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Massage Girl in West Godavari: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in West Godavari who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in West Godavari that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The West Godavari massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in West Godavari who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your West Godavari massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This West Godavari massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in West Godavari who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in West Godavari employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in West Godavari helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in West Godavari

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in West Godavari at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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प्रेषक : करण उज्ज्वल Indian Sex Stories

हाय दोस्तों, मेरा नाम करण है। मैं Indian Sex Storiesबंगलोर में रहता हूँ और एक बहुत बड़ी कंपनी में काम करता हूँ। वैसे तो मैंने यह कंपनी कुछ दिनों पहले ही ज्वाइन की है लेकिन जो हुआ उसका अंदाजा भी नहीं था मुझे।

मैं ट्रेनिंग में था और हमारे ग्रुप में लगभग २० लोग थे। उनमें एक लड़की भी थी जिसका नाम सलोनी है। मैं और सलोनी काफ़ी अच्छे दोस्त हैं। वैसे मैं उसे ज्यादा भाव नहीं देता हूँ लेकिन वो मेरी दीवानी है। उसका फिगर मस्त है लेकिन गांड कुछ ज्यादा ही बड़ी है। कुल मिला के पटाका आइटम है। जब बाल खुले रखती है तो क्या क़यामत गिरती है, बता नहीं सकता।

चलो अब कुछ मजेदार बात हो जाए !

क्यूंकि मैं रात में ड्यूटी करता हूँ इसलिए सुबह देर तक सोया रह गया। मेरा ऑफिस टाइमिंग ११.३०-७.३० था। १४ अगस्त को मैंने सलोनी को कॉल किया और इस तरह बोला कि मैं तुमसे कुछ मांगूंगा।

उसने बोला- जो तुम्हें चाहिए वो मिलेगा। लेकिन तुम क्या चाहते हो?

मैंने बोला- तुम सोचो कि मैं क्या मांग सकता हूँ?

उसने कुछ सोचा और पूछा- क्या तुम मुझे किस करना चाहते हो?

मेरे मुँह से हां निकल गया।

उसने बोला- ठीक है !

उस रात को मैं ऑफिस जाने लगा और कैब से सलोनी को मेसेज किया, मैंने बोला- मैं बहुत बेताब हूँ !

वो भी बेताब थी। लेकिन मेरी किस्मत पर कुत्ता मूत गया क्यूंकि वो रात में ऑफिस कुछ देर से आई। खैर वो आ गई. ट्रेनिंग रूम में घुसते ही उसने एक किलिंग लुक मुझे दिया. मैं तो वहीँ फ़िदा हो गया और चेयर से पीछे लुढ़क गया. सब हंसने लगे. सलोनी मेरे पास आ के बैठी और पूछा- क्यूँ बेताब हो?

मैं कुछ नहीं बोला, मेरी बोलती ही बंद हो गई थी। जैसे-तैसे उससे बात की मैंने। वो समझ गई थी कि मेरी क्या हालत है। हम दोनों पागल हो गए थे किस करने के लिए। डिनर ब्रेक हुआ और मैं छत पर गया, वो लू में चली गई और मेरा इन्तज़ार करने लगी। मैंने कॉल करके कहा कि ग्राउंड फ्लोर पर मिलो। मैं दौड़ के वहां गया, वो भी आ गई। फ़िर हम दोनों किसी कोने की तलाश में इधर- उधर भटकने लगे। जगह नहीं मिलने से मेरा दिमाग गरम हुआ जा रहा था, मैंने सलोनी से कहा की अगर २ मिनट में मुझे किस नहीं मिला तो मैं पागल हो जाऊंगा !

वो मेरी हालत समझ रही थी, उसने मेरे सीने पे अपना सर रख दिया और मेरे हाथ को पकड़ कर कहा- लिफ्ट में चलते हैं।

मैंने बोला- ठीक है।

फ़िर हम दोनों लिफ्ट में गए, ग्राउंड फ्लोर से सीधे १३वीं मंज़िल का बटन दबाया। बीच में कोई रोक-टोक नहीं थी। हम दोनों ने काफ़ी लंबा समूच किया एक दूसरे को, दोनों निहाल हो गए थे लेकिन मेरा मन नहीं मान रहा था। डिनर ब्रेक ख़त्म हो गया। दोनों कमरे में जा के बैठ गए। मैंने सलोनी से १ और किस माँगा, उसने मना कर दिया तो मुझे गुस्सा आ गया।

मैं कमरे से बाहर चला गया। सलोनी को बुरा लगा तो वो भी बाहर आ गई। मैंने बोला कि अगर १ किस और नहीं दिया तो मैं कमरे में नहीं जाऊंगा। उसने कुछ नहीं बोला। मैंने उस दिन ट्रेनिंग नहीं किया।

मैं घर जाके सो गया और १५ अगस्त को अपने एक दोस्त को बुलाया। जैसे ही वो मेरे घर आया, सलोनी का भी कॉल आया। उसने पूछा- क्या कर रहे हो?

मैंने बोला- मैं सो रहा हूँ और मेरा मूड ठीक नहीं है।

वो समझ गई। फ़िर मैंने पूछा- तुम क्या कर रही हो?

तो उसने बोला- पापा-मम्मी चर्च गए हुए हैं और शाम में आएंगे।

अब मैं समझ गया कि क्या करना है लेकिन कल का भाव दिखाने लगा। मैंने पूछा- क्या मैं तुम्हारे घर आ सकता हूँ? उसने बोला- जल्दी आओ।

मैं उठा और बिना ब्रश किए उसके घर चला गया, मेरा दोस्त भी था मेरे साथ। मुझसे ज्यादा मेरा दोस्त ही उछल रहा था।मैंने माउथ फ्रेशनर खाया और उसके घर पहुँचा। और हाँ, जब मैं उसके घर जा रहा था तो उसने मुझे काल करके पूछा कि क्या पियोगे? मैंने बोला- मैं तो सिर्फ़ गर्म दूध पीता हूँ ! मैं उसको छेड़ रहा था।

उसने पूछा- कुछ कोल्ड ड्रिंक्स वगेरह?

मैंने बोला- बस रहने दो, अब मुझे सिर्फ़ तुम्हारे घर पहुँचने का इंतज़ार है !

जैसे-तैसे उसके घर पंहुचा, वो बाहर निकली, खुले बालों में क्या लग रही थी वो। मैं तो उससे देखता ही रह गया। इससे पहले कि मैं संभल पाता, उसने मेरा हाथ पकड़ा और घर के अन्दर जाने को कहा। मैं अन्दर चला गया और सोफे पे बैठ गया। उसने शीशे के ग्लास में कोल्ड ड्रिंक मेरे सामने रखा। वो टी-शर्ट और ज़ींस पहने हुए थी।

जैसे ही ग्लास रखने के लिए वो झुकी, मुझे उसका बूब्स दिखने लगा. मैंने अपने आप को संभाला. फ़िर वो मेरे सामने बैठ गई. हम दोनों ने थोड़ी देर दुनिया-जहान की कुछ फालतू बातें की और ड्रिंक ख़त्म किया. फ़िर उसने मुझे बोला उसके बेडरूम में बैठने को। मैं चला गया और उसने मेन-गेट और डोर लाक कर दिया।

मेरे बगल में बैठते ही उसने मुझे किल्लिंग लुक दिया. मैंने बिना देर किए उससे पकड़ लिया और जम कर आधे घंटे तक किस किया. उसके पसीने आने लगे। उसने कहा थोड़ी देर रुक जाओ, मैं भी थक गया था। फ़िर दूसरा राउंड शुरू हुआ. मैं लेटा हुआ था कि वो मेरे ऊपर आ गई और एकदम से मुझे चाटने लग गई। मैं जन्नत की सैर कर रहा था।

उसने मेरे पूरे कपड़े खोले और ऊपर से नीचे तक चाट, खाया और चूसा। मैं भी मस्ती में अपना लंड चुसवा रहा था। फ़िर मैंने उसके कपड़े खोलने शुरू किए। मैंने उसे बेड पे पटक दिया और पहले उसके बूब्स दबाये, फ़िर टी-शर्ट खोला, फ़िर ब्रा फ़िर सो ओन….. ३० सेकंड्स के बाद वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी।

मैंने देर न करते हुए उसके मम्मों को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा। फ़िर उसके गले से होते हुए उसके कानों को चूसा। वो भड़क रही थी, मुझे कस के पकड़े हुए वोह बहुत सिसक रही थी जिससे मुझे और भी जोश आ रहा था। फ़िर मैंने उसके होठों को चूसना शुरू किया और उससे खाया भी। वो भी मेरा बहुत साथ दे रही थी।

थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने उसके नाभि के आस-पास अपने जीभ से सहलाना शुरू किया, वो मदहोश हुए जा रही थी। मेरा १ हाथ उसके कमर में था और १ हाथ उसकी चूत पर. मैंने महसूस किया कि उसकी चूत से पानी निकल रहा है, मैं समझ गया कि अब वो तैयार है, मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया और वो उससे ज़ोर से रगड़ने लगी, मेरा लंड खड़ा हो गया, वो ८” का है।

सलोनी ने बोला धीरे से डालने को। मैंने बोला ठीक है। फ़िर मैंने अपना लंड उसकी भीगी चूत पर रखा और और अपना वचन तोड़ते हुए एक ही झटके में पूरा लंड घुसा दिया, वो बिल्कुल उठ कर मेरे लंड पे बैठ गई, मेरे बालों को ज़ोर से पकड़ लिया और रोने लगी। पूरे बेड पर खून के धब्बे लग गए, वो बहुत रो रही थी, मैंने थोडी देर के लिए धक्का लगना बंद कर दिया।

२ मिनट के बाद वो शांत हुई और फ़िर से लेट गई। मैं समझ गया कि अब उससे मज़ा आएगा। मैंने १ और ज़ोर का धक्का लगाया. वो फ़िर उछल गई। फ़िर मैंने उसे इतना चोदा, इतना चोदा कि उसकी माँ तक चुद गई, हर एंगल से उसकी चुदाई की। उसके मुँह से निकलती आवाजें मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी. यही कारण था कि मैंने एक ही बार में अपना पूरा लंड डाल दिया था। उससे भी बहुत मजा आया। उसके शरीर का एक भी ऐसा हिस्सा नहीं बचा था जो मेरे मुँह से बचा हो, मैंने उसे हर जगह चूमा था, उसके चेहरे से वो सन्तुष्ट दिख रही थी। वोह बहुत खुश थी।

हमने ५० मिनट तक चुदाई की थी। बाद में मैंने फ़िर से उसको चूमा और उन यादगार पलों के लिए थैंक्स कहा। उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और एक गहरा चुम्बन दिया। उसने भी मुझे थैंक्स कहा। मैंने उसे वो खून के धब्बों वाली चादर हटाने के लिए कहा। फ़िर हमने साथ में स्नान किया और एक दूसरे को किस करते रहे। नहाने के बाद हम दोनों सोफे पर बैठ के कोल्ड ड्रिंक्स पीने लगे। मैं अभी भी उसको भूखी नज़रों से देख रहा था. वो भी मुझे तड़पा रही थी। हमने एक और गहरा चुम्बन किया और मैंने उसके कान पर ज़ोर से काट के, बूब्स को दबा के और चूत को सहला के सिगरेट पीने लगा।

तो दोस्तों कैसे लगी मेरी कहानी, ज़रूर बताइयेगा। Indian Sex Stories

एक पुरानी कहानी Hindi Porn Stories

एक बहुत पुराने गाने कि तलाश थी मुझे। इसे मुकेश Hindi Porn Storiesऔर लता ने गाया था। फ़िल्म का नाम मुझे याद नहीं था। सिर्फ़ गाने के बोल ही याद थे। कुछ इस तरह था वो गाना—छोड़ गये बालम, मिझे हय अकेला छोड़ गये। सीडी, कैसेटों की दुकानों मे काफ़ी ढूंढा, पर नहीं मिला। किसी ने कहा कि शायद लैमिन्ग्टन रोड पर मिल जाये।

मैं लैमिन्ग्टन रोड गया। इत्त्फ़ाक से पहली ही दुकान से यह गाना मिल गया, पर वहाँ क्या हुआ, ये बताता हूं।

मैंने दुकान मे देखा कि कैश काउन्टर पर एक आदमी को छोड़ कर बाकी सब लड़कियां हैं। मैं सीडी के काउन्टर पर गया तो लड़की ने मुस्कुरा कर मेरा स्वागत किया और बोली-यस सर ! वट कैन आई डू फ़ोर यू?

ये मेरी बुरी आदत है कि जब भी मैं किसी लड़की को देखता हूं तो न चाहते हुए भी मेरी नज़र सबसे पहले उसकी छाती पर पड़ती है। यहाँ भी ऐसा ही हुआ, मेरी नज़र उसके बूब्स पर पड़ी पर मैं सम्भल गया। उसने भी मेरी इस हरकत को भाम्प लिया और अपने दुपटटे से दिलकश कबूतरों को ढकते हुए फ़िर बोली-कैन आई हेल्प यू?

जी तो चाहा कि कह दूं- इन कबूतरों को पालना चाहता हूं, लेकिन कहा- जी, मैं एक बहुत पुराना गाना तलाश रहा हूं, अगर यहाँ मिल जाये?

वो झट से बोली- गाने के बोल बताइये।

छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये,

कुछ सोचते हुए वो बोली- मुझे तो ऐसा कोइ गाना याद नहीं आ रहा है- ठहरिये, मैं सर से पूछती हूं।

यह कह कर वो उस अधेर आदमी के पास गई जो कैश काउंटर पर बैठा था। थोड़ी देर बाद वो वापस आकर बोली- है हमारे पास- ये फ़िल्म बरसात का गाना है- आप रुकिये, मैं यह सीडी लाती हूं। वो उपर गई और एक सीडी लाई, बोली- पर आपको इस गाने के लिये पूरी सीडी खरीदनी पड़ेगी-इसमें कुछ और पुरा्नी फ़िल्मों के गाने भी हैं।

कोइ बात नहीं लेकिन देखिये इसमें वो गाना है य नहीं

जरूर होगा– इस सीडी में बरसात फ़िल्म के गाने भी हैं

हाँ, लेकिन देखो वो पर्टिकुलर गाना है भी या नहीं

वो सीडी के कवर पर लिखे गानो कि लिस्ट देखने लगी और बोली- क्या बोल बताये थे आपने?

छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये–

वो एक एक गाना पढने लगी–दुम– नही–दम भर जो इधर मुंह फ़ेरे–बरसात में हमसे मिले… हवा मे उड़ता जाये– चोद गये–ओह सारी– छोड़–

छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये– ये लीजिये। वो जल्दी से सीडी मेरे हाथ मे देते हुए बोली और फ़िर दूसरी और देखने लगी।

मैं अपनी हंसी रोक ना सका–वो शर्म से लाल हो गई और बोली- सारी।

मैंने कहा- कोइ बात नही- मुझे दोबारा हंसी आ गई।

वो नर्वस होते हुए बोली- देखो ना छोड़ की स्पेलिन्ग ऐसी होती है क्या-? सी डबल एच लिखना चाहिये ना- यहाँ सिन्गल एच ही है

हाँ सच कहा आपने– आपने तो चोद पढा– कई लोग तो इसे चोद– मैं कहते कहते रुक गया।

वो कैश काउंटर की तरफ़ और फ़िर अपनी साथी लड़कियों की ओर देखते हुए बोली- और कुछ?

जी बस — इतना काफ़ी है– अच्छा लगा।

व्हाट?

अच्छा लगा कि इतना ढूंढने के बाद आखिर यह गाना मिल ही गया।

और कुछ?

नहीं बस-कितने पैसे हुए?

मैं बिल बना देती हूं आप काउंटर पे पेमेंट कर दें।

जब मैं घर आया तो सोचने लगा-उसके बूब्स तो ईरानी होटल की डबल रोटियों जैसे थे- होंठ भी कम सेक्सी ना थे॥ अगर ये होंठ मेरे लन्ड को कोमलता से दबा लें तो क्या हो? मेरे शरीर में झुरझुरी सी आ गई।

रात को सपने में मैं उसे लेकर किसी हिल स्टेशन चला गया। मैंने देखा-हम दोनों नंगे ही पहाड़ियों की सैर कर रहे है। मैं कभी उसके कन्धे पर हाथ रख कर चलता तो कभी उसकी कमर मे बाहें डाल कर्। मेरा हाथ फ़िसल कर उसकी गान्ड पर रुक जाता। उसकी छातियां तजमहल के गुम्बद लग रहे थी पीछे से उसके गोल गोल कोमल चूतड़ यूं उपर नीचे हो रहे थे जैसे कोइ सी-सा ऊपर नीचे झूल रहा हो। मैं अपना लन्ड उसकी गांड की दरार में घुसाना चाहता था लेकिन घुस नहीं पा रहा था मैंने खूब जोर लगाया तो वो चिल्लाई- पागल हो गये हो क्या? मैंने उसकी बात अनसुनी कर दी और एक बार फ़िर जोर से झटका दिया, ताकि लन्ड अपनी मन्जिल तक पहुंच जाये। झटके से वो गिर पड़ी और मैं भी उसी के साथ चारों खाने चित्त हो गया। लन्ड पथरीली जमीन से टकराया और मैं चीख पड़ा– बहनचोद !!!

आंख खुली तो मैं पलंग से गिर कर जमीन पर पड़ा था। घरी मे टाइम देखा तो सुबह के साढे छह बजे थे। लन्ड जबरदस्त अंदाज में खड़ा था और किसी चूत की फ़िराक मे धीरे धीरे हाँफ़ रहा था। मुझे हाथ से ही लन्ड को शांत करना पड़ा। नहा धो कर कमरे से निकला तो घर वालों को काफ़ी हैरानी हुई कि नौ बजे उठने वाला लड़का आज इतनी जल्दी कैसे उठ गया।

” क्या आज कालेज जल्दी जाना है?” बड़े भाई ने पुछा।

” हाँ आज एक्स्टरा क्लास है-” और मैं क्या कहता। जब कह दिया तो घर से बाहर निकलना भी था। मेरे कदम फ़िर लैमिन्ग्टन रोड की तरफ़ उठ गये।

दुकान बंद थी। बाजू के पान वाले से पूछा तो वो बोला-‘दस बजे खुलती है दुकान” मैंने घड़ी देखी। अभी साढे नौ ही बजे थे। मैं दूर जाकर खड़ा हो गया। जैसे तैसे दस बजे। दुकान खुली, वो लगभग सवा दस आई। जब वो दुकान मे घुस रही थी तो मैंने देखा कि उसकी गान्ड के उभार बिलकुल सपने मे देखी हुई गान्ड कि तरह ही थे। मैं सोचने लगा कि सुबह का सपना वाकैई सच होता है !

थोड़ी देर में मैं दुकान के अन्दर गया। उसकी नज़र मुझ पर पड़ी औए उसके भाव देख कर मुझे यह अंदाजा हुआ कि उसने मुझे पहचान लिया है।

मैं सीधे उसके पास गया। वो जबरन मुस्करा के बोली- यस सर?

”मुझे एक और सीडी चाहिये”

कौन सी?

एक पुरानी फ़िल्म की॰॰॰अगर आपके पास हो तो॰॰॰

फ़िल्म का नाम?

राजा हरिशचंद्र

उसने सिर हिलाया और बोली- सर को पूछती हूं।

आज वो मुझे कुछ खूबसूरत भी नज़र आयी। बड़े बूब्स तो मेरी कमजोरी हैं ही।

जल्दी ही वो वापिस आयी और बोली-ईतनी पुरानी फ़िल्म के गाने नहीं हैं

ओह ! बैड लक, मैं निराश हो कर बोला।

और कुछ?

नहीं॰॰॰यही चाहिये था॰॰॰खैर थोड़ी देर बाद आउंगा।

क्यों? उसने पूछा।

क्यों मतलब? आपकी दुकान में कोइ क्यों आता है?

अच्छा, सोरी सर ! यू आर मोस्ट वेलकम!

कालेज के बाद फ़िर उसी दुकान में पहुंचा। अबकी बार वो दूर से ही मुस्काई। जब मैं उसके पास पहुंचा तो वो खुद बोली- कोइ और पुरानी फ़िल्म?

हाँ॰॰॰फ़िल्म चुदाई की सीडी चहिये।

व्हाट???॰॰॰ वो ऐसे बोली जैसे बिजली का करंट लग गया हो।

क्या हुआ? मैंने भी हैरानी जताई।

क्या कह रहे हैं?

कोइ अजीब बात कह दी मैंने?

किस फ़िल्म की सीडी चाहिये आपको?

जुदाई फ़िल्म की !

जुदाई ?

हाँ ! ॰॰॰आपने क्या सुना?

नहीं नहीं ठीक है॰॰॰जुदाई की सीडी होगी ही॰॰॰

लेकिन मुझे पुरानी चुदाई की सीडी चाहिये॰॰॰

वो फ़िर चौंक गई और मुझे शक भरी नज़रों से देखने लगी॰॰॰

मैंने पूछा- अब क्या हुआ?

कुछ नहीं॰॰॰पुरानी मतलब्॰॰॰? उसमे एक्टर कौन थे?

जितेन्द्र और शयद रेखा॰॰॰ मैंने युं ही कह दिया।

वो उपर की मन्जिल पर गई, थोड़ी देर बाद नीचे आयी, कैश काउंटर पर गई, दो तीन मिनट बाद आयी और बोली-सोरी सर्॰॰॰नई जुदाई कि सीडी है॰॰॰ पुरानी नहीं।

मैं फ़िर अपने को निराश जताने लगा॰॰॰वो मुझे धयान से देखने लगी।

फ़िर मैंने अपने दोस्त करण का नम्बर मिलाया और बोला॰॰॰

हाँ भैया॰॰॰जुदाई कि सीडी तो नहीं मिली॰॰॰क्या करूं?

उधर से करण बोला- अबे क्या बोल रहा है तू?

अच्छा दूसरी दुकान में देखूं ओके ओके जी जी॰॰॰

करण फ़िर हैरानी से बोला- कहाँ है तू॰॰॰क्या बोल रहा है?

कौन सी? ॰॰॰लन्ड्॰॰॰लन्डन्॰॰॰ कौन सा लन्दन?

मैंने चोर नज़रो से देखा, उसका चेहरा लाल हो गया था

जी ॰॰॰ नाईट इन लन्डन्॰॰॰ अच्छा॰॰॰पुछता हूं भैया॰॰॰

मैंने फ़ोन काटा और लड़की से पूछा- नाईट इन लन्डन् की सीडी या कैसेट होगी आपके पास?

उसने सीडी तलाश कर मुझे दे दी और आदत के अनुसार बोली- और कुछ?

नहीं बस्॰॰ बिल बना दीजिये।

वो सर झुका कर बिल बनाने लगी।

अगले दिन मैं फ़िर उसकी दुकान में पहुंच गया। आज उसने गुलाबी साड़ी पहनी थी। होठों पर हल्के रंग की लिप्स्टिक भी थी। वो उम्र में मुझ से कुछ बड़ी शायद तीस बत्तीस की लग रही थी। ब्लाउज का गला सामान्य से कुछ बड़ा ही था, जिसमे से उसकी बड़ी बड़ी छातियां गजब ढा रही थी।

यस सर ! उसने मुस्कुराते हुए पुछा- सीडी?

हाँ पुरानि फ़िल्म की सीडी या कैस्सेट जो भी हो!

फ़िल्म का नाम ?

गांड है तो जहान है॰॰॰ मैंने जानबूझ कर गांड शब्द का इस्तेमाल किया।

वो घूर कर मुझे देखने लगी।

है तो दे दीजिये।

क्या नाम बताया आपने?

जान है तो जहान है॰॰॰

इस नाम की तो कोई फ़िल्म नहीं आई।

आप सर से पूछिये।

ठीक है॰॰ वो कैश काउंटर तक गई। थोरी देर बाद आ कर बोली- सर आपसे बात करना चाह्ते हैं

मैं थोड़ा घबरा गया कि कहीं साले को शक तो नहीं हो गया। मैं उस तक गया तो उसने पूछा- इतना पुराना पुराना गाना कयको मांगता तुमको?

मेरेको नाइ मेरा भाई को मांगता॰॰॰ वो कोइ रिसर्च कर रहा है।

आप एच एम वी में जाके पूछो ना॰॰॰

फ़िर मैंने पूछा- अच्छा आपके पास वो गाना है॰॰॰चूतक चूतक चूतिया॰॰॰?

वो हंसने लगा॰॰॰अरे! ये क्या बोलता॰॰चूतक चूतक नही तूतक तूतक्॰॰॰

लेकिन ये तो नया गाना है तुम्हारा भाई क्या करेगा इसका?

भाई को नही॰॰ ये तो मुझे चाहिये।

अच्छा उधर सोना से पूछ लो।

सोना कौन?

अरे वही सेल गर्ल्॰॰॰

अच्छा तो उसका नाम सोना है॰॰

मैं उसके पास पहुंचा- सोना॰॰वो पोप भन्ग्ड़ा है आपके पास्॰॰॰तूतक तूतक तूतिया॰॰॰

वो मेरी तरफ़ देख कर बोली- मेरा नाम किसने बताया आपको?

चन्दू साब ने॰॰॰

कौन चंदू साब?

वो जो काउंटर पे बैठे हैं

अरे वो तो मेहता साब हैं

अच्छा मुझे मालूम नही था।

चूतक चूतक चूतिया है आपके पास?

वो सपाट नज़रों से मुझे देखते हुए बोली॰॰ अब मैं समझ गई॰॰तुम जानबूझ कर गलत बोल रहे थे अब तक

नही है ये गाना॰॰॰ वो नाक फ़ुला कर बोली और दूसरी तरफ़ मुंह कर लिया।

उस दिन मैंने सोच लिया कि आज इसे रास्ते मे पकड़ूंगा।

शाम को सात बजे दुकान बंद हो गई और वो बाहर निकली।

मैं उसके पीछे हो लिया।

थोड़ी देर पीछा करने के बाद ग्रांट रोड स्टेशन आने से पहले ही उसके पास पहुंच कर धीरे से कहा॰॰॰हाय !

वो चौंक कर मुझे देखने लगी। थोड़ी घबरा भी गई।

मैंने फ़िर हाय कहा।

वो बोली-क्या बात है, क्या काम है?

सोरी, मैं जरा लेट हो गया, आपकी दुकान तो बंद हो गई।

हाँ, अब उसके कदम तेज़ हो गये थे।

अरे ! आप दौड़ क्यों लगा रही हैं?

मुझे जल्दी है। सात बीस की टरेन पकड़नी हैकहाँ रहती हैं आप ?

कहाँ रहती हैं आप ?

उसने जवाब नही दिया

दरअसल मुझे एक और पुरानी फ़िल्म की सीडी चाहिए थी अर्जेंट

अब कल आइये

हाँ वो तो अब कल ही

यहाँ दूसरी दुकाने भी हैं वहाँ ट्राई कीजिये

हाँ, मगर वहाँ आप तो नही मिलेंगी ना

व्हाट? क्या मतलब ?

मैंने हिम्मत करके कहा…देखिये सच कहता हूँ… अब तक जितनी भी शोपिंग मैंने आपकी दुकान से की है सिर्फ़ आपसे मिलने के लिए…

वो रुक गई और मेरी आँखों में देख कर बोली…तुम्हारे इरादे अच्छे नही लगते.

हाँ वो तो है…

क्या मतलब ?

अब मतलब तो आप समझ ही गई होंगी .. मैं आपको डिनर मतलब लंच पर ले जाना चाहता हूँ


…काफी पापड़ बेलने पड़े उसे पटाने के लिए। आख़िर वो रास्ते पर आ ही गई. .. पता चला कि उसका तलाक हो चुका है.
ससुराल वालों ने निकल दिया है घर से. मायका दिल्ली में है और वो अपने माँ बाप के पास रहना नही चाहती। यहाँ बोरिविली में एक चल में किराये पर रहती है.

काफी कोशिशों के बाद मैंने उसे अपने साथ सोने के लिए राजी कर लिया. अब वो काफी खुल चुकी थी. बोली-कहाँ ले जाओगे?..अपने घर ?

नही वहाँ तो मेरी फॅमिली रहती है.

फ़िर?

किसी होटल में.

मैंने एक अच्छे होटल में कमरा बुक कर लिया. उस दिन उसने काम से छुटी ले ली थी। मुझे ये सोच कर मजा आ रहा था की मैं सारा दिन उसे चोदूंगा। उसकी चूत चाटुन्गा, वो मेरा लंड अपने कोमल होठों से मसलेगी.

तयशुदा दिन हम होटल में पहुंचे। कमरा पहले से ही बुक था. दोपहर के दो बज रहे थे. हमने बियर पी और खाना खाया .फ़िर मेरे सब्र का पैमाना भर गया.मैंने उसे कहा…सोना, हर रात को मैं तुम्हे सपने में चोदता हूँ आज वो दिन आ ही गया जब सचमुच…

वो बोली..मैं भी बिना मर्द के कई दिनों से प्यासी हूँ अभी तक बैंगन ,लोकी से काम चला रही थी, आज मर्द का लंड मिलेगा.. पर

पर क्या?

अभी तो तुम इतने मर्द नही लगते। कितना बड़ा है तुम्हारा?

देखोगी?

हाँ दिखाओ…

मैंने झट से कपडे उतारे लंड तमतमा कर फडफडा रहा था वो बड़े गोर से मेरे लंड को देखने लगी और फ़िर कहा…चलेगा !

अरे 6 इन्च के लोडे को देख कर कह रही हो… चलेगा… दोडेगा बोलो ना…

6 इंच का लोडा क्या खाक दोडेगा ? दोड़ने के लिए तो कम से कम 8 इंच का घोड़ा चाहिए!

मुझे गुस्सा आ गया और मैं बोला-पहले आजमा तो लो,इस 6 इंच के टट्टू को क्या सरपट दोड़ता है.

अच्छा?

ये कह कर वो आगे झुक गई और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ किया, उसका पकड़ना था की मेरा फ़ड़फ़ड़ाता हुआ लंड आधा इंच और लम्बा हो गया. वो धीरे धीरे लंड के सुपाड़े को सहलाने लगी। मुझे हल्का हल्का नशा आने लगा था।

उसने मुझे बेड पे लिटा लिया और मेरि दोनों टांगो के बीच बैठ कर मेरा लन्ड चूसने लगी। मैं उसके मुलायम होठों को अच्छी तरह महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं किसी और दुनिया मे हूं। मेरे जिस्म मे चींटियां रेंगने लगी। उसने अपनी गति बढा दी और जल्दी जल्दी लन्ड को चूसने लगी। थोड़ी देर मे लन्ड से धड़ाधड़ पानी निकलने लगा जिसे उसने गड़प से पी लिया। लन्ड कुछ देर शान्त बना रहा। मैं भी बेड पर निढाल सा पड़ा था। वो उठ कर बोली- क्यो मर्द?… बस क्या?… और कुछ करना है?

जानेमन्… अभी तो पूरा दिन बाकी है… बस एक मिनट्… अभी तैयार हो जाता हूं… ये कह कर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिये। वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। मैं उसे घूम घूम के चारों ओर से देखने लगा। वो हन्स कर बोली… ऐसे क्या देख रहे हो ?

देख रहा हूं, सपने मे जो हसीना देखी थी, वही अब सामने है… वही रंग रूप, वही उतार चढाव, वही चूत्… वही गांड वही चूची वही जांघ…
तुम सचमुच माल हो यार !

कमाल है यार माल देख के भी धमाल नही कर रहे हो… वो हंसने लगी। मैं उससे लिपट गया। कमरे मे म्युजिक बज रहा था हम अपने आप धीरे धीरे नाचने लगे। मैं उससे यूं लिपटा हुआ था जैसे उसके अन्दर ही समा जाउंगा। वो बहुत भावुक हो रही थी।

मैंने उसे बेद पे लिटा दिया। उसने खुद अपनी टांगे ऊपर कर ली, जिससे उसकी चूत खुल गई। उसकी चूत देख कर लग रहा था कि उसके पति ने उसे ज्यादा नहीं चोदा था। गुलाबी रस भरी चूत बड़ी प्यारी लग रही थी। मेरे मुंह मे पानी आ गया। मैं उसकी चूत पर झुक गया। मादक सी गंध आ रही थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के होठों पर रख दी। वो सिसक पड़ी। होले होले मैं उसकी चूत कि पूरी दरार चाटने लगा। वो तिलमिलाने लगी। तड़फ़ने लगी। मैंने अपनी जीभ की नोक उसकी चूत के छेद मे डाली और अन्दर तक ले गया। वो तड़फ़ती रही। मैं जोर जोर से चूत रगड़ने लगा। उसकी सिसकियां चीखों मे बदल गई।

मैंने उसे उल्टा किया। पीछे का नज़ारा और भी मज़ेदार था। पतली कमर के नीचे सुंदर सी गोल गान्ड्। मैंने उसकी चूत से बहुत सारा रस निकाला और उसकी गान्ड मे मल दिया। गान्ड चिकनी हो गई और चमकने लगी। मैं धीरे धीरे उसकी गान्ड की मसाज करने लगा। कभी मेरी उन्गलियां उसकी गान्ड मे तो कभी उसकी चूत में।

चूत का रस था कि निकला ही जा रहा था और मैं उसी के रस से उसके सारे शरीर की मालिश कर रहा था। उसे बड़ा ही आनन्द आ रहा था। मैं उसकी गांड मे अपनी बीच की उंगली घुसाने लगा। दो तीन मिनट में पूरी उन्गली अन्दर घुस गई और मैं बड़े आराम से अपनी उंगली से उसकी गांड की चुदाई करने लगा।

उसकी सिसकारी बद नही हो रही थी। गांड मे उंगली का मज़ा शायद वो पहली बार ले रही थी। आखिर उससे रहा नही गया और वो बोली… अपना लन्ड डाल दो मेरी गांड मे… पेल दो… खूब जोर जोर से… रुको नही एक भी पल्…

मैं तुरन्त पीछे से उसके उपर चढ गया। उसकी कमर के नीचे हाथ डाल कर थोड़ा उपर उठाया। उसकी गांड ऊँट की पीठ की तरह ऊपर हो गई। गांड का छेद साफ़ दिखाई दे रहा था। धीरे सेमैंने अपना लन्ड उसकी गांड के छेद पर रखा तो अपने आप ही अन्दर जाने लगा। मैंने बस थोड़ी ही मेहनत की और हल्का सा धक्का दिया, लन्ड गांड के अन्दर यूं गया जैसे सांप बिल मे फ़ुर्र से घुस जाता है। मुझे अपना सपना याद आ गया जिसमे मैंने लाख कोशिश की थी गांड मे लन्ड घुसाने की, मगर सफ़ल ना हो सका था। वो हल्के से चीखी भी… मगर फ़िर चुप हो गई। मैं अपना लन्ड उसकी गांड मे अन्दर बाहर करने लगा। वो सी सी की आवाज़ निकालने लगी। फ़िर ये आवाज कुछ ऊँची हो गई। मेरी नस नस को मज़ा मिल रहा था और शायद उसे भी, क्योंकि वि भी हाय्… उफ़्… मर गई कहती जा रही थी।

मक्खन की तरह कोमल गांड मे मेरा लोहे का सा लन्ड अन्दर बाहर हो रहा था। जब वो अपनी गांड के दोनों पाटों से दबाती तो मैं अन्दर बाहर नही कर पाता। जब वो अपनी पकड़ ढीली कर देती तो मैं तुरन्त अपने लन्ड को उसकी गांड से बाहर निकालता और फ़िर फ़चाक से अन्दर डाल देता। ये खेल उसे बहुत अच्छा लग रहा था। वो अपनी गांड उचका उचका कर मेरी हिम्मत बढा रही थी

यह खेल 10 -15 मिनट ही चला। तब मेरे लन्द ने अपना सारा रस उसकी गांड मे उतार दिया। पूरा रस निकलने तक मैं उसकी गांड मे धक्के मारता रहा। जब अन्तिम बूंद भी निकल गई तो मैंने अपना लन्ड उसकी गांड से बाहर निकाला, जो उस वक्त भी लाल लाल और तमतमाया हुआ था।

वो सीधे लेट कर जोर जोर से सांस लेने लगी। यही मेरी हालत थी। कुछ देर हम यूं ही पड़े रहे। अचानक दरवाजे की घंटी बजी। सोना नंगी ही बाथरूम भागी। मैंने जल्दी से कपड़े पहने, बलों को सीधा किया और दरवाजा खोला। दरवाजे पर रूम बोय कम वेटर खड़ा था।

क्या बात है? मैंने पूछा।

साहब, कुछ नाश्ता वाश्ता…॥

यार कुछ चाहिये होगा तो इन्टरकोम से बोल देन्गे।

सोरी सर ! मगर आपकी तरफ़ से कोइ मैसेज नही आया तो मैंनेजर ने भेजा कि… शायद आपको कुछ चाहिये हो ?

मैंने घड़ी देखी… शाम के 5 बज रहे थे. मुझे हैरानी हुई कि इतनी जल्दी 5 कैसे बज गये। खैर मैंने उसे बीयर और चिकन पकौड़ा लाने को कहा। वो आधे घंटे बाद नाश्ता लाया। तब तक हमने इन्तजार करना ही मुनासिब समझा।

भरपेट नाश्ता करने के बाद मैंने वेटर से खाली डिशेज ले जाने को कहा और उसके जाते ही मैंने फ़िर दरवाजा बंद कर लिया।सोना भी उसी इन्तजार मे थी। उसने फ़टाफ़ट कपड़े उतारे और मैंने भी।

एक बार फ़िर उसने मेरे लन्ड को अपने भीगे मुंह मे ले लिया। बीयर और पकौड़े से तरबतर जीभ ने मेरे लन्ड मे आग सी लगा दी।

वो अपनी जीभ से मेरे लन्ड को सराबोर करने लगी। छह इन्च के लन्ड का यही फ़ायदा है कि वो किसी से भी मुंह मे पूरी तरह समा जाता है। अपने मुंह के अन्तिम सिरे तक वो मेरे लन्ड को लीलती रही और बाहर निकालती रही। मेरे लन्ड को यह वरदान पहले नही मिला था। वैसे तो तीन चार लड़कियों ने सकिन्ग की थी मेरी… पर आज जो अनुभव मिल रहा था वो किसी अनुभवी नारी का ही काम था। लड़कियों ने तो मेरे लन्द को ऐसे चूसा था जैसे लोलीपोप चूस कर फ़ेंक देती हैं। उन्हें तो पानी निकालना भी नही आता था। कई बार उन्होने अपने हाथों से ही मेरे लन्ड को तृप्ति दी थी।
सोना अपने हलक तक मेरा लन्ड ले रही थी।

मैंने उसे दोबारा उल्टा लिटाया और कमर के नीचे से हाथ डाल कर घोड़ी बनने पर मजबूर किया। मैंने उसे ऐसे ऐडजस्ट किया कि चूत बिल्कुल सीध मे आ जाये। उसकी टांगो को और फ़ैलाया। गुलाबी चूत दिखाई देने लगी हल्की हल्की झांटे चूत के आस पास ऐसे खड़ी थी जैसे किसी खजाने की रखवाली के लिये सुरक्षा कर्मी खड़े हों। घुटनों के बल खड़े हो कर उसकी गोरी जांघों पर हाथ फ़ेर कर मैंने उसकी चूत मे अपने लन्द को लगाया और धक्का दिया। आशा के विपरीत मेरा लन्ड उसकी चूत मे फ़ंसने लगा। चूत काफ़ी टाईट थी। ये सोच कर मुझे बहुत मज़ा आया। मैं धीरे धीरे धक्के मार कर अपने लन्ड को उसकी चूत मे पूरी तरह घुसाने की कोशिश करने लगा। इसके लिये मुझे उसकी कमर को पकड़ कर आगे पीछे भी करना पड़ा। थोड़ी कोशिश मे ही मेर लोड़ा टाईट चूत मे अन्दर बाहर होने लगा। दोगी स्टाईल मेरा फ़ेवरेट आसन है। इसमे जो मज़ा आता है वो करने वाले को ही मालूम है। तना हुआ लन्ड चिकनी चूत मे जा रहा था, आ रहा था। चूत के अन्दर की नर्म हडडी मेरे लन्ड के निचले भाग की मालिश कर रही थी। मेरे मुंह से लगातार आह आह की आवाजें आ रही थी। सोना का भी यही हाल था। मैं उसकी गांड को पकड़ कर आगे पीछे कर रहा था। लन्ड को ऐसी सेवा कभी कभी ही मिलती है… और शायद चूत को भी।

अब मैंने वैसे ही उसे डोगी स्टाईल में थामा। उसकी गान्ड को मजबूती से पकड़ कर मैं धीरे से पीठ के बल लेट गया। लन्ड उसकी चूत में ही था। वो मेरा लन्ड लिये उसी तरह धीरे से मेरी जांघों पर बैठ गई। उसने अपनी दोनों टांगें मेरी जांघों के आसपास रख दीं और सम्भल कर बैठ गई। अपने आप को एडजस्ट किया और फ़िर उपर नीचे होने लगी। मेरा लन्ड उसकी चूत में जाकर बाहर निकल रहा था। वो बराबर उपर नीचे हो रही थी। उसका स्टेमिना अच्छा था। यह आसन उसके लिये शायद काफ़ी मज़ेदार साबित हुआ। उसकी चूत से धड़ाधड़ पानी निकलने लगा और मेरी जांघों और लन्ड को तर करने लगा। उसने अपनी रफ़्तार बढा दी। अब वो चीखने लगी थी।

चकाचक धकाधक छकाछक्… लन्ड चूत के अन्दर बाहर हो रहा था और वो उसी गति से चीख रही थी। अचानक वो धम्म से मेरी लांघों पे बैठ गई और उसके मुंह से बड़ी जोर से आ…ह निकला। वो पूरी तरह झड़ चुकी थी मगर मैं बाकी था।

उसने अपनी चूत से मेरे लन्ड को निकालने की कोशिश की, मगर मैंने ऐसा नही होने दिया। मैंने मजबूती से उसकी गान्ड को पकड़ा और आगे पीछे करके उसे हिलाने लगा। मेरा लन्ड उसकी चूत में ही था। मुझे उसका सहयोग नहीं मिल रहा था। इसलिये मेरा लन्ड उसकी चूत से बाहर आ गया और वो झट से बेड पे उलटी लेट गई। मेरा पानी निकलना अभी बाकी था। मैं भला उसे ऐसे कैसे छोड़ देता।

मैं फ़ौरन पीछे से उसके उपर चढ गया। पहले तो वो कसमसाई, मगर फ़िर ढीली पड़ गई। मैंने अपने तने हुए चिकने लन्ड को उसकी गान्ड में उतारना चाहा। इसके लिये मुझे उसकी गान्ड को ऊपर उठाना था, मगर वो उठने के लिये राज़ी नहीं हो रही थी। मैं उसकी मजबूरी समझ रहा था। आखिर मैंने दोनों तकिये उठाये और उसके पेट के नीचेए रख दिये। इससे उसकी गान्ड कुछ ऊपर हो गई।

मैंने उसकी गान्ड के दोनों पाटों को अपने अंगूठों से हटाया तो भूरे रंग का छेद नज़र आने लगा।

बस यही थी मेरी- मेरी लन्ड की मन्जिल्…॥

अपने तमतमाए लन्ड को मैंने उसकी गान्ड के संकरे छेद पर रखा। अंगूठे से दोनों फ़ांकों को फ़ैलाए रखा, ताकि छेद छुप ना जाये।
लन्ड बिल्कुल गान्द के छेद पर था। गीला और चिकना तो वो था ही। धीरे से थोड़ा सा लन्ड अन्दर को किया। हल्के हल्के धक्के मार के मैंने अपना पूरा का पूरा लन्ड उसकी गान्ड में उतार ही दिया। पूरा लन्ड कभी कभी ही गान्ड में समाता है, वरना आधे लन्ड की चुदाई से ही काम चलाना पड़ता है। उसे तकलीफ़ जरूर हुई पर उसने प्रोटेस्ट नहीं किया। बीस पच्चीस धक्कों से ही मेरा काम बन गया। उसकी पूरी गान्ड मार कर मैं निहाल हो गया। सारा बचा खुचा पानी निकल गया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया।

रात को लगभग दस बजे घर आकर मैंने हिसाब लगाया तो पता चला कि पांच हज़ार खर्च हो गये हैं। ये पैसे मैंनें अपने जेब खर्च से बचा कर रखे थे।

सोना से दोबारा मिलने का वादा तो कर लिया था, पर दोबारा पांच हज़ार जमा करने के लिये मुझे क्य क्य पापड़ बेलने पड़ेंगे, वो मुझे ही मालूम है… सोना को नहीं Hindi Porn Stories

(Pyas Bujhti Nahi) Hindi sex stories

Hindi sex stories के पाठकों को मेरा नस्कार। कैसे हैं आप लोग?
मुझे आप लोगों के बहुत सारे मेल मिले जिनमें मेरी कहानियों की तरीफ़ थी। मैं आप सबका खुले दिल और खुली चूत के साथ शुक्रिया अदा करती हूँ। आप सबको पता होना चाहीये कि आज मैंने अपनी चूत के बाल साफ़ किये है और अब फ़िर से मेरी चूत तनतना गई है किसी कोरी कमसिन लड़की की तरह।

हाँ तो दोस्तो, अब मैं अपनी कहानी शुरु करती हूँ जिसमें एक बार फ़िर से अब्बु और भैया ने मुझे चोदा।

उस दिन हुआ यह था कि मैं बहुत चुदासी थी और अम्मी नानी के घर गई हुई थी। यह तो आप लोग जानते ही है कि मेरी पहली चुदाई भी अब्बु ने ही की थी और फ़िर अम्मी ने भैया से भी चुदवाया था और अब वो लोग अकसर मुझे चोदा करते थे।

मगर इधर बहुत दिन से अब्बु अम्मी की फ़ैली हुई चूत में मस्त थे और भैया ने कोई दूसरी गर्ल फ़्रेन्ड फ़ंसा ली थी और मुझ पर ध्यान देना छोड़ ही दिया था।तब आखिर अम्मी के बाहर जाते ही मैंने सबसे पहले अपनी झांटे बनाई और रात को अब्बु के कमरे में गई।

अब्बु कोई मूवी देख रहे थे और मुझे देख कर बोले- बेटी, क्या हुआ आज बहुत दिन बाद अब्बा की याद आई?

तब मैंने कहा- आप तो अम्मी जान की चूत में ही फ़ंसे रहते हैं अब आपको मेरा ज़रा भी खयाल नहीं ! आपने मुझे कितने दिनों से नहीं चोदा है।

तब अब्बु ने दुलार जताते हुए कहा- ऊऊओह्ह ह्ह मेरी प्यारी रानी बेटी आजा, आज तुझे फिर से चोदता हूँ !

और यह कह कर उन्होंने डीवीडी बदल दी।

अब उसमें एक ब्ल्यू फ़िल्म चलने लगी। जिसमें एक छोटी सी लड़की को पाँच आदमी चोद रहे थे। जिसे देख कर मेरी आँखें बाहर आ गई और मैंने अब्बु से कहा- अब्बा यह बच्ची इन पांचों को एक साथ झेल रही है और उसको कितना मज़ा आ रहा है जबकि इसकी उम्र भी अभी ज्यादा नहीं होगी।

तब अब्बु बोले- मेरी बच्ची, ये साले अंग्रेज लोग ऐसे ही होते हैं। साली इतनी सी है और तुम खुद ही देखो कि कैसे मज़े ले लेकर पांच पांच लण्डों का मज़ा एक साथ ले रही है। जबकि इसमें एक इसका बाप और एक भैया के अलावा तीन बाहर वाले हैं।

अब ये सब देख कर भला मेरी चूत में खाज़ क्यूं नहीं उठेगी।

तब मैंने अब्बु से कहा- अब्बु, मैं तो आप और भैया से ही चुदवाकर पनाह मांग लेती हूँ।
अब्बु ने कहा- जा बगल के कमरे से इसलाम को बुला ला। साला लण्ड हाथ में पकड़े सो रहा होगा।

तब मैं भैया के कमरे की तरफ़ बढी और देखा तो सच में वो अपने लण्ड को हाथ में लेकर सड़का मार रहा था।

मैं जल्दी से बढ़ते हुए बोली- हाय भैया, क्या गज़ब कर रहे हो। भला घर में इतनी खूबसूरत बहन होते हुए तुम्हें यह सब करना पड़े तो लानत है मेरी जवानी पर !

और मैंने झट से उनका लण्ड अपने कोमल हाथ में ले लिया, बड़े प्यार से सहलाने लगी और जल्दी जल्दी हाथ आगे पीछे करने लगी और फ़िर झट से मुँह में लेकर चूसने लगी और तब भैया का लण्ड पूरी औकात में आ गया और वो मेरे बालों को पकड़ते हुए जोर जोर से धक्का मारने लगे और फ़िर जल्दी ही उनका पानी मेरे मुँह में गिरा जिसे मैं चपर चपर करते हुए चाट गई और भैया से बोली- चलो अब्बु बुला रहे हैं, आज फ़िर से तुम दोनों मुझे चोदकर मज़ा दो।

और भैया का लण्ड पकड़ कर अब्बु के कमरे में ले आई और भैया को देखते ही अब्बु बोले- मैंने कहा था साला मुठ मार रहा होगा।

तब मैंने कहा- अब्बु, आप बहुत तजुरबेदार हैं, सच में भैया सड़का मार रहे थे।

और फ़िर मैंने अब्बु का लण्ड अपने मुँह में ले लिया और भैया पीछे से मेरी गाण्ड पर अपना लण्ड रगड़ते हुए अन्दर डालने की कोशिश करने लगे।

तब मैंने कहा- अब्बु जी, मैं भी ब्ल्यू फ़िल्म वाली लड़की की तरह पांच जनों से एक साथ ही चुदाना चाहती हूँ।
अब्बा ने कहा- बेटी, तू नहीं झेल पायेगी एक साथ पांच पांच को।

मगर मैं तो पूरी तरह से चुदासी हो ही चुकी थी, मैंने कहा- कान खोल के सुन लो आप दोनो को मुझे पांच जन से एक साथ चुदाना है तो चुदाना है। अगर कल आप लोग ने मुझे पांच जन से नहीं चुदवाया तो बहुत बुरा होगा।

तब अब्बु ने कहा- अच्छा अच्छा मेरी रानी बेटी, मैं तो तेरे भले के लिये ही कह रहा था। अगर तेरी चूत फ़ट गई तो परेशानी तो हमीं लोगो को होगी। मगर जब तू नहीं मान रही तो मेरे बला से। अब चल आज तो हम दोनों से चुदवा ले !

यह कह कर उन्होंने फ़िर से अपना मूसल जैसा लण्ड मेरे मुँह में जोरदार धक्के के साथ अन्दर धकेल दिया और तभी भैया ने पीछे से मेरी गाण्ड फ़ैलाकर इतनी जोर से धक्का मारा कि मुझे नानी याद आ गई ऊऊउईई माआआ मर गई आआह्हहह भैया जरा धीरे से धक्का मारो तू तो नानी याद दिला रहा है।

तब अब्बु ने कहा- बेटी, चाहे जिसका नाम ले पर नानी का नाम ना ले।
तब मैंने कहा- क्यूं?
तब अब्बु बोले- तेरी नानी की चूत मैंने मारी थी और कई साल तक मैं उसकी चूत चोदता रहा था।

तब मेरे साथ साथ भैया का मुँह भी खुला रह गया, तब भैया ने कहा- अब्बु, क्या आपने नानी को चोदा है?

अब्बु ने कहा- हां यार, साली मेरी सास बहुत मस्तानी थी। तुझे तो पता ही है कि तेरी अम्मी की कम उमर में शादी हुई थी। जब मेरी शादी हुई थी मैं 19 साल का था और तेरी अम्मी 18 साल की थी और मेरी सास सिर्फ़ 34 साल की थी। मगर मेरे ससुर की उमर करीब 42 साल थी, वो तुम्हारी नानी को खुश भी नहीं कर पाता था। जाने भी दो इन बातों को, अभी तो फ़िलहाल चुदाई का मज़ा लो। उसकी चुदाई के बारे में फ़िर कभी बताऊँगा।

और तब भैया पीछे से मेरी गाण्ड मार रहे थे और अब्बु आगे से मेरे मुँह में अपने लण्ड को धक्के लगा रहे थे।

अब मुझे भी मस्ती आने लगी और मैं अपने मुँह और गाण्ड को आगे पीछे करते हुए धक्के लगाने लगी थी और तब भैया झड़ गये थे। मगर अब्बु जी अभी भी नहीं झड़े थे और उन्होंने मुझे बेड पर खड़ा होने को कहा।

मैं खड़ी हो गई और तब अब्बु ने मेरे दोनों पैर अपने कन्धे के दायें बायें किए और मेरी चूत को मुँह में भर कर चूसने लगे। मैं बुरी तरह तप रही थी और अपने अब्बु का मुँह जोर जोर से अपनी चूत पर दबाने लगी। तब ही अब्बु खड़े होने की कोशिश करने लगे और मेरा बैलेन्स बिगड़ने लग।

तब मैंने घबरा कर कहा- आआअह्हह अब्बु क्या कर रहे है मैं गिर जाऊँगी !

मगर अब्बु नहीं माने और वो मुझे अपने कंधे पर बैठा कर खड़े हो गये। अब मैं अपनी दोनों टांगें उनकी गरदन में कस कर लपेटे हुए थी और अपनी चूत को उनके मुँह से दबाते हुए उनके सिर को भी जोर जोर से दबा रही थी और भैया आंख फ़ाड़े हुए अब्बु के इस पोज़ को देख रहा था और कसम से मज़ा तो हमें भी बहुत आ रहा था।

इस तरह से कोई पहली बार मेरी चूत चाट रहा था और थोड़ी देर बाद ही मैं ऊऊओहह्ह ऊओह्ह आह्हह आआअह्ह करते हुए झड़ गई और अब्बु का रस भी नीचे से पिचकारी की तरह बहने लगा और तब अब्बु मुझे नीचे उतारते हुए बेड पर लेटकर तुरंत अपने झड़े हुए लण्ड को मेरी दोनों चूचियों के बीच में रगड़ने लगे और मैं उनके नोक की तरह लण्ड की टोपी को मुँह में लेने की कोशिश कर रही थी। पर अब्बु जल्दी जल्दी आगे पीछे कर रहे थे।

तब मैंने कहा- अब्बु, अपना लण्ड मेरे मुँह में दीजिये। आपका सारा माल बेकार ही जाया हो रहा है।

तब अब्बु ने अपने लण्ड को दोनों चूची के बीच से हटा कर मेरे मुँह में डाल दिया और मेरी चूची दबाने लगे और इस तरह से उनके लण्ड से थोड़ा सा रस और निकला, जिसे मैं चाट गई और फ़िर अब्बु ने अपना लण्ड मेरी गाण्ड में ठूंस दिया और उस दिन अब्बु और भैया दोनो ने मेरी गाण्ड ही मारी थी। मेरी बुर के साथ कोई हरकत नहीं की थी और फ़िर रात को दुबारा भी उन लोगों ने मेरी गाण्ड एक एक बार और मारी अब मेरी गाण्ड फ़ड़फ़ड़ा रही थी।

सुबह अब्बु ने कहा- क्यों रानी बेटी, क्या खयाल है? क्या अब भी पांच जन से चुदवाओगी?
मैंने गुस्से से कहा- साला बेटीचोद भोसड़ी वाले, कहा ना चुदवाना है तो चुदवाना है।
तब अब्बु मुस्कुरा कर बोले- कोई बात नहीं, आज रात तैयार रहना, आज पांच लोगों को लेकर आऊँगा !

और फ़िर मुझे अब्बु से नानी की चुदाई की बात भी जाननी थी। आज रात मुझे पांच जन से एक साथ चुदाई का मज़ा आने वाला है मगर मुझे अफ़सोस है कि अन्तर्वासना बहुत सी पाठिकाओं को शायद आज भी कोई लण्ड नसीब नहीं हुआ होगा और उन्हें मोमबत्ती से काम चलाना पड़ता होगा क्योंकि हर लड़की मेरी तरह बाप और भैया से नहीं चुदवा सकती।

खैर मैं पांच जन की Hindi sex stories आज रात चुदाने के बाद अगली बार आप सबको बताऊँगी। तब तक सभी लड़कियाँ मोमबत्ती और लड़के जो भी चीज़ उनको आसान लगे उससे काम चला लेवें।

Antarvasna

हम नए नए इस घर में आए थे. इस Antarvasna कालोनी में मेरा कोई दोस्त नहीं था. स्कूल से आने के बाद मैं अकेला बैठ कर बोर होता रहता था. पापा सिर्फ सप्ताहाँत पर घर आते थे और मम्मी शाम 6 बजे तक.

कुछ ही दिनों में मम्मी ने काम करने के लिए एक नौकरानी रख लिया था जो कि पास ही के झुग्गी इलाके की थी. देखने में वो कुछ खास नहीं थी पर बहुत ही सेक्सी थी. उसे देख कर अच्छे अच्छे का दिल डोल सकता था तो फिर मैं कौन था. वो हमेशा ढीले-ढाले कपड़े पहन कर आती थी और जब झुक कर कोई काम करती थी तो मेरा लंड तड़प कर रह जाता था.

मैंने उसे पटाने की ठानी. मेरे स्कूल से आने के थोड़ी देर बाद ही वो आ जाती थी. अब मैं उस पर खास मेहरबान रहता था. मैं हमेशा उससे बात करने की कोशिश करता रहता था. जब भी मेरी और उसकी नज़रें मिलती, मैं मुस्कुरा देता था. धीरे धीरे वो मुझसे खुल कर बातें करने लगी.

एक दिन मैं बैठा टीवी देख रहा था. तभी वो काम ख़त्म करके मेरे पास आई और बोली- देखो तनु, मैं जा रही हूँ.
मैंने कहा- अभी तो मम्मी आई भी नहीं हैं, थोड़ी देर बैठो और टीवी देखो.

वो वहीं बैठ गई और टीवी देखने लगी. वो बहुत महीन कपड़े पहने हुए थी और गौर से देखने पर उसकी चूचियाँ दिखाई पर रही थी. मेरा लंड पैंट के अन्दर ही कसमसाने लगा. मैंने अपने पैर फैला दिए और इस तरह कर दिया जिससे मेरे पैर उसके पैरों को छूने लगें.

तभी बिजली चली गई, मैंने कहा- चलो शबनम, बालकोनी में से सड़क पर देखते हैं.

फिर हम दोनों उठ कर बालकोनी में आ गए. वो रेलिंग पर हाथ रख कर खड़ी थी. मैंने भी अपना हाथ हौले से उसके हाथ पर रखा और बगल में खड़ा हो गया. मेरा दिल बड़े जोर से धड़क रहा था लेकिन उसने कुछ नहीं कहा.

मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने हल्के से उसके हाथ को दबाना शुरू किया, उसने एक बार मेरी तरफ देखा और मैं मुस्कुरा दिया. इस पर उसने अपनी आँखें नीची कर ली. मैं समझ गया कि वो भी तैयार है.

मैं अब उससे सट कर खड़ा हो गया और अपना हाथ उसके कूल्हे पर रख दिया. दूर से देखने पर ऐसा लग रहा था कि जैसे हम सड़क पर कुछ देख रहे हैं. मैंने अपना हाथ धीरे से उसके कमीज़ के भीतर डाल दिया और उसकी चिकनी पीठ सहलाने लगा.

वो धीरे से बोली- तनु, अन्दर चलो यहाँ कोई देख लेगा.

हम अन्दर आ गये और एक सोफे पर बैठ गए. मैंने एक हाथ से उसके सर को पकड़ा और अपने होंठ उसके होंटों पर रख दिए और चूसने लगा. कसम से उसके होंठ इतने रसीले थे कि जैसे कोई लॉलीपोप.

शबनम ने अपनी आँखों को बंद कर लिया था. लगभग दस मिनट तक मैं उसके होंटों को चूसता रहा. फिर मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिया. अब वो बिल्कुल नंगी थी और आँखें नीचे किये खड़ी थी. उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को देख मैं पागल हुआ जा रहा था. मैंने पहली बार किसी की नंगी चूचियाँ देखी थी. मैं किसी बच्चे की तरह उसकी चुचियों को चूसने लगा था. कभी मसल रहा था और शबनम अपनी होंठों को दांतों से दबाये सिसकारी ले रही थी.

मैंने उसे सोफे पे लिटाया और अपने कपड़े भी उतार दिए. मेरा लंड बिल्कुल खड़ा हो चुका था. मैंने उसके पैरों को थोड़ा फैलाया और लंड के अगले मोटे भाग को उसकी झांट से भरी चूत पर रख कर एक जोर का धक्का दिया. मेरा लंड आधे तक अन्दर घुस गया.

शबनम के मुंह से एक दबी दबी सी सिसकारी निकली और उसने सोफे को कस कर पकड़ लिया. मैंने लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया और एक जोरदार धक्का फिर दिया और शबनम के मुंह से चीख सी निकल गई. मैं अब तेजी से धक्के लगा रहा था और शबनम भी चूतड़ उछाल उछाल कर मेरा साथ दे रही थी और उसके मुंह से लगातार ओह… ओह… आ अ अ अ… इईईई… की आवाज़ें आ रही थी.

मैंने उसे करीब दस मिनट तक चोदा और फिर उसकी चूत में ही झड़ गया. उसकी चूत से भी काफी पानी निकला. थोड़ी देर तक हम यूँ ही चूत में लंड डाल कर पड़े रहे. फिर उठ कर हम साथ साथ बाथरूम गए. बाथरूम से आने के बाद हमने अपने कपड़े पहने और फिर शबनम अपने घर चली गई और मैं अपने पहले सेक्स सम्बन्ध के बारे में सोच सोच कर रोमांचित हो रहा था.

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी… अगली कहानी के लिए इन्तज़ार कीजिये. Antarvasna

हेल्लो दोस्तो! Hindi Sex Stories

मेरा नाम सुरेश है और मैं बहादुरगढ़ Hindi Sex Stories में रहता हूँ। मैंने अब तक की अंतर्वासना की सारी कहानियाँ पढ़ी हैं। आज मैं भी पहली बार आप सब को अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। हमारे सामने वाले घर में एक परिवार रहता है, पति पत्नी और उनके 3 बच्चे।
सॉरी दोस्तो! मैं अपने बारे में तो बताना भूल ही गया।

मैं 27 साल का 6 फ़ीट लंबा और ठीकठाक दिखने वाला लड़का हूं और मेरा लण्ड 9″ लंबा और 3″ मोटा है।

घर के सामने वाली आंटी का नाम रिया है। वैसे वो ज्यादा उमर की नहीं है, 37 या 38 की है। दिखने में वो थोड़ी मोटी है। उनका फिगर 38-38-40 है। मैं अक्सर उनके घर जाने के बहाने ढूंढता रहता हूं. क्योंकि मैं आंटी को बहुत पसंद करता हूँ।

उन के पति का प्रोपर्टी का काम करते हैं और वो ज्यादातर घर पे लेट आते हैं, हमेशा नशे में रहते हैं और कई बार तो आंटी की पिटाई भी करते हैं। जब वो आंटी को मारते हैं तो मेरा दिल करता है कि मैं उनकी जम के पिटाई करूँ।

एक दिन अंकल ने आंटी की जम के पिटाई की। अगले दिन जब अंकल घर से चले गए तो मैं उन के घर गया। आंटी लेटी हुई थी। वो हमेशा सलवार-कमीज़ पहनती हैं। जब मैं वह पहुँचा तो उनकी आँखे बंद थी और उन का कमीज़ उनके पेट के उपर तक उठा हुआ था। मैं वहाँ खड़ा थोड़ी देर तक उनको देखता रहा। थोड़ी देर बाद जब वो थोड़ा हिली तो मुझे उनकी कमर पर कुछ निशान दिखे। तब तक आंटी ने भी मुझे देख लिया था कि मैं उनको घूर रहा हूँ। उन्होंने झट से अपना कमीज़ नीचे कर लिया और पूछा- तुम कब आए?

मैंने कहा- बस थोडी देर हुई है, आप सो रही थी तो मैंने आप को उठाया नहीं, क्योंकि मैंने कल रात भी आप के घर से झगड़े की आवाजें सुनी थी।

यह बात सुन कर आंटी ने अपना सर नीचे कर लिया। फ़िर मैंने कहा- मैंने अभी आप की पीठ पर कुछ निशान देखे हैं।
तो वो खड़ी हो गई और बोली- कुछ नहीं है, वो तो बचपन से ही हैं।
तो मैंने पूछा- कैसे लगे थे?

तो वो थोड़ा सोचने लगी।
तभी मैं बोला- ये बचपन के नहीं, कल रात के हैं।
उन्होंने फ़िर से कहा- नहीं बचपन के हैं!
मैंने कहा- दिखाओ, मैं देखना चाहता हूँ कि कब के हैं!

तो वो मना करने लगी, मैंने जबरदस्ती उनको पकड़ कर दूसरी तरफ़ घुमा दिया और उनका कमीज़ ऊपर उठाने लगा, वो मना करने लगी पर मैं कहा मानने वाला था बिना देखे!!

जब मैंने देखा तो अंकल ने उन्हें अपनी बैल्ट से मारा था।
मैंने पूछा- ये बैल्ट के हैं?

तो वो रोने लगी और मेरे गले लग गई। मुझे आंटी पर दया आ रही थी और अच्छा भी लग रहा था कि जिसे मैं इतने दिनों से अपनी बाहों में लेना चाहता था वो आज मेरी बाहों में थी चाहे किसी भी कारण से!

फ़िर मैंने आंटी को सोफे पर बिठाया और पूछा- यह क्यों हुआ?

तो वो और ज्यादा रोने लगी। मैं उनके पास बैठ गया और उनके चेहरे को पकड़ कर पूछने लगा तो वो बोली- क्या बताऊँ, यह तो रोज का काम है!
मैंने पूछा- बात क्या है?
तो वो बोली- मैं यह बात तुम्हें कैसे बताऊँ?
तो मैंने कहा- आप मेरे ऊपर विश्वास कर सकती हो!

तो वो बोली- मैं तुम पे विश्वास करती हूँ पर कैसे बताऊँ! मैंने ज्यादा जोर दिया तो वो बताने के लिए तैयार हो गई। वो कहने लगी- तेरे अंकल हर रोज रात को लेट आते हैं, नशे में होते है और वो रात में मेरी चुदाई करते हैं और जल्दी ही झड़ जाते है। जब मैं उन को यह कहती हूँ कि इतनी जल्दी हो गया तो मेरी पिटाई करते हैं। न तो वो मेरा पूरा करवाते हैं और ऊपर से पिटाई भी करते हैं। अब तुम ही बताओ मैं क्या करूँ?

और वो फ़िर से रोने लगी। मैंने उन को गले से लगा लिया और कहा- आंटी अगर आप गुस्सा न करें तो इस काम में मैं आप की मदद कर सकता हूँ!

वो मेरे सीने से लगी लगी पूछने लगी- किस काम में?
तो मैंने कहा- जो अंकल नहीं कर पाते! फ़िर आप की पिटाई भी नहीं होगी!
आंटी ने मेरे गले से लगे लगे ही कहा- तुम तो मेरे से बहुत छोटे हो!

मैंने कहा- तो क्या हुआ! मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ। आंटी की पकड़ धीरे धीरे टाइट होती जा रही थी। मैंने भी आंटी की कमर पे हाथ घुमाना शुरु कर दिया था, उनको भी मजा आने लगा था, मेरी लाइन साफ़ थी। मैंने आंटी के चेहरे को हाथों में पकड़ लिया, आंटी ने आँखे बंद कर ली थी, मैंने अपने होंठ उनके मुलायम होठों पर रख दिए। आंटी ने मुझे कस के पकड़ लिया और मेरी किस का पूरा जवाब देने लगी।

मैं आंटी के कूल्हों को पकड़ कर दबाने लगा। फ़िर आंटी को सोफे पे लिटा कर उनके ऊपर लेट गया और उनके दोनों स्तनों को दबाने लगा। आंटी पूरी तरह मस्त हो गई थी। मैं आंटी को 20 मिनिट तक किस करता रहा। उसके बाद आंटी ने कहा- मैं दरवाजा बंद करके आती हूँ, कोई आ गया तो?

आंटी दरवाजा बंद कर के जैसे ही वापस आई, मैं एक बार फ़िर से उन पे टूट पड़ा और उनके सारे कपड़े निकाल दिए। उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े निकाल दिए। आंटी मेरे लण्ड को देख कर एकदम बोली- इतना बड़ा लण्ड!!

मैंने कहा- आंटी! ज्यादा बड़ा थोड़े ही है! सारा का सारा तुम्हारी चूत में आ जाएगा!!
तो वो बोली- आराम से करना! नहीं तो मैं मर जांऊगी, बहुत दर्द होगा।

हम दोनों बेड पर लेट गए और फ़िर से किस करने लगे। आंटी मेरे हथियार से खेल रही थी ओर मैं अपनी ऊँगली से उनको चोद रहा था और एक हाथ से उनकी चूची दबा रहा था और किस कर रहा था। आंटी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी। अब मैं उनकी चूची चूस रहा था और वो जोर जोर से मेरा लण्ड हिला रही थी। थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरा लण्ड मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

5 मिनट लण्ड चूसने के बाद वो बोली- बस अब नहीं रहा जाता, जल्दी से अंदर डाल दो!

तो मैं उन की टांगो के बीच में आ गया और उन के उपर लेट गया और किस करने लगा। तो आंटी ने अपने पैरों से मेरी कमर को जकड़ लिया और मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में डाल लिया। मैंने एक जोर को धक्का दिया और आधे से ज्यादा लण्ड उनकी चूत में घुस गया और उन के मुँह से आह निकल गई।

वो बोली- थोड़ा धीरे!
पर मैं कहा सुनने वाला था, मैंने एक और धक्का मारा और पूरा लण्ड आंटी की चूत में चला गया। उन्होंने मुझे जोर से पकड़ लिया.और कहा कि थोड़ा रुक जाओ।

मैंने उनकी एक न सुनी और धक्के पे धक्के मारने लगा। थोड़ी देर बाद वो भी चुदाई का पूरा आनंद लेने लगी।
थोड़ी देर बाद वो बोली- जल्दी जल्दी करो! मैं झड़ने वाली हूँ!

तो मैंने अपने स्पीड बढ़ा दी और आंटी झड़ गई। वो बहुत खुश लग रही थी। फ़िर मैंने अपना लण्ड निकाल लिया और आंटी को कुतिया वाले स्टाइल में आने को कहा, तो वो बेड के किनारे पे झुक गई कुतिया की तरह।

अब मैं आंटी के पीछे से डाल रहा था और वो भी आगे पीछे हो रही थी। मैंने अपनी ऊँगली उनकी गांड में डाल दी तो वो बोली- यहाँ कुछ नहीं करना!

लगभग 15 मिनट बाद मैंने आंटी की चूत में अंदर तक डाल कर अपना सारा माल उनकी चूत में डाल दिया। उस दौरान आंटी भी दो बार झड़ चुकी थी। मैं आंटी को वैसे ही उलटी लेटा कर उन के उपर लेट गया बिना अपना लण्ड निकाले। मैं 15 मिनट तक आंटी के ऊपर लेटा रहा। फ़िर मुझे लगा कि मेरा हथियार फ़िर से खड़ा हो रहा है।

मैं आंटी के उपर से उठा तो वो मेरे लण्ड को देख के बोली- यह तो फ़िर से तयार हो रहा है! आज के लिए इतना ही बस, बाकी कल!

मैंने कहा- बस एक बार और!

पहले तो आँटी मना करती रही फ़िर वो मान गई। फ़िर हमने मजे किए। मैंने आंटी की गांड भी मारी। बाद में हमने क्या क्या किया यह मैं अगली कहानी में बताऊंगा। आपको यह कहानी कैसी लगी, जरुर बताना!
मैं कॉल बॉय टाइप लड़का बनाना चाहता हूँ। Hindi Sex Stories

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