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Massage Girl in Muktsar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Muktsar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Muktsar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Muktsar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Muktsar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Muktsar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Muktsar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Muktsar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Muktsar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Muktsar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Muktsar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Muktsar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

रात का खाना खाने के Antarvasna बाद रोज की तरह मैं कंप्यूटर पर अपना काम कर रहा था कि मेरे मोबाइल पर मिस्ड कॉल आई, देखा तो कमलिनी की थी।

मैंने काल-बैक किया तो पूछने लगी- क्या कर रहे हैं?

मैंने झूठ बोल दिया- सिर में बहुत दर्द है, मैं सोने जा रहा हूँ।

मैंने झूठ इसलिए बोला था क्यूंकि आज मैं कमलिनी की चूत मारने की अपेक्षा उसकी माँ रागिनी की गांड मारना चाहता था, मुझे पूरा विश्वास था कि वो रात को गांड मराने जरूर आएगी। और वही हुआ भी, कमलिनी के फ़ोन के आधे घंटे बाद मेरे मोबाइल की घंटी फिर बजी, मैंने उठाया तो रागिनी भाभी बोलीं- क्या कर रहे हो देवर जी?

मैंने कहा- मेरे सिर में बहुत दर्द है, क्या करुँ ?

भाभी बोलीं- मैं आकर सिर दबा दूं ?

मैंने कहा- भाभी आप अगर छू लेंगी तो दर्द अपने आप ठीक हो जाएगा, आप तुंरत आयें, मैंने दरवाजा खोल दिया है।

दो ही मिनट बाद भाभी मेरे सामने आ पहुंचीं, उनका रूप देखकर मेरा लंड तन्नाने लगा और उनकी गांड फाड़ने के बारे में सोचने लगा। भाभी ने मेरे माथे पर हाथ रखा और बोलीं- गर्म तो नहीं है।

मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने तन्नाये हुए लंड पर रखते हुए कहा- यह तो गर्म है ?

शरमाते हुए बोलीं- बहुत शरारती हो।

मैंने पूछा- मुझसे कह रही हैं या मेरे लंड से ?

कहने लगीं- दोनों से।

इतना सुनते ही मैंने उनको अपनी बाहों में लिया और दीवान पर लिटा दिया। मैंने अपनी टीशर्ट उतारी, लोअर उतारा और क्रीम की शीशी खोलकर ढेर सा क्रीम अपने लंड पर लगा दिया। भाभी का गाउन उतारा, उनको घोड़ी बनाया और अपना लंड उनकी गांड के छेद पर रगड़ने लगा। थोड़ी देर तक गांड के छेद पर लंड रगड़ने से भाभी आनंदित होने लगीं तो मैंने पूछा- भाभी डालूँ ?

तो बोलीं- हाँ मेरे देवर राजा।

गांड के छेद पर अपने तन्नाये हुए लंड का सुपाड़ा रखकर मैं धीरे धीरे अंदर करने लगा, भाभी की गांड बहुत टाइट थी। मैंने जोर से दबाया तो लंड का सुपाड़ा गांड के अंदर हो गया, भाभी कराहते हुए बोलीं- बस करो राजा, फट गई।

मैंने उनके चूतड़ों को सहलाते हुए कहा- भाभी आप वाकई बहुत हिम्मत वाली हैं, आपने पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया।

अब तक सिर्फ लंड का सुपाडा ही भाभी की गांड के अन्दर था और बाकी का लंड भाभी की गांड के अंदर जाने के लिए बेताब हो रहा था। मैंने भाभी को बातों में लगाकर उनके मम्मों से

खेलते खेलते लंड को धीरे धीरे अंदर करना शुरू किया और इस प्रकार आधा लंड उनकी गदराई हुई गांड में समा गया। अब लंड को अंदर-बाहर करने का काम शुरू हो चुका था जिसमें भाभी को मजा आने लगा था इस बीच पूरा लंड कब भाभी की गांड में चला गया। भाभी को पता ही नहीं चला। २०-२५ मिनट तक चोदने के बाद मैंने अपने लंड का वीर्य उनकी गांड में ही डिस्चार्ज कर दिया और पूछा- जिंदगी में पहली बार गांड मराकर कैसा लग रहा है भाभी?

तो अपनी ख़ुशी को ना छुपाते हुए बोलीं- टचवुड ! बहुत मजेदार।

मैंने कहा- एक राउंड और हो जाए ?

तो बोलीं- आज नहीं !

और अपने कपड़े ठीक करते हुए चली गईं। अब मेरा काम बढ़िया हो गया था, कमलिनी और उसकी माँ रागिनी दोनों को चोद कर मैं जवानी का आनंद ले रहा था। किसी रात को दोनों चुदवाने का मन बना बैठीं तो क्या होगा? यह सोचकर मैंने टाइम टेबल बना दिया और उनको भी समझा लिया।

अब सोमवार तथा गुरुवार को कमलिनी की चूत, बुधवार को रागिनी की गांड एवं शुक्रवार को रागिनी की चूत चोदने का कार्यक्रम होने लगा। बीच में कभी रेखा घर पर न हो तो दिन में रागिनी या कमलिनी कोई भी जो उपलब्ध हो जाए, चुद जाती थी।

बाकी कहानी अगली बार लिखूंगा, इंतज़ार करिए…. Antarvasna

यह मेरी पहली सेक्स कहानी मेरी पड़ोसन मिस रेणु के साथ सेक्स की है एक दिन मेरे माता-पिता को दादी जी का फ़ोन आया कि दादा जी को दिल का दौरा पड़ा है और उन्होंने तुरंत गांव जाने का फ़ैसला किया। जबकि मेरी अंतिम परीक्षा थी, इसलिए उन्होंने मुझे हमारी पारिवारिक मित्र श्रीमती रेणु जी के पास भेजने का फ़ैसला किया।क्योंकि वह शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में शिक्षिका हैं। उन्होंने भौतिकी में डॉक्टरेट की है और वह मेरी पढ़ाई में भी मेरी मदद कर सकती हैं। इसके अलावा वह मुझसे बहुत प्यार करती हैं क्योंकि उनका कोई बच्चा नहीं है। वह बहुत अच्छी सैलरी वाली हैं। माँ ने श्रीमती रेणु को फोन किया और सारी बात बताई और मेरे माता-पिता जल्दी में थे और हवाई अड्डे के लिए निकलते समय उन्होंने मुझे उनके घर पर छोड़ दिया। मैंने घंटी बजाई। श्रीमती रेणु ने दरवाजा खोला और उन्होंने मेरा स्वागत किया। हमने करीब 1 घंटे बात की और वो बहुत खुश लग रही थी। इस बीच मुझे पता चला कि अपने पति की मौत के बाद वो बहुत अकेला महसूस कर रही है। उस दिन वो अपने घर पर मेहमान को देखकर बहुत खुश थी और हमने खाना खाया और आंटी को गुड नाइट कहा क्योंकि मैं अगले दिन की परीक्षा के लिए पढ़ाई करना चाहता था। उन्होंने मुझे अपने बेडरूम के बगल में एक कमरा दिया। मैंने अपना बैग अलमारी में रखा और शॉवर लेकर अपना बॉक्सर पहन लिया। मैंने अपनी किताब करीब 2 घंटे पढ़ी और फिर सो गया। सुबह मैं जल्दी उठ गया और थोड़ा व्यायाम किया और अपनी परीक्षा के लिए तैयार हो गया। आंटी ने मेरे लिए नाश्ता बनाया। परीक्षा के बाद मैं अपने दोस्त के घर चला गया और शाम को घर वापस आया। आंटी मेरा इंतज़ार कर रही थी। जब मैं वापस आया तो उसने दरवाज़ा खोला। उसने लोअर और टी-शर्ट पहनी हुई थी। वह बहुत आकर्षक लग रही थी। मैंने नमस्ते कहा और लिविंग रूम में सोफे की ओर चल दिया। वह मेरा पीछा कर रही थी। “कैसे हो हर्ष। तुम्हारी परीक्षा कैसी रही” उसने पूछा “अच्छी रही आंटी” “परीक्षा के बाद तुम कहाँ थे” उसने पूछा। “मैं अपने दोस्त के घर गया था” मैंने कहा। उसने पूछा “तुमने दोपहर का खाना खाया, हर्ष ? “हाँ मैंने कहा ” यह बहुत बढ़िया है, तो क्या तुम एक कप कॉफी पीना चाहोगे, हर्ष। हाँ आंटी हमने साथ में कॉफी पी और अच्छी बातचीत की। फिर वह रसोई में चली गई और बर्तन धोने लगी। जब मैं पानी का गिलास लेने रसोई में गया तो वह खाना बना रही थी। वह पसीने से लथपथ थी और उसकी टी-शर्ट पसीने से भीगी हुई थी। उसके शरीर की गंध ने मुझे उत्तेजित कर दिया। उसके उभरे हुए स्तन बहुत अच्छी झलक दे रहे थे। लेकिन मैंने अनदेखा किया और एक गिलास लिया और उसमें पानी भरकर पी लिया। लेकिन मैं आंटी के बगल में खड़े होकर उसके शरीर की गंध को सूंघ सकता था जिससे मैं थोड़ा सख्त हो गया। मैं रसोई से बाहर आया और टीवी देखने लगा। फिर आंटी ने मुझे खाने के लिए डाइनिंग टेबल पर बुलाया। हमने खाना खाया और मैंने उनसे शिकायत की कि मेरे कमरे में ए.सी. ठीक से काम नहीं कर रहा है। उसने इसके लिए माफ़ी मांगी और कहा कि उसने कभी उस कमरे का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि वह अकेली रहती है और रात में उसके घर कोई नहीं आता। फिर उसने मुझे अपने बेडरूम में सोने के लिए कहा। लेकिन मैंने मना कर दिया “लेकिन मुझे लगता है कि मेरे कमरे में सोने में कोई बुराई नहीं है” उसने कहा मुझे पता है आंटी, लेकिन मुझे लगता है कि हम दोनों को थोड़ी गोपनीयता की ज़रूरत है। है न” “यह ठीक है हर्ष” उसने कहा। “लेकिन तुम्हें पता है कि जब मैं तुम्हारे घर पर रहती थी तो तुम मेरे साथ कई बार सोए थे। तुम उन दिनों को भूल गए” हाँ मुझे अभी भी आंटी याद है” मैंने जवाब दिया। शायद उन दिनों तुम अपने बॉक्सर में पेशाब करते थे और मुझे भी गीला कर देते थे" वह मुस्कुराई। मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ मैंने कहा "तुमने मुझे कुछ परियों की कहानियाँ भी सुनाईं और मुझे अपनी गोद में ऐसे उठाया जैसे कोई प्रेमिका अपने प्रेमी को उठाती है।" वह अपनी हंसी नहीं रोक पाई "तुम्हारा मतलब है कि मैं उन दिनों तुम्हारी प्रेमिका थी" मुझे लगा क्योंकि तुमने मुझे कसकर गले लगाया और प्यार से चूमा।" मैंने जवाब दिया। "ओह तुम छोटे आदमी, तुम बहुत प्यारे हो" उसने कहा ठीक है जवान आदमी अगर तुम मेरे कमरे में सोना चाहते हो तो तुम्हारा स्वागत है। और मेरे कमरे में एक टीवी है अगर तुम चाहो तो हम फिल्म देखेंगे और कुछ बातें करेंगे। चूंकि कल रविवार है इसलिए मैं देर से उठूंगी।" वह अपने बेडरूम की ओर चली गई। बिना सोचे मैं भी उसके पीछे उसके बेडरूम में चला गया। मैंने खुद को उसके बिस्तर पर उसके बगल में बैठा लिया। उसने टीवी चालू कर दिया और हम टीवी देख रहे थे और गपशप कर रहे थे। जैसा कि मैं उसके बगल में बैठा था, मैं उसके शरीर की गंध को सूंघ सकता था। जो मुझे उत्तेजित करता है और मैं थोड़ा उत्तेजित हो गया। कुछ समय बाद हमने एक-दूसरे को शुभ रात्रि कहा। मैं आंटी के बगल में लेटा हुआ था और परेशान था और लगातार स्थिति बदल रहा था। वह गहरी नींद में थी। उसने अपने माथे पर अपना हार्म लगाया और उसकी बगल के बाल मंद रोशनी में दिखाई दे रहे थे। बगल की पसीने की गंध अच्छी थी। मैं पहले से ही कामुक था और इससे उसके साथ सेक्स करने की मेरी इच्छा बढ़ गई। उसकी गहरी गर्दन वाली टी-शर्ट में उसका क्लीवेज भी दिखाई दे रहा था। मैंने अपना हाथ अपने बॉक्सर के अंदर डाला और हस्तमैथुन करने की कोशिश की। (इससे पहले मैंने पोर्न देखने के बाद अपने घर पर भी हस्तमैथुन करने की कोशिश की थी लेकिन यह मेरे लिए बहुत दर्दनाक था इसलिए मैंने उसके बाद कभी हस्तमैथुन नहीं किया लेकिन आज मैं खुद को नियंत्रित नहीं कर सका इसलिए मैं फिर से कोशिश कर रहा था)। लेकिन इस बार मैं फिर से असफल रहा क्योंकि जब मैं अपनी चमड़ी खींचता था तो दर्द होता था। मैं पूरी तरह से परेशान था। मुझे फीमोसिस नामक बीमारी थी, जिसमें लिंग की चमड़ी पीछे नहीं जाती पूरी रात मैं अपनी आंटी के बारे में सोचता रहा और परेशान था। आखिरकार नींद आ गई। अगले दिन जब मैं उठा तो वह रेणु आंटी नाश्ता तैयार कर रही थी। जब मैं लिविंग रूम में आया तो उसने मुझे एक कप कॉफ़ी थमा दी, मेरे लिंग में दर्द हो रहा था और मैं रसोई में बैठा था। क्या तुम ठीक हो हर्ष” आंटी ने पूछा हाँ मैं ठीक हूँ “मुझे लगता है कि तुम रात को अच्छी नींद नहीं ले पाए हो न?” उसने पूछा हम्म…” लेकिन सब ठीक है आंटी” हर्ष, मुझे लगता है कि तुम मुझसे कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे हो।” आंटी ने कहा “नहीं आंटी, मैं ऐसा नहीं कर रहा हूँ” मैंने जवाब दिया। “मैंने देखा कि तुम्हारा हाथ लगातार वहाँ जा रहा था” उन्होंने मेरे लिंग की ओर इशारा किया। मैं बस उसे देख रहा था ” और सुबह मैंने देखा कि यह कठोर था और आपके बॉक्सर का तम्बू बना रहा था। उसने कहा। ठीक है आंटी” मैं मैनेज कर सकता हूँ। ठीक है हर्ष‘लेकिन अगर आपको कोई समस्या है तो आप मेरे साथ साझा कर सकते हैं। मैं चुप हो गई टॉम…देखो मैं तुमसे बड़ी हूँ, मैंने तुम्हें बचपन से ही कई बार नंगा देखा है। अगर तुम चाहो तो अपनी समस्या मुझसे साझा कर सकते हो। मैंने वादा किया था कि तुम मुझ पर भरोसा कर सकते हो। ठीक है आंटी, असल में मुझे वहां दर्द हो रहा है। "ओह मेरे छोटे लड़के क्या तुमने इसे चोट पहुंचाई? उसने पूछा। नहीं आंटी।” मैंने जवाब दिया। "वास्तव में ...वास्तव में.." मैं चुप खड़ा रहा। हम्म…हम्म तुम मेरे साथ बात कर सकते हो छोटे लड़के। शर्मिंदा मत हो” उसने जवाब दिया। “आंटी असल में जब मैं हस्तमैथुन करता हूँ तो दर्द होता है” मुझे शर्म आ रही थी और मैंने कहा। ओह..वह चिल्लाई। “तो क्या तुम हस्तमैथुन करने की कोशिश कर रहे हो?” “नहीं..मेरा मतलब है हाँ आंटी” मैंने जवाब दिया। “क्या तुमने कोई गंदी चीज़ देखी है,उसने सवाल किया। नहीं आंटी मैंने कहा तो फिर आप अपने लिंग को क्यों चोट पहुँचाना चाहते हैं” उसने सवाल किया। मैं अवाक रह गया।“ठीक है..किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाओ।” उसने कहा। “मैंने दिखाया’ मैंने जवाब दिया “डॉक्टर ने बताया कि यह टाइट फोरस्किन की वजह से है। मुझे बस अपनी त्वचा को पीछे की ओर खींचने की कोशिश करनी है। और जितना मैं ऐसा करूँगा, मुझे राहत मिलेगी” “ठीक है, क्या इससे मदद मिलती है” उसने पूछा नहीं मैंने जवाब दिया. “जब मैं इसे पीछे की ओर खींचता हूँ तो दर्द होता है” वह मेरी तरफ देख रही थी और उसके मन में यह विचार आया कि गूगल पर इसके बारे में पता लगाया जाए.मैं सहमत हो गया और हम कंप्यूटर के सामने बैठ गए और टाइप किया 'लिंग की टाइट चमड़ी' सैकड़ों परिणाम सामने आए, हम बारी-बारी से क्लिक कर रहे थे और अंत में हमने कुछ लोगों की टिप्पणियाँ पढ़ीं जो इससे पीड़ित हैं एक व्यक्ति ने लिखा कि वह पोर्न वीडियो देखता था जिससे उसे सबसे अधिक उत्तेजना मिलती थी और परिणामस्वरूप वह उत्तेजना में दर्द को भूल जाता था। फिर आंटी ने मुझे वही तरीका अपनाने को कहा। उसने मुझे उसके कंप्यूटर पर कुछ पोर्न देखने को कहा। और हस्तमैथुन करने को कहा। मैंने सहमति जताई। वह कमरे से बाहर चली गई और मैंने कुछ पोर्न देखना शुरू कर दिया। मेरा लिंग कठोर हो गया था और मुझे दर्द हो रहा था। कमरे का दरवाज़ा खुला था। जैसे ही मैंने हस्तमैथुन करने की कोशिश की, मुझे दर्द हुआ और मैं रोने लगा। आंटी तुरंत कमरे में आईं और मुझसे पूछा कि क्या हुआ। मेरा हाथ मेरे 6 इंच के सख्त लिंग पर था और आँखें बंद थीं क्योंकि मैं दर्द से रो रहा था। उसने अपना हाथ मेरे बाएँ कंधे पर रखा और पूछा कि क्या मैं ठीक हूँ। मेरी आँखों से आँसू निकल आए। मैंने उसकी तरफ़ देखा। उन्होंने भी मेरी तरफ देखा और सांत्वना देने की कोशिश की और मेरे खड़े लिंग को देखा। वह उसे घूर रही थी। मैं उसे छुपाने की कोशिश कर रहा था। उसने मेरे बालों में हाथ घुमाया और मुझसे पूछा कि क्या तुम्हें कोई आपत्ति नहीं है हर्ष , क्या मैं जांच करूँ? "अरे नहीं मुझे शर्म आ रही है" मैंने कहा तुम छोटे लड़के हो मैंने तुम्हें बचपन से कई बार नग्न देखा है। और हमारी उम्र में भी बहुत अंतर है। मैं तुमसे बड़ी हूँ। इसलिए शर्मीले मत बनो बेबी" उसने कहा। वह मेरे करीब आई और मुझे अपना लिंग दिखाने के लिए कहा। मैंने भी हिचकिचाते हुए वैसा ही किया। उसने मेरा लिंग देखा, यह मेरे हाथ से लगातार रगड़ने से लाल हो गया था। "तुम इसे बहुत रगड़ते हो हर्ष" उसने कहा। "मुझे लगता है कि पोर्न काम नहीं करता।" मैं चुप था। उसने मेरे लिंग को पकड़ा और त्वचा को पीछे खींचने की कोशिश की। उसने देखा कि यह कड़ा है, इसलिए उसने पास की अलमारी से कुछ मालिश ली और मेरे टोपे पर थोड़ी मात्रा में वैसलीन लगाई। उसने मुझे नरम हाथ से अच्छी मालिश की, लेकिन त्वचा टाइट थी। दूसरी ओर कंप्यूटर पर पोर्न वीडियो चल रहा था। मैंने उससे कहा कि यह मुझे दर्द दे रहा है। वह बस मेरे लिंग को देख रही थी। मैंने फिर से उससे कहा कि यह मुझे दर्द दे रहा है, कृपया इसे बंद करो। उसने मेरी तरफ देखा और मुझसे पूछा कि क्या यह पोर्न तुम्हें उत्तेजित करने में अब भी मदद करता है। मैंने कहा हाँ थोड़ा सा। मैंने उससे इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए मेरी मदद करने का अनुरोध किया क्योंकि मैं आँसू में था। वह एक दयालु महिला थी। और मेरे लिंग को देखने के लिए भी कामुक थी क्योंकि उसने पिछले कुछ सालों से सेक्स नहीं किया था। थोड़ी देर की खामोशी के बाद उसने मुझसे फिर से पूछा ” ठीक है हर्ष मुझे बताओ कि तुम्हें सबसे ज्यादा क्या उत्तेजित करता है। ” मैं चुप था। उसने मुझसे फिर से पूछा। मैंने कहा महिला शरीर की गंध। वह आश्चर्यचकित थी और बोली कि इसीलिए तुम रात में बेचैन हो क्योंकि मैं तुम्हारे बगल में सो रही थी और तुम्हें उत्तेजित कर रही थी” वह मुस्कुरा रही थी। “क्या अब तुम उत्तेजित महसूस कर रहे हो क्योंकि अब तुम मेरे शरीर की गंध सूंघ सकते हो। मैंने कहा “हाँ” उसने कहा ठीक है वह इसे बेहतर तरीके से करेगी लेकिन इसके बारे में किसी को मत बताना। मैंने कहा ठीक है। लेकिन तुम क्या करने जा रही हो। उसने कहा। ” ठीक है अगर तुम्हें कुछ और अधिक उत्तेजित करने वाला दिखाया गया तो मुझे लगता है कि तुम अपना सारा दर्द भूल जाओगे। मैंने कहा ठीक है। कृपया जो तुम करना चाहती हो करो। वह पीछे की ओर गई और अपना टॉप उतार दिया और फिर अपनी ब्रा का हुक खोल दिया। उसके दूधिया 34 के उभरे हुए स्तन और बड़े गहरे भूरे रंग के एरोला बहुत सुंदर और कामुक थे। मैं सारा दर्द भूल गया और उसके नज़ारे में पूरी तरह खो गया। उसने उन्हें अपने दोनों हाथों से हिलाया। मैंने कभी किसी नग्न महिला को नहीं देखा था। मैं पूरी तरह से जादुई दुनिया में खो गया था। मैं स्वर्ग में था। मैं पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और सारा दर्द भूल गया था। वह मेरे करीब आई और मेरे लिंग को धीरे से पकड़ लिया। मुझे भी कुछ प्रोत्साहन मिला और मैंने अपना हाथ उसके बाएं स्तन पर रखा और धीरे से दबाया। यह मेरा पहला मौका था जब मैंने स्तनों को छुआ और मैं पूरी तरह से पागल हो गया। वह हंसी और अपने शरीर को थोड़ा मोड़ा, विनम्रता में। उसके स्तन मेरी अपेक्षा से अधिक दृढ़, भरे हुए और बहुत बड़े थे।मुझे बिलकुल भी पता नहीं था कि वो क्या करने जा रही थी। मैं बस उसके खूबसूरत स्तन को देख रहा था और फिर उसने अपने तैलीय हाथ से मेरे लिंग की मालिश की। वो मेरे चेहरे को देख रही थी। मेरी आँखें बंद थी क्योंकि मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा था। मेरे मुँह से एक हल्की सी कराह (आह..) निकली जैसे ही मैंने अपनी आँखें खोली मैंने देखा कि उसका चेहरा मेरे करीब आ गया है और उसने अपने होंठ मेरे ऊपर रख दिए हैं। ये सब चीजें मेरे लिए नई थीं। मैं उसके होठों की गर्माहट महसूस कर सकता था। उसने मेरे होठों को अलग किया और चूसने लगी मैंने भी जवाब दिया। कुछ ही सेकंड में हमारी जीभें आपस में जुड़ गईं। हम एक दूसरे को चूसते हैं। साथ-साथ वो मेरे लिंग को धीरे से रगड़ रही थी। जैसे ही हमारा लिप लॉक टूटा मैंने अपने लिंग को देखा। मेरी चमड़ी अब पीछे की ओर चली गई थी और मेरी ग्रंथि साफ दिखाई दे रही थी। मैं बहुत उत्साहित था। वो झुकी, मुझे गले लगाया और अपना निप्पल मेरे मुँह में रख दिया । मैंने अपना हाथ उसके पायजामे में डाला और उसके चूतड़ दबाये। उसका पायजामा थोड़ा नीचे चला गया। उसने अंदर पैंटी नहीं पहनी थी। वह मेरे दबाने का आनंद ले रही थी और उसकी कराह मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही थी। मैंने उसका पायजामा नीचे खींचा और वह मेरे सामने नंगी थी। उसके जघन बाल छोटे थे। यह मेरा पहला मौका था और मैंने कभी चूत नहीं देखी थी। मैं उसकी चूत देखने के लिए नीचे झुका। वह मेरी प्रतिक्रिया से हैरान थी। क्या हुआ हर्ष, आंटी ने कहा। "कुछ नहीं आंटी, मैंने कभी चूत नहीं देखी" मैंने जवाब दिया। वह मुस्कुराई "ओह मेरे छोटे बेटे, थोड़ी देर रुको मैं वह सब दिखाऊँगी जो एक महिला के पास होता है।" मैं मुस्कुराया उसने अपना पायजामा उतार दिया और अपनी बाईं टांग मेरी कुर्सी के दाहिने आर्मरेस्ट पर रख दी जिससे मुझे उसकी चूत साफ दिखाई दे रही थी। “ठीक है, बेबी चलो बिस्तर पर चलते हैं।” उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने बिस्तर पर ले गई। हम दोनों बिस्तर के एक तरफ एक दूसरे के बगल में बैठे थे। एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे। उसने मेरा हाथ छुआ और कहा “क्या तुम तैयार हो, बेबी” “हाँ आंटी” मैंने जवाब दिया। उसने मेरे लिंग को पकड़ा और कुछ सेकंड के लिए उसे ऊपर-नीचे हिलाया फिर वह मेरे सामने आई और अपने पैरों पर बैठ गई और मेरे लिंग को अपने मुँह में ले लिया। उसने मुझे एक अच्छा मुखमैथुन दिया। मैं कुछ ही मिनटों में उसके मुँह में स्खलित हो गया। वह मेरे वीर्य को अपने मुँह पर देखकर दंग रह गई। लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। मैं अब नरम हो गया था लेकिन मेरे बगल में एक नग्न सेक्सी शरीर को देखकर अभी भी उत्तेजित था। उसने एक कपड़े से उसे साफ किया और मुझे कठोर बनाने के लिए फिर से मुखमैथुन दिया। फिर उसने कहा कि अब सावधान रहना और जब तुम वीर्यपात के करीब होगे तो मुझे पहले ही बता देगी। मैं सहमत हो गया। लेकिन उसने मुझे फिर से चेतावनी दी कि अब मैं तुम्हारे लिए कुछ खास कर रही हूँ लेकिन अगर तुम मेरे अंदर वीर्यपात करोगे तो यह हमारे लिए हानिकारक होगा। इसलिए सावधान रहना। मैं उलझन में था कि वह क्या करने जा रही थी। मैं अपनी पीठ के बल लेटा था और उसने अपने दोनों पैर मेरे दोनों तरफ रखे और मेरे लिंग पर बैठ गई। उसने अपने दाहिने हाथ से मेरे लिंग को पकड़ लिया और उसे अपनी योनि की ओर निर्देशित किया। मैंने उसकी योनि की गर्मी महसूस की। मेरा लिंग उसकी योनि के रस की मदद से अंदर सरक गया। यह मेरे लिए एक सनसनीखेज एहसास था। वह लगातार अपनी गति बढ़ाते हुए खुद को ऊपर-नीचे कर रही थी। कमरा उसके नितंबों और मेरी जांघों की तालियों से घिरा हुआ था। वह आह्ह्ह आह्ह्ह कर रही थी। कुछ मिनटों के बाद मैं वीर्यपात के करीब था और मैंने उसे बताया लेकिन उसने परवाह नहीं की और मैं उसके अंदर वीर्यपात कर दिया। तो इस तरह मेरी फाइमोसिस की बीमारी को मिस रेणु ने दूर किया

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शहर में तीन साल की पढ़ाई Hindi Porn Stories के बाद मैं बिल्कुल ही बदल चुका था, लेकिन मेरे पड़ोसी बिरजू काका की बेटी रनिया मुझे पहले जैसा लल्लू ही समझती थी। मैंने इंटर तक पढ़ाई गांव में ही की थी। तब तक खेती और पढ़ाई के अतिरिक्त दुनियादारी को मुझे कोई समझ नहीं थी। गांव के सिवान पर हमारे और रनिया के खेत थे। मैं स्कूल से वापस आने के बाद सीधे खेत में चला जाता। वह भी स्कूल से आकर अपनी बकरियां लेकर वहीं आ जाती। मेरे पहुंचने पर बिरजू काका गांजा पीने के लिए चले जाते।

जब मैंने बारहवीं के बाद गांव छोड़ा तो वह सातवीं में थी। मैंने जब बी ए पास किया तो वह दसवीं में आ गयी। उसकी नीबू के आकार की चूचियां सेब के आकार में बदल गयीं। होस्टल के जीवन ने मेरी काया ही पलट दी थी। मुट्ठ मारना मैंने वहीं आकर सीखा। उस समय मेरे सामने रनिया का ही चेहरा होता। मैं उसी की चुदाई की कल्पना करके मुट्ठी मारता। मुट्ठी मारते मारते मेरा लन्ड थोड़ा टेढ़ा भी हो गया था। सुपाड़े की चमड़ी खुल गयी थी। कभी कभी तो हम तीन लड़के एक साथ ही मुट्ठी मारते।

हर बार मुट्ठी मारते मैं यही सोचता कि बस यह अन्तिम बार है, अब जाकर साक्षात ही उसे चोदूंगा। वह मेरे सामने ही जवान हो रही थी, लेकिन अवसर ही नहीं मिला। पहले साल के बाद मैं जब दूसरे साल मैं यह सब जान सका तो वह गरमियों की छुट्टियों में अपने ननिहाल चली गई। उसके बाद बीच में ऐसा अवसर ही नहीं मिला कि मैं कोशिश करुं।

फाइनल की परीक्षा के बाद दैवयोग से वह अवसर मिल गया। मैं जानता तो नहीं था कि उसके मन में क्या है लेकिन एक दिन बाबू जब मुकदमें के सिलसिले में बाहर चले गये तो मैं दोपहर का खाना खाने के बाद खेत में चला गया। वहां मेरे ट्यूबवेल के पास आम का घना पेड़ था।

मैंने माई से कहा कि मैं जाकर वहीं कुछ पढ़ूंगा और सो जाऊंगा।

मेरे ट्यूबवेल से बिरजू काका अपने गन्ने में पानी लगा रहे थे। चिलचिलाती दुपहरिया थी। उनका खेत निकट ही था। वह पानी खोलकर वही मेरे ट्यूबवेल के घर में रखी खटोली पर लेटे थे। मुझे देखकर उठ गये। बातें करने लगे। पता चला कि रनिया अब खाना लेकर आती ही होगी।

यह सुनकर न जाने मेरा मन क्यों खिल उठा। मेरी छठी इंद्री ने कहा अभी बिरजू काका खाना खाकर गांजा पीने जायेंगे। आज बिना चोदे छोड़ूंगा नहीं!

मेरा सोचा सही हुआ। पानी का काम बस दो-तीन घंटे में पूरा होने वाला था। वह रनिया को पानी देखने के लिए कहकर मुझसे बोले कि काम होने के बाद पंप बन्द कर दूं तब यह चली जायेगी, मुझे देर हो जायेगी।

रनिया खेत का एक चक्कर लगाकर आकर वहीं भूमि पर बिछे एक बोरे पर बैठ गई।

मैंने उसे गौर से देखा। उसने छींट की सलवार और कुरती पहने थी। उसकी चूंचियां सेब से भी बड़ी थीं। नीचे केवल शमीज थी, ब्रा नहीं। इसलिए उनका पूरा आकार मेरी आंखों में था। शरीर भरा था।

वह चुप ही बैठी थी। मैंने बात आरम्भ की, ” तुम काफी बड़ी हो गयी हो। “

वह चुप ही रही। मैंने फिर कहा, ” खूबसूरत हो गयी हो। “

” हट ” वह बोली।

” भगवान कसम!” मैंने कहा।

उसने कोई उत्तर नहीं दिया तो मेरी समझ में नहीं आया कि क्या कहूं। थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद मैंने कहा, ” आओ चारपाई पर बैठ जाओ। क्यों जमीन पर बैठी हो? “

” यहीं ठीक है। ” उसने कहा।

मैंने चारों तरफ देखा, सन्नाटा था। सूरज बिल्कुल सिर के ऊपर आ गया था। गांव की तरफ गन्ने के खेत थे। पेड़ की आड़ भी थी। मैं हिम्मत सजोकर उठा और उसका हाथ पकड़ कर खींचते हुए कहा, आओ पास बैठो। अच्छा नहीं लग रहा है।”

उसने विरोध किया तो मैंने और जोर लगाया। वह खड़ी हो गयी। मैंने उसे अपनी तरफ खींचा तो वह चारपाई पर गिरते-गिरते बैठ गयी। संम्भवतः उसे मेरी नीयत का आभास हो गया था। उसकी सांसे लम्बी हो गयीं।

मै एक बार फिर इधर उधर देखकर उससे सट कर बैठ गया और उसका हाथ पकड़ लिया।

रनिया बोली, ” लल्लू भैया छोड़ो, अभी कोई देखेगा तो क्या कहेगा? “

उसका यह कहना था, मैं तो निश्चिन्त हो गया। उसे अपनी भुजाओं में कसकर जकड़ लिया और कहा,” आज मैं तुम्हें छोड़ूंगा नहीं। मेरी नीयत बहुत दिनों से तुम्हारे ऊपर है। ” फिर मैं उसकी दाहिनी चूची को शमीज के ऊपर से पकड़कर मलने लगा।

वह घोड़ी की तरह हिनहिनाने लगी, ” छोड़ दो! छोड़ दो! “

मैंने उसकी आवाज को बन्द करने के लिए उसके मुंह पर अपना मुंह लगाकर पहले होंठ को किस किया फिर मुँह में जीभ डालकर उसकी जीभ को चूसने लगा।

वह अभी भी छुड़ाने का हल्का सा प्रयास कर रही थी, लेकिन वह शक्ति नहीं थी जो छुड़ाने के लिए होनी चाहिए थी।

थोड़ी देर उसकी जीभ चूसने के बाद मैंने उसके मुंह से अपना मुंह हटाकर फिर उसकी चूचियों पर आ गया। इस बार उसकी कुरती को शमीज के साथ ऊपर करके दोनों चूचियों को नंगा कर दिया। उसके चूचियों की ढेंपी कड़ी हो गयी थी।

एक चूची को मलते हुए दूसरी पर जब मुंह लगाया तो वह अहक कर बोली, ” चलों किसी खेत में “

” इसका मतलब है कि तुम पहले ही करवा चुकी हो? “

” भगवान कसम नहीं ! “

” तब तुमने कैसे कहा कि चलो खेत में? “

” यहां कोई देख लेगा तो जान मार देगा “

कोई नहीं देखेगा, कहकर मैंने एक हाथ से उसकी चूची को मसलते हुए दूसरे को अपने लन्ड पर रख दिया। लुंगी के नीचे जांघिया में मेरा लंड खड़ा हो गया था।

उसने हाथ हटा लिया।

मैंने फिर खींचकर हाथ रक्खा और कहा, “सहलाओ न मजा आयेगा। यह तो जान ही लो कि आज बिना चोदे छोड़ने वाला नहीं।”

” अभी तो! “कहकर उसने मेरा लंड पकड़ लिया।

मीजते हुए मैंने देखा कि उसकी चुचियां फूलने लगीं। वह अकड़ने भी लगी थी।

उसे वहीं चारपाई पर लिटाकर सलवार का नाड़ा खोलकर देखा तो उसकी चूत झांटों से भरी थी।

मैंनें कहा, ” इसे साफ नहीं करती? “

वह बोली, ” मुझे डर लगता हैं। बालसफा साबुन भी तो कौन लाये। यहां गांव में औरतें गरम राख से बनाती हैं। “

मैंने देखा कि अब उसकी चूत पूरी तरह पनिया गयी है इधर मेरे बाबू जी अब काबू से बाहर हो रहे थे। वह मस्ती में बेसुध होने लगी तो मैंने कहा चलो ट्यूबेल वाले कमरे में।

वह उठकर सलवार पकड़े इधर उधर देखते अन्दर चली गयी। मैं भी गया और अपनी जांघिया निकालकर उसकी जांघों से एक मोहरी निकालकर उसकी टांगे चीरकर लंड को उसकी पनियाई बुर के मुहाने पर रखकर उसकी दोनों टांगों को फैलाकर उसके ऊपर छा गया। कसते ही सट से लंड उसके अन्दर चला गया।

उसने कहा, ” आह! “

फिर मैं घपाघप धक्के मारने लगा। उसने मेरी पीठ को ऊपर से कस लिया और नोचने लगी।

मैंने चोदते हुए उससे पूछा, ” रनिया तूने किसी और से तो नहीं चुदवाया क्योंकि तू तो मजे ले रही है।”

वह बोली, “तुम्हारी कसम नहीं। दर्द वाली बात झूठी होती है। मैं सायकिल चलाती हूं एक दिन मेरी झिल्ली फट गयी। अब गांव में भी लड़कियां मूठ मारती हैं।”

बातें करने में मेरा ध्यान बंट गया। तो थोड़ा समय और लग गया। मैं कमर चलाता रहा। वह नीचे से अपनी कमर हिलाती रही। मैं एकाएक फड़फड़ाकर झड़ गया और उसे छाप लिया। झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा था। उसकी बुर की पुत्ती फूल गयी थी। मेरा बीज उसकी बुर से होता हुआ जांघों तक फैला था। मैंने अपने जांघिये से उसे साफ किया।

वह उठी और सलवार बांधकर धीरे से कमरे से बाहर चली आयी थोड़ी देर बाद मैं भी निकल आया।

फिर तो मैं सारी छुट्टी उसे पत्नी की तरह चोदता रहा। हम दोनों ही प्रयत्न करते कि खेत में कोई काम रहे।

बिरजू काका की उपस्थिति में ही हम लोग चुदाई पेलाई की बात करते रहते। वह सारे गांव की कहानी बताती।

उसने अपनी एक सहेली की और बुर भी दिलावाई। उसकी कहानी फिर कभी। Hindi Porn Stories

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हैलो सभी अन्तरवासना के पाठकों को सीमा का खुली हुई टांगों से Hindi Sex Stories नमस्कार। मैने कुछ ही दिन पहले अन्तरवासना के बारे में सुना फ़िर मैने साइट खोली और मस्त हो गई। गरम हो गई। स्टोरीज़ पढ़ के कामुक हसीना बन गई। चलो छोड़ो काम की बात करते हैं।

मेरा नाम सीमा है मेरी उमर १८ साल की है। स्कूल में मेरी दोस्ती उन लड़कियों से हुई जो अमीरज़ादियां थीं मैं मिडिल क्लास से थी। मेरी पोकेट मनी कम ही थी। मैने एक अमीरज़ादे को अपना आशिक बना लिया मैं बेहद खूबसूरत हूं अपनी दोस्त के मुकाबले बहुत सेक्सी हूं मेरी सभी सहेलियां चुदासियां हैं अमीरज़ादे ने ज़्यादा टाइम वेस्ट न करते हुए अफ़ेयर के १० दिन बाद ही मेरी सील तोड़ डाली और मुझे भी सेक्स समुन्दर में धकेल दिया। वो बहुत शोपिंग करवाता मंहगे कपड़े मोबाइल, गोल्ड की चैन हमारा अफ़ेयर ३ महीने चला कि उसका एक्सिडेंट हो गया उसकी एक टांग टूट गई। मैं उससे मिलने गई और कहा जल्दी ठीक हो जाओगे।

सो अब मुद्दे पे आते हैं। एक रात की बात है रात के ९ बजे हुए थे मेरे पापा के २ दोस्त आये सभी ने उनका स्वागत किया वो ३ दिन के लिये आये थे। मम्मी नानी के यहाँ गई हुई थी। मैने और छोटी बहन ने उनकी खूब सेवा की डिनर दारु वगैरह पापा ने पिलायी। मैं उनको रूम दिखाने गई और वापिस आ गई जब मैं पानी का जग वहाँ रखने गई तो एक अंकल तो फ़्रेश होने बाथरूम में थे दूसरा अंकल चेंज कर रहा था उसने बनियान पहन लिया था पैजामा पहनने वाला था मैं जग लेकर गई मेरी नज़र सीधी न चाहते हुए भी उसके फ़ूले हुए कसे पेट ही, कई दिनों से चुदी नहीं थी, उसका माँसल शरीर छाती के बाल और फ़ूला हुआ लंड।

मैं वापस आ गई दीदी सो चुकी थी मेरी नज़र में बार बार उसका फ़ूला लंड आने लगा दरवाज़ा थोड़ा बंद किया परदा आगे किया और बेड पे बैठ गई नींद नहीं आई थी मैने अपना पैजामा नीचे किया और अपनी झांघों पे हाथ फ़ेरा और अपनी चूत सहलाने लगी उंगली डाल के मस्त होने लगी डैड भी ऊपर वाले रूम में सो चुके थे थोड़ी ही पी थी। परदे में अंकल चोरी सब कुछ देख रहे थे बोले नहीं। मैं इतनी गरम हो गई पानी ले गई जब मैं किचन से पानी लेने गई पीछे से मज़बूत बाहें मेरी पतली कमर पे डाल दीं। मुझे हैरानी हुई। मुझे यकीन था कि अंकल ने मुझे नोटिस किया था मैं एक दम मुड़ी और उनसे चिपक गई वो पागलों की तरह किचन की शेल्फ़ पे ही लिटा कर मेरे होंठ चूसने लगे और एक हाथ अंदर डाल मेरा मोम्मे दबाने लगे एक हाथ मेरी पैंटी में डाल चूत मसलने लगे।

मैं सिर्फ़ आहें भर रही थी कि तभी दूसरे अंकल अ गये दोनो मुझे पे टूट पड़े दोनो की उमर ४० से ऊपर ही थी। मुझे गोदी में उठा लिया बेडरूम में जा मुझे बेड पे फ़ेंका। दरवाज़ा बंद कर मुझे नंगी कर दिया मुझे अपने कच्छा उतारने को बोले मैं घुटनो के बल हो कच्छा उतारा और अंकल का लंड मुँह में भर लिया दूसरे की मुठ मारने लगी बारी बारी रंडी बन दोनो के लंड चूस रही थी अंकल ने मुझे सीधा लिटा अपना हथियार मेरी टांगे चौड़ी कर रखा और पुश किया थोड़ी परेशानी, तकलीफ़ हुई लकिन मैने डलवा लिया उनका लंड इतना मोटा लम्बा नहीं था महज़ ६ इंच होगा दूसरा बहुत मोटा लम्बा था ८ इंच का काला लंड वो अंकल है भी मद्रासी था अंकल मेरी चूत मार रहे था मैं लंड चूस नीचे से चूतड़ हिला रही थी।

उमर की भी फ़रक पड़ता है महज़ ६-७ मिनट में अंकल झड़ गये अब दूसरा मेरे ऊपर आया और मुझे कहा चूतड़ के नीचे तकिया रख लंड पेल दिया बहुत तकलीफ़ हुई लेकिन मैं कई बार चुदी हुई थी तब दूसरा अंकल आया मुझे पेग पिला दिया और खुद भी और फ़िर डाल दिया मुँह में दूसरे ने मुझे घोड़ी बना लिया और चोदने लगा मैं मजे में सीईईइ यस अंकल हरामी फ़ाद्दद्दद्दद्दद्द डाल्लल्लल्लल्लल मेरी चूत झड़ने वाली हूं कम चोद भोसड़ी के अंकल स्लेपिंग माई एस चीक्स बोले रंडी सारी रात फाडूंगा फ़िकर मत कर हलवा बना देंगे आज। कमीने मेरे बाप की उमर का है बुड्ढा ठरकी कुंवारी चूत मार्रर्रर्रर्रर्रर्रर दबाआ करते करते अंकल ने सीधा किया फ़िर डाल दिया ज़ोर ज़ोर से चुदने लगि तभी उसका लंड मेरी चूत एक साथ ही बह गये। गरम माल जब चूत को मिला तृप्त हो गई।

अब दूसरा तैयार था उसने इस बार मेरी गांड मारी Hindi Sex Stories

आज मैं एक कहानी बताने जा रहा हूँ जो मेरी अपनी है। Sex Stories

मेरी शादी हुए दस Sex Stories साल हो गये हैं और हम दोनों का यौन-जीवन बहुत बढ़िया है। पर मेरे मन में इसके अलावा भी कुछ और करने की इच्छा थी।

मैंने रात को सेक्स करते हुए बीवी को बोला- अगर तुम्हें एक ओर लंड मिले तो कैसे लगेगा?
यह सुन कर वह नाराज हो गई और बोली- तुम बस अभी चूत मारो ! मुझे इसमें मजा आ रहा है।
मैंने पूछा- अगर मेरा लंड और बड़ा होता तो कैसा लगता?
तो वो बोली- तब तो मेरी चूत को मजा आ जाता और मैं आसमान में पहुँच जाती।
मैंने पूछा- अगर एक और लंड का इन्तजाम हो जाये जैसे कि डिल्डो?
वो बोली- मजा आ जायेगा।
मैंने बोला- अगर इस डिल्डो की जगह अगर एक आदमी बड़े लौड़े वाला हो तो? हम दोनों मिल कर तुम्हें जम कर चोदेंगे।

तो वह इसे सुन कर हल्का मुस्कराने लगी।
मैंने बोला- तुम्हारा भी मन है !
अब वह खुल कर बोली- हाँ !
वह पूछने लगी- तुम्हारा मन भी किसी और चूत के लिये करता है क्या?
मैं तो इस भी ज्यादा चाहता हूँ !
वह बोली- तो और क्या?
मैंने बोला- दो लण्ड पहले तुम्हें चोदेगे और फिर वही लण्ड मुझे चोदेगा।
यह सुन कर वह बोली- तुम अपनी गाण्ड में लण्ड लोगे?
मैं बोला- हाँ मेरी जान ! दोनों एक लण्ड को चूसेंगे ओर मजे लेंगे।

उसकी आँखों में एक चमक आ ग़ई। अब हम दोनों सेक्स करते हुए यही बात करते और सेक्स का मजा लेते। अब मुझे एक ऐसे आदमी की ख़ोज थी जो मुझे और मेरी बीवी दोनों को चोद सके। हमारी यह ख़ोज भी जल्दी पूरी हो ग़ई। वह तो हमारा पुराना पड़ोसी ही था जिसे मेरी बीवी भी पसंद करती थी। एक दिन मेरी बीवी ने उसे मूतते हुए देखा था जब वह छत पर घूम रही थी। सामान्य अवस्था में भी उसका लण्ड 5 इन्च का था। अब बस उसे पटाना था और घर तक लाना था।

एक दिन मैंने उसे बोला- कभी बैठ कर पैग लगाते हैं।
वो बोला- इस शनिवार को बैठते हैं।

मेरे मन की और मेरी बीवी की इच्छा अब बस पूरी होने वाली थी। अब हम दोनों शनिवार का इन्तज़ार करने लगे।
शनिवार को सुबह ही मेरी बीवी ने मुझे बोला- आज तबीयत से तैयार होने वाली हूँ और मुझे काफ़ी समय लगेगा।
उसने पूरी वैक्सिंग करी और चूत को हेयर रिमूवर से साफ़ किया। मैंने भी अपने सारे झान्ट साफ़ किये और अपनी गाण्ड के बालों को हेयर रिमूवर से साफ़ किया।

शीशे में अपनी गाण्ड देख कर मुझे कुछ होने लगा। फिर मैंने अपनी गाण्ड में खूब तेल लगाया। जिससे कि मेरी गाण्ड चिकनी हो जाये। शाम को वह हमारा पड़ोसी आ गयाँ और हम दोनों इसके लिये पहले से तैयार थे। मैंने एक शॉर्ट और टीशर्ट पहनी थी ओर मेरी बीवी ने एक टॉप जिसका गला बहुत खुला था और इसके साथ उसने एक टाईट कैप्री पहनी थी जिसमें उसके कूल्हे एक दम गोल-गोल नजर आ रहे थे। टॉप के नीचे उसने ब्रा नहीं पहनी थी। उस के 38-सी कप के स्तन एक दम मस्त लग रहे थे और तने हुए चुचूक गजब ढा रहे थे।

जब वह कोल्ड ड्रिंक देने आई तो हम दोनों उसे देख़ते ही रह गये। जैसे ही उसने झुक कर सामान रखा हमारा पड़ोसी मेरी पत्नी के वक्ष देख़ने लगा। यह देख़ कर हम दोनों मुस्करा दिये क्योंकि आज रात वह हम दोनों को खुश करने वाला था। फिर मैंने ड्रिन्क ग्लास में डाला और उसे दिया। मैंने जानबूझ कर उसके पैग बड़े बनाए ओर दो पैग में वह सुरुर में आ गया।
अब हम दोनों अश्लील चुटकले सुनाने लगे।

इतने में रितु (मेरी बीवी) भी वहीं आ गई और हमारे साथ बैठ कर बातें करने लगी। रितु बोली- मुझे भी चुटकले सुनने हैं।
तो मैंने एक चुटकला सुनायाँ जो इस तरह से था :
राम लाल : ठाकुर साहब, ग़ब्बर ने बहू की इज्जत लूट ली है।
ठाकुर : तो मैं क्या करुँ?

रामलाल : बहूरानी पूछ रही है कि बब्बर से बदला लेना है या पेमेन्ट?
इस दौरान जब हम सब हंस रहे थे तो चौधरी (हमारा पड़ोसी) रितु के स्तन और चुचूक देख रह था।
और इस तरह से हमारी अश्लील बातचीत आगे चलने लगी। हम धीरे धीरे पूरी तरह से व्यस्क चुटकले सुनाने लगे।

मैंने चौधरी से पूछा- क्या कभी तुमने भाभी के अलावा किसी और से सेक्स कियाँ है?
वो बोला- मन तो बहुत करता है पर कियाँ नहीं है।
मैंने पूछा- किसी पर तुम्हारा दिल आयाँ है?
तो वो बोला- आप नाराज नहीं होना ! मुझे रितु भाभी बहुत सैक्सी लगती है।
मैंने बोला- तुम्हारी नजरें ही बता रही हैं क्योंकि तुम इसके स्तनों को ही घूरते जा रहे हो।
वो बोला- इनकी गाण्ड तो और भी सेक्सी है। मै तो अपनी बीवी को चोदते हुए भी इनके बारे में सोचते हुए चोदता हूँ।

यह सुन कर रितु हंसने लगी और बोली- तो क्या मैं इतनी सेक्सी हूँ?
तो हम दोनों एक साथ बोले- हाँ।
मैंने पूछा- चौधरी सच में इसे चोदना चाहते हो क्या?
वो बोला- अगर मौका मिले तो जरुर चोदूंगा।
मैंने बोला- आज तुम मेरे सामने ही चोद लो ! बाद में कुछ और हरकत मत कर बैठना।
वो बोला- तुम अपने सामने चोदने दोगे?
मैंने बोला- मैं भी तो चोदूंगा।

यह सब सुन कर रितु भी जोश में आ गई थी। अब हम तीनों अपने बैडरूम की तरफ़ चल दिए। रितु ऐसे मटक कर चल रही थी कि हम दोनों के लण्ड ख़ड़े हो गये। जैसे ही हम बैडरूम में पहुँचे, रितु ने बैड पर लेट कर एक जोरदार अंगड़ाई ली और उसके स्तन एक दम ख़ड़े हो ग़ये। मैंने आगे बढ़कर दोनों कबूतरों को पकड़ लिया और मसलने लगा। वह जोर से आह आह करने लगी और चौधरी अपने लण्ड को पकड़ कर हिलाने लगा।

मैंने रितु का टॉप उतार दिया और दोनों कबूतर बाहर आ गये। चौधरी ने आगे बढ़कर एक चूची को पकड़ लिया और मसलने लगा। मैंने चुचूक को मुँह में ले लिया और चूसने लगा। अब हम दोनों के बीच में रितु थी और हम दोनों उसके स्तनों से ख़ेल रहे थे। उसने हमारे लण्ड पकड़ लिये और हिलाने लगी। अब हमने मिल कर उसे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी नंगे हो गये। अब कमरे में एक चूत और दो लण्ड थे जो कि धमाल मचाने वाले थे।

चौधरी ने बोला- मैं तो रितु की चूत को चूसूंगा।
और रितु ने टांगें खोल कर उसे बुलाया। वो उसकी टांगें उठा कर चूत को चाटने लगा और रितु की सिसकारियां निकलने लगी। वह भी उसे जोर से चूसने को कह रही थी और क्यों ना कहे, उसे आज मनचाहा दिलदार मिला था जो उसे चोदने वाला था।

चौधरी भी पूरी जोर से चूत चाटे जा रहा था। उसने दोनों हाथों से चूत को फ़ैला रख़ा था और पूरी जीभ अन्दर पेल रहा था। रितु ने उस के सिर को दोनों हाथों से पकड़ कर चूत पर दबा दिया और वो बोल रही थी- चूसो मेरे जानू और जोर से चूसो !
और इसको सुनकर चौधरी भी पूरा दम लगा कर चूसे जा रहा था। अब चूत में से पानी टपकने लगा था और चपर-चपर की आवाज भी आने लगी थी। मैं बड़े गौर से रितु को चूत चटवाते हुए देख रहा था। वह बहुत सैक्सी लग रही थी।

अब मैंने आगे बढ़कर उसे अपना लण्ड पकड़ा दिया और उसे चूसने को बोला। उसने मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी। अब कमरे में हमारी सिसकारियाँ निकल रही थी। रितु ने अचानक मेरे लण्ड को चूसना बन्द करके जोर जोर से सिसकारियाँ भरने लगी और चौधरी के सर को जोर से चूत पर दबा दिया। वोह बोलने लगी- चूस जा इस चूत को ! चूस जा ! निकाल दे मेरा पानी ! मजा आ रहा है ! आ रहा है ! और जोर से चूस ! और जोर से।

चौधरी को भी जोश आ गया और पूरी जीभ अन्दर डाल कर चूसने लगा। इतने में रितु ने चूत को उछालना शूरु कर दिया और आअह्ह्ह, औह्हह, आआअह्ह्ह् करने लगी। और फिर थोड़ी ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरु कर दिया। चौधरी मजे ले ले कर चूत का पानी पीने लग़ा। रितु की भी सिसकारियाँ तेज होती जा रही थी और फिर वह प्यार से चौधरी के सर पर हाथ फेरने लगी। अब
मैंने चौधरी को बोला- बहुत हो गया चूसना ! अब जरा इस चूत को चोदना शुरु करो।
वह बोला- इसके लिए तो मैं कब से तड़प रहा हूँ।

फिर वह रितु की टांगों के बीच आ गया और अपने लण्ड को रितु की चूत पर फ़ेरने लगा। रितु ने भी दोनों टांगें फैला दी ताकि वह आराम से उसे चोद सके। अब चौधरी ने लण्ड को चूत पर रख कर एक जोरदार धक्का लगाया तो उस का आठ इन्च का लण्ड पूरा अन्दर तक घुस गया और रितु जोर से बोली- फ़ाड दी मेरी भैन चोद !

यह सुन कर चौधरी को और जोश आ गया और उसने एक बार फिर लण्ड को बाहर निकाल कर पूरे जोर से पूरा लण्ड अन्दर पेल दिया। इस बार रितु ने बोला- मजा आ गया मेरी जान ! और पेलो जोर से पेलो।

मैं रितु को इस तरह से चुदते देख कर जोश से भर गया और बोला- आज इसकी चूत को फ़ाड दो और खूब दम लगा कर चोदो।
मैंने फिर से अपने लण्ड को रितु के मुँह में डाल दिया।
अब वह मेरे लण्ड को चूस रही थी और उधर से उसकी चूत में चौधरी लण्ड पेले जा रहा था। मैं दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को मसल रहा था।।

थोड़ी देर जब चौधरी ने चोद लिया तो मैंने बोला- तुम इसे अपना लण्ड चुसाओ, मैं तब तक चूत का स्वाद लेता हूँ।

अब हम दोनों ने पोजीशन बदल ली। मैंने चूत में अपना लण्ड डाल दिया और चौधरी ने अपना लण्ड रितु के मुँह में दे दिया। बड़ा लण्ड देख कर वह भी उसे जोश से चाटने लगी। चौधरी का लण्ड किसी ने पहली बार चूसा था और वह हवा में उड़ने लगा। उसके मुँह से आवाजें आने लगी- वाह मेरी जान, आज पहली बार इस लण्ड को किसी ने चूसा है, मेरी बीवी तो चूसती ही नहीं है, आह्ह्ह्ह, आह्ह्ह्ह्ह, वाह्ह्ह्ह्ह्ह, हो हो !

और रितु ने उसे और जोर से चूसना शुरु कर दिया। यह सब देख कर मैंने भी चूत को जोर से चोदना शुरु कर दिया। इधर रितु की चूत से पानी निकलने लगा और चूत में चिकनाई और बढ़ गई, इसके साथ ही फच फच की आवाज भी आनी शुरु हो गई। अब मैंने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को पकड़ रखा था और चोदे जा रहा था। जबकि चौधरी ने उसके सिर को पकड़ कर मुँह को चोदना शुरु कर दिया।

मैंने चौधरी को बोला- तुम इसकी चूत में आ जाओ और मैं थोड़ी देर तुम लोगों को देखता हूँ।
चौधरी ने फिर से चूत पर मोर्चा जमा लिया और उसकी दोनों टागों को कन्धे पर रख लिया। दोनों हाथों से उसकी चूचियों को पकड़ कर जोर जोर से चोदने लगा। रितु भी नीचे से गाण्ड उठा उठा कर साथ दे रही थी।

अब दोनों के मुँह से आवाजें आने लगी- आऽऽ चोदो ! और जोर से चोदो ! फाड़ दो इस चूत को ! वह भी बोल रहा था- आज इस चूत का तो मैं बैन्ड बजा दूंगा।
और फिर रितु बोलने लगी- मैं झड़ने वाली हूँ, आईईईई, आह्ह्ह्ह्ह, और और और आह्ह्ह्ह्ह आईईईईई !

और फिर उसने कस कर चौधरी को पकड़ लिया। चौधरी अभी भी उसे पूरा जोर लगा कर चोदे जा रहा था। इतने में चौधरी की आवाज भी आने लगी- मैं खाली हो रहा हूँ, मेरा छुटने वाला है।

और रितु ने उसे और कस कर पकड़ लिया और फिर चौधरी भी उस से चिपक गया और हांफने लगा। उसके लण्ड ने रितु की चूत में अपना माल छोड़ दिया जो चूत से रिस कर बिस्तर पर गिरने लगा। अब तक मैं अपने लण्ड को सहला रहा था और ख़डा हो गया और बोला- अब इस चूत का पानी मैं निकालता हूँ।
चौधरी बोला- मैं इन मस्त चूचियों से दूध निकालता हूँ।

अब चौधरी ने एक चूची को मुँह में लेकर चूसना शुरु कर दिया और दूसरे हाथ से दूसरी चूची को मसलने लगा। रितु ने एक हाथ से उसके लण्ड को हिलाना शुरु कर दिया।मैंने रितु की चूत में अपना लण्ड डाल कर अन्दर-बाहर करना शुरु कर दिया। फिर से कमरे में चूत से फच फच की आवाज आने लगी और माहौल और सैक्सी हो गया। कुछ ही देर में चौधरी का लण्ड फिर से खड़ा हो गया।

मैं जोर जोर से रितु को चोद रहा था पर मेरा ध्यान चौधरी के लण्ड पर था क्योंकि आज मुझे भी तो अपनी गाण्ड का उदघाटन करवाना था। चौधरी से अपने लण्ड का ताव सहा नहीं जा रहा था और मेरी चिकनी गाण्ड देख कर वो भी उत्तेजित हो रहा था जिसे मैंने सुबह ही साफ किया था और उसका परिणाम आने ही वाला था।

अब चौधरी ने उठ कर मेरी गाण्ड पर हाथ फेरना शुरु कर दिया जो कि मुझे भी उत्तेजित कर रहा था। इतने में वह मेरे पीछे आ गया और अपनी दो अन्गुलियाँ मेरी गाण्ड में पेल दी। मेरी गाण्ड में जोर से दर्द हुआ, मैं बोला- भैन्चोद ! तेल तो लगा ले।

यह सुन कर चौधरी ने ड्रैसिंग टेबल से तेल की शीशी उठाई और बहुत सा तेल लेकर मेरी गाण्ड में लगाने लगा। अब उसने दो अन्गुलियाँ मेरी गाण्ड में डालनी शुरु कर दी और मुझे अजीब सा मजा आने लगा। इधर चूत मारने का और उधर गाण्ड में अन्गुलियाँ, इससे ऊपर की थोड़ी ही देर में एक आठ इन्च लम्बा लण्ड मेरी गाण्ड में घुसने वाला है।

अब रितु फिर से उह आह करने लगी थी।
अब चौधरी ने बोला- मैं तुम्हारी ग़ान्ड मारने वाला हूँ, तैयार हो जाओ।

उसने मेरी कमर को पकड़ लिया और मेरी गाण्ड पर अपना लण्ड रगड़ने लगा। मैंने रितु को चोदना बन्द कर दिया ताकि वह अपना लण्ड मेरी गाण्ड में डाल सके। उसने फिर से बहुत सा तेल अपने लण्ड पर लगाया और मेरी कमर पकड़ कर लण्ड को गाण्ड के छेद पर लगाया। मेरी गाण्ड में झुरझुरी सी दौड़ गई। अब उसने एक जोर का धक्का लगाया और उसका दो इन्च लण्ड मेरी गाण्ड में घुस गया।
मेरी गाण्ड में लण्ड घुसते ही दर्द हुआ पर मै आगे का मजा सोच कर और उत्तेजित हो गया और इतनी ही देर में दूसरा झटका लगा और उसका पूरा लण्ड मेरी गाण्ड में घुस गया और मेरा पूरा लण्ड रितु की चूत में। और इस के साथ ही हम तीनों की आवाज आई।
अब मै सैन्डविच की तरह से था। मैं रितु की चूत मार रहा था और चौधरी मेरी गाण्ड मार रहा था। पहले चौधरी मुझे धक्का मारता और मैं रितु की चूत में लण्ड पेलता।
इधर रितु कह रही थी- चोदो !
और उधर मै कह रहा था- चोदो।

चौधरी तो मेरी गाण्ड मारते हुए मजे से दीवाना हुआ जा रहा था और कह रहा था- क्या टाइट गाण्ड है !
मेरे को भी मजा आने लगा था और फिर चौधरी ने एक दम रफ़्तार बढ़ा दी। लगता था कि टाइट गाण्ड की वजह से वह जल्दी ही खाली होने वाला था। मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी। अब रितु, मैं और चौधरी एक साथ ही झड़ने वाले थे और वह क्षण शीघ्र ही आ गया जब हम तीनों ने बोलना शुरु किया- मैं झड़ने वाला हूँ ! और तीनों कि रफ़्तार तेज हो गई।
इसके साथ ही चौधरी ने मेरी गाण्ड में अपना वीर्य छोड दिया और उसके गर्म गर्म वीर्य को महसूस करते ही मैंने भी रितु की चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया। रितु पहले ही झड़ना शुरू हो चुकी थी। मैंने कस कर रितु को पकड लिया और चौधरी ने मुझे।

तीनो ही हांफ़ रहे थे और एक जोरदार चुदाई से तीनों के चेहरे चमक रहे थे।
थोड़ी देर बाद ही हम तीनों फिर से एक और चुदाई के लिये तैयार थे। अब मै नीचे लेटा और मेरे लण्ड पर रितु मेरी तरफ मुँह करके अपनी चूत ख़ोल कर बैठ गई। फिर मैंने उसे अपनी तरफ झुका लिया जिससे उसकी गाण्ड ऊपर की तरफ निकल आई। चौधरी ने फिर से अपने लण्ड को रितु की गाण्ड में डालने की तैयारी कर ली।

उसने अपने लण्ड पर तेल लगाया और अपनी अन्गुलियों पर तेल लगा कर रितु की गाण्ड में पेल दी और वह जैसे ही आगे हुई, मेरा लण्ड उसकी चूत में पूरा घुस गया। चौधरी ने अपने लण्ड को रितु की गाण्ड पर टिकाया और जोर से धक्का मारा। उसका लण्ड आधे तक गाण्ड में घुस गया और वह चिल्लाने लगी।

चौधरी ने हाथ आगे बढ़ा कर उसके दोनों स्तन पकड़ लिये और मसलने लगा। मैं उसके होठों को चूस रहा था। अब चौधरी ने एक और जोर से धक्का मारा और इसके साथ ही पूरा लण्ड अन्दर तक पेल दिया।

अब हमने मिल कर चोदना शुरु कर दिया और एक बार फिर से रितु की सुख भरी सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगी। इस बार हमने पाँच मिनट तक ऐसे ही चोदा और फिर हमने अपनी पोजीशन बदल ली।
अब चौधरी चूत में लण्ड घुसा रहा था तो मै गाण्ड की मरम्मत कर रहा था।
और फिर कुछ ही देर में रितु ने बोलना शुरु किया- आज चोद डालो इस चूत को और गाण्ड को ! मजे आ गये ! जोर से चोदो ! और जोर से !

इतना सुनते ही हम दोनों की स्पीड बढ़ गई। और हम जोर जोर से चोदने लगे।
रितु की सिसकारियाँ निकलने लगी और वह और बोलने लगी- और तेज ! तेज-तेज !
इधर चूत और गाण्ड दोनों से ही आवाज आ रही थी- फ़्च, फ़च, फ़च !

और इसके साथ ही रितु ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया और हमने अपने धक्को की रफ्तार और तेज कर दी ताकि हम भी एक साथ ही खाली हो जायें। अब मेरे चिल्लाने की बारी थी, आह निकला, आह निकला !
इतने में चौधरी की भी आवाज आई- मेरा भी निकला !

और हम दोनों ने अपना वीर्य छोड़ना शुरू कर दिया। मैंने रितु की गाण्ड में सारा वीर्य छोड़ दिया और चौधरी ने चूत में।
तीनों के चेहरे पर सन्तोष झलक रहा था और इस तरह हम सबकी इच्छा पूरी हो गई। Sex Stories

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