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Massage Girl in Bathinda: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Bathinda who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Bathinda that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Bathinda massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Bathinda who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Bathinda massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Bathinda massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Bathinda who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Bathinda employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Bathinda helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Bathinda

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Bathinda at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

जब मैं इंटरमीडिएट में पढ़ती थी तो पूरी तरह जवान हो चुकी थी उम्र से भी और शरीर से भी!
मेरा बदन पूरा भर चुका था।
मेरे स्तन बड़े बड़े और सुडौल हो चुके थे.
मेरी कमर पतली और चूतड़ थोड़ा बड़े बड़े हो गए थे।

मेरी खुली खुली बांहें बड़ी सेक्सी दिखतीं थीं.
मुझे डांस करने का बड़ा शौक था तो मैं ठुमके खूब लगाती थी.
जो देख ले वो मदहोश हो जाए.

मेरी जाँघें मोटी मोटी हो गईं थीं और उनके बीच की चूत के तो कहने ही क्या …

मैं एक चुलबुली लड़की थी, पढ़ने में भी बहुत अच्छी थी और हंसी मजाक करने में भी सबसे आगे!

मेरा नाम रीतिका है दोस्तो!

मैं एक चंचल शोख़ और बिंदास लड़की हूँ.
मेरा कद 5′ 3″ का है, रंग गोरा है और चेहरा गोल है.

इंटर करने के बाद मुझे मेरे माता पिता ने शहर में मेरी बुआ जी के घर भेज दिया।
मैं उनके घर रह कर पढाई करने लगी।

मेरी बुआ जी का नाम श्रीमती साधना है और मेरे फूफा जी का नाम संजय है।

मेरे फूफा जी एक नेक सज्जन और शरीफ़ इन्सान हैं।
वे मेरी देख भाल अच्छी तरह करने लगे, मेरी पढ़ाई पर बहुत ध्यान देते थे, मेरी हर जरूरत को पूरा करते थे।

मेरी बुआ जी भी बड़ी अच्छी और मधुर स्वाभाव की थी और मुझे बहुत प्यार करती थीं।
मैं भी उन दोनों के साथ घुलमिल गयी थी।

मेरी पढ़ाई अच्छी चल रही थी साथ ही साथ कॉलेज में मेरी मस्ती भी हो रही थी।

मैं अपने सहेलियों से खुल कर बातें करने लगीं थीं।

मेरी सहेलियां अधिकतर लण्ड की बातें करतीं थीं. लण्ड के साइज और लण्ड के रंग की बातें।
कोई कहती- मेरे भाई का लण्ड बड़ा मोटा है.
तो कोई कहती- मेरे जीजू का लण्ड बड़ा लम्बा है.
कोई कहती- मेरे अब्बू का लौड़ा काला है और 8″ का है.
और कोई कहती- मेरे मौसा का लण्ड खड़ा होने पर तलवार की तरह हो जाता है।

मैंने तो कोई लण्ड न कभी देखा था और न कभी पकड़ा था तो उनकी बातें सुनकर मेरी झांटें सुलगने लगतीं थी।
लेकिन मेरी चूत जरूर गीली हो जाती थी।

अब मुझे गन्दी गन्दी बातें करना बड़ा अच्छा लगता था.
नॉन वेज चुटकुले तो मेरी जबान पर रखे ही रहते थे।
मैं अब अपनी दोस्तों के बीच खूब खुल कर बोलती थी लण्ड, चूत, गांड, भोसड़ा कहने में मुझे कोई शर्म नहीं आती थी।

एक दिन जब मैं रात में लेटी थी तो मेरे दिमाग में लण्ड की बातें घूम रहीं थीं।
मैं करवटें बदलते बदलते रात गुज़ारती रही।

तब तक रात के 12 बज चुके थे।

मैं बाथरूम जाने के लिए उठी.
बाथरूम से जब मैं वापस आ रही थी तो देखा कि बुआ जी के कमरे की धीमी धीमी लाइट जल रही है।
लाइट वैसे रात में तो जलती नहीं थी।

मैं उत्सुकता बस कमरे की खिड़की से अंदर झांक कर देखने लगी.
अंदर जो हो रहा था, उसे देख कर मैं दंग रह गयी।

मैंने देखा कि फूफा जी बिल्कुल नंगे चित लेटे हुइ हैं।
उनके पास बुआ जी भी बिल्कुल नंगी बैठी हुई हैं.

बुआ जी लण्ड मुठ्ठी में लेकर ऊपर नीचे कर रही हैं और लण्ड का टोपा भी चूम चाट रही हैं।

लण्ड पूरा तो नहीं दिखा पर जितना दिखा उससे लग रहा था कि लण्ड बड़ा मोटा था और सख्त भी।

ऐसे में मेरी चूत गीली हो गयी और मैं चूत में उंगली करने लगी, दूसरे हाथ से अपने मम्मे दबाने लगी।
Xxx अंकल सेक्सी भतीजी चुदाई की कहानी भी यहीं से शुरू हुई.

मुझे लगा कि अब बुआ की चुदाई होगी।
मैं चुदाई होने का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार करने लगी।

अचानक बुआ ने अपनी टाँगें फैला दीं तो उनकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत मुझे दिख गई.
इतने में फूफा जी बुआ के ऊपर चढ़ बैठे और लण्ड गच्च से एक ही झटके में पूरा घुसा दिया।

उसके बाद मैंने बुआ की पूरी चुदाई देखी।
फूफा जी को पीछे से चोदते हुए देखा और बुआ को झड़ता हुआ लण्ड चाटते हुए देखा।

इस तरह मैं हर रोज़ रात में बुआ फूफा की चुदाई देखने लगी और अपनी चूत में उंगली डाल डाल उत्तेजित होने लगी।
कई बार मेरी इच्छा हुई की मैं अंदर जाकर फूफा का लण्ड पकड़ लूँ पर मेरी हिम्मत नहीं हुई।

एक दिन बुआ ने कहा- रीतिका बेटी, मैं अपने मायके जा रही हूँ। क्या तुम चलोगी?
मैंने कहा- नहीं बुआ जी, मेरे एग्जाम चल रहे हैं, मैं नहीं जा सकती।

बुआ जी चली गई तो घर में हम दो, यानि मैं और फूफा जी रह गए।

रात में मैं अपने कमरे में और फूफा जी अपने कमरे में सोते थे।

एक दिन रात के 12 बजे फूफा जी उठ कर बाहर आ गए।

मैं जाग ही रही थी, उठ कर बाहर आ गई.
मैंने पूछा- क्या फूफा जी कुछ चाहिए?

वे बोले- नहीं बेटी, चाहिए कुछ नहीं, बस नींद नहीं आ रही है। तेरी बुआ जी भी चली गईं।
मैंने कहा- हां फूफा जी, नींद मुझे भी नहीं आ रही है।

उन्होंने पूछा- तुम्हें नींद क्यों नहीं आ रही बेटी?
मैंने कहा- अब क्या बताऊँ फूफा जी, आपको मुझे बताने में शर्म आ रही है।

वे बिना कुछ बोले अपने कमरे में चले गए।

ऐसे ही दिन बाद मैं अपने कमरे में अधनंगी लेटी हुई थी।
मेरे चूतड़, गांड खुली हुई थी, मेरे बूब्स दोनों खुले थे लेकिन चूत छिपी हुई थी।

फिर एकदम से फूफा जी कमरे में आ गए।
मैं सोने का बहाना किये लेटी रही और कनखियों से उन्हें देखती रही।

वे दो मिनट तक अपना लण्ड सहलाते हुए मेरे नंगे बदन को देखते रहे और फिर चले गए।
मेरी एक बार फिर झांटें सुलग गईं।
मैंने मन में कहा कि कितना बढ़िया मौका था … मुझे नंगी नंगी पकड़ क्यों नहीं लिया? पकड़ लेते तो मुझे आज लण्ड जरूर मिल जाता।

मैं लण्ड के लिए तड़पती हुई सो गयी।

फिर दूसरे ही दिन रात को 11 बजे मैं अपने आप को रोक नहीं सकी और फूफा जी के कमरे में चली गई।

मैंने देखा कि फूफा जी एकदम नंगे लेटे हुए अपना खड़ा लण्ड सहला रहे हैं और दूसरे हाथ से मोबाइल देख रहे हैं.
मैं समझ गयी कि वे मोबाइल पर पोर्न देख रहे हैं।

वे मुझे नहीं देख सके.
उनका लण्ड धीरे धीरे कड़क होता जा रहा था.

मैंने आहिस्ते से हाथ बढ़ाकर उनका लण्ड पकड़ लिया और कहा- फूफा जी, यह काम मेरा है आपका नहीं! लण्ड हिलाना, चूसना, चाटना मेरा काम है।

वे एकदम से बोले- अरे बेटी रीतिका तुम? सॉरी सॉरी मैं बस ऐसे ही …
मैंने कहा- मैं जानती हूँ फूफा जी, अपने आप को अकेला मत समझो मैं हूँ न!
ऐसा कह कर मैंने लण्ड मुंह में भर लिया और चूसने लगी, पेल्हड़ भी चाटने लगी.

फिर मैं बोली- बड़ा मोटा, हैंडसम और प्यारा लौड़ा है आपका, फूफा जी! मुझे इससे प्यार हो गया है।

मैं मस्ती से नंगी नंगी लण्ड चूसती रही, उनके नंगे बदन पर हाथ भी फिराती रही।

उन्हें भी मज़ा आने लगा।
वे भी मेरा नंगा जिस्म बड़े गौर से देखने लगे।

मैंने लण्ड चूसने की स्पीड बढ़ा दी तो लण्ड ने जल्दी ही उगल दिया वीर्य जिसे मैं बड़े प्यार से चाट गयी।

फिर उन्होंने मुझे अपने बेड पर नंगी बड़ी देर तक लिटा कर रखा।
इस तरह मैं हर रोज़ रात को फूफा जी का लण्ड चाटने और चूसने लगी।

मैं चाहती थी कि वे लण्ड पेलें मेरी चूत में और चोदें मुझे … पर वे शरीफ़ इतने थे कि मैं उनसे कुछ कह नहीं सकी.
शायद वे मुझे बर्बाद नहीं करना चाहते थे।

ऐसे में 2 दिन इंतज़ार में और गुज़र गए।

चौथे दिन जब मैंने उसका नंगा नंगा लण्ड पकड़ा तो बोली- अरे फूफा जी, आज तो आपका लण्ड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है? बिल्कुल लोहे की तरह कड़क हो गया है।
उन्होंने पलट कर कहा- रीतिका बेटी, तुमने ही इसे चूस चूस कर इतना मोटा कर दिया है।

मैं समझ गयी कि फूफा जी आज कुछ ज्यादा ही रोमांटिक मूड में हैं.
तब मैंने कहा- आज आपका लण्ड कुछ ज्यादा ही फुफकार मार रहा है फूफा जी … क्या बात है? क्या करने वाला है आपका यह बहनचोद लण्ड?

ऐसा बोल कर मैंने लण्ड गप्प से मुंह में डाला और चूसने लगी।
मुझे कुछ ज्यादा ही मज़ा आने लगा।
मैं लण्ड बार बार अंदर डालती और बाहर निकालती।

तभी एकाएक फूफा जी बेड के नीचे उतर कर खड़े हो गये, मुझे किनारे घसीट लिया मेरी गांड के नीचे तकिया लगा कर अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ने लगे।

फिर अचानक लण्ड गच गचा से घुसा दिया अंदर और बोले- आज मैं तुझे चोदूँगा रीतिका। तेरी चूत आज फाड़ूंगा मैं, पूरा लण्ड घुसेड़ दूंगा तेरी चूत में, रंडी की तरह चोदूँगा मैं तुझे!

मैं समझ गयी कि फूफा का कई दिन का गुबार आज निकल पड़ा।
इससे मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई।

फिर क्या … वे सच में घपाघप चोदने लगे मुझे और मेरी इच्छा पूरी होने लगी।

मैं भी मस्ती में बोली- चोद लो मुझे जितना चोदना चाहते हो, उतना चोद लो। यह चूत आपके लिए ही है यार!
फूफा जी को मैं यार कह कर बोलने लगी।

मुझे मज़ा आया तो बोली- हाय रे, पूरा लौड़ा पेल के चोदो मेरे राजा! आज मैं आपकी गर्लफ्रेंड हूँ। आप मेरे बॉयफ्रेंड हो! आपका लण्ड मुझे बड़ा मज़ा दे रहा है। फाड़ डालो मेरी चूत!

फिर मुझे और जोश चढ़ा, मैं उनको गालिया देने लगी- साले कुत्ते कमीने … भोसड़ी के … आज तू ले ले पूरा मज़ा मेरी चूत का!

वे वास्तव में मेरी टांगें अपने कंधों पर रख कर मुझे तूफान मेल की तरह चोदने लगे और मैं गांड उठा उठा के चुदवाने लगी।

मैं मस्ती करने लगी, मेरी सिसकारियां निकलने लगी- उई माँ … बड़ा अच्छा लग रहा है … क्या मस्त लौड़ा है! क्या मस्त चुदाई है! ऊऊऊ ऊओ ऊऊऊ हहा हाआआ आह ही हेहेह आहां … फट गई मेरी चूत, फूफा तूने मुझे रंडी बना दिया, यार! मैं कहीं मुँह दिखाने के काबिल नहीं रही!

इतने में उसने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से पूरा पेल दिया लण्ड मेरी चूत में, बोला- अब मैं तुझे कुतिया की तरह चोदूंगा रीतिका!
मैंने भी जोश में कहा- चोद ले साले कुत्ते, कमीने, हरामी तेरी बहन का भोसड़ा … तेरा जैसे मन हो वैसे चोद ले, मैं कहीं नहीं भागने वाली! तेरे लण्ड का कीमा बनाऊंगी मैं!

इस तरह वह मेरी कमर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मुझे चोदे जा रहा था और मैं भी उसका साथ देती जा रही थी, अपनी गांड हिला हिला कर चुदवा रही थी।
मैं मस्ती में चूर थी।

और फिर एकदम से मेरी चूत ने छोड़ दिया पानी और मैं खलास हो गई.
लेकिन उसका लण्ड साला अभी भी तना हुआ था।

तब मैंने घूम कर लण्ड मुट्ठी में लिया और आगे पीछे करने लगी।
10 / 12 बार करने पर ही लण्ड से निकल पड़ी कई पिचकारियां!
मेरा मुंह वीर्य से सन गया।
थोड़ा बहुत मेरे स्तन पर गिरा और बाकी मैं खुद चाट गयी।

फिर हम दोनों बाथरूम में गए, खूब मजे से नंगे नंगे हम दोनों ने एक दूसरे को नहलाया फिर उसने मुझे गोद में उठा कर बेड पर पटक दिया और खुद मेरे बगल में नंगा लेट गया।

फूफा बड़े रोमांटिक मूड में थे।
लग ही नहीं रहा था कि ये पहले वाले फूफा जी हैं।
वे बिल्कुल मेरे दोस्त बन गए।

मैंने जैसे ही प्यार से लण्ड हिलाया, उसे चूमा तो उन्होंने मुझे अपने बदन से चिपका लिया और बोले- रीतिका, मैं तुम्हें एक बार फिर चोदूंगा।

पर फूफा जी ने मेरे जवाब का इंतज़ार नहीं किया, बस गच्च से लण्ड पेल दिया मेरे अंदर!
मैं तो चाहती ही थी चुदना … तो मजे से चुदने लगी।

Xxx अंकल सेक्सी भतीजी चुदाई जोर जोर से झटके मार कर करने लगे और मैं हर झटके का जवाब झटके से देने लगी।

मैंने कहा- यार तुम तो मुझे 24/25 साल के लड़के की तरह चोद रहे हो। मुझे नहीं मालूम था कि तुम्हारे लण्ड में इतनी आग है.
वे बोले- अरे रीतिका, मेरे लण्ड का तुम्हारी बुआ ने कभी इतनी अच्छी तरह से इस्तेमाल नहीं किया जितनी तरह से तुम कर रही हो। तुम लेती रहो मेरे लण्ड का असली मज़ा!

फिर उन्होंने सोफा पर बैठ कर मुझे अपने लण्ड पर बैठा लिया और दनादन चोदने लगे।

इस बार फूफा जी ने मुझे इतना चोदा कि उनके लण्ड ने उगल दिया पूरा का पूरा वीर्य.
मैंने फिर झड़ता हुआ लण्ड बड़े प्यार से चाटा।

उसके बाद वे मुझे रोज़ सुबह, शाम, दोपहर और रात में खूब चोदने लगे।
मैं भी बड़ी मस्ती से चुदने लगी।

जब तक बुआ जी अपने मायके से वापस आईं तब तक मैं जाने कितनी बार फूफा से चुद चुकी थी।

हाय! Sex Stories

सभी अन्तर्वासना-पाठकों को मेरा Sex Stories सलाम, मेरी तरफ़ से प्रणाम! मैं आपको बता दूँ कि मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक हूँ। मैंने इसकी सारी कहानियाँ पढ़ी हैं और आज मैं आपको अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर!

मैं शैल जोधपुर का रहने वाला हूँ। दिखने में मैं बहुत सुन्दर और प्यारा हूँ। मेरा कद ६’२” है और मेरा लण्ड करीब ६.५ इन्च लम्बा और ३.५ इन्च मोटा है।

कोलेज में मेरी बहुत सी लड़कियों से दोस्ती रही है और शारीरिक सम्बंध भी रह चुके हैं। यह घटना पिछले साल नवम्बर की है उस वक्त मैं एक टेलिकॉम कंपनी में काम करता था। एक दिन मेरे बॉस ने मुझे एक मोबाइल नम्बर देते हुए कहा कि ये उनके किसी दोस्त का नम्बर है और मुझे उनके यहाँ इन्टरनेट कनेक्शन लगाने जाना होगा।

मैंने उस नम्बर पे फोन किया तो किसी महिला ने उठाया मैंने पूछा क्या मैं मिस्टर विशाल से बात कर सकता हूँ तो उन्होंने कहा कि वो तो ऑफिस गए हैं कहिये क्या काम है?

मैंने सारी बात बताई तो उन्होंने कहा कि कनेक्शन करने अभी आ सकते हैं। मैंने कहा मैं अभी एक घंटे में आ जाता हूँ।

मैं दिए हुए पते पे पहुँचा और घंटी बजाई, एक महिला ने आकर दरवाज़ा खोला, उसकी उम्र करीब २५-२६ साल की रही होगी और उसकी फिगर ३६-२८-३८ रही होगी, उसने गहरे हरे रंग की साड़ी पहनी थी, रंग दूध जैसा सफ़ेद! दोस्तों मैं क्या कहूँ! उसके जैसी खूबसूरत औरत मैंने अपनी जिन्दगी में कभी नहीं देखी थी, मेरी आँखें सीधी उसके बूब्स पे जाकर गड़ गई।

उसने कहा- क्या काम है?
मैंने सामान्य होते हुए कहा- मैं शैल!
उसने कहा- ओके! प्लीज़ आइये।
मैं उसके पीछे चल दिया, उसके बदन से आ रही खुशबू मुझे मदहोश बना रही थी। उसने मुझे बैठक में बिठाया और अपना लैपटॉप लेकर आई। मैं उसपे डाटा-कार्ड (इन्टरनेट कनेक्ट करने का डिवाइस) इंस्टाल करने लग गया, वो अन्दर से २ कोल्ड ड्रिंक लेकर आई और मेरे सामने सोफे पर बैठ गई। मेरी नज़रें बार बार उसके बूब्स पे जा रही थी, मेरा लण्ड तो अकड़ कर तम्बू के बम्बू हो गया था जैसे अभी पैंट फाड़ के बाहर आ जाएगा।
अचानक उसने मुझे कहा- क्या देख रहे हो?
मैं एकदम से सकपका गया।
उसने कहा- शरारती कहीं के! और एक प्यारी सी मुस्कान दी।

ये सुनकर मेरा हौंसला भी थोड़ा बढ़ गया, मैंने कहा- आप इतने खूबसूरत हो कि नज़रें हटाने को मन ही नहीं करता!

वो बोली- फ्लर्ट करने में काफी अच्छे हो! और खिलखिला कर हँस पड़ी। उसकी हँसी इतनी प्यारी थी न दोस्तों ऐसा लग रहा था जैसे चारों तरफ़ मोती बिखर गए हो।

मैंने इन्टरनेट कनेक्शन कर के उससे कहा कि कनेक्शन हो गया है, आप कृपया चेक कर लीजिये। और वो आकर मेरे पास बैठ गई, मैंने उसे समझाने के बहाने २-३ बार छू लिया और हर बार वो मेरी तरफ़ मुस्कुरा देती उसकी तरफ़ से हरी झंडी मिलते देख मैं मन ही मन इतरा रहा था, तभी उसने मेरे गाल पे हौले से किस कर दी और कहा तुम बहुत क्यूट हो!

मुझे तो जैसे मन मांगी मुराद मिल गई हो, मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और कहा- मैं आपको एक बार हग करना चाहता हूँ!
तो उसने कहा बस इतनी सी बात!
मैं उठा और उसे कस के गले लगा लिया, दोस्तों ऐसा लग रहा था जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो।

तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजी, मेरे बॉस का फ़ोन आ रहा था, मैंने फ़ोन उठाया तो उन्होंने कहा कि ऑफिस में एक जरूरी मीटिंग है तो जल्दी से आ जाओ, मैं मन ही मन अपने बॉस को गालियां दे रहा था. मैंने कहा अभी जाना पड़ेगा तो वो बोली गर्म करके ऐसे प्यासा छोड़ के जाना अच्छी बात नहीं है मैंने उसे अपना सेल नम्बर देते हुए कहा कल मुझे फोन करना, और मैं ऑफिस चला गया।

अगले दिन सुबह ही उसका फ़ोन आया, उसकी आवाज़ में अलग ही कशिश थी, उसने मुझे कहा कि अभी मेरे घर आ जाओ मेरे पति ऑफिस गए हैं. मैं तैयार होकर उसके घर चला गया। मैंने रास्ते में मेडिकल स्टोर से ४-५ कंडोम ले लिए, मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था कि आज तो मस्त माल चोदने को मिलेगा।

मैं उसके घर पहुँचा और दरवाजे की घंटी बजाई। जैसे ही दरवाजा खुला मैं तो उसे देखता ही रह गया! उसने काले रंग की नाईटी पहन रखी थी जो कि बहुत ही बारीक थी, उसकी ब्रा और पैंटी भी नज़र आ रही थी, उन कपडों में वो क़यामत लग रही थी। उसने जैसे ही दरवाजा खोला मैंने उसे गले लगा लिया, उसने कहा- क्या कर रहे हो? दरवाजा तो बंद कर लेने दो उसके बाद जो करना हो करो! फिर उसने दरवाजा बंद किया और मुझसे लिपट गई, दोस्तों उस वक्त मेरी क्या हालत हो रही थी मैं बयां नहीं कर सकता। मेरा लण्ड तो लोहे की छड़ जैसा कड़क हो गया था।
तभी उसने कहा कि सब कुछ यहीं करोगे या अन्दर भी चलोगे?

मैंने उसे अपनी बाँहों में उठा लिया और उसे बेडरूम में ले गया, उसे बेड पे लिटा कर उस पे टूट पड़ा। उसके सारे बदन को चूमने चाटने लगा। इतनी देर में वो भी गरम हो चुकी थी। उसके मुंह से शी इ … शी ऐ की आवाजें आ रही थी तो माहौल को और भी उत्तेजक कर रही थी।

मैं अपने हाथ उसके बदन पे फिराते हुए उसके स्तनों पे ले गया और जोरों से दबाने लगा. मैंने अपने होंठ उसके होंठों पे लगा दिए और उसे जोरों से चूमने लगा, चूमते चूमते उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी, मैंने धीरे धीरे उसकी नाईटी उतार दी और उसने मेरी पैंट और शर्ट उतार दिए।

अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी। मेरा लण्ड अंडरवियर के अंदर कोबरा सांप के जैसे फुफकार रहा था. उसने अपना हाथ मेरे लण्ड पे रखा और बोली ह्म्म्म … काफी बड़ा लण्ड है तुम्हारा तो! ज़रा बाहर तो निकालो इसे!

और मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया … अब मेरा लण्ड उसके हाथ में था और वो उसकी चमड़ी को धीरे धीरे ऊपर नीचे कर रही थी।

मैंने समय ना खोते हुए उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी. उसके बूब्स इतने प्यारे थे कि क्या कहूँ, एकदम गुलाबी, उसकी चूत पे एक भी बाल नहीं था शायद आज ही साफ की थी। मैं उसके बूब्स बुरी तरह दबा दबा के चूस रहा था और एक हाथ उसकी चूत पे फेर रहा था, मेरी उंगलियाँ उसके शिश्निका को मसल रही थी।

तभी मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी … उसकी चूत काफी कसी थी, शायद ज्यादा चुदी हुई नहीं थी, उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी, मैं धीरे धीरे अपनी उंगली को अन्दर बाहर करने लग गया। वो मुंह से श हह ही ईई … शी ईई … आ अ आह ह्ह्ह आः … ऊन नंह आवाजें निकाल रही थी।

तभी मैं उठा और अपना मुंह उसकी प्यारी सी चूत पे रख दिया। अब मैं उसकी चूत चाट रहा था … पहले मैंने अपनी जीभ उसके क्लिट पे फिराई … जिस से वो ऐसे तड़प उठी जैसे जल बिन मछली, वो कहने लगी प्लीज़ अब चोद दो और बर्दाश्त नहीं होता, पर मैं उसे और तडपाना चाहता था, अब मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अन्दर डाल दी. उसके मुंह से सीत्कार निकल गई. वो मेरी मिन्नतें करने लगी कि प्लीज़ अब बर्दाश्त नहीं होता … अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो और उसकी प्यास बुझा दो!

मैं उठा और कंडोम अपने लण्ड पे चढ़ाने लगा। तभी उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा इसकी कहाँ जरुरत है!
मैंने कहा- तुम गर्भवती हो सकती हो!
ये सुनकर वो बहुत भावुक हो गई और कहने लगी कि मैं तो बच्चे के लिए तरस रही हूँ।
मैंने कहा- मैं समझा नहीं!
तो वो बोली कि उसके पति में कमी है, वो कभी बाप नहीं बन सकते।

उसने कहा कि वो मेरे बच्चे की माँ बनना चाहती है। ये सुन कर मुझे इतनी खुशी हुई कि मैं बयां नहीं कर सकता और मैंने अपने लण्ड-मुंड पर से कंडोम हटा दिया और उसके ऊपर लेट गया, उसे बेतहाशा चूमने लगा … वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

मैंने अपना लण्ड हाथ में पकड़ा और उसकी चूत के मुँह पर रखा … उसकी चूत ऐसी लग रही थी जैसे कमल के फूल की अधखुली पंखुडियां, मैंने अपना लण्ड इसकी चूत पे रखा और रगड़ने लगा … उसने कहा प्लीज़ अब अन्दर भी डाल दो। मैंने हौले से धक्का लगाते हुए अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत में डाल दिया … उसकी चूत ज्यादा खुली हुई नहीं थी इसलिए लण्ड घुसने में दिक्कत हो रही थी, १ मिनट रुक के मैंने थोड़ा और ज़ोर लगाते हुए अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया …

वो इतनी ख़ूबसूरत लग रही थी कि मैं उसके चेहरे पे बिल्कुल भी दर्द नहीं देखना चाहता था। तभी उसने नीचे से अपनी कमर उठा के धक्के लगाने लग गई, मैं समझ गया कि अब उसे दर्द नहीं हो रहा है, मैं भी अब धीरे धीरे उसे चोदना शुरू कर दिया, उसकी चूत काफी गीली हो गई थी इसलिए फच-फच की आवाजें आ रही थी। मैं उसके होठों पे लगातार किस किए जा रहा था ,,,,मेरे हाथ उसके स्तनों को प्यार से मसल रहे थे।

उसके चेहरे पे एक संतुष्टि का भाव था और आँखों में खुशी के आंसू … उसने कहा कि उसके पति ने कभी उसे इतने प्यार से नहीं चोदा! तुम प्लीज़ आज मेरी प्यास बुझा दो …

अब मैं उठा और उसकी टाँगें उठा के मेरे कन्धों पे रख दी और लण्ड फिर से चूत में डाल दिया … अब मैं उसे स्पीड से चोद रहा था।

वो भी कह रही थी शैल प्लीज़ और ज़ोर से चोदो … आ अह हह ह श ह ह्ह्ह … ऊ उ ऊ ऊई ई ई मा … उन नन्ना … की आवाजों से पूरा कमरा गूँज रहा था। तभी उसने मुझे अपनी बाँहों में कस के पकड़ लिया और मेरे गाल पे एक ज़ोर से, मगर प्यार से सराबोर, काट लिया। मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है …

मैंने धक्के मारने का काम और तेज कर दिया। तभी उसकी चूत ने गरम गरम पानी छोड़ दिया जो उसकी चूत से बहता हुआ बेडशीट तक पहुँच गया … झड़ने के कारण उसकी चूत बुरी तरह से गीली हो चुकी थी और मेरा लण्ड आराम से उसकी चूत में फिसल रहा था … करीब २० मिनट उसे चोदने के बाद मैंने भी अपना ढेर सारा वीर्य उसकी चूत में उड़ेल दिया और उस पे निढाल होकर गिर गया …

अब हम दोनों एकदूसरे को चूम रहे थे … मैंने उसके चेहरे कि तरफ़ देखा उसके चेहरे पे एक संतुष्टि थी … वो मुझे लगातार किस किए जा रही थी। फिर हम लोग आधे घंटे तक ऐसे ही लेटे रहे। … आधे घंटे बाद मेरा लण्ड फिर हरकत में आ गया … और इस बार मैंने उसे अपने ऊपर लेटा के चोदा, आधे घंटे तक चोद के मैं फिर से उसकी चूत में ही झड़ गया …

उस दिन मैंने उसे शाम तक ५ बार चोदा।

फिर उसके पति के आने का समय हो गया तो हम लोगों ने कपड़े पहने और बैठक में आ गए … वो अन्दर जाकर काफ़ी बना कर लाई, वो बहुत खुश लग रही थी। काफ़ी पीकर मैं जाने लगा तो वो मेरे गले लग कर रोने लगी और कहा कि तुमने मुझे आज वो खुशी दी है जो किसी ने नहीं दी, और मेरे होठों पे अपने होंठ रख कर चूमने लगी। मैं भी काफी भावुक हो गया। उसने मुझे कहा कि जब भी मैं बुलाऊँ तब जरुर आना …

फिर मैं हफ्ते में २-३ बार उसके घर जाने लगा और हम लोग खूब चुदाई करते, फिर अगले महीने जब मैं उसके घर गया तो वो बहुत शरमा रही थी मेरे काफी पूछने पे उसने शरमाते हुए बताया कि वो माँ बनने वाली है … ये सुनकर मुझे इतनी खुशी हुई … ऐसा लगा जैसे सारे जहाँ की खुशियाँ मिल गई हों। आज हमारा एक २ महीने का बच्चा है ..जो दिखने में बिल्कुल मेरे जैसा है … मैं बहुत खुश हूँ।

माफ़ करना दोस्तो, मैं आपको उसका नाम नहीं बता सकता जिसने मुझे इस दुनिया की सबसे बड़ी खुशी दी। Sex Stories

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मैं अत्यंत गर्म औरत हूँ। वैसे मेरी शादी Hindi Porn Stories हो चुकी है पर मुझे सिर्फ़ अपने पति से संतुष्टि नहीं मिलती इसलिए मैंने पड़ोस के एक हट्टे कट्टे मोटे लंड वाले लड़के को अपना बॉय फ्रेंड बना रखा है। वह मेरा गुलाम बना रहता है। उसे मैंने कैसे फंसाया इसकी घटना आप सबको बताती हूँ।

मैं अपने पति संग अकेली रहती हूँ और वो हमेशा अपने ऑफिस के काम से बाहर जाते रहते हैं। उनके नहीं रहने पर मैं रात में मोटे बैंगन से अपनी चूत की खुजली शांत करती थी।

एक दिन मेरी नजर बगल के 26 वर्ष के लड़के सुमन पर पड़ी। उसका शरीर अत्यन्त गठीला था और उस दिन वह मेरे घर के बाउंड्री के बगल में पेशाब कर रहा था। मैं छत पे बैठी थी और वो बिल्कुल मेरे सामने नीचे लंड निकाले पेशाब कर रहा था। उसने मुझे देखा नहीं था और मैं उसके लंड को सामने से देख रही थी और मुझे लगा कि सुमन का लंड बहुत मोटा है।

उसी दिन से मैं उसके लंड से चुदने का प्लान बनने लगी। मैं उससे नजदीकी बढ़ाने के लिए उसे बाजार से कुछ सामान लाने को कह देती थी। वह मुझे भाभी कहता था और खुशी से सामान ला देता था। मैंने उसका मोबाइल नंबर भी ले रखा था।

मैं चूँकि 32 साल की सेक्सी औरत हूँ सो उसका भी आकर्षित होना स्वाभाविक था पर वह डर या शर्म से कुछ बोलता नहीं था पर उसकी नजर मेरी चुचियों और गांड पर अक्सर रहती थी। और फ़िर एक सप्ताह बाद मैंने उसे फंसा ही लिया।

उस दिन मैंने उसे फोन करके दोपहर के बाद 2-3 बजे घर बुलाया। मैंने इसके बाद अपनी चूत के बालों को हेयर रिमूवर क्रीम से साफ़ किया और लगभग 1 बजे तक पूरी तरह तैयार हो चुकी थी। मैंने साड़ी पहनी पर अंदर न तो पैंटी पहनी और न ही ब्रा। ब्लाउज भी स्ट्रिप वाली थी जिसमें लगभग पूरी पीठ दिखाई पड़ती थी।

लगभग ढाई बजे सुमन मेरे दरवाजे पर खड़ा था, मैंने जैसे ही खिड़की से उसे आते देखा मैं पेट के बल अपने बेड पर लेट गई, अपनी साड़ी को इस कदर उठा लिया की मेरी पूरी जांघ दिख रही थी और अगर कोई झुक कर देखता तो उसे मेरी गांड की भी झलक मिल जाती। पीठ पर भी मैंने साड़ी नहीं रहने दी थी और बगल में एक डेबोनेयर पत्रिका खोल कर रख दी थी, ऐसा लग रहा था मानो मैं पत्रिका पढ़़ते हुए सो गई थी।

सुमन को मैं पहले ही बोल चुकी थी कि अगर दरवाजा खुला रहे तो कालबेल बजाने कि जरुरत नहीं है बस आवाज देकर अन्दर आ जाना। दरवाजा मैंने खुला छोड़ कर ही रखा था और सुमन अन्दर आ गया। उसने आवाज लगाई पर मैंने कोई जबाब नहीं दिया।

मेरे बेडरूम में बज रही हलकी म्यूजिक की आवाज सुनकर वह इस ओर बढ़ गया और फ़िर वही हुआ जिसका मुझे इंतजार था।

उस स्थिति में देखकर उसने पहले तो धीरे से आवाज लगाई और कोई जबाब नहीं मिलने पर मेरी बगल में आहिस्ते से बैठ गया। उसने धीरे से मेरी साड़ी जांघो पर से उठा दी और मेरी गोरी-गोरी चूतड़ उसके आँखों के सामने थी।

उसने धीरे से मेरी चूतड़ों को एक दूसरे से अलग कर गांड का छेद देखने की कोशिश की और मैंने अपनी टांगों को जानबूझ कर इस कदर फैला लिया की उसे मेरी चूत भी दिखने लगा। उसने अपनी ऊँगली से मेरी चूत को छूना शुरू किया और मैंने जागने का नाटक किया और बोली- ‘सुमन यह क्या कर रहे हो?’

वह घबरा गया और मेरे पैरों पर गिर कर गिड़गिड़ाया- ‘भाभी मुझे माफ़ कर दो आप जो कहोगी मैं करूँगा।’ वह डर चुका था।

मैं बोली कि ठीक है माफ़ करुँगी पर मेरा कहा मानोगे तब।
उसने हां में सर हिलाया।

मैं उसे दरवाजा बंद कर आने को बोली और वह दौड़ कर दरवाजा बंद कर आया। तब मैं उससे बोली-‘देखो, तुमने मेरी चूत देखी है और इसके बदले मैं तुम्हें पूरा नंगा देखना चाहती हूँ।’ सुमन ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मैं उसके लंड का आकार देखकर उत्तेजित हो उठी। उसका लंड लगभग 7 इंच लंबा था पर उसकी मोटाई ज्यादा थी।

मैंने उसके लंड को पकड़कर उसके सुपाड़े की चमड़ी को नीचे कर दी। फ़िर मैंने उसे अपनी चूत चूसने को कहा और मैं अपने पैर मोड़कर बेड पर लेट गई। वह मेरी चूत चूसने और चाटने लगा, मुझे बहुत मजा आ रहा था। वह मेरे चूत का रस मस्त होकर पी रहा था।

फ़िर मै उसे रोककर अपने कपड़े उतारने को बोली और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों नंगे थे। मैंने उसे अपनी चूचियाँसहलाने और चूसने को कहा और उसने ऐसा ही करना शुरू किया। मैं सी सी सी, की आवाज निकाल रही थी। फ़िर मैंने सुमन को अपने क्लिटोरिस को चाटने को कहा और उसने चाटना शुरू किया मैं आनंद के असीम सागर में गोते लगा रही थी।

मेरी चूत एकदम गीली हो चुकी थी मैंने उसके मोटे लंड को पकड़ कर उसे चूत में डालने का इशारा किया और वह मेरे पैरों के बीच बैठ कर लंड को चूत के छेद पर रगड़ रहा था और फ़िर उसने एक धक्के के साथ अपने लंड को मेरी चूत में धंसा दिया पर उसका मोटा लंड मेरी चूत में फंस रहा था, मैंने अपने पैरों को थोड़ा और फैलाया और उसने एक जोरदार धक्के के साथ पूरा लंड मेरी चिकनी चूत में उतार दिया और फ़िर धक्के लगाकर चुदाई करने लगा।

मेरी चूत सुमन के मोटे लंड की रगड़ से मस्त हो रही थी और मैंने अपनी चूत उठाकर सुमन का साथ देना शुरू कर दिया। लगभग 22-25 धक्कों के बाद सुमन ने अचानक चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और उसका लंड मेरी चूत में वीर्य छोड़ने लगा, गर्म वीर्य, लंड के फूलने सिकुड़ने और सुमन के मजबूत जकड में मुझे चुदाई का असीम आनंद मिल रहा था और मेरी चूत ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैं झड़ रही थी।

इसके बाद लगभग 3-4 मिनट तक हम वैसे ही पड़े रहे इसके बाद मैंने सुमन को तौलिया से अपने चूत को पौंछ कर साफ़ करने को कहा और उस दिन से मेरे हाथ सुमन के रूप में एक चुदाई का गुलाम प्राप्त हुआ जो मेरी इच्छानुसार आकर मेरी चुदाई कर मेरी चूत को तृप्त करता है। Hindi Porn Stories

प्रेषक : राहुल गुप्ता Antarvasna

चतुर्थ भाग से आगे : लंच के Antarvasna बाद विशाल भैया अपने किसी दोस्त से मिलने चले गए और मैं मम्मी के साथ घर के काम में लग गई।

शाम को विशाल भैया अपने दोस्त प्रदीप के साथ आये जो यहीं लखनऊ में रहते थे। वह भी बीबीडी से बी टेक कर रहे थे और साथ ही प्रईवेट फर्म में नौकरी करते थे। वह बहुत स्मार्ट थे, गोरा रंग,
सुगठित बदन खिलाड़ियों जैसा, कद 5’7″ कुल मिलाकर वह बिल्कुल मॉडल लगते थे। हम लोग उनसे पहले भी कई बार मिल चुके थे हम लोगों में शिष्टाचार का अदान प्रदान हुआ। फिर मम्मी ने प्रदीप से शिकायत भरे अन्दाज़ में कहा- जब विशाल आता है, तभी तुम भी आते हो, ऐसे भी कभी-2 आ जाया करो…।

प्रदीप भैया ने तिरछी नज़र से मेरी तरफ देखा और सेक्सी मुस्कराहट के साथ बड़े नाटकीय ढंग से मम्मी को सम्बोधित किया- आज के बाद आप को शिकायत का मौका नहीं मिलेगा आंटी जी ! जब भी मुझे छुट्टी मिलेगी, मैं आप लोगों से मिलने अवश्य आऊंगा।

इस पर सभी लोग ठहाका लगाते हुए ड्राइंग रूम में बैठ गए और इधर उधर की बातें करने लगे। मैं उठ कर सबके लिए चाय बनाने किचन चली गई। जब मैं चाय ले कर वापस ड्राइंग रूम आई, वहाँ पर सब लोग शांत बैठे थे और प्रदीप भैया गौर से मुझे देखने लगे।

मैं समझ गई कि इस बीच मम्मी और विशाल भैया ने मेरे बारे में सब कुछ प्रदीप भैया को बता दिया होगा। और शायद मुझे वीर्य पिलाने के लिए प्रदीप भैया से आग्रह किया हो। इसीलिए प्रदीप भैया मेरी अविकसित चूचियों की तरफ बड़े गौर से देख रहे थे।

खैर मैंने सबको चाय एवं नाश्ता दिया।

प्रदीप भैया चाय पीते हुए बोले- यार रश्मि, तुम चाय बहुत बढ़िया बनाती हो !

इस पर मम्मी बोली- यह खाना भी बहुत अछा बनाती है ! आज तुम रश्मि के हाथ का बना खाना खा कर ही जाना…!

बीच में विशाल भैया बोले- हाँ यार ! चलो मुर्गा ले कर आते हैं ! बहुत दिनों से घर का बना मुर्गा नहीं खाया है।

मम्मी बोली- हाँ ठीक है ! जाओ, तुम लोग मुर्गा ले कर आओ, हम लोग खाने की तैयारी करते हैं।

भैया लोग मार्केट चले गए, थोड़ी ही देर में मुर्गा ले कर आ गए। मैं और मम्मी खाना बनाने में लग गए और भैया लोग ड्राईंग रूम में बैठ कर गप्प लड़ाने लगे।

थोड़ी ही देर में फूफा जी भी आ गए, फ़ूफा जी अक्सर शाम को ड्रिंक किया करते थे। इसलिए वो अपने साथ एक बोतल व्हिस्की भी ले आए और मुझे आवाज दे कर पुकारा- रश्मि… जरा तीन ग्लास और कुछ नम्कीन ले आना।

मैं समझ गई कि आज भैया लोगों को भी फूफा जी पिलायेंगे।

खैर मैं तीन ग्लास, नमकीन और पानी का जग ले कर ड्राइंग रूम पहुचीं। वहाँ पर फ़ूफा जी बोतल खोल रहे थे और भाइयों से बोल रहे थे- तुम लोग अब बड़े हो गए हो, शरमाना छोड़ो और हमारे साथ पियो।

जी फूफा जी… !

भाइयों को जैसे उनकी मन की मुराद पूरी हो गई।

इसके बाद ये सब लोग ड्रिंक करते रहे और हम लोग खाना बनाने में लगे रहे।

थोड़ी ही देर बाद जब खान तैयार हो गया, मम्मी ने किचान से ही आवाज लगाई- आप लोगों की ड्रिंक अगर खत्म हो गई हो तो खाना लगाया जाये…?

जवाब में फ़ूफा जी की आवाज आई- हाँ भाई… खाना लगाओ … बहुत भूख लगी है।

फिर सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठ गए। मैंने सबको खाना परोसा।

प्रदीप भैया पहला कौर खाते ही बोले- तुमने मुर्गा बहुत अछा बनाया है !

फिर सभी लोग खाने की तारीफ करने लगे।

खाना खाने के बाद प्रदीप भैया बोले- यार विशाल मैं चल रहा हूँ ! वरना मकान मालिक दरवाजा नहीं खोलेगा।

विशाल भैया बोले- यार आज तुम यहीं रुक जाओ, कल सुबह यहीं से कॉलेज चले जाना।

इस पर मम्मी बोली- हाँ ! यहीं रुक जाओ, इतनी रात में कहां जाओगे?

प्रदीप भैया कुछ रुक कर बोले- ठीक है आँटी !

इसी बीच फूफा जी मम्मी के बेडरूम में सोने चाले गए क्योंकि उनको कुछ ज्यादा ही चढ़ गई थी। वो जब भी आते थे वहीं मम्मी के साथ सोते थे।

फिर विशाल भैया बोले- ऐसा है कि हम लोग ड्राइंग रूम में सो जाते हैं…।

मम्मी बोली- नहीं ! तुम तीनों रश्मि के कमरे में सो जाओ… यहां ड्राइंग रूम में परेशानी होगी।

मम्मी यह कहते हुए अपने बेडरूम की तरफ बढ़ गई।

मम्मी की बात सुन कर मैं बहुत उत्साहित हो गई और सोचने लगी कि आज तो प्रदीप भैया का भी लंड देखने को मिलेगा।

खैर मैं विकास भैया से बोली- आप लोग मेरे कमरे में चलिए, मैं मेन-गेट लॉक करके आती हूँ।

मैंने बाहर के सारे दरवाजे बन्द किए और फिर मम्मी के बेडरूम की तरफ से अपने कमरे जाने लगी। इतने में मम्मी के कमरे से कुछ अजीब सी, पर जानी पहचानी आवाजें आने लगी। मैंने खिड़की से झांक कर देखा- फूफा जी बेड पर सीधे नंगे लेटे हुए थे और मम्मी की चूत चाट रहे थे और मम्मी फूफा जी का लंड को लॉलीपाप की तरह चूस रही थी। दोनों 69 पोजीशन में थे और दुनिया से बेखबर सेक्स का पूरा मजा ले रहे थे।

यह देखकर मेरा हाथ अनायास ही बुर को सहलाने लगा, थोड़ी देर तक मैं उन लोगों की चुदाई देखती रही, मेरी बुर पानी छोड़ने लगी जिससे मेरी सलवार भीगने लगी। फिर मुझसे रहा नहीं गया और भाग कर अपने कमरे में आ गई जहाँ पहले से ही भैया लोग बिस्तर पर लेटे थे।

मुझे देखकर विशाल भैया बोले- कोई लुंगी हो तो प्रदीप को दे दो ताकि वह अपने कपड़े बदल सके। कल फिर यही पहन लेगा।

मैंने कहा- लुंगी तो नहीं है ! आप चाहें तो मेरा लॉन्ग स्कर्ट पहन लें, वो भी लुंगी ही जैसी है !

यह कह कर मैं हंस दी…

इस पर विशाल भैया बोले- हाँ यार ! पहन ले ! मजा आयेगा।

मैंने उनको स्कर्ट दी, फिर प्रदीप ने मुझसे कहा- तुम बाहर जाओ, मैं कपड़े बदल लूँ… !

इस पर विशाल भैया बोले- यार रश्मि से क्या परदा ।

अभी हम सब लोग नंगे हो जायेंगे ! यह कहते हुए विशाल भैया खुद अपना स्लीपिंग सूट उतारने लगे और मुझसे बोले- रश्मि… तुम भी अपने कपड़े उतारो… नहीं तो प्रदीप शरमाएगा।

मैं तो यही चाहती थी, मैंने तुरन्त अपनी सलवार और कुर्ता उतार दिया। अब मैं बिल्कुल नंगी थी, विशाल भैया भी नंगे हो चुके थे और अपने खड़े लंड से खेल रहे थे। यह देख कर प्रदीप भी अपने सारे कपड़े उतारने लगे। पहले उन्होंने अपनी शर्ट और बनियान उतारी फिर पैन्ट उतारी, जैसे ही प्रदीप ने अपनी चड्ढी उतारने के लिए हाथ बढ़ाया, वैसे ही विशाल भैया बोले- रुको प्रदीप, तुम्हारी चड्ढी रश्मि उतारेगी !

फिर मुझसे बोले- चलो, इसकी इसकी चड्ढी उतारो !

मैं प्रदीप भैया के पास पहुंची और उनकी चड्ढी नीचे सरका दी, उनका लंड पूरी तरह खड़ा था, सुपाड़े की त्वचा नीचे थी, गुलाबी रंग का सुपारा चमक रहा था, उनका लंड फूफा जी के लंड से भी बड़ा था लगभग 8″ लम्बा और 4″ मोटा ! बिल्कुल घोड़े के लंड की तरह था।

इसको देखते ही मेरे मुँह से अनायास निकल गया- ओह माई गॉडऽऽ ! आपका तो लंड बहुत मोटा और लम्बा है… प्रदीप भय्य्य्या…!

इस पर विशाल भैया मुझसे बोले- यार रश्मि… हम लोगों को ‘भैया’ मत कहा करो। सेक्सी फीलिंग की ऐसी की तैसी हो जाती है।

इस पर प्रदीप भी बोले- हाँ ‘भैया’ ना बोला करो, कम से कम चुदाई के माहौल में तो बिल्कुल नहीं !

मैंने कहा- ठीक है ! मैं नहीं कहूँगी, लेकिन बाहर सबके सामने तो कहना ही पड़ेगा।

इस पर विशाल बोले- हाँ, सबके सामने तुम कह सकती हो।

इसके बाद प्रदीप और विशाल दोनों हंसते हुए कहने लगे- हम लोग अब बहनचोद नहीं कहलाएंगे और रश्मि… तुम, भैया चोद नहीं कहलाओगी।

इस पर हम सब हंसने लगे।

फिर विशाल बोले- ऐसा है कि आज हम लोग तुमको एक साथ चोदेंगे।

मैंने पूछा- वो कैसे?

विशाल बोले- अभी बताता हूँ… ऐसा करो प्रदीप ! तुम लेट जाओ। रश्मि… तुम प्रदीप की टांगों के बीच में डॉगी स्टाइल से प्रदीप का हलब्बी लंड चूसो और मैं तुम्हारी चूत को चोदता हूँ ! इस तरह से तुम्हारी चूत रँवा हो जाएगी और जब प्रदीप तुम्हें चोदेगा तो तुमको कोई परेशानी नहीं होगी। ठीक है?

मैंने कहा- ठीक है।

फिर प्रदीप लेट गए, मैं कुतिया की तरह पोजीशन बना कर प्रदीप का लंड अपने मुँह में लेने की कोशिश की, लेकिन उसका सुपाड़ा इतना बड़ा था कि मेरे मुँह में पूरा घुस ही नहीं रहा था। फिर मैंने सुपारे को कोन-आइस्क्रीम की तरह चाटना शुरू किया। प्रदीप का लंड और टाइट हो गया। प्रदीप के मुँह से अह्ह्ह्…ओह्ह्ह निकलने लगा। मैं उनका लंड लगातार चूसे जा रही थी। इधर विशाल फर्श पर खड़े हो कर मेरी चूत में दो उंगलियाँ डाल कर अन्दर बाहर करने लगे।

तकरीबन एक मिनट के बाद वो तीन उंगलियाँ डाल कर अन्दर बाहर करने लगे। मेरी चूत बहुत टाइट थी, सिर्फ एक बार की चुदी थी, वो भी विशाल के पतले लंड से। शायद इसीलिए विशाल अपनी उंगलियों से चोद कर मेरी चूत को प्रदीप के लंड के काबिल बना रहे थे लेकिन मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

फिर अचानक विशाल अपनी चार उंगलियों को चूत में डाल कर अन्दर-बाहर करने लगे। मुझे दर्द होने लगा।

मैंने चीखते हुए विशाल से कहा- दर्द हो रहा है, क्या मेरी चूत आज ही फाड़ डालोगे ?

विशाल बोले- अभी दर्द गायब हो जायेगा।

फिर वो उंगली अन्दर बाहर करने की स्पीड और बढ़ाते हुए मुझसे बोले- तुम्हारी चूत को आज हम लोग भोसड़ा बना देंगे ताकि तुम्हें आगे कोई परेशानी ना हो।

खैर ! जैसा कि विशाल ने कहा था वैसा ही हुआ।

थोड़ी ही देर में दर्द काफूर हो गया और अब मेरी चूत कस कर पानी छोड़ने लगी। फिर विशाल ने अपना लंड मेरी चूत में डाला और चोदना शुरू किया। उनका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुस रहा था जो कि काफी लम्बा था लेकिन पतला होने के कारण मुझे कुछ पता नहीं चल रहा था। फिर भी मजा आ रहा था। इधर पूरी तरह से प्रदीप के लंड को चूसते चूसते मेरा मुँह भी ज्यादा खुलने लगा और अब मैं उसका पूरा सुपाड़ा अपने मुँह के अन्दर ले कर चूस रही थी। प्रदीप की हालत बिगड़ती जा रही थी और कमर उचका उचका कर मेरे मुँह को चोदने की कोशिश कर रहे थे। इतने में उनके मुँह से निकला- आह्ह्ह्… ! मैं तो खलास होने वाला हूँ ! रश्मि तुम लंड से मुँह मत हटाना…

और प्रदीप मेरे मुँह में झड़ने लगे। प्रदीप के लंड से इतना वीर्य निकला कि मेरा पूरा मुँह भर गया और थोड़ा सा बाहर भी बह कर निकलने लगा। मैं तुरन्त पूरा वीर्य पी गई और जो बह कर नीचे प्रदीप के लंड पर और उनकी झांटो पर गिर गया था उसको भी मैं चाट गई।

इधर विशाल मेरी चूत में लगातार धक्के मारे जा रहा था और ओह्ह्ह्… आह्ह्ह्ह्… की आवाजें निकाल रहा था, शायद वह भी झड़ने वाला था। फिर एक दम से अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मुझसे बोला- ले जल्दी से मेरे लंड को चूस ! माल निकलने वाला है !

मैं प्रदीप के लंड को छोड़ कर विशाल की तरफ घूमी और जल्दी से उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और लगी कस कर चूसने।

कोई 30-40 सेकेंड में विशाल भी झड़ने लगा। विशाल का वीर्य उतना नही निकला जितना प्रदीप का निकला था, लेकिन विशाल का वीर्य ज्यादा स्वादिष्ट था और मुझे अपनी चूत के रस का भी स्वाद मिल रहा था। इन दोनो का वीर्य पी कर मेरा तो पेट ही भर गया था।

जब मैंने पलट कर प्रदीप की तरफ मुँह किया तो देखा कि प्रदीप अपने लंड को फिर खड़ा करने में लगा था। मैं समझ गई कि प्रदीप भी मेरी चूत को चोदना चाहता है।

मैंने उनसे कहा- मैं अभी आ रही हूँ…

और मैं नंगी ही टॉयलेट की तरफ भागी क्योंकि मुझे बहुत तेज पेशाब लगी थी। जब मैं टॉयलेट से लौट रही थी तो मैंने सोचा कि मम्मी के बेडरूम में झांक कर देखा जाए कि यहाँ क्या चल रहा है !

क्रमश: …………….. Antarvasna

प्रेषक : अंश  Antarvasna

हेल्लो मैं हरजीत, पंजाब से, मैं Antarvasna अन्तर्वासना पर लगभग सारी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ। मुझे यह सारी कहानियाँ बहुत अच्छी लगी ये सब पढ़ने के बाद मुझे मेरी कहानी लिखने का मन किया सो मैं लिख रहा हूँ।

मैं आप लोगों को मेरी ज़िन्दगी में हुई असली और सच्ची सेक्स कथा लिखने जा रहा हूँ। मेरे उसका आकार दस इन्च है। मैं आपको अपनी एक ट्यूशन पर मुझसे पढ़ने आने वाली लड़की की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूं।

जब मैं बाईस साल का था। मैं पार्ट-टाइम के ट्यूशन पढ़ाता था। पाँच साल पहले की बात है उस समय मेरी एक छात्रा थी हरिता। वह बहुत सेक्सी थी, कहने को ११वीं में थी मगर स्तनों का आकार देख कर लगता था कि पूरी जवान है, चलती थी तो कयामत ढा देती थी, पर मैने कभी भी अपनी किसी छात्रा को इस नज़र से नहीं देखा। पर मुझे मेरे कई अन्य विद्यार्थियों से पता लगा कि हरिता एक चुद्दकड़ किस्म की लड़की है। मुझे उन की बात पर विश्वास नहीं हुआ।

जब भी मैं उसके उभरे संतरे जैसे चुचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। स्कर्ट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुंह में पानी आ जाता था। वह कभी भी अपने होंठों पर लिपस्टिक नहीं लगाती थी फिर भी उसके होंठ गुलाबी थे, हर वक्त उसके होंठों को चूसने का दिल करता था।

एक दिन के बात है, मैं पढ़ा रहा था तभी मुझे अपने पैरों पर कुछ अजीब सा महसूस हुआ। जब मैंने देखा तो हरिता अपने पैर से मेरे पैर को सहला रही थी और उसकी आँखों में एक अलग ही नशा था। उस दिन के बाद लगभग एक महीना बीत गया।

फिर एक दिन जब मैं पढ़ा रहा था तो मुझे जाँघ पर किसी के पैर महसूस हुये। मुझे सिगनल मिल चुका था। मैंने उसे बहाने से रविवार को बुलाया। वो दोपहर के समय आई। उसने जीन्स ओर टॉप पहना हुआ था। मैंने दरवाजा खोला जब वो अन्दर आई तो मैंने दरवाजा बन्द कर दिया, उसे उठा कर अपने बेडरूम में ले गया और उसे चूमने लग़ा। उसके बाद मैंने उसके एक स्तन को पकड़ कर दबाया, इतना मजा आया कि क्या बोलूं, उसके बाद मैं अपना हाथ जींस के ऊपर ही उसकी चूत पर फेरने लगा।

अब वो गरम होने लगी, मैंने सबसे पहले उसका टॉप उतारा, अन्दर ब्रा थी, उसके बाद जींस उतारी, फिर उठा कर बिस्तर पर ले गया। वहां अपनी जींस और शर्ट उतार दी। उसके बाद मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके मस्त गोरे गोरे टमाटर जैसे स्तनों को आजाद कर दिया।

उसके बाद मैं उसे दबाने लगा, वोह सिसकियाँ ले रही थी अह ह्ह्ह्ह्ह्छ …ऊओअया अआः … श बहुत मजा आ रहा है जान !

फिर मैंने उसकी पैंटी उतारी और अपना अंडरवियर भी, वो मेरा लंड देख कर खुश हो गई। उसके बाद मैंने एक ऊँगली उसकी बूर में डाल दी।

वो बोली- हाई…….मै मर गई !

उसके बाद मैं ऊँगली करने लगा, एक हाथ से ऊँगली कर रहा था और एक से उसके बूब्स दबा रहा था।

अब वो पूरी तरह गरम हो गई थी। मैंने उसके बूर से ऊँगली निकाली और खड़ा हो गया। वो भी घुटनों के बल बैठ गई, मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया फिर उसने थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसा। फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक धक्का मारा। मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया।

वोह चिल्लाई आआआआअह ह्ह्ह्ह्ह्छ ह्ह्ह . .. …….धीरे !

उसके बाद मैंने धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया फिर धीरे धीरे धक्के मारने लगा अब हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। उसके बाद मैं लेट गया और वो अपनी चूत मेरे लंड पर सेट करके बैठ गई। अब मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा, जब मैं झड़ने वाला था तो रुक गया और उसके बाद गोद में बिठा के फिर से मारने लगा। करीब १ घंटे तक हमने चोदा-चोदी का खेल खेला। मेरी चूत की प्यास उस दिन ठंडी हो गई। उसके बाद हम दोनों झड़ गए।

उसके बाद जब कभी भी हमे मौका मिला तो हमने हनीमून मनाया, मेरे पढ़ाने के कारण उसे ११वी में ९०% मार्क्स मिले और जब भी छुट्टी में आती है तो हम पूरा एन्जॉय करते हैं।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी Antarvasna

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