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मैं सूरज सूरत से लिख रहा Indian Sex Stories हूँ। मैंने काफी कहानियाँ पढ़ीं हैं, और मैं अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मेरी लम्बाई 5 फीट 8 इंच है। मैं दिखने में सामान्य हूँ, पर सेक्स में बहुत तेज़ हूँ। मैं सूरत, गुजरात का रहनेवाला हूँ। अब मैं सीधा बात पर आता हूँ।
मेरी एक चाची है जिसका नाम पलक है, वह दिखने में सुन्दर है, साफ-गोरा बदन 36-28-38 की फिगर है। मैं उसे हमेशा से पसन्द करता था। मैं छुप-छुप कर उसे देखा करता था और उसे चोदने के प्लान सोचता रहता था और मेरी इच्छा 8 साल बाद पूरी हुई।
एक दिन उसका बदन बहुत दर्द कर रहा था, मैंने कहा कि लाओ मैं आपका बदन दबा देता हूँ। वह तैयार हो गई। हम लोग उनके कमरे में पहुँचे और उन को पेट के बल सुलाकर मैंने उनका बदन दबाना शुरू कर दिया। मगर वह कुछ न बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ गयी, मैं उनके कूल्हों को दबाने लगा, उनके मुँह से आह निकल गई।
उन्होंने मेरी तरफ मुड़ कर देखा पर कुछ नहीं बोली। उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था। तब मैंने उसकी कमर और पीठ दबानी शुरू कर दी और हल्के-हलके कंधों और हाथों को भी दबाने लगा। करीब पन्द्रह मिनट के बाद मैंने पीठ दबाते-दबाते बगल से उसकी चूची पर हाथ फेर दिया तो वह कुछ नहीं बोली, शायद उसे बहुत मज़ा आया। फिर मैंने उसके टॉप को थोड़ा सा ऊँचा करके उसकी नंगी पीठ को दबाना और हाथ फेरना शुरू किया।
मेरे हाथ धीरे-धीरे उसकी ब्रा को लगने लगे। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसके दोनों सफेद कबूतरों को आज़ाद कर दिया। धीरे से उसको पीठ के बल लिटाकर टॉप ऊपर कर दिया और उसके चूचकों को चूसने और दबाने लगा।
अब उससे रहा नहीं गया और उसने मेरा लण्ड पैंट के ऊपर से ही पकड़ लिया। यह हरी झण्डी पाकर मैंने धीरे से उसका नाड़ा खोल, लँहगे में हाथ डाल दिया और पैण्टी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा, उसने मेरा हाथ पकड़ कर चूत पर दबा दिया, तो मैं समझ गया कि अब यह तैयार है तो मैंने उसके सारे कपड़े एक-एक करके उतार दिए और उसके बदन को चूमना शुरू कर दिया।
जैसे ही मेरी जीभ उसकी चूत पर पहुँची, वह हिल सी गयी और ज़ोर से मेर सिर को चूत पर दबाने लगी। मैं भी बहुत शौक से चाटने लगा, क्योंकि आठ सालों के बाद प्यास बुझाने का मौका मिला था।
उसको चाटते-चाटते मैंने उसकी चूत में ऊँगली भी करनी शुरू कर दी, थोड़ी ही देर में उसने अपना पानी छोड़ दिया। अब मैं अपना 7 इंच का लण्ड उसके मुँह के पास ले गया और उसने फौरन उसे चूसना शुरू कर दिया। वह ऐसे चूस रही थी जैसे छोटे बच्चे को लॉलीपॉप मिल गयी हो।
10 मिनटों के बाद मेरा भी माल निकल गया।
अब मैंने फिर से उसकी चूत में ऊँगली करनी शुरू कर दी, और वह दुबारा मेरा लण्ड चूसने लगी। थोड़ी ही देर में हम फिर से तैयार थे।
मैंने उसे सीधा लिटा दिया और पैर फैला दिये, मैं बीच में आ गया और धीरे से लण्ड को प्रविष्ट करा दिया, फिर तो धक्के पर धक्के लगने लगे। उसे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं भी मज़े से चोद रहा था। 5 मिनट में उसको कुतिया की तरह करके पीछे से लण्ड डाल के चोदने लगा। वह भी सामने से धक्के दे रही थी।
20 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए।
उसे इतना मज़ा आया कि वह मौका मिलते ही हमेशा मुझे बुलाने लगी और हमारा काम अब बराबर चलता रहता है। Indian Sex Stories
मेरा नाम मोहित है। मैंने अभी अपनी Antarvasna इंजीनियरिंग पूरी की है।मैं अब एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता हूँ।
जहाँ मैं काम करता हूँ वहाँ एक से एक लड़कियां आती हैं।
मैं दिखने में बहुत आकर्षक हूँ, मैं जिम जाता हूँ इसलिए बढ़िया तंदुरुस्त शरीर बहुत ही आकर्षक है इसलिए ज्यादातर लड़कियां मेरी तरफ़ आकर्षित हो जाती हैं।
मेरी कंपनी में एक बहुत ही सुंदर लड़की है जो मुझे अक्सर देखा करती थी लेकिन मैं उससे ज्यादा भाव नहीं देता था।
ऑफिस में मेरी सीट बहुत ही बढ़िया जगह पर थी, एकदम गर्ल्स टॉयलेट के सामने, इसलिए कई बार आती जाती लड़कियां मुझे देख कर मुस्कुरा देती थी क्यूंकि मेरी नज़रें बहुत कुछ बयान करती थी।
एक दिन जब मैं ऑफिस से छुटी के वक्त जा रहा था अपनी गाड़ी में, तो अचानक उसी लड़की ने मुझे लिफ्ट के लिए हाथ दिया।
मैंने भी ताव में आकर गाड़ी रोक दी।
उसने कहा- आप मुझे मेट्रो स्टेशन तक छोड़ सकते हैं मैं बहुत जल्दी में हूँ।
मैंने कहा- ओके सिट!
वो मेरे साथ आकर बैठ गई।
वह उस दिन मेरा पसंदीदा काला टॉप नीली जींस पहन कर आई थी।
उसके उभार देख कर अचानक मैं थोड़ा ललचा सा गया था लेकिन मैंने ऐसा कुछ ज़ाहिर नही होने दिया।
उसके साथ बहुत मज़ाक किया, वो बहुत इम्प्रेस हो गई और जाते वक्त अपना फ़ोन नम्बर मुझे दे गई लेकिन मैंने उसे फिर भी कॉल नही किया।
अचानक एक दिन श्याम को मैंने देखा कि उसके नम्बर से मुझे कॉल आ रही है तो मैं हैरान रह गया।
मैं समझ नहीं पाया कि उसे मेरा नम्बर कहाँ से मिला।
मैंने कॉल उठाई तो कहने लगी- मोहित, आज मेरा बर्थडे है और मैंने एक पार्टी रखी है, अगर तुम थोड़ा टाइम निकाल कर घर पर आ सकते हो तो मुझे बहतु अच्छा लगेगा।
तो मैंने कहा- आ तो जाता पर मुझे तुम्हारा घर नहीं पता, मैं कैसे आऊँगा।
वो कहने लगी- टेक माय एड्रेस!
उसने अपना एड्रेस बताया।
मैं टाइम पर पहुँच गया।
मैंने उसके दरवाजे की घंटी बजाई।
वो काला सूट पहने हुए थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी।
मैंने कहा- हैप्पी बर्थडे जानवी! यू आर लुकिंग गुड!
उसने मुझे अन्दर आने को कहा।
अन्दर आकर मैंने देखा कि अन्दर कोई नही है।
मैंने पूछा- और कोई नही है घर में?
उसने कहा- मम्मी अभी बाहर गई है और पापा मेरे लिए कुछ सामान लेने गए हैं, आते ही होंगे।
फ़िर मैंने पूछा- और कोई तुम्हारा दोस्त नहीं आया तो कहने लगी कि आते ही होंगे।
आज उसे देख कर मैं मदहोश सा महसूस कर रहा था।
वो थोड़ी देर में मेरे लिए कुछ खाने को ले आई और मेरे पास आकर बैठ गई।
मैंने उससे फ़िर एक बार कहा कि आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो!
इतना कहते ही वो मेरे पास आ गई और मुझे गाल पे किस करके बोली- थैंक्यू!
उसकी ये हरकत काम कर गई मैंने आव देखा न ताव और उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ़ खींचा और एक किस उसके होंठों पर दे दी।
वो मेरी इस हरकत से एकदम घबरा गई और कहने लगी- ये तुम क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- जानवी, तुम आज मुझे मत रोको!
और मैंने उससे एक और बार किस कर डाला।
वो मुझे दूर धकेलने लगी लेकिन उसके हुस्न का जादू सा मुझ पर चल गया था.
मैंने फट से उसकी चुचियों को पकड़ लिया और उसके होंठों को पागलों की तरह चूमने लगा।
अब वो भी मान गई उससे भी मज़ा आने लगा।
मैंने कहा- जानवी डार्लिंग! आइ लव यू!
उसने कहा- ये सब ठीक नही!
मैंने उसे पकड़ कर सोफे पर डाल दिया और झट से उसके बोबों को दबाने लगा।
क्या टाइट चुचे थे, छेड़ते ही मज़ा आ गया।
मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी कमर से नीचे यौनमंडल में फंसा दिया।
वो सिहर उठी, उसके रोंगटे खड़े हो गए।
अब उससे भी मज़ा आ रहा था।
मैंने मौका देखते ही उसकी मदमस्त गांड पर हाथ फेर दिया।
उसके जिस्म से एक अच्छी सी खुशबू आ रही थी।
मैंने कहा- तुम्हें बुरा तो नही लगा रहा ना?
तो कहने लगी- मैंने तुमसे झूठ कहा था कि मेरा जन्मदिन है बल्कि मैं भी यही चाहती थी।
मैं हस पड़ा और मैंने उसके यौनमंडल में ऊँगली घुसा दी लेकिन अब भी उसका कपड़े मेरे आड़े आ रहे थे।
तो मैंने फट से उसकी सलवार नीचे को खींच दी।
मैंने कहा तुम्हारे घर वाले तो नहीं आ जायेंगे?
वो बोली- मैंने सब सेटिंग कर रखी है वो दो दिन के लिए बाहर गए है जान!
अब मेरा रास्ता साफ़ था।
मैंने उसकी कच्छी पर हाथ फ़ेरना शुरू कर दिया।
उसे मज़ा आने लगा.
मेरा एक हाथ अब भी उसकी चुचियों पर था.
मैंने उसका कमीज़ भी उतार दिया.
जैसे ही मैंने उसके बोबो को देखा तो देखता ही रह गया। इतने बड़े गोल मटोल चुचे मैंने पहले नही देखे थे।
मैंने कहा- तुस्सी छा गए!
ये कहते ही वो हस पड़ी।
उसने काले रंग की पैन्टी पहनी थी।
मैंने उसके चुचों को मसलते हुए उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया।
वो पहले से उबाल में थी। उसकी योनि अकड़ के फूल चुकी थी जैसे किसी ने हवा भर दी हो।
मैंने हाथ फिराया तो थोड़ा सा पानी मेरे हाथ पर लग गया।
मेरा लंड खड़ा हो गया.
उसने भी हिम्मत करके मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगी।
वो एक नम्बर की झूठी और चुदक्कड लग रही थी मुझे।
अब मैंने खींच कर उसकी कच्छी उतार दी।
वाह! क्या बुर पायी थी उसने, एकदम गोरी साफ़।
मैंने उसके बदन को सहलाना शुरू कर दिया.
अब उससे मज़ा आने लगा तो मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए।
वो मेरी बॉडी देख कर दंग रह गई कहने लगी- जैसी सोची वैसी ही पायी। तूने मुझ बहुत तड़पाया है मोहित राजा! आज मैं अपनी सारी प्यास बुझाऊंगी।
इतना कहकर उसने मेरा कच्छा नीचे खींच दिया और मेरा तडकता हुआ 7 इंच का लंड बाहर आ गया।
इतना मोटा लंड देख कर वो घबरा गई और कहने लगी- अब आएगा खेल में मज़ा!
कहकर उसने मेरा लंड अपने मुह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
वाह, क्या मज़ेदार था वो पल!
वो मेरा लंड अपने हलक में भी ले जा रही थी.
मैंने भी उसके चुचे दबाना शुरू कर दिया आह … ऊह… उम्म… सो गुड!
और उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया।
जब मैं बस झड़ने ही वाला था, तब मैंने उससे रोका.
पर वो न रुकी और सारा रस पी गई.
मैंने भी उससे उठा कर लेटा दिया अब वो अपनी योनि खुजाने लगी।
मैं समझ गया और मैंने अपनी जीभ उसके योनि से सटा दी और उसके दाने को ज़ोर से चूसने लगा.
उसकी तड़प बढ़ गई।
वो अपने चूतड़ ऊपर नीचे करने लगी- हा …येही …हाँ …बस यहीं … मेरे राजा …अब मेरे शरीर की आग बुझा दो अब नही रहा जाता आह …ओह …मोहित माय डीयर!
लेकिन मैं भी पूरा शैतान था इतनी आराम से नही माना, उसकी गांड में अब मैंने ऊँगली घुसा दी और चूत चाटता रहा।
अब वो पागल हो गई और अपने चूतड़ हवा में झुलाने लगी।
मैंने एक हाथ उसके मुंह में भी डाल दिया क्यूंकि वो अब चिल्लाने लगी थी।
वो शरबत बना के लायी थी मेरे लिए, मैंने उस पर नज़र गड़ाई और थोड़ा सा शरबत उसके चुचों पर डाल दिया और पीने लगा।
वो मेरी इस हरकत पर हस पड़ी, बोली- तुम बहुत किताबें पढ़ते हो क्या?
मैंने कहा- बस जान तुम्हारे लिए!
वो हंस पड़ी।
मैंने अब उससे सीधा लेटा दिया और अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया।
वो डर गई।
मैंने कहा- डरो मत, मैं तुम्हारा ख्याल रखूँगा!
मैंने उसकी यौनमंडल पर अपना लंड फिराया और एक झटके से आधा लण्ड पेल दिया।
वो चिल्लाने ही वाली थी कि मैंने उसके मुंह में अपना हाथ दांतों के बीच में डाल दिया और उसके कंधे पर हाथ रख कर एक और झटके के साथ अपना पूरा लंड अन्दर डाल दिया।
ये करते ही उसकी चीख निकल गई और आँखों से आंसू बहने लगे।
वो एक कुवांरी लड़की थी.
मैं तो यूंही उसे पुराना माल समझ रहा था।
वो रोने लगी- इसस … नही … आ ..राम .. से!
मैंने अब अपना लंड बाहर निकाला तो उसकी चूत से बहुत सा खून बाहर आ गया।
उसकी चूत एकदम लाल हो गई.
मैंने एक बार फ़िर उससे चोदना शुरू कर दिया।
उसका शरीर अकड़ने लगा लेकिन उसके धक्के कम नही हुए- हाँ ..धीरे …से!
मैंने उससे धीरे धीरे झुकाना शुरू कर दिया अपनी और और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख दिया.
अब उसका दर्द बढ़ गया और मज़ा भी!
वो अपनी तरफ़ से धक्के लगाने लगी- हा …हा …हए…माँ … मैं गई!
और इतना कह कर वो झड़ गई और थोड़ी देर में मैं भी ठंडा हो गया।
वो मुझ पर गिर गई और मुझे चूमने लगी- आइ लव यू मोहित!
“आइ लव यू टु जानवी …” इतना कह कर मैंने उसे उल्टा लिटा दिया और उसके शरीर पर मालिश करने लगा.
वो फ़िर मुझ से लिपट गई, मेरा लंड फ़िर खड़ा हो गया.
मैंने उसे झुका दिया और उसके गांड पे थूक दिया.
“ये क्या कर रहे हो?”
मैंने उसकी गाडं को मसला तो उसे मज़ा आने लगा. मैंने अब अपना लंड उसकी गांड पर रखा और अन्दर घुसाना चाहा.
पर उसकी गांड बहुत टाइट थी आराम से नही घुस रहा था।
मैं अब सीधा लेट गया और उससे ऊपर आने को कहा.
वो मान गई और उसने अपनी गांड मेरे लंड पे टिका दी.
वाह क्या जन्नत थी!
मैंने उससे रोक कर अपने आप से धक्के लगाने शुरू कर दिए.
उसे अब मैं बहुत अच्छा लग रहा था हम्म …हम्म …इस …हम्म …हा ..गर्र …हम्म .. इस!
और 15 मिनट में मैं झड़ गया.
उसके बाद हम दोनों ने साथ में शोवर लिया और मैं अपने घर चला गया। Antarvasna
मेरा नाम आरती है और मेरी उम्र 27 Hindi Sex Stories साल है. मेरी शादी को दो साल हो गए हैं.
यह तब की बात है जब मैं शादी के बाद पहली बार अपनी माँ के घर गई थी. मैं अपनी सहेली आरती से मिलने उसके घर गई तो वह बहुत खुश हुई.
हम दोनों बातें करने लगे. बातों बातों में उसने मुझसे पूछा कि दर्द हुआ था. मैं तो शरमा गई. मैंने नहीं सोचा था कि वो ऐसे पूछेगी. आरती बोली कि शरमाओ नहीं! बताओ ना!
मैं झिझक कर बोली- हाँ दर्द तो बहुत हुआ और खून भी निकला.
आरती यह सुनकर उतेजित हो गई. कहने लगी कि क्या खून भी निकला?
मैंने हलके से सर हिला दिया.
यह सुनकर आरती बोली कि क्या तुमने पहली बार किया था?
मैंने कहा- हाँ.
ओहो तो तुम इतनी भोली हो. फ़िर आरती कहें लगी अच्छा बताओ क्या क्या किया.
मैंने कहा- क्या मतलब?
अब इतनी भी भोली मत बनो. मुंह में डाला क्या?
मैं तो शरमा गयी. सच तो यह है कि मेरे पति ने मुंह में डालने के लिए कहा था, पर मैं डाल नहीं पाई. मैंने आरती को सच बता दिया.
वह बोली- अरे तुमने अपने पति को यह मजा नहीं दिया?
मैंने आरती से कहा की ऐसा कोई कैसे कर सकता है?
वह बोली- बहुत मजा आता है, तुम जरूर करना.
मैंने हिम्मत जुटा कर आरती से पूछा कि क्या तुम करती हो.
उसने कहा- हाँ वह तो रोज करती है. लंड चूसे बगैर तो मजा ही नहीं आता.
हम बातें कर ही रहे थे कि आरती के पति राजेश आ गए. आरती को तो पता नहीं क्या हो गया, वो राजेश से बोली कि देखो इसकी शादी को दस दिन हो गए हैं और ये अभी तक लण्ड चूसना नहीं सीखी. मानती ही नहीं कि कोई ऐसे भी करता है. यह कहकर आरती उठी और राजेश से बोली कि आओ इसे कुछ सिखा दें!
और उसने राजेश की जिप खोलकर उसका लंड बाहर निकाल लिया. इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती, आरती ने लंड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मैं तो देखकर हैरान रह गई. राजेश का लंड बहुत मोटा और लंबा हो गया था. आरती उसे चूसने में व्यस्त थी. राजेश मेरी और देख रहा था और मैं भी उतेजित हो रही थी. मैंने पहली बार यह सब देखा था.
थोडी देर बाद आरती बोली- देख कर मजा आ रहा है क्या?
मैंने कहा- हाँ!
आरती ने बिना कुछ बोले मेरी सारी ऊपर उठा दी. उसका हाथ मेरी चूत पर पहुँच गया. मैंने पैंटी नहीं पहनी थी. आरती की उँगलियों के स्पर्श ने मुझे और उतेजित कर दिया. मैं भूल गई कि राजेश भी वहीं खड़ा है. मेरी साड़ी मेरी जांघों तक उठ गई और मैंने अपनी टाँगे फैला ली. मेरी चूत पर बाल न देख कर राजेश उतेजित होने लगा.
आरती बोली- अरे! वह तुम्हारी चूत तो चिकनी है!
मुझे अब सिर्फ़ मजा आ रहा था और बिल्कुल होश नहीं था. कुछ ही देर में हम तीनो नंगे थे और राजेश आरती को छेड़ रहा था और पता है मैं क्या कर रही थी?
मैं राजेश का लण्ड चूस रही थी! Hindi Sex Stories
हेलो फ्रेंड्स आपने मेरी कहानी Antarvasna अंतरवासना पर पढ़ी, अब मैं आप लोगों को उसके बाद क्या हुआ उसका हाल सुनाउँगा।
जब मैं भाभी की गांड में ऊँगली कर रहा था तभी उसकी छोटी बहन कॉलेज से वहाँ आ गई और उसने हमको देख लिया और वो बेडरूम के बाहर चली गई।
और फिर थोड़ी देर बाद मैं और भाभी बेडरूम के बाहर आए तो वो सोफा पर बैठी हुई थी उसने हमको देख कर कहा- तुम क्या कर रहे थे?
तो भाभी ने कहा- तुम्हारे जीजू जो नहीं करते वो मैंने इसके पास करवाया।
उसने कहा- मैं जीजू को बोल दूँगी।
पर भाभी घबराये बगैर कहने लगी- कोई बात नहीं, मैं भी तुम्हारी सारी बातें जानती हूँ।
तो वो बोली- कैसी बातें?
कहने लगी- तुम बाथरूम में रोज क्या करती हो, अपनी पुसी को रब करके उसमे उंगली रोज करती हो कि नहीं?
यह सुनकर वो घबरा गई, तो फिर भाभी कॉनफिडेंस में आ गई और कहने लगी- तुम चाहो तो तुम भी मज़े ले सकती हो, मुझे कोई प्राब्लम नहीं है।
यह सुनकर मैं खुश हो गया कि चलो एक साथ दोनों बहनों को चोदने को मिलेगा और एक तो वरजिन है।
फिर भाभी उसके पास जाकर बैठ गई और का स्कर्ट बहुत छोटा था, उठा दिया।
तो मैं देख कर हैरान हो गया कि उसकी पेंटी एक दम भीगी हुई थी।
भाभी ने कहा- अभी तुम क्या कर रही थी हमको देख देख कर अपनी पुसी रब कर रही थी ना?
और कहा- चलो, आज तुम भी पूरा मज़ा ले लो।
और उसकी पुसी को रब करने लगी।
यह देख कर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया और मैं सोफा के पीछे खड़े होकर उसके बड़े बड़े टाइट बूब को दबाने लगा।
अब वो भी मस्ती में आने लगी एक तरफ भाभी उसकी पुसी को सक कर रही थी और दूसरी तरफ मैं बूब्स को दबा रहा था, उसके बूब बहुत ही टाइट और मोटे थे।
फिर वो बोली- प्लीज़, मेरे बूब्स को सक करो।
मैं सोफा पर आकर बैठ गया और उसका शर्ट उतार दिया और उसके बूब को सक करने लगा।
उसके बूब को सक कर कर एकदम रेड हो गया और उसकी पुसी ने भी पानी छोड़ दिया था।
अब वो एकदम हॉट हो चुकी थी।
मैं उसके सारे बदन को सक कर रहा था।
फिर मैंने अपना पेंट उतारा और मेरा मोटा और लंबा लंड उसके मुँह में देने की कोशिश करने लगा तो वो मना करने लगी।
पर मैंने कहा कि जब तक तुम इसको सक नहीं करोगी यह तुम्हारी पुसी में जाने से इनकार करेगा सो प्लीस इसको सक करो।
फिर वो मेरे लंड को सक करने लगी और मुझे बहुत मज़ा आने लगा।
अब मैं उसकी पुसी को सक करने लगा फिर एक बार उसकी पुसी ने पानी छोड़ दिया।
भाभी ने कहा- समीर जल्दी करो वरना कोई आ जाएगा, अब यह एकदम तैयार है अपना कॉक इसकी पुसी में डालो।
अब भाभी भी पूरी तरह न्यूड थी और वो भी अपनी पुसी में फिंगरिंग कर रही थी और अपनी सिस्टर को बोल रही थी- चाटो मेरी पुसी को… तुम्हारे जीजू तो इसको छूते ही नहीं है यह मुझे बहुत परेशान करती है।
तो मैंने भाभी को कहा कि तुम्हें जब भी अपनी पुसी और सारे बदन को चटवाना हो तो मुझे याद कर लेना मैं आपके सारे बदन को मसाज और चाटूँगा।
तो बोली- हाँ ज़रूर, मैं अब तुमसे ही अपने बदन की मालिश और सक करवाउंगी। तुम इस काम में बहुत एक्सपर्ट हो।
और कहा- चलो अब इसकी पुसी की प्यास बुझा दो। यह भी बाथरूम में जा जा कर अपनी पुसी को रब करती और फिंगरिंग करती है।
तो वो बोली- दीदी, मैं तो जीजू और आपको रात को करते देख कर ही यह सब सीखी हूँ और मेरी पुसी में फिंगरिंग डालती हूँ। अब मुझसे इसकी खुज़ली बरदास्त नहीं होती, दीदी आप कुछ करो न।
तो भाभी ने कहा- समीर जल्दी करो।
फिर मैंने उसको सोफा पर ही लिटा दिया और उसके हिप्स के नीचे भाभी ने एक पिलो रखा क्यूंकि वो अभी वर्जिन थी।
और मुझे कहा- चलो!
और वो उसके मुँह के पास जाकर अपनी पुसी उसके मुँह पर रख दी और कहने लगी- तुम इसको सक करो।
मैं अपना लंड उसकी पुसी के सामने रखा और अंदर करने लगा पर उसकी पुसी बहुत ही टाइट थी वो अंदर नहीं जा रहा था।
यह देख कर भाभी ने कहा- थोड़ा ज़ोर लगाओ।
मैंने ज़ोर लगाया पर वो अंदर नहीं गया तो भाभी ने कहा- तुम्हारा बहुत मोटा है मैंने आज तक इतना मोटा लंड xxx मूवी में भी नहीं देखा है।
और वो वहाँ से खड़ी हुई और बेडरूम में से क्रीम लेकर आई और थोड़ा मेरा लंड पर लगाया और थोड़ा अपनी सिस्टर की पुसी पर रब किया और फिर कहा- अब अपना कॉक डालो।
मैंने फिर ट्राइ किया और मेरा थोड़ा कॉक उसकी पुसी में गया तो वो रोने लगी कि मुझे दर्द हो रहा है।
तो भाभी ने कहा- कुछ नहीं होगा और उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और मुझे इशारा किया कि अब डालो।
तो मैंने एक ज़ोरदार धक्का दिया और सारा लंड उसकी वर्जिन पुसी में डाल दिया।
वो चीख पड़ी पर भाभी के लिप्स होने से उसकी आवाज़ नहीं निकली पर उसके आंशु निकल गये वो रोने लगी।
तो भाभी ने कहा कि कुछ देर तुम यूँ ही रहो, इसकी चूत छोटी और टाइट है इसलिए।
फिर मैं करीब 5 मिनट यूँ ही रहा और फिर मूव होने लगा अब उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी रेस्पोन्स देने लगी।
और कहने लगी कि ज़ोर से और ज़ोर से कई दिनों से मैं किसी के पास जाकर चुदवाने की सोच रही थी पर कोई मुझे मिला ही नहीं एक बार मैंने अपने लिफ़्टमैन के सामने भी अपने बूब्स दबाये थे कि यह देख कर वो मुझे छेड़े और सेक्स करे पर उसकी वाइफ वहाँ आ गई।
मैंने अपने बॉय फ्रेंड को भी कहा था पर उसका लंड तो बहुत छोटा था तुम्हारा रियली में बहुत सेक्सी और मोटा लंड है अब मैं इससे ही चुदवाउंगी।
फिर मैं 15 मिनट स्ट्रोक लगाने के बाद पानी छोड़ने वाला था तो भाभी ने कहा- रोनू बाहर पानी निकलना !
तो मैंने फॉरन अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में पानी छोड़ दिया और उससे कहा कि तुम्हारी पहली चुदाई का जूस है तुम पी जाओ।
वो सारा मेरा पानी पी गई और कहा- बहुत टेस्टी है।
सो फ्रेंड कैसी लगी मेरी यह कहानी। Antarvasna
लीजिए एक और नई कहानी Indian Sex Stories आपकी खिदमत में पेश है। यह कहानी मुझे मेरी एक सहेली ने सुनाई थी, सो मैं आपको सुनाता हूँ।
बात कोई ज्यादा पुरानी नहीं है, मैं नेहा अग्रवाल, मेरी शादी मई, 2006 में कवीश से हुई थी। कवीश एक सजीला मर्द था और कामयाब बिज़ेनेस्मैन भी। दो साल तक उसने मुझे शादी का भरपूर सुख दिया, एक मासूम सी बेटी भी दी और मेरी कोई भी तमन्ना
उसने अधूरी नहीं छोड़ी थी।
मैं अपनी ज़िन्दगी से बहुत खुश थी कि अचानक एक दिन कार दुर्घटना में कवीश की मौत हो गई।
मेरे लिए यह ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सदमा था। 2-4 महीने तो रोते-रोते बीत गए पर असली परेशानी तो उसके बाद शुरू हुई। दिन तो जैसे तैसे बीत जाता था पर रात को तो नींद ही नहीं आती थी। कवीश की कमी अब मुझे सबसे ज़यादा महसूस हो रही थी। सिरहाने को बाँहों में भरने से भी मज़ा नहीं आता था।
अब मैं क्या करूँ ! किससे अपने दिल का हाल बयां करूँ ! अपनी बड़ी बहन को बताया तो उसने भी कन्नी काट ली के कहीं मैं अपनी प्यास बुझाने के लिए उसके पति को ही न पटा लूं। सारा दिन घर में रह कर भी काम नहीं चलता था। अपनी ऊँगली से या और चीज़ों से खुद को संतुष्ट करना चाहा पर मज़ा नहीं आया। हालात इतने बिगड़ गए कि मैं अक्सर अपने कमरे में नंगी घूमती रहती थी, पर इस से भी कोई लाभ नहीं हुआ।
एक बार तो घर में आने वाले सेलमैन को पटाने के लिए मैं सिर्फ एक पतली सी नाइटी में उस से कितनी देर बातें करती रही। वो भी मेरे बदन को घूरता रहा पर साले ने ज़रा भी हिम्मत नहीं दिखाई। मैंने उसे खुली बात भी कही कि मुझे तुम्हारा सामान नहीं कुछ और दमदार चीज़ चाहिए जो तुम्हारी पैंट में है, पर वो बोला- सॉरी मैडम मैं सिर्फ सामान ही बेचता हूँ !
मैं सोच कर हैरान रह गई कि कोई कैसे एक भरपूर जवान, गोरी चिट्टी, सुंदर औरत की पेशकश ठुकरा सकता है। खैर जब कहीं बात नहीं बनी तो एक दिन मैं अपने चाचा ससुर के घर गई।
उनका एक बेटा सुरेश था जो करीब मेरी ही उम्र का था पर था भोंदू राम। वो जिस तरह होते हैं न बुद्धू किस्म के बड़े ही सीधे साधे से, वैसा ही था। इसी वजह से उसकी अभी तक शादी भी नहीं की थी कि यह घर गृहस्थी का बोझ कैसे उठा पायेगा, इसे तो दो और दो चार करने भी नहीं आते।
खैर एक हट्टे कटते मर्द को देख कर चाहे वो भोंदू ही सही, पर मेरे मन में कुछ हुआ। दो तीन दिन रहने के बाद जब मैं वापिस आने लगी तो मैंने अपने चचिया ससुर से कहा- अगर कुछ दिन के लिए सुरेश मेरे साथ रहने चले तो मुझे अच्छा लगेगा।
तो उन्होंने खुशी खुशी उसे मेरे साथ भेज दिया, बिना यह जाने कि मेरे दिल में क्या है।
मैंने रास्ते में ही सारी योज़ना बना ली थी। जिस दिन हम घर पहुँचे, रात का खाना खा कर मैंने उसे अपने साथ ही सुला लिया।
एक गहरे गले वाली पतली सी नाईटी पहन कर मैं उसके सामने लेट गई। मैं चाहती थी कि वो मेरा बदन देखे। अपनी बेटी को दूध पिलाने के बहाने मैंने जानबूझ कर अपनी भरी पूरी चूची निकाल कर उसे दिखाई। पर वो तो ऐसे शरमा रहा था जैसे छोटा बच्चा हो।
खैर मैंने बातों बातों में उस से पूछा- सुरेश ! क्या मैं तुम्हें अच्छी लगती हूं?
वो बोला- हाँ भाभी ! आप बहुत अच्छी हो !
मैं बोली- कहाँ से? यहाँ से ! यह कह कर मैंने अपने गाल पर उंगली रखी।
वो बोला- जी भाभी !
और यहाँ से भी? यह कह कर मैंने अपने स्तन पर उंगली रख कर उससे पूछा।
तो वो शरमा कर बोला- भाभी ! आप बड़ी वो हो !
जब मेरी बेटी सो गई तो मैंने कहा- देख सुरेश ! ज़ीजिया तो दूध पीकर सो गई ! क्या तू भी सोने से पहले दूध पीना चाहेगा?
पर वो बदतमीज़ बोला- नहीं भाभी ! मैं ऐसे ही सो जाऊँगा !. आप मुझे तंग मत करो।
और यह कह कर वो मेरी तरफ़ पीठ करके सो गया। मुझे लगा कि यार मेरी तो सारी योजना ही चौपट हो गई। खैर ! मैं भी सो गई।
सुबह उठी तो देखा की सुरेश अभी सो रहा था मगर उसके पायजामे से उसका तना हुआ लण्ड ऊपर उठा हुआ था। यह तो मेरे सब्र की इन्तहा थी। मैं चुपके से उठ के उसके पास गई और धीरे धीरे से उसके पायजामे का नाड़ा खोला। पायजामे के नीचे उसने चड्डी पहन रखी थी, मैंने धीरे से उसकी चड्डी हटाई तो अंदर एक कुल्हाड़ी के दस्ते जैसा मोटा लम्बा लण्ड खड़ा था।
मैंने बड़े प्यार से उसका लण्ड अपने हाथ में पकड़ कर बाहर निकाला, उसे चूमा। उसके बाद कब मेरी आँखें बंद हो गई और कब उसका लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी, मुझे कुछ पता नहीं चला।
मैं चूसती गई, चूसती गई, मैंने सुरेश के जिस्म में हलचल महसूस की पर मैं आँखें खोल कर देखने की हालत में नहीं थी और तभी बिजली सी कौंध गई, सुरेश ने पानी छोड़ दिया जिससे मेरा सारा मुंह, सर के बाल गर्दन, छातियाँ भीग गए। जैसे कोई बांध टूटा है ऐसे सुरेश झड़ा।
उसका कुछ माल तो मेरे मुंह के अंदर भी चला गया। मैंने नज़र उठा कर देखा, सुरेश बड़ा परेशान सा लग रहा था।
वो बोला- भाभी आप बड़ी गन्दी हो, मेरे साथ गन्दा काम करती हो !
मैंने कहा- तुम्हें किसने कहा कि यह गन्दा काम है? देखो तुम्हें मज़ा आया ! आया या नहीं?
उसने सर हिला कर हाँ कहा।
मैंने कहा- आओ चलो, नहा कर आते हैं।
मैंने उसका हाथ पकडा और बाथरूम में ले गई। वहां मैंने उसको खुद नहलाया और जानबूझ कर उसके सामने पूरी नंगी हो कर नहाई। उससे अपने जिस्म पर साबुन लगवाया ताकि उसमें औरत के जिस्म के लिए चाहत पैदा हो। नहाकर हम बाहर निकले। फिर दिन में मैं उसे बाज़ार भी घुमा कर लाई, उसकी पसंद की चीजें भी उसे लेकर दी। दोपहर का खाना खा कर जब हम आराम कर रहे थे तो मेरी बेटी सोने के लिए जिद करने लगी। मैंने बिना किसी संकोच के सुरेश के सामने ही अपनी शर्ट उतारी और अपनी ब्रा में से एक स्तन बाहर निकल कर उसे दूध पिलाने लगी। सुरेश मेरे सामने बैठा ये सब देख रहा था। मैंने उससे पूछा- अरे सुरेश, क्या देख रहा है?
कुछ नहीं भाभी, वो बोला।
मैंने पूछा- दूध पिएगा?
तो वो शरमा गया। मैंने उसे अपने पास बुलाया और अपनी ब्रा हटा कर अपनी दूसरी चूची उसके सामने करके बोली- ले पीकर देख !
पहले तो वो शरमा गया, पर जब मैंने उसका सर पकड़ कर अपने स्तन से लगाया तो उसने धीरे धीरे चूसना शुरू कर दिया। जब ज़ीनिया सो गई तो मैंने अपनी ब्रा भी उतार कर फ़ेंक दी और सुरेश से कहा- ऐसे मज़ा नहीं आएगा, मैं बताती हूँ कि कैसे पीना चाहिए।
यह कह कर मैंने उसे अपनी दोनों टांगों के बीच में ले लिया और उसके दोनों हाथ में अपने स्तन पकड़ा कर कहा- अब इन्हें चूसो !
उसने ऐसे ही किया। मैंने नीचे से अपनी कमर हिलानी शुरू की मैंने महसूस किया कि उसका लण्ड अकड़ने लगा था। जब उसका लण्ड पूरा तन गया तो मैंने कहा- सुरेश और मज़ा लेगा?
तो वो शरमा गया पर सर हिला कर उसने हाँ कह दी। मैंने अपनी सलवार उतारी और अपनी चूत उसके सामने खोल कर दिखाई और उसके लण्ड को पकड़ कर बोली- इसको इसमें डाल कर आगे पीछे करते हैं तो बहुत मज़ा आता है, बोल करेगा?
उसने फिर सर हिलाया तो मैंने झट से उसकी पैंट, शर्ट, बनियान और चड्डी उतार दी। मैंने उसका लण्ड पकड़ कर अपनी चूत पे रगड़ा तो वो बोला- भाभी ! वैसे करो जैसे सुबह किया था।
मैंने हंस कर कहा- क्यों मज़ा आया था न !
वो बोला- हाँ !
तो मेरे राजा अगर सुबह वाला काम करवाना है तो तुम्हें भी कुछ करना पड़ेगा, अगर मैं तुम्हारा चूसूंगी तो तुम्हें भी मेरी चाटनी पड़ेगी !
वो तैयार तो हो गया पर जब उसने मेरी चूत में मुंह लगा कर चाटा तो बोला- थू ओ ! ये तो गन्दा स्वाद है !
खैर मैंने उसे मजबूर नहीं किया, कुछ देर उसका लण्ड चूसने के बाद मेरी अपनी हालत बड़ी ख़राब हो रही थी सो मैंने उसकी पोसिशन अपने ऊपर सेट की और उसका लण्ड अपनी चूत पर रख कर उसे अंदर डालने को कहा।
उसने सी सी करते हुए अपना लण्ड मेरी चूत में डाला मगर वो ढंग से चोद नहीं पा रहा था।
मैंने सोचा- ऐसे तो मज़ा नहीं आएगा। यह चोद कम रहा है और हाय तौबा ज्यादा मचा रहा है।
फिर मैंने कमांड संभाली, उसे नीचे लिटा कर खुद ऊपर आ गई। चूत में लण्ड लेकर मैंने खुद ही चुदाई शुरू की। वो नीचे से हाय तौबा करने लगा तो 2 चांटे लगाये उसके और पूरे जोर से चुदाई करती रही और तब तक करती रही जब तक मैं झड़ नहीं गई। पर वो मर्द का बच्चा अभी खड़ा था सो मैंने अपनी तसल्ली होते ही नीचे उतार कर उसका लण्ड अपने मुंह में ले लिया और अपनी चूत 69 बनाते हुए उसके मुंह पर रख दी। बेशक उसने मेरी चूत नहीं चाटी पर मैं अपनी चूत उसके मुंह पर रगड़ती रही और उसका लण्ड चूसती रही और तब तक चूसती रही जब तक वो झड़ नहीं गया।
जोश ही जोश में मैं उसका सारा माल चट कर गई और संतुष्ट हो कर बेड पर लुढ़क गई क्योंकि आज मेरी तमन्ना पूरी हो गई थी। उसके बाद सुरेश मेरे पास 15 दिन और रहा और हमने तकरीबन रोज 2-3 बार सेक्स किया और हर स्टाइल से किया। मेरी इस सेक्स-शिक्षा का असर यह हुआ कि भोंदू राम को अकल आ गई और आज वो अपनी शादी शुदा ज़िन्दगी जी रहा है। Indian Sex Stories
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