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Massage Girl in Bilaspur (Chhattisgarh): Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Bilaspur (Chhattisgarh) who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Bilaspur (Chhattisgarh) that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Bilaspur (Chhattisgarh) massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Bilaspur (Chhattisgarh) who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Bilaspur (Chhattisgarh) massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Bilaspur (Chhattisgarh) massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Bilaspur (Chhattisgarh) who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Bilaspur (Chhattisgarh) employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Bilaspur (Chhattisgarh) helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Bilaspur (Chhattisgarh)

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Bilaspur (Chhattisgarh) at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Antarvasna Stories

प्यारे दोस्तो, चंदा की Antarvasna Stories बेटी छवि की चुदाई तो उसी रात मैंने कर दी जिस रात चंदा को चोदने उसके घर गया था।

छवि की चूत चोद कर मुझे काफी संतुष्टि भी मिली लेकिन अभी भी मैं मौके की तलाश में था कि छवि की गांड कैसे मारूँ। हर समय मेरे आगे छवि का नंगा बदन घूमता रहता था। कभी-कभी सपने में भी लगता कि मैं छवि को चोद रहा हूँ। तो कभी लगता कि मैं छवि को कुतिया बना कर उसकी गांड में अपना लंड पेल रहा हूँ। मैंने सोच लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाये, छवि की गांड की सील तोड़नी है। इधर कुछ दिनों से चंदा का भी फोन नहीं आया कि मैं किसी तरह से छवि पर अपनी नजर गाड़ सकूँ। इसी उधेड़बुन में एक सप्ताह निकल गया और मैं छवि की गांड मारने के लिए बेकरार हो रहा था।

एक रोज रात के नौ बजे छवि के फोन से मिस कॉल मेरे फोन पर आया। मैंने तुंरत वापिस कॉल किया तो छवि ने मेरा फोन काट दिया। मैं निराश हो गया.

रात में दस बजे खाना खाकर यूँ ही गाड़ी लेकर निकल गया लेकिन बार बार छवि का चेहरा, छवि की चूत, छवि की कड़ी कड़ी चूचियाँ, छवि के चिकने चूतड़ मेरे सामने आ जाते थे। इसी तरह छवि की यादों में खोया जब मैं आई.टी.ओ. पहुंचा तो छवि की फोन दोबारा आया।

फोन उठाते ही सुरीली सी आवाज आई- हेल्लो राकेश … राकेश बोल रहो हो?
“हाँ… राकेश बोल रहा हूँ.”
“मैं छवि बोल रही हूँ… कुछ याद है या याद दिलाना होगा?”
“नहीं डार्लिंग मैं तुम्हें कैसे भूल सकता हूँ जानेमन … बताओ कब हाजिर हो जाऊँ आपकी सेवा में …”

छवि बोली- आज रात को मम्मी किसी पार्टी से मिलने बोम्बे जा रही हैं, और मैं घर पर अकेली हूँ। मूड कुछ करने का हो रहा है!
मैं कब आ सकता हूँ? मैं बोला- जब तुम बोलोगी, बन्दा हाज़िर हो जाएगा!
छवि बोली- साढ़े बजे के लगभग मम्मी निकलेंगी घर से! ग्यारह बजे के लगभग आ जाओ!

मैं आई टी ओ पर था ही! कुछ देर इंडिया-गेट के आस पास घूमता रहा और ठीक 11 बजे जा कर उसके घर पर घण्टी बजा दी।
छवि ने आकर गेट खोला, मुझे देख कर मुस्कराते हुए बोली- तुम समय के बड़े ही पक्के हो यार!
मैं भी हँसते हुए बोला- तुम्हारे जैसी सेक्सी आइटम बुलाये तो मैं तो दो घंटे पहले हाजिर हो जाऊँ!
हम दोनों एक साथ हँस पड़े…

छवि देखने में एकदम गोरी-चिट्टी तो है ही, आज उसका ड्रेस और उसे सेक्सी बना रहा था, एक हल्का पतले कपड़े का टॉप जिससे उसकी चूचियाँ एकदम तनी हुई दिख रही थी। किसी का लंड खड़ा कर दें, साले बुड्डे को भी जवान बना दें!

मैं तो 28 साल का जवान था। मेरा लंड तो उसके फोन आने के समय से खड़ा ही था। दरवाजे को बंद करके जब छवि मुड़ी तो मैंने उसे अपनी बाहों में दबोच कर एक किस कर दिया। बदले में छवि भी मुझे किस करने लगी … कभी होठों पर तो … तो कभी मेरे गालों पर, तो कभी माथे पर लगातार वो किस कर रही थी …

मैं समझ गया कि यह साली आज पूरा चुदवाने के लिए बेचैन हो रही है…

उसे बाहों में उठा कर वहीं सोफे पटक दिया और छवि के होंठ को अपने होठों से दबा कर उसका रसपान करने लगा। दस मिनट तक रसपान करने के बाद वो मेरे होंठ को अपने लाल लाल होठों से दबा कर पीती रही।

अब मैंने उसके छोटे से टॉप को निकाल कर अलग कर दिया, उसके दोनों स्तन आजाद थे, मानो जैसे कि कबूतर उड़ने को बेकरार हों! अब छवि को उठा कर अपनी जांघों पर बैठा कर उसके स्तनों को मसलने लगा और उसके मुँह से तरह-तरह की सेक्सी आवाज आने लगी… वोह… मेरे रजा आज जम कर मुझे चोदना … मेरी प्यास बुझा दो…मै कब से प्यासी हूँ … अपने लंड से मेरी प्यास बुझा दो ..

मैं अब उसकी चूचियों को चूस चूस कर पी रहा था जिससे वो और ज्यादा बेचैन ही रही थी।
अब छवि की पैंट-चड्डी को भी उससे अलग कर दिया, उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए।

अब हम दोनों नंगे थे और एक दूसरे की बांहों में जवानी का पूरा मजे ले रहे थे। 69 की अवस्था में आकर छवि मेरा लंड चूस रही थी और मेरी जीभ उसकी चूत का रस चाट रही थी। बीच-बीच में अपनी ऊँगली से उसकी चूत के छेद चौड़ा कर रहा था क्योंकि आज वो दूसरी बार चुदवाने जा रही थी, चुदाई करने में शुरु के 5-6 बार दर्द तो होता ही है। यह अलग बात है कि कुछ दिन बाद चूत का छेद बड़ा हो जाने पर दर्द कम या नहीं होता है। सोच कर मैं बड़े आराम से सब कर रहा था क्योंकि आज घर पर उसकी माँ चंदा भी नहीं थी सो न डर, न जल्दबाजी! सब कुछ आराम से!
काफी देर तक एक दूसरे से खेलने के बाद अब चुदाई का समय आया।

मैंने थूक लगा कर उसकी दोनों टांगों को फैलाया और उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया जिससे उसकी बुर का मुँह खुल जाए। अब उसकी चूत पर ढेर सा थूक लगा कर अपना सात इंच का लंड पेलना शुरु किया।

वो दर्द से परेशान जरूर हुई लेकिन आराम से पूरा लंड खा गई। थोड़ी ही देर में वो कमर हिला-हिला कर मजे से चुदवाने लगी। उसे भी मजा आ रहा था और मुझे भी! और उस कमरे को भी जहाँ पर ये आवाजें गूंज रही थी- फचक…फचक… वोह… अह..जोर से… फचक… अह…मुझे तो तुम्हारा लंड चाहिए … आज जम कर पेलो… फाड़ डालो मेरी बुर को … मेरे रजा आइ लव यू …राजा…अह…
लगभग एक घंटे की चुदाई के बाद हम दोनों अपनी मंजिल पर थे। दोनों का बदन अकड़ने लगा और एक झटके के साथ ही छवि की बुर मेरे रस से भर गई। 15 मिनट तक हम एक दूसरे से इसी तरह चिपके रहे।

जब वो अलग हुई तो बोली कि वो बाथ लेगी, मैं थोड़ा हैरान सा था क्योंकि माँ-बेटी की आदत काफी मिलती जुलती थी। मैं भी बाथ लेने उसके साथ ही बाथरूम में चला गया। मैं और छवि एक दूसरे से चिपक कर नहा रहे थे। कभी वो मुझे छेड़ रही थी, कभी मैं उसकी चूचियों को दबा-दबा कर छेड़ रहा था। इसी बीच वो फिर से गर्म हो गई और बाथरूम में ही चुदवाना चाह रही थी। फिर मैंने ढेर सा साबुन का झाग उसकी चूत पर लगा कर कुतिया के पोज में उसकी चूत के छिद्र में लंड को लगाकर जोर का झटका मारा जिससे मेरा लंड एक बार में ही उसकी चूत की गहराइयों को छू गया। छवि के मुँह से जोर से आवाज आई- आइ ओ माँ मर गई!

लेकिन कुछ ही देर में सामान्य हो कर मजे लेने लगी। थोड़ी देर में मैंने उसे उसकी गांड मारने की बात बताई तो उसे बड़ा ही अजीब लगा। लेकिन थोड़ी न-नुकर के बाद छवि गांड मराने को तैयार हो गई। मैं काफी खुश हुआ क्योंकि मुझे मेरे मन की तम्मना पूरी होने जा रही थी। डौगी स्टाइल में ही उसे बाथरूम की दीवार के सहारे झुकाया, छवि की गांड पर काफी सारा साबुन का झाग लगा कर लंड को पेलना चालू कर दिया। लेकिन मेरा लंड उसके गांड में घुस ही नहीं रहा था। छवि पहली बार गांड मराने जा रही थी इसलिए जाहिर था कि उसकी गांड का छेद बड़ा टाईट था। मेरा लंड घुस ही नहीं रहा था। अब साबुन के झाग के साथ उसकी गांड में ऊँगली पेल कर छेद को चौड़ा किया, साथ ही छवि को समझाया कि जब मेरे लंड का मुंड घुसेगा तो दर्द होगा, लेकिन एक बार बर्दाश्त कर लोगी तो फिर मजा ही मजा है।

छवि के हाँ करते ही फिर साबुन के झाग के साथ ही अपने लण्ड को छवि की गांड के छेद में लगाकर जोर का झटका मारा। झटके के साथ ही मेरा लंड छवि के गांड को फाड़ते हुए आधा घुस गया। बदले में दे गया- रुक साले!… तूने मेरी गांड फाड़ दी… मैं मर जाउंगी.. अपना लंड बाहर निकाल चूतिये! मुझे गांड नहीं मरानी…

इसके साथ ही छवि आगे की तरफ भागी जिसे मैं पहले ही जान चुका था। उसके कुछ करने के पहले ही उसकी कमर को जोर से पकड़ कर एक और जोर का धक्का मारा जिससे मेरा लंड उसकी गांड में पूरी तरह से फिट हो गया।

साथ ही गालियों की बौछार- हरामी… साले… कमीने… मेरी गांड फट गई…

जब धीरे धीरे वो शांत हुई तो फिर समझाया। साथ ही धीरे धीरे अपने लंड को आगे पीछे करते हुए छवि को चोदने लगा। दस मिनट आराम से चोदने के बाद उसे भी मजा आने लगा। अब छवि भी अपने मुँह से सेक्सी आवाज निकाल कर अपनी गांड में लंड पेलवा रही थी- अह वोह… हाय … मेरे राजा … खूब चोदो… म्माजा आ रहा है… आह… वोह… और जोर से…चोदो…

आधे घंटे चुदाई करने के बाद मैंने अपना सारा माल उसकी गांड में उडेल दिया। दोनों शांत होकर बाहर निकले, हमारे चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे। दोनों ने एक दो दो पग व्हिस्की के लगाये। फिर हमारी चुदाई का कार्यक्रम चालू हो गया।

पूरी रात में तीन बार चूत और दो बार गांड में पेला। सुबह जब चलने लगा तो मेरे हाथों में हरे हरे पत्ते थे जिससे मैं समझ गया कि छवि को मेरा प्रोफाइल किसी तरह से मालूम हो गया था।
मैं भी खुश था क्योंकि एक अच्छी चूत के साथ गांड भी चोदने को मिला था साथ हरे हरे नोट भी।

दोस्तो, यह थी छवि की गांड की चुदाई।
कृपया अपने सुझाव मुझे भेजते रहें। Antarvasna Stories

हॉट गॉय
हेल्लो दोस्तो,
मैं पिछले कई दिनों से अन्तर्वासना में कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ। मुझे बहुत सी कहानियाँ अच्छी लगती हैं कुछ तो मुझे ठीक भी नहीं लगती हैं।
ये सब छोड़ो हम आते हैं अपनी बात पर !

आज मैंने भी सोचा कि क्यूँ न मैं भी एक कहानी लिखकर भेजूँ…मतलब अपना अनुभव…
इसीलिए दोस्तों मैं पहली बार अपनी ओर से कहानी भेज रहा हूँ उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आएगी !

सबसे पहले मैं अपने बारे में बता दूँ, मैं 23 साल का हट्टा कट्टा लौंडा हूँ कद 5’7′ है और दिखने न ही सलमान खान हूँ और न ही नाना पाटेकर मतलब आप लोग समझ ही गए होंगे कि मैं एक सामान्य सा दिखने वाला लड़का हूँ।
चलो हम कहानी पर आते हैं_

बात उन दिनों की है जब मैं होस्टल में पढ़ता था। हमारा स्कूल लड़के लड़कियों का था, सभी लोग होस्टल में रहते थे। जब मैं दसवीं कक्षा में प्रवेश किया तब हमें काम से बाहर जाना पड़ा मतलब दूसरे स्कूल में। वहां भी ऐसा ही सिस्टम था।

वहां एक हिन्दी की मैडम थी, बहुत ही सेक्सी थी। उसे मैं जब भी देखता था तो बस ऐसा लगता था कि बस ये मिल जाए…तो जिंदगी सँवर जाए… एक दिन लंच के बाद मैं मैडम के घर गया क्योंकि मुझे उनसे कुछ पूछना था।

मैंने दरवाजा खटखटाया लेकिन अन्दर से कोई जवाब नहीं मिला और दरवाजा खुला था तो मैं अन्दर चला गया उस समय वो नहा रही थी। मैंने कहा की मैडम मुझे कुछ पूछना है तो उसने कहा कि बैठो मैं अभी आती हूँ।

फ़िर मैं बैठ गया वो अन्दर आई और कहा- हाँ अब बोलो !
मैंने कहा कि मैडम मुझे कुछ समझ आ नहीं रहा है क्या आप मेरी मदद करेगी?
वो उस समय तौलिये में ही थी ..बहुत ही सेक्सी लग रही थी।
फ़िर उन्होंने कहा- चाय पियोगे?
मैंने कहा- ठीक है !

हम लोग हमारी बात करने लगे मैंने कहा- मैम आपकी शादी हो गई क्या?

उन्होंने कहा- हाँ शादी हुए 2 साल हो गए हैं।
मैंने कहा- फ़िर आप अकेली तो उन्होंने कहा कि मेरे पति मैं पसंद नहीं हूँ क्योंकि मैं उनको बच्चा नहीं दे सकती ना और वो रोने लगी।
मैंने कहा- नहीं मैडम आप तो इतनी सुंदर है बिल्कुल परी जैसी आप से तो कोई भी शादी कर सकता है…

फ़िर उसने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है सभी को बच्चे की चाहत रहती है… और वो और ज्यादा रोने लगी मैंने उन्हें बाहों में ले लिया और पीठ सहलाने लगा…फ़िर धीरे वो भी गर्म होने लगी उनको छूते ही मेरा सामान एक्शन में आ गया। बस फ़िर क्या था मैंने उनके गले में किस करना शुरू कर दिया इस पर उन्होंने कहा कि क्या कर रहे हो?

फ़िर मैंने कहा कि कुछ मत कहो बस करने दो, बहुत दिनों से तुम्हारे बारे में सोचता रहता हूँ…

वो भी बोली कि हाँ मैंने तुम्हें क्लास में भी देखा था… तो उसने कहा कि फ़िर देर क्यूँ कर रहे हो, मेरी प्यास को बुझा दो..

मैंने उसका तौलिया निकाल दिया। अन्दर का सीन देखकर तो मैं दंग रह गया क्योंकि अन्दर वो एकदम दूध जैसी सफ़ेद थी फ़िर मैं उसके बूब्स को दबाने लगा… वो सिसकियाँ लेने लगी और बोली और चूसो… आह्ह… आह्ह्ह… उम्म्म… काटो उसको काटो बहुत मजा आ रहा है…तुम कितने अच्छ्हे हो मुझे पहले पता होता तो मैं रोज़ तुम्हे बुला लेती ..

मैंने कहा कि मैं ख़ुद ही आ जाता नाह्ह्ह जानाह्ह …उम् …आह्ह्ह… आह्ह्ह्ह…

फ़िर उसने मेरे लंड को मुँह में लिया और चूसने लगी…
आज इतना ही ..बाकि आपके उत्तर के बाद और हाँ एक बात और उसने मुझे 3000 भी दिए और बोली कि तुमने मुझे बहुत किया ये रख लो वैसे ये भी कम है जितना मुझे मिला है उसके मुकाबले…और उसके बाद से मैं ऐसे ही नाखुश को खुश करने लगा…सब बताऊंगा लेकिन जवाब के बाद…

Antarvasna

अन्तर्वासना के सभी Antarvasna पाठकों और गुरुजी को मेरी तरफ से यानि कि पम्मी की तरफ से प्रणाम ! यह अन्तर्वासना पर मेरी तीसरी कहानी है। लोगों की चुदाई की कहानियाँ पढ़ पढ़ कर चूत गीली हो जाती है। पहली कहानी में जिस तरह मैंने बताया था कि मेरे पति एक फौजी हैं। और मेरे घर में काम करने वाले एक सीरी ने किस तरह दोपहर में मेरी प्यास बुझाई ! आज मैं वहीं से आगे शुरु करने जा रही हूँ।

मैंने बताया था कि जगह और मौका न मिलने से मैं और मेरा सीरी कितने परेशान और प्यासे थे, आने-बहाने हवेली में जाती थी लेकिन कम समय की वजह से चूमा-चाटी तक ही सीमित था, इससे ज्यादा कुछ सिर्फ इतना था कि मैंने दो बार उसका लंड खड़ा किया लेकिन मुँह में ही डालकर उसकी मुठ मारी और फिर कमरे में जा उसकी मुठ मारने वाले सीन को याद कर उंगली डालती और कभी मूली घुसा कर शांत होती।

तभी एक दिन उसने जुगाड़ लगाया और मुझे ट्यूबवेल पर दोपहर में बुलाया। बहुत गर्मी थी लेकिन चूत की प्यास ने मुझे खींच लिया। उस दिन जेठजी किसी काम से शहर गए हुए थे। उनके इलावा ससुर जी वहां जाते लेकिन उस दिन वो भी शहर से बाहर थे। सीरी अकेला था, मैं चली गई उसे मिलने और हम दोनों अकेले में मिलते ही पागल हो गए और एक दूसरे में समा गए। देखते ही देखते उसने मुझे वहीं निर्वस्त्र करके और खुद को निर्वस्त्र करके मुझ पर टूट पड़ा। कितने दिन के बाद दो प्यासे आशिक मिले, मैंने जी भर कर उसका लंड चूसा और उसने मेरे मम्मे दबा कर लाल कर दिए। दांतों के निशाँ साफ़ हवस की कहानी बता रहे थे। जैसे ही असली चीज़ घुसी मेरी आंखें खुद ही बंद होने लगी मेरी चूत में लंड डाल उसका भी वही हाल था।

हम चुदाई में इतने खोये हुए थे दीन-दुनिया से परे, यही सोचा कि इतनी गर्मी में वहाँ कौन आयेगा। चोदते चोदते उसने मुझे उठाया और ट्यूब वेल के आगे बने हुए चुबच्चे पर ले गया। (जिसको शहर में लोग बाथटब कहते हैं) नंगे जिस्म पर जब पानी डला तो साथ में एक मर्द की मजबूत बाँहों का साथ, उसने मुझे किनारे पर बिठा अपना लंड घुसा दिया और तूफ़ान आया जब दो प्यासे जिस्म शांत हुए तो मेरी नज़र जेठ जी पर पड़ी। मैंने पानी में छलांग लगा दी, पूरी नंगी थी मैं, करती भी क्या !

यह सब क्या हो रहा था? मादरचोद ! नमक हराम ! इतने सालों से तू यहाँ रह रहा है और अब यह सब कर रहा है?

इतने में मैं निकल कर ट्यूबवेल के कमरे में घुस गई, कपड़े पहने और वहाँ से निकल आई।

जेठ जी मुझे घूर रहे थे और उनकी इस घूर में हवस के साथ साथ प्यास थी। मैं थोड़ा डर गई लेकिन फिर ठीक सी हुई, उनकी आंखें पड़ने के बाद मुस्कुरा के वापस घर आई। घर पर लॉक लगा देख मैंने अपने पर्स से दूसरी चाभी निकाली और अदंर आई।

प्यास तो बुझ चुकी थी मगर मन बेचैन था, जेठ जी का वासना भरा चेहरा सामने आते ही शर्मा जाती। अब कुछ न कुछ तो होगा यह तो मुझे मालूम था।

तभी दरवाजे की घण्टी बजी, मैंने दरवाजा खोला- सामने जेठ जी को देख बिना और देखे अपने कमरे में चली आई।

वो माँ को आवाज़ दे रहे थे, मैंने अदंर से ही कह दिया- वो घर में नहीं हैं !

वो अपने कमरे में चले गए, मैं बिस्तर पर लेट गई और अपने कमरे का टी.वी ऑन कर बैठ गई। तभी जेठ जी मेरे कमरे में आये। मुझे हैरानी नहीं हुई, मैं कई बार अपने ही ख्यालों में उनसे चुदाई करवा चुकी थी। मैं सीधी होकर बैठ गई, चुन्नी का पल्लू करके !

तभी जेठ जी ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया।

मैं चुप थी !

वहाँ क्या करवा रही थी? फिर बोले- तेरा भी क्या कसूर है रानी ! तुम हो ही आग !

वो अब बिस्तर पर चढ़ आये, मेरे पास बैठ मेरा चेहरा अपनी ओर घुमाया, मैं शरमा गई, अपने होंठ मेरे होंठों पर रखते हुए मेरी जांघों पर अपनी टांग चढ़ा ली, मेरे होंठ चूसने लगे और एक हाथ मेरी कमर में डाल अपने साथ चिपका लिया, पाँव के अंगूठे से मेरी सलवार को सरका मेरी गोरी टांगों का स्पर्श पाने लगे, हाथ से मेरी चुची दबा दी।

मैं भी आपा खोने लगी और खुद ही उनसे लिपट गई- क्या करती जेठ जी? आपका भाई तो फौजी है, इसमें मेरा क्या कसूर? मैं जवान हूँ ! भरी जवानी है, उसका कोई कसूर नहीं था, मैं खुद उसके पास गई थी।

बोले- मैं जानता हूँ रानी, मुझ से कह देती, मैं तुझे ठंडी कर देता !

उन्होंने मेरा कमीज़ उतार दिया फिर सलवार खोल दी। मैंने भी उनका कुरता उतार दिया और उनकी चौड़ी छाती के घने बालों पर हाथ फेरने लगी। पजामा उन्होंने खुद उतार दिया, खड़ा लंड उनका कच्छा फाड़ने को उछल रहा था। जेठ जी मेरी ब्रा की हुक खोल मेरे मम्मे मसलने लगे- क्या जवानी है तेरे पर ! बहुत देर से तुझे चोदना चाहता था, लेकिन कह नहीं पाता था !

मैं खुद आपकी दीवानी हूँ, मेरा भी आप जैसा हाल था !

जेठ जी मेरी कच्छी को उतारते ही बोले- लगता है आज ही सफाई की है ?

मैं शरमा सी गई, मैंने भी उनके कच्छे को उतार उनका लंड हाथ में पकड़ लिया- जेठ जी, इतना ज़बरदस्त लंड है आपका तो ?

मैंने लण्ड को जड़ तक सहलाया और मुँह में ले लिया।

वाह मेरी जान ! इस सुख से मैं वंचित रहा हूँ, आज जी भर कर चुसवाऊंगा अपना लंड !

फिकर मत करो, मैं खुद लंड चूसने की शौकीन हूँ ! मैंने कुतिया की तरह जुबान निकाल कर चाटा, वो आहें भर-भर मेरा मम्मा दबा रहे थे। उनहत्तर की हालत में लाते हुए मैं अपनी चूत उनके हाथों के पास ले आई वो मेरी चूत से खेल रहे थे दाने को मसल देते तो मैं सिकुड़ सी जाती।

तभी मेरी नज़र खिड़की पर गई, मेरा सीरी सब देख रहा था।

अब फाड़ दो मेरी ! जेठ जी ! रहा नहीं जा रहा अब !मैंने अपनी टाँगें खोल दी और उनको बीच में बिठा लिया और उनका तकड़ा लंड अपनी चूत के अदंर-बाहर करवाने लगी। एक एक रगड़ मेरी आंखें बंद कर देती। चुदवाते हुए मेरी नज़र फिर खिड़की पर गई। मैंने इशारा किया।

बोला- वाह चौधरी जी वाह ! मुझे कितने पाठ पढ़ा रहे थे ! और आते ही वही पाठ भूल कर चढ़ गए इस पर?

जेठ बोले- साले, कुछ तो कहना ही था ना ! तू साले ! हर माल एक साथ बांटते थे, इसको अकेला संभाल बैठा था? वो भी कयामत?

यह सुन मैं हंसने लगी और बोली- तू मुझे चुदवाने दे !

जेठ जी लगे झटके देने !

मैं भी आता हूँ !

मैं जेठ जी के साथ सब भूल मजा लेने लगी।

क्या स्टाइल था उनका चुदाई करने का ! मैं तो उनकी दीवानी होती जा रही थी, सीधा लेटते हुए मुझे अपने लंड पर बिठा उछालने लगे गेंद की तरह ! मैं उनके लंड पर ठप्पे खा रही थी मेरे हिलते मम्मो को देख वो भी जोश के साथ नीचे से मुझे उछालते।

इतने में वो भी खिड़की खोल घुस आया, तब जेठ जी मुझे घोड़ी बना कर चोद रहे थे, वो मेरे सामने आया और लंड निकाला, मुँह में दे दिया। वाह ! एक चूत में ! एक मुँह में ! दो-दो एक साथ !

जेठ जी तूफ़ान की तरह चोदने लगे। उतनी ही तेज़ मैं उसका लुल्ला चूस रही थी।

तभी जेठ जी ने कहा- गांड में डालने वाला हूँ !

मेरे ड्रेसिंग टेबल से कोल्ड क्रीम उठाई और अपने लंड पर लगाई और कुछ मेरी गांड पर !

जेठ जी सीधे लेट गए, मैंने उनके लण्ड पर अपनी ग़ाण्ड टिका कर बैठना शुरु किया। कुछ पल में मैं उनका पूरा लंड अंदर ले गई। वो भी मेरे मुँह में लगा हुआ था। फिर जेठ जी ने मुझे कहा- मेरी तरफ पीठ करके अदंर ले, ताकि यह भी तेरी चूत में घुसा दे !

मैंने कहा- फट जायेगी !

बोले- हम दोनों ने कई बार एक साथ दोनों छेदों में डाले हुए हैं ! कोई काम वाली हमसे नहीं बची !

तभी सीरी ने आगे से घुसा दिया और दोनों पागलों की तरह मुझे रौंदने लगे।

क्या अलग सा सुख था यह !

जैसे जेठ जी तेज़ हुए, सीरी ने निकाल लिया। जेठ जी औरत को अपने नीचे डाल कर झाड़ते थे, सारा माल मेरी चूत में भर दिया बाकी मुझ से चटवा कर साफ़ करवा लिया। सीरी ने अब मेरी गांड में घुसा दिया और दन-दना-दन चोदने लगा और जल्दी ही सारा माल मेरी कसी हुई गांड में उगल दिया। दोनों मेरे ऊपर लुढ़क गए। मैं नंगी दो मर्दों के सोये लंड पकड़ मजे ले रही थी।

तभी दरवाज़े की घण्टी बजी, हम तीनों की फट गई।

जल्दी से उठकर कपड़े पहने, सीरी किवाड़ से भाग गया, जेठ जी कपड़े उठा अपने कमरे में भाग गए।

मैंने दरवाज़ा खोला- माँ थीं !

सो रही थी क्या बहू?

हांजी, माँ जी ! आंख लग गई थी !

उस रात दोनों ने दारू पी मुझे आधी रात को हवेली में चोदा। कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा, तभी मेरी छोटी बहन की शादी तय हो गई और मुझे वहां जाना पड़ रहा था, दिल मेरा भी नहीं था, सासू माँ ने मुझे कहा- छोटी दुल्हन ! चली जा ! बहन की शादी है !

मायके में उनके लंड याद आ रहे थे। एक रोज़ जेठ जी का फ़ोन आया कि वो काम से शहर आये हुए हैं ! मेरे मायके घर के करीब ! बोले- यहाँ मेरे दोस्त का घर है, उसकी बीवी कुछ दिन के लिए मायके गई हुई है, दोपहर में मिलने आ जा !

उसका घर सच में पास था, मैंने कहा- दोपहर में मुश्किल है, रात को बना लो प्रोग्राम !

मैंने इधर माँ से कहा- मुझे एक दिन के लिए सासू माँ के पास जाना है ! उनकी तबियत ठीक नहीं !

माँ बोली- हाँ ! ज़रूर जा ! वो दोनों अकेले होंगे !

मेरे छोटे भाई ने मुझे बस स्टैंड छोड़ दिया और वहीं से जेठ जी के दोस्त अपनी कार पर मुझे अपने घर ले चला, बोला- बहुत सुंदर हो रानी ! उसने मेरी जांघें सहला दी।

वो बहुत हैण्डसम था उसने जानबूझ कर गाड़ी खाली कालोनी की तरफ लम्बे रास्ते डाल ली। जैसे ही उसका हाथ चूत तक गया, मैंने उसका लंड पकड़ लिया।

उसके बाद क्या हुआ, वो अगली बार लिखूंगी ! मैं बहुत चुदासी औरत हूँ, रंडी कह लो, सब चलेगा ! लेकिन मर्द के बिना मैं नहीं रह पाती ! वो भी पराये मर्दों के बिना !!!!!

जवाब लिखो ! Antarvasna

Sex Stories

आज मैं भी आपको Sex Stories अपनी कहानी सुनाना चाहती हूँ। इस समय मेरी उम्र लगभग २० वर्ष हो चुकी है। मैं बी.ए. द्वितीय वर्ष में पढ़ती हूँ। हमारा कालेज को-एड है। साथ की सभी लड़कियों/सहेलियों के बॉय-फ्रैण्डस थे सिवाय मेरे।

एक बार की बात है कि मेरे ग्रुप के सभी लड़के-लड़कियों का झील पर पिकनिक मनाने का प्रोग्राम बना। मेरा भी उनके साथ जाने को बहुत मन था, सो मैं भी उनके साथ चली गई। झील पर जाकर सब ग्रुप में नहाने लगे। मैं भी अपनी सहेलियों के साथ थीं। झील के चारों ओर घना जंगल था। सब एक-दूसरे से छेड़खानी और बहुत मजा कर रहे थे।

पहले तो लड़के लड़कियाँ अलग-अलग ग्रुप में थे पर जल्दी ही हम लोग आपस में मजे करने लगे थे। मेरी सहेलियों के साथी भी उन्हें आकर छेड़ने लगे थे।

छेड़छाड़ धीरे-धीरे बढ़ रही थी और कपड़ों के उतरने तक पहुँचने लगी थी। लड़के मेरी सहेलियों की चुचियाँ दबाने लगे थे और लड़कियाँ उनके लन्ड दबाकर मजे ले रही थीं। धीरे-धीरे वे अपने-अपने जोड़े बनाकर जंगल में जाने लगे। और मैं शायद अकेली रह गई थी। लेकिन सबको देखकर मेरी जवानी में भी आग लग रही थी।

तभी अचानक मेरे टाँगों पर मैंने किसी की पकड़ महसूस की। मेरी साँस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रह गई। अचानक नीचे ही नीचे उस अजनबी हाथ की उँगलियाँ मेरी पैंटी को हटाकर मेरी चूत में तेजी से घुस गई थीं। ऐसा लगा जैसे मेरी चूत में किसी ने कोई चाकू डाल दिया हो। तभी वह अजनबी साया खड़ा हुआ। उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरी चुचियाँ दबाने लगा। मैने देखा तो मेरी ही क्लास का एक लड़का था। मैं विरोध करने की स्थिति में नहीं रह गई थी। मेरे सांसे भारी होती जा रहीं थीं। तभी उस लड़के की पूर्णतः नंगी गर्ल फ्रैण्ड़ वहां पर आ गई और उसे आवाज देकर कहने लगी कि अगर मुझे चोदना छोड़कर यहीं रहना हो तो मैं जा रही हूँ। तुम इसी के साथ रहो, यह सुनकर वह लड़का मुझे छोड़कर तुरन्त चला गया जैसे मेरी कोई अहमियत ही न हो।

मैं अपनी प्यासी जवानी के साथ फिर अकेली खड़ी रह गई। पर तब मुझे महसूस हुआ कि मेरी चूत में दर्द हो रहा है। मैने नीचे देखा तो हल्का सा खून दिखाई दिया। मैं डर कर सोच ही रही थी कि क्या किया जाये। कि तभी एक अजनबी आवाज ने मेरा ध्यान भंग कर दिया। मैने देखा कि एक छः फुट के लगभग एक जवान मेरे सामने खड़ा है। यद्यपि वो मेरे साथ बड़े अदब से बात कर रहा था। लेकिन मुझे एक तो उस लड़के और दूसरे अपनी कुंवारी चूत से होते दर्द के कारण बहुत गुस्सा आ रहा था सो मैं उस लड़के से बहुत बेरूखी से पेश आई।

तो वह बोला कि उसका पास ही में एक काटेज है और वो वहीं से मेरे साथ हुये एक-एक वाकये को देख रहा था। और जब उसने उस लड़के के जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की तो मुझे वो भी उस समय अपना दोस्त ही लगने लगा। उसने मुझसे कहा कि आपके निचले हिस्से से खून ज्यादा ही बह रहा है, आइये मेरे काटेज पर कुछ दवा लगा लीजिये, जब तक बाकी लोग फ्री हों आप आराम कर लीजियेगा।

मैं कुछ भी सोच नहीं पा रही थी सो वहीं खड़ी रह गई। उसने शायद मेरी स्थिति जान ली और अपने आप ही पानी में आकर मुझे अपनी गोदी में उठा लिया। कोई और मौका होता तो इस हरकत के लिये मैं उसे दो-चार तमाचे मार ही देती पर मेरी हालत आप समझ सकते हैं। जब वो मुझे कसकर पकड़कर अपने काटेज की ओर ले जा रहा था तो मेरी चुचियाँ उसके सीने पर और उसके हाथ मेरे चूतड़ों के नीचे थे।

खैर उसने रास्ते भर कोई गलत हरकत नहीं की। और गीले बदन ही मुझे काटेज में लेकर आ गया। जब उसने मुझे सोफे पर धीरे से लिटाया तो एक बुजुर्गवार से बोला कि बाबा, मेमसाहब कुछ देर आराम करेंगी, आप बाहर देखभाल करो कि कोई डिस्टर्ब न करे ! और अपना काम ध्यान से करना। वो बूढ़ा व्यक्ति तुरन्त ही वहाँ से चला गया। तभी उसने ध्यान दिलाया तो मैंने देखा कि चूत से खून कुछ ज्यादा ही तेजी से निकल रहा है। उसने तुरन्त पानी गर्म किया और मेरा नेकर और चड्डी उतारने लगा तो मैंने आपत्ति की पर वह बोला- मुझे डॉक्टर समझो और करने दो जो मैं कर रहा हूँ।

मैं चुप हो गई। उसने रूई के गरम फोहे से धीरे धीरे सारा खून साफ कर दिया पर मेरी आग को बहुत भड़का दिया। अब मेरी चूत चुदास की आग से जल रही थी। मुझे अन्दर से लग रहा था कि उस लड़के से आज पहली बार जी भर चुदवाना चाहिये। लेकिन मेरी हिचक अभी भी बाकी थी। वह शायद मेरी स्थिति भांप गया था, बोला- डरो नहीं इसे अपना ही घर समझो।

यह कहकर वह पीछे कुर्सी पर बैठ गया, लेकिन कभी मेरी चूचियों और कभी मेरी चूत को देखने लगा।

इतने में उसने उठकर टीवी और डीवीडी प्लेयर ऑन कर दिया। उस पर एक इंग्लिश ब्लू फिल्म चल रही थी। हम उस पिक्चर को देखने लगे। वह साथ में कोई इंग्लिश मैग्जीन भी पढ़ रहा था। उसके कवर पेज पर भी लड़कियों के नंगे चित्र छपे थे। एक कोने पर तो एक लड़की एक लड़के का लण्ड चूस रही थी तो दूसरे कोने पर चुदने-चोदने का सीन था। कुछ ऐसे ही सीन टी.वी. पर भी लगातार जारी थे।

ऐसे में मुझसे खुद पर काबू रखना असम्भव हो गया। मैं उठकर खुद ही उसके पास जाकर उसकी गोदी में बैठ गई। नीचे से तो मैं नंगी थी ही, बैठते ही चूत और गाँड के छेदों के बीच में कुछ सख्त डण्डा सा चुभता हुआ महसूस हुआ। मैं समझ गई कि यह उसका वही मस्ताना लण्ड है जो मेरी चूत का पहली बार उदघाटन करने वाला है। वह भी उत्तेजित हो चुका था। उसने मेरे होठों को अपने होठों से दबा लिया और लम्बा सा किस करने के साथ ही मेरे होठों को चूसने लगा। साथ ही मैने महसूस किया कि उसका हाथ मेरी चुचियों की तरफ बढ़ रहा था, वो भी उपर से नहीं, पठ्ठा सीधा अन्दर ही चला आ रहा था। मुझे वैसे तो गुदगुदी ही लगी लेकिन जैसे ही उसने तेजी से दबाना शुरू किया तो ऐसा लगा जैसे मेरी दोनो चुचियों में जबरदस्त दर्द हो रहा हो। मैं उससे और जोर जोर से दबाने को कहने लगी। पता नहीं क्यों मेरी सांसे भारी होती जा रही थीं। ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत की सैर कर रही हूँ।

तभी उसने अपना हाथ बाहर निकाला और मुझे पूरा नंगा करने लगा। बदले में मैने भी उत्तेजना में उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिये। उसने मेरे कपड़े उतारने के बाद अपने कपड़े उतारने में भी मेरी मदद ही की। अब हम दोनों पूर्णतया नंगे थे। अब उसने मुझे नीचे लिटाकर मेरी चुचियों को चूसना शुरू कर दिया। मेरी लिये तो ये एक बहुत बैचेनी भरा अनुभव था। जब वो एक चूसता तो लगता कि दूसरी चूसे और जब दूसरी चूसता तो लगता कि पहली वाली को और जोर से चूसना शुरू कर दे।

अचानक उसने चुचियों को चूसना बन्द कर दिया। मुझे ऐसा लगा जैसे वो मेरा पता नहीं क्या छीनकर ले जा रहा है। लेकिन अगले ही मिनट उसने अपना मुंह जब मेरी चूत के मुँह के बीच में टिकाया और चाटा तो मुझे ऐसा लगा कि मेरी पूरी जान जैसे केवल चूत में सिमटकर रह गई हो। मेरी पूरी काया झनझना उठी। ये तो बिल्कुल जन्नत का नजारा था। वो तल्लीनता से मेरी चूत के रास्ते मेरी जान खींचने में लगा था और मैं बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी।

अब मैं पूरी तरह से चुदवाने के लिये तैयार थी पर मेरे बार बार कहने पर भी वो चूत छोड़ने को तैयार नहीं था। अचानक मुझे एक रास्ता सूझा उससे अपनी चूत को मुक्ति दिलाने का। मैने उससे कहा- पिक्चर वाली लड़की की तरह मैं भी तुम्हारा लण्ड चूसना चाहती हूँ।

मेरी तरकीब काम कर गई, वो खड़ा हो गया और मैं उकड़ू बैठकर उसका लण्ड जोरों से चूसने लगी। वो मेरे सिर को पकड़कर ऐसे आगे पीछे करने लगा जैसे मुझे मुँह के रास्ते चोद रहा हो। अब मैने उससे कहा- मुझे जल्दी से चोदकर इस चुदास के दर्द से मुक्ति दिला दो।

इस पर उसने मुझे अपने ऊपर लिटाया और बोला कि लण्ड को चूत के छेद पर लगा कर के जोर लगाओ, चला जायेगा।

मैंने पूरा प्रयास किया लेकिन शायद अन्दर लेने की जल्दी में वो बार-बार फिसल जाता और दर्द दे जाता। तीन-चार बार असफल होने के बाद मैने उसकी तरफ तरसी निगाहों से देखा तो उसने मुझे नीचे लिटाकर लण्ड डालने का शायद नाटक किया। यह तो मुझे बाद में पता चला। उस वक्त तो उसने कहा- तुम्हारी चूत ज्यादा टाईट है इसिलिये अन्दर नहीं जा पा रहा। कई तरह से ट्राई करने के बाद उसने मुझसे कुतिया की तरह बैठने को कहा। तब तक मेरी हालत वाकई कुतिया से भी बदतर हो चुकी थी। सो उसने जैसे कहा मैने वैसे ही कर दिया। अब वो मेरे पीछे से ऊपर था और मैं कुतिया बनी उसके नीचे।

मेरे मुँह से तेजी से गर्म सांसे निकल रहीं थीं, मैं जैसे बुरी तरह हांफ रही थी। अब वो मेरे पीछे घुटनों के बल आकर बैठ गया। और अपना लन्ड मेरी चूत के मुँह पर रख दिया। उसका लण्ड गर्म सरिये की तरह गर्म हो रहा था। ऐसा लगा जैसे मेरी चूत किसी गर्म तवे से छू हो गई हो। मैं अभी यह सोच रही थी कि उसने अचानक पीछे से मेरी चूत में अपने टाइट लण्ड का जोरदार झटका दिया और शायद उसका आधा लण्ड पहली ही बार में मेरी कुंवारी चूत में चला गया।

मैं दर्द से बिलबिला उठी। ऐसा लगा कि कोई खंजर मेरी चूत के रास्ते मेरे अन्दर उतर गया। मेरी सारी चुदास उस दर्द के एक ही झटके में उतर गई। मैने उससे बचने को आगे भागने ही थी कि उसने मेरा इरादा भांप लिया और मुझे मेरी गाण्ड से पकड़कर नीचे गिरा लिया। अब मैं दर्द से बिलबिला रही थी लेकिन वो मुझे छोड़ने के बिल्कुल भी मूड़ में नहीं लग रहा था। मैंने रो-रोकर उससे छोड़ने की गुजारिश की लेकिन वो जालिम मुझे छोड़ नहीं रहा था।

मैं अभी पहले झटके से ही नहीं उबरी थी कि उसने मेरी कमर पकड़कर मुझे उठाया और दूसरा करारा झटका दे दिया। इस बार उसका पूरा का पूरा लण्ड मेरी चूत में उतर गया। मेरे चूतड़ उसकी जांघो से जा टकराये। अब तो दर्द बिल्कुल ही बर्दाश्त के बाहर हो गया। अब उसने पहली बार प्यार से मुझे पुचकारा और मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया और उसकी इस चूचियों को जोर से दबाने और कमर चाटने की हरकत ने मेरा दर्द आश्चर्यजनक रूप से कम करना शुरू कर दिया।

उसका लण्ड यद्यपि मेरी चूत के अन्दर ही था पर अब उतना दर्द महसूस नहीं हो रहा था। अब उसने धीरे-धीरे अपने लण्ड को अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में मुझे भी तीखे दर्द के बावजूद मजा सा आने लगा। अब मैं उसे तेजी से धक्के लगाने को कहने लगी। उसने मेरा ध्यान रखते हुये धक्के तेजी से लगाने शुरू कर दिये। करीब १५-२० मिनट तक उसने अलग-अलग कोणों से मुझे चोदा और मुझे बहुत मजा दिया। तभी मुझे लगा जैसे मेरी चूत में से कुछ निकल रहा है। मैं डिस्चार्ज हो रही थी। कुछ धक्के लगाने के बाद वो भी डिस्चार्ज हो गया। लेकिन यह कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। मुझे बाद में पता चला कि ये तो केवल शुरूआत भर थी।

आगे ……………………….

फिर कभी। Sex Stories

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यह घटना ५ साल पहले हुई थी जब Hindi Porn Stories मैं २० साल का था ! उस वक़्त मैं बी.एस.सी. कर रहा था ! मेरा पहला सेक्स अनुभव तो मेरी पड़ोस की लड़की फातिमा के साथ हुआ, जो बहुत ही सेक्सी थी ! जब भी मैं उसे देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था ! मैं उसके बारे में सोच कर न जाने कितनी बार मुट्ठ मार चुका हूँ !! उसका फिगर भी गज़ब का था ! वो १८ साल की होते हुए भी २२ साल की दिखती थी और उसकी हाईट ५.५” थी !

उसने अपनी पढ़ाई के दौरान कंप्यूटर क्लास ज्वाइन किया ! लेकिन उसके घर में कंप्यूटर नहीं था इसलिए वो हर शाम हमारे घर प्रैक्टिस करने के लिए आती थी ! हर बार की तरह वो प्रैक्टिस के लिए घर आई ! वो गुलाबी सलवार पहने हुए बहुत ही सेक्सी लग रही थी ! वो मुझे देख कर मुस्कुराती थी तभी मैं समझ गया कि लड़की हँसी तो फंसी !!!! यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा !

फिर एक दिन मेरे घर के लोग बाहर गए थे, सो मैं घर में अकेला था ! मैंने मन ही मन सोच लिया था कि आज चाहे कुछ भी हो जाये, मैं फातिमा के मम्मों को जरुर दबा दूंगा ! अगर वो इन्कार करेगी तो सॉरी बोल दूंगा, मगर मैं हिम्मत नहीं जुटा पाया ! जब वो कंप्यूटर पे काम कर रही थी तब मैं उसके पास जाकर बैठ गया और उसकी कॉलेज लाइफ के बारे में पूछने लगा ! अंत में मैंने उससे सेक्स के बारे पूछा तो वो शरमा गई !

मैंने पूछा,”कभी तूने सेक्स मूवी देखी है ?”

उसने कहा,”नहीं !!”

मैंने उसके हाथ से माउस लिया और कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म चला दी ! मूवी में दो लड़कियों की एक लड़के द्वारा चुदाई का दृश्य चल रहा था ! उसने शर्म के मारे अपने चेहरे को हाथ से छुपा लिया ! मैंने उसके हाथ को हटाया और कहा,” देख लो, बाद में फिर मौका नहीं मिलेगा !!”

वो बोली,”तुम यह सब देखते हो क्या ?”

मैंने कहा,”हाँ ! और करना भी चाहता हूँ !!!”

अब वो बिंदास हो कर मूवी देख रही थी ! मैं समझ गया कि यही सही मौका है !! मैंने कुर्ते के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने शुरू किये !!! पहले तो वो मना करती रही पर बाद में मान गई !! मैंने उसके कुर्ते के अन्दर हाथ डाल कर उसके मम्मों को दबाना शुरू किया तो वो ऊऊह्ह्ह्हह्ह आआ ह्ह्ह्हह्ह करने लगी !! मैंने एक हाथ उसकी सलवार के अन्दर डाला तो मैं हैरान हो गया क्यूंकि उसकी पैंटी पहले ही गीली हो चुकी थी ! मैं अपनी ऊँगली उसकी चूत के अन्दर डाल कर आगे-पीछे करने लगा ! वो अब नियंत्रण से बाहर हो गई थी !

वो आआह्ह्ह्हह्ह ऊऊऊऊओह्ह्ह करते हुए चिल्लाने लगी,”घुसाना है तो अपना लंड घुसा ! इस ऊँगली से किसे सहला रहा है ??”

उसकी बात सुनकर मैं हैरान हो गया ! मैंने तुरंत अपनी पैंट उतार दी और अपना ७.५” इंच का लौड़ा बाहर निकाल लिया ! मेरे लंड को देखते ही वो बोली,” इतना लम्बा और मोटा ??? मुझसे नहीं होगा ……..! “

मैंने अपना लौड़ा उसके मुंह में डाल दिया और वो ५ मिनट तक मेरे लौड़े को चूमती रही ! फिर उसके मुंह से लौड़ा निकाल कर उसकी चूत पर रख कर घुसाना शुरू किया तो वो बोली, ” आआह्ह्ह्ह ! बाहर निकाल दो ! मुझसे और दर्द…………………………. आह्ह्ह ………… .बर्दाश्त नहीं होता ………….!!!!”

अब मैंने अपना लौड़ा पूरी ताकत से उसकी चूत में घुसा दिया और जोर-जोर के झटके लगाने शुरू कर दिए ! थोड़ी देर बाद वो शांत हो गई और मेरे लंड का पूरा मज़ा लेना शुरू कर दिया !! मैंने जम कर आधे घंटे तक उसकी चूत की धुलाई की ! इसी बीच वो २ बार झड़ चुकी थी ! जब मैं झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत से निकाल कर उसके मुंह में घुसा दिया और उसका सिर पकड़ के जोर-जोर से हिलाया ! तभी मैंने देखा की उसकी चूत के खून से मेरा लंड लाल हो गया था ! मैं एकदम से डर गया तो वो बोली,” डरो मत ! मैं ठीक हूँ !” तब जाकर कहीं मेरी जान में जान आई !!

मैंने अपना पूरा वीर्य उसके मुंह में ही झाड़ दिया ! वो जल्दी से बाथरूम में अपना मुंह धोकर आई और मुझसे पूछने लगी,” अगर झड़ना ही था तो मेरी कमर पर या मेरे मम्मों पर करते!! मुंह में क्यूँ किया ??”

मुझे उसके भोलेपन पर हंसी आने लगी ! मुझे बाद में पता चला कि मैं उसे जितनी भोली समझता था, वो उतनी भोली थी नहीं !!! मुझसे पहले वो अपने किसी आशिक से पूरे एक साल तक चुदवा चुकी थी !!

उसके बाद मैं फातिमा को कई बार चोद चुका हूँ किन्तु अब वो अपने पति के साथ न जाने कहाँ चली गई, मुझे पता नहीं !

अन्तर्वासना के सम्मानित पाठको, आपको यह कहानी कैसी लगी, अवश्य बताना !! Hindi Porn Stories

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