहा- इस कल कल में पता चले कि तुम्हारी शादी हो जाए और तुम चली जाओ यहाँ से !
फिर बोली- है क्या?
मैने कहा- क्या?
तो बोली- कौन्डम !
मैने बोला- है न !
तो बोली- तुम कौन्डम रखते हो? छि-छि !!
मैने कहा- अरे यार, ये मेरा नहीं, मेरे भाई का है ! उन्होंने भाभी के लिए लिया था पर मेरे हाथ लग गया।
तो दोस्तो ! मैंने उसे अपने बेड पे चलने के लिए कहा, तो बोली- मेरे पांव में दर्द है !
मैं उसे गोद में उठा के अपनी बिस्तर पे ले जाने लगा तो उसने मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए।
वाह-वाह-वाह क्या बताऊँ यार ! क्या चूसती है होठ ! मुझे पता नहीं था यार जब कोई लड़की आप के होंठ को चूसे तो इतना आनंन्द आता है।
फिर मैंने आराम से उसे बिस्तर पे रखा और उसका साथ देने लगा और उसके मस्त-मस्त मोम्मे को मसलने लगा। यार दिल तो ऐसा कर रहा था इनको काट के रख लेता हूँ रात को अकेले में दबाऊँगा ! पर क्या करूँ साली काटने थोड़े ही देगी।
दोस्तो वो तो पूरी वासना में डूबी हुई थी और साथ में मेरी हालत तो जैसे मुझे कुछ करने की जरूरत ही नहीं पड़ी। उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी उतारने लगी और बोली- मनीष ! क्या तुम वो करोगे जो मैं करूँगी?
मैंने कहा- आपका औरडर सर आंखों पर मैडम !
तो वो मेरा लन्ड अपने मुँह में लेके चूसने लगी।
वाह ! क्या बताऊँ यार, दिल तो कर रहा था कि इसके मुँह में ही सारा का सारा डाल दूँ पर क्या करूँ यार! वो जो कर रही थी बहुत मजा आ रहा था। मेरा तो एकबार उसके मुंह में ही हो गया।
फिर मैंने कहा- अब मेरी बारी !
मैं उसकी चूत को चाटने लगा और वो क्या आवाज निकाल रही थी यार ! पूरे कमरे में मानो अजीब सी आवाज गूंज रही हो आऽऽ इइइइइ आउ उउउउउउउउउउउ आउउउउउउ आााााा
क्या कहूँ यार! क्या आवाजें थी ! मजा आ रहा था ! यार उसकी आवाज को सुन के !
फिर अचानक वो जोर-जोर से चूत को उछालने लगी, मैं और जल्दी-जल्दी चाटने लगा। फिर उसकी चूत से सफेद पानी निकला और वो शान्त हो गई। फिर मेरे ऊपर आके लेट गई। मैं नीचे से ही अपना लन्ड निकाल के उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा और वो आहहह आहहहहहह करने लगी। फिर उसने मेरा लन्ड अपने हाथ में लेकर चूत के मुँह पे लगा लिया और हिलाने लगी और फिर उस के ऊपर बैठ गई। एक ही झटके में ऐसा लगा मानो मैं स्वर्ग में आ गया। फिर मैं नीचे से उसे पूरा सहयोग देने लगा और वो ऊपर से जोर-जोर से हिलने लगी और आहहहहआहहहहह आहहहहह एएएएएएएहहहहहह करने लगी।
कुछ देर बाद मैं उसके ऊपर आ गया और फिर जोर-जोर से धक्का लगाने लगा। कुछ देर बाद हम दोनों अपनी चरम-सीमा पर पहुँच चुके थे। उस दिन हमने ४ बार काम किया और फिर वो अपने घर चली गई आज की क्लास ले के।
दोस्तो, आप को मेरी कहानी कैसी लगी?
मुझे अवश्य लिखिएगा और अपने सुझाव हमें जरूर बताईएगा। Hindi Sex Stories
मैं शर्मीला हीरो पटना बिहार से एक स्टोरी Sex stories लेके आया हूं। जवान औरत से सेक्स करना और औरत को चोदना हर जवान लड़के का सपना होता है। मेरा भी था कि किसी अल्हड़, मस्त, जवान औरत की गांड और चूत मारी जाये और उसकी गांड में ज़बान डाल कर उसका रस चखा जाये। औरत की भरी-भरी कसी-कसी उठान लिये ब्लाउज़ में कैद दूध से भरी चूचियां हमेशा हिलते हुए मुझे अपनी ओर अकार्षित करती और मैं उनको दबाने के सपनो में खो जाता कि कब ब्लाउज़ के बटन खोल उन चूचियों को आज़ाद करुंगा, ब्लाउज़ के हुक खोल कर, ब्रा को हटा कर, दोनो चूचियां अपने हाथों में लेकर दबाउंगा। कब औरत के बूब्स, स्तन मेरे हाथों में आयेंगे? कब मैं भी उन निप्पलों को मुंह में लेकर पी पाउंगा? मोहल्ले की हर जवान, गोरी, सुन्दर और प्यारी भाभी के बारे में सोचता रात को ये कितना मज़ा लुटवाती होंगी और लंड की सवारी कर रोज़ जन्नत घूमने जाती होंगी। हर भाभी भी मुझसे बहुत घुली-मिली थी, कभी भी कोई काम होता तो उनका ये देवर हमेशा काम करने को तैयार रहता था।
एक बार मेरे एक दूर के भैया हमारे यहां अपनी बीवी के साथ रहने आये। बात एक रात की है कि मुझे गरमी के कारण नींद नही आ रही थी। हम ऐसे ही बाहर आंगन में निकल आ गये। सामने बेडरूम की खिड़की से हल्की ट्यूब लाइट की रोशनी बाहर आ रही थी क्योंकि खिड़की के कांच पर कपड़ा पड़ा था। परन्तु खिड़की का एक दरवाज़ा हल्का टेढ़ा खुला था ताकि साफ़ हवा कमरें में आ जा सके। मैने सोचा ये भैया क्या पढ़ रहे हैं? मैने बस हल्के से दबे पांव पास जाकर खिड़की के नीचे से अन्दर देखा तो मेरी सांस जैसे रुक गयी। भाभी पूरी नंगी होकर पेट के बल लेटी थी और उनकी मस्त, मांसल गांड ऊपर की ओर थी। भैया उनकी पीठ पर सरसों के तेल से मसाज कर रहे थे साथ-साथ वो उनके चुतड़ की भी मसाज कर रहे थे। भाभी हल्के-हल्के मुंह से अह्हह्हह्हह।।।स्सस्सस्स। अह्हह्हह।। कर रहीं थी। ह्हह्हह्हह्हम्मम्मम्म।।म्मम्मम्मम्म।।ऊऊ। और जब भैया तेल लगा कर अपनी उंगली भाभी के चूतड़ को फैला कर गांड में अन्दर घुसा डालते तो भाभी कह उठती, “धीरे-धीरे डालो बाबा दर्द होता है।” भैया लुंगी पहने अपने दोनो हाथो से उनके ऊपर जांघो पे बैठ कर दोनो चूतड़ों की मालिश कर रहे थे। गांड की मालिश से भाभी बहुत खुश नज़र आ रही थी। भाभी के उल्टा हो लेटने से मैने देखा, कि भैया हल्के से लेट कर पीछे से उनकी गांड में अपनी ज़बान भी लगा रहे थे, जिस से भाभी आआह्हह।।। ऊ।। करती जाती फिर पीछे से ही भैया ने भाभी के जांघों को को फैलाया जिससे उनकी चूत भी दो फांकों में बंट गयी और Sex stories
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.