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Massage Girl in Koppal: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Koppal who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Koppal that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Koppal massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Koppal who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Koppal massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Koppal massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Koppal who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Koppal employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Koppal helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Koppal

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Koppal at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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मैं रमेश 20 साल Hindi porn stories, अमदाबाद में रहता हूँ। मेरी हाईट 5’6″ गोर रंग और सबसे महत्त्वपूर्ण कि मेरा लंड 8″ का है जिसे सारी लड़कियाँ, भाभियाँ और आंटियाँ पसन्द करती हैं।

मेरी भाभी रीना, जो एक सुन्दर सेक्सी लेडी हैं, की उमर 27 साल है। उनके बड़े बड़े स्तन और मोटे चूतड़ जो चलते समय इधर उधर झूलते हैं, मुझे हर वक्त बेचैन किये रहते हैं।

मेरा भाई 28 साल का है और 8 महीने पहले उसकी शादी रीना से हुई है। वो एक बड़ी मल्टी नैशनल कम्पनी में सोफ़्टवेयर इंजीनीयर है। उसे अक्सर कम्पनी के काम से बाहर जाना पड़ता है। मैं भी एक कोलेज में पढ़ता हूँ और भैया भाभी के साथ रहता हूँ।

शुरू के महीनों में भैया भाभी ने अपनी मैरिड लाइफ़ को अच्छा एन्जोय किया। फ़िर भाभी भैया के लम्बे समय के विदेश के टूर से परेशान हो जाया करती। भैया चार महीने के लिये फ़िर गये तो मैं और भाभी दोनों ही घर मैं अकेले थे, भाभी एकदम उदास नज़र आती थी। मैं भाभी से बहुत बातें करता था और उनको खुश करने की कोशिश करता था, लेकिन यह बहुत मुश्किल था।

थोड़े दिन ऐसे ही बीत गये।

भाभी में मैंने थोड़ा चेंज नोटिस किया, मैं और भाभी अब अच्छे दोस्त बन गये थे। दोनों बाहर शोपिंग करने जाते थे, घूमते थे मज़े करते थे। जो लोग हमें नहीं जानते थे उन्हें हम दोनों पति और पत्नी लगते थे। मेरे मन में भाभी के बारे में बहुत सेक्सी ख्याल थे लेकिन वो मेरे बड़े भैया की पत्नी है यह सोच कर मैं अपने आप को कंट्रोल करता था। लेकिन रात को घर में हम दोनों अकेले होते तो मेरा लंड भाभी को चोदने के इरादे से खड़ा हो जाता था और मैं अपने लंड को अपने हाथों से हिला के अपनी आग बुझाता था।

भाभी और मैं बहुत सी बातें करते थे, वो हमेशा यह जानने की कोशिश करती थी कि कोई लडकी मेरी दोस्त है या नहीं?

मैं उसे कहता था कि मेरी कोइ गर्ल फ्रेंड नहीं तो वो मानने से इंकार करती थी, वो बोलती थी कि तेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं, ऐसा हो ही नहीं सकता। और कहती थी लड़कियों को तेरे जैसे सुडौल सुगठित लड़के चाहिये होते हैं। आज कल भाभी ऐसे ही बातें करती थी। मैं जान गया भाभी के मन में मेरे बारे में कुछ चल रहा है। उसका मेरे साथ व्यवहार भी थोड़ा बदल गया था। बातें करते समय वो मुझे छूने की कोशिश करती थी। मेरे करीब आया करती थी। मैं बड़े मुश्किल से अपने आप को कंट्रोल करता था। भाभी अब सेक्स की कमी महसूस कर रही थी। उसकी हरकतों से ऐसे लगता था कि उनको सेक्स चाहिए बस!

सामान्यतया वो घर में साड़ी में रहती थी, साड़ी में उसके गोल गोल चूतड़ देख कर मेरा तो लंड हमेशा तन जाता था। उसकी नाभि, ब्लाउज़ में से दिखने वाली उसकी सेक्सी क्लीवेज, मैं इन सबके लिये पागल हुये जा रहा था। झाड़ू लगाते समय हमेशा मेरे सामने वो अपने साड़ी का पल्लू जानबूझ कर गिराया करती थी ताकि मैं उसके बड़े स्तन देख सकूँ। शायद वो मुझे पाने के लिये पागल हुए जा रही थी। लेकिन मुझमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं जाकर भाभी को चोदना शुरु करुं। मुझे बहुत डर लगता था।

एक दिन रात को बेडरूम मैं अपने सेक्सी भाभी के बारे में सोच कर अपना लंड हिला रहा था, मेरे कमरे का दरवाज़ा तो बंद था लेकिन मैंने लॉक नहीं किया था। तभी भाभी कुछ काम से या जानबूझ कर मेरे कमरे में बिना खटकाए चली आई, और मैं अपना लंड बड़े मज़े से हिला रहा था। भाभी को देख के मैं इतना शरमा गया, कुछ कह नहीं सका।

भाभी ने भी कुछ नहीं कहा, लेकिन मेरे बड़े लंड को 2-3 मिनट तक देखते रही और वहाँ से चली गई।

अगले दिन सुबह मैं जब कॉलेज जाने की तैयारी कर रहा था तब भाभी ने मुझे स्नैक्स और चाय दी। मैं तो रात की घटना से इतना शरमा गया था कि मैं भाभी से आंखें नहीं मिला पा रहा था। एक नज़र मैंने भाभी के तरफ़ देखा तो भाभी ने मुझे शरारती मुस्कान दी, लेकिन कुछ नहीं कहा। और मैं झट से वहाँ से कॉलेज के लिये निकल पड़ा।

मैं दोपहर को 1 बजे घर आया, भाभी ने दरवाज़ा खोला, उसने गुलाबी रंग की शीफ़ॉन साड़ी और सेक्सी स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना हुआ था। वो सेक्सी दिख रही थी। उसकी पारदर्शक साड़ी में से उसका सेक्सी बदन साफ़ दिख रहा था। उसने मेरे हाथों से मेरा कॉलेज बैग लिया और मुझे अंदर लेकर दरवाज़ा बंद कर दिया और उसने मुझसे पूछा- प्यारे देवरजी, आप कल रात को क्या कर रहे थे??’

मैंने कहा- भाभी मैं कल रात को आपके बारे में सोच के अपना लंड हिला रहा था।’

मैं उसी के बारे में सोच के अपना लंड हिला रहा था, यह सुन कर वो एकदम पागल हो गई और मेरे पास आई, उसने मुझे धक्का दिया और सोफ़े पे गिरा दिया। अब वो कूद के मेरी छाती पर बैठ गई और बोलने लगी- रमेश, तुम कितने भोले हो, अपनी भाभी को चोदना चाहते हो लेकिन कभी ज़बरदस्ती नहीं की, मैं भी तुम्हारे लिये पागल हूँ, मैंने सोचा था कभी ना कभी आके तुम मुझे ज़रूर चोदोगे। लेकिन तुमने ऐसा नहीं किया। मैं तुम्हारा प्यार पाने के लिये तड़प रही हूँ। तूने भाभी को बहुत तरसाया है। मुझे तुम्हारे प्यार की बहुत ज़रुरत है।’

ऐसे बोल के उसने मेरे होंठों पे अपने होंठ कस के दबा दिये। 15 मिनट तक वो मेरे और मैं उसके होंठ चूसता रहा। अब मेरा भी लंड बहुत टाइट हो रहा था। होंठों के बाद वो मुझे सब जगह पे चूमने लगी, गाल छाती और सब जगह। मैं भी उसके गालों को चूसने लगा। चूस चूस के उसके गोरे गाल मैंने लाल कर दिये।

अब तो वो बहुत गरम हो गई थी उसने मेरे कपड़े निकाल दिये, और मैंने उसके। अब मैं सिर्फ़ मेरे अंडरवीयर में था। और मेरे लंड का आकार साफ़ नज़र आ रहा था। वो शेप देख के वो और पागल हो गई और बोली- रमेश, जब से तुम्हें अपना ये बड़ा लंड हिलाते देखा है, मैं तो इसके लिये पागल सी हो गई हूँ, अब मुझे और ना तड़पाओ!’

ऐसे बोल कर उसने मेरी अंडरवीयर निकाल दी। अब वो मेरा पूरा नंगा लंड देख के जो कि अब 8′ से बड़ा हो गया था, अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। उसने उसे अपने हाथों से हिलाना शुरु किया और बोली- तुम्हारा तो तुम्हारे भैया से काफ़ी बड़ा है, इसलिये मैं तुम्हें कहती थी कि तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है क्या?? मेरे भोले देवर जी लड़कियों को ऐसे बड़े लंड वाले लड़के बहुत पसंद होते हैं!’

वो मेरे लंड के साथ खेल रही थी। अब उसने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया। मेरा लंड पहली बार किसी छेद में जा रहा था। मेरे लंड को गुदगुदी सी हो रही थी। मैं जैसे स्वर्ग में था।

उसने मेरा लंड पूरा अपने मुंह में ले लिया। क्योंकि यह मेरा पहली बार था, मैं ज्यादा देर नहीं टिक पाया, 5 मिनट के बाद मैंने उसे कहा- मैं छूटने जा रहा हूँ!

उसने कहा- मुंह के अंदर ही छोड़ देना!

मैंने बड़े जोर के साथ अपना वीर्य उसके मुंह में निकाल दिया और उसने वो पूरा निगल भी लिया। अब छूटने की वजह से मेरा लंड फ़िर अपने सामान्य शेप में आ गया। तब भाभी और मैं बाथरूम में सफ़ाई के लिये चले गये। वहाँ वो तो और सेक्सी बातें करने लगी। लगता है अब तक उसकी गरमी ठंडी नहीं हुई थी। उसने कहा- तुम्हारे भैया का लंड तुमसे बहुत छोटा है, और वो मुझे इतना प्यार भी नहीं करते, भैया नहीं थे तो मैं सेक्स के लिये बहुत पागल हुये जा रही थी, मुझे तुम अपनी बीवी समझना और जब जी चाहे तब चोदना। ये भाभी आज से तेरी है।’

और उसने मुझे फिर चूमना शुरु किया। हम एक दूसरे को फिर चूसते रहे, चूमते रहे। मैंने उसे कहा ‘भाभी, देवर को दूधू पिलाओ!’उसने कहा- पूछो मत! ये दूध और दूधवाली सब आप ही के लिये हैं, जितना दूध पीना है पी लो!’

और मैंने बिना रुके उसके 36 डी साइज़ के सेक्सी बूब्स दबाने लगा। उसे ज़ोरो से चूसने लगा। वो चीखने लगी- चूसो और ज़ोरों से, पी जाओ सारा, रमेश् आआआआअ आईईइ ईइ अ दूध ऊऊऊह ह्हह्हा आऐइ ईई ईई…ऊऊ ऊऊओ ऊऊओ ऊओ ऊ…आ आआअ आ आअ।

मैंने अपनी चुसाई जारी रखी, और वो मेरे लंड से खेले जा रही थी। 20 मिनट मैंने उसके स्तन चूस चूस के लाल कर दिये, अब मेरा लंड फ़िर तन रहा था। अब तो मेरे लंड को उसके चूत के छेद में जाना था। अपना तना हुआ लंड मैंने उसकी चूत पर रख कर अन्दर करएने का प्रयत्न किया। मेरा लंड मोटा होने के कारण अंदर जाने में थोड़ी दिक्कत हुई। लेकिन 2-3 जोर के झटकों के बाद अंदर चला गया। तब वो चिल्लाई- आआअ आआअ आऐइ ईईईइ ऐईईइऊ ऊऊऊईइ ईईईई माआ आआआ निकालो बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन वो उसे अलग नहीं होने दे रही थी। उसे भी बहुत मज़े आ रहे थे। मेरा लंड भी बहुत मजा कर रहा था। उसे चूत चुदवाना अच्छा लग रहा था। मैंने उसे लगभग 20 मिनट तक चोदा और उसकी चूत में पानी निकाल दिया, उसी समय पे उसके भी चूत से पानी निकला।

फिर हम दोनों बाथरूम में एक साथ शॉवर में नहाये, वहाँ भी मैंने थोड़ी मस्ती की। कॉलेज से घर आने के बाद शाम को 2।00 से ले के 5।00 तक चुदाई का ही प्रोग्राम चलता रहा। उस रात को हम दोनों एक ही बेड पे सोये थे एक दूसरे के बाहों में पति-पत्नी की तरह। मेरी सेक्सी भाभी के बदन की आग ठंडी हो ही नहीं रही थी। सुबह 5।30 को वो फ़िर से मेरे लंड के साथ खेलने लगी, मैं तब नींद में था। लेकिन उसकी मस्ती से मैं उठ गया और मेरा लंड भी उठ गया। और फिर एक बार मस्त चुदाई हुई।

उस पूरे दिन में हम दोनों ने 4-5 बार सेक्स किया, मैं तो पूरा थक गया था और वो भी। दूसरे दिन मैं कॉलेज जा ना सका।

इस लिये मैंने इस स्टोरी को ‘भाभी ने देवर को चोदा’ ये नाम दिया है। वो रात मैं अपनी ज़िंदगी में कभी नहीं भुला सकता। उसके बाद मैंने भाभी को बहुत बार अलग अलग तरीके से चोदा है।
लेकिन अच्छी बातें कभी ज्यादा देर नहीं टिकती। वैसे ही हुआ, पिछले महीने में भैया का ट्रांसफ़र हो गया और उन्हें शिफ़्ट होना पड़ा। भाभी भी अब उन्हीं के साथ रहती है।

अब अमदाबाद में मैं बिल्कुल अकेला हूँ।

अब मेरे लंड को चोदने की अच्छी आदत लगी है, और जैसा भाभी ने कहा था कि लड़कियों को बड़े लंड वाले लड़के पसंद है वैसे ही हुआ। मेरे कॉलेज में एक लड़की है, उसने मुझसे फ़्रेंडशिप की, मैंने उसे परपोज़ भी किया। उसे भी मैं 3-4 बार चोद चुका हूँ। यह कहानी मैं आपको अगली बार Hindi porn stories ज़रूर बताऊँगा।

Xxx कार सेक्स कहानी में मैंने मेरी साली के साथ और मेरी बीवी ने अपनी बहन के पति के साथ चलती चार में सेक्स का मजा लिया.

फ्रेंड्स, मैं आपका दोस्त आपके सामने अपनी बीवी की एक और सेक्स कहानी लेकर आया हूँ.
इससे पहले आपने मेरी बीवी और मेरी साली की अदला बदली कर चुदाई की कहानी
बीवी साली की अदला-बदली
पढ़ी थी.

यह सेक्स कहानी उसी का अगला भाग है.
नए पाठकों के लिए बता दूं कि मेरी बीवी का नाम वीना है. वह बड़ी ही गदरायी हुई माल है.
मेरी साली का नाम रानी है. मेरी साली का पति शशिकांत है.

आपने मेरी अम्बोली वाली चुदाई की कहानी पढ़ी ही होगी, यदि नहीं पढ़ी है … तो प्लीज एक बार ज़रूर पढ़ें ताकि आपको इस कहानी से पूर्व की घटना की जानकारी हो जाए.
पिछली बार आपने पढ़ लिया था कि हम चारों ने आपस में लंड चुत बदल कर चुदाई का भरपूर मजा लिया था, पर हमारी बीवियों ने हम दोनों को यह अहसास कराया था कि उन्हें कुछ नहीं मालूम है कि नशे में क्या हुआ था.

अब आगे Xxx कार सेक्स कहानी:

जब हम सब सुबह सोकर उठे तो वीना और रानी दोनों को ही हैंगओवर था और उनका सर दर्द कर रहा था.
उन दोनों पर रात में दारू का असर कुछ ज्यादा ही हो गया था.

वे दोनों थोड़ी थकान महसूस कर रही थीं.
मेरी साली रानी ने अपने पति शशिकांत से कहा- यार, बड़ा सर दर्द हो रहा है. कल का तो मुझे पता ही नहीं चला कि मैं कब सोई.

मैं और शशिकांत एक दूसरे को देख कर हल्की हल्की मुस्कान दे रहे थे कि रानी को सब पता है लेकिन कितनी बन रही है.
दूसरी तरफ मेरी पत्नी वीना को कुछ कुछ याद था.
उसको यह पता था कि जो उसने पिया, वह कोई कोल्डड्रिंक नहीं थी.

उसने मुझसे पूछा- कल रात को मैंने क्या पिया था?
मैंने कहा- कोल्डड्रिंक पी थी और सब ठीक था. शायद यात्रा के कारण तुम थक गई होगी तो कुछ महसूस हुआ होगा.

वे दोनों भी चुप हो गईं और आपस में बात करने लगीं.
आज हम चारों कुछ दूसरे टूरिस्ट स्पॉट देखने जाने वाले थे.

मैंने सिगरेट के कश लगाते हुए शशिकांत से कहा- तुम सिर्फ़ शॉर्ट्स पहन लेना … और एक्सट्रा अंडरवियर मत लेना.
वह मेरी बात को समझ गया कि आज कुछ नया होने वाला है.
मैंने भी वही किया.

हम दोनों ने घूमने जाते वक़्त बैग से उन दोनों की एक्सट्रा ब्रा और पैंटी निकाल कर रूम में रख दीं.

जब हम लोग निकले तो आज के प्लान के हिसाब से हम पहले साइट सीन स्पॉट्स देखने जाने वाले थे, बाद में पानी वाले स्पॉट्स थे.

वीना और रानी दोनों ने टी-शर्ट और जीन्स पहनी थी.
उन्होंने एक अतिरिक्त ड्रेस भी ले लिया था.

हम जब साइट सीन देखने गए तो मौसम पूरा ठंडा था और कुहरा भी था.

मैंने शशिकांत को पहले ही कह दिया था कि आज इन दोनों को गर्म करना है.

यह सुनकर शशिकांत भी रानी के साथ कुछ रोमांटिक सा कर रहा था.

वह अपनी पत्नी को जानबूझ कर ठीक उसी वक्त किस कर रहा था जब मेरी पत्नी वीना उसकी तरफ देख रही होती.

जब रानी वीना की ओर देखती तो मैं भी वीना को किस करता, उसकी कमर में हाथ डालता.

मैंने रानी को दिखाते हुए एक दो बार वीना के बूब्स भी प्रेस किए.

उस सीन को देख कर रानी अपने होंठ काटने लगती थी.
वह लगातार कामुक हो रही थी.

पहले दो स्पॉट को देखने जाने के समय रानी कार में शशिकांत के साथ बैठी थी.

शशिकांत कार में ही साइड से रानी के बूब्स को सहलाते हुए मसल रहा था.
वह सब मेरी बीवी वीना देख रही थी और गर्म हो रही थी.

जब हम सब तीसरी जगह पर पहुंचने वाले थे तो शशिकांत ने मुझे पीछे आने को कहा.

मैं वीना के साथ बैठ गया और वह आगे ड्राइवर के बाजू में बैठा था.

उस वक्त तक वीना काफी उत्तेजित हो चुकी थी.
मैं वीना के बाजू में बैठ कर उसकी बांहों में हाथ डाल कर बैठ गया और कुछ ही देर बाद उसके मम्मों को सहलाते हुए मसलने लगा था.

अब यह सीन साइड में बैठी रानी देख रही थी.
मैंने रानी की कामुक नजरों को पढ़ कर धीरे से रानी के गाल को हाथ लगा दिया.
वह मुझे देखने लगी तो उसी वक्त मैं वीना को चूमने लगा.

वीना पहले से ही उत्तेजित थी तो वह मुझे जकड़ कर लिपटने लगी.

उसी का फायदा उठा कर मैंने रानी के कंधों को हाथ लगा कर अपनी तरफ खींचा और उसके कंधों को चूम लिया.

उस वक्त तक हम लोग वॉटर स्पॉट से एक किलोमीटर दूर तक आ गए थे.
उधर से कार आगे नहीं जा सकती थी तो अब हमें पैदल जाना था.

जब हम सब उतर कर कुछ दूर तक चलने लगे.
वीना और रानी हाथ में कपड़ों का एक छोटा बैग लेकर आई थीं.

मैंने शशिकांत से कहा कि मैं पेशाब के लिए जाऊंगा, तुम वीना के हाथ से बैग लेकर उसे कार में रख कर आगे निकल जाओ.

उसने वीना से बैग ले लिया और उसे कार में रखवा कर वीना और रानी के साथ बातें करता हुआ आगे को गया तो मैं पीछे से आया और रानी के हाथ में हाथ लेकर उससे बातें करने लगा.

शशिकांत वीना के साथ आगे निकल गया.
वे दोनों आपस में चिपक कर मस्ती करते हुए जा रहे थे.

रानी यह देख कर मुस्कुरा रही थी.
उसकी मुस्कान बता रही थी कि वह फिर से मेरे साथ सेक्स करने को चुदासी हो रही है.

मैं रानी के साथ धीमी रफ्तार से चलने लगा था.

जब हम लोग वाटर स्पॉट तक पहुंचे, तब तक वीना के साथ शशिकांत पानी में उतर चुका था.
यह कुछ फिसलन भरी जगह थी.

वीना ने शशिकांत को कसके पकड़ लिया था.
शशिकांत भी वीना की इस बात का सही फ़ायदा उठा रहा था.

मैं रानी के साथ पानी में उतरा और उसे फिसलन से संभलने के लिए सहारा दिया.

सहारे का बहाना बनाती हुई रानी ने मुझे अपने आलिंगन में भर लिया था.

उसने बताया कि मुझे तैरना नहीं आता है.
उससे घबराहट के चलते संतुलन भी नहीं हो रहा था.

मैंने भी रानी की कामुक देह का स्पर्श पाया और अपने कड़क होते लंड से उसे कुरेदने लगा.

उधर पानी में भीगने के बाद वीना और रानी के बूब्स कपड़ों के ऊपर से ही नुमाया होने लगे थे.

मैंने उस दौरान कई बार रानी के मम्मों को अपने सीने से दबाया.
वह भी मेरे साथ मजे लेने लगी.

यही सब वीना के साथ भी चल रहा था, शशिकांत उसके साथ रगड़ सुख लेने लगा था.

पानी में एक घंटा तक मस्ती से खेलने के बाद हम सब बाहर निकल आए.

हम जब चेंज करने को हुए तो मैंने वीना से पूछा- मेरी अंडरवियर नहीं लाई हो?
उसने कहा- मैंने सब बैग में डाला था, लेकिन बैग में कुछ नहीं है!

शशिकांत ने भी अपनी पत्नी रानी से पूछा तो उधर भी कोई जवाब नहीं था.

हमारे पूरे कपड़े भीगे हुए थे.

हम सब सिर्फ अंडरवियर ही पहने हुए थे.
उन दोनों ने भी साथ में लाया हुआ ड्रेस बिना ब्रा पैंटी के ही पहन लिया.

गाड़ी पर आने के बाद हम दोनों ने कहा – हम सब पीछे ही बैठेंगे.

रानी और वीना बीच में बैठी थीं. मैं सू सू करने के बहाने पीछे ही रह गया था.
जब आया तो मैं रानी के बाजू में और शशिकांत वीना के बाजू में बैठ गया था.

मैंने ड्राइवर से कहा- आराम से चलाओ, अगर सनसैट देखने मिला तो ओके, नहीं तो वापस आ जाएंगे.

पानी में भीगने के बाद हम सब कम जगह में चिपक कर बैठे थे.
आपस में एक दूसरे के जिस्म की गर्मी से बड़ा सुख मिल रहा था.
ठंड भी नहीं लग रही थी.

सनसैट पॉइंट के रास्ते में हम सब बातें करते हुए चलने लगे.
मैंने गाड़ी में जीरा वाले पेय के साथ वोदका को मिला कर रखा हुआ था.

सबने बारी बारी से सिप करना शुरू किया और नशे के सुरूर से गर्माहट के साथ साथ मस्ती भी बढ़ने लगी.

मैंने रानी का हाथ पकड़ा और उससे मज़ाक करने लगा.
उसी तरह से शशिकांत भी वीना का हाथ पकड़ कर उसे अपनी टांगों के बीच में ले रहा था.

मैंने अपना हाथ रानी के कंधे पर रखा और उसे अपनी छाती से चिपका लिया.

शशिकांत ने भी वीना के साथ ऐसा ही किया.

उन दोनों ने Xxx कार सेक्स का रत्ती भर भी विरोध नहीं किया.
उनका मन भी एक दूसरे के साथ सैट होने लगा था.

दारू से झिझक भी खत्म हो गई थी.
शशिकांत जब बाहर देख रहा था, तब मैंने रानी को एक किस किया और उसको इशारा किया.

उसके बाद कुछ मिनट बाद वीना को शशिकांत ने किस किया.
रानी मेरे हाथ को पकड़ कर बैठी थी.

कुछ देर बाद हम लोग सनसैट स्पॉट पर पहुंचे लेकिन सनसैट हो चुका था.
वहां से हम वापिस आने लगे.

आते वक़्त ट्रॅफिक ज्यादा था तो गाड़ी धीमी गति से चल रही थी.
शशिकांत से अब जरा भी नहीं रुका जा रहा था.

बाहर अंधेरा हो गया था, उस वजह से कुछ भी साफ नहीं दिखाई से रहा था.
उसने वीना की टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर सहलाना शुरू कर दिया.

साथ ही उसने वीना का एक हाथ अपने लंड पर भी रखवा लिया था.
वीना नशे में होने के कारण सोने की एक्टिंग करने लगी.

वह शशिकांत की ओर झुक गई.

शशिकांत ने भी वीना का हाथ अपने शॉर्ट्स में डाल कर लंड पर रखवा लिया.
उसी के साथ खुद उसका हाथ वीना की टी-शर्ट में चलने लगा था.

वह मजे से मेरी बीवी वीना के बूब्स को मसल रहा था और वीना उसके लंड को सहला रही थी.
शशिकांत ने अपना लंड शॉर्ट्स से बाहर निकाल दिया.

वीना उसकी गोदी में लेट गई और वह शशिकांत के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी थी.
यह मुझे हैरान कर देने वाला था कि वीना ने आज तक कभी मेरा लंड नहीं चूसा था, वह आज अपने जीजा जी का लंड चूस रही थी.

शशिकांत उसके बूब्स दबा रहा था.
मैं रानी की टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर उसके दूध सहला रहा था और उसकी स्कर्ट को ऊपर करके उसकी चूत को रगड़ रहा था.

मैंने शशिकांत से कहा कि वीना की टी-शर्ट खोल दे.
उसने ड्राइवर की ओर इशारा किया.

मैंने उससे कुछ नहीं कहा.

मैं रानी के मम्मों को दबा रहा था.
उसके टाइट बूब्स मुझे पागल कर रहे थे.

फिर मैंने देखा कि वीना शशिकांत के लंड को चूसने में मस्त थी.
शशिकांत का लंड मुझसे बड़ा था.

वीना पूरे मन से लंड चूस रही थी.

इधर रानी भी मेरे शॉर्ट्स में हाथ डाल कर मेरे लंड को निकाल कर उससे खेलने लगी थी.

वह मेरी गोटियों को सहलाती हुई चूसने लगी.
मुझे मस्त मज़ा आ रहा था.

शशिकांत भी पूरे मज़े में था.
मेरी बीवी वीना को अपने जीजा जी का बड़ा लंड मिलने से फुल मजा आ रहा था.
वह मस्ती से शशिकांत का लंड चूस रही थी.

कुछ ही देर की लंड चुसाई के बाद शशिकांत ने अपना माल वीना के मुँह में छोड़ दिया था.

आश्चर्य की बात थी कि वीना लंड का रस निगल भी गई थी … और झड़े हुए लंड को चाट चूस कर साफ करने लगी थी.

लंड साफ करने के बाद वह अपनी टी-शर्ट को सही करती हुई नींद होने का नाटक करती हुई ड्राइवर से पूछने लगी- अभी होटल पहुंचने में कितनी देर और लगेगी?

तो ड्राइवर ने कहा- जाम ज्यादा है. मेरे ख्याल से अभी 30 मिनट से ज्यादा लग जाएगा.
वीना यह सुनकर फिर सोने का ड्रामा करती हुई रानी पर गिर गई.

उसने अपने पैर शशिकांत की टांगों के ऊपर फैला दिए.
शशिकांत ने उसका इशारा समझ लिया और धीरे से उसकी स्कर्ट को हटा कर चुत चुदाई की रास्ता साफ कर ली.

उसने अपने खड़े लंड को वीना की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया था.

वीना शशिकांत की टांगों पर अपनी चूत पसारे हुए चढ़ी थी.
ठीक उसी तरह ही रानी मेरी तरफ मुँह करके मुझे ढकलती हुई मुझसे चिपक गई.

मैं उसके नीचे आ गया था.
मैंने भी उसकी चूत में लंड पेल दिया था.

रानी की चूत पूरी तरह से रसीली थी.
हम दोनों धीमी रफ्तार में चुदाई का मजा ले रहे थे.

रूम में पहुंचने में अभी भी 15 मिनट का रास्ता बाकी था.

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हाय दोस्तो, मेरा Hindi Porn Stories नाम रमेश है, मैं अन्तर्वासना की कहानियों का नियमित पाठक हूँ। मेरी एक कहानी भतीजी की चुदाई अन्तर्वासना पर पहले प्रकाशित हो चुकी है। मैंने और कहानियाँ भेजने का वादा किया था, लेकिन समय पर भेज नहीं पाया क्योंकि इसी बीच मुझे जयपुर शिफ्ट होना पड़ा, इसके लिए मैं लंड झुका कर माफ़ी चाहता हूँ। खैर अब मैं आपको मेरी दूसरी कहानी भेज रहा हूँ, अच्छी लगे तो भी और अच्छी न लगे तो भी मेल जरूर करना।

हमारे कारखाने में शीला नाम की लड़की काम करती थी, कद पाँच फुट तीन इंच, गोरी और बदन भरा भरा, उसके बोबे संतरे के आकार के एकदम कसे थे। भोली इतनी कि जब मैंने उसे चूमना चाहा तो उसने कहा कि इससे तो मैं गर्भवती हो जाऊंगी क्योंकि एक बार मेरी कजिन बहिन ने मेरी चाची की चड्डी पहन ली थी तो उसके भी गर्भ ठहर गया था।

खैर अब मैं अपनी असली कहानी पर आता हूँ, उसको हमारे यहाँ काम करते हुए करीब एक महीना हो गया था, इसी बीच काम समझाने के बहाने मैं उसे रोज छूता था, कभी उसके बोबे को, कभी पीछे से चूतड़ों को, लेकिन वो कोई विरोध नहीं करती थी, लेकिन मेरा लंड तो उसको छूने से पैंट फाड़ कर बाहर आने लगता था।

एक दिन जब वो मशीन पर काम कर रही थी, मैं उसके पीछे जाकर चिपक कर खड़ा हो गया, मेरा लंड उसकी पीठ पर लगा हुआ झटके पे झटका खा रहा था। वो आगे झुक कर काम कर रही थी, चूंकि उसने ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए उसकी कुर्ती में से उसके बोबे पूरे के पूरे मुझे दिखाई दे रहे थे। जी तो चाह रहा था कि उसकी कुर्ती में अभी हाथ डाल कर उन्हें जोर से दबा दूँ लेकिन हिम्मत नहीं हो रही थी। फिर भी मैंने पीछे खड़े खड़े ऊपर से उसकी कुर्ती में हौले से फूंक मारी तो उसने चौंक कर ऊपर मेरी ओर देखा और धीरे से मुस्कुराकर वापिस अपने काम में लग गई। मैं समझ गया कि इसको पटाना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा।

दूसरे दिन मैंने उसके पास जाकर उसके गालों को छूकर एक पप्पी देने का इशारा किया, लेकिन उसने शरमाकर मना कर दिया, लंच के वक्त जब सब खाना खाने जाते थे, तब मैं कारखाने में अकेला ही रुकता था, उनके आने के बाद मैं खाना खाने जाता था। उस दिन जब सब लंच पर चले गए तब मैंने उसे काम के बहाने स्टोर रूम में आने को कहा क्योंकि वहाँ बाकी की लड़कियाँ खाना खा रही थी। जब वो आई तो मैंने उसे पकड़ा और चूमना चाहा तब उसने कहा कि किस करने से गर्भ ठहर जाता है।

मैंने अपना सर पीट लिया, मैंने उसे बहुत समझाया लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं थी, तो मैंने उसे कहा- चलो मुँह लगाने से गर्भ ठहर जाता है लेकिन हाथ लगाने से तो कुछ नहीं होता !

तो उसने कहा- हाँ ! हाथ लगाने से तो नहीं होता !

इतना सुनते ही मैं उसके पीछे गया और उसकी बगलों से हाथ डाल कर उसकी दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर जोर से दबाने लगा।

दोस्तो, क्या चूचियाँ थी ! इतनी सख्त जैसे कच्चे अमरुद हों !

उसने छुड़ाना चाहा लेकिन मैंने उसे छोड़ा नहीं तो उसने कहा- प्लीज, दर्द होता है ! धीरे धीरे करो !

इतना सुनते ही मैंने उसकी कुर्ती में हाथ डाल दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा। अचानक वो मुझसे छूट कर बाहर भाग गई और बाकी लड़कियों के पास जा कर बैठ गई।

उसके बाद तो उसका मेरी तरफ देखना और शरमाकर मुस्कुराना मेरे लंड पर बिजलियाँ गिरा रहा था।

दूसरे दिन फिर मैंने उसे लंच में स्टोर रूम में बुलाया तो वो शरमाकर मेरे पास आ कर खड़ी हो गई। मैंने उसकी चूचियों को खूब दबाया। वो शी शी करती रही। मैंने पीछे से अपना लंड उसके चूतड़ों पर लगा रखा था और उसको समझा रहा था कि गर्भ चोदने से ठहरता है।

तो उसने कहा- वो कैसे?

तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर पैंट के ऊपर से ही अपने लंड पर रख दिया तो उसने कहा- आप गंदे हो !

और यह कहकर भाग गई।

उसके बाद तो रोज ही वो लंच टाईम में मेरे पास आ जाती और मैं उसके स्तनों और चूतड़ों को दबाते रहता। अब मैंने अपना लंड भी उसके हाथ में देना चालू कर दिया था, जिसे वो पकड़कर धीरे धीरे दबाती रहती या सहलाती रहती। अब उसे भी मजा आने लगा था। मैंने उसकी चूत पर भी ऊपर से हाथ फेरना शुरू कर दिया था। एक सप्ताह में तो मैंने उसकी बुर को उंगली से चोदना भी शुरू कर दिया लेकिन उससे ज्यादा मौका ही नहीं मिल रहा था। मैं उसकी कुंवारी बुर में अपना लंड डाल कर उसकी सील तोड़ने के लिए तड़प रहा था।

आखिर दो दिन बाद मैंने उसे सुबह सात बजे कारखाने में आने के लिए राजी कर ही लिया। हमारे यहाँ स्टाफ और लेबर नौ बजे आते हैं।

दूसरे दिन वो सुबह पौने सात बजे ही कारखाने में आ गई। चूँकि मैं उस वक्त कारखाने में ही सोया करता था इसलिए जैसे ही वो अन्दर आई, मैंने दरवाजा बंद किया और उसे अपनी बाँहों मैं लेकर चूमने लगा। पहली बार मैंने उसकी कुर्ती को उतार कर उसके छोटे छोटे अमरूदों को देखा, उसकी घुन्डियाँ एकदम गुलाबी रंग की तथा सामने की ओर तनी हुई थी।

मैंने उसे गोदी में बैठाया और उसकी एक चुन्ची को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरी को हाथ से मसलने लगा। उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी।

मैंने अपना एक हाथ सलवार के ऊपर से उसकी चूत पर रख कर उसकी गद्दी जैसी चूत को सहलाना शुरू कर दिया। उसकी सिसकारियाँ और तेज होती जा रही थी। मैंने उसे गोद में उठाया और बिस्तर पर ले गया और धीरे से उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर उसे उतार दिया। जैसे ही उसकी चड्डी उतारने लगा, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- मैं इसे नहीं उतारने दूंगी !

मैंने कहा- इसे नहीं उतारोगी तो कैसे चोदूँगा ?

तो उसने कहा- मुझे नहीं पता ! पर मैं इसे नहीं उतारूंगी !

और रोने लगी।

मैंने कहा- कोई बात नहीं !

और उसकी चड्डी में हाथ डाल कर उसकी चूत को मसलने लगा। धीरे धीरे उसके दाने को सहलाया तो वो सिसकारियाँ भरने लगी, उसकी चूत गीली होने लगी।

मैंने अपनी उंगली उसमे डाली तो उसको मजा भी आने लगा। जब उसकी चूत एकदम गरमा गई, तब मैंने उंगली निकाल ली।

उसने कहा- क्या हुआ? रुक क्यों गए?

मैंने कहा- अब मैं अपना लंड तुम्हारी चूत में डाल कर चोदूंगा !

तब उसने कहा- जो करना है, जल्दी करो !

तो मैंने कहा- जब तक चड्डी नहीं उतारोगी, मैं नहीं करूंगा !

तो उसने कुछ नहीं कहा और अपनी टांगे सीधी करके लेट गई और अपने हाथों से अपनी आँखे बंद कर ली। मैं समझ गया और धीरे से उसकी चड्डी उतार दी।

वाह क्या चूत थी ! चूत पर सिर्फ मुलायम से बाल आने शुरू ही हुए थे, एकदम फूली हुई गद्दी जैसी चूत को देख कर लंड फटने की हालत में हो गया। मैंने उसकी टांगें घुटनों से मोड़ी तो उसकी चूत की फांक कटे हुए लाल अंजीर की तरह दिखने लगी और बीच में जैसे किसी ने चेरी का छोटा सा टुकड़ा रख दिया हो।

मैंने अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उस पर थोड़ी वैसलीन लगाई, थोड़ी उसकी चूत पर और चूत के अन्दर लगाई। उसके बाद मैंने अपना छः इंच लम्बा और दो इंच मोटा लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और बिना दबाव दिए उसके ऊपर लेट गया। फिर उसके होठों को अपने होठों में दबा कर तथा हाथों से उसके कंधो को पकड़ कर धीरे से अपने लंड का दबाव उसकी चूत में दिया।

जैसे ही लंड का सुपारा उसकी संकरी चूत में घुसा, वो नीचे दबी हुई छटपटाने लगी और अपनी गर्दन को इधर उधर हिलाने लगी। लेकिन मैंने उसे कस कर पकड़ा हुआ था, मैंने एक झटका और लगाया तो मेरा आधा लंड उसकी बुर में घुस गया।

वो बुरी तरह पसीने में भीग गई और रोने लगी। लेकिन मैं जानता था कि अगर इस बार इसको छोड़ दिया तो दोबारा यह मेरे नजदीक भी नहीं आएगी, मैंने अपना लंड सुपाड़े तक बाहर निकाला और एक जोरदार झटका और दिया तो खच की आवाज के साथ मेरा पूरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया।

वह जोर से उछली, उसका मुंह एकदम लाल हो गया और वो मेरी पीठ में नाखून गाड़ने लगी। मैंने धीरे धीरे उसके बालों में हाथ फिराया और उसको धीरे धीरे सहलाने लगा। जब उसका मुंह छोड़ा तो वो जोर जोर से रोने लगी और मुझे धक्के देने लगी।

मैंने उसे समझाने की कोशिश की तो उसने कहा- आज के बाद मैं आपके पास कभी नहीं आउंगी !

मैंने उसे सहलाना चालू रखा और थोड़ी देर बाद अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाला और धीरे से वापस अन्दर धकेला तो उसने कहा- आप उठो ! मुझे कुछ नहीं करवाना !

मैंने उसके बोबे दबाये, धीरे धीरे उसके गालों को होठों से सहलाते हुए अपना लंड उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा। वो मुझे धक्के देती रही और मैं उसको प्यार से चोदता रहा।

थोड़ी देर बाद उसने अपने हाथ मेरी पीठ पर कस लिए और मुझसे चिपक गई। मैं समझ गया कि अब रास्ता साफ़ है !

तो मैं जोर जोर से अपना पूरा लंड बाहर निकाल-निकाल कर उसे चोदने लगा। दो मिनट बाद ही उसने मुझे जोर से कस लिया, मुंह से आह ह ह ह ह ह ह आह ह ह ह ह ह करने लगी। वो झड़ चुकी थी मैं भी झड़ने वाला था इसलिए मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसके पेट पर और चूचियों पर अपना सारा रस छोड़ दिया।

उसने उठने की कोशिश कि लेकिन ओह करते हुए वापिस लेट गई। मैंने उसे सहारा देकर उठाया तो बेड की हालत देख कर चौंक उठी और कहा- ये इतना खून कहाँ से आया?

तो मैंने कहा- ऐसा पहली पहली बार होता है, अब दुबारा करेंगे तो नहीं होगा !

तो उसने कहा- आज के बाद मैं कभी भी आपके पास नहीं आउंगी !

मैंने कहा- ठीक है, अभी तो सफाई करके कपड़े पहनो !

मैंने उसे सहारा देकर उठाया उसे कपड़े पहनने में मदद की, उसकी चूत पर रूई लगाई और दर्द की दवाई दे कर घर भेज दिया और कहा- आज तुम आराम करो, कल फिर बात करेंगे !

तो दोस्तो, तीन चार दिन बाद ही उसके फिर खुजली उठी और मैंने उसे फिर कई बार चोदा !

यह थी मेरी दूसरी सील तोड़ने की कहानी, आशा है आपको पसंद आई होगी ! अगर नहीं भी आई हो तो कृपया मुझे मेल जरूर करें ! Hindi Porn Stories

Antarvasna

हाय दोस्तो, मुझे हिंदी लिखनी Antarvasna नहीं आती पर कोशिश कर रहा हूँ, मेरी गलतियों को नज़रान्दाज़ कर दें।

मेरा नाम राज है, मैं इन्दौर का रहने वाला हूँ। मैं जब भी अपने घर जाता था तो हमेशा पड़ोस की आँटी को चोदने के बारे में सोचता रहता था।

इस बार जब मैं अपने घर गया तो मेरे ऊपर कृपा हो ही गई, मुझे चोदने का मौका मिल ही गया। मैं जिम जाने लगा था जिसका असर मुझे घर पर मालूम चला। आँटी के पति दुबले पतले थे और दिन भर को़र्ट में रहते थे।

उस दिन आँटी का हीटर ख़राब हो गया था। हमारे शहर में कई लोग हीटर पर खाना बनाते हैं। आँटी का भी खाना नहीं बना था, मैं गाय को रोटी देने बाहर आया तो आँटी बोली- राज, मेरा हीटर खराब हो गया है, उसे सुधार दो !

मैंने मजाक में कहा- आप तो खुद ही इतनी गर्म हो कि तपेली को हाथ से पकड़ लो तो पानी भाप बन जाये !
वो हंस दी, मैंने आज तो रास्ता साफ समझा और उनका हीटर सही करने उनके घर आ गया। उनकी लड़की जो दसवीं में है, स्कूल जा रही थी।

मैं हीटर को सही करने लगा, उनसे टेस्टर माँगा तो वो उसे लेकर खुद ही हीटर की स्प्रिंग को चैक करने लगी। तब उनके बड़े बड़े स्तन उनके ब्लाउज़ से बाहर दीखने लगे थे। मन तो कर रहा था कि उनके स्तनों को पकड़ कर मसल डालूँ पर मर्यादा मुझे रोक रही थी।

तब मैंने उनसे टेस्टर लेना चाहा तो उनका हाथ मेरे हाथ से छू गया। मुझे लगा कि आँटी इतनी हॉट हैं, अंकल की तो रोज जन्नत की सैर है।

मैंने जब स्प्रिंग से टेस्टर छुआ तो मेरे आँटी के ख्यालों के चक्कर में मुझे करंट का एक झटका लगा, मैं लगभग बेहोश हो गया था। आँटी घबरा गई और उन्होंने पानी लाकर मेरे ऊपर डाला और मुझे अपनी गोद में ले लिया और मुझे उठाने लगी।

मेरा सीना एकदम उभरा था जो शर्ट का बटन खुला होने से आँटी को दिख रहा था। आँटी ने अपना एक हाथ मेरी शर्ट में डाल दिया और धीरे-धीरे मेरे सीने पर फ़िराने लगी।

मुझे होश आने लगा था, आँटी बड़े प्यार से अपना गर्म हाथ मेरे 40 इंच के सीने पर घुमा रही थी।

मेरा लंड घोड़े के लंड की तरह धीरे धीरे बढ़ने लगा था जो मेरे रीबोक की चड्डी से बाहर निकलने को तरस रहा था और आँटी मेरे सीने को रगड़े जा रही थी।

अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था, मैंने अपनी आंख खोल दी। वो एकदम से मुझसे अलग हो गई।
मैंने बोला- आँटी करो ना ! मुझे मजा आ रहा है।
उसने पूछा- पहले कभी सेक्स नहीं किया?
मैंने मना कर दिया- नहीं !
मेरा दिमाग गर्म हो रहा था कि अगर आज सेक्स नहीं कर पाया तो मैं मर जाऊँगा।

वो शायद मेरी अवस्था समझ चुकी थी, वो मेरे पास आई और हाथ को चूमने लगी। मुझे कुछ होने लगा था। उसने धीरे से मेरे माथे को चूम लिया। मेरा लंड जोर जोर से सांस ले रहा था। आँटी की भी सांसें गर्म होने लगी थी। फिर वो मेरी दोनों आँखों को चूमने लगी। मेरी तो हवा ख़राब होने लगी थी। वो इतनी गोरी थी कि अगर हाथ रख दो तो लाल हो जाये।
उसने मेरे दोनों हाथ अपने वक्ष पर रख दिए और बोली- इनको दबाओ !
वो मुझे अनाड़ी समझ रही थी। मैंने अपने हाथ उसके नर्म-नर्म बोबों पर घुमाने शुरु कर दिए। वो मचलने लगी और मेरे मसल्स को सहलाने लगी।

मैंने धीरे से उसकी साड़ी के अंदर अपना हाथ डाल दिया और उसकी चूत के दाने को छू लिया।
वो सिसकने लगी और बोली- तेरे अंकल को तो कोर्ट से ही समय नहीं है, मैं सात महीने से अपनी प्यास मोमबत्ती या अपने हाथ से मिटा रही हूँ। मेरी प्यास बुझा दे, तेरा मुझ पर उपकार होगा।
मैं उसकी चूत को रगड़े जा रहा था, उसने भी मेरे लंड को पकड़ लिया और रगड़ने लगी। मैंने उसके पेट पर हाथ रखा तो वो स्प्रिंग की लहरों की तरह हिलने लगा। अब हमारी धड़कने बढ़ चुकी थी। मैंने अपना लंड उसके कहने पर उसके दोनों बोबों के बीच रख दिया। मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया था।
उसके बाद वो मुझसे बोली- लंड को धीरे-धीरे आगे पीछे करो !
मेरी उत्तेजना की सीमा पार हो रही थी, साथ ही मजा भी बढ़ता जा रहा था। मेरी सांसें तेज होने लगी थी। मेरा लंड ठीक उसके मुँह के पास आ जा रहा था। वो अपनी जीभ से उसे चाटने की कोशिश कर रही थी, मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मेरा लंड जैसे दो रुई के गोलों के बीच में हो जिनको हल्का गर्म कर दिया हो।

तभी वो जोर जोर से चिल्लाने लगी- और जोर लगाओ अह अहअहहहह अहह हहहहह…
उसने मेरे कूल्हे कस कर पकड़ लिए और एकदम ढीली हो गई…
कहानी जारी रहेगी.. Antarvasna

Hindi Sex Stories

कमरे में घुसते ही राम Hindi Sex Stories ने कहा, “सिमरन ये मैं क्या देख रहा हूँ?”

“ओह गॉड! मेरे पति कि आवाज़ है! मुझे जाने दो”, सिमरन अपने आपको जय से छुड़ाने की कोशिश करने लगी।

“चुप हो जाओ रानी, मैं तुम्हें तभी जाने दूँगा जब मेरा काम हो जायेगा”, जय ने हँसते हुए अपने लंड की रफ़्तार और तेज कर दी।

“राम मुझे जाने दो! नहीं…. मैं तुम्हें नहीं करने दूँगी!” अंजू ने विरोध करते हुए कहा, लेकिन ज़मीन पर कार्पेट पे लेट कर अपनी टाँगें फैला दी।

“अंजू तुम्हें क्या हुआ?” जय ने पूछा।

“आहहहह!!! राम ने अपना लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया है और मुझे चोद रहा है”, अंजू ने जवाब दिया।

“चोदने दो! मैं भी तो उसकी बीवी की गाँड मार रहा हूँ”, जय ने हँसते हुए कहा।

“ओहहहहहहह नहीं!!! मुझे नंगा मत करो प्लीज़, नहीं…. तुमने तो अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया है”, मंजू सिसकी।

“अब तुम क्यों चिल्ला रही हो?” विजय ने पूछा।

“श्याम मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोद रहा है”, मंजू ने जवाब दिया।

“चढ़ा रहने दे, मैं भी तो उसकी बीवी पर चढ़ा हुआ हूँ, मजे लो!” विजय ने साक्षी की गाँड में धक्का मारते हुए कहा।

चारों जोड़े चुदाई में मस्त थे। दो बिस्तर पर और दो ज़मीन पर। ऐसा सामुहिक चुदाई का नज़ारा देखने लायक था। थोड़ी देर बाद सब थक कर चूर हो चुके थे। जय और विजय खड़े होने लगे।

“तुम कहाँ जा रहे हो? अभी मुझे और चुदाना है!” साक्षी ने विजय का हाथ पकड़ते हुए कहा।

“नहीं, मैं थक चुका हूँ! अब मुझसे नहीं होगा”, विजय ने कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“तुम्हें अब मैं चोदूँगा”, राम ने कहा।

“हाँ राम! तुम मुझे चोदो”, साक्षी बोली।

“चोदूँगा जरूर! लेकिन तुम्हें नहीं सिमरन को, तुम्हें श्याम चोदेगा”, राम ने कहा।

“हाँ राम! मुझे चोदो प्लीज़….!” फिर दोनों ने अपने-अपने पति के लंड को मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दिया।

“अब चलो यहाँ से….. मुझसे सहा नहीं जा रहा है, देखो मेरी चूत कितनी गीली हो गयी है”, प्रीती मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेडरूम में ले आयी।

वहाँ वो चुदाई में मस्त थे और मैं अपनी प्रीती की जम कर चुदाई कर रहा था। उसके मुँह से सिसकरियाँ फूट रही थीं, “ओहहहहहह हाँ!!!! जोर से!!! ओहहहह तुम्हारे लंड की तो मैं दीवानी हो गयी हूँ!!!! कितने लौड़ों से चुदवा चुकी हूँ पर तुम्हारे लंड का जवाब नहीं।”

थोड़ी देर में हम झड़ कर अलग हुए ही थे कि चुदाई पार्टी हमारे कमरे में आ गयी।

“कैसे रहा तुम लोगों के साथ?” प्रीती ने पूछा।

“बहुत अच्छा रहा! सिमरन और साक्षी की चूत और गाँड सही में लाजवाब हैं”, जय बोला।

“और तुम दोनों की चूत की खुजलाहट कैसी है?”

“पहले से ठीक है पर अब भी खुजला रही है”, सिमरन ने जवाब दिया।

“जाओ जा कर स्नान कर लो….. ठीक हो जायेगी”, प्रीती ने कहा, “सब लोग तैयार हो जाओ… फिर पिक्चर देखने चलते हैं।”

हम सब लोग तैयार होकर पिक्चर देखने गये और एक अच्छे रेस्तोरां में खाना खाया। घर पहुँचते हुए काफी देर हो चुकी थी। घर पहुँच कर हम सब ड्रिंक्स पीने बैठ गये। बाद में जब सब सोने की तैयारी करने लगे तो प्रीती बोली, “सिमरन और साक्षी तुम आज रात सुनील के साथ सोओगी, और राम और श्याम, अंजू और मंजू के साथ!” प्रीती ने कहा।

“तो हम लोग किसके साथ सोयेंगे?” जय ने पूछा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“तुम दोनों आज मेरे साथ सोओगे”, प्रीती बोली। प्रीती की आँखों में वासना भरी थी और उसकी आवाज़ नशे में बहक रही थी।

बेडरूम में मैंने जब अपने कपड़े उतारे तो सिमरन सिसकी, “साक्षी! देख तो जीजाजी का लंड कितना लंबा और मोटा है!”

“हाँ यार! ये तो काफी मोटा और लंबा है, सुना है… मोटा लंड चुदाई में ज्यादा मज़ा देता है”, साक्षी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी, “पहले मैं चुदवाऊँगी।”

“नहीं पहले मैं चुदवाऊँगी, पहले मैंने देखा है”, सिमरन बोली। वो दोनों भी नशे में थीं। उन्होंने पहले कभी शराब पी नहीं थी और आज प्रीती के जोर देने पर दोनों ने एक-एक पैग पिया था और उसमें ही दोनों को अच्छा खासा नशा हो गया था।

“झगड़ा मत करो, पूरी रात पड़ी है”, मैंने दोनों को शाँत करते हुए कहा, “सिमरन बड़ी है इसलिये मैं पहले सिमरन को चोदूँगा।”

पूरी रात मैं दोनों को बारी-बारी से चोदता रहा।

सुबह जब मैं उठा तो दोनों लड़कियाँ गहरी नींद में सोयी पड़ी थी। बिना आवाज़ किये मैं कमरे से बाहर आ गया और देखा कि किचन में प्रीती नंगी ही चाय बना रही थी।

“रात कैसी गयी?” प्रीती ने पूछा।

“बहुत शानदार, दोनों की चूत वाकय में बहुत टाइट है।”

“हाँ मैं जानती हूँ! उनकी शादी हुए ज्यादा अरसा नहीं हुआ है, और तुम्हारे मोटे लंड के लिये तो चुदी हुई चूत भी टाइट है”, प्रीती बोली।

“गुड मोर्निंग भाभी!” अंजू किचन में आते हुए बोली।

“आप दोनों नंगे क्यों हैं? क्या सुबह-सुबह चुदाई कर रहे थे?” मंजू ने हमें नंगा देख कर कहा।

“नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, हमने वैसे आज से फैसला किया है कि घर में सब नंगे ही घूमेंगे, कोई भी कपड़े नहीं पहनेगा”, मैंने कहा।

“अगर ऐसी बात है तो ठीक है”, दोनों ने अपने-अपने गाऊन उतार दिये और नंगी हो गयी।

“हाँ… उम्मीद है कि बाकी भी सब मान जायें”, अंजू ने हँसते हुए कहा, “कितना अच्छा लगेगा जब सब मर्द अपना लंड हवा में उठाये घूमेंगे”, अंजू बोली।

“और हम चूज़ भी कर सकते हैं कि किससे चुदवाना है!” मंजू ने कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“भाभी! आपने हमारे पतियों के साथ क्या किया है जो अभी तक सो रहे हैं?” अंजू ने पूछा।

“कुछ ज्यादा नहीं किया….. सिर्फ़ उनके लंड से उनके पानी की एक-एक बूँद निचोड़ ली!” प्रीती खिलखिलाती हुई बोली, “अब वो आराम से सो रहे हैं।”

“आओ मंजू देखते हैं, उनका लंड कितना सूखा हुआ है”, अंजू उसे बेडरूम की ओर घसीटती हुई बोली।

आधे घंटे बाद वो दोनों लौटीं, “भाभी! उनके लंड में अभी थोड़ा पानी बचा था जो हमने चूस के निकाल दिया”, मंजू जोर से बोली और बाकी सब को उठाने चली गयी।

हम सब लोग नंगे ही नाश्ता कर रहे थे। “जय और विजय कहाँ हैं?” मैंने पूछा।

“हम यहाँ हैं भैया।” दोनों किचन में नंगे आते हुए बोले। फिर जय और विजय ने राम और श्याम की ओर घूरते हुए कहा, “तो वो तुम दोनों ही हो जिन्होंने हमारी बीवियों का कुँवारापन लूटा था।”

“हाँ लूटा था! तो क्या कर लोगे?” राम भी अकड़ कर बोला। मैं घबरा रहा था कि कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाये। मैंने अंजू और मंजू की ओर देखा।

“सॉरी भैया, भाभी! इन्होंने चालाकी से हमारे मुँह से उगलवा लिया”, मंजू बोली।

इतने में जय बोला, “करेंगे क्या!!! हमने भी तो तुम्हारी बीवियों की चूत और गाँड मारी है”, और हंसने लगा।

माहोल शाँत होते देख मेरी जान में जान आयी। अब तो घर में सब नंगे ही रहते और जो मन में आता उसे पकड़ कर चुदाई करने लगते। सारा दिन शराब और चुदाई चलती…. कौन किसे और कहाँ चोद रहा है कोई परहेज नहीं था। ऑफिस से लौटने के बाद मैं भी शामिल हो जाता था।

एक दिन ऑफिस से लौटा तो देखा कि अंजू के बेडरूम से आवाज़ें आ रही है। सभी लोग वहाँ थे सिवाय राम के।

“प्रीती! राम के साथ बेडरूम में कौन है?” मैंने पूछा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“तुम्हारी पहली कुँवारी चूत….. रजनी, आयी थी, टीना की बर्थडे पार्टी के बारे में बात करने, लेकिन इतने सारे खड़े लंड देख कर अपने आप को रोक नहीं सकी और पिछले चार घंटे से सबसे बारी-बारी से चुदवा रही है।” प्रीती ने जवाब दिया। थोड़ी देर बाद राम और रजनी बेडरूम से बाहर आये। “प्रीती! अब मैं चलती हूँ, कल मम्मी के साथ आऊँगी, फिर हम सब फायनल कर लेंगे”, रजनी ने कहा।

“मेरी जान! तुम ऐसे कैसे जा सकती हो? सुनील अभी तो आया है और तुमने उससे चुदवाया भी नहीं है”, प्रीती हँसते हुए बोली।

“सॉरी सुनील… आज नहीं! आज मेरी चूत और गाँड इतनी सुजी हुई है कि अब मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी, फिर कभी!” ये कहकर वो चली गयी।

सभी लोग रजनी और टीना के बारे में जानना चाहते थे। प्रीती ने पूरी डीटेल में सब कुछ उन्हें बता दिया। दो दिन के बाद योगिता और रजनी आयीं। चार नौजवान और खड़े लंडों को देख कर योगिता के मन में चुदवाने की इच्छा जाग उठी।

“मम्मी! जो काम की बात हम करने आये हैं….. पहले वो पूरा कर लेते हैं, बाद में हम दोनों मिलकर इन सबके लंड का पानी निचोड़ लेंगे”, रजनी ने कहा।

मैंने उन दोनों के लिये ड्रिंक्स बनाये और फिर हमने तय किया कि टीना का जन्मदिन कैसे मनाया जाये। तय ये हुआ कि हम लोग एक पार्टी रखेंगे और योगिता की जवाबदारी होगी कि वो टीना और उसके माता-पिता को पार्टी में लेकर आये।

“अगर एम-डी रीना को भी साथ ले आया तो?” मैंने पूछा।

“तुम उसकी चिंता मत करो, रीना नहीं आयेगी! कारण ये कि आज शाम को वो अपनी मौसी से मिलने जा रही है और टीना के जन्मदिन के बाद ही लौटेगी”, प्रीती ने कहा।

“प्रीती! मुझे लगता है कि तुम्हें खुद सुनीलू और मिली को पार्टी में इनवाइट करना चाहिये”, योगिता बोली।

“ठीक है! मैं ही फोन किये देती हूँ!” प्रीती ने फोन उठा कर एम-डी का नंबर मिलाया।

“एम-डी बोल रहा हूँ”, दूसरी तरफ से आवाज़ सुनाई दी। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“सर, मैं प्रीती बोल रही हूँ, मैं आपको और मिली को शनिवार की शाम पाँच बजे मेरे घर पर कॉकटेल पार्टी की दावत देने के लिये फोन किया है।”

“शनिवार को हम नहीं आ सकते, उस दिन टीना का जन्मदिन है और मैंने उसे प्रॉमिस किया है कि उसे किसी स्पेशल जगह लेकर जाऊँगा”, एम-डी ने कहा।

“सर! ये तो ठीक नहीं होगा! मेरी दोनों ननदें यहाँ आयी हुई हैं और आपसे मिलना चाहती हैं”, प्रीती ने अपने शब्दों पर जोर देते हुए कहा।

“ये तो बहुत अच्छी बात है, मैं भी एक बार फिर उन्हें चोदना चाहता हूँ, लेकिन तुम ये कैसे कर पाआगी?” एम-डी ने कहा।

“सर! उस दिन की पार्टी को आप टीना की बर्थडे पार्टी समझ लिजिये। इससे एक पंथ दो काज़ पूरे हो जायेंगे”, प्रीती ने सिगरेट का धुँआ छोड़ते हुए कहा।

“हाँ! ये ठीक रहेगा। हम लोग शनिवार की शाम ठीक पाँच बजे पहुँच जायेंगे”, एम-डी दूसरी तरफ से बोला।

“तो ठीक है सर! मैं शनिवार को आपका इंतज़ार करूँगी, और हाँ सर टीना और रीना को लाना मत भूलना”, कहकर प्रीती ने फोन रख दिया।

“प्रीती! तुम तो कमाल की चीज़ हो, अब अंकल जरूर आयेंगे”, रजनी ने कहा।

“अब काम खत्म हो गया है, चलो अब मस्ती की जाये”, योगिता अपना ब्लाऊज़ उतारते हुए बोली।

“हाँ मम्मी, चलो चुदाई की जाये!” रजनी बोली। दोनों माँ बेटियाँ शराब के नशे में चूर थीं और उनकी आँखों में वासना लहरा रही थी।

“चलो लड़कों इनकी कपड़े उतारने में मदद करो, और इन्हें कमरे में ले जाकर इनकी सामुहिक चुदाई करो”, प्रीती ने हँसते हुए कहा, “ऐसा कम बार होता है कि माँ बेटी साथ में चुदाई करवा रही हों।”

चारों ने मिलकर उनके कपड़े उतारे और दोनों नंगी माँ-बेटी सिर्फ हा‌ई-हील के सैंडल पहने नशे में झूमति हु‌ईं उन चारों के सहारे बेडरूम में चली गयीं। ।

“क्या सोच रहे हो भैया?” अंजू ने पूछा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“शनिवर का दिन और टीना की कुँवारी चूत के बारे में ही सोच रहा होगा और क्या सोचेगा”, प्रीती ने अपना ग्लास हवा में झुलाते हुए कहा। वो भी नशे में धुत्त थी।

“तुम हमेशा की तरह सही कह रही हो प्रीती”, मैंने कहा और सिमरन और साक्षी को बाँहों में भर लिया। “आओ तुम दोनों मुझे शनिवार की थोड़ी सी प्रैक्टिस करा दो।”

सिमरन और साक्षी को चोदने के बाद मैं शनिवार का बेसब्री से इंतज़ार करने लगा। ऐसा लग रहा था कि समय जैसे थम सा गया हो। जैसे तैसे शनिवार का इंतज़ार खत्म हुआ।

शनिवार की सुबह मैं सोकर उठा तो देखता हूँ कि हॉल का सारा फर्निचर फिर से सजाया हुआ था और बीच में एक बेड बिछा दिया गया था। चारों लड़के नंगे उस पर ताश खेल रहे थे।

“प्रीती कहाँ है?” मैंने उनसे पूछा।

“वो किचन में शाम के लिये नश्त बाना रही है”, राम ने जवाब दिया।

मैं किचन में पहुँचा तो देखा कि वो पाँचों भी सिर्फ सैंडल पहने नंगी ही काम कर रही हैं। “क्या हो रहा है?” मैंने पूछा।

“तुम्हारी स्पेशल दवाई से नाश्ता बना रही हूँ, याद है ना आज तुम्हें टीना की कुँवारी चूत फाड़नी है”, प्रीती ने जवाब दिया।

“वो तो मुझे याद है, पर हॉल के बीच में ये बेड क्यों बिछाया हुआ है, क्या शाम को कोई शो होने वाला है?” मैंने पूछा।

“हाँ! शो ही तो होने वाला है, हम सब तुम्हें टीना की चूत फाड़ते हुए देखना चाहते हैं, तुम्हें अकेले ही मज़ा नहीं लेने देंगे”, प्रीती ने कहा।

“हाँ! हम सब भी देखना चाहते हैं”, सभी ने मिलकर कहा।

“तो तुम सब मुझे टीना की चूत फाड़ते देखना चाहते हो?” मैंने कहा।

“तुम्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना?” प्रीती ने पूछा।

“मुझे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है, पर टीना को शरम आयी और वो ना मानी तो?” मैंने कहा।

“टीना अगर नहीं मानी तो उस समय सोचेंगे, अब तुम जा कर तैयार हो जाओ। रजनी टीना को लेकर आती ही होगी”, प्रीती बोली। मैं नहा धोकर तैयार हो बाहर आया कि दरवाजे पर घंटी बजी। प्रीती ने अपना हाऊज़ कोट पहन कर दरवाजा खोल दिया।

दरवाजे पर रजनी और टीना थी। “थैंक गॉड! तुम लोग आ गये, आओ अंदर आओ…… मैं तो समझी कि कहीं एम-डी को भनक तो नहीं लग गयी”, प्रीती ने रजनी से कहा।

प्रीती उन्हें लेकर हॉल में आयी। टीना बहुत ही सुंदर लग रही थी, उसका चेहरा गुलाब की तरह खिला हुआ था और उसके गुलाबी होंठ…… जी कर रहा था कि अभी आगे बढ़ कर उन्हें चूम लूँ।

टीना ने जब सबको नंगा देखा तो शरमा गयी और अपनी गर्दन झुका कर बोली, “रजनी दीदी! ये सब नंगे क्यों हैं? “

“ये नंगे नहीं हैं, आज ये सब जनब अवस्था में तुम्हारा जन्मदिन स्पेशल तरीके से मनायेंगे”, प्रीती बोली, “आओ आज मैं तुम्हें अपने हाथों से तैयार करती हूँ”, कहकर प्रीती टीना को बेडरूम में ले गयी।

“प्रीती इसकी चूत के बाल साफ करना मत भूलना”, रजनी ने कहा।

“मुझे याद है! नहीं भूलूँगी!” प्रीती बेडरूम में जाते हुए बोली।

“इतनी देर कहाँ लगा दी?” मैंने रजनी से पूछा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“शुक्र करो कि हम लोग पहुँच गये, वर्ना अंकल ने तो सब प्लैन चौपट कर दिया था”, रजनी अपने कपड़े उतारते हुए बोली।

“अच्छा!!! ऐसा क्या हुआ?” मैंने पूछा।

“क्या तुम अपने कपड़े नहीं उतारोगे?” रजनी बोली।

“मैं बाद में उतार दूँगा, मुझे ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। पहले तुम बताओ क्या हुआ?” मैंने फिर पूछा।

हाई पेन्सिल हील के सैंडलों के अलावा अपने सब कपड़े उतार कर रजनी नंगी हो गयी और उसने बताया:

मैं और टीना तैयार हो कर अंकल के कमरे में पहुँचे और उनसे जाने की इजाज़त मांगी तो वो बोले कि “ऐसी भी क्या जल्दी है, तुम लोग रुको और हमारे साथ ही चलना।”

मुझे काटो तो खून नहीं फिर भी मैं हिम्मत कर के बोली कि “लेकिन अंकल क्यों, हम दोनों जाने के लिये तैयार हैं और आपको अभी कम से कम आधा घंटा लगेगा। हमें जाने दीजिये ना।”

इतने में मिली आँटी हमारे बचाव में आ गयी और बोली कि “जब बच्चे तैयार हैं तो तुम क्यों उन्हें रोक रहे हो, रजनी सही कह रही है हमें अभी आधा घंटा लगेगा, इनके जल्दी जाने में बुराई क्या है?”

अंकल ने कहा कि “तुम सुनील को नहीं जानती, वो मौका मिलते ही टीना की कुँवारी चूत चोद देगा।”

टीना बोली कि “पापा…. ऐसे कैसे चोद देगा, मैं क्या बच्ची हूँ कि जिसका मन जब चाहा मुझे चोद देगा।”

अंकल ने कहा कि “मुझे यही तो डर है कि तुम अब बड़ी हो गयी हो।”

मेरी मम्मी बोली कि “तुम बेकार ही सुनील पर शक कर रहे हो….. जब उसका घर उसके मेहमानों से भरा पड़ा है तो वो टीना की चूत कैसे फाड़ेगा? फिर तुम भी तो वहाँ जा ही रहे हो।”

अंकल बोले कि “ठीक है! जाओ बच्चों इंजॉय करो और सुनील से कहना कि हम ठीक पाँच बजे पहुँच जायेंगे।”

मैंने रास्ते में टीना से पूछा कि “क्या तुम अपनी चूत चुदवाने के लिये तैयार हो”, तो उसने हाँ में जवाब दिया।

रजनी की बात सही थी। प्रीती और टीना ने हॉल में कदम रखा। दोनों ने सिर्फ हाई-हील के सैंडल पहन रखे थे, बाकी बिल्कुल ही नंगी थीं। टीना ने अपने हाथों से अपनी सफ़ाचट चूत छुपा रखी थी।

“अपनी गोरी और प्यारी चूत को मत छुपाओ टीना, इन सबको तुम्हारी चूत देखने दो”, रजनी बोली।

उसकी गोरी चूत को देखते ही मेरे लंड में तनाव आ गया। जैसे ही मैं अपने कपड़े उतार कर नंगा हुआ, मेरा लंड तन कर आसमान की तरफ खड़ा हो गया। मेरे लंड का सुपाड़ा एक नयी चूत की तमन्ना में और ज्यादा फूल कर लाल हो गया।

“वाओ!!!! क्या लंड है”, अंजू बोली।

“ये क्या बुरा है?” जय ने अपने लंड की ओर इशारा करते हुए कहा।

“बुरा तो नहीं है पर छोटा है”, कहकर अंजू ने जय के लौड़े को चूम लिया।

प्रीती टीना को ले कर मेरे पास आयी और उसे मेरी और ढकेल कर बोली, “लो अब…. आज की बर्थडे गर्ल को संभालो और इसका अच्छी तरह से जन्मदिन मनाओ।”

मैं टीना को अपनी बाँहों में भर कर चूमने लगा। मेरे हाथ उसकी चूचियों को भींच रहे थे। मैंने उसे धीरे से गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया और खुद उसके बगल में लेट गया। अब मैं उसके होंठों को चूस रहा था और हाथों से उसके मम्मे सहला रहा था।

कुछ देर तक तो टीना ने साथ नहीं दिया। फिर वो भी साथ देने लगी और वो भी मेरे होंठों का रसपान कर रही थी। वो अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर मेरी जीभ से खेलने लगी।

पाँच मिनट बाद मैं उसके ऊपर आ गया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। उसने अपनी टाँगें इकट्ठी की हुई थी। मैं जोर-जोर से उसके होंठों को चूसते हुए अपना लंड और जोर से रगड़ने लगा। “आआआआआहहहहहहह” कहकर उसने अपनी टाँगें थोड़ी खोल दी। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“सुनील अब प्लीज़!!!! मुझे इस तरह तरसाओ नहीं, मेरी चूत में अब लंड डाल दो ना….. मुझसे नहीं रहा जाता”, कहकर उसने अपनी टाँगें पूरी फैला दीं।

“थोड़ा सब्र करो मेरी जान!!! अभी घुसाता हूँ”, कहकर मैंने चारों तरफ देखा। प्रीती और रजनी हमें देख रही थी और बाकी सब एक दूसरे के शरीर को सहला रहे थे। इतने में दरवाजे की घंटी बजी।

“सब लोग ध्यान दो! अब चूत फटने की घड़ी आ गयी है”, प्रीती बोली और अपना हाऊज़-कोट पहनते हुए दरवाजा खोलने गयी।

मैं देख तो नहीं सकता था पर मुझे सुनाई दिया, “आइये सर, योगिता, मिली जी….. आप सब का हमारे घर में स्वागत है”, प्रीती ने उनका अभिवादन किया।

मैंने अपने लंड को टीना की चूत के छेद पर रख कहा, “थोड़ा सहन कर लेना डार्लिंग! शुरू में थोड़ा दर्द होगा।” उसने हिम्मत दिखते हुए सहमती में ‘हाँ’ कहा।

मैंने अपने लंड का जोर का धक्का लगाया और मेरा लंड उसकी झिल्ली को फाड़ता हुआ उसकी चूत में जड़ तक समा गया।

“आआआआआआआआआईईईईईई मर गयीईईई बहुत दर्द हो रहा है…..” टीना दर्द के मारे चींखी। मैंने अपना लंड धीरे- धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया।

“क्या बहुत दर्द हो रहा है?” मैंने उसकी चूचियों को सहलाते हुए कहा।

“हाँ थोड़ा हो रहा है पर तुम रुको मत और मुझे चोदते जाओ”, उसने अपने कुल्हे उठाते हुए कहा।

“ये कौन चींख रहा है?” एम-डी ने पूछा।

“मुझे तो टीना की आवाज़ लग रही है”, मिली बोली।

“हाँ वो टीना की आवाज़ ही है, मुझे लगता है कि सुनील ने टीना को उसके जन्मदिन का तोहफ़ा दे दिया है”, योगिता हँसते हुए बोली।

“ओह गॉड! सुनील ने मेरी टीना की चूत फाड़ दी!!!” कहते हुए एम-डी हॉल की ओर लपका। पीछे तीनों औरतें भी आयी।

मैं टीना की चूत में धीरे-धीरे धक्के मार रहा था और वो कमर उचका कर मेरा साथ दे रही थी।

“सुनील रुक जाओ!!! ये मेरी बेटी है!!!” एम-डी जोर से चिल्लाया।

“सुनील! ये तुम क्या कर रहे हो?” मिली ने बेवजह पूछा।

“मिली! क्या तुम अंधी हो गयी हो? देख नहीं सकती कि सुनील टीना की चुदाई कर रहा है”, योगिता जोर से हँसते हुए बोली।

“योगिता, जिस तरह से तुम हँस कर बोल रही हो उससे तो यही लगता है कि तुम पहले से जानती थी कि क्या होने वाला है?” एम-डी गुस्से में बोला।

“हाँ! मैं जानती ही नहीं थी बल्कि ये सब मैंने ही प्लैन किया था।”

“तुमने ऐसा क्यों किया योगिता, मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था?” एम-डी बोला।

“अपनी बे-इज्जती का तुमसे बदला लेने लिये”, योगिता बोली।

“तुम्हारी बे-इज्जती? मैंने कब तुम्हारे साथ दुर्व्यवहार किया?”

“मुझे कब बे-इज्जत किया? भूल गये वो होटल शेराटन की शाम…. जब तुमने मेरी चूत को अपने बाप की जायदाद समझ कर सुनील को पेश की थी। मुझसे पहले पूछा भी नहीं और जब मैंने मना किया तो तुमने मुझे रजनी की चूत फाड़ देने की धमकी दी जबकि तुम उसको कुछ दिन पहले ही चोद चुके थे….” योगिता ने नफ़रत भरे शब्दों में कहा।

“क्या?? तुमने अपनी बेटी समान भतीजी को चोदा? मैंने तुमसे ज्यादा बेशर्म इंसान नहीं देखा!” मिली उसे घूरती हुई बोली।

“मिली डार्लिंग! इन लोगों ने मेरे साथ छल किया था, मुझे नहीं मालूम था कि वो रजनी है”, एम-डी ने धीरे से कहा।

“अब तुम कुछ भी कहो….. तुम इतने गिरे हुए इंसान हो कि कल अपनी बेटियों को भी चोदना चाहोगे!” मिली पलटते हुए नफ़रत से बोली।

“मेरा विश्वास करो मिली, ये सब प्रीती और सुनील की चाल थी।”

“ये सही है कि इसे पता नहीं था कि वो रजनी है पर इसे मेरे साथ ऐसा करने का क्या हक है? ” योगिता बोली।

“क्या तुम्हें सुनील के लंड से मज़ा नहीं आया?” एम-डी ऊँची आवाज़ में बोला।

“मज़ा आया तो क्या, सवाल हक का है”, योगिता भी ऊँचे स्वर में बोली।

इससे पहले कि बात झगड़े का रूप ले लेती, प्रीती बीच में बोली, “तुम लोग सब चुप हो जाओ….. प्लीज़ सब शाँत हो जायें।”

जब सब शाँत हो गये तो उसने पूछा, “क्या आप लोगों ने सुना टीना ने क्या कहा?” उन्होंने ना में गर्दन हिलायी।

“टीना! तुमने क्या कहा था…. जरा दोबारा तो कहना!” प्रीती ने टीना से कहा।

“ओह सुनील! तुम रुक क्यों गये, कितना अच्छा लग रहा था, और चोदो ना…..” टीना ने सिसकते हुए कहा।

“सॉरी मेरी जान! मैं थोड़ा भटक गया था”, कहकर मैं अपना लंड फिर अंदर बाहर करने लगा।

“जो होना था सो हो गया….. अब झगड़ने से कोई फ़ायदा नहीं है। टीना की चूत फट चुकी है और वो मज़े से चुदवा रही है। उसे मज़ा लेने दो और आप लोग भी मज़ा लो”, प्रीती ने कहा, “लड़कियों! यहाँ आओ।” जब लड़कियाँ नज़दीक आयीं तो उसने उनका एम-डी से परिचय कराया, “सर! ये सिमरन और साक्षी हैं, अंजू और मंजू से तो आप मिल ही चुके हैं।”

टीना और झगड़े को भूल कर एम-डी ने उनकी चूचियाँ दबाते हुए कहा, “काफी सुंदर और मस्त हैं।”

“ऊऊऊऊहहहह!” वे सिसकी।

“तो मेरी तितलियों….. बताओ तुम्हारी चूत कैसी है?” एम-डी ने उनकी चूत को रगड़ते हुए पूछा।

“भट्टी की तरह गरम!” सिमरन ने अपना पैग पीते हुए कहा।

“और आपके लंड की प्यासी……” साक्षी ने एम-डी के लंड को दबाते हुए कहा। बाकियों की तरह दोनों पर शराब का नशा सवार था।

“तो तुम दोनों में पहले कौन चुदवाना चाहेगा?” एम-डी ने पूछा।

“पहले मैं चुदवाऊँगी”, साक्षी एम-डी को पकड़ बोली।

“नहीं मैं बड़ी हूँ…… पहले मैं!” सिमरन बोली।

“अच्छा झगड़ा मत करो, बेडरूम में चल कर तय करेंगे कि कौन पहले चुदवायेगा”, कहते हुए एम-डी उन्हें ले कर बेडरूम में चला गया। नंगी अंजू और मंजू भी ऊँची ऐड़ी की सैंडल खटखटाती और नशे में झूमती उनके पीछे-पीछे चली गयीं।

“योगिता और मिली! ये चार तने-खड़े लंड तुम लोगों के लिये हैं, चाहे जैसे चुदवा सकती हो”, प्रीती ने चारों लड़कों की ओर इशारा करके कहा।

उनके खड़े लंड को देख कर मिली ये भूल चुकी थी कि उसकी बेटी की चूत अभी-अभी चुदी है और वो मज़े से चुदवा रही है। मैंने देखा कि योगिता और मिली ने मिल कर इतनी सी देर में व्हिस्की की एक पूरी बोतल पी ली थी और बाकी औरतों की तरह अपने हाई हील के सैंडलों के अलावा सारे कपड़े उतार कर नंगी हो चुकी थीं।।

जय और श्याम के लंड पकड़ कर मिली बोली, “काफी मोटे और लंबे हैं, योगिता तुम बाकी दो को लेकर बेडरूम में आ जाओ हम दोनों मिलकर इनका सारा रस निचोड़ लेंगे।” मिली की आवाज़ नशे में बहक रही थी।

“ये चार लंड हैं, तुम दोनों भी हमारा साथ क्यों नहीं देती?” योगिता ने प्रीती और रजनी से कहा।

“नहीं हम लोग यहीं ठीक हैं…. सुनील टीना को चोदने के बाद हमारा खयाल रखेगा”, प्रीती ने कहा।

योगिता राम और विजय को लंड से पकड़ कर नशे में लड़खड़ाती हुई मिली के पीछे बेडरूम में चली गयी।

ये सब तो चल ही रहा था और मैंने अब अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी।

“ओहहहह सुनील हाँआंआं आऔर जोर से, चोदो मुझे…..” टीना सिसकी।

मैं और तेजी से धक्के मारने लगा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“हाँआआआआ ऐसे ही….ईईई……. कितना अच्छा लग रहा है!!!!” टीना मेरे धक्कों का साथ देते हुए बोली।

मैं उसे चोदते हुए उसके मम्मे दबा रहा था और उसके होंठों को चूस रहा था। “ओहहहहहहह सुनील हाँ!!!!! ऐसे ही!!!!! ओहहहहह मेरा छूटने वाला है….. ओहहहह छूटा…आआआआ।” और इतने में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। मुझे लगा जैसे किसी नदी पर बांध को खोल दिया हो।

मैंने अपने स्पीड और तेज कर दी। “ओहहह टीना तुम्हारी चूत कितनी प्यारी है… रानी!!!” कहते हुए मैंने भी अपना वीर्य उसकी चूत में उढ़ेल दिया और उसे कस कर बाँहों में जकड़ लिया। मेरे लंड की पिचकारी ठीक उसकी बच्चे-दानी पर गिर रही थी। मैंने उसे चोदना चालू रखा।

“टीना! जब तुम्हारी चूत से पहली बार पानी छूटा तो तुम्हें कैसा लगा?” रजनी ने पूछा।

“दीदी! बहुत अच्छा लगा, ऐसा लगा कि मैं जन्नत में पहुँच गयी हूँ….” टीना मेरे धक्कों का साथ देते हुए बोली।

“लगता है मेरा फिर छूटने वाला है”, कहते हुए टीना ने अपनी दोनों टाँगें मेरी कमर पे जकड़ दीं। उसके सैंडलों की ऐड़ियाँ मेरी कमर पे खरोंच रही थीं। मुझे भी अपने लंड में तनाव सा महसूस हुआ। वो मुझे बाँहों में जकड़ कर जोर-जोर से चिल्ला रही थी, “हाँ हाँ सुनील!!!! और तेजी से धक्के मारो…..हाँ और जोर से!!!!” और उसकी चूत ने फिर पानी छोड़ दिया। मेरा भी पानी छूट गया और हम दोनों एक दूसरे को बाँहों में जकड़े अपनी साँसें संभालने लगे।

“ओह सुनील!!!! अब मुझे चोदो”, प्रीती बिस्तर पर धड़ाम से गिरते हुए बोली, “रजनी !अंदर से किसी लड़के को बुलाओ जो टीना की चूत को चोद सके।” प्रीती और रजनी भी नशे में धुत्त थीं।

जैसे ही मैंने अपना लंड प्रीती की चूत में घुसाया तो मैंने देखा कि जय टीना पर चढ़ कर अपना लंड उसकी चूत में घुसा रहा है।

“क्या ये भी मुझे चोदेगा?” टीना ने फूछा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“ये ही नहीं बाकी सब भी तुम्हें चोदेंगे!” प्रीती बोली।

प्रीती को चोदने के बाद मैंने रजनी को भी चोदा। इतने में मैंने प्रीती को कहते सुना, “राम! तुम ये क्या कर रहो हो।“

“टीना की गाँड मारने की तैयारी कर रहा हूँ”, राम ने जवाब दिया।

“नहीं! टीना की गाँड मारने का पहला हक सिर्फ़ सुनील का है, तुम इसकी चूत चोदो जैसे औरों ने चोदा है….” प्रीती ने नशे में लड़खड़ाते से स्वर में जवाब दिया।

मेरे कहने पर राम ने टीना की चूत की चुदाई शुरू कर दी।

मैंने कमरे में झाँक कर देखा कि एम-डी सिमरन की चुदाई कर रहा था और दूसरे कमरे में श्याम और विजय योगिता और मिली को चोद रहे थे। अंजू और मंजू भी एक दूसरे की चूत चाट रही थीं और कामुक्ता से कराह रही थीं। उन सबकी सिसकरियाँ और मादक चींखें बता रही थी कि उन्हें बहुत मज़ा आ रहा है।

“सुनील! क्या तुम टीना की गाँड मारने को तैयार हो?” प्रीती ने पूछा।

“एक दम डार्लिंग!” मैंने अपने खड़ा लंड दिखाते हुए कहा।

“तो फिर किसका इंतज़ार कर रहे हो? शुरू हो जाओ!” रजनी बोली।

मैं टीना के पास आकर उससे बोला, “चलो टीना! अब घोड़ी बन जाओ….. मैं तुम्हारी गाँड मारूँगा।”

“नहीं सुनील! गाँड में नहीं!!!” टीना ने याचना भरे स्वर में कहते हुए प्रीती और रजनी की ओर देखा।

“गाँड तो तुम्हें मरवानी पड़ेगी!!!!” प्रीती बोली। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“नहीं दीदी! मैं मर जाऊँगी, सुनील का लंड कितना बड़ा और मोटा है”, टीना बोली।

“क्या मैं और प्रीती मर गये जो तू मर जायेगी, अब जैसा सुनील बोलता है वैसा कर”, रजनी बोली।

टीना घोड़ी बन गयी और मैंने थोड़ा थूक लेकर उसकी गाँड के भूरे छेद पर रगड़ दिया। अपने लंड को छेद पर रख कर थोड़ा जोर लगाया कि वो जोर से चिल्लायी, “ओहहहहह मर गयीईईई….. सुनील मेरी गाँड को बख्श दो!!!!”

“छोड़ो मुझे!!! उठो मेरे ऊपर से…… मुझे सुनील को टीना की गाँड मारने से रोकना है”, एम-डी की चिल्लाने की आवाज़ आयी।

“मारने दो उसकी गाँड!!!! इधर मेरा छूटने वाला है”, सिमरन ने एम-डी को पकड़ते हुए कहा।

एम-डी सिमरन को जबरदस्ती अलग करते हुए हॉल में दाखिल हुआ। उसके पीछे चारों लड़कियाँ भी नशे में झुमती हुई आयी। “रुक जाओ सुनील!!! टीना की गाँड मत मारना, मैं कहता हूँ रुक जाओ?” एम-डी जोर से चिल्लाया।

उसकी चिल्लाहट पर ध्यान ना देते हुए मैंने पूरे जोर से अपना लंड टीना की गाँड में घुसा दिया। जैसे ही लंड उसकी गाँड को चीरता हुआ अंदर तक गया तो टीना दर्द से छटपटाने और जोर से चिल्लाने लगी, “मर गयीईई, सुनील निकाल लो!!!! बहुत दर्द हो रहा है…. ऊऊऊऊईईईई माँआआआआ!”

एम-डी ने जब देखा कि मैं उसकी बातों पे ध्यान नहीं दे रहा तो वो दूसरे में कमरे में भागा, “मिली तू यहाँ चुदवा रही है और दूसरे कमरे में सुनील हमारी बेटी की गाँड मार रहा है।”

“किसे परवाह है….. मारने दो उसे उसकी गाँड, मुझे चुदवाने में मज़ा आ रहा है”, वो अपने कुल्हे उठा कर चुदवाते हुए बोली, “हाँ ऐसे ही…. और जोर से।” साफ ज़ाहिर था कि मिली को शराब और चुदाई के नशे में अपनी मस्ती के अलावा किसी भी बात की परवाह नहीं थी।

“सुनीलू अब कुछ नहीं हो सकता, सुनील का लंड उसकी गाँड को फाड़ चुका है। जाओ और जा कर चूत के मज़े लो… अगर तुम में ताकत बची हो तो….” योगिता जोर से हँसते हुए बोली।

“टीना की गाँड भी इसे चार चूतों को चोदने से नहीं रोक सकती….. जब तक कि इसमें ताकत ना रहे और ताकत के लिये ये अपनी दूसरी बेटी की चूत को भी चुदवा सकता है”, मिली जोर से बोली, “क्यों ठीक बोल रही हूँ ना डार्लिंग! जाओ और अब चुदाई के मज़े लो और हमें भी मज़े लेने दो…।”

एम-डी बिना एक शब्द कहे कमरे से बाहर आ गया और लड़कियाँ उसे लेकर वापस बेडरूम में घुस गयीं। जब मैं टीना की गाँड मार कर अलग हुआ तो रजनी ने उससे पूछा, “टीना! क्या गाँड मरवाने में मज़ा आया?”

“दीदी! शुरू में दर्द हुआ था लेकिन बाद में मज़ा आया”, टीना बोली।

“चलो लड़कों! अब तुम सब टीना की गाँड मार सकते हो”, प्रीती ने आवाज़ लगायी। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

सभी ने फिर बारी-बारी से टीना की गाँड मारी। हम सब आराम कर रहे थे कि एम-डी की आवाज़ सुनाई दी, “बस लड़कियों! अब मेरे लंड में और ताकत नहीं है, मैं घर जाऊँगा।” एम-डी कपड़े पहन बाहर आया और मिली के पास पहुँचा।

“मिली! चलो घर चलो।”

“तुम्हें जाना है तो जाओ मेरा अभी हुआ नहीं है।” मिली अपने कुल्हे उछालती हुई बोली, “हाँआआआ राम और जोर से चोदो….. ओहहहह आआआहहह।”

“मैंने कहा ना कि चलो यहाँ से!!!! राम छोड़ो उसे, हमें घर जाना है”, एम-डी ने थोड़ा गुस्से में कहा।

राम ने उसकी बातों पे ध्यान दिये बिना दो चार धक्के लगा कर अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया।

“योगिता! तुम भी हमारे साथ क्यों नहीं चलती? सुनीलू के लंड में तो जान नहीं है…. शायद हम दोनों मिलकर कुछ कर सकें”, मिली लड़खड़ाते स्वर में बोली।

“ठीक है! चलती हूँ पर पहले मुझे खलास तो होने दो…” योगिता बोली, “हाँ श्याम चोदो मुझे जोर से….. और जोर से…… मेरा छूटने वाला है।”

श्याम भी छूटने के करीब था और दो चार धक्कों के बाद वो उसके बदन पर निढाल पड़ गया। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“साथ में मिलकर कुछ करेंगे???” टीना ने पूछा।

“थोड़े दिनों में तुम सब जान जाओगी”, रजनी ने कहा।

थोड़ी देर बाद में योगिता और मिली ने नशे में झूमते हुए जैसे-तैसे अपने कपड़े पहने और एम-डी के साथ जाने के लिये तैयार हो गयीं। “टीना! कपड़े पहनो और हमारे साथ चलो”, एम-डी कड़क कर टीना से बोला। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

टीना सोच में पड़ गयी और चारों तरफ देखाने लगी पर उसकी मदद में कोई कुछ नहीं बोला। वो ही हिम्मत करके बोली, “पापा! आप लोगों को जाना है तो जाओ…. मुझे यहाँ अच्छा लग रहा है।” उसकी बातों को सुन हम सब ने ताली बजा कर स्वागत किया।

“सुनीलू!!! टीना इक्कीस की हो गयी है और वो जो चाहे कर सकती है, और वैसे भी सुनील उसकी गाँड और चूत दोनों फाड़ ही चुका है। वो और चुदवाना चाहती है तो उसे रहने दो”, मिली एम-डी को घसीटती हुई बाहर ले गयी। Hindi Sex Stories

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