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चीटिंग वाइफ सेक्स कहानी में मेरी बीवी एक गैर मर्द से चुदी और उसने अपनी चूत का भोसड़ा बनवा लिया. मेरी बीवी ने एक नौकरी कर ली और वहां उसे एक आदमी ने पटा कर चोद दिया.
दोस्तो,
मेरा नाम शुभम है.
मेरी बीवी नेहा बहुत सेक्सी लगती है. उसकी उम्र 25 साल है और फिगर 34-28-36 का है.
मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ और वह भी मुझे बहुत चाहती है.
पर जब समय बदलता है तो यही प्यार किस तरह से नफरत में बदल जाता है और उसी नफरत के चलते इंसान अपना काफी कुछ नुकसान कर लेता है.
ये सब हम दोनों के जीवन में भी हुआ और उसी के बाद से जीवन में क्या बदलाव आ गया. वह सब मैं आपके सामने लिख रहा हूँ.
वैसे तो मेरी बीवी एक बहुत ही सीधी-सादी औरत है. वह मेरी मर्जी के बिना किसी गैर मर्द से बात तक नहीं करती थी.
हुआ यूं कि एक दिन हम दोनों पति पत्नी के बीच आपस में किसी बात को लेकर पैसों के लिए झगड़ा हो गया.
तब मैंने क्रोध में उससे कह दिया- तुम अपने लिए कोई जॉब तलाश कर लो और तुम अपना खर्च खुद ही निकाल लिया करो.
उसने भी उस समय तैश में आकर कह दिया- हां मैं खुद ही अपना जीवन चला सकती हूँ. मुझे तुम्हारे सहारे की कोई जरूरत नहीं है.
ये जरा सी बात इतनी ज्यादा बढ़ गई कि हम दोनों में बोलचाल बंद हो गई.
वह दूसरे दिन से अपने लिए जॉब ढूंढने लगी.
किस्मत से उसे दो ही दिन में जॉब भी मिल गयी.
वह घर से दूर कहीं ‘डी मार्ट …’ में काम करने लगी.
इस चीटिंग वाइफ सेक्स कहानी की नींव इसी जॉब से पड़ी.
कुछ दिन बाद उसके साथ जो वाकया हुआ, वह उसने मुझे बताया और उसी के बताए अनुसार मैं इस सेक्स कहानी को आपके साथ साझा कर रहा हूँ.
जब मेरी बीवी की जॉब लगी तो मुझे कुछ अहसास हुआ कि यार ये मेरी बीवी ही तो है … और ये एकदम सीधी सादी भी है, कहीं किसी हरामी के चक्कर में पड़ गई तो चूत की मां चुदवा लेगी.
मेरी सोच गलत नहीं निकली; उसके साथ यही हुआ.
अब उसने मुझे जो बताया वह लिख रहा हूँ.
एक दिन वह अपने ऑफिस में कुछ सामान रख रही थी.
वहीं एक अजनबी आदमी से टकरा गयी और उसका पैर फिसल गया.
परंतु उस आदमी ने उसकी कमर पकड़ कर उसे गिरने से बचा लिया.
मेरी बीवी उसे थैंक्स बोल कर चली गयी.
वही आदमी दूसरे दिन उससे फिर से मिला.
मेरी वाइफ ने उससे पूछा- आप यहां?
उसने बताया कि वह यहीं ऊपर की फ्लोर पर काम करता है.
अब मेरी पत्नी उससे बात करने लगी, उसके साथ उसकी दोस्ती परवान चढ़ने लगी.
वह आदमी जब भी आता, मेरी बीवी से बात करने लगता और हालचाल पूछने लगता.
ऐसे ही उनके बीच मामला बढ़ने लगा.
एक दिन उस आदमी ने फ़ेसबुक पर मेरी वाइफ को फ्रेंड लिस्ट में जोड़ने का मैसेज किया.
मेरी वाइफ उसकी रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली और अब उन दोनों में रोज बात होने लगी.
उस समय तक मेरी बीवी मुझसे नाराज चल रही थी … और मैं भी उससे बात नहीं कर रहा था.
हम दोनों की अनबन का नतीजा ये निकला कि जहां हम दोनों हफ्ते में पाँच दिन चुदाई करते थे, वहीं हमारी चुदाई को लड़ाई ने खत्म सा कर दिया था.
उसी के परिणाम स्वरूप हमारे अन्दर भी चुदास चरम पर थी और लग रहा था कि कोई भी चुदाई के लिए साथी मिल जाए.
वही स्थिति मेरी बीवी की भी थी, तो जैसे ही उस आदमी ने मेरी बीवी को लाइन मारना शुरू की, मेरी बीवी धीरे धीरे उसकी तरफ झुकने लगी.
उन दोनों में फेसबुक के जरिए लंबी लंबी बातें होने लगीं.
उसने मेरी बीवी से उसका नंबर भी ले लिया और अब सीधे फोन पर बात होने लगी; व्हाट्सैप के जरिए फ़ोटो शेयर होने लगीं, हल्के फुल्के जोक्स से बात शुरू होकर एडल्ट जोक चलने लगे.
अब उन दोनों में देर रात तक बातें होने लगीं और इस सबका नतीजा ये निकला कि वीडियो चैट चालू हो गयी.
धीरे धीरे वह अपने सेक्सी पोज वाले फोटो भेजने लगा.
चूंकि वह जिम जाता था, इसलिए उसका शरीर काफी गठीला और भरा हुआ था.
मेरी बीवी भी उससे खुलने लगी थी और उसके साथ ऑफिस में खुल कर घूमने लगी थी. उन दोनों का लंच साथ में होने लगा था.
उसी दौरान उन दोनों में एक दूसरे को छूना चूमना भी शुरू हो गया था.
ये सब इतनी तेजी से हुआ था कि कुछ ही दिनों में मेरी बीवी उस आदमी से सैट हो गई थी.
अब जब भी वे ऑफिस में मिलते तो वह मेरी बीवी के पास चला जाता और लोगों की निगाहों से छुप कर उसके बूब्स दबा देता.
मेरी बीवी भी साइड में होकर उससे अपने दूध मसलवा लेती और खुद भी उसका लंड मसल देती.
एक दिन उसने मेरी बीवी को अकेले में मिलने के लिए अपने केबिन में बुला लिया.
परंतु उसके ऑफिस में सभी थे, इसलिए वह उससे नहीं मिल सकी.
दूसरे दिन रविवार था तो मेरी बीवी की छुट्टी थी.
उसने मेरी बीवी को मिलने आने के लिए बुलाया.
मेरी बीवी भी किसी मर्द का सानिध्य पाने के लिए बेचैन थी.
उस दिन शनिवार था.
मेरी बीवी ने शनिवार की शाम को मेरे सामने फोन पर बात करते हुए मुझे ये जताया कि संडे को वह ऑफिस आ जाएगी.
हालांकि उसने फोन पर बड़ी नाराजगी जताते हुए आने की हामी भरी थी कि हफ्ते में एक ही तो दिन मिलता है, उस दिन भी चैन नहीं लेने देते आप लोग!
मैंने भी यही समझा कि वाकयी में मेरी बीवी को ऑफिस जाना है इसलिए मैंने भी कुछ नहीं कहा.
फिर उसने व्हाट्सैप पर अपने उस ब्वॉयफ्रेंड बन चुके आदमी से कहा- आप मेरे घर के पास वाले पार्क के आगे वाले मोड़ पर आ जाना.
उसने कहा- ठीक है, मैं आ जाऊंगा और तुमको मैं वहीं से ले लूँगा.
मेरी बीवी भी उससे मिलने को लेकर बड़ी खुश थी.
दूसरे दिन सुबह से ही मेरी बीवी ने कुछ अलग सा मेकअप किया और वह एक हॉट माल बन कर उसको बताए पते पर पहुँच गयी.
उधर से वह आदमी मेरी बीवी को अपनी बाइक पर बिठा कर रेस्टोरेंट में ले गया.
वहां उन्होंने नाश्ता करते हुए बातें की और किसी दूसरी जगह के लिए जाने लगे.
रास्ते में उसने अपनी बाइक रोक कर मेरी बीवी को रुकने का कहा.
वह एक मेडिकल स्टोर की दुकान पर गया.
वहां से उसने सेक्स की गोली और कंडोम का पैकेट ले लिया.
अब वे दोनों फिर से आगे निकल गए.
रास्ते में ही उसने पानी लेकर वह गोली खा ली और बाइक से जाकर एक होटल के सामने रुक गए.
उसके बाद उसने मेरी बीवी की कमर में हाथ डाल कर उसे पकड़ा और अन्दर आ गए.
वहां उसने काउंटर पर आईडी दिखाई और 500 का नोट देकर कमरे की चाभी हासिल की.
वह चाभी लेकर मेरी बीवी के साथ रूम में आ गया.
उधर मेरी बीवी बाथरूम गयी, तब तक उसने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और अपनी पैंट उतार कर एक तौलिया लपेट लिया.
कुछ देर बाद मेरी बीवी बाथरूम से बाहर आई तो उसने मेरी बीवी को गोद में उठा लिया.
मेरी बीवी उसकी गोद में आकर बड़ी खुश थी.
वे दोनों एक दूसरे को चूमने लगे थे.
उसने मेरी बीवी को बेड पर ले जाकर लेटा दिया और वह मेरी बीवी के ऊपर चढ़ कर उसके मम्मों को दबाने लगा.
मेरी बीवी पहले से चुदासी थी, उसके मम्मों को मर्द के हाथ से दबने से वह गर्म होने लगी.
फिर उस आदमी ने मेरी बीवी का ब्लाउज और ब्रा उतार दिया.
वह उसके एक दूध को पकड़ कर दबाने लगा और दूसरे दूध को पीने लगा.
मेरी बीवी आह आह करने लगी.
फिर उसने मेरी बीवी की साड़ी और पेटीकोट भी निकाल दिया.
वह मेरी बीवी की पैंटी की साइड से उसकी चूत में अपनी उंगली पेलने लगा और चूत के दाने को रगड़ने लगा.
कुछ ही पलों के बाद उसने मेरी बीवी की पैंटी भी उतार दी और उसके पैर फैला कर उसकी चूत के पास जाकर उसकी चूत चाटने लगा.
मेरी बीवी कामुक सिसकारियां लेने लगी और अपना सर इधर उधर पटकने लगी.
जब तक मेरी बीवी झड़ नहीं गयी, तब तक वह चूत चाटता रहा.
फिर उसने मेरी बीवी को पास में बिठाया और उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया.
मेरी बीवी उसका लंड हिलाने लगी.
उसने मेरी बीवी को अपनी चड्डी उतारने को कहा.
मेरी बीवी ने उसकी अंडरवियर उतार दी.
चड्डी हटते ही उसका फनफनाता हुआ लंड बाहर आ गया.
उसके लौड़े को देख कर मेरी बीवी डर गयी. क्योंकि उसका लंड ज्यादा लंबा और गोलाई में मोटा था.
मेरी बीवी अपने आपको उससे दूर हटाने लगी.
उसने मेरी बीवी को खींच कर अपने सीने पर लेटा लिया.
मेरी बीवी कुछ देर में उसके नीचे सरकने लगी और उसका मूसल जैसा लंड देखने लगी.
वह मेरी बीवी के मुँह में अपना लंड डालने लगा.
परंतु मेरी बीवी ने मुँह नहीं खोला.
तो उस आदमी ने मेरी बीवी की नाक दबा दी, जिसके कारण सांस लेने के लिए जैसे ही बीवी ने मुँह खोला, उसने तुरंत अपना लंड मुँह में पेल दिया.
उसी के साथ वह ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा.
मेरी बीवी गों गों करती हुई उसका लंड चूसती रही और दस मिनट में वह मेरी बीवी के मुँह में ही झड़ गया.
फिर उसने दुबारा से मेरी बीवी की चूत चाटी और मेरी बीवी उसके लंड के साथ खेलने लगी.
थोड़ी ही देर में उसका लंड वापस खड़ा हो गया.
अब उसने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया … परन्तु कंडोम भी उसके लंड के आधा ही कवर कर पा रहा था.
उसने गुस्से में कंडोम को निकाल कर फेंक दिया और बाथरूम में रखी तेल की शीशी उठा लाया.
उसने अपने लंड पर बहुत सारा तेल लगा लिया और मेरी बीवी की चूत पर भी लगा दिया.
मेरी बीवी की डर के मारे हालत खराब हो रही थी.
अब सब सैट हो गया था, उसने अपना लंड मेरी बीवी की चूत पर लगा कर उसके पैरों को अपने पैरों से जकड़ लिया, उसका हाथ अपने हाथों में लेकर एक धक्का मारा.
मेरी वाइफ की चूत में उसका लंड घुस गया और वह ज़ोर से चिल्लाने लगी.
उसकी आंखों से आंसू आ गए थे.
तभी उसने एक धक्का और मार दिया, जिससे उसका 4 इंच लंड घुस गया.
मेरी बीवी अपने आपको छुड़ाने लगी, परन्तु उसने जकड़ कर रखा था.
अगला धक्का उसने और ज़ोर से मारा, तो उसका लंड 5 इंच अन्दर घुस गया.
मेरी बीवी तड़पने लगी.
अब उसने अंतिम धक्का मारा, तो पूरा लंड चूत में चला गया.
वह उसके ऊपर लेटकर चोदने लगा.
मेरी बीवी चिल्लाती रही, रोती रही मगर वह कुछ नहीं सुन रहा था.
दस मिनट बाद मेरी बीवी भी उसका साथ देने लगी और वह ज़ोर ज़ोर से चुदाई करने लगा.
फिर मेरी बीवी झड़ गयी.
उसने उसे अपनी गोद में उठाया और झूला झूलते हुए चोदने लगा.
वह पोज बदल बदल कर मेरी बीवी को चोद रहा था, कभी उसकी टांग उठा कर चोदता, तो कभी घोड़ी बना कर पेलता.
उसने दवाई भी खायी हुई थी तो उसका लंड झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था.
बहुत देर तक उसने मेरी बीवी की चूत चुदाई की और उसके बाद उसने पूरा माल मेरी बीवी की चूत में भर दिया.
झड़ने के बाद वह मेरी बीवी के ऊपर ही गिर गया और धीरे धीरे उसका लंड ढीला होकर चूत से बाहर आ गया.
बीवी की चूत में से उसका पानी और खून निकल रहा था.
उसके बाद वह दोनों बाथरूम गए. वहां भी उसने मेरी बीवी को खूब चोदा.
मेरी बीवी थक कर बिस्तर पर गिर गयी और उसकी चूत फट कर भोसड़ा बन गयी.
चार घंटे बाद वे दोनों कपड़े पहन कर घर की ओर निकल गए.
अब जब भी उस आदमी का मन करता है तो वह मेरी बीवी को चोदता है; कभी होटल में, कभी अपने घर ले जाकर वह उसकी चुदाई करता है.
यह थी मेरी बीवी की चुदाई की कहानी, जो मेरी बीवी ने बाद में मुझे बताई.
अगली सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊँगा कि मेरी बीवी किस तरह से बड़े लंड से चुदने की आदी हो गई और कैसे दूसरे मर्दों से चुदवाने लगी.
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दोस्तो! मैं मोहित आगरा से। एक सच्ची कहानी Sex Stories बताने जा रहा हूं।
10 साल पहले जब मैं 19 साल का था, मेरे दूर के रिश्ते में चाचा चाची बरेली में रहते थे।
एक दिन पता चला कि वो हमेशा के लिये आगरा में आ गये हैं।
मैं और घर के सभी लोग उनसे मिलने गये।
लगभग 1 साल पहले उनकी लव मैरिज हुई थी पर कोइ बच्चा नहीं हुआ।
चाची की उमर 30 साल होगी।
मैंने चाची को देखा तो देखता ही रह गया।
लम्बी, गोरी चिटटी चाची का भरा बदन, चौड़ी कमर, बाहर निकले उत्तेजक हिप्स और ब्लाउज से बाहर झांकते बड़े-बड़े स्तन मेरे मन में हलचल मचाने लगे।
मेरे मन में उनको नंगी देखने और चोदने का ख्याल आने लगा।
मेरे चाचा अपना व्यापार करने की सोच रहे थे।
मैं अक्सर उनके घर आया जाया करता था। मैं चाची से खूब घुल मिल गया था और वो भी मेरा काफ़ी ख्याल रखती थी।
एक दिन चाचा को बाहर जाना था तो चाची बोली कि उन्हें रात को अकेले में डर लगेगा।
चाचा ने मेरी मां से बात की तो मां ने मुझे कहा- तुम रात को चाची के पास सो जाया करो।
मैं रात को 9 बजे चाची के पास पहुंच गया।
चाची बोली- मोहित, तुम्हारे लिए अलग बिस्तर लगायें या तुम मेरे साथ ही सो जाओगे?
मैंने कहा- जैसा आप ठीक समझें। मैं तो कहीं भी सो जाऊंगा।
चाची बोली- तो तुम इसी बिस्तर पर सो जाना।
फ़िर चाची अपने काम में लग गयी।
रात को 10 बजे चाची कमरे में आयी और साड़ी उतारते हुए बोली- मोहित, तुम अखबार पढ रहे हो, मैं सो रही हूं, जब तुम्हें नीन्द आये तुम सो जाना।
थोड़ी देर में मैंने लाईट बंद की और लेट गया।
मुझे नींद नहीं आ रही थी।
काफ़ी देर बाद चाची उठकर लाईट जला कर बाथरूम गयी और वापिस आकर लेट गयी।
मैं जाग रहा था लेकिन आंखें बंद करके लेटा था।
कुछ देर बाद चाची बोली- मोहित तुम सो रहे हो?
मैंने अचानक जगने का बहाना किया और बोला- क्या हुआ चाची?
चाची एकदम मुझ से लिपट गयी और बोली मुझे डर लग रहा है।
मैंने कहा- डर कैसा?
पर मुझे करंट सा लगा जब उनके बूब्स मेरी छती से छुये।
उनकी एक टांग मेरे ऊपर थी।
मैंने भी उनकी टांग पर एक पैर रख दिया और उनकी पीठ पर हाथ रखते हुए कहा- सो जाओ चाची।
चाची धीरे धीरे मेरी बांहों में सिमटती जा रही थी और मुझे मजा आ रहा था।
धीरे से मैंने उनके हिप्स पर हाथ रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा।
चाची को मजा आ रहा था।
फ़िर चाची सीधी लेट गयी और मेरा हाथ अपने पेट पर रखते हुए कहा- तुम मुझ से चिपट कर सोना, मुझे डर लग रहा है।
अब मैं भी उनसे चिपट गया और उनके बूब्स पर सिर रख लिया।
मेरा लन्ड खड़ा हो चुका था।
मैं धीरे धीरे उनका पेट औए फ़िर जांघ सहलाने लगा।
तभी चाची ने अपने ब्लाउज के कुछ हुक खोल दिये यह कह कर कि बहुत गर्मी लग रही है।
अब उनके निप्पल साफ़ नज़र आ रहे थे।
मैंने बूब्स पर हाथ रख लिया और सहलाने लगा।
अब मेरी हिम्मत बढ चुकी थी। मैंने उनके बूब्स को ब्लाऊज से निकाल कर मुंह मे ले लिया और दोनो हाथों से पकड़ कर मसलते हुए उनका पेटीकोट अपने पैर से ऊपर करना शुरु कर दिया।
वह बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने जोश में कहा- चाची आज मत रोको मुझे!
उनकी गोरी गोरी जांघों को देख कर मैं एक दम जोश मे आ चुका था। उनकी चूत नशीली लग रही थी।
मैंने उनकी चूत को चाटना शुरु कर दिया।
मैं पागल हो चुका था।
मैंने अपने पैर चाची के सिर की तरफ़ कर लिये थे।
चाची ने भी मेरी नेकर को नीचे कर लिया और मेरा लन्ड निकाल कर चूसने लगी।
वह मुझे भरपूर मजा दे रही रही थी।
कुछ देर बाद चाची मेरे ऊपर आ गयी और मैं नीचे से चूत चाटने के साथ साथ उनके गोरे और बड़े बड़े हिप्स सहलाने लगा।
चाची की चूत पानी छोड़ गयी।
अब मैं और नहीं रह सकता था, मैं उठा और चाची को लिटा कर, उनकी टांगें चौड़ी करके चूत में लन्ड डाल दिया और चाची कराहने लगी।
मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा।
चाची ने मुझे कस के पकड़ लिया और कहने लगी- मोहित एसे ही करो, बहुत मजा आ रहा है, आज मैं तुम्हारी हो गयी, अब मुझे रोज़ तुम्हारा लन्ड अपनी चूत में चाहिये. एएऊउ स्स स्सी स्स्स आह्ह्ह ह्म्म आय हां हां च्च उई म्म मा।
कुछ देर बाद मेरे लन्ड ने पानी छोड़ दिया और चाची भी कई बार डिस्चार्ज हो चुकी थी।
उस रात मैंने तीन बार अलग अलग ऐन्गल से चाची को चोदा।
चाची ने भी मस्त हो कर पूरा साथ दिया।
तब से जब भी चाचा बाहर जाते तो हम दोनो रात को खूब मजे करते।
हमारा यह रिश्ता दो-तीन साल तक चला।
इसी बीच चाची ने एक लड़का और एक लड़की को जन्म दिया।
चाची ये दोनो मेरे ही बच्चे बताती हैं और यह बात कोइ और नहीं जानता।
कैसी लगी मेरी सच्ची कहानी? Sex Stories
सबसे पहले तो मैं अन्तर्वासना Hindi Sex Stories का धन्यवाद करना चाहता हूँ मेरी नियमित रूप से कहानी छापने के लिये!
मैं कहानियाँ लिखता भी रहा हूँ और पढ़ता भी रहा हूँ पर नेहा वर्मा की कहानी मुझे बहुत अच्छी लगती है।
मैंने अपको अपनी पिछली कहानी
लव स्टोरी 2008
में बताया कि किस तरह से उस लड़की ने मुझे मिलने के लिये तड़पाया और मुझे बाद में छोड़ के भी चली गई उसे भुला तो मैं नहीं पाया था लेकिन जिन्दगी जीना सिखा ही देती है।
उसके बाद मैं कई दिनों तक चूत की तलाश में बेचैन रहा और किसी को पाना चाहता था।
ऐसे में मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया कि आजकल तो लड़कियाँ पैसे देकर करवाती हैं और तू ऐसे तड़प रहा है!
तो मैं उसके सुझाव को सही मान कर उसकी बातों में आ गया और लौट गया मस्ती की दुनिया में फिर से!
उसने मुझे एक शादीशुदा अमीरजादी का नम्बर दिया जो पैसे देकर करवाती थी।
मैंने भी हिम्मत कर के उससे फोन पे बात की।
उसने मुझे अपने घर पर मौज-मस्ती के लिये बुला लिया।
वो दिल्ली के एकदम पॉश इलाके में रहती थी, शानदार गाड़ी उसके घर के बाहर देख कर मैंने सोचा कि बहुत ही मालदार और सेक्सी होगी।
खैर मालदार तो थी लेकिन सेक्सी के नाम पर धब्बा! देखने में एकदम लटकी हुई काया उसकी!
मेरा तो मुंह जैसे एकदम से उतर ही गया कि चूत की तलाश में मैं कहाँ फंस गया.
मैंने मन ही मन अपने दोस्त को बहुत ही गालियाँ दी- साले ने कहाँ फँसा दिया!
उसने मुझे बहुत ही प्यार से अन्दर बुलाया।
उसका घर बहुत शानदार था, देख के मैंने उसके घर की तारीफ की।
इस पर उसने मुझे अजीब से तरीके से देखा जैसे वो कुछ और चाहती थी और मैने बोल दिया कुछ और!
तब मुझे एकाएक याद आई कि किसी भी औरत के सामने उसके अलावा और किसी भी चीज की तारीफ नहीं करनी चाहिए।
मुझे उस लड़की के प्यार ने जैसे पागल ही बना दिया था (लव स्टोरी २००८ वाली) कि मैं उसकी तारीफ ही करना भूल गया।
तो मैंने बात को सम्भालते हुए कहा- लेकिन आपकी साड़ी से कम!
तो इस पर वो हँस पड़ी।
पता नहीं- पहली बार मुझे सेक्स करने का मन नहीं कर रहा था मगर सेक्स मेरी जरुरत भी बन गया था।
लेकिन उसके बेडौल शरीर के बावजूद गजब की अदाएँ थी उसकी।
वो बहुत बल खा के चल रही थी और बहुत ही हंसमुख भी थी, बात बात पर हंसती थी और मेरी तो चुटकुले छोड़ने की तो आदत है ही बात बात पर चुटकुले!
उसने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी थी जो मुझे बेचैन कर रही थी। मैं ये सब सोच ही रहा था कि वो मेरे लिए शेक बना लाई।
मैंने जान कर खुश होकर शेक उसके हाथ से पीने की इच्छा जाहिर की।
वो झट से मान गई, जैसे वो तो यही चाहती हो और अब तक उसके हाथों में थोड़ी सी हलचल भी होने लगी थी।
मेरा जबरदस्त शरीर देख कर वो बहुत ही लालयित हो गई थी और शायद थी बहुत बेचैन कुछ पाने के लिये!
मैंने झट से शेक खत्म किया और उसके गुंदाज बदन को ध्यान से देखा तो लगा कि शायद यह मेरा एक अनमोल अनुभव रहने वाला है।
उसे देख कर मैं एक दम से जंगली हो गया।
मैं उसे नीचे बैठा कर उसके बाल पकड़ कर एकाएक उसके उभारों को दबाने लगा।
उसकी आँखों में गजब की प्यास थी, एकदम भूखी शेरनी की तरह!
अब मुझे कुछ महसूस हो रहा था कि जैसे अब मैं तैयार हो गया हूँ कुछ करने के लिये! मेरे अंदर एक वहशीयत सी आ गई है, मैं उसे रौंदना चाहता हूँ अपने पूरे जोर से, ताकत से, मस्ती से!
यह एक नये एहसास जैसा था कि मैं एक अपने से बड़ी उमर की औरत के साथ अपनी हवस पूरी करने जा रहा हूँ।
पर मैं यह सब सोच ही रहा था कि मेरी पैंट की जिप खुल चुकी थी।
मैंने यह सब करने से पहले उसे उठा कर अपनी ओर खींचा और उसके होठों को चूमना शुरु कर दिया और उसका बालों को खोल दिया।
मुझे उसके साथ खेलने में मजा आ रहा था।
उसके स्तन क्या बताऊँ, एकदम कप साइज के थे।
मुझे यह सब महसूस करके अच्छा लग रहा था।
वो अब तक मेरे लण्ड पर कब्जा बना चुकी थी उसकी साड़ी देख कर मेरे अन्दर का दुःशासन जाग गया और मैंने एकाएक उसकी साड़ी खींचनी शुरु कर दी।
हा हा हा वो एक दम सविता भाभी डॉट काम की हीरोइन लग रही थी सिर्फ़ चड्डी में!
मुझे यह देख कर एक मस्ती सूझी, मैंने उसकी लिपस्टिक पौंछ दी और अपने लण्ड पे लिपस्टिक लगा कर उसे चूसने के लिये कहा।
मैंने देखा कि वो भी इन सब चीजों का मजा ले रही है और बहुत हंस भी रही है।
तुम अज़ीब दीवाने तो हो ही, मूडी भी हो! अभी थोड़ी देर पहले तक मूड खराब सा लग रहा था और अब मस्ती सूझ रही है?
मैंने चुपके से उसकी पैंटी खींच दी … हहह हहह हहहह! मस्त चिकनी चूत थी उसकी एकदम! मक्खन जैसी नाजुक!
उसे मैंने हल्के से चिकोटी काटी, वो झट से मेरी गोद में आकर बैठ गई।
अब मुझे भी मस्ती छाने लगी थी। मैंने पास में रखा हुआ बनाना-शेक उसके ऊपर थोड़ा उलटा दिया और उसे बेतहाशा चूमने चाटने लगा। उसे मेरा ये स्टाइल अच्छा लगा और उसने भी अपनी आह उह से मेरा स्वागत किया। मुझे इस बात पर जोश छाया और मैंने उसे औंधा लेटा दिया और उसके ऊपर सारा बनाना-शेक पलट दिया उसे ठंडक का एहसास होने लगा और वो मेरी बाहों में आकर लिपट गई। मैं अब उसके सांसों की गरमी महसूस कर सकता था।
मैंने अब उसे धक्का देकर बेड पर लेटा दिया वो अब मेरे इरादे समझ चुकी थी तो उसने भी देर ना करते हुए अपनी टांगें फैला दी.
मैं सीधा आकर उसकी टांगों के बीच बैठ गया और कुछ करने से पहले उसकी गांड में उंगली घुसा दी।
वो सिहर उठी।
अब मैंने देर ना करते हुए जल्दी से काँडम चढ़ा लिया और उसके यौन-मंडल पर अपना लिंग रख दिया और धीरे से अंदर सरका दिया।
उसके मुख-मंडल पर नशे की लहर दौड़ उठी।
मैं थोड़ी देर वैसे ही रहा और उसके मुँह में उँगली घुसा दी वो मेरी उँगली को चूसने लगी।
मुझे और उसे दोनों को मजा आने लगा।
मैंने उँगली उसके मुंह से निकाल कर फिर से उसकी गाँड में डाल दी और धीरे धीरे उसकी चूत को चोदने लगा।
वो अब एकदम मदहोश हो गई।
मैंने एक हाथ उसकी गरदन के नीचे लगा दिया और जोर से धक्के लगाने लगा। वो जल्दी ही झड़ गई। थोड़ी देर में मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी और झड़ गया।
अब मैं उसके साइड में आकर लेट गया, वो काफी खुश लग रही थी।
मुझे नहीं पता था कि एक औरत मुझे इतना मजा दे सकती है।
उसकी कोमलता एक लड़की से ज्यादा थी और गरमी एक आग की भट्टी से ज्यादा!
मैंने उसके अंदर अपने प्यार को तलाशना चाहा और आशिकों की तरह ही उसे प्यार किया लेकिन बावजूद इसके, उसने मुझे पैसो में तोलना चाहा। पर क्या प्यार का कोई मोल हो सकता है?
मैंने उससे पूछा- क्या तुम्हें मजा आया?
उसने हामी भर दी तो मैंने कहा- सपनों में आकर तो सब चोद जाते है, हम तो वो है जो खुली आँखों में चुदने के सपने छोड़ जाते हैं। अगर खुशी हुई है तुझे तो पैसो में ना तोल मेरी मुहब्बत को! हम वो नहीं जो नोटों के लिये पैमाने छोड़ जाते हैं।
बस यह कह कर मैं वहाँ से चला आया फिर से नई चाह में, नये साथी की तलाश में!
अब मैंने भी ठान लिया है कि तेरे हसीन चेहरे को दूसरों में खोजता रहूंगा और अगर ना मिली तू तो तेरी चाह में दूसरी को चोदता रहूँगा।
तू इस जहाँ में नहीं तो उस जहाँ में मुझे मिलेगी और ना मिली तो तेरी बातें सोचता रहूँगा। Hindi Sex Stories
दोस्तो, यह मेरी पहली Antarvasna कहानी है अन्तर्वासना पर ! मैं यहाँ दूसरों की कहानियाँ पढ़ने में काफी समय बिताता हूँ। इतना पढ़ने के बाद आज मेरा भी मन किया कि कुछ लिखा जाए तो यह कहानी आपके लिए लाया हूँ। सच है या काल्पनिक इसका फैसला मैं आप पर छोड़ रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आएगी।
मेरा नाम रोहित है उम्र 20 साल, कद करीब 5′ 9″, देखने में भी ठीक हूँ और मेंरे लंड की लम्बाई 6″ है। मैं हमेशा से पढ़ाई में अच्छा रहा हूँ जिस कारण मुझे काफी अच्छा कॉलेज मिला जहाँ से मैं इंजीनियरिंग कर रहा हूँ, तीसरे वर्ष में ! मैं घर साल भर में दो तीन बार ही आ पाता हूँ। मेरे घर में मेरे अलावा मुझसे तीन साल बड़ी मेरी बहन है जो हॉस्टल में रहती है और मम्मी पापा हैं। मम्मी एक सरकारी विद्यालय में अध्यापिका हैं और मेरे पापा एक बैंक मेनेजर हैं।
मेरी छुटियाँ होने ही वाली थी जब मेरी मम्मी ने फोन पर मुझे हमारे नए पड़ोसियों के बारे में बताया। मेरी मम्मी उनको लेकर काफी खुश लग रही थी और बता रही थी कि वो लोग दोस्ताना स्वाभाव के हैं और मेरी मम्मी के काफी अच्छे दोस्त भी बन गए हैं। कुछ ही दिनों में मैं दो महीनों के लिए अपने घर आया। मम्मी ने बताया कि आंटी मुझसे जल्दी से जल्दी मिलना चाहती हैं इसलिए मैं अगले ही दिन उनके घर चला गया और मुझे उस परिवार से मिलने का पहले मौका मिला।
परिवार छोटा ही था जिसमें सिर्फ भाई बहन और मम्मी पापा थे। बहन का नाम आस्था था और उसके भाई का रोहण। आस्था करीब 19 साल की होगी और रोहण 10 साल का। आंटी ने मेरा उनसे परिचय करवाया और बताया कि आस्था भी इंजीनियरिंग के दूसरे साल में है।
आस्था 19 साल की एक मस्त लौंडिया थी जिसको देखते ही मुँह में पानी आ जाये, गोरा रंग, बी-कप वक्ष, मस्त गांड और कद 5’5″। जब वो चलती थी तो उसकी बड़ी गांड देखने में बड़ा मजा आता और मन करता कि अभी कुतिया बना कर चोद डालूँ साली को।
आस्था और रोहण मेरे घर मेरी मम्मी के साथ बैडमिन्टन खेलने रोज शाम को आया करते थे। मैं भी उनके घर कभी कभार चला जाता था पर सिर्फ आंटी से ही बात कर रह जाता था। फिर एक दिन हुआ यूँ कि मेरे मम्मी-पापा घर पर नहीं थे। हमारी रिश्तेदारी में किसी के यहाँ लड़का हुआ था तो इसी खुशी में पार्टी थी। मम्मी-पापा वहीं गए थे। आस्था और रोहण घर खेलने के लिए आये पर मेरी मम्मी को न देखकर आस्था ने मुझसे उनके बारे में पूछा।
मैंने उसे बताया- मम्मी-पापा पार्टी में गए हैं।
अब उसे खेलने के लिए एक पार्टनर की जरुरत थी तो उसने मुझसे खेलने के लिए कहा।
मेरे मन में ठरक तो पहले से ही उठी थी तो मैंने मौके का फायदा उठाने का सोचकर बोला- अभी बाहर धूप है, कुछ देर में खेलते हैं और अभी तुम अंदर आ जाओ।
वो अंदर आ गई मगर उसका भाई बाहर ही कुछ खेलने लगा।
वो जब अंदर आई तो मेरा कंप्यूटर चालू था, डेस्कटॉप देखकर उसने कहा- यह क्या लगा रखा है?
डेस्कटॉप पर एक गन्दा सा वालपेपर लगा था। वालपेपर अश्लील नहीं था मगर एक बदसूरत कुत्ते का था। तब मैंने उसे कुर्सी पर बैठने को बोला और कहा- बेब्स फोल्डर में जाकर तुम अपनी मनपसंद का वालपेपर लगा दो।
यह कहकर मैं जानबूझ कर वहाँ से रसोई में चला गया। बेब्स फोल्डर में बहुत सारी नग्न और बहुत ही सेक्सी तसवीरें थी। जब मैं वापिस आया तो मैंने देखा कि वो उन तस्वीरों को जल्दी जल्दी बदल कर देख रही है।
मैंने कहा- शरमाने की कोई बात नहीं है, तुम इन्हें आराम से देखो।
यह कहकर मैंने उसे कुर्सी से उठाया और खुद बैठ जाने पर उसको अपने टांगों के बीच की जगह में कुर्सी पर बैठा लिया। वो मेरी गोद में तो नहीं थी पर मेरा लंड उसकी गांड से टकरा रहा था और हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था।
मैंने अब अपना हाथ उसकी कमर पर घुमाना शुरू किया जिसका उसने कोई ऐतराज़ नहीं किया। कुछ देर बाद उसने मुझे शरमाते हुए ब्लू फिल्म देखने की इच्छा बताई मगर मेरे कंप्यूटर में न होने के कारण मुझे उसे मना करना पड़ा।
कुछ देर में हमें एहसास हुआ कि शायद रोहण आ रहा है तो वो खड़ी हो गई और मुझे फोल्डर बंद करने को बोला। मैंने उसे बंद किया और हम लोग बाहर जाकर बैडमिन्टन खेलने लगे और फिर कुछ देर बाद अँधेरा होने पर मेरे मम्मी पापा आ गए और आस्था, रोहण भी अपने घर चले गए।
अगले दो चार दिन मुझे वो दिखाई नहीं दी पर मैं इस बीच कुछ मसालेदार नग्न फिल्में ले आया था। अगले दिन मैं बाहर जा रहा था तो वो मुझे मिली, उसने बताया कि उसके पेपर आ गए है इसलिए तैयारी करने में उसका सारा समय निकल जाता है।
हमने कुछ देर और बातें की, उसने मुझे अगले दिन दोपहर में अपने घर आने को बोला, उसके मम्मी पापा कहीं जाने वाले थे और रोहण स्कूल। मैं उस रात भर उसकी चूत के बारे में सोचता रहा और मुठ मार कर सो गया।
अगले दिन करीब एक बजे मैं उसके घर पहुंचा। उसने दरवाजा खोला और उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। वो काले रंग के सलवार कमीज़ में थी और बहुत मस्त माल लग रही थी। फिर क्या था मैं अंदर घुसा और उससे जा चिपका। मेरे दोनों हाथ उसकी गर्दन पर पहुँच गए और होंठ उसके होंठों को चूसने लगे। मेरे हाथ अब कभी उसके वक्ष पर जाते, कभी उसकी गांड पर तो कभी उसकी कमर को सहलाते। हाथ अब इधर उधर उसके गरम बदन पर भटक रहे थे। वो बेचारे करते भी क्या ! इतना गर्म माल था कि हर जगह का मजा लेना चाह रहे थे।
कुछ पल बाद मैं उसके पीछे अपना लंड उसकी गांड में लगाकर खड़ा हो गया। मेरे दोनों हाथ उसके स्तनों को मसल रहे थे। मुझे बहुत मजा आ रहा था और मजे में उसकी आँखें भी बंद थी, मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी।
अब मेरा एक हाथ उसकी सलवार में चला गया और उसकी कच्छी के ऊपर से उसकी बुर का मजा लेने लगा। कुछ गीलापन महसूस हुआ तो हाथ उसकी पेन्टी में डाल दिया और ऊँगली से उसकी चूत को रगड़ कर मजा देने लगा।
अब तक तो वो इस नशे में पागल हो गई थी और आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह कर अपनी गांड और पीछे कर मेरे लंड पर रगड़ रही थी।
कुछ देर बाद हम एक दूसरे से अलग हुए और एक दूसरे को देखते देखते नंगे हो गए। नंगे होने पर जब मैंने उसके चुचूक देखे तो मैं रुक नहीं पाया और उन्हें चूसने लगा। क्या गज़ब का शरीर था उसका ! हर जगह से एक दम मस्त ! चूत पर कोई बाल नहीं और ऊपर से नीचे तक दिन-रात चोदने लायक !
अब मैंने उसे गोदी में उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने के लिए आगे बढ़ा। यह सब मैं पहली बार करने जा रहा था। उसने शर्म के कारण अपनी टांगों को एक दूसरे से चिपका लिया और मुझे मना करने लगी। पर मैं कौन सा रुकने वाला था, एक झटके में उसके पैर खोल दिए और उसकी चूत मेरे सामने थी। चूत चाटने के लिए जब मैंने अपनी जीभ निकाल कर उस पर लगाई तो मुझे थोड़ा गन्दा स्वाद लगा और मैं पीछे हट गया। चूत चाटने का ख्याल छोड अब मैं उसके स्तनों को चूसने चाटने लगा और वो बोलने लगी- आज तो इन्हें पूरा पी जाओ !
यह कहकर अब उसके मुँह से सिर्फ आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह आआआआह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ! जल्दी करो ! सिर्फ ये आवाजें आ रही थी।
अब उसने कहा- मुझसे रुका नहीं जाता और इस चूत को ले लो अब ! अपना लंड इसमें डाल इसको फाड़ डालो, पूरा अंदर घुसा दो और मेरी माँ चोद दो !
यह सब सुनते ही मेरा लंड कड़क होकर एकदम फटने को हो गया। मैंने लंड को उसकी चूत पर रखकर घुसाने की कोशिश की पर घुसा नहीं पाया। साली की चूत थी ही इतनी कसी हुई कि मैं क्या करता। मेरे बेचारे लंड का भी आज पहली बार था और मुझे घुसाने में हल्का दर्द महसूस हो रहा था तो मेरी गांड फटने लगी और मैंने अभी के लिए उसकी फुद्दी मारने का अपना इरादा छोड़ दिया।
फ़िर अपना लंड उसके मुँह में डालकर उसको चूसने को बोला। कुछ देर उसने लंड को ऐसे ही मुँह में रखे रखा। तब मैंने कहा- मेरी प्यारी रांड ! इसे लॉलीपॉप समझ कर चूसना शुरू कर !
यह सुनते ही वो भी जोश में आ गई और लंड को हाथ से हिलाते हुए चूसना शुरू किया। मैं तो जन्नत में पहुँच गया था और उसे बोल रहा था- मान गए मेरी रांड को …. बस ऐसे ही चूसती रह.. आआआआआह्ह्ह्ह्ह् आआआह्ह्ह्ह्ह् …..
कुछ ही पल में मेरा झड़ने वाला था और मैंने उसके मुँह में पिचकारी मार दी। कुछ बूंदें तो अंदर ले गई और बाकी सब बाहर निकाल दिया। अब उसने मेरी और देखा और मुस्कुराने लगी। कुछ देर यूँ ही लेटे गए और तभी घर कोई आ गया। हमने फटाफट कपडे पहने और आस्था ने दरवाजा खोला तो पाया कि रोहण स्कूल से घर आया था।
उसने मुझे देखा और हैरान होकर अंदर चला गया। मैं उस दिन अब चूतिये की तरह वहाँ से भाग आया वो भी बिना उसको चोदे।
अगले दिन आंटी मेरे घर आई। मैं घर पर अकेला अपने कान में हैड्फोन लगाकर अश्लील फ़िल्म देख रहा था। आंटी ने दरवाजा खटखटाया मगर मुझे सुनाई नहीं दिया और मैं मुठ मारता रहा। आंटी ने तब बाहर से अंदर झाँक कर देखा कि अंदर मैं क्या कर रहा हूँ और तब दरवाजे को काफी जोर से खटखटाया।
इस बार मैंने उसे सुना और एकदम घबराया और अपना लंड अंदर करके दरवाजा खोला। मैं आंटी को देख हैरान था। तब मैंने देखा कि वो काफी गुस्से में थी और मुझसे पूछा- अभी क्या कर रहे थे और कल उनके घर दोपहर में क्या हुआ था?
मैं समझ गया था कि रोहण ने उन्हें बता दिया होगा। मैंने कुछ नहीं ! कहकर बात का जवाब नहीं दिया। तब उन्होंने एक दम से मेरे को एक चांटा लगा दिया और कहा- आज के बाद हमारे घर दिखाई दिए तो तुम्हारी टाँगे तोड़ दूंगी !
मुझे उनकी यह बात सुन कर बहुत गुस्सा आया और मैंने एक झटके में उन्हें कमर से खींच कर उनके होंठ चूसने शुरू कर दिए। उन्होंने मुझे हटाने की कोशिश की पर अब तक तो मेरे ऊपर हवस हावी हो गई थी। दो मिनट बाद आंटी को भी मजा आने लगा और उनकी जीभ मेरी जीभ के साथ घूमने लगी।
आंटी 42 साल की मस्त महिला थी। उनकी गांड और चूचियों का आकार काफी बड़ा था और अपनी बेटी आस्था की तरह वो भी गोरी चिट्टी थी। देखकर लगता था कि अपनी जवानी में बहुत सारे लोगों के लौड़े शांत कर चुकी होंगी।
मैं अपने हाथ आंटी की मोटी गांड पर फ़िरा रहा था और उन्होंने मुझे कस कर गले लगा रखा था। ऐसा लग रहा था कि वो काफी समय से एक लंबी चुदाई की भूखी थी। मैं आंटी को गोदी में लेकर बैठ गया और नग्न मूवी चला दी। आंटी के स्तन दबाने में बहुत मजा आ रहा था और वो भी खूब मस्त हो रही थी। उनके मुँह से अब आआअह्ह्ह्ह्ह के अलावा कुछ और नहीं निकल रहा था और उनके हाथ उनकी चूत पर पहुँच गए थे। मूवी में अब एक 69 दृश्य चलने लगा, तब मैं आंटी को बिस्तर पर ले गया और हम भी 69 की दशा में आ गए। आंटी ने लंड को चाटना, चूसना शुरू किया। वो एक भूखी कुतिया की तरह लंड को चाट रही थी।
मुझे बेहद मजा आ रहा था और मैंने उनकी चूत चाटना शुरू कर दिया। पिछले दिन की तरह आज मुझे गन्दा नहीं लगा बल्कि मजा आ रहा था ऐसा करने में। मैं चूत चाटते चाटते उनकी गांड पर थप्पड़ मार देता था तो उनकी गांड हिलती हुई काफी अच्छी लगती और गांड अब लाल हो चुकी थी। दो ही मिनट में मैं और आंटी दोनों झड गए। आंटी ने अपना मुँह बिल्कुल नहीं हटाया और सब कुछ चाट लिया। मैं भी उनकी चूत में घुसा जा रहा था जिसका स्वाद अब नमकीन लग रहा था। अब उन्होंने मेंरे लंड को छोड़ा और एक लंबी सांस लेकर उठ गई। वो उठ कर एक कुतिया की तरह बिस्तर पर खड़ी हो गई और मुझे आँखों से उनकी पीछे से चूत मारने का इशारा किया। मैं पीछे गया और लंड चूत पर लगाकर एक जोर का झटका दिया, मेरा 6 इंच का लंड सीधा अंदर चला गया क्योंकि चूत वैसे ही बहुत चिकनी हो गई थी। आंटी की एक काफी तेज चीख निकली थी जिसको रोकने के लिए मैंने पीछे से उनके मुँह पर हाथ रखा। कुछ पल में अब मैं अपनी कुतिया आंटी की सवारी कर रहा था।
उनके मुँह से आवाज़ आ रही थी- चोद दे मुझ रांड को, माँ चोद दे मेरी ,कितने समय से एक ऐसी चुदाई के लिए तड़प रही थी ! आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह !
और पच पच की आवाजों से पूरा कमरा भर गया था। पीछे से चोदते वक्त गांड बहुत बड़ी और मुलायम लग रही थी। अब मैं नीचे आया और वो मेरे ऊपर आ कर मेरे लंड पर बैठ गई। बैठते ही उन्होंने लंड पर उछालना शुरू किया और मेरे हाथ लेकर अपने वक्ष पर रख उन्हें दबवाने लगी।
वो आँखें बंद कर बोल रही थी- फाड़ डाल मेरी, मैं तो तेरी कुतिया बनके रहूंगी, आज तुम मुझे छोड़ना मत, मुझे पूरी तरह से चुदाई का मजा दो, सभी तरह से चुदाई करो मेरी तुम, चोद और चोद, मेरी चूत की प्यास बुझा दे आज तू ! ऊँगली से थक गई अब एआआह्ह्ह् आआआआह्ह्हह !
मैंने भी नीचे से एक दो फटके मारे और एक जोर के झटके में सारा माल उसकी चूत में डाल दिया। वो सिसकाई- आहाहाआह्ह आजा मेरे अंदर आजा ! डाल मेरे अंदर डाल !
दस मिनट बाद हमने एक और राउंड लगाया और फिर मेरी मम्मी के आने का समय हो गया था इसलिए वो कपडे पहन जाने की तैयारी करने लगी। जाते वक्त मुझे बोलती कि मैं आस्था की जगह सिर्फ उनकी चुदाई करता रहूँ।
मैं उनके बाहर जाते ही हंसने लगा कि आस्था की चुदाई न करूँ, ऐसा कैसे हो सकता है। खैर दोस्तो, होना क्या था, शनिवार को मौका मिला और मैंने इस बार आस्था का भी बैंड बजा डाला। दबा कर चोदा साली रांड को ! समय के साथ मैं माहिर होता गया और अब जब भी घर आता हूँ तो माँ बेटी दोनों की चूत को शांत करता हूँ। आंटी को तो मेरे और आस्था का पता है मगर आस्था मेरे और उसकी माँ की चुदम-चुदाई के बारे में नहीं जानती। Antarvasna
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